mohit dahiya

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Page 1: Mohit dahiya

अलं�का�र

हि�न्दी� परियो�जना�

Page 2: Mohit dahiya

अलं�का�र :-

मा�नव समा�ज स न्दर्यो�पा�सका है� ,उसका� इस� प्रव�त्ति� न� अलं�का�र� का� जन्मा दिदर्यो� है�। शर�र का� स#न्दरता� का� बढ़ा�न� का� त्तिलंए जिजस प्रका�र मान#ष्र्यो न� भि+न्न -भि+न्न प्रका�र का� आ+.षण का� प्रर्यो�ग किकार्यो� ,उस� प्रका�र उसन� +�ष� का� स#�दर बन�न� का� त्तिलंए अलं�का�र� का� स�जन किकार्यो�।

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का�व्य का� श�+� बढ़ा�न� व�लं� शब्द� का� अलं�का�र काहैता� है�। जिजस प्रका�र न�र� का� स न्दर्यो5 का� बढ़ा�न� का� त्तिलंए आ+.षण है�ता� है�,उस� प्रका�र +�ष� का� स न्दर्यो5 का� उपाकारण� का� अलं�का�र काहैता� है�। इस�त्तिलंए काहै� गर्यो� है� - '+.षण किबन� न स�हैई -काकिवता� ,बकिनता� मिमा�।'

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• अलं�का�र का� +�द - इसका� ता�न +�द है�ता� है� -

१.शब्दी�लं�का�२.अर्था��लं�का� ३.उभयो�लं�का�

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1.शब्द�लं�का�र :- जिजस अलं�का�र मा8 शब्द� का�

प्रर्यो�ग का� का�रण का�ई चमात्का�र उपास्थि<ता है� ज�ता� है� और उन शब्द� का� <�न पार समा�न�र्थी? दूसर� शब्द� का� रख द�न� स� वहै चमात्का�र समा�प्ता है� ज�ता� है�,वहै पार शब्द�लं�का�र मा�न� ज�ता� है�। शब्द�लं�का�र का� प्रमा#ख +�द है� - १.अन#प्र�स

२.र्योमाका ३.श�ष

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१.अन#प्र�स :- अना�प्रा�स शब्दी 'अना�' तर्था� 'प्रा�स' शब्दी का!

यो�ग स! बना� �$ । 'अना�' का� अर्था� �$ :- ब�- ब� तर्था� 'प्रा�स' का� अर्था� �$ - वर्ण� । ज��( स्व का* समा�नात� का! हिबना� भ, वर्ण- का* ब� -ब� आव/त्ति1 ��त, �$ ,व��( अना�प्रा�स अलं�का� ��त� �$ । इस अलं�का� मा3 एका �, वर्ण� का� ब� -ब� प्रायो�ग हिकायो� ज�त� �$ । ज$स! -

जन र�जन मा�जन दन#ज मान#ज रूपा स#र +.पा । किवश्व बदर इव धृ�ता उदर ज�वता स�वता स.पा । ।

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२.र्योमाका अलं�का�र :- ज��( एका �, शब्दी अधि6का ब� प्रायो�क्त �� ,लं!हिकाना अर्था� � ब� त्तिभन्न �� ,व��(

योमाका अलं�का� ��त� �$। उदी��र्ण - कानाका कानाका त! स9ग�ना, ,मा�दीकात� अधि6का�यो । व� खा�यो! ब9�यो ना ,व� प�यो! ब9�यो। ।

३.श्ले�ष अलं�का�र :- ज��( प ऐस! शब्दी का� प्रायो�ग �� ,जिजनास! एका स! अधि6का अर्था� हिनालंकात! �� ,व��( प

श्ले!ष अलं�का� ��त� �$ । ज$स! - चि@ज,व� ज�, ज�! क्यो ना सना!� ग�भ, । का� घटिD यो! व/ष भ�ना�ज� ,व! �लं6 का! ब,। ।

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2. अर्थी�5लं�का�र :- ज��( अर्था� का! मा�ध्योमा स! का�व्य मा3

@मात्का� उत्पन्न ��त� �$ ,व��( अर्था��लं�का� ��त� �$ । इसका! प्रामा�खा भ!दी �$ - १.उपमा� २.रूपका ३.उत्प्रा!क्षा� ४.दृष्टा�न्त ५.स�दी!� ६.अहितशयो�चिक्त

१.उपामा� अलं�का�र :- ज��( दी� वस्त�ओं मा3 अन्त �त! हुए भ, आका/ हित एव� ग�र्ण का* समात� टिदीखा�ई ज�यो ,व��( उपमा� अलं�का� ��त� �$ ।

उदी��र्ण - स�ग -स� ग�भ, ह्रदीयो �� , हिग, -स� ऊँ( @� �� जिजसका� माना।

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२.रूपाका अलं�का�र :- ज��( उपमा!यो प उपमा�ना का� आ�प हिकायो� ज�यो ,व��( रूपका अलं�का� ��त� �$ , यो�ना, उपमा!यो औ उपमा�ना मा3 का�ई अन्त ना टिदीखा�ई पड़े! । उदी��र्ण -

ब,त, हिवभ�व, ज�ग ,। अम्ब -पनाघD मा3 डु�ब �, ,त�� -घD उष�

ना�ग, ।'

३.उत्प्र�क्षा� अलं�का�र :- ज��( उपमा!यो का� �, उपमा�ना मा�ना चिलंयो� ज�त� �$ यो�ना, अप्रास्त�त का� प्रास्त�त मा�नाका वर्ण�ना हिकायो� ज�त� �$। व�� उत्प्रा!क्षा� अलं�का� ��त� �$। यो��( त्तिभन्नत� मा3 अत्तिभन्नत� टिदीखा�ई ज�त, �$। उदी��र्ण -

सखिखा स��त ग�प�लं का! ,उ ग��जना का* मा�लं ब�� स��त माना� हिपयो!,दी�व�नालं का* ज्व�लं । ।

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४.अकिताशर्यो�त्तिK अलं�का�र :- ज��( प लं�का -स,मा� का� अहितक्रमार्ण काका! हिकास, हिवषयो का� वर्ण�ना ��त� �$ । व��( प अहितशयो�चिक्त अलं�का� ��त� �$। उदी��र्ण -

�ना�मा�ना का* प[�छ मा3 लंगना ना प�यो, आहिग । सग, लं�का� जलं गई ,गयो! हिनास�@ भ�हिग। ।

५.स�द�है अलं�का�र :- ज��( प्रास्त�त मा3 अप्रास्त�त का� स�शयोप[र्ण� वर्ण�ना �� ,व��( स�दी!� अलं�का� ��त� �$। ज$स! -

'स�, हिब@ ना�, �$ हिका ना�, हिब@ स�, �$ । हिका स�, �,का* ना�, �$ हिका ना�, �,का* स�, �$ ।

'

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६.दृष्टा�न्ता अलं�का�र :- ज��( दी� स�मा�न्यो यो� दी�ना हिवश!ष व�क्यो मा3 हिबम्ब -प्राहितहिबम्ब

भ�व ��त� �$ ,व��( प दृष्टा�न्त अलं�का� ��त� �$। इस अलं�का� मा3 उपमा!यो रूप मा3 का�] गई ब�त स! धिमालंत, -ज�लंत, ब�त उपमा�ना रूप मा3 दूस! व�क्यो मा3 ��त, �$। उदी��र्ण :-

'एका म्यो�ना मा3 दी� तलंव�3 ,

काभ, ना�, � सकात, �$ ।हिकास, औ प प्रा!मा ना�रियो�(,पहित का� क्यो� स� सकात, �$ । । '

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3. उ+र्यो�लं�का�र ज��( का�व्य मा3 शब्दी औ

अर्था� दी�ना का� @मात्का� एका स�र्था उत्पन्न ��त� �$ ,व��( उभयो�लं�का� ��त� �$ । उदी��र्ण - 'काजर�र� अ�खिखर्योन मा8 काजर�र� न लंख�र्यो।'

  इस अलं�का� मा3 शब्दी औ अर्था� दी�ना �$।

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प्रस्ता#किता का� अ�ता

धृन्र्योव�द

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द्वा�र� :-eksfgr nfg;k10वQ – ब�