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e-Magazine Issue - 2 January 2018 JNV MEHSANA LIBRARY Jawahar Navodaya Vidyalaya, Vadnagar Mehsana (Gujarat)

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  • e-Magazine

    Issue - 2

    January 2018

    JNV MEHSANA LIBRARY

    Jawahar Navodaya Vidyalaya, Vadnagar

    Mehsana (Gujarat)

  • JNV Mehsana Library

    Issue - 2 January 2018

    Student Editors :

    1)Suhani Chaudhary(VIII B)

    2)Rutwa Chaudhary(VIII B)

    3)Punit Bhaiya(VIII A)

    Editor : Mrs. Chirag Patel, Librarian

    Patron : Dr. Vijay Kumar, Principal

  • E D I T O R I A L

    I am happy to publish the second issue of e-magazine of

    Vidyalaya library. Really it is a good platform for giving

    encouragement to the students for creative writing. Students

    are taking keen interest in publication of e-magazine.

    I will try my level best to continue publication of magazine

    evolving the students in large number.

    I extend hearty thanks to the student editors, writers and

    artist for their contribution.

    I am thankful to Sh. R.K. Gupta, Assistant Commissioner &

    cluster I/c for encouraging me to publish e-magazine. I am also

    thankful to the Principal Dr. Vijaykumar for extending necessary

    support in the publication of this magazine.

    C.S. Patel Librarian JNV Mehsana

  • Jawahar Navodaya Vidyalaya Vadnagar Mehsana

    I N D E X

    A) Book Review

    Name of the Book Author Reviewer 1)कल्पना चावला सितार ों िे आगेअसनल पद्मनाभम सुहानी चौधरी (VIIIB)

    2)भारत के नारी रत्न जय ससिंह रुत्वा चौधरी (VIIIB)

    B) Self Composed Poem

    पढ़ने की शक्ति By – भव्य परीख (VIII B)

    C) Painting Competition - Punit Bhaiya (VIII A) - Prachi Bhojak(VIII B)

    - Jiya Chaudhary(VIII B)

    - Urvi Solanki (IX A)

    D) Report of the Celebration of

    National Book Week 2017

  • A - BOOK REVIEW

    (1) छात्रा का नाम :सुहानी चौधरी (VIII B)

    पुस्तक पररचय

    पुस्तक का नाम : कल्पना चावला सितार ों िे आगे

    लेखक : असनल पद्मनाभम

    प्रकाशन : प्रभात प्रकाशन

    पुस्तक िमीक्षा

    कममवीर कभी सवघ्न _ बाधओों िे सवचसलत नही ों ह ते। धे्ययसनष्ठ , कतमव्य – परायण व्यक्ति के सलए कुछ भी

    अिोंभव नही ों। भाग्य पे आसित रहनेवाले कभी कुछ नया नही ों कर िकते। इसतहाि िाक्षी है – िोंिार में सजन् ोंने

    िोंकट ों क पार कर कुछ नया कर सदखाया , यश औरिम्मान के चरम त्कर्म क प्राप्त सकया। एिा ही इसतहाि रचा

    हररयाणाके एक छ टे िे नगर करनाल के मध्य वगीय पररवार मे जन्मीकल्पना चावला ने बाल्यकाल िे वह सितार ों के

    िपने देखा करती थी। देश सवभाजन की त्रािदी के बाद सवस्थासपत पररवार की जजमरआसथमक क्तस्थती के बावजूद

    अपनी द्रढ़ इच्छाशक्ति ,तीक्ष्ण बुक्तधिमत्ता , अटूट आत्मसवश्वाि तथा ितत कठ र पररिम के िाथ वह एक भारतीय

    अद्भुत यात्री बनी।कल्पना चावलाने कहा था सक ,- िपन ों िे िफलता कीऔर जाने की राह मौजूद है। आप में उिे

    ख जने की द्रसि , उिपर चलने का िाहि और उिका अनुिरनकरने की इच्छाशक्ति ह नी चासहए । इकतालीि

    वर्ीय कल्पना चावला अपने पीछे अनेक अनुत्तररत प्रश्न छ ड़ गई। करनाल की ही नही ों बक्ति अखोंड भारत की यह

    बेटी िफलतापूवमक कठीन यात्रा कर िकी , ज न केवल महाद्वीप की लाोंघनेवाली नही ों , असपतु सभन्न िोंसृ्कसतय ों िे

    जुड़ी थी और अोंतत : स्वय॰ अोंतररक्ष में ख गई। इि पुस्तक िे खािकर मसहलाओों क भी िभी चीज मेंहर बार

    अपने आत्मसवश्वाि के िाथ आगे बढ्ने की इच्छा शक्ति ह नी चासहए। मसहलाएों भी आगे बढ़ती है और बढ़ेगी। जैिे

    कल्पनाने अन्य ल ग ों िे अलग िम्पन्न पररवार के वैभवपूणम जीवन क त्याग कर हर चुन्न ती क स्वीकार सकया ।

    अोंधसवश्वाि ों और रूसढ़य ों िे ऊपर उठकर छ टे कद की वह दुबली – पतली लड़की अपनी मधुर मुस्कान एवों द्रढ़

    िोंकल्प के िाथ अपने िपन ों क िाकार करती हुई चली गई । मुजे भी आशा है सक एक दीनआप भी

    महान कायम करके अपने देश का नाम र शन करें गे और अपने िपन ों क िाकार करते हुए कल्पना की तरह आगे

    बढ़ें गे । इिसलए मुजे आपिे अनुर ध है की आप इि पे्ररणादायी पुस्तक क जरूर पढ़ें गे।

  • (2) छात्र का नाम : रुत्वा चौधरी (VIII B)

    पुस्तक पररचय

    पुस्तक का नाम : भारत के नारी रत्न

    लेखक : जय ससिंह

    प्रकाशक :

    कीमत :

    पृि िोंख्या :

    भारत के नारी रत्नपुस्तक मे लेखकने स्वतिंत्रता सेनानी , समाजसुधारक , क्ािंसतकारी जैसी वीर

    मसहलाओ के बारे में अचे्छ से वर्णन सकया है।

    इस पुस्तक में कहा गया है की भारत की महान नाररय िं की कहानी बहुत पुरानी और लिंबी है।

    भारत की ज पुरातन सिंसृ्कसत और परिंपरा है उसे भारत की बेसिय िं ने ही कायम रखा है और वे धर हर के

    रूप में उसे नई पौध क स िंपती भी गई। इसतहास इस बात का साक्षी है की नाररय िं ने प्रते्यक के्षत्रमें

    सराहनीय सहय ग सिया हैं। । पररवार , समाज और िेश के इत्थान के सलए वे हमेंशा जागरूक रही िं।

    कसिन से कसिन पररस्थिसतय िं में भी मुस्िल िं का सामने करके उन्ह ने अपने उत्तरिासयत्व क सनभाया है।

    भारत की इन नाररय िं ने केवल िेश क ही नही िं सवश्व क भी एक नई सिशा िी।

    इस पुस्तक में एसी ही कमणि , धीर तिा सेवापरायर् मसहलाओिं की जीवनी है। इसमें मध्ययुग की

    वीरािंगनाओ से लेकर आधुसनक युग की कसू्तरबा तक के पुण्य चररत है। मीराबाई , पन्नाधाय, रानी िुगाणवती,

    नूरजहािं, महारानी लक्ष्मीबाइ , कसू्तरबा जैसी वीर और महाननाररय िं के जीवन तिा कायण का सवसृ्तत वर्णन

    कीया है।

  • B - સ્વરચિત કચવતા

    छात्र का नाम : भव्य परीख (VIII B)

    पढ़ने की शक्ति

    पढ़ने में ही शक्ति है,

    पढ़ना िच्ची भक्ति है।

    पुस्तक में ही ज्ञान है,

    देश का यह सनमामण है।

    पुस्तक में ही बाईबल, गीता

    पुस्तक में ही कुरान है।

    पुस्तक में ही ईिा-मिा और

    कृष्ण भगवान है।

    ईश्वर अल्लाह ही सशक्षा है

    गुरु नानक का ज्ञान है।

    पुस्तक में भारत माता के

    आशीर् ों का ज्ञान है।

    शब्द शब्द में छीपा है

    एक मोंसिल का आहान है।

    पने्न पने्न पर मुस्काता

    हम िब का भगवान है।

    पोंक्ति पोंक्ति पर प्रगसत पथ पर

    बढ़तावह इोंिान है।

    हम बचे्च सवद्वान बनेगे

    देश का हम सनमामण करेगे।

  • C–Library Painting Competition

    Made by :Punit Bhaiya, Class – VIII-B

  • Made by :Prachi Bhojak, Class – VIII - B

  • Made by :Jiya Chaudhary, Class – VIII - B

  • Made by : Solanki Urvi, Class IX – A

  • D- Report of the Celebration of National Book Week 2017

    रािर ीय पुस्तक िप्ताह (14-21 नवम्बर 2017) सवद्यालय मे परम्परागत तरीके िे

    उत्साह एवों प्रभावी ढोंग िे मनाया गया। इि अविर पर सवसवध कायमक्रम आय सजत सकए गए।

    पुस्तक िप्ताह का ऊदघाटन 14 नवम्बर के सदन बाल सदवि के आय जन के िाथ हुआ।

    इि अविर पर पुस्तक िप्ताह के महत्व पर विव्य में प्रकाश डाला गया।

    सदनाोंक 15-21 नवम्बर तक प्रसतसदन महत्वपूणम कायमक्रम ों का आय जन सकया गया।

    सजिमें पुस्तक िमीक्षा ,,इलेक्ट्र सनक मीसडया पुस्तक का सवकल्प नही ों बन शकते पर

    लेख,स्वरसचत कहानी , सनबोंधलेखन , पुस्त कालय पर आधाररत सचत्र ,स्वरसचत कसवता , पुस्तक

    िमीक्षा एिाइमेंट ,पुस्तकालय के महत्व पर आधाररत पसत्रका जैिे सवसवध कायमक्रम आय सजत

    कीये गये। इिमें छात्र-छात्राओने काफी उत्साह िे भाग सलया।

    नवाचार क प्र त्सासहत करने के सलए एक और कायमक्रम आय सजत सकया गया सजिमें पााँच

    गुजराती कसवता का सहन्दी अनुवाद और पााँच सहन्दी कसवता का गुजराती अनुवाद सकया गया। इि

    अनुवाद क ि ताओने खूब िहारा।

    रािर ीय पुस्तक िप्ताह के िमापन में पुस्तकलायाध्यक्ष िीमती सचराग पटेल द्वारा छात्र ों क

    यह अपील की गई की वह िेष्ठ पाठक , िेष्ठ ि ता और िेष्ठ विा बने। इि िमापन िमार ह मे

    प्राचायमिी डॉ. सवजयकुमार द्वारासवद्यालय पुस्तकालय की उपय सगता क और बढ़ाने पर ि र

    सदया गया पुस्तक िप्ताह के िफल आय जन के सलए िभी िोंबक्तित छात्र छात्रा एवों

    पुस्तकालयाध्यक्ष क धन्यवाद ज्ञासपत सकया।

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