मैयारुल मजाहिब - ahmadiyya · name of book : ma’iyarul mazahib...

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Page 1: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

मयारल मजाहिब(धममो का मापदणड)

साभाहक मापडणड स धममो का मक़ाबला

लखकहज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद क़मदयनी

िसीह िौऊद व िहदी िहद अलमहससलि

I

नि पसतक ियरल िज़महबName of book Marsquoiyarul Mazahibलखक हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद क़मदयनी िसीह िौऊद अलमहससलिWriter Hazrat Mirza Ghulam Ahmad Qadiani Masih Mauud Alaihissalam

अनवदक ड अनसर अहिद पीएचडी आनसज़ा इन अरमबकTranslator Dr Ansar Ahmad PhD Hons in Arabic टईप समटग नईि उल हक़ करशी िरबबी मसलमसल Type Setting Naeem Ul Haque Qureshi Murabbi Silsilaससकरण तथ वरज़ा परथि ससकरण (महनदी) जलई 2018 ई०Edition Year 1st Edition (Hindi) July 2018सखय Quantity 1000परकशक नज़रत नशर-व-इशअत क़मदयन 143516 मज़ल-गरदसपर (पजब)Publisher Nazarat Nashr-o-Ishaat Qadian 143516 Distt Gurdaspur (Punjab)िदरक फ़ज़ल उिर मपरमटग परस क़मदयन 143516 मज़ल-गरदसपर (पजब)Printed at Fazl-e-Umar Printing Press Qadian 143516 Distt Gurdaspur (Punjab)

II

परकाशक की ओर स हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद समहब क़मदयनी िसीह िौऊद

व िहदी िहद अलमहससलि दर मलमखत पसतक क यह महनदी अनवद शरी डॉ० अनसर अहिद न मकय ह और ततपशत िकररि शख़ िजमहद अहिद शसती (सदर ररवयय किटी) िकररि फ़रहत अहिद आचयज़ा (इचजज़ा महनदी डसक) िकररि अली हसन एि ए और िकररि नसीरल हक़ आचयज़ा न इसकी परयफ़ रीमडग और ररवयय आमद मकय ह अलह तआल इन सब को उतति परमतफल परदन कर

इस पसतक को हज़रत ख़लीफ़तल िसीह ख़मिस अययदहलह तआल मबनमरिमहल अज़ीज़ (जिअत अहिमदय क वतज़ािन ख़लीफ़) की अनिमत स महनदी परथि ससकरण क रप ि परकमशत मकय ज रह ह मवनीत हमफ़ज़ िख़दयि शरीफ़ नमज़र नशर व इशअत क़मदयन

III

पसतक पररचयमयारल म जाहिब

(धिमो क िपदणड)इस छोटी सी पससतक ि हज़रत िसीह िौऊद अलमहससलि

न सवभमवक िपदणड की दसटि स मवमभनन धिमो की तलन की ह मवशर तौर पर आयज़ा धिज़ा ईसई धिज़ा तथ इसलि की खद तआल क बर ि मशक की तलन करक बतय ह मक सही और परकमत क अनसर आसथ वही ह जो इसलि न परसतत की ह और इस रग ि अनय धिमो पर आप अलमहससलि न इसलिी मशक की शरषठत और परधनत मसदध की ह

ख़कसर जललदीन शमस रबवह - 1961 ई

IV

1

मयारल मजाहिब

पसतिका मयारल मजाहिबाभाहक मापदणड स धममो की तिलना

औरअगजी सरकार क उपकार की कछ चचाचा

मर विचार म धममो को परखन और जाचन तथा खर-खोट म अनतर करन क विए वकसी दश क नागररको को इस स उततम अिसर पापत होना सभि नही जो हमार दश पजाब और वहनददसतान को वमिा ह इस अिसर की पापपत क विए पहिी कपा खदा तआिा की वरिवटश सरकार का हमार इस दश पर अवधकार ह हम अतयनत कतघन और नमत क इनकारी ठहरग यवद हम सच हदय स इस उपकारी सरकार क आभारी न हो वजसक बरकत िाि अपसतति स हम दाति और इसिाम क परचार का िह अिसर वमिा जो हम स पिव वकसी बादशाह को भी न वमि सका कयोवक इस जान-वपय सरकार न अवभवयपति की िह तितरतिा दी ह वजस का उदाहरण यवद वकसी अनय ितवमान शासन म तिाश करना चाह तो वयथव ह कया यह अददत बात नही वक हम लनदन क बाजारो म इलाम धमचा की सहायता क विए िह उपदश कर सकत ह वजसका विशष तौर पर शषठ मकका म उपिबध होना हमार विए असभि ह और इस सरकार न न किि पदसतको क परकाशन और धमव क पसारण म पतयक कौम को सिततरता दी अवपतद सिय भी पतयक विकक को विदाओ एि किाओ क पकाशन दारा सहायता

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मयारल मजाहिब

दी और वशका एि पवशकण स एक ससार की आख खोि दी तो यदवप इस उपकारी सरकार का यह उपकार भी कछ कम नही वक िह हमार माि सममान और खन की जहा तक शपति ह सच वदि स रका कर रही ह और हम इस आजादी स िाभ पहचा रही ह वजसक विए हम स पहि बहत स मानि जावत क सच हमददव तरसत हए गदजर गए परनतद सरकार का यह दसरा उपकार उस स भी बढ कर ह वक िह जगिी िहवशयो और नाम क मनदषयो को वभनन-वभनन पकार की वशका क माधयम स विदान एि बदवधिमान बनाना चाहती ह हम दखत ह वक इस सरकार क वनरनतर पयासो स ि िोग जो पशद और चौपायो क करीब-करीब थ कछ-कछ भाग इनसावनयत समझ एि वििक का ि चदक ह और अवधकतर हदयो तथा मपसतषको म एक ऐसी रोशनी पदा हो गई ह जो विदाओ की पापपत क पशात पदा हआ करती ह जानकाररयो की विशािता न जस सहसा ददवनया को पररिवतवत कर वदया ह वकनतद वजस पकार शीश म स घर क अनदर रोशनी तो आ सकती ह परनतद पानी नही आ सकता इसी पकार जान की रोशनी तो हदयो और मपसतषको म आ गई ह परनतद अभी िह शदधि पानी वनषकपटता और सच की ओर होन का अनदर नही आया वजसस रि का पौधा पोषण पाता और अचछा िि िाता परनतद यह सरकार का दोष नही ह अवपतद अभी ऐस ससाधन समापत या बहत कम ह जो सची रिाहनयति को जोश म िाए यह अददत बात ह वक जान की उननवत स छि-कपट की भी कछ उननवत मािम होती ह और सतयवनषठ िोगो को असहनशीि भरमो का सामना ह ईमानी सादगी बहत घट गई ह और

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मयारल मजाहिब

दाशववनकतापणव विचारो न वजन क साथ धावमवक जानकाररया कदम स कदम वमिाकर चिन िािी नही ह नि वशवकत िोगो पर एक जहरीिा पभाि डाि रखा ह जो नासतिकतिा की ओर खीच रहा ह और िासति म अतयनत कवठन ह वक इस पभाि स िोग धावमवक सहायता क वबना बच सक उस वयपति की हाित पर अफसोस वक जो ऐस मदरसो और कािजो म इस हाित म छोडा गया ह जबवक उसको धावमवक अधयातम जानो तथा िासतविकताओ स कछ भी सचना नही हा हम कह सकत ह वक इस उच साहसी सरकार न जो मानि जावत की िमददचा ह इस दश क हदयो की भवम को जो एक बजर पडा हआ था अपन हाथ क पयासो स जगिी पडो और झावडयो तथा विवभनन पकार की घास स जो बहत ऊच और उपिबध होकर भवम को ढक रह थ पवितर कर वदया ह और अब पाकवतक तौर पर िह समय आ गया ह वक सचाई का बीज इस भवम म बोया जाए और विर आकाशीय पानी स हसचाई हो तो ि िोग बड ही सौभागयशािी ह जो इस मबारक सरकार क माधयम स आकाशीय िषाव क वनकट पहच गए ह मदसिमानो को चावहए वक इस सरकार क अपसतति को खदा तआिा की कपा समझ और इसक सच आजा पािन क विए ऐसा पयास कर वक दसरो क विए नमना हो जाए कया उपकार का बदिा उपकार नही कया नकी क बदि नकी करना अवनिायव नही अतः चावहए वक पतयक वयपति सोच ि और अपना नक जौहर वदखाए इसिामी शरीअति वकसी क अवधकार और उपकार को नषट करना नही चाहती तो न दषपिवक अवपतद हदय की सचाई स इस उपकारी सरकार स आजापािन क

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मयारल मजाहिब

साथ वयिहार करना चावहए कयोवक हमार धमव का पकाश ििान क विए पथम आयोजन खदा तआिा न यही सथावपत वकया ह

विर दसरा माधयम जो धममो को पिचानन का हमार दश म पदा हो गया छापखानो की बहतात ह कयोवक ऐसी पदसतक जो मानो पथिी म दफन थी इन छापाखानो क माधयम स जस पदनः जीहति िो गई यहा तक वक वहनददओ का द भी नए पनो का विबास पहन कर वनकि आया नया जनम विया और मखमो और जनसामानय की बनाई हई कहावनयो की वछदानिषण हो गया

तीसरा माधयम मागमो का खदिना और डाक का उततम पबध और दर-दर दशो स पदसतको का इस दश म आ जाना और इस दश स उन दशो म जाना य सब ससाधन सच की पडतिाल क ह जो खदा की कपा (फजि) न हमार दश म उपिबध कर वदए वजन स हम परी सिततरता क साथ िाभ पापत कर रह ह य समति लाभ इस उपकारी और नक नीयत सरकार क दारा हम वमि ह वजस क विए सहसा हमार हदल स दआ वनकिती ह परनतद यवद यह पशन हो वक विर ऐसी सभय और बदवधिमान सरकार ऐस धमव स कयो सबध रखती ह वजसम मनदषय को खदा बना कर सच खदा क सपषट अनावद तथा अपररितवनीय पताप की मान-हावन की जाती ह तो अिसोस वक इस पशन का उततर इसक अवतररति कछ नही वक बादशाहो और राजाओ को जो दश क शासन का विचार आिशयक सीमा स बढ जाता ह इसविए सोच-विचार की समसत शपतिया इसी म वयय हो जाती ह और राषटीय सहायता का वहत आहिरति (परिोक) क मामिो की ओर सर उठान नही दता इसी पकार एक वनरनतर और न समापत

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मयारल मजाहिब

होन िाि सासाररक उदशयो क नीच दब कर खदा को पहचानन और सतय की अवभिाषा की रह कम हो जाती ह इसक बािजद खदा तआिा क फजि (कपा) स वनराशा नही वक िह इस साहसी सरकार को सदागचा की ओर धयान वदिा द हमारी ददआ जसा वक इस सरकार की सासाररक भिाई क विए ह इसी पकार आविरत क विए भी ह तो कया आशयव ह वक ददआ का पभाि हम भी दख ि

इस यदग म जबवक सच और झठ को जात करन क विए बहत स माधयम पदा हो गए ह हमार दश म तीन बड धमव आमन-सामन खड होकर एक दसर स टकरा रह ह इन तीनो धममो म स पतयक धमव िािो का दािा ह वक मरा ही धमव सचा और सही ह और आशयव वक वकसी की जीभ भी इस बात क इनकार की ओर नही झदकती वक इसका धमव सचाई क वसधिानतो पर आधाररत नही परनतद म इस बात को सिीकार नही कर सकता वक जसा वक हमार विरोवधयो की जीभो का दािा ह ऐसा ही एक सकणड क विए उनक हदय भी उनकी जीभो स सहमत हो सकत ह सच धमव की यह एक बडी वनशानी ह वक इस स पिव वक हम जो उसकी सचाई क तकक िणवन कर सिय ि अपन असतित म ही ऐसा पकाशमान एि चमकदार होता ह वक यवद दसर धमव उसकी तदिना म परख जाए तो ि सब अधकार म पड हए विवदत होत ह और इस तकक को उस समय एक बदवधिमान इनसान सिाई स समझ सकता ह वक जबवक पतयक धमव को उसक बनाए हए तकमो को पथक करक किि उसक मि वसधिानत पर दपषट डाि अथावत उन धममो क खदा को पहचानन क तरीक को किि एक दसर क सामन रख कर

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मयारल मजाहिब

जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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मयारल मजाहिब

पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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मयारल मजाहिब

श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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मयारल मजाहिब

शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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मयारल मजाहिब

वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 2: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

नि पसतक ियरल िज़महबName of book Marsquoiyarul Mazahibलखक हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद क़मदयनी िसीह िौऊद अलमहससलिWriter Hazrat Mirza Ghulam Ahmad Qadiani Masih Mauud Alaihissalam

अनवदक ड अनसर अहिद पीएचडी आनसज़ा इन अरमबकTranslator Dr Ansar Ahmad PhD Hons in Arabic टईप समटग नईि उल हक़ करशी िरबबी मसलमसल Type Setting Naeem Ul Haque Qureshi Murabbi Silsilaससकरण तथ वरज़ा परथि ससकरण (महनदी) जलई 2018 ई०Edition Year 1st Edition (Hindi) July 2018सखय Quantity 1000परकशक नज़रत नशर-व-इशअत क़मदयन 143516 मज़ल-गरदसपर (पजब)Publisher Nazarat Nashr-o-Ishaat Qadian 143516 Distt Gurdaspur (Punjab)िदरक फ़ज़ल उिर मपरमटग परस क़मदयन 143516 मज़ल-गरदसपर (पजब)Printed at Fazl-e-Umar Printing Press Qadian 143516 Distt Gurdaspur (Punjab)

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परकाशक की ओर स हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद समहब क़मदयनी िसीह िौऊद

व िहदी िहद अलमहससलि दर मलमखत पसतक क यह महनदी अनवद शरी डॉ० अनसर अहिद न मकय ह और ततपशत िकररि शख़ िजमहद अहिद शसती (सदर ररवयय किटी) िकररि फ़रहत अहिद आचयज़ा (इचजज़ा महनदी डसक) िकररि अली हसन एि ए और िकररि नसीरल हक़ आचयज़ा न इसकी परयफ़ रीमडग और ररवयय आमद मकय ह अलह तआल इन सब को उतति परमतफल परदन कर

इस पसतक को हज़रत ख़लीफ़तल िसीह ख़मिस अययदहलह तआल मबनमरिमहल अज़ीज़ (जिअत अहिमदय क वतज़ािन ख़लीफ़) की अनिमत स महनदी परथि ससकरण क रप ि परकमशत मकय ज रह ह मवनीत हमफ़ज़ िख़दयि शरीफ़ नमज़र नशर व इशअत क़मदयन

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पसतक पररचयमयारल म जाहिब

(धिमो क िपदणड)इस छोटी सी पससतक ि हज़रत िसीह िौऊद अलमहससलि

न सवभमवक िपदणड की दसटि स मवमभनन धिमो की तलन की ह मवशर तौर पर आयज़ा धिज़ा ईसई धिज़ा तथ इसलि की खद तआल क बर ि मशक की तलन करक बतय ह मक सही और परकमत क अनसर आसथ वही ह जो इसलि न परसतत की ह और इस रग ि अनय धिमो पर आप अलमहससलि न इसलिी मशक की शरषठत और परधनत मसदध की ह

ख़कसर जललदीन शमस रबवह - 1961 ई

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मयारल मजाहिब

पसतिका मयारल मजाहिबाभाहक मापदणड स धममो की तिलना

औरअगजी सरकार क उपकार की कछ चचाचा

मर विचार म धममो को परखन और जाचन तथा खर-खोट म अनतर करन क विए वकसी दश क नागररको को इस स उततम अिसर पापत होना सभि नही जो हमार दश पजाब और वहनददसतान को वमिा ह इस अिसर की पापपत क विए पहिी कपा खदा तआिा की वरिवटश सरकार का हमार इस दश पर अवधकार ह हम अतयनत कतघन और नमत क इनकारी ठहरग यवद हम सच हदय स इस उपकारी सरकार क आभारी न हो वजसक बरकत िाि अपसतति स हम दाति और इसिाम क परचार का िह अिसर वमिा जो हम स पिव वकसी बादशाह को भी न वमि सका कयोवक इस जान-वपय सरकार न अवभवयपति की िह तितरतिा दी ह वजस का उदाहरण यवद वकसी अनय ितवमान शासन म तिाश करना चाह तो वयथव ह कया यह अददत बात नही वक हम लनदन क बाजारो म इलाम धमचा की सहायता क विए िह उपदश कर सकत ह वजसका विशष तौर पर शषठ मकका म उपिबध होना हमार विए असभि ह और इस सरकार न न किि पदसतको क परकाशन और धमव क पसारण म पतयक कौम को सिततरता दी अवपतद सिय भी पतयक विकक को विदाओ एि किाओ क पकाशन दारा सहायता

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मयारल मजाहिब

दी और वशका एि पवशकण स एक ससार की आख खोि दी तो यदवप इस उपकारी सरकार का यह उपकार भी कछ कम नही वक िह हमार माि सममान और खन की जहा तक शपति ह सच वदि स रका कर रही ह और हम इस आजादी स िाभ पहचा रही ह वजसक विए हम स पहि बहत स मानि जावत क सच हमददव तरसत हए गदजर गए परनतद सरकार का यह दसरा उपकार उस स भी बढ कर ह वक िह जगिी िहवशयो और नाम क मनदषयो को वभनन-वभनन पकार की वशका क माधयम स विदान एि बदवधिमान बनाना चाहती ह हम दखत ह वक इस सरकार क वनरनतर पयासो स ि िोग जो पशद और चौपायो क करीब-करीब थ कछ-कछ भाग इनसावनयत समझ एि वििक का ि चदक ह और अवधकतर हदयो तथा मपसतषको म एक ऐसी रोशनी पदा हो गई ह जो विदाओ की पापपत क पशात पदा हआ करती ह जानकाररयो की विशािता न जस सहसा ददवनया को पररिवतवत कर वदया ह वकनतद वजस पकार शीश म स घर क अनदर रोशनी तो आ सकती ह परनतद पानी नही आ सकता इसी पकार जान की रोशनी तो हदयो और मपसतषको म आ गई ह परनतद अभी िह शदधि पानी वनषकपटता और सच की ओर होन का अनदर नही आया वजसस रि का पौधा पोषण पाता और अचछा िि िाता परनतद यह सरकार का दोष नही ह अवपतद अभी ऐस ससाधन समापत या बहत कम ह जो सची रिाहनयति को जोश म िाए यह अददत बात ह वक जान की उननवत स छि-कपट की भी कछ उननवत मािम होती ह और सतयवनषठ िोगो को असहनशीि भरमो का सामना ह ईमानी सादगी बहत घट गई ह और

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मयारल मजाहिब

दाशववनकतापणव विचारो न वजन क साथ धावमवक जानकाररया कदम स कदम वमिाकर चिन िािी नही ह नि वशवकत िोगो पर एक जहरीिा पभाि डाि रखा ह जो नासतिकतिा की ओर खीच रहा ह और िासति म अतयनत कवठन ह वक इस पभाि स िोग धावमवक सहायता क वबना बच सक उस वयपति की हाित पर अफसोस वक जो ऐस मदरसो और कािजो म इस हाित म छोडा गया ह जबवक उसको धावमवक अधयातम जानो तथा िासतविकताओ स कछ भी सचना नही हा हम कह सकत ह वक इस उच साहसी सरकार न जो मानि जावत की िमददचा ह इस दश क हदयो की भवम को जो एक बजर पडा हआ था अपन हाथ क पयासो स जगिी पडो और झावडयो तथा विवभनन पकार की घास स जो बहत ऊच और उपिबध होकर भवम को ढक रह थ पवितर कर वदया ह और अब पाकवतक तौर पर िह समय आ गया ह वक सचाई का बीज इस भवम म बोया जाए और विर आकाशीय पानी स हसचाई हो तो ि िोग बड ही सौभागयशािी ह जो इस मबारक सरकार क माधयम स आकाशीय िषाव क वनकट पहच गए ह मदसिमानो को चावहए वक इस सरकार क अपसतति को खदा तआिा की कपा समझ और इसक सच आजा पािन क विए ऐसा पयास कर वक दसरो क विए नमना हो जाए कया उपकार का बदिा उपकार नही कया नकी क बदि नकी करना अवनिायव नही अतः चावहए वक पतयक वयपति सोच ि और अपना नक जौहर वदखाए इसिामी शरीअति वकसी क अवधकार और उपकार को नषट करना नही चाहती तो न दषपिवक अवपतद हदय की सचाई स इस उपकारी सरकार स आजापािन क

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मयारल मजाहिब

साथ वयिहार करना चावहए कयोवक हमार धमव का पकाश ििान क विए पथम आयोजन खदा तआिा न यही सथावपत वकया ह

विर दसरा माधयम जो धममो को पिचानन का हमार दश म पदा हो गया छापखानो की बहतात ह कयोवक ऐसी पदसतक जो मानो पथिी म दफन थी इन छापाखानो क माधयम स जस पदनः जीहति िो गई यहा तक वक वहनददओ का द भी नए पनो का विबास पहन कर वनकि आया नया जनम विया और मखमो और जनसामानय की बनाई हई कहावनयो की वछदानिषण हो गया

तीसरा माधयम मागमो का खदिना और डाक का उततम पबध और दर-दर दशो स पदसतको का इस दश म आ जाना और इस दश स उन दशो म जाना य सब ससाधन सच की पडतिाल क ह जो खदा की कपा (फजि) न हमार दश म उपिबध कर वदए वजन स हम परी सिततरता क साथ िाभ पापत कर रह ह य समति लाभ इस उपकारी और नक नीयत सरकार क दारा हम वमि ह वजस क विए सहसा हमार हदल स दआ वनकिती ह परनतद यवद यह पशन हो वक विर ऐसी सभय और बदवधिमान सरकार ऐस धमव स कयो सबध रखती ह वजसम मनदषय को खदा बना कर सच खदा क सपषट अनावद तथा अपररितवनीय पताप की मान-हावन की जाती ह तो अिसोस वक इस पशन का उततर इसक अवतररति कछ नही वक बादशाहो और राजाओ को जो दश क शासन का विचार आिशयक सीमा स बढ जाता ह इसविए सोच-विचार की समसत शपतिया इसी म वयय हो जाती ह और राषटीय सहायता का वहत आहिरति (परिोक) क मामिो की ओर सर उठान नही दता इसी पकार एक वनरनतर और न समापत

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मयारल मजाहिब

होन िाि सासाररक उदशयो क नीच दब कर खदा को पहचानन और सतय की अवभिाषा की रह कम हो जाती ह इसक बािजद खदा तआिा क फजि (कपा) स वनराशा नही वक िह इस साहसी सरकार को सदागचा की ओर धयान वदिा द हमारी ददआ जसा वक इस सरकार की सासाररक भिाई क विए ह इसी पकार आविरत क विए भी ह तो कया आशयव ह वक ददआ का पभाि हम भी दख ि

इस यदग म जबवक सच और झठ को जात करन क विए बहत स माधयम पदा हो गए ह हमार दश म तीन बड धमव आमन-सामन खड होकर एक दसर स टकरा रह ह इन तीनो धममो म स पतयक धमव िािो का दािा ह वक मरा ही धमव सचा और सही ह और आशयव वक वकसी की जीभ भी इस बात क इनकार की ओर नही झदकती वक इसका धमव सचाई क वसधिानतो पर आधाररत नही परनतद म इस बात को सिीकार नही कर सकता वक जसा वक हमार विरोवधयो की जीभो का दािा ह ऐसा ही एक सकणड क विए उनक हदय भी उनकी जीभो स सहमत हो सकत ह सच धमव की यह एक बडी वनशानी ह वक इस स पिव वक हम जो उसकी सचाई क तकक िणवन कर सिय ि अपन असतित म ही ऐसा पकाशमान एि चमकदार होता ह वक यवद दसर धमव उसकी तदिना म परख जाए तो ि सब अधकार म पड हए विवदत होत ह और इस तकक को उस समय एक बदवधिमान इनसान सिाई स समझ सकता ह वक जबवक पतयक धमव को उसक बनाए हए तकमो को पथक करक किि उसक मि वसधिानत पर दपषट डाि अथावत उन धममो क खदा को पहचानन क तरीक को किि एक दसर क सामन रख कर

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मयारल मजाहिब

जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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मयारल मजाहिब

पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 3: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

परकाशक की ओर स हज़रत मिज़ज़ा ग़लि अहिद समहब क़मदयनी िसीह िौऊद

व िहदी िहद अलमहससलि दर मलमखत पसतक क यह महनदी अनवद शरी डॉ० अनसर अहिद न मकय ह और ततपशत िकररि शख़ िजमहद अहिद शसती (सदर ररवयय किटी) िकररि फ़रहत अहिद आचयज़ा (इचजज़ा महनदी डसक) िकररि अली हसन एि ए और िकररि नसीरल हक़ आचयज़ा न इसकी परयफ़ रीमडग और ररवयय आमद मकय ह अलह तआल इन सब को उतति परमतफल परदन कर

इस पसतक को हज़रत ख़लीफ़तल िसीह ख़मिस अययदहलह तआल मबनमरिमहल अज़ीज़ (जिअत अहिमदय क वतज़ािन ख़लीफ़) की अनिमत स महनदी परथि ससकरण क रप ि परकमशत मकय ज रह ह मवनीत हमफ़ज़ िख़दयि शरीफ़ नमज़र नशर व इशअत क़मदयन

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पसतक पररचयमयारल म जाहिब

(धिमो क िपदणड)इस छोटी सी पससतक ि हज़रत िसीह िौऊद अलमहससलि

न सवभमवक िपदणड की दसटि स मवमभनन धिमो की तलन की ह मवशर तौर पर आयज़ा धिज़ा ईसई धिज़ा तथ इसलि की खद तआल क बर ि मशक की तलन करक बतय ह मक सही और परकमत क अनसर आसथ वही ह जो इसलि न परसतत की ह और इस रग ि अनय धिमो पर आप अलमहससलि न इसलिी मशक की शरषठत और परधनत मसदध की ह

ख़कसर जललदीन शमस रबवह - 1961 ई

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मयारल मजाहिब

पसतिका मयारल मजाहिबाभाहक मापदणड स धममो की तिलना

औरअगजी सरकार क उपकार की कछ चचाचा

मर विचार म धममो को परखन और जाचन तथा खर-खोट म अनतर करन क विए वकसी दश क नागररको को इस स उततम अिसर पापत होना सभि नही जो हमार दश पजाब और वहनददसतान को वमिा ह इस अिसर की पापपत क विए पहिी कपा खदा तआिा की वरिवटश सरकार का हमार इस दश पर अवधकार ह हम अतयनत कतघन और नमत क इनकारी ठहरग यवद हम सच हदय स इस उपकारी सरकार क आभारी न हो वजसक बरकत िाि अपसतति स हम दाति और इसिाम क परचार का िह अिसर वमिा जो हम स पिव वकसी बादशाह को भी न वमि सका कयोवक इस जान-वपय सरकार न अवभवयपति की िह तितरतिा दी ह वजस का उदाहरण यवद वकसी अनय ितवमान शासन म तिाश करना चाह तो वयथव ह कया यह अददत बात नही वक हम लनदन क बाजारो म इलाम धमचा की सहायता क विए िह उपदश कर सकत ह वजसका विशष तौर पर शषठ मकका म उपिबध होना हमार विए असभि ह और इस सरकार न न किि पदसतको क परकाशन और धमव क पसारण म पतयक कौम को सिततरता दी अवपतद सिय भी पतयक विकक को विदाओ एि किाओ क पकाशन दारा सहायता

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मयारल मजाहिब

दी और वशका एि पवशकण स एक ससार की आख खोि दी तो यदवप इस उपकारी सरकार का यह उपकार भी कछ कम नही वक िह हमार माि सममान और खन की जहा तक शपति ह सच वदि स रका कर रही ह और हम इस आजादी स िाभ पहचा रही ह वजसक विए हम स पहि बहत स मानि जावत क सच हमददव तरसत हए गदजर गए परनतद सरकार का यह दसरा उपकार उस स भी बढ कर ह वक िह जगिी िहवशयो और नाम क मनदषयो को वभनन-वभनन पकार की वशका क माधयम स विदान एि बदवधिमान बनाना चाहती ह हम दखत ह वक इस सरकार क वनरनतर पयासो स ि िोग जो पशद और चौपायो क करीब-करीब थ कछ-कछ भाग इनसावनयत समझ एि वििक का ि चदक ह और अवधकतर हदयो तथा मपसतषको म एक ऐसी रोशनी पदा हो गई ह जो विदाओ की पापपत क पशात पदा हआ करती ह जानकाररयो की विशािता न जस सहसा ददवनया को पररिवतवत कर वदया ह वकनतद वजस पकार शीश म स घर क अनदर रोशनी तो आ सकती ह परनतद पानी नही आ सकता इसी पकार जान की रोशनी तो हदयो और मपसतषको म आ गई ह परनतद अभी िह शदधि पानी वनषकपटता और सच की ओर होन का अनदर नही आया वजसस रि का पौधा पोषण पाता और अचछा िि िाता परनतद यह सरकार का दोष नही ह अवपतद अभी ऐस ससाधन समापत या बहत कम ह जो सची रिाहनयति को जोश म िाए यह अददत बात ह वक जान की उननवत स छि-कपट की भी कछ उननवत मािम होती ह और सतयवनषठ िोगो को असहनशीि भरमो का सामना ह ईमानी सादगी बहत घट गई ह और

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मयारल मजाहिब

दाशववनकतापणव विचारो न वजन क साथ धावमवक जानकाररया कदम स कदम वमिाकर चिन िािी नही ह नि वशवकत िोगो पर एक जहरीिा पभाि डाि रखा ह जो नासतिकतिा की ओर खीच रहा ह और िासति म अतयनत कवठन ह वक इस पभाि स िोग धावमवक सहायता क वबना बच सक उस वयपति की हाित पर अफसोस वक जो ऐस मदरसो और कािजो म इस हाित म छोडा गया ह जबवक उसको धावमवक अधयातम जानो तथा िासतविकताओ स कछ भी सचना नही हा हम कह सकत ह वक इस उच साहसी सरकार न जो मानि जावत की िमददचा ह इस दश क हदयो की भवम को जो एक बजर पडा हआ था अपन हाथ क पयासो स जगिी पडो और झावडयो तथा विवभनन पकार की घास स जो बहत ऊच और उपिबध होकर भवम को ढक रह थ पवितर कर वदया ह और अब पाकवतक तौर पर िह समय आ गया ह वक सचाई का बीज इस भवम म बोया जाए और विर आकाशीय पानी स हसचाई हो तो ि िोग बड ही सौभागयशािी ह जो इस मबारक सरकार क माधयम स आकाशीय िषाव क वनकट पहच गए ह मदसिमानो को चावहए वक इस सरकार क अपसतति को खदा तआिा की कपा समझ और इसक सच आजा पािन क विए ऐसा पयास कर वक दसरो क विए नमना हो जाए कया उपकार का बदिा उपकार नही कया नकी क बदि नकी करना अवनिायव नही अतः चावहए वक पतयक वयपति सोच ि और अपना नक जौहर वदखाए इसिामी शरीअति वकसी क अवधकार और उपकार को नषट करना नही चाहती तो न दषपिवक अवपतद हदय की सचाई स इस उपकारी सरकार स आजापािन क

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साथ वयिहार करना चावहए कयोवक हमार धमव का पकाश ििान क विए पथम आयोजन खदा तआिा न यही सथावपत वकया ह

विर दसरा माधयम जो धममो को पिचानन का हमार दश म पदा हो गया छापखानो की बहतात ह कयोवक ऐसी पदसतक जो मानो पथिी म दफन थी इन छापाखानो क माधयम स जस पदनः जीहति िो गई यहा तक वक वहनददओ का द भी नए पनो का विबास पहन कर वनकि आया नया जनम विया और मखमो और जनसामानय की बनाई हई कहावनयो की वछदानिषण हो गया

तीसरा माधयम मागमो का खदिना और डाक का उततम पबध और दर-दर दशो स पदसतको का इस दश म आ जाना और इस दश स उन दशो म जाना य सब ससाधन सच की पडतिाल क ह जो खदा की कपा (फजि) न हमार दश म उपिबध कर वदए वजन स हम परी सिततरता क साथ िाभ पापत कर रह ह य समति लाभ इस उपकारी और नक नीयत सरकार क दारा हम वमि ह वजस क विए सहसा हमार हदल स दआ वनकिती ह परनतद यवद यह पशन हो वक विर ऐसी सभय और बदवधिमान सरकार ऐस धमव स कयो सबध रखती ह वजसम मनदषय को खदा बना कर सच खदा क सपषट अनावद तथा अपररितवनीय पताप की मान-हावन की जाती ह तो अिसोस वक इस पशन का उततर इसक अवतररति कछ नही वक बादशाहो और राजाओ को जो दश क शासन का विचार आिशयक सीमा स बढ जाता ह इसविए सोच-विचार की समसत शपतिया इसी म वयय हो जाती ह और राषटीय सहायता का वहत आहिरति (परिोक) क मामिो की ओर सर उठान नही दता इसी पकार एक वनरनतर और न समापत

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होन िाि सासाररक उदशयो क नीच दब कर खदा को पहचानन और सतय की अवभिाषा की रह कम हो जाती ह इसक बािजद खदा तआिा क फजि (कपा) स वनराशा नही वक िह इस साहसी सरकार को सदागचा की ओर धयान वदिा द हमारी ददआ जसा वक इस सरकार की सासाररक भिाई क विए ह इसी पकार आविरत क विए भी ह तो कया आशयव ह वक ददआ का पभाि हम भी दख ि

इस यदग म जबवक सच और झठ को जात करन क विए बहत स माधयम पदा हो गए ह हमार दश म तीन बड धमव आमन-सामन खड होकर एक दसर स टकरा रह ह इन तीनो धममो म स पतयक धमव िािो का दािा ह वक मरा ही धमव सचा और सही ह और आशयव वक वकसी की जीभ भी इस बात क इनकार की ओर नही झदकती वक इसका धमव सचाई क वसधिानतो पर आधाररत नही परनतद म इस बात को सिीकार नही कर सकता वक जसा वक हमार विरोवधयो की जीभो का दािा ह ऐसा ही एक सकणड क विए उनक हदय भी उनकी जीभो स सहमत हो सकत ह सच धमव की यह एक बडी वनशानी ह वक इस स पिव वक हम जो उसकी सचाई क तकक िणवन कर सिय ि अपन असतित म ही ऐसा पकाशमान एि चमकदार होता ह वक यवद दसर धमव उसकी तदिना म परख जाए तो ि सब अधकार म पड हए विवदत होत ह और इस तकक को उस समय एक बदवधिमान इनसान सिाई स समझ सकता ह वक जबवक पतयक धमव को उसक बनाए हए तकमो को पथक करक किि उसक मि वसधिानत पर दपषट डाि अथावत उन धममो क खदा को पहचानन क तरीक को किि एक दसर क सामन रख कर

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जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 4: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

पसतक पररचयमयारल म जाहिब

(धिमो क िपदणड)इस छोटी सी पससतक ि हज़रत िसीह िौऊद अलमहससलि

न सवभमवक िपदणड की दसटि स मवमभनन धिमो की तलन की ह मवशर तौर पर आयज़ा धिज़ा ईसई धिज़ा तथ इसलि की खद तआल क बर ि मशक की तलन करक बतय ह मक सही और परकमत क अनसर आसथ वही ह जो इसलि न परसतत की ह और इस रग ि अनय धिमो पर आप अलमहससलि न इसलिी मशक की शरषठत और परधनत मसदध की ह

ख़कसर जललदीन शमस रबवह - 1961 ई

IV

1

मयारल मजाहिब

पसतिका मयारल मजाहिबाभाहक मापदणड स धममो की तिलना

औरअगजी सरकार क उपकार की कछ चचाचा

मर विचार म धममो को परखन और जाचन तथा खर-खोट म अनतर करन क विए वकसी दश क नागररको को इस स उततम अिसर पापत होना सभि नही जो हमार दश पजाब और वहनददसतान को वमिा ह इस अिसर की पापपत क विए पहिी कपा खदा तआिा की वरिवटश सरकार का हमार इस दश पर अवधकार ह हम अतयनत कतघन और नमत क इनकारी ठहरग यवद हम सच हदय स इस उपकारी सरकार क आभारी न हो वजसक बरकत िाि अपसतति स हम दाति और इसिाम क परचार का िह अिसर वमिा जो हम स पिव वकसी बादशाह को भी न वमि सका कयोवक इस जान-वपय सरकार न अवभवयपति की िह तितरतिा दी ह वजस का उदाहरण यवद वकसी अनय ितवमान शासन म तिाश करना चाह तो वयथव ह कया यह अददत बात नही वक हम लनदन क बाजारो म इलाम धमचा की सहायता क विए िह उपदश कर सकत ह वजसका विशष तौर पर शषठ मकका म उपिबध होना हमार विए असभि ह और इस सरकार न न किि पदसतको क परकाशन और धमव क पसारण म पतयक कौम को सिततरता दी अवपतद सिय भी पतयक विकक को विदाओ एि किाओ क पकाशन दारा सहायता

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मयारल मजाहिब

दी और वशका एि पवशकण स एक ससार की आख खोि दी तो यदवप इस उपकारी सरकार का यह उपकार भी कछ कम नही वक िह हमार माि सममान और खन की जहा तक शपति ह सच वदि स रका कर रही ह और हम इस आजादी स िाभ पहचा रही ह वजसक विए हम स पहि बहत स मानि जावत क सच हमददव तरसत हए गदजर गए परनतद सरकार का यह दसरा उपकार उस स भी बढ कर ह वक िह जगिी िहवशयो और नाम क मनदषयो को वभनन-वभनन पकार की वशका क माधयम स विदान एि बदवधिमान बनाना चाहती ह हम दखत ह वक इस सरकार क वनरनतर पयासो स ि िोग जो पशद और चौपायो क करीब-करीब थ कछ-कछ भाग इनसावनयत समझ एि वििक का ि चदक ह और अवधकतर हदयो तथा मपसतषको म एक ऐसी रोशनी पदा हो गई ह जो विदाओ की पापपत क पशात पदा हआ करती ह जानकाररयो की विशािता न जस सहसा ददवनया को पररिवतवत कर वदया ह वकनतद वजस पकार शीश म स घर क अनदर रोशनी तो आ सकती ह परनतद पानी नही आ सकता इसी पकार जान की रोशनी तो हदयो और मपसतषको म आ गई ह परनतद अभी िह शदधि पानी वनषकपटता और सच की ओर होन का अनदर नही आया वजसस रि का पौधा पोषण पाता और अचछा िि िाता परनतद यह सरकार का दोष नही ह अवपतद अभी ऐस ससाधन समापत या बहत कम ह जो सची रिाहनयति को जोश म िाए यह अददत बात ह वक जान की उननवत स छि-कपट की भी कछ उननवत मािम होती ह और सतयवनषठ िोगो को असहनशीि भरमो का सामना ह ईमानी सादगी बहत घट गई ह और

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मयारल मजाहिब

दाशववनकतापणव विचारो न वजन क साथ धावमवक जानकाररया कदम स कदम वमिाकर चिन िािी नही ह नि वशवकत िोगो पर एक जहरीिा पभाि डाि रखा ह जो नासतिकतिा की ओर खीच रहा ह और िासति म अतयनत कवठन ह वक इस पभाि स िोग धावमवक सहायता क वबना बच सक उस वयपति की हाित पर अफसोस वक जो ऐस मदरसो और कािजो म इस हाित म छोडा गया ह जबवक उसको धावमवक अधयातम जानो तथा िासतविकताओ स कछ भी सचना नही हा हम कह सकत ह वक इस उच साहसी सरकार न जो मानि जावत की िमददचा ह इस दश क हदयो की भवम को जो एक बजर पडा हआ था अपन हाथ क पयासो स जगिी पडो और झावडयो तथा विवभनन पकार की घास स जो बहत ऊच और उपिबध होकर भवम को ढक रह थ पवितर कर वदया ह और अब पाकवतक तौर पर िह समय आ गया ह वक सचाई का बीज इस भवम म बोया जाए और विर आकाशीय पानी स हसचाई हो तो ि िोग बड ही सौभागयशािी ह जो इस मबारक सरकार क माधयम स आकाशीय िषाव क वनकट पहच गए ह मदसिमानो को चावहए वक इस सरकार क अपसतति को खदा तआिा की कपा समझ और इसक सच आजा पािन क विए ऐसा पयास कर वक दसरो क विए नमना हो जाए कया उपकार का बदिा उपकार नही कया नकी क बदि नकी करना अवनिायव नही अतः चावहए वक पतयक वयपति सोच ि और अपना नक जौहर वदखाए इसिामी शरीअति वकसी क अवधकार और उपकार को नषट करना नही चाहती तो न दषपिवक अवपतद हदय की सचाई स इस उपकारी सरकार स आजापािन क

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मयारल मजाहिब

साथ वयिहार करना चावहए कयोवक हमार धमव का पकाश ििान क विए पथम आयोजन खदा तआिा न यही सथावपत वकया ह

विर दसरा माधयम जो धममो को पिचानन का हमार दश म पदा हो गया छापखानो की बहतात ह कयोवक ऐसी पदसतक जो मानो पथिी म दफन थी इन छापाखानो क माधयम स जस पदनः जीहति िो गई यहा तक वक वहनददओ का द भी नए पनो का विबास पहन कर वनकि आया नया जनम विया और मखमो और जनसामानय की बनाई हई कहावनयो की वछदानिषण हो गया

तीसरा माधयम मागमो का खदिना और डाक का उततम पबध और दर-दर दशो स पदसतको का इस दश म आ जाना और इस दश स उन दशो म जाना य सब ससाधन सच की पडतिाल क ह जो खदा की कपा (फजि) न हमार दश म उपिबध कर वदए वजन स हम परी सिततरता क साथ िाभ पापत कर रह ह य समति लाभ इस उपकारी और नक नीयत सरकार क दारा हम वमि ह वजस क विए सहसा हमार हदल स दआ वनकिती ह परनतद यवद यह पशन हो वक विर ऐसी सभय और बदवधिमान सरकार ऐस धमव स कयो सबध रखती ह वजसम मनदषय को खदा बना कर सच खदा क सपषट अनावद तथा अपररितवनीय पताप की मान-हावन की जाती ह तो अिसोस वक इस पशन का उततर इसक अवतररति कछ नही वक बादशाहो और राजाओ को जो दश क शासन का विचार आिशयक सीमा स बढ जाता ह इसविए सोच-विचार की समसत शपतिया इसी म वयय हो जाती ह और राषटीय सहायता का वहत आहिरति (परिोक) क मामिो की ओर सर उठान नही दता इसी पकार एक वनरनतर और न समापत

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मयारल मजाहिब

होन िाि सासाररक उदशयो क नीच दब कर खदा को पहचानन और सतय की अवभिाषा की रह कम हो जाती ह इसक बािजद खदा तआिा क फजि (कपा) स वनराशा नही वक िह इस साहसी सरकार को सदागचा की ओर धयान वदिा द हमारी ददआ जसा वक इस सरकार की सासाररक भिाई क विए ह इसी पकार आविरत क विए भी ह तो कया आशयव ह वक ददआ का पभाि हम भी दख ि

इस यदग म जबवक सच और झठ को जात करन क विए बहत स माधयम पदा हो गए ह हमार दश म तीन बड धमव आमन-सामन खड होकर एक दसर स टकरा रह ह इन तीनो धममो म स पतयक धमव िािो का दािा ह वक मरा ही धमव सचा और सही ह और आशयव वक वकसी की जीभ भी इस बात क इनकार की ओर नही झदकती वक इसका धमव सचाई क वसधिानतो पर आधाररत नही परनतद म इस बात को सिीकार नही कर सकता वक जसा वक हमार विरोवधयो की जीभो का दािा ह ऐसा ही एक सकणड क विए उनक हदय भी उनकी जीभो स सहमत हो सकत ह सच धमव की यह एक बडी वनशानी ह वक इस स पिव वक हम जो उसकी सचाई क तकक िणवन कर सिय ि अपन असतित म ही ऐसा पकाशमान एि चमकदार होता ह वक यवद दसर धमव उसकी तदिना म परख जाए तो ि सब अधकार म पड हए विवदत होत ह और इस तकक को उस समय एक बदवधिमान इनसान सिाई स समझ सकता ह वक जबवक पतयक धमव को उसक बनाए हए तकमो को पथक करक किि उसक मि वसधिानत पर दपषट डाि अथावत उन धममो क खदा को पहचानन क तरीक को किि एक दसर क सामन रख कर

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मयारल मजाहिब

जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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मयारल मजाहिब

पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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मयारल मजाहिब

श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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मयारल मजाहिब

शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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मयारल मजाहिब

वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 5: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

पसतिका मयारल मजाहिबाभाहक मापदणड स धममो की तिलना

औरअगजी सरकार क उपकार की कछ चचाचा

मर विचार म धममो को परखन और जाचन तथा खर-खोट म अनतर करन क विए वकसी दश क नागररको को इस स उततम अिसर पापत होना सभि नही जो हमार दश पजाब और वहनददसतान को वमिा ह इस अिसर की पापपत क विए पहिी कपा खदा तआिा की वरिवटश सरकार का हमार इस दश पर अवधकार ह हम अतयनत कतघन और नमत क इनकारी ठहरग यवद हम सच हदय स इस उपकारी सरकार क आभारी न हो वजसक बरकत िाि अपसतति स हम दाति और इसिाम क परचार का िह अिसर वमिा जो हम स पिव वकसी बादशाह को भी न वमि सका कयोवक इस जान-वपय सरकार न अवभवयपति की िह तितरतिा दी ह वजस का उदाहरण यवद वकसी अनय ितवमान शासन म तिाश करना चाह तो वयथव ह कया यह अददत बात नही वक हम लनदन क बाजारो म इलाम धमचा की सहायता क विए िह उपदश कर सकत ह वजसका विशष तौर पर शषठ मकका म उपिबध होना हमार विए असभि ह और इस सरकार न न किि पदसतको क परकाशन और धमव क पसारण म पतयक कौम को सिततरता दी अवपतद सिय भी पतयक विकक को विदाओ एि किाओ क पकाशन दारा सहायता

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मयारल मजाहिब

दी और वशका एि पवशकण स एक ससार की आख खोि दी तो यदवप इस उपकारी सरकार का यह उपकार भी कछ कम नही वक िह हमार माि सममान और खन की जहा तक शपति ह सच वदि स रका कर रही ह और हम इस आजादी स िाभ पहचा रही ह वजसक विए हम स पहि बहत स मानि जावत क सच हमददव तरसत हए गदजर गए परनतद सरकार का यह दसरा उपकार उस स भी बढ कर ह वक िह जगिी िहवशयो और नाम क मनदषयो को वभनन-वभनन पकार की वशका क माधयम स विदान एि बदवधिमान बनाना चाहती ह हम दखत ह वक इस सरकार क वनरनतर पयासो स ि िोग जो पशद और चौपायो क करीब-करीब थ कछ-कछ भाग इनसावनयत समझ एि वििक का ि चदक ह और अवधकतर हदयो तथा मपसतषको म एक ऐसी रोशनी पदा हो गई ह जो विदाओ की पापपत क पशात पदा हआ करती ह जानकाररयो की विशािता न जस सहसा ददवनया को पररिवतवत कर वदया ह वकनतद वजस पकार शीश म स घर क अनदर रोशनी तो आ सकती ह परनतद पानी नही आ सकता इसी पकार जान की रोशनी तो हदयो और मपसतषको म आ गई ह परनतद अभी िह शदधि पानी वनषकपटता और सच की ओर होन का अनदर नही आया वजसस रि का पौधा पोषण पाता और अचछा िि िाता परनतद यह सरकार का दोष नही ह अवपतद अभी ऐस ससाधन समापत या बहत कम ह जो सची रिाहनयति को जोश म िाए यह अददत बात ह वक जान की उननवत स छि-कपट की भी कछ उननवत मािम होती ह और सतयवनषठ िोगो को असहनशीि भरमो का सामना ह ईमानी सादगी बहत घट गई ह और

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मयारल मजाहिब

दाशववनकतापणव विचारो न वजन क साथ धावमवक जानकाररया कदम स कदम वमिाकर चिन िािी नही ह नि वशवकत िोगो पर एक जहरीिा पभाि डाि रखा ह जो नासतिकतिा की ओर खीच रहा ह और िासति म अतयनत कवठन ह वक इस पभाि स िोग धावमवक सहायता क वबना बच सक उस वयपति की हाित पर अफसोस वक जो ऐस मदरसो और कािजो म इस हाित म छोडा गया ह जबवक उसको धावमवक अधयातम जानो तथा िासतविकताओ स कछ भी सचना नही हा हम कह सकत ह वक इस उच साहसी सरकार न जो मानि जावत की िमददचा ह इस दश क हदयो की भवम को जो एक बजर पडा हआ था अपन हाथ क पयासो स जगिी पडो और झावडयो तथा विवभनन पकार की घास स जो बहत ऊच और उपिबध होकर भवम को ढक रह थ पवितर कर वदया ह और अब पाकवतक तौर पर िह समय आ गया ह वक सचाई का बीज इस भवम म बोया जाए और विर आकाशीय पानी स हसचाई हो तो ि िोग बड ही सौभागयशािी ह जो इस मबारक सरकार क माधयम स आकाशीय िषाव क वनकट पहच गए ह मदसिमानो को चावहए वक इस सरकार क अपसतति को खदा तआिा की कपा समझ और इसक सच आजा पािन क विए ऐसा पयास कर वक दसरो क विए नमना हो जाए कया उपकार का बदिा उपकार नही कया नकी क बदि नकी करना अवनिायव नही अतः चावहए वक पतयक वयपति सोच ि और अपना नक जौहर वदखाए इसिामी शरीअति वकसी क अवधकार और उपकार को नषट करना नही चाहती तो न दषपिवक अवपतद हदय की सचाई स इस उपकारी सरकार स आजापािन क

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मयारल मजाहिब

साथ वयिहार करना चावहए कयोवक हमार धमव का पकाश ििान क विए पथम आयोजन खदा तआिा न यही सथावपत वकया ह

विर दसरा माधयम जो धममो को पिचानन का हमार दश म पदा हो गया छापखानो की बहतात ह कयोवक ऐसी पदसतक जो मानो पथिी म दफन थी इन छापाखानो क माधयम स जस पदनः जीहति िो गई यहा तक वक वहनददओ का द भी नए पनो का विबास पहन कर वनकि आया नया जनम विया और मखमो और जनसामानय की बनाई हई कहावनयो की वछदानिषण हो गया

तीसरा माधयम मागमो का खदिना और डाक का उततम पबध और दर-दर दशो स पदसतको का इस दश म आ जाना और इस दश स उन दशो म जाना य सब ससाधन सच की पडतिाल क ह जो खदा की कपा (फजि) न हमार दश म उपिबध कर वदए वजन स हम परी सिततरता क साथ िाभ पापत कर रह ह य समति लाभ इस उपकारी और नक नीयत सरकार क दारा हम वमि ह वजस क विए सहसा हमार हदल स दआ वनकिती ह परनतद यवद यह पशन हो वक विर ऐसी सभय और बदवधिमान सरकार ऐस धमव स कयो सबध रखती ह वजसम मनदषय को खदा बना कर सच खदा क सपषट अनावद तथा अपररितवनीय पताप की मान-हावन की जाती ह तो अिसोस वक इस पशन का उततर इसक अवतररति कछ नही वक बादशाहो और राजाओ को जो दश क शासन का विचार आिशयक सीमा स बढ जाता ह इसविए सोच-विचार की समसत शपतिया इसी म वयय हो जाती ह और राषटीय सहायता का वहत आहिरति (परिोक) क मामिो की ओर सर उठान नही दता इसी पकार एक वनरनतर और न समापत

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मयारल मजाहिब

होन िाि सासाररक उदशयो क नीच दब कर खदा को पहचानन और सतय की अवभिाषा की रह कम हो जाती ह इसक बािजद खदा तआिा क फजि (कपा) स वनराशा नही वक िह इस साहसी सरकार को सदागचा की ओर धयान वदिा द हमारी ददआ जसा वक इस सरकार की सासाररक भिाई क विए ह इसी पकार आविरत क विए भी ह तो कया आशयव ह वक ददआ का पभाि हम भी दख ि

इस यदग म जबवक सच और झठ को जात करन क विए बहत स माधयम पदा हो गए ह हमार दश म तीन बड धमव आमन-सामन खड होकर एक दसर स टकरा रह ह इन तीनो धममो म स पतयक धमव िािो का दािा ह वक मरा ही धमव सचा और सही ह और आशयव वक वकसी की जीभ भी इस बात क इनकार की ओर नही झदकती वक इसका धमव सचाई क वसधिानतो पर आधाररत नही परनतद म इस बात को सिीकार नही कर सकता वक जसा वक हमार विरोवधयो की जीभो का दािा ह ऐसा ही एक सकणड क विए उनक हदय भी उनकी जीभो स सहमत हो सकत ह सच धमव की यह एक बडी वनशानी ह वक इस स पिव वक हम जो उसकी सचाई क तकक िणवन कर सिय ि अपन असतित म ही ऐसा पकाशमान एि चमकदार होता ह वक यवद दसर धमव उसकी तदिना म परख जाए तो ि सब अधकार म पड हए विवदत होत ह और इस तकक को उस समय एक बदवधिमान इनसान सिाई स समझ सकता ह वक जबवक पतयक धमव को उसक बनाए हए तकमो को पथक करक किि उसक मि वसधिानत पर दपषट डाि अथावत उन धममो क खदा को पहचानन क तरीक को किि एक दसर क सामन रख कर

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मयारल मजाहिब

जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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मयारल मजाहिब

पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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मयारल मजाहिब

श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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मयारल मजाहिब

शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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मयारल मजाहिब

वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 6: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

दी और वशका एि पवशकण स एक ससार की आख खोि दी तो यदवप इस उपकारी सरकार का यह उपकार भी कछ कम नही वक िह हमार माि सममान और खन की जहा तक शपति ह सच वदि स रका कर रही ह और हम इस आजादी स िाभ पहचा रही ह वजसक विए हम स पहि बहत स मानि जावत क सच हमददव तरसत हए गदजर गए परनतद सरकार का यह दसरा उपकार उस स भी बढ कर ह वक िह जगिी िहवशयो और नाम क मनदषयो को वभनन-वभनन पकार की वशका क माधयम स विदान एि बदवधिमान बनाना चाहती ह हम दखत ह वक इस सरकार क वनरनतर पयासो स ि िोग जो पशद और चौपायो क करीब-करीब थ कछ-कछ भाग इनसावनयत समझ एि वििक का ि चदक ह और अवधकतर हदयो तथा मपसतषको म एक ऐसी रोशनी पदा हो गई ह जो विदाओ की पापपत क पशात पदा हआ करती ह जानकाररयो की विशािता न जस सहसा ददवनया को पररिवतवत कर वदया ह वकनतद वजस पकार शीश म स घर क अनदर रोशनी तो आ सकती ह परनतद पानी नही आ सकता इसी पकार जान की रोशनी तो हदयो और मपसतषको म आ गई ह परनतद अभी िह शदधि पानी वनषकपटता और सच की ओर होन का अनदर नही आया वजसस रि का पौधा पोषण पाता और अचछा िि िाता परनतद यह सरकार का दोष नही ह अवपतद अभी ऐस ससाधन समापत या बहत कम ह जो सची रिाहनयति को जोश म िाए यह अददत बात ह वक जान की उननवत स छि-कपट की भी कछ उननवत मािम होती ह और सतयवनषठ िोगो को असहनशीि भरमो का सामना ह ईमानी सादगी बहत घट गई ह और

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मयारल मजाहिब

दाशववनकतापणव विचारो न वजन क साथ धावमवक जानकाररया कदम स कदम वमिाकर चिन िािी नही ह नि वशवकत िोगो पर एक जहरीिा पभाि डाि रखा ह जो नासतिकतिा की ओर खीच रहा ह और िासति म अतयनत कवठन ह वक इस पभाि स िोग धावमवक सहायता क वबना बच सक उस वयपति की हाित पर अफसोस वक जो ऐस मदरसो और कािजो म इस हाित म छोडा गया ह जबवक उसको धावमवक अधयातम जानो तथा िासतविकताओ स कछ भी सचना नही हा हम कह सकत ह वक इस उच साहसी सरकार न जो मानि जावत की िमददचा ह इस दश क हदयो की भवम को जो एक बजर पडा हआ था अपन हाथ क पयासो स जगिी पडो और झावडयो तथा विवभनन पकार की घास स जो बहत ऊच और उपिबध होकर भवम को ढक रह थ पवितर कर वदया ह और अब पाकवतक तौर पर िह समय आ गया ह वक सचाई का बीज इस भवम म बोया जाए और विर आकाशीय पानी स हसचाई हो तो ि िोग बड ही सौभागयशािी ह जो इस मबारक सरकार क माधयम स आकाशीय िषाव क वनकट पहच गए ह मदसिमानो को चावहए वक इस सरकार क अपसतति को खदा तआिा की कपा समझ और इसक सच आजा पािन क विए ऐसा पयास कर वक दसरो क विए नमना हो जाए कया उपकार का बदिा उपकार नही कया नकी क बदि नकी करना अवनिायव नही अतः चावहए वक पतयक वयपति सोच ि और अपना नक जौहर वदखाए इसिामी शरीअति वकसी क अवधकार और उपकार को नषट करना नही चाहती तो न दषपिवक अवपतद हदय की सचाई स इस उपकारी सरकार स आजापािन क

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मयारल मजाहिब

साथ वयिहार करना चावहए कयोवक हमार धमव का पकाश ििान क विए पथम आयोजन खदा तआिा न यही सथावपत वकया ह

विर दसरा माधयम जो धममो को पिचानन का हमार दश म पदा हो गया छापखानो की बहतात ह कयोवक ऐसी पदसतक जो मानो पथिी म दफन थी इन छापाखानो क माधयम स जस पदनः जीहति िो गई यहा तक वक वहनददओ का द भी नए पनो का विबास पहन कर वनकि आया नया जनम विया और मखमो और जनसामानय की बनाई हई कहावनयो की वछदानिषण हो गया

तीसरा माधयम मागमो का खदिना और डाक का उततम पबध और दर-दर दशो स पदसतको का इस दश म आ जाना और इस दश स उन दशो म जाना य सब ससाधन सच की पडतिाल क ह जो खदा की कपा (फजि) न हमार दश म उपिबध कर वदए वजन स हम परी सिततरता क साथ िाभ पापत कर रह ह य समति लाभ इस उपकारी और नक नीयत सरकार क दारा हम वमि ह वजस क विए सहसा हमार हदल स दआ वनकिती ह परनतद यवद यह पशन हो वक विर ऐसी सभय और बदवधिमान सरकार ऐस धमव स कयो सबध रखती ह वजसम मनदषय को खदा बना कर सच खदा क सपषट अनावद तथा अपररितवनीय पताप की मान-हावन की जाती ह तो अिसोस वक इस पशन का उततर इसक अवतररति कछ नही वक बादशाहो और राजाओ को जो दश क शासन का विचार आिशयक सीमा स बढ जाता ह इसविए सोच-विचार की समसत शपतिया इसी म वयय हो जाती ह और राषटीय सहायता का वहत आहिरति (परिोक) क मामिो की ओर सर उठान नही दता इसी पकार एक वनरनतर और न समापत

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मयारल मजाहिब

होन िाि सासाररक उदशयो क नीच दब कर खदा को पहचानन और सतय की अवभिाषा की रह कम हो जाती ह इसक बािजद खदा तआिा क फजि (कपा) स वनराशा नही वक िह इस साहसी सरकार को सदागचा की ओर धयान वदिा द हमारी ददआ जसा वक इस सरकार की सासाररक भिाई क विए ह इसी पकार आविरत क विए भी ह तो कया आशयव ह वक ददआ का पभाि हम भी दख ि

इस यदग म जबवक सच और झठ को जात करन क विए बहत स माधयम पदा हो गए ह हमार दश म तीन बड धमव आमन-सामन खड होकर एक दसर स टकरा रह ह इन तीनो धममो म स पतयक धमव िािो का दािा ह वक मरा ही धमव सचा और सही ह और आशयव वक वकसी की जीभ भी इस बात क इनकार की ओर नही झदकती वक इसका धमव सचाई क वसधिानतो पर आधाररत नही परनतद म इस बात को सिीकार नही कर सकता वक जसा वक हमार विरोवधयो की जीभो का दािा ह ऐसा ही एक सकणड क विए उनक हदय भी उनकी जीभो स सहमत हो सकत ह सच धमव की यह एक बडी वनशानी ह वक इस स पिव वक हम जो उसकी सचाई क तकक िणवन कर सिय ि अपन असतित म ही ऐसा पकाशमान एि चमकदार होता ह वक यवद दसर धमव उसकी तदिना म परख जाए तो ि सब अधकार म पड हए विवदत होत ह और इस तकक को उस समय एक बदवधिमान इनसान सिाई स समझ सकता ह वक जबवक पतयक धमव को उसक बनाए हए तकमो को पथक करक किि उसक मि वसधिानत पर दपषट डाि अथावत उन धममो क खदा को पहचानन क तरीक को किि एक दसर क सामन रख कर

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मयारल मजाहिब

जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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मयारल मजाहिब

पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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मयारल मजाहिब

श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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मयारल मजाहिब

शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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मयारल मजाहिब

वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 7: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

दाशववनकतापणव विचारो न वजन क साथ धावमवक जानकाररया कदम स कदम वमिाकर चिन िािी नही ह नि वशवकत िोगो पर एक जहरीिा पभाि डाि रखा ह जो नासतिकतिा की ओर खीच रहा ह और िासति म अतयनत कवठन ह वक इस पभाि स िोग धावमवक सहायता क वबना बच सक उस वयपति की हाित पर अफसोस वक जो ऐस मदरसो और कािजो म इस हाित म छोडा गया ह जबवक उसको धावमवक अधयातम जानो तथा िासतविकताओ स कछ भी सचना नही हा हम कह सकत ह वक इस उच साहसी सरकार न जो मानि जावत की िमददचा ह इस दश क हदयो की भवम को जो एक बजर पडा हआ था अपन हाथ क पयासो स जगिी पडो और झावडयो तथा विवभनन पकार की घास स जो बहत ऊच और उपिबध होकर भवम को ढक रह थ पवितर कर वदया ह और अब पाकवतक तौर पर िह समय आ गया ह वक सचाई का बीज इस भवम म बोया जाए और विर आकाशीय पानी स हसचाई हो तो ि िोग बड ही सौभागयशािी ह जो इस मबारक सरकार क माधयम स आकाशीय िषाव क वनकट पहच गए ह मदसिमानो को चावहए वक इस सरकार क अपसतति को खदा तआिा की कपा समझ और इसक सच आजा पािन क विए ऐसा पयास कर वक दसरो क विए नमना हो जाए कया उपकार का बदिा उपकार नही कया नकी क बदि नकी करना अवनिायव नही अतः चावहए वक पतयक वयपति सोच ि और अपना नक जौहर वदखाए इसिामी शरीअति वकसी क अवधकार और उपकार को नषट करना नही चाहती तो न दषपिवक अवपतद हदय की सचाई स इस उपकारी सरकार स आजापािन क

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मयारल मजाहिब

साथ वयिहार करना चावहए कयोवक हमार धमव का पकाश ििान क विए पथम आयोजन खदा तआिा न यही सथावपत वकया ह

विर दसरा माधयम जो धममो को पिचानन का हमार दश म पदा हो गया छापखानो की बहतात ह कयोवक ऐसी पदसतक जो मानो पथिी म दफन थी इन छापाखानो क माधयम स जस पदनः जीहति िो गई यहा तक वक वहनददओ का द भी नए पनो का विबास पहन कर वनकि आया नया जनम विया और मखमो और जनसामानय की बनाई हई कहावनयो की वछदानिषण हो गया

तीसरा माधयम मागमो का खदिना और डाक का उततम पबध और दर-दर दशो स पदसतको का इस दश म आ जाना और इस दश स उन दशो म जाना य सब ससाधन सच की पडतिाल क ह जो खदा की कपा (फजि) न हमार दश म उपिबध कर वदए वजन स हम परी सिततरता क साथ िाभ पापत कर रह ह य समति लाभ इस उपकारी और नक नीयत सरकार क दारा हम वमि ह वजस क विए सहसा हमार हदल स दआ वनकिती ह परनतद यवद यह पशन हो वक विर ऐसी सभय और बदवधिमान सरकार ऐस धमव स कयो सबध रखती ह वजसम मनदषय को खदा बना कर सच खदा क सपषट अनावद तथा अपररितवनीय पताप की मान-हावन की जाती ह तो अिसोस वक इस पशन का उततर इसक अवतररति कछ नही वक बादशाहो और राजाओ को जो दश क शासन का विचार आिशयक सीमा स बढ जाता ह इसविए सोच-विचार की समसत शपतिया इसी म वयय हो जाती ह और राषटीय सहायता का वहत आहिरति (परिोक) क मामिो की ओर सर उठान नही दता इसी पकार एक वनरनतर और न समापत

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मयारल मजाहिब

होन िाि सासाररक उदशयो क नीच दब कर खदा को पहचानन और सतय की अवभिाषा की रह कम हो जाती ह इसक बािजद खदा तआिा क फजि (कपा) स वनराशा नही वक िह इस साहसी सरकार को सदागचा की ओर धयान वदिा द हमारी ददआ जसा वक इस सरकार की सासाररक भिाई क विए ह इसी पकार आविरत क विए भी ह तो कया आशयव ह वक ददआ का पभाि हम भी दख ि

इस यदग म जबवक सच और झठ को जात करन क विए बहत स माधयम पदा हो गए ह हमार दश म तीन बड धमव आमन-सामन खड होकर एक दसर स टकरा रह ह इन तीनो धममो म स पतयक धमव िािो का दािा ह वक मरा ही धमव सचा और सही ह और आशयव वक वकसी की जीभ भी इस बात क इनकार की ओर नही झदकती वक इसका धमव सचाई क वसधिानतो पर आधाररत नही परनतद म इस बात को सिीकार नही कर सकता वक जसा वक हमार विरोवधयो की जीभो का दािा ह ऐसा ही एक सकणड क विए उनक हदय भी उनकी जीभो स सहमत हो सकत ह सच धमव की यह एक बडी वनशानी ह वक इस स पिव वक हम जो उसकी सचाई क तकक िणवन कर सिय ि अपन असतित म ही ऐसा पकाशमान एि चमकदार होता ह वक यवद दसर धमव उसकी तदिना म परख जाए तो ि सब अधकार म पड हए विवदत होत ह और इस तकक को उस समय एक बदवधिमान इनसान सिाई स समझ सकता ह वक जबवक पतयक धमव को उसक बनाए हए तकमो को पथक करक किि उसक मि वसधिानत पर दपषट डाि अथावत उन धममो क खदा को पहचानन क तरीक को किि एक दसर क सामन रख कर

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जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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मयारल मजाहिब

पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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मयारल मजाहिब

शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 8: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

4

मयारल मजाहिब

साथ वयिहार करना चावहए कयोवक हमार धमव का पकाश ििान क विए पथम आयोजन खदा तआिा न यही सथावपत वकया ह

विर दसरा माधयम जो धममो को पिचानन का हमार दश म पदा हो गया छापखानो की बहतात ह कयोवक ऐसी पदसतक जो मानो पथिी म दफन थी इन छापाखानो क माधयम स जस पदनः जीहति िो गई यहा तक वक वहनददओ का द भी नए पनो का विबास पहन कर वनकि आया नया जनम विया और मखमो और जनसामानय की बनाई हई कहावनयो की वछदानिषण हो गया

तीसरा माधयम मागमो का खदिना और डाक का उततम पबध और दर-दर दशो स पदसतको का इस दश म आ जाना और इस दश स उन दशो म जाना य सब ससाधन सच की पडतिाल क ह जो खदा की कपा (फजि) न हमार दश म उपिबध कर वदए वजन स हम परी सिततरता क साथ िाभ पापत कर रह ह य समति लाभ इस उपकारी और नक नीयत सरकार क दारा हम वमि ह वजस क विए सहसा हमार हदल स दआ वनकिती ह परनतद यवद यह पशन हो वक विर ऐसी सभय और बदवधिमान सरकार ऐस धमव स कयो सबध रखती ह वजसम मनदषय को खदा बना कर सच खदा क सपषट अनावद तथा अपररितवनीय पताप की मान-हावन की जाती ह तो अिसोस वक इस पशन का उततर इसक अवतररति कछ नही वक बादशाहो और राजाओ को जो दश क शासन का विचार आिशयक सीमा स बढ जाता ह इसविए सोच-विचार की समसत शपतिया इसी म वयय हो जाती ह और राषटीय सहायता का वहत आहिरति (परिोक) क मामिो की ओर सर उठान नही दता इसी पकार एक वनरनतर और न समापत

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मयारल मजाहिब

होन िाि सासाररक उदशयो क नीच दब कर खदा को पहचानन और सतय की अवभिाषा की रह कम हो जाती ह इसक बािजद खदा तआिा क फजि (कपा) स वनराशा नही वक िह इस साहसी सरकार को सदागचा की ओर धयान वदिा द हमारी ददआ जसा वक इस सरकार की सासाररक भिाई क विए ह इसी पकार आविरत क विए भी ह तो कया आशयव ह वक ददआ का पभाि हम भी दख ि

इस यदग म जबवक सच और झठ को जात करन क विए बहत स माधयम पदा हो गए ह हमार दश म तीन बड धमव आमन-सामन खड होकर एक दसर स टकरा रह ह इन तीनो धममो म स पतयक धमव िािो का दािा ह वक मरा ही धमव सचा और सही ह और आशयव वक वकसी की जीभ भी इस बात क इनकार की ओर नही झदकती वक इसका धमव सचाई क वसधिानतो पर आधाररत नही परनतद म इस बात को सिीकार नही कर सकता वक जसा वक हमार विरोवधयो की जीभो का दािा ह ऐसा ही एक सकणड क विए उनक हदय भी उनकी जीभो स सहमत हो सकत ह सच धमव की यह एक बडी वनशानी ह वक इस स पिव वक हम जो उसकी सचाई क तकक िणवन कर सिय ि अपन असतित म ही ऐसा पकाशमान एि चमकदार होता ह वक यवद दसर धमव उसकी तदिना म परख जाए तो ि सब अधकार म पड हए विवदत होत ह और इस तकक को उस समय एक बदवधिमान इनसान सिाई स समझ सकता ह वक जबवक पतयक धमव को उसक बनाए हए तकमो को पथक करक किि उसक मि वसधिानत पर दपषट डाि अथावत उन धममो क खदा को पहचानन क तरीक को किि एक दसर क सामन रख कर

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मयारल मजाहिब

जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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मयारल मजाहिब

पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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मयारल मजाहिब

श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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मयारल मजाहिब

शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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मयारल मजाहिब

वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 9: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

होन िाि सासाररक उदशयो क नीच दब कर खदा को पहचानन और सतय की अवभिाषा की रह कम हो जाती ह इसक बािजद खदा तआिा क फजि (कपा) स वनराशा नही वक िह इस साहसी सरकार को सदागचा की ओर धयान वदिा द हमारी ददआ जसा वक इस सरकार की सासाररक भिाई क विए ह इसी पकार आविरत क विए भी ह तो कया आशयव ह वक ददआ का पभाि हम भी दख ि

इस यदग म जबवक सच और झठ को जात करन क विए बहत स माधयम पदा हो गए ह हमार दश म तीन बड धमव आमन-सामन खड होकर एक दसर स टकरा रह ह इन तीनो धममो म स पतयक धमव िािो का दािा ह वक मरा ही धमव सचा और सही ह और आशयव वक वकसी की जीभ भी इस बात क इनकार की ओर नही झदकती वक इसका धमव सचाई क वसधिानतो पर आधाररत नही परनतद म इस बात को सिीकार नही कर सकता वक जसा वक हमार विरोवधयो की जीभो का दािा ह ऐसा ही एक सकणड क विए उनक हदय भी उनकी जीभो स सहमत हो सकत ह सच धमव की यह एक बडी वनशानी ह वक इस स पिव वक हम जो उसकी सचाई क तकक िणवन कर सिय ि अपन असतित म ही ऐसा पकाशमान एि चमकदार होता ह वक यवद दसर धमव उसकी तदिना म परख जाए तो ि सब अधकार म पड हए विवदत होत ह और इस तकक को उस समय एक बदवधिमान इनसान सिाई स समझ सकता ह वक जबवक पतयक धमव को उसक बनाए हए तकमो को पथक करक किि उसक मि वसधिानत पर दपषट डाि अथावत उन धममो क खदा को पहचानन क तरीक को किि एक दसर क सामन रख कर

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मयारल मजाहिब

जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 10: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

जाच और वकसी धमव क खदा को पहचानन की आसथा पर बाहय तिकमो का हावशया न चढाए अवपतद तकमो स अिग करक तथा एक धमव को दसर धमव की तदिना पर रखकर परख और सोच वक वकस धमव म वनजी सचाई की चमक पाई जाती ह और हकसी म यह हहशषटतिा ह वक किि उसक िदा को पहचानन क तरीक पर ही दपषट डािना हदयो को अपनी ओर खीचता ह उदाहरणतया तिीन धमचा वजन का म अभी िणवन कर चदका ह य ह ः- आयचा ईसाई इलाम यवद हम इन तीनो की असि तसिीर वदखाना चाह तो वनमनविवखत वििरण सवहत ह ः-

आयचा धमचा का एक ऐसा खदा ह वजसकी खदाई का अपनी वयपतिगत शपति और कदरत पर चिना असभि ह और उसकी समसत आशाए ऐस अपसततिो पर िगी हई ह जो उसक हाथ स पदा नही हए ातिहक खदा की कदरतो का अनत मािम करना मनदषय का कायव नही परनतद आयमो क परमशवर की कदरत उगवियो पर वगन सकत ह िह एक ऐसा हनमन शसति ाला परमशवर ह वक उसकी समसत कदरतो की सीमा जात हो चदकी ह और यवद उसकी कदरतो की बहत ही पशसा की जाए तो इस स बढकर कछ नही कह सकत वक िह अपन जसी अनशवर िसतदओ को मकान बनान िाि वमपसतरयो की तरह जोडना जानता ह और यवद यह पशन हो वक अपन घर स कौन सी िसतद डािता ह तो बड ही अिसोस स कहना पडता ह वक कछ निी अतः उसकी शपति की अपनतम शणी किि इस सीमा तक ह वक ितवमान रहो और छोट शरीरो को जो सदि स उसक अपसतति की तरह अनावद और सियभ ह वजनकी उतपवतत

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पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 11: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

पर उसक अपसतति का कछ भी पभाि नही परसपर जोड दता ह परनतद इस बात पर तकक सथावपत होना कवठन ह वक कयो इन अनशवर िसतदओ को ऐस परमशवर की आिशयकता ह जबवक कछ िसतदए सियभ ह इनकी समसत शपतिया भी सियभ ह और उनम परसपर वमिन की योगयता भी सियभ ह और उनम खीचन तथा आकषट करन की शपति भी अनावद काि स ह और इनकी समसत विशषताए जो जोडन क बाद भी पकट होती ह सियभ ह तो विर समझ नही आता वक वकस तकक स इस दोषपणव और शपतिहीन परमशवर की आिशयकता वसधि हो जाती ह और इसम तथा इस क अवतररति म अवधक होवशयार और बदवधिमान होन क अवतररति परसपर और कया अनतर हो सकता ह इसम कया सनदह ह वक आयमो का परमशवर उन असीवमत कदरतो स वििि ह जो उिवहयत (परमशवर) की खबी क बार म ह और यह उस कालपवनक परमशवर का ददभावगय ह वक उसको िह सिाागपणव खबी उपिबध न हो सकी जो उिवहयत का पणव परतिाप चमकन क विए आिशयक ह और दसरा ददभावगय यह ह वक खदा को पहचानन क विए पकवत क वनयम की दपषट स द क कछ पषो क अवतररति कोई मागव नही कयोवक यवद बात सही ह वक रि और शरीरो क कण अपनी समसत शपतियो आकषवणो विशषताओ बद वधियो बोधो तथा सिदनाओ सवहत सियभ ह तो विर एक सददवधि इन िसतदओ क जोडन क विए वकसी दसर वयपति की अािशयकता नही समझता कारण यह वक इस पसथवत म इस पशन का उततर दना सभािना स बाहर ह वक जो िसतदए अपन अपसतति म हमशा स सिय ही खदा ह और अपन अनदर ि समसत

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श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 12: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

श पतिया भी रखती ह जो इनक परसपर जोडन क विए आिशयक ह तो विर वजस हाित म इनको अपन अपसतति क विए परमशवर की आिशयकता नही हई और अपनी शपतियो तथा विशषताओ म वकसी बनान िाि की मदहताज नही ठहरी तो विर कया कारण ह वक इनको परसपर सबध क विए वकसी दसर जोडन िाि की आिशयकता पड गई हािावक रहो क साथ उनकी शपतियो का जोडना और शरीरो क कणो क साथ उनकी शपतियो का जोडना यह भी जोडन का एक पकार ह तो इसस तो यह वसधि हो गया वक इन अनशवर िसतदओ को जसा वक अपन अपसतति क विए वकसी सरषटा की आिशयकता नही और अपनी शपतियो क विए वकसी आविषकारक की आिशयकता नही ऐसा ही परसपर जोड पदा होन क विए वकसी कारीगर की आिशयकता नही और यह अतयनत मखवता होगी वक जब सिवपथम सिय अपनी ही जीभ स इन िसतदओ क बार म मान ि वक ि अपन अपसतति और अपनी शपतियो और अपन परसपर जोड क विए दसर क मदहताज नही तो विर उसी मदह स यह भी कह वक कछ िसतदओ क जोडन क विए अिशय वकसी दसर की आिशयकता ह अतः यह तो एक दािा होगा वजसक साथ कोई पमाण नही तो इस आसथा की दपषट स परमशवर का अपसतति ही हसदध करना कहिन िोगा अतः उस मनदषय स अवधक ददभावगयशािी कोई नही जो एस परमशवर पर भरोसा रखता ह वजसको अपना अपसतति वसधि करन क विए भी शपति की कमी क कारण कोई उततम साधन उपिबध नही हो सक यह तो वहनददओ क परमशवर म खदाई की शसतिया ह और नवतक

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मयारल मजाहिब

शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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मयारल मजाहिब

वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 13: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

शसतियो का यह हाि ह वक ि मनदषयो की शपतियो स भी कछ वगरी हई मािम होती ह अतः हम दखत ह वक एक नक वदि इनसान बहत बार ऐस दोवषयो क दोष कमा कर दता ह जो विनय एि पाथवना क साथ उसस कमा चाहत ह और पायः अपन नफस की कपा की विशषता स ऐस िोगो पर उपकार करता ह वजन का कछ भी अवधकार नही होता परनतद आयव िोग अपन परमशवर क बार म यह िणवन करत ह वक ि इन दोनो परकार क आचरणो स भी भागयिीन ह और इनक नजदीक पतयक पाप करोडो योवनयो का कारण ह और जब तक कोई पापी असीवमत योवनयो म पड कर पणव दणड न पा ि तब तक मदपति का कोई उपाय नही और इनकी आसथा की दपषट स यह आशा वबलकि वयथव ह वक मनदषय का पशाताप और शवमादा होना तथा पापो की कमा-याचना करना उसक दसर जनम म पडन स रोक दगी या सच की ओर िौटना पहि अकारण क कथनो एि कममो क दणड स उस बचा िगा बपलक असखय योवनयो का भदगतना आिशयक ह जो वकसी पकार टि नही सकता तथा कपा और दानशीिता क तौर पर कछ दना तो परमशवर की आदति ही नही जो कछ इनसान या जानिर कोई अचछी हाित रखता ह या कोई नमत पाता ह िह वकसी पहिी योवन का फल ि परनतद अिसोस वक इसक बािजद वक आयमो को िदो क वसधिानतो पर अतयनत गिव ह परनतद विर भी यह िद की झिी हशका उनकी मानिीय अनतरातमा को परावजत नही कर सकी और मदझ इन मदिाकातो क कारण जो पायः इस समददाय क कछ िोगो स होती ह यह बात अनको बार अनदभि म आ चदकी ह

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वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 14: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

वक वजस पकार वनयोग क िणवन क समय आयमो को एक लजा सिगन हो जाती ह इसी पकार ि बहत ही िपजित होत ह जब उन स यह पशन वकया जाता ह वक परमशवर की पाकवतक और नवतक शपतिया ऐसी सीवमत कयो हो गई वजनको दणड स उसकी खदाई भी बदवधि क अनदसार वसधि नही हो सकती वजसक कारण भागयहीन आयव अनाहद मसति पान स िवचत रह अतः वहनददओ क परमशवर की ातिहकतिा और ममव यही ह वक िह नवतक एि उपाय की शपतियो म अतयनत कमजोर और दयनीय ह और शायद यही कारण ह वक िदो म परमशवर की उपासना छोड कर अपगन और िायद और चनद और सयव और जि की उपासना पर बि वदया गया ह तथा पतयक दान और कपा का पशन उन स वकया गया ह कयोवक जब परमशवर आयमो को वकसी मवजि तक नही पहचा सकता अवपतद सिय पणव कदरतो स िवचत रह कर वनराशा की हाित म जीिन वयतीत करता ह तो विर दसर का उस पर भरोसा करना सिवथा गिती ह वहनददओ क परमशवर की पणचा हचतर आख क सामन िान क विए इतना ही पयावपत ह जो हम विख चदक

अब दसरा धमव अथावत ईसाई शष ह वजसक समथवक बड जोर क साथ अपन खदा को वजसका नाम उनहोन यस मसीि रखा हआ ह बडी अवतशयोपति स सचा खदा समझत ह और ईसाइयो क खदा का हविया यह ह वक िह एक इसराईिी आदमी मरयम वबनत याकब का बटा ह जो 32 िषव की आयद पाकर इस मतयदिोक स गदजर गया जब हम सोचत ह वक िह वगरफतार होन क समय कयोकर सारी राति दआ करक हफर भी अपन मतिलब स हनराश

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 15: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

रिा और अपमान क साथ पकडा गया और ईसाइयो क कथनानदसार सिी पर खीचा गया और ईली-ईली करता मर गया तो हमारा शरीर सहसा काप जाता ह वक कया एस इनसान को वजसकी दआ भी खदा क दरबार म सिीकार न हो सकी और अतयनत विििता एि वनराशा स मार खातिा-खातिा मर गया सामथयविान खदा कह सकत ह तवनक उस समय क दशय को आखो क सामन िाओ जबवक यस मसीह िालाति म होकर पिातस की अदाित स हीरोदस की ओर भजा गया कया यह खदा की शान ह वक हिािात म होकर हाथ म ह थकडी परो म जजीर कछ वसपावहयो की हिरासति म चािान होकर हझडहकया खाता हआ गलील की ओर रिाना हआ और इस अफसोस स भरी हाित म एक हिािात स दसरी हिािात म पहचा पिातस न करामत (चमतकार) दखन पर छोडना चाहा उस समय कोई चमतकार न वदखा सका वििश होकर पदनः वहरासत म िापस करक यहवदयो क हिाि वकया गया और उनहोन एक पि म उसको मौत क घाट उतार वदया

अब दशवक गण सिय सोच ि वक कया असिी और िासतविक खदा की यही वनशावनया हआ करती ह कया कोई पवितर अनतरातमा इस बात को सिीकार कर सकती ह वक िह जो पथिी तथा आकाश का सरषटा और असीवमत कदरतो और शपतियो का माहलक ह िह अनत म ऐसा ददभावगयशािी कमजोर और अपमानजनक हाित म हो जाए वक उपदिी मनदषय उसको अपन हाथो म मसि डाि यवद कोई ऐस खदा को पज और उस पर भरोसा कर तो उस अहधकार ह परनतद सतय तो यह ह वक यवद आयमो क परमशवर क मदकाबि

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 16: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

पर भी ईसाइयो क खदा को खडा करक उसकी शपति और कदरत को तोिा जाए तब भी उसक मदकाबि पर यह किि तदचछ ह कयोवक आयमो का कालपवनक परमशवर यदवप पदा करन की कछ भी शपति नही रखता परनतद कहत ह वक पदा की हई िसतदओ को वकसी सीमा तक जोड सकता ह परनतद ईसाइयो क यस म तो इतनी भी शपति वसधि न हई वजस समय यहवदयो न सिीब पर खीच कर कहा था वक यवद त अब य को बचाए तिो िम तिझ पर ईमान लाएग तो िह उनक सामन सिय को बचा न सका अनयथा सिय को बचाना कया कछ बडा काम था किि अपनी रह को अपन शरीर क साथ जोडना था तो उस कमजोर को जोडन की शपति भी न हई पीछ स पदावदारो न बात बना िी वक िह करि म जीवित हो गया था परनतद अफसोस वक उनहोन न सोचा वक यहवदयो का तो यह पशन था वक हमार सामन हम जीवित होकर वदखा द विर जबवक उनक सामन जीवित न हो सका और न करि म जीवित होकर उनस आकर मदिाकात की तो यहवदयो क नजदीक अवपतद पतयक अनिषक क नजदीक इस बात का कया सबत ह वक िासति म जीवित हो गया था और जब तक सबत न हो तब तक यवद मान भी ि वक करि म िाश गदम हो गई तो इस स जीवित होना वसधि नही हो सकता अवपतद बदवधि क नजदीक वनपशत तौर पर यही वसधि होगा वक पीछ स कोई चमतकार वदखान िािा चदरा कर ि गया होगा ददवनया म ऐस बहत स िोग गदजर ह वक वजन की कौम या मानन िािो की यही आसथा थी वक उन का शि गदम होकर िह शरीर क साथ सिगव म पहच गया ह तो कया ईसाई सिीकार कर

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 17: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

िग वक िासति म ऐसा ही हआ होगा उदाहरणतया दर न जाओ बाबा नानक साहिब की घटनाओ पर ही दपषट डािो वक 17 िाख वसख सजिनो की इसी पर सहमवत ह वक िासति म िह मतयोपरानत अपन शरीर क साथ सिगव म पहच गए और न किि सहमवत अवपतद उनकी विशवसनीय पदसतको म जो उसी यदग म विखी गई य ही विखा हआ ह अब कया ईसाई िोग सिीकार कर सकत ह वक िासति म बाबा नानक सावहब शरीर क साथ सिगव म ही चि गए ह अिसोस वक ईसाइयो को दसरो क विए तो फिसफा याद आ जाता ह परनतद अपन घर की अनदवचत बातो स ििसफ को छन भी नही दत यवद ईसाई िोग कछ इनसाफ स काम िना चाह तो शीघर समझ सकत ह वक वसकख िोगो क तकक बाबा नानक की लाश गम िोन और शरीर क साथ सिगव म जान क बार म ईसाइयो की झठी बातो की अपका बहत ही सददढ और धयान दन योगय ह और वनससनदह इजीि क कारणो स अवधक शपतिशािी ह कयोवक पथम तो ि घटनाए उसी समय बािा िािी जनम साखी म विखी गई परनतद इजीि यस क यदग स बहत िषव बाद विखी गई विर एक अनय पाथवमकता बाबा नानक सावहब की घटना को यह ह वक यस की ओर जो यह चमतकार समबधि वकया गया ह तो यह िासति म उस िजिा को छपान क उदशय स मािम होती ह जो यहवदयो क सामन हिाररयो को उठानी पडी कयोवक जब यहवदयो न यस को सिीब पर खीच का विर उस स यह चमतकार चाहा वक यवद िह अब जीवित होकर सिीब पर स उतर आए तो हम उस पर ईमान िाएग तो उस समय यस सिीब पर स उतर न सका तो इस कारण

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 18: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

स यस क वशषयो को बहत ही िजिा हई और ि यहवदयो क सामन मदह वदखान क योगय न रह इसविए अिशय था वक ि िजिा को छपान क विए कोई ऐसा बहाना करत वजस स सरि सिभाि िोगो की नजरो म उस कटाक उपहास और हसी स बच जात अतः इस बात को बदवधि सिीकार करती ह वक उनहोन किि अपन मदख स िजिा का किक उतारन क उदशय स अिशय यह बहाना बाजी की होगी वक रात क समय जसा वक उन पर आरोप िगा था यस की िाश को उसकी करि स वनकाि कर वकसी दसरी करि म रख वदया होगा और विर पवसधि कहाित क अनदसार की खिाजा का गिाह डड कह वदया होगा वक िो जसा वक तदम विनती करत थ यस जीवित हो गया परनतद िह आकाश पर चिा गया ह परनतद य कवठनाइया बाबा नानक सावहब क वनधन पर वसकख िोगो क सामन नही आई और न वकसी शतरद न उन पर यह आरोप िगाया और न ऐस कपटो क विए उनको कोई आिशयकता पडी और न जसा वक यहवदयो न शोर मचाया था वक िाश चदराई गई ह तो ईसाई यस की बजाए बाबा नानक सावहब क बार म यह आसथा रखत तो वकसी हद तक उवचत भी था परनतद यस क बार म तो ऐसा विचार सिवथा बनािट और जािसाजी की दगचानध स भरा हआ ि

अनततः यस क ददख उठान और सिीब पर चढाए जान का अपनतम बहाना यह िणवन वकया जाता ह वक िह खदा होकर सिी पर इसविए खीचा गया वक तावक उसकी मौति पापो क विए कफफारा ठहर परनतद यइ बात भी ईसाइयो की ही बनाई हई ह वक खदा भी मरा करतिा ि यदवप मरन क बाद उस पदनः जीवित करक अशव

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 19: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

पर पहचा वदया और इस गित भरम म आज तक वगरफतार ह वक िह विर अदाित करन क विए ददवनया म आएगा और जो शरीर मरन क पशात उस दोबारा वमिा िही शरीर खदा की हवसयत म हमशा उसक साथ रहगा परनतद ईसाइयो का यह साकात खदा वजस पर उनक कथनानदसार एक बार मौति भी आ चकी ि और रति मास हडी और ऊपर-नीच क सब अग रखता ह यह वहनददओ क उन अतिारो स समान ह वजन को आजकि आयव िोग बड जोश स छोडत जात ह किि अनतर यह ह वक ईसाइयो क खदा न तो किि एक बार जनम विया परनतद वहनददओ क खदा हषण न नौ बार ददवनया क पाप दर करन क विए अपन विए जनम िन का दाग सिीकार कर विया विशष तौर पर आठिी बार का जनम िन का वकससा बहत ही रवचकर िणवन वकया जा सकता ह अतः कहत ह वक वक जब पथिी दतयो की शपति स परावजत हो गई तो विषणद न आधी रात को कारी लडकी क पट स पदा होकर अितार विया और जो पाप ददवनया म िि हए थ उनस िोगो को छडाया यह वकससा यदवप ईसाइयो क शौक क अनदसार ह परनतद इस बात म वहनददओ न बहत बदवधिमतता वदखाई वक ईसाइयो की भावत अपन अितारो को सली निी दी और न उनक िानती होन क कायि हए पहतर कआचान क कछ सकतो स बहत सिाई क साथ मािम होता ह वक मनदषय को खदा बनान क आविषकारक पहि आयवितव क रिाहमण ही ह और विर यही विचार यनाहनयो न वहनददओ स विए अनततः इस घवणत आसथा म इन दोनो कौमो क मल खान ाल ईसाई बन और वहनददओ को एक अनय दर की बात सझी जो ईसाइयो को नही

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 20: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

सझी और िह यह वक वहनद िाग खदा क अजर-अमर क अनशवर कानन म यह बात सपममवित रखत ह वक जब कभी ददवनया पाप स भर गई तो अनततः उनक परमशवर को यह उपाय समझ म आया वक सिय ददवनया म जनम िकर िोगो को मदपति द और ऐसी घटना किि एक बार नही हई अवपतद सदि आिशयकता क समयो म होती रही परनतद यदवप ईसाइयो की यह तो आसथा ह वक खदा तआिा अनाहद ह और पहि यदग की ओर चाह कस ही ऊपर स ऊपर चढत जाए उस खदा क अपसतति का कही पारभ नही और अनावद काि स िह सरषटा और समसत लोको का परहतिपालक भी ह परनतद ि इस बात क कायि नही ह वक िह हमशा स और असीवमत यदगो स अपन पयार बटो को िोगो क विए सिी पर चढाता रहा ह अवपतद कहत ह वक यह उपाय अभी उसको कछ थोड समय स ही सझा ह और अभी बढ बाप को यह विचार आया ह वक बट को सिी चढा कर दसरो को अजाब स बचाए यह तो सपषट ह वक इस बात क मानन स वक खदा अनावद और हमशा स चिा आता ह यह दसरी बात भी साथ ही सिीकार करनी पडती ह वक उसकी सपषट भी अपनी पजावत की अनावद होन की हवसयत हमशा स ही चिी आई ह और अनावद विशषताओ की अनावद चमकारो क कारण स भी कभी एक ससार सभि नापसत म िदपत होता चिा आया ह और कभी दसरा ससार इसक सथान पर पकट होता रहा ह और इस की गणना कोई भी नही कर सकता वक खदा न वकतन ससारो को इस ददवनया स उठा कर उसक सथान पर दसर ससार सथावपत वकए अतः खदा तआिा न पवितर कआवन म यह कह कर वक हमन आदम स पहि जान को

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 21: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

पदा वकया था इसी अनशवर ससार क पकार की ओर सकत वकया ह परनतद ईसाइयो न इस बात को सपषट सबत क बािजद वक ससार क पकार का अनावद होना आिशयक ह विर अब तक कोई ऐसी विसट पसतदत नही की वजसस मािम हो वक इन असीवमत ससारो म जो एक-दसर स वबलकि असबवधत थ हकतिनी बार खदा का बटा सली पर खीचा गया कयोवक यह तो पकट ह वक ईसाई धमव क वसधिानत क अनदसार खदा क बट क अवतररति कोई वयपति पाप स खािी नही तो इस पसथवत म तो यह पशन आिशयक ह वक िह सपषट जो हमार इस आदम स भी पहि गदजर चदकी ह वजन का इन बनी आदम क वसिवसि स कछ सबध नही उनक पापो की कमा की कया वयिसथा हई थी कया यही बटा उनको मदपति दन क विए पहि भी कई बार फासी चढ चदका ह या िह कोई दसरा बटा था जो पहि यदगो म पहिी सपषट क विए सिी पर चढता रहा जहा तक हम विचार करत ह हम तो यह समझ आता ह वक यवद सिीब क वबना पापो की कमा नही तो ईसाइयो क खदा क असीवमत और अनवगनत बट होग जा समय-समय पर इन िडाईयो म काम आए होग और पतयक अपन समय पर िासी चढा होगा तो ऐस खदा स वकसी कलयाण की आशा रखना वयथव ह वजसक सिय अपन ही नौजान बच मरति रि

अमतसर क मदबाहस म भी हमन यह पशन वकया था वक ईसाई यह इकरार करत ह वक उन का खदा वकसी को पाप म मारना नही चाहता विर इस पसथवत म उन पर यह आरोप ह वक उस खदा न उन शतानो की गनदी रहो की मदपति क विए कया पबध वकया वजन

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 22: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

गनदी रहो का िणवन इजीि म मौजद ह1

कया कोई ऐसा बटा भी ददवनया म आया वजसन शतानो क पापो क विए अपनी जान दी हो या शतानो को पाप स रोका हो यवद ऐसा कोई पबध नही हआ तो इस स वसधि होता ह वक ईसाइयो का खदा इस बात पर हमशा पसनन रहा ह वक शतानो को जो ईसाइयो क इकरार स बनी आदम (िोगो) स भी अवधक ह हमशा क नकक म जिा द विर जबवक ऐस वकसी बट का वनशान नही वदया गया तो इस पसथवत म तो ईसाइयो को इकरार करना पडा वक उनक खदा न शतानो को नकक क विए ही पदा वकया ह अतः बचार ईसाई जब स इबन मरयम को खदा बना बठ ह बड-बड सकटो म पड हए ह कोई ऐसा वदन नही होगा वक सिय उनही की रह उनकी इस आसथा को नफरत स नही दखती होगी विर 1िाहशया - इसिामी वशका स वसधि ह वक शतान भी ईमान ि आत ह अतः हमार सरदार तथा मौिा नबी सललललाह अिवह िसललम न फरमाया वक मरा शतान मदसिमान हो गया ह अतः पतयक इनसान क साथ एक शतान होता ह और पवितर एि शदधि इनसान का शतान ईमान ि आता ह परनतद अफसोस वक यस का शतान ईमान नही िा सका बपलक उलटा उसको पथभरषट करन की वचनता म िगा और एक पहाडी पर ि गया और ददवनया की दौित वदखिाई और िादा वकया वक सजदा करन पर य समसत दौित द दगा और शतान का यह कहना िासति म एक बडी भविषयिाणी थी और इस बात की ओर सकत भी था वक जब ईसाई कौम उसको सजदा करगी तो ददवनया म समसत दौित उनको दी जाएगी अतः ऐसा ही पकट हआ वजन क पशिा न खदा कहिा कर विर शतान का अनदकरण वकया अथावत उसक पीछ हो विया उनका शतान को सजदा करना कया दर था अतः ईसाइयो की दौित िासति म उसी सजद क कारण ह जो उनहोन शतान को वकया और सपषट ह वक शतानी िाद क अनदसार सजद क बाद ईसाइयो को ददवनया की दौित दी गई (इसी स)

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एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 23: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

एक अनय सकट उनक सामन यह आ गया ह वक उस सिीब वदए गए वयपति का मदखय कारण अनिषण क समय कछ वसधि नही होता और उसक सिीब पर खीच जान का कोई पररणाम दढ सबत तक नही पहचता कयोवक दो ही बात ह -

(1) परथम यह वक उस सिगगीय बट क सिीब पर मरन का मदखय कारण यह ठहराए वक तावक अपन मानन िािो को पाप करन म वनडर कर और अपन कफफार क सहार स बड जोर-शोर स अशीिता और पाप तथा पतयक पकार का वयवभचार ििा द अतः यह बात तो सपषट तौर भी अनदवचत और शतानी कतय ह और मर विचार म ददवनया म कोई भी ऐसा नही होगा जो इस ददरचारपणव तरीक को पसनद कर और ऐस वकसी धमव क पितवक को नक ठहराए वजसन इस पकार स सामानय िोगो को पाप करन की परणा दी हो बपलक अनदभि स मािम हआ ह वक इस पकार का फतिा िही िोग दत ह जो िासति म ईमान और नक चिन स िवचत रह कर अपन कामिासना सबधी उदशयो क कारण दसरो को भी वयवभचारो क जनम म डािना चाहत थ और य िोग िासति म उन जयोवतवषयो क समान ह जो एक सािवजवनक मागव म बठ कर राह चित िोगो को िसिात और धोखा दत ह और एक-एक पसा िकर बचार मखमो को बड सनतोषजनक शबदो म शदभ-सनदश दत ह वक शीघर ही उनका ऐसा-ऐसा भागय खदिन िािा ह और एक सच अनिषक का रप धारण करक उनक हाथ क वचनहो तथा चहर की वनशावनयो को बहत धयान स दखत ह जस ि कछ वनशानो का पता िगा रह ह और विर एक पदवशवत करन िािी पदसतक क पषठो को जो किि

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 24: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

इसी धोखा दन क विए आग रखी होती ह उिट-पदिट कर विशवास वदिात ह वक िासति म पछन िाि का एक बडा ही वकसम का वसतारा चमकन िािा ह सभितः वकसी दश का बादशाह हो जाएगा अनयथा वमवनसटी तो कही नही गई और या य िोग जो वकसी को उसकी हमशा की अपवितरताओ क बािजद खदा क फजि (कपा) का पातर बनाना चाहत ह उन कीवमयागरो क समान ह जो एक सरि सिभाि परनतद धनिान वयपति को दख दख कर वभनन-वभनन पकार क झठ बोिकर वशकार करना चाहत ह और इधर-उधर की बात करत-करत पहि आन िाि कीवमयागरो की वननदा करना आरभ कर दत ह वक झठ अकिीन अकारण उचकको क तौर पर िोगो का माि छि स वखसका कर ि जात ह और विर अपनतम बात को धीर-धीर इस सीमा तक पहचात ह वक सजिनो मन अपनी पचास या साठ िषव की आयद म वजसको कीवमयागरी का दािदार दखा झठा ही पाया हा मर गदर बकठिासी सच रसायनी थ करोडो रपए का दान कर गए मदझ सौभागय स बारह िषव तक उनकी सिा का सौभागय पापत हआ और िि पाया िि पान का नाम सदन कर एक मखव बोि उठता ह वक बाबा जी तब तो आप न अिशय रसायन का नदसखा गदर जी स सीख विया होगा यह बात सदन कर बाबा जी कछ नाराज हो कर तयोरी चढा कर बोित ह वक वमया इस बात का नाम न िो हजारो िोग एकतर हो जाएग हम तो िोगो स छप कर भागत विरत ह तो इन कछ िाकयो स ही जावहि जाि म आ जात ह विर तो जाि म आए वशकार को वजबह करन क विए कोई भी कवठनाई शष नही रहती एकानत म राज क तौर पर समझात ह वक िासति म तदमहारा

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ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 25: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

ही सौभागय हम हजारो कोसो स खीच िाया ह और इस बात स हम सिय भी आशयव ह वक यह कठोर हदय तदमहार विए नमव हो गया अब जलदी करो और घर स या माग कर दस हजार क सिणव-आभषण ि आओ एक ही रात म दस गदना हो जाएगा परनतद िबरदार वकसी को मरी सचना न दना वकसी अनय बहान स माग िना सवकपत यह वक अनततः आभषण िकर अपनी राह ित ह और ि दीिान दस गदन की इचछा करन िाि अपनी जान को रोत रह जात ह यह उस िािच का दणड होता ह जो पकवत क वनयम स िापरिाही करक चरम सीमा तक पहचाया जाता ह परनतद मन सदना ह वक ऐस ठगो को यह अिशय ही कहना पडता ह वक हम स पिव वजतन भी आए या बाद म आएग वनससनदह समझो वक ि सब धोखबाज बटमार अपवितर झठ और इस नदसि स अनवभज ह ऐसा ही ईसाइयो की पटरी भी जम नही सकती जब तक वक हजरत आदमअ स िकर अनत तक समसत पहतर नहबयो को पापी और वयवभचारी न बना ि2

(2) दसरी बात इस दयनीय बट क सिीब पर मरन की यह ह वक उसक सिी वमिन का यह मदखय कारण ठहराया जाए वक उसकी सिी पर ईमान िान िाि हर एक पकार क पाप और वयवभचारो स बच जाएग और उनकी कामभािना सबधी भािनाए पकटन म नही आ पाएगी परनतद अफसोस वक जसा वक पहिी बात सभयता क विरधि 2िाहशया - ईसाइयो की बदवधि और समझ पर अफसोस ह वक उनहोन अपन यस को खदा बना कर उसको कछ िाभ नही पहचाया अवपतद सतयवनषठो क सामन उसको िपजित वकया उततम था वक उसकी रह को सिाब (पदणय) पहचान क विए दान दत उसक विए ददआए करत तावक उस क आविरत क विए भिाई होती मदटी भर धि को खदा बनान म कया वमिना था (इसी स)

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 26: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

और सपषट तौर पर गित वसधि हई थी इसी पकार यह बात भी सपषट तौर पर गित ही वसधि हई ह कयोवक यवद मान विया जाए वक यस का कफफारा मानन म एक ऐसी विशषता ह वक उस पर सचा ईमान िान िािा फररशत जसा आचरण िािा बन जाता ह विर इसक पशात उसक हदय म पाप का विचार ही नही आता तो समसत पहि नवबयो क बार म कहना पडगा वक िह यस की सिी और कफफार पर ईमान नही िाए थ कयोवक उनहोन तो ईसाइयो क कथनानदसार वयवभचारो म सीमा ही पार कर दी उनम स वकसी न मवतव-पजा की और वकसी न वनददोष का खन वकया तथा वकसी न अपनी पदवतरयो स ददषकमव वकया और विशष तौर पर यस क दादा सावहब दाऊद न तो सार बर काम वकए एक वनददोष को अपनी कामिासना क विए छि स कति कराया और दिाि औरतो को भजकर उसकी जोर को मगिाया त था उसको शराब हपलाई और उसस वयहभचार हकया तथा बहत सा धन हरामकारी म नषट वकया और समपणव आयद म सौ तक पपतन रखी और ईसाइयो क कथनानदसार यह कतय भी वयवभचार म सपममवित था और विवचतरतम यह वक रहल कदस भी पवतवदन उस पर उतरता था और जबर बडी तीवरता स उतर रही थी परनतद अफसोस वक न तो रहिकददस न और न यस क कफफार पर ईमान िान न उस ददषकममो स रोका और अनततः उनही ददषकममो म जान दी इस स विवचतरतम यह वक यह कफफारा यस की दाहदयो और नाहनयो को भी वयवभचार स न बचा सका हािावक उनक वयवभचारो स यस क गौहर-ए-वफतरत (सिभाि रपी मोती) पर दाग िगता था और य दावदया नावनया किि एक दो नही अवपतद तीन ह अतः यस

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की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 27: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

की एक बजगचा नानी जो एक पकार स दादी भी थी अथावत रािाब कसबी अथावत िशया थी दखो यश अधयाय -2 बाब -1 और दसरी नानी जो एक पकार स दादी भी थी उसका नाम तमर ह यह घरि वयवभचारी औरतो की तरह वयवभचारी थी दखो पदायश अधयाय-38 16 स 30 और एक यस सावहब की नानी जो एक ररशत स दादी भी थी हबनति सबअ क नाम स पवसधि ह यह िही विशदधि चररतरिान सतरी थी वजसन दाऊद क साथ वयवभचार वकया था3

दखो समोईि-2 अधयाय-11 आयत-2

अब सपषट ह वक उनकी दावदयो और नावनयो को यस क कफफार की अिशय सचना दी गई होगी और उस पर ईमान िाई होगी कयोवक यह तो ईसाइयो का वसधिानत ह वक पहि नवबयो और उनकी उममत को भी कफफार की यही वशका दी गई थी और इसी पर ईमान िाकर उनकी मदपति हई तो यवद यस क सिीब पर िासी वदए जान का यह पभाि समझा जाए वक उसक मसिब होन पर ईमान िाकर मनदषय पाप स बच जाता ह तो चावहए था वक यस की दाहदया और नाहनया वयहभचारो और दषकममो स बचाई जाती परनतद वजस हाित म समसत पगमबर इसक बािजद वक ईसाइयो क क थनानदसार यस की

3 नोट ः- हमार सययद-ि-मौिा हजरत मदहममद मदसतफा सललललाह अिवह ि सललम फरमात ह वक मरी मा स िकर हविा तक मरी माताओ क करम म कोई सतरी वयवभचाररणी और ददषकमव करन िािी नही और न पदरष वयवभचारी और ददषकमव करन िािा ह परनतद ईसाइयो क क थनानदसार उनक खदा सावहब की पदायश म तीन वयवभचाररणी पसतरयो का खन वमिा हआ ह हािावक तौरात म जो कछ वयवभचाररणी पसतरयो की सनतान क बार म विखा ह िह वकसी पर छपा नही (इसी स)

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 28: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

आतमहतया पर ईमान िात थ वयवभचारो स न बच सक और न यस की दावदया नावनया बच सकी तो इस स सपषट तौर पर वसधि हो गया वक यह झिा कफफारा वकसी को कामिासना सबधी भािनाओ स बचा नही सकता और सिय मसीह को भी बचा न सका दखो िह कस शतान क पीछपीछ-पीछ चि गया हािावक उसका जाना उवचत न थी और सभितः यही हरकत (कतय) थी वजसक कारण िाहशया - आजकि क यरोवपयन दाशववनक ईसाई होन क बािजद इस बात को नही मानत वक िासति म यस को शतान िसिा कर एक पहाडी पर ि गया था कयोवक ि िोग शतान क साकात रप धारण करन को नही मानत बपलक सिय शतान क अपसतति स ही इनकारी ह परनतद िासति म इन दाशववनको क विचारो क अवतररति एक आरोप तो अिशय होता ह वक यवद शतान की वमतरता की यह घटना यहवदयो क गदजरन क सथानो त था पहाडो म होती तो अिशय था वक न किि यस अवपतद कई यहदी भी उस शतान को दखत और कछ सनदह नही वक शतान साधारण मनदषयो क समान नही होगा अवपतद एक अददत एि विवचतर रप का पाणी होगा जो दखन िािो को आशयव म डािता होगा तो यवद िासति म शतान यस को जागन की अिसथा म वदखाई वदया था तो चावहए था वक उसको दख कर हजारो यहवदयो इतयावद िहा एकतर हो जात और एक जमािडा हो जाता परनतद ऐसा घवटत नही हआ इसविए यरोपीय अनिषक इस कोई बाहय घटना सिीकार नही कर सकत अवपतद ि ऐस ही वनरथवक विचारो क कारण वजन म स खदाई का दािा भी ह इजीि को दर स सिाम करत ह अतः ितवमान म एक यरोवपयन विदान न ईसाइयो की पवितर इजीि क बार म यह राय वयति की ह वक मरी राय म वकसी बदवधिमान आदमी को इस बात का विशवास वदिान को वक इजीि मनदषय की बनािट अवपतद िहवशयाना आविषकार ह किि इतनी ही आिशयकता ह वक िह इजीि को पढ विर सावहब बहाददर यह कहत ह वक तदम इजीि को इस पकार पढो जस

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 29: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

िह ऐसा िपजित हआ वक जब एक वयपति न नक किा तो उसन रोका वक मदझ कयो नक कहता ह िासति म ऐसा वयपति जो शतान क पीछ-पीछ चिा गया कयोकर साहस कर सकता ह वक सिय को नक कह यह बात वनपशत ह वक यस न अपन विचार स तथा कछ अनय बातो क कारण स भी सिय को नक कहिान स पथकता वयति की परनतद अफसोस वक अब ईसाइयो न न किि नक ठहरा वदया शष िाहशया - वक तदम वकसी अनय पदसतक को पढत हो और उसक बार म ऐस विचार करो जस वक अनय पदसतको क बार म करत हो अपनी आखो स सममान की पटी वनकाि दो और अपन हदय स भय क भत को भगा दो त था मपसतषक भरमो स खािी करो तब पवितर इजीि को पढो तो तदम को आशयव होगा वक तदमन एक पि क विए भी इस मखवता और अतयाचार क िखक को बदवधिमान नक और पवितर समझा था इसी पकार अनय बहत स दाशववनक साइस क जानन िाि जो इजीि को बहत ही घणा स दखत ह ि उनही अपवितर वशकाओ क कारण नफरत करन िाि हो गए1

वजन को मानना एक बदवधिमान क विए िासति म बहत ही शमव का सथान ह उदाहरणतया यह एक झठा वकससा वक एक वपता ह जो अतयवधक करोध म आप स बाहर होन और िोगो को मारना चाहता ह और एक

1 नोट ः- ईसाइयो म वजतना कोई दशवनशासतर क मीनार पर पहचता ह उतना ही इजीि और ईसाई धमव स विमदख हो जाता ह यहा तक वक इन वदनो एक मम सावहबा न भी ईसाई आसथा क खणडन म एक पदसतक पकावशत की ह परनतद इसिामी दाशववनको का हाि इसक विपरीत ह ब अिी सीना जो दाशववनको क सरदार और अधमगी त था नापसतक करक पवसधि ह िह अपनी पदसतक इशाराति क अनत म विखता ह वक यदवप शारीररक हश (मतयोपरानत कयामत क वदन मददमो को जीवित करक उठाना) पर दशवनशासतरीय तकक सथावपत नही अवपतद इसक विपरीत पर सथावपत होत ह परनतद चवक सच मदिवबर सललललाह अिवह िसललम न फरमाया ह इसविए हम इस पर ईमान िात ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 30: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

अवपतद खदा बना रखा ह अतः कफफारा सिय मसीह को भी कछ िाभ न पहचा सका और अवभमान और अहकार जो समसत बदराइयो की जड ह िह तो यस सावहब क ही भाग म आई हई पतीत होती ह कयोवक उसन सिय खदा बन कर समसत नवबयो को राहजन बटमार और अपवितर हाित क आदमी ठहराया ह हािावक यह इकरार भी उसक किाम स वनकिता ह वक िह सिय भी नक नही ह परनतद अफसोस वक अहकार की बाढ उसकी समपणव हाित को बरबाद कर शष िाहशया - पदतर ह वजसन वपता क पागिो जस करोध को िोगो स इस पकार टाि वदया ह वक सिय सिी पर चढ गया अब बचार यरोवपयन अनिषक ऐसी बकार बातो को कस मान ि ऐसा ही ईसाइयो को य साि सिाभाि विचार वक खदा को तीन शरीर म विभावजत कर वदया एक िह शरीर जो आदमी क रप म हमशा रहगा वजस का नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम खदा का बटा ह दसर िह शरीर जो कबतर की तरह हमशा रहगा वजसका नाम रहिकददस ह तीसर िह शरीर वजसक दावहन हाथ बटा जा बठा ह अब कोई बदवधिमान इन तीन शरीरो को कयोकर सिीकार कर परनतद शतान क सहचर होन का आरोप यरोवपयन दाशववनको क नजदीक कछ कम हसी का कारण नही बहत पयासो क पशात य तािीि पसतदत होती ह वक यह पररपसथवतया यस की मानवसक शपतियो क अपन ही विचार थ और इस बात को भी मानत ह वक तनददरसती और सिासथय की हाित म ऐस घवणत विचार पदा नही हो सकत बहतो को इस बात का वयपतिगत अनिषण ह वक हमगगी क रोग म गरसत अवधकतर शतानो को इसी पकार दखा करत ह ि वबलकि ऐसा ही िणवन वकया करत ह वक हम शतान अमदक-अमदक सथान पर ि गया और य-य चमतकार वदखाए मदझ याद ह वक शायद चौतीस िषव का समय हआ होगा वक मन सिपन म दखा एक सथान पर शतान काि रग और करप खडा ह पहि उसन मरी ओर धयान वदया और मन उसक

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 31: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

गई ह कोई भिा आदमी पहि बदजगमो की वननदा नही करता परनतद उसन पवितर नवबयो को बटमारो क नाम स नावमत वकया ह उसकी जीभ पर दसरो क विए हर समय बईमान वयवभचारी का शबद चढा हआ ह वकसी क बार म सममान का शबद पयोग नही वकया कयो न हो खदा का बटा जो हआ और विर जब दखत ह वक यस क कफफार न हिाररयो क वदिो पर कया पभाि वकया कया ि उस पर ईमान िाकर पाप स रक गए तो इस सथान पर भी सची पवितरता शष िाहशया - मदह पर थपपड मार कर कहा वक दर हो ह शतान तरा मदझ स वहससा नही और विर िह एक दसर की ओर गया और उस अपन साथ कर विया और वजसको साथ कर विया उसको म जानता था इतन म आख खदि गई उसी वदन या उसक बाद उस वयपति को वमगगी पडी वजसको मन सिपन म दखा था वक शतान न उसको साथ कर विया था और वमगगी क रोग म वगरफतार हो गया इसस मदझ विशवास हआ वक शतान क सहचर होन का सिपनिि वमगगी ह तो यह बहत ही बारीक नदतिः और बहत सपषट तथा बदवधिमततापणव राय ह वक यस िासति म वमगगी क रोग स गरसत था त था इसी कारण ऐस सिपन भी दखा करता था और यहवदयो का यह आरोप वक त बआि जबोि की सहायता स ऐस काम करता ह इस राय का समथवक और बहत सनतोषजनक ह कयोवक बअि जबि भी शतान का नाम ह और यहवदयो की बात इस कारण स भी सही और उवचत मािम होती ह वक वजन िोगो को शतान का सखत आसब हो जाता ह और शतान वजन स पम करन िग जाता ह तो यदवप उनकी अपनी वमगगी इतयावद अचछी नही होती परनतद दसरो का अचछा कर सकत ह कयोवक शतान उनस पम करता ह और उन स अिग होना नही चाहता परनतद अतयनत पम क कारण उनकी बात मान िता ह और दसरो को उनक विए शतानी रोगो स मदपति दता ह तथा ऐस आवमि हमशा शराब और गनदी चीज इसतमाि करत रहत ह और पथम शणी क शराबी और खान-पीन िाि होत

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 32: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

का िाना ररति ही मािम होता ह यह तो सपषट ह वक ि िोग सिी वमिन की िबर को सदन कर ईमान िा चदक थ परनतद विर भी पररणाम यह हआ वक यस की वगरफतारी पर पतरस न सामन खड

शष िाहशया - ह अतः थोडा समय गदजरा ह वक एक वयपति इसी पकार बहोशी क राग म गरसथ था कहत ह वक िह दसर िोगो क वजननो को वनकाि वदया करता था अतः यस की यह घटना शतान क सहचर होन का रोग वमगगी पर सपषट पमाण ह और हमार पास कई कारण ह वजनको विसतार स विखन की अभी आिशयकता नही और विशवास ह वक ईसाई अनिषक जो पहि ही हमारी इस राय स सहमवत रखत ह इनकार नही करग और जो मखव पादरी इनकार कर तो उनको इस बात का सबत दना चावहए वक यस का शतान क साथ जाना िासति म जागन की अिसथा की एक घटना ह2और वमगगी इतयावद क सिगन होन का पररणाम नही परनतद सबत म विशवसनीय गिाह पसतदत करन चावहए जो दखन की गिाही दत हो और मािम होता ह वक कबतर का उतरना और यह कहना वक त मरा पयारा बटा ह िासति म यह भी वमगगी का एक दौरा था वजसक साथ ऐस विचार पदा हए बात यह ह वक कबतर का रग सिद होता ह और बिगम का रग भी सिद होता ह और वमगगी का मादः (तति) बिगम ही होता ह तो बिगम कबतर की शकल पर वदखाई द गया और यह जो कहा वक त मरा बटा ह इसम भद यह ह वक िासति म वमगगी म गरसत रोगी वमगगी का बटा ही होता ह इसीविए वमगगी को वतबब की किा म उममदपससबयान कहत ह अथावत बचो की मा और एक बार यस क चारो भाइयो न उस समय सरकार म पाथवना-पतर भी वदया था वक यह वयपति दीिाना हो गया ह इसका कोई पबध वकया जाए अथावत अदाित क जिखाना म दाविि वकया जाए तावक िहा क कानन क अनदसार उसका इिाज हो तो यह पाथवना-पतर भी इस बात पर सपषट पमाण ह वक यस िासति म वमगगी क रोग क कारण दीिाना हो गया था (इसी स)

2 पशन यह ह वक शतान को यस क साथ वकस-वकस न दखा

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 33: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

होकर उस पर िानत भजी शष सब भाग गए और वकसी क वदि म आसथा का पकाश शष न रहा ततपशात पाप स रकन का अब तक यह हाि ह वक विशष तौर पर यरोप क अनिषको क इकरारो स यह बात वसधि ह वक यरोप म वयवभचार का इतना जोर ह वक विशष तौर पर िनदन म हर िषव हजारो हरामी बच पदा होत ह और इतनी गनदी घटनाए यरोप की पकावशत हई ह वक कहन और सदनन क योगय नही महदरापान का इतना जोर ह वक यवद इन दकानो को एक सरि रखा म परसपर रख वदया जाए तो शायद एक मदसावफर क दो मवजि तय करन तक भी ि दकान समापत न हो इबादतो स वनिवतत ह और वदन-रात अययाशी और ससार परसती क अवतररति काम नही तो इस समपणव अनिषण स वसधि हआ वक यस क सिीब वदए जान स उस पर ईमान िान िाि पाप स रक नही सक4 अवपतद जसा वक बाध टटन स एक तीवर धार दररया का पानी आस-पास क दहात को तबाह कर जाता ह ऐसा ही कफफार पर ईमान िान िािो का हाि हो रहा ह और म जानता ह वक ईसाई िोग इस पर अवधक बहस नही करग कयोवक वजस हाित म उन नवबयो को वजन क पास खदा का फररशता आता था यस का कफफारा बदराइयो स रोक न सका तो विर वयापाररयो रोजगार िािो और खशक पादररयो को अपवितर 4नोट - यस का सिीब पर मरना यवद अपनी इचछा स होता तो आतमहतया और हराम की मौत थी और इचछा क विरधि हाित म कफफारा नही हो सकता तथा यस इसविए सिय को नक नही विख सका वक िोग जानत थ वक यह वयपति शराबी कबाबी ह और यह िराब-चाि-चिन न खदाई क बाद अवपतद पारभ ही स ऐसा मािम होता ह अतः खदाई का दािा शराब पीन का एक ददषपररणाम ह (इसी स)

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

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मयारल मजाहिब

कायमो स कयोकर रोक सकता ह तो ईसाइयो क खदा की हाित यह ह जो हम िणवन कर चदक

तीसरा धमव उन दो धममो की तदिना म वजन का अभी हम िणवन कर चदक ह इलाम ह इस धमव का खदा को पहचानना बहत ही सपषट और मानिीय पकवत क अनदसार ह यवद समसत धममो की पदसतक वमट कर उनक समसत वशका सबध विचार और कलपनाए भी वमट जाए तब भी िह खदा वजसकी ओर कआवन मागव-दशवन करता ह पकवत क हनयम क दपचाण म साफ-साफ वदखाई दगा और उसकी कदरत और दरदवशवता स भरा हआ रप पतयक कण म चमकता हआ वदखाई दगा तो िह खदा वजस का पता पवितर कआवन बताता ह अपनी मौजद िसतदओ पर किि पकोपी हकमत नही रखता अवपतद पवितर आयत

(अिआराफ - 173) بکم قالوا بل

الست برक अनदसार पतयक कण-कण अपनी तवबयत और रहावनयत

स उसक आदश का पािन करता ह उसकी ओर झदकन क विए पतयक तवबयत म एक आकषवण पाया जाता ह इस आकषवण स एक कण भी ररति नही और यह इस बात का एक बडा तकक ह वक िह पतयक िसतद का सरषटा ह कयोवक हदय का पकाश इस बात को मानता ह वक िह आकषवण जो उसकी ओर झदकन क विए समसत िसतदओ म पाया जाता ह िह वनससनदह उसी की ओर स ह जसा वक पवितर कआवन न इस आयत म इसी बात की ओर सकत वकया ह वक

(बनी इसराईि - 45) ح بحمدہ ء ال یسب ن ش ان مअथावत पतयक िसतद उसकी पवितरता और उसकी सतदवत िणवन

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मयारल मजाहिब

कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 35: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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कर रही ह यवद खदा इन िसतदओ का सरषटा नही था तो उन िसतदओ म खदा की ओर आकषवण कयो पाया जाता ह एक विचार करन िािा मनदषय इस बात को अिशय सिीकार कर िगा वक वकसी गदपत सबध क कारण यह आकषवण ह तो यवद िह सबध खदा का सरषटा होना नही तो कोई आयव इतयावद इस बात का उततर द वक इस सबध की िद इतयावद म कया िासतविकता विखी ह और उसका कया नाम ह कया यही सच ह वक खदा किि जबरदसती पतयक िसतद पर शासन कर रहा ह और इन िसतदओ म कोई सिाभाविक शपति और शौक खदा तआिा की ओर झदकन का नही ह खदा की पनाह ऐसा कदावप नही अवपतद ऐसा विचार करना न किि मखवता अवपतद परि दजज की बदराई भी ह परनतद अफसोस वक आयमो क िद न खदा तआिा क सरषटा होन स इनकार करक उस रहानी सबध को सिीकार नही वकया वजस पर सिाभाविक आजापािन पतयक िसतद का वनभवर ह और चवक बारीक माररफत और बारीक जान स ि हजारो कोस दर थ इसविए यह सचा दशवन उन स छपा रहा ह अिशय समसत शरीरो और रहो को उस अनावद अपसतति स एक सिाभाविक सबध पडा हआ ह और खदा का शासन किि बनािट और जबरदसती का शासन नही अवपतद पतयक िसतद अपनी रह स उसको सजदा कर रही ह कयोवक कण-कण उसक असीवमत उपकारो म डबा हआ तथा उसक हाथ स वनकिा हआ ह परनतद अफसोस वक समसत विरोधी धमव िािो न खदा तआिा की कदरत रहमत और पवितरता क विशाि दररया को अपनी अनददारता क कारण बिात रोकना चाहा ह और इनही कारणो स उनक कालपहनक खदाओ पर कमजोरी अपवितरता बनािट

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

37

मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

Page 36: मैयारुल मजाहिब - Ahmadiyya · Name of book : Ma’iyarul Mazahib लेखक : हज़रत मिज़्ज़ा ग़ुल्ि अहिद

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मयारल मजाहिब

अनदवचत पकोप तथा अनदवचत शासन क वभनन-वभनन पकार क दाग िग गए ह परनतद इसिाम न खदा तआिा की पणवतम विशषताओ की तीवर बहन िािी धारो को कही नही रोका िह आयमो की तरह इस आसथा की वशका नही दता वक पथिी और आकाश की रह और शरीरो क कण अपन-अपन अपसतति क सिय ही खदा ि और वजस का परमशवर नाम ह िह वकसी अजात कारण स किि एक राजा क तौर पर उन पर शासक ह और न ईसाई धमव की तरह यह वसखाता ह वक खदा न एक मनदषय की तरह एक औरति क पट स जनम विया और न किि नौ महीन तक माहिारी का खन खाकर एक पापी शरीर स जो हबनति सबअ और तिमर तथा राहाब जसी वयवभचाररणी पसतरयो क िमीर स अपनी पकवत म इसबनयति (पदतर होन का) वहससा रखता था खन हडी और मास को पापत वकसा अवपतद बचपन क समय म जो-जो रोगो क कषट ह जस िसरा चचक दातो क कषट इतयावद ि सब सहन वकए और आयद का बहत सा भाग साधारण मनदषयो की भावत खोकर अनत म मतयद क वनकट पहच कर खदा याद आ गई परनतद चवक किि दािा ही दािा था और खदाई शपतिया साथ नही थी इसविए दाि क साथ ही पकडा गया अवपतद इन समसत हावनयो और अपवितर हाितो स पतापिान िासतविक खदा को पवितर और पािन समझता ह और उस िहवशयाना करोध स भी उसक अपसतति को शषठतर ठहराता ह वक जब तक वकसी क गि म िासी का रससा न डाि तब तक अपन बनदो को कमा करन क विए कोई उपाय उस याद न आए और खदा तआिा क अपसतति और विशषताओ क बार म पवितर कआवन यह सची पवितर और पणव

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

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मयारल मजाहिब

माररफत वसखाता ह वक उसकी कदरत और रहमत (दया) शषठता और पवितरता असीम ह और यह कहना कआवनी वशका क अनदसार बहत ही घवणत पाप ह वक खदा तआिा की कदरत शषठताए और रहमत एक सीमा पर जाकर ठहर जाती ह या वकसी अिसर पर पहच कर उसकी कमजोरी उसका बाधक हो जाता ह अवपतद उसकी समसत कदरत इस सददढ वनयम पर चि रही ह वक उन मामिो को छोडकर जो उसकी पवितरता खबी और पणव विशषताओ क विपरीत ह या उसक अपररितवनीय अजाब क िाद क विपरीत ह शष जो चाहता ह कर सकता ह उदाहरणतया यह नही कह सकत वक िह अपनी पणव कदरत स सिय को मार सकता ह कयोवक यह बात उसकी अनावद विशषता हमशा जीवित रहन और कायम रहन क विरधि ह कारण यह वक िह पहि ही अपनी करनी और कथनी म पकट कर चदका ह वक िह अजर-अमर और अनशवर ह और मतयद उस पर िध नही ऐसा ही यह भी नही कह सकत वक िह वकसी सतरी क गभावशय म पिश करता माहिारी का खन खाता और िगभग नौ माह पणव करक सर डढ सर क भार पर पसतरयो क मतर क मागव स रोता-वचललाता पदा हो जाता ह रोटी खाता शौच जाता पशाब करता और इस नशवर जीिन क समसत ददःख उठाता ह और अनततः कछ समय जान वनकि न का अजाब सहन करक इस नशवर ससार स कच कर जाता ह कयोवक य समसत मामि हीन और कवत म सपममवित ह और उसक अनावद पताप तथा पणव कमाि (खबी) क विरधि ह

विर भी यह जानना चावहए वक चवक इसिामी आसथा म िासति म खदा तआिा समपणव सपषटयो का पदा करन िािा ह और कया रह

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

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मयारल मजाहिब

तथा कया शरीर सब उसी क पदा वकए हए ह और उसी की कदरत स पकटनशीि हए ह इसविए कआवनी आसथा यह भी ह वक जसा वक खदा तआिा पतयक िसतद का सरषटा और पदा करन िािा ह इसी पकार िह पतयक िसतद का िासतविक तौर पर कययम (सिवदा सथावपत रहन तथा दसरो को रखन िािा - अनदिादक) भी ह अथावत पतयक िसतद का उसी क अपसतति क साथ जीिन ह और उसका अपसतति पतयक िसतद क विए पाण क सथान पर ह और यवद उसका नापसत होना मान ि तो साथ ही पतयक िसतद का नापसत होगा अतः पतयक अपसतति की सदरका और सथापना क विए उसका साथ अवनिायव ह परनतद आयमो और ईसाइयो का यह विशवास नही ह आयमो का इसविए वक िह खदा तआिा को रहो और शरीरो का सरषटा नही जानत और पतयक िसतद स ऐसा उसका सबध नही मानत वजस स वसधि हो वक पतयक िसतद उसी की कदरत और इराद का पररणाम ह और उसकी इचछा क विए साए क तौर पर ह अवपतद पतयक िसतद का अपसतति इस पकार स सथायी समझत ह वजस स समझा जाता ह वक उनक विचार म समसत िसतदए अपन अपसतति म सथायी तौर पर अनावद ह तो जबवक य समसत मौजद िसतदए उनक विचार म खदा तआिा की कदरत स वनकि कर कदरत क साथ सथावपत नही तो वनससनदह य सब िसतदए वहनददओ क परमशवर स ऐसी असबवधत ह वक यवद इनक परमशवर का मरना भी मान ि तब भी रहो और शरीरो की कछ भी हावन नही कयोवक उनका परमशवर किि भिन वनमावता की भावत ह और वजस पकार ईट तथा गारा भिन-वनमावता की वयपतिगत कदरत क साथ सथावपत नही तावक पतयक पररपसथवत म उसक अपसतति

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मयारल मजाहिब

क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

37

मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

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क अधीन हो यही हाि वहनददओ क परमशवर की िसतदओ का ह अतः जसा वक भिन-वनमावता क मर जान स आिशयक नही होता वक उसन अपनी आयद म वजतनी इमारत बनाई हो ि साथ ही वगर जाए ऐसा ही यह भी अिशय नही वक वहनददओ क परमशवर क मर जान स कछ भी आघात अनय िसतदओ को पहच कयोवक िह उनका कययम5

(सथावपत रहन िािा) नही यवद कययम होता ता अिशय उनका सरषटा भी होता कयोवक जो िसतदए पदा होन म खदा की शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी शपति की मदहताज नही िह कायम रहन म भी उसकी शपति क सहार की आिशयकता नही रखती और ईसाइयो की आसथा की दपषट स भी उनका साकात रप म खदा िसतदओ का सथावपत करन िािा नही हो सकता कयोवक कययम होन क विए साथ होना आिशयक ह सपषट ह वक ईसाइयो का खदा यस अब पथिी पर नही कयोवक यवद पथिी पर होता तो अिशय िोगो को वदखाई दता जसा वक उस यदग म वदखाई दता था जबवक पिातस क काि म उसक दश म मौजद था तो जबवक िह पथिी पर मौजद नही था पथिी क िोगो का कययम कयोकर हआ रहा आकाश तो िह आकाशो का भी कययम नही कयोवक उसका शरीर तो किि छः सात बाविशत क िगभग होगा विर िह समसत आकाशो पर कयोकर मौजद हो सकता ह तावक उनका कययम हो वकनतद हम िोग जो खदा तआिा को अशव का रबब कहत ह तो इस स यह मतिब नही वक िह शारीररक एि शरीर ह और अशव का

5जो िसतद कदरत क सहार स पदा नही हई िह अपनी रका म भी कदरत क सहार की मदहताज नही

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मयारल मजाहिब

मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

समापत

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मदहताज ह अवपतद अशव स अवभपाय िह पवितर बदिनदी का सथान ह जो इस िोक और परिोक स बराबर सबध रखती ह और खदा तआिा को अशव पर कहना िासति म इन मायनो स पयावय ह वक िह दोनो िोको का माविक ह और जसा वक एक वयपति ऊच सथान पर बठ कर या वकसी अतयनत ऊच महि पर चढकर दाए-बाए दपषट रखता ह ऐसा ही रप क क तौर पर खदा तआिा बदिनद स बदिनद तखत पर सिीकार वकया गया ह वजस की दपषट स कोई िसतद छपी हई नही न इस िोक की और न उस दसर िोक की हा इस सथान को सामानय समझो क विए ऊपर की ओर िणवन वकया जाता ह कयोवक जबवक खदा तआिा िासति म सबस ऊपर ह और पतयक िसतद उसक परो पर वगरी हई ह तो ऊपर की ओर स उसक अपसतति को अनदकिता ह परनतद ऊपर की ओर िही ह वजस क नीच दोनो िोक ह और िह एक अपनतम वबनदद की भावत ह वजसक नीच स दो महान िोको की दो शाखाए वनकिती ह और पतयक शाखा हजारो िोको पर आधाररत ह वजन का जान उस अपसतति क अवतररति वकसी को नही जो इस अपनतम वबनदद पर खडा ह वजस का नाम अशव ह इसविए पतयक तौर पर भी िह उच स उचतम बदिनदी जो ऊपर की वदशा म उस अपनतम वबनदद म समझी जाए जो दोनो िोको क ऊपर ह िही अशव क नाम स शरीअत क नजदीक नावमत ह और यह बदिनदी खदा तआिा क की वनजी वयापकता की दपषट स ह तावक इस बात की ओर सकत हो वक िह उदगम ह पतयक िरदान का और िौटन का सथान ह पतयक िसतद का और पतयक सपषट का मसजद (उपासय) ह और सब स ऊचा ह अपन अपसतति म और विशषताओ म तथा

37

मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

بع الھدی والسلام علی من ات

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मयारल मजाहिब

खवबयो म अनयथा कआवन फरमाता ह वक हर एक जगह ह जसा वक फरमाया -

اینما تولوا فثم وجہ اہلل (अिबकरह - 116)

वजधर मदह िरो उधर ही खदा का मदह ह और फरमाता ह (अिहदीद - 5) ہو معکم این ما كنتم

अथावत जहा तदम हो िह तदमहार साथ ह और फरमाता ह (काफ - 17) ورید

ب الیہ من حبل ال

نحن اقر

अथावत हम मनदषय स उसकी मदखय धमनी स भी अवधक वनकट ह यह तीनो वशकाओ का नमना ह

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