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Hindi Easy-to-Read Version Language: िह⡤दी (Hindi) Provided by: Bible League International. Copyright and Permission to Copy Taken from the Hindi Easy-to-Read Version © 1995 by Bible League International. PDF generated on 2017-08-22 from source files dated 2017-08-22. a28f7793-64e5-53d1-b0c7-eb243e526a41 ISBN: 978-1-5313-1305-0

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  • Hindi Easy-to-Read VersionLanguage: िह दी (Hindi)Provided by: Bible League International.

    Copyright and Permission to CopyTaken from the Hindi Easy-to-Read Version © 1995 by Bible League International.PDF generated on 2017-08-22 from source files dated 2017-08-22.a28f7793-64e5-53d1-b0c7-eb243e526a41ISBN: 978-1-5313-1305-0

  • 1 पर्कािशत वा य १:१९

    पर्कािशत वा य

    १ १यह यीशु मसीह का दैवी-स देश है जो उसेपरमे वर ारा इसिलए िदया गया था िक जोबातशीघर् ही घटने वाली ह, उ हअपने दास कोदशा िदया जाए। अपना वगदतू भेजकर यीशुमसीह ने इसे अपने सेवक यहू ना को संकेत राबताया। २यहू ना ने जो कुछ देखा था, उसके बारेम बताया। यह वह स य है िजसे उसे यीशु मसीहने बताया था। यह वह स देश है जो परमे वर कीओर से है। ३ वे ध य ह जो परमे वर के इस दैवीसुस देश के श द को सुनते हऔरजो बात इसमिलखी ह, उन पर चलते ह। य िक संकट की घड़ीिनकट है।

    कलीिसयाओं के नाम यहू ना का स देश४यहू ना की ओर सेएिशया पर्ा त *म ि थत सात कलीिसयाओं केनाम:उस परमे वर की ओर से जो वतमान है, जो

    सदा-सदा से था और जो आनेवाला है, उन सातआ माओं की ओर से जो उसके िसंहासन केसामने ह ५एवं उस यीशु मसीह की ओर से जोिव वासपणू सा ी, मरे हुओं म से पहला जी उठनेवाला तथा धरती के राजाओं का भी राजा है, तु हअनुगर्ह और शांित पर्ा त हो।वह जो हमसे परे्म करता है तथा िजसने अपने

    लहू से हमारे पाप से हम छुटकारा िदलाया है।६उसने हम एक रा य तथा अपने परम िपतापरमे वर की सेवा म याजक होने को रचा।उसकीमिहमाऔरसाम यसदा-सवदा होती रहे।आमीन

    ७ देखो, मेघ के साथ मसीह आ रहा है। हरएक आँख उसका दशन करेगी। उनम वे भी ह गे,िज ह ने उसे बेधा †था। तथा धरती के सभी लोगउसके कारण िवलाप करगे। हाँ हाँ िन चयपवूकऐसा ही हो-आमीन

    ८पर्भु परमे वर वह जो है, जो था और जोआनेवाला है, जो सवशि तमान है, यह कहता है,“म ही अलफा औरओमेगा हूँ।” ‡

    ९म यहू ना तु हारा भाई हूँ और यातनाओं,रा य तथा यीशु म, धैयपणू सहनशीलता मतु हारा सा ी हूँ। परमे वर के वचन और यीशुकी सा ी के कारण मुझे प मुस ¶नाम के ीप मदेश िनकाला दे िदया गया था। १०पर्भु के िदन मआ मा के वशीभतू हो उठा और मने अपने पीछेतुरही की सी एक तीवर् आवाज़ सुनी। ११वह कहरही थी, “जो कुछ तू देख रहा है, उसे एक पु तकम िलखता जा और िफर उसे इिफसुस, मुरना,िपरगमुन, थआूतीरा, सरदीस, िफलादेलिफयाऔरलौदीिकया की सात कलीिसयाओं को भेज दे।”

    १२ िफर यह देखने को िक वह आवाज़ िकसकीहै जो मुझसे बोल रही थी, म मुड़ा। और जब ममुड़ा तो मने सोने के सात दीपाधार देखे। १३औरउन दीपाधार के बीच मने एक यि त को देखाजो “मनु य के पुतर्” के जैसा कोई पु ष था।उसने अपने पैर तक ल बा चोगा पहन रखा था।तथा उसकी छाती पर एक सुनहरा पटका िलपटाहुआ था। १४उसके िसर तथा केश सफेद ऊन जैसेउजले थे। तथा उसके नेतर् अि न की चमचमातीलपट केसमान थे। १५उसकेचरणभट्टी मअभी-अभी तपाए गए उ म काँसे के समान चमक रहेथे। उसका वर अनेक जलधाराओं के गजन केसमान था। १६तथा उसने अपने दािहने हाथ मसात तारे िलए हुए थे। उसके मुख से एक तेजदोधारी तलवारबाहर िनकलरहीथी। उसकीछिवतीवर्तम दमकते सयू के समान उ वल थी।

    १७मने जब उसे देखा तो म उसके चरण परमरे हुए के समान िगर पड़ा। िफर उसने मुझ परअपना दािहना हाथ रखते हुए कहा, “डर मत, मही पर्थम हूँ और म ही अंितम भी हूँ। १८और मही वह हूँ , जो जीिवत है। म मर गया था, िक तुदेख, अब म सदा-सवदा के िलए जीिवत हूँ। मेरेपास मृ यु और अधोलोक §की कंुिजयाँ ह। १९सोजो कुछ तनेू देखा है, जो कुछ घट रहा है,औरजो

    *१ :४ एिशया पर्ा त एिशया माइनर का एक पर्ा त।†१ :७ बेधा देख यहू ना १९ :३४‡१ :८ म अलफा और ओमेगा हूँ मलू म ये यनूानी की बाहरखड़ी के पहले और अंितम अ र के नामहै। अथात् अलफा यािन ‘आिद’ औरओमेगा यािन ‘अंत’ दोन पर्भु परमे वर ही है।¶१ :९ प मुस एइिजयन सागर म एिशया माइनर (जो आजकल टकी कहलाता है) के तट के िनकटछोटा ीप।§१ :१८ अधोलोक मलू म हेइस अथात् वह लोग जहाँ मरने के बाद जाते है।

  • पर्कािशत वा य १:२० 2 पर्कािशत वा य २:१७

    भिव य मघटने जा रहा है, उसे िलखता जा। २० येजो सात तारे ह िज ह तनेू मेरे हाथ म देखा हैऔरये जो सात दीपाधार ह, इनका रह यपणू अथ है :ये सात तारे सात कलीिसयाओं के दतू ह तथा येसात दीपाधार सात कलीिसयाएँ ह।

    इिफसुस की कलीिसया को मसीह का स देश

    २ १ “इिफसुस की कलीिसया के वगदतू के नामयह िलख:“वह जो अपने दािहने हाथ म सात तार को

    धारण करता है तथा जो सात दीपाधार के बीचिवचरण करता है ; इस पर्कार कहता है :

    २ “म तेरे कमों कठोर पिरशर्म और धैयपणूसहनशीलता कोजानता हूँ तथा म यहभीजानताहूँ िक तू बुरे लोग को सहन नहीं कर पाता हैतथा तनेू उ ह परखा है जो कहते ह िक वे परे्िरतह िक तु ह नही।ं तनेू उ ह झठूा पाया है। ३मजानता हूँ िक तुझम धीरज है और मेरे नाम परतनेू किठनाइयाँ झेली ह और तू थका नहीं है।

    ४ “िक तु मेरे पास तेरे िवरोध म यह है : तनेूवह परे्म याग िदया है जो आर भ म तुझम था।५सो याद कर िक तू कहाँ से िगरा है, मनिफरा तथाउन कमों को कर िज ह तू पर्ार भ म िकया करताथा, नहीं तो, यिद तनेू मन न िफराया, तो म तेरेपास आऊँगा और तेरे दीपाधार को उसके थानसे हटा दूँगा। ६ िक तु यह बात तेरे प म है िक तूनीकुलइय *के काम से घृणा करता है, िजनसे मभी घृणा करता हूँ।

    ७ “िजसके पास कान ह, वह उसे सुने जोआ माकलीिसयाओं से कह रहा है। जो िवजय पाएगा मउसे परमे वर के उपवन म लगे जीवन के वृ सेफल खाने का अिधकार दूँगा।

    मुरना की कलीिसया को मसीह का स देश८ “ मुरना की कलीिसया के वगदतू को यह

    िलख:“वह जो पर्थम है और जो अि तम है, जो

    मर गया था तथा जो पुनजीिवत हो उठा है, इसपर्कार कहता है :

    ९ “म तु हारी यातना और तु हारी दीनता केिवषयमजानता हूँ। य िपवा तवम तुमधनवानहो जो अपने आपको यहदूी कह रहे ह, उ ह ने

    तु हारी जो िन दा की है, म उसे भी जानता हूँ।य िप वे यहदूी ह नही।ं बि क वे तो उपासकका एक ऐसा जमघट ह जो शैतान से स बि धतहै। १०उन यातनाओं से तू िब कुल भी मत डरजो तुझे झेलनी ह। सुनो, शैतान तुम लोग म सेकुछ को बंदीगृह म डालकर तु हारी परी ा लेनेजा रहा है। और तु ह वहाँ दस िदन तक यातनाभोगनी होगी। चाहे तुझे मर ही जाना पड़े, परस चा बने रहना म तुझे अन त जीवन का िवजयमुकुट पर्दान क ँ गा।

    ११ “जो सुन सकता है वह सुन ले िक आ माकलीिसयाओं से या कह रही है। जो िवजयीहोगा उसे दसूरी मृ यु से कोई हािन नहीं उठानीहोगी।

    िपरगमुन की कलीिसया को मसीह का स देश१२ “िपरगमुन की कलीिसया के वगदतू यह

    िलख:“वह जो तेज दोधारी तलवार को धारण करता

    है, इस पर्कार कहता है :१३ “म जानता हूँ तू कहाँ रह रहा है। तू वहाँ रह

    रहा है जहाँ शैतान का िसंहासन है और म यह भीजानता हूँ िक तू मेरे नाम को थामे हुए है तथा तनेूमेरे पर्ितअपने िव वास को कभी नहीं नकारा है।तु हारे उस नगर मजहाँ शैतान का िनवास है, मेरािव वासपणू सा ीअि तपासमार िदया गया था।

    १४ “कुछ भी हो, मेरे पास तेरे िवरोध म कुछबात ह। तेरे यहाँ कुछ ऐसे लोग भी ह जो िबलामकी सीख पर चलते ह। उसने बालाक को िसखायाथा िक वह इसर्ाएल के लोग को मिूतय काचढ़ावा खानेऔर यिभचार करने को पर्ो सािहतकरे। १५ इसी पर्कार तेरे यहाँ भी कुछ ऐसे लोग हजो नीकुलइय की सीख पर चलते ह। १६ इसिलएमन िफरा नहीं तो म ज दी ही तेरे पास आऊँगाऔर उनके िवरोध म उस तलवार से यु क ँ गाजो मेरे मुख से िनकलती है।

    १७ “जो सुन सकता है, वह सुने िक आ माकलीिसयाओं से या कह रहा है“जो िवजयी होगा, म उसे वग म िछपा म ना

    दूँगा। मउसे एक वेतप थरभी दूँगा िजसपरएकनया नाम अंिकत होगा। िजसे उसके िसवा औरकोई नहीं जानता िजसे वह िदया गया है।

    *२ :६ नीकुलइय एिशया माइनर का एक धम समहू। यह झठेू िव वास और धारणाओं का अनुयायीथा। इसका नामकरण िकसी नीकुलइय नाम के यि त पर िकया गया होगा।

  • पर्कािशत वा य २:१८ 3 पर्कािशत वा य ३:९

    थआूतीरा की कलीिसया को मसीह का स देश१८ “थआूतीरा की कलीिसया के वगदतू के

    नाम:“परमे वरका पुतर्, िजसके नेतर् धधकतीआग

    के समान ह, तथा िजसके चरण शु काँसे के जैसेह, इस पर्कार कहता है :

    १९ “म तेरे कमो,ं तेरे िव वास, तेरी सेवा तथातेरी धैयपणू सहनशि त को जानता हूँ। म जानताहूँ िक अब तू िजतना पहले िकया करता था, उससेअिधक कर रहा है। २० िक तु मेरे पास तेरे िवरोधम यह है : तू इजेबेल नाम की उस तर्ी को सहरहा है जो अपने आपको नबी कहती है। अपनीिश ा से वह मेरे सेवक को यिभचार के पर्िततथा मिूतय का चढ़ावा खाने को परे्िरत करतीहै। २१मने उसे मन िफराने का अवसर िदया हैिक तु वह परमे वर के पर्ित यिभचार के िलएमन िफराना नहीं चाहती।

    २२ “इसिलए अब म उसे पीड़ा की शैया परडालने ही वाला हूँ। तथा उ ह भी जो उसके साथयिभचारमसि मिलतह।तािक वे उससमयतकगहन पीड़ा का अनुभव करते रह जब तक वे उसकेसाथ िकए अपने बुरे कमों के िलए मन न िफराव।२३म महामारी से उसके ब च को मार डालूँगाऔर सभी कलीिसयाओं को यह पता चलजाएगािक म वही हूँ जो लोग के मन और उनकी बुदि्धको जानता है। म तुम सब लोग को तु हारे कमोके अनुसार दूँगा।

    २४ “अब मुझे थआूतीरा के उन शेष लोग सेकुछ कहना है जो इस सीख पर नहीं चलते औरजो शैतान के तथा किथत गहन रह य को नहींजानते। मुझे तुम पर कोई और बोझ नहीं डालनाहै। २५ िक तु जो तु हारे पास है, उस पर मेरे आनेतक चलते रहो।

    २६ “जो िवजयपर्ा तकरेगाऔर िजनबात कामनेआदेश िदया है, अंत तक उन पर िटका रहेगा,म उ ह जाितय पर अिधकार दूँगा। २७तथा वहउन पर लोहे के ड डे से शासन करेगा। वह उ हमाटी के भाँड़ की तरह चरू-चरू कर देगा। *२८यहवही अिधकार है िजसे मने अपने परम िपता सेपाया है। म भी उस यि त को भोर का तारादूँगा। २९ िजसके पास कान ह, वह सुने िक आ माकलीिसयाओं से या कह रहा है।

    सरदीस की कलीिसया के नाम मसीह का स देश

    ३ १ “सरदीस की कलीिसया के वगदतू को इसपर्कार िलख:“ऐसा वह कहता है िजसके पास परमे वर की

    सात आ माएँ तथा सात तारे ह,“म तु हारे कमों को जानता हूँ , लोग का कहना

    है िक तुमजीिवत हो िक तु वा तव म तुम मरे हुएहो। २सावधान रह तथा जो कुछ शेष है, इससेपहले िक वह परूी तरह न ट हो जाए, उसे सुदृढ़बना य िकअपने परमे वर की िनगाह म मने तेरेकमों को उ मनहीं पाया है। ३सो िजसउपदेशकोतनेू सुना है और पर्ा त िकया है, उसे याद कर।उसी पर चल और मनिफराव कर। यिद तू जागानहीं तो अचानक चोर के समान म चलाआऊँगा।म तुझे कब अचरज म डाल दूँ , तुझे पता भी नहींचल पाएगा।

    ४ “कुछ भी हो सरदीस म तेरे पास कुछ ऐसेलोग ह िज ह ने अपने को अशु नहीं िकया है।वे वेत व तर् धारण िकए हुए मेरे साथ-साथघमूगे य िक वे सुयो य ह। ५जो िवजयी होगावह इसी पर्कार वेत व तर् धारण करेगा। मजीवन की पु तक से उसका नाम नहीं िमटाऊँगा,बि क म तो उसके नाम को अपने परम िपताऔर उसके वगदतू के स मुख मा यता पर्दानक ँ गा। ६ िजसके पास कान है, वह सुन ले िकआ मा कलीिसयाओं से या कह रही है।

    िफलादेलिफया की कलीिसयाको मसीह का स देश

    ७ “िफलादेलिफया की कलीिसया के वगदतूको यह िलख:“वह जो पिवतर् और स य है तथा िजसके पास

    दाऊद की कंुजी है जो ऐसा ार खोलता है िजसेकोई बंद नहीं कर सकता, तथा जो ऐसा ार बंदकरता है, िजसेकोईखोलनहींसकता ; इसपर्कारकहता है।

    ८ “म तु हारे कमों को जानता हूँ। देखो मनेतु हारे सामने एक ार खोल िदया है, िजसे कोईबंद नहीं कर सकता। म जानता हूँ िक तेरी शि तथोड़ी सी है िक तु तनेू मेरे उपदेश का पालनिकया है तथा मेरे नाम को नकारा नहीं है। ९ सुनोकुछ ऐसे ह जो शैतान की म डली के ह तथा जोयहदूी न होते हुए भी अपने को यहदूी कहते ह,

    *२ :२७ देख भजन २ :९ (यनूानी सं करण)।

  • पर्कािशत वा य ३:१० 4 पर्कािशत वा य ४:८

    जो मातर् झठेू ह, म उ ह यहाँ आने को िववशकरके तेरे चरण तले झुका दूँगा तथा म उ हिववश क ँ गा िक वे यह जान िक तुम मेरे िपर्यहो। १० य िक तुमने धैयपवूकसहनशीलता के मेरेआदेश का पालन िकया है। बदले म म भी उसपरी ा की घड़ी से तु हारी र ा क ँ गा जो इसधरती पर रहने वाल को परखने के िलए समचेूसंसार पर बसआने ही वाली है।

    ११ “म बहुत ज दी आ रहा हूँ। जो कुछ तु हारेपास है, उसपरडटे रहो तािक तु हारे िवजय मुकुटको कोई तुमसे न ले ले। १२जो िवजयी होगा उसेमअपने परमे वर के मि दर का त भ बनाऊँगा।िफर कभी वह इस मि दर से बाहर नहीं जाएगा।तथा म अपने परमे वर का और अपने परमे वरकी नगरी का नए य शलेम का नाम उस परिलखूँगा, जो मेरे परमे वर की ओर से वग सेनीचे उतरने वाली है। उस पर म अपना नया नामभी िलखूँगा। १३जो सुन सकता है, वह सुन ले िकआ मा कलीिसयाओं से या कह रही है

    लौदीिकया की कलीिसया को मसीह के स देश१४ “लौदीिकया की कलीिसया के वगदतू को

    यह िलख:“जो आमीन *है, िव वासपणू है तथा स चा

    सा ी है, जो परमे वर की सृि ट का शासक है,इस पर्कार कहता है :

    १५ “म तेरे कमों को जानता हूँ और यह भी िकन तो तू शीतल होता है और न गम। १६ इसिलएय िक तू गुनगुना है न गमऔर न ही शीतल, मतुझे अपने मुख से उगलने जा रहा हूँ। १७तू कहताहै, म धनी हो गया हूँ और मुझे िकसी व तु कीआव यकता नहीं है िक तु तुझे पता नहीं है िक तूअभागा है, दयनीय है, दीन है, अंधा है और नंगाहै। १८म तुझे सलाह देता हूँ िक तू मुझसे आग मतपाया हुआ सोना मोल ले ले तािक तू सचमुचधनवान हो जाए। पहनने के िलए वेत व तर्भी मोल ले ले तािक तेरी ल जापणू न नता कातमाशा न बने। अपने नेतर् म आँजने के िलए तूअंजन भी ले ले तािक तू देख पाए।

    १९ “उन सभी को िज ह म परे्म करता हूँ , मडाँटता हूँ और अनुशािसत करता हूँ। तो िफरकिठन जतन और मनिफराव कर। २० सुन, म ारपर खड़ा हूँ और खटखटा रहा हूँ। यिद कोई मेरी

    आवाज़ सुनता है और ार खोलता है तो म उसकेघर म पर्वेश क ँ गा तथा उसके साथ बैठकरखाना खाऊँगा और वह मेरे साथ बैठकर खानाखाएगा।

    २१ “जो िवजयी होगा म उसे अपने साथ अपनेिसंहासन पर बैठने का गौरव पर्दान क ँ गा। ठीकवैसे ही जैसे म िवजयी बनकरअपने िपता के साथउसके िसंहासन पर बैठा हूँ। २२जो सुन सकता हैसुने, िक आ मा कलीिसयाओं से या कह रहीहै।”

    वग के दशन

    ४ १ इसके बाद मने दृि ट उठाई और वग काखुला ार मेरे सामने था। और वही आवाज़िजसे मने पहले सुना था, तुरही के से वर म मुझसेकह रही थी, “यहीं ऊपर आ जा। म तुझे वहिदखाऊँगा िजसका भिव य म होना िनि चत है।”२ िफर म तुर त ही आ मा के वशीभतू हो उठा।मने देखा िक मेरे सामने वगका िसंहासनथाऔरउस पर कोई िवराजमान था। ३जो वहाँ िवराजमानथा, उसकी आभा यशबऔर गोमेद के समान थी।उसके िसंहासन के चार ओर एक इ दर्धनुष थाजो प ने जैसा दमक रहा था।

    ४उस िसंहासन के चार ओर चौबीस िसंहासनऔर थे, िजन पर चौबीस पर्ाचीन बैठे हुए थे।उ ह ने वेतव तर् पहने थे। उनके िसरपरसोने केमुकुट थे। ५ िसंहासन म से िबजली की चकाच ध,घड़घड़ाहट तथा मेघ का गजन-तजन िनकल रहेथे। िसंहासन के सामने ही लपलपाती हुई सातमशालजल रही थी।ं ये मशाल परमे वर की सातआ माएँ ह। ६ िसंहासन के सामने पारदशी काँचका फिटक सागर सा फैला था।िसंहासन के ठीक सामने तथा उसके दोन ओर

    चार पर्ाणी थे। उनके आगे और पीछे आँख हीआँख थी।ं ७पहला पर्ाणी िसंह के समान था,दसूरा पर्ाणी बैल के जैसा था, तीसरे पर्ाणी कामुख मनु य के जैसा था और चौथा पर्ाणी उड़तेहुए ग ड़ जैसा था। ८ इन चार ही पर्ािणय केछह छह पंख थे। उनके चार ओर तथा भीतरआँख ही आँख भरी पड़ीं थी।ं िदन रात वे िनर तरकहते रहते थे :“सवशि तमान पर्भु परमे वर पिवतर् है,

    *३ :१४ आमीन आमीन श द का अथ है उस परम स य के अनु प हो जाना। िक तु यहाँ इसे यीशु केएक नाम के प म पर्यु त िकया गया है।

  • पर्कािशत वा य ४:९ 5 पर्कािशत वा य ६:१

    पिवतर् है, पिवतर् है, जो था, जो है और जोआनेवाला है।”

    ९जब ये सजीव पर्ाणी उस अजर अमर कीमिहमा, आदर और ध यवाद कर रहे ह जोिसंहासन पर िवराजमान था तो १० वे चौबीसपर्ाचीन *उसके चरण म िगरकर, उस सदा सवदाजीिवत रहने वाले की उपासना करते ह। वेिसंहासन के सामने अपने मुकुट डाल देते ह औरकहते ह:११ “हे हमारे पर्भु और हमारे परमे वरतू ही मिहमा, आदर और शि त पाने को सुयो य

    है।य िक तनेू ही अपनी इ छा से सभी व तु सरजी

    ह।तेरी ही इ छा से उनका अि त व है।और तेरी ही

    इ छा से हुई है उनकी सृि ट।”

    पु तक कौन खोल सकता है

    ५ १ िफर मने देखा िक जो िसंहासन परिवराजमान था, उसके दािहने हाथ म एकलपेटा हुआ पु तक †अथात् एकऐसी पु तक िजसेिलखकर लपेट िदया जाता था। िजस पर दोनओर िलखावट थी। तथा उसे सात मुहर लगाकरमुिदर्त िकया हुआ था। २मने एक शि तशालीवगदतू की ओर देखा जो दृढ़ वर से घोषणाकर रहा था, “इस लपेटे हुए पु तक की मुहरको तोड़ने और इसे खोलने म समथ कौन है ”३ िक तु वग मअथवा पृ वी पर या पाताल लोकम कोई भी ऐसा नहीं था जो उसलपेटे हुए पु तकको खोले और उसके भीतर झाँके। ४ य िक उसपु तककोखोलनेकी मता रखने वालायाभीतरसे उसे देखने की शि त वाला कोई भी नहीं िमलपाया था इसिलए म सुबक-सुबक कर रो पड़ा।५ िफर उन पर्ाचीन म से एक ने मुझसे कहा,“रोना ब द कर। सुन, यहदूा के वंश का िसंह जोदाऊदका वंशज है िवजयी हुआ है। वह इन सातमुहर को तोड़ने और इस लपेटे हुए पु तक कोखोलने म समथ है।”

    ६ िफर मने देखा िक उस िसंहासन तथा उन चारपर्ािणय के सामनेऔर उन पवूज की उपि थितम एक मेमना खड़ा है। वह ऐसे िदख रहा था, मानो

    उसकी बिल चढ़ाई गयी हो। उसके सात सीगं थेऔरसात आँखथीं जो परमे वर की सातआ माएँह। िज ह समचूी धरती पर भेजा गया था। ७ िफरवह आया और जो िसंहासन पर िवराजमान था,उसके दािहने हाथ से उसने वहलपेटा हुआ पु तकले िलया। ८जब उसने वह लपेटा हुआ पु तकले िलया तो उन चार पर्ािणय तथा चौबीसपर्ाचीन ने उस मेमने को द डवत पर्णाम िकया।उनम से हरेक के पास वीणा थी तथा वे सुगि धतसामगर्ी से भरे सोने के धपूदान थामे थे ; जो संतजन की पर्ाथनाएँ ह। ९ वे एक नया गीत गा रहेथे :“तू यह पु तक लेने को समथ है,और जो इस पर लगी मुहर खोलने कोय िक तेरा वध बिल के प कर िदया,और अपने लहू से तनेू परमे वर के हेतुजन को हर जाित से, हर भाषा से, सभी कुल से,

    सब रा ट्र से मोल िलया।१०और तनेू उनको प का रा य दे िदया। और

    हमारे परमे वर के हेतु उ ह याजक बनाया।वे धरती पर रा य करगे।”

    ११तभी मने देखा और अनेक वगदतू कीविनय को सुना। वे उस िसंहासन, उन पर्ािणयतथा पर्ाचीन के चार ओर खड़े थे। वगदतू कीसं यालाख औरकरोड़ थी १२ वे ऊँचे वर मकहरहे थे :“वह मेमना जो मार डाला गया था, वह पराक्रम,

    धन, िववेक, बल, आदर,मिहमा और तुित पर्ा त करने को यो य है।”

    १३ िफर मने सुना िक वग की, धरती पर की,पाताल लोक की, समुदर् की, समचूी सृि ट— हाँ,उस समचेू बर् ा ड का हर पर्ाणी कह रहा था :“जो िसंहासन पर बैठा है और मेमना का तुित,आदर, मिहमा और पराक्रम सवदा रह ”१४ िफर उन चार पर्ािणय ने “आमीन” कहा औरपर्ाचीन ने नत म तक होकर उपासना की।

    मेमने का पु तक खोलना

    ६ १मने देखा िक मेमने ने सात मुहर म से एकको खोला तभी उन चार पर्ािणय म से एककोमने मेघगजना जैसे वरमकहते सुना, “आ ”

    *४ :१० चौबीस पर्ाचीन पर्कािशत वा य म कदािचत इन चौबीस पर्ाचीन म बारह वे पु ष है जोपरमे वर के संत जन के महान नेता थे। हो सकता है ये यहिूदय के बारह पिरवार समहू के नेता हो।तथा शेष बारह यीशु के परे्िरत है।†५ :१ पु तक एक ल बा लपेटा हुआ कागज अथवा चमड़ा िजसे पर्ाचीन युग म िलखने के काम मलाया जाता था।

  • पर्कािशत वा य ६:२ 6 पर्कािशत वा य ७:७

    २जब मने दृि ट उठाई तो पाया िक मेरे सामनेएक सफेद घोड़ा था। घोड़े का सवार धनुष िलएहुए था। उसे िवजय मुकुट पहनाया गया और वहिवजय पाने के िलए िवजय पर्ा त करता हुआबाहर चला गया।

    ३जब मेमने ने दसूरी मुहर तोड़ी तो मने दसूरेपर्ाणी को कहते सुना, “आ ” इस पर अिगर्के समान लाल रंग का ४एक और घोड़ा बाहरआया। इस पर बैठे सवार को धरती से शांित छीनलेने और लोग से पर पर ह याएँ करवाने कोउकसाने का अिधकार िदया गया था। उसे एकल बी तलवार दे दी गयी।

    ५ मेमने ने जब तीसरी मुहर तोड़ी तो मने तीसरेपर्ाणी को कहते सुना, “आ ” जब मने दृि टउठायी तो वहाँ मेरे सामने एक काला घोड़ा खड़ाथा। उस पर बैठे सवार के हाथ म एक तराजू थी।६तभीमने उनचार पर्ािणय के बीच से एकश दसा आते सुना, जो कह रहा था, “एक िदन कीमज़दरूी के बदले एक िदन के खाने का गेहूँ औरएक िदन की मज़दरूी के बदले तीन िदन तक खानेका जौ। िक तु जैतनू के तेलऔर मिदरा को ितमत पहँुचा।”

    ७ िफर मेमने ने जब चौथी मुहर खोली तो चौथेपर्ाणी को मने कहते सुना, “आ ” ८ िफर जब मनेदृि ट उठायी तो मेरे सामने मिरयलसा पीले हरे सेरंग का एक घोड़ा उपि थत था। उस पर बैठे सवारका नाम था “मृ यु” और उसके पीछे सटा हुआचल रहा था परे्त लोक। धरती के एक चौथाईभाग पर उ ह यह अिधकार िदया गया िक यु ,अकाल ,महामािरय तथाधरती के िहंसकपशुओंके ारा वे लोग को मार डाल।

    ९ िफर उस मेमने ने जब पाँचवी मुहर तोड़ी तोमने वेदी के नीचे उन आ माओं को देखा िजनकीपरमे वर के सुस देश के पर्ित आ मा के तथािजस सा ी को उ ह ने िदया था, उसके कारणह याएँ कर दी गयीं थी।ं १० ऊँचे वर म पुकारतेहुए उ ह ने कहा, “हे पिवतर् एवम् स चे पर्भुहमारी ह याएँ करने के िलए धरती के लोग कायाय करने को और उ ह द ड देने के िलए तूकब तक पर्ती ा करता रहेगा ” ११उनम से हरएकको सफेद चोगा पर्दान िकया गया तथा उनसेकहा गया िक वे थोड़ी देर उससमयतक, पर्ती ाऔर कर जब तक िक उनके उन साथी सेवक औरबंधुओं की सं या परूी नहीं हो जाती िजनकी वैसेही ह या की जाने वाली है, जैसे तु हारी की गयीथी।

    १२ िफर जब मेमने ने छठी मुहर तोड़ी तो मनेदेखा िक वहाँ एक बड़ा भचूाल आया हुआ है।सरूज ऐसे काला पड़ गया है जैसे िकसी शोकमनाते हुए यि त के व तर् होते ह तथा परूा चाँद,लहू के जैसा लाल हो गया है। १३आकाश के तारेधरती पर ऐसे िगर गये थे जैसे िकसी तेज आँधीारा झकझोरे जाने पर अंजीर के पेड़ से क ची

    अंजीर िगरती है। १४आकाश फट पड़ा था औरएक पु तक के समान िसकुड़ कर िलपट गया था।सभी पवत और ीप अपने-अपने थान से िडगगये थे।

    १५ संसार के समर्ाट, शासक, सेनानायक, धनीशि तशाली और सभी लोग तथा सभी वत तर्एवम् दास लोग ने पहाड़ पर चट्टान के बीचऔर गुफाओं म अपने आपको िछपा िलया था।१६ वे पहाड़ और चट्टान से कह रहे थे, “हम परिगर पड़ो और वह जो िसंहासन पर िवराजमान हैतथा उस मेमने के क्रोध के सामने से हम िछपालो। १७उनके क्रोध का भयंकर िदनआपहँुचा है।ऐसा कौन है जो इसे झेल सकता है ”

    इसर्ाएल के १, ४४, ००० लोग

    ७ १ इसके बाद धरती के चार कोन पर चारवगदतू को मने खड़े देखा। धरती की चारहवाओं को रोक के रखा था तािक धरती पर, सागरपरअथवा वृ पर उनम से िकसी पर भी हवा चलना पाये। २ िफर मने देखा िक एकऔर वगदतू हैजो पवू िदशा सेआरहा है। उसने सजीव परमे वरकी मुहर ली हुई थी। तथा वह उन चार वगदतूसे िज ह धरती और आकाश को न ट कर देनेका अिधकार िदया गया था, ऊँचे वर म पुकारकर कह रहा था, ३ “जब तक हम अपने परमे वरके सेवक के माथे पर मुहर नहीं लगा देते, तबतक तुम धरती, सागर और वृ को हािन मतपहँुचाओ।”

    ४ िफर िजन लोग पर मुहर लगाई गई थी, मनेउनकी सं या सुनी। वे एक लाख चवालीस हज़ारथे। िजन पर मुहर लगाई गई थी, इसर्ाएल केसभी पिरवार समहू से थे :५यहदूा के पिरवार समहू के १२, ०००बेन के पिरवार समहू के १२, ०००

    गाद पिरवार समहू के १२, ०००६आशेर पिरवार समहू के १२, ०००न ताली पिरवार समहू के १२, ०००मन शे पिरवार समहू के १२, ०००७शमौन पिरवार समहू के १२, ०००

  • पर्कािशत वा य ७:८ 7 पर्कािशत वा य ८:११

    लेवी पिरवार समहू के १२, ०००इ साकार पिरवार समहू के १२, ०००८जबलूनू पिरवार समहू के १२, ०००यसुूफ़ पिरवार समहू के १२, ०००िब यामीन पिरवार समहू के १२, ०००

    िवशाल भीड़९ इसके बाद मने देखा िक मेरे सामने एक

    िवशाल भीड़ खड़ी थी िजसकी िगनती कोई नहींकर सकता था। इस भीड़ म हर जाित के हर वंशके, हर कुल के तथा हर भाषा के लोग थे। वेउस िसंहासन और उस मेमने के आगे खड़े थे। वेवेत व तर् पहने थे और उ ह ने अपने हाथ मखजरू की टहिनयाँ ली हुई थी।ं १० वे पुकार रहे थे,“िसंहासन पर िवराजमान हमारे परमे वर की जयहो और मेमने की जय हो।”

    ११सभी वगदतू िसंहासन पर्ाचीन और उनचार पर्ािणय को घेरे खड़े थे। िसंहासन के सामनेद डवत पर्णाम करके इन वगदतू ने परमे वरकी उपासना की। १२उ ह ने कहा, “आमीन हमारेपरमे वर की तुित, मिहमा, िववेक, ध यवाद,समादर, शि त और बल सदा-सवदा होते रह।आमीन ” *

    १३तभी उन पर्ाचीन म से िकसी ने मुझसेपर् न िकया, “ये वेत व तर्धारी लोग कौन हतथा ये कहाँ से आए ह ”

    १४मने उसे उ र िदया, “मेरे पर्भु तू तो जानताही है।”इस पर उसने मुझसे कहा, “ये वे लोग ह जो

    कठोर यातनाओं के बीच से होकरआरहे ह उ ह नेअपने व तर् को मेमने के लहू से धोकर व छएवं उजला िकया है। १५ इसिलए अब ये परमे वरके िसंहासन के सामने खड़े तथा उसके मि दरम िदन रात उसकी उपासना करते ह। वह जोिसंहासन पर िवराजमान है उनम िनवास करते हुएउनकी र ा करेगा। १६न कभी उ ह भखू सताएगीऔर न ही वे िफर कभी यासे रहगे। सरूज उनकाकुछ नहीं िबगाड़ेगा और न ही िचलिचलाती धपूकभी उ ह तपाएगी। १७ य िक वह मेमना जोिसंहासन के बीच म है उनकी देखभाल करेगा।वह उ ह जीवन देने वाले जल सर्ोत के पास ले

    जाएगा और परमे वर उनकी आँख के हर आँसूको प छ देगा।”

    सातवीं मुहर

    ८ १ िफर मेमने ने जब सातवीं मुहर तोड़ी तोवग म कोईआधा घ टे तक स नाटा छायारहा। २ िफर मने परमे वर के सामने खड़े होनेवाले सात वगदतू को देखा। उ ह सात तुरिहयाँपर्दान की ग थी।ं

    ३ िफर एक और वगदतू आया और वेदी परखड़ा हो गया। उसके पास सोने का एक धपूदानथा। उसे संत जन की पर्ाथनाओं के साथ सोनेकी उस वेदी पर जो िसंहासन के सामने थी, चढ़ानेके िलए बहुतसारी धपू दी गई। ४ िफर वगदतू केहाथ से धपू का वह धुआँ संतजन की पर्ाथनाओंके साथ-साथ परमे वर के सामने पहँुचा। ५ इसकेबाद वगदतू ने उस धपूदान को उठाया, उसे वेदीकी आग से भरा और उछाल कर धरती पर फकिदया। इस पर मेघ का गजन-तजन, भीषणश द,िबजली की चमकऔर भकू प होने लगे।

    सात वगदतू का उनकी तुरिहयाँ बजाना६ िफर वे सात वगदतू, िजनके पास सात

    तुरिहयाँ थी, उ ह फँूकने को तैयार हो गए।७पहले वगदतू ने तुरही म जैसे ही फँूक मारी,

    वैसे ही लहू ओलेऔर अि न एक साथ िमले जुलेिदखाई देने लगे और उ ह धरती पर नीचे उछालकर फक िदया गया। िजससे धरती का एक ितहाईभाग जलकर भ म हो गया। एक ितहाई पेड़ जलगएऔर समचूी हरी घास राख हो गई।

    ८दसूरे वगदतू ने तुरही फँूकी तो मानो अि नका जलता हुआ एक िवशाल पहाड़ सा समुदर् मफक िदया गया हो। इससे एक ितहाई समुदर् र तम बदल गया। ९तथा समुदर् के एक ितहाई जीव-ज तु मर गए और एक ितहाई जल पोत न ट होगए।

    १०तीसरे वगदतू ने जब तुरही बजाई तोआकाश से मशाल की तरह जलता हुआ एकिवशाल तारा िगरा। यह तारा एक ितहाई निदयतथा झरन के पानी पर जा पड़ा। ११ इस तारे कानाम था नागदौना †सो समचेू जल का एक ितहाई

    *७ :१२ आमीन जब कोई यि तआमीन कहता है तो इसका अथ होता है िक वह परूी तरह उसके साथसहमत है।†८ :११ नागदौना मलू म अपिस तोस जो यनूानी भाषा का श द है औ िजसका अंगरे्जी पयाय है,“वमवुड” िजसका अथ है एक बहुत कड़वा पौधा। इसिलए इसे गहन दुःख का पर्तीक माना जाता है।

  • पर्कािशत वा य ८:१२ 8 पर्कािशत वा य ९:२०

    भाग नागदौना म ही बदल गया। तथा उस जलके पीने से बहुत से लोग मारे गए। य िक जलकड़वा हो गया था।

    १२जब चौथे वगदतू ने तरूही बजाई तो एकितहाई सयू, और साथ म ही एक ितहाई च दर्माऔर एक ितहाई तार पर िवपि आई। सो उनकाएक ितहाई काला पड़ गया। पिरणाम व प एकितहाई िदन तथा उसी पर्कार एक ितहाई रातअ धेरे म डूब गए।

    १३ िफर मने देखा िक एक ग ड़ ऊँचे आकाशम उड़ रहा है। मने उसे ऊँचे वर म कहते हुएसुना, “उन बचे हुए तीन वगदतू की तुरिहय केउदघ्ोष के कारण जो अपनी तुरिहयाँ अभी बजानेही वाले ह, धरती के िनवािसय पर क ट हो क टहो क ट हो ”

    पाँचवी तुरही पहला आतंक फैलाना

    ९ १पाँचवे वगदतू ने जब अपनी तुरही फँूकीतब मने आकाश से धरती पर िगरा हुआएक तारा देखा। इसे उस िचमनी की कंुजी दीगई थी जो पाताल म उतरती है। २ िफर उस तारेने उस िचमनी का ताला खोल िदया जो पातालम उतरती थी और िचमनी से वैसे ही धुआँ फूटपड़ा जैसे वह एक बड़ी भट्टी से िनकलता है। सोिचमनी से िनकले धुआँ से सयू औरआकाश कालेपड़ गए।

    ३तभी उस धुआँ से धरती पर िटड्डी दल उतरआया। उ ह धरती के िब छुओं के जैसी शि त दीगई थी। ४ िक तु उनसे कह िदया गया था िक वे नतो धरती की घास को हािन पहँुचाएऔर न ही हरेपौध या पेड़ को। उ ह तो बस उन लोग को हीहािन पहँुचानी थी िजनके माथ पर परमे वर कीमुहर नहीं लगी हुई थी। ५ िटड्डी दल को िनदशदे िदया गया था िक वे लोग के पर्ाण न ल बि कपाँच महीने तक उ ह पीड़ा पहँुचाते रह। वह पीड़ाजो उ ह पहँुचाई जा रही थी, वैसी थी जैसी िकसीयि त को िब छू के काटने से होती है। ६उनपाँच महीन के भीतर लोग मौत को ढँूढते िफरगेिक तु मौत उ ह िमल नहीं पाएगी। वे मरने केिलए तरसगे िक तु मौत उ ह चकमा देकर िनकलजाएगी।

    ७और अब देखो िक वे िटड्डी यु के िलएतैयार िकए गए घोड़ जैसी िदख रहीं थी।ं उनकेिसर पर सुनहरी मुकुट से बँधे थे। उनके मुख

    मानव मुख के समान थे। ८उनके बाल ि तर्य केकेश के समान थे तथा उनके दाँत िसंह के दाँतके समान थे। ९उनके सीने ऐसे थे जैसे लोहे केकवच ह । उनके पंख की विन यु म जाते हुएअसं यअ व रथ से पैदा हुएश द के समान थी।१०उनकी पूँछ के बाल ऐसे थे जैसे िब छू के डंकह । तथा उनम लोग को पाँच महीने तक ितपहँुचाने की शि त थी। ११पाताल के अिधकारीदतू को उ ह ने अपने राजा के प म िलया हुआथा। इबर्ानी भाषा म उनका नाम है अब ोन *औरयनूानी भाषा म वह अपु लयोन (अथात् िवनाशकरने वाला) कहलाता है।

    १२पहली महान िवपि तो बीत चुकी है िक तुइसके बादअभी दो बड़ी िवपि याँआने वाली ह।

    छठवीं तुरही का बजना१३ िफर छठे वगदतू ने जैसे ही अपनी तुरही

    फँूकी, वैसे ही मने परमे वर के सामने एक सुनहरीवेदी देखी, उसकेचारसीगं सेआती हुई एक विनसुनी। १४ तुरही िलए हुए उसछठे वगदतू से उसआवाज़ ने कहा, “उन चार वगदतू को मु त करदो जो फरात महानदी के पास बँधे पड़े ह।”

    १५सोचार वगदतू मु तकर िदएगए। वे उसीघड़ी, उसी िदन, उसी महीने और उसी वष के िलएतैयार रखे गए थे तािक वे एक ितहाई मानवजाितको मार डाल। १६उनकी परूी सं या िकतनी थी,यह मने सुना। घुड़सवार सैिनक की सं या बीसकरोड़ थी।

    १७उस मेरे िद य दशन म वे घोड़े और उनकेसवार मुझे इस पर्कार िदखाई िदए: उ ह ने कवचधारण िकए हुए थे जो धधकती आग जैसे लाल,गहरे नीले और गंधक जैसे पीले थे। १८ इन तीनमहािवनाश से यानी उनके मुख से िनकल रहीअि न, धुआँ और गंधक से एक ितहाई मानवजाित को मार डाला गया। १९ इन घोड़ की शि तउनके मुख और उनकी पूँछ म िनिहत थी य िकउनकी पूँछ िसरदार साँप के समान थी िजनकापर्योग वे मनु य को हािन पहँुचाने के िलए करतेथे।

    २० इसपरभी बाकी के ऐसे लोग नेजो इनमहािवनाश से भी नहीं मारे जा सके थे उ ह ने अपनेहाथ से िकएकाम के िलएअबभीमनन िफरायातथा भतू-परे्त की अथवा सोने, चाँदी, काँसे,प थर और लकड़ी की उन मिूतय की उपासना

    *९ :११ अब ोन अथात् िवनाश का थान। देख अ यबू २६ :६ और भजन ८८ :११

  • पर्कािशत वा य ९:२१ 9 पर्कािशत वा य ११:१०

    नहीं छोड़ी, जो न देख सकती ह, न सुन सकतीहऔर न ही चल सकती ह। २१उ ह ने अपने ाराकी गई ह याओं, जादू टोन , यिभचार अथवाचोरी-चकारी करने से मन न िफराया।

    वगदतू और छोटी पोथी

    १० १ िफर मने आकाश से नीचे उतरते हुएएक और बलवान वगदतू को देखा। उसनेबादल कोओढ़ा हुआथा तथा उसके िसर केआस-पास एक मेघ धनुष था। उसका मुखम डलसयू केसमान तथा उसकी टाँगे अि न त भ के जैसीथी।ं २अपने हाथ म उसने एक छोटी सी खुलीपोथी ली हुई थी। उसने अपना दािहना चरणसागर म और बाँया चरण धरती पर रखा। ३ िफरवह िसंह के समान दहाड़ता हुआ ऊँचे वर मिच लाया। उसके िच लाने पर सात गजन-तजनके श द सुनाई देने लगे।

    ४जब सात गजन हो चुके और म िलखने कोही था, तभी मने एक आकाशवाणी सुनी, “सातगजन ने जो कुछ कहा है, उसे िछपा ले तथा उसेिलख मत।”

    ५ िफर उस वगदतू ने िजसे मने समुदर् म औरधरती पर खड़े देखा था, आकाश म ऊपर दािहनाहाथ उठाया। ६और जो िन य प से सजीव है,िजसने आकाश को तथा आकाश की सब व तुओंको, धरती एवं धरती पर की तथा सागर और जोकुछ उसम है, उन सब की रचना की है, उसकीशपथ लेकर कहा, “अब और अिधक देर नहींहोगी। ७ िक तु जब सातव वगदतू को सुनने कासमयआएगाअथात् जब वहअपनी तुरही बजानेको होगा तभी परमे वर की वह गु त योजना परूीहो जाएगी िजसे उसने अपने सेवक निबय कोबता िदया था।”

    ८उस आकाशवाणी ने, िजसे मने सुना था,मुझसे िफर कहा, “जा और उस वगदतू से जोसागर मऔर धरती पर खड़ा है, उसके हाथ से उसखुली पोथी को ले ले।”

    ९सो म उस वगदतू के पास गया और मनेउससे कहा िक वह उस छोटी पोथी को मुझे दे दे।उसने मुझसे कहा, “यह लेऔर इसे खा जा। इससेतेरा पेट कड़वा हो जाएगा िक तु तेरे मँुह म यहशहद सेभी यादामीठी बनजाएगी।” १० िफरउसवगदतू के हाथ से मने वहछोटी सी पोथी ले लीऔर मने उसे खा िलया। मेरे मुख म यह शहद सीमीठी लगी िक तु मजब उसे खा चुका तो मेरा पेटकड़वा हो गया। ११ इस पर वह मुझसे बोला, “तुझे

    बहुत से लोग , रा ट्र , भाषाओं और राजाओं केिवषय म िफर भिव यवाणी करनी होगी।”

    दो सा ी

    ११ १ इसके प चात् नाप के िलए एक सरकंडामुझे िदया गया जो नापने की छड़ी जैसािदख रहा था। मुझसे कहा गया, “उठ औरपरमे वर के मि दर तथा वेदी को नाप और जोलोग मि दर के भीतर उपासना कर रहे ह, उनकीिगनती कर। २ िक तु मि दर के बाहरी आँगन कोरहने दे, उसे मत नाप य िक यह अधिमय को देिदया गया है। वे बयालीसमहीने तकपिवतर् नगरको अपने पैर तले र दगे। ३म अपने दो गवाहको खुली छटू दे दूँगा और वो एक हज़ार दो सौसाठ िदन तक भिव यवाणी करगे। वे ऊन के ऐसेव तर् धारण िकए हुए ह गे िज ह शोक पर्दिशतकरने के िलए पहना जाता है।”

    ४ ये दो साि याँ वे दो जैतनू के पेड़ तथा वे दोदीपदान हजोधरती के पर्भु के सामने ि थत रहतेह। ५यिद कोई भी उ ह हािन पहँुचाना चाहताहै तो उनके मुख से वाला फूट पड़ती है औरउनके शत् ओं को िनगल जाती है। सो यिद कोईउ ह हािन पहँुचाना चाहता है तो िनि चत प सेउसकी इस पर्कार मृ यु हो जाती है। ६ वे आकाशको बाँध देने की शि त रखते ह तािक जब वेभिव यवाणी कर रहे ह , तब कोई वषा न होनेपाए। उ ह झरन के जल पर भी अिधकार थािजससे वे उसे लहू म बदल सकते थे। उनम ऐसीशि त भी थी िक वे िजतनी बार चाहते, उतनीहीबार धरती पर हर पर्कार के िवनाश काआघातकर सकते थे।

    ७उनके सा ी दे चुकने के बाद, वह पशु उसमहागत से बाहर िनकलेगाऔर उन परआक्रमणकरेगा। वह उ ह हरा देगा और मार डालेगा।८उनकी लाश उस महानगर की गिलय म पड़ीरहगी। यह नगर पर्तीक प से सदोम तथािमसर् कहलाता है। यहीं उनके पर्भु को भी क् सपर चढ़ा कर मारा गया था। ९सभी जाितय ,उपजाितय , भाषाओं और देश के लोग उनकेशव को साढ़े तीन िदन तक देखते रहगे तथा वेउनके शव को कबर् म नहीं रखने दगे। १०धरतीके वासी उन पर आन द मनायगे। वे उ सव करगेतथा पर पर उपहार भेजगे। य िक इन दोननिबय ने धरती के िनवािसय को बहुत दुःखपहँुचाया था।

  • पर्कािशत वा य ११:११ 10 पर्कािशत वा य १२:११

    ११ िक तु साढ़े तीन िदन बाद परमे वर की ओरसे उनम जीवन के वास ने पर्वेश िकया और वेअपने पैर पर खड़े हो गए। िज ह ने उ ह देखा, वेबहुत डर गए थे। १२ िफर उन दोन निबय ने ऊँचेवर म आकाशवाणी को उनसे कहते हुए सुना,“यहाँ ऊपर आ जाओ।” सो वे आकाश के भीतरबादल म ऊपर चले गए। उ ह ऊपर जाते हुएउनके िवरोिधय ने देखा।

    १३ठीक उसी ण वहाँ एक भारी भचूाल आयाऔर नगर का दसवाँ भाग ढह गया। भचूाल मसात हज़ार लोग मारे गए तथा जो लोग बचे थे,वे भयभीत हो उठे और वे वग के परमे वर कीमिहमा का बखान करने लगे।

    १४ इस पर्कार अब दसूरी िवपि बीत गई हैिक तु सावधान तीसरी महािवपि शीघर् हीआने वाली है।

    सातवीं तुरही का बजना१५सातव वगदतू ने जबअपनी तुरही फँूकी तो

    आकाश म तेज आवाज़ होने लगी।ं वे कह रहीथीं :“अब जगत का रा य हमारे पर्भु का है, और

    उसके मसीह का ही।अब वह सुशासन युगयुग तक करेगा।”१६और तभी परमे वर के सामने अपने-अपनेिसंहासन पर िवराजमान चौबीस पर्ाचीन नेद डवत पर्णाम करके परमे वर की उपासना की।१७ वे बोले :“हे सवशि तमान पर्भु परमे वर, जो है, जो था,हम तेरा ध यवाद करते ह।तनेू ही अपनी महाशि त को लेकरसबके शासन का आर भ िकया था।१८अ य जाितयाँ क्रोध म भरी थीिक तु अब तेरा कोप पर्कट समयऔर याय का समयआ गया।उन सब ही के जो पर्ाण थे िबसारे।और समय आ गया िक तेरे सेवक पर्ितफल पाव

    सभी नबी जन, तेरे सब जनऔर सभी जो तुझको आदर देते।और सभी जो छोटे जन ह और सभी जो बड़े बने

    ह अपना पर्ितफल पाव।उ ह िमटाने कासमयआगया, धरतीकोजो िमटा

    रहे ह।”१९ िफर वग म ि थत परमे वर के मि दर को

    खोला गया तथा वहाँ मि दर म वाचा की वह पेटीिदखाई दी। िफर िबजली की चकाच ध होने लगी।

    मेघ का गजन-तजन और घड़घड़ाहट के श दभकू प और भयानकओले बरसने लगे।

    तर्ी और िवशालकाय अजगर

    १२ १इसके प चात् आकाश म एक बड़ा सासंकेत पर्कट हुआ: एक मिहला िदखाईदी िजसने सरूज को धारण िकया हुआ था औरच दर्मा उसके पैर तले था। उसके माथे पर मुकुटथा िजसम बारह तारे जड़े थे। २वह गभवती थी।और य िक पर्सव होने ही वाला था इसिलएपर्जनन की पीड़ा से वह कराह रही थी।

    ३ वग म एक और संकेत पर्कट हुआ। मेरेसामने ही एक लाल रंग का िवशालकाय अजगरखड़ा था। उसके सात िसर पर सात मुकुट थे।४उसकी पूँछ ने आकाश के तार के एक ितहाईभागकोसपाटा मारकरधरती पर नीचे फक िदया।वह तर्ी जो ब चे को ज म देने ही वाली थी,वह अजगर उसके सामने खड़ा हो गया तािक वहजैसे ही उस ब चे को ज म दे, वह उसके ब चे कोिनगल जाए।

    ५ िफर उस तर्ी ने एक ब चे को ज म िदयाजो एक लड़का था। उसे सभी जाितय पर लौहद ड के साथ शासन करना था। िक तु उस ब चेको उठाकरपरमे वरऔरउसके िसंहासन केसामनेले जाया गया। ६औरवह तर्ी िनजनवनमभागगई। एक ऐसा थान जो परमे वर ने उसी के िलएतैयार िकया था तािक वहाँ उसे एक हज़ार दो सौसाठ िदन तक जीिवत रखा जा सके।

    ७ िफर वग म एक यु भड़क उठा। मीकाईलऔर उसके दतू का उस िवशालकाय अजगर सेसंगर्ाम हुआ। उस िवशालकाय अजगर ने भीउसके दतू के साथ लड़ाई लड़ी। ८ िक तु वह उनपर भारी नहीं पड़ सका, सो वग म उनका थानउनके हाथ से िनकलगया। ९औरउस िवशालकायअजगर को नीचे धकेल िदया गया। यह वहीपुराना महानाग है िजसे दानव अथवा शैतान कहागया है। यह समचेू संसार को छलता रहता है।हाँ, इसे धरती पर धकेल िदया गया था।

    १० िफर मने ऊँचे वर म एक आकाशवाणी कोकहते सुना : “यह हमारे परमे वर के िवजय कीघड़ी है। उसने अपनी शि त और संपर्भुता काबोध करा िदया है। उसके मसीह ने अपनी शि तको पर्कट कर िदया है य िक हमारे ब धुओं परपरमे वर के सामने िदन-रात लांछन लगाने वालेको नीचे धकेल िदया गया है। ११उ ह ने मेमने केबिलदान के र त और उनके ारा दी गई सा ी

  • पर्कािशत वा य १२:१२ 11 पर्कािशत वा य १३:१५

    से उसे हरा िदया है। उ ह ने अपने पर्ाण कापिर याग करने तक अपने जीवन की परवाह नहींकी। १२सो हे वगों और वगों के िनवािसय ,आन द मनाओ। िक तु हाय, धरती और सागर,तु हारे िलए िकतना बुरा होगा य िक शैतानअबतुम पर उतर आया है। वह क्रोध से आग-बबलूाहो रहा है। य िक वह जानता है िक अब उसकाबहुत थोड़ा समय शेष है।”

    १३जब उस िवशालकायअजगर ने देखा िक उसेधरती पर नीचे धकेल िदया गया है तो उसने उसतर्ी का पीछा करना शु कर िदया िजसने पुतर्जना था। १४ िक तु उस तर्ी को एक बड़े उकाबके दो पंख िदए गए तािक वह उस वन पर्देश कोउड़ जाए, जो उसके िलए तैयार िकया गया था।साढ़े तीन साल तक वहीं उस िवशालकायअजगरसे दरू उसका भरण-पोषण िकया जाना था। १५तबउस महानाग ने उस तर्ी के पीछे अपने मुखसे नदी के समान जल धारा पर्वािहत की तािकवह उसम बह कर डूब जाए। १६ िक तु धरती नेअपना मुख खोलकर उस तर्ी की सहायता कीऔर उस िवशालकाय अजगर ने अपने मुख से जोनदी िनकाली थी, उसे िनगल िलया। १७ इसके बादतो वह िवशालकाय अजगर उस तर्ी पर बहुतक्रोिधत हो उठा और उसके उन वंशज के साथजो परमे वर के आदेश का पालन करते ह औरयीशु की सा ी को धारण करते ह, यु करने कोिनकल पड़ा।

    १८तथा सागर के िकनारे जा खड़ा हुआ।

    दो पशु

    १३ १ िफर मने सागर म से एक पशु को बाहरआते देखा। उसके दस सीगं थे और सातिसर थे। तथा अपने सीग पर उसने दस राजसीमुकुट पहने हुए थे। उसके िसर पर दु ट नामअंिकत थे। २मने जो पशु देखा था, वह चीते जैसाथा। उसके पैर भालू के पैर जैसे थे और उसकामुख िसंह के मुख के समान था। उस िवशालकायअजगर ने अपनी शि त, अपना िसंहासन औरअपना पर्चुर अिधकार उसे स प िदया।

    ३मने देखा िक उसका एक िसर ऐसा िदखाई देरहा था जैसे उस पर कोई घातक घाव लगा होिक तु उसका वहघातकघावभर चुका था। समचूासंसार आ चय चिकत होकर उस पशु के पीछेहो िलया। ४तथा वे उस िवशालकाय अजगर कोपजूने लगे। य िक उसने अपना समचूा अिधकारउसपशुको दे िदयाथा। वे उसपशुकीभी उपासना

    करते हुए कहने लगे, “इस पशु के समान कौन हैऔर ऐसा कौन है जो उससे लड़ सके ”

    ५उसे अनुमित दे दी गई िक वह अहंकार पणूतथा िन दा से भरे श द बोलने म अपने मुखका पर्योग करे। उसे बयालीस महीने तक अपनीशि त के पर्योग का अिधकार िदया गया। ६सोउसने परमे वरकी िन दाकरनाआर भकर िदया।वह परमे वर के नाम और उसके मि दर तथाजो वग म रहते ह, उनकी िन दा करने लगा।७परमे वर के संत जन के साथ यु करने औरउ ह हराने की अनुमित उसे दे दी गई। तथा हरवंश, हर जाित, हर पिरवार-समहू, हर भाषा औरहर देश पर उसे अिधकार िदया गया। ८धरती केवे सभी िनवासी उस पशु की उपासना करगे िजनकेनाम उस मेमने की जीवन-पु तक म संसार केआर भ से ही नहीं िलखे िजसका बिलदान िकयाजाना सुिनि चत है।

    ९यिद िकसी के कान ह तो वह सुने :१० बंदीगृह म बंदी होना, िजसकी िनयितबनी है वह िन चय ही बंदी होगा।यिद कोई अिस से मारेगा तोवह भी उस ही अिस से मारा जाएगा।इसी म तो परमे वर के संत जन से धैयपणूसहनशीलता और िव वास की अपे ा है।

    धरती से पशु का िनकलना११ इसके प चात् मने धरती से िनकलते हुए एक

    और पशु को देखा। उसके मेमने के सीगं जैसे दोसीगं थे। िक तु वह एकमहानाग के समान बोलताथा। १२उस िवशालकाय अजगर के सामने वहपहले पशु के सभी अिधकार का उपयोग करताथा। उसने धरती और धरती पर सभी रहने वालसे उस पहले पशु की उपासना करवाई िजसकाघातक घाव भर चुका था। १३दसूरे पशु ने बड़े-बड़ेचम कार िकए। यहाँ तक िकसभी लोग के सामनेउसने धरती पर आकाश से आग बरसवा दी।

    १४वह धरती के िनवािसय को छलता चलागया य िक उसके पास पहले पशु की उपि थितम चम कार िदखाने की शि त थी। दसूरे पशु नेधरती के िनवािसय से उस पहले पशु को आदरदेने के िलए िजस पर तलवार का घाव लगा थाऔर जो ठीक हो गया था, उसकी मिूत बनानेको कहा। १५दसूरे पशु को यह शि त दी गई थीिक वह पहले पशु की मिूत म पर्ाण पर्ित ठाकरे तािक पहले पशु की वह मिूत न केवल बोलसके बि क उन सभी को मार डालने का आदेश

  • पर्कािशत वा य १३:१६ 12 पर्कािशत वा य १४:१५

    भी दे सके जो इस मिूत की उपासना नहीं करते।१६–१७दसूरे पशु ने छोट -बड़ , धिनय -िनधन ,वत तर् और दास -सभी को िववश िकया िक वेअपने-अपने दािहने हाथ या माथ पर उस पशु केनामया उसके नाम से स बि धत सं या कीछापलगवायतािक उसछापको धारण िकए िबनाकोईभी ले बेच न कर सके।

    १८ िजसम बुदि्ध हो, वह उस पशु के अंक कािहसाब लगा ले य िक वह अंक िकसी यि तके नाम से स बि धत है। उसका अंक है छः सौिछयासठ।

    मु त जन का गीत

    १४ १ िफर मने देखा िक मेरे सामने िस योनपवत पर मेमना खड़ा है। उसके साथ हीएक लाख चवालीस हज़ार वे लोग भी खड़े थेिजनके माथ पर उसका और उसके िपता का नामअंिकत था।

    २ िफर मने एकआकाशवाणी सुनी, उसका मह