कबीर दास जी के दोहे
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कबी�र दा�स जी� क दाहे बी�र� जी दाखन मैं� चला�, बी�र� न मिमैंलिलाया� कया,
जी दिदाला खजी� आपन�, मैं�झस बी�र� न कया।
अर्थ� : जीबी मैं� इस स�स�र मैं बी�र�ई खजीन चला� तो मैं�झ कई बी�र� न मिमैंला�. जीबी मैं�न अपन मैंन मैं झ�#क कर दाख� तो प�या� किक मैं�झस बी�र� कई नहे% हे&.
—
पर्थ� पदि' पदि' जीग मैं�आ, प�कि)तो भया� न कया,
ढा�ई आखर प्रेमैं क�, प' स प�कि)तो हेया।
अर्थ� : बीड़ी� बीड़ी� प�स्तोक प' कर स�स�र मैं किकतोन हे� लाग मैं/त्या� क द्वा�र पहुँ#च गए, पर सभ� कि4द्वा�न
न हे सक . कबी�र मैं�नतो हे� किक यादिदा कई प्रेमैं या� प्या�र क क 4ला ढा�ई अक्षर हे� अच्छी8 तोरहे प' ला, अर्थ��तो प्या�र क� 4�स्तोकि4क रूप पहेच�न ला तो 4हे� सच्चा� ज्ञा�न� हेग�.
—
स�धु� ऐस� च�किहेए, जी&स� स>प स�भ�या,
स�र-स�र क गकिहे रहे&, र्थर्थ� दाई उड़ी�या।
अर्थ� : इस स�स�र मैं ऐस सज्जनA कB जीरूरतो हे& जी&स अन�जी स�फ़ करन 4�ला� स>प हेतो� हे&. जी स�र्थ�क क बीच� ला ग और किनरर्थ�क क उड़ी� दा ग.
—
कितोनक� कबीहुँ# न� किनन्दिFदाया, जी प�#4न तोर हेया,
कबीहुँ# उड़ी� आ#खिखन पड़ी, तो प�र घनर� हेया।
अर्थ� : कबी�र कहेतो हे� किक एक छोटे स कितोनक कB भ� कभ� निंनLदा� न कर जी तो�म्हे�र प��4A क न�च दाबी जी�तो� हे&. यादिदा कभ� 4हे कितोनक� उड़ीकर आ#ख मैं आ किगर तो किकतोन� गहेर� प�ड़ी� हेतो� हे& !
रहे�मैं दा�स क दाहे किबीगर� बी�तो बीन नहे%, ला�ख कर किकन कया.
रकिहेमैंन फा�टे दूधु क, मैंर्थ न मैं�खन हेया.
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अर्थ� : मैंन�ष्या क सचसमैंझ कर व्य4हे�र करन� च�किहेए,क्याAकिक किकस� क�रण4श यादिदा बी�तो किबीगड़ी
जी�तो� हे& तो किफार उस बीन�न� कदिUन हेतो� हे&, जी&स यादिदा एकबी�र दूधु फाटे गया� तो ला�ख कलिशश
करन पर भ� उस मैंर्थ कर मैंक्खन नहे% किनक�ला� जी� सक ग�.—
रकिहेमैंन धु�ग� प्रेमैं क�, मैंतो तोर चटेक�या.
टे>टे प किफार न� जी�र, जी�र ग�#U पर� जी�या.
अर्थ� : रहे�मैं कहेतो हे� किक प्रेमैं क� न�तो� न�जीVक हेतो� हे&. इस झटेक� दाकर तोड़ीन� उलिचतो नहे% हेतो�. यादिदा याहे प्रेमैं क� धु�ग� एक बी�र टे>टे जी�तो� हे& तो किफार इस मिमैंला�न� कदिUन हेतो� हे& और यादिदा मिमैंला
भ� जी�ए तो टे>टे हुँए धु�गA क बी�च मैं ग�#U पड़ी जी�तो� हे&.—
रकिहेमैंन दाखिख बीड़ीन क, लाघ� न दा8न्दिजीए )�रिर.जीहे�� क�मैं आ4 स�ई, कहे� कर तोर4�रिर.
अर्थ� : रहे�मैं कहेतो हे� किक बीड़ी� 4स्तो� क दाख कर छोटे8 4स्तो� क फा क नहे% दान� च�किहेए. जीहे�� छोटे8 स� स�ई क�मैं आतो� हे&, 4हे�� तोला4�र बीच�र� क्या� कर सकतो� हे&?
—
जी रहे�मैं उत्तमैं प्रेक/ कितो, क� कर� सकतो क� स�ग.
चFदान कि4ष व्य�प नहे%, लिलापटे रहेतो भ�जी�ग.
अर्थ� : रहे�मैं कहेतो हे� किक जी अच्छी स्4भ�4 क मैंन�ष्या हेतो हे�,उनक बी�र� स�गकितो भ� किबीग�ड़ी नहे% प�तो�. जीहेर�ला स��प चFदान क 4/क्ष स लिलापटे रहेन पर भ� उस पर कई जीहेर�ला� प्रेभ�4 नहे% )�ला
प�तो.
दो�हे�
मैंर� भ4 बी�धु� हेर[, र�धु� न�गरिर सया।जी� तोन� कB झ�#ई पर, स्या�मैं हेरिरतो दुकितो हेया॥
अधुर धुरतो हेरिर क परतो, ओंU, दा8U, पटे जीकितो।हेरिरतो बी�#स कB बी�#स�र�, इ�द्र धुन�ष दुकितो हेकितो॥
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या� अन�र�ग� लिचत्त कB, गकितो समैं�झ& ननिंहेL कइ।ज्याA-ज्याA बी>ड़ी& स्या�मैं र�ग, त्याA-त्याA उज्जला� हेइ॥
पत्रा� हे� कितोर्थ� प�इया, 4� घर क चहुँ# प�स।किनतो प्रेकितो प>Fया[ हे� रहे, आनन-ओप उजी�स॥
कहेकितो नटेकितो र�झकितो मिमैंलाकितो खिखलाकितो लान्दिजी जी�तो।भर भ[न मैं हेतो हे&, न&नन हे� सA बी�तो॥
न�निंहेLन या प�4क प्रेबीला, ला>ऐं चलाकितो चहुँ# प�स।मैं�नA किबीरहे बीस�तो क , ग्री�षमैं लातो उस��स॥
इन दुखिखया� अ#खिखया�न कe, स�ख लिसरजीई न�निंहेL ।दाखतो बीन& न दाखतो, किबीन दाख अक� ला�निंहेL॥
सनजी�हे� स� जीगमैंग�, अ#ग-अ#ग जी4न� जीकितो।स�र#ग क� स��भ� च>नर�, दुर#ग� दाहेदुकितो हेकितो॥
बि�हे�री
)f. अ��ल पा�की�री जै�नु�ल��दो�नु अब्दुल कील�म तोर्थ� ए. प�. जी. अब्दुला कला�मैं (तोमिमैंळ: அவுல் பகீர் ஜை�னுலா�ப்தீன் அப்துல் கலா�ம்; ऑक्टेबीर १५ ,इ . स . १९३१ - २७ जी�ला& , इ . स . २०१५ ) हे भ�रतो�च अकर�4 र�ष्ट्रपतो� (क�या�क�ळ २५ जी�ला& , इ . स . २००२ तो २५ जी�ला& , इ . स . २००७ [ १ ] ) हेतो. आपल्या� आगळ्या� क�या�पद्धतो�मैं�ळ तो 'लाक��च र�ष्ट्रपतो�' म्हेण>न लाककिप्रेया झ�ला. त्या��च 4)�ला र�मैंश्वरमैंला� याण�रv या� या�त्राकरू� न� हे)�तो>न धुन�ष्क)�ला� नण्या�आणण्या�च� व्य4स�या कर�तो. )f. कला�मैं या��न� आपला श�लाया लिशक्षण र�मैंन�र्थप�रमैंv ला� प>ण� क ला. लाहे�न 4या�तोच 4कि)ला��च छोत्रा गमैं�4ल्या�न )f. कला�मैं ग�4�तो 4तो�मैं�नपत्रा कि4क> न, तोसच अFया लाहे�न मैंUx क�मैं करून प&स कमैं4�तो 4 घर� मैंदातो कर�तो. त्या��च बी�लापण ख>प कष्टा�तो गला. श�ळतो असतो�न� गणिणतो�च� त्या��न� कि4शष आ4) ला�गला�. न�तोर तो कितोरुलिचर�पल्ला� यार्थ स टे जीसफा कfलाजीमैंध्या दा�खला झ�ला. तोर्थ बी�.एसv स�. झ�ल्या�न�तोर त्या��न� 'मैंद्र�स इन्स्टिFस्टेट्यू>टे ऑफा टेक्नfलाfजी�तो प्रे4श घतोला�. प्रे4श�स�Ux ला�गण�र प&सहे� त्या��च्या�क) नव्हेतो. बीकिहेण�न स्4तो�च दा�किगन गहे�ण U 4>न त्या��न� प&स दिदाला. या� स�स्थेतो>न एरfनfदिटेक्सच� कि)प्लामैं� प>ण� क ल्या�न�तोर, त्या��न� अमैंरिरक तो�ला 'न�स�' या� प्रेलिसद्ध स�शधुन स�स्थेतो च�र मैंकिहेन एरस्पेस टेक्नfलाfजी�च प्रेलिशक्षण घतोला.
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त्या�न�तोर अब्दुला कला�मैं या��च� १९५८ तो ६३ या� क�ळ�तो स�रक्षण स�शधुन 4 कि4क�स स�स्थेश�(DRDO) स�बी�धु आला�.
क�या�[स�प�दान]
१९६३ मैंध्या तो भ�रतो�या अ4क�श स�शधुन स�स्थेतो (इस्रो) क्षपण�स्त्रा कि4क�स�तो�ला एसएलाव्हे�(सटेला�इटे लाfन्चिंFचLग व्हेईकला) च्या� स�शधुन�तो भ�ग घऊ ला�गला.इ�दिदार� ग��धु� प�तोप्रेधु�न असतो�न� भ�रतो�न क्षपण�स्त्रा कि4क�स�च� एक�त्मित्मैंक क�या�क्रमैं हे�तो� घतोला� त्या� 4ळ8 )f. कला�मैं प�Fहे� )�आर)�ओमैंध्या आला.
स्4दाश� बीन�4टे8च� क्षपण�स्त्रा तोया�र करण्या�च� त्या��च� न्दिजीद्द तोव्हे�प�स>नच�च आहे. भ�रतो�या अ4क�श स�शधुन स�स्थेतो (इस्रोमैंध्या) असतो�न� स�टेला�ईटे ला�#न्चिंFचLग व्हेईकला -३ या� प्रेकल्प�च तो प्रेमैं�ख झ�ला. स�र�भ�ईन� भ�रतो�तो कि4ज्ञा�न तो�त्राज्ञा�न�च� आघ�)� )f. कला�मैं या��न� स��भ�ळ�4�, अस 4क्तव्य क ला हेतो, तो प�ढा कला�मैं��न� स�र्थ� करून दा�खकि4ला. स�र�भ�ईंचच न�4 दिदालाल्या� 'कि4क्रमैं स�र�भ�ई अ4क�श क द्र� ' च तो प्रेमैं�ख झ�ला.