the constitution of india - mpgk
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poundEacuteEacuteregiEacute BEacuteEEacute ordmEacuteAEligEacuteEcircacuteEacutevEacuteEacutexEacute [1 अपरल 2019 को यथावदयमान]
The Constitution of India [As on 1st April 2019]
पराककथन
भारत क सिवधान का यह स करण सस दवारा समय-समय पर यथा सशोिधत भारत क सिवधान क पाठ को उदधत करता ह सस दवारा सिवधान (एक सौ तीनवा सशोधन) अिधिनयम 2019 तक और उसको सि मिलत करत हए िकए गए सभी सशोधन इस स करण म सि मिलत िकए गए ह पाठ क नीच िदए गए पाद िट पण सिवधान सशोधन अिधिनयम िजसक दवारा ऐस सशोधन िकए गए ह को उपदिशरत करता ह
सिवधान ज म-क मीर रा य को अन छद 370 और सिवधान (ज म-क मीर को लाग होना) आदश 1954 म यथा उपबिधत कछ अपवाद और उपातरण क साथ लाग होता ह यह आदश िनदश की सिवधा क िलए पिरिश 1 म सि मिलत िकया गया ह अपवाद और उपातरण का पनकर थन पिरिश 2 म अतिवर िकया गया ह
सिवधान (एक सौवा सशोधन) अिधिनयम 2015 भारत सरकार और बागला दश क म य अिजरत िकए गए और अतिरत िकए गए रा यकषतर क यौर अतिवर करत हए पिरिश 5 म सि मिलत िकया गया ह
सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 और सिवधान (अठासीवा सशोधन) अिधिनयम 2003 स सबिधत सवधािनक सशोधन क पाठ को जो अभी तक परव नही हए ह पाठ म समिचत थान पर जहा सभव हो या अ यथा पाद िट पण म उपबिधत िकया गया ह
डा जी नारायण राजसिचव भारत सरकार
नई िद ली 1 अपरल 2019
सकषपाकषर की सची
का0आ0 काननी आदश
का0िन0आ0 काननी िनयम और आदश
प0 प
स0 सखयाक (न बर)
स0आ0 सिवधान आदश
भारत का सिवधान
िवषय सची उ िशका
अन छद प भाग 1
सघ और उसका रा यकषतर1 सघ का नाम और रा यकषतर 2 2 नए रा य का परवश या थापना 2
[2क िसिककम का सघ क साथ सहयकत िकया जाना ndash िनरिसत ]hellip 2 3 नए रा य का िनमारण और वतरमान रा य क कषतर सीमाओ या नाम
म पिरवतरन 2 4 पहली अनसची और चौथी अनसची क सशोधन तथा अनपरक
आनषिगक और पािरणािमक िवषय का उपबध करन क िलए अन छद2 और अन छद 3 क अधीन बनाई गई िविधया helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 3
भाग 2नागिरकता
5 सिवधान क परारभ पर नागिरकता 4 6 पािक तान स भारत को पर जन करन वाल कछ यिकतय क
नागिरकता क अिधकार 4 7 पािक तान को पर जन करन वाल कछ यिकतय क नागिरकता क
अिधकार 5 8 भारत क बाहर रहन वाल भारतीय उदभव क कछ यिकतय क
नागिरकता क अिधकार 5 9 िवदशी रा य की नागिरकता व छा स अिजरत करन वाल यिकतय का
नागिरक न होना 5 10 नागिरकता क अिधकार का बना रहना 5 11 सस दवारा नागिरकता क अिधकार का िविध दवारा िविनयमन िकया जाना 5
िवषय सची अन छद प
(ii)
भाग 3
मल अिधकार
साधारण
12 पिरभाषा 6 13 मल अिधकार स असगत या उनका अ पीकरण करन वाली िविधयाhellip 6
समता का अिधकार
14 िविध क समकष समता 6 15 धमर मलवश जाित िलग या ज म थान क आधार पर िवभद का परितषध 6 16 लोक िनयोजन क िवषय म अवसर की समता 7 17 अ प यता का अत 8 18 उपािधय का अत 8
वात य-अिधकार
19 वाक- वात य आिद िवषयक कछ अिधकार का सरकषण 8 20 अपराध क िलए दोषिसिदध क सबध म सरकषण 10 21 पराण और दिहक वततरता का सरकषण 10 21क िशकषा का अिधकार 10 22 कछ दशाओ म िगर तारी और िनरोध स सरकषण 10
शोषण क िव दध अिधकार
23 मानव क द यारपार और बला म का परितषध 11 24 कारखान आिद म बालक क िनयोजन का परितषध 12
धमर की वततरता का अिधकार
25 अतःकरण की और धमर क अबाध प स मानन आचरण और परचार करन की वततरता helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
12
26 धािमरक काय क परबध की वततरता 12 27 िकसी िविश धमर की अिभविदध क िलए कर क सदाय क बार म
वततरता
13 28 कछ िशकषा स थाओ म धािमरक िशकषा या धािमरक उपासना म उपि थत
होन क बार म वततरता
13
िवषय सची अन छद प
(iii)
स कित और िशकषा सबधी अिधकार
29 अ पसखयक-वग क िहत का सरकषण 13 30 िशकषा स थाओ की थापना और परशासन करन का अ पसखयक-वग
का अिधकारhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
13 [31 सपि का अिनवायर अजरन ndash िनरिसत ] 14
कछ िविधय की यावि
31क सपदाओ आिद क अजरन क िलए उपबध करन वाली िविधय की यावि
14
31ख कछ अिधिनयम और िविनयम का िविधमा यकरण helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 15 31ग कछ िनदशक त व को परभावी करन वाली िविधय की यावि helliphelliphelliphelliphellip 16 [31घ रा िवरोधी िकरयाकलाप क सबध म िविधय की यावि ndash िनरिसत ] 16
सािवधािनक उपचार का अिधकार
32 इस भाग दवारा परद अिधकार को परवितरत करान क िलए उपचार helliphellip 16 [32क रा य िविधय की सािवधािनक वधता पर अन छद 32 क अधीन
कायरवािहय म िवचार न िकया जाना ndash िनरिसत ] helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 16
33 इस भाग दवारा परद अिधकार का बल आिद को लाग होन म उपातरण करन की सस की शिकत
17
34 जब िकसी कषतर म सना िविध परव ह तब इस भाग दवारा परद अिधकार पर िनबर धन
17
35 इस भाग क उपबध को परभावी करन क िलए िवधान helliphellip 17 भाग 4
रा य की नीित क िनदशक त व
36 पिरभाषा 19 37 इस भाग म अतिवर त व का लाग होना helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 19 38 रा य लोक क याण की अिभविदध क िलए सामािजक यव था बनाएगा
19
39 रा य दवारा अनसरणीय कछ नीित त व 19 39क समान याय और िनःश क िविधक सहायता 20
िवषय सची अन छद प
(iv)
40 गराम पचायत का सगठन 20 41 कछ दशाओ म काम िशकषा और लोक सहायता पान का अिधकारhelliphellip 20 42 काम की यायसगत और मानवोिचत दशाओ का तथा परसित सहायता
का उपबध
20 43 कमरकार क िलए िनवारह मजदरी आिद 20 43क उदयोग क परबध म कमरकार का भाग लना 20 43ख सहकारी सोसाइिटय का सवधरन 20 44 नागिरक क िलए एक समान िसिवल सिहता 20 45 छह वषर स कम आय क बालक क िलए परारिभक बा याव था दख-रख
और िशकषा का उपबध
20 46 अनसिचत जाितय अनसिचत जनजाितय और अ य दबरल वग क
िशकषा और अथर सबधी िहत की अिभविदध 21
47 पोषाहार तर और जीवन तर को ऊचा करन तथा लोक वा य का सधार करन का रा य का कतर य
21
48 किष और पशपालन का सगठन 21 48क पयारवरण का सरकषण तथा सवधरन और वन तथा व य जीव की रकषाhelliphellip 21 49 रा ीय मह व क स मारक थान और व तओ का सरकषण 21 50 कायरपािलका स यायपािलका का पथककरण 21 51 अतररा ीय शाित और सरकषा की अिभविदध 21
भाग 4क मल कतर य
51क मल कतर य 22 भाग 5 सघ
अ याय 1--कायरपािलका रा पित और उपरा पित
52 भारत का रा पित 23 53 सघ की कायरपािलका शिकत 23 54 रा पित का िनवारचन 23
िवषय सची अन छद प
(v)
55 रा पित क िनवारचन की रीित 23 56 रा पित की पदाविध 24 57 पनिनरवारचन क िलए पातरता 24 58 रा पित िनवारिचत होन क िलए अहरताए 25 59 रा पित क पद क िलए शत 25 60 रा पित दवारा शपथ या परितजञान 25 61 रा पित पर महािभयोग चलान की परिकरया 26 62 रा पित क पद म िरिकत को भरन क िलए िनवारचन करन का समय और
आकि मक िरिकत को भरन क िलए िनवारिचत यिकत की पदाविधhellip
26 63 भारत का उपरा पित 26 64 उपरा पित का रा य सभा का पदन सभापित होना 26 65 रा पित क पद म आकि मक िरिकत क दौरान या उसकी अनपि थित म
उपरा पित का रा पित क प म कायर करना या उसक क य का िनवरहन
27 66 उपरा पित का िनवारचन 27 67 उपरा पित की पदाविध 28 68 उपरा पित क पद म िरिकत को भरन क िलए िनवारचन करन का समय
और आकि मक िरिकत को भरन क िलए िनवारिचत यिकत की पदाविध hellip
28 69 उपरा पित दवारा शपथ या परितजञान 28 70 अ य आकि मकताओ म रा पित क क य का िनवरहन 29 71 रा पित या उपरा पित क िनवारचन स सबिधत या ससकत िवषय 29 72 कषमा आिद की और कछ मामल म दडादश क िनलबन पिरहार या
लघकरण की रा पित की शिकत
29 73 सघ की कायरपािलका शिकत का िव तार 30
मितर-पिरष
74 रा पित को सहायता और सलाह दन क िलए मितर-पिरष 30 75 मितरय क बार म अ य उपबध 30
भारत का महा यायवादी
76 भारत का महा यायवादी 31
िवषय सची अन छद प
(vi)
सरकारी कायर का सचालन
77 भारत सरकार क कायर का सचालन 31 78 रा पित को जानकारी दन आिद क सबध म परधान मतरी क कतर य 32
अ याय 2--सस
साधारण
79 सस का गठन 32 80 रा य सभा की सरचना 32 81 लोक सभा की सरचना 33 82 पर यक जनगणना क प ात पनःसमायोजन helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 34 83 सस क सदन की अविध 34 84 सस की सद यता क िलए अहरता 35 85 सस क सतर सतरावसान और िवघटन 35 86 सदन म अिभभाषण का और उनको सदश भजन का रा पित का
अिधकार helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
35 87 रा पित का िवशष अिभभाषण 36 88 सदन क बार म मितरय और महा यायवादी क अिधकार 36
सस क अिधकारी
89 रा य सभा का सभापित और उपसभापित 36 90 उपसभापित का पद िरकत होना पद याग और पद स हटाया जानाhellip 36 91 सभापित क पद क कतर य का पालन करन या सभापित क प म
कायर करन की उपसभापित या अ य यिकत की शिकतhelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
37 92 जब सभापित या उपसभापित को पद स हटान का कोई सक प
िवचाराधीन ह तब उसका पीठासीन न होना 37
93 लोक सभा का अ यकष और उपा यकष 37 94 अ यकष और उपा यकष का पद िरकत होना पद याग और पद स हटाया
जाना helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
37
95 अ यकष क पद क कतर य का पालन करन या अ यकष क प म कायर करन की उपा यकष या अ य यिकत की शिकत helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
38
िवषय सची अन छद प
(vii)
96 जब अ यकष या उपा यकष को पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब उसका पीठासीन न होना helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
38
97 सभापित और उपसभापित तथा अ यकष और उपा यकष क वतन और भ 38 98 सस का सिचवालय 39
कायर सचालन
99 सद य दवारा शपथ या परितजञान helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 39 100 सदन म मतदान िरिकतय क होत हए भी सदन की कायर करन की
शिकत और गणपित र helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
39
सद य की िनरहरताए
101 थान का िरकत होना 40 102 सद यता क िलए िनरहरताए 40 103 सद य की िनरहरताओ स सबिधत पर पर िविन य helliphelliphelliphelliphelliphellip 41 104 अन छद 99 क अधीन शपथ लन या परितजञान करन स पहल या अिहरत
न होत हए या िनरिहरत िकए जान पर बठन और मत दन क िलए शाि त
41 सस और उसक सद य की शिकतया िवशषािधकार और उ मिकतया
105 सस क सदन की तथा उनक सद य और सिमितय की शिकतया िवशषािधकार आिद helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
41
106 सद य क वतन और भ 42 िवधायी परिकरया
107 िवधयक क परः थापन और पािरत िकए जान क सबध म उपबध hellip 42 108 कछ दशाओ म दोन सदन की सयकत बठक helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 43 109 धन िवधयक क सबध म िवशष परिकरया 44 110 ldquoधन िवधयकrdquo की पिरभाषा 44 111 िवधयक पर अनमित 45
िव ीय िवषय क सबध म परिकरया 112 वािषरक िव ीय िववरण 46 113 सस म पराककलन क सबध म परिकरया 47 114 िविनयोग िवधयक 47
िवषय सची अन छद प
(viii)
115 अनपरक अितिरकत या अिधक अनदान 48 116 लखानदान पर ययानदान और अपवादानदान 48 117 िव िवधयक क बार म िवशष उपबध 49
साधारणतया परिकरया 118 परिकरया क िनयम 49 119 सस म िव ीय कायर सबधी परिकरया का िविध दवारा िविनयमन 50 120 सस म परयोग की जान वाली भाषा 50 121 सस म चचार पर िनबर धन 50 122 यायालय दवारा सस की कायरवािहय की जाच न िकया जाना helliphelliphellip 50
अ याय 3--रा पित की िवधायी शिकतया 123 सस क िव ाितकाल म अ यादश परखयािपत करन की रा पित की शिकत
helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
51
अ याय 4--सघ की यायपािलका 124 उ चतम यायालय की थापना और गठन 51 124क रा ीय याियक िनयिकत आयोग 53 124ख आयोग क क य 54 124ग िविध बनान की सस की शिकत 54 125 यायाधीश क वतन आिद 54 126 कायरकारी मखय यायमितर की िनयिकत 54 127 तदथर यायाधीश की िनयिकत 54 128 उ चतम यायालय की बठक म सवािनव यायाधीश की उपि थित 55 129 उ चतम यायालय का अिभलख यायालय होना 55 130 उ चतम यायालय का थान 55 131 उ चतम यायालय की आरिभक अिधकािरता helliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 55
[131क क दरीय िविधय की सािवधािनक वधता स सबिधत पर क बार म उ चतम यायालय की अन य अिधकािरता ndash िनरिसत ] helliphelliphelliphelliphellip
56
132 कछ मामल म उ च यायालय स अपील म उ चतम यायालय की अपीलीय अिधकािरता
56
133 उ च यायालय स िसिवल िवषय स सबिधत अपील म उ चतम यायालय की अपीलीय अिधकािरता
56
134 दािडक िवषय म उ चतम यायालय की अपीली अिधकािरता helliphelliphellip 57
िवषय सची अन छद प
(ix)
134क उ चतम यायालय म अपील क िलए परमाणपतर helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 57 135 िवदयमान िविध क अधीन फडरल यायालय की अिधकािरता और शिकतय
का उ चतम यायालय दवारा परयोकत य होना helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
57 136 अपील क िलए उ चतम यायालय की िवशष इजाजत helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 58 137 िनणरय या आदश का उ चतम यायालय दवारा पनिवरलोकन helliphelliphelliphelliphelliphellip 58 138 उ चतम यायालय की अिधकािरता की विदध helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 58 139 कछ िरट िनकालन की शिकतय का उ चतम यायालय को परद िकया जाना
58 139क कछ मामल का अतरण 58 140 उ चतम यायालय की आनषिगक शिकतया 59 141 उ चतम यायालय दवारा घोिषत िविध का सभी यायालय पर आबदधकर
होना
59 142 उ चतम यायालय की िडिकरय और आदश का परवतरन और परकटीकरण
आिद क बार म आदश
59 143 उ चतम यायालय स परामशर करन की रा पित की शिकत helliphelliphelliphellip 59 144 िसिवल और याियक परािधकािरय दवारा उ चतम यायालय की सहायता
म कायर िकया जाना
59 [144क िविधय की सािवधािनक वधता स सबिधत पर क िनपटार क बार म
िवशष उपबध ndashिनरिसत ] 59
145 यायालय क िनयम आिद 59 146 उ चतम यायालय क अिधकारी और सवक तथा यय 61 147 िनवरचन 61
अ याय 5--भारत का िनयतरक-महालखापरीकषक 148 भारत का िनयतरक-महालखापरीकषक 61 149 िनयतरक-महालखापरीकषक क कतर य और शिकतया 62 150 सघ क और रा य क लखाओ का पर प 62 151 सपरीकषा परितवदन 63
भाग 6
रा य
अ याय 1--साधारण
152 पिरभाषा 64
िवषय सची अन छद प
(x)
अ याय 2--कायरपािलका रा यपाल
153 रा य क रा यपाल 64 154 रा य की कायरपािलका शिकत 64 155 रा यपाल की िनयिकत 64 156 रा यपाल की पदाविध 65 157 रा यपाल िनयकत होन क िलए अहरताए 65 158 रा यपाल क पद क िलए शत 65 159 रा यपाल दवारा शपथ या परितजञान 65 160 कछ आकि मकताओ म रा यपाल क क य का िनवरहन 65 161 कषमा आिद की और कछ मामल म दडादश क िनलबन पिरहार या
लघकरण की रा यपाल की शिकत
66 162 रा य की कायरपािलका शिकत का िव तार 66
मितर-पिरष
163 रा यपाल को सहायता और सलाह दन क िलए मितर-पिरष helliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 66 164 मितरय क बार म अ य उपबध 66
रा य का महािधवकता
165 रा य का महािधवकता helliphelliphelliphelliphellip 67 सरकारी कायर का सचालन
166 रा य की सरकार क कायर का सचालन 68 167 रा यपाल को जानकारी दन आिद क सबध म मखयमतरी क कतर य hellip 68
अ याय 3--रा य का िवधान-मडल
साधारण
168 रा य क िवधान-मडल का गठन 69 169 रा य म िवधान पिरषद का उ सादन या सजन helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 69 170 िवधान सभाओ की सरचना 69
िवषय सची अन छद प
(xi)
171 िवधान पिरषद की सरचना 70 172 रा य क िवधान-मडल की अविध 72 173 रा य क िवधान-मडल की सद यता क िलए अहरता helliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 72 174 रा य क िवधान-मडल क सतर सतरावसान और िवघटन helliphelliphelliphelliphelliphellip 72 175 सदन या सदन म अिभभाषण का और उनको सदश भजन का
रा यपाल का अिधकार helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
73
176 रा यपाल का िवशष अिभभाषण 73 177 सदन क बार म मितरय और महािधवकता क अिधकार helliphelliphelliphelliphelliphellip 73
रा य क िवधान-मडल क अिधकारी
178 िवधान सभा का अ यकष और उपा यकष 73 179 अ यकष और उपा यकष का पद िरकत होना पद याग और पद स हटाया जाना
helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
73 180 अ यकष क पद क कतर य का पालन करन या अ यकष क प म कायर
करन की उपा यकष या अ य यिकत की शिकत helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
74 181 जब अ यकष या उपा यकष को पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन
ह तब उसका पीठासीन न होना helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip
74 182 िवधान पिरष का सभापित और उपसभापित 74 183 सभापित और उपसभापित का पद िरकत होना पद याग और पद स हटाया
जाना
75 184 सभापित क पद क कतर य का पालन करन या सभापित क प म
कायर करन की उपसभापित या अ य यिकत की शिकत
75 185 जब सभापित या उपसभापित को पद स हटान का कोई सक प
िवचाराधीन ह तब उसका पीठासीन न होना
75 186 अ यकष और उपा यकष तथा सभापित और उपसभापित क वतन और भ 76 187 रा य क िवधान-मडल का सिचवालय 76
कायर सचालन
188 सद य दवारा शपथ या परितजञान 76 189 सदन म मतदान िरिकतय क होत हए भी सदन की कायर करन की
शिकत और गणपित र
76 सद य की िनरहरताए
190 थान का िरकत होना 77
िवषय सची अन छद प
(xii)
191 सद यता क िलए िनरहरताए 78 192 सद य की िनरहरताओ स सबिधत पर पर िविन य 78 193 अन छद 188 क अधीन शपथ लन या परितजञान करन स पहल या
अिहरत न होत हए या िनरिहरत िकए जान पर बठन और मत दन क िलए शाि त
79 रा य क िवधान-मडल और उनक सद य की शिकतया िवशषािधकार
और उ मिकतया
194 िवधान-मडल क सदन की तथा उनक सद य और सिमितय की शिकतया िवशषािधकार आिद
79
195 सद य क वतन और भ 79 िवधायी परिकरया
196 िवधयक क परः थापन और पािरत िकए जान क सबध म उपबध 80 197 धन िवधयक स िभ न िवधयक क बार म िवधान पिरष की शिकतय
पर िनबरधन
80 198 धन िवधयक क सबध म िवशष परिकरया 81 199 ldquoधन िवधयकrdquo की पिरभाषा 81 200 िवधयक पर अनमित 82 201 िवचार क िलए आरिकषत िवधयक 83
िव ीय िवषय क सबध म परिकरया
202 वािषरक िव ीय िववरण 83 203 िवधान-मडल म पराककलन क सबध म परिकरया helliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 84 204 िविनयोग िवधयक 84 205 अनपरक अितिरकत या अिधक अनदान 85 206 लखानदान पर ययानदान और अपवादानदान 86 207 िव िवधयक क बार म िवशष उपबध 86
साधारणतया परिकरया
208 परिकरया क िनयम 87 209 रा य क िवधान-मडल म िव ीय कायर सबधी परिकरया का िविध दवारा
िविनयमन
87
िवषय सची अन छद प
(xiii)
210 िवधान-मडल म परयोग की जान वाली भाषा 87 211 िवधान-मडल म चचार पर िनबरधन 88 212 यायालय दवारा िवधान-मडल की कायरवािहय की जाच न िकया जानाhellip 88
अ याय 4--रा यपाल की िवधायी शिकत
213 िवधान-मडल क िव ाितकाल म अ यादश परखयािपत करन की रा यपाल की शिकत
88
अ याय 5--रा य क उ च यायालय
214 रा य क िलए उ च यायालय 89 215 उ च यायालय का अिभलख यायालय होना 90 216 उ च यायालय का गठन 90 217 उ च यायालय क यायाधीश की िनयिकत और उसक पद की शत hellip 90 218 उ चतम यायालय स सबिधत कछ उपबध का उ च यायालय को
लाग होना
91 219 उ च यायालय क यायाधीश दवारा शपथ या परितजञानhellip 91 220 थायी यायाधीश रहन क प ात िविध- यवसाय पर िनबरधन 92 221 यायाधीश क वतन आिद 92 222 िकसी यायाधीश का एक उ च यायालय स दसर उ च यायालय को
अतरण
92 223 कायरकारी मखय यायमितर की िनयिकत 92 224 अपर और कायरकारी यायाधीश की िनयिकत 93 224क उ च यायालय की बठक म सवािनव यायाधीश की िनयिकत helliphellip 93 225 िवदयमान उ च यायालय की अिधकािरता 94 226 कछ िरट िनकालन की उ च यायालय की शिकत 94
[226क अन छद 226 क अधीन कायरवािहय म क दरीय िविधय की सािवधािनक वधता पर िवचार न िकया जाना ndash िनरिसत ]
95
227 सभी यायालय क अधीकषण की उ च यायालय की शिकत 95 228 कछ मामल का उ च यायालय को अतरण 96
[228क रा य िविधय की सािवधािनक वधता स सबिधत पर क िनपटार क बार म िवशष उपबध ndash िनरिसत ]
96
िवषय सची अन छद प
(xiv)
229 उ च यायालय क अिधकारी और सवक तथा यय 96 230 उ च यायालय की अिधकािरता का सघ रा यकषतर पर िव तारhelliphelliphellip 97 231 दो या अिधक रा य क िलए एक ही उ च यायालय की थापना hellip 97
अ याय 6--अधीन थ यायालय
233 िजला यायाधीश की िनयिकत 98 233क कछ िजला यायाधीश की िनयिकतय का और उनक दवारा िकए गए
िनणरय आिद का िविधमा यकरण
98 234 याियक सवा म िजला यायाधीश स िभ न यिकतय की भतीर 99 235 अधीन थ यायालय पर िनयतरण 99 236 िनवरचन helliphelliphellip 99 237 कछ वगर या वग क मिज टरट पर इस अ याय क उपबध का लाग
होना 99
भाग 7
पहली अनसची क भाग ख क रा य
[238 पहली अनसची क भाग ख क रा य ndash िनरिसत ] 100 भाग 8
सघ रा यकषतर
239 सघ रा यकषतर का परशासन 101 239क कछ सघ रा यकषतर क िलए थानीय िवधान-मडल या मितर-पिरषद का
या दोन का सजन
101 239कक िद ली क सबध म िवशष उपबध 101 239कख सािवधािनक ततर क िवफल हो जान की दशा म उपबध 103 239ख िवधान-मडल क िव ाितकाल म अ यादश परखयािपत करन की परशासक
की शिकत
104 240 कछ सघ रा यकषतर क िलए िविनयम बनान की रा पित की शिकतhelliphellip 105 241 सघ रा यकषतर क िलए उ च यायालय 105 [242 कोड़ग ndash िनरिसत ] 106
भाग 9 पचायत
243 पिरभाषाए 107
िवषय सची अन छद प
(xv)
243क गराम सभा 107 243ख पचायत का गठन 107 243ग पचायत की सरचना 107 243घ थान का आरकषण 108 243ङ पचायत की अविध आिद 110 243च सद यता क िलए िनरहरताए 110 243छ पचायत की शिकतया परािधकार और उ रदािय व 111 243ज पचायत दवारा कर अिधरोिपत करन की शिकतया और उनकी िनिधयाhellip 111 243झ िव ीय ि थित क पनिवरलोकन क िलए िव आयोग का गठन helliphelliphelliphelliphelliphellip 111 243ञ पचायत क लखाओ की सपरीकषा 112 243ट पचायत क िलए िनवारचन 112 243ठ सघ रा यकषतर को लाग होना 113 243ड इस भाग का कितपय कषतर को लाग न होना 113 243ढ िवदयमान िविधय और पचायत का बना रहना 114 243ण िनवारचन सबधी मामल म यायालय क ह तकषप का वजरनhelliphelliphelliphellip 114
भाग 9क नगरपािलकाए
243त पिरभाषाए 115 243थ नगरपािलकाओ का गठन 115 243द नगरपािलकाओ की सरचना 116 243ध वाडर सिमितय आिद का गठन और सरचना 117 243न थान का आरकषण 117 243प नगरपािलकाओ की अविध आिद 118 243फ सद यता क िलए िनरहरताए 119 243ब नगरपािलकाओ आिद की शिकतया परािधकार और उ रदािय व 119 243भ नगरपािलकाओ दवारा कर अिधरोिपत करन की शिकत और उनकी िनिधया
119 243म िव आयोग 120
िवषय सची अन छद प
(xvi)
243य नगरपािलकाओ क लखाओ की सपरीकषा 120 243यक नगरपािलकाओ क िलए िनवारचन 120 243यख सघ रा यकषतर को लाग होना 121 243यग इस भाग का कितपय कषतर को लाग न होना 121 243यघ िजला योजना क िलए सिमित 121 243यङ महानगर योजना क िलए सिमित 122 243यच िवदयमान िविधय और नगरपािलकाओ का बना रहना 123 243यछ िनवारचन सबधी मामल म यायालय क ह तकषप का वजरन 124
भाग 9ख सहकारी सोसाइिटया
243यज पिरभाषाए 125 243यझ सहकारी सोसाइिटय का िनगमन 125 243यञ बोडर क सद य और उसक पदािधकािरय की सखया और पदाविध helliphelliphellip 126 243यट बोडर क सद य का िनवारचन 127 243यठ बोडर का अिधकरमण और िनलबन तथा अ तिरम परबध helliphelliphelliphelliphelliphelliphellip 127 243यड सहकारी सोसाइिटय क लखाओ की सपरीकषा 128 243यढ साधारण िनकाय की बठक सयोिजत करना 128 243यण सचना परा करन का सद य का अिधकार 129 243यत िववरिणया 129 243यथ अपराध और शाि तया 129 243यद बहरा य सहकारी सोसाइिटय को लाग होना 130 243यध सघ रा यकषतर को लाग होना 130 243यन िवदयमान िविधय का जारी रहना 130
भाग 10 अनसिचत और जनजाित कषतर
244 अनसिचत कषतर और जनजाित कषतर का परशासन 131 244क असम क कछ जनजाित कषतर को समािव करन वाला एक वशासी रा य
बनाना और उसक िलए थानीय िवधान-मडल या मितर-पिरष का या दोन का सजन
131
िवषय सची अन छद प
(xvii)
भाग 11
सघ और रा य क बीच सबध
अ याय 1--िवधायी सबध
िवधायी शिकतय का िवतरण
245 सस दवारा और रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविधय का िव तार
133
246 सस दवारा और रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविधय की िवषय-व त
133
246क माल और सवा कर क सबध म िवशष उपबध 134 247 कछ अितिरकत यायालय की थापना का उपबध करन की सस की शिकत
134 248 अविश िवधायी शिकतया 134 249 रा य सची म क िवषय क सबध म रा ीय िहत म िविध बनान की सस
की शिकत
134 250 यिद आपात की उदघोषणा परवतरन म हो तो रा य सची म क िवषय क
सबध म िविध बनान की सस की शिकत helliphellip
135 251 सस दवारा अन छद 249 और अन छद 250 क अधीन बनाई गई िविधय
और रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविधय म असगित
135 252 दो या अिधक रा य क िलए उनकी सहमित स िविध बनान की सस की
शिकत और ऐसी िविध का िकसी अ य रा य दवारा अगीकार िकया जानाhellip
136 253 अतररा ीय करार को परभावी करन क िलए िवधान 136 254 सस दवारा बनाई गई िविधय और रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई
िविधय म असगित
136 255 िसफािरश और पवर मजरी क बार म अपकषाओ को कवल परिकरया क िवषय
मानना
137 अ याय 2--परशासिनक सबध
साधारण
256 रा य की और सघ की बा यता 137 257 कछ दशाओ म रा य पर सघ का िनयतरण 137
[257क सघ क सश बल या अ य बल क अिभिनयोजन दवारा रा य की सहायता ndash िनरिसत ]
138
258 कछ दशाओ म रा य को शिकत परदान करन आिद की सघ की शिकतhellip 138
िवषय सची अन छद प
(xviii)
258क सघ को क य स पन की रा य की शिकत 139 [259 पहली अनसची क भाग ख क रा य क सश बल ndash िनरिसत ]helliphelliphelliphellip 139 260 भारत क बाहर क रा यकषतर क सबध म सघ की अिधकािरता 139 261 सावरजिनक कायर अिभलख और याियक कायरवािहया 139
जल सबधी िववाद
262 अतरराि यक निदय या नदी-दन क जल सबधी िववाद का यायिनणरयनhellip 139 रा य क बीच सम वय
263 अतर-रा य पिरष क सबध म उपबध 140 भाग 12
िव सपि सिवदाए और वाद
अ याय 1--िव
साधारण
264 िनवरचन 141 265 िविध क परािधकार क िबना कर का अिधरोपण न िकया जाना 141 266 भारत और रा य की सिचत िनिधया और लोक लख 141 267 आकि मकता िनिध 141
सघ और रा य क बीच राज व का िवतरण
268 सघ दवारा उदगहीत िकए जान वाल िकत रा य दवारा सगहीत और िविनयोिजत िकए जान वाल श क
142
[268क सघ दवारा उदगहीत िकए जान वाला और सघ तथा रा य दवारा सगहीत और िविनयोिजत िकया जान वाला सवा-कर -- िनरिसत ]
269 सघ दवारा उदगहीत और सगहीत िकत रा य को स प जान वाल कर 142 269क अ तरराि यक यापार या वािण य क अनकरम म माल और सवा कर का
उ गरहण और सगरहण
143 270 उदगहीत कर और उनका सघ तथा रा य क बीच िवतरण 144 271 कछ श क और कर पर सघ क परयोजन क िलए अिधभार 145 [272 कर जो सघ दवारा उदगहीत और सगहीत िकए जात ह तथा जो सघ और
रा य क बीच िवतिरत िकए जा सकग ndash िनरिसत ]
145 273 जट पर और जट उ पाद पर िनयारत श क क थान पर अनदान 145 274 ऐस कराधान पर िजसम रा य िहतबदध ह परभाव डालन वाल िवधयक क
िलए रा पित की पवर िसफािरश की अपकषा
145
िवषय सची अन छद प
(xix)
275 कछ रा य को सघ स अनदान 146 276 वि य यापार आजीिवकाओ और िनयोजन पर कर 147 277 यावि 147 [278 कछ िव ीय िवषय क सबध म पहली अनसची क भाग ख क रा य स
करार ndash िनरिसत ]
148 279 ldquoशदध आगमrdquo आिद की गणना 148 279क माल और सवा कर पिरष 148 280 िव आयोग 150 281 िव आयोग की िसफािरश 151
परकीणर िव ीय उपबध
282 सघ या रा य दवारा अपन राज व स िकए जान वाल यय 151 283 सिचत िनिधय आकि मकता िनिधय और लोक लखाओ म जमा
धनरािशय की अिभरकषा आिद
151 284 लोक सवक और यायालय दवारा परा वादकतारओ की जमा रािशय और
अ य धनरािशय की अिभरकषा
152 285 सघ की सपि को रा य क कराधान स छट 152 286 माल क करय या िवकरय पर कर क अिधरोपण क बार म िनबरधन 152 287 िवदयत पर कर स छट 153 288 जल या िवदयत क सबध म रा य दवारा कराधान स कछ दशाओ म छट 154 289 रा य की सपि और आय को सघ क कराधान स छट 154 290 कछ यय और पशन क सबध म समायोजन 155 290क कछ दव वम िनिधय को वािषरक सदाय 155 [291 शासक की िनजी थली की रािश ndash िनरिसत ] 155
अ याय 2--उधार लना
292 भारत सरकार दवारा उधार लना 155 293 रा य दवारा उधार लना 155
िवषय सची अन छद प
(xx)
अ याय 3--सपि सिवदाए अिधकार दािय व बा यताए और वाद
294 कछ दशाओ म सपि आि तय अिधकार दािय व और बा यताओ का उ रािधकार 156
295 अ य दशाओ म सपि आि तय अिधकार दािय व और बा यताओ का उ रािधकार
156
296 राजगामी या यपगत या वामीिवहीन होन स परोदभत सपि 157 297 रा यकषतरीय सागर-खड या महादवीपीय मगनतट भिम म ि थत म यवान
चीज और अन य आिथरक कषतर क सपि ोत का सघ म िनिहत होनाhelliphellip
157 298 यापार करन आिद की शिकत 158 299 सिवदाए 158 300 वाद और कायरवािहया 158
अ याय 4--सपि का अिधकार
300क िविध क परािधकार क िबना यिकतय को सपि स विचत न िकया जानाhellip 159 भाग 13
भारत क रा यकषतर क भीतर यापार वािण य और समागम
301 यापार वािण य और समागम की वततरता 160 302 यापार वािण य और समागम पर िनबरधन अिधरोिपत करन की सस की
शिकत
160 303 यापार और वािण य क सबध म सघ और रा य की िवधायी शिकतय पर
िनबरधन
160 304 रा य क बीच यापार वािण य और समागम पर िनबरधन 160 305 िवदयमान िविधय और रा य क एकािधकार का उपबध करन वाली िविधय
की यावि
161 [306 पहली अनसची क भाग ख क कछ रा य की यापार और वािण य पर
िनबरधन क अिधरोपण की शिकत ndash िनरिसत ] 161
307 अन छद 301 स अन छद 304 क परयोजन को कायारि वत करन क िलए परािधकारी की िनयिकत
161
भाग 14 सघ और रा य क अधीन सवाए
अ याय 1--सवाए
308 िनवरचन 162
िवषय सची अन छद प
(xxi)
309 सघ या रा य की सवा करन वाल यिकतय की भतीर और सवा की शत 162 310 सघ या रा य की सवा करन वाल यिकतय की पदाविध 162 311 सघ या रा य क अधीन िसिवल हिसयत म िनयोिजत यिकतय का पद यत
िकया जाना पद स हटाया जाना या पिकत म अवनत िकया जाना hellip
163 312 अिखल भारतीय सवाए 163
312क कछ सवाओ क अिधकािरय की सवा की शत म पिरवतरन करन या उ ह परितस त करन की सस की शिकत
164
313 सकरमणकालीन उपबध 165 [314 कछ सवाओ क िवदयमान अिधकािरय क सरकषण क िलए उपबध ndash
िनरिसत ]
165
अ याय 2--लोक सवा आयोग
315 सघ और रा य क िलए लोक सवा आयोग 165 316 सद य की िनयिकत और पदाविध 166 317 लोक सवा आयोग क िकसी सद य का हटाया जाना और िनलिबत िकया
जाना
167 318 आयोग क सद य और कमरचािरवद की सवा की शत क बार म िविनयम
बनान की शिकत 168
319 आयोग क सद य दवारा ऐस सद य न रहन पर पद धारण करन क सबध म परितषध
168
320 लोक सवा आयोग क क य 168 321 लोक सवा आयोग क क य का िव तार करन की शिकत 170 322 लोक सवा आयोग क यय 170 323 लोक सवा आयोग क परितवदन 170
भाग 14क
अिधकरण
323क परशासिनक अिधकरण 171 323ख अ य िवषय क िलए अिधकरण 172
िवषय सची अन छद प
(xxii)
भाग 15
िनवारचन
324 िनवारचन क अधीकषण िनदशन और िनयतरण का िनवारचन आयोग म िनिहत होना
174
325 धमर मलवश जाित या िलग क आधार पर िकसी यिकत का िनवारचक-नामावली म सि मिलत िकए जान क िलए अपातर न होना और उसक दवारा िकसी िवशष िनवारचक-नामावली म सि मिलत िकए जान का दावा न िकया जाना
175
326 लोक सभा और रा य की िवधान सभाओ क िलए िनवारचन का वय क मतािधकार क आधार पर होना
175
327 िवधान-मडल क िलए िनवारचन क सबध म उपबध करन की सस की शिकत
175
328 िकसी रा य क िवधान-मडल क िलए िनवारचन क सबध म उपबध करन की उस िवधान-मडल की शिकत
175
329 िनवारचन सबधी मामल म यायालय क ह तकषप का वजरन 176 [329क परधान मतरी और अ यकष क मामल म सस क िलए िनवारचन क बार म
िवशष उपबध --िनरिसत ]
176 भाग 16
कछ वग क सबध म िवशष उपबध
330 लोक सभा म अनसिचत जाितय और अनसिचत जनजाितय क िलए थान का आरकषण
177
331 लोक सभा म आगल-भारतीय समदाय का परितिनिध व 177 332 रा य की िवधान सभाओ म अनसिचत जाितय और अनसिचत
जनजाितय क िलए थान का आरकषण
178 333 रा य की िवधान सभाओ म आगल-भारतीय समदाय का परितिनिध व 179 334 थान क आरकषण और िवशष परितिनिध व का स र वषर क प ात न रहना 179 335 सवाओ और पद क िलए अनसिचत जाितय और अनसिचत जनजाितय
क दाव
179 336 कछ सवाओ म आगल-भारतीय समदाय क िलए िवशष उपबध 180 337 आगल-भारतीय समदाय क फायद क िलए शिकषक अनदान क िलए िवशष
उपबध
180
िवषय सची अन छद प
(xxiii)
338 रा ीय अनसिचत जाित आयोग 181 338क रा ीय अनसिचत जनजाित आयोग 182 338ख िपछड़ वग क िलए रा ीय आयोग 196 339 अनसिचत कषतर क परशासन और अनसिचत जनजाितय क क याण क बार
म सघ का िनयतरण
184 340 िपछड़ वग की दशाओ क अ वषण क िलए आयोग की िनयिकत helliphelliphellip 184 341 अनसिचत जाितया 185 342 अनसिचत जनजाितया 196 342क सामािजक और शिकषक ि स िपछड़ वगर 200
भाग 17
राजभाषा
अ याय 1--सघ की भाषा
343 सघ की राजभाषा 186 344 राजभाषा क सबध म आयोग और सस की सिमित 186
अ याय 2--परादिशक भाषाए
345 रा य की राजभाषा या राजभाषाए 187 346 एक रा य और दसर रा य क बीच या िकसी रा य और सघ क बीच
पतरािद की राजभाषा
187 347 िकसी रा य की जनसखया क िकसी अनभाग दवारा बोली जान वाली भाषा
क सबध म िवशष उपबध
188 अ याय 3ndashउ चतम यायालय उ च यायालय आिद की भाषा
348 उ चतम यायालय और उ च यायालय म और अिधिनयम िवधयक आिद क िलए परयोग की जान वाली भाषा
188
349 भाषा स सबिधत कछ िविधया अिधिनयिमत करन क िलए िवशष परिकरया 189 अ याय 4--िवशष िनदश
350 यथा क िनवारण क िलए अ यावदन म परयोग की जान वाली भाषा 189 350क पराथिमक तर पर मातभाषा म िशकषा की सिवधाए 189
िवषय सची अन छद प
(xxiv)
350ख भाषाई अ पसखयक-वग क िलए िवशष अिधकार 189 351 िह दी भाषा क िवकास क िलए िनदश 190
भाग 18 आपात उपबध
352 आपात की उदघोषणा 191 353 आपात की उदघोषणा का परभाव 193 354 जब आपात की उदघोषणा परवतरन म ह तब राज व क िवतरण सबधी
उपबध का लाग होना
193 355 बा आकरमण और आतिरक अशाित स रा य की सरकषा करन का सघ का
कतर य
194 356 रा य म सािवधािनक ततर क िवफल हो जान की दशा म उपबध 194 357 अन छद 356 क अधीन की गई उदघोषणा क अधीन िवधायी शिकतय का
परयोग
196 358 आपात क दौरान अन छद 19 क उपबध का िनलबन 197 359 आपात क दौरान भाग 3 दवारा परद अिधकार क परवतरन का िनलबन 198
[359क इस भाग का पजाब रा य को लाग होना ndash िनरिसत ] 199 360 िव ीय आपात क बार म उपबध 199
भाग 19
परकीणर
361 रा पित और रा यपाल और राजपरमख का सरकषण 201 361क सस और रा य क िवधान-मडल की कायरवािहय क परकाशन का सरकषण 201 361ख लाभपरद राजनीितक पद पर िनयिकत क िलए िनरहरता 202 [362 दशी रा य क शासक क अिधकार और िवशषािधकार ndash िनरिसत ] 202 363 कछ सिधय करार आिद स उ प न िववाद म यायालय क ह तकषप का
वजरन
203 363क दशी रा य क शासक को दी गई मा यता की समाि और िनजी थिलय
का अत
203 364 महाप न और िवमानकषतर क बार म िवशष उपबध 204 365 सघ दवारा िदए गए िनदश का अनपालन करन म या उनको परभावी करन
म असफलता का परभाव helliphellip
204
िवषय सची अन छद प
(xxv)
366 पिरभाषाए 204 367 िनवरचन 209
भाग 20
सिवधान का सशोधन
368 सिवधान का सशोधन करन की सस की शिकत और उसक िलए परिकरया 210 भाग 21
अ थायी सकरमणकालीन और िवशष उपबध
369 रा य सची क कछ िवषय क सबध म िविध बनान की सस की इस परकार अ थायी शिकत मानो व समवतीर सची क िवषय ह
211
370 ज म-क मीर रा य क सबध म अ थायी उपबध 211 371 महारा और गजरात रा य क सबध म िवशष उपबध helliphelliphellip 213 371क नागालड रा य क सबध म िवशष उपबध 213 371ख असम रा य क सबध म िवशष उपबध 216 371ग मिणपर रा य क सबध म िवशष उपबध 217 371घ आधर परदश रा य या तलगाना रा य क सबध म िवशष उपबध 217 371ङ आधर परदश म कदरीय िव िवदयालय की थापना 220 371च िसिककम रा य क सबध म िवशष उपबध 220 371छ िमजोरम रा य क सबध म िवशष उपबध 223 371ज अ णाचल परदश रा य क सबध म िवशष उपबध 224 371झ गोवा रा य क सबध म िवशष उपबध 224 371ञ कनारटक रा य क सबध म िवशष उपबध 224 372 िवदयमान िविधय का परव बन रहना और उनका अनकलन 225 372क िविधय का अनकलन करन की रा पित की शिकत 226 373 िनवारक िनरोध म रख गए यिकतय क सबध म कछ दशाओ म आदश
करन की रा पित की शिकत
226 374 फडरल यायालय क यायाधीश और फडरल यायालय म या सपिरष
िहज मज टी क समकष लिबत कायरवािहय क बार म उपबध
227
िवषय सची अन छद प
(xxvi)
375 सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए यायालय परािधकािरय और अिधकािरय का क य करत रहना
227
376 उ च यायालय क यायाधीश क बार म उपबध 227 377 भारत क िनयतरक-महालखापरीकषक क बार म उपबध 228 378 लोक सवा आयोग क बार म उपबध 228 378क आधर परदश िवधान सभा की अविध क बार म िवशष उपबध 229 [379 अ तकारलीन सस तथा उसक अ यकष और उपा यकष क बार म उपबध -
िनरिसत ]
[380 रा पित क बार म उपबध -- िनरिसत ]
[381 रा पित की मितर-पिरष -- िनरिसत ]
[382 पहली अनसची क भाग क म क रा य क अ तकारलीन िवधान-मडल क बार म उपबध --िनरिसत ]
[383 परा त क रा यपाल क बार म उपबध -- िनरिसत ]
[384 रा यपाल की मितर-पिरष -- िनरिसत ]
[385 पहली अनसची क भाग ख म क रा य क अ तकारलीन िवधान-मडल क बार म उपबध --िनरिसत ]
[386 पहली अनसची क भाग ख म क रा य की मितर-पिरष -- िनरिसत ]hellip
[387 कछ िनवारचन क पिरयोजन क िलए जनसखया क िनधाररण क बार म िवशष उपबध --िनरिसत ]
[388 अ तकारलीन सस तथा रा य क अ तकारलीन िवधान-मडल म आकि मक िरिकतय क बार म उपबध -- िनरिसत ]
[389 डोमीिनयन िवधान-मडल तथा परा त और दशी रा य क िवधान-मडल म लिबत िवधयक क बार म उपबध -- िनरिसत ]
[390 इस सिवधान क परारभ और 1950 क 31 माचर क बीच परा या उ थापत या यय िकया हआ धन -- िनरिसत ]
िवषय सची अन छद प
(xxvii)
[391 कछ आकि मकताओ म पहली और चौथी अनसची का सशोधन करन की रा पित की शिकत -- िनरिसत ]
392 किठनाइय को दर करन की रा पित की शिकत 229 भाग 22
सिकष नाम परारभ िहदी म परािधकत पाठ और िनरसन
393 सिकष नाम 230 394 परारभ 230 394क िहदी भाषा म परािधकत पाठ 230 395 िनरसन 230
अनसिचया
पहली अनसची 231 1 रा य
2 सघ रा यकषतर
दसरी अनसची 237 भाग क -- रा पित और रा य क रा यपाल क बार म उपबध helliphelliphelliphelliphelliphellip
भाग ख -- [िनरिसत ]
भाग ग -- लोक सभा क अ यकष और उपा यकष क तथा रा य सभा क सभापित और उपसभापित क तथा रा य की िवधान सभा क अ यकष और उपा यकष क तथा िवधान पिरष क सभापित और उपसभापित क बार म उपबध
भाग घ -- उ चतम यायालय और उ च यायालय क यायाधीश क बार म उपबध
भाग ङ -- भारत क िनयतरक-महालखापरीकषक क बार म उपबध
तीसरी अनसची--शपथ या परितजञान क पर प 242 चौथी अनसची--रा य सभा म थान का आबटन 246
िवषय सची अन छद प
(xxviii)
पाचवी अनसची--अनसिचत कषतर और अनसिचत जनजाितय क परशासन और िनयतरण क बार म उपबध
248
भाग क -- साधारण
भाग ख -- अनसिचत कषतर और अनसिचत जनजाितय का परशासन और िनयतरण
भाग ग -- अनसिचत कषतर
भाग घ -- अनसची का सशोधन
छठी अनसची-- असम मघालय ितरपरा और िमजोरम रा य क जनजाित कषतर क परशासन क बार म उपबध
252
सातवी अनसची 277 सची 1 -- सघ सची
सची 2 -- रा य सची
सची 3 -- समवतीर सची
आठवी अनसची -- भाषाए 291 नवी अनसची--कछ अिधिनयम और िविनयम का िविधमा यकरण 292 दसवी अनसची--दल पिरवतरन क आधार पर िनरहरता क बार म उपबध 309 गयारहवी अनसची--पचायत की शिकतया परािधकार और उ रदािय व 313 बारहवी अनसची--नगरपािलकाओ आिद की शिकतया परािधकार और उ रदािय व helliphellip 314
पिरिश
पिरिश 1-- सिवधान (ज म-क मीर को लाग होना) आदश 1954 315 पिरिश 2-- सिवधान क उन अपवाद और उपातरण क िजनक अधीन सिवधान ज म-क मीर रा य को लाग होता ह वतरमान पाठ क परित िनदश स पनकर थन
332
पिरिश 3 ndash सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 स उदधरण 355 पिरिश 4 ndash सिवधान (अठासीवा सशोधन) अिधिनयम 2003 357 पिरिश 5 ndash सिवधान (एक सौवा सशोधन) अिधिनयम 2015 358 उपाबध ndash सिवधान (एक सौवा सशोधन) अिधिनयम 2015 िजसम भारत सरकार और
बागलादश सरकार क बीच अिजरत और अतिरत रा यकषतर क यौर अ तिवर ह
िवषय सची अन छद प
(xxix)
भारत का सविधान उददशिका
हम भारत क लोग भारत को एक 1[सपरण परभति-सपनन समाजिादी पथननरपकष लोकततरातमक गरराजय] बनान क शलए तथा उसक समसत नागररको को
सामाजजक आरथणक और राजननतक नयाय विचार अशभवयकति विशवास धमण
और उपासना की सिततरता परनतषठा और अिसर की समता
परापत करान क शलए तथा उन सब म
वयकति की गररमा और 2[राषटर की एकता और अखडता] सननजित करन िाली बधता
बढान क शलए दढसकलप होकर अपनी इस सविधान सभा म आज तारीख 26 निमबर 1949 ई0 (शमनत मागणिीरण िकला सपतमी सित दो हजार छह विकरमी) को एतददवारा इस सविधान को अगीकत अरधननयशमत और आतमावपणत करत ह
1 सविधान (बयालीसिा सिोधन) अरधननयम 1976 की धारा 2 वारा (3-1-1977 स)
ldquoपरभति-सपनन लोकततरातमक गरराजयrdquo क सथान पर परनतसथावपत 2 सविधान (बयालीसिा सिोधन) अरधननयम 1976 की धारा 2 वारा (3-1-1977 स)
ldquoराषटर की एकताrdquo क सथान पर परनतसथावपत
2
भाग 1 सघ और उसका रा यकषतर
1 सघ का नाम और रा यकषतरndash(1) भारत अथारत इिडया रा य का सघ होगा 1[(2) रा य और उनक रा यकषतर व ह ग जो पहली अनसची म िविनिदर ह ] (3) भारत क रा यकषतर मndash
(क) रा य क रा यकषतर 2[(ख) पहली अनसची म िविनिदर सघ रा यकषतर और] (ग) ऐस अ य रा यकषतर जो अिजरत िकए जाए
समािव ह ग 2 नए रा य का परवश या थापनाndashसस िविध दवारा ऐस िनबधन और शत
पर जो वह ठीक समझ सघ म नए रा य का परवश या उनकी थापना कर सकगी 3[2क िसिककम का सघ क साथ सहयकत िकया जानाndashसिवधान (छ ीसवा
सशोधन) अिधिनयम 1975 की धारा 5 दवारा (26-4-1975 स) िनरिसत ] 3 नए रा य का िनमारण और वतरमान रा य क कषतर सीमाओ या नाम म
पिरवतरनndashसस िविध दवाराndash (क) िकसी रा य म स उसका रा यकषतर अलग करक अथवा दो या अिधक
रा य को या रा य क भाग को िमलाकर अथवा िकसी रा यकषतर को िकसी रा य क भाग क साथ िमलाकर नए रा य का िनमारण कर सकगी
(ख) िकसी रा य का कषतर बढ़ा सकगी (ग) िकसी रा य का कषतर घटा सकगी (घ) िकसी रा य की सीमाओ म पिरवतरन कर सकगी (ङ) िकसी रा य क नाम म पिरवतरन कर सकगी
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 2 दवारा खड (2) क थान पर (1-11-1956 स) परित थािपत
2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 2 दवारा उपखड (ख) क थान पर परित थािपत 3 सिवधान (पतीसवा सशोधन) अिधिनयम 1974 की धारा 2 दवारा (1-3-1975 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
3
1[परत इस परयोजन क िलए कोई िवधयक रा पित की िसफािरश क िबना और जहा िवधयक म अतिवर पर थापना का परभाव 2रा य म स िकसी क कषतर सीमाओ या नाम पर पड़ता ह वहा जब तक उस रा य क िवधान-मडल दवारा उस पर अपन िवचार ऐसी अविध क भीतर जो िनदश म िविनिदर की जाए या ऐसी अितिरकत अविध क भीतर जो रा पित दवारा अनजञात की जाए परकट िकए जान क िलए वह िवधयक रा पित दवारा उस िनदिशत नही कर िदया गया ह और इस परकार िविनिदर या अनजञात अविध समा नही हो गई ह सस क िकसी सदन म परः थािपत नही िकया जाएगा ]
3[ प ीकरण 1ndashइस अन छद क खड (क) स खड (ङ) म ldquoरा यrdquo क अतगरत सघ रा यकषतर ह िकत परतक म ldquoरा यrdquo क अतगरत सघ रा यकषतर नही ह
प ीकरण 2ndashखड (क) दवारा सस को परद शिकत क अतगरत िकसी रा य या सघ रा यकषतर क िकसी भाग को िकसी अ य रा य या सघ रा यकषतर क साथ िमलाकर नए रा य या सघ रा यकषतर का िनमारण करना ह ]
4 पहली अनसची और चौथी अनसची क सशोधन तथा अनपरक आनषिगक और पािरणािमक िवषय का उपबध करन क िलए अन छद 2 और अन छद 3 क अधीन बनाई गई िविधयाndash(1) अन छद 2 या अन छद 3 म िनिदर िकसी िविध म पहली अनसची और चौथी अनसची क सशोधन क िलए ऐस उपबध अतिवर ह ग जो उस िविध क उपबध को परभावी करन क िलए आव यक ह तथा ऐस अनपरक आनषिगक और पािरणािमक उपबध भी (िजनक अतगरत ऐसी िविध स परभािवत रा य या रा य क सस म और िवधान-मडल या िवधान-मडल म परितिनिध व क बार म उपबध ह) अतिवर हो सकग िज ह सस आव यक समझ
(2) पव कत परकार की कोई िविध अन छद 368 क परयोजन क िलए इस सिवधान का सशोधन नही समझी जाएगी
1 सिवधान (पाचवा सशोधन) अिधिनयम 1955 की धारा 2 दवारा परतक क थान पर (24-12-1955 स) परित थािपत
2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची क भाग क या भाग ख म िविनिदर rdquo श द और अकषर का (1-11-1956 स) लोप िकया गया
3 सिवधान (अठारहवा सशोधन) अिधिनयम 1966 की धारा 2 दवारा (27-8-1966 स) अतः थािपत
4
भाग 2 नागिरकता
5 सिवधान क परारभ पर नागिरकताndashइस सिवधान क परारभ पर पर यक यिकत िजसका भारत क रा यकषतर म अिधवास ह औरndash
(क) जो भारत क रा यकषतर म ज मा था या (ख) िजसक माता या िपता म स कोई भारत क रा यकषतर म ज मा था या (ग) जो ऐस परारभ स ठीक पहल कम स कम पाच वषर तक भारत क रा यकषतर
म मामली तौर स िनवासी रहा ह भारत का नागिरक होगा
6 पािक तान स भारत को पर जन करन वाल कछ यिकतय क नागिरकता क अिधकारndashअन छद 5 म िकसी बात क होत हए भी कोई यिकत िजसन ऐस रा यकषतर स जो इस समय पािक तान क अतगरत ह भारत क रा यकषतर को पर जन िकया ह इस सिवधान क परारभ पर भारत का नागिरक समझा जाएगाndash
(क) यिद वह अथवा उसक माता या िपता म स कोई अथवा उसक िपतामह या िपतामही या मातामह या मातामही म स कोई (मल प म यथा अिधिनयिमत) भारत शासन अिधिनयम 1935 म पिरभािषत भारत म ज मा था और
(ख) (i) जबिक वह यिकत ऐसा ह िजसन 19 जलाई 1948 स पहल इस परकार पर जन िकया ह तब यिद वह अपन पर जन की तारीख स भारत क रा यकषतर म मामली तौर स िनवासी रहा ह या
(ii) जबिक वह यिकत ऐसा ह िजसन 19 जलाई 1948 को या उसक प ात इस परकार पर जन िकया ह तब यिद वह नागिरकता पराि क िलए भारत डोिमिनयन की सरकार दवारा िविहत पर प म और रीित स उसक दवारा इस सिवधान क परारभ स पहल ऐस अिधकारी को िजस उस सरकार न इस परयोजन क िलए िनयकत िकया ह आवदन िकए जान पर उस अिधकारी दवारा भारत का नागिरक रिज टरीकत कर िलया गया ह परत यिद कोई यिकत अपन आवदन की तारीख स ठीक पहल कम स कम छह मास
भारत क रा यकषतर म िनवासी नही रहा ह तो वह इस परकार रिज टरीकत नही िकया जाएगा 7 पािक तान को पर जन करन वाल कछ यिकतय क नागिरकता क अिधकारndash
अन छद 5 और अन छद 6 म िकसी बात क होत हए भी कोई यिकत िजसन 1 माचर 1947 क प ात भारत क रा यकषतर स ऐस रा यकषतर को जो इस समय पािक तान क अतगरत ह पर जन िकया ह भारत का नागिरक नही समझा जाएगा
परत इस अन छद की कोई बात ऐस यिकत को लाग नही होगी जो ऐस रा यकषतर को
भारत का सिवधान
5
जो इस समय पािक तान क अतगरत ह पर जन करन क प ात भारत क रा यकषतर को ऐसी अनजञा क अधीन लौट आया ह जो पनवारस क िलए या थायी प स लौटन क िलए िकसी िविध क परािधकार दवारा या उसक अधीन दी गई ह और पर यक ऐस यिकत क बार म अन छद 6 क खड (ख) क परयोजन क िलए यह समझा जाएगा िक उसन भारत क रा यकषतर को 19 जलाई 1948 क प ात पर जन िकया ह
8 भारत क बाहर रहन वाल भारतीय उदभव क कछ यिकतय क नागिरकता क अिधकारndashअन छद 5 म िकसी बात क होत हए भी कोई यिकत जो या िजसक माता या िपता म स कोई अथवा िपतामह या िपतामही या मातामह या मातामही म स कोई (मल प म यथा अिधिनयिमत) भारत शासन अिधिनयम 1935 म पिरभािषत भारत म ज मा था और जो इस परकार पिरभािषत भारत क बाहर िकसी दश म मामली तौर स िनवास कर रहा ह भारत का नागिरक समझा जाएगा यिद वह नागिरकता पराि क िलए भारत डोिमिनयन की सरकार दवारा या भारत सरकार दवारा िविहत पर प म और रीित स अपन दवारा उस दश म जहा वह त समय िनवास कर रहा ह भारत क राजनियक या क सलीय परितिनिध को इस सिवधान क परारभ स पहल या उसक प ात आवदन िकए जान पर ऐस राजनियक या क सलीय परितिनिध दवारा भारत का नागिरक रिज टरीकत कर िलया गया ह
9 िवदशी रा य की नागिरकता व छा स अिजरत करन वाल यिकतय का नागिरक न होनाndashयिद िकसी यिकत न िकसी िवदशी रा य की नागिरकता व छा स अिजरत कर ली ह तो वह अन छद 5 क आधार पर भारत का नागिरक नही होगा अथवा अन छद 6 या अन छद 8 क आधार पर भारत का नागिरक नही समझा जाएगा
10 नागिरकता क अिधकार का बना रहनाndashपर यक यिकत जो इस भाग क पवरगामी उपबध म स िकसी क अधीन भारत का नागिरक ह या समझा जाता ह ऐसी िविध क उपबध क अधीन रहत हए जो सस दवारा बनाई जाए भारत का नागिरक बना रहगा
11 सस दवारा नागिरकता क अिधकार का िविध दवारा िविनयमन िकया जानाndashइस भाग क पवरगामी उपबध की कोई बात नागिरकता क अजरन और समाि क तथा नागिरकता स सबिधत अ य सभी िवषय क सबध म उपबध करन की सस की शिकत का अ पीकरण नही करगी
6
भाग 3 मल अिधकार
साधारण 12 पिरभाषाndashइस भाग म जब तक िक सदभर स अ यथा अपिकषत न हो ldquoरा यrdquo क
अतगरत भारत की सरकार और सस तथा रा य म स पर यक रा य की सरकार और िवधान-मडल तथा भारत क रा यकषतर क भीतर या भारत सरकार क िनयतरण क अधीन सभी थानीय और अ य परािधकारी ह
13 मल अिधकार स असगत या उनका अ पीकरण करन वाली िविधयाndash(1) इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल भारत क रा यकषतर म परव सभी िविधया उस मातरा तक श य ह गी िजस तक व इस भाग क उपबध स असगत ह
(2) रा य ऐसी कोई िविध नही बनाएगा जो इस भाग दवारा परद अिधकार को छीनती ह या यन करती ह और इस खड क उ लघन म बनाई गई पर यक िविध उ लघन की मातरा तक श य होगी
(3) इस अन छद म जब तक िक सदभर स अ यथा अपिकषत न हो-- (क) ldquoिविधrdquo क अतगरत भारत क रा यकषतर म िविध का बल रखन वाला कोई
अ यादश आदश उपिविध िनयम िविनयम अिधसचना िढ़ या परथा ह (ख) ldquoपरव िविधrdquo क अतगरत भारत क रा यकषतर म िकसी िवधान-मडल या
अ य सकषम परािधकारी दवारा इस सिवधान क परारभ स पहल पािरत या बनाई गई िविध ह जो पहल ही िनरिसत नही कर दी गई ह चाह ऐसी कोई िविध या उसका कोई भाग उस समय पणरतया या िविश कषतर म परवतरन म नही ह 1[(4) इस अन छद की कोई बात अन छद 368 क अधीन िकए गए इस सिवधान क
िकसी सशोधन को लाग नही होगी ] समता का अिधकार
14 िविध क समकष समताndashरा य भारत क रा यकषतर म िकसी यिकत को िविध क समकष समता स या िविधय क समान सरकषण स विचत नही करगा
15 धमर मलवश जाित िलग या ज म थान क आधार पर िवभद का परितषधndash(1) रा य िकसी नागिरक क िव दध कवल धमर मलवश जाित िलग ज म थान या इनम स िकसी क आधार पर कोई िवभद नही करगा
(2) कोई नागिरक कवल धमर मलवश जाित िलग ज म थान या इनम स िकसी क आधार परndash 1 सिवधान (चौबीसवा सशोधन) अिधिनयम 1971 की धारा 2 दवारा (5-11-1971 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान 7
(क) दकान सावरजिनक भोजनालय होटल और सावरजिनक मनोरजन क थान म परवश या
(ख) पणरतः या भागतः रा य-िनिध स पोिषत या साधारण जनता क परयोग क िलए समिपरत कओ तालाब नानघाट सड़क और सावरजिनक समागम क थान क उपयोग
क सबध म िकसी भी िनय गयता दािय व िनबर धन या शतर क अधीन नही होगा (3) इस अन छद की कोई बात रा य को ि य और बालक क िलए कोई िवशष
उपबध करन स िनवािरत नही करगी 1[(4) इस अन छद की या अन छद 29 क खड (2) की कोई बात रा य को सामािजक
और शिकषक ि स िपछड़ हए नागिरक क िक ही वग की उ नित क िलए या अनसिचत जाितय और अनसिचत जनजाितय क िलए कोई िवशष उपबध करन स िनवािरत नही करगी ]
2[(5) इस अन छद या अन छद 19 क खड (1) क उपखड (छ) की कोई बात रा य को सामािजक और शिकषक ि स िपछड़ हए नागिरक क िक ही वग की उ नित क िलए या अनसिचत जाितय या अनसिचत जनजाितय क िलए िविध दवारा कोई िवशष उपबध करन स िनवािरत नही करगी जहा तक ऐस िवशष उपबध अन छद 30 क खड (1) म िनिदर अ पसखयक िशकषा स थाओ स िभ न िशकषा स थाओ म िजनक अतगरत पराइवट िशकषा स थाए भी ह चाह व रा य स सहायता परा ह या नही परवश स सबिधत ह ]
3[(6) इस अन छद या अन छद 19 क खड (1) क उपखड (छ) या अन छद 29 क खड (2) की कोई बात रा य को--
(क) खड (4) और खड (5) म उि लिखत वग स िभ न नागिरक क आिथरक प स दबरल िक ही वग की उ नित क िलए कोई भी िवशष उपबध करन स िनवािरत
नही करगी और (ख) खड (4) और खड (5) म उि लिखत वग स िभ न नागिरक क आिथरक
प स दबरल िक ही वग की उ नित क िलए कोई भी िवशष उपबध करन स वहा िनवािरत नही करगी जहा तक ऐस उपबध ऐसी शकषिणक स थाओ म िजनक अतगरत अन छद 30 क खड (1) म िनिदर ट अ पसख यक शकषिणक स थाओ स िभ न पराइवट शकषिणक स थाए भी ह चाह व रा य दवारा सहायता पान वाली ह या सहायता न पान वाली ह परवश स सबिधत ह जो आरकषण की दशा म िवदयमान आरकषण क अितिरक त तथा पर यक परवगर म कल थान क अिधकतम दस परितशत क अ यधीन ह ग प टीकरण--इस अन छद और अन छद 16 क परयोजन क िलए आिथरक प स
1 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 2 दवारा (18-6-1951 स) जोड़ा गया 2 सिवधान (ितरानववा सशोधन) अिधिनयम 2005 की धारा 2 दवारा (20-1-2006 स) अ तः थािपत 3 सिवधान (एक सौ तीनवा सशोधन) अिधिनयम 2019 की धारा 2 दवारा (14-1-2019 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान 8
दबरल वगर व ह ग जो रा य दवारा कटब की आय और आिथरक अलाभ क अ य सचक क आधार पर समय-समय पर अिधसिचत िकए जाए ]
16 लोक िनयोजन क िवषय म अवसर की समताndash(1) रा य क अधीन िकसी पद पर िनयोजन या िनयिकत स सबिधत िवषय म सभी नागिरक क िलए अवसर की समता होगी
(2) रा य क अधीन िकसी िनयोजन या पद क सबध म कवल धमर मलवश जाित िलग उदभव ज म थान िनवास या इनम स िकसी क आधार पर न तो कोई नागिरक अपातर होगा और न उसस िवभद िकया जाएगा
(3) इस अन छद की कोई बात सस को कोई ऐसी िविध बनान स िनवािरत नही करगी जो 1[िकसी रा य या सघ रा यकषतर की सरकार क या उसम क िकसी थानीय या अ य परािधकारी क अधीन वाल िकसी वगर या वग क पद पर िनयोजन या िनयिकत क सबध म ऐस िनयोजन या िनयिकत स पहल उस रा य या सघ रा यकषतर क भीतर िनवास िवषयक कोई अपकषा िविहत करती ह ]
(4) इस अन छद की कोई बात रा य को िपछड़ हए नागिरक क िकसी वगर क पकष म िजनका परितिनिध व रा य की राय म रा य क अधीन सवाओ म पयार नही ह िनयिकतय या पद क आरकषण क िलए उपबध करन स िनवािरत नही करगी
2[(4क) इस अन छद की कोई बात रा य को अनसिचत जाितय और अनसिचत जनजाितय क पकष म िजनका परितिनिध व रा य की राय म रा य क अधीन सवाओ म पयार नही ह रा य क अधीन सवाओ म 3[िकसी वगर या वग क पद पर पािरणािमक य ता सिहत परो नित क मामल म] आरकषण क िलए उपबध करन स िनवािरत नही करगी ]
4[(4ख) इस अन छद की कोई बात रा य को िकसी वषर म िक ही न भरी गई ऐसी िरिकतय को जो खड (4) या खड (4क) क अधीन िकए गए आरकषण क िलए िकसी उपबध क अनसार उस वषर म भरी जान क िलए आरिकषत ह िकसी उ रवतीर वषर या वष म भर जान क िलए पथक वगर की िरिकतय क प म िवचार करन स िनवािरत नही करगी और ऐस वगर की िरिकतय पर उस वषर की िरिकतय क साथ िजसम व भरी जा रही ह उस वषर की िरिकतय की कल सखया क सबध म पचास परितशत आरकषण की अिधकतम सीमा का अवधारण करन क िलए िवचार नही िकया जाएगा ]
(5) इस अन छद की कोई बात िकसी ऐसी िविध क परवतरन पर परभाव नही डालगी जो यह उपबध करती ह िक िकसी धािमरक या सापरदाियक स था क कायरकलाप स सबिधत कोई
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची म िविनिदर िकसी रा य क या उसक कषतर म िकसी थानीय या अ य परािधकारी क अधीन उस रा य क भीतर िनवास िवषयक कोई अपकषा िविहत करती होrdquo क थान पर (1-11-1956 स) परित थािपत
2 सिवधान (सतह रवा सशोधन) अिधिनयम 1995 की धारा 2 दवारा (17-6-1995 स) अतः थािपत 3 सिवधान (पचासीवा सशोधन) अिधिनयम 2001 की धारा 2 दवारा भतलकषी परभाव स (17-6-1995 स) कितपय
श द क थान पर परित थािपत 4 सिवधान (इकयासीवा सशोधन) अिधिनयम 2000 की धारा 2 दवारा (9-6-2000 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान 9
पदधारी या उसक शासी िनकाय का कोई सद य िकसी िविश धमर का मानन वाला या िविश सपरदाय का ही हो
1[(6) इस अन छद की कोई बात रा य को िवदयमान आरकषण क अितिरक त तथा पर यक परवगर म पद क अिधकतम दस परितशत क अ यधीन खड (4) म उि लिखत वग स िभ न नागिरक क आिथरक प स दबरल िक ही वग क पकष म िनयिक तय और पद क आरकषण क िलए कोई भी उपबध करन स िनवािरत नही करगी ]
17 अ प यता का अतndashldquoअ प यताrdquo का अत िकया जाता ह और उसका िकसी भी प म आचरण िनिषदध िकया जाता ह ldquoअ प यताrdquo स उपजी िकसी िनय गयता को लाग करना अपराध होगा जो िविध क अनसार दडनीय होगा
18 उपािधय का अतndash(1) रा य सना या िवदया सबधी स मान क िसवाय और कोई उपािध परदान नही करगा
(2) भारत का कोई नागिरक िकसी िवदशी रा य स कोई उपािध वीकार नही करगा (3) कोई यिकत जो भारत का नागिरक नही ह रा य क अधीन लाभ या िव ास क
िकसी पद को धारण करत हए िकसी िवदशी रा य स कोई उपािध रा पित की सहमित क िबना वीकार नही करगा
(4) रा य क अधीन लाभ या िव ास का पद धारण करन वाला कोई यिकत िकसी िवदशी रा य स या उसक अधीन िकसी प म कोई भट उपलि ध या पद रा पित की सहमित क िबना वीकार नही करगा
वात य-अिधकार 19 वाक- वात य आिद िवषयक कछ अिधकार का सरकषणndash(1) सभी नागिरक कोndash
(क) वाक- वात य और अिभ यिकत- वात य का (ख) शाितपवरक और िनरायध स मलन का (ग) सगम या सघ 2[या सहकारी सोसाइटी] बनान का (घ) भारत क रा यकषतर म सवरतर अबाध सचरण का (ङ) भारत क रा यकषतर क िकसी भाग म िनवास करन और बस जान का
1 सिवधान (एक सौ तीनवा सशोधन) अिधिनयम 2019 की धारा 3 दवारा (14-1-2019 स) अतः थािपत 2 सिवधान (सतानववा सशोधन) अिधिनयम 2011 की धारा 2 दवारा (8-2-2012 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान 10
1[और] 2(च) (छ) कोई वि उपजीिवका यापार या कारबार करन का
अिधकार होगा 3[(2) खड (1) क उपखड (क) की कोई बात उकत उपखड दवारा िदए गए अिधकार क
परयोग पर 4[भारत की परभता और अखडता] रा य की सरकषा िवदशी रा य क साथ मतरीपणर सबध लोक यव था िश ाचार या सदाचार क िहत म अथवा यायालय-अवमान मानहािन या अपराध-उ ीपन क सबध म यिकतयकत िनबरधन जहा तक कोई िवदयमान िविध अिधरोिपत करती ह वहा तक उसक परवतरन पर परभाव नही डालगी या वस िनबरधन अिधरोिपत करन वाली कोई िविध बनान स रा य को िनवािरत नही करगी ]
(3) उकत खड क उपखड (ख) की कोई बात उकत उपखड दवारा िदए गए अिधकार क परयोग पर 5[भारत की परभता और अखडता या] लोक यव था क िहत म यिकतयकत िनबर धन जहा तक कोई िवदयमान िविध अिधरोिपत करती ह वहा तक उसक परवतरन पर परभाव नही डालगी या वस िनबर धन अिधरोिपत करन वाली कोई िविध बनान स रा य को िनवािरत नही करगी
(4) उकत खड क उपखड (ग) की कोई बात उकत उपखड दवारा िदए गए अिधकार क परयोग पर 5[भारत की परभता और अखडता या] लोक यव था या सदाचार क िहत म यिकतयकत िनबर धन जहा तक कोई िवदयमान िविध अिधरोिपत करती ह वहा तक उसक परवतरन पर परभाव नही डालगी या वस िनबर धन अिधरोिपत करन वाली कोई िविध बनान स रा य को िनवािरत नही करगी
(5) उकत खड क 6[उपखड (घ) और उपखड (ङ)] की कोई बात उकत उपखड दवारा िदए गए अिधकार क परयोग पर साधारण जनता क िहत म या िकसी अनसिचत जनजाित क िहत क सरकषण क िलए यिकतयकत िनबर धन जहा तक कोई िवदयमान िविध अिधरोिपत करती ह वहा तक उसक परवतरन पर परभाव नही डालगी या वस िनबर धन अिधरोिपत करन वाली कोई िविध बनान स रा य को िनवािरत नही करगी
(6) उकत खड क उपखड (छ) की कोई बात उकत उपखड दवारा िदए गए अिधकार क परयोग पर साधारण जनता क िहत म यिकतयकत िनबर धन जहा तक कोई िवदयमान िविध अिधरोिपत 1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 2 दवारा (20-6-1979 स) अतः थािपत 2 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 2 दवारा (20-6-1979 स) उपखड (च) का लोप िकया
गया 3 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 3 दवारा (भतलकषी परभाव स) खड (2) क थान पर परित थािपत
4 सिवधान (सोलहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 2 दवारा (5-10-1963 स) अतः थािपत 5 सिवधान (सोलहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 2 दवारा (5-10-1963 स) अतः थािपत 6 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 2 दवारा (20-6-1979 स) ldquoउपखड (घ) उपखड (ङ) और
उपखड (च)rdquo क थान पर परित थािपत
भारत का सिवधान 11
करती ह वहा तक उसक परवतरन पर परभाव नही डालगी या वस िनबर धन अिधरोिपत करन वाली कोई िविध बनान स रा य को िनवािरत नही करगी और िविश तया 1[उकत उपखड की कोई बातndash
(i) कोई वि उपजीिवका यापार या कारबार करन क िलए आव यक वि क या तकनीकी अहरताओ स या
(ii) रा य दवारा या रा य क वािम व या िनयतरण म िकसी िनगम दवारा कोई यापार कारबार उदयोग या सवा नागिरक का पणरतः या भागतः अपवजरन करक या अ यथा चलाए जान स
जहा तक कोई िवदयमान िविध सबध रखती ह वहा तक उसक परवतरन पर परभाव नही डालगी या इस परकार सबध रखन वाली कोई िविध बनान स रा य को िनवािरत नही करगी ]
20 अपराध क िलए दोषिसिदध क सबध म सरकषणndash(1) कोई यिकत िकसी अपराध क िलए तब तक िसदधदोष नही ठहराया जाएगा जब तक िक उसन ऐसा कोई कायर करन क समय जो अपराध क प म आरोिपत ह िकसी परव िविध का अितकरमण नही िकया ह या उसस अिधक शाि त का भागी नही होगा जो उस अपराध क िकए जान क समय परव िविध क अधीन अिधरोिपत की जा सकती थी
(2) िकसी यिकत को एक ही अपराध क िलए एक बार स अिधक अिभयोिजत और दिडत नही िकया जाएगा
(3) िकसी अपराध क िलए अिभयकत िकसी यिकत को वय अपन िव दध साकषी होन क िलए बा य नही िकया जाएगा
21 पराण और दिहक वततरता का सरकषणndashिकसी यिकत को उसक पराण या दिहक वततरता स िविध दवारा थािपत परिकरया क अनसार ही विचत िकया जाएगा अ यथा नही
2[21क िशकषा का अिधकारndashरा य छह वषर स चौदह वषर तक की आय वाल सभी बालक क िलए नःश क और अिनवायर िशकषा दन का ऐसी रीित म जो रा य िविध दवारा अवधािरत कर उपबध करगा ]
22 कछ दशाओ म िगर तारी और िनरोध स सरकषणndash(1) िकसी यिकत को जो िगर तार िकया गया ह ऐसी िगर तारी क कारण स यथाशीघर अवगत कराए िबना अिभरकषा म िन दध नही रखा जाएगा या अपनी िच क िविध यवसायी स परामशर करन और परितरकषा करान क अिधकार स विचत नही रखा जाएगा
(2) पर यक यिकत को जो िगर तार िकया गया ह और अिभरकषा म िन दध रखा गया ह िगर तारी क थान स मिज टरट क यायालय तक यातरा क िलए आव यक समय को छोड़कर ऐसी िगर तारी स चौबीस घट की अविध म िनकटतम मिज टरट क समकष पश िकया 1 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 3 दवारा कितपय श द क थान पर (18-6-1951 स)
परित थािपत 2 सिवधान (िछयासीवा सशोधन) अिधिनयम 2002 की धारा 2 दवारा (1-4-2010 स) अ तः थािपत
भारत का सिवधान 12
जाएगा और ऐस िकसी यिकत को मिज टरट क परािधकार क िबना उकत अविध स अिधक अविध क िलए अिभरकषा म िन दध नही रखा जाएगा
(3) खड (1) और खड (2) की कोई बात िकसी ऐस यिकत को लाग नही होगी जोndash (क) त समय शतर अ यदशीय ह या (ख) िनवारक िनरोध का उपबध करन वाली िकसी िविध क अधीन िगर तार या
िन दध िकया गया ह (4) िनवारक िनरोध का उपबध करन वाली कोई िविध िकसी यिकत का तीन मास स
अिधक अविध क िलए तब तक िन दध िकया जाना परािधकत नही करगी जब तक िकndash (क) ऐस यिकतय स जो उ च यायालय क यायाधीश ह या यायाधीश रह
ह या यायाधीश िनयकत होन क िलए अिहरत ह िमलकर बन सलाहकार बोडर न तीन मास की उकत अविध की समाि स पहल यह परितवदन नही िदया ह िक उसकी राय म ऐस िनरोध क िलए पयार कारण ह
परत इस उपखड की कोई बात िकसी यिकत का उस अिधकतम अविध स अिधक अविध क िलए िन दध िकया जाना परािधकत नही करगी जो खड (7) क उपखड (ख) क अधीन सस दवारा बनाई गई िविध दवारा िविहत की गई ह या
सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 3 दवारा (अिधसचना की तारीख स
जो िक अिधसिचत नही हई ह) खड (4) क थान पर िन निलिखत परित थािपत िकया जाएगा-- (4) िनवारक िनरोध का उपबध करन वाली कोई िविध िकसी यिकत का दो मास स अिधक की
अविध क िलए िन दध िकया जाना परािधकत नही करगी जब तक िक समिचत उ च यायालय क मखय यायमितर की िसफािरश क अनसार गिठत सलाहकार बोडर न उकत दो मास की अविध की समाि स पहल यह परितवदन नही िदया ह िक उसकी राय म ऐस िनरोध क िलए पयार कारण ह
परत सलाहकार बोडर एक अ यकष और कम स कम दो अ य सद य स िमलकर बनगा और अ यकष समिचत उ च यायालय का सवारत यायाधीश होगा और अ य सद य िकसी उ च यायालय क सवारत या सवािनव यायाधीश ह ग
परत यह और िक इस खड की कोई बात िकसी यिकत का उस अिधकतम अविध क िलए िन दध िकया जाना परािधकत नही करगी जो खड (7) क उपखड (क) क अधीन सस दवारा बनाई गई िविध दवारा िविहत की जाए
प ीकरण--इस खड म ldquoसमिचत उ च यायालयrdquo स अिभपरत ह-- (i) भारत सरकार या उस सरकार क अधीन थ िकसी अिधकारी या परािधकारी दवारा िकए गए िनरोध
आदश क अनसरण म िन दध यिकत की दशा म िद ली सघ रा यकषतर क िलए उ च यायालय (ii) (सघ रा यकषतर स िभ न) िकसी रा य सरकार दवारा िकए गए िनरोध आदश क अनसरण म
िन दध यिकत की दशा म उस रा य क िलए उ च यायालय और (iii) िकसी सघ रा यकषतर क परशासक या ऐस परशासक क अधीन थ िकसी अिधकारी या परािधकारी
दवारा िकए गए िनरोध आदश क अनसरण म िन दध यिकत की दशा म वह उ च यायालय जो सस दवारा इस िनिम बनाई गई िविध दवारा या उसक अधीन िविनिदर िकया जाए
भारत का सिवधान 13
(ख) ऐस यिकत को खड (7) क उपखड (क) और उपखड (ख) क अधीन सस दवारा बनाई गई िविध क उपबध क अनसार िन दध नही िकया जाता ह (5) िनवारक िनरोध का उपबध करन वाली िकसी िविध क अधीन िकए गए आदश क
अनसरण म जब िकसी यिकत को िन दध िकया जाता ह तब आदश करन वाला परािधकारी यथाशकय शीघर उस यिकत को यह ससिचत करगा िक वह आदश िकन आधार पर िकया गया ह और उस आदश क िव दध अ यावदन करन क िलए उस शीघराितशीघर अवसर दगा
(6) खड (5) की िकसी बात स ऐसा आदश जो उस खड म िनिदर ह करन वाल परािधकारी क िलए ऐस त य को परकट करना आव यक नही होगा िज ह परकट करना ऐसा परािधकारी लोकिहत क िव दध समझता ह
(7) सस िविध दवारा िविहत कर सकगी िकndash (क) िकन पिरि थितय क अधीन और िकस वगर या वग क मामल म िकसी
यिकत को िनवारक िनरोध का उपबध करन वाली िकसी िविध क अधीन तीन मास स अिधक अविध क िलए खड (4) क उपखड (क) क उपबध क अनसार सलाहकार बोडर की राय परा िकए िबना िन दध िकया जा सकगा
(ख) िकसी वगर या वग क मामल म िकतनी अिधकतम अविध क िलए िकसी यिकत को िनवारक िनरोध का उपबध करन वाली िकसी िविध क अधीन िन दध िकया जा सकगा और
(ग) [खड (4) क उपखड (क)] क अधीन की जान वाली जाच म सलाहकार बोडर दवारा अनसरण की जान वाली परिकरया कया होगी
शोषण क िव दध अिधकार 23 मानव क द यारपार और बला म का परितषधndash(1) मानव का द यारपार और बगार
तथा इसी परकार का अ य बला म परितिषदध िकया जाता ह और इस उपबध का कोई भी सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 3 दवारा (अिधसचना की तारीख स जो िक अिधसिचत
नही हई ह) उपखड (क) का लोप िकया जाएगा सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 3 दवारा (अिधसचना की तारीख स जो िक अिधसिचत
नही हई ह) उपखड (ख) को उपखड (क) क प म पनःसखयािकत िकया जाएगा सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 3 दवारा (अिधसचना की तारीख स जो िक अिधसिचत
नही हई ह) उपखड (ग) को उपखड (ख) क प म पनःसखयािकत िकया जाएगा सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 3 दवारा (अिधसचना की तारीख स जो िक
अिधसिचत नही हई ह) बड़ी को क म क श द क थान पर ldquoखड (4)rdquo श द को क और अक रख जाएग
भारत का सिवधान 14
उ लघन अपराध होगा जो िविध क अनसार दडनीय होगा (2) इस अन छद की कोई बात रा य को सावरजिनक परयोजन क िलए अिनवायर सवा
अिधरोिपत करन स िनवािरत नही करगी ऐसी सवा अिधरोिपत करन म रा य कवल धमर मलवश जाित या वगर या इनम स िकसी क आधार पर कोई िवभद नही करगा
24 कारखान आिद म बालक क िनयोजन का परितषधndashचौदह वषर स कम आय क िकसी बालक को िकसी कारखान या खान म काम करन क िलए िनयोिजत नही िकया जाएगा या िकसी अ य पिरसकटमय िनयोजन म नही लगाया जाएगा
धमर की वततरता का अिधकार 25 अतःकरण की और धमर क अबाध प स मानन आचरण और परचार करन की
वततरताndash(1) लोक यव था सदाचार और वा य तथा इस भाग क अ य उपबध क अधीन रहत हए सभी यिकतय को अतःकरण की वततरता का और धमर क अबाध प स मानन आचरण करन और परचार करन का समान हक होगा
(2) इस अन छद की कोई बात िकसी ऐसी िवदयमान िविध क परवतरन पर परभाव नही डालगी या रा य को कोई ऐसी िविध बनान स िनवािरत नही करगी जोndash
(क) धािमरक आचरण स सबदध िकसी आिथरक िव ीय राजनितक या अ य लौिकक िकरयाकलाप का िविनयमन या िनबर धन करती ह
(ख) सामािजक क याण और सधार क िलए या सावरजिनक परकार की िहदओ की धािमरक स थाओ को िहदओ क सभी वग और अनभाग क िलए खोलन का उपबध करती ह प ीकरण 1ndashकपाण धारण करना और लकर चलना िसकख धमर क मानन का अग
समझा जाएगा प ीकरण 2ndashखड (2) क उपखड (ख) म िहदओ क परित िनदश का यह अथर लगाया
जाएगा िक उसक अतगरत िसकख जन या बौदध धमर क मानन वाल यिकतय क परित िनदश ह और िहदओ की धािमरक स थाओ क परित िनदश का अथर तदनसार लगाया जाएगा
26 धािमरक काय क परबध की वततरताndashलोक यव था सदाचार और वा य क अधीन रहत हए पर यक धािमरक सपरदाय या उसक िकसी अनभाग कोndash
(क) धािमरक और पतर परयोजन क िलए स थाओ की थापना और पोषण का (ख) अपन धमर िवषयक काय का परबध करन का (ग) जगम और थावर सपि क अजरन और वािम व का और (घ) ऐसी सपि का िविध क अनसार परशासन करन का
भारत का सिवधान 15
अिधकार होगा 27 िकसी िविश धमर की अिभविदध क िलए कर क सदाय क बार म वततरताndashिकसी
भी यिकत को ऐस कर का सदाय करन क िलए बा य नही िकया जाएगा िजनक आगम िकसी िविश धमर या धािमरक सपरदाय की अिभविदध या पोषण म यय करन क िलए िविनिदर प स िविनयोिजत िकए जात ह
28 कछ िशकषा स थाओ म धािमरक िशकषा या धािमरक उपासना म उपि थत होन क बार म वततरताndash(1) रा य-िनिध स पणरतः पोिषत िकसी िशकषा स था म कोई धािमरक िशकषा नही दी जाएगी
(2) खड (1) की कोई बात ऐसी िशकषा स था को लाग नही होगी िजसका परशासन रा य करता ह िकत जो िकसी ऐस िव यास या यास क अधीन थािपत हई ह िजसक अनसार उस स था म धािमरक िशकषा दना आव यक ह
(3) रा य स मा यतापरा या रा य-िनिध स सहायता पान वाली िशकषा स था म उपि थत होन वाल िकसी यिकत को ऐसी स था म दी जान वाली धािमरक िशकषा म भाग लन क िलए या ऐसी स था म या उसस सलगन थान म की जान वाली धािमरक उपासना म उपि थत होन क िलए तब तक बा य नही िकया जाएगा जब तक िक उस यिकत न या यिद वह अवय क ह तो उसक सरकषक न इसक िलए अपनी सहमित नही द दी ह
स कित और िशकषा सबधी अिधकार 29 अ पसखयक-वग क िहत का सरकषणndash(1) भारत क रा यकषतर या उसक िकसी
भाग क िनवासी नागिरक क िकसी अनभाग को िजसकी अपनी िवशष भाषा िलिप या स कित ह उस बनाए रखन का अिधकार होगा
(2) रा य दवारा पोिषत या रा य-िनिध स सहायता पान वाली िकसी िशकषा स था म परवश स िकसी भी नागिरक को कवल धमर मलवश जाित भाषा या इनम स िकसी क आधार पर विचत नही िकया जाएगा
30 िशकषा स थाओ की थापना और परशासन करन का अ पसखयक-वग का अिधकारndash(1) धमर या भाषा पर आधािरत सभी अ पसखयक-वग को अपनी िच की िशकषा स थाओ की थापना और परशासन का अिधकार होगा
1[(1क) खड (1) म िनिदर िकसी अ पसखयक-वगर दवारा थािपत और परशािसत िशकषा स था की सपि क अिनवायर अजरन क िलए उपबध करन वाली िविध बनात समय रा य यह सिनि त करगा िक ऐसी सपि क अजरन क िलए ऐसी िविध दवारा िनयत या उसक अधीन 1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 4 दवारा (20-6-1979 स) अतः थािपत
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अवधािरत रकम इतनी हो िक उस खड क अधीन पर याभत अिधकार िनबरि धत या िनराकत न हो जाए ]
(2) िशकषा स थाओ को सहायता दन म रा य िकसी िशकषा स था क िव दध इस आधार पर िवभद नही करगा िक वह धमर या भाषा पर आधािरत िकसी अ पसखयक-वगर क परबध म ह
1 31 [सपि का अिनवायर अजरन ]ndashसिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978
की धारा 6 दवारा (20-6-1979 स) िनरिसत 2[कछ िविधय की यावि ]
3[31क सपदाओ आिद क अजरन क िलए उपबध करन वाली िविधय की यावि ndash 4[(1) अन छद 13 म अतिवर िकसी बात क होत हए भीndash
(क) िकसी सपदा क या उसम िक ही अिधकार क रा य दवारा अजरन क िलए या िक ही ऐस अिधकार क िनवारपन या उनम पिरवतरन क िलए या
(ख) िकसी सपि का परबध लोकिहत म या उस सपि का उिचत परबध सिनि त करन क उ य स पिरसीिमत अविध क िलए रा य दवारा ल िलए जान क िलए या
(ग) दो या अिधक िनगम को लोकिहत म या उन िनगम म स िकसी का उिचत परबध सिनि त करन क उ य स समामिलत करन क िलए या
(घ) िनगम क परबध अिभकतारओ सिचव और कोषा यकष परबध िनदशक िनदशक या परबधक क िक ही अिधकार या उनक शयरधारक क मत दन क िक ही अिधकार क िनवारपन या उनम पिरवतरन क िलए या
(ङ) िकसी खिनज या खिनज तल की खोज करन या उस परा करन क परयोजन क िलए िकसी करार पटट या अनजञि क आधार पर परोदभत होन वाल िक ही अिधकार क िनवारपन या उनम पिरवतरन क िलए या िकसी ऐस करार पटट या अनजञि को समय स पहल समा करन या र करन क िलए
1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 5 दवारा (20-6-1979 स) उपशीषर सपि का अिधकार
का लोप िकया गया 2 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 3 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत 3 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 4 दवारा (भतलकषी परभाव स) अतः थािपत 4 सिवधान (चौथा सशोधन) अिधिनयम 1955 की धारा 3 दवारा (भतलकषी परभाव स) खड (1) क थान पर
परित थािपत
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उपबध करन वाली िविध इस आधार पर श य नही समझी जाएगी िक वह 1[अन छद 14 या अन छद 19] दवारा परद अिधकार म स िकसी स असगत ह या उस छीनती ह या यन करती ह
परत जहा ऐसी िविध िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध ह वहा इस अन छद क उपबध उस िविध को तब तक लाग नही ह ग जब तक ऐसी िविध को जो रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रखी गई ह उसकी अनमित परा नही हो गई ह ]
2[परत यह और िक जहा िकसी िविध म िकसी सपदा क रा य दवारा अजरन क िलए कोई उपबध िकया गया ह और जहा उसम समािव कोई भिम िकसी यिकत की अपनी जोत म ह वहा रा य क िलए ऐसी भिम क ऐस भाग को जो िकसी त समय परव िविध क अधीन उसको लाग अिधकतम सीमा क भीतर ह या उस पर िनिमरत या उसस अनलगन िकसी भवन या सरचना को अिजरत करना उस दशा क िसवाय िविधपणर नही होगा िजस दशा म ऐसी भिम भवन या सरचना क अजरन स सबिधत िविध उस दर स परितकर क सदाय क िलए उपबध करती ह जो उसक बाजार-म य स कम नही होगी ]
(2) इस अन छद मndash 3[(क) ldquoसपदाrdquo पद का िकसी थानीय कषतर क सबध म वही अथर ह जो उस
पद का या उसक समत य थानीय पद का उस कषतर म परव भ-धितय स सबिधत िवदयमान िविध म ह और इसक अतगरतndash
(i) कोई जागीर इनाम या मआफी अथवा वसा ही अ य अनदान और 4[तिमलनाड] और करल रा य म कोई ज मम अिधकार भी होगा
(ii) रयतबाड़ी बदोब त क अधीन धत कोई भिम भी होगी (iii) किष क परयोजन क िलए या उसक सहायक परयोजन क िलए धत
या पटट पर दी गई कोई भिम भी होगी िजसक अतगरत बजर भिम वन भिम चरागाह या भिम क कषक किष िमक और गरामीण कारीगर क अिधभोग म भवन और अ य सरचनाओ क थल ह ] (ख) ldquoअिधकारrdquo पद क अतगरत िकसी सपदा क सबध म िकसी व वधारी
उप- व वधारी अवर व वधारी भ-धितधारक 5[रयत अवर रयत] या अ य म यवतीर म िनिहत कोई अिधकार और भ-राज व क सबध म कोई अिधकार या िवशषािधकार ह ग ]
1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 7 दवारा (20-6-1979 स) ldquoअन छद 14 अन छद 19
या अन छद 31rdquo क थान पर परित थािपत 2 सिवधान (सतरहवा सशोधन) अिधिनयम 1964 की धारा 2 दवारा (20-6-1964 स) अतः थािपत 3 सिवधान (सतरहवा सशोधन) अिधिनयम 1964 की धारा 2 दवारा भतलकषी परभाव स उपखड (क) क थान पर परित थािपत
4 मदरास रा य (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 1968 (1968 का 53) की धारा 4 दवारा (14-1-1969 स) ldquoमदरासrdquo क थान पर परित थािपत
5 सिवधान (चौथा सशोधन) अिधिनयम 1955 की धारा 3 दवारा (भतलकषी परभाव स) अतः थािपत
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1[31ख कछ अिधिनयम और िविनयम का िविधमा यकरणndashअन छद 31क म अतिवर उपबध की यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना नवी अनसची म िविनिदर अिधिनयम और िविनयम म स और उनक उपबध म स कोई इस आधार पर श य या कभी श य हआ नही समझा जाएगा िक वह अिधिनयम िविनयम या उपबध इस भाग क िक ही उपबध दवारा परद अिधकार म स िकसी स असगत ह या उस छीनता ह या यन करता ह और िकसी यायालय या अिधकरण क िकसी परितकल िनणरय िडकरी या आदश क होत हए भी उकत अिधिनयम और िविनयम म स पर यक उस िनरिसत या सशोिधत करन की िकसी सकषम िवधान-मडल की शिकत क अधीन रहत हए परव बना रहगा ]
2[31ग कछ िनदशक त व को परभावी करन वाली िविधय की यावि ndashअन छद 13 म िकसी बात क होत हए भी कोई िविध जो 3[भाग 4 म अिधकिथत सभी या िक ही त व ] को सिनि त करन क िलए रा य की नीित को परभावी करन वाली ह इस आधार पर श य नही समझी जाएगी िक वह 4[अन छद 14 या अन छद 19] दवारा परद अिधकार म स िकसी स असगत ह या उस छीनती ह या यन करती ह 5[और कोई िविध िजसम यह घोषणा ह िक वह ऐसी नीित को परभावी करन क िलए ह िकसी यायालय म इस आधार पर पर गत नही की जाएगी िक वह ऐसी नीित को परभावी नही करती ह]
परत जहा ऐसी िविध िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई जाती ह वहा इस अन छद क उपबध उस िविध को तब तक लाग नही ह ग जब तक ऐसी िविध को जो रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रखी गई ह उसकी अनमित परा नही हो गई ह
631घ [रा िवरोधी िकरयाकलाप क सबध म िविधय की यावि ]ndashसिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 2 दवारा (13-4-1978 स) िनरिसत
सािवधािनक उपचार का अिधकार 32 इस भाग दवारा परद अिधकार को परवितरत करान क िलए उपचारndash(1) इस भाग
दवारा परद अिधकार को परवितरत करान क िलए समिचत कायरवािहय दवारा उ चतम यायालय म समावदन करन का अिधकार पर याभत िकया जाता ह
(2) इस भाग दवारा परद अिधकार म स िकसी को परवितरत करान क िलए उ चतम 1 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 5 दवारा (18-6-1951 स) अतः थािपत 2 सिवधान (प चीसवा सशोधन) अिधिनयम 1971 की धारा 3 दवारा (20-4-1972 स) अतः थािपत 3 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 4 दवारा (3-1-1977 स) ldquoअन छद 39 क खड (ख) या खड (ग) म िविनिदर िसदधात rdquo क थान पर परित थािपत धारा 4 को उ चतम यायालय दवारा िमनवार िम स िल0 और अ य बनाम भारत सघ और अ य एआईआर 1980 एस0सी0 1789 म अिविधमा य घोिषत कर िदया गया
4 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 8 दवारा (20-6-1979 स) ldquoअन छद 14 अन छद 19 या अन छद 31rdquo क थान पर परित थािपत
5 उ चतम यायालय न कशवानद भारती बनाम करल रा य एआईआर 1973 एस0सी0 1461 म ितरछ टाइप म िदए गए उपबध को अिविधमा य घोिषत कर िदया ह
6 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 5 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत
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यायालय को ऐस िनदश या आदश या िरट िजनक अतगरत बदी पर यकषीकरण परमादश परितषध अिधकार-प छा और उपरषण िरट ह जो भी समिचत हो िनकालन की शिकत होगी
(3) उ चतम यायालय को खड (1) और खड (2) दवारा परद शिकतय पर परितकल परभाव डाल िबना सस उ चतम यायालय दवारा खड (2) क अधीन परयोकत य िक ही या सभी शिकतय का िकसी अ य यायालय को अपनी अिधकािरता की थानीय सीमाओ क भीतर परयोग करन क िलए िविध दवारा सशकत कर सकगी
(4) इस सिवधान दवारा अ यथा उपबिधत क िसवाय इस अन छद दवारा पर याभत अिधकार िनलिबत नही िकया जाएगा
132क [रा य िविधय की सािवधािनक वधता पर अन छद 32 क अधीन कायरवािहय म िवचार न िकया जाना ]ndashसिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 3 दवारा (13-4-1978 स) िनरिसत
2[33 इस भाग दवारा परद अिधकार का बल आिद को लाग होन म उपातरण करन की सस की शिकतndashसस िविध दवारा अवधारण कर सकगी िक इस भाग दवारा परद अिधकार म स कोईndash
(क) सश बल क सद य को या (ख) लोक यव था बनाए रखन का भारसाधन करन वाल बल क सद य को या (ग) आसचना या परित आसचना क परयोजन क िलए रा य दवारा थािपत
िकसी यरो या अ य सगठन म िनयोिजत यिकतय को या (घ) खड (क) स खड (ग) म िनिदर िकसी बल यरो या सगठन क परयोजन क
िलए थािपत दरसचार परणाली म या उसक सबध म िनयोिजत यिकतय को लाग होन म िकस िव तार तक िनबरि धत या िनराकत िकया जाए िजसस उनक कतर य का उिचत पालन और उनम अनशासन बना रहना सिनि त रह ]
34 जब िकसी कषतर म सना िविध परव ह तब इस भाग दवारा परद अिधकार पर िनबर धनndashइस भाग क पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी सस िविध दवारा सघ या िकसी रा य की सवा म िकसी यिकत की या िकसी अ य यिकत की िकसी ऐस कायर क सबध म कषितपित र कर सकगी जो उसन भारत क रा यकषतर क भीतर िकसी ऐस कषतर म जहा सना िविध परव थी यव था क बनाए रखन या पनः थापन क सबध म िकया ह या ऐस कषतर म सना िविध क अधीन पािरत दडादश िदए गए दड आिद समपहरण या िकए गए 1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 6 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत 2 सिवधान (पचासवा सशोधन) अिधिनयम 1984 की धारा 2 दवारा अन छद 33 क थान पर (11-9-1984 स) परित थािपत
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अ य कायर को िविधमा य कर सकगी 35 इस भाग क उपबध को परभावी करन क िलए िवधानndashइस सिवधान म िकसी बात
क होत हए भीndash (क) सस को शिकत होगी और िकसी रा य क िवधान-मडल को शिकत नही
होगी िक वहndash (i) िजन िवषय क िलए अन छद 16 क खड (3) अन छद 32 क
खड (3) अन छद 33 और अन छद 34 क अधीन सस िविध दवारा उपबध कर सकगी उनम स िकसी क िलए और
(ii) ऐस काय क िलए जो इस भाग क अधीन अपराध घोिषत िकए गए ह दड िविहत करन क िलए
िविध बनाए और सस इस सिवधान क परारभ क प ात यथाशकय शीघर ऐस काय क िलए जो उपखड (ii) म िनिदर ह दड िविहत करन क िलए िविध बनाएगी
(ख) खड (क) क उपखड (i) म िनिदर िवषय म स िकसी स सबिधत या उस खड क उपखड (ii) म िनिदर िकसी कायर क िलए दड का उपबध करन वाली कोई परव िविध जो भारत क रा यकषतर म इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल परव थी उसक िनबधन क और अन छद 372 क अधीन उसम िकए गए िक ही अनकलन और उपातरण क अधीन रहत हए तब तक परव रहगी जब तक उसका सस दवारा पिरवतरन या िनरसन या सशोधन नही कर िदया जाता ह प ीकरणndashइस अन छद म ldquoपरव िविधrdquo पद का वही अथर ह जो अन छद 372 म ह
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भाग 4 रा य की नीित क िनदशक त व
36 पिरभाषाndashइस भाग म जब तक िक सदभर स अ यथा अपिकषत न हो ldquoरा यrdquo का वही अथर ह जो भाग 3 म ह
37 इस भाग म अतिवर त व का लाग होनाndashइस भाग म अतिवर उपबध िकसी यायालय दवारा परवतरनीय नही ह ग िकत िफर भी इनम अिधकिथत त व दश क शासन म मलभत ह और िविध बनान म इन त व को लाग करना रा य का कतर य होगा
38 रा य लोक क याण की अिभविदध क िलए सामािजक यव था बनाएगाndash 1[(1)] रा य ऐसी सामािजक यव था की िजसम सामािजक आिथरक और राजनितक याय रा ीय जीवन की सभी स थाओ को अनपरािणत कर भरसक परभावी प म थापना और सरकषण करक लोक क याण की अिभविदध का परयास करगा
2[(2) रा य िविश तया आय की असमानताओ को कम करन का परयास करगा और न कवल यि य क बीच बि क िविभ न कषतर म रहन वाल और िविभ न यवसाय म लग हए लोग क समह क बीच भी परित ा सिवधाओ और अवसर की असमानता समा करन का परयास करगा ]
39 रा य दवारा अनसरणीय कछ नीित त वndashरा य अपनी नीित का िविश तया इस परकार सचालन करगा िक सिनि त प सndash
(क) प ष और ी सभी नागिरक को समान प स जीिवका क पयार साधन परा करन का अिधकार हो
(ख) समदाय क भौितक ससाधन का वािम व और िनयतरण इस परकार बटा हो िजसस सामिहक िहत का सव म प स साधन हो
(ग) आिथरक यव था इस परकार चल िजसस धन और उ पादन-साधन का सवरसाधारण क िलए अिहतकारी सकरदरण न हो
(घ) प ष और ि य दोन का समान कायर क िलए समान वतन हो
(ङ) प ष और ी कमरकार क वा य और शिकत का तथा बालक की सकमार अव था का द पयोग न हो और आिथरक आव यकता स िववश होकर नागिरक को ऐस रोजगार म न जाना पड़ जो उनकी आय या शिकत क अनकल न ह
1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 9 दवारा (20-6-1979 स) अन छद 38 को
उसक खड (1) क प म पनःसखयािकत िकया गया 2 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 9 दवारा (20-6-1979 स) अतः थािपत
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1[(च) बालक को वततर और गिरमामय वातावरण म व थ िवकास क अवसर और सिवधाए दी जाए और बालक और अ पवय यिकतय की शोषण स तथा नितक और आिथरक पिर याग स रकषा की जाए ] 2[39क समान याय और िनःश क िविधक सहायताndashरा य यह सिनि त
करगा िक िविधक ततर इस परकार काम कर िक समान अवसर क आधार पर याय सलभ हो और वह िविश तया यह सिनि त करन क िलए िक आिथरक या िकसी अ य िनय गयता क कारण कोई नागिरक याय परा करन क अवसर स विचत न रह जाए उपयकत िवधान या कीम दवारा या िकसी अ य रीित स नःश क िविधक सहायता की यव था करगा ]
40 गराम पचायत का सगठनndashरा य गराम पचायत का सगठन करन क िलए कदम उठाएगा और उनको ऐसी शिकतया और परािधकार परदान करगा जो उ ह वाय शासन की इकाइय क प म कायर करन योगय बनान क िलए आव यक ह
41 कछ दशाओ म काम िशकषा और लोक सहायता पान का अिधकारndashरा य अपनी आिथरक साम यर और िवकास की सीमाओ क भीतर काम पान क िशकषा पान क और बकारी बढ़ापा बीमारी और नःशकतता तथा अ य अनहर अभाव की दशाओ म लोक सहायता पान क अिधकार को परा करान का परभावी उपबध करगा
42 काम की यायसगत और मानवोिचत दशाओ का तथा परसित सहायता का उपबधndashरा य काम की यायसगत और मानवोिचत दशाओ को सिनि त करन क िलए और परसित सहायता क िलए उपबध करगा
43 कमरकार क िलए िनवारह मजदरी आिदndashरा य उपयकत िवधान या आिथरक सगठन दवारा या िकसी अ य रीित स किष क उदयोग क या अ य परकार क सभी कमरकार को काम िनवारह मजदरी िश जीवन तर और अवकाश का सपणर उपभोग सिनि त करन वाली काम की दशाए तथा सामािजक और सा कितक अवसर परा करान का परयास करगा और िविश तया गराम म कटीर उदयोग को वयिकतक या सहकारी आधार पर बढ़ान का परयास करगा
3[43क उदयोग क परबध म कमरकार का भाग लनाndashरा य िकसी उदयोग म लग हए उपकरम थापन या अ य सगठन क परबध म कमरकार का भाग लना सिनि त करन क िलए उपयकत िवधान दवारा या िकसी अ य रीित स कदम उठाएगा ]
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 7 दवारा (3-1-1977 स) परित थािपत 2 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 8 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत 3 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 9 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत
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1[43ख सहकारी सोसाइिटय का सवधरनndashरा य सहकारी सोसाइिटय की वि छक िवरचना उनक वशासी कायरकरण लोकताितरक िनयतरण और वि क परबधन का सवधरन करन का परयास करगा ]
44 नागिरक क िलए एक समान िसिवल सिहताndashरा य भारत क सम त रा यकषतर म नागिरक क िलए एक समान िसिवल सिहता परा करान का परयास करगा
2[45 छह वषर स कम आय क बालक क िलए परारिभक बा याव था दख-रख और िशकषा का उपबधndashरा य सभी बालक क िलए छह वषर की आय परी करन तक परारिभक बा याव था दख-रख और िशकषा दन क िलए उपबध करन का परयास करगा ]
46 अनसिचत जाितय अनसिचत जनजाितय और अ य दबरल वग क िशकषा और अथर सबधी िहत की अिभविदधndashरा य जनता क दबरल वग क िविश तया अनसिचत जाितय और अनसिचत जनजाितय क िशकषा और अथर सबधी िहत की िवशष सावधानी स अिभविदध करगा और सामािजक अ याय और सभी परकार क शोषण स उनकी सरकषा करगा
47 पोषाहार तर और जीवन तर को ऊचा करन तथा लोक वा य का सधार करन का रा य का कतर यndashरा य अपन लोग क पोषाहार तर और जीवन तर को ऊचा करन और लोक वा य क सधार को अपन पराथिमक कतर य म मानगा और रा य िविश तया मादक पय और वा य क िलए हािनकर ओषिधय क औषधीय परयोजन स िभ न उपभोग का परितषध करन का परयास करगा
48 किष और पशपालन का सगठनndashरा य किष और पशपालन को आधिनक और वजञािनक परणािलय स सगिठत करन का परयास करगा और िविश तया गाय और बछड़ तथा अ य दधा और वाहक पशओ की न ल क पिररकषण और सधार क िलए और उनक वध का परितषध करन क िलए कदम उठाएगा
3[48क पयारवरण का सरकषण तथा सवधरन और वन तथा व य जीव की रकषाndashरा य दश क पयारवरण क सरकषण तथा सवधरन का और वन तथा व य जीव की रकषा करन का परयास करगा ]
1 सिवधान (सतानववा सशोधन) अिधिनयम 2011 की धारा 3 दवारा (15-2-2012 स) अतः थािपत 2 सिवधान (िछयासीवा सशोधन) अिधिनयम 2002 की धारा 3 दवारा (1-4-2010 स) ldquoअन छद 45rdquo क
थान पर परित थािपत 3 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 10 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
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49 रा ीय मह व क स मारक थान और व तओ का सरकषणndash1[सस दवारा बनाई गई िविध दवारा या उसक अधीन] रा ीय मह व वाल 2[घोिषत िकए गए] कला मक या ऐितहािसक अिभ िच वाल पर यक स मारक या थान या व त का यथाि थित लठन िव पण िवनाश अपसारण ययन या िनयारत स सरकषण करना रा य की बा यता होगी
50 कायरपािलका स यायपािलका का पथककरणndashरा य की लोक सवाओ म यायपािलका को कायरपािलका स पथकत करन क िलए रा य कदम उठाएगा
51 अतररा ीय शाित और सरकषा की अिभविदधndashरा यndash (क) अतररा ीय शाित और सरकषा की अिभविदध का (ख) रा क बीच यायसगत और स मानपणर सबध को बनाए रखन
का (ग) सगिठत लोग क एक दसर स यवहार म अतररा ीय िविध और
सिध-बा यताओ क परित आदर बढ़ान का और (घ) अतररा ीय िववाद क मा य थम दवारा िनपटार क िलए परो साहन
दन का परयास करगा
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 27 दवारा ldquoसस दवारा िविध दवारा घोिषतrdquo क थान
पर (1-11-1956 स) परित थािपत
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1[भाग 4क मल कतर य
51क मल कतर यndashभारत क पर यक नागिरक का यह कतर य होगा िक वहndash (क) सिवधान का पालन कर और उसक आदश स थाओ रा वज और
रा गान का आदर कर (ख) वततरता क िलए हमार रा ीय आदोलन को परिरत करन वाल उ च
आदश को दय म सजोए रख और उनका पालन कर (ग) भारत की परभता एकता और अखडता की रकषा कर और उस अकष ण
रख (घ) दश की रकषा कर और आ ान िकए जान पर रा की सवा कर (ङ) भारत क सभी लोग म समरसता और समान भरात व की भावना का
िनमारण कर जो धमर भाषा और परदश या वगर पर आधािरत सभी भदभाव स पर हो ऐसी परथाओ का याग कर जो ि य क स मान क िव दध ह
(च) हमारी सामािसक स कित की गौरवशाली परपरा का मह व समझ और उसका पिररकषण कर
(छ) पराकितक पयारवरण की िजसक अतगरत वन झील नदी और व य जीव ह रकषा कर और उसका सवधरन कर तथा परािण मातर क परित दयाभाव रख
(ज) वजञािनक ि कोण मानववाद और जञानाजरन तथा सधार की भावना का िवकास कर
(झ) सावरजिनक सपि को सरिकषत रख और िहसा स दर रह (ञ) यिकतगत और सामिहक गितिविधय क सभी कषतर म उ कषर की ओर
बढ़न का सतत परयास कर िजसस रा िनरतर बढ़त हए परय और उपलि ध की नई ऊचाइय को छ ल ]
2[(ट) यिद माता-िपता या सरकषक ह छह वषर स चौदह वषर तक की आय वाल अपन यथाि थित बालक या परितपा य क िलए िशकषा क अवसर परदान कर ]
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 11 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत 2 सिवधान (िछयासीवा सशोधन) अिधिनयम 2002 की धारा 4 दवारा (1-4-2010 स) अतः थािपत
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भाग 5 सघ
अ याय 1ndashकायरपािलका रा पित और उपरा पित
52 भारत का रा पितndashभारत का एक रा पित होगा 53 सघ की कायरपािलका शिकतndash(1) सघ की कायरपािलका शिकत रा पित म िनिहत
होगी और वह इसका परयोग इस सिवधान क अनसार वय या अपन अधीन थ अिधकािरय क दवारा करगा
(2) पवरगामी उपबध की यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना सघ क रकषा बल का सव च समादश रा पित म िनिहत होगा और उसका परयोग िविध दवारा िविनयिमत होगा
(3) इस अन छद की कोई बातndash (क) िकसी िवदयमान िविध दवारा िकसी रा य की सरकार या अ य
परािधकारी को परदान िकए गए क य रा पित को अतिरत करन वाली नही समझी जाएगी या
(ख) रा पित स िभ न अ य परािधकािरय को िविध दवारा क य परदान करन स सस को िनवािरत नही करगी 54 रा पित का िनवारचनndashरा पित का िनवारचन ऐस िनवारचकगण क सद य करग
िजसमndash (क) सस क दोन सदन क िनवारिचत सद य और (ख) रा य की िवधान सभाओ क िनवारिचत सद य
ह ग 1[ प ीकरणndashइस अन छद और अन छद 55 म ldquoरा यrdquo क अतगरत िद ली
रा ीय राजधानी रा यकषतर और पािडचरी सघ रा यकषतर ह ] 55 रा पित क िनवारचन की रीितndash(1) जहा तक सा य हो रा पित क िनवारचन
म िभ न-िभ न रा य क परितिनिध व क मापमान म एक पता होगी (2) रा य म आपस म ऐसी एक पता तथा सम त रा य और सघ म समत यता
परा करान क िलए सस और पर यक रा य की िवधान सभा का पर यक िनवारिचत सद य ऐस िनवारचन म िजतन मत दन का हकदार ह उनकी सखया िन निलिखत रीित स अवधािरत की जाएगी अथारत ndash
(क) िकसी रा य की िवधान सभा क पर यक िनवारिचत सद य क उतन मत ह ग िजतन िक एक हजार क गिणत उस भागफल म ह जो रा य की जनसखया को उस िवधान सभा क िनवारिचत सद य की कल सखया स भाग दन पर आए
1 सिवधान (स रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 की धारा 2 दवारा (1-6-1995 स) अतः थािपत पािडचरी (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 2006 (2006 का 44) की धारा 3 दवारा (1-10-2006 स) अब यह पडचरी ह
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(ख) यिद एक हजार क उकत गिणत को लन क बाद शष पाच सौ स कम नही ह तो उपखड (क) म िनिदर पर यक सद य क मत की सखया म एक और जोड़ िदया जाएगा
(ग) सस क पर यक सदन क पर यक िनवारिचत सद य क मत की सखया वह होगी जो उपखड (क) और उपखड (ख) क अधीन रा य की िवधान सभाओ क सद य क िलए िनयत कल मत की सखया को सस क दोन सदन क िनवारिचत सद य की कल सखया स भाग दन पर आए िजसम आध स अिधक िभ न को एक िगना जाएगा और अ य िभ न की उपकषा की जाएगी (3) रा पित का िनवारचन आनपाितक परितिनिध व पदधित क अनसार एकल
सकरमणीय मत दवारा होगा और ऐस िनवारचन म मतदान ग होगा 1[ प ीकरणndashइस अन छद म ldquoजनसखयाrdquo पद स ऐसी अितम पवरवतीर जनगणना म
अिभिनि त की गई जनसखया अिभपरत ह िजसक ससगत आकड़ परकािशत हो गए ह परत इस प ीकरण म अितम पवरवतीर जनगणना क परित िजसक ससगत आकड़
परकािशत हो गए ह िनदश का जब तक सन 2[2026] क प ात की गई पहली जनगणना क ससगत आकड़ परकािशत नही हो जात ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह 1971 की जनगणना क परित िनदश ह ]
56 रा पित की पदाविधndash(1) रा पित अपन पद गरहण की तारीख स पाच वषर की अविध तक पद धारण करगा
परतndash (क) रा पित उपरा पित को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा
अपना पद याग सकगा (ख) सिवधान का अितकरमण करन पर रा पित को अन छद 61 म
उपबिधत रीित स चलाए गए महािभयोग दवारा पद स हटाया जा सकगा (ग) रा पित अपन पद की अविध समा हो जान पर भी तब तक पद
धारण करता रहगा जब तक उसका उ रािधकारी अपना पद गरहण नही कर लता ह (2) खड (1) क परतक क खड (क) क अधीन उपरा पित को सबोिधत यागपतर
की सचना उसक दवारा लोक सभा क अ यकष को तर त दी जाएगी 57 पनिनरवारचन क िलए पातरताndashकोई यिकत जो रा पित क प म पद धारण
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 12 दवारा (3-1-1977 स) प ीकरण क थान पर परित थािपत
2 सिवधान (चौरासीवा सशोधन) अिधिनयम 2001 की धारा 2 दवारा ldquo2000rdquo क थान पर (21-2-2002 स) परित थािपत
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करता ह या कर चका ह इस सिवधान क अ य उपबध क अधीन रहत हए उस पद क िलए पनिनरवारचन का पातर होगा
58 रा पित िनवारिचत होन क िलए अहरताएndash(1) कोई यिकत रा पित िनवारिचत होन का पातर तभी होगा जब वहndash
(क) भारत का नागिरक ह (ख) पतीस वषर की आय परी कर चका ह और (ग) लोक सभा का सद य िनवारिचत होन क िलए अिहरत ह
(2) कोई यिकत जो भारत सरकार क या िकसी रा य की सरकार क अधीन अथवा उकत सरकार म स िकसी क िनयतरण म िकसी थानीय या अ य परािधकारी क अधीन कोई लाभ का पद धारण करता ह रा पित िनवारिचत होन का पातर नही होगा
प ीकरणndashइस अन छद क परयोजन क िलए कोई यिकत कवल इस कारण कोई लाभ का पद धारण करन वाला नही समझा जाएगा िक वह सघ का रा पित या उपरा पित या िकसी रा य का रा यपाल ह 1 अथवा सघ का या िकसी रा य का मतरी ह
59 रा पित क पद क िलए शतndash(1) रा पित सस क िकसी सदन का या िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का सद य नही होगा और यिद सस क िकसी सदन का या िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का कोई सद य रा पित िनवारिचत हो जाता ह तो यह समझा जाएगा िक उसन उस सदन म अपना थान रा पित क प म अपन पद गरहण की तारीख स िरकत कर िदया ह
(2) रा पित अ य कोई लाभ का पद धारण नही करगा (3) रा पित िबना िकराया िदए अपन शासकीय िनवास क उपयोग का हकदार
होगा और ऐसी उपलि धय भ और िवशषािधकार का भी जो सस िविध दवारा अवधािरत कर और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐसी उपलि धय भ और िवशषािधकार का जो दसरी अनसची म िविनिदर ह हकदार होगा
(4) रा पित की उपलि धया और भ उसकी पदाविध क दौरान कम नही िकए जाएग
60 रा पित दवारा शपथ या परितजञानndashपर यक रा पित और पर यक यिकत जो रा पित क प म कायर कर रहा ह या उसक क य का िनवरहन कर रहा ह अपना पद गरहण करन स पहल भारत क मखय यायमितर या उसकी अनपि थित म उ चतम यायालय क उपल ध य तम यायाधीश क समकष िन निलिखत पर प म शपथ लगा या परितजञान करगा और उस पर अपन ह ताकषर करगा अथारत ndash
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमख या उप-राजपरमखrdquo श द का (1-11-1956 स) लोप िकया गया
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ई र की शपथ लता ह ldquoम अमक ---------------------------िक म दधापवरक भारत क रा पित स यिन ा स परितजञान करता ह
क पद का कायरपालन (अथवा रा पित क क य का िनवरहन) क गा तथा अपनी परी योगयता स सिवधान और िविध का पिररकषण सरकषण और परितरकषण क गा और म भारत की जनता की सवा और क याण म िनरत रहगा rdquo 61 रा पित पर महािभयोग चलान की परिकरयाndash(1) जब सिवधान क अितकरमण
क िलए रा पित पर महािभयोग चलाना हो तब सस का कोई सदन आरोप लगाएगा (2) ऐसा कोई आरोप तब तक नही लगाया जाएगा जब तक िकndash
(क) ऐसा आरोप लगान की पर थापना िकसी ऐस सक प म अतिवर नही ह जो कम स कम चौदह िदन की ऐसी िलिखत सचना क िदए जान क प ात पर तािवत िकया गया ह िजस पर उस सदन की कल सद य सखया क कम स कम एक-चौथाई सद य न ह ताकषर करक उस सक प को पर तािवत करन का अपना आशय परकट िकया ह और
(ख) उस सदन की कल सद य सखया क कम स कम दो-ितहाई बहमत दवारा ऐसा सक प पािरत नही िकया गया ह (3) जब आरोप सस क िकसी सदन दवारा इस परकार लगाया गया ह तब दसरा
सदन उस आरोप का अ वषण करगा या कराएगा और ऐस अ वषण म उपि थत होन का तथा अपना परितिनिध व करान का रा पित को अिधकार होगा
(4) यिद अ वषण क पिरणाम व प यह घोिषत करन वाला सक प िक रा पित क िव दध लगाया गया आरोप िसदध हो गया ह आरोप का अ वषण करन या करान वाल सदन की कल सद य सखया क कम स कम दो-ितहाई बहमत दवारा पािरत कर िदया जाता ह तो ऐस सक प का परभाव उसक इस परकार पािरत िकए जान की तारीख स रा पित को उसक पद स हटाना होगा
62 रा पित क पद म िरिकत को भरन क िलए िनवारचन करन का समय और आकि मक िरिकत को भरन क िलए िनवारिचत यिकत की पदाविधndash(1) रा पित की पदाविध की समाि स हई िरिकत को भरन क िलए िनवारचन पदाविध की समाि स पहल ही पणर कर िलया जाएगा
(2) रा पित की म य पद याग या पद स हटाए जान या अ य कारण स हई उसक पद म िरिकत को भरन क िलए िनवारचन िरिकत होन की तारीख क प ात यथाशीघर और पर यक दशा म छह मास बीतन स पहल िकया जाएगा और िरिकत को भरन क िलए िनवारिचत यिकत अन छद 56 क उपबध क अधीन रहत हए अपन पद गरहण की तारीख स पाच वषर की परी अविध तक पद धारण करन का हकदार होगा
63 भारत का उपरा पितndashभारत का एक उपरा पित होगा 64 उपरा पित का रा य सभा का पदन सभापित होनाndashउपरा पित रा य सभा
का पदन सभापित होगा और अ य कोई लाभ का पद धारण नही करगा
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परत िजस िकसी अविध क दौरान उपरा पित अन छद 65 क अधीन रा पित क प म कायर करता ह या रा पित क क य का िनवरहन करता ह उस अविध क दौरान
वह रा य सभा क सभापित क पद क कतर य का पालन नही करगा और वह अन छद 97 क अधीन रा य सभा क सभापित को सदय वतन या भ का हकदार नही होगा
65 रा पित क पद म आकि मक िरिकत क दौरान या उसकी अनपि थित म उपरा पित का रा पित क प म कायर करना या उसक क य का िनवरहनndash(1) रा पित की म य पद याग या पद स हटाए जान या अ य कारण स उसक पद म हई िरिकत की दशा म उपरा पित उस तारीख तक रा पित क प म कायर करगा िजस तारीख को ऐसी िरिकत को भरन क िलए इस अ याय क उपबध क अनसार िनवारिचत नया रा पित अपना पद गरहण करता ह
(2) जब रा पित अनपि थित बीमारी या अ य िकसी कारण स अपन क य का िनवरहन करन म असमथर ह तब उपरा पित उस तारीख तक उसक क य का िनवरहन करगा िजस तारीख को रा पित अपन कतर य को िफर स सभालता ह
(3) उपरा पित को उस अविध क दौरान और उस अविध क सबध म जब वह रा पित क प म इस परकार कायर कर रहा ह या उसक क य का िनवरहन कर रहा ह रा पित की सभी शिकतया और उ मिकतया ह गी तथा वह ऐसी उपलि धय भ और िवशषािधकार का जो सस िविध दवारा अवधािरत कर और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐसी उपलि धय भ और िवशषािधकार का जो दसरी अनसची म िविनिदर ह हकदार होगा
66 उपरा पित का िनवारचनndash(1) उपरा पित का िनवारचन 1[सस क दोन सदन क सद य स िमलकर बनन वाल िनवारचकगण क सद य ] दवारा आनपाितक परितिनिध व पदधित क अनसार एकल सकरमणीय मत दवारा होगा और ऐस िनवारचन म मतदान ग होगा
(2) उपरा पित सस क िकसी सदन का या िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का सद य नही होगा और यिद सस क िकसी सदन का या िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का कोई सद य उपरा पित िनवारिचत हो जाता ह तो यह समझा जाएगा िक उसन उस सदन म अपना थान उपरा पित क प म अपन पद गरहण की तारीख स िरकत कर िदया ह
(3) कोई यिकत उपरा पित िनवारिचत होन का पातर तभी होगा जब वहndash (क) भारत का नागिरक ह (ख) पतीस वषर की आय परी कर चका ह और (ग) रा य सभा का सद य िनवारिचत होन क िलए अिहरत ह
1 सिवधान (गयारहवा सशोधन) अिधिनयम 1961 की धारा 2 दवारा ldquoसयकत अिधवशन म समवत सस क दोन सदन क सद य rdquo क थान पर (19-12-1961 स) परित थािपत
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(4) कोई यिकत जो भारत सरकार क या िकसी रा य की सरकार क अधीन अथवा उकत सरकार म स िकसी क िनयतरण म िकसी थानीय या अ य परािधकारी क अधीन कोई लाभ का पद धारण करता ह उपरा पित िनवारिचत होन का पातर नही होगा
प ीकरणndashइस अन छद क परयोजन क िलए कोई यिकत कवल इस कारण कोई लाभ का पद धारण करन वाला नही समझा जाएगा िक वह सघ का रा पित या उपरा पित या िकसी रा य का रा यपाल ह 1 अथवा सघ का या िकसी रा य का मतरी ह
67 उपरा पित की पदाविधndashउपरा पित अपन पद गरहण की तारीख स पाच वषर की अविध तक पद धारण करगा
परतndash (क) उपरा पित रा पित को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा
अपना पद याग सकगा (ख) उपरा पित रा य सभा क ऐस सक प दवारा अपन पद स हटाया जा
सकगा िजस रा य सभा क त कालीन सम त सद य क बहमत न पािरत िकया ह और िजसस लोक सभा सहमत ह िकत इस खड क परयोजन क िलए कोई सक प तब तक पर तािवत नही िकया जाएगा जब तक िक उस सक प को पर तािवत करन क आशय की कम स कम चौदह िदन की सचना न द दी गई हो
(ग) उपरा पित अपन पद की अविध समा हो जान पर भी तब तक पद धारण करता रहगा जब तक उसका उ रािधकारी अपना पद गरहण नही कर लता ह 68 उपरा पित क पद म िरिकत को भरन क िलए िनवारचन करन का समय और
आकि मक िरिकत को भरन क िलए िनवारिचत यिकत की पदाविधndash(1) उपरा पित की पदाविध की समाि स हई िरिकत को भरन क िलए िनवारचन पदाविध की समाि स पहल ही पणर कर िलया जाएगा
(2) उपरा पित की म य पद याग या पद स हटाए जान या अ य कारण स हई उसक पद म िरिकत को भरन क िलए िनवारचन िरिकत होन क प ात यथाशीघर िकया जाएगा और िरिकत को भरन क िलए िनवारिचत यिकत अन छद 67 क उपबध क अधीन रहत हए अपन पद गरहण की तारीख स पाच वषर की परी अविध तक पद धारण करन का हकदार होगा
69 उपरा पित दवारा शपथ या परितजञानndashपर यक उपरा पित अपना पद गरहण करन स पहल रा पित अथवा उसक दवारा इस िनिम िनयकत िकसी यिकत क समकष िन निलिखत पर प म शपथ लगा या परितजञान करगा और उस पर अपन ह ताकषर
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमख या उप-राजपरमखrdquo श द का (1-11-1956 स) लोप िकया गया
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करगा अथारत ndash ई र की शपथ लता ह
ldquoम अमक --------------------------------िक म िविध दवारा थािपत भारत स यिन ा स परितजञान करता ह
क सिवधान क परित स ची दधा और िन ा रखगा तथा िजस पद को म गरहण करन वाला ह उसक कतर य का दधापवरक िनवरहन क गा rdquo 70 अ य आकि मकताओ म रा पित क क य का िनवरहनndashसस ऐसी िकसी
आकि मकता म जो इस अ याय म उपबिधत नही ह रा पित क क य क िनवरहन क िलए ऐसा उपबध कर सकगी जो वह ठीक समझ
1[71 रा पित या उपरा पित क िनवारचन स सबिधत या ससकत िवषयndash(1) रा पित या उपरा पित क िनवारचन स उ प न या ससकत सभी शकाओ और िववाद की जाच और िविन य उ चतम यायालय दवारा िकया जाएगा और उसका िविन य अितम होगा
(2) यिद उ चतम यायालय दवारा िकसी यिकत क रा पित या उपरा पित क प म िनवारचन को श य घोिषत कर िदया जाता ह तो उसक दवारा यथाि थित रा पित या उपरा पित क पद की शिकतय क परयोग और कतर य क पालन म उ चतम यायालय क िविन य की तारीख को या उसस पहल िकए गए कायर उस घोषणा क कारण अिविधमा य नही ह ग
(3) इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए रा पित या उपरा पित क िनवारचन स सबिधत या ससकत िकसी िवषय का िविनयमन सस िविध दवारा कर सकगी
(4) रा पित या उपरा पित क प म िकसी यिकत क िनवारचन को उस िनवारिचत करन वाल िनवारचकगण क सद य म िकसी भी कारण स िवदयमान िकसी िरिकत क आधार पर पर गत नही िकया जाएगा ]
72 कषमा आिद की और कछ मामल म दडादश क िनलबन पिरहार या लघकरण की रा पित की शिकतndash(1) रा पित को िकसी अपराध क िलए िसदधदोष ठहराए गए िकसी यिकत क दड को कषमा उसका परिवलबन िवराम या पिरहार करन की अथवा दडादश क िनलबन पिरहार या लघकरण कीndash
(क) उन सभी मामल म िजनम दड या दडादश सना यायालय न िदया ह
(ख) उन सभी मामल म िजनम दड या दडादश ऐस िवषय सबधी िकसी
1 अन छद 71 सिवधान (उनतालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1975 की धारा 2 दवारा (10-8-1975 स) और त प ात सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 10 दवारा (20-6-1979 स) सशोिधत होकर उपरोकत प म आया
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िविध क िव दध अपराध क िलए िदया गया ह िजस िवषय तक सघ की कायरपािलका शिकत का िव तार ह
(ग) उन सभी मामल म िजनम दडादश म य दडादश ह शिकत होगी
(2) खड (1) क उपखड (क) की कोई बात सघ क सश बल क िकसी आिफसर की सना यायालय दवारा पािरत दडादश क िनलबन पिरहार या लघकरण की िविध दवारा परद शिकत पर परभाव नही डालगी
(3) खड (1) क उपखड (ग) की कोई बात त समय परव िकसी िविध क अधीन िकसी रा य क रा यपाल 1 दवारा परयोकत य म य दडादश क िनलबन पिरहार या लघकरण की शिकत पर परभाव नही डालगी
73 सघ की कायरपािलका शिकत का िव तारndash(1) इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए सघ की कायरपािलका शिकत का िव तारndash
(क) िजन िवषय क सबध म सस को िविध बनान की शिकत ह उन तक और
(ख) िकसी सिध या करार क आधार पर भारत सरकार दवारा परयोकत य अिधकार परािधकार और अिधकािरता क परयोग तक
होगा परत इस सिवधान म या सस दवारा बनाई गई िकसी िविध म अिभ यकत प स
यथा उपबिधत क िसवाय उपखड (क) म िनिदर कायरपािलका शिकत का िव तार िकसी 2 रा य म ऐस िवषय तक नही होगा िजनक सबध म उस रा य क िवधान-मडल को भी िविध बनान की शिकत ह
(2) जब तक सस अ यथा उपबध न कर तब तक इस अन छद म िकसी बात क होत हए भी कोई रा य और रा य का कोई अिधकारी या परािधकारी उन िवषय म िजनक सबध म सस को उस रा य क िलए िविध बनान की शिकत ह ऐसी कायरपािलका शिकत का या क य का परयोग कर सकगा िजनका परयोग वह रा य या उसका अिधकारी या परािधकारी इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल कर सकता था
मितर-पिरष 1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का (1-
11-1956 स) लोप िकया गया 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची क भाग क और भाग ख म उि लिखतrdquo श द और अकषर का (1-11-1956 स) लोप िकया गया
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74 रा पित को सहायता और सलाह दन क िलए मितर-पिरष ndash1[(1) रा पित को सहायता और सलाह दन क िलए एक मितर-पिरष होगी िजसका परधान परधान मतरी होगा और रा पित अपन क य का परयोग करन म ऐसी सलाह क अनसार कायर करगा ]
2[परत रा पित मितर-पिरष स ऐसी सलाह पर साधारणतया या अ यथा पनिवरचार करन की अपकषा कर सकगा और रा पित ऐस पनिवरचार क प ात दी गई सलाह क अनसार कायर करगा ]
(2) इस पर की िकसी यायालय म जाच नही की जाएगी िक कया मितरय न रा पित को कोई सलाह दी और यिद दी तो कया दी
75 मितरय क बार म अ य उपबधndash(1) परधान मतरी की िनयिकत रा पित करगा और अ य मितरय की िनयिकत रा पित परधान मतरी की सलाह पर करगा
3[(1क) मितर-पिरष म परधान मतरी सिहत मितरय की कल सखया लोक सभा क सद य की कल सखया क प दरह परितशत स अिधक नही होगी
(1ख) िकसी राजनीितक दल का सस क िकसी सदन का कोई सद य जो दसवी अनसची क परा 2 क अधीन उस सदन का सद य होन क िलए िनरिहरत ह अपनी िनरहरता की तारीख स परारभ होन वाली और उस तारीख तक िजसको ऐस सद य क प म उसकी पदाविध समा होगी या जहा वह ऐसी अविध की समाि क पवर सस क िकसी सदन क िलए िनवारचन लड़ता ह उस तारीख तक िजसको वह िनवारिचत घोिषत िकया जाता ह इनम स जो भी पवरतर हो की अविध क दौरान खड (1) क अधीन मतरी क प म िनयकत िकए जान क िलए भी िनरिहरत होगा ]
(2) मतरी रा पित क परसादपयरत अपन पद धारण करग (3) मितर-पिरष लोक सभा क परित सामिहक प स उ रदायी होगी (4) िकसी मतरी दवारा अपना पद गरहण करन स पहल रा पित तीसरी अनसची म
इस परयोजन क िलए िदए गए पर प क अनसार उसको पद की और गोपनीयता की शपथ िदलाएगा
(5) कोई मतरी जो िनरतर छह मास की िकसी अविध तक सस क िकसी सदन
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 13 दवारा (3-1-1977 स) खड (1) क थान पर परित थािपत
2 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 11 दवारा (20-6-1979 स) अतः थािपत 3 सिवधान (इकयानववा सशोधन) अिधिनयम 2003 की धारा 2 दवारा (1-1-2004 स) अतः थािपत
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का सद य नही ह उस अविध की समाि पर मतरी नही रहगा (6) मितरय क वतन और भ ऐस ह ग जो सस िविध दवारा समय-समय पर
अवधािरत कर और जब तक सस इस परकार अवधािरत नही करती ह तब तक ऐस ह ग जो दसरी अनसची म िविनिदर ह
भारत का महा यायवादी 76 भारत का महा यायवादीndash(1) रा पित उ चतम यायालय का यायाधीश
िनयकत होन क िलए अिहरत िकसी यिकत को भारत का महा यायवादी िनयकत करगा (2) महा यायवादी का यह कतर य होगा िक वह भारत सरकार को िविध सबधी
ऐस िवषय पर सलाह द और िविधक व प क ऐस अ य कतर य का पालन कर जो रा पित उसको समय-समय पर िनदिशत कर या स प और उन क य का िनवरहन कर जो उसको इस सिवधान अथवा त समय परव िकसी अ य िविध दवारा या उसक अधीन परदान िकए गए ह
(3) महा यायवादी को अपन कतर य क पालन म भारत क रा यकषतर म सभी यायालय म सनवाई का अिधकार होगा
(4) महा यायवादी रा पित क परसादपयरत पद धारण करगा और ऐसा पािर िमक परा करगा जो रा पित अवधािरत कर
सरकारी कायर का सचालन 77 भारत सरकार क कायर का सचालनndash(1) भारत सरकार की सम त
कायरपािलका काररवाई रा पित क नाम स की हई कही जाएगी (2) रा पित क नाम स िकए गए और िन पािदत आदश और अ य िलखत को
ऐसी रीित स अिधपरमािणत िकया जाएगा जो रा पित दवारा बनाए जान वाल िनयम 1 म िविनिदर की जाए और इस परकार अिधपरमािणत आदश या िलखत की िविधमा यता इस आधार पर पर गत नही की जाएगी िक वह रा पित दवारा िकया गया या िन पािदत आदश या िलखत नही ह
(3) रा पित भारत सरकार का कायर अिधक सिवधापवरक िकए जान क िलए और मितरय म उकत कायर क आबटन क िलए िनयम बनाएगा
2(4) 78 रा पित को जानकारी दन आिद क सबध म परधान मतरी क कतर यndashपरधान
1 दिखए समय-समय पर यथा सशोिधत अिधसचना स काआ2297 तारीख 3 नवबर 1958 भारत का राजपतर
असाधारण 1958 भाग 2 अनभाग 3(ii) प 1315
2 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 14 दवारा (3-1-1977 स) खड (4) अतः थािपत िकया गया था और सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 12 दवारा (20-6-1979 स) उसका लोप िकया गया
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मतरी का यह कतर य होगा िक वहndash (क) सघ क कायरकलाप क परशासन सबधी और िवधान िवषयक
पर थापनाओ सबधी मितर-पिरष क सभी िविन य रा पित को ससिचत कर (ख) सघ क कायरकलाप क परशासन सबधी और िवधान िवषयक
पर थापनाओ सबधी जो जानकारी रा पित माग वह द और (ग) िकसी िवषय को िजस पर िकसी मतरी न िविन य कर िदया ह
िक त मितर-पिरष न िवचार नही िकया ह रा पित दवारा अपकषा िकए जान पर पिरष क समकष िवचार क िलए रख
अ याय 2ndashसस साधारण
79 सस का गठनndashसघ क िलए एक सस होगी जो रा पित और दो सदन स िमलकर बनगी िजनक नाम रा य सभा और लोक सभा ह ग
80 रा य सभा की सरचनाndash(1) 1[2 रा य सभा]ndash (क) रा पित दवारा खड (3) क उपबध क अनसार नामिनदिशत िकए जान
वाल बारह सद य और (ख) रा य क 3[और सघ रा यकषतर क] दो सौ अड़तीस स अनिधक
परितिनिधय स िमलकर बनगी
(2) रा य सभा म रा य क और 4[और सघ रा यकषतर क] परितिनिधय दवारा भर जान वाल थान का आबटन चौथी अनसची म इस िनिम अतिवर उपबध क अनसार होगा
(3) रा पित दवारा खड (1) क उपखड (क) क अधीन नामिनदिशत िकए जान वाल सद य ऐस यिकत ह ग िज ह िन निलिखत िवषय क सबध म िवशष जञान या यावहािरक अनभव ह अथारत ndash
सािह य िवजञान कला और समाज सवा
1 सिवधान (पतीसवा सशोधन) अिधिनयम 1974 की धारा 3 दवारा (1-3-1975 स) ldquoरा य सभाrdquo क थान पर
परित थािपत 2 सिवधान (छ ीसवा सशोधन) अिधिनयम 1975 की धारा 5 दवारा (26-4-1975 स) ldquoदसवी अनसची क परा 4 क
उपबध क अधीन रहत हएrdquo श द का लोप िकया गया 3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 3 दवारा (1-11-1956 स) जोड़ा गया 4 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 3 दवारा (1-11-1956 स) अतः थािपत
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(4) रा य सभा म पर यक 1 रा य क परितिनिधय का िनवारचन उस रा य की िवधान सभा क िनवारिचत सद य दवारा आनपाितक परितिनिध व पदधित क अनसार एकल सकरमणीय मत दवारा िकया जाएगा
(5) रा य सभा म 2[सघ रा यकषतर ] क परितिनिध ऐसी रीित स चन जाएग जो सस िविध दवारा िविहत कर
3[81 लोक सभा की सरचनाndash(1) 4[अन छद 331 क उपबध क अधीन रहत हए 5] लोक सभाndash
(क) रा य म परादिशक िनवारचन-कषतर स पर यकष िनवारचन दवारा चन गए 6[पाच सौ तीस] स अनिधक 6[सद य ] और
(ख) सघ रा यकषतर का परितिनिध व करन क िलए ऐसी रीित स जो सस िविध दवारा उपबिधत कर चन हए 7[बीस] स अनिधक 7[सद य ]
स िमलकर बनगी (2) खड (1) क उपखड (क) क परयोजन क िलएndash
(क) पर यक रा य को लोक सभा म थान का आबटन ऐसी रीित स िकया जाएगा िक थान की सखया स उस रा य की जनसखया का अनपात सभी रा य क िलए यथासा य एक ही हो और
(ख) पर यक रा य को परादिशक िनवारचन-कषतर म ऐसी रीित स िवभािजत िकया जाएगा िक पर यक िनवारचन-कषतर की जनसखया का उसको आबिटत थान की सखया स अनपात सम त रा य म यथासा य एक ही हो 8[पर त इस खड क उपखड (क) क उपबध िकसी रा य को लोक सभा म थान
क आबटन क परयोजन क िलए तब तक लाग नही ह ग जब तक उस रा य की जनसखया साठ लाख स अिधक नही हो जाती ह ]
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 3 दवारा ldquoपहली अनसची क भाग क या भाग ख म िविनिदर rdquo श द और अकषर का (1-11-1956 स) लोप िकया गया
2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 3 दवारा ldquoपहली अनसची क भाग ग म िविनिदर रा य rdquo क थान पर परित थािपत
3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 4 दवारा अन छद 81 और अन छद 82 क थान पर परित थािपत
4 सिवधान (पतीसवा सशोधन) अिधिनयम 1974 की धारा 4 दवारा (1-3-1975 स) ldquoअन छद 331 क उपबध क अधीन रहत हएrdquo क थान पर परित थािपत
5 सिवधान (छ ीसवा सशोधन) अिधिनयम 1975 की धारा 5 दवारा (26-4-1975 स) ldquoऔर दसवी अनसची क परा 4rdquo श द और अकषर का लोप िकया गया
6 गोवा दमण और दीव पनगरठन अिधिनयम 1987 (1987 का 18) की धारा 63 दवारा (30-5-1987 स) पाच सौ प चीस सद य क थान पर परित थािपत
7 सिवधान (इकतीसवा सशोधन) अिधिनयम 1973 की धारा 2 दवारा ldquoप चीस सद य rdquo क थान पर (17-10-1973 स) परित थािपत
8 सिवधान (इकतीसवा सशोधन) अिधिनयम 1973 की धारा 2 दवारा (17-10-1973 स) प चीस सद य क थान पर अतः थािपत
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(3) इस अन छद म ldquoजनसखयाrdquo पद स ऐसी अितम पवरवतीर जनगणना म अिभिनि त की गई जनसखया अिभपरत ह िजसक ससगत आकड़ परकािशत हो गए ह
1[पर त इस खड म अितम पवरवतीर जनगणना क परित िजसक ससगत आकड़ परकािशत हो गए ह िनदश का जब तक सन 2[2026] क प ात की गई पहली जनगणना क ससगत आकड़ परकािशत नही हो जात ह 3[यह अथर लगाया जाएगा िक वहndash
(i) खड (2) क उपखड (क) और उस खड क पर तक क परयोजन क िलए 1971 की जनगणना क परित िनदश ह और
(ii) खड (2) क उपखड (ख) क परयोजन क िलए 4[2001] की जनगणना क परित िनदश ह ]] 82 पर यक जनगणना क प ात पनः समायोजनndashपर यक जनगणना की समाि
पर रा य को लोक सभा म थान क आबटन और पर यक रा य क परादिशक िनवारचन-कषतर म िवभाजन का ऐस परािधकारी दवारा और ऐसी रीित स पनः समायोजन िकया जाएगा जो सस िविध दवारा अवधािरत कर
पर त ऐस पनः समायोजन स लोक सभा म परितिनिध व पर तब तक कोई परभाव नही पड़गा जब तक उस समय िवदयमान लोक सभा का िवघटन नही हो जाता ह
5[पर त यह और िक ऐसा पनः समायोजन उस तारीख स परभावी होगा जो रा पित आदश दवारा िविनिदर कर और ऐस पनः समायोजन क परभावी होन तक लोक सभा क िलए कोई िनवारचन उन परादिशक िनवारचन-कषतर क आधार पर हो सकगा जो ऐस पनः समायोजन क पहल िवदयमान ह
पर त यह और भी िक जब तक सन 6[2026] क प ात की गई पहली जनगणना क ससगत आकड़ परकािशत नही हो जात ह तब तक 7[इस अन छद क अधीनndash
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 15 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत 2 सिवधान (चौरासीवा सशोधन) अिधिनयम 2001 की धारा 3 दवारा ldquo2000rdquo क थान पर (21-2-2002 स)
परित थािपत 3 सिवधान (चौरासीवा सशोधन) अिधिनयम 2001 की धारा 3 दवारा कितपय श द क थान पर (21-2-2002 स)
परित थािपत 4 सिवधान (सतासीवा सशोधन) अिधिनयम 2003 की धारा 2 दवारा 1991 क थान पर (22-6-2003 स
परित थािपत 5 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 16 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत 6 सिवधान (चौरासीवा सशोधन) अिधिनयम 2001 की धारा 4 दवारा 2000 (21-2-2002 स) परित थािपत
7 सिवधान (चौरासीवा सशोधन) अिधिनयम 2001 की धारा 4 दवारा कितपय श द क थान पर (21-2-2002 स) परित थािपत
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(i) रा य को लोक सभा म 1971 की जनगणना क आधार पर पनः समायोिजत थान क आबटन का और
(ii) पर यक रा य क परादिशक िनवारचन-कषतर म िवभाजन का जो 1[2001] की जनगणना क आधार पर पनः समायोिजत िकए जाए
पनः समायोजन आव यक नही होगा ]] 83 सस क सदन की अविधndash(1) रा य सभा का िवघटन नही होगा िक त
उसक सद य म स यथा सभव िनकटतम एक-ितहाई सद य सस दवारा िविध दवारा इस िनिम िकए गए उपबध क अनसार पर यक िदवतीय वषर की समाि पर यथाशकय शीघर िनव हो जाएग
(2) लोक सभा यिद पहल ही िवघिटत नही कर दी जाती ह तो अपन परथम अिधवशन क िलए िनयत तारीख स 2[पाच वषर] तक बनी रहगी इसस अिधक नही और 2[पाच वषर] की उकत अविध की समाि का पिरणाम लोक सभा का िवघटन होगा
पर त उकत अविध को जब आपात की उदघोषणा परवतरन म ह तब सस िविध दवारा ऐसी अविध क िलए बढ़ा सकगी जो एक बार म एक वषर स अिधक नही होगी और उदघोषणा क परवतरन म न रह जान क प ात उसका िव तार िकसी भी दशा म छह मास की अविध स अिधक नही होगा
84 सस की सद यता क िलए अहरताndashकोई यिकत सस क िकसी थान को भरन क िलए चन जान क िलए अिहरत तभी होगा जबndash
3[(क) वह भारत का नागिरक ह और िनवारचन आयोग दवारा इस िनिम परािधकत िकसी यिकत क समकष तीसरी अनसची म इस परयोजन क िलए िदए गए पर प क अनसार शपथ लता ह या परितजञान करता ह और उस पर अपन ह ताकषर करता ह ]
(ख) वह रा य सभा म थान क िलए कम स कम तीस वषर की आय का और लोक सभा म थान क िलए कम स कम प चीस वषर की आय का ह और
1 सिवधान (सतासीवा सशोधन) अिधिनयम 2003 की धारा 3 दवारा 1991 क थान पर (22-6-2003 स)
परित थािपत
2 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 13 दवारा (20-6-1979 स) ldquoछह वषरrdquo श द क थान पर परित थािपत सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 17 दवारा (3-1-1977 स) ldquoपाच वषरrdquo मल श द क थान पर ldquoछह वषरrdquo श द परित थािपत िकए गए थ
3 सिवधान (सोलहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 3 दवारा (5-10-1963 स) परित थािपत
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(ग) उसक पास ऐसी अ य अहरताए ह जो सस दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन इस िनिम िविहत की जाए 1[85 सस क सतर सतरावसान और िवघटनmdash(1) रा पित समय-समय पर सस
क पर यक सदन को ऐस समय और थान पर जो वह ठीक समझ अिधवशन क िलए आहत करगा िक त उसक एक सतर की अितम बठक और आगामी सतर की परथम बठक क िलए िनयत तारीख क बीच छह मास का अतर नही होगा ]
(2) रा पित समय-समय परndash (क) सदन का या िकसी सदन का सतरावसान कर सकगा (ख) लोक सभा का िवघटन कर सकगा
86 सदन म अिभभाषण का और उनको सदश भजन का रा पित का अिधकारndash (1) रा पित सस क िकसी एक सदन म या एक साथ समवत दोन सदन म अिभभाषण कर सकगा और इस परयोजन क िलए सद य की उपि थित की अपकषा कर सकगा
(2) रा पित सस म उस समय लिबत िकसी िवधयक क सबध म सदश या कोई अ य सदश सस क िकसी सदन को भज सकगा और िजस सदन को कोई सदश इस परकार भजा गया ह वह सदन उस सदश दवारा िवचार करन क िलए अपिकषत िवषय पर सिवधानसार शीघरता स िवचार करगा
87 रा पित का िवशष अिभभाषणndash(1) रा पित 2[लोक सभा क िलए पर यक साधारण िनवारचन क प ात परथम सतर क आरभ म और पर यक वषर क परथम सतर क आरभ म] एक साथ समवत सस क दोन सदन म अिभभाषण करगा और सस को उसक आ ान क कारण बताएगा
(2) पर यक सदन की परिकरया का िविनयमन करन वाल िनयम दवारा ऐस अिभभाषण म िनिदर िवषय की चचार क िलए समय िनयत करन क िलए 3 उपबध िकया जाएगा
88 सदन क बार म मितरय और महा यायवादी क अिधकारndashपर यक मतरी और भारत क महा यायवादी को यह अिधकार होगा िक वह िकसी भी सदन म सदन की िकसी सयकत बठक म और सस की िकसी सिमित म िजसम उसका नाम सद य क प म िदया गया ह बोल और उसकी कायरवािहय म अ यथा भाग ल िक त इस
अन छद क आधार पर वह मत दन का हकदार नही होगा
1 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 6 दवारा (18-6-1951 स) परित थािपत 2 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 7 दवारा ldquoपर यक सतरrdquo क थान पर (18-6-1951 स)
परित थािपत 3 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 7 दवारा ldquoऔर सदन क अ य कायर पर इस चचार को अगरता
दन क िलएrdquo श द का (18-6-1951 स) लोप िकया गया
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सस क अिधकारी 89 रा य सभा का सभापित और उपसभापितndash(1) भारत का उपरा पित रा य
सभा का पदन सभापित होगा (2) रा य सभा यथाशकय शीघर अपन िकसी सद य को अपना उपसभापित चनगी
और जब-जब उपसभापित का पद िरकत होता ह तब-तब रा य सभा िकसी अ य सद य को अपना उपसभापित चनगी
90 उपसभापित का पद िरकत होना पद याग और पद स हटाया जानाndashरा य सभा क उपसभापित क प म पद धारण करन वाला सद यndash
(क) यिद रा य सभा का सद य नही रहता ह तो अपना पद िरकत कर दगा
(ख) िकसी भी समय सभापित को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा अपना पद याग सकगा और
(ग) रा य सभा क त कालीन सम त सद य क बहमत स पािरत सक प दवारा अपन पद स हटाया जा सकगा पर त खड (ग) क परयोजन क िलए कोई सक प तब तक पर तािवत नही िकया
जाएगा जब तक िक उस सक प को पर तािवत करन क आशय की कम स कम चौदह िदन की सचना न द दी गई हो
91 सभापित क पद क कतर य का पालन करन या सभापित क प म कायर करन की उपसभापित या अ य यिकत की शिकतndash(1) जब सभापित का पद िरकत ह या ऐसी अविध म जब उपरा पित रा पित क प म कायर कर रहा ह या उसक क य का िनवरहन कर रहा ह तब उपसभापित या यिद उपसभापित का पद भी िरकत ह तो रा य सभा का ऐसा सद य िजसको रा पित इस परयोजन क िलए िनयकत कर उस पद क कतर य का पालन करगा
(2) रा य सभा की िकसी बठक स सभापित की अनपि थित म उपसभापित या यिद वह भी अनपि थत ह तो ऐसा यिकत जो रा य सभा की परिकरया क िनयम दवारा अवधािरत िकया जाए या यिद ऐसा कोई यिकत उपि थत नही ह तो ऐसा अ य यिकत जो रा य सभा दवारा अवधािरत िकया जाए सभापित क प म कायर करगा
92 जब सभापित या उपसभापित को पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब उसका पीठासीन न होनाndash(1) रा य सभा की िकसी बठक म जब उपरा पित को उसक पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब सभापित या जब उपसभापित को उसक पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब उपसभापित उपि थत रहन पर भी पीठासीन नही होगा और अन छद 91 क खड (2) क उपबध ऐसी पर यक बठक क सबध म वस ही लाग ह ग जस व उस बठक क सबध म लाग होत ह िजसस यथाि थित सभापित या उपसभापित अनपि थत ह
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(2) जब उपरा पित को उसक पद स हटान का कोई सक प रा य सभा म िवचाराधीन ह तब सभापित को रा य सभा म बोलन और उसकी कायरवािहय म अ यथा भाग लन का अिधकार होगा िक त वह अन छद 100 म िकसी बात क होत हए भी ऐस सक प पर या ऐसी कायरवािहय क दौरान िकसी अ य िवषय पर मत दन का िब कल हकदार नही होगा
93 लोक सभा का अ यकष और उपा यकषndashलोक सभा यथाशकय शीघर अपन दो सद य को अपना अ यकष और उपा यकष चनगी और जब-जब अ यकष या उपा यकष का पद िरकत होता ह तब-तब लोक सभा िकसी अ य सद य को यथाि थित अ यकष या उपा यकष चनगी
94 अ यकष और उपा यकष का पद िरकत होना पद याग और पद स हटाया जानाndashलोक सभा क अ यकष या उपा यकष क प म पद धारण करन वाला सद यndash
(क) यिद लोक सभा का सद य नही रहता ह तो अपना पद िरकत कर दगा
(ख) िकसी भी समय यिद वह सद य अ यकष ह तो उपा यकष को सबोिधत और यिद वह सद य उपा यकष ह तो अ यकष को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा अपना पद याग सकगा और
(ग) लोक सभा क त कालीन सम त सद य क बहमत स पािरत सक प दवारा अपन पद स हटाया जा सकगा पर त खड (ग) क परयोजन क िलए कोई सक प तब तक पर तािवत नही िकया
जाएगा जब तक िक उस सक प को पर तािवत करन क आशय की कम स कम चौदह िदन की सचना न द दी गई हो
पर त यह और िक जब कभी लोक सभा का िवघटन िकया जाता ह तो िवघटन क प ात होन वाल लोक सभा क परथम अिधवशन क ठीक पहल तक अ यकष अपन पद को िरकत नही करगा
95 अ यकष क पद क कतर य का पालन करन या अ यकष क प म कायर करन की उपा यकष या अ य यिकत की शिकतndash(1) जब अ यकष का पद िरकत ह तब उपा यकष या यिद उपा यकष का पद भी िरकत ह तो लोक सभा का ऐसा सद य िजसको रा पित इस परयोजन क िलए िनयकत कर उस पद क कतर य का पालन करगा
(2) लोक सभा की िकसी बठक स अ यकष की अनपि थित म उपा यकष या यिद वह भी अनपि थत ह तो ऐसा यिकत जो लोक सभा की परिकरया क िनयम दवारा अवधािरत िकया जाए या यिद ऐसा कोई यिकत उपि थत नही ह तो ऐसा अ य यिकत जो लोक सभा दवारा अवधािरत िकया जाए अ यकष क प म कायर करगा
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96 जब अ यकष या उपा यकष को पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब उसका पीठासीन न होनाndash(1) लोक सभा की िकसी बठक म जब अ यकष को उसक पद स हटान का सक प िवचाराधीन ह तब अ यकष या जब उपा यकष को उसक पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब उपा यकष उपि थत रहन पर भी पीठासीन नही होगा और अन छद 95 क खड (2) क उपबध ऐसी पर यक बठक क सबध म वस ही लाग ह ग जस व उस बठक क सबध म लाग होत ह िजसस यथाि थित अ यकष या उपा यकष अनपि थत ह
(2) जब अ यकष को उसक पद स हटान का कोई सक प लोक सभा म िवचाराधीन ह तब उसको लोक सभा म बोलन और उसकी कायरवािहय म अ यथा भाग लन का अिधकार होगा और वह अन छद 100 म िकसी बात क होत हए भी ऐस सक प पर या ऐसी कायरवािहय क दौरान िकसी अ य िवषय पर परथमतः ही मत दन का हकदार होगा िक त मत बराबर होन की दशा म मत दन का हकदार नही होगा
97 सभापित और उपसभापित तथा अ यकष और उपा यकष क वतन और भ ndash रा य सभा क सभापित और उपसभापित को तथा लोक सभा क अ यकष और उपा यकष को ऐस वतन और भ का जो सस िविध दवारा िनयत कर और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐस वतन और भ का जो दसरी अनसची म िविनिदर ह सदाय िकया जाएगा
98 सस का सिचवालयndash(1) सस क पर यक सदन का पथक सिचवीय कमरचािरवद होगा
पर त इस खड की िकसी बात का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह सस क दोन सदन क िलए सि मिलत पद क सजन को िनवािरत करती ह
(2) सस िविध दवारा सस क पर यक सदन क सिचवीय कमरचािरवद म भतीर का और िनयकत यिकतय की सवा की शत का िविनयमन कर सकगी
(3) जब तक सस खड (2) क अधीन उपबध नही करती ह तब तक रा पित यथाि थित लोक सभा क अ यकष या रा य सभा क सभापित स परामशर करन क प ात लोक सभा क या रा य सभा क सिचवीय कमरचािरवद म भतीर क और िनयकत यिकतय की सवा की शत क िविनयमन क िलए िनयम बना सकगा और इस परकार बनाए गए िनयम उकत खड क अधीन बनाई गई िकसी िविध क उपबध क अधीन रहत हए परभावी ह ग
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कायर सचालन 99 सद य दवारा शपथ या परितजञानndashसस क पर यक सदन का पर यक सद य
अपना थान गरहण करन स पहल रा पित या उसक दवारा इस िनिम िनयकत यिकत क समकष तीसरी अनसची म इस परयोजन क िलए िदए गए पर प क अनसार शपथ लगा या परितजञान करगा और उस पर अपन ह ताकषर करगा
100 सदन म मतदान िरिकतय क होत हए भी सदन की कायर करन की शिकत और गणपितरndash(1) इस सिवधान म यथा अ यथा उपबिधत क िसवाय पर यक सदन की बठक म या सदन की सयकत बठक म सभी पर का अवधारण अ यकष को अथवा सभापित या अ यकष क प म कायर करन वाल यिकत को छोड़कर उपि थत और मत दन वाल सद य क बहमत स िकया जाएगा
सभापित या अ यकष अथवा उस प म कायर करन वाला यिकत परथमतः मत नही दगा िक त मत बराबर होन की दशा म उसका िनणारयक मत होगा और वह उसका परयोग करगा
(2) सस क िकसी सदन की सद यता म कोई िरिकत होन पर भी उस सदन को कायर करन की शिकत होगी और यिद बाद म यह पता चलता ह िक कोई यिकत जो ऐसा करन का हकदार नही था कायरवािहय म उपि थत रहा ह या उसन मत िदया ह या अ यथा भाग िलया ह तो भी सस की कोई कायरवाही िविधमा य होगी
1[(3) जब तक सस िविध दवारा अ यथा उपबध न कर तब तक सस क पर यक सदन का अिधवशन गिठत करन क िलए गणपितर सदन क सद य की कल सखया का दसवा भाग होगी
(4) यिद सदन क अिधवशन म िकसी समय गणपितर नही ह तो सभापित या अ यकष अथवा उस प म कायर करन वाल यिकत का यह कतर य होगा िक वह सदन को थिगत कर द या अिधवशन को तब तक क िलए िनलिबत कर द जब तक गणपितर नही हो जाती ह ]
सद य की िनरहरताए 101 थान का िरकत होनाndash(1) कोई यिकत सस क दोन सदन का सद य नही
होगा और जो यिकत दोन सदन का सद य चन िलया जाता ह उसक एक या दसर सदन क थान को िरकत करन क िलए सस िविध दवारा उपबध करगी
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 18 दवारा (तारीख अिधसिचत नही हई थी) खड (3) और
खड (4) को लोप िकया गया गया िक त सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 45 दवारा (20-6-1978 स) उकत सशोधन को िनरिसत कर िदया गया
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(2) कोई यिकत सस और िकसी 1 रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन दोन का सद य नही होगा और यिद कोई यिकत सस और 2[िकसी रा य] क िवधान-मडल क िकसी सदन दोन का सद य चन िलया जाता ह तो ऐसी अविध की समाि क प ात जो रा पित दवारा बनाए गए िनयम 3 म िविनिदर की जाए सस म ऐस यिकत का थान िरकत हो जाएगा यिद उसन रा य क िवधान-मडल म अपन थान को पहल ही नही याग िदया ह
(3) यिद सस क िकसी सदन का सद यndash (क) 4[अन छद 102 क खड (1) या खड (2)] म विणरत िकसी िनरहरता
स गर त हो जाता ह या 5[(ख) यथाि थित सभापित या अ यकष को सबोिधत अपन ह ताकषर
सिहत लख दवारा अपन थान का याग कर दता ह और उसका यागपतर यथाि थित सभापित या अ यकष दवारा वीकार कर िलया जाता ह]
तो ऐसा होन पर उसका थान िरकत हो जाएगा 6[पर त उपखड (ख) म िनिदर यागपतर की दशा म यिद परा जानकारी स या
अ यथा और ऐसी जाच करन क प ात जो वह ठीक समझ यथाि थित सभापित या अ यकष का यह समाधान हो जाता ह िक ऐसा यागपतर वि छक या असली नही ह तो वह ऐस यागपतर को वीकर नही करगा ]
(4) यिद सस क िकसी सदन का कोई सद य साठ िदन की अविध तक सदन की अनजञा क िबना उसक सभी अिधवशन स अनपि थत रहता ह तो सदन उसक थान को िरकत घोिषत कर सकगा
पर त साठ िदन की उकत अविध की सगणना करन म िकसी ऐसी अविध को िहसाब म नही िलया जाएगा िजसक दौरान सदन सतराविसत या िनरतर चार स अिधक िदन क िलए थिगत रहता ह
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची क भाग क या भाग
ख म िविनिदर rdquo श द और अकषर का (1-11-1956 स) लोप िकया गया 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoऐस िकसी रा यrdquo क थान पर
परित थािपत 3 दिखए िविध मतरालय की अिधसचना सखया एफ4650-सी तारीख 26 जनवरी 1950 भारत का राजपतर
असाधारण प 678 म परकािशत समसामियक सद यता परितषध िनयम1950 4 सिवधान (बावनवा सशोधन) अिधिनयम 1985 की धारा 2 दवारा (1-3-1985 स) ldquoअन छद 102 क खड (1)rdquo क
थान पर परित थािपत 5 सिवधान (ततीसवा सशोधन) अिधिनयम 1974 की धारा 2 दवारा (19-5-1974 स) परित थािपत 6 सिवधान (ततीसवा सशोधन) अिधिनयम 1974 की धारा 2 दवारा (19-5-1974 स) अतः थािपत
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102 सद यता क िलए िनरहरताएndash(1) कोई यिकत सस क िकसी सदन का सद य चन जान क िलए और सद य होन क िलए िनरिहरत होगाndash
1[(क) यिद वह भारत सरकार क या िकसी रा य की सरकार क अधीन ऐस पद को छोड़कर िजसको धारण करन वाल का िनरिहरत न होना सस न िविध दवारा घोिषत िकया ह कोई लाभ का पद धारण करता ह ]
(ख) यिद वह िवकतिच ह और सकषम यायालय की ऐसी घोषणा िवदयमान ह
(ग) यिद वह अन मोिचत िदवािलया ह (घ) यिद वह भारत का नागिरक नही ह या उसन िकसी िवदशी रा य की
नागिरकता व छा स अिजरत कर ली ह या वह िकसी िवदशी रा य क परित िन ा या अनषिकत को अिभ वीकार िकए हए ह
(ङ) यिद वह सस दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन इस परकार िनरिहरत कर िदया जाता ह 2[ प ीकरणndashइस खड क परयोजन क िलए] कोई यिकत कवल इस कारण भारत
सरकार क या िकसी रा य की सरकार क अधीन लाभ का पद धारण करन वाला नही समझा जाएगा िक वह सघ का या ऐस रा य का मतरी ह
3[(2) कोई यिकत सस क िकसी सदन का सद य होन क िलए िनरिहरत होगा यिद वह दसवी अनसची क अधीन इस परकार िनरिहरत हो जाता ह ]
4[103 सद य की िनरहरताओ स सबिधत पर पर िविन यndash(1) यिद यह पर उठता ह िक सस क िकसी सदन का कोई सद य अन छद 102 क खड (1) म विणरत िकसी िनरहरता स गर त हो गया ह या नही तो वह पर रा पित को िविन य क िलए िनदिशत िकया जाएगा और उसका िविन य अितम होगा 1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 19 दवारा खड (1) क उपखड (क) को (तारीख
अिधसिचत नही की गई) स परित थािपत िकया गया इस सशोधन का सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 45 दवारा (20-6-1979 स) लोप कर िदया गया
2 सिवधान (बावनवा सशोधन) अिधिनयम 1985 की धारा 3 दवारा (1-3-1985 स) ldquo(2) इस अन छद क परयोजन क िलएrdquo क थान पर परित थािपत
3 सिवधान (बावनवा सशोधन) अिधिनयम 1985 की धारा 3 दवारा (1-3-1985 स) अतः थािपत 4 अन छद 103 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 20 दवारा (3-1-1977 स) परित थािपत
और त प ात सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 14 दवारा (20-6-1979 स) सशोिधत होकर उपरोकत प म पिठत
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(2) ऐस िकसी पर पर िविन य करन क पहल रा पित िनवारचन आयोग की राय लगा और ऐसी राय क अनसार कायर करगा ]
104 अन छद 99 क अधीन शपथ लन या परितजञान करन स पहल या अिहरत न होत हए या िनरिहरत िकए जान पर बठन और मत दन क िलए शाि तndashयिद सस क िकसी सदन म कोई यिकत अन छद 99 की अपकषाओ का अनपालन करन स पहल या वह जानत हए िक म उसकी सद यता क िलए अिहरत नही ह या िनरिहरत कर िदया गया ह या सस दवारा बनाई गई िकसी िविध क उपबध दवारा ऐसा करन स परितिषदध कर िदया गया ह सद य क प म बठता ह या मत दता ह तो वह पर यक िदन क िलए जब वह इस परकार बठता ह या मत दता ह पाच सौ पए की शाि त का भागी होगा जो सघ को दय ऋण क प म वसल की जाएगी
सस और उसक सद य की शिकतया िवशषािधकार और उ मिकतया
105 सस क सदन की तथा उनक सद य और सिमितय की शिकतया िवशषािधकार आिदndash(1) इस सिवधान क उपबध और सस की परिकरया का िविनयमन करन वाल िनयम और थायी आदश क अधीन रहत हए सस म वाकत- वात य होगा
(2) सस म या उसकी िकसी सिमित म सस क िकसी सद य दवारा कही गई िकसी बात या िदए गए िकसी मत क सबध म उसक िव दध िकसी यायालय म कोई कायरवाही नही की जाएगी और िकसी यिकत क िव दध सस क िकसी सदन क परािधकार दवारा या उसक अधीन िकसी परितवदन पतर मत या कायरवािहय क परकाशन क सबध म इस परकार की कोई कायरवाही नही की जाएगी
1[(3) अ य बात म सस क पर यक सदन की और पर यक सदन क सद य और सिमितय की शिकतया िवशषािधकार और उ मिकतया ऐसी ह गी जो सस समय-समय पर िविध दवारा पिरिनि त कर और जब तक व इस परकार पिरिनि त नही की जाती ह तब तक 2[वही ह गी जो सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 15 क परव होन स ठीक पहल उस सदन की और उसक सद य और सिमितय की थी ]]
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 21 दवारा कितपय श द को तारीख अिधसिचत नही की
गई) परित थािपत नही िकया गया इस सशोधन का सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 45 दवारा (20-6-1979 स) लोप कर िदया गया
2 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 15 दवारा (20-6-1979 स) कितपय श द क थान पर परित थािपत
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(4) िजन यिकतय को इस सिवधान क आधार पर सस क िकसी सदन या उसकी िकसी सिमित म बोलन का और उसकी कायरवािहय म अ यथा भाग लन का अिधकार ह उनक सबध म खड (1) खड (2) और खड (3) क उपबध उसी परकार लाग ह ग िजस परकार व सस क सद य क सबध म लाग होत ह
106 सद य क वतन और भ ndashसस क पर यक सदन क सद य ऐस वतन और भ िज ह सस समय-समय पर िविध दवारा अवधािरत कर और जब तक इस सबध म इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐस भ ऐसी दर स और ऐसी शत पर जो भारत डोिमिनयन की सिवधान सभा क सद य को इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल लाग थी परा करन क हकदार ह ग
िवधायी परिकरया 107 िवधयक क परः थापन और पािरत िकए जान क सबध म उपबधndash(1) धन
िवधयक और अ य िव िवधयक क सबध म अन छद 109 और अन छद 117 क उपबध क अधीन रहत हए कोई िवधयक सस क िकसी भी सदन म आरभ हो सकगा
(2) अन छद 108 और अन छद 109 क उपबध क अधीन रहत हए कोई िवधयक सस क सदन दवारा तब तक पािरत िकया गया नही समझा जाएगा जब तक सशोधन क िबना या कवल ऐस सशोधन सिहत िजन पर दोन सदन सहमत हो गए ह उस पर दोन सदन सहमत नही हो जात ह
(3) सस म लिबत िवधयक सदन क सतरावसान क कारण यपगत नही होगा (4) रा य सभा म लिबत िवधयक िजसको लोक सभा न पािरत नही िकया ह
लोक सभा क िवघटन पर यपगत नही होगा (5) कोई िवधयक जो लोक सभा म लिबत ह या जो लोक सभा दवारा पािरत कर
िदया गया ह और रा य सभा म लिबत ह अन छद 108 क उपबध क अधीन रहत हए लोक सभा क िवघटन पर यपगत हो जाएगा
108 कछ दशाओ म दोन सदन की सयकत बठकndash(1) यिद िकसी िवधयक क एक सदन दवारा पािरत िकए जान और दसर सदन को पारिषत िकए जान क प ातndash
(क) दसर सदन दवारा िवधयक अ वीकर कर िदया गया ह या (ख) िवधयक म िकए जान वाल सशोधन क बार म दोन सदन अितम
प स असहमत हो गए ह या (ग) दसर सदन को िवधयक परा होन की तारीख स उसक दवारा िवधयक
पािरत िकए िबना छह मास स अिधक बीत गए ह
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तो उस दशा क िसवाय िजसम लोक सभा का िवघटन होन क कारण िवधयक यपगत हो गया ह रा पित िवधयक पर िवचार-िवमशर करन और मत दन क परयोजन क िलए सदन को सयकत बठक म अिधविशत होन क िलए आहत करन क अपन आशय की सचना यिद व बठक म ह तो सदश दवारा या यिद व बठक म नही ह तो लोक अिधसचना दवारा दगा
पर त इस खड की कोई बात धन िवधयक को लाग नही होगी (2) छह मास की ऐसी अविध की गणना करन म जो खड (1) म िनिदर ह
िकसी ऐसी अविध को िहसाब म नही िलया जाएगा िजसम उकत खड क उपखड (ग) म िनिदर सदन सतराविसत या िनरतर चार स अिधक िदन क िलए थिगत कर िदया जाता ह
(3) यिद रा पित न खड (1) क अधीन सदन को सयकत बठक म अिधविशत होन क िलए आहत करन क अपन आशय की सचना द दी ह तो कोई भी सदन िवधयक पर आग कायरवाही नही करगा िक त रा पित अपनी अिधसचना की तारीख क प ात िकसी समय सदन को अिधसचना म िविनिदर परयोजन क िलए सयकत बठक म अिधविशत होन क िलए आहत कर सकगा और यिद वह ऐसा करता ह तो सदन तदनसार अिधविशत ह ग
(4) यिद सदन की सयकत बठक म िवधयक ऐस सशोधन सिहत यिद कोई ह िजन पर सयकत बठक म सहमित हो जाती ह दोन सदन क उपि थत और मत दन वाल सद य की कल सखया क बहमत दवारा पािरत हो जाता ह तो इस सिवधान क परयोजन क िलए वह दोन सदन दवारा पािरत िकया गया समझा जाएगा
पर त सयकत बठक मndash (क) यिद िवधयक एक सदन स पािरत िकए जान पर दसर सदन दवारा
सशोधन सिहत पािरत नही कर िदया गया ह और उस सदन को िजसम उसका आरभ हआ था लौटा नही िदया गया ह तो ऐस सशोधन स िभ न (यिद कोई ह ) जो िवधयक क पािरत होन म दरी क कारण आव यक हो गए ह िवधयक म कोई और सशोधन पर थािपत नही िकया जाएगा
(ख) यिद िवधयक इस परकार पािरत कर िदया गया ह और लौटा िदया गया ह तो िवधयक म कवल पव कत सशोधन और ऐस अ य सशोधन जो उन िवषय स ससगत ह िजन पर सदन म सहमित नही हई ह पर थािपत िकए जाएग
और पीठासीन यिकत का इस बार म िविन य अितम होगा िक कौन स सशोधन इस खड क अधीन गरा ह
(5) सदन की सयकत बठक म अिधविशत होन क िलए आहत करन क अपन आशय की रा पित की सचना क प ात लोक सभा का िवघटन बीच म हो जान पर भी इस अन छद क अधीन सयकत बठक हो सकगी और उसम िवधयक पािरत हो सकगा
109 धन िवधयक क सबध म िवशष परिकरयाndash(1) धन िवधयक रा य सभा म परः थािपत नही िकया जाएगा
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(2) धन िवधयक लोक सभा दवारा पािरत िकए जान क प ात रा य सभा को उसकी िसफािरश क िलए पारिषत िकया जाएगा और रा य सभा िवधयक की पराि की तारीख स चौदह िदन की अविध क भीतर िवधयक को अपनी िसफािरश सिहत लोक सभा को लौटा दगी और ऐसा होन पर लोक सभा रा य सभा की सभी या िक ही िसफािरश को वीकर या अ वीकार कर सकगी
(3) यिद लोक सभा रा य सभा की िकसी िसफािरश को वीकार कर लती ह तो धन िवधयक रा य सभा दवारा िसफािरश िकए गए और लोक सभा दवारा वीकार िकए गए सशोधन सिहत दोन सदन दवारा पािरत िकया गया समझा जाएगा
(4) यिद लोक सभा रा य सभा की िकसी भी िसफािरश को वीकार नही करती ह तो धन िवधयक रा य सभा दवारा िसफािरश िकए गए िकसी सशोधन क िबना दोन सदन दवारा उस प म पािरत िकया गया समझा जाएगा िजसम वह लोक सभा दवारा पािरत िकया गया था
(5) यिद लोक सभा दवारा पािरत और रा य सभा को उसकी िसफािरश क िलए पारिषत धन िवधयक उकत चौदह िदन की अविध क भीतर लोक सभा को नही लौटाया जाता ह तो उकत अविध की समाि पर वह दोन सदन दवारा उस प म पािरत िकया गया समझा जाएगा िजसम वह लोक सभा दवारा पािरत िकया गया था
110 ldquoधन िवधयकrdquo की पिरभाषाndash(1) इस अ याय क परयोजन क िलए कोई िवधयक धन िवधयक समझा जाएगा यिद उसम कवल िन निलिखत सभी या िक ही िवषय स सबिधत उपबध ह अथारत ndash
(क) िकसी कर का अिधरोपण उ सादन पिरहार पिरवतरन या िविनयमन
(ख) भारत सरकार दवारा धन उधार लन का या कोई पर याभित दन का िविनयमन अथवा भारत सरकार दवारा अपन ऊपर ली गई या ली जान वाली िक ही िव ीय बा यताओ स सबिधत िविध का सशोधन
(ग) भारत की सिचत िनिध या आकि मकता िनिध की अिभरकषा ऐसी िकसी िनिध म धन जमा करना या उसम स धन िनकालना
(घ) भारत की सिचत िनिध म स धन का िविनयोग (ङ) िकसी यय को भारत की सिचत िनिध पर भािरत यय घोिषत करना
या ऐस िकसी यय की रकम को बढ़ाना या
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(च) भारत की सिचत िनिध या भारत क लोक लख मदध धन परा करना अथवा ऐस धन की अिभरकषा या उसका िनगरमन अथवा सघ या रा य क लखाओ की सपरीकषा या
(छ) उपखड (क) स उपखड (च) म िविनिदर िकसी िवषय का आनषिगक कोई िवषय (2) कोई िवधयक कवल इस कारण धन िवधयक नही समझा जाएगा िक वह
जमारन या अ य धनीय शाि तय क अिधरोपण का अथवा अनजञि य क िलए फीस की या की गई सवाओ क िलए फीस की माग का या उनक सदाय का उपबध करता ह अथवा इस कारण धन िवधयक नही समझा जाएगा िक वह िकसी थानीय परािधकारी या िनकाय दवारा थानीय परयोजन क िलए िकसी कर क अिधरोपण उ सादन पिरहार पिरवतरन या िविनयमन का उपबध करता ह
(3) यिद यह पर उठता ह िक कोई िवधयक धन िवधयक ह या नही तो उस पर लोक सभा क अ यकष का िविन य अितम होगा
(4) जब धन िवधयक अन छद 109 क अधीन रा य सभा को पारिषत िकया जाता ह और जब वह अन छद 111 क अधीन अनमित क िलए रा पित क समकष पर तत िकया जाता ह तब पर यक धन िवधयक पर लोक सभा क अ यकष क ह ताकषर सिहत यह परमाण प ािकत िकया जाएगा िक वह धन िवधयक ह
111 िवधयक पर अनमितndashजब कोई िवधयक सस क सदन दवारा पािरत कर िदया गया ह तब वह रा पित क समकष पर तत िकया जाएगा और रा पित घोिषत करगा िक वह िवधयक पर अनमित दता ह या अनमित रोक लता ह
पर त रा पित अनमित क िलए अपन समकष िवधयक पर तत िकए जान क प ात यथाशीघर उस िवधयक को यिद वह धन िवधयक नही ह तो सदन को इस सदश क साथ लौटा सकगा िक व िवधयक पर या उसक िक ही िविनिदर उपबध पर पनिवरचार कर और िविश तया िक ही ऐस सशोधन क परः थापन की वाछनीयता पर िवचार कर िजनकी उसन अपन सदश म िसफािरश की ह और जब िवधयक इस परकार लौटा िदया जाता ह तब सदन िवधयक पर तदनसार पनिवरचार करग और यिद िवधयक सदन दवारा सशोधन सिहत या उसक िबना िफर स पािरत कर िदया जाता ह और रा पित क समकष अनमित क िलए पर तत िकया जाता ह तो रा पित उस पर अनमित नही रोकगा
िव ीय िवषय क सबध म परिकरया 112 वािषरक िव ीय िववरणndash(1) रा पित पर यक िव ीय वषर क सबध म सस
क दोन सदन क समकष भारत सरकार की उस वषर क िलए पराककिलत पराि य और यय का िववरण रखवाएगा िजस इस भाग म ldquoवािषरक िव ीय िववरणrdquo कहा गया ह
(2) वािषरक िव ीय िववरण म िदए हए यय क पराककलन मndash
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(क) इस सिवधान म भारत की सिचत िनिध पर भािरत यय क प म विणरत यय की पितर क िलए अपिकषत रािशया और
(ख) भारत की सिचत िनिध म स िकए जान क िलए पर थािपत अ य यय की पितर क िलए अपिकषत रािशया
पथक-पथक िदखाई जाएगी और राज व लख होन वाल यय का अ य यय स भद िकया जाएगा
(3) िन निलिखत यय भारत की सिचत िनिध पर भािरत यय होगा अथारत ndash (क) रा पित की उपलि धया और भ तथा उसक पद स सबिधत अ य
यय (ख) रा य सभा क सभापित और उपसभापित क तथा लोक सभा क
अ यकष और उपा यकष क वतन और भ (ग) ऐस ऋण भार िजनका दािय व भारत सरकार पर ह िजनक अतगरत
याज िनकषप िनिध भार और मोचन भार तथा उधार लन और ऋण सवा और ऋण मोचन स सबिधत अ य यय ह
(घ) (i) उ चतम यायालय क यायाधीश को या उनक सबध म सदय वतन भ और पशन
(ii) फडरल यायालय क यायाधीश को या उनक सबध म सदय पशन (iii) उस उ च यायालय क यायाधीश को या उनक सबध म दी जान
वाली पशन जो भारत क रा यकषतर क अतगरत िकसी कषतर क सबध म अिधकािरता का परयोग करता ह या जो 1[भारत डोिमिनयन क रा यपाल वाल परात] क अतगरत िकसी कषतर क सबध म इस सिवधान क परारभ स पहल िकसी भी समय अिधकािरता का परयोग करता था
(ङ) भारत क िनयतरक-महालखापरीकषक को या उसक सबध म सदय वतन भ और पशन
(च) िकसी यायालय या मा य थम अिधकरण क िनणरय िडकरी या पचाट की ति क िलए अपिकषत रािशया
(छ) कोई अ य यय जो इस सिवधान दवारा या सस दवारा िविध दवारा इस परकार भािरत घोिषत िकया जाता ह 113 सस म पराककलन क सबध म परिकरयाndash(1) पराककलन म स िजतन
पराककलन भारत की सिचत िनिध पर भािरत यय स सबिधत ह व सस म मतदान क िलए नही रख जाएग िक त इस खड की िकसी बात का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह सस क िकसी सदन म उन पराककलन म स िकसी पराककलन पर चचार को िनवािरत करती ह
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची क भाग क म
िविनिदर रा य क त थानी परातrdquo क थान पर (1-11-1956 स) परित थािपत
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(2) उकत पराककलन म स िजतन पराककलन अ य यय स सबिधत ह व लोक सभा क समकष अनदान की माग क प म रख जाएग और लोक सभा को शिकत होगी िक वह िकसी माग को अनमित द या अनमित दन स इकार कर द अथवा िकसी माग को उसम िविनिदर रकम को कम करक अनमित द
(3) िकसी अनदान की माग रा पित की िसफािरश पर ही की जाएगी अ यथा नही
114 िविनयोग िवधयकndash(1) लोक सभा दवारा अन छद 113 क अधीन अनदान िकए जान क प ात यथाशकय शीघर भारत की सिचत िनिध म सndash
(क) लोक सभा दवारा इस परकार िकए गए अनदान की और (ख) भारत की सिचत िनिध पर भािरत िक त सस क समकष पहल रख
गए िववरण म दिशरत रकम स िकसी भी दशा म अनिधक यय की पितर क िलए अपिकषत सभी धनरािशय क िविनयोग का उपबध करन क िलए िवधयक परः थािपत िकया जाएगा
(2) इस परकार िकए गए िकसी अनदान की रकम म पिरवतरन करन या अनदान क ल य को बदलन अथवा भारत की सिचत िनिध पर भािरत यय की रकम म पिरवतरन करन का परभाव रखन वाला कोई सशोधन ऐस िकसी िवधयक म सस क िकसी सदन म पर थािपत नही िकया जाएगा और पीठासीन यिकत का इस बार म िविन य अितम होगा िक कोई सशोधन इस खड क अधीन अगरा ह या नही
(3) अन छद 115 और अन छद 116 क उपबध क अधीन रहत हए भारत की सिचत िनिध म स इस अन छद क उपबध क अनसार पािरत िविध दवारा िकए गए िविनयोग क अधीन ही कोई धन िनकाला जाएगा अ यथा नही
115 अनपरक अितिरकत या अिधक अनदानndash(1) यिदndash (क) अन छद 114 क उपबध क अनसार बनाई गई िकसी िविध दवारा
िकसी िविश सवा पर चाल िव ीय वषर क िलए यय िकए जान क िलए परािधकत कोई रकम उस वषर क परयोजन क िलए अपयार पाई जाती ह या उस वषर क वािषरक िव ीय िववरण म अन यात न की गई िकसी नई सवा पर अनपरक या अितिरकत यय की चाल िव ीय वषर क दौरान आव यकता पदा हो गई ह या
(ख) िकसी िव ीय वषर क दौरान िकसी सवा पर उस वषर और उस सवा क िलए अनदान की गई रकम स अिधक कोई धन यय हो गया ह
तो रा पित यथाि थित सस क दोन सदन क समकष उस यय की पराककिलत रकम को दिशरत करन वाला दसरा िववरण रखवाएगा या लोक सभा म ऐस आिधकय क िलए माग पर तत करवाएगा
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(2) ऐस िकसी िववरण और यय या माग क सबध म तथा भारत की सिचत िनिध म स ऐस यय या ऐसी माग स सबिधत अनदान की पितर क िलए धन का िविनयोग परािधकत करन क िलए बनाई जान वाली िकसी िविध क सबध म भी अन छद 112 अन छद 113 और अन छद 114 क उपबध वस ही परभावी ह ग जस व वािषरक िव ीय िववरण और उसम विणरत यय या िकसी अनदान की िकसी माग क सबध म और भारत की सिचत िनिध म स ऐस यय या अनदान की पितर क िलए धन का िविनयोग परािधकत करन क िलए बनाई जान वाली िविध क सबध म परभावी ह
116 लखानदान पर ययानदान और अपवादानदानndash(1) इस अ याय क पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी लोक सभा कोndash
(क) िकसी िव ीय वषर क भाग क िलए पराककिलत यय क सबध म कोई अनदान उस अनदान क िलए मतदान करन क िलए अन छद 113 म िविहत परिकरया क परा होन तक और उस यय क सबध म अन छद 114 क उपबध क अनसार िविध क पािरत होन तक अिगरम दन की
(ख) जब िकसी सवा की मह ा या उसक अिनि त प क कारण माग ऐस यौर क साथ विणरत नही की जा सकती ह जो वािषरक िव ीय िववरण म सामा यतया िदया जाता ह तब भारत क सपि ोत पर अपर यािशत माग की पितर क िलए अनदान करन की
(ग) िकसी िव ीय वषर की चाल सवा का जो अनदान भाग नही ह ऐसा कोई अपवादानदान करन की
शिकत होगी और िजन परयोजन क िलए उकत अनदान िकए गए ह उनक िलए भारत की सिचत िनिध म स धन िनकालना िविध दवारा परािधकत करन की सस को शिकत होगी
(2) खड (1) क अधीन िकए जान वाल िकसी अनदान और उस खड क अधीन बनाई जान वाली िकसी िविध क सबध म अन छद 113 और अन छद 114 क उपबध वस ही परभावी ह ग जस व वािषरक िव ीय िववरण म विणरत िकसी यय क बार म कोई अनदान करन क सबध म और भारत की सिचत िनिध म स ऐस यय की पितर क िलए धन का िविनयोग परािधकत करन क िलए बनाई जान वाली िविध क सबध म परभावी ह
117 िव िवधयक क बार म िवशष उपबधndash(1) अन छद 110 क खड (1) क उपखड (क) स उपखड (च) म िविनिदर िकसी िवषय क िलए उपबध करन वाला िवधयक या सशोधन रा पित की िसफािरश स ही परः थािपत या पर तािवत िकया जाएगा अ यथा नही और ऐसा उपबध करन वाला िवधयक रा य सभा म परः थािपत नही िकया जाएगा
पर त िकसी कर क घटान या उ सादन क िलए उपबध करन वाल िकसी सशोधन क पर ताव क िलए इस खड क अधीन िसफािरश की अपकषा नही होगी
(2) कोई िवधयक या सशोधन उकत िवषय म स िकसी क िलए उपबध करन
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वाला कवल इस कारण नही समझा जाएगा िक वह जमारन या अ य धनीय शाि तय क अिधरोपण का अथवा अनजञि य क िलए फीस की या की गई सवाओ क िलए फीस की माग का या उनक सदाय का उपबध करता ह अथवा इस कारण नही समझा जाएगा िक वह िकसी थानीय परािधकारी या िनकाय दवारा थानीय परयोजन क िलए िकसी कर क अिधरोपण उ सादन पिरहार पिरवतरन या िविनयमन का उपबध करता ह
(3) िजस िवधयक को अिधिनयिमत और परवितरत िकए जान पर भारत की सिचत िनिध म स यय करना पड़गा वह िवधयक सस क िकसी सदन दवारा तब तक पािरत नही िकया जाएगा जब तक ऐस िवधयक पर िवचार करन क िलए उस सदन स रा पित न िसफािरश नही की ह
साधारणतया परिकरया 118 परिकरया क िनयमndash(1) इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए सस
का पर यक सदन अपनी परिकरया और अपन कायर सचालन क िविनयमन क िलए िनयम बना सकगा
(2) जब तक खड (1) क अधीन िनयम नही बनाए जात ह तब तक इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल भारत डोिमिनयन क िवधान-मडल क सबध म जो परिकरया क िनयम और थायी आदश परव थ व ऐस उपातरण और अनकलन क अधीन रहत हए सस क सबध म परभावी ह ग िज ह यथाि थित रा य सभा का सभापित या लोक सभा का अ यकष उनम कर
(3) रा पित रा य सभा क सभापित और लोक सभा क अ यकष स परामशर करन क प ात दोन सदन की सयकत बठक स सबिधत और उनम पर पर सचार स सबिधत परिकरया क िनयम बना सकगा
(4) दोन सदन की सयकत बठक म लोक सभा का अ यकष या उसकी अनपि थित म ऐसा यिकत पीठासीन होगा िजसका खड (3) क अधीन बनाई गई परिकरया क िनयम क अनसार अवधारण िकया जाए
119 सस म िव ीय कायर सबधी परिकरया का िविध दवारा िविनयमनndashसस िव ीय कायर को समय क भीतर परा करन क परयोजन क िलए िकसी िव ीय िवषय स सबिधत या भारत की सिचत िनिध म स धन का िविनयोग करन क िलए िकसी िवधयक स सबिधत सस क पर यक सदन की परिकरया और कायर सचालन का िविनयमन िविध दवारा कर सकगी तथा यिद और जहा तक इस परकार बनाई गई िकसी िविध का कोई उपबध अन छद 118 क खड (1) क अधीन सस क िकसी सदन दवारा बनाए गए िनयम स या उस अन छद क खड (2) क अधीन सस क सबध म परभावी िकसी िनयम या थायी आदश स असगत ह तो और वहा तक ऐसा उपबध अिभभावी होगा
120 सस म परयोग की जान वाली भाषाndash(1) भाग 17 म िकसी बात क होत हए
सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 22 दवारा (िजसक अ तगरत सदन की बठक का गठन
करन क िलए गणपित र सि मिलत ह) श द और को क (तारीख अिधसिचत नही की गई) स अत थािपत इस सशोधन का सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 45 दवारा (20-6-1979 स) लोप कर िदया गया
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भी िक त अन छद 348 क उपबध क अधीन रहत हए सस म कायर िह दी म या अगरजी म िकया जाएगा
पर त यथाि थित रा य सभा का सभापित या लोक सभा का अ यकष अथवा उस प म कायर करन वाला यिकत िकसी सद य को जो िह दी म या अगरजी म अपनी पयार
अिभ यिकत नही कर सकता ह अपनी मातभाषा म सदन को सबोिधत करन की अनजञा द सकगा
(2) जब तक सस िविध दवारा अ यथा उपबध न कर तब तक इस सिवधान क परारभ स पदरह वषर की अविध की समाि क प ात यह अन छद ऐस परभावी होगा मानो ldquoया अगरजी मrdquo श द का उसम स लोप कर िदया गया हो
121 सस म चचार पर िनबर धनndashउ चतम यायालय या िकसी उ च यायालय क िकसी यायाधीश क अपन कतर य क िनवरहन म िकए गए आचरण क िवषय म सस म कोई चचार इसम इसक प ात उपबिधत रीित स उस यायाधीश को हटान की पराथरना करन वाल समावदन को रा पित क समकष पर तत करन क पर ताव पर ही होगी अ यथा नही
122 यायालय दवारा सस की कायरवािहय की जाच न िकया जानाndash(1) सस की िकसी कायरवाही की िविधमा यता को परिकरया की िकसी अिभकिथत अिनयिमतता क आधार पर पर गत नही िकया जाएगा
(2) सस का कोई अिधकारी या सद य िजसम इस सिवधान दवारा या इसक अधीन सस म परिकरया या कायर सचालन का िविनयमन करन की अथवा यव था बनाए रखन की शिकतया िनिहत ह उन शिकतय क अपन दवारा परयोग क िवषय म िकसी यायालय की अिधकािरता क अधीन नही होगा
अ याय 3ndashरा पित की िवधायी शिकतया 123 सस क िव ाितकाल म अ यादश परखयािपत करन की रा पित की शिकतndash
(1) उस समय को छोड़कर जब सस क दोन सदन सतर म ह यिद िकसी समय रा पित का यह समाधान हो जाता ह िक ऐसी पिरि थितया िवदयमान ह िजनक कारण तर त काररवाई करना उसक िलए आव यक हो गया ह तो वह ऐस अ यादश परखयािपत कर सकगा जो उस उन पिरि थितय म अपिकषत परतीत ह
(2) इस अन छद क अधीन परखयािपत अ यादश का वही बल और परभाव होगा जो सस क अिधिनयम का होता ह िक त पर यक ऐसा अ यादशndash
(क) सस क दोन सदन क समकष रखा जाएगा और सस क पनः समवत होन स छह स ाह की समाि पर या यिद उस अविध की समाि स पहल दोन सदन उसक अननमोदन का सक प पािरत कर दत ह तो इनम स दसर सक प क पािरत होन पर परवतरन म नही रहगा और
(ख) रा पित दवारा िकसी भी समय वापस िलया जा सकगा
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प ीकरणndashजहा सस क सदन िभ न-िभ न तारीख को पनः समवत होन क िलए आहत िकए जात ह वहा इस खड क परयोजन क िलए छह स ाह की अविध की गणना उन तारीख म स प ातवतीर तारीख स की जाएगी
(3) यिद और जहा तक इस अन छद क अधीन अ यादश कोई ऐसा उपबध करता ह िजस अिधिनयिमत करन क िलए सस इस सिवधान क अधीन सकषम नही ह तो और वहा तक वह अ यादश श य होगा
1(4) अ याय 4ndashसघ की यायपािलका
124 उ चतम यायालय की थापना और गठनndash(1) भारत का एक उ चतम यायालय होगा जो भारत क मखय यायमितर और जब तक सस िविध दवारा अिधक सखया िविहत नही करती ह तब तक [तीस]2 स अनिधक अ य यायाधीश स िमलकर बनगा
(2) 3[अन छद 124क म िनिदर रा ीय याियक िनयिकत आयोग की िसफािरश पर] रा पित अपन ह ताकषर और मदरा सिहत अिधपतर दवारा उ चतम यायालय क पर यक यायाधीश को िनयकत करगा और वह यायाधीश तब तक पद धारण करगा जब तक वह पसठ वषर की आय परा नही कर लता ह
4[ ] 5[पर त]ndash
(क) कोई यायाधीश रा पित को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा अपना पद याग सकगा (ख) िकसी यायाधीश को खड (4) म उपबिधत रीित स उसक पद स हटाया जा सकगा
1[(2क) उ चतम यायालय क यायाधीश की आय ऐस परािधकारी दवारा और ऐसी
1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 16 दवारा (20-6-1979 स) खड (4) का लोप िकया
गया इसस पवर यह खड सिवधान (अड़तीसवा सशोधन) अिधिनयम 1975 की धारा 2 दवारा (भतलकषी परभाव स) अतः थािपत िकया गया था
2 उ चतम यायालय ( यायाधीश सखया) सशोधन अिधिनयम 2008 (2009 का 11) की धारा 2 सात क थान पर परित थािपत
3 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 2 दवारा (13-4-2015 स) उ चतम यायालय क और रा य क उ च यायालय क ऐस यायाधीश स परामशर करन क प ात िजनस रा पित इस परयोजन क िलए परामशर करना आव यक समझ श द क थान पर परित थािपत यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ वाल मामल म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
4 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 2 दवारा (13-4-2015 स) पहल पर तक का लोप िकया गया यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 वाल मामल म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह सशोधन क पवर यह िन नानसार था--
ldquoपर त मखय यायमितर स िभ न िकसी यायाधीश की िनयिकत की दशा म भारत क मखय यायमितर स सदव परामशर िकया जाएगा rdquo
5 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 2 दवारा (13-4-2015 स) ldquoपर त यह और िकrdquo श द क थान पर परित थािपत यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 वाल मामल म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
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रीित स अवधािरत की जाएगी िजसका सस िविध दवारा उपबध कर ] (3) कोई यिकत उ चतम यायालय क यायाधीश क प म िनयिकत क िलए
तभी अिहरत होगा जब वह भारत का नागिरक ह औरndash (क) िकसी उ च यायालय का या ऐस दो या अिधक यायालय का लगातार
कम स कम पाच वषर तक यायाधीश रहा ह या (ख) िकसी उ च यायालय का या ऐस दो या अिधक यायालय का लगातार
कम स कम दस वषर तक अिधवकता रहा ह या (ग) रा पित की राय म पारगत िविधव ा ह
प ीकरण 1ndashइस खड म ldquoउ च यायालयrdquo स वह उ च यायालय अिभपरत ह जो भारत क रा यकषतर क िकसी भाग म अिधकािरता का परयोग करता ह या इस सिवधान क परारभ स पहल िकसी भी समय परयोग करता था
प ीकरण 2ndashइस खड क परयोजन क िलए िकसी यिकत क अिधवकता रहन की अविध की सगणना करन म वह अविध भी सि मिलत की जाएगी िजसक दौरान िकसी यिकत न अिधवकता होन क प ात ऐसा याियक पद धारण िकया ह जो िजला यायाधीश क पद स अवर नही ह
(4) उ चतम यायालय क िकसी यायाधीश को उसक पद स तब तक नही हटाया जाएगा जब तक सािबत कदाचार या असमथरता क आधार पर ऐस हटाए जान क िलए सस क पर यक सदन दवारा अपनी कल सद य सखया क बहमत दवारा तथा उपि थत और मत दन वाल सद य क कम स कम दो-ितहाई बहमत दवारा समिथरत समावदन रा पित क समकष उसी सतर म रख जान पर रा पित न आदश नही द िदया ह
(5) सस खड (4) क अधीन िकसी समावदन क रख जान की तथा यायाधीश क कदाचार या असमथरता क अ वषण और सािबत करन की परिकरया का िविध दवारा िविनयमन कर सकगी
(6) उ चतम यायालय का यायाधीश होन क िलए िनयकत पर यक यिकत अपना पद गरहण करन क पहल रा पित या उसक दवारा इस िनिम िनयकत यिकत क समकष तीसरी अनसची म इस परयोजन क िलए िदए गए पर प क अनसार शपथ लगा या परितजञान करगा और उस पर अपन ह ताकषर करगा
(7) कोई यिकत िजसन उ चतम यायालय क यायाधीश क प म पद धारण िकया ह भारत क रा यकषतर क भीतर िकसी यायालय म या िकसी परािधकारी क समकष अिभवचन या कायर नही करगा
2[124क रा ीय याियक िनयिकत आयोग--(1) रा ीय याियक िनयिकत आयोग नामक एक आयोग होगा जो िन निलिखत स िमलकर बनगा अथारत --
(क) भारत का मखय यायमितर -- अ यकष पदन 1 सिवधान (प दरहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 2 दवारा (5-10-1963 स) अतः थािपत 2 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 3 दवारा (13-4-2015 स) अ तः थािपत यह सशोधन
सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 वाल मामल म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
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(ख) भारत क मखय यायमितर स ठीक नीच क उ चतम यायालय क दो अ य य यायाधीश -- सद य पदन
(ग) सघ का िविध और याय का भारसाधक मतरी -- सद य पदन (घ) परधान मतरी भारत क मखय यायमितर और लोक सभा म िवपकष क
नता या जहा ऐसा कोई िवपकष का नता नही ह वहा लोक सभा म सबस बड़ एकल िवपकषी दल क नता स िमलकर बनन वाली सिमित दवारा नामिनिदर िकए जान वाल दो िवखयात यिकत -- सद य
परत िवखयात यिकतय म स एक िवखयात यिकत अनसिचत जाित अनसिचत जनजाित अ य िपछड़ वगर अ पसखयक वगर क यिकतय अथवा ि य म स नामिनिदर िकया जाएगा
परत यह और िक िवखयात यिकत तीन वषर की अविध क िलए नामिनिदर िकया जाएगा और पनःनामिनदशन का पातर नही होगा
(2) रा ीय याियक िनयिकत आयोग का कोई कायर या कायरवािहया कवल इस आधार पर पर गत नही की जाएगी या अिविधमा य नही ह गी िक आयोग म कोई िरिकत ह या उसक गठन म कोई तरिट ह
124ख आयोग क क य--रा ीय याियक िनयिकत आयोग क िन निलिखत कतर य ह ग--
(क) भारत क मखय यायमितर उ चतम यायालय क यायाधीश उ च यायालय क मखय यायमितरय तथा उ च यायालय क अ य यायाधीश क प म िनयिकत क िलए यिकतय की िसफािरश करना
(ख) उ च यायालय क मखय यायमितरय और अ य यायाधीश का एक उ च यायालय स िकसी अ य उ च यायालय म थानातरण करन की िसफािरश करना और
(ग) यह सिनि त करना िक वह यिकत िजसकी िसफािरश की गई ह सकषम और स यिन ह 124ग िविध बनान की सस की शिकत--सस िविध दवारा भारत क मखय
यायमितर और उ चतम यायालय क अ य यायाधीश तथा उ च यायालय क मखय यायमितरय और अ य यायाधीश की िनयिकत की परिकरया िविनयिमत कर सकगी तथा आयोग को िविनयम दवारा उसक क य क िनवरहन िनयिकत क िलए यिकतय क चयन की रीित और ऐस अ य िवषय क िलए जो उसक दवारा आव यक समझ जाए परिकरया अिधकिथत करन क िलए सशकत कर सकगी ]
125 यायाधीश क वतन आिदndash1[(1) उ चतम यायालय क यायाधीश को ऐस वतन का सदाय िकया जाएगा जो सस िविध दवारा अवधािरत कर और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐस वतन का सदाय िकया जाएगा जो दसरी अनसची म िविनिदर ह ]
(2) पर यक यायाधीश ऐस िवशषािधकार और भ का तथा अनपि थित छटटी और पशन क सबध म ऐस अिधकार का जो सस दवारा बनाई गई िविध दवारा या उसक अधीन समय-समय पर अवधािरत िकए जाए और जब तक इस परकार अवधािरत नही िकए जात ह तब तक ऐस िवशषािधकार भ और अिधकार का जो दसरी अनसची म िविनिदर ह हकदार होगा
पर त िकसी यायाधीश क िवशषािधकार और भ म तथा अनपि थित छटटी या 1 सिवधान (चौवनवा सशोधन) अिधिनयम 1986 की धारा 2 दवारा (1-4-1986 स) खड (1) क थान पर
परित थािपत
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पशन क सबध म उसक अिधकार म उसकी िनयिकत क प ात उसक िलए अलाभकारी पिरवतरन नही िकया जाएगा
126 कायरकारी मखय यायमितर की िनयिकतndashजब भारत क मखय यायमितर का पद िरकत ह या जब मखय यायमितर अनपि थित क कारण या अ यथा अपन पद क कतर य का पालन करन म असमथर ह तब यायालय क अ य यायाधीश म स ऐसा एक यायाधीश िजस रा पित इस परयोजन क िलए िनयकत कर उस पद क कतर य का पालन करगा
127 तदथर यायाधीश की िनयिकतndash(1) यिद िकसी समय उ चतम यायालय क सतर को आयोिजत करन या चाल रखन क िलए उस यायालय क यायाधीश की गणपितर परा न हो तो 1[रा ीय याियक िनयिकत आयोग भारत क मखय यायमितर दवारा उस िकए गए िकसी िनदश पर रा पित की पवर सहमित स] और सबिधत उ च यायालय क मखय यायमितर स परामशर करन क प ात िकसी उ च यायालय क िकसी ऐस यायाधीश स जो उ चतम यायालय का यायाधीश िनयकत होन क िलए स यकत प स अिहरत ह और िजस भारत का मखय यायमितर नामोिद कर यायालय की बठक म उतनी अविध क िलए िजतनी आव यक हो त रथ यायाधीश क प म उपि थत रहन क िलए िलिखत प म अनरोध कर सकगा
(2) इस परकार नामोिद यायाधीश का कतर य होगा िक वह अपन पद क अ य कतर य पर पिवरकता दकर उस समय और उस अविध क िलए िजसक िलए उसकी उपि थित अपिकषत ह उ चतम यायालय की बठक म उपि थत हो और जब वह इस परकार उपि थत होता ह तब उसको उ चतम यायालय क यायाधीश की सभी अिधकािरता शिकतया और िवशषािधकार ह ग और वह उकत यायाधीश क कतर य का िनवरहन करगा
128 उ चतम यायालय की बठक म सवािनव यायाधीश की उपि थितndashइस अ याय म िकसी बात क होत हए भी 2[रा ीय याियक िनयिकत आयोग] िकसी भी समय रा पित की पवर सहमित स िकसी यिकत स जो उ चतम यायालय या फडरल यायालय क यायाधीश का पद धारण कर चका ह 3[या जो उ च यायालय क यायाधीश का पद धारण कर चका ह और उ चतम यायालय का यायाधीश िनयकत होन क िलए स यकत प स अिहरत ह] उ चतम यायालय क यायाधीश क प म बठन और कायर करन का अनरोध कर सकगा और पर यक ऐसा यिकत िजसस इस परकार अनरोध िकया जाता ह इस परकार बठन और कायर करन क दौरान ऐस भ का हकदार होगा जो रा पित आदश दवारा अवधािरत कर और उसको उस यायालय क यायाधीश की सभी अिधकािरता शिकतया और िवशषािधकार ह ग िक त उस अ यथा उस यायालय का यायाधीश नही समझा जाएगा
पर त जब तक यथापव कत यिकत उस यायालय क यायाधीश क प म बठन 1 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 4 दवारा (13-4-2015 स) ldquoभारत का मखय यायमितर
रा पित की पवर सहमित सrdquo क थान पर परित थािपत यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 वाल मामल म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
2 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 5 दवारा (13-4-2015 स) ldquoभारत का मखय यायमितरrdquo क थान पर परित थािपत यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 वाल मामल म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
3 सिवधान (प दरहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 3 दवारा (5-10-1963 स) अतः थािपत
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और कायर करन की सहमित नही द दता ह तब तक इस अन छद की कोई बात उसस ऐसा करन की अपकषा करन वाली नही समझी जाएगी
129 उ चतम यायालय का अिभलख यायालय होनाndashउ चतम यायालय अिभलख यायालय होगा और उसको अपन अवमान क िलए दड दन की शिकत सिहत ऐस यायालय की सभी शिकतया ह गी
130 उ चतम यायालय का थानndashउ चतम यायालय िद ली म अथवा ऐस अ य थान या थान म अिधिव होगा िज ह भारत का मखय यायमितर रा पित क अनमोदन स समय-समय पर िनयत कर
131 उ चतम यायालय की आरिभक अिधकािरताndashइस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हएndash
(क) भारत सरकार और एक या अिधक रा य क बीच या (ख) एक ओर भारत सरकार और िकसी रा य या रा य और दसरी ओर एक
या अिधक अ य रा य क बीच या (ग) दो या अिधक रा य क बीच
िकसी िववाद म यिद और जहा तक उस िववाद म (िविध का या त य का) ऐसा कोई पर अतवरिलत ह िजस पर िकसी िविधक अिधकार का अि त व या िव तार िनभरर ह तो और वहा तक अ य यायालय का अपवजरन करक उ चतम यायालय को आरिभक अिधकािरता होगी
1[पर त उकत अिधकािरता का िव तार उस िववाद पर नही होगा जो िकसी ऐसी सिध करार परसिवदा वचनबध सनद या वसी ही अ य िलखत स उ प न हआ ह जो इस सिवधान क परारभ स पहल की गई थी या िन पािदत की गई थी और ऐस परारभ क प ात परवतरन म ह या जो यह उपबध करती ह िक उकत अिधकािरता का िव तार ऐस िववाद पर नही होगा ]
2[131क [क दरीय िविधय की सािवधािनक वधता स सबिधत पर क बार म उ चतम यायालय की अन य अिधकािरता ]ndashसिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 4 दवारा (13-4-1978) स िनरिसत
132 कछ मामल म उ च यायालय स अपील म उ चतम यायालय की अपीली अिधकािरताndash(1) भारत क रा यकषतर म िकसी उ च यायालय की िसिवल दािडक या अ य कायरवाही म िदए गए िकसी िनणरय िडकरी या अितम आदश की अपील उ चतम यायालय म होगी 3[यिद वह उ च यायालय अन छद 134क क अधीन परमािणत कर दता ह] िक उस मामल म इस सिवधान क िनवरचन क बार म िविध का कोई सारवान पर अतवरिलत ह
4(2) 1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 5 दवारा पर तक क थान पर (1-11-1956 स) परित थािपत
2 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 23 दवारा (1-2-1977 स) अतः थािपत 3 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 17 दवारा (1-8-1979 स) ldquoयिद उ च यायालय
परमािणत कर दrdquo क थान पर परित थािपत 4 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 17 दवारा (1-8-1979 स) खड (2) का लोप िकया गया
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(3) जहा ऐसा परमाणपतर द िदया गया ह 1 वहा उस मामल म कोई पकषकार इस आधार पर उ चतम यायालय म अपील कर सकगा िक पव कत िकसी पर का िविन य गलत िकया गया ह 4
प ीकरणndashइस अन छद क परयोजन क िलए ldquoअितम आदशrdquo पद क अतगरत ऐस िववादयक का िविन य करन वाला आदश ह जो यिद अपीलाथीर क पकष म िविनि त िकया जाता ह तो उस मामल क अितम िनपटार क िलए पयार होगा
133 उ च यायालय स िसिवल िवषय स सबिधत अपील म उ चतम यायालय की अपीली अिधकािरताndash2[(1) भारत क रा यकषतर म िकसी उ च यायालय की िसिवल कायरवाही म िदए गए िकसी िनणरय िडकरी या अितम आदश की अपील उ चतम यायालय म होगी 3[यिद उ च यायालय अन छद 134क क अधीन परमािणत कर दता ह िक]ndash
(क) उस मामल म िविध का यापक मह व का कोई सारवान पर अतवरिलत ह और
(ख) उ च यायालय की राय म उस पर का उ चतम यायालय दवारा िविन य आव यक ह ] (2) अन छद 132 म िकसी बात क होत हए भी उ चतम यायालय म खड (1) क
अधीन अपील करन वाला कोई पकषकार ऐसी अपील क आधार म यह आधार भी बता सकगा िक इस सिवधान क िनवरचन क बार म िविध क िकसी सारवान पर का िविन य गलत िकया गया ह
(3) इस अन छद म िकसी बात क होत हए भी उ च यायालय क एक यायाधीश क िनणरय िडकरी या अितम आदश की अपील उ चतम यायालय म तब तक नही होगी जब तक सस िविध दवारा अ यथा उपबध न कर
134 दािडक िवषय म उ चतम यायालय की अपीली अिधकािरताndash(1) भारत क रा यकषतर म िकसी उ च यायालय की दािडक कायरवाही म िदए गए िकसी िनणरय अितम आदश या दडादश की अपील उ चतम यायालय म होगी यिदndash
(क) उस उ च यायालय न अपील म िकसी अिभयकत यिकत की दोषमिकत क आदश को उलट िदया ह और उसको म य दडादश िदया ह या
(ख) उस उ च यायालय न अपन परािधकार क अधीन थ िकसी यायालय स िकसी मामल को िवचारण क िलए अपन पास मगा िलया ह और ऐस िवचारण म अिभयकत यिकत को िसदधदोष ठहराया ह और उसको म य दडादश िदया ह या
(ग) वह उ च यायालय 4[अन छद 134क क अधीन परमािणत कर दता ह] िक मामला उ चतम यायालय म अपील िकए जान योगय ह पर त उपखड (ग) क अधीन अपील ऐस उपबध क अधीन रहत हए होगी जो
अन छद 145 क खड (1) क अधीन इस िनिम बनाए जाए और ऐसी शत क अधीन रहत हए होगी जो उ च यायालय िनयत या अपिकषत कर 1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 17 दवारा (1-8-1979 स) कितपय श द का लोप िकया
गया 2 सिवधान (तीसवा सशोधन) अिधिनयम 1972 की धारा 2 दवारा (27-2-1973 स) खड (1) क थान पर
परित थािपत 3 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 18 दवारा (1-8-1979 स) ldquoयिद उ च यायालय
परमािणत करrdquo क थान पर परित थािपत 4 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 19 दवारा (1-8-1979 स) ldquoपरमािणत करता हrdquo क थान
पर परित थािपत
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(2) सस िविध दवारा उ चतम यायालय को भारत क रा यकषतर म िकसी उ च यायालय की दािडक कायरवाही म िदए गए िकसी िनणरय अितम आदश या दडादश की अपील ऐसी शत और पिरसीमाओ क अधीन रहत हए जो ऐसी िविध म िविनिदर की जाए गरहण करन और सनन की अितिरकत शिकत द सकगी
1[134क उ चतम यायालय म अपील क िलए परमाणपतरndashपर यक उ च यायालय जो अन छद 132 क खड (1) या अन छद 133 क खड (1) या अन छद 134 क खड (1) म िनिदर िनणरय िडकरी अितम आदश या दडादश पािरत करता ह या दता ह इस परकार पािरत िकए जान या िदए जान क प ात यथाशकय शीघर इस पर का अवधारण िक उस मामल क सबध म यथाि थित अन छद 132 क खड (1) या अन छद 133 क खड (1) या अन छद 134 क खड (1) क उपखड (ग) म िनिदर परकित का परमाणपतर िदया जाए या नहीndash
(क) यिद वह ऐसा करना ठीक समझता ह तो वपररणा स कर सकगा और (ख) यिद ऐसा िनणरय िडकरी अितम आदश या दडादश पािरत िकए जान या
िदए जान क ठीक प ात यिथत पकषकार दवारा या उसकी ओर स मौिखक आवदन िकया जाता ह तो करगा ] 135 िवदयमान िविध क अधीन फडरल यायालय की अिधकािरता और शिकतय का
उ चतम यायालय दवारा परयोकत य होनाndashजब तक सस िविध दवारा अ यथा उपबध न कर तब तक उ चतम यायालय को भी िकसी ऐस िवषय क सबध म िजसको अन छद 133 या अन छद 134 क उपबध लाग नही होत ह अिधकािरता और शिकतया ह गी यिद उस िवषय क सबध म इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल िकसी िवदयमान िविध क अधीन अिधकािरता और शिकतया फडरल यायालय दवारा परयोकत य थी
136 अपील क िलए उ चतम यायालय की िवशष इजाजतndash(1) इस अ याय म िकसी बात क होत हए भी उ चतम यायालय अपन िववकानसार भारत क रा यकषतर म िकसी यायालय या अिधकरण दवारा िकसी वाद या मामल म पािरत िकए गए या िदए गए िकसी िनणरय िडकरी अवधारण दडादश या आदश की अपील क िलए िवशष इजाजत द सकगा
(2) खड (1) की कोई बात सश बल स सबिधत िकसी िविध दवारा या उसक अधीन गिठत िकसी यायालय या अिधकरण दवारा पािरत िकए गए या िदए गए िकसी िनणरय अवधारण दडादश या आदश को लाग नही होगी
137 िनणरय या आदश का उ चतम यायालय दवारा पनिवरलोकनndashसस दवारा बनाई गई िकसी िविध क या अन छद 145 क अधीन बनाए गए िनयम क उपबध क अधीन रहत हए उ चतम यायालय को अपन दवारा सनाए गए िनणरय या िदए गए आदश का पनिवरलोकन करन की शिकत होगी
138 उ चतम यायालय की अिधकािरता की विदधndash(1) उ चतम यायालय को सघ सची क िवषय म स िकसी क सबध म ऐसी अितिरकत अिधकािरता और शिकतया ह गी जो सस िविध दवारा परदान कर
1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 20 दवारा (1-8-1979 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
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(2) यिद सस िविध दवारा उ चतम यायालय दवारा ऐसी अिधकािरता और शिकतय क परयोग का उपबध करती ह तो उ चतम यायालय को िकसी िवषय क सबध म ऐसी अितिरकत अिधकािरता और शिकतया ह गी जो भारत सरकार और िकसी रा य की सरकार िवशष करार दवारा परदान कर
139 कछ िरट िनकालन की शिकतय का उ चतम यायालय को परद िकया जानाndashसस िविध दवारा उ चतम यायालय को अन छद 32 क खड (2) म विणरत परयोजन स िभ न िक ही परयोजन क िलए ऐस िनदश आदश या िरट िजनक अतगरत बदी पर यकषीकरण परमादश परितषध अिधकार प छा और उपरषण िरट ह या उनम स कोई िनकालन की शिकत परदान कर सकगी
1[139क कछ मामल का अतरणndash2[(1) यिद ऐस मामल िजनम िविध क समान या सारतः समान पर अतवरिलत ह उ चतम यायालय क और एक या अिधक उ च यायालय क अथवा दो या अिधक उ च यायालय क समकष लिबत ह और उ चतम यायालय का वपररणा स अथवा भारत क महा यायवादी दवारा या ऐस िकसी मामल क िकसी पकषकार दवारा िकए गए आवदन पर यह समाधान हो जाता ह िक ऐस पर यापक मह व क सारवान पर ह तो उ चतम यायालय उस उ च यायालय या उन उ च यायालय क समकष लिबत मामल या मामल को अपन पास मगा सकगा और उन सभी मामल को वय िनपटा सकगा
पर त उ चतम यायालय इस परकार मगाए गए मामल को उकत िविध क पर का अवधारण करन क प ात ऐस पर पर अपन िनणरय की परितिलिप सिहत उस उ च यायालय को िजसस मामला मगा िलया गया ह लौटा सकगा और वह उ च यायालय उसक परा होन पर उस मामल को ऐस िनणरय क अन प िनपटान क िलए आग कायरवाही करगा ]
(2) यिद उ चतम यायालय याय क उ य की पितर क िलए ऐसा करना समीचीन समझता ह तो वह िकसी उ च यायालय क समकष लिबत िकसी मामल अपील या अ य कायरवाही का अतरण िकसी अ य उ च यायालय को कर सकगा ]
140 उ चतम यायालय की आनषिगक शिकतयाndashसस िविध दवारा उ चतम यायालय को ऐसी अनपरक शिकतया परदान करन क िलए उपबध कर सकगी जो इस सिवधान क उपबध म स िकसी स असगत न ह और जो उस यायालय को इस सिवधान दवारा या इसक अधीन परद अिधकािरता का अिधक परभावी प स परयोग करन क योगय बनान क िलए आव यक या वाछनीय परतीत ह
141 उ चतम यायालय दवारा घोिषत िविध का सभी यायालय पर आबदधकर होनाndashउ चतम यायालय दवारा घोिषत िविध भारत क रा यकषतर क भीतर सभी यायालय पर आबदधकर होगी
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 24 दवारा (1-2-1977 स) अतः थािपत 2 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 21 दवारा (1-8-1979 स) खड (1) क थान पर
परित थािपत
भारत का सिवधान
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142 उ चतम यायालय की िडिकरय और आदश का परवतरन और परकटीकरण आिद क बार म आदशndash(1) उ चतम यायालय अपनी अिधकािरता का परयोग करत हए ऐसी िडकरी पािरत कर सकगा या ऐसा आदश कर सकगा जो उसक समकष लिबत िकसी वाद या िवषय म पणर याय करन क िलए आव यक हो और इस परकार पािरत िडकरी या िकया गया आदश भारत क रा यकषतर म सवरतर ऐसी रीित स जो सस दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन िविहत की जाए और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐसी रीित स जो रा पित आदश1 दवारा िविहत कर परवतरनीय होगा
(2) सस दवारा इस िनिम बनाई गई िकसी िविध क उपबध क अधीन रहत हए उ चतम यायालय को भारत क सपणर रा यकषतर क बार म िकसी यिकत को हािजर करान क िक ही द तावज क परकटीकरण या पश करान क अथवा अपन िकसी अवमान का अ वषण करन या दड दन क परयोजन क िलए कोई आदश करन की सम त और पर यक शिकत होगी
143 उ चतम यायालय स परामशर करन की रा पित की शिकतndash(1) यिद िकसी समय रा पित को परतीत होता ह िक िविध या त य का कोई ऐसा पर उ प न हआ ह या उ प न होन की सभावना ह जो ऐसी परकित का और ऐस यापक मह व का ह िक उस पर उ चतम यायालय की राय परा करना समीचीन ह तो वह उस पर को िवचार करन क िलए उस यायालय को िनदिशत कर सकगा और वह यायालय ऐसी सनवाई क प ात जो वह ठीक समझता ह रा पित को उस पर अपनी राय परितविदत कर सकगा
(2) रा पित अन छद 131 2 क पर तक म िकसी बात क होत हए भी इस परकार क िववाद को जो 3[उकत पर तक] म विणरत ह राय दन क िलए उ चतम यायालय को िनदिशत कर सकगा और उ चतम यायालय ऐसी सनवाई क प ात जो वह ठीक समझता ह रा पित को उस पर अपनी राय परितविदत करगा
144 िसिवल और याियक परािधकािरय दवारा उ चतम यायालय की सहायता म कायर िकया जानाndashभारत क रा यकषतर क सभी िसिवल और याियक परािधकारी उ चतम यायालय की सहायता म कायर करग
4144क [िविधय की सािवधािनक वधता स सबिधत पर क िनपटार क बार म िवशष उपबध ]ndashसिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 5 दवारा (13-4-1978 स) िनरिसत
145 यायालय क िनयम आिदndash(1) सस दवारा बनाई गई िकसी िविध क उपबध क अधीन रहत हए उ चतम यायालय समय-समय पर रा पित क अनमोदन स यायालय की पदधित और परिकरया क साधारणतया िविनयमन क िलए िनयम बना सकगा िजसक अतगरत िन निलिखत भी ह अथारत ndash
(क) उस यायालय म िविध- यवसाय करन वाल यिकतय क बार म िनयम
(ख) अपील सनन क िलए परिकरया क बार म और अपील सबधी अ य िवषय क बार म िजनक अतगरत वह समय भी ह िजसक भीतर अपील उस यायालय म गरहण की जानी ह िनयम
1 उ चतम यायालय (िडकरी और आदश) परवतरन आदश 1954 (सआ47) दिखए 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoक खड (i)rdquo श द को क और
अक का (1-11-1956 स) लोप िकया गया 3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoउकत खडrdquo क थान पर परित थािपत
4 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 25 दवारा (1-2-1977 स) अतः थािपत
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(ग) भाग 3 दवारा परद अिधकार म स िकसी का परवतरन करान क िलए उस यायालय म कायरवािहय क बार म िनयम
1[(गग) 2[अन छद 139क] क अधीन उस यायालय म कायरवािहय क बार म िनयम ]
(घ) अन छद 134 क खड (1) क उपखड (ग) क अधीन अपील को गरहण िकए जान क बार म िनयम
(ङ) उस यायालय दवारा सनाए गए िकसी िनणरय या िकए गए आदश का िजन शत क अधीन रहत हए पनिवरलोकन िकया जा सकगा उनक बार म और ऐस पनिवरलोकन क िलए परिकरया क बार म िजसक अतगरत वह समय भी ह िजसक भीतर ऐस पनिवरलोकन क िलए आवदन उस यायालय म गरहण िकए जान ह िनयम
(च) उस यायालय म िक ही कायरवािहय क और उनक आनषिगक खच क बार म तथा उसम कायरवािहय क सबध म परभािरत की जान वाली फीस क बार म िनयम
(छ) जमानत मजर करन क बार म िनयम (ज) कायरवािहय को रोकन क बार म िनयम (झ) िजस अपील क बार म उस यायालय को यह परतीत होता ह िक वह
त छ या तग करन वाली ह अथवा िवलब करन क परयोजन स की गई ह उसक सिकष अवधारण क िलए उपबध करन वाल िनयम
(ञ) अन छद 317 क खड (1) म िनिदर जाच क िलए परिकरया क बार म िनयम (2) 3[4 खड (3) क उपबध ] क अधीन रहत हए इस अन छद क अधीन बनाए
गए िनयम उन यायाधीश की यनतम सखया िनयत कर सकग जो िकसी परयोजन क िलए बठग तथा एकल यायाधीश और खड यायालय की शिकत क िलए उपबध कर सकग
(3) िजस मामल म इस सिवधान क िनवरचन क बार म िविध का कोई सारवान पर अतवरिलत ह उसका िविन य करन क परयोजन क िलए या इस सिवधान क अन छद 143 क अधीन िनदश की सनवाई करन क परयोजन क िलए बठन वाल यायाधीश की 5[4 यनतम सखया] पाच होगी
पर त जहा अन छद 132 स िभ न इस अ याय क उपबध क अधीन अपील की सनवाई करन वाला यायालय पाच स कम यायाधीश स िमलकर बना ह और अपील
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 26 दवारा (1-2-1977 स) अतः थािपत 2 सिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 6 दवारा (13-4-1978 स) ldquoअन छद 131क और अन छद
139कrdquo क थान पर परित थािपत 3 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 26 दवारा (1-2-1977 स) ldquoखड (3) क उपबध rdquo क
थान पर परित थािपत 4 सिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 6 दवारा (13-4-1978 स) कितपय श द अक और
अकषर का लोप िकया गया 5 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 26 दवारा (1-2-1977 स) ldquo यनतम सखयाrdquo क थान
पर परित थािपत
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की सनवाई क दौरान उस यायालय का समाधान हो जाता ह िक अपील म सिवधान क िनवरचन क बार म िविध का ऐसा सारवान पर अतवरिलत ह िजसका अवधारण अपील क िनपटार क िलए आव यक ह वहा वह यायालय ऐस पर को उस यायालय को जो ऐस पर को अतवरिलत करन वाल िकसी मामल क िविन य क िलए इस खड की अपकषानसार गिठत िकया जाता ह उसकी राय क िलए िनदिशत करगा और ऐसी राय की पराि पर उस अपील को उस राय क अन प िनपटाएगा
(4) उ चतम यायालय पर यक िनणरय खल यायालय म ही सनाएगा अ यथा नही और अन छद 143 क अधीन पर यक परितवदन खल यायालय म सनाई गई राय क अनसार ही िदया जाएगा अ यथा नही
(5) उ चतम यायालय दवारा पर यक िनणरय और ऐसी पर यक राय मामल की सनवाई म उपि थत यायाधीश की बहसखया की सहमित स ही दी जाएगी अ यथा नही िक त इस खड की कोई बात िकसी ऐस यायाधीश को जो सहमत नही ह अपना िवस मत िनणरय या राय दन स िनवािरत नही करगी
146 उ चतम यायालय क अिधकारी और सवक तथा ययndash(1) उ चतम यायालय क अिधकािरय और सवक की िनयिकतया भारत का मखय यायमितर करगा या उस यायालय का ऐसा अ य यायाधीश या अिधकारी करगा िजस वह िनिद कर
पर त रा पित िनयम दवारा यह अपकषा कर सकगा िक ऐसी िक ही दशाओ म जो िनयम म िविनिदर की जाए िकसी ऐस यिकत को जो पहल स ही यायालय स सलगन नही ह यायालय स सबिधत िकसी पद पर सघ लोक सवा आयोग स परामशर करक ही िनयकत िकया जाएगा अ यथा नही
(2) सस दवारा बनाई गई िविध क उपबध क अधीन रहत हए उ चतम यायालय क अिधकािरय और सवक की सवा की शत ऐसी ह गी जो भारत क मखय यायमितर या उस यायालय क ऐस अ य यायाधीश या अिधकारी दवारा िजस भारत क मखय यायमितर न इस परयोजन क िलए िनयम बनान क िलए परािधकत िकया ह बनाए गए िनयम दवारा िविहत की जाए
पर त इस खड क अधीन बनाए गए िनयम क िलए जहा तक व वतन भ छटटी या पशन स सबिधत ह रा पित क अनमोदन की अपकषा होगी
(3) उ चतम यायालय क परशासिनक यय िजनक अतगरत उस यायालय क अिधकािरय और सवक को या उनक सबध म सदय सभी वतन भ और पशन ह भारत की सिचत िनिध पर भािरत ह ग और उस यायालय दवारा ली गई फीस और अ य धनरािशया उस िनिध का भाग ह गी
147 िनवरचनndashइस अ याय म और भाग 6 क अ याय 5 म इस सिवधान क िनवरचन क बार म िविध क िकसी सारवान पर क परित िनदश का यह अथर लगाया
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जाएगा िक उनक अतगरत भारत शासन अिधिनयम 1935 क (िजसक अतगरत उस अिधिनयम की सशोधक या अनपरक कोई अिधिनयिमित ह) अथवा िकसी सपिरष आदश या उसक अधीन बनाए गए िकसी आदश क अथवा भारतीय वततरता अिधिनयम 1947 क या उसक अधीन बनाए गए िकसी आदश क िनवरचन क बार म िविध क िकसी सारवान पर क परित िनदश ह
अ याय 5ndashभारत का िनयतरक-महालखापरीकषक 148 भारत का िनयतरक-महालखापरीकषकndash(1) भारत का एक िनयतरक-
महालखापरीकषक होगा िजसको रा पित अपन ह ताकषर और मदरा सिहत अिधपतर दवारा िनयकत करगा और उस उसक पद स कवल उसी रीित स और उ ही आधार पर हटाया जाएगा िजस रीित स और िजन आधार पर उ चतम यायालय क यायाधीश को हटाया जाता ह
(2) पर यक यिकत जो भारत का िनयतरक-महालखापरीकषक िनयकत िकया जाता ह अपना पद गरहण करन स पहल रा पित या उसक दवारा इस िनिम िनयकत यिकत क समकष तीसरी अनसची म इस परयोजन क िलए िदए गए पर प क अनसार शपथ लगा या परितजञान करगा और उस पर अपन ह ताकषर करगा
(3) िनयतरक-महालखापरीकषक का वतन और सवा की अ य शत ऐसी ह गी जो सस िविध दवारा अवधािरत कर और जब तक व इस परकार अवधािरत नही की जाती ह तब तक ऐसी ह गी जो दसरी अनसची म िविनिदर ह
पर त िनयतरक-महालखापरीकषक क वतन म और अनपि थित छटटी पशन या िनवि की आय क सबध म उसक अिधकार म उसकी िनयिकत क प ात उसक िलए अलाभकारी पिरवतरन नही िकया जाएगा
(4) िनयतरक-महालखापरीकषक अपन पद पर न रह जान क प ात भारत सरकार क या िकसी रा य की सरकार क अधीन िकसी और पद का पातर नही होगा
(5) इस सिवधान क और सस दवारा बनाई गई िकसी िविध क उपबध क अधीन रहत हए भारतीय लखापरीकषा और लखा िवभाग म सवा करन वाल यिकतय की सवा की शत और िनयतरक-महालखापरीकषक की परशासिनक शिकतया ऐसी ह गी जो िनयतरक-महालखापरीकषक स परामशर करन क प ात रा पित दवारा बनाए गए िनयम दवारा िविहत की जाए
(6) िनयतरक-महालखापरीकषक क कायारलय क परशासिनक यय िजनक अतगरत उस कायारलय म सवा करन वाल यिकतय को या उनक सबध म सदय सभी वतन भ और पशन ह भारत की सिचत िनिध पर भािरत ह ग
149 िनयतरक-महालखापरीकषक क कतर य और शिकतयाndashिनयतरक-महालखापरीकषक सघ क और रा य क तथा िकसी अ य परािधकारी या िनकाय क लखाओ क सबध म ऐस
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कतर य का पालन और ऐसी शिकतय का परयोग करगा िज ह सस दवारा बनाई गई िविध दवारा या उसक अधीन िविहत िकया जाए और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक सघ क और रा य क लखाओ क सबध म ऐस कतर य का पालन और ऐसी शिकतय का परयोग करगा जो इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल करमशः भारत डोिमिनयन क और परात क लखाओ क सबध म भारत क महालखापरीकषक को परद थी या उसक दवारा परयोकत य थी
1[150 सघ क और रा य क लखाओ का पर पndashसघ क और रा य क लखाओ को ऐस पर प म रखा जाएगा जो रा पित भारत क िनयतरक-महालखापरीकषक 2[की सलाह पर] िविहत कर ]
151 सपरीकषा परितवदनndash(1) भारत क िनयतरक-महालखापरीकषक क सघ क लखाओ सबधी परितवदन को रा पित क समकष पर तत िकया जाएगा जो उनको सस क पर यक सदन क समकष रखवाएगा
(2) भारत क िनयतरक-महालखापरीकषक क िकसी रा य क लखाओ सबधी परितवदन को उस रा य क रा यपाल 3 क समकष पर तत िकया जाएगा जो उनको रा य क िवधान-मडल क समकष रखवाएगा
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 27 दवारा (1-4-1977 स) परित थािपत 2 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 22 दवारा (20-6-1979 स) ldquoस परामशर क प ातrdquo क
थान पर परित थािपत 3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का (1-
11-1956 स) लोप िकया गया
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भाग 6 1 रा य
अ याय 1ndashसाधारण
152 पिरभाषाndashइस भाग म जब तक िक सदभर स अ यथा अपिकषत न हो ldquoरा यrdquo पद 2[क अतगरत ज म-क मीर रा य नही ह]
अ याय 2ndashकायरपािलका रा यपाल
153 रा य क रा यपालndashपर यक रा य क िलए एक रा यपाल होगा 3[पर त इस अन छद की कोई बात एक ही यिकत को दो या अिधक रा य क
िलए रा यपाल िनयकत िकए जान स िनवािरत नही करगी ] 154 रा य की कायरपािलका शिकतndash(1) रा य की कायरपािलका शिकत रा यपाल म
िनिहत होगी और वह इसका परयोग इस सिवधान क अनसार वय या अपन अधीन थ अिधकािरय क दवारा करगा
(2) इस अन छद की कोई बातndash (क) िकसी िवदयमान िविध दवारा िकसी अ य परािधकारी को परदान िकए गए
क य रा यपाल को अतिरत करन वाली नही समझी जाएगी या (ख) रा यपाल क अधीन थ िकसी परािधकारी को िविध दवारा क य परदान
करन स सस या रा य क िवधान-मडल को िनवािरत नही करगी 155 रा यपाल की िनयिकतndashरा य क रा यपाल को रा पित अपन ह ताकषर और
मदरा सिहत अिधपतर दवारा िनयकत करगा 156 रा यपाल की पदाविधndash(1) रा यपाल रा पित क परसादपयरत पद धारण
करगा (2) रा यपाल रा पित को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा अपना पद
याग सकगा (3) इस अन छद क पवरगामी उपबध क अधीन रहत हए रा यपाल अपन
पदगरहण की तारीख स पाच वषर की अविध तक पद धारण करगा
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoपहली अनसची क
भाग क म कrdquo श द का लोप िकया गया 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoका अथर पहली अनसची क भाग
क म उि लिखत रा य हrdquo क थान पर परित थािपत 3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 6 दवारा जोड़ा गया
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पर त रा यपाल अपन पद की अविध समा हो जान पर भी तब तक पद धारण करता रहगा जब तक उसका उ रािधकारी अपना पदगरहण नही कर लता ह
157 रा यपाल िनयकत होन क िलए अहरताएndashकोई यिकत रा यपाल िनयकत होन का पातर तभी होगा जब वह भारत का नागिरक ह और पतीस वषर की आय परी कर चका ह
158 रा यपाल क पद क िलए शतndash(1) रा यपाल सस क िकसी सदन का या पहली अनसची म िविनिदर िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का सद य नही होगा और यिद सस क िकसी सदन का या ऐस िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का कोई सद य रा यपाल िनयकत हो जाता ह तो यह समझा जाएगा िक उसन उस सदन म अपना थान रा यपाल क प म अपन पदगरहण की तारीख स िरकत कर िदया ह
(2) रा यपाल अ य कोई लाभ का पद धारण नही करगा (3) रा यपाल िबना िकराया िदए अपन शासकीय िनवास क उपयोग का हकदार
होगा और ऐसी उपलि धय भ और िवशषािधकार का भी जो सस िविध दवारा अवधािरत कर और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐसी उपलि धय भ और िवशषािधकार का जो दसरी अनसची म िविनिदर ह हकदार होगा
1[(3क) जहा एक ही यिकत को दो या अिधक रा य का रा यपाल िनयकत िकया जाता ह वहा उस रा यपाल को सदय उपलि धया और भ उन रा य क बीच ऐस अनपात म आबिटत िकए जाएग जो रा पित आदश दवारा अवधािरत कर ]
(4) रा यपाल की उपलि धया और भ उसकी पदाविध क दौरान कम नही िकए जाएग
159 रा यपाल दवारा शपथ या परितजञानndashपर यक रा यपाल और पर यक यिकत जो रा यपाल क क य का िनवरहन कर रहा ह अपना पदगरहण करन स पहल उस रा य क सबध म अिधकािरता का परयोग करन वाल उ च यायालय क मखय यायमितर या उसकी अनपि थित म उस यायालय क उपल ध य तम यायाधीश क समकष िन निलिखत पर प म शपथ लगा या परितजञान करगा और उस पर अपन ह ताकषर करगा अथारत ndash
ई र की शपथ लता ह ldquoम अमक------------------------------ िक म दधापवरक स यिन ा स परितजञान करता ह
(रा य का नाम) क रा यपाल क पद का कायरपालन (अथवा रा यपाल क क य का िनवरहन) क गा तथा अपनी परी योगयता स सिवधान और िविध का पिररकषण सरकषण और परितरकषण क गा और म (रा य का नाम) की जनता की सवा और क याण म िनरत रहगा rdquo
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 7 दवारा (1-11-1956 स) अतः थािपत
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160 कछ आकि मकताओ म रा यपाल क क य का िनवरहनndashरा पित ऐसी िकसी आकि मकता म जो इस अ याय म उपबिधत नही ह रा य क रा यपाल क क य क िनवरहन क िलए ऐसा उपबध कर सकगा जो वह ठीक समझता ह
161 कषमा आिद की और कछ मामल म दडादश क िनलबन पिरहार या लघकरण की रा यपाल की शिकतndashिकसी रा य क रा यपाल को उस िवषय सबधी िजस िवषय पर उस रा य की कायरपािलका शिकत का िव तार ह िकसी िविध क िव दध िकसी अपराध क िलए िसदधदोष ठहराए गए िकसी यिकत क दड को कषमा उसका परिवलबन िवराम या पिरहार करन की अथवा दडादश म िनलबन पिरहार या लघकरण की शिकत होगी
162 रा य की कायरपािलका शिकत का िव तारndashइस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए िकसी रा य की कायरपािलका शिकत का िव तार उन िवषय पर होगा िजनक सबध म उस रा य क िवधान-मडल को िविध बनान की शिकत ह
परत िजस िवषय क सबध म रा य क िवधान-मडल और सस को िविध बनान की शिकत ह उसम रा य की कायरपािलका शिकत इस सिवधान दवारा या सस दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा सघ या उसक परािधकािरय को अिभ यकत प स परद कायरपािलका शिकत क अधीन और उसस पिरसीिमत होगी
मितर-पिरष 163 रा यपाल को सहायता और सलाह दन क िलए मितर-पिरष ndash(1) िजन बात
म इस सिवधान दवारा या इसक अधीन रा यपाल स यह अपिकषत ह िक वह अपन क य या उनम स िकसी को अपन िववकानसार कर उन बात को छोड़कर रा यपाल को अपन क य का परयोग करन म सहायता और सलाह दन क िलए एक मितर-पिरष होगी िजसका परधान मखयमतरी होगा
(2) यिद कोई पर उठता ह िक कोई िवषय ऐसा ह या नही िजसक सबध म इस सिवधान दवारा या इसक अधीन रा यपाल स यह अपिकषत ह िक वह अपन िववकानसार कायर कर तो रा यपाल का अपन िववकानसार िकया गया िविन य अितम होगा और रा यपाल दवारा की गई िकसी बात की िविधमा यता इस आधार पर पर गत नही की जाएगी िक उस अपन िववकानसार कायर करना चािहए था या नही
(3) इस पर की िकसी यायालय म जाच नही की जाएगी िक कया मितरय न रा यपाल को कोई सलाह दी और यिद दी तो कया दी
164 मितरय क बार म अ य उपबधndash(1) मखयमतरी की िनयिकत रा यपाल करगा और अ य मितरय की िनयिकत रा यपाल मखयमतरी की सलाह पर करगा तथा मतरी रा यपाल क परसादपयरत अपन पद धारण करग
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परत 1[छ ीसगढ़ झारखड] म य परदश और 2[ओिडशा] रा य म जनजाितय क क याण का भारसाधक एक मतरी होगा जो साथ ही अनसिचत जाितय और िपछड़ वग क क याण का या िकसी अ य कायर का भी भारसाधक हो सकगा
3[(1क) िकसी रा य की मितर-पिरष म मखयमतरी सिहत मितरय की कल सखया उस रा य की िवधान सभा क सद य की कल सखया क पदरह परितशत स अिधक नही होगी
परत िकसी रा य म मखयमतरी सिहत मितरय की सखया बारह स कम नही होगी
परत यह और िक जहा सिवधान (इकयानववा सशोधन) अिधिनयम 2003 क परारभ पर िकसी रा य की मितर-पिरष म मखयमतरी सिहत मितरय की कल सखया यथाि थित उकत पदरह परितशत या पहल परतक म िविनिदर सखया स अिधक ह वहा उस रा य म मितरय की कल सखया ऐसी तारीख4 स जो रा पित लोक अिधसचना दवारा िनयत कर छह मास क भीतर इस खड क उपबध क अन प लाई जाएगी
(1ख) िकसी राजनीितक दल का िकसी रा य की िवधान सभा का या िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का िजसम िवधान पिरष ह कोई सद य जो दसवी अनसची क परा 2 क अधीन उस सदन का सद य होन क िलए िनरिहरत ह अपनी िनरहरता की तारीख स परारभ होन वाली और उस तारीख तक िजसको ऐस सद य क प म उसकी पदाविध समा होगी या जहा वह ऐसी अविध की समाि क पवर यथाि थित िकसी रा य की िवधान सभा क िलए या िवधान पिरष वाल िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन क िलए कोई िनवारचन लड़ता ह उस तारीख तक िजसको वह िनवारिचत घोिषत िकया जाता ह इनम स जो भी पवरतर हो की अविध क दौरान खड (1) क अधीन मतरी क प म िनयकत िकए जान क िलए भी िनरिहरत होगा ]
(2) मितर-पिरष रा य की िवधान सभा क परित सामिहक प स उ रदायी होगी (3) िकसी मतरी दवारा अपना पदगरहण करन स पहल रा यपाल तीसरी अनसची म
इस परयोजन क िलए िदए गए पर प क अनसार उसको पद की और गोपनीयता की शपथ िदलाएगा 1 सिवधान (चौरानववा सशोधन) अिधिनयम 2006 की धारा 2 दवारा (12-6-2006 स) ldquoिबहारrdquo क थान पर
परित थािपत 2 उड़ीसा (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 2011 (2011 का 15) की धारा 4 दवारा (1-11-2011 स) ldquoउड़ीसाrdquo क थान पर
परित थािपत 3 सिवधान (इकयानववा सशोधन) अिधिनयम 2003 की धारा 3 दवारा (1-1-2004 स) अतः थािपत 4 दिखए अिधसचना स काआ 21(अ) तारीख 7-1-2004
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(4) कोई मतरी जो िनरतर छह मास की िकसी अविध तक रा य क िवधान-मडल का सद य नही ह उस अविध की समाि पर मतरी नही रहगा
(5) मितरय क वतन और भ ऐस ह ग जो उस रा य का िवधान-मडल िविध दवारा समय-समय पर अवधािरत कर और जब तक उस रा य का िवधान-मडल इस परकार अवधािरत नही करता ह तब तक ऐस ह ग जो दसरी अनसची म िविनिदर ह
रा य का महािधवकता 165 रा य का महािधवकताndash(1) पर यक रा य का रा यपाल उ च यायालय का
यायाधीश िनयकत होन क िलए अिहरत िकसी यिकत को रा य का महािधवकता िनयकत करगा
(2) महािधवकता का यह कतर य होगा िक वह उस रा य की सरकार को िविध सबधी ऐस िवषय पर सलाह द और िविधक व प क ऐस अ य कतर य का पालन कर जो रा यपाल उसको समय-समय पर िनदिशत कर या स प और उन क य का िनवरहन कर जो उसको इस सिवधान अथवा त समय परव िकसी अ य िविध दवारा या उसक अधीन परदान िकए गए ह
(3) महािधवकता रा यपाल क परसादपयरत पद धारण करगा और ऐसा पािर िमक परा करगा जो रा यपाल अवधािरत कर
सरकारी कायर का सचालन 166 रा य की सरकार क कायर का सचालनndash(1) िकसी रा य की सरकार की
सम त कायरपािलका काररवाई रा यपाल क नाम स की हई कही जाएगी (2) रा यपाल क नाम स िकए गए और िन पािदत आदश और अ य िलखत को
ऐसी रीित स अिधपरमािणत िकया जाएगा जो रा यपाल दवारा बनाए जान वाल िनयम म िविनिदर की जाए और इस परकार अिधपरमािणत आदश या िलखत की िविधमा यता इस आधार पर पर गत नही की जाएगी िक वह रा यपाल दवारा िकया गया या िन पािदत आदश या िलखत नही ह
(3) रा यपाल रा य की सरकार का कायर अिधक सिवधापवरक िकए जान क िलए और जहा तक वह कायर ऐसा कायर नही ह िजसक िवषय म इस सिवधान दवारा या इसक अधीन रा यपाल स यह अपिकषत ह िक वह अपन िववकानसार कायर कर वहा तक मितरय म उकत कायर क आबटन क िलए िनयम बनाएगा
1(4)
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 28 दवारा (3-1-1977 स) खड 4 अतः थािपत िकया
गया था और उसका सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 23 दवारा (20-6-1979 स) लोप िकया गया
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167 रा यपाल को जानकारी दन आिद क सबध म मखयमतरी क कतर यndashपर यक रा य क मखयमतरी का यह कतर य होगा िक वहndash
(क) रा य क काय क परशासन सबधी और िवधान िवषयक पर थापनाओ सबधी मितर-पिरष क सभी िविन य रा यपाल को ससिचत कर
(ख) रा य क काय क परशासन सबधी और िवधान िवषयक पर थापनाओ सबधी जो जानकारी रा यपाल माग वह द और
(ग) िकसी िवषय को िजस पर िकसी मतरी न िविन य कर िदया ह िकत मितर-पिरष न िवचार नही िकया ह रा यपाल दवारा अपकषा िकए जान पर पिरष क समकष िवचार क िलए रख
अ याय 3ndashरा य का िवधान-मडल साधारण
168 रा य क िवधान-मडल का गठनndash(1) पर यक रा य क िलए एक िवधान-मडल होगा जो रा यपाल औरndash
(क) 1 2[आधर परदश] िबहार 3 4[म य परदश] 5 6[महारा ] 7[कनारटक] 8 9 [10[तिमलनाड तलगाना] 11[और उ र परदश] रा य म दो सदन स
1 ldquoआधर परदशrdquo श द का आधर परदश िवधान पिरष (उ सादन) अिधिनयम 1985 (1985 का 34) की धारा 4 दवारा
(1-6-1985 स) लोप िकया गया 2 आधर परदश िवधान पिरष अिधिनयम 2005 (2006 का 1) की धारा 3 दवारा (30-3-2007 स) अतः थािपत 3 मबई पनगरठन अिधिनयम 1960 (1960 का 11) की धारा 20 दवारा (1-5-1960 स) ldquoमबईrdquo श द का लोप िकया
गया 4 इस उपखड म ldquoम य परदशrdquo श द क अतः थापन क िलए सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा
8(2) क अधीन कोई तारीख िनयत नही की गई ह 5 तिमलनाड िवधान पिरष (उ सादन) अिधिनयम 1986 (1986 का 40) की धारा 4 दवारा (1-11-1986 स)
ldquoतिमलनाडrdquo श द का लोप िकया गया 6 मबई पनगरठन अिधिनयम 1960 (1960 का 11) की धारा 20 दवारा (1-5-1960 स) अतः थािपत
7 मसर रा य (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 1973 (1973 का 31) की धारा 4 दवारा (1-11-1973 स) ldquoमसरrdquo क थान पर परित थािपत िजस सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 8(1) दवारा (1-11-1956 स) अतः थािपत िकया गया था
8 पजाब िवधान पिरष (उ सादन) अिधिनयम 1969 (1969 का 46) की धारा 4 दवारा (7-1-1970 स) ldquoपजाबrdquo श द का लोप िकया गया
9 तिमलनाड िवधान पिरष अिधिनयम 2010 (2010 का 16) की धारा 3 दवारा (तारीख बाद म अिधसिचत की जाएगी) अतः थािपत
10 आधर परदश पनगरठन अिधिनयम 2014 (2014 का 6) की धारा 96 दवारा (1-6-2014 स) तिमलनाड क थान पर परित थािपत
11 बगाल िवधान पिरष (उ सादन) अिधिनयम 1969 (1969 का 20) की धारा 4 दवारा (1-8-1969 स) ldquoउ र परदश और पि मी बगालrdquo क थान पर परित थािपत
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(ख) अ य रा य म एक सदन स िमलकर बनगा
(2) जहा िकसी रा य क िवधान-मडल क दो सदन ह वहा एक का नाम िवधान पिरष और दसर का नाम िवधान सभा होगा और जहा कवल एक सदन ह वहा उसका नाम िवधान सभा होगा ]
169 रा य म िवधान पिरषद का उ सादन या सजनndash(1) अन छद 168 म िकसी बात क होत हए भी सस िविध दवारा िकसी िवधान पिरष वाल रा य म िवधान पिरष क उ सादन क िलए या ऐस रा य म िजसम िवधान पिरष नही ह िवधान पिरष क सजन क िलए उपबध कर सकगी यिद उस रा य की िवधान सभा न इस आशय का सक प िवधान सभा की कल सद य सखया क बहमत दवारा तथा उपि थत और मत दन वाल सद य की सखया क कम स कम दो-ितहाई बहमत दवारा पािरत कर िदया ह
(2) खड (1) म िविनिदर िकसी िविध म इस सिवधान क सशोधन क िलए ऐस उपबध अतिवर ह ग जो उस िविध क उपबध को परभावी करन क िलए आव यक ह तथा ऐस अनपरक आनषिगक और पािरणािमक उपबध भी अतिवर हो सकग िज ह सस आव यक समझ
(3) पव कत परकार की कोई िविध अन छद 368 क परयोजन क िलए इस सिवधान का सशोधन नही समझी जाएगी
1[170 िवधान सभाओ की सरचनाndash(1) अन छद 333 क उपबध क अधीन रहत हए पर यक रा य की िवधान सभा उस रा य म परादिशक िनवारचन-कषतर स पर यकष िनवारचन दवारा चन हए पाच सौ स अनिधक और साठ स अ यन सद य स िमलकर बनगी
(2) खड (1) क परयोजन क िलए पर यक रा य को परादिशक िनवारचन-कषतर म ऐसी रीित स िवभािजत िकया जाएगा िक पर यक िनवारचन-कषतर की जनसखया का उसको आबिटत थान की सखया स अनपात सम त रा य म यथासा य एक ही हो
2[ प ीकरणndashइस खड म ldquoजनसखयाrdquo पद स ऐसी अितम पवरवतीर जनगणना म अिभिनि त की गई जनसखया अिभपरत ह िजसक ससगत आकड़ परकािशत हो गए ह
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 9 दवारा (1-11-1956 स) परित थािपत 2 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 29 दवारा (3-1-1977 स) प ीकरण क थान पर
परित थािपत
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परत इस प ीकरण म अितम पवरवतीर जनगणना क परित िजसक ससगत आकड़ परकािशत हो गए ह िनदश का जब तक सन 1[2026] क प ात की गई पहली जनगणना क ससगत आकड़ परकािशत नही हो जात ह यह अथर लगाया जाएगा िक वह 2[2001] की जनगणना क परितिनदश ह ]
(3) पर यक जनगणना की समाि पर पर यक रा य की िवधान सभा म थान की कल सखया और पर यक रा य क परादिशक िनवारचन-कषतर म िवभाजन का ऐस परािधकारी दवारा और ऐसी रीित स पनःसमायोजन िकया जाएगा जो सस िविध दवारा अवधािरत कर
परत ऐस पन समायोजन स िवधान सभा म परितिनिध व पद पर तब तक कोई परभाव नही पड़गा जब तक उस समय िवदयमान िवधान सभा का िवघटन नही हो जाता ह
3[परत यह और िक ऐसा पन समायोजन उस तारीख स परभावी होगा जो रा पित आदश दवारा िविनिदर कर और ऐस पन समायोजन क परभावी होन तक िवधान सभा क िलए कोई िनवारचन उन परादिशक िनवारचन-कषतर क आधार पर हो सकगा जो ऐस पन समायोजन क पहल िवदयमान ह
परत यह और भी िक जब तक सन 1[2026] क प ात की गई पहली जनगणना क ससगत आकड़ परकािशत नही हो जात ह तब तक इस खड क अधीनndash
(i) पर यक रा य की िवधान सभा म 1971 की जनगणना क आधार पर पन समायोिजत थान की कल सखया का और
(ii) ऐस रा य क परादिशक िनवारचन-कषतर म िवभाजन का जो 2[2001] की जनगणना क आधार पर पन समायोिजत िकए जाए
4[पन समायोजन आव यक नही होगा ] 171 िवधान पिरषद की सरचनाndash(1) िवधान पिरष वाल रा य की िवधान
पिरष क सद य की कल सखया उस रा य की िवधान सभा क सद य की कल सखया क 5[एक-ितहाई] स अिधक नही होगी
1 सिवधान (चौरासीवा सशोधन) अिधिनयम 2001 की धारा 5 दवारा (21-2-2002 स) ldquo2000rdquo क थान पर
परित थािपत 2 सिवधान (सतासीवा सशोधन) अिधिनयम 2003 की धारा 4 दवारा (22-6-2003 स) ldquo1991rdquo क थान पर
परित थािपत सिवधान (चौरासीवा सशोधन) अिधिनयम 2001 की धारा 5 दवारा (21-2-2002 स) मल अक 1971 क थान पर 1991 अक परित थािपत िकए गए थ
3 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 29 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत 4 सिवधान (चौरासीवा सशोधन) अिधिनयम 2001 की धारा 5 दवारा (21-2-2002 स) 2000 अक क थान पर
परित थािपत 5 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 10 दवारा (1-11-1956 स) ldquoएक चौथाईrdquo क थान पर
परित थािपत
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परत िकसी रा य की िवधान पिरष क सद य की कल सखया िकसी भी दशा म चालीस स कम नही होगी
(2) जब तक सस िविध दवारा अ यथा उपबध न कर तब तक िकसी रा य की िवधान पिरष की सरचना खड (3) म उपबिधत रीित स होगी
(3) िकसी रा य की िवधान पिरष क सद य की कल सखया काndash (क) यथाशकय िनकटतम एक-ितहाई भाग उस रा य की नगरपािलकाओ
िजला बोड और अ य ऐस थानीय परािधकािरय क जो सस िविध दवारा िविनिदर कर सद य स िमलकर बनन वाल िनवारचक-मडल दवारा िनवारिचत होगा
(ख) यथाशकय िनकटतम बारहवा भाग उस रा य म िनवास करन वाल ऐस यिकतय स िमलकर बनन वाल िनवारचक-मडल दवारा िनवारिचत होगा जो भारत क रा यकषतर म िकसी िव िवदयालय क कम स कम तीन वषर स नातक ह या िजनक पास कम स कम तीन वषर स ऐसी अहरताए ह जो सस दवारा बनाई गई िकसी िविध या उसक अधीन ऐस िकसी िव िवदयालय क नातक की अहरताओ क समत य िविहत की गई ह
(ग) यथाशकय िनकटतम बारहवा भाग ऐस यिकतय स िमलकर बनन वाल िनवारचक-मडल दवारा िनवारिचत होगा जो रा य क भीतर मा यिमक पाठशालाओ स अिन न तर की ऐसी िशकषा स थाओ म जो सस दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन िविहत की जाए पढ़ान क काम म कम स कम तीन वषर स लग हए ह
(घ) यथाशकय िनकटतम एक-ितहाई भाग रा य की िवधान सभा क सद य दवारा ऐस यिकतय म स िनवारिचत होगा जो िवधान सभा क सद य नही ह
(ङ) शष सद य रा यपाल दवारा खड (5) क उपबध क अनसार नामिनदिशत िकए जाएग (4) खड (3) क उपखड (क) उपखड (ख) और उपखड (ग) क अधीन िनवारिचत
होन वाल सद य ऐस परादिशक िनवारचन-कषतर म चन जाएग जो सस दवारा बनाई गई िविध दवारा या उसक अधीन िविहत िकए जाए तथा उकत उपखड क और उकत खड क उपखड (घ) क अधीन िनवारचन आनपाितक परितिनिध व पदधित क अनसार एकल सकरमणीय मत दवारा ह ग
(5) रा यपाल दवारा खड (3) क उपखड (ङ) क अधीन नामिनदिशत िकए जान वाल सद य ऐस यिकत ह ग िज ह िन निलिखत िवषय क सबध म िवशष जञान या यावहािरक अनभव ह अथारत ndash
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सािह य िवजञान कला सहकारी आदोलन और समाज सवा 172 रा य क िवधान-मडल की अविधndash(1) पर यक रा य की पर यक िवधान
सभा यिद पहल ही िवघिटत नही कर दी जाती ह तो अपन परथम अिधवशन क िलए िनयत तारीख स 1[पाच वषर] तक बनी रहगी इसस अिधक नही और 1[पाच वषर] की उकत अविध की समाि का पिरणाम िवधान सभा का िवघटन होगा
परत उकत अविध को जब आपात की उदघोषणा परवतरन म ह तब सस िविध दवारा ऐसी अविध क िलए बढ़ा सकगी जो एक बार म एक वषर स अिधक नही होगी और उदघोषणा क परवतरन म न रह जान क प ात िकसी भी दशा म उसका िव तार छह मास की अविध स अिधक नही होगा
(2) रा य की िवधान पिरष का िवघटन नही होगा िकत उसक सद य म स यथासभव िनकटतम एक-ितहाई सद य सस दवारा िविध दवारा इस िनिम बनाए गए उपबध क अनसार पर यक िदवतीय वषर की समाि पर यथाशकय शीघर िनव हो जाएग
173 रा य क िवधान-मडल की सद यता क िलए अहरताndashकोई यिकत िकसी रा य म िवधान-मडल क िकसी थान को भरन क िलए चन जान क िलए अिहरत तभी होगा जबndash
2[(क) वह भारत का नागिरक ह और िनवारचन आयोग दवारा इस िनिम परािधकत िकसी यिकत क समकष तीसरी अनसची म इस परयोजन क िलए िदए गए पर प क अनसार शपथ लता ह या परितजञान करता ह और उस पर अपन ह ताकषर करता ह ]
(ख) वह िवधान सभा क थान क िलए कम स कम प चीस वषर की आय का और िवधान पिरष क थान क िलए कम स कम तीस वषर की आय का ह और
(ग) उसक पास ऐसी अ य अहरताए ह जो इस िनिम सस दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन िविहत की जाए
1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 24 दवारा (6-9-1979 स) ldquoछह वषरrdquo क थान पर
परित थािपत सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 30 दवारा (3-1-1977 स) मल श द ldquoपाच वषरrdquo क थान पर ldquoछह वषरrdquo परित थािपत िकए गए थ
2 सिवधान (सोलहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 4 दवारा (5-10-1963 स) खड (क) क थान पर परित थािपत
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1[174 रा य क िवधान-मडल क सतर सतरावसान और िवघटनndash(1) रा यपाल समय-समय पर रा य क िवधान-मडल क सदन या पर यक सदन को ऐस समय और थान पर जो वह ठीक समझ अिधवशन क िलए आहत करगा िकत उसक एक सतर की अितम बठक और आगामी सतर की परथम बठक क िलए िनयत तारीख क बीच छह मास का अतर नही होगा
(2) रा यपाल समय-समय परndash (क) सदन का या िकसी सदन का सतरावसान कर सकगा (ख) िवधान सभा का िवघटन कर सकगा ]
175 सदन या सदन म अिभभाषण का और उनको सदश भजन का रा यपाल का अिधकारndash(1) रा यपाल िवधान सभा म या िवधान पिरष वाल रा य की दशा म उस रा य क िवधान-मडल क िकसी एक सदन म या एक साथ समवत दोन सदन म अिभभाषण कर सकगा और इस परयोजन क िलए सद य की उपि थित की अपकषा कर सकगा
(2) रा यपाल रा य क िवधान-मडल म उस समय लिबत िकसी िवधयक क सबध म सदश या कोई अ य सदश उस रा य क िवधान-मडल क सदन या सदन को भज सकगा और िजस सदन को कोई सदश इस परकार भजा गया ह वह सदन उस सदश दवारा िवचार करन क िलए अपिकषत िवषय पर सिवधानसार शीघरता स िवचार करगा
176 रा यपाल का िवशष अिभभाषणndash(1) रा यपाल 2[िवधान सभा क िलए पर यक साधारण िनवारचन क प ात परथम सतर क आरभ म] और पर यक वषर क परथम सतर क आरभ म िवधान सभा म या िवधान पिरष वाल रा य की दशा म एक साथ समवत दोन सदन म अिभभाषण करगा और िवधान-मडल को उसक आ ान क कारण बताएगा
(2) सदन या पर यक सदन की परिकरया का िविनयमन करन वाल िनयम दवारा ऐस अिभभाषण म िनिदर िवषय की चचार क िलए समय िनयत करन क िलए 3 उपबध िकया जाएगा
177 सदन क बार म मितरय और महािधवकता क अिधकारndashपर यक मतरी और रा य क महािधवकता को यह अिधकार होगा िक वह उस रा य की िवधान सभा म या िवधान पिरष वाल रा य की दशा म दोन सदन म बोल और उनकी कायरवािहय म अ यथा भाग ल और िवधान-मडल की िकसी सिमित म िजसम उसका नाम सद य क प म िदया गया ह बोल और उसकी कायरवािहय म अ यथा भाग ल िक त इस
अन छद क आधार पर वह मत दन का हकदार नही होगा
1 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 8 दवारा (18-6-1951 स) परित थािपत 2 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 9 दवारा ldquoपर यक सतरrdquo क थान पर (18-6-1951 स)
परित थािपत
3 सिवधान (पहला सशोधन) अिधिनयम 1951 की धारा 9 दवारा ldquoतथा सदन क अ य कायर पर इस चचार को अगरता दन क िलएrdquo श द का लोप िकया गया
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रा य क िवधान-मडल क अिधकारी 178 िवधान सभा का अ यकष और उपा यकषndashपर यक रा य की िवधान सभा
यथाशकय शीघर अपन दो सद य को अपना अ यकष और उपा यकष चनगी और जब-जब अ यकष या उपा यकष का पद िरकत होता ह तब-तब िवधान सभा िकसी अ य सद य को यथाि थित अ यकष या उपा यकष चनगी
179 अ यकष और उपा यकष का पद िरकत होना पद याग और पद स हटाया जानाndashिवधान सभा क अ यकष या उपा यकष क प म पद धारण करन वाला सद यndash
(क) यिद िवधान सभा का सद य नही रहता ह तो अपना पद िरकत कर दगा
(ख) िकसी भी समय यिद वह सद य अ यकष ह तो उपा यकष को सबोिधत और यिद वह सद य उपा यकष ह तो अ यकष को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा अपना पद याग सकगा और
(ग) िवधान सभा क त कालीन सम त सद य क बहमत स पािरत सक प दवारा अपन पद स हटाया जा सकगा परत खड (ग) क परयोजन क िलए कोई सक प तब तक पर तािवत नही िकया
जाएगा जब तक िक उस सक प को पर तािवत करन क आशय की कम स कम चौदह िदन की सचना न द दी गई हो
परत यह और िक जब कभी िवधान सभा का िवघटन िकया जाता ह तो िवघटन क प ात होन वाल िवधान सभा क परथम अिधवशन क ठीक पहल तक अ यकष अपन पद को िरकत नही करगा
180 अ यकष क पद क कतर य का पालन करन या अ यकष क प म कायर करन की उपा यकष या अ य यिकत की शिकतndash(1) जब अ यकष का पद िरकत ह तो उपा यकष या यिद उपा यकष का पद भी िरकत ह तो िवधान सभा का ऐसा सद य िजसको रा यपाल इस परयोजन क िलए िनयकत कर उस पद क कतर य का पालन करगा
(2) िवधान सभा की िकसी बठक स अ यकष की अनपि थित म उपा यकष या यिद वह भी अनपि थत ह तो ऐसा यिकत जो िवधान सभा की परिकरया क िनयम दवारा अवधािरत िकया जाए या यिद ऐसा कोई यिकत उपि थत नही ह तो ऐसा अ य यिकत जो िवधान सभा दवारा अवधािरत िकया जाए अ यकष क प म कायर करगा
181 जब अ यकष या उपा यकष को पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब उसका पीठासीन न होनाndash(1) िवधान सभा की िकसी बठक म जब अ यकष को उसक पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब अ यकष या जब उपा यकष को उसक पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब उपा यकष उपि थत रहन पर भी पीठासीन नही होगा और अन छद 180 क खड (2) क उपबध ऐसी पर यक बठक क सबध म वस ही लाग ह ग जस वह उस बठक क सबध म लाग होत ह िजसस यथाि थित अ यकष या उपा यकष अनपि थत ह
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(2) जब अ यकष को उसक पद स हटान का कोई सक प िवधान सभा म िवचाराधीन ह तब उसको िवधान सभा म बोलन और उसकी कायरवािहय म अ यथा भाग लन का अिधकार होगा और वह अन छद 189 म िकसी बात क होत हए भी ऐस सक प पर या ऐसी कायरवािहय क दौरान िकसी अ य िवषय पर परथमत ही मत दन का हकदार होगा िकत मत बराबर होन की दशा म मत दन का हकदार नही होगा
182 िवधान पिरष का सभापित और उपसभापितndashिवधान पिरष वाल पर यक रा य की िवधान पिरष यथाशीघर अपन दो सद य को अपना सभापित और उपसभापित चनगी और जब-जब सभापित या उपसभापित का पद िरकत होता ह तब-तब पिरष िकसी अ य सद य को यथाि थित सभापित या उपसभापित चनगी
183 सभापित और उपसभापित का पद िरकत होना पद याग और पद स हटाया जानाndashिवधान पिरष क सभापित या उपसभापित क प म पद धारण करन वाला सद यndash
(क) यिद िवधान पिरष का सद य नही रहता ह तो अपना पद िरकत कर दगा
(ख) िकसी भी समय यिद वह सद य सभापित ह तो उपसभापित को सबोिधत और यिद वह सद य उपसभापित ह तो सभापित को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा अपना पद याग सकगा और
(ग) िवधान पिरष क त कालीन सम त सद य क बहमत स पािरत सक प दवारा अपन पद स हटाया जा सकगा परत खड (ग) क परयोजन क िलए कोई सक प तब तक पर तािवत नही िकया
जाएगा जब तक िक उस सक प को पर तािवत करन क आशय की कम स कम चौदह िदन की सचना न द दी गई हो
184 सभापित क पद क कतर य का पालन करन या सभापित क प म कायर करन की उपसभापित या अ य यिकत की शिकतndash(1) जब सभापित का पद िरकत ह तब उपसभापित यिद उपसभापित का पद भी िरकत ह तो िवधान पिरष का ऐसा सद य िजसको रा यपाल इस परयोजन क िलए िनयकत कर उस पद क कतर य का पालन करगा
(2) िवधान पिरष की िकसी बठक स सभापित की अनपि थित म उपसभापित या यिद वह भी अनपि थत ह तो ऐसा यिकत जो िवधान पिरष की परिकरया क िनयम दवारा अवधािरत िकया जाए या यिद ऐसा कोई यिकत उपि थत नही ह तो ऐसा अ य यिकत जो िवधान पिरष दवारा अवधािरत िकया जाए सभापित क प म कायर करगा
185 जब सभापित या उपसभापित को पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन
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ह तब उसका पीठासीन न होनाndash(1) िवधान पिरष की िकसी बठक म जब सभापित को उसक पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब सभापित या जब उपसभापित को उसक पद स हटान का कोई सक प िवचाराधीन ह तब उपसभापित उपि थत रहन पर भी पीठासीन नही होगा और अन छद 184 क खड (2) क उपबध ऐसी पर यक बठक क सबध म वस ही लाग ह ग जस व उस बठक क सबध म लाग होत ह िजसस यथाि थित सभापित या उपसभापित अनपि थत ह
(2) जब सभापित को उसक पद स हटान का कोई सक प िवधान पिरष म िवचाराधीन ह तब उसको िवधान पिरष म बोलन और उसकी कायरवािहय म अ यथा भाग लन का अिधकार होगा और वह अन छद 189 म िकसी बात क होत हए भी ऐस सक प पर या ऐसी कायरवािहय क दौरान िकसी अ य िवषय पर परथमत ही मत दन का हकदार होगा िकत मत बराबर होन की दशा म मत दन का हकदार नही होगा
186 अ यकष और उपा यकष तथा सभापित और उपसभापित क वतन और भ ndashिवधान सभा क अ यकष और उपा यकष को तथा िवधान पिरष क सभापित और उपसभापित को ऐस वतन और भ का जो रा य का िवधान-मडल िविध दवारा िनयत कर और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐस वतन और भ का जो दसरी अनसची म िविनिदर ह सदाय िकया जाएगा
187 रा य क िवधान-मडल का सिचवालयndash(1) रा य क िवधान-मडल क सदन का या पर यक सदन का पथक सिचवीय कमरचािरव द होगा
परत िवधान पिरष वाल रा य क िवधान-मडल की दशा म इस खड की िकसी बात का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह ऐस िवधान-मडल क दोन सदन क िलए सि मिलत पद क सजन को िनवािरत करती ह
(2) रा य का िवधान-मडल िविध दवारा रा य क िवधान-मडल क सदन या सदन क सिचवीय कमरचािरवद म भतीर का और िनयकत यिकतय की सवा की शत का िविनयमन कर सकगा
(3) जब तक रा य का िवधान-मडल खड (2) क अधीन उपबध नही करता ह तब तक रा यपाल यथाि थित िवधान सभा क अ यकष या िवधान पिरष क सभापित स परामशर करन क प ात िवधान सभा क या िवधान पिरष क सिचवीय कमरचािरवद म भतीर क और िनयकत यिकतय की सवा की शत क िविनयमन क िलए िनयम बना सकगा और इस परकार बनाए गए िनयम उकत खड क अधीन बनाई गई िकसी िविध क उपबध क अधीन रहत हए परभावी ह ग
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कायर सचालन 188 सद य दवारा शपथ या परितजञानndashरा य की िवधान सभा या िवधान पिरष
का पर यक सद य अपना थान गरहण करन स पहल रा यपाल या उसक दवारा इस िनिम िनयकत यिकत क समकष तीसरी अनसची म इस परयोजन क िलए िदए गए पर प क अनसार शपथ लगा या परितजञान करगा और उस पर अपन ह ताकषर करगा
189 सदन म मतदान िरिकतय क होत हए भी सदन की कायर करन की शिकत और गणपितरndash(1) इस सिवधान म यथा अ यथा उपबिधत क िसवाय िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन की बठक म सभी पर का अवधारण अ यकष या सभापित को अथवा उस प म कायर करन वाल यिकत को छोड़कर उपि थत और मत दन वाल सद य क बहमत स िकया जाएगा
अ यकष या सभापित अथवा उस प म कायर करन वाला यिकत परथमत मत नही दगा िकत मत बराबर होन की दशा म उसका िनणारयक मत होगा और वह उसका परयोग करगा
(2) रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन की सद यता म कोई िरिकत होन पर भी उस सदन को कायर करन की शिकत होगी और यिद बाद म यह पता चलता ह िक कोई यिकत जो ऐसा करन का हकदार नही था कायरवािहय म उपि थत रहा ह या उसन मत िदया ह या अ यथा भाग िलया ह तो भी रा य क िवधान-मडल की कायरवाही िविधमा य होगी
1[(3) जब तक रा य का िवधान-मडल िविध दवारा अ यथा उपबध न कर तब तक रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का अिधवशन गिठत करन क िलए गणपितर दस सद य या सदन क सद य की कल सखया का दसवा भाग इसम स जो भी अिधक हो होगी
(4) यिद रा य की िवधान सभा या िवधान पिरष क अिधवशन म िकसी समय गणपितर नही ह तो अ यकष या सभापित अथवा उस प म कायर करन वाल यिकत का यह कतर य होगा िक वह सदन को थिगत कर द या अिधवशन को तब तक क िलए िनलिबत कर द जब तक गणपितर नही हो जाती ह ]
सद य की िनरहरताए 190 थान का िरकत होनाndash(1) कोई यिकत रा य क िवधान-मडल क दोन सदन
का सद य नही होगा और जो यिकत दोन सदन का सद य चन िलया जाता ह उसक एक या दसर सदन क थान को िरकत करन क िलए उस रा य का िवधान-मडल िविध दवारा उपबध करगा
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 31 दवारा कितपय श द को तारीख अिधसिचत नही की
गई) परित थािपत नही िकया गया इस सशोधन का सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 45 दवारा (20-6-1979 स) लोप कर िदया गया
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(2) कोई यिकत पहली अनसची म िविनिदर दो या अिधक रा य क िवधान-मडल का सद य नही होगा और यिद कोई यिकत दो या अिधक ऐस रा य क िवधान-मडल का सद य चन िलया जाता ह तो ऐसी अविध की समाि क प ात जो रा पित दवारा बनाए गए िनयम 1 म िविनिदर की जाए ऐस सभी रा य क िवधान-मडल म ऐस यिकत का थान िरकत हो जाएगा यिद उसन एक रा य को छोड़कर अ य रा य क िवधान-मडल म अपन थान को पहल ही नही याग िदया ह
(3) यिद रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का सद यndash (क) 2[अन छद 191 क खड (2)] म विणरत िकसी िनरहरता स गर त हो
जाता ह या 3[(ख) यथाि थित अ यकष या सभापित को सबोिधत अपन ह ताकषर
सिहत लख दवारा अपन थान का याग कर दता ह और उसका यागपतर यथाि थित अ यकष या सभापित दवारा वीकार कर िलया जाता ह]
तो ऐसा होन पर उसका थान िरकत हो जाएगा 4[परत उपखड (ख) म िनिदर यागपतर की दशा म यिद परा जानकारी स या
अ यथा और ऐसी जाच करन क प ात जो वह ठीक समझ यथाि थित अ यकष या सभापित का यह समाधान हो जाता ह िक ऐसा यागपतर वि छक या असली नही ह तो वह ऐस यागपतर को वीकार नही करगा ]
(4) यिद िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का सद य साठ िदन की अविध तक सदन की अनजञा क िबना उसक सभी अिधवशन स अनपि थत रहता ह तो सदन उसक थान को िरकत घोिषत कर सकगा
परत साठ िदन की उकत अविध की सगणना करन म िकसी ऐसी अविध को िहसाब म नही िलया जाएगा िजसक दौरान सदन सतराविसत या िनरतर चार स अिधक िदन क िलए थिगत रहता ह
191 सद यता क िलए िनरहरताएndash(1) कोई यिकत िकसी रा य की िवधान सभा या िवधान पिरष का सद य चन जान क िलए और सद य होन क िलए िनरिहरत होगाndash 1 दिखए िविध मतरालय की अिधसचना स0 एफ0 4650-सी िदनाक 26 जनवरी 1950 भारत का राजपतर
असाधारण प 678 म परकािशत समसामियक सद यता परितषध िनयम 1950 2 सिवधान (बावनवा सशोधन) अिधिनयम 1985 की धारा 4 दवारा (1-3-1985 स) ldquoअन छद 191 क खड (1)rdquo क
थान पर परित थािपत 3 सिवधान (ततीसवा सशोधन) अिधिनयम 1974 की धारा 4 दवारा (19-5-1974 स) क थान पर परित थािपत 4 सिवधान (ततीसवा सशोधन) अिधिनयम 1974 की धारा 3 दवारा (19-5-1974 स) अतः थािपत
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1[(क) यिद वह भारत सरकार क या पहली अनसची म िविनिदर िकसी रा य की सरकार क अधीन ऐस पद को छोड़कर िजसको धारण करन वाल का िनरिहरत न होना रा य क िवधान-मडल न िविध दवारा घोिषत िकया ह कोई लाभ का पद धारण करता ह ]
(ख) यिद वह िवकतिच ह और सकषम यायालय की ऐसी घोषणा िवदयमान ह
(ग) यिद वह अन मोिचत िदवािलया ह (घ) यिद वह भारत का नागिरक नही ह या उसन िकसी िवदशी रा य की
नागिरकता व छा स अिजरत कर ली ह या वह िकसी िवदशी रा य क परित िन ा या अनषिकत को अिभ वीकार िकए हए ह
(ङ) यिद वह सस दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन इस परकार िनरिहरत कर िदया जाता ह 2[ प ीकरणndashइस खड क परयोजन क िलए] कोई यिकत कवल इस कारण भारत
सरकार क या पहली अनसची म िविनिदर िकसी रा य की सरकार क अधीन लाभ का पद धारण करन वाला नही समझा जाएगा िक वह सघ का या ऐस रा य का मतरी ह
3[(2) कोई यिकत िकसी रा य की िवधान सभा या िवधान पिरष का सद य होन क िलए िनरिहरत होगा यिद वह दसवी अनसची क अधीन इस परकार िनरिहरत हो जाता ह ]
4[192 सद य की िनरहरताओ स सबिधत पर पर िविन यndash(1) यिद यह पर उठता ह िक िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन का कोई सद य अन छद 191 क खड (1) म विणरत िकसी िनरहरता स गर त हो गया ह या नही तो वह पर रा यपाल को िविन य क िलए िनदिशत िकया जाएगा और उसका िविन य अितम होगा
(2) ऐस िकसी पर पर िविन य करन स पहल रा यपाल िनवारचन आयोग की राय लगा और ऐसी राय क अनसार कायर करगा ]
193 अन छद 188 क अधीन शपथ लन या परितजञान करन स पहल या अिहरत 1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 31 दवारा (िजसक अ तगरत सदन की बठक का गठन
करन क िलए गणपित र सि मिलत ह) श द और को क (तारीख अिधसिचत नही की गई) स अत थािपत इस सशोधन का सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 45 दवारा (20-6-1979 स) लोप कर िदया गया
2 सिवधान (बावनवा सशोधन) अिधिनयम 1985 की धारा 5 दवारा (1-3-1985 स) ldquo(2) इस अन छद क परयोजन क िलएrdquo क थान पर परित थािपत
3 सिवधान (बावनवा सशोधन) अिधिनयम 1985 की धारा 5 दवारा (1-3-1985 स) अतः थािपत 4 अन छद 192 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 33 दवारा (3-1-1977 स) और त प ात
सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 25 दवारा (20-6-1979 स) सशोिधत होकर उपरोकत प म आया
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न होत हए या िनरिहरत िकए जान पर बठन और मत दन क िलए शाि तndashयिद िकसी रा य की िवधान सभा या िवधान पिरष म कोई यिकत अन छद 188 की अपकषाओ का अनपालन करन स पहल या यह जानत हए िक म उसकी सद यता क िलए अिहरत नही ह या िनरिहरत कर िदया गया ह या सस या रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िकसी िविध क उपबध दवारा ऐसा करन स परितिषदध कर िदया गया ह सद य क प म बठता ह या मत दता ह तो वह पर यक िदन क िलए जब वह इस परकार बठता ह या मत दता ह पाच सौ पए की शाि त का भागी होगा जो रा य को दय ऋण क प म वसल की जाएगी
रा य क िवधान-मडल और उनक सद य की शिकतया िवशषािधकार और उ मिकतया
194 िवधान-मडल क सदन की तथा उनक सद य और सिमितय की शिकतया िवशषािधकार आिदndash(1) इस सिवधान क उपबध क और िवधान-मडल की परिकरया का िविनयमन करन वाल िनयम और थायी आदश क अधीन रहत हए पर यक रा य क िवधान-मडल म वाक- वात य होगा
(2) रा य क िवधान-मडल म या उसकी िकसी सिमित म िवधान-मडल क िकसी सद य दवारा कही गई िकसी बात या िदए गए िकसी मत क सबध म उसक िव दध िकसी यायालय म कोई कायरवाही नही की जाएगी और िकसी यिकत क िव दध ऐस िवधान-मडल क िकसी सदन क परािधकार दवारा या उसक अधीन िकसी परितवदन पतर मत या कायरवािहय क परकाशन क सबध म इस परकार की कोई कायरवाही नही की जाएगी
1[(3) अ य बात म रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन की और ऐस िवधान-मडल क िकसी सदन क सद य और सिमितय की शिकतया िवशषािधकार और उ मिकतया ऐसी ह गी जो वह िवधान-मडल समय-समय पर िविध दवारा पिरिनि त कर और जब तक व इस परकार पिरिनि त नही की जाती ह तब तक 2[वही ह गी जो सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 26 क परव होन स ठीक पहल उस सदन की और उसक सद य और सिमितय की थी ]
(4) िजन यिकतय को इस सिवधान क आधार पर रा य क िवधान-मडल क
1 2 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 26 दवारा (20-6-1979 स) कितपय श द क थान पर
परित थािपत
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िकसी सदन या उसकी िकसी सिमित म बोलन का और उसकी कायरवािहय म अ यथा भाग लन का अिधकार ह उनक सबध म खड (1) खड (2) और खड (3) क उपबध उसी परकार लाग ह ग िजस परकार व उस िवधान-मडल क सद य क सबध म लाग होत ह
195 सद य क वतन और भ ndashरा य की िवधान सभा और िवधान पिरष क सद य ऐस वतन और भ िज ह उस रा य का िवधान-मडल समय-समय पर िविध दवारा अवधािरत कर और जब तक इस सबध म इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐस वतन और भ ऐसी दर स और ऐसी शत पर जो त थानी परात की िवधान सभा क सद य को इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल लाग थी परा करन क हकदार ह ग
िवधायी परिकरया 196 िवधयक क परः थापन और पािरत िकए जान क सबध म उपबधndash(1) धन
िवधयक और अ य िव िवधयक क सबध म अन छद 198 और अन छद 207 क उपबध क अधीन रहत हए कोई िवधयक िवधान पिरष वाल रा य क िवधान-मडल क िकसी भी सदन म आरभ हो सकगा
(2) अन छद 197 और अन छद 198 क उपबध क अधीन रहत हए कोई िवधयक िवधान पिरष वाल रा य क िवधान-मडल क सदन दवारा तब तक पािरत िकया गया नही समझा जाएगा जब तक सशोधन क िबना या कवल ऐस सशोधन सिहत िजन पर दोन सदन सहमत हो गए ह उस पर दोन सदन सहमत नही हो जात ह
(3) िकसी रा य क िवधान-मडल म लिबत िवधयक उसक सदन या सदन क सतरावसान क कारण यपगत नही होगा
(4) िकसी रा य की िवधान पिरष म लिबत िवधयक िजसको िवधान सभा न पािरत नही िकया ह िवधान सभा क िवघटन पर यपगत नही होगा
(5) कोई िवधयक जो िकसी रा य की िवधान सभा म लिबत ह या जो िवधान सभा दवारा पािरत कर िदया गया ह और िवधान पिरष म लिबत ह िवधान सभा क िवघटन पर यपगत हो जाएगा
197 धन िवधयक स िभ न िवधयक क बार म िवधान पिरष की शिकतय पर िनबरधनndash(1) यिद िवधान पिरष वाल रा य की िवधान सभा दवारा िकसी िवधयक क पािरत िकए जान और िवधान पिरष को पारिषत िकए जान क प ातndash
(क) िवधान पिरष दवारा िवधयक अ वीकार कर िदया जाता ह या (ख) िवधान पिरष क समकष िवधयक रख जान की तारीख स उसक दवारा
िवधयक पािरत िकए िबना तीन मास स अिधक बीत गए ह या (ग) िवधान पिरष दवारा िवधयक ऐस सशोधन सिहत पािरत िकया जाता
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ह िजनस िवधान सभा सहमत नही होती ह तो िवधान सभा िवधयक को अपनी परिकरया का िविनयमन करन वाल िनयम क अधीन रहत हए उसी या िकसी प ातवतीर सतर म ऐस सशोधन सिहत या उसक िबना यिद कोई ह जो िवधान पिरष न िकए ह सझाए ह या िजनस िवधान पिरष सहमत ह पनःपािरत कर सकगी और तब इस परकार पािरत िवधयक को िवधान पिरष को पारिषत कर सकगी
(2) यिद िवधान सभा दवारा िवधयक इस परकार दबारा पािरत कर िदए जान और िवधान पिरष को पारिषत िकए जान क प ातndash
(क) िवधान पिरष दवारा िवधयक अ वीकार कर िदया जाता ह या (ख) िवधान पिरष क समकष िवधयक रख जान की तारीख स उसक दवारा
िवधयक पािरत िकए िबना एक मास स अिधक बीत गया ह या (ग) िवधान पिरष दवारा िवधयक ऐस सशोधन सिहत पािरत िकया जाता
ह िजनस िवधान सभा सहमत नही होती ह तो िवधयक रा य क िवधान-मडल क सदन दवारा ऐस सशोधन सिहत यिद कोई ह जो िवधान पिरष न िकए ह या सझाए ह और िजनस िवधान सभा सहमत ह उस प म पािरत िकया गया समझा जाएगा िजसम वह िवधान सभा दवारा दबारा पािरत िकया गया था
(3) इस अन छद की कोई बात धन िवधयक को लाग नही होगी 198 धन िवधयक क सबध म िवशष परिकरयाndash(1) धन िवधयक िवधान पिरष
म परः थािपत नही िकया जाएगा (2) धन िवधयक िवधान पिरष वाल रा य की िवधान सभा दवारा पािरत िकए
जान क प ात िवधान पिरष को उसकी िसफािरश क िलए पारिषत िकया जाएगा और िवधान पिरष िवधयक की पराि की तारीख स चौदह िदन की अविध क भीतर िवधयक को अपनी िसफािरश सिहत िवधान सभा को लौटा दगी और ऐसा होन पर िवधान सभा िवधान पिरष की सभी या िक ही िसफािरश को वीकार या अ वीकार कर सकगी
(3) यिद िवधान सभा िवधान पिरष की िकसी िसफािरश को वीकार कर लती ह तो धन िवधयक िवधान पिरष दवारा िसफािरश िकए गए और िवधान सभा दवारा वीकार िकए गए सशोधन सिहत दोन सदन दवारा पािरत िकया गया समझा जाएगा
(4) यिद िवधान सभा िवधान पिरष की िकसी भी िसफािरश को वीकार नही करती ह तो धन िवधयक िवधान पिरष दवारा िसफािरश िकए गए िकसी सशोधन क िबना दोन सदन दवारा उस प म पािरत िकया गया समझा जाएगा िजसम वह िवधान सभा दवारा पािरत िकया गया था
(5) यिद िवधान सभा दवारा पािरत और िवधान पिरष को उसकी िसफािरश क
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िलए पारिषत धन िवधयक उकत चौदह िदन की अविध क भीतर िवधान सभा को नही लौटाया जाता ह तो उकत अविध की समाि पर वह दोन सदन दवारा उस प म पािरत िकया गया समझा जाएगा िजसम वह िवधान सभा दवारा पािरत िकया गया था
199 ldquoधन िवधयकrdquo की पिरभाषाndash(1) इस अ याय क परयोजन क िलए कोई िवधयक धन िवधयक समझा जाएगा यिद उसम कवल िन निलिखत सभी या िक ही िवषय स सबिधत उपबध ह अथारत ndash
(क) िकसी कर का अिधरोपण उ सादन पिरहार पिरवतरन या िविनयमन
(ख) रा य दवारा धन उधार लन का या कोई पर याभित दन का िविनयमन अथवा रा य दवारा अपन ऊपर ली गई या ली जान वाली िक ही िव ीय बा यताओ स सबिधत िविध का सशोधन
(ग) रा य की सिचत िनिध या आकि मकता िनिध की अिभरकषा ऐसी िकसी िनिध म धन जमा करना या उसम स धन िनकालना
(घ) रा य की सिचत िनिध म स धन का िविनयोग (ङ) िकसी यय को रा य की सिचत िनिध पर भािरत यय घोिषत करना
या ऐस िकसी यय की रकम को बढ़ाना (च) रा य की सिचत िनिध या रा य क लोक लख मदध धन परा करना
अथवा ऐस धन की अिभरकषा या उसका िनगरमन या (छ) उपखड (क) स उपखड (च) म िविनिदर िकसी िवषय का आनषिगक
कोई िवषय (2) कोई िवधयक कवल इस कारण धन िवधयक नही समझा जाएगा िक वह
जमारन या अ य धनीय शाि तय क अिधरोपण का अथवा अनजञि य क िलए फीस की या की गई सवाओ क िलए फीस की माग का या उनक सदाय का उपबध करता ह अथवा इस कारण धन िवधयक नही समझा जाएगा िक वह िकसी थानीय परािधकारी या िनकाय दवारा थानीय परयोजन क िलए िकसी कर क अिधरोपण उ सादन पिरहार पिरवतरन या िविनयमन का उपबध करता ह
(3) यिद यह पर उठता ह िक िवधान पिरष वाल िकसी रा य क िवधान-मडल म परः थािपत कोई िवधयक धन िवधयक ह या नही तो उस पर उस रा य की िवधान सभा क अ यकष का िविन य अितम होगा
(4) जब धन िवधयक अन छद 198 क अधीन िवधान पिरष को पारिषत िकया
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जाता ह और जब वह अन छद 200 क अधीन अनमित क िलए रा यपाल क समकष पर तत िकया जाता ह तब पर यक धन िवधयक पर िवधान सभा क अ यकष क ह ताकषर सिहत यह परमाण प ािकत िकया जाएगा िक वह धन िवधयक ह
200 िवधयक पर अनमितndashजब कोई िवधयक रा य की िवधान सभा दवारा या िवधान पिरष वाल रा य म िवधान-मडल क दोन सदन दवारा पािरत कर िदया गया ह तब वह रा यपाल क समकष पर तत िकया जाएगा और रा यपाल घोिषत करगा िक वह िवधयक पर अनमित दता ह या अनमित रोक लता ह अथवा वह िवधयक को रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रखता ह
परत रा यपाल अनमित क िलए अपन समकष िवधयक पर तत िकए जान क प ात यथाशीघर उस िवधयक को यिद वह धन िवधयक नही ह तो सदन या सदन को इस सदश क साथ लौटा सकगा िक सदन या दोन सदन िवधयक पर या उसक िक ही िविनिदर उपबध पर पनिवरचार कर और िविश तया िक ही ऐस सशोधन क परः थापन की वाछनीयता पर िवचार कर िजनकी उसन अपन सदश म िसफािरश की ह और जब िवधयक इस परकार लौटा िदया जाता ह तब सदन या दोन सदन िवधयक पर तदनसार पनिवरचार करग और यिद िवधयक सदन या सदन दवारा सशोधन सिहत या उसक िबना िफर स पािरत कर िदया जाता ह और रा यपाल क समकष अनमित क िलए पर तत िकया जाता ह तो रा यपाल उस पर अनमित नही रोकगा
परत यह और िक िजस िवधयक स उसक िविध बन जान पर रा यपाल की राय म उ च यायालय की शिकतय का ऐसा अ पीकरण होगा िक वह थान िजसकी पितर क िलए वह यायालय इस सिवधान दवारा पिरकि पत ह सकटाप न हो जाएगा उस िवधयक पर रा यपाल अनमित नही दगा िकत उस रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रखगा
201 िवचार क िलए आरिकषत िवधयकndashजब कोई िवधयक रा यपाल दवारा रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रख िलया जाता ह तब रा पित घोिषत करगा िक वह िवधयक पर अनमित दता ह या अनमित रोक लता ह
परत जहा िवधयक धन िवधयक नही ह वहा रा पित रा यपाल को यह िनदश द सकगा िक वह िवधयक को यथाि थित रा य क िवधान-मडल क सदन या सदन को ऐस सदश क साथ जो अन छद 200 क पहल परतक म विणरत ह लौटा द और जब कोई िवधयक इस परकार लौटा िदया जाता ह तब ऐसा सदश िमलन की तारीख स छह मास की अविध क भीतर सदन या सदन दवारा उस पर तदनसार पनिवरचार िकया जाएगा और यिद वह सदन या सदन दवारा सशोधन सिहत या उसक िबना िफर स पािरत कर िदया जाता ह तो उस रा पित क समकष उसक िवचार क िलए िफर स पर तत िकया जाएगा
िव ीय िवषय क सबध म परिकरया
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202 वािषरक िव ीय िववरणndash(1) रा यपाल पर यक िव ीय वषर क सबध म रा य क िवधान-मडल क सदन या सदन क समकष उस रा य की उस वषर क िलए पराककिलत पराि य और यय का िववरण रखवाएगा िजस इस भाग म ldquoवािषरक िव ीय िववरणrdquo कहा गया ह
(2) वािषरक िव ीय िववरण म िदए हए यय क पराककलन मndash (क) इस सिवधान म रा य की सिचत िनिध पर भािरत यय क प म
विणरत यय की पितर क िलए अपिकषत रािशया और (ख) रा य की सिचत िनिध म स िकए जान क िलए पर थािपत अ य
यय की पितर क िलए अपिकषत रािशया पथक-पथक िदखाई जाएगी और राज व लख होन वाल यय का अ य यय स भद िकया जाएगा
(3) िन निलिखत यय पर यक रा य की सिचत िनिध पर भािरत यय होगा अथारत ndash
(क) रा यपाल की उपलि धया और भ तथा उसक पद स सबिधत अ य यय
(ख) िवधान सभा क अ यकष और उपा यकष क तथा िवधान पिरष वाल रा य की दशा म िवधान पिरष क सभापित और उपसभापित क भी वतन और भ
(ग) ऐस ऋण भार िजनका दािय व रा य पर ह िजनक अतगरत याज िनकषप िनिध भार और मोचन भार तथा उधार लन और ऋण सवा और ऋण मोचन स सबिधत अ य यय ह
(घ) िकसी उ च यायालय क यायाधीश क वतन और भ क सबध म यय
(ङ) िकसी यायालय या मा य थम अिधकरण क िनणरय िडकरी या पचाट की ति क िलए अपिकषत रािशया
(च) कोई अ य यय जो इस सिवधान दवारा या रा य क िवधान-मडल दवारा िविध दवारा इस परकार भािरत घोिषत िकया जाता ह 203 िवधान-मडल म पराककलन क सबध म परिकरयाndash(1) पराककलन म स िजतन
पराककलन रा य की सिचत िनिध पर भािरत यय स सबिधत ह व िवधान सभा म मतदान क िलए नही रख जाएग िक त इस खड की िकसी बात का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह िवधान-मडल म उन पराककलन म स िकसी पराककलन पर चचार को िनवािरत करती ह
(2) उकत पराककलन म स िजतन पराककलन अ य यय स सबिधत ह व िवधान सभा क समकष अनदान की माग क प म रख जाएग और िवधान सभा को शिकत होगी
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िक वह िकसी माग को अनमित द या अनमित दन स इकार कर द अथवा िकसी माग को उसम िविनिदर रकम को कम करक अनमित द
(3) िकसी अनदान की माग रा यपाल की िसफािरश पर ही की जाएगी अ यथा नही
204 िविनयोग िवधयकndash(1) िवधान सभा दवारा अन छद 203 क अधीन अनदान िकए जान क प ात यथाशकय शीघर रा य की सिचत िनिध म सndash
(क) िवधान सभा दवारा इस परकार िकए गए अनदान की और (ख) रा य की सिचत िनिध पर भािरत िक त सदन या सदन क समकष
पहल रख गए िववरण म दिशरत रकम स िकसी भी दशा म अनिधक यय की पितर क िलए अपिकषत सभी धनरािशय क िविनयोग का उपबध करन क िलए िवधयक परः थािपत िकया जाएगा
(2) इस परकार िकए गए िकसी अनदान की रकम म पिरवतरन करन या अनदान क ल य को बदलन अथवा रा य की सिचत िनिध पर भािरत यय की रकम म पिरवतरन करन का परभाव रखन वाला कोई सशोधन ऐस िकसी िवधयक म रा य क िवधान-मडल क सदन म या िकसी सदन म पर थािपत नही िकया जाएगा और पीठासीन यिकत का इस बार म िविन य अितम होगा िक कोई सशोधन इस खड क अधीन अगरा ह या नही
(3) अन छद 205 और अन छद 206 क उपबध क अधीन रहत हए रा य की सिचत िनिध म स इस अन छद क उपबध क अनसार पािरत िविध दवारा िकए गए िविनयोग क अधीन ही कोई धन िनकाला जाएगा अ यथा नही
205 अनपरक अितिरकत या अिधक अनदानndash(1) यिदndash (क) अन छद 204 क उपबध क अनसार बनाई गई िकसी िविध दवारा
िकसी िविश सवा पर चाल िव ीय वषर क िलए यय िकए जान क िलए परािधकत कोई रकम उस वषर क परयोजन क िलए अपयार पाई जाती ह या उस वषर क वािषरक िव ीय िववरण म अन यात न की गई िकसी नई सवा पर अनपरक या अितिरकत यय की चाल िव ीय वषर क दौरान आव यकता पदा हो गई ह या
(ख) िकसी िव ीय वषर क दौरान िकसी सवा पर उस वषर और उस सवा क िलए अनदान की गई रकम स अिधक कोई धन यय हो गया ह
तो रा यपाल यथाि थित रा य क िवधान-मडल क सदन या सदन क समकष उस यय की पराककिलत रकम को दिशरत करन वाला दसरा िववरण रखवाएगा या रा य की िवधान
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सभा म ऐस आिधकय क िलए माग पर तत करवाएगा (2) ऐस िकसी िववरण और यय या माग क सबध म तथा रा य की सिचत
िनिध म स ऐस यय या ऐसी माग स सबिधत अनदान की पितर क िलए धन का िविनयोग परािधकत करन क िलए बनाई जान वाली िकसी िविध क सबध म भी अन छद 202 अन छद 203 और अन छद 204 क उपबध वस ही परभावी ह ग जस व वािषरक िव ीय िववरण और उसम विणरत यय क सबध म या िकसी अनदान की िकसी माग क सबध म और रा य की सिचत िनिध म स ऐस यय या अनदान की पितर क िलए धन का िविनयोग परािधकत करन क िलए बनाई जान वाली िविध क सबध म परभावी ह
206 लखानदान पर ययानदान और अपवादानदानndash(1) इस अ याय क पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी िकसी रा य की िवधान सभा कोndash
(क) िकसी िव ीय वषर क भाग क िलए पराककिलत यय क सबध म कोई अनदान उस अनदान क िलए मतदान करन क िलए अन छद 203 म िविहत परिकरया क परा होन तक और उस यय क सबध म अन छद 204 क उपबध क अनसार िविध क पािरत होन तक अिगरम दन की
(ख) जब िकसी सवा की मह ा या उसक अिनि त प क कारण माग ऐस यौर क साथ विणरत नही की जा सकती ह जो वािषरक िव ीय िववरण म सामा यतया िदया जाता ह तब रा य क सपि ोत पर अपर यािशत माग की पितर क िलए अनदान करन की
(ग) िकसी िव ीय वषर की चाल सवा का जो अनदान भाग नही ह ऐसा कोई अपवादानदान करन की
शिकत होगी और िजन परयोजन क िलए उकत अनदान िकए गए ह उनक िलए रा य की सिचत िनिध म स धन िनकालना िविध दवारा परािधकत करन की रा य क िवधान-मडल को शिकत होगी
(2) खड (1) क अधीन िकए जान वाल िकसी अनदान और उस खड क अधीन बनाई जान वाली िकसी िविध क सबध म अन छद 203 और अन छद 204 क उपबध वस ही परभावी ह ग जस व वािषरक िव ीय िववरण म विणरत िकसी यय क बार म कोई अनदान करन क सबध म और रा य की सिचत िनिध म स ऐस यय की पितर क िलए धन का िविनयोग परािधकत करन क िलए बनाई जान वाली िविध क सबध म परभावी ह
207 िव िवधयक क बार म िवशष उपबधndash(1) अन छद 199 क खड (1) क उपखड (क) स उपखड (च) म िविनिदर िकसी िवषय क िलए उपबध करन वाला िवधयक
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या सशोधन रा यपाल की िसफािरश स ही परः थािपत या पर तािवत िकया जाएगा अ यथा नही और ऐसा उपबध करन वाला िवधयक िवधान पिरष म परः थािपत नही िकया जाएगा
परत िकसी कर क घटान या उ सादन क िलए उपबध करन वाल िकसी सशोधन क पर ताव क िलए इस खड क अधीन िसफािरश की अपकषा नही होगी
(2) कोई िवधयक या सशोधन उकत िवषय म स िकसी िवषय क िलए उपबध करन वाला कवल इस कारण नही समझा जाएगा िक वह जमारन या अ य धनीय शाि तय क अिधरोपण का अथवा अनजञि य क िलए फीस की या की गई सवाओ क िलए फीस की माग का या उनक सदाय का उपबध करता ह अथवा इस कारण नही समझा जाएगा िक वह िकसी थानीय परािधकारी या िनकाय दवारा थानीय परयोजन क िलए िकसी कर क अिधरोपण उ सादन पिरहार पिरवतरन या िविनयमन का उपबध करता ह
(3) िजस िवधयक को अिधिनयिमत और परवितरत िकए जान पर रा य की सिचत िनिध म स यय करना पड़गा वह िवधयक रा य क िवधान-मडल क िकसी सदन दवारा तब तक पािरत नही िकया जाएगा जब तक ऐस िवधयक पर िवचार करन क िलए उस सदन स रा यपाल न िसफािरश नही की ह
साधारणतया परिकरया 208 परिकरया क िनयमndash(1) इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए रा य
क िवधान-मडल का कोई सदन अपनी परिकरया और अपन कायर सचालन क िविनयमन क िलए िनयम बना सकगा
(2) जब तक खड (1) क अधीन िनयम नही बनाए जात ह तब तक इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल त थानी परात क िवधान-मडल क सबध म जो परिकरया क िनयम और थायी आदश परव थ व ऐस उपातरण और अनकलन क अधीन रहत हए उस रा य क िवधान-मडल क सबध म परभावी ह ग िज ह यथाि थित िवधान सभा का अ यकष या िवधान पिरष का सभापित उनम कर
(3) रा यपाल िवधान पिरष वाल रा य म िवधान सभा क अ यकष और िवधान पिरष क सभापित स परामशर करन क प ात दोन सदन म पर पर सचार स सबिधत परिकरया क िनयम बना सकगा
209 रा य क िवधान-मडल म िव ीय कायर सबधी परिकरया का िविध दवारा िविनयमनndashिकसी रा य का िवधान-मडल िव ीय कायर को समय क भीतर परा करन क
सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 22 दवारा (िजसक अ तगरत सदन की बठक का गठन करन क िलए गणपित र सि मिलत ह) श द और को क (तारीख अिधसिचत नही की गई) स अत थािपत इस सशोधन का सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 45 दवारा (20-6-1979 स) लोप कर िदया गया
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परयोजन क िलए िकसी िव ीय िवषय स सबिधत या रा य की सिचत िनिध म स धन का िविनयोग करन क िलए िकसी िवधयक स सबिधत रा य क िवधान-मडल क सदन या सदन की परिकरया और कायर सचालन का िविनयमन िविध दवारा कर सकगा तथा यिद और जहा तक इस परकार बनाई गई िकसी िविध का कोई उपबध अन छद 208 क खड (1) क अधीन रा य क िवधान-मडल क सदन या िकसी सदन दवारा बनाए गए िनयम स या उस अन छद क खड (2) क अधीन रा य िवधान-मडल क सबध म परभावी िकसी िनयम या थायी आदश स असगत ह तो और वहा तक ऐसा उपबध अिभभावी होगा
210 िवधान-मडल म परयोग की जान वाली भाषाndash(1) भाग 17 म िकसी बात क होत हए भी िक त अन छद 348 क उपबध क अधीन रहत हए रा य क िवधान-मडल म कायर रा य की राजभाषा या राजभाषाओ म या िहदी म या अगरजी म िकया जाएगा
परत यथाि थित िवधान सभा का अ यकष या िवधान पिरष का सभापित अथवा उस प म कायर करन वाला यिकत िकसी सद य को जो पव कत भाषाओ म स िकसी भाषा म अपनी पयार अिभ यिकत नही कर सकता ह अपनी मातभाषा म सदन को सबोिधत करन की अनजञा द सकगा
(2) जब तक रा य का िवधान-मडल िविध दवारा अ यथा उपबध न कर तब तक इस सिवधान क परारभ स पदरह वषर की अविध की समाि क प ात यह अन छद ऐस परभावी होगा मानो ldquoया अगरजी मrdquo श द का उसम स लोप कर िदया गया हो
1[परत 2[िहमाचल परदश मिणपर मघालय और ितरपरा रा य क िवधान-मडल ] क सबध म यह खड इस परकार परभावी होगा मानो इसम आन वाल ldquoपदरह वषरrdquo श द क थान पर ldquoप चीस वषरrdquo श द रख िदए गए ह ]
3[परत यह और िक 4-5[अ णाचल परदश गोवा और िमजोरम रा य क िवधान-मडल ]] क सबध म यह खड इस परकार परभावी होगा मानो इसम आन वाल ldquoपदरह वषरrdquo श द क थान पर ldquoचालीस वषरrdquo श द रख िदए गए ह ]
211 िवधान-मडल म चचार पर िनबरधनndashउ चतम यायालय या िकसी उ च यायालय क िकसी यायाधीश क अपन कतर य क िनवरहन म िकए गए आचरण क
1 िहमाचल परदश रा य अिधिनयम 1970 (1970 का 53) की धारा 46 दवारा (25-1-1971 स ) अतः थािपत 2 पव र कषतर (पनगरठन) अिधिनयम 1971 (1971 का 81) की धारा 71 दवारा (21-1-1972 स) ldquoिहमाचल परदश
रा य क िवधान-मडलrdquo क थान पर परित थािपत 3 िमजोरम रा य अिधिनयम 1986 (1986 का 34) की धारा 39 दवारा (20-2-1987 स) अतः थािपत 4 अ णाचल परदश रा य अिधिनयम 1986 (1986 का 69) की धारा 42 दवारा (30-5-1987 स) ldquoिमजोरम रा य क
िवधान-मडलrdquo क थान पर परित थािपत 5 गोवा दमण और दीव पनगरठन अिधिनयम 1987 (1987 का 18) की धारा 63 दवारा (30-5-1987 स) ldquoअ णाचल
परदश और िमजोरमrdquo क थान पर परित थािपत
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िवषय म रा य क िवधान-मडल म कोई चचार नही होगी 212 यायालय दवारा िवधान-मडल की कायरवािहय की जाच न िकया जानाndash(1)
रा य क िवधान-मडल की िकसी कायरवाही की िविधमा यता को परिकरया की िकसी अिभकिथत अिनयिमतता क आधार पर पर गत नही िकया जाएगा
(2) रा य क िवधान-मडल का कोई अिधकारी या सद य िजसम इस सिवधान दवारा या इसक अधीन उस िवधान-मडल म परिकरया या कायर सचालन का िविनयमन करन की अथवा यव था बनाए रखन की शिकतया िनिहत ह उन शिकतय क अपन दवारा परयोग क िवषय म िकसी यायालय की अिधकािरता क अधीन नही होगा
अ याय 4 - रा यपाल की िवधायी शिकत 213 िवधान-मडल क िव ाितकाल म अ यादश परखयािपत करन की रा यपाल
की शिकतndash(1) उस समय को छोड़कर जब िकसी रा य की िवधान सभा सतर म ह या िवधान पिरष वाल रा य म िवधान-मडल क दोन सदन सतर म ह यिद िकसी समय रा यपाल का यह समाधान हो जाता ह िक ऐसी पिरि थितया िवदयमान ह िजनक कारण तर त काररवाई करना उसक िलए आव यक हो गया ह तो वह ऐस अ यादश परखयािपत कर सकगा जो उस उन पिरि थितय म अपिकषत परतीत ह
परत रा यपाल रा पित क अनदश क िबना कोई ऐसा अ यादश परखयािपत नही करगा यिदndash
(क) वस ही उपबध अतिवर करन वाल िवधयक को िवधान-मडल म पर थािपत िकए जान क िलए रा पित की पवर मजरी की अपकषा इस सिवधान क अधीन होती या
(ख) वह वस ही उपबध अतिवर करन वाल िवधयक को रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रखना आव यक समझता या
(ग) वस हर उपबध अतिवर करन वाला रा य क िवधान-मडल का अिधिनयम इस सिवधान क अधीन तब तक अिविधमा य होता जब तक रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रख जान पर उस रा पित की अनमित परा नही हो गई होती (2) इस अन छद क अधीन परखयािपत अ यादश का वही बल और परभाव होगा
जो रा य क िवधान-मडल क ऐस अिधिनयम का होता ह िजस रा यपाल न अनमित द दी ह िकत पर यक ऐसा अ यादशndash
(क) रा य की िवधान सभा क समकष और िवधान पिरष वाल रा य म दोन सदन क समकष रखा जाएगा तथा िवधान-मडल क पन समवत होन स
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छह स ाह की समाि पर या यिद उस अविध की समाि स पहल िवधान सभा उसक अननमोदन का सक प पािरत कर दती ह और यिद िवधान पिरष ह तो वह उसस सहमत हो जाती ह तो यथाि थित सक प क पािरत होन पर या िवधान पिरष दवारा सक प स सहमत होन पर परवतरन म नही रहगा और
(ख) रा यपाल दवारा िकसी भी समय वापस िलया जा सकगा प ीकरणndashजहा िवधान पिरष वाल रा य क िवधान-मडल क सदन िभ न-िभ न
तारीख को पन समवत होन क िलए आहत िकए जात ह वहा इस खड क परयोजन क िलए छह स ाह की अविध की गणना उन तारीख म स प ा वतीर तारीख स की जाएगी
(3) यिद और जहा तक इस अन छद क अधीन अ यादश कोई ऐसा उपबध करता ह जो रा य क िवधान-मडल क ऐस अिधिनयम म िजस रा यपाल न अनमित द दी ह अिधिनयिमत िकए जान पर िविधमा य नही होता तो और वहा तक वह अ यादश श य होगा
परत रा य क िवधान-मडल क ऐस अिधिनयम क जो समवतीर सची म परगिणत िकसी िवषय क बार म सस क िकसी अिधिनयम या िकसी िवदयमान िविध क िव दध ह परभाव स सबिधत इस सिवधान क उपबध क परयोजन क िलए यह ह िक कोई अ यादश जो रा पित क अनदश क अनसरण म इस अन छद क अधीन परखयािपत िकया जाता ह रा य क िवधान-मडल का ऐसा अिधिनयम समझा जाएगा जो रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रखा गया था और िजस उसन अनमित द दी ह
1(4) अ याय 5ndashरा य क उ च यायालय
214 रा य क िलए उ च यायालयndash2 पर यक रा य क िलए एक उ च यायालय होगा
3(2) 3(3)
215 उ च यायालय का अिभलख यायालय होनाndashपर यक उ च यायालय अिभलख यायालय होगा और उसको अपन अवमान क िलए दड दन की शिकत सिहत ऐस यायालय की सभी शिकतया ह गी
216 उ च यायालय का गठनndashपर यक उ च यायालय मखय यायमितर और ऐस अ य यायाधीश स िमलकर बनगा िज ह रा पित समय-समय पर िनयकत करना 1 सिवधान (अड़तीसवा सशोधन) अिधिनयम 1975 की धारा 3 दवारा (11-8-1975 स) खड (4) अतः थािपत िकया
गया था और सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 27 दवारा (20-6-1979 स) लोप िकया गया
2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा को क और अक ldquo(1)rdquo का लोप िकया गया
3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 दवारा (1-11-1956 स) खड (2) और खड (3) का लोप िकया गया
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आव यक समझ 1 217 उ च यायालय क यायाधीश की िनयिकत और उसक पद की शतndash(1)
2[अन छद 124क म िनिदर रा ीय याियक िनयिकत आयोग की िसफािरश पर रा पित] अपन ह ताकषर और मदरा सिहत अिधपतर दवारा उ च यायालय क पर यक यायाधीश को िनयकत करगा और वह यायाधीश 3[अपर या कायरकारी यायाधीश की दशा म अन छद 224 म उपबिधत प म पद धारण करगा और िकसी अ य दशा म तब तक पद धारण करगा जब तक वह 4[बासठ वषर] की आय परा नही कर लता ह ]]
परतndash (क) कोई यायाधीश रा पित को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा
अपना पद याग सकगा (ख) िकसी यायाधीश को उ चतम यायालय क यायाधीश को हटान क
िलए अन छद 124 क खड (4) म उपबिधत रीित स उसक पद स रा पित दवारा हटाया जा सकगा
(ग) िकसी यायाधीश का पद रा पित दवारा उस उ चतम यायालय का यायाधीश िनयकत िकए जान पर या रा पित दवारा उस भारत क रा यकषतर म िकसी अ य उ च यायालय को अतिरत िकए जान पर िरकत हो जाएगा (2) कोई यिकत िकसी उ च यायालय क यायाधीश क प म िनयिकत क िलए
तभी अिहरत होगा जब वह भारत का नागिरक ह औरndash (क) भारत क रा यकषतर म कम स कम दस वषर तक याियक पद धारण
कर चका ह या (ख) िकसी 5 उ च यायालय का या ऐस दो या अिधक यायालय का
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 11 दवारा (1-11-1956 स) पर तक का लोप िकया गया 2 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 6 दवारा (13-4-2015 स) ldquoभारत क मखय यायमितर
स उस रा य क रा यपाल स और मखय यायमितर स िभ न िकसी यायाधीश की िनयिकत की दशा म उस उ च यायालय क मखय यायमितर स परामशर करन क प ात रा पितrdquo क थान पर परित थािपत यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 12 दवारा ldquoतब तक पद धारण करगा जब तक िक वह साठ वषर की आय परा न कर लrdquo क थान पर (1-11-1956 स) परित थािपत
4 सिवधान (पदरहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 4 दवारा ldquoसाठ वषरrdquo क थान पर (5-10-1963 स) परित थािपत
5 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची म िविनिदर िकसी रा य म कrdquo श द का (1-11-1956 स) लोप िकया गया
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लगातार कम स कम दस वषर तक अिधवकता रहा ह 2 1(ग)
प ीकरण ndash इस खड क परयोजन क िलएndash 2[(क) भारत क रा यकषतर म याियक पद धारण करन की अविध
की सगणना करन म वह अविध भी सि मिलत की जाएगी िजसक दौरान कोई यिकत याियक पद धारण करन क प ात िकसी उ च यायालय का अिधवकता रहा ह या उसन िकसी अिधकरण क सद य का पद धारण िकया ह अथवा सघ या रा य क अधीन कोई ऐसा पद धारण िकया ह िजसक िलए िविध का िवशष जञान अपिकषत ह ]
3[(कक) िकसी उ च यायालय का अिधवकता रहन की अविध की सगणना करन म वह अविध भी सि मिलत की जाएगी िजसक दौरान िकसी यिकत न अिधवकता होन क प ात 4[ याियक पद धारण िकया ह या िकसी अिधकरण क सद य का पद धारण िकया ह अथवा सघ या रा य क अधीन कोई ऐसा पद धारण िकया ह िजसक िलए िविध का िवशष जञान अपिकषत ह ]
(ख) भारत क रा यकषतर म याियक पद धारण करन या िकसी उ च यायालय का अिधवकता रहन की अविध की सगणना करन म इस सिवधान क परारभ स पहल की वह अविध भी सि मिलत की जाएगी िजसक दौरान िकसी यिकत न यथाि थित ऐस कषतर म जो 15 अग त 1947 स पहल भारत शासन अिधिनयम 1935 म पिरभािषत भारत म समािव था याियक पद धारण िकया ह या वह ऐस िकसी कषतर म िकसी उ च यायालय का अिधवकता रहा ह
5[(3) यिद उ च यायालय क िकसी यायाधीश की आय क बार म कोई पर उठता ह तो उस पर का िविन य भारत क मखय यायमितर स परामशर करन क प ात रा पित दवारा िकया जाएगा और रा पित का िविन य अितम होगा ]
218 उ चतम यायालय स सबिधत कछ उपबध का उ च यायालय को लाग होनाndashअन छद 124 क खड (4) और खड (5) क उपबध जहा-जहा उनम उ चतम यायालय क परित िनदश ह वहा-वहा उ च यायालय क परित िनदश परित थािपत करक
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 36 दवारा (3-1-1977 स) श द ldquoयाrdquo और उपखड (ग)
अतः थािपत िकए गए और सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 28 दवारा (20-6-1979 स) उनका लोप िकया गया
2 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 28 दवारा (20-6-1979 स) अतः थािपत 3 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 28 दवारा (20-6-1979 स) खड (क) को खड (कक) क
प म पनःअकषरािकत िकया गया 4 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 36 दवारा (3-1-1977 स) ldquo यािययक पद धारण िकया
होrdquo क थान पर परित थािपत 5 सिवधान (पदरहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 4 दवारा (भतलकषी परभाव स ) अतः थािपत
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उ च यायालय क सबध म वस ही लाग ह ग जस व उ चतम यायालय क सबध म लाग होत ह
219 उ च यायालय क यायाधीश दवारा शपथ या परितजञानndash1 उ च यायालय का यायाधीश होन क िलए िनयकत पर यक यिकत अपना पदगरहण करन स पहल उस रा य क रा यपाल या उसक दवारा इस िनिम िनयकत यिकत क समकष तीसरी अनसची म इस परयोजन क िलए िदए गए पर प क अनसार शपथ लगा या परितजञान करगा और उस पर अपन ह ताकषर करगा
2[220 थायी यायाधीश रहन क प ात िविध- यवसाय पर िनबरधनndashकोई यिकत िजसन इस सिवधान क परारभ क प ात िकसी उ च यायालय क थायी यायाधीश क प म पद धारण िकया ह उ चतम यायालय और अ य उ च यायालय क िसवाय
भारत म िकसी यायालय या िकसी परािधकारी क समकष अिभवचन या कायर नही करगा
प ीकरणndashइस अन छद म ldquoउ च यायालयrdquo पद क अतगरत सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 क परारभ3 स पहल िवदयमान पहली अनसची क भाग ख म िविनिदर रा य का उ च यायालय नही ह ]
221 यायाधीश क वतन आिदndash 4[(1) पर यक उ च यायालय क यायाधीश को ऐस वतन का सदाय िकया जाएगा जो सस िविध दवारा अवधािरत कर और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐस वतन का सदाय िकया जाएगा जो दसरी अनसची म िविनिदर ह ]
(2) पर यक यायाधीश ऐस भ का तथा अनपि थित छटटी और पशन क सबध म ऐस अिधकार का जो सस दवारा बनाई गई िविध दवारा या उसक अधीन समय-समय पर अवधािरत िकए जाए और जब तक इस परकार अवधािरत नही िकए जात ह तब तक ऐस भ और अिधकार का जो दसरी अनसची म िविनिदर ह हकदार होगा
परत िकसी यायाधीश क भ म और अनपि थित छटटी या पशन क सबध म उसक अिधकार म उसकी िनयिकत क प ात उसक िलए अलाभकारी पिरवतरन नही िकया जाएगा
222 िकसी यायाधीश का एक उ च यायालय स दसर उ च यायालय को
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoिकसी रा य मrdquo श द का (1-11-
1956 स) लोप िकया गया 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 13 दवारा परित थािपत 3 1 नव बर 1956 4 सिवधान (चौवनवा सशोधन) अिधिनयम 1986 की धारा 3 दवारा (1-4-1986 स) खड (1) क थान पर
परित थािपत
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अतरणndash(1) रा पित 1[अऩ छद 124क म िनिदर रा ीय याियक िनयिकत आयोग की िसफािरश पर] 2 िकसी यायाधीश का एक उ च यायालय स दसर उ च यायालय को अतरण कर सकगा
3[(2) जब कोई यायाधीश इस परकार अतिरत िकया गया ह या िकया जाता ह तब वह उस अविध क दौरान िजसक दौरान वह सिवधान (पदरहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 क परारभ क प ात दसर उ च यायालय क यायाधीश क प म सवा करता ह अपन वतन क अितिरकत ऐसा परितकरा मक भ ा जो सस िविध दवारा अवधािरत कर और जब तक इस परकार अवधािरत नही िकया जाता ह तब तक ऐसा परितकरा मक भ ा जो रा पित आदश दवारा िनयत कर परा करन का हकदार होगा ]
223 कायरकारी मखय यायमितर की िनयिकतndashजब िकसी उ च यायालय क मखय यायमितर का पद िरकत ह या जब ऐसा मखय यायमितर अनपि थित क कारण या अ यथा अपन पद क कतर य का पालन करन म असमथर ह तब यायालय क अ य यायाधीश म स ऐसा एक यायाधीश िजस रा पित इस परयोजन क िलए िनयकत कर उस पद क कतर य का पालन करगा
4[224 अपर और कायरकारी यायाधीश की िनयिकतndash(1) यिद िकसी उ च यायालय क कायर म िकसी अ थायी विदध क कारण या उसम कायर की बकाया क कारण रा पित को यह परतीत होता ह िक उस यायालय क यायाधीश की सखया को त समय बढ़ा दना चािहए 5[तो रा पित रा ीय याियक िनयिकत आयोग क परामशर स स यक प स] अिहरत यिकतय को दो वषर स अनिधक की ऐसी अविध क िलए जो वह िविनिदर
कर उस यायालय क अपर यायाधीश िनयकत कर सकगा (2) जब िकसी उ च यायालय का मखय यायमितर स िभ न कोई यायाधीश
अनपि थित क कारण या अ य कारण स अपन पद क कतर य का पालन करन म
1 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 7 दवारा (13-4-2015 स) ldquoभारत क मखय यायमितर
स परामशर करन क प ातrdquo क थान पर परित थािपत यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 14 दवारा ldquoभारत क रा यकषतर म कrdquo श द का (1-11-1956 स) लोप िकया गया
3 सिवधान (पदरहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 5 दवारा (5-10-1963 स) अतः थािपत सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 14 दवारा मल खड (2) का लोप (1-11-1956 स) िकया गया
4 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 15 दवारा अन छद 224 क थान पर (1-11-1956 स) परित थािपत
5 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 8 दवारा (13-4-2015 स) ldquoतो रा पित स यकत प सrdquo क थान पर परित थािपत यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
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असमथर ह या मखय यायमितर क प म अ थायी प स कायर करन क िलए िनयकत िकया जाता ह 1[तो रा पित रा ीय याियक िनयिकत आयोग क परामशर स स यक प स] अिहरत िकसी यिकत को तब तक क िलए उस यायालय क यायाधीश क प म कायर करन क िलए िनयकत कर सकगा जब तक थायी यायाधीश अपन कतर य को िफर स नही सभाल लता ह
(3) उ च यायालय क अपर या कायरकारी यायाधीश क प म िनयकत कोई यिकत 2[बासठ वषर] की आय परा कर लन क प ात पद धारण नही करगा
3[224क उ च यायालय की बठक म सवािनव यायाधीश की िनयिकतndashइस अ याय म िकसी बात क होत हए भी 4[रा ीय याियक िनयिकत आयोग िकसी रा य क उ च यायालय क मखय यायमितर दवारा उस िकए गए िकसी िनदश पर रा पित की पवर सहमित स] िकसी यिकत स जो उस उ च यायालय या िकसी अ य उ च यायालय क यायाधीश का पद धारण कर चका ह उस रा य क उ च यायालय क यायाधीश क प म बठन और कायर करन का अनरोध कर सकगा और पर यक ऐसा यिकत िजसस इस परकार अनरोध िकया जाता ह इस परकार बठन और कायर करन क दौरान ऐस भ का हकदार होगा जो रा पित आदश दवारा अवधािरत कर और उसको उस उ च यायालय क यायाधीश की सभी अिधकािरता शिकतया और िवशषािधकार ह ग िकत उस अ यथा उस उ च यायालय का यायाधीश नही समझा जाएगा
परत जब तक यथापव कत यिकत उस उ च यायालय क यायाधीश क प म बठन और कायर करन की सहमित नही द दता ह तब तक इस अन छद की कोई बात उसस ऐसा करन की अपकषा करन वाली नही समझी जाएगी ]
225 िवदयमान उ च यायालय की अिधकािरताndashइस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए और इस सिवधान दवारा समिचत िवधान-मडल को परद शिकतय क आधार पर उस िवधान-मडल दवारा बनाई गई िकसी िविध क उपबध क अधीन रहत हए िकसी िवदयमान उ च यायालय की अिधकािरता और उसम परशािसत िविध तथा उस यायालय म याय परशासन क सबध म उसक यायाधीश की अपनी-अपनी शिकतया िजनक अतगरत यायालय क िनयम बनान की शिकत तथा उस यायालय और उसक सद य की बठक का चाह व अकल बठ या खड यायालय म बठ िविनयमन करन की शिकत ह वही ह गी जो इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल थी
1 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 8 दवारा (13-4-2015 स) ldquoतब रा पित स यक प सrdquo
क थान पर परित थािपत यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
2 सिवधान (पदरहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 6 दवारा ldquoसाठ वषरrdquo क थान पर (5-10-1963 स) परित थािपत
3 सिवधान (पदरहवा सशोधन) अिधिनयम 1963 की धारा 7 दवारा अतः थािपत 4 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 9 दवारा (13-4-2015 स) ldquoिकसी रा य क उ च
यायालय का मखय यायमितर िकसी भी समय रा पित की पवर सहमित सrdquo क थान पर परित थािपत यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 म उ चतम यायालय क तारीख 16 अकतबर 2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह
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1[परत राज व सबधी अथवा उसका सगरहण करन म आिद या िकए गए िकसी कायर सबधी िवषय की बाबत उ च यायालय म स िकसी की आरिभक अिधकािरता का परयोग इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल िजस िकसी िनबरधन क अधीन था वह िनबरधन ऐसी अिधकािरता क परयोग को ऐस परारभ क प ात लाग नही होगा ]
2[226 कछ िरट िनकालन की उ च यायालय की शिकत ndash (1) अन छद 32 म िकसी बात क होत हए भी 3 पर यक उ च यायालय को उन रा यकषतर म सवरतर िजनक सबध म वह अपनी अिधकािरता का परयोग करता ह 3[भाग 3 दवारा परद अिधकार म स िकसी को परवितरत करान क िलए और िकसी अ य परयोजन क िलए] उन रा यकषतर क भीतर िकसी यिकत या परािधकारी को या समिचत मामल म िकसी सरकार को ऐस िनदश आदश या िरट िजनक अतगरत 4[बदी पर यकषीकरण परमादश परितषध अिधकार-प छा और उ परषण िरट ह या उनम स कोई] िनकालन की शिकत होगी ]
(2) िकसी सरकार परािधकारी या यिकत को िनदश आदश या िरट िनकालन की खड (1) दवारा परद शिकत का परयोग उन रा यकषतर क सबध म िजनक भीतर ऐसी शिकत क परयोग क िलए वादहतक पणरत या भागत उ प न होता ह अिधकािरता का परयोग करन वाल िकसी उ च यायालय दवारा भी इस बात क होत हए भी िकया जा सकगा िक ऐसी सरकार या परािधकारी का थान या ऐस यिकत का िनवास- थान उन रा यकषतर क भीतर नही ह
5[(3) जहा कोई पकषकार िजसक िव दध खड (1) क अधीन िकसी यािचका पर या उसस सबिधत िकसी कायरवाही म यादश क प म या रोक क प म या िकसी अ य रीित स कोई अतिरम आदशndash
(क) ऐस पकषकार को ऐसी यािचका की और ऐस अतिरम आदश क िलए अिभवाक क समथरन म सभी द तावज की परितिलिपया और
1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 29 दवारा (20-6-1979 स) अतः थािपत सिवधान
(बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 37 दवारा (1-2-1977 स) मल परतक का लोप िकया गया था 2 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 38 दवारा (1-2-1977 स) अन छद 226 क थान पर
परित थािपत 3 सिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 7 दवारा (13-4-1978 स) ldquoिकत अन छद 131क और
अन छद 226क क उपबध क अधीन रहत हएrdquo श द अक और अकषर का लोप िकया गया 4 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 30 दवारा (1-8-1979 स) ldquoिजनक अतगरत बदी
पर यकषीकरण परमादश परितषध अिधकार-प छा और उ परषण क परकार क लख भी ह अथवा उनम स िकसी कोrdquo श द स आरभ होकर ldquo याय की सारवान िन फलता हई ह िकसी कषित क परिततोष क िलएrdquo श द क साथ समा होन वाल भाग क थान पर परित थािपत
5 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 30 दवारा (1-8-1979 स) खड (3) खड (4) खड (5) और खड (6) क थान पर परित थािपत
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(ख) ऐस पकषकार को सनवाई का अवसर िदए िबना िकया गया ह ऐस आदश को र करान क िलए उ च यायालय को आवदन करता ह और ऐस आवदन की एक परितिलिप उस पकषकार को िजसक पकष म ऐसा आदश िकया गया ह या उसक काउसल को दता ह वहा उ च यायालय उसकी पराि की तारीख स या ऐस आवदन की परितिलिप इस परकार िदए जान की तारीख स दो स ाह की अविध क भीतर इनम स जो भी प ा वतीर हो या जहा उ च यायालय उस अविध क अितम िदन बद ह वहा उसक ठीक बाद वाल िदन की समाि स पहल िजस िदन उ च यायालय खला ह आवदन को िनपटाएगा और यिद आवदन इस परकार नही िनपटाया जाता ह तो अतिरम आदश यथाि थित उकत अविध की या उकत ठीक बाद वाल िदन की समाि पर र हो जाएगा ]
1[(4) इस अन छद दवारा उ च यायालय को परद शिकत स अन छद 32 क खड (2) दवारा उ चतम यायालय को परद शिकत का अ पीकरण नही होगा ]
2[226क अन छद 226 क अधीन कायरवािहय म क दरीय िविधय की सािवधािनक वधता पर िवचार न िकया जाना ]ndashसिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 8 दवारा (13-4-1978 स) िनरिसत
227 सभी यायालय क अधीकषण की उ च यायालय की शिकतndash3[(1) पर यक उ च यायालय उन रा यकषतर म सवरतर िजनक सबध म वह अपनी अिधकािरता का परयोग करता ह सभी यायालय और अिधकरण का अधीकषण करगा ]
(2) पवरगामी उपबध की यापकता पर परितकल परभाव डाल िबना उ च यायालयndash
(क) ऐस यायालय स िववरणी मगा सकगा (ख) ऐस यायालय की पदधित और कायरवािहय क िविनयमन क िलए
साधारण िनयम और पर प बना सकगा और िनकाल सकगा तथा िविहत कर सकगा और
(ग) िक ही ऐस यायालय क अिधकािरय दवारा रखी जान वाली प तक परिवि य और लखाओ क पर प िविहत कर सकगा (3) उ च यायालय उन फीस की सारिणया भी ि थर कर सकगा जो ऐस
यायालय क शिरफ को तथा सभी िलिपक और अिधकािरय को तथा उनम िविध-यावसाय करन वाल अटिनरय अिधवकताओ और लीडर को अनजञय ह गी
1 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 30 दवारा (1-8-1979 स) खड (7) को खड (4) क प
म पनःसखयािकत िकया गया 2 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 39 दवारा (1-2-1977 स) अतः थािपत 3 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 40 दवारा (1-2-1977 स) और त प ात सिवधान
(चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 31 दवारा (20-6-1979 स) परित थािपत होकर उपरोकत खड (1) प म आया
भारत का सिवधान
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परत खड (2) या खड (3) क अधीन बनाए गए कोई िनयम िविहत िकए गए कोई पर प या ि थर की गई कोई सारणी त समय परव िकसी िविध क उपबध स असगत नही होगी और इनक िलए रा यपाल क पवर अनमोदन की अपकषा होगी
(4) इस अन छद की कोई बात उ च यायालय को सश बल स सबिधत िकसी िविध दवारा या उसक अधीन गिठत िकसी यायालय या अिधकरण पर अधीकषण की शिकतया दन वाली नही समझी जाएगी
1(5) 228 कछ मामल का उ च यायालय को अतरणndashयिद उ च यायालय का यह
समाधान हो जाता ह िक उसक अधीन थ िकसी यायालय म लिबत िकसी मामल म इस सिवधान क िनवरचन क बार म िविध का कोई सारवान पर अतवरिलत ह िजसका अवधारण मामल क िनपटार क िलए आव यक ह 2[तो वह 3उस मामल को अपन पास मगा लगा औरndash]
(क) मामल को वय िनपटा सकगा या (ख) उकत िविध क पर का अवधारण कर सकगा और उस मामल को ऐस
पर पर िनणरय की परितिलिप सिहत उस यायालय को िजसस मामला इस परकार मगा िलया गया ह लौटा सकगा और उकत यायालय उसक परा होन पर उस मामल को ऐस िनणरय क अन प िनपटान क िलए आग कायरवाही करगा 4[228क रा य िविधय की सािवधािनक वधता स सबिधत पर क िनपटार क
बार म िवशष उपबध ]ndashसिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 10 दवारा (13-4-1978 स) िनरिसत
229 उ च यायालय क अिधकारी और सवक तथा ययndash(1) िकसी उ च यायालय क अिधकािरय और सवक की िनयिकतया उस यायालय का मखय यायमितर करगा या उस यायालय का ऐसा अ य यायाधीश या अिधकारी करगा िजस वह िनिद कर
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 40 दवारा (1-2-1977 स ) खड (5) अतः थािपत िकया
गया और सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 31 दवारा (20-6-1979 स) उसका लोप िकया गया
2 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 41 दवारा (1-2-1977 स) ldquoतो वह उस मामल को अपन पास मगा लगा तथा --rdquo क थान पर परित थािपत
3 सिवधान (ततालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1977 की धारा 9 दवारा (13-4-1978 स) ldquoअन छद 131क क उपबध क अधीन रहत हएrdquo श द अक और अकषर का लोप िकया गया
4 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 42 दवारा (1-2-1977 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
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परत उस रा य का रा यपाल 1 िनयम दवारा यह अपकषा कर सकगा िक ऐसी िक ही दशाओ म जो िनयम म िविनिदर की जाए िकसी ऐस यिकत को जो पहल स ही यायालय स सलगन नही ह यायालय स सबिधत िकसी पद पर रा य लोक सवा आयोग स परामशर करक ही िनयकत िकया जाएगा अ यथा नही
(2) रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध क उपबध क अधीन रहत हए उ च यायालय क अिधकािरय और सवक की सवा की शत ऐसी ह गी जो उस यायालय क मखय यायमितर या उस यायालय क ऐस अ य यायाधीश या अिधकारी दवारा िजस मखय यायमितर न इस परयोजन क िलए िनयम बनान क िलए परािधकत िकया ह बनाए गए िनयम दवारा िविहत की जाए
परत इस खड क अधीन बनाए गए िनयम क िलए जहा तक व वतन भ छटटी या पशन स सबिधत ह उस रा य क रा यपाल क 1 अनमोदन की अपकषा होगी
(3) उ च यायालय क परशासिनक यय िजनक अतगरत उस यायालय क अिधकािरय और सवक को या उनक सबध म सदय सभी वतन भ और पशन ह रा य की सिचत िनिध पर भािरत ह ग और उस यायालय दवारा ली गई फीस और अ य धनरािशया उस िनिध का भाग ह गी
2[230 उ च यायालय की अिधकािरता का सघ रा यकषतर पर िव तारndash(1) सस िविध दवारा िकसी सघ रा यकषतर पर िकसी उ च यायालय की अिधकािरता का िव तार कर सकगी या िकसी सघ रा यकषतर स िकसी उ च यायालय की अिधकािरता का अपवजरन कर सकगी
(2) जहा िकसी रा य का उ च यायालय िकसी सघ रा यकषतर क सबध म अिधकािरता का परयोग करता ह वहाndash
(क) इस सिवधान की िकसी बात का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह उस रा य क िवधान-मडल को उस अिधकािरता म विदध उसका िनबरधन या उ सादन करन क िलए सशकत करती ह और
(ख) उस रा यकषतर म अधीन थ यायालय क िलए िक ही िनयम पर प या सारिणय क सबध म अन छद 227 म रा यपाल क परित िनदश का यह अथर लगाया जाएगा िक वह रा पित क परित िनदश ह 231 दो या अिधक रा य क िलए एक ही उ च यायालय की थापनाndash(1) इस
अ याय क पवरवतीर उपबध म िकसी बात क होत हए भी सस िविध दवारा दो या अिधक रा य क िलए अथवा दो या अिधक रा य और िकसी सघ रा यकषतर क िलए एक ही उ च यायालय थािपत कर सकगी
(2) िकसी ऐस उ च यायालय क सबध मndash
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoिजसम उ च यायालय का मखय
थान हrdquo श द का (1-11-1956 स) लोप िकया गया 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 16 दवारा (1-11-1956 स) अन छद 230 231 और 232
क थान पर अन छद 230 और 231 परित थािपत
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1(क) (ख) अधीन थ यायालय क िलए िक ही िनयम पर प या सारिणय क
सबध म अन छद 227 म रा यपाल क परित िनदश का यह अथर लगाया जाएगा िक वह उस रा य क रा यपाल क परित िनदश ह िजसम व अधीन थ यायालय ि थत ह और
(ग) अन छद 219 और अन छद 229 म रा य क परित िनदश का यह अथर लगाया जाएगा िक व उस रा य क परित िनदश ह िजसम उस उ च यायालय का मखय थान ह परत यिद ऐसा मखय थान िकसी सघ रा यकषतर म ह तो अन छद 219 और
अन छद 229 म रा य क रा यपाल लोक सवा आयोग िवधान-मडल और सिचत िनिध क परित िनदश का यह अथर लगाया जाएगा िक व करमश रा पित सघ लोक सवा आयोग सस और भारत की सिचत िनिध क परित िनदश ह ]
232 िनवरचन ndash [सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 6 दवारा (1-11-1956 स) अन छद 230 231 और 232 क थान पर अन छद 230 और 231 को परित थािपत िकया गया]
अ याय 6ndashअधीन थ यायालय 233 िजला यायाधीश की िनयिकतndash(1) िकसी रा य म िजला यायाधीश िनयकत
होन वाल यिकतय की िनयिकत तथा िजला यायाधीश की पद थापना और परो नित उस रा य का रा यपाल ऐस रा य क सबध म अिधकािरता का परयोग करन वाल उ च यायालय स परामशर करक करगा
(2) वह यिकत जो सघ की या रा य की सवा म पहल स ही नही ह िजला यायाधीश िनयकत होन क िलए कवल तभी पातर होगा जब वह कम स कम सात वषर तक अिधवकता या लीडर रहा ह और उसकी िनयिकत क िलए उ च यायालय न िसफािरश की ह 1 सिवधान (िन यानववा सशोधन) अिधिनयम 2014 की धारा 10 दवारा (13-4-2015 स) खड (क) का लोप िकया
गया यह सशोधन सपरीम कोटर एडवोक स आन िरकाडर एसोिसएशन बनाम भारत सघ एआईआर 2016 एससी 117 वाल मामल म उ चतम यायालय क तारीख 16-10-2015 क आदश दवारा अिभखिडत कर िदया गया ह सशोधन क पवर खड (क) िन नानसार था --
ldquo(क) अन छद 217 म उस रा य क रा यपाल क परित िनदश का यह अथर लगाया जाएगा िक वह उन सभी रा य क रा यपाल क परित िनदश ह िजनक सबध म वह उ च यायालय अिधकािरता का परयोग करता ह rdquo
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1[233क कछ िजला यायाधीश की िनयिकतय का और उनक दवारा िकए गए िनणरय आिद का िविधमा यकरणndashिकसी यायालय का कोई िनणरय िडकरी या आदश होत हए भी ndash
(क) (i) उस यिकत की जो रा य की याियक सवा म पहल स ही ह या उस यिकत की जो कम स कम सात वषर तक अिधवकता या लीडर रहा ह उस रा य म िजला यायाधीश क प म िनयिकत की बाबत और
(ii) ऐस यिकत की िजला यायाधीश क प म पद थापना परो नित या अतरण की बाबत जो सिवधान (बीसवा सशोधन) अिधिनयम 1966 क परारभ स पहल िकसी समय अन छद 233 या अन छद 235 क उपबध क अनसार न करक अ यथा िकया गया ह कवल इस त य क कारण िक ऐसी िनयिकत पद थापना परो नित या अतरण उकत उपबध क अनसार नही िकया गया था यह नही समझा जाएगा िक वह अवध या श य ह या कभी भी अवध या श य रहा था
(ख) िकसी रा य म िजला यायाधीश क प म अन छद 233 या अन छद 235 क उपबध क अनसार न करक अ यथा िनयकत पद थािपत परो नत या अतिरत िकसी यिकत दवारा या उसक समकष सिवधान (बीसवा सशोधन) अिधिनयम 1966 क परारभ स पहल परयकत अिधकािरता की पािरत िकए गए या िदए गए िनणरय िडकरी दडादश या आदश की और िकए गए अ य कायर या कायरवाही की बाबत कवल इस त य क कारण िक ऐसी िनयिकत पद थापना परो नित या अतरण उकत उपबध क अनसार नही िकया गया था यह नही समझा जाएगा िक वह अवध या अिविधमा य ह या कभी भी अवध या अिविधमा य रहा था ] 234 याियक सवा म िजला यायाधीश स िभ न यिकतय की भतीरndashिजला
यायाधीश स िभ न यिकतय की िकसी रा य की याियक सवा म िनयिकत उस रा य क रा यपाल दवारा रा य लोक सवा आयोग स और ऐस रा य क सबध म अिधकािरता का परयोग करन वाल उ च यायालय स परामशर करन क प ात और रा यपाल दवारा इस िनिम बनाए गए िनयम क अनसार की जाएगी
235 अधीन थ यायालय पर िनयतरणndashिजला यायालय और उनक अधीन थ यायालय का िनयतरण िजसक अतगरत रा य की याियक सवा क यिकतय और िजला यायाधीश क पद स अवर िकसी पद को धारण करन वाल यिकतय की पद थापना परो नित और उनको छटटी दना ह उ च यायालय म िनिहत होगा िकत इस अन छद की िकसी बात का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह ऐस िकसी यिकत स उसक अपील क अिधकार को छीनती ह जो उसकी सवा की शत का िविनयमन करन वाली िविध क अधीन उस ह या उ च यायालय को इस बात क िलए परािधकत करती ह िक वह उसस ऐसी िविध क अधीन िविहत उसकी सवा की शत क अनसार यवहार न करक अ यथा यवहार कर 1 सिवधान (बीसवा सशोधन) अिधिनयम 1966 की धारा 2 दवारा (22-12-1966 स) अतः थािपत
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236 िनवरचनndashइस अ याय म ndash (क) ldquoिजला यायाधीशrdquo पद क अतगरत नगर िसिवल यायालय का
यायाधीश अपर िजला यायाधीश सयकत िजला यायाधीश सहायक िजला यायाधीश लघवाद यायालय का मखय यायाधीश मखय परिसडसी मिज टरट अपर मखय परिसडसी मिज टरट सशन यायाधीश अपर सशन यायाधीश और सहायक सशन यायाधीश ह
(ख) ldquo याियक सवाrdquo पद स ऐसी सवा अिभपरत ह जो अन यतः ऐस यिकतय स िमलकर बनी ह िजनक दवारा िजला यायाधीश क पद का और िजला यायाधीश क पद स अवर अ य िसिवल याियक पद का भरा जाना आशियत ह 237 कछ वगर या वग क मिज टरट पर इस अ याय क उपबध का लाग होनाndash
रा यपाल लोक अिधसचना दवारा िनदश द सकगा िक इस अ याय क पवरगामी उपबध और उनक अधीन बनाए गए िनयम ऐसी तारीख स जो वह इस िनिम िनयत कर ऐस अपवाद और उपातरण क अधीन रहत हए जो ऐसी अिधसचना म िविनिदर िकए जाए रा य म िकसी वगर या वग क मिज टरट क सबध म वस ही लाग ह ग जस व रा य की याियक सवा म िनयकत यिकतय क सबध म लाग होत ह
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भाग 7
[पहली अनसची क भाग ख क रा य ]mdashसिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) िनरिसत
238 [पहली अनसची क भाग ख क रा य ] mdash सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) िनरिसत
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भाग 8 1[सघ रा यकषतर]
2[239 सघ रा यकषतर का परशासनndash(1) सस दवारा बनाई गई िविध दवारा यथा अ यथा उपबिधत क िसवाय पर यक सघ रा यकषतर का परशासन रा पित दवारा िकया जाएगा और वह अपन दवारा ऐस पदािभधान सिहत जो वह िविनिदर कर िनयकत िकए गए परशासक क मा यम स उस मातरा तक कायर करगा िजतनी वह ठीक समझता ह
(2) भाग 6 म िकसी बात क होत हए भी रा पित िकसी रा य क रा यपाल को िकसी िनकटवतीर सघ रा यकषतर का परशासक िनयकत कर सकगा और जहा कोई रा यपाल इस परकार िनयकत िकया जाता ह वहा वह ऐस परशासक क प म अपन क य का परयोग अपनी मितर-पिरष स वततर प स करगा
3[239क कछ सघ रा यकषतर क िलए थानीय िवधान-मडल या मितर-पिरषद का या दोन का सजनndash(1) सस िविध दवारा 4[5[पडचरी]] सघ रा यकषतर क िलए] ndash
(क) उस सघ रा यकषतर क िवधान-मडल क प म कायर करन क िलए िनवारिचत या भागतः नामिनदिशत और भागतः िनवारिचत िनकाय का या
(ख) मितर-पिरष का या दोन का सजन कर सकगी िजनम स पर यक का गठन शिकतया और क य व ह ग जो उस िविध म िविनिदर िकए जाए
(2) खड (1) म िनिदर िविध को अन छद 368 क परयोजन क िलए इस सिवधान का सशोधन इस बात क होत हए भी नही समझा जाएगा िक उसम कोई ऐसा उपबध अतिवर ह जो इस सिवधान का सशोधन करता ह या सशोधन करन का परभाव रखता ह ]
6[239कक िद ली क सबध म िवशष उपबधndash(1) सिवधान (उनह रवा सशोधन)
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 17 दवारा ldquoपहली अनसची क भाग ग म क रा यrdquo शीषरक क
थान पर (1-11-1956 स) परित थािपत 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 17 दवारा अन छद 239 और अन छद 240 क थान पर
परित थािपत 3 सिवधान (चौदहवा सशोधन) अिधिनयम 1962 की धारा 4 दवारा (28-12-1962 स) अतः थािपत 4 गोवा दमण और दीव पनगरठन अिधिनयम 1987 (1987 का 18) की धारा 63 दवारा (30-5-1987 स) ldquoगोवा
दमण और दीव और पािडचरी सघ रा यकषतर म स िकसी क िलएrdquo श द क थान पर परित थािपत 5 पािडचरी (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 2006 (2006 का 44) की धारा 4 दवारा (1-10-2006 स) ldquoपािडचरीrdquo क थान
पर परित थािपत 6 सिवधान (उनहतरवा सशोधन) अिधिनयम 1991 की धारा 2 दवारा (1-2-1992 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
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अिधिनयम 1991 क परारभ स िद ली सघ रा यकषतर को िद ली रा ीय राजधानी रा यकषतर (िजस इस भाग म इसक प ात रा ीय राजधानी रा यकषतर कहा गया ह) कहा जाएगा और अन छद 239 क अधीन िनयकत उसक परशासक का पदािभधान उप-रा यपाल होगा
(2)(क) रा ीय राजधानी रा यकषतर क िलए एक िवधान सभा होगी और ऐसी िवधान सभा म थान रा ीय राजधानी रा यकषतर म परादिशक िनवारचन-कषतर म स पर यकष िनवारचन दवारा चन हए सद य स भर जाएग
(ख) िवधान सभा म थान की कल सखया अनसिचत जाितय क िलए आरिकषत थान की सखया रा ीय राजधानी रा यकषतर क परादिशक िनवारचन-कषतर म िवभाजन
(िजसक अतगरत ऐस िवभाजन का आधार ह) तथा िवधान सभा क कायरकरण स सबिधत सभी अ य िवषय का िविनयमन सस दवारा बनाई गई िविध दवारा िकया जाएगा
(ग) अन छद 324 स अन छद 327 और अन छद 329 क उपबध रा ीय राजधानी रा यकषतर रा ीय राजधानी रा यकषतर की िवधान सभा और उसक सद य क सबध म वस ही लाग ह ग जस व िकसी रा य िकसी रा य की िवधान सभा और उसक सद य क सबध म लाग होत ह तथा अन छद 326 और अन छद 329 म ldquoसमिचत िवधान-मडलrdquo क परित िनदश क बार म यह समझा जाएगा िक वह सस क परित िनदश ह
(3)(क) इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए िवधान सभा को रा य सची की परिवि 1 परिवि 2 और परिवि 18 स तथा उस सची की परिवि 64 परिवि 65 और परिवि 66 स जहा तक उनका सबध उकत परिवि 1 परिवि 2 और परिवि 18 स ह सबिधत िवषय स िभ न रा य सची म या समवतीर सची म परगिणत िकसी भी िवषय क सबध म जहा तक ऐसा कोई िवषय सघ रा यकषतर को लाग ह सपणर रा ीय राजधानी रा यकषतर या उसक िकसी भाग क िलए िविध बनान की शिकत होगी
(ख) उपखड (क) की िकसी बात स सघ रा यकषतर या उसक िकसी भाग क िलए िकसी भी िवषय क सबध म इस सिवधान क अधीन िविध बनान की सस की शिकत का अ पीकरण नही होगा
(ग) यिद िवधान सभा दवारा िकसी िवषय क सबध म बनाई गई िविध का कोई उपबध सस दवारा उस िवषय क सबध म बनाई गई िविध क चाह वह िवधान सभा दवारा
भारत का सिवधान
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बनाई गई िविध स पहल या उसक बाद म पािरत की गई हो या िकसी पवरतर िविध क जो िवधान सभा दवारा बनाई गई िविध स िभ न ह िकसी उपबध क िव दध ह तो दोन दशाओ म यथाि थित सस दवारा बनाई गई िविध या ऐसी पवरतर िविध अिभभावी होगी और िवधान सभा दवारा बनाई गई िविध उस िवरोध की मातरा तक श य होगी
परत यिद िवधान सभा दवारा बनाई गई िकसी ऐसी िविध को रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रखा गया ह और उस पर उसकी अनमित िमल गई ह तो ऐसी िविध रा ीय राजधानी रा यकषतर म अिभभावी होगी
परत यह और िक इस उपखड की कोई बात सस को उसी िवषय क सबध म कोई िविध िजसक अतगरत ऐसी िविध ह जो िवधान सभा दवारा इस परकार बनाई गई िविध का पिरवधरन सशोधन पिरवतरन या िनरसन करती ह िकसी भी समय अिधिनयिमत करन स िनवािरत नही करगी
(4) िजन बात म िकसी िविध दवारा या उसक अधीन उप-रा यपाल स यह अपिकषत ह िक वह अपन िववकानसार कायर कर उन बात को छोड़कर उप-रा यपाल की उन िवषय क सबध म िजनकी बाबत िवधान सभा को िविध बनान की शिकत ह अपन क य का परयोग करन म सहायता और सलाह दन क िलए एक मितर-पिरष होगी जो िवधान सभा की कल सद य सखया क दस परितशत स अनिधक सद य स िमलकर बनगी िजसका परधान मखयमतरी होगा
परत उप-रा यपाल और उसक मितरय क बीच िकसी िवषय पर मतभद की दशा म उप-रा यपाल उस रा पित को िविन य क िलए िनदिशत करगा और रा पित दवारा उस पर िकए गए िविन य क अनसार कायर करगा तथा ऐसा िविन य होन तक उप-रा यपाल िकसी ऐस मामल म जहा वह िवषय उसकी राय म इतना आव यक ह िजसक कारण तर त काररवाई करना उसक िलए आव यक ह वहा उस िवषय म ऐसी काररवाई करन या ऐसा िनदश दन क िलए जो वह आव यक समझ सकषम होगा
(5) मखयमतरी की िनयिकत रा पित करगा और अ य मितरय की िनयिकत रा पित मखयमतरी की सलाह पर करगा तथा मतरी रा पित क परसादपयर त अपन पद धारण करग
(6) मितर-पिरष िवधान सभा क परित सामिहक प स उ रदायी होगी 1[(7)(क)] सस पवरगामी खड को परभावी करन क िलए या उनम अतिवर
उपबध की अनपितर क िलए और उनक आनषिगक या पािरणािमक सभी िवषय क िलए 1 सिवधान (स रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 की धारा 3 दवारा (21-12-1991 स) ldquo(7)rdquo क थान पर
परित थािपत
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िविध दवारा उपबध कर सकगी 1[(ख) उपखड (क) म िनिदर िविध को अन छद 368 क परयोजन क िलए इस
सिवधान का सशोधन इस बात क होत हए भी नही समझा जाएगा िक उसम कोई ऐसा उपबध अतिवर ह जो इस सिवधान का सशोधन करता ह या सशोधन करन का परभाव रखता ह ]
(8) अन छद 239ख क उपबध जहा तक हो सक रा ीय राजधानी रा यकषतर उप-रा यपाल और िवधान सभा क सबध म वस ही लाग ह ग जस व 2[पडचरी] सघ रा यकषतर परशासक और उसक िवधान-मडल क सबध म लाग होत ह और उस अन छद म ldquoअन छद 239क क खड (1)rdquo क परित िनदश क बार म यह समझा जाएगा िक वह यथाि थित इस अन छद या अन छद 239कख क परित िनदश ह
239कख सािवधािनक ततर क िवफल हो जान की दशा म उपबधndashयिद रा पित का उप-रा यपाल स परितवदन िमलन पर या अ यथा यह समाधान हो जाता ह िकndash
(क) ऐसी ि थित उ प न हो गई ह िजसम रा ीय राजधानी रा यकषतर का परशासन अन छद 239कक या उस अन छद क अनसरण म बनाई गई िकसी िविध क उपबध क अनसार नही चलाया जा सकता ह या
(ख) रा ीय राजधानी रा यकषतर क उिचत परशासन क िलए ऐसा करना आव यक या समीचीन ह
तो रा पित आदश दवारा अन छद 239कक क िकसी उपबध क अथवा उस अन छद क अनसरण म बनाई गई िकसी िविध क सभी या िक ही उपबध क परवतरन को ऐसी अविध क िलए और ऐसी शत क अधीन रहत हए जो ऐसी िविध म िविनिदर की जाए िनलिबत कर सकगा तथा ऐस आनषिगक और पािरणािमक उपबध कर सकगा जो अन छद 239 और अन छद 239कक क उपबध क अनसार रा ीय राजधानी रा यकषतर क परशासन क िलए उस आव यक या समीचीन परतीत ह ]
3[239ख िवधान-मडल क िव ाितकाल म अ यादश परखयािपत करन की परशासक की शिकतndash(1) उस समय को छोड़कर जब 4[1[पडचरी] सघ रा यकषतर] का
1 सिवधान (स रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 की धारा 3 दवारा (21-12-1991 स) अतः थािपत 2 पािडचरी (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 2006 (2006 का 44) की धारा 4 दवारा (1-10-2006 स) ldquoपािडचरीrdquo क थान
पर परित थािपत
3 सिवधान (सताईसवा सशोधन) अिधिनयम 1971 की धारा 3 दवारा (30-12-1971 स) अतः थािपत 4 गोवा दमण और दीव पनगरठन अिधिनयम 1987 (1987 का 18) की धारा 63 दवारा (30-5-1987 स) ldquoअन छद
239क क खड (1) म िनिदर सघ रा यकषतर rdquo क थान पर परित थािपत
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िवधान-मडल सतर म ह यिद िकसी समय उसक परशासक का यह समाधान हो जाता ह िक ऐसी पिरि थितया िवदयमान ह िजनक कारण तर त काररवाई करना उसक िलए आव यक हो गया ह तो वह ऐस अ यादश परखयािपत कर सकगा जो उस उन पिरि थितय म अपिकषत परतीत ह
परत परशासक कोई ऐसा अ यादश रा पित स इस िनिम अनदश अिभपरा करन क प ात ही परखयािपत करगा अ यथा नही
परत यह और िक जब कभी उकत िवधान-मडल का िवघटन कर िदया जाता ह या अन छद 239क क खड (1) म िनिदर िविध क अधीन की गई िकसी काररवाई क कारण उसका कायरकरण िनलिबत रहता ह तब परशासक ऐस िवघटन या िनलबन की अविध क दौरान कोई अ यादश परखयािपत नही करगा
(2) रा पित क अनदश क अनसरण म इस अन छद क अधीन परखयािपत अ यादश सघ रा यकषतर क िवधान-मडल का ऐसा अिधिनयम समझा जाएगा जो अन छद 239क क खड (1) म िनिदर िविध म उस िनिम अतिवर उपबध का अनपालन करन क प ात स यक प स अिधिनयिमत िकया गया ह िकत पर यक ऐसा अ यादशmdash
(क) सघ रा यकषतर क िवधान-मडल क समकष रखा जाएगा और िवधान-मडल क पनः समवत होन स छह स ाह की समाि पर या यिद उस अविध की समाि स पहल िवधान-मडल उसक अननमोदन का सक प पािरत कर दता ह तो सक प क पािरत होन पर परवतरन म नही रहगा और
(ख) रा पित स इस िनिम अनदश अिभपरा करन क प ात परशासक दवारा िकसी भी समय वापस िलया जा सकगा (3) यिद और जहा तक इस अन छद क अधीन अ यादश कोई ऐसा उपबध करता
ह जो सघ रा यकषतर क िवधान-मडल क ऐस अिधिनयम म िजस अन छद 239क क खड (1) म िनिदर िविध म इस िनिम अतिवर उपबध का अनपालन करन क प ात बनाया गया ह अिधिनयिमत िकए जान पर िविधमा य नही होता तो और वहा तक वह अ यादश श य होगा ]
2(4) 240 कछ सघ रा यकषतर क िलए िविनयम बनान की रा पित की शिकतndash(1)
रा पितndash (क) अदमान और िनकोबार दवीप 1[(ख) लकषदवीप ]
1 पािडचरी (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 2006 (2006 का 44) की धारा 4 दवारा (1-10-2006 स) पािडचरी क
थान पर परित थािपत 2 खड (4) सिवधान (अड़तीसवा सशोधन) अिधिनयम 1975 की धारा 5 दवारा (भतलकषी प स) अतः थािपत िकया
गया था और सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 32 दवारा (20-6-1979 स) लोप िकया गया
भारत का सिवधान
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2[(ग) दादरा और नागर हवली ] 3[(घ) दमण और दीव ] 4[(ङ) 5[पडचरी] ] 6(च) 7(छ)
सघ रा यकषतर की शाित परगित और सशासन क िलए िविनयम बना सकगा 8[परत जब 9[पडचरी] 5[सघ रा यकषतर] क िलए िवधान-मडल क प म कायर करन
क िलए अन छद 239क क अधीन िकसी िनकाय का सजन िकया जाता ह तब रा पित िवधान-मडल क परथम अिधवशन क िलए िनयत तारीख स उस सघ रा यकषतर की शाित परगित और सशासन क िलए िविनयम नही बनाएगा ]
10[परत यह और िक जब कभी 11[पडचरी]] सघ रा यकषतर क िवधान-मडल क प म कायर करन वाल िनकाय का िवघटन कर िदया जाता ह या उस िनकाय का ऐस िवधान-मडल क प म कायरकरण अन छद 239क क खड (1) म िनिदर िविध क अधीन की गई काररवाई क कारण िनलिबत रहता ह तब रा पित ऐस िवघटन या िनलबन की अविध क दौरान उस सघ रा यकषतर की शाित परगित और सशासन क िलए िविनयम 1 लककादीव िमिनकोय और अमीनदीवी दवीप (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 1973 (1973 का 34) की धारा 4 दवारा
(1-11-1973 स) परिवि (ख) क थान पर परित थािपत 2 सिवधान (दसवा सशोधन) अिधिनयम 1961 की धारा 3 दवारा अतः थािपत 3 गोवा दमण और दीव पनगरठन अिधिनयम 1987 (1987 का 18) की धारा 63 दवारा (30-5-1987 स) परिवि (घ)
क थान पर परित थािपत सिवधान (बारहवा सशोधन) अिधिनयम 1962 की धारा 3 दवारा (20-12-1961 स) परिवि (घ) अतः थािपत की गई थी
4 सिवधान (चौदहवा सशोधन) अिधिनयम 1962 की धारा 5 और धारा 7 दवारा (16-8-1962 स) अतः थािपत 5 पािडचरी (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 2006 (2006 का 44) की धारा 4 दवारा (1-10-2006 स) ldquoपािडचरीrdquo क थान
पर परित थािपत
6 िमजोरम रा य अिधिनयम 1986 (1986 का 34) की धारा 39 दवारा (20-2-1987 स) िमजोरम सबधी परिवि (च) का लोप िकया गया
7 अ णाचल परदश रा य अिधिनयम 1986 (1986 का 69) की धारा 42 दवारा (20-2-1987 स) अ णाचल परदश सबधी परिवि (छ) का लोप िकया गया
8 सिवधान (चौदहवा सशोधन) अिधिनयम 1962 की धारा 5 दवारा (28-12-1962 स) अतः थािपत 9 सिवधान (स ाईसवा सशोधन) अिधिनयम 1971 की धारा 4 दवारा (15-2-1972 स) ldquoगोवा दमण और दीव या
पािडचरी सघ रा यकषतरrdquo श द क थान पर परित थािपत 10 सिवधान (स ाईसवा सशोधन) अिधिनयम 1971 की धारा 4 दवारा (15-2-1972 स) अतः थािपत 11 पािडचरी (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 2006 (2006 का 44) की धारा 4 दवारा (1-10-2006 स) पािडचरी क
थान पर परित थािपत
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बना सकगा ] (2) इस परकार बनाया गया कोई िविनयम सस दवारा बनाए गए िकसी अिधिनयम
या 1[िकसी अ य िविध] का जो उस सघ रा यकषतर को त समय लाग ह िनरसन या सशोधन कर सकगा और रा पित दवारा परखयािपत िकए जान पर उसका वही बल और परभाव होगा जो सस क िकसी ऐस अिधिनयम का ह जो उस रा यकषतर को लाग होता ह ]
241 सघ रा यकषतर क िलए उ च यायालयndash(1) सस िविध दवारा िकसी 2[सघ रा यकषतर] क िलए उ च यायालय गिठत कर सकगी या 3[ऐस रा यकषतर] म िकसी यायालय को इस सिवधान क सभी या िक ही परयोजन क िलए उ च यायालय घोिषत कर सकगी
(2) भाग 6 क अ याय 5 क उपबध ऐस उपातरण या अपवाद क अधीन रहत हए जो सस िविध दवारा उपबिधत कर खड (1) म िनिदर पर यक उ च यायालय क सबध म वस ही लाग ह ग जस व अन छद 214 म िनिदर िकसी उ च यायालय क सबध म लाग होत ह
4[(3) इस सिवधान क उपबध क और इस सिवधान दवारा या इसक अधीन समिचत िवधान-मडल को परद शिकतय क आधार पर बनाई गई उस िवधान-मडल की िकसी िविध क उपबध क अधीन रहत हए पर यक उ च यायालय जो सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 क परारभ स ठीक पहल िकसी सघ रा यकषतर क सबध म अिधकािरता का परयोग करता था ऐस परारभ क प ात उस रा यकषतर क सबध म उस अिधकािरता का परयोग करता रहगा
(4) इस अन छद की िकसी बात स िकसी रा य क उ च यायालय की अिधकािरता का िकसी सघ रा यकषतर या उसक भाग पर िव तार करन या उसस अपवजरन करन की सस की शिकत का अ पीकरण नही होगा ]
242 [कगर ]ndashसिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा िनरिसत
1 सिवधान (स ाईसवा सशोधन) अिधिनयम 1971 की धारा 4 दवारा (15-2-1972 स) ldquoिकसी िवदयमान िविधrdquo श द
क थान पर परित थािपत
2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoपहली अनसची क भाग ग म िविनिदर रा यrdquo श द क थान पर परित थािपत
3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoऐसा रा यrdquo श द क थान पर परित थािपत
4 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) खड (3) और खड (4) क थान पर परित थािपत
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1[भाग 9 पचायत
243 पिरभाषाएndashइस भाग म जब तक िक सदभर स अ यथा अपिकषत न होndash (क) ldquoिजलाrdquo स िकसी रा य का िजला अिभपरत ह (ख) ldquoगराम सभाrdquo स गराम तर पर पचायत क कषतर क भीतर समािव
िकसी गराम स सबिधत िनवारचक नामावली म रिज टरीकत यिकतय स िमलकर बना िनकाय अिभपरत ह
(ग) ldquoम यवतीर तरrdquo स गराम और िजला तर क बीच का ऐसा तर अिभपरत ह िजस िकसी रा य का रा यपाल इस भाग क परयोजन क िलए लोक अिधसचना दवारा म यवतीर तर क प म िविनिदर कर
(घ) ldquoपचायतrdquo स गरामीण कषतर क िलए अन छद 243ख क अधीन गिठत वाय शासन की कोई स था (चाह वह िकसी भी नाम स जञात हो) अिभपरत ह
(ङ) ldquoपचायत कषतरrdquo स पचायत का परादिशक कषतर अिभपरत ह (च) ldquoजनसखयाrdquo स ऐसी अितम पवरवतीर जनगणना म अिभिनि त की
गई जनसखया अिभपरत ह िजसक ससगत आकड़ परकािशत हो गए ह (छ) ldquoगरामrdquo स रा यपाल दवारा इस भाग क परयोजन क िलए लोक
अिधसचना दवारा गराम क प म िविनिदर गराम अिभपरत ह और इसक अतगरत इस परकार िविनिदर गराम का समह भी ह 243क गराम सभाndashगराम सभा गराम तर पर ऐसी शिकतय का परयोग और ऐस
क य का पालन कर सकगी जो िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा िविध दवारा उपबिधत िकए जाए
243ख पचायत का गठनndash(1) पर यक रा य म गराम म यवतीर और िजला तर पर इस भाग क उपबध क अनसार पचायत का गठन िकया जाएगा
(2) खड (1) म िकसी बात क होत हए भी म यवतीर तर पर पचायत का उस रा य म गठन नही िकया जा सकगा िजसकी जनसखया बीस लाख स अनिधक ह
243ग पचायत की सरचनाndash(1) इस भाग क उपबध क अधीन रहत हए िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा पचायत की सरचना की बाबत उपबध कर सकगा
1ordmEacuteAEligEacuteEcircEacutevEacuteEacutexEacute (EacuteEcirciEacuteckEacuteregEacuteEacuteAElig ordmEacuteAEligparaEacuteEacuteaumlvEacutexEacute) +EacuteEacuteEcircvEacuteEacuteEcircxEacuteordfEacuteagraveEacute 1992 BEacuteEEacuteOgrave vEacuteEacuteregEacute 2 uEacuteregEacute (24-4-1993 ordmEacuteauml) +EacuteAEligiEacuteampordmlEacuteEacuteEacuteEcircEacuteiEacute agraveEacuteUacuteatildeEacute poundEacuteEacuteMEacute 9 BEacuteEEacute ordmEacuteAEligEacuteEcircEacutevEacuteEacutexEacute (ordmEacuteEacuteiEacuteEacuteEacuteAElig ordmEacuteAEligparaEacuteEacuteaumlvEacutexEacute) +EacuteEacuteEcircvEacuteEacuteEcircxEacuteordfEacuteagraveEacute 1956 BEacuteEEacuteOgrave vEacuteEacuteregEacute 29 +EacuteEacuteegravereg +EacutexEacuteOumlordmEacuteUacuteSEacuteEacuteOgrave uEacuteregEacute (1-11-1995 ordmEacuteauml) atildeEacuteEacuteaumlEacute EacuteEcircBEacuteEordfEacuteEacute MEacuteordfEacuteEacute lEacuteEacute
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परत िकसी भी तर पर पचायत क परादिशक कषतर की जनसखया का ऐसी पचायत म िनवारचन दवारा भर जान वाल थान की सखया स अनपात सम त रा य म यथासा य एक ही हो
(2) िकसी पचायत क सभी थान पचायत कषतर म परादिशक िनवारचन-कषतर स पर यकष िनवारचन दवारा चन हए यिकतय स भर जाएग और इस परयोजन क िलए पर यक पचायत कषतर को परादिशक िनवारचन-कषतर म ऐसी रीित स िवभािजत िकया जाएगा िक पर यक िनवारचन-कषतर की जनसखया का उसको आबिटत थान की सखया स अनपात सम त पचायत कषतर म यथासा य एक ही हो
(3) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवाराndash (क) गराम तर पर पचायत क अ यकष का म यवतीर तर पर पचायत
म या ऐस रा य की दशा म जहा म यवतीर तर पर पचायत नही ह िजला तर पर पचायत म
(ख) म यवतीर तर पर पचायत क अ यकष का िजला तर पर पचायत म
(ग) लोक सभा क ऐस सद य का और रा य की िवधान सभा क ऐस सद य का जो उन िनवारचन-कषतर का परितिनिध व करत ह िजनम गराम तर स िभ न तर पर कोई पचायत कषतर पणरतः या भागतः समािव ह ऐसी पचायत म
(घ) रा य सभा क सद य का और रा य की िवधान पिरष क सद य का जहा वndash
(i) म यवतीर तर पर िकसी पचायत कषतर क भीतर िनवारचक क प म रिज टरीकत ह म यवतीर तर पर पचायत म
(ii) िजला तर पर िकसी पचायत कषतर क भीतर िनवारचक क प म रिज टरीकत ह िजला तर पर पचायत म
परितिनिध व करन क िलए उपबध कर सकगा (4) िकसी पचायत क अ यकष और िकसी पचायत क ऐस अ य सद य को चाह
व पचायत कषतर म परादिशक िनवारचन-कषतर स पर यकष िनवारचन दवारा चन गए ह या नही पचायत क अिधवशन म मत दन का अिधकार होगा
(5)(क) गराम तर पर िकसी पचायत क अ यकष का िनवारचन ऐसी रीित स जो रा य क िवधान-मडल दवारा िविध दवारा उपबिधत की जाए िकया जाएगा और
(ख) म यवतीर तर या िजला तर पर िकसी पचायत क अ यकष का िनवारचन उसक िनवारिचत सद य दवारा अपन म स िकया जाएगा
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243घ थान का आरकषण ndash (1) पर यक पचायत मndash (क) अनसिचत जाितय और (ख) अनसिचत जनजाितय
क िलए थान आरिकषत रहग और इस परकार आरिकषत थान की सखया का अनपात उस पचायत म पर यकष िनवारचन दवारा भर जान वाल थान की कल सखया स यथाशकय वही होगा जो उस पचायत कषतर म अनसिचत जाितय की अथवा उस पचायत कषतर म अनसिचत जनजाितय की जनसखया का अनपात उस कषतर की कल जनसखया स ह और ऐस थान िकसी पचायत म िभ न-िभ न िनवारचन कषतर को चकरानकरम स आबिटत िकए जा सकग
(2) खड (1) क अधीन आरिकषत थान की कल सखया क कम स कम एक-ितहाई थान यथाि थित अनसिचत जाितय या अनसिचत जनजाितय की ि य क िलए आरिकषत रहग
(3) पर यक पचायत म पर यकष िनवारचन दवारा भर जान वाल थान की कल सखया क कम स कम एक-ितहाई थान (िजनक अतगरत अनसिचत जाितय और अनसिचत जनजाितय की ि य क िलए आरिकषत थान की सखया भी ह) ि य क िलए आरिकषत रहग और ऐस थान िकसी पचायत म िभ न-िभ न िनवारचन-कषतर को चकरानकरम स आबिटत िकए जा सकग
(4) गराम या िकसी अ य तर पर पचायत म अ यकष क पद अनसिचत जाितय अनसिचत जनजाितय और ि य क िलए ऐसी रीित स आरिकषत रहग जो रा य का िवधान-मडल िविध दवारा उपबिधत कर
परत िकसी रा य म पर यक तर पर पचायत म अनसिचत जाितय और अनसिचत जनजाितय क िलए आरिकषत अ यकष क पद की सखया का अनपात पर यक तर पर उन पचायत म ऐस पद की कल सखया स यथाशकय वही होगा जो उस रा य म अनसिचत जाितय की अथवा उस रा य म अनसिचत जनजाितय की जनसखया का अनपात उस रा य की कल जनसखया स ह
परत यह और िक पर यक तर पर पचायत म अ यकष क पद की कल सखया क कम स कम एक-ितहाई पद ि य क िलए आरिकषत रहग
परत यह भी िक इस खड क अधीन आरिकषत पद की सखया पर यक तर पर िभ न-िभ न पचायत को चकरानकरम स आबिटत की जाएगी
(5) खड (1) और खड (2) क अधीन थान का आरकषण और खड (4) क अधीन अ यकष क पद का आरकषण (जो ि य क िलए आरकषण स िभ न ह) अन छद 334 म िविनिदर अविध की समाि पर परभावी नही रहगा
(6) इस भाग की कोई बात िकसी रा य क िवधान-मडल को िपछड़ हए नागिरक क िकसी वगर क पकष म िकसी तर पर िकसी पचायत म थान क या पचायत म अ यकष क पद क आरकषण क िलए कोई उपबध करन स िनवािरत नही करगी
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243ङ पचायत की अविध आिदndash(1) पर यक पचायत यिद त समय परव िकसी िविध क अधीन पहल ही िवघिटत नही कर दी जाती ह तो अपन परथम अिधवशन क िलए िनयत तारीख स पाच वषर तक बनी रहगी इसस अिधक नही
(2) त समय परव िकसी िविध क िकसी सशोधन स िकसी तर पर ऐसी पचायत का जो ऐस सशोधन क ठीक पवर कायर कर रही ह तब तक िवघटन नही होगा जब तक खड (1) म िविनिदर उसकी अविध समा नही हो जाती
(3) िकसी पचायत का गठन करन क िलए िनवारचनndash (क) खड (1) म िविनिदर उसकी अविध की समाि क पवर (ख) उसक िवघटन की तारीख स छह मास की अविध की समाि क पवर
परा िकया जाएगा परत जहा वह शष अविध िजसक िलए कोई िवघिटत पचायत बनी रहती छह
मास स कम ह वहा ऐसी अविध क िलए उस पचायत का गठन करन क िलए इस खड क अधीन कोई िनवारचन कराना आव यक नही होगा
(4) िकसी पचायत की अविध की समाि क पवर उस पचायत क िवघटन पर गिठत की गई कोई पचायत उस अविध क कवल शष भाग क िलए बनी रहगी िजसक िलए िवघिटत पचायत खड (1) क अधीन बनी रहती यिद वह इस परकार िवघिटत नही की जाती
243च सद यता क िलए िनरहरताएndash(1) कोई यिकत िकसी पचायत का सद य चन जान क िलए और सद य होन क िलए िनरिहरत होगा ndash
(क) यिद वह सबिधत रा य क िवधान-मडल क िनवारचन क परयोजन क िलए त समय परव िकसी िविध दवारा या उसक अधीन इस परकार िनरिहरत कर िदया जाता ह
परत कोई यिकत इस आधार पर िनरिहरत नही होगा िक उसकी आय प चीस वषर स कम ह यिद उसन इककीस वषर की आय परा कर ली ह
(ख) यिद वह रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन इस परकार िनरिहरत कर िदया जाता ह (2) यिद यह पर उठता ह िक िकसी पचायत का कोई सद य खड (1) म विणरत
िकसी िनरहरता स गर त हो गया ह या नही तो वह पर ऐस परािधकारी को और ऐसी रीित स जो रा य का िवधान-मडल िविध दवारा उपबिधत कर िविन य क िलए िनदिशत िकया जाएगा
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243छ पचायत की शिकतया परािधकार और उ रदािय व ndash सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा पचायत को ऐसी शिकतया और परािधकार परदान कर सकगा जो उ ह वाय शासन की स थाओ क प म कायर करन म समथर बनान क िलए आव यक ह और ऐसी िविध म पचायत को उपयकत तर पर ऐसी शत क अधीन रहत हए जो उसम िविनिदर की जाए िन निलिखत क सबध म शिकतया और उ रदािय व यागत करन क िलए उपबध िकए जा सकग अथारत ndash
(क) आिथरक िवकास और सामािजक याय क िलए योजनाए तयार करना
(ख) आिथरक िवकास और सामािजक याय की ऐसी कीम को जो उ ह स पी जाए िजनक अतगरत व कीम भी ह जो गयारहवी अनसची म सचीबदध िवषय क सबध म ह कायारि वत करना 243ज पचायत दवारा कर अिधरोिपत करन की शिकतया और उनकी िनिधयाndash
िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवाराndash (क) ऐस कर श क पथकर और फीस उदगहीत सगहीत और िविनयोिजत
करन क िलए िकसी पचायत को ऐसी परिकरया क अनसार और ऐस िनबरधन क अधीन रहत हए परािधकत कर सकगा
(ख) रा य सरकार दवारा उदगहीत और सगहीत ऐस कर श क पथकर और फीस िकसी पचायत को ऐस परयोजन क िलए तथा ऐसी शत और िनबरधन क अधीन रहत हए समनिद कर सकगा
(ग) रा य की सिचत िनिध म स पचायत क िलए ऐस सहायता-अनदान दन क िलए उपबध कर सकगा और
(घ) पचायत दवारा या उनकी ओर स करमशः परा िकए गए सभी धन को जमा करन क िलए ऐसी िनिधय का गठन करन और उन िनिधय म स ऐस धन को िनकालन क िलए भी उपबध कर सकगा
जो िविध म िविनिदर िकए जाए 243झ िव ीय ि थित क पनिवरलोकन क िलए िव आयोग का गठनndash(1) रा य
का रा यपाल सिवधान (ितह रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 क परारभ स एक वषर क भीतर यथाशीघर और त प ात पर यक पाचव वषर की समाि पर िव आयोग का गठन करगा जो पचायत की िव ीय ि थित का पनिवरलोकन करगा और जोndash
(क)(i) रा य दवारा उदगहीत कर श क पथकर और फीस क ऐस शदध आगम क रा य और पचायत क बीच जो इस भाग क अधीन उनम िवभािजत िकए जाए िवतरण को और सभी तर पर पचायत क बीच ऐस आगम क त सबधी भाग क आबटन को
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(ii) ऐस कर श क पथकर और फीस क अवधारण को जो पचायत को समनिद की जा सकगी या उनक दवारा िविनयोिजत की जा सकगी
(iii) रा य की सिचत िनिध म स पचायत क िलए सहायता अनदान को शािसत करन वाल िसदधात क बार म
(ख) पचायत की िव ीय ि थित को सधारन क िलए आव यक अ यपाय क बार म
(ग) पचायत क स ढ़ िव क िहत म रा यपाल दवारा िव आयोग को िनिदर िकए गए िकसी अ य िवषय क बार म
रा यपाल को िसफािरश करगा (2) रा य का िवधान-मडल िविध दवारा आयोग की सरचना का उन अहरताओ
का जो आयोग क सद य क प म िनयिकत क िलए अपिकषत ह गी और उस रीित का िजसस उनका चयन िकया जाएगा उपबध कर सकगा
(3) आयोग अपनी परिकरया अवधािरत करगा और उस अपन क य क पालन म ऐसी शिकतया ह गी जो रा य का िवधान-मडल िविध दवारा उस परदान कर
(4) रा यपाल इस अन छद क अधीन आयोग दवारा की गई पर यक िसफािरश को उस पर की गई काररवाई क प ीकारक जञापन सिहत रा य क िवधान-मडल क समकष रखवाएगा
243ञ पचायत क लखाओ की सपरीकषाndashिकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा पचायत दवारा लख रख जान और ऐस लखाओ की सपरीकषा करन क बार म उपबध कर सकगा
243ट पचायत क िलए िनवारचनndash(1) पचायत क िलए कराए जान वाल सभी िनवारचन क िलए िनवारचक नामावली तयार करान का और उन सभी िनवारचन क सचालन का अधीकषण िनदशन और िनयतरण एक रा य िनवारचन आयोग म िनिहत होगा िजसम एक रा य िनवारचन आयकत होगा जो रा यपाल दवारा िनयकत िकया जाएगा
(2) िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िकसी िविध क उपबध क अधीन रहत हए रा य िनवारचन आयकत की सवा की शत और पदाविध ऐसी ह गी जो रा यपाल िनयम दवारा अवधािरत कर
परत रा य िनवारचन आयकत को उसक पद स उसी रीित स और उ ही आधार पर ही हटाया जाएगा िजस रीित स और िजन आधार पर उ च यायालय क यायाधीश को हटाया जाता ह अ यथा नही और रा य िनवारचन आयकत की सवा की शत म उसकी िनयिकत क प ात उसक िलए अलाभकारी पिरवतरन नही िकया जाएगा
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(3) जब रा य िनवारचन आयोग ऐसा अनरोध कर तब िकसी रा य का रा यपाल रा य िनवारचन आयोग को उतन कमरचािरवद उपल ध कराएगा िजतन खड (1) दवारा रा य िनवारचन आयोग को उस स प गए क य क िनवरहन क िलए आव यक ह
(4) इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा पचायत क िनवारचन स सबिधत या ससकत सभी िवषय क सबध म उपबध कर सकगा
243ठ सघ रा यकषतर को लाग होनाndashइस भाग क उपबध सघ रा यकषतर को लाग ह ग और िकसी सघ रा यकषतर को उनक लाग होन म इस परकार परभावी ह ग मानो िकसी रा य क रा यपाल क परित िनदश अन छद 239 क अधीन िनयकत सघ रा यकषतर क परशासक क परित िनदश ह और िकसी रा य क िवधान-मडल या िवधान सभा क परित िनदश िकसी ऐस सघ रा यकषतर क सबध म िजसम िवधान सभा ह उस िवधान सभा क परित िनदश ह
परत रा पित लोक अिधसचना दवारा यह िनदश द सकगा िक इस भाग क उपबध िकसी सघ रा यकषतर या उसक िकसी भाग को ऐस अपवाद और उपातरण क अधीन रहत हए लाग ह ग जो वह अिधसचना म िविनिदर कर
243ड इस भाग का कितपय कषतर को लाग न होनाndash(1) इस भाग की कोई बात अन छद 244 क खड (1) म िनिदर अनसिचत कषतर और उसक खड (2) म िनिदर जनजाित कषतर को लाग नही होगी
(2) इस भाग की कोई बात िन निलिखत को लाग नही होगी अथारत ndash (क) नागालड मघालय और िमजोरम रा य (ख) मिणपर रा य म ऐस पवरतीय कषतर िजनक िलए त समय परव िकसी
िविध क अधीन िजला पिरषद िवदयमान ह (3) इस भाग की ndash
(क) कोई बात िजला तर पर पचायत क सबध म पि मी बगाल रा य क दािजरिलग िजल क ऐस पवरतीय कषतर को लाग नही होगी िजनक िलए त समय परव िकसी िविध क अधीन दािजरिलग गोरखा पवरतीय पिरष िवदयमान ह
(ख) िकसी बात का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह ऐसी िविध क अधीन गिठत दािजरिलग गोरखा पवरतीय पिरष क क य और शिकतय पर परभाव डालती ह
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1[(3क) अनसिचत जाितय क िलए थान क आरकषण स सबिधत अन छद 243घ की कोई बात अ णाचल परदश रा य को लाग नही होगी ]
(4) इस सिवधान म िकसी बात क होत हए भी ndash (क) खड (2) क उपखड (क) म िनिदर िकसी रा य का िवधान-मडल
िविध दवारा इस भाग का िव तार खड (1) म िनिदर कषतर क िसवाय यिद कोई ह उस रा य पर उस दशा म कर सकगा जब उस रा य की िवधान सभा इस आशय का एक सक प उस सदन की कल सद य सखया क बहमत दवारा तथा उस सदन क उपि थत और मत दन वाल सद य क कम स कम दो-ितहाई बहमत दवारा पािरत कर दती ह
(ख) सस िविध दवारा इस भाग क उपबध का िव तार खड (1) म िनिदर अनसिचत कषतर और जनजाित कषतर पर ऐस अपवाद और उपातरण क अधीन रहत हए कर सकगी जो ऐसी िविध म िविनिदर िकए जाए और ऐसी िकसी िविध को अन छद 368 क परयोजन क िलए इस सिवधान का सशोधन नही समझा जाएगा 243ढ िवदयमान िविधय और पचायत का बना रहना ndash इस भाग म िकसी बात
क होत हए भी सिवधान (ितह रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 क परारभ क ठीक पवर िकसी रा य म परव पचायत स सबिधत िकसी िविध का कोई उपबध जो इस भाग क उपबध स असगत ह जब तक सकषम िवधान-मडल दवारा या अ य सकषम परािधकारी दवारा उस सशोिधत या िनरिसत नही कर िदया जाता ह या जब तक ऐस परारभ स एक वषर समा नही हो जाता ह इनम स जो भी पहल हो तब तक परव बना रहगा
परत ऐस परारभ क ठीक पवर िवदयमान सभी पचायत यिद उस रा य की िवधान सभा दवारा या ऐस रा य की दशा म िजसम िवधान पिरष ह उस रा य क िवधान-मडल क पर यक सदन दवारा पािरत इस आशय क सक प दवारा पहल ही िवघिटत नही कर दी जाती ह तो अपनी अविध की समाि तक बनी रहगी
243ण िनवारचन सबधी मामल म यायालय क ह तकषप का वजरन ndash इस सिवधान म िकसी बात क होत हए भी ndash
(क) अन छद 243ट क अधीन बनाई गई या बनाई जान क िलए ता पियरत िकसी ऐसी िविध की िविधमा यता जो िनवारचन-कषतर क पिरसीमन या ऐस िनवारचन-कषतर को थान क आबटन स सबिधत ह िकसी यायालय म पर गत नही की जाएगी
(ख) िकसी पचायत क िलए कोई िनवारचन ऐसी िनवारचन अजीर पर ही पर गत िकया जाएगा जो ऐस परािधकारी को और ऐसी रीित स पर तत की गई ह िजसका िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन उपबध िकया जाए अ यथा नही ]
1 सिवधान (ितरासीवा सशोधन) अिधिनयम 2000 की धारा 2 दवारा (8-9-2000 स) अतः थािपत
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1[भाग 9क नगरपािलकाए
243त पिरभाषाए ndash इस भाग म जब तक िक सदभर स अ यथा अपिकषत न हो ndash
(क) ldquoसिमितrdquo स अन छद 243ध क अधीन गिठत सिमित अिभपरत ह (ख) ldquoिजलाrdquo स िकसी रा य का िजला अिभपरत ह (ग) ldquoमहानगर कषतरrdquo स दस लाख या उसस अिधक जनसखया वाला ऐसा
कषतर अिभपरत ह िजसम एक या अिधक िजल समािव ह और जो दो या अिधक नगरपािलकाओ या पचायत या अ य सलगन कषतर स िमलकर बनता ह तथा िजस रा यपाल इस भाग क परयोजन क िलए लोक अिधसचना दवारा महानगर कषतर क प म िविनिदर कर
(घ) ldquoनगरपािलका कषतरrdquo स रा यपाल दवारा अिधसिचत िकसी नगरपािलका का परादिशक कषतर अिभपरत ह
(ङ) ldquoनगरपािलकाrdquo स अन छद 243थ क अधीन गिठत वाय शासन की कोई स था अिभपरत ह
(च) ldquoपचायतrdquo स अन छद 243ख क अधीन गिठत कोई पचायत अिभपरत ह
(छ) ldquoजनसखयाrdquo स ऐसी अितम पवरवतीर जनगणना म अिभिनि त की गई जनसखया अिभपरत ह िजसक ससगत आकड़ परकािशत हो गए ह 243थ नगरपािलकाओ का गठन ndash (1) पर यक रा य म इस भाग क उपबध क
अनसारndash (क) िकसी सकरमणशील कषतर क िलए अथारत गरामीण कषतर स नगरीय कषतर
म सकरमणगत कषतर क िलए कोई नगर पचायत का (चाह वह िकसी भी नाम स जञात हो)
(ख) िकसी लघतर नगरीय कषतर क िलए नगरपािलका पिरष का और (ग) िकसी वह र नगरीय कषतर क िलए नगर िनगम का
गठन िकया जाएगा
1 सिवधान (चौह रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 की धारा 2 दवारा (1-6-1993 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
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परत इस खड क अधीन कोई नगरपािलका ऐस नगरीय कषतर या उसक िकसी भाग म गिठत नही की जा सकगी िजस रा यपाल कषतर क आकार और उस कषतर म िकसी औदयोिगक थापन दवारा दी जा रही या िदए जान क िलए पर तािवत नगरपािलक सवाओ और ऐसी अ य बात को जो वह ठीक समझ यान म रखत हए लोक अिधसचना दवारा औदयोिगक नगरी क प म िविनिदर कर
(2) इस अन छद म ldquoसकरमणशील कषतरrdquo ldquoलघतर नगरीय कषतरrdquo या ldquoवह र नगरीय कषतरrdquo स ऐसा कषतर अिभपरत ह िजस रा यपाल इस भाग क परयोजन क िलए उस कषतर की जनसखया उसम जनसखया की सघनता थानीय परशासन क िलए उ प न राज व किष स िभ न िकरयाकलाप म िनयोजन की परितशतता आिथरक मह व या ऐसी अ य बात को जो वह ठीक समझ यान म रखत हए लोक अिधसचना दवारा िविनिदर कर
243द नगरपािलकाओ की सरचना ndash (1) खड (2) म जसा उपबिधत ह उसक िसवाय िकसी नगरपािलका क सभी थान नगरपािलका कषतर म परादिशक िनवारचन-कषतर स पर यकष िनवारचन दवारा चन हए यिकतय दवारा भर जाएग और इस परयोजन क िलए पर यक नगरपािलका कषतर को परादिशक िनवारचन-कषतर म िवभािजत िकया जाएगा जो वाडर क नाम स जञात ह ग
(2) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा ndash (क) नगरपािलका म ndash
(i) नगरपािलका परशासन का िवशष जञान या अनभव रखन वाल यिकतय का
(ii) लोक सभा क ऐस सद य का और रा य की िवधान सभा क ऐस सद य का जो उन िनवारचन-कषतर का परितिनिध व करत ह िजनम कोई नगरपािलका कषतर पणरतः या भागतः समािव ह
(iii) रा य सभा क ऐस सद य का और रा य की िवधान पिरष क ऐस सद य का जो नगरपािलका कषतर क भीतर िनवारचक क प म रिज टरीकत ह
(iv) अन छद 243ध क खड (5) क अधीन गिठत सिमितय क अ यकष का
परितिनिध व करन क िलए उपबध कर सकगा परत परा (i) म िनिदर यिकतय को नगरपािलका क अिधवशन म मत दन
का अिधकार नही होगा (ख) िकसी नगरपािलका क अ यकष क िनवारचन की रीित का उपबध कर
सकगा
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243ध वाडर सिमितय आिद का गठन और सरचना ndash (1) ऐसी नगरपािलका क िजसकी जनसखया तीन लाख या उसस अिधक ह परादिशक कषतर क भीतर वाडर सिमितय का गठन िकया जाएगा जो एक या अिधक वाड स िमलकर बनगी
(2) रा य का िवधान-मडल िविध दवारा ndash (क) वाडर सिमित की सरचना और उसक परादिशक कषतर की बाबत (ख) उस रीित की बाबत िजसस िकसी वाडर सिमित म थान भर जाएग
उपबध कर सकगा (3) वाडर सिमित क परादिशक कषतर क भीतर िकसी वाडर का परितिनिध व करन वाला
िकसी नगरपािलका का सद य उस सिमित का सद य होगा (4) जहा कोई वाडर सिमित ndash
(क) एक वाडर स िमलकर बनती ह वहा नगरपािलका म उस वाडर का परितिनिध व करन वाला सद य या
(ख) दो या अिधक वाड स िमलकर बनती ह वहा नगरपािलका म ऐस वाड का परितिनिध व करन वाल सद य म स एक सद य जो उस वाडर सिमित क सद य दवारा िनवारिचत िकया जाएगा
उस सिमित का अ यकष होगा (5) इस अन छद की िकसी बात स यह नही समझा जाएगा िक वह िकसी रा य
क िवधान-मडल को वाडर सिमितय क अितिरकत सिमितय का गठन करन क िलए कोई उपबध करन स िनवािरत करती ह
243न थान का आरकषण ndash (1) पर यक नगरपािलका म अनसिचत जाितय और अनसिचत जनजाितय क िलए थान आरिकषत रहग और इस परकार आरिकषत थान की सखया का अनपात उस नगरपािलका म पर यकष िनवारचन दवारा भर जान वाल थान की कल सखया स यथाशकय वही होगा जो उस नगरपािलका कषतर म अनसिचत जाितय की अथवा उस नगरपािलका कषतर म अनसिचत जनजाितय की जनसखया का अनपात उस कषतर की कल जनसखया स ह और ऐस थान िकसी नगरपािलका क िभ न-िभ न िनवारचन-कषतर को चकरानकरम स आबिटत िकए जा सकग
(2) खड (1) क अधीन आरिकषत थान की कल सखया क कम स कम एक-ितहाई थान यथाि थित अनसिचत जाितय या अनसिचत जनजाितय की ि य क िलए आरिकषत रहग
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(3) पर यक नगरपािलका म पर यकष िनवारचन दवारा भर जान वाल थान की कल सखया क कम स कम एक-ितहाई थान (िजनक अतगरत अनसिचत जाितय और अनसिचत जनजाितय की ि य क िलए आरिकषत थान की सखया भी ह) ि य क िलए आरिकषत रहग और ऐस थान िकसी नगरपािलका क िभ न-िभ न िनवारचन-कषतर को चकरानकरम स आबिटत िकए जा सकग
(4) नगरपािलकाओ म अ यकष क पद अनसिचत जाितय अनसिचत जनजाितय और ि य क िलए ऐसी रीित स आरिकषत रहग जो रा य का िवधान-मडल िविध दवारा उपबिधत कर
(5) खड (1) और खड (2) क अधीन थान का आरकषण और खड (4) क अधीन अ यकष क पद का आरकषण (जो ि य क िलए आरकषण स िभ न ह) अन छद 334 म िविनिदर अविध की समाि पर परभावी नही रहगा
(6) इस भाग की कोई बात िकसी रा य क िवधान-मडल को िपछड़ हए नागिरक क िकसी वगर क पकष म िकसी नगरपािलका म थान क या नगरपािलकाओ म अ यकष क पद क आरकषण क िलए कोई उपबध करन स िनवािरत नही करगी
243प नगरपािलकाओ की अविध आिद ndash (1) पर यक नगरपािलका यिद त समय परव िकसी िविध क अधीन पहल ही िवघिटत नही कर दी जाती ह तो अपन परथम अिधवशन क िलए िनयत तारीख स पाच वषर तक बनी रहगी इसस अिधक नही
परत िकसी नगरपािलका का िवघटन करन क पवर उस सनवाई का उिचत अवसर िदया जाएगा
(2) त समय परव िकसी िविध क िकसी सशोधन स िकसी तर पर ऐसी नगरपािलका का जो ऐस सशोधन क ठीक पवर कायर कर रही ह तब तक िवघटन नही होगा जब तक खड (1) म िविनिदर उसकी अविध समा नही हो जाती
(3) िकसी नगरपािलका का गठन करन क िलए िनवारचन ndash (क) खड (1) म िविनिदर उसकी अविध की समाि क पवर (ख) उसक िवघटन की तारीख स छह मास की अविध की समाि क पवर
परा िकया जाएगा परत जहा वह शष अविध िजसक िलए कोई िवघिटत नगरपािलका बनी रहती
छह मास स कम ह वहा ऐसी अविध क िलए उस नगरपािलका का गठन करन क िलए इस खड क अधीन कोई िनवारचन कराना आव यक नही होगा
(4) िकसी नगरपािलका की अविध की समाि क पवर उस नगरपािलका क िवघटन पर गिठत की गई कोई नगरपािलका उस अविध क कवल शष भाग क िलए बनी रहगी िजसक िलए िवघिटत नगरपािलका खड (1) क अधीन बनी रहती यिद वह इस परकार िवघिटत नही की जाती
243फ सद यता क िलए िनरहरताए ndash (1) कोई यिकत िकसी नगरपािलका का
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सद य चन जान क िलए और सद य होन क िलए िनरिहरत होगा ndash (क) यिद वह सबिधत रा य क िवधान-मडल क िनवारचन क परयोजन क
िलए त समय परव िकसी िविध दवारा या उसक अधीन इस परकार िनरिहरत कर िदया जाता ह
परत कोई यिकत इस आधार पर िनरिहरत नही होगा िक उसकी आय प चीस वषर स कम ह यिद उसन इककीस वषर की आय परा कर ली ह
(ख) यिद वह रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन इस परकार िनरिहरत कर िदया जाता ह (2) यिद यह पर उठता ह िक िकसी नगरपािलका का कोई सद य खड (1) म
विणरत िकसी िनरहरता स गर त हो गया ह या नही तो वह पर ऐस परािधकारी को और ऐसी रीित स जो रा य का िवधान-मडल िविध दवारा उपबिधत कर िविन य क िलए िनदिशत िकया जाएगा
243ब नगरपािलकाओ आिद की शिकतया परािधकार और उ रदािय व ndash इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा ndash
(क) नगरपािलकाओ को ऐसी शिकतया और परािधकार परदान कर सकगा जो उ ह वाय शासन की स थाओ क प म कायर करन म समथर बनान क िलए आव यक ह और ऐसी िविध म नगरपािलकाओ को ऐसी शत क अधीन रहत हए जो उसम िविनिदर की जाए िन निलिखत क सबध म शिकतया और उ रदािय व यागत करन क िलए उपबध िकए जा सकग अथारत ndash
(i) आिथरक िवकास और सामािजक याय क िलए योजनाए तयार करना
(ii) ऐस क य का पालन करना और ऐसी कीम को जो उ ह स पी जाए िजनक अतगरत व कीम भी ह जो बारहवी अनसची म सचीबदध िवषय क सबध म ह कायारि वत करना (ख) सिमितय को ऐसी शिकतया और परािधकार परदान कर सकगा जो उ ह
अपन को परद उ रदािय व को िजनक अ तगरत व उ रदािय व भी ह जो बारहवी अनसची म सचीबदध िवषय क सबध म ह कायारि वत करन म समथर बनान क िलए आव यक ह 243भ नगरपािलकाओ दवारा कर अिधरोिपत करन की शिकत और उनकी िनिधया
ndash िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा ndash (क) ऐस कर श क पथकर और फीस उदगहीत सगहीत और िविनयोिजत
करन क िलए िकसी नगरपािलका को ऐसी परिकरया क अनसार और ऐस िनबरधन क अधीन रहत हए परािधकत कर सकगा
(ख) रा य सरकार दवारा उदगहीत और सगहीत ऐस कर श क पथकर और
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फीस िकसी नगरपािलका को ऐस परयोजन क िलए तथा ऐसी शत और िनबरधन क अधीन रहत हए समनिद कर सकगा
(ग) रा य की सिचत िनिध म स नगरपािलकाओ क िलए ऐस सहायता-अनदान दन क िलए उपबध कर सकगा और
(घ) नगरपािलकाओ दवारा या उनकी ओर स करमशः परा िकए गए सभी धन को जमा करन क िलए ऐसी िनिधय का गठन करन और उन िनिधय म स ऐस धन को िनकालन क िलए भी उपबध कर सकगा
जो िविध म िविनिदर िकए जाए 243म िव आयोग ndash (1) अन छद 243झ क अधीन गिठत िव आयोग
नगरपािलकाओ की िव ीय ि थित का भी पनिवरलोकन करगा और जोndash (क)(i) रा य दवारा उ गरहणीय ऐस कर श क पथकर और फीस क ऐस
शदध आगम क रा य और नगरपािलकाओ क बीच जो इस भाग क अधीन उनम िवभािजत िकए जाए िवतरण को और सभी तर पर नगरपािलकाओ क बीच ऐस आगम क त सबधी भाग क आबटन को
(ii) ऐस कर श क पथकर और फीस क अवधारण को जो नगरपािलकाओ को समनिद की जा सकगी या उनक दवारा िविनयोिजत की जा सकगी
(iii) रा य की सिचत िनिध म स नगरपािलकाओ क िलए सहायता अनदान को शािसत करन वाल िसदधात क बार म
(ख) नगरपािलकाओ की िव ीय ि थित को सधारन क िलए आव यक अ यपाय क बार म
(ग) नगरपािलकाओ क स ढ़ िव क िहत म रा यपाल दवारा िव आयोग को िनिदर िकए गए िकसी अ य िवषय क बार म
रा यपाल को िसफािरश करगा (2) रा यपाल इस अन छद क अधीन आयोग दवारा की गई पर यक िसफािरश को
उस पर की गई काररवाई क प ीकारक जञापन सिहत रा य क िवधान-मडल क समकष रखवाएगा
243य नगरपािलकाओ क लखाओ की सपरीकषा ndash िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा नगरपािलकाओ दवारा लख रख जान और ऐस लखाओ की सपरीकषा करन क बार म उपबध कर सकगा
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243यक नगरपािलकाओ क िलए िनवारचन ndash (1) नगरपािलकाओ क िलए कराए जान वाल सभी िनवारचन क िलए िनवारचक नामावली तयार करान का और उन सभी िनवारचन क सचालन का अधीकषण िनदशन और िनयतरण अन छद 243ट म िनिदर रा य िनवारचन आयोग म िनिहत होगा
(2) इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा नगरपािलकाओ क िनवारचन स सबिधत या ससकत सभी िवषय क सबध म उपबध कर सकगा
243यख सघ रा यकषतर को लाग होना ndash इस भाग क उपबध सघ रा यकषतर को लाग ह ग और िकसी सघ रा यकषतर को उनक लाग होन म इस परकार परभावी ह ग मानो िकसी रा य क रा यपाल क परित िनदश अन छद 239 क अधीन िनयकत सघ रा यकषतर क परशासक क परित िनदश ह और िकसी रा य क िवधान-मडल या िवधान सभा क परित िनदश िकसी ऐस सघ रा यकषतर क सबध म िजसम िवधान सभा ह उस िवधान सभा क परित िनदश ह
परत रा पित लोक अिधसचना दवारा यह िनदश द सकगा िक इस भाग क उपबध िकसी सघ रा यकषतर या उसक िकसी भाग को ऐस अपवाद और उपातरण क अधीन रहत हए लाग ह ग जो वह अिधसचना म िविनिदर कर
243यग इस भाग का कितपय कषतर को लाग न होना ndash (1) इस भाग की कोई बात अन छद 244 क खड (1) म िनिदर अनसिचत कषतर और इसक खड (2) म िनिदर जनजाित कषतर को लाग नही होगी
(2) इस भाग की िकसी बात का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह पि मी बगाल रा य क दािजरिलग िजल क पवरतीय कषतर क िलए त समय परव िकसी िविध क अधीन गिठत दािजरिलग गोरखा पवरतीय पिरष क क य और शिकतय पर परभाव डालती ह
(3) इस सिवधान म िकसी बात क होत हए भी सस िविध दवारा इस भाग क उपबध का िव तार खड (1) म िनिदर अनसिचत कषतर और जनजाित कषतर पर ऐस अपवाद और उपातरण क अधीन रहत हए कर सकगी जो ऐसी िविध म िविनिदर िकए जाए और ऐसी िकसी िविध को अन छद 368 क परयोजन क िलए इस सिवधान का सशोधन नही समझा जाएगा
243यघ िजला योजना क िलए सिमित ndash (1) पर यक रा य म िजला तर पर िजल म पचायत और नगरपािलकाओ दवारा तयार की गई योजनाओ का समकन करन और सपणर िजल क िलए एक िवकास योजना परा प तयार करन क िलए एक िजला योजना सिमित का गठन िकया जाएगा
(2) रा य का िवधान-मडल िविध दवारा िन निलिखत की बाबत उपबध कर सकगा अथारत ndash
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(क) िजला योजना सिमितय की सरचना (ख) वह रीित िजसस ऐसी सिमितय म थान भर जाएग परत ऐसी सिमित की कल सद य सखया क कम स कम चार बटा पाच
सद य िजला तर पर पचायत क और िजल म नगरपािलकाओ क िनवारिचत सद य दवारा अपन म स िजल म गरामीण कषतर की और नगरीय कषतर की जनसखया क अनपात क अनसार िनवारिचत िकए जाएग
(ग) िजला योजना स सबिधत ऐस क य जो ऐसी सिमितय को समनिद िकए जाए
(घ) वह रीित िजसस ऐसी सिमितय क अ यकष चन जाएग (3) पर यक िजला योजना सिमित िवकास योजना परा प तयार करन मndash
(क) िन निलिखत का यान रखगी अथारत ndash (i) पचायत और नगरपािलकाओ क सामा य िहत क िवषय
िजनक अतगरत थािनक योजना जल तथा अ य भौितक और पराकितक ससाधन म िह सा बटाना अवसरचना का एकीकत िवकास और पयारवरण सरकषण ह
(ii) उपल ध िव ीय या अ य ससाधन की मातरा और परकार (ख) ऐसी स थाओ और सगठन स परामशर करगी िज ह रा यपाल
आदश दवारा िविनिदर कर (4) पर यक िजला योजना सिमित का अ यकष वह िवकास योजना िजसकी ऐसी
सिमित दवारा िसफािरश की जाती ह रा य सरकार को भजगा 243यङ महानगर योजना क िलए सिमित ndash (1) पर यक महानगर कषतर म सपणर
महानगर कषतर क िलए िवकास योजना परा प तयार करन क िलए एक महानगर योजना सिमित का गठन िकया जाएगा
(2) रा य का िवधान-मडल िविध दवारा िन निलिखत की बाबत उपबध कर सकगा अथारत ndash
(क) महानगर योजना सिमितय की सरचना (ख) वह रीित िजसस ऐसी सिमितय म थान भर जाएग
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परत ऐसी सिमित क कम स कम दो-ितहाई सद य महानगर कषतर म नगरपािलकाओ क िनवारिचत सद य और पचायत क अ यकष दवारा अपन म स उस कषतर म नगरपािलकाओ की और पचायत की जनसखया क अनपात क अनसार िनवारिचत िकए जाएग
(ग) ऐसी सिमितय म भारत सरकार और रा य सरकार का तथा ऐस सगठन और स थाओ का परितिनिध व जो ऐसी सिमितय को समनिद क य को कायारि वत करन क िलए आव यक समझ जाए
(घ) महानगर कषतर क िलए योजना और सम वय स सबिधत ऐस क य जो ऐसी सिमितय को समनिद िकए जाए
(ङ) वह रीित िजसस ऐसी सिमितय क अ यकष चन जाएग (3) पर यक महानगर योजना सिमित िवकास योजना परा प तयार करन म ndash
(क) िन निलिखत का यान रखगी अथारत ndash (i) महानगर कषतर म नगरपािलकाओ और पचायत दवारा तयार की
गई योजनाए (ii) नगरपािलकाओ और पचायत क सामा य िहत क िवषय
िजनक अतगरत उस कषतर की समि वत थािनक योजना जल तथा अ य भौितक और पराकितक ससाधन म िह सा बटाना अवसरचना का एकीकत िवकास और पयारवरण सरकषण ह
(iii) भारत सरकार और रा य सरकार दवारा िनि त सम त उ य और पिवरकताए
(iv) उन िविनधान की मातरा और परकित जो भारत सरकार और रा य सरकार क अिभकरण दवारा महानगर कषतर म िकए जान सभा य ह तथा अ य उपल ध िव ीय या अ य ससाधन (ख) ऐसी स थाओ और सगठन स परामशर करगी िज ह रा यपाल
आदश दवारा िविनिदर कर (4) पर यक महानगर योजना सिमित का अ यकष वह िवकास योजना िजसकी
ऐसी सिमित दवारा िसफािरश की जाती ह रा य सरकार को भजगा
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243यच िवदयमान िविधय और नगरपािलकाओ का बना रहना ndash इस भाग म िकसी बात क होत हए भी सिवधान (चौह रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 क परारभ क ठीक पवर िकसी रा य म परव नगरपािलकाओ स सबिधत िकसी िविध का कोई उपबध जो इस भाग क उपबध स असगत ह जब तक सकषम िवधान-मडल दवारा या अ य सकषम परािधकारी दवारा उस सशोिधत या िनरिसत नही कर िदया जाता ह या जब तक ऐस परारभ स एक वषर समा नही हो जाता ह इनम स जो भी पहल हो तब तक परव बना रहगा
परत ऐस परारभ क ठीक पवर िवदयमान सभी नगरपािलकाए यिद उस रा य की िवधान सभा दवारा या ऐस रा य की दशा म िजसम िवधान पिरष ह उस रा य क िवधान-मडल क पर यक सदन दवारा पािरत इस आशय क सक प दवारा पहल ही िवघिटत नही कर दी जाती ह तो अपनी अविध की समाि तक बनी रहगी
243यछ िनवारचन सबधी मामल म यायालय क ह तकषप का वजरन ndash इस सिवधान म िकसी बात क होत हए भी ndash
(क) अन छद 243यक क अधीन बनाई गई या बनाई जान क िलए ता पियरत िकसी ऐसी िविध की िविधमा यता जो िनवारचन-कषतर क पिरसीमन या ऐस िनवारचन-कषतर को थान क आबटन स सबिधत ह िकसी यायालय म पर गत नही की जाएगी
(ख) िकसी नगरपािलका क िलए कोई िनवारचन ऐसी िनवारचन अजीर पर ही पर गत िकया जाएगा जो ऐस परािधकारी को और ऐसी रीित स पर तत की गई ह िजसका िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन उपबध िकया जाए अ यथा नही ]
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1[भाग 9ख सहकारी सोसाइिटया
243यज पिरभाषाए--इस भाग म जब तक िक सदभर स अ यथा अपिकषत न हो-- (क) ldquoपरािधकत यिकतrdquo स अन छद 243यथ म उस प म िनिदर कोई यिकत
अिभपरत ह (ख) ldquoबोडरrdquo स िकसी सहकारी सोसाइटी का िनदशक बोडर या शासी िनकाय
चाह िकसी भी नाम स जञात हो िजसको िकसी सोसाइटी क कायरकलाप क परबध का िनदशन और िनयतरण स पा गया हो अिभपरत ह
(ग) ldquoसहकारी सोसाइटीrdquo स ऐसी सोसाइटी अिभपरत ह जो िकसी रा य म त समय परव सहकारी सोसाइिटय स सबिधत िकसी िविध क अधीन रिज टरीकत ह या रिज टरीकत समझी गई ह
(घ) ldquoबहरा य सहकारी सोसाइटीrdquo स ऐसी सोसाइटी अिभपरत ह िजसक उ य एक रा य तक सीिमत नही ह और जो ऐसी सहकारी सोसाइिटय स सबिधत त समय परव िकसी िविध क अधीन रिज टरीकत ह या रिज टरीकत समझी गई ह
(ङ) ldquoपदािधकारीrdquo स िकसी सहकारी सोसाइटी का अ यकष उपा यकष सभापित उपसभापित सिचव या कोषा यकष अिभपरत ह और िजनम िकसी सहकारी सोसाइटी क बोडर दवारा िनवारिचत िकया जान वाला कोई अ य यिकत भी सि मिलत ह
(च) ldquoरिज टरारrdquo स बहरा य सहकारी सोसाइिटय क सबध म क दरीय सरकार दवारा िनयकत क दरीय रिज टरार और सहकारी सोसाइिटय क सबध म िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध क अधीन रा य सरकार दवारा िनयकत सहकारी सोसाइिटय का रिज टरार अिभपरत ह
(छ) ldquoरा य अिधिनयमrdquo स िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई कोई िविध अिभपरत ह
(ज) ldquoरा य तरीय सहकारी सोसाइटीrdquo स ऐसी सहकारी सोसाइटी अिभपरत ह िजसका स पणर रा य पर िव तािरत अपना परचालन कषतर ह और िजसको िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िकसी िविध म उस प म पिरभािषत िकया गया ह 243यझ सहकारी सोसाइिटय का िनगमन -- इस भाग क उपबध क अधीन रहत हए
िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा वि छक िवरचना लोकताितरक सद य-िनयतरण सद य-आिथरक भागीदारी और वशासी कायरकरण क िसदधात पर आधािरत सहकारी सोसाइिटय क िनगमन िविनयमन और पिरसमापन क सबध म उपबध कर सकगा
1 सिवधान (सतानववा सशोधन) अिधिनयम 2011 की धारा 4 दवारा (15-2-2012 स) अतः थािपत
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243यञ बोडर क सद य और उसक पदािधकािरय की सखया और पदाविध -- (1) बोडर म उतनी सखया म िनदशक ह ग िजतन रा य िवधान-मडल दवारा िविध दवारा उपबिधत िकए जाए
परत सहकारी सोसाइटी क िनदशक की अिधकतम सखया इककीस स अिधक नही होगी
परत यह और िक िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा ऐसी पर यक सहकारी सोसाइटी क बोडर म जो सद य क प म यि य स िमलकर बनी हो और उसम अनसिचत जाितय या अनसिचत जनजाितय अथवा ि य क वगर या परवगर स सद य ह एक थान अनसिचत जाितय या अनसिचत जनजाितय और दो थान ि य क िलए आरिकषत करगा
(2) बोडर क िनवारिचत सद य तथा उसक पदािधकािरय की पदाविध िनवारचन की तारीख स पाच वषर की होगी और पदािधकािरय की पदाविध बोडर की अविध क साथ सहावसानी होगी
परत बोडर बोडर की आकि मक िरिकत को नामिनदशन दवारा उसी वगर क सद य म स िजसक सबध म आकि मक िरिकत हई ह भर सकगा यिद बोडर की पदाविध उसकी मल पदाविध क आध स कम ह
(3) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा ऐसी सोसाइटी क बोडर क सद य क प म बककारी परबधन िव क कषतर म अनभव रखन वाल या सहकारी सोसाइटी क उ य और उसक दवारा िकए जान वाल िकरयाकलाप स सबिधत िकसी अ य कषतर म िवशषजञता रखन वाल बोडर क सद य होन वाल यिकतय को सहयोिजत करन क िलए उपबध कर सकगा
परत ऐस सहयोिजत सद य खड (1) क पहल परतक म िविनिदर इककीस िनदशक क अितिरकत दो स अिधक नही ह ग
परत यह और िक ऐस सहयोिजत सद य को ऐस सद य क प म उनकी हिसयत म सहकारी सोसाइटी क िकसी िनवारचन म मतदान करन का या बोडर क पदािधकािरय क प म िनवारिचत होन क िलए पातर होन का अिधकार नही होगा
परत यह भी िक िकसी सहकारी सोसाइटी क क यकारी िनदशक बोडर क सद य भी ह ग और ऐस सद य को खड (1) क पहल परतक म िविनिदर कल िनदशक की कल सखया की गणना करन क परयोजन क िलए अपविजरत िकया जाएगा
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243यट बोडर क सद य का िनवारचन -- (1) िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िकसी िविध म िकसी बात क होत हए भी बोडर का िनवारचन बोडर की अविध क अवसान स पवर सचािलत िकया जाएगा िजसस यह सिनि त िकया जा सक िक नविनवारिचत बोडर क सद य पदावरोही बोडर क सद य की पदाविध क अवसान होत ही पद गरहण कर ल
(2) िकसी सहकारी सोसाइटी क सभी िनवारचन क िलए िनवारचक नामाविलया तयार करन का और उन सभी िनवारचन क सचालन का अधीकषण िनदशन और िनयतरण ऐस परािधकारी या िनकाय म जो रा य िवधान-मडल दवारा िविध दवारा उपबिधत िकया जाए िनिहत होगा
परत िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा ऐस िनवारचन क सचालन क िलए परिकरया और मागरदशरक िसदधा त का उपबध कर सकगा
243यठ बोडर का अिधकरमण और िनलबन तथा अ तिरम परबध -- (1) त समय परव िकसी िविध म िकसी बात क होत हए भी कोई बोडर छह मास स अिधक की अविध क िलए अिति त नही िकया जाएगा या िनलबनाधीन नही रखा जाएगा
परत बोडर को-- (i) उसक लगातार यितकरम की दशा म या (ii) अपन कतर य क अनपालन म उपकषा करन की दशा म या (iii) बोडर दवारा सहकारी सोसाइटी या उसक सद य क िहत क परितकल कोई
कायर करन की दशा म या (iv) बोडर क गठन या उसक क य म कोई गितरोध उ प न होन की दशा म
या (v) रा य िवधान-मडल दवारा िविध दवारा अन छद 243यट क खड (2) क
अधीन यथा उपबिधत परािधकारी या िनकाय क रा य अिधिनयम क उपबध क अनसार िनवारचन करान म असफल रहन की दशा म
अिति त िकया जा सकगा या िनलबनाधीन रखा जा सकगा परत यह और िक जहा कोई सरकारी शयर धारण या सरकार दवारा कोई उधार या
िव ीय सहायता या पर याभित नही ह वहा ऐसी िकसी सहकारी सोसाइटी क बोडर को अिति त नही िकया जाएगा या िनलबनाधीन नही रखा जाएगा
परत यह भी िक बककारी कारबार करन वाली िकसी सहकारी सोसाइटी की दशा म बककारी िविनयमन अिधिनयम 1949 क उपबध भी लाग ह ग
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पर त यह भी िक बहरा य सहकारी सोसाइटी स िभ न बककारी कारबार करन वाली िकसी सहकारी सोसाइटी की दशा म इस खड क उपबध वस ही परभावी ह ग मानो ldquoछह मासrdquo श द क थान पर ldquoएक वषरrdquo श द रख गए थ
(2) बोडर क अिधकरमण की दशा म ऐसी सहकारी सोसाइटी क कायरकलाप का परबध करन क िलए िनयकत परशासक खड (1) म िविनिदर अविध क भीतर िनवारचन क सचालन क िलए यव था करगा और उसका परबध िनवारिचत बोडर को स पगा
(3) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा परशासक की सवा की शत क िलए उपबध कर सकगा
243यड सहकारी सोसाइिटय क लखाओ की सपरीकषा -- (1) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा सहकारी सोसाइिटय दवारा लखाओ क रख जान और ऐस लखाओ की पर यक िव ीय वषर म कम स कम एक बार सपरीकषा िकए जान क सबध म उपबध कर सकगा
(2) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा ऐस सपरीकषक और सपरीकषा करन वाली ऐसी फम की जो सहकारी सोसाइिटय क लखाओ की सपरीकषा करन क िलए पातर ह गी यनतम अहरताए और अनभव अिधकिथत करगा
(3) पर यक सहकारी सोसाइटी सहकारी सोसाइटी क साधारण िनकाय दवारा िनयकत खड (2) म िनिदर िकसी सपरीकषक या सपरीकषा करन वाली फम दवारा सपरीकषा करवाएगी
परत ऐस सपरीकषक या सपरीकषा करन वाली फम को रा य सरकार दवारा या रा य सरकार दवारा इस िनिम परािधकत िकसी परािधकारी दवारा अनमोिदत पनल म स िनयकत िकया जाएगा
(4) पर यक सहकारी सोसाइटी क लखाओ की सपरीकषा उस िव ीय वषर की िजसस ऐस लख सबिधत ह समाि क छह मास क भीतर की जाएगी
(5) रा य अिधिनयम दवारा यथा पिरभािषत िकसी सव च सहकारी सोसाइटी क लखाओ की सपरीकषा िरपोटर रा य िवधान-मडल क समकष ऐसी रीित स रखी जाएगी जो रा य िवधान-मडल दवारा िविध दवारा उपबिधत की जाए
243यढ साधारण िनकाय की बठक सयोिजत करना -- िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा यह उपबध कर सकगा िक पर यक सहकारी सोसाइटी क साधारण िनकाय की वािषरक बठक ऐस कारबार का स यवहार करन क जो ऐसी िविध म उपबिधत िकया जाए िव ीय वषर की समाि क छह मास की अविध क भीतर सयोिजत की जाएगी
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243यण सचना परा करन का सद य का अिधकार -- (1) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा सहकारी सोसाइटी क पर यक सद य की सहकारी सोसाइटी की ऐसी बिहय सचना और लखाओ तक जो ऐस सद य क साथ उसक कारबार क िनयिमत स यवहार म रख गए ह पहच क िलए उपबध कर सकगा
(2) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा सहकारी सोसाइटी क परबधन म सद य की भागीदारी सिनि त करन क िलए सद य दवारा बठक म उपि थित की ऐसी यनतम अपकषा का उपबध करत हए और सवाओ क ऐस यनतम तर का उपयोग करत हए जो ऐसी िविध म उपबध िकया जाए उपबध कर सकगा
(3) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा अपन सद य क िलए सहकारी िशकषा और परिशकषण का उपबध कर सकगा
243यत िववरिणया -- पर यक सहकारी सोसाइटी पर यक िव ीय वषर की समाि क छह मास क भीतर रा य सरकार दवारा अिभिहत परािधकारी को ऐसी िववरिणया फाइल करगी िजनम िन निलिखत बात सि मिलत ह गी अथारत --
(क) उसक िकरयाकलाप की वािषरक िरपोटर (ख) उसक लखाओ का सपरीिकषत िववरण (ग) अिधशष क ययन की योजना जो सहकारी सोसाइटी क साधारण िनकाय
दवारा यथा अनमोिदत हो (घ) सहकारी सोसाइटी की उपिविधय क सशोधन यिद कोई ह की सची (ङ) उसक साधारण िनकाय की बठक आयोिजत करन की तारीख और
िनवारचन का जब िनयत ह सचालन करन क सबध म घोषणा और (च) रा य अिधिनयम क िक ही उपबध क अनसरण म रिज टरार दवारा
अपिकषत कोई अ य जानकारी 243यथ अपराध और शाि तया -- (1) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा
सहकारी सोसाइिटय स सबिधत अपराध और ऐस अपराध क िलए शाि तय स सबिधत उपबध कर सकगा
(2) खड (1) क अधीन िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध म िन निलिखत कायर करना या उसका लोप करना अपराध क प म सि मिलत होगा अथारत --
(क) कोई सहकारी सोसाइटी या उसका कोई अिधकारी या सद य जानबझकर िम या िववरणी बनाता ह या िम या जानकारी दता ह अथवा कोई यिकत जानबझकर ऐसी जानकारी नही दता ह जो इस िनिम रा य अिधिनयम क उपबध क अधीन परािधकत यिकत दवारा उसस अपिकषत की गई हो
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(ख) कोई यिकत जानबझकर या िकसी यिकतयकत कारण क िबना रा य अिधिनयम क उपबध क अधीन जारी िकए गए िकसी समन अ यपकषा या िविधपणर िलिखत आदश की अवजञा करता ह
(ग) कोई िनयोजक जो पयार कारण क िबना उसक दवारा उसक कमरचारी स काटी गई रकम का उस तारीख स िजसको ऐसी कटौती की गई ह चौदह िदन की अविध क भीतर सहकारी सोसाइटी को सदाय करन म असफल रहता ह
(घ) ऐसा कोई अिधकारी या अिभरकषक जो ऐसी िकसी सहकारी सोसाइटी की िजसका वह अिधकारी या अिभरकषक ह बिहय लखाओ द तावज अिभलख रोकड़ परितभित या अ य सपि की अिभरकषा िकसी परािधकत यिकत को स पन म असफल रहता ह और
(ङ) जो कोई बोडर क सद य या पदािधकािरय क िनवारचन स पहल उसक दौरान या प ात कोई भर आचरण अपनाता ह 243यद बहरा य सहकारी सोसाइिटय को लाग होना -- इस भाग क उपबध बहरा य
सहकारी सोसाइिटय को इस उपातरण क अधीन रहत हए लाग ह ग िक ldquoरा य का िवधान-मडलrdquo ldquoरा य अिधिनयमrdquo या ldquoरा य सरकारrdquo क परित िकसी िनदश का वही अथर लगाया जाएगा जो करमशः ldquoसस rdquo ldquoक दरीय अिधिनयमrdquo या ldquoक दरीय सरकारrdquo का ह
243यध सघ रा यकषतर को लाग होना -- इस भाग क उपबध सघ रा यकषतर को लाग ह ग और ऐस सघ रा यकषतर को िजसकी कोई िवधान सभा नही ह उसी परकार लाग ह ग मानो िकसी रा य क िवधान-मडल क परितिनदश अन छद 239 क अधीन िनयकत उसक परशासक क परित और ऐस सघ रा यकषतर क सबध म िजसकी कोई िवधान सभा ह उस िवधान सभा क परितिनदश ह
परत रा पित राजपतर म अिधसचना दवारा यह िनदश द सकगा िक इस भाग क उपबध ऐस िकसी सघ रा यकषतर या उसक भाग को िजस वह अिधसचना म िविनिदर कर लाग नही ह ग
243यन िवदयमान िविधय का जारी रहना -- इस भाग म िकसी बात क होत हए भी सिवधान (सतानववा सशोधन) अिधिनयम 2011 क परारभ स ठीक पवर िकसी रा य म परव सहकारी सोसाइिटय स सबिधत िकसी िविध का कोई उपबध जो इस भाग क उपबध स असगत ह उस सकषम िवधान-मडल या अ य सकषम परािधकारी दवारा सशोिधत या िनरिसत िकए जान तक या ऐस परारभ स एक वषर क समा होन तक इनम स जो भी कम हो परव बना रहगा ]
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भाग 10 अनसिचत और जनजाित कषतर
244 अनसिचत कषतर और जनजाित कषतर का परशासन ndash (1) पाचवी अनसची क उपबध 1[असम 2[3[मघालय ितरपरा और िमजोरम]] रा य ] स िभ न 4 िकसी रा य क अनसिचत कषतर और अनसिचत जनजाितय क परशासन और िनयतरण क िलए लाग ह ग
(2) छठी अनसची क उपबध 1[असम 2[5[मघालय] ितरपरा] और िमजोरम रा य ] क] जनजाित कषतर क परशासन क िलए लाग ह ग
6[244क असम क कछ जनजाित कषतर को समािव करन वाला एक वशासी रा य बनाना और उसक िलए थानीय िवधान-मडल या मितर-पिरष का या दोन का सजन ndash (1) इस सिवधान म िकसी बात क होत हए भी सस िविध दवारा असम रा य क भीतर एक वशासी रा य बना सकगी िजसम छठी अनसची क परा 20 स सलगन सारणी क 7[भाग 1] म िविनिदर सभी या कोई जनजाित कषतर (पणरतः या भागतः) समािव ह ग और उसक िलए ndash
(क) उस वशासी रा य क िवधान-मडल क प म कायर करन क िलए िनवारिचत या भागतः नामिनदिशत और भागतः िनवारिचत िनकाय का या
(ख) मितर-पिरष का या दोन का सजन कर सकगी िजनम स पर यक का गठन शिकतया और क य व ह ग जो उस िविध म िविनिदर िकए जाए
(2) खड (1) म िनिदर िविध िविश तया ndash 1 पव र कषतर (पनगरठन) अिधिनयम 1971 (1971 का 81) की धारा 71 दवारा (21-1-1972 स) ldquoअसम रा यrdquo क
थान पर परित थािपत 2 िमजोरम रा य अिधिनयम 1986 (1986 का 34) की धारा 39 दवारा (20-2-1987 स) ldquoमघालय और ितरपराrdquo श द
क थान पर परित थािपत 3 सिवधान (उनचासवा सशोधन) अिधिनयम 1984 की धारा 2 दवारा ldquoऔर मघालयrdquo श द क थान पर (1-4-1985
स) परित थािपत 4 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची क भाग क या भाग
ख म िविनिदर rdquo श द और अकषर का लोप िकया गया 5 िमजोरम रा य अिधिनयम 1986 (1986 का 34) की धारा 39 दवारा (20-2-1987 स) ldquoमघालय और ितरपरा रा य
और िमजोरम सघ रा यकषतरrdquo श द क थान पर परित थािपत 6 सिवधान (बाईसवा सशोधन) अिधिनयम 1969 की धारा 2 दवारा (25-9-1969 स) अतः थािपत 7 पव र कषतर (पनगरठन) अिधिनयम 1971 (1971 का 81) की धारा 71 दवारा (21-1-1972 स) ldquoभाग कrdquo क थान
पर परित थािपत
भारत का सिवधान
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(क) रा य सची या समवतीर सची म परगिणत व िवषय िविनिदर कर सकगी िजनक सबध म वशासी रा य क िवधान-मडल को सपणर वशासी रा य क िलए या उसक िकसी भाग क िलए िविध बनान की शिकत असम रा य क िवधान-मडल का अपवजरन करक या अ यथा होगी
(ख) व िवषय पिरिनि त कर सकगी िजन पर उस वशासी रा य की कायरपािलका शिकत का िव तार होगा
(ग) यह उपबध कर सकगी िक असम रा य दवारा उदगहीत कोई कर वशासी रा य को वहा तक स पा जाएगा जहा तक उसक आगम वशासी रा य स परा हए मान जा सकत ह
(घ) यह उपबध कर सकगी िक इस सिवधान क िकसी अन छद म रा य क परित िकसी िनदश का यह अथर लगाया जाएगा िक उसक अतगरत वशासी रा य क परित िनदश ह और
(ङ) ऐस अनपरक आनषिगक या पािरणािमक उपबध कर सकगी जो आव यक समझ जाए (3) पव कत परकार की िकसी िविध का कोई सशोधन जहा तक वह सशोधन खड
(2) क उपखड (क) या उपखड (ख) म िविनिदर िवषय म स िकसी स सबिधत ह तब तक परभावी नही होगा जब तक वह सशोधन सस क पर यक सदन म उपि थत और मत दन वाल कम स कम दो-ितहाई सद य दवारा पािरत नही कर िदया जाता ह
(4) इस अन छद म िनिदर िविध को अन छद 368 क परयोजन क िलए इस सिवधान का सशोधन इस बात क होत हए भी नही समझा जाएगा िक उसम कोई ऐसा उपबध अतिवर ह जो इस सिवधान का सशोधन करता ह या सशोधन करन का परभाव रखता ह ]
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भाग 11 सघ और रा य क बीच सबध
अ याय 1 ndash िवधायी सबध िवधायी शिकतय का िवतरण
245 सस दवारा और रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविधय का िव तारndash(1) इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए सस भारत क सपणर रा यकषतर या उसक िकसी भाग क िलए िविध बना सकगी और िकसी रा य का िवधान-मडल सपणर रा य या उसक िकसी भाग क िलए िविध बना सकगा
(2) सस दवारा बनाई गई कोई िविध इस आधार पर अिविधमा य नही समझी जाएगी िक उसका रा यकषतरातीत परवतरन होगा
246 सस दवारा और रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविधय की िवषय-व तndash(1) खड (2) और खड (3) म िकसी बात क होत हए भी सस को सातवी अनसची की सची 1 म (िजस इस सिवधान म ldquoसघ सचीrdquo कहा गया ह) परगिणत िकसी भी िवषय क सबध म िविध बनान की अन य शिकत ह
(2) खड (3) म िकसी बात क होत हए भी सस को और खड (1) क अधीन रहत हए 1 िकसी रा य क िवधान-मडल को भी सातवी अनसची की सची 3 म (िजस इस सिवधान म ldquoसमवतीर सचीrdquo कहा गया ह) परगिणत िकसी भी िवषय क सबध म िविध बनान की शिकत ह
(3) खड (1) और खड (2) क अधीन रहत हए 1 िकसी रा य क िवधान-मडल को सातवी अनसची की सची 2 म (िजस इस सिवधान म ldquoरा य सचीrdquo कहा गया ह) परगिणत िकसी भी िवषय क सबध म उस रा य या उसक िकसी भाग क िलए िविध बनान की अन य शिकत ह
(4) सस को भारत क रा यकषतर क ऐस भाग क िलए 2[जो िकसी रा य] क अतगरत नही ह िकसी भी िवषय क सबध म िविध बनान की शिकत ह चाह वह िवषय रा य सची म परगिणत िवषय ही कय न हो
3[246क माल और सवा कर क सबध म िवशष उपबध--(1) अन छद 246 और अन छद 254 म िकसी बात क होत हए भी सस को और खड (2) क अधीन रहत हए पर यक रा य क िवधान-मडल को सघ दवारा या उस रा य दवारा अिधरोिपत माल और सवा कर क सबध म िविधया बनान की शिकत होगी
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची क भाग क या भाग
ख म िविनिदर rdquo श द और अकषर का (1-11-1956 स) लोप िकया गया 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची क भाग क या भाग
ख मrdquo श द क थान पर परित थािपत 3 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 2 दवारा (16-9-2016 स) अतः थािपत
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(2) जहा माल का या सवाओ का अथवा दोन का परदाय अ तरराि यक यापार या वािण य क अनकरम म होता ह वहा सस को माल और सवा कर क सबध म िविधया बनान की अन य शिकत परा ह
प ीकरण--इस अन छद क उपबध अन छद 279क क खड (5) म िनिदर माल और सवा कर क सबध म माल और सवा कर पिरष दवारा िसफािरश की गई तारीख स परभावी ह ग ]
247 कछ अितिरकत यायालय की थापना का उपबध करन की सस की शिकतndash इस अ याय म िकसी बात क होत हए भी सस अपन दवारा बनाई गई िविधय क या िकसी िवदयमान िविध क जो सघ सची म परगिणत िवषय क सबध म ह अिधक अ छ परशासन क िलए अितिरकत यायालय की थापना का िविध दवारा उपबध कर सकगी
248 अविश िवधायी शिकतयाndash(1) 1[अन छद 246क क अधीन रहत हए सस ] को िकसी ऐस िवषय क सबध म जो समवतीर सची या रा य सची म परगिणत नही ह िविध बनान की अन य शिकत ह
(2) ऐसी शिकत क अतगरत ऐस कर क अिधरोपण क िलए जो उन सिचय म स िकसी म विणरत नही ह िविध बनान की शिकत ह
249 रा य सची म क िवषय क सबध म रा ीय िहत म िविध बनान की सस की शिकतndash(1) इस अ याय क पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी यिद रा य सभा न उपि थत और मत दन वाल सद य म स कम स कम दो-ितहाई सद य दवारा समिथरत सक प दवारा घोिषत िकया ह िक रा ीय िहत म यह आव यक या समीचीन ह िक सस 2[अन छद 246क क अधीन उपबिधत माल और सवा कर या] रा य सची म परगिणत ऐस िवषय क सबध म जो उस सक प म िविनिदर ह िविध बनाए तो जब तक वह सक प परव ह सस क िलए उस िवषय क सबध म भारत क सपणर रा यकषतर या उसक िकसी भाग क िलए िविध बनाना िविधपणर होगा
(2) खड (1) क अधीन पािरत सक प एक वषर स अनिधक ऐसी अविध क िलए परव रहगा जो उसम िविनिदर की जाए
परत यिद और िजतनी बार िकसी ऐस सक प को परव बनाए रखन का अनमोदन करन वाला सक प खड (1) म उपबिधत रीित स पािरत हो जाता ह तो और उतनी बार ऐसा सक प उस तारीख स िजसको वह इस खड क अधीन अ यथा परव नही रहता एक वषर की और अविध तक परव रहगा
(3) सस दवारा बनाई गई कोई िविध िजस सस खड (1) क अधीन सक प क पािरत होन क अभाव म बनान क िलए सकषम नही होती सक प क परव न रहन क प ात छह मास की अविध की समाि पर अकषमता की मातरा तक उन बात क िसवाय परभावी नही रहगी िज ह उकत अविध की समाि स पहल िकया गया ह या करन का लोप िकया गया ह
1 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 3 दवारा (16-9-2016 स) परित थािपत 2 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 4 दवारा ldquoसस rdquo क थान पर (16-9-2016 स)
अतः थािपत
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250 यिद आपात की उदघोषणा परवतरन म हो तो रा य सची म क िवषय क सबध म िविध बनान की सस की शिकत ndash (1) इस अ याय म िकसी बात क होत हए भी सस को जब तक आपात की उदघोषणा परवतरन म ह 1[अन छद 246क क अधीन उपबिधत माल या सवा कर या] रा य सची म परगिणत िकसी भी िवषय क सबध म भारत क सपणर रा यकषतर या उसक िकसी भाग क िलए िविध बनान की शिकत होगी
(2) सस दवारा बनाई गई कोई िविध िजस सस आपात की उदघोषणा क अभाव म बनान क िलए सकषम नही होती उदघोषणा क परवतरन म न रहन क प ात छह मास की अविध की समाि पर अकषमता की मातरा तक उन बात क िसवाय परभावी नही रहगी िज ह उकत अविध की समाि स पहल िकया गया ह या करन का लोप िकया गया ह
251 सस दवारा अन छद 249 और अन छद 250 क अधीन बनाई गई िविधय और रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविधय म असगित ndash अन छद 249 और अन छद 250 की कोई बात िकसी रा य क िवधान-मडल की ऐसी िविध बनान की शिकत को िजस इस सिवधान क अधीन बनान की शिकत उसको ह िनबरिधत नही करगी िकत यिद िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध का कोई उपबध सस दवारा बनाई गई िविध क िजस उकत अन छद म स िकसी अन छद क अधीन बनान की शिकत सस को ह िकसी उपबध क िव दध ह तो सस दवारा बनाई गई िविध अिभभावी होगी चाह वह रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध स पहल या उसक बाद म पािरत की गई हो और रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध उस िवरोध की मातरा तक अपरवतरनीय होगी िकत ऐसा तभी तक होगा जब तक सस दवारा बनाई गई िविध परभावी रहती ह
252 दो या अिधक रा य क िलए उनकी सहमित स िविध बनान की सस की शिकत और ऐसी िविध का िकसी अ य रा य दवारा अगीकार िकया जाना ndash (1) यिद िक ही दो या अिधक रा य क िवधान-मडल को यह वाछनीय परतीत होता ह िक उन िवषय म स िजनक सबध म सस को अन छद 249 और अन छद 250 म यथा उपबिधत क िसवाय रा य क िलए िविध बनान की शिकत नही ह िकसी िवषय का िविनयमन ऐस रा य म सस िविध दवारा कर और यिद उन रा य क िवधान-मडल क सभी सदन उस आशय क सक प पािरत करत ह तो उस िवषय का तदनसार िविनयमन करन क िलए कोई अिधिनयम पािरत करना सस क िलए िविधपणर होगा और इस परकार पािरत अिधिनयम ऐस रा य को लाग होगा और ऐस अ य रा य को लाग होगा जो त प ात अपन िवधान-मडल क सदन दवारा या जहा दो सदन ह वहा दोन सदन म स पर यक सदन इस िनिम पािरत सक प दवारा उसको अगीकार कर लता ह
(2) सस दवारा इस परकार पािरत िकसी अिधिनयम का सशोधन या िनरसन इसी रीित स पािरत या अगीकत सस क अिधिनयम दवारा िकया जा सकगा िकत उसका उस
1 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 5 दवारा (16-9-2016 स) अतः थािपत
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रा य क सबध म सशोधन या िनरसन िजसको वह लाग होता ह उस रा य क िवधान-मडल क अिधिनयम दवारा नही िकया जाएगा
253 अतररा ीय करार को परभावी करन क िलए िवधान ndash इस अ याय क पवरगामी उपबध म िकसी बात क होत हए भी सस को िकसी अ य दश या दश क साथ की गई िकसी सिध करार या अिभसमय अथवा िकसी अतररा ीय स मलन सगम या अ य िनकाय म िकए गए िकसी िविन य क कायार वयन क िलए भारत क सपणर रा यकषतर या उसक िकसी भाग क िलए कोई िविध बनान की शिकत ह
254 सस दवारा बनाई गई िविधय और रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविधय म असगित ndash (1) यिद िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध का कोई उपबध सस दवारा बनाई गई िविध क िजस अिधिनयिमत करन क िलए सस सकषम ह िकसी उपबध क या समवतीर सची म परगिणत िकसी िवषय क सबध म िवदयमान िविध क िकसी उपबध क िव दध ह तो खड (2) क उपबध क अधीन रहत हए यथाि थित सस दवारा बनाई गई िविध चाह वह ऐस रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध स पहल या उसक बाद म पािरत की गई हो या िवदयमान िविध अिभभावी होगी और उस रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध उस िवरोध की मातरा तक श य होगी
(2) जहा 1 रा य क िवधान-मडल दवारा समवतीर सची म परगिणत िकसी िवषय क सबध म बनाई गई िविध म कोई ऐसा उपबध अतिवर ह जो सस दवारा पहल बनाई गई िविध क या उस िवषय क सबध म िकसी िवदयमान िविध क उपबध क िव दध ह तो यिद ऐस रा य क िवधान-मडल दवारा इस परकार बनाई गई िविध को रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रखा गया ह और उस पर उसकी अनमित िमल गई ह तो वह िविध उस रा य म अिभभावी होगी
परत इस खड की कोई बात सस को उसी िवषय क सबध म कोई िविध िजसक अतगरत ऐसी िविध ह जो रा य क िवधान-मडल दवारा इस परकार बनाई गई िविध का पिरवधरन सशोधन पिरवतरन या िनरसन करती ह िकसी भी समय अिधिनयिमत करन स िनवािरत नही करगी
255 िसफािरश और पवर मजरी क बार म अपकषाओ को कवल परिकरया क िवषय मानना ndash यिद सस क या 1 िकसी रा य क िवधान-मडल क िकसी अिधिनयम को ndash
(क) जहा रा यपाल की िसफािरश अपिकषत थी वहा रा यपाल या रा पित न (ख) जहा राजपरमख की िसफािरश अपिकषत थी वहा राजपरमख या रा पित न
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची क भाग क या भाग
ख म िविनिदर rdquo श द और अकषर का (1-11-1956 स) लोप िकया गया
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(ग) जहा रा पित की िसफािरश या पवर मजरी अपिकषत थी वहा रा पित न अनमित द दी ह तो ऐसा अिधिनयम और ऐस अिधिनयम का कोई उपबध कवल इस कारण अिविधमा य नही होगा िक इस सिवधान दवारा अपिकषत कोई िसफािरश नही की गई थी या पवर मजरी नही दी गई थी
अ याय 2 ndash परशासिनक सबध साधारण
256 रा य की और सघ की बा यता ndash पर यक रा य की कायरपािलका शिकत का इस परकार परयोग िकया जाएगा िजसस सस दवारा बनाई गई िविधय का और ऐसी िवदयमान िविधय का जो उस रा य म लाग ह अनपालन सिनि त रह और सघ की कायरपािलका शिकत का िव तार िकसी रा य को ऐस िनदश दन तक होगा जो भारत सरकार को उस परयोजन क िलए आव यक परतीत ह
257 कछ दशाओ म रा य पर सघ का िनयतरण ndash (1) पर यक रा य की कायरपािलका शिकत का इस परकार परयोग िकया जाएगा िजसस सघ की कायरपािलका शिकत क परयोग म कोई अड़चन न हो या उस पर कोई परितकल परभाव न पड़ और सघ की कायरपािलका शिकत का िव तार िकसी रा य को ऐस िनदश दन तक होगा जो भारत सरकार को इस परयोजन क िलए आव यक परतीत ह
(2) सघ की कायरपािलका शिकत का िव तार रा य को ऐस सचार साधन क िनमारण और बनाए रखन क बार म िनदश दन तक भी होगा िजनका रा ीय या सिनक मह व का होना उस िनदश म घोिषत िकया गया ह
परत इस खड की कोई बात िकसी राजमागर या जलमागर को रा ीय राजमागर या रा ीय जलमागर घोिषत करन की सस की शिकत को अथवा इस परकार घोिषत राजमागर या जलमागर क बार म सघ की शिकत को अथवा सना नौसना और वायसना सकमर िवषयक अपन क य क भाग प सचार साधन क िनमारण और बनाए रखन की सघ की शिकत को िनबरिधत करन वाली नही मानी जाएगी
(3) सघ की कायरपािलका शिकत का िव तार िकसी रा य म रल क सरकषण क िलए िकए जान वाल उपाय क बार म उस रा य को िनदश दन तक भी होगा
(4) जहा खड (2) क अधीन सचार साधन क िनमारण या बनाए रखन क बार म अथवा खड (3) क अधीन िकसी रल क सरकषण क िलए िकए जान वाल उपाय क बार म िकसी रा य को िदए गए िकसी िनदश क पालन म उस खचर स अिधक खचर हो गया ह जो यिद ऐसा िनदश नही िदया गया होता तो रा य क परसामा य कतर य क िनवरहन म खचर होता वहा उस रा य दवारा इस परकार िकए गए अितिरकत खच क सबध म भारत सरकार दवारा उस रा य को ऐसी रािश का जो करार पाई जाए या करार क अभाव म ऐसी रािश का िजस भारत क मखय यायमितर दवारा िनयकत म य थ अवधािरत कर सदाय िकया जाएगा
1[257क [सघ क सश बल या अ य बल क अिभिनयोजन दवारा रा य की 1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 43 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत
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सहायता ]ndashसिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 33 दवारा (20-6-1979 स) िनरिसत
258 कछ दशाओ म रा य को शिकत परदान करन आिद की सघ की शिकत ndash (1) इस सिवधान म िकसी बात क होत हए भी रा पित िकसी रा य की सरकार की सहमित स उस सरकार को या उसक अिधकािरय को ऐस िकसी िवषय स सबिधत क य िजन पर सघ की कायरपािलका शिकत का िव तार ह सशतर या िबना शतर स प सकगा
(2) सस दवारा बनाई गई िविध जो िकसी रा य को लाग होती ह ऐस िवषय स सबिधत होन पर भी िजसक सबध म रा य क िवधान-मडल को िविध बनान की शिकत नही ह उस रा य या उसक अिधकािरय और परािधकािरय को शिकत परदान कर सकगी और उन पर कतर य अिधरोिपत कर सकगी या शिकतय का परदान िकया जाना और कतर य का अिधरोिपत िकया जाना परािधकत कर सकगी
(3) जहा इस अन छद क आधार पर िकसी रा य अथवा उसक अिधकािरय या परािधकािरय को शिकतया परदान की गई ह या उन पर कतर य अिधरोिपत िकए गए ह वहा उन शिकतय और कतर य क परयोग क सबध म रा य दवारा परशासन म िकए गए अितिरकत खच क सबध म भारत सरकार दवारा उस रा य को ऐसी रािश का जो करार पाई जाए या करार क अभाव म ऐसी रािश का िजस भारत क मखय यायमितर दवारा िनयकत म य थ अवधािरत कर सदाय िकया जाएगा
1[258क सघ को क य स पन की रा य की शिकत ndash इस सिवधान म िकसी बात क होत हए भी िकसी रा य का रा यपाल भारत सरकार की सहमित स उस सरकार को या उसक अिधकािरय को ऐस िकसी िवषय स सबिधत क य िजन पर उस रा य की कायरपािलका शिकत का िव तार ह सशतर या िबना शतर स प सकगा ]
259 [पहली अनसची क भाग ख क रा य क सश बल ] ndash सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा िनरिसत
260 भारत क बाहर क रा यकषतर क सबध म सघ की अिधकािरता ndash भारत सरकार िकसी ऐस रा यकषतर की सरकार स जो भारत क रा यकषतर का भाग नही ह करार करक ऐस रा यकषतर की सरकार म िनिहत िक ही कायरपालक िवधायी या याियक क य का भार अपन ऊपर ल सकगी िक त पर यक ऐसा करार िवदशी अिधकािरता क परयोग स सबिधत त समय परव िकसी िविध क अधीन होगा और उसस शािसत होगा
261 सावरजिनक कायर अिभलख और याियक कायरवािहया ndash (1) भारत क रा यकषतर म सवरतर सघ क और पर यक रा य क सावरजिनक काय अिभलख और 1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 18 दवारा (1-11-1956 स) अतः थािपत
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याियक कायरवािहय को परा िव ास और परी मा यता दी जाएगी (2) खड (1) म िनिदर काय अिभलख और कायरवािहय को सािबत करन की
रीित और शत तथा उनक परभाव का अवधारण सस दवारा बनाई गई िविध दवारा उपबिधत रीित क अनसार िकया जाएगा
(3) भारत क रा यकषतर क िकसी भाग म िसिवल यायालय दवारा िदए गए अितम िनणरय या आदश का उस रा यकषतर क भीतर कही भी िविध क अनसार िन पादन िकया जा सकगा
जल सबधी िववाद 262 अतरराि यक निदय या नदी-दन क जल सबधी िववाद का
यायिनणरयन ndash (1) सस िविध दवारा िकसी अतरराि यक नदी या नदी-दन क या उसम जल क परयोग िवतरण या िनयतरण क सबध म िकसी िववाद या पिरवाद क यायिनणरयन क िलए उपबध कर सकगी
(2) इस सिवधान म िकसी बात क होत हए भी सस िविध दवारा उपबध कर सकगी िक उ चतम यायालय या कोई अ य यायालय खड (1) म िनिदर िकसी िववाद या पिरवाद क सबध म अिधकािरता का परयोग नही करगा
रा य क बीच सम वय 263 अतररा य पिरष क सबध म उपबध ndash यिद िकसी समय रा पित को यह
परतीत होता ह िक ऐसी पिरष की थापना स लोक िहत की िसिदध होगी िजस ndash (क) रा य क बीच जो िववाद उ प न हो गए ह उनकी जाच करन और
उन पर सलाह दन (ख) कछ या सभी रा य क अथवा सघ और एक या अिधक रा य क
सामा य िहत स सबिधत िवषय क अ वषण और उन पर िवचार-िवमशर करन या
(ग) ऐस िकसी िवषय पर िसफािरश करन और िविश तया उस िवषय क सबध म नीित और काररवाई क अिधक अ छ सम वय क िलए िसफािरश करन
क कतर य का भार स पा जाए तो रा पित क िलए यह िविधपणर होगा िक वह आदश दवारा ऐसी पिरष की थापना कर और उस पिरष दवारा िकए जान वाल कतर य की परकित को तथा उसक सगठन और परिकरया को पिरिनि त कर
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भाग 12 िव सपि सिवदाए और वाद
अ याय 1 ndash िव साधारण
1[264 िनवरचन ndash इस भाग म ldquoिव आयोगrdquo स अन छद 280 क अधीन गिठत िव आयोग अिभपरत ह ]
265 िविध क परािधकार क िबना कर का अिधरोपण न िकया जाना ndash कोई कर िविध क परािधकार स ही अिधरोिपत या सगहीत िकया जाएगा अ यथा नही
266 भारत और रा य की सिचत िनिधया और लोक लख ndash (1) अन छद 267 क उपबध क तथा कछ कर और श क क शदध आगम पणरतः या भागतः रा य को स प िदए जान क सबध म इस अ याय क उपबध क अधीन रहत हए भारत सरकार को परा सभी राज व उस सरकार दवारा राज हिडया िनगरिमत करक उधार दवारा या अथ पाय अिगरम दवारा िलए गए सभी उधार और उधार क परितसदाय म उस सरकार को परा सभी धनरािशय की एक सिचत िनिध बनगी जो ldquoभारत की सिचत िनिधrdquo क नाम स जञात होगी तथा िकसी रा य सरकार को परा सभी राज व उस सरकार दवारा राज हिडया िनगरिमत करक उधार दवारा या अथ पाय अिगरम दवारा िलए गए सभी उधार और उधार क परितसदाय म उस सरकार को परा सभी धनरािशय की एक सिचत िनिध बनगी जो ldquoरा य की सिचत िनिधrdquo क नाम स जञात होगी
(2) भारत सरकार या िकसी रा य सरकार दवारा या उसकी ओर स परा सभी अ य लोक धनरािशया यथाि थित भारत क लोक लख म या रा य क लोक लख म जमा की जाएगी
(3) भारत की सिचत िनिध या रा य की सिचत िनिध म स कोई धनरािशया िविध क अनसार तथा इस सिवधान म उपबिधत परयोजन क िलए और रीित स ही िविनयोिजत की जाएगी अ यथा नही
267 आकि मकता िनिध ndash (1) सस िविध दवारा अगरदाय क व प की एक आकि मकता िनिध की थापना कर सकगी जो ldquoभारत की आकि मकता िनिधrdquo क नाम स जञात होगी िजसम ऐसी िविध दवारा अवधािरत रािशया समय-समय पर जमा की जाएगी और अनविकषत यय का अन छद 115 या अन छद 116 क अधीन सस दवारा िविध दवारा परािधकत िकया जाना लिबत रहन तक ऐसी िनिध म स ऐस यय की पितर क िलए अिगरम धन दन क िलए रा पित को समथर बनान क िलए उकत िनिध रा पित क ययनाधीन रखी जाएगी
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) परित थािपत
भारत का सिवधान
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(2) रा य का िवधान-मडल िविध दवारा अगरदाय क व प की एक आकि मकता िनिध की थापना कर सकगा जो ldquoरा य की आकि मकता िनिधrdquo क नाम स जञात होगी िजसम ऐसी िविध दवारा अवधािरत रािशया समय-समय पर जमा की जाएगी और अनविकषत यय का अन छद 205 या अन छद 206 क अधीन रा य क िवधान-मडल दवारा िविध दवारा परािधकत िकया जाना लिबत रहन तक ऐसी िनिध म स ऐस यय की पितर क िलए अिगरम धन दन क िलए रा यपाल को समथर बनान क िलए उकत िनिध रा य क रा यपाल 1 क ययनाधीन रखी जाएगी
सघ और रा य क बीच राज व का िवतरण 268 सघ दवारा उदगहीत िकए जान वाल िकत रा य दवारा सगहीत और
िविनयोिजत िकए जान वाल श क ndash (1) ऐस टाप-श क 2 जो सघ सची म विणरत ह भारत सरकार दवारा उदगहीत िकए जाएग िकत ndash
(क) उस दशा म िजसम ऐस श क 3[सघ रा यकषतर] क भीतर उ गरहणीय ह भारत सरकार दवारा और
(ख) अ य दशाओ म िजन-िजन रा य क भीतर ऐस श क उ गरहणीय ह उन-उन रा य दवारा
सगहीत िकए जाएग (2) िकसी रा य क भीतर उ गरहणीय िकसी ऐस श क क िकसी िव ीय वषर म
आगम भारत की सिचत िनिध क भाग नही ह ग िक त उस रा य को स प िदए जाएग
4268क [सघ दवारा उदगहीत िकए जान वाला और सघ तथा रा य दवारा सगहीत और िविनयोिजत िकया जान वाला सवा-कर ]ndashसिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 7 दवारा (16-9-2016 स) लोप िकया गया
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का
(1-11-1956 स) लोप िकया गया 2 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 6 दवारा (16-9-2016 स) तथा औषधीय और परसाधन
िनिमरितय पर ऐस उ पाद-श क श द का लोप िकया गया 3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपहली अनसची क भाग ग म
िविनिदर रा यrdquo क थान पर (1-11-1956 स) परित थािपत 4 सिवधान (अठासीवा सशोधन) अिधिनयम 2003 की धारा 2 दवारा अतः थािपत (परव नही हआ ह)
भारत का सिवधान
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269 सघ दवारा उदगहीत और सगहीत िकत रा य को स प जान वाल करndash1[(1) 2[अन छद 269क म यथा उपबिधत क िसवाय] माल क करय] या िवकरय पर कर और माल क परषण पर कर भारत सरकार दवारा उदगहीत और सगहीत िकए जाएग िक त खड (2) म उपबिधत रीित स रा य को 1 अपरल 1996 को या उसक प ात स प िदए जाएग या स प िदए गए समझ जाएग
प ीकरण ndash इस खड क परयोजन क िलए ndash (क) ldquoमाल क करय या िवकरय पर करrdquo पद स समाचारपतर स िभ न माल
क करय या िवकरय पर उस दशा म कर अिभपरत ह िजसम ऐसा करय या िवकरय अतरराि यक यापार या वािण य क दौरान होता ह
(ख) ldquoमाल क परषण पर करrdquo पद स माल क परषण पर (चाह परषण उसक करन वाल यिकत को या िकसी अ य यिकत को िकया गया हो) उस दशा म कर अिभपरत ह िजसम ऐसा परषण अतरराि यक यापार या वािण य क दौरान होता ह (2) िकसी िव ीय वषर म िकसी ऐस कर क शदध आगम वहा तक क िसवाय जहा
तक व आगम सघ रा यकषतर स परा हए आगम मान जा सकत ह भारत की सिचत िनिध क भाग नही ह ग िकत उन रा य को स प िदए जाएग िजनक भीतर वह कर उस वषर म उ गरहणीय ह और िवतरण क ऐस िसदधात क अनसार जो सस िविध दवारा बनाए उन रा य क बीच िवतिरत िकए जाएग ]
3[(3) सस यह अवधािरत करन क िलए िक 4[माल का करय या िवकरय या परषण] कब अतरराि यक यापार या वािण य क दौरान होता ह िविध दवारा िसदधात बना सकगी ]
5[269क अ तरराि यक यापार या वािण य क अनकरम म माल और सवा कर का उ गरहण और सगरहण--(1) अ तरराि यक यापार या वािण य क अनकरम म परदाय पर माल और सवा कर भारत सरकार दवारा उदगहीत और सगहीत िकया जाएगा तथा ऐसा कर उस रीित म जो सस दवारा िविध दवारा माल और सवा कर पिरष की िसफािरश पर उपबिधत की जाए सघ और रा य क बीच परभािजत िकया जाएगा
1 सिवधान (अठारहवा सशोधन) अिधिनयम 2000 की धारा 2 खड (1) और खड (2) क थान पर (9-6-2000 स)
परित थािपत 2 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 8 दवारा (16-9-2016 स) परित थािपत 3 सिवधान (छठा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 3 दवारा (11-9-1956 स) अतः थािपत 4 सिवधान (िछयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1982 की धारा 2 दवारा (2-2-1983 स) ldquoमाल का करय या िवकरयrdquo
श द क थान पर परित थािपत 5 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 9 दवारा (16-9-2016 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
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प ीकरण--इस खड क परयोजन क िलए भारत क रा यकषतर म आयात क अनकरम म माल क या सवाओ क या दोन क परदाय को अ तरराि यक यापार या वािण य क अनकरम म माल का या सवाओ का या दोन का परदाय समझा जाएगा
(2) खड (1) क अधीन िकसी रा य को परभािजत रकम भारत की सिचत िनिध का भाग नही होगी
(3) जहा खड (1) क अधीन उदगहीत कर क प म सगहीत रकम का उपयोग अन छद 246क क अधीन िकसी रा य दवारा उदगहीत कर का सदाय करन क िलए िकया गया ह वहा ऐसी रकम भारत की सिचत िनिध का भाग नही होगी
(4) जहा अन छद 246क क अधीन िकसी रा य दवारा उदगहीत कर क प म सगहीत रकम का उपयोग खड (1) क अधीन उदगहीत कर का सदाय करन क िलए िकया गया ह वहा ऐसी रकम रा य की सिचत िनिध का भाग नही होगी
(5) सस िविध दवारा परदाय क थान का और इस बात का िक माल का या सवाओ का अथवा दोन का परदाय अ तरराि यक यापार या वािण य क अनकरम म कब होता ह अवधारण करन सबधी िसदधात बना सकगी ]
1[270 उदगहीत कर और उनका सघ तथा रा य क बीच िवतरणndash(1) करमशः 2[अन छद 268 अन छद 269 और अन छद 269क] म िनिदर श क और कर क िसवाय सघ सची म िनिदर सभी कर और श क अन छद 271 म िनिदर कर और श क पर अिधभार और सस दवारा बनाई गई िकसी िविध क अधीन िविनिदर परयोजन क िलए उदगहीत कोई उपकर भारत सरकार दवारा उदगहीत और सगहीत िकए जाएग तथा खड (2) म उपबिधत रीित स सघ और रा य क बीच िवतिरत िकए जाएग
3[(1क) अन छद 246क क खड (1) क अधीन सघ दवारा सगहीत कर भी सघ और रा य क बीच खड (2) म उपबिधत रीित म िवतिरत िकया जाएगा
(1ख) अन छद 246क क खड (2) और अन छद 269क क अधीन सघ दवारा उदगहीत और सगहीत ऐसा कर िजसका उपयोग अन छद 246क क खड (1) क अधीन सघ दवारा उदगहीत कर का सदाय करन क िलए िकया गया ह और अन छद 269क क खड (1) क अधीन सघ को परभािजत रकम भी सघ और रा य क बीच खड (2) म उपबिधत रीित म िवतिरत की जाएगी ]
(2) िकसी िव ीय वषर म िकसी ऐस कर या श क क शदध आगम का ऐसा 1 सिवधान (अ सीवा सशोधन) अिधिनयम 2000 की धारा 3 दवारा (9-6-2000 स) परित थािपत 2 सिवधान (अटठासीवा सशोधन) अिधिनयम 2003 की धारा 3 दवारा (परव नही हआ और पनः परित थािपत होन पर)
अन छद 268 और अन छद 269 श द क थान पर अन छद 268 अन छद 268क और अन छद 269 परित थािपत िकए जाएग
3 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 10 दवारा (16-9-2016 स) परित थािपत
भारत का सिवधान
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परितशत जो िविहत िकया जाए भारत की सिचत िनिध का भाग नही होगा िक त उन रा य को स प िदया जाएगा िजनक भीतर वह कर या श क उस वषर म उ गरहणीय ह और ऐसी रीित स और ऐस समय स जो खड (3) म उपबिधत रीित स िविहत िकया जाए उन रा य क बीच िवतिरत िकया जाएगा
(3) इस अन छद म ldquoिविहतrdquo स अिभपरत ह ndash (i) जब तक िव आयोग का गठन नही िकया जाता ह तब तक रा पित
दवारा आदश दवारा िविहत और (ii) िव आयोग का गठन िकए जान क प ात िव आयोग की िसफािरश
पर िवचार करन क प ात रा पित दवारा आदश दवारा िविहत ] 271 कछ श क और कर पर सघ क परयोजन क िलए अिधभार ndash अन छद
269 और अन छद 270 म िकसी बात क होत हए भी सस 1[अन छद 246क क अधीन माल और सवा कर क िसवाय] उन अन छद म िनिदर श क या कर म स िकसी म िकसी भी समय सघ क परयोजन क िलए अिधभार दवारा विदध कर सकगी और िकसी ऐस अिधभार क सपणर आगम भारत की सिचत िनिध क भाग ह ग
272 [कर जो सघ दवारा उदगहीत और सगहीत िकए जात ह तथा जो सघ और रा य क बीच िवतिरत िकए जा सकग ] ndashसिवधान (अ सीवा सशोधन) अिधिनयम 2000 की धारा 4 दवारा (9-6-2000 स) लोप िकया गया
273 जट पर और जट उ पाद पर िनयारत श क क थान पर अनदान ndash (1) जट पर और जट उ पाद पर िनयारत श क क पर यक वषर क शदध आगम का कोई भाग असम िबहार 2[ओिड़शा] और पि मी बगाल रा य को स प िदए जान क थान पर उन रा य क राज व म सहायता अनदान क प म पर यक वषर भारत की सिचत िनिध पर ऐसी रािशया भािरत की जाएगी जो िविहत की जाए
(2) जट पर और जट उ पाद पर जब तक भारत सरकार कोई िनयारत श क उदगहीत करती रहती ह तब तक या इस सिवधान क परारभ स दस वषर की समाि तक इन दोन म स जो भी पहल हो इस परकार िविहत रािशया भारत की सिचत िनिध पर भािरत बनी रहगी
(3) इस अन छद म ldquoिविहतrdquo पद का वही अथर ह जो अन छद 270 म ह
1 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 11 (16-9-2016 स) अतः थािपत 2 उड़ीसा (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 2011 (2011 का 15) की धारा 5 दवारा (1-11-2011 स) ldquoउड़ीसाrdquo क थान पर
परित थािपत
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274 ऐस कराधान पर िजसम रा य िहतबदध ह परभाव डालन वाल िवधयक क िलए रा पित की पवर िसफािरश की अपकषा ndash (1) कोई िवधयक या सशोधन जो ऐसा कर या श क िजसम रा य िहतबदध ह अिधरोिपत करता ह या उसम पिरवतरन करता ह अथवा जो भारतीय आय-कर स सबिधत अिधिनयिमितय क परयोजन क िलए पिरभािषत ldquoकिष-आयrdquo पद क अथर म पिरवतरन करता ह अथवा जो उन िसदधात को परभािवत करता ह िजनस इस अ याय क पवरगामी उपबध म स िकसी उपबध क अधीन रा य को धनरािशया िवतरणीय ह या हो सकगी अथवा जो सघ क परयोजन क िलए कोई ऐसा अिधभार अिधरोिपत करता ह जो इस अ याय क पवरगामी उपबध म विणरत ह सस क िकसी सदन म रा पित की िसफािरश पर ही परः थािपत या पर तािवत िकया जाएगा अ यथा नही
(2) इस अन छद म ldquoऐसा कर या श क िजसम रा य िहतबदध हrdquo पद स ऐसा कोई कर या श क अिभपरत ह ndash
(क) िजसक शदध आगम पणरतः या भागतः िकसी रा य को स प िदए जात ह या
(ख) िजसक शदध आगम क परित िनदश स भारत की सिचत िनिध म स िकसी रा य को रािशया त समय सदय ह 275 कछ रा य को सघ स अनदान ndash (1) ऐसी रािशया िजनका सस िविध
दवारा उपबध कर उन रा य क राज व म सहायता अनदान क प म पर यक वषर भारत की सिचत िनिध पर भािरत ह गी िजन रा य क िवषय म सस यह अवधािरत कर िक उ ह सहायता की आव यकता ह और िभ न-िभ न रा य क िलए िभ न-िभ न रािशया िनयत की जा सकगी
परत िकसी रा य क राज व म सहायता अनदान क प म भारत की सिचत िनिध म स ऐसी पजी और आवतीर रािशया सद की जाएगी जो उस रा य को उन िवकास कीम क खच को परा करन म समथर बनान क िलए आव यक ह िज ह उस रा य म अनसिचत जनजाितय क क याण की अिभविदध करन या उस रा य म अनसिचत कषतर क परशासन तर को उस रा य क शष कषतर क परशासन तर तक उ नत करन क परयोजन क िलए उस रा य दवारा भारत सरकार क अनमोदन स हाथ म िलया जाए
परत यह और िक असम रा य क राज व म सहायता अनदान क प म भारत की सिचत िनिध म स ऐसी पजी और आवतीर रािशया सद की जाएगी ndash
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(क) जो छठी अनसची क परा 20 स सलगन सारणी क 1[भाग 1] म िविनिदर जनजाित कषतर क परशासन क सबध म इस सिवधान क परारभ स ठीक पवरवतीर दो वषर क दौरान औसत यय राज व स िजतना अिधक ह उसक बराबर ह और
(ख) जो उन िवकास कीम क खच क बराबर ह िज ह उकत कषतर क परशासन तर को उस रा य क शष कषतर क परशासन तर तक उ नत करन क परयोजन क िलए उस रा य दवारा भारत सरकार क अनमोदन स हाथ म िलया जाए 2[(1क) अन छद 244क क अधीन वशासी रा य क बनाए जान की तारीख को
और स ndash (i) खड (1) क दसर परतक क खड (क) क अधीन सदय कोई रािशया
वशासी रा य को उस दशा म सद की जाएगी जब उसम िनिदर सभी जनजाित कषतर उस वशासी रा य म समािव ह और यिद वशासी रा य म उन जनजाित कषतर म स कवल कछ ही समािव ह तो व रािशया असम रा य और वशासी रा य क बीच ऐस परभािजत की जाएगी जो रा पित आदश दवारा िविनिदर कर
(ii) वशासी रा य क राज व म सहायता अनदान क प म भारत की सिचत िनिध म स ऐसी पजी और आवतीर रािशया सद की जाएगी जो उन िवकास कीम क खच क बराबर ह िज ह वशासी रा य क परशासन तर को शष असम रा य क परशासन तर तक उ नत करन क परयोजन क िलए वशासी रा य दवारा भारत सरकार क अनमोदन स हाथ म िलया जाए ] (2) जब तक सस खड (1) क अधीन उपबध नही करती ह तब तक उस खड क
अधीन सस को परद शिकतया रा पित दवारा आदश दवारा परयोकत य ह गी और रा पित दवारा इस खड क अधीन िकया गया कोई आदश सस दवारा इस परकार िकए गए िकसी उपबध क अधीन रहत हए परभावी होगा
परत िव आयोग का गठन िकए जान क प ात रा पित दवारा इस खड क अधीन कोई आदश िव आयोग की िसफािरश पर िवचार करन क प ात ही िकया जाएगा अ यथा नही
276 वि य यापार आजीिवकाओ और िनयोजन पर कर ndash (1) अन छद 246 म िकसी बात क होत हए भी िकसी रा य क िवधान-मडल की ऐस कर स सबिधत कोई िविध जो उस रा य क या उसम िकसी नगरपािलका िजला बोडर थानीय बोडर या अ य थानीय परािधकारी क फायद क िलए वि य यापार आजीिवकाओ या िनयोजन क सबध म ह इस आधार पर अिविधमा य नही होगी िक वह आय पर कर स सबिधत ह
(2) रा य को या उस रा य म िकसी एक नगरपािलका िजला बोडर थानीय बोडर 1 पव र कषतर (पनगरठन) अिधिनयम 1971 (1971 का 81) की धारा 71 दवारा (21-1-1972 स) ldquoभाग कrdquo क थान
पर परित थािपत 2 सिवधान (बाईसवा सशोधन) अिधिनयम 1969 की धारा 3 दवारा (25-9-1969 स) अतः थािपत
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या अ य थानीय परािधकारी को िकसी एक यिकत क बार म वि य यापार आजीिवकाओ और िनयोजन पर कर क प म सदय कल रकम 1[दो हजार पाच सौ पए] परित वषर स अिधक नही होगी
2 (3) वि य यापार आजीिवकाओ और िनयोजन पर कर क सबध म पव कत
प म िविधया बनान की रा य क िवधान-मडल की शिकत का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह वि य यापार आजीिवकाओ और िनयोजन स परोदभत या उदभत आय पर कर क सबध म िविधया बनान की सस की शिकत को िकसी परकार सीिमत करती ह
277 यावि ndash ऐस कर श क उपकर या फीस जो इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल िकसी रा य की सरकार दवारा अथवा िकसी नगरपािलका या अ य थानीय परािधकारी या िनकाय दवारा उस रा य नगरपािलका िजला या अ य थानीय कषतर क परयोजन क िलए िविधपवरक उदगहीत की जा रही थी इस बात क होत हए भी िक व कर श क उपकर या फीस सघ सची म विणरत ह तब तक उदगहीत की जाती रहगी और उ ही परयोजन क िलए उपयोिजत की जाती रहगी जब तक सस िविध दवारा इसक परितकल उपबध नही करती ह
278 [कछ िव ीय िवषय क सबध म पहली अनसची क भाग ख क रा य स करार ] ndash सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) िनरिसत
279 ldquoशदध आगमrdquo आिद की गणना ndash (1) इस अ याय क पवरगामी उपबध म ldquoशदध आगमrdquo स िकसी कर या श क क सबध म उसका वह आगम अिभपरत ह जो उसक सगरहण क खच को घटाकर आए और उन उपबध क परयोजन क िलए िकसी कषतर म या उसस परा हए मान जा सकन वाल िकसी कर या श क का अथवा िकसी कर या श क क िकसी भाग का शदध आगम भारत क िनयतरक-महालखापरीकषक दवारा अिभिनि त और परमािणत िकया जाएगा और उसका परमाणपतर अितम होगा
(2) जसा ऊपर कहा गया ह उसक और इस अ याय क िकसी अ य अिभ यकत उपबध क अधीन रहत हए िकसी ऐसी दशा म िजसम इस भाग क अधीन िकसी श क या कर का आगम िकसी रा य को स प िदया जाता ह या स प िदया जाए सस दवारा बनाई गई िविध या रा पित का कोई आदश उस रीित का िजसस आगम की गणना की जानी ह उस समय का िजसस या िजसम और उस रीित का िजसस कोई सदाय िकए जान ह एक िव ीय वषर और दसर िव ीय वषर म समायोजन करन का और अ य आनषिगक या सहायक िवषय का उपबध कर सकगा
1 सिवधान (साठवा सशोधन) अिधिनयम 1988 की धारा 2 दवारा ldquoदो सौ पचास पएrdquo श द क थान पर (20-
12-1988 स) परित थािपत 2 सिवधान (साठवा सशोधन) अिधिनयम 1988 की धारा 2 दवारा पर तक का लोप िकया गया
भारत का सिवधान
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1[279क माल और सवा कर पिरष ndash(1) रा पित सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 क परारभ की तारीख स साठ िदन क भीतर आदश दवारा माल और सवा कर पिरष क नाम स जञात एक पिरष का गठन करगा
(2) माल और सवा कर पिरष िन निलिखत सद य स िमलकर बनगी अथारत --
(क) सघ का िव मतरी -- अ यकष (ख) सघ का राज व या िव का भारसाधक रा यमतरी -- सद य (ग) पर यक रा य सरकार दवारा नामिनिदर िव या कराधान का भारसाधक
मतरी या कोई अ य मतरी -- सद य (3) खड (2) क उपखड (ग) म िनिदर माल और सवा कर पिरष क सद य
यथाशीघर अपन म स एक सद य को ऐसी अविध क िलए जो व िविनि त कर पिरष का उपा यकष चनग
(4) माल और सवा कर पिरष िन निलिखत क सबध म सघ और रा य को िसफािरश करगी--
(क) सघ रा य और थानीय िनकाय दवारा उदगहीत कर उपकर और अिधभार जो माल और सवा कर म सि मिलत िकए जा सकग
(ख) माल और सवाए जो माल और सवा कर क अ यधीन हो सकगी या िज ह माल और सवा कर स छट परा हो सकगी
(ग) आदशर माल और सवा कर िविधया अन छद 269क क अधीन अ तरराि यक यापार या वािण य क अनकरम म परदाय माल पर उदगहीत माल और सवा कर क उ गरहण परभाजन क िसदधात तथा व िसदधात जो परदाय क थान को शािसत करत ह
(घ) आवतर की वह अवसीमा िजसक नीच माल और सवाओ को माल और सवा कर स छट परदान की जा सकगी
(ङ) माल और सवा कर क समह क साथ दर िजनक अतगरत यनतम दर भी ह
(च) िकसी पराकितक िवपि या आपदा क दौरान अितिरकत ससाधन जटान क िलए िकसी िविनिदर अविध क िलए कोई िवशष दर या दर
1 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 12 दवारा (12-9-2016 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
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(छ) अ णाचल परदश असम ज म-क मीर मिणपर मघालय िमजोरम नागालड िसिककम ितरपरा िहमाचल परदश और उ राखड रा य क सबध म िवशष उपबध और
(ज) माल और सवा कर स सबिधत कोई अ य िवषय जो पिरष दवारा िविनि त िकया जाए (5) माल और सवा कर पिरष उस तारीख की िसफािरश करगी िजसको
अपिर कत पटरोिलयम उ च गित डीजल मोटर ि पिरट (सामा यतया पटरोल क प म जञात) पराकितक गस और िवमानन टरबाइन ईधन पर माल और सवा कर उदगहीत िकया जाए
(6) इस अन छद दवारा परद क य का िनवरहन करत समय माल और सवा कर पिरष माल और सवा कर की सामज यपणर सरचना और माल और सवाओ क िलए स यवि थत रा ीय बाजार क िवकास की आव यकता दवारा मागरदिशरत होगी
(7) माल और सवा कर पिरष की उसकी बठक म गणपितर पिरष क कल सद य क आध सद य स िमलकर होगी
(8) माल और सवा कर पिरष अपन क य क पालन क िलए परिकरया अवधािरत करगी
(9) माल और सवा कर पिरष का पर यक िविन य बठक म उपि थत और मत दन वाल सद य क अिधमानपरा मत क कम स कम तीन-चौथाई क बहमत दवारा िन निलिखत िसदधात क अनसार िकया जाएगा अथारत --
उस बठक म-- (क) क दरीय सरकार क मत को डाल गए कल मत क एक-ितहाई
का अिधमान परा होगा और (ख) सभी रा य सरकार क मत को एक साथ लन पर डाल गए
कल मत क दो-ितहाई का अिधमान परा होगा (10) माल और सवा कर पिरष का कोई भी कायर या कायरवािहया कवल इस
कारण स अिविधमा य नही ह गी िक-- (क) पिरष म कोई िरिकत ह या उसक गठन म कोई तरिट ह या (ख) पिरष क िकसी सद य क प म िकसी यिकत की िनयिकत म कोई
तरिट ह या (ग) पिरष की परिकरया म कोई अिनयिमतता ह जो मामल क गणावगण
को परभािवत नही करती ह (11) माल और सवा कर पिरष --
भारत का सिवधान
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(क) भारत सरकार और एक या अिधक रा य क बीच या (ख) एक ओर भारत सरकार और िकसी रा य या रा य तथा दसरी ओर
एक या अिधक अ य रा य क बीच या (ग) दो या अिधक रा य क बीच
पिरष की िसफािरश या उनक कायार वयन स उदभत िकसी िववाद क यायिनणरयन क िलए एक ततर की थापना करगी ]
280 िव आयोग ndash (1) रा पित इस सिवधान क परारभ स दो वषर क भीतर और त प ात पर यक पाचव वषर की समाि पर या ऐस पवरतर समय पर िजस रा पित आव यक समझता ह आदश दवारा िव आयोग का गठन करगा जो रा पित दवारा िनयकत िकए जान वाल एक अ यकष और चार अ य सद य स िमलकर बनगा
(2) सस िविध दवारा उन अहरताओ का जो आयोग क सद य क प म िनयिकत क िलए अपिकषत ह गी और उस रीित का िजसस उनका चयन िकया जाएगा अवधारण कर सकगी
(3) आयोग का यह कतर य होगा िक वह ndash (क) सघ और रा य क बीच कर क शदध आगम क जो इस अ याय क
अधीन उनम िवभािजत िकए जान ह या िकए जाए िवतरण क बार म और रा य क बीच ऐस आगम क त सबधी भाग क आबटन क बार म
(ख) भारत की सिचत िनिध म स रा य क राज व म सहायता अनदान को शािसत करन वाल िसदधात क बार म
1[(खख) रा य क िव आयोग दवारा की गई िसफािरश क आधार पर रा य म पचायत क ससाधन की अनपितर क िलए िकसी रा य की सिचत िनिध क सवधरन क िलए आव यक अ यपाय क बार म ]
2[(ग) रा य क िव आयोग दवारा की गई िसफािरश क आधार पर रा य म नगरपािलकाओ क ससाधन की अनपितर क िलए िकसी रा य की सिचत िनिध क सवधरन क िलए आव यक अ यपाय क बार म ]
3[(घ)] स ढ़ िव क िहत म रा पित दवारा आयोग को िनिदर िकए गए िकसी अ य िवषय क बार म
रा पित को िसफािरश कर (4) आयोग अपनी परिकरया अवधािरत करगा और अपन क य क पालन म उस
ऐसी शिकतया ह गी जो सस िविध दवारा उस परदान कर 1 सिवधान (ितह रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 की धारा 3 दवारा (24-4-1993 स) अतः थािपत 2 सिवधान (चौह रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 की धारा 3 दवारा (1-6-1993 स) अतः थािपत 3 सिवधान (चौह रवा सशोधन) अिधिनयम 1992 की धारा 3 दवारा (1-6-1993 स) उपखड (ग) को उपखड (घ) क
प म पनःअकषरािकत िकया गया
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281 िव आयोग की िसफािरश ndash रा पित इस सिवधान क उपबध क अधीन िव आयोग दवारा की गई पर यक िसफािरश को उस पर की गई काररवाई क प ीकारक जञापन सिहत सस क पर यक सदन क समकष रखवाएगा
परकीणर िव ीय उपबध 282 सघ या रा य दवारा अपन राज व स िकए जान वाल यय ndash सघ या रा य
िकसी लोक परयोजन क िलए कोई अनदान इस बात क होत हए भी द सकगा िक वह परयोजन ऐसा नही ह िजसक सबध म यथाि थित सस या उस रा य का िवधान-मडल िविध बना सकता ह
283 सिचत िनिधय आकि मकता िनिधय और लोक लखाओ म जमा धनरािशय की अिभरकषा आिद ndash (1) भारत की सिचत िनिध और भारत की आकि मकता िनिध की अिभरकषा ऐसी िनिधय म धनरािशय क सदाय उनस धनरािशय क िनकाल जान ऐसी िनिधय म जमा धनरािशय स िभ न भारत सरकार दवारा या उसकी ओर स परा लोक धनरािशय की अिभरकषा भारत क लोक लख म उनक सदाय और ऐस लख स धनरािशय क िनकाल जान का तथा पव कत िवषय स सबिधत या उनक आनषिगक अ य सभी िवषय का िविनयमन सस दवारा बनाई गई िविध दवारा िकया जाएगा और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक रा पित दवारा बनाए गए िनयम दवारा िकया जाएगा
(2) रा य की सिचत िनिध और रा य की आकि मकता िनिध की अिभरकषा ऐसी िनिधय म धनरािशय क सदाय उनस धनरािशय क िनकाल जान ऐसी िनिधय म जमा धनरािशय स िभ न रा य की सरकार दवारा या उसकी ओर स परा लोक धनरािशय की अिभरकषा रा य क लोक लख म उनक सदाय और ऐस लख स धनरािशय क िनकाल जान का तथा पव कत िवषय स सबिधत या उनक आनषिगक अ य सभी िवषय का िविनयमन रा य क िवधान-मडल दवारा बनाई गई िविध दवारा िकया जाएगा और जब तक इस िनिम इस परकार उपबध नही िकया जाता ह तब तक रा य क रा यपाल 1 दवारा बनाए गए िनयम दवारा िकया जाएगा
284 लोक सवक और यायालय दवारा परा वादकतारओ की जमा रािशय और अ य धनरािशय की अिभरकषा ndash ऐसी सभी धनरािशया जो ndash
(क) यथाि थित भारत सरकार या रा य की सरकार दवारा जटाए गए या परा राज व या लोक धनरािशय स िभ न ह और सघ या िकसी रा य क कायरकलाप क सबध म िनयोिजत िकसी अिधकारी को उसकी उस हिसयत म या
(ख) िकसी वाद िवषय लख या यिकतय क नाम म जमा भारत क रा यकषतर क भीतर िकसी यायालय को
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का (1-
11-1956 स) लोप िकया गया
भारत का सिवधान
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परा होती ह या उसक पास िनिकष की जाती ह यथाि थित भारत क लोक लख म या रा य क लोक लख म जमा की जाएगी
285 सघ की सपि को रा य क कराधान स छट ndash (1) वहा तक क िसवाय जहा तक सस िविध दवारा अ यथा उपबध कर िकसी रा य दवारा या रा य क भीतर िकसी परािधकारी दवारा अिधरोिपत सभी कर स सघ की सपि को छट होगी
(2) जब तक सस िविध दवारा अ यथा उपबध न कर तब तक खड (1) की कोई बात िकसी रा य क भीतर िकसी परािधकारी को सघ की िकसी सपि पर कोई ऐसा कर िजसका दािय व इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल ऐसी सपि पर था या माना जाता था उदगहीत करन स तब तक नही रोकगी जब तक वह कर उस रा य म उदगहीत होता रहता ह
286 माल क करय या िवकरय पर कर क अिधरोपण क बार म िनबरधन ndash (1) रा य की कोई िविध 1[माल क या सवाओ क या दोन क परदाय पर जहा ऐसा परदाय]ndash
(क) रा य क बाहर या (ख) भारत क रा यकषतर म 2[माल क या सवाओ क या दोन क आयात
अथवा माल क या सवाओ क या दोन क] बाहर िनयारत क दौरान होता ह वहा कोई कर अिधरोिपत नही करगी या अिधरोिपत करना परािधकत नही करगी
3[ ] 4[(2) सस यह अवधािरत करन क िलए िक 5[माल का या सवाओ का या दोन
का परदाय] खड (1) म विणरत रीितय म स िकसी रीित स कब होता ह िविध दवारा िसदधात बना सकगी
6[(3) ] 287 िवदयत पर कर स छट ndash वहा तक क िसवाय जहा तक सस िविध दवारा
अ यथा उपबध कर िकसी रा य की कोई िविध (िकसी सरकार दवारा या अ य यिकतय दवारा उ पािदत) िवदयत क उपभोग या िवकरय पर िजसका ndash 1 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 13 (i) दवारा (16-9-2016 स) माल क करय या
िवकरय पर जहा ऐसा करय या िवकरय श द क थान पर परित थािपत 2 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 13(ii)(आ) दवारा (16-9-2016 स) माल क आयात
या उसक श द क थान पर परित थािपत 3 सिवधान (छठा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 4 दवारा (11-9-1956 स) खड (1) क प ीकरण का लोप
िकया गया 4 सिवधान (छठा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 4 दवारा (11-9-1956 स) खड (2) और खड (3) क थान पर
परित थािपत 5 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 13(ii) दवारा (16-9-2016 स) माल का करय या
िवकरय श द क थान पर परित थािपत 6 सिवधान (एक सौ एकवा सशोधन) अिधिनयम 2016 की धारा 13(iii) दवारा (16-9-2016 स) खड (3) का लोप
िकया गया
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(क) भारत सरकार दवारा उपभोग िकया जाता ह या भारत सरकार दवारा उपभोग िकए जान क िलए उस सरकार को िवकरय िकया जाता ह या
(ख) िकसी रल क िनमारण बनाए रखन या चलान म भारत सरकार या िकसी रल कपनी दवारा जो उस रल को चलाती ह उपभोग िकया जाता ह अथवा िकसी रल क िनमारण बनाए रखन या चलान म उपभोग क िलए उस सरकार या िकसी ऐसी रल कपनी को िवकरय िकया जाता ह
कोई कर अिधरोिपत नही करगी या कर का अिधरोपण परािधकत नही करगी और िवदयत क िवकरय पर कोई कर अिधरोिपत करन या कर का अिधरोपण परािधकत करन वाली कोई ऐसी िविध यह सिनि त करगी िक भारत सरकार दवारा उपभोग िकए जान क िलए उस सरकार को या िकसी रल क िनमारण बनाए रखन या चलान म उपभोग क िलए यथापव कत िकसी रल कपनी को िवकरय की गई िवदयत की कीमत उस कीमत स जो िवदयत का परचर मातरा म उपभोग करन वाल अ य उपभोकताओ स ली जाती ह उतनी कम होगी िजतनी कर की रकम ह
288 जल या िवदयत क सबध म रा य दवारा कराधान स कछ दशाओ म छट ndash (1) वहा तक क िसवाय जहा तक रा पित आदश दवारा अ यथा उपबध कर इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल िकसी रा य की कोई परव िविध िकसी जल या िवदयत क सबध म जो िकसी अतरराि यक नदी या नदी-दन क िविनयमन या िवकास क िलए िकसी िवदयमान िविध दवारा या सस दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा थािपत िकसी परािधकारी दवारा सिचत उ पािदत उपभकत िवतिरत या िवकरीत की जाती ह कोई कर अिधरोिपत नही करगी या कर का अिधरोपण परािधकत नही करगी
प ीकरण ndash इस खड म ldquoिकसी रा य की कोई परव िविधrdquo पद क अतगरत िकसी रा य की ऐसी िविध होगी जो इस सिवधान क परारभ स पहल पािरत या बनाई गई ह और जो पहल ही िनरिसत नही कर दी गई ह चाह वह या उसक कोई भाग उस समय िब कल या िविश कषतर म परवतरन म न ह
(2) िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवारा खड (1) म विणरत कोई कर अिधरोिपत कर सकगा या ऐस कर का अिधरोपण परािधकत कर सकगा िक त ऐसी िकसी िविध का तब तक कोई परभाव नही होगा जब तक उस रा पित क िवचार क िलए आरिकषत रख जान क प ात उसकी अनमित न िमल गई हो और यिद ऐसी कोई िविध ऐस कर की दर और अ य परसगितय को िकसी परािधकारी दवारा उस िविध क अधीन बनाए जान वाल िनयम या आदश दवारा िनयत िकए जान का उपबध करती ह तो वह िविध ऐस िकसी िनयम या आदश क बनान क िलए रा पित की पवर सहमित अिभपरा िकए जान का उपबध करगी
289 रा य की सपि और आय को सघ क कराधान स छट ndash (1) िकसी रा य की सपि और आय को सघ क कर स छट होगी
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(2) खड (1) की कोई बात सघ को िकसी रा य की सरकार दवारा या उसकी ओर स िकए जान वाल िकसी परकार क यापार या कारबार क सबध म अथवा उसस सबिधत िक ही िकरयाओ क सबध म अथवा ऐस यापार या कारबार क परयोजन क िलए परयकत या अिधभकत िकसी सपि क सबध म अथवा उसक सबध म परोदभत या उदभत िकसी आय क बार म िकसी कर को ऐसी मातरा तक यिद कोई हो िजसका सस िविध दवारा उपबध कर अिधरोिपत करन या कर का अिधरोपण परािधकत करन स नही रोकगी
(3) खड (2) की कोई बात िकसी ऐस यापार या कारबार अथवा यापार या कारबार क िकसी ऐस वगर को लाग नही होगी िजसक बार म सस िविध दवारा घोषणा कर िक वह सरकार क मामली क य का आनषिगक ह
290 कछ यय और पशन क सबध म समायोजन ndash जहा इस सिवधान क उपबध क अधीन िकसी यायालय या आयोग क यय अथवा िकसी यिकत को या उसक सबध म िजसन इस सिवधान क परारभ स पहल भारत म कराउन क अधीन अथवा ऐस परारभ क प ात सघ क या िकसी रा य क कायरकलाप क सबध म सवा की ह सदय पशन भारत की सिचत िनिध या िकसी रा य की सिचत िनिध पर भािरत ह वहा यिद ndash
(क) भारत की सिचत िनिध पर भािरत होन की दशा म वह यायालय या आयोग िकसी रा य की पथक आव यकताओ म स िकसी की पितर करता ह या उस यिकत न िकसी रा य क कायरकलाप क सबध म पणरतः या भागतः सवा की ह या
(ख) िकसी रा य की सिचत िनिध पर भािरत होन की दशा म वह यायालय या आयोग सघ की या अ य रा य की पथक आव यकताओ म स िकसी की पितर करता ह या उस यिकत न सघ या अ य रा य क कायरकलाप क सबध म पणरतः या भागतः सवा की ह
तो यथाि थित उस रा य की सिचत िनिध पर अथवा भारत की सिचत िनिध अथवा अ य रा य की सिचत िनिध पर यय या पशन क सबध म उतना अशदान िजतना करार पाया जाए या करार क अभाव म िजतना भारत क मखय यायमितर दवारा िनयकत म य थ अवधािरत कर भािरत िकया जाएगा और उसका उस िनिध म स सदाय िकया जाएगा
1[290क कछ दव वम िनिधय को वािषरक सदाय ndash पर यक वषर िछयालीस लाख पचास हजार पए की रािश करल रा य की सिचत िनिध पर भािरत की जाएगी और उस िनिध म स ित वाकर दव वम िनिध को सद की जाएगी और पर यक वषर तरह लाख पचास हजार पए की रािश 2[तिमलनाड] रा य की सिचत िनिध पर भािरत की जाएगी और उस िनिध म स 1 नवबर 1956 को उस रा य को ित वाकर-कोचीन रा य स अतिरत रा यकषतर क िहद मिदर और पिवतर थान क अनरकषण क िलए उस रा य म थािपत दव वम िनिध को सद की जाएगी ]
291 [शासक की िनजी थली की रािश ] ndash सिवधान (छ बीसवा सशोधन) 1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 19 दवारा (1-11-1956 स) अतः थािपत 2 मदरास रा य (नाम पिरवतरन) अिधिनयम 1968 (1968 का 53) की धारा 4 दवारा (14-1-1969 स) ldquoमदरासrdquo क
थान पर परित थािपत
भारत का सिवधान
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अिधिनयम 1971 की धारा 2 दवारा (1-11-1956 स) िनरिसत अ याय 2 ndash उधार लना
292 भारत सरकार दवारा उधार लना ndash सघ की कायरपािलका शिकत का िव तार भारत की सिचत िनिध की परितभित पर ऐसी सीमाओ क भीतर यिद कोई ह िज ह सस समय-समय पर िविध दवारा िनयत कर उधार लन तक और ऐसी सीमाओ क भीतर यिद कोई ह िज ह इस परकार िनयत िकया जाए पर याभित दन तक ह
293 रा य दवारा उधार लना ndash (1) इस अन छद क उपबध क अधीन रहत हए रा य की कायरपािलका शिकत का िव तार उस रा य की सिचत िनिध की परितभित पर ऐसी सीमाओ क भीतर यिद कोई ह िज ह ऐस रा य का िवधान-मडल समय-समय पर िविध दवारा िनयत कर भारत क रा यकषतर क भीतर उधार लन तक और ऐसी सीमाओ क भीतर यिद कोई ह िज ह इस परकार िनयत िकया जाए पर याभित दन तक ह
(2) भारत सरकार ऐसी शत क अधीन रहत हए जो सस दवारा बनाई गई िकसी िविध दवारा या उसक अधीन अिधकिथत की जाए िकसी रा य को उधार द सकगी या जहा तक अन छद 292 क अधीन िनयत िक ही सीमाओ का उ लघन नही होता ह वहा तक िकसी ऐस रा य दवारा िलए गए उधार क सबध म पर याभित द सकगी और ऐस उधार दन क परयोजन क िलए अपिकषत रािशया भारत की सिचत िनिध पर भािरत की जाएगी
(3) यिद िकसी ऐस उधार का जो भारत सरकार न या उसकी पवरवतीर सरकार न उस रा य को िदया था अथवा िजसक सबध म भारत सरकार न या उसकी पवरवतीर सरकार न पर याभित दी थी कोई भाग अभी भी बकाया ह तो वह रा य भारत सरकार की सहमित क िबना कोई उधार नही ल सकगा
(4) खड (3) क अधीन सहमित उन शत क अधीन यिद कोई ह दी जा सकगी िज ह भारत सरकार अिधरोिपत करना ठीक समझ
अ याय 3 ndash सपि सिवदाए अिधकार दािय व बा यताए और वाद 294 कछ दशाओ म सपि आि तय अिधकार दािय व और बा यताओ का
उ रािधकार ndash इस सिवधान क परारभ स हीndash (क) जो सपि और आि तया ऐस परारभ स ठीक पहल भारत डोिमिनयन
की सरकार क परयोजन क िलए िहज मज टी म िनिहत थी और जो सपि और आि तया ऐस परारभ स ठीक पहल पर यक रा यपाल वाल परात की सरकार क परयोजन क िलए िहज मज टी म िनिहत थी व सभी इस सिवधान क परारभ स पहल पािक तान डोिमिनयन क या पि मी बगाल पवीर बगाल पि मी पजाब और पवीर पजाब परात क सजन क कारण िकए गए या िकए जान वाल िकसी समायोजन क अधीन रहत हए करमशः सघ और त थानी रा य म िनिहत ह गी और
भारत का सिवधान
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(ख) जो अिधकार दािय व और बा यताए भारत डोिमिनयन की सरकार की और पर यक रा यपाल वाल परात की सरकार की थी चाह व िकसी सिवदा स या अ यथा उदभत हई ह व सभी इस सिवधान क परारभ स पहल पािक तान डोिमिनयन क या पि मी बगाल पवीर बगाल पि मी पजाब और पवीर पजाब परात क सजन क कारण िकए गए या िकए जान वाल िकसी समायोजन क अधीन रहत हए करमशः भारत सरकार और पर यक त थानी रा य की सरकार क अिधकार दािय व और बा यताए ह गी 295 अ य दशाओ म सपि आि तय अिधकार दािय व और बा यताओ का
उ रािधकार ndash (1) इस सिवधान क परारभ स ही ndash (क) जो सपि और आि तया ऐस परारभ स ठीक पहल पहली अनसची क
भाग ख म िविनिदर रा य क त थानी िकसी दशी रा य म िनिहत थी व सभी ऐस करार क अधीन रहत हए जो भारत सरकार इस िनिम उस रा य की सरकार स कर सघ म िनिहत ह गी यिद व परयोजन िजनक िलए ऐस परारभ स ठीक पहल ऐसी सपि और आि तया धािरत थी त प ात सघ सची म परगिणत िकसी िवषय स सबिधत सघ क परयोजन ह और
(ख) जो अिधकार दािय व और बा यताए पहली अनसची क भाग ख म िविनिदर रा य क त थानी िकसी दशी रा य की सरकार की थी चाह व िकसी सिवदा स या अ यथा उदभत हई ह व सभी ऐस करार क अधीन रहत हए जो भारत सरकार इस िनिम उस रा य की सरकार स कर भारत सरकार क अिधकार दािय व और बा यताए ह गी यिद व परयोजन िजनक िलए ऐस परारभ स ठीक पहल ऐस अिधकार अिजरत िकए गए थ अथवा ऐस दािय व या बा यताए उपगत की गई थी त प ात सघ सची म परगिणत िकसी िवषय स सबिधत भारत सरकार क परयोजन ह (2) जसा ऊपर कहा गया ह उसक अधीन रहत हए पहली अनसची क भाग ख
म िविनिदर पर यक रा य की सरकार उन सभी सपि और आि तय तथा उन सभी अिधकार दािय व और बा यताओ क सबध म चाह व िकसी सिवदा स या अ यथा उदभत हई ह जो खड (1) म िनिदर स िभ न ह इस सिवधान क परारभ स ही त थानी दशी रा य की सरकार की उ रािधकारी होगी
296 राजगामी या यपगत या वामीिवहीन होन स परोदभत सपि ndash इसम इसक प ात यथा उपबिधत क अधीन रहत हए भारत क रा यकषतर म कोई सपि जो यिद यह सिवधान परवतरन म नही आया होता तो राजगामी या यपगत होन स या अिधकारवान वामी क अभाव म वामीिवहीन होन स यथाि थित िहज मज टी को या िकसी दशी रा य क शासक को परोदभत हई होती यिद वह सपि िकसी रा य म ि थत ह तो ऐस रा य म और िकसी अ य दशा म सघ म िनिहत होगी
भारत का सिवधान
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परत कोई सपि जो उस तारीख को जब वह इस परकार िहज मज टी को या दशी रा य क शासक को परोदभत हई होती भारत सरकार क या िकसी रा य की सरकार क क ज या िनयतरण म थी तब यिद व परयोजन िजनक िलए वह उस समय परयकत या धािरत थी सघ क थ तो वह सघ म या िकसी रा य क थ तो वह उस रा य म िनिहत होगी
प ीकरण ndash इस अन छद म ldquoशासकrdquo और ldquoदशी रा यrdquo पद क वही अथर ह जो अन छद 363 म ह
1[297 रा यकषतरीय सागर-खड या महादवीपीय मगनतट भिम म ि थत म यवान चीज और अन य आिथरक कषतर क सपि ोत का सघ म िनिहत होना ndash (1) भारत क रा यकषतरीय सागर-खड या महादवीपीय मगनतट भिम या अन य आिथरक कषतर म समदर क नीच की सभी भिम खिनज और अ य म यवान चीज सघ म िनिहत ह गी और सघ क परयोजन क िलए धारण की जाएगी
(2) भारत क अन य आिथरक कषतर क अ य सभी सपि ोत भी सघ म िनिहत ह ग और सघ क परयोजन क िलए धारण िकए जाएग
(3) भारत क रा यकषतरीय सागर-खड महादवीपीय मगनतट भिम अन य आिथरक कषतर और अ य सामिदरक कषतर की सीमाए व ह गी जो सस दवारा बनाई गई िविध दवारा या उसक अधीन समय-समय पर िविनिदर की जाए ]
2[298 यापार करन आिद की शिकत ndash सघ की और पर यक रा य की कायरपािलका शिकत का िव तार यापार या कारबार करन और िकसी परयोजन क िलए सपि का अजरन धारण और ययन तथा सिवदा करन पर भी होगा
परत ndash (क) जहा तक ऐसा यापार या कारबार या ऐसा परयोजन वह नही ह
िजसक सबध म सस िविध बना सकती ह वहा तक सघ की उकत कायरपािलका शिकत पर यक रा य म उस रा य क िवधान क अधीन होगी और
(ख) जहा तक ऐसा यापार या कारबार या ऐसा परयोजन वह नही ह िजसक सबध म रा य का िवधान-मडल िविध बना सकता ह वहा तक पर यक रा य की उकत कायरपािलका शिकत सस क िवधान क अधीन होगी ]
1 सिवधान (चालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 2 दवारा (27-5-1976 स परित थािपत 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 20 दवारा (1-11-1956 स) परित थािपत
भारत का सिवधान
170
299 सिवदाए ndash (1) सघ की या रा य की कायरपािलका शिकत का परयोग करत हए की गई सभी सिवदाए यथाि थित रा पित दवारा या उस रा य क रा यपाल 1 दवारा की गई कही जाएगी और व सभी सिवदाए और सपि सबधी ह तातरण-पतर जो उस शिकत का परयोग करत हए िकए जाए रा पित या रा यपाल 1 की ओर स ऐस यिकतय दवारा और रीित स िन पािदत िकए जाएग िजस वह िनिदर या परािधकत कर
(2) रा पित या िकसी रा य का रा यपाल 2 इस सिवधान क परयोजन क िलए या भारत सरकार क सबध म इसस पवर परव िकसी अिधिनयिमित क परयोजन क िलए की गई या िन पािदत की गई िकसी सिवदा या ह तातरण-पतर क सबध म वयिकतक प स दायी नही होगा या उनम स िकसी की ओर स ऐसी सिवदा या ह तातरण-पतर
करन या िन पािदत करन वाला यिकत उसक सबध म वयिकतक प स दायी नही होगा 300 वाद और कायरवािहया ndash (1) भारत सरकार भारत सघ क नाम स वाद ला
सकगी या उस पर वाद लाया जा सकगा और िकसी रा य की सरकार उस रा य क नाम स वाद ला सकगी या उस पर वाद लाया जा सकगा और ऐस उपबध क अधीन रहत हए जो इस सिवधान दवारा परद शिकतय क आधार पर अिधिनयिमत सस क या ऐस रा य क िवधान-मडल क अिधिनयम दवारा िकए जाए व अपन-अपन कायरकलाप क सबध म उसी परकार वाद ला सकग या उन पर उसी परकार वाद लाया जा सकगा िजस परकार यिद यह सिवधान अिधिनयिमत नही िकया गया होता तो भारत डोिमिनयन और त थानी परात या त थानी दशी रा य वाद ला सकत थ या उन पर वाद लाया जा सकता था
(2) यिद इस सिवधान क परारभ परndash (क) कोई ऐसी िविधक कायरवािहया लिबत ह िजनम भारत डोिमिनयन एक
पकषकार ह तो उन कायरवािहय म उस डोिमिनयन क थान पर भारत सघ परित थािपत िकया गया समझा जाएगा और
(ख) कोई ऐसी िविधक कायरवािहया लिबत ह िजनम कोई परात या कोई दशी रा य एक पकषकार ह तो उन कायरवािहय म उस परात या दशी रा य क थान पर त थानी रा य परित थािपत िकया गया समझा जाएगा
3[अ याय 4 ndash सपि का अिधकार 300क िविध क परािधकार क िबना यिकतय को सपि स विचत न िकया जाना
ndash िकसी यिकत को उसकी सपि स िविध क परािधकार स ही विचत िकया जाएगा अ यथा नही ]
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoया राजपरमखrdquo
श द का लोप िकया गया 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoया राजपरमखrdquo 3 सिवधान (चवालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1978 की धारा 34 दवारा (20-6-1979 स) अतः थािपत
171
भाग 13 भारत क रा यकषतर क भीतर यापार वािण य और समागम 301 यापार वािण य और समागम की वततरता ndash इस भाग क अ य उपबध
क अधीन रहत हए भारत क रा यकषतर म सवरतर यापार वािण य और समागम अबाध होगा
302 यापार वािण य और समागम पर िनबरधन अिधरोिपत करन की सस की शिकत ndash सस िविध दवारा एक रा य और दसर रा य क बीच या भारत क रा यकषतर क िकसी भाग क भीतर यापार वािण य या समागम की वततरता पर ऐस िनबरधन अिधरोिपत कर सकगी जो लोक िहत म अपिकषत ह
303 यापार और वािण य क सबध म सघ और रा य की िवधायी शिकतय पर िनबरधन ndash (1) अन छद 302 म िकसी बात क होत हए भी सातवी अनसची की सिचय म स िकसी म यापार और वािण य सबधी िकसी परिवि क आधार पर सस को या रा य क िवधान-मडल को कोई ऐसी िविध बनान की शिकत नही होगी जो एक रा य को दसर रा य स अिधमान दती ह या िदया जाना परािधकत करती ह अथवा एक रा य और दसर रा य क बीच कोई िवभद करती ह या िकया जाना परािधकत करती ह
(2) खड (1) की कोई बात सस को कोई ऐसी िविध बनान स नही रोकगी जो कोई ऐसा अिधमान दती ह या िदया जाना परािधकत करती ह अथवा कोई ऐसा िवभद करती ह या िकया जाना परािधकत करती ह यिद ऐसी िविध दवारा यह घोिषत िकया जाता ह िक भारत क रा यकषतर क िकसी भाग म माल की कमी स उ प न िकसी ि थित स िनपटन क परयोजन क िलए ऐसा करना आव यक ह
304 रा य क बीच यापार वािण य और समागम पर िनबरधन ndash अन छद 301 या अन छद 303 म िकसी बात क होत हए भी िकसी रा य का िवधान-मडल िविध दवाराndash
(क) अ य रा य 1[या सघ रा यकषतर ] स आयात िकए गए माल पर कोई ऐसा कर अिधरोिपत कर सकगा जो उस रा य म िविनिमरत या उ पािदत वस ही माल पर लगता ह िक त इस परकार िक उसस इस तरह आयात िकए गए माल और ऐस िविनिमरत या उ पािदत माल क बीच कोई िवभद न हो या
(ख) उस रा य क साथ या उसक भीतर यापार वािण य और समागम की वततरता पर ऐस यिकतयकत िनबरधन अिधरोिपत कर सकगा जो लोक िहत म अपिकषत ह
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
172
परत खड (ख) क परयोजन क िलए कोई िवधयक या सशोधन रा पित की पवर मजरी क िबना िकसी रा य क िवधान-मडल म परः थािपत या पर तािवत नही िकया जाएगा
1[305 िवदयमान िविधय और रा य क एकािधकार का उपबध करन वाली िविधय की यावि ndash वहा तक क िसवाय जहा तक रा पित आदश दवारा अ यथा िनदश द अन छद 301 और अन छद 303 की कोई बात िकसी िवदयमान िविध क उपबध पर कोई परभाव नही डालगी और अन छद 301 की कोई बात सिवधान (चौथा सशोधन) अिधिनयम 1955 क परारभ स पहल बनाई गई िकसी िविध क परवतरन पर वहा तक कोई परभाव नही डालगी जहा तक वह िविध िकसी ऐस िवषय स सबिधत ह जो अन छद 19 क खड (6) क उपखड (ii) म िनिदर ह या वह िविध ऐस िकसी िवषय क सबध म जो अन छद 19 क खड (6) क उपखड (ii) म िनिदर ह िविध बनान स सस या िकसी रा य क िवधान-मडल को नही रोकगी ]
306 [पहली अनसची क भाग ख क कछ रा य की यापार और वािण य पर िनबरधन क अिधरोपण की शिकत ] ndash सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा िनरिसत
307 अन छद 301 स अन छद 304 क परयोजन को कायारि वत करन क िलए परािधकारी की िनयिकत ndash सस िविध दवारा ऐस परािधकारी की िनयिकत कर सकगी जो वह अन छद 301 अन छद 302 अन छद 303 और अन छद 304 क परयोजन को कायारि वत करन क िलए समिचत समझ और इस परकार िनयकत परािधकारी को ऐसी शिकतया परदान कर सकगी और ऐस कतर य स प सकगी जो वह आव यक समझ
1 सिवधान (चौथा सशोधन) अिधिनयम 1955 की धारा 4 दवारा (27-4-1955 स) परित थािपत
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भाग 14 सघ और रा य क अधीन सवाए
अ याय 1 ndash सवाए 308 िनवरचन ndash इस भाग म जब तक िक सदभर स अ यथा अपिकषत न हो
ldquoरा यrdquo पद 1[क अतगरत ज म-क मीर रा य नही ह ] 309 सघ या रा य की सवा करन वाल यिकतय की भतीर और सवा की शत ndash
इस सिवधान क उपबध क अधीन रहत हए समिचत िवधान-मडल क अिधिनयम सघ या िकसी रा य क कायरकलाप स सबिधत लोक सवाओ और पद क िलए भतीर का और िनयकत यिकतय की सवा की शत का िविनयमन कर सकग
परत जब तक इस अन छद क अधीन समिचत िवधान-मडल क अिधिनयम दवारा या उसक अधीन इस िनिम उपबध नही िकया जाता ह तब तक यथाि थित सघ क कायरकलाप स सबिधत सवाओ और पद की दशा म रा पित या ऐसा यिकत िजस वह िनिद कर और रा य क कायरकलाप स सबिधत सवाओ और पद की दशा म रा य का रा यपाल 2 या ऐसा यिकत िजस वह िनिद कर ऐसी सवाओ और पद क िलए भतीर का और िनयकत यिकतय की सवा की शत का िविनयमन करन वाल िनयम बनान क िलए सकषम होगा और इस परकार बनाए गए िनयम िकसी ऐस अिधिनयम क उपबध क अधीन रहत हए परभावी ह ग
310 सघ या रा य की सवा करन वाल यिकतय की पदाविध ndash (1) इस सिवधान दवारा अिभ यकत प स यथा उपबिधत क िसवाय पर यक यिकत जो रकषा सवा का या सघ की िसिवल सवा का या अिखल भारतीय सवा का सद य ह अथवा रकषा स सबिधत कोई पद या सघ क अधीन कोई िसिवल पद धारण करता ह रा पित क परसादपयरत पद धारण करता ह और पर यक यिकत जो िकसी रा य की िसिवल सवा का सद य ह या रा य क अधीन कोई िसिवल पद धारण करता ह उस रा य क रा यपाल 3 क परसादपयरत पद धारण करता ह
(2) इस बात क होत हए भी िक सघ या िकसी रा य क अधीन िसिवल पद धारण करन वाला यिकत यथाि थित रा पित या रा य क रा यपाल 2 क परसादपयरत पद धारण करता ह कोई सिवदा िजसक अधीन कोई यिकत जो रकषा सवा का या अिखल भारतीय सवा का या सघ या रा य की िसिवल सवा का सद य नही ह ऐस िकसी पद को धारण करन क िलए इस सिवधान क अधीन िनयकत िकया जाता ह उस दशा म िजसम यथाि थित रा पित या रा यपाल 4 िवशष अहरताओ वाल िकसी यिकत की सवाए परा 1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoपरथम अनसची क भाग क या भाग
ख म िविनिदर रा य अिभपरत हrdquo क थान पर (1-11-1956 स) परित थािपत 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का लोप िकया
गया 3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoयथाि थित उस रा य क रा यपाल
या राजपरमखrdquo क थान पर उपरोकत प म रखा गया 4 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का लोप िकया
गया
भारत का सिवधान
174
करन क िलए आव यक समझता ह यह उपबध कर सकगी िक यिद करार की गई अविध की समाि स पहल वह पद समा कर िदया जाता ह या ऐस कारण स जो उसक िकसी अवचार स सबिधत नही ह उसस वह पद िरकत करन की अपकषा की जाती ह तो उस परितकर िदया जाएगा
311 सघ या रा य क अधीन िसिवल हिसयत म िनयोिजत यिकतय का पद यत िकया जाना पद स हटाया जाना या पिकत म अवनत िकया जाना ndash (1) िकसी यिकत को जो सघ की िसिवल सवा का या अिखल भारतीय सवा का या रा य की िसिवल सवा का सद य ह अथवा सघ या रा य क अधीन कोई िसिवल पद धारण करता ह उसकी िनयिकत करन वाल परािधकारी क अधीन थ िकसी परािधकारी दवारा पद यत नही िकया जाएगा या पद स नही हटाया जाएगा
1[(2) यथापव कत िकसी यिकत को ऐसी जाच क प ात ही िजसम उस अपन िव दध आरोप की सचना द दी गई ह और उन आरोप क सबध म 2 सनवाई का यिकतयकत अवसर द िदया गया ह पद यत िकया जाएगा या पद स हटाया जाएगा या पिकत म अवनत िकया जाएगा अ यथा नही
3[परत जहा ऐसी जाच क प ात उस पर ऐसी कोई शाि त अिधरोिपत करन की पर थापना ह वहा ऐसी शाि त ऐसी जाच क दौरान िदए गए सा य क आधार पर अिधरोिपत की जा सकगी और ऐस यिकत को पर थािपत शाि त क िवषय म अ यावदन करन का अवसर दना आव यक नही होगा
परत यह और िक यह खड वहा लाग नही होगा ndash] (क) जहा िकसी यिकत को ऐस आचरण क आधार पर पद यत िकया
जाता ह या पद स हटाया जाता ह या पिकत म अवनत िकया जाता ह िजसक िलए आपरािधक आरोप पर उस िसदधदोष ठहराया गया ह या
(ख) जहा िकसी यिकत को पद यत करन या पद स हटान या पिकत म अवनत करन क िलए सशकत परािधकारी का यह समाधान हो जाता ह िक िकसी कारण स जो उस परािधकारी दवारा लखबदध िकया जाएगा यह यिकतयकत प स सा य नही ह िक ऐसी जाच की जाए या
(ग) जहा यथाि थित रा पित या रा यपाल का यह समाधान हो जाता ह िक रा य की सरकषा क िहत म यह समीचीन नही ह िक ऐसी जाच की जाए (3) यिद यथापव कत िकसी यिकत क सबध म यह पर उठता ह िक खड (2) म
िनिदर जाच करना यिकतयकत प स सा य ह या नही तो उस यिकत को पद यत करन या पद स हटान या पिकत म अवनत करन क िलए सशकत परािधकारी का उस पर िविन य अितम होगा ]
1 सिवधान (प दरहवा सशोधऩ) अिधिनयम 1963 की धारा 10 दवारा खड (2) और खड (3) क थान पर परित थािपत
2 सिवधान (बयालीसवा सशोधऩ) अिधिनयम 1976 की धारा 44 दवारा (3-1-1977 स) कछ श द का लोप िकया
गया 3 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 44 दवारा (3-1-1977 स) कछ श द क थान पर
परित थािपत
भारत का सिवधान
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312 अिखल भारतीय सवाए ndash (1) 1[भाग 6 क अ याय 6 या भाग 11] म िकसी बात क होत हए भी यिद रा य सभा न उपि थत और मत दन वाल सद य म स कम स कम दो-ितहाई सद य दवारा समिथरत सक प दवारा यह घोिषत िकया ह िक रा ीय िहत म ऐसा करना आव यक या समीचीन ह तो सस िविध दवारा सघ और रा य क िलए सि मिलत एक या अिधक अिखल भारतीय सवाओ क 2[(िजनक अतगरत अिखल भारतीय याियक सवा ह)] सजन क िलए उपबध कर सकगी और इस अ याय क अ य उपबध क अधीन रहत हए िकसी ऐसी सवा क िलए भतीर का और िनयकत यिकतय की सवा की शत का िविनयमन कर सकगी
(2) इस सिवधान क परारभ पर भारतीय परशासिनक सवा और भारतीय पिलस सवा क नाम स जञात सवाए इस अन छद क अधीन सस दवारा सिजत सवाए समझी जाएगी
2[(3) खड (1) म िनिदर अिखल भारतीय याियक सवा क अतगरत अन छद 236 म पिरभािषत िजला यायाधीश क पद स अवर कोई पद नही होगा
(4) पव कत अिखल भारतीय याियक सवा क सजन क िलए उपबध करन वाली िविध म भाग 6 क अ याय 6 क सशोधन क िलए ऐस उपबध अतिवर हो सकग जो उस िविध क उपबध को कायारि वत करन क िलए आव यक ह और ऐसी कोई िविध अन छद 368 क परयोजन क िलए सिवधान का सशोधन नही समझी जाएगी ]
3[312क कछ सवाओ क अिधकािरय की सवा की शत म पिरवतरन करन या उ ह परितस त करन की सस की शिकत ndash (1) सस िविध दवारा ndash
(क) उन यिकतय की जो सकरटरी आफ टट दवारा या सकरटरी आफ टट इन क िसल दवारा इस सिवधान क परारभ स पहल भारत म कराउन की िकसी िसिवल सवा म िनयकत िकए गए थ और जो सिवधान (अटठाईसवा सशोधन) अिधिनयम 1972 क परारभ पर और उसक प ात भारत सरकार या िकसी रा य की सरकार क अधीन िकसी सवा या पद पर बन रहत ह पािर िमक छटटी और पशन सबधी सवा की शत तथा अनशासिनक िवषय सबधी अिधकार भिव यलकषी या भतलकषी प स पिरवितरत कर सकगी या परितस त कर सकगी
1 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 45 दवारा (3-1-1977 स) ldquoभाग 11rdquo क थान पर
परित थािपत 2 सिवधान (बयालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 45 दवारा (3-1-1977 स) अतः थािपत 3 सिवधान (अटठाईसवा सशोधन) अिधिनयम 1972 की धारा 2 दवारा (29-8-1972 स) अतः थािपत
भारत का सिवधान
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(ख) उन यिकतय की जो सकरटरी आफ टट दवारा या सकरटरी आफ टट इन क िसल दवारा इस सिवधान क परारभ स पहल भारत म कराउन की िकसी िसिवल सवा म िनयकत िकए गए थ और जो सिवधान (अटठाईसवा सशोधन) अिधिनयम 1972 क परारभ स पहल िकसी समय सवा स िनव हो गए ह या अ यथा सवा म नही रह ह पशन सबधी सवा की शत भिव यलकषी या भतलकषी प स पिरवितरत कर सकगी या परितस त कर सकगी
परत िकसी ऐस यिकत की दशा म जो उ चतम यायालय या िकसी उ च यायालय क मखय यायमितर या अ य यायाधीश भारत क िनयतरक-महालखापरीकषक सघ या िकसी रा य क लोक सवा आयोग क अ यकष या अ य सद य अथवा मखय िनवारचन आयकत का पद धारण कर रहा ह या कर चका ह उपखड (क) या उपखड (ख) की िकसी बात का यह अथर नही लगाया जाएगा िक वह सस को उस यिकत की उकत पद पर िनयिकत क प ात उसकी सवा की शत म वहा तक क िसवाय जहा तक ऐसी सवा की शत उस सकरटरी आफ टट दवारा या सकरटरी आफ टट इन क िसल दवारा भारत म कराउन की िकसी िसिवल सवा म िनयकत िकया गया यिकत होन क कारण लाग ह उसक िलए अलाभकारी पिरवतरन करन क िलए या उ ह परितस त करन क िलए सशकत करती ह
(2) वहा तक क िसवाय जहा तक सस िविध दवारा इस अन छद क अधीन उपबध कर इस अन छद की कोई बात खड (1) म िनिदर यिकतय की सवा की शत का िविनयमन करन की इस सिवधान क िकसी अ य उपबध क अधीन िकसी िवधान-मडल या अ य परािधकारी की शिकत पर परभाव नही डालगी
(3) उ चतम यायालय को या िकसी अ य यायालय को िन निलिखत िववाद म कोई अिधकािरता नही होगी अथारत ndash
(क) िकसी परसिवदा करार या अ य ऐसी ही िलखत क िजस खड (1) म िनिदर िकसी यिकत न िकया ह या िन पािदत िकया ह िकसी उपबध स या उस पर िकए गए िकसी प ाकन स उ प न कोई िववाद अथवा ऐस यिकत को भारत म कराउन की िकसी िसिवल सवा म उसकी िनयिकत या भारत डोिमिनयन की या उसक िकसी परात की सरकार क अधीन सवा म उसक बन रहन क सबध म भज गए िकसी पतर क आधार पर उ प न कोई िववाद
(ख) मल प म यथा अिधिनयिमत अन छद 314 क अधीन िकसी अिधकार दािय व या बा यता क सबध म कोई िववाद (4) इस अन छद क उपबध मल प म यथा अिधिनयिमत अन छद 314 म या
इस सिवधान क िकसी अ य उपबध म िकसी बात क होत हए भी परभावी ह ग ]
भारत का सिवधान
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313 सकरमणकालीन उपबध ndash जब तक इस सिवधान क अधीन इस िनिम अ य उपबध नही िकया जाता ह तब तक ऐसी सभी िविधया जो इस सिवधान क परारभ स ठीक पहल परव ह और िकसी ऐसी लोक सवा या िकसी ऐस पद को जो इस सिवधान क परारभ क प ात अिखल भारतीय सवा क अथवा सघ या िकसी रा य क अधीन सवा या पद क प म बना रहता ह लाग ह वहा तक परव बनी रहगी जहा तक व इस सिवधान क उपबध स सगत ह
314 [कछ सवाओ क िवदयमान अिधकािरय क सरकषण क िलए उपबध ] सिवधान (अटठाईसवा सशोधन) अिधिनयम 1972 की धारा 3 दवारा (29-8-1972 स) िनरिसत
अ याय 2 ndash लोक सवा आयोग 315 सघ और रा य क िलए लोक सवा आयोग ndash (1) इस अन छद क उपबध
क अधीन रहत हए सघ क िलए एक लोक सवा आयोग और पर यक रा य क िलए एक लोक सवा आयोग होगा
(2) दो या अिधक रा य यह करार कर सकग िक रा य क उस समह क िलए एक ही लोक सवा आयोग होगा और यिद इस आशय का सक प उन रा य म स पर यक रा य क िवधान-मडल क सदन दवारा या जहा दो सदन ह वहा पर यक सदन दवारा पािरत कर िदया जाता ह तो सस उन रा य की आव यकताओ की पितर करन क िलए िविध दवारा सयकत रा य लोक सवा आयोग की (िजस इस अ याय म ldquoसयकत आयोगrdquo कहा गया ह) िनयिकत का उपबध कर सकगी
(3) पव कत परकार की िकसी िविध म ऐस आनषिगक और पािरणािमक उपबध हो सकग जो उस िविध क परयोजन को परभावी करन क िलए आव यक या वाछनीय ह
(4) यिद िकसी रा य का रा यपाल 1 सघ लोक सवा आयोग स ऐसा करन का अनरोध करता ह तो वह रा पित क अनमोदन स उस रा य की सभी या िक ही आव यकताओ की पितर करन क िलए सहमत हो सकगा
(5) इस सिवधान म जब तक िक सदभर स अ यथा अपिकषत न हो सघ लोक सवा आयोग या िकसी रा य लोक सवा आयोग क परित िनदश का यह अथर लगाया जाएगा िक व ऐस आयोग क परित िनदश ह जो पर गत िकसी िविश िवषय क सबध म यथाि थित सघ की या रा य की आव यकताओ की पितर करता ह
316 सद य की िनयिकत और पदाविध ndash (1) लोक सवा आयोग क अ यकष और अ य सद य की िनयिकत यिद वह सघ आयोग या सयकत आयोग ह तो रा पित दवारा और यिद वह रा य आयोग ह तो रा य क रा यपाल 1 दवारा की जाएगी
परत पर यक लोक सवा आयोग क सद य म स यथाशकय िनकटतम आध ऐस
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का
(1-11-1956 स) लोप िकया गया
भारत का सिवधान
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यिकत ह ग जो अपनी-अपनी िनयिकत की तारीख पर भारत सरकार या िकसी रा य की सरकार क अधीन कम स कम दस वषर तक पद धारण कर चक ह और उकत दस वषर की अविध की सगणना करन म इस सिवधान क परारभ स पहल की ऐसी अविध भी सि मिलत की जाएगी िजसक दौरान िकसी यिकत न भारत म कराउन क अधीन या िकसी दशी रा य की सरकार क अधीन पद धारण िकया ह
1[(1क) यिद आयोग क अ यकष का पद िरकत हो जाता ह या यिद कोई ऐसा अ यकष अनपि थित क कारण या अ य कारण स अपन पद क कतर य का पालन करन म असमथर ह तो यथाि थित जब तक िरकत पद पर खड (1) क अधीन िनयकत कोई यिकत उस पद का कतर य भार गरहण नही कर लता ह या जब तक अ यकष अपन कतर य को िफर स नही सभाल लता ह तब तक आयोग क अ य सद य म स ऐसा एक सद य िजस सघ आयोग या सयकत आयोग की दशा म रा पित और रा य आयोग की दशा म उस रा य का रा यपाल इस परयोजन क िलए िनयकत कर उन कतर य का पालन करगा ]
(2) लोक सवा आयोग का सद य अपन पद गरहण की तारीख स छह वषर की अविध तक या सघ आयोग की दशा म पसठ वषर की आय परा कर लन तक और रा य आयोग या सयकत आयोग की दशा म 2[बासठ वषर] की आय परा कर लन तक इनम स जो भी पहल हो अपना पद धारण करगा
परत ndash (क) लोक सवा आयोग का कोई सद य सघ आयोग या सयकत आयोग की
दशा म रा पित को और रा य आयोग की दशा म रा य क रा यपाल 3 को सबोिधत अपन ह ताकषर सिहत लख दवारा अपना पद याग सकगा
(ख) लोक सवा आयोग क िकसी सद य को अन छद 317 क खड (1) या खड (3) म उपबिधत रीित स उसक पद स हटाया जा सकगा (3) कोई यिकत जो लोक सवा आयोग क सद य क प म पद धारण करता ह
अपनी पदाविध की समाि पर उस पद पर पनिनरयिकत का पातर नही होगा 317 लोक सवा आयोग क िकसी सद य का हटाया जाना और िनलिबत िकया
1 सिवधान (प दरहवा सशोधऩ) अिधिनयम 1963 की धारा 11 दवारा (5-10-1963 स) अतः थािपत 2 सिवधान (इकतालीसवा सशोधन) अिधिनयम 1976 की धारा 2 दवारा ldquoसाठ वषरrdquo क थान पर (7-9-1976 स)
परित थािपत 3 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का
(1-11-1956 स) लोप िकया गया
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जाना ndash (1) खड (3) क उपबध क अधीन रहत हए लोक सवा आयोग क अ यकष या िकसी अ य सद य को कवल कदाचार क आधार पर िकए गए रा पित क ऐस आदश स उसक पद स हटाया जाएगा जो उ चतम यायालय को रा पित दवारा िनदश िकए जान पर उस यायालय दवारा अन छद 145 क अधीन इस िनिम िविहत परिकरया क अनसार की गई जाच पर यह परितवदन िकए जान क प ात िकया गया ह िक यथाि थित अ यकष या ऐस िकसी सद य को ऐस िकसी आधार पर हटा िदया जाए
(2) आयोग क अ यकष या िकसी अ य सद य को िजसक सबध म खड (1) क अधीन उ चतम यायालय को िनदश िकया गया ह 1 सघ आयोग या सयकत आयोग की दशा म रा पित और रा य आयोग की दशा म रा यपाल उसक पद स तब तक क िलए िनलिबत कर सकगा जब तक रा पित ऐस िनदश पर उ चतम यायालय का परितवदन िमलन पर अपना आदश पािरत नही कर दता ह
(3) खड (1) म िकसी बात क होत हए भी यिद लोक सवा आयोग का यथाि थित अ यकष या कोई अ य सद य ndash
(क) िदवािलया यायिनणीरत िकया जाता ह या (ख) अपनी पदाविध म अपन पद क कतर य क बाहर िकसी सवतन
िनयोजन म लगता ह या (ग) रा पित की राय म मानिसक या शारीिरक शिथ य क कारण अपन
पद पर बन रहन क िलए अयोगय ह तो रा पित अ यकष या ऐस अ य सद य को आदश दवारा पद स हटा सकगा
(4) यिद लोक सवा आयोग का अ यकष या कोई अ य सद य िनगिमत कपनी क सद य क प म और कपनी क अ य सद य क साथ सि मिलत प स अ यथा उस सिवदा या करार स जो भारत सरकार या रा य सरकार क दवारा या िनिम की गई या िकया गया ह िकसी परकार स सपकत या िहतबदध ह या हो जाता ह या उसक लाभ या उसस उदभत िकसी फायद या उपलि ध म भाग लता ह तो वह खड (1) क परयोजन क िलए कदाचार का दोषी समझा जाएगा
318 आयोग क सद य और कमरचािरवद की सवा की शत क बार म िविनयम बनान की शिकत ndash सघ आयोग या सयकत आयोग की दशा म रा पित और रा य आयोग की दशा म उस रा य का रा यपाल 1 िविनयम दवारा ndash
(क) आयोग क सद य की सखया और उनकी सवा की शत का अवधारण
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का
(1-11-1956 स) लोप िकया गया
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कर सकगा और (ख) आयोग क कमरचािरवद क सद य की सखया और उनकी सवा की
शत क सबध म उपबध कर सकगा परत लोक सवा आयोग क सद य की सवा की शत म उसकी िनयिकत क प ात
उसक िलए अलाभकारी पिरवतरन नही िकया जाएगा 319 आयोग क सद य दवारा ऐस सद य न रहन पर पद धारण करन क सबध
म परितषध ndash पद पर न रह जान पर ndash (क) सघ लोक सवा आयोग का अ यकष भारत सरकार या िकसी रा य की
सरकार क अधीन िकसी भी और िनयोजन का पातर नही होगा (ख) िकसी रा य लोक सवा आयोग का अ यकष सघ लोक सवा आयोग क
अ यकष या अ य सद य क प म अथवा िकसी अ य रा य लोक सवा आयोग क अ यकष क प म िनयकत होन का पातर होगा िक त भारत सरकार या िकसी रा य की सरकार क अधीन िकसी अ य िनयोजन का पातर नही होगा
(ग) सघ लोक सवा आयोग क अ यकष स िभ न कोई अ य सद य सघ लोक सवा आयोग क अ यकष क प म या िकसी रा य लोक सवा आयोग क अ यकष क प म िनयकत होन का पातर होगा िक त भारत सरकार या िकसी रा य की सरकार क अधीन िकसी अ य िनयोजन का पातर नही होगा
(घ) िकसी रा य लोक सवा आयोग क अ यकष स िभ न कोई अ य सद य सघ लोक सवा आयोग क अ यकष या िकसी अ य सद य क प म अथवा उसी या िकसी अ य रा य लोक सवा आयोग क अ यकष क प म िनयकत होन का पातर होगा िक त भारत सरकार या िकसी रा य की सरकार क अधीन िकसी अ य िनयोजन का पातर नही होगा 320 लोक सवा आयोग क क य ndash (1) सघ और रा य लोक सवा आयोग का
यह कतर य होगा िक व करमशः सघ की सवाओ और रा य की सवाओ म िनयिकतय क िलए परीकषाओ का सचालन कर
(2) यिद सघ लोक सवा आयोग स कोई दो या अिधक रा य ऐसा करन का अनरोध करत ह तो उसका यह भी कतर य होगा िक वह ऐसी िक ही सवाओ क िलए िजनक िलए िवशष अहरताओ वाल अ यथीर अपिकषत ह सयकत भतीर की कीम बनान और उनका परवतरन करन म उन रा य की सहायता कर
(3) यथाि थित सघ लोक सवा आयोग या रा य लोक सवा आयोग स ndash (क) िसिवल सवाओ म और िसिवल पद क िलए भतीर की पदधितय स
भारत का सिवधान
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सबिधत सभी िवषय पर (ख) िसिवल सवाओ और पद पर िनयिकत करन म तथा एक सवा स
दसरी सवा म परो नित और अतरण करन म अनसरण िकए जान वाल िसदधात पर और ऐसी िनयिकत परो नित या अतरण क िलए अ यिथरय की उपयकतता पर
(ग) ऐस यिकत पर जो भारत सरकार या िकसी रा य की सरकार की िसिवल हिसयत म सवा कर रहा ह परभाव डालन वाल सभी अनशासिनक िवषय पर िजनक अतगरत ऐस िवषय स सबिधत अ यावदन या यािचकाए ह
(घ) ऐस यिकत दवारा या उसक सबध म जो भारत सरकार या िकसी रा य की सरकार क अधीन या भारत म कराउन क अधीन या िकसी दशी रा य की सरकार क अधीन िसिवल हिसयत म सवा कर रहा ह या कर चका ह इस दाव पर िक अपन कतर य क िन पादन म िकए गए या िकए जान क िलए ता पियरत काय क सबध म उसक िव दध सि थत िविधक कायरवािहय की परितरकषा म उसक दवारा उपगत खचर का यथाि थित भारत की सिचत िनिध म स या रा य की सिचत िनिध म स सदाय िकया जाना चािहए
(ङ) भारत सरकार या िकसी रा य की सरकार या भारत म कराउन क अधीन या िकसी दशी रा य की सरकार क अधीन िसिवल हिसयत म सवा करत समय िकसी यिकत को हई कषितय क बार म पशन अिधिनणीरत िकए जान क िलए िकसी दाव पर और ऐस अिधिनणरय की रकम िवषयक पर पर
परामशर िकया जाएगा और इस परकार उस िनदिशत िकए गए िकसी िवषय पर तथा ऐस िकसी अ य िवषय पर िजस यथाि थित रा पित या उस रा य का रा यपाल 1 उस िनदिशत कर परामशर दन का लोक सवा आयोग का कतर य होगा
परत अिखल भारतीय सवाओ क सबध म तथा सघ क कायरकलाप स सबिधत अ य सवाओ और पद क सबध म भी रा पित तथा रा य क कायरकलाप स सबिधत अ य सवाओ और पद क सबध म रा यपाल 2 उन िवषय को िविनिदर करन वाल िविनयम बना सकगा िजनम साधारणतया या िकसी िविश वगर क मामल म या िक ही िविश पिरि थितय म लोक सवा आयोग स परामशर िकया जाना आव यक नही होगा
(4) खड (3) की िकसी बात स यह अपकषा नही होगी िक लोक सवा आयोग स उस रीित क सबध म िजसस अन छद 16 क खड (4) म िनिदर कोई उपबध िकया जाना ह या उस रीित क सबध म िजसस अन छद 335 क उपबध को परभावी िकया जाना ह परामशर िकया जाए
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का
(1-11-1956 स) लोप िकया गया 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoयथाि थित रा यपाल या
राजपरमखrdquo श द क थान पर उपरोकत प स रखा गया
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(5) रा पित या िकसी रा य क रा यपाल 1 दवारा खड (3) क परतक क अधीन बनाए गए सभी िविनयम बनाए जान क प ात यथाशीघर यथाि थित सस क पर यक सदन या रा य क िवधान-मडल क सदन या पर यक सदन क समकष कम स कम चौदह िदन क िलए रख जाएग और िनरसन या सशोधन दवारा िकए गए ऐस उपातरण क अधीन ह ग जो सस क दोन सदन या उस रा य क िवधान-मडल का सदन या दोन सदन उस सतर म कर िजसम व इस परकार रख गए ह
321 लोक सवा आयोग क क य का िव तार करन की शिकत ndash यथाि थित सस दवारा या िकसी रा य क िवधान-मडल दवारा बनाया गया कोई अिधिनयम सघ लोक सवा आयोग या रा य लोक सवा आयोग दवारा सघ की या रा य की सवाओ क सबध म और िकसी थानीय परािधकारी या िविध दवारा गिठत अ य िनगिमत िनकाय या िकसी लोक स था की सवाओ क सबध म भी अितिरकत क य क परयोग क िलए उपबध कर सकगा
322 लोक सवा आयोग क यय ndash सघ या रा य लोक सवा आयोग क यय िजनक अतगरत आयोग क सद य या कमरचािरवद को या उनक सबध म सदय कोई वतन भ और पशन ह यथाि थित भारत की सिचत िनिध या रा य की सिचत िनिध पर भािरत ह ग
323 लोक सवा आयोग क परितवदन ndash (1) सघ आयोग का यह कतर य होगा िक वह रा पित को आयोग दवारा िकए गए कायर क बार म परितवषर परितवदन द और रा पित ऐसा परितवदन परा होन पर उन मामल क सबध म यिद कोई ह िजनम आयोग की सलाह वीकार नही की गई थी ऐसी अ वीकित क कारण को प करन वाल जञापन सिहत उस परितवदन की परित सस क पर यक सदन क समकष रखवाएगा
(2) रा य आयोग का यह कतर य होगा िक वह रा य क रा यपाल 1 को आयोग दवारा िकए गए कायर क बार म परितवषर परितवदन द और सयकत आयोग का यह कतर य होगा िक ऐस रा य म स पर यक क िजनकी आव यकताओ की पितर सयकत आयोग दवारा की जाती ह रा यपाल 1 को उस रा य क सबध म आयोग दवारा िकए गए कायर क बार म परितवषर परितवदन द और दोन म स पर यक दशा म ऐसा परितवदन परा होन पर रा यपाल 2 उन मामल क सबध म यिद कोई ह िजनम आयोग की सलाह वीकार नही की गई थी ऐसी अ वीकित क कारण को प करन वाल जञापन सिहत उस परितवदन की परित रा य क िवधान-मडल क समकष रखवाएगा
1 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoया राजपरमखrdquo श द का
(1-11-1956 स) लोप िकया गया 2 सिवधान (सातवा सशोधन) अिधिनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा ldquoयथाि थित रा यपाल या या
राजपरमखrdquo श द क थान पर उपरोकत प स रखा गया
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भाग 15 निरााचि
324 निरााचिो क अधीकषण निदशि और नियतरण का निरााचि आयोग म निहित िोिा--(1) इस सवरधाि क अधीि ससद और परतयक राजय क वरधाि-मडल क ललए कराए जाि राल सभी निरााचिो क ललए तथा राषटरपनत और उपराषटरपनत क पदो क ललए निरााचिो क ललए निरााचक-िामारली तयार कराि का और उि सभी निरााचिो क सचालि का अधीकषण निदशि और नियतरण 1 एक आयोग म निहित िोगा (जजस इस सवरधाि म निरााचि आयोग किा गया ि)
(2) निरााचि आयोग मखय निरााचि आयकत और उति अनय निरााचि आयकतो स यहद कोई िो जजति राषटरपनत समय-समय पर नियत कर लमलकर बिगा तथा मखय निरााचि आयकत और अनय निरााचि आयकतो की नियकतकत ससद दवारा इस निलमतत बिाई गई वरधध क उपबधो क अधीि रित िए राषटरपनत दवारा की जाएगी
(3) जब कोई अनय निरााचि आयकत इस परकार नियकत ककया जाता ि तब मखय निरााचि आयकत निरााचि आयोग क अधयकष क रप म काया करगा
(4) लोक सभा क और परतयक राजय की वरधाि सभा क परतयक साधारण निरााचि स पिल तथा वरधाि पररषद राल परतयक राजय की वरधाि पररषद क ललए परथम साधारण निरााचि स पिल और उसक पशचात परतयक हदवरावषाक निरााचि स पिल राषटरपनत निरााचि आयोग स परामशा करि क पशचात खड (1) दवारा निरााचि आयोग को सौप गए कतयो क पालि म आयोग की सिायता क ललए उति परादलशक आयकतो की भी नियकतकत कर सकगा जजति रि आरशयक समझ
(5) ससद दवारा बिाई गई ककसी वरधध क उपबधो क अधीि रित िए निरााचि आयकतो और परादलशक आयकतो की सरा की शत और पदारधध ऐसी िोगी जो राषटरपनत नियम दवारा अरधाररत कर
परनत मखय निरााचि आयकत को उसक पद स उसी रीनत स और उनिी आधारो पर िी िटाया जाएगा जजस रीनत स और जजि आधारो पर उचचतम नयायालय क नयायाधीश को िटाया जाता ि अनयथा ििी और मखय निरााचि आयकत की सरा की शतो म उसकी नियकतकत क पशचात उसक ललए अलाभकारी परररताि ििी ककया जाएगा
1 सवरधाि (उनिीसरा सशोधि) अधधनियम 1966 की धारा 2 दवारा ldquoजजसक अतगात ससद क और राजय क वरधाि-
मडलो क निरााचिो स उदभत या ससकत सदिो और वरराद क निणाय क ललए निरााचि नयायाधधकरण की नियकतकत भी िrdquo शबदो का (11-12-1966 स) लोप ककया गया
भारत का सवरधाि
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परनत यि और कक ककसी अनय निरााचि आयकत या परादलशक आयकत को मखय निरााचि आयकत की लसफाररश पर िी पद स िटाया जाएगा अनयथा ििी
(6) जब निरााचि आयोग ऐसा अिरोध कर तब राषटरपनत या ककसी राजय का राजयपाल 1 निरााचि आयोग या परादलशक आयकत को उति कमाचारररनद उपलबध कराएगा जजति खड (1) दवारा निरााचि आयोग को सौप गए कतयो क निरािि क ललए आरशयक िो
325 धमा मलरश जानत या ललग क आधार पर ककसी वयकतकत का निरााचक-िामारली म सजममललत ककए जाि क ललए अपातर ि िोिा और उसक दवारा ककसी वरशष निरााचक-िामारली म सजममललत ककए जाि का दारा ि ककया जािाndashससद क परतयक सदि या ककसी राजय क वरधाि-मडल क सदि या परतयक सदि क ललए निरााचि क ललए परतयक परादलशक निरााचि-कषतर क ललए एक साधारण निरााचक-िामारली िोगी और करल धमा मलरश जानत ललग या इिम स ककसी क आधार पर कोई वयकतकत ऐसी ककसी िामारली म सजममललत ककए जाि क ललए अपातर ििी िोगा या ऐस ककसी निरााचि-कषतर क ललए ककसी वरशष निरााचक-िामारली म सजममललत ककए जाि का दारा ििी करगा
326 लोक सभा और राजयो की वरधाि सभाओ क ललए निरााचिो का रयसक मताधधकार क आधार पर िोिाndashलोक सभा और परतयक राजय की वरधाि सभा क ललए निरााचि रयसक मताधधकार क आधार पर िोग अथाात परतयक वयकतकत जो भारत का िागररक ि और ऐसी तारीख को जो समधचत वरधाि-मडल दवारा बिाई गई ककसी वरधध दवारा या उसक अधीि इस निलमतत नियत की जाए कम स कम 2[अठारि रषा] की आय का ि और इस सवरधाि या समधचत वरधाि-मडल दवारा बिाई गई ककसी वरधध क अधीि अनिरास धचततवरकनत अपराध या भरषट या अरध आचरण क आधार पर अनयथा निरहिात ििी कर हदया जाता ि ऐस ककसी निरााचि म मतदाता क रप म रजजसरीकत िोि का िकदार िोगा
327 वरधाि-मडलो क ललए निरााचिो क सबध म उपबध करि की ससद की शकतकतndash इस सवरधाि क उपबधो क अधीि रित िए ससद समय-समय पर वरधध दवारा ससद क परतयक सदि या ककसी राजय क वरधाि-मडल क सदि या परतयक सदि क ललए निरााचिो स सबधधत या ससकत सभी वरषयो क सबध म जजिक अतगात निरााचक-िामारली तयार करािा निरााचि-कषतरो का पररसीमि और ऐस सदि या सदिो का समयक गठि सनिजशचत करि क ललए अनय सभी आरशयक वरषय ि उपबध कर सकगी
1 सवरधाि (सातरा सशोधि) अधधनियम 1956 की धारा 29 और अिसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoया राजपरमखrdquo
शबदो का लोप ककया गया 2 सवरधाि (इकसठरा सशोधि) अधधनियम 1988 की धारा 2 दवारा ldquoइककीस रषाrdquo क सथाि पर (28-3-1989 स)
परनतसथावपत
भारत का सवरधाि
188
328 ककसी राजय क वरधाि-मडल क ललए निरााचिो क सबध म उपबध करि की उस वरधाि-मडल की शकतकतndashइस सवरधाि क उपबधो क अधीि रित िए और जिा तक ससद इस निलमतत उपबध ििी करती ि रिा तक ककसी राजय का वरधाि-मडल समय-समय पर वरधध दवारा उस राजय क वरधाि-मडल क सदि या परतयक सदि क ललए निरााचिो स सबधधत या ससकत सभी वरषयो क सबध म जजिक अतगात निरााचक-िामारली तयार करािा और ऐस सदि या सदिो का समयक गठि सनिजशचत करि क ललए अनय सभी आरशयक वरषय ि उपबध कर सकगा
329 निरााचि सबधी मामलो म नयायालयो क िसतकषप का रजािndash1[इस सवरधाि म ककसी बात क िोत िए भी 2--]
(क) अिचछद 327 या अिचछद 328 क अधीि बिाई गई या बिाई जाि क ललए तातपनयात ककसी ऐसी वरधध की वरधधमानयता जो निरााचि-कषतरो क पररसीमि या ऐस निरााचि-कषतरो को सथािो क आबटि स सबधधत ि ककसी नयायालय म परशनगत ििी की जाएगी
(ख) ससद क परतयक सदि या ककसी राजय क वरधाि-मडल क सदि या परतयक सदि क ललए कोई निरााचि ऐसी निरााचि अजी पर िी परशनगत ककया जाएगा जो ऐस पराधधकारी को और ऐसी रीनत स परसतत की गई ि जजसका समधचत वरधाि-मडल दवारा बिाई गई वरधध दवारा या उसक अधीि उपबध ककया जाए अनयथा ििी 3329क [परधाि मतरी और अधयकष क मामल म ससद क ललए निरााचिो क बार
म वरशष उपबध ]--सवरधाि (चरालीसरा सशोधि) अधधनियम 1978 की धारा 36 दवारा (20-6-1979 स) निरलसत
1 सवरधाि (उितालीसरा सशोधि) अधधनियम 1975 की धारा 3 दवारा कछ शबदो क सथाि पर (10-8-1975 स)
परनतसथावपत 2 सवरधाि (चरालीसरा सशोधि) अधधनियम 1978 की धारा 35 दवारा (20-6-1979 स) ldquoपरनत अिचछद 329क क
उपबधो क अधीि रित िएrdquo शबदो अको और अकषर का लोप ककया गया 3 सवरधाि (उितालीसरा सशोधि) अधधनियम 1975 की धारा 4 दवारा (10-8-1975 स) अतःसथावपत
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भाग 16 कछ वगो क सबध म ववशष उपबध
330 लोक सभा म अनसचित जाततयो और अनसचित जनजाततयो क ललए सथानो का आरकषणndash(1) लोक सभा म ndash
(क) अनसचित जाततयो क ललए 1[(ख) असम क सवशासी जजलो की अनसचित जनजाततयो को छोडकर
अनय अनसचित जनजाततयो क ललए और] (ग) असम क सवशासी जजलो की अनसचित जनजाततयो क ललए
सथान आरकषकषत रहग (2) खड (1) क अधीन ककसी राजय 2[या सघ राजयकषतर] म अनसचित जाततयो
या अनसचित जनजाततयो क ललए आरकषकषत सथानो की सखया का अनपात लोक सभा म उस राजय 2[या सघ राजयकषतर] को आबटित सथानो की कल सखया स यथाशकय वही होगा जो यथाजसथतत उस राजय 2[या सघ राजयकषतर] की अनसचित जाततयो की अथवा उस राजय 2[या सघ राजयकषतर] की या उस राजय 2[या सघ राजयकषतर] क भाग की अनसचित जनजाततयो की जजनक सबध म सथान इस परकार आरकषकषत ह जनसखया का अनपात उस राजय 2[या सघ राजयकषतर] की कल जनसखया स ह
3[(3) खड (2) म ककसी बात क होत हए भी लोक सभा म असम क सवशासी जजलो की अनसचित जनजाततयो क ललए आरकषकषत सथानो की सखया का अनपात उस राजय को आबटित सथानो की कल सखया क उस अनपात स कम नही होगा जो उकत सवशासी जजलो की अनसचित जनजाततयो की जनसखया का अनपात उस राजय की कल जनसखया स ह ]
4[सपषटीकरणndashइस अनचछद म और अनचछद 332 म ldquoजनसखयाrdquo पद स ऐसी अततम पवववती जनगणना म अलभतनजित की गई जनसखया अलभपरत ह जजसक ससगत आकड परकालशत हो गए ह
परनत इस सपषटीकरण म अततम पवववती जनगणना क परतत जजसक ससगत आकड परकालशत हो गए ह तनदश का जब तक सन 5[2026] क पिात की गई पहली जनगणना क ससगत आकड परकालशत नही हो जात ह यह अथव लगाया जाएगा कक वह 6[2001] की जनगणना क परतत तनदश ह ]
1 सववधान (इकयावनवा सशोधन) अचधतनयम 1984 की धारा 2 दवारा (16-6-1986 स) उपखड (ख) क सथान पर
परततसथावपत 2 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा (1-11-1956 स) अतःसथावपत 3 सववधान (इकतीसवा सशोधन) अचधतनयम 1973 की धारा 3 दवारा (17-10-1973 स) अतःसथावपत 4 सववधान (बयालीसवा सशोधन) अचधतनयम 1976 की धारा 47 दवारा (3-1-1977 स) अतःसथावपत 5 सववधान (िौरासीवा सशोधन) अचधतनयम 2001 की धारा 6 दवारा ldquo2000rdquo क सथान पर (21-2-2002 स)
परततसथावपत 6 सववधान (सतासीवा सशोधन) अचधतनयम 2003 की धारा 5 दवारा ldquo1991rdquo क सथान पर (22-6-2003 स)
परततसथावपत
भारत का सववधान
190
331 लोक सभा म आगल-भारतीय समदाय का परतततनचधतवndashअनचछद 81 म ककसी बात क होत हए भी यटद राषटरपतत की यह राय ह कक लोक सभा म आगल-भारतीय समदाय का परतततनचधतव पयावपत नही ह तो वह लोक सभा म उस समदाय क दो स अनचधक सदसय नामतनदलशत कर सकगा
332 राजयो की ववधान सभाओ म अनसचित जाततयो और अनसचित जनजाततयो क ललए सथानो का आरकषणndash(1) 1 परतयक राजय की ववधान सभा म अनसचित जाततयो क ललए और 2[असम क सवशासी जजलो की अनसचित जनजाततयो को छोडकर] अनय अनसचित जनजाततयो क ललए सथान आरकषकषत रहग
(2) असम राजय की ववधान सभा म सवशासी जजलो क ललए भी सथान आरकषकषत रहग
(3) खड (1) क अधीन ककसी राजय की ववधान सभा म अनसचित जाततयो या अनसचित जनजाततयो क ललए आरकषकषत सथानो की सखया का अनपात उस ववधान सभा म सथानो की कल सखया स यथाशकय वही होगा जो यथाजसथतत उस राजय की अनसचित जाततयो की अथवा उस राजय की या उस राजय क भाग की अनसचित जनजाततयो की जजनक सबध म सथान इस परकार आरकषकषत ह जनसखया का अनपात उस राजय की कल जनसखया स ह
3[(3क) खड (3) म ककसी बात क होत हए भी सन 4[2026] क पिात की गई पहली जनगणना क आधार पर अरणािल परदश मघालय लमजोरम और नागालड राजयो की ववधान सभाओ म सथानो की सखया क अनचछद 170 क अधीन पनःसमायोजन क परभावी होन तक जो सथान ऐस ककसी राजय की ववधान सभा म अनसचित जनजाततयो क ललए आरकषकषत ककए जाएग वndash
(क) यटद सववधान (सततावनवा सशोधन) अचधतनयम 1987 क परवतत होन की तारीख को ऐस राजय की ववदयमान ववधान सभा म (जजस इस खड म इसक पिात ववदयमान ववधान सभा कहा गया ह) सभी सथान अनसचित जनजाततयो क सदसयो दवारा धाररत ह तो एक सथान को छोडकर सभी सथान होग और
(ख) ककसी अनय दशा म उतन सथान होग जजनकी सखया का अनपात सथानो की कल सखया क उस अनपात स कम नही होगा जो ववदयमान ववधान सभा म अनसचित जनजाततयो क सदसयो की (उकत तारीख को यथाववदयमान) सखया का अनपात ववदयमान ववधान सभा म सथानो की कल सखया स ह ]
1 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा (1-11-1956 स) ldquoपहली अनसिी क
भाग क या भाग ख म ववतनटदवषटrdquo शबदो का लोप ककया गया 2 सववधान (इकयावनवा सशोधन) अचधतनयम 1984 की धारा 3 दवारा (16-6-1986 स) परततसथावपत 3 सववधान (सततावनवा सशोधन) अचधतनयम 1987 की धारा 2 दवारा (21-9-1987 स) अतःसथावपत 4 सववधान (िौरासीवा सशोधन) अचधतनयम 2001 की धारा 6 दवारा ldquo2000rdquo क सथान पर (21-2-2002 स)
परततसथावपत
भारत का सववधान
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1[(3ख) खड (3) म ककसी बात क होत हए भी सन 2[2026] क पिात की गई पहली जनगणना क आधार पर तरतरपरा राजय की ववधान सभा म सथानो की सखया क अनचछद 170 क अधीन पनःसमायोजन क परभावी होन तक जो सथान उस ववधान सभा म अनसचित जनजाततयो क ललए आरकषकषत ककए जाएग व उतन सथान होग जजनकी सखया का अनपात सथानो की कल सखया क उस अनपात स कम नही होगा जो ववदयमान ववधान सभा म अनसचित जनजाततयो क सदसयो की सववधान (बहततरवा सशोधन) अचधतनयम 1992 क परवतत होन की तारीख को यथाववदयमान सखया का अनपात उकत तारीख को उस ववधान सभा म सथानो की कल सखया स ह ]
(4) असम राजय की ववधान सभा म ककसी सवशासी जजल क ललए आरकषकषत सथानो की सखया का अनपात उस ववधान सभा म सथानो की कल सखया क उस अनपात स कम नही होगा जो उस जजल की जनसखया का अनपात उस राजय की कल जनसखया स ह
(5) 3 असम क ककसी सवशासी जजल क ललए आरकषकषत सथानो क तनवाविन-कषतरो म उस जजल क बाहर का कोई कषतर समाववषट नही होगा
(6) कोई वयकतकत जो असम राजय क ककसी सवशासी जजल की अनसचित जनजातत का सदसय नही ह उस राजय की ववधान सभा क ललए उस जजल क ककसी तनवाविन-कषतर स तनवावचित होन का पातर नही होगा
4[परत असम राजय की ववधान सभा क तनवाविनो क ललए बोडोलड परादलशक पररषद कषतर जजला म सजममललत तनवाविन-कषतरो म अनसचित जनजाततयो और गर-अनसचित जनजाततयो का परतततनचधतव जो उस परकार अचधसचित ककया गया था और बोडोलड परादलशक कषतर जजला क गठन स पवव ववदयमान था बनाए रखा जाएगा ]
333 राजयो की ववधान सभाओ म आगल-भारतीय समदाय का परतततनचधतवndashअनचछद 170 म ककसी बात क होत हए भी यटद ककसी राजय क राजयपाल 5 की यह राय ह कक उस राजय की ववधान सभा म आगल-भारतीय समदाय का परतततनचधतव आवशयक ह और उसम उसका परतततनचधतव पयावपत नही ह तो वह उस ववधान सभा म 6[उस समदाय का एक सदसय नामतनदलशत कर सकगा]
1 सववधान (बहततरवा सशोधन) अचधतनयम 1992 की धारा 2 दवारा (5-12-1992 स) अतःसथावपत 2 सववधान (िौरासीवा सशोधन) अचधतनयम 2001 की धारा 7 दवारा (21-2-2002 स) ldquo2000rdquo क सथान पर
परततसथावपत 3 पवोततर कषतर (पनगवठन) अचधतनयम 1971 (1971 का 81) की धारा 71 दवारा (21-1-1972 स) कततपय शबदो का
लोप ककया गया 4 सववधान (नबबवा सशोधन) अचधतनयम 2003 की धारा 2 दवारा (28-9-2003 स) अतःसथावपत 5 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा (1-11-1956 स) ldquoया राजपरमखrdquo
शबदो का लोप ककया गया 6 सववधान (तईसवा सशोधन) अचधतनयम 1969 की धारा 4 दवारा ldquoउस ववधान सभा म उस समदाय क जजतन सदसय
वह समचित समझ नामतनदलशत कर सकगाrdquo क सथान पर (23-1-1970 स) परततसथावपत
भारत का सववधान
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334 सथानो क आरकषण और ववशष परतततनचधतव का 1[सततर वषव] क पिात न रहनाndashइस भाग क पववगामी उपबधो म ककसी बात क होत हए भीndash
(क) लोक सभा म और राजयो की ववधान सभाओ म अनसचित जाततयो और अनसचित जनजाततयो क ललए सथानो क आरकषण सबधी और
(ख) लोक सभा म और राजयो की ववधान सभाओ म नामतनदशन दवारा आगल-भारतीय समदाय क परतततनचधतव सबधी
इस सववधान क उपबध इस सववधान क परारभ स 5[सततर वषव] की अवचध की समातपत पर परभावी नही रहग
परनत इस अनचछद की ककसी बात स लोक सभा म या ककसी राजय की ववधान सभा म ककसी परतततनचधतव पर तब तक कोई परभाव नही पडगा जब तक यथाजसथतत उस समय ववदयमान लोक सभा या ववधान सभा का ववघिन नही हो जाता ह
335 सवाओ और पदो क ललए अनसचित जाततयो और अनसचित जनजाततयो क दावndashसघ या ककसी राजय क कायवकलाप स सबचधत सवाओ और पदो क ललए तनयकतकतया करन म अनसचित जाततयो और अनसचित जनजाततयो क सदसयो क दावो का परशासन की दकषता बनाए रखन की सगतत क अनसार धयान रखा जाएगा
2[परनत इस अनचछद की कोई बात अनसचित जाततयो और अनसचित जनजाततयो क सदसयो क पकष म सघ या ककसी राजय क कायवकलाप स सबचधत सवाओ क ककसी वगव या वगो म या पदो पर परोननतत क मामलो म आरकषण क ललए ककसी परीकषा म अहवक अको म छि दन या मलयाकन क मानको को घिान क ललए उपबध करन स तनवाररत नही करगी ]
336 कछ सवाओ म आगल-भारतीय समदाय क ललए ववशष उपबधndash(1) इस सववधान क परारभ क पिात परथम दो वषव क दौरान सघ की रल सीमाशलक डाक और तार सबधी सवाओ म पदो क ललए आगल-भारतीय समदाय क सदसयो की तनयकतकतया उसी आधार पर की जाएगी जजस आधार पर 15 अगसत 1947 स ठीक पहल की जाती थी
परतयक उततरवती दो वषव की अवचध क दौरान उकत समदाय क सदसयो क ललए उकत सवाओ म आरकषकषत पदो की सखया ठीक पवववती दो वषव की अवचध क दौरान इस परकार आरकषकषत सखया स यथासभव तनकितम दस परततशत कम होगी
परनत इस सववधान क परारभ स दस वषव क अत म ऐस सभी आरकषण समापत हो जाएग
1 सववधान (पिानववा सशोधन) अचधतनयम 2009 की धारा 2 दवारा (25-1-2010 स) ldquoसाठ वषवrdquo क सथान पर
परततसथावपत 2 सववधान (बयासीवा सशोधन) अचधतनयम 2000 की धारा 2 दवारा (6-9-2000 स) अतःसथावपत
भारत का सववधान
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(2) यटद आगल-भारतीय समदाय क सदसय अनय समदायो क सदसयो की तलना म गणागण क आधार पर तनयकतकत क ललए अटहवत पाए जाए तो खड (1) क अधीन उस समदाय क ललए आरकषकषत पदो स लभनन या उनक अततररकत पदो पर आगल-भारतीय समदाय क सदसयो की तनयकतकत को उस खड की कोई बात वजजवत नही करगी
337 आगल-भारतीय समदाय क फायद क ललए शकषकषक अनदान क ललए ववशष उपबधndashइस सववधान क परारभ क पिात परथम तीन ववततीय वषो क दौरान आगल-भारतीय समदाय क फायद क ललए लशकषा क सबध म सघ और 1 परतयक राजय दवारा वही अनदान यटद कोई हो टदए जाएग जो 31 मािव 1948 को समापत होन वाल ववततीय वषव म टदए गए थ
परतयक उततरवती तीन वषव की अवचध क दौरान अनदान ठीक पवववती तीन वषव की अवचध की अपकषा दस परततशत कम हो सक ग
परनत इस सववधान क परारभ स दस वषव क अत म ऐस अनदान जजस मातरा तक व आगल-भारतीय समदाय क ललए ववशष ररयायत ह उस मातरा तक समापत हो जाएग
परनत यह और कक कोई लशकषा ससथा इस अनचछद क अधीन अनदान परापत करन की तब तक हकदार नही होगी जब तक उसक वावषवक परवशो म कम स कम िालीस परततशत परवश आगल-भारतीय समदाय स लभनन समदायो क सदसयो क ललए उपलबध नही ककए जात ह
338 2[राषटरीय अनसचित जातत आयोग]ndash 3[4[(1) अनसचित जाततयो क ललए एक आयोग होगा जो राषटरीय अनसचित जातत आयोग क नाम स जञात होगा
(2) ससद दवारा इस तनलमतत बनाई गई ककसी ववचध क उपबधो क अधीन रहत हए आयोग एक अधयकष एक उपाधयकष और तीन अनय सदसयो स लमलकर बनगा और इस परकार तनयकत ककए गए अधयकष उपाधयकष और अनय सदसयो की सवा की शत और पदावचध ऐसी होगी जो राषटरपतत तनयम दवारा अवधाररत कर ]
(3) राषटरपतत अपन हसताकषर और मदरा सटहत अचधपतर दवारा आयोग क अधयकष उपाधयकष और अनय सदसयो को तनयकत करगा 1 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा ldquoपहली अनसिी क भाग क या
भाग ख म ववतनटदवषटrdquo शबदो और अकषरो का (1-11-1956 स) लोप ककया गया 2 सववधान (नवासीवा सशोधन) अचधतनयम 2003 की धारा 2 दवारा (19-2-2004 स) पारशव शीषव क सथान पर
परततसथावपत 3 सववधान (पसठवा सशोधन) अचधतनयम 1990 की धारा 2 दवारा (12-3-1992 स) खड (1) और खड (2) क सथान
पर खड (1) स खड (9) तक परततसथावपत ककए गए 4 सववधान (नवासीवा सशोधन) अचधतनयम 2003 की धारा 2 दवारा (19-2-2004 स) खड (1) और (2) क सथान
पर परततसथावपत
भारत का सववधान
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(4) आयोग को अपनी परकिया सवय ववतनयलमत करन की शकतकत होगी (5) आयोग का यह कतववय होगा कक वहndash
(क) अनसचित जाततयो 1 क ललए इस सववधान या ततसमय परवतत ककसी अनय ववचध या सरकार क ककसी आदश क अधीन उपबचधत रकषोपायो स सबचधत सभी ववषयो का अनवषण कर और उन पर तनगरानी रख तथा ऐस रकषोपायो क कायवकरण का मलयाकन कर
(ख) अनसचित जाततयो 1 को उनक अचधकारो और रकषोपायो स वचित करन की बाबत ववतनटदवषट लशकायतो की जाि कर
(ग) अनसचित जाततयो 1 क सामाजजक-आचथवक ववकास की योजना परकिया म भाग ल और उन पर सलाह द तथा सघ और ककसी राजय क अधीन उनक ववकास की परगतत का मलयाकन कर
(घ) उन रकषोपायो क कायवकरण क बार म परततवषव और ऐस अनय समयो पर जो आयोग ठीक समझ राषटरपतत को परततवदन द
(ङ) ऐस परततवदनो म उन उपायो क बार म जो उन रकषोपायो क परभावपणव कायावनवयन क ललए सघ या ककसी राजय दवारा ककए जान िाटहए तथा अनसचित जाततयो 1 क सरकषण कलयाण और सामाजजक-आचथवक ववकास क ललए अनय उपायो क बार म लसफाररश कर
(ि) अनसचित जाततयो 1 क सरकषण कलयाण ववकास तथा उननयन क सबध म ऐस अनय कतयो का तनववहन कर जो राषटरपतत ससद दवारा बनाई गई ककसी ववचध क उपबधो क अधीन रहत हए तनयम दवारा ववतनटदवषट कर (6) राषटरपतत ऐस सभी परततवदनो को ससद क परतयक सदन क समकष रखवाएगा
और उसक साथ सघ स सबचधत लसफाररशो पर की गई या ककए जान क ललए परसथावपत कारववाई तथा यटद कोई ऐसी लसफाररश असवीकत की गई ह तो असवीकतत क कारणो को सपषट करन वाला जञापन भी होगा
(7) जहा कोई ऐसा परततवदन या उसका कोई भाग ककसी ऐस ववषय स सबचधत ह जजसका ककसी राजय सरकार स सबध ह तो ऐस परततवदन की एक परतत उस राजय क राजयपाल को भजी जाएगी जो उस राजय क ववधान-मडल क समकष रखवाएगा और उसक साथ राजय स सबचधत लसफाररशो पर की गई या ककए जान क ललए परसथावपत कारववाई तथा यटद कोई ऐसी लसफाररश असवीकत की गई ह तो असवीकतत क कारणो को सपषट करन वाला जञापन भी होगा
1 सववधान (नवासीवा सशोधन) अचधतनयम 2003 की धारा 2 दवारा (19-2-2004 स) ldquoऔर अनसचित जनजाततयोrdquo
शबदो का लोप ककया गया
भारत का सववधान
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(8) आयोग को खड (5) क उपखड (क) म तनटदवषट ककसी ववषय का अनवषण करत समय या उपखड (ख) म तनटदवषट ककसी पररवाद क बार म जाि करत समय ववलशषटतया तनमनललखखत ववषयो क सबध म व सभी शकतकतया होगी जो वाद का वविारण करत समय लसववल नयायालय को ह अथावत ndash
(क) भारत क ककसी भी भाग स ककसी वयकतकत को समन करना और हाजजर कराना तथा शपथ पर उसकी परीकषा करना
(ख) ककसी दसतावज को परकि और पश करन की अपकषा करना (ग) शपथपतरो पर साकषय गरहण करना (घ) ककसी नयायालय या कायावलय स ककसी लोक अलभलख या उसकी परतत
की अपकषा करना (ङ) साकषकषयो और दसतावजो की परीकषा क ललए कमीशन तनकालना (ि) कोई अनय ववषय जो राषटरपतत तनयम दवारा अवधाररत कर
(9) सघ और परतयक राजय सरकार अनसचित जाततयो 1 को परभाववत करन वाल सभी महतवपणव नीततगत ववषयो पर आयोग स परामशव करगी ]
2[(10)] इस अनचछद म अनसचित जाततयो 1 क परतत तनदश का यह अथव लगाया जाएगा कक इसक अतगवत 3 आगल-भारतीय समदाय क परतत तनदश भी ह
4[338क राषटरीय अनसचित जनजातत आयोगndash(1) अनसचित जनजाततयो क ललए एक आयोग होगा जो राषटरीय अनसचित जनजातत आयोग क नाम स जञात होगा
(2) ससद दवारा इस तनलमतत बनाई गई ककसी ववचध क उपबधो क अधीन रहत हए आयोग एक अधयकष उपाधयकष और तीन अनय सदसयो स लमलकर बनगा और इस परकार तनयकत ककए गए अधयकष उपाधयकष और अनय सदसयो की सवा की शत और पदावचध ऐसी होगी जो राषटरपतत तनयम दवारा अवधाररत कर
1 सववधान (नवासीवा सशोधन) अचधतनयम 2003 की धारा 2 दवारा (19-2-2004 स) ldquoऔर अनसचित जनजाततयोrdquo
शबदो का लोप ककया गया 2 सववधान (पसठवा सशोधन) अचधतनयम1990 की धारा 2 दवारा (12-3-1992 स) खड (3) को खड (10) क रप म
पनःसखयाककत ककया गया 3 सववधान (एक सौ दोवा सशोधन) अचधतनयम 2018 की धारा 2 दवारा (11-8-2018 स) ऐस अनय वपछड वगो क
परतत तनदश जजनको राषटरपतत अनचछद 340 क खड (1) क अधीन तनयकत आयोग क परततवदन की परातपत पर आदश दवारा ववतनटदवषट कर और आगल-भारतीय समदाय परतत तनदश भी ह शबदो अको और कोषठको क सथान पर परततसथावपत
4 सववधान (नवासीवा सशोधन) अचधतनयम 2003 की धारा 3 दवारा (19-2-2004 स) अतःसथावपत
भारत का सववधान
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(3) राषटरपतत अपन हसताकषर और मदरा सटहत अचधपतर दवारा आयोग क अधयकष उपाधयकष और अनय सदसयो को तनयकत करगा
(4) आयोग को अपनी परकिया सवय ववतनयलमत करन की शकतकत होगी (5) आयोग का यह कतववय होगा कक वहndash
(क) अनसचित जनजाततयो क ललए इस सववधान या ततसमय परवतत ककसी अनय ववचध या सरकार क ककसी आदश क अधीन उपबचधत रकषोपायो स सबचधत सभी ववषयो का अनवषण कर और उन पर तनगरानी रख तथा ऐस रकषोपायो क कायवकरण का मलयाकन कर
(ख) अनसचित जनजाततयो को उनक अचधकारो और रकषोपायो स वचित करन क समबनध म ववतनटदवषट लशकायतो की जाि कर
(ग) अनसचित जनजाततयो क सामाजजक-आचथवक ववकास की योजना परकिया म भाग ल और उन पर सलाह द तथा सघ और ककसी राजय क अधीन उनक ववकास की परगतत का मलयाकन कर
(घ) उन रकषोपायो क कायवकरण क बार म परततवषव और ऐस अनय समयो पर जो आयोग ठीक समझ राषटरपतत को ररपोिव परसतत कर
(ङ) ऐसी ररपोिो म उन उपायो क बार म जो उन रकषोपायो क परभावपणव कायावनवयन क ललए सघ या ककसी राजय दवारा ककए जान िाटहए तथा अनसचित जनजाततयो क सरकषण कलयाण और सामाजजक-आचथवक ववकास क ललए अनय उपायो क बार म लसफाररश कर और
(ि) अनसचित जनजाततयो क सरकषण कलयाण और ववकास तथा उननयन क सबध म ऐस अनय कतयो का तनववहन कर जो राषटरपतत ससद दवारा बनाई गई ककसी ववचध क उपबधो क अधीन रहत हए तनयम दवारा ववतनटदवषट कर (6) राषटरपतत ऐसी सभी ररपोिो को ससद क परतयक सदन क समकष रखवाएगा
और उनक साथ सघ स सबचधत लसफाररशो पर की गई या ककए जान क ललए परसथावपत कारववाई तथा यटद कोई ऐसी लसफाररश असवीकत की गई ह तो असवीकतत क कारणो को सपषट करन वाला जञापन भी होगा
(7) जहा कोई ऐसी ररपोिव या उसका कोई भाग ककसी ऐस ववषय स सबचधत ह जजसका ककसी राजय सरकार स सबध ह तो ऐसी ररपोिव की एक परतत उस राजय क राजयपाल को भजी जाएगी जो उस राजय क ववधान-मडल क समकष रखवाएगा और उसक साथ राजय स सबचधत लसफाररशो पर की गई या ककए जान क ललए परसथावपत कारववाई तथा यटद कोई ऐसी लसफाररश असवीकत की गई ह तो असवीकतत क कारणो को सपषट करन वाला जञापन भी होगा
भारत का सववधान
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(8) आयोग को खड (5) क उपखड (क) म तनटदवषट ककसी ववषय का अनवषण करत समय या उपखड (ख) म तनटदवषट ककसी पररवाद क बार म जाि करत समय ववलशषटतया तनमनललखखत ववषयो क सबध म व सभी शकतकतया होगी जो वाद का वविारण करत समय लसववल नयायालय को ह अथावत ndash
(क) भारत क ककसी भी भाग स ककसी वयकतकत को समन करना और हाजजर कराना तथा शपथ पर उसकी परीकषा करना
(ख) ककसी दसतावज को परकि और पश करन की अपकषा करना (ग) शपथपतरो पर साकषय गरहण करना (घ) ककसी नयायालय या कायावलय स ककसी लोक अलभलख या उसकी परतत
की अधयपकषा करना (ङ) साकषकषयो और दसतावजो की परीकषा क ललए कमीशन तनकालना (ि) कोई अनय ववषय जो राषटरपतत तनयम दवारा अवधाररत कर
(9) सघ और परतयक राजय सरकार अनसचित जनजाततयो को परभाववत करन वाल सभी महतवपणव नीततगत ववषयो पर आयोग स परामशव करगी ]
1[338ख वपछड वगो क ललए राषzwjट रीय आयोगndash(1) सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगो क ललए एक आयोग होगा जो राषzwjट रीय वपछडा वगव आयोग क नाम स जञात होगा
(2) ससद दवारा इस तनलमतत बनाई गई ककसी ववचध क उपबधो क अधीन रहत हए आयोग एक अध यकष उपाध यकष और तीन अन य सदस यो स लमलकर बनगा और इस परकार तनयक त ककए गए अध यकष उपाध यकष और अन य सदस यो की सवा की शत और पदावचध ऐसी होगी जो राषzwjट रपतत तनयम दवारा अवधाररत कर
(3) राषzwjट रपतत अपन हस ताकषर और मदरा सटहत अचधपतर दवारा आयोग क अध यकष उपाध यकष और अन य सदस यो को तनयक त करगा
(4) आयोग को अपनी परकिया स वय ववतनयलमत करन की शजक त होगी (5) आयोग का यह कतवव य होगा कक वहmdash
(क) सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगो क ललए इस सववधान या तत समय परवतत ककसी अन य ववचध या सरकार क ककसी आदश क अधीन उपबचधत रकषोपायो स सबचधत सभी ववषयो का अन वषण कर और उन पर तनगरानी रख तथा ऐस रकषोपायो क कायवकरण का मलयाकन कर
(ख) सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगो को उनक अचधकारो और रकषोपायो स वचित करन क सबध म ववतनटदवषzwjट ि लशकायतो की जाि कर
1 सववधान (एक सौ दोवा सशोधन) अचधतनयम 2018 की धारा 3 दवारा (11-8-2018 स) अतःसथावपत
भारत का सववधान
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(ग) सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगो क सामाजजक- आचथवक ववकास क सबध म भाग ल और उन पर सलाह द तथा सघ और ककसी राज य क अधीन उनक ववकास की परगतत का मल याकन कर
(घ) उन रकषोपायो क कायवकरण क बार म परततवषव और ऐस अन य समयो पर जो आयोग ठीक समझ राषzwjट रपतत को ररपोिव परस तत कर
(ङ) ऐसी ररपोिो म उन उपायो क बार म जो उन रकषोपायो क परभावपणव कायावनवयन क ललए सघ या ककसी राज य दवारा ककए जान िाटहए तथा सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगो क सरकषण कल याण और सामाजजक-आचथवक ववकास क ललए अन य उपायो क बार म लसफाररश कर और
(ि) सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगो क सरकषण कल याण और ववकास तथा उननयन क सबध म ऐस अन य कत यो का तनववहन कर जो राषzwjट रपतत ससद दवारा बनाई गई ककसी ववचध क उपबधो क अधीन रहत हए तनयम दवारा ववतनटदवषzwjट ि कर (6) राषzwjट रपतत ऐसी सभी ररपोिो को ससद क परतयक सदन क समकष रखवाएगा
और उनक साथ सघ स सबचधत लसफाररशो पर की गई या ककए जान क ललए परसथावपत कारववाई तथा यटद कोई ऐसी लसफाररश असवीकत की गई ह तो असवीकतत क कारणो को सपषट करन वाला जञापन भी होगा
(7) जहा कोई ऐसी ररपोिव या उसका कोई भाग ककसी ऐस ववषय स सबचधत ह जजसका राज य सरकार स सबध ह तो ऐसी ररपोिव की एक परतत उस राज य सरकार को भजी जाएगी जो उस राजय क ववधान-मडल क समकष रखवाएगी और उसक साथ राज य स सबचधत लसफाररशो पर की गई या ककए जान क ललए परसथावपत कारववाई तथा यटद कोई ऐसी लसफाररश असवीकत की गई ह तो अस वीकतत क कारणो को सपषट करन वाला जञापन भी होगा
(8) आयोग को खड (5) क उपखड (क) म तनटदवषzwjट ि ककसी ववषय का अन वषण करत समय या उपखड (ख) म तनटदवषzwjट ि ककसी पररवाद क बार म जाि करत समय ववलशषzwjट ितया तनम नललखखत ववषयो क सबध म व सभी शजक तया होगी जो वाद का वविारण करत समय लसववल नयायालय को ह अथावत --
(क) भारत क ककसी भी भाग स ककसी व यजक त को समन करना और हाजजर कराना तथा शपथ पर उसकी परीकषा करना
(ख) ककसी दस तावज को परकि और पश करन की अपकषा करना (ग) शपथपतरो पर साकष य गरहण करना (घ) ककसी न यायालय या कायावलय स ककसी लोक अलभलख या उसकी परतत
की अधयपकषा करना (ङ) साकषकषयो और दस तावजो की परीकषा क ललए कमीशन तनकालना (ि) कोई अन य ववषय जो राषzwjट रपतत तनयम दवारा अवधाररत कर
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(9) सघ और परत यक राज य सरकार सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगो को परभाववत करन वाल सभी महतवपणव नीततगत ववषयो पर आयोग स परामशव करगी ]
339 अनसचित कषतरो क परशासन और अनसचित जनजाततयो क कलयाण क बार म सघ का तनयतरणndash(1) राषटरपतत 1 राजयो क अनसचित कषतरो क परशासन और अनसचित जनजाततयो क कलयाण क बार म परततवदन दन क ललए आयोग की तनयकतकत आदश दवारा ककसी भी समय कर सकगा और इस सववधान क परारभ स दस वषव की समातपत पर करगा
आदश म आयोग की सरिना शकतकतया और परकिया पररतनजित की जा सक गी और उसम ऐस आनषचगक या सहायक उपबध समाववषट हो सक ग जजनह राषटरपतत आवशयक या वाछनीय समझ
(2) सघ की कायवपाललका शकतकत का ववसतार 2[ककसी राजय] को ऐस तनदश दन तक होगा जो उस राजय की अनसचित जनजाततयो क कलयाण क ललए तनदश म आवशयक बताई गई सकीमो क बनान और तनषzwjटपादन क बार म ह
340 वपछड वगो की दशाओ क अनवषण क ललए आयोग की तनयकतकतndash (1) राषटरपतत भारत क राजयकषतर क भीतर सामाजजक और शकषकषक दवषट स वपछड वगो की दशाओ क और जजन कटठनाइयो को व झल रह ह उनक अनवषण क ललए और उन कटठनाइयो को दर करन और उनकी दशा को सधारन क ललए सघ या ककसी राजय दवारा जो उपाय ककए जान िाटहए उनक बार म और उस परयोजन क ललए सघ या ककसी राजय दवारा जो अनदान ककए जान िाटहए और जजन शतो क अधीन व अनदान ककए जान िाटहए उनक बार म लसफाररश करन क ललए आदश दवारा एक आयोग तनयकत कर सकगा जो ऐस वयकतकतयो स लमलकर बनगा जो वह ठीक समझ और ऐस आयोग को तनयकत करन वाल आदश म आयोग दवारा अनसरण की जान वाली परकिया पररतनजित की जाएगी
(2) इस परकार तनयकत आयोग अपन को तनदलशत ववषयो का अनवषण करगा और राषटरपतत को परततवदन दगा जजसम उसक दवारा पाए गए तथय उपवखणवत ककए जाएग और जजसम ऐसी लसफाररश की जाएगी जजनह आयोग उचित समझ
(3) राषटरपतत इस परकार टदए गए परततवदन की एक परतत उस पर की गई कारववाई को सपषट करन वाल जञापन सटहत ससद क परतयक सदन क समकष रखवाएगा
1 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा ldquoपहली अनसिी क भाग क और
भाग ख म ववतनटदवषटrdquo शबदो और अकषरो का (1-11-1956 स) लोप ककया गया
2 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा ldquoककसी ऐस राजयrdquo क सथान पर (1-11-1956 स) परततसथावपत
भारत का सववधान
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341 अनसचित जाततयाndash(1) राषटरपतत 1[ककसी राजय 2[या सघ राजयकषतर] क सबध म और जहा वह 3 राजय ह वहा उसक राजयपाल 4 स परामशव करन क पिात] लोक अचधसिना5 दवारा उन जाततयो मलवशो या जनजाततयो अथवा जाततयो मलवशो या जनजाततयो क भागो या उनम क यथो को ववतनटदवषट कर सकगा जजनह इस सववधान क परयोजनो क ललए 2[यथाजसथतत] उस राजय 2[या सघ राजयकषतर] क सबध म अनसचित जाततया समझा जाएगा
(2) ससद ववचध दवारा ककसी जातत मलवश या जनजातत को अथवा जातत मलवश या जनजातत क भाग या उसम क यथ को खड (1) क अधीन तनकाली गई अचधसिना म ववतनटदवषट अनसचित जाततयो की सिी म सजममललत कर सकगी या उसम स अपवजजवत कर सकगी ककनत जसा ऊपर कहा गया ह उसक लसवाय उकत खड क अधीन तनकाली गई अचधसिना म ककसी पिातवती अचधसिना दवारा पररवतवन नही ककया जाएगा
342 अनसचित जनजाततयाndash(1) राषटरपतत 6[ककसी राजय 2[या सघ राजयकषतर] क सबध म और जहा वह 7 राजय ह वहा उसक राजयपाल 4 स परामशव करन क पिात] लोक अचधसिना5 दवारा उन जनजाततयो या जनजातत समदायो अथवा जनजाततयो या जनजातत समदायो क भागो या उनम क यथो को ववतनटदवषट कर सकगा जजनह इस सववधान क परयोजनो क ललए 8[यथाजसथतत] उस राजय 2[या सघ राजयकषतर] क सबध म अनसचित जनजाततया समझा जाएगा
1 सववधान (पहला सशोधन) अचधतनयम 1951 की धारा 10 दवारा ldquoराजय क राजयपाल या राजपरमख स परामशव
करन क पिातrdquo क सथान पर (18-6-1951 स) परततसथावपत 2 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा (1-11-1956 स) अतःसथावपत 3 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा ldquoपहली अनसिी क भाग क या
भाग ख म ववतनटदवषटrdquo शबदो और अकषरो का लोप ककया गया
4 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा ldquoया राजपरमखrdquo शबदो का लोप ककया गया
5 सववधान (अनसचित जाततया) आदश 1950 (सआ 19) सववधान (अनसचित जाततया) (सघ राजयकषतर) आदश 1951 (सआ 32) सववधान (जमम-कशमीर) अनसचित जाततया आदश 1956 (सआ 52) सववधान (दादरा और नागर हवली) अनसचित जाततया आदश 1962 (सआ 64) सववधान (पाकतडिरी) अनसचित जाततया आदश 1964 (सआ 68) सववधान (गोवा दमण और दीव) अनसचित जाततया आदश 1968 (सआ 81) और सववधान (लसजककम) अनसचित जाततया आदश 1978 (सआ 110) दखखए
6 सववधान (पहला सशोधन) अचधतनयम 1951 की धारा 11 दवारा ldquoराजय क राजयपाल या राजपरमख स परामशव करन क पिातrdquo क सथान पर (18-6-1951 स) परततसथावपत
7 सववधान (सातवा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा ldquoपहली अनसिी क भाग क या भाग ख म ववतनटदवषटrdquo शबदो और अकषरो का (1-11-1956 स) लोप ककया गया
8 सववधान (अनसचित जनजाततया) आदश 1950 (सआ 22) सववधान (अनसचित जनजाततया) (सघ राजयकषतर) आदश 1951 (सआ 33) सववधान (अडमान और तनकोबार दवीप) अनसचित जनजाततया आदश 1959 (सआ 58) सववधान (दादरा और नागर हवली) अनसचित जनजाततया आदश 1962 (सआ 65) सववधान (अनसचित जनजाततया) (उततर परदश) आदश 1967 (सआ 78) सववधान (गोवा दमण और दीव) अनसचित जनजाततया आदश 1968 (सआ 82) सववधान (नागालड) अनसचित जनजाततया आदश 1970 (सआ 88) और सववधान (लसजककम) अनसचित जनजाततया आदश 1978 (सआ 111) दखखए
भारत का सववधान
201
(2) ससद ववचध दवारा ककसी जनजातत या जनजातत समदाय को अथवा ककसी जनजातत या जनजातत समदाय क भाग या उसम क यथ को खड (1) क अधीन तनकाली गई अचधसिना म ववतनटदवषट अनसचित जनजाततय की सिी म सजममललत कर सकगी या उसम स
अपवजजवत कर सकगी ककनत जसा ऊपर कहा गया ह उसक लसवाय उकत खड क अधीन
तनकाली गई अचधसिना म ककसी पिातवती अचधसिना दवारा पररवतवन नही ककया जाएगा 1[342क सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगवndash(1) राषzwjट रपतत ककसी राज य
या सघ राज यकषतर क सबध म और जहा वह राज य ह वहा उसक राज यपाल स परामशव करन क पश िात लोक अचधसिना दवारा सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स ऐस वपछड वगो को ववतनटदवषzwjट ि कर सकगा जजनह इस सववधान क परयोजनो क ललए यथाजस थतत उस राज य या सघ राज यकषतर क सबध म सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछडा वगव समझा जाएगा
(2) ससद ववचध दवारा ककसी सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगव को खड (1) क अधीन तनकाली गई अचधसिना म ववतनटदवषzwjट ि सामाजजक और शकषकषक दजषzwjट ि स वपछड वगो की कनदरीय सिी म सजममललत कर सकगी या उसम स अपवजजवत कर सकगी ककन त जसा ऊपर कहा गया ह उसक लसवाय उक त खड क अधीन तनकाली गई अचधसिना म ककसी पश िातवती अचधसिना दवारा पररवतवन नही ककया जाएगा ]
1 सववधान (एक सौ दोवा सशोधन) अचधतनयम 2018 की धारा 4 दवारा (11-8-2018 स) परततसथावपत
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भाग 17 राजभाषा
अधयाय 1 ndash सघ की भाषा 343 सघ की राजभाषा ndash (1) सघ की राजभाषा हिनदी और लिपि दवनागरी
िोगी सघ क शासकीय परयोजनो क लिए परयोग िोन वाि अको का रि भारतीय अको
का अतरराषटरीय रि िोगा (2) खड (1) म ककसी बात क िोत िए भी इस सपवधान क परारभ स िनरि वषष
की अवधध तक सघ क उन सभी शासकीय परयोजनो क लिए अगरजी भाषा का परयोग ककया जाता रिगा जजनक लिए उसका ऐस परारभ स ठीक ििि परयोग ककया जा रिा था
िरनत राषटरितत उकत अवधध क दौरान आदश1 दवारा सघ क शासकीय परयोजनो म स ककसी क लिए अगरजी भाषा क अततररकत हिनदी भाषा का और भारतीय अको क अतरराषटरीय रि क अततररकत दवनागरी रि का परयोग पराधधकत कर सकगा
(3) इस अनचछद म ककसी बात क िोत िए भी ससद उकत िनरि वषष की अवधध क िशचात पवधध दवारा ndash
(क) अगरजी भाषा का या (ख) अको क दवनागरी रि का
ऐस परयोजनो क लिए परयोग उिबधधत कर सकगी जो ऐसी पवधध म पवतनहदषषट ककए जाए
344 राजभाषा क सबध म आयोग और ससद की सलमतत ndash (1) राषटरितत इस सपवधान क परारभ स िाच वषष की समाति िर और ततिशचात ऐस परारभ स दस वषष की समाति िर आदश दवारा एक आयोग गहठत करगा जो एक अधयकष और आठवी अनसची म पवतनहदषषट पवलभनन भाषाओ का परतततनधधतव करन वाि ऐस अनय सदसयो स लमिकर बनगा जजनको राषटरितत तनयकत कर और आदश म आयोग दवारा अनसरण की जान वािी परकिया िररतनजशचत की जाएगी
(2) आयोग का यि कतषवय िोगा कक वि राषटरितत को ndash (क) सघ क शासकीय परयोजनो क लिए हिनदी भाषा क अधधकाधधक
परयोग (ख) सघ क सभी या ककनिी शासकीय परयोजनो क लिए अगरजी भाषा क
परयोग िर तनबधनो (ग) अनचछद 348 म उजलिखखत सभी या ककनिी परयोजनो क लिए परयोग
की जान वािी भाषा 1 सआ 41 दखखए
भारत का सपवधान
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(घ) सघ क ककसी एक या अधधक पवतनहदषषट परयोजनो क लिए परयोग ककए जान वाि अको क रि
(ङ) सघ की राजभाषा तथा सघ और ककसी राजय क बीच या एक राजय और दसर राजय क बीच ितराहद की भाषा और उनक परयोग क सबध म राषटरितत दवारा आयोग को तनदलशत ककए गए ककसी अनय पवषय
क बार म लसफाररश कर (3) खड (2) क अधीन अिनी लसफाररश करन म आयोग भारत की औदयोधगक
सासकततक और वजञातनक उननतत का और िोक सवाओ क सबध म अहिनदी भाषी कषतरो क वयकतकतयो क नयायसगत दावो और हितो का समयक धयान रखगा
(4) एक सलमतत गहठत की जाएगी जो तीस सदसयो स लमिकर बनगी जजनम स बीस िोक सभा क सदसय िोग और दस राजय सभा क सदसय िोग जो िमशः िोक सभा क सदसयो और राजय सभा क सदसयो दवारा आनिाततक परतततनधधतव िदधतत क अनसार एकि सिमणीय मत दवारा तनवाषधचत िोग
(5) सलमतत का यि कतषवय िोगा कक वि खड (1) क अधीन गहठत आयोग की लसफाररशो की िरीकषा कर और राषटरितत को उन िर अिनी राय क बार म परततवदन द
(6) अनचछद 343 म ककसी बात क िोत िए भी राषटरितत खड (5) म तनहदषषट परततवदन िर पवचार करन क िशचात उस सिणष परततवदन क या उसक ककसी भाग क अनसार तनदश द सकगा
अधयाय 2 ndash परादलशक भाषाए 345 राजय की राजभाषा या राजभाषाए ndash अनचछद 346 और अनचछद 347 क
उिबधो क अधीन रित िए ककसी राजय का पवधान-मडि पवधध दवारा उस राजय म परयोग िोन वािी भाषाओ म स ककसी एक या अधधक भाषाओ को या हिनदी को उस राजय क सभी या ककनिी शासकीय परयोजनो क लिए परयोग की जान वािी भाषा या भाषाओ क रि म अगीकार कर सकगा
िरनत जब तक राजय का पवधान-मडि पवधध दवारा अनयथा उिबध न कर तब तक राजय क भीतर उन शासकीय परयोजनो क लिए अगरजी भाषा का परयोग ककया जाता रिगा जजनक लिए उसका इस सपवधान क परारभ स ठीक ििि परयोग ककया जा रिा था
346 एक राजय और दसर राजय क बीच या ककसी राजय और सघ क बीच ितराहद की राजभाषा ndash सघ म शासकीय परयोजनो क लिए परयोग ककए जान क लिए ततसमय पराधधकत भाषा एक राजय और दसर राजय क बीच तथा ककसी राजय और सघ क बीच ितराहद की राजभाषा िोगी
भारत का सपवधान
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िरनत यहद दो या अधधक राजय यि करार करत ि कक उन राजयो क बीच ितराहद की राजभाषा हिनदी भाषा िोगी तो ऐस ितराहद क लिए उस भाषा का परयोग ककया जा सकगा
347 ककसी राजय की जनसखया क ककसी अनभाग दवारा बोिी जान वािी भाषा क सबध म पवशष उिबध ndash यहद इस तनलमतत माग ककए जान िर राषटरितत का यि समाधान िो जाता ि कक ककसी राजय की जनसखया का ियाषि भाग यि चािता ि कक उसक दवारा बोिी जान वािी भाषा को राजय दवारा मानयता दी जाए तो वि तनदश द सकगा कक ऐसी भाषा को भी उस राजय म सवषतर या उसक ककसी भाग म ऐस परयोजन क लिए जो वि पवतनहदषषट कर शासकीय मानयता दी जाए
अधयाय 3 ndash उचचतम नयायािय उचच नयायाियो आहद की भाषा 348 उचचतम नयायािय और उचच नयायाियो म और अधधतनयमो पवधयको
आहद क लिए परयोग की जान वािी भाषा ndash (1) इस भाग क िवषगामी उिबधो म ककसी बात क िोत िए भी जब तक ससद पवधध दवारा अनयथा उिबध न कर तब तक ndash
(क) उचचतम नयायािय और परतयक उचच नयायािय म सभी कायषवाहिया अगरजी भाषा म िोगी
(ख) (i) ससद क परतयक सदन या ककसी राजय क पवधान-मडि क सदन या परतयक सदन म िरःसथापित ककए जान वाि सभी पवधयको या परसतापवत ककए जान वाि उनक सशोधनो क
(ii) ससद या ककसी राजय क पवधान-मडि दवारा िाररत सभी अधधतनयमो क और राषटरितत या ककसी राजय क राजयिाि 1 दवारा परखयापित सभी अधयादशो क और
(iii) इस सपवधान क अधीन अथवा ससद या ककसी राजय क पवधान-मडि दवारा बनाई गई ककसी पवधध क अधीन तनकाि गए या बनाए गए सभी आदशो तनयमो पवतनयमो और उिपवधधयो क
पराधधकत िाठ अगरजी भाषा म िोग (2) खड (1) क उिखड (क) म ककसी बात क िोत िए भी ककसी राजय का
राजयिाि 1 राषटरितत की िवष सिमतत स उस उचच नयायािय की कायषवाहियो म जजसका मखय सथान उस राजय म ि हिनदी भाषा का या उस राजय क शासकीय परयोजनो क लिए परयोग िोन वािी ककसी अनय भाषा का परयोग पराधधकत कर सकगा
1 सपवधान (सातवा सशोधन) अधधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoया राजपरमखrdquo
शबदो का िोि ककया गया
भारत का सपवधान
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िरनत इस खड की कोई बात ऐस उचच नयायािय दवारा हदए गए ककसी तनणषय कतडिी या आदश को िाग निी िोगी
(3) खड (1) क उिखड (ख) म ककसी बात क िोत िए भी जिा ककसी राजय क पवधान-मडि न उस पवधान-मडि म िरःसथापित पवधयको म या उसक दवारा िाररत अधधतनयमो म अथवा उस राजय क राजयिाि 1 दवारा परखयापित अधयादशो म अथवा उस उिखड क िरा (iii) म तनहदषषट ककसी आदश तनयम पवतनयम या उिपवधध म परयोग क लिए अगरजी भाषा स लभनन कोई भाषा पवहित की ि विा उस राजय क राजितर म उस राजय क राजयिाि 1 क पराधधकार स परकालशत अगरजी भाषा म उसका अनवाद इस अनचछद क अधीन उसका अगरजी भाषा म पराधधकत िाठ समझा जाएगा
349 भाषा स सबधधत कछ पवधधया अधधतनयलमत करन क लिए पवशष परकिया ndash इस सपवधान क परारभ स िनरि वषष की अवधध क दौरान अनचछद 348 क खड (1) म उजलिखखत ककसी परयोजन क लिए परयोग की जान वािी भाषा क लिए उिबध करन वािा कोई पवधयक या सशोधन ससद क ककसी सदन म राषटरितत की िवष मजरी क बबना िरःसथापित या परसतापवत निी ककया जाएगा और राषटरितत ककसी ऐस पवधयक को िरःसथापित या ककसी ऐस सशोधन को परसतापवत ककए जान की मजरी अनचछद 344 क खड (1) क अधीन गहठत आयोग की लसफाररशो िर और उस अनचछद क खड (4) क अधीन गहठत सलमतत क परततवदन िर पवचार करन क िशचात िी दगा अनयथा निी
अधयाय 4 ndash पवशष तनदश 350 वयथा क तनवारण क लिए अभयावदन म परयोग की जान वािी भाषा ndash
परतयक वयकतकत ककसी वयथा क तनवारण क लिए सघ या राजय क ककसी अधधकारी या पराधधकारी को यथाजसथतत सघ म या राजय म परयोग िोन वािी ककसी भाषा म अभयावदन दन का िकदार िोगा
2[350क पराथलमक सतर िर मातभाषा म लशकषा की सपवधाए ndash परतयक राजय और राजय क भीतर परतयक सथानीय पराधधकारी भाषाई अलिसखयक वगो क बािको को लशकषा क पराथलमक सतर िर मातभाषा म लशकषा की ियाषि सपवधाओ की वयवसथा करन का परयास करगा और राषटरितत ककसी राजय को ऐस तनदश द सकगा जो वि ऐसी सपवधाओ का उिबध सतनजशचत करान क लिए आवशयक या उधचत समझता ि
1 सपवधान (सातवा सशोधन) अधधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoया राजपरमखrdquo
शबदो का िोि ककया गया 2 सपवधान (सातवा सशोधन) अधधतनयम 1956 की धारा 21 दवारा (1-11-1956 स) अतःसथापित
भारत का सपवधान
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350ख भाषाई अलिसखयक-वगो क लिए पवशष अधधकारी ndash (1) भाषाई अलिसखयक-वगो क लिए एक पवशष अधधकारी िोगा जजस राषटरितत तनयकत करगा
(2) पवशष अधधकारी का यि कतषवय िोगा कक वि इस सपवधान क अधीन भाषाई अलिसखयक-वगो क लिए उिबधधत रकषोिायो स सबधधत सभी पवषयो का अनवषण कर और उन पवषयो क सबध म ऐस अतरािो िर जो राषटरितत तनहदषषट कर राषटरितत को परततवदन द और राषटरितत ऐस सभी परततवदनो को ससद क परतयक सदन क समकष रखवाएगा और सबधधत राजयो की सरकारो को लभजवाएगा ]
351 हिनदी भाषा क पवकास क लिए तनदश ndash सघ का यि कतषवय िोगा कक वि हिनदी भाषा का परसार बढाए उसका पवकास कर जजसस वि भारत की सामालसक ससकतत क सभी ततवो की अलभवयकतकत का माधयम बन सक और उसकी परकतत म िसतकषि ककए बबना हिनदसतानी म और आठवी अनसची म पवतनहदषषट भारत की अनय भाषाओ म परयकत रि शिी और िदो को आतमसात करत िए और जिा आवशयक या वाछनीय िो विा उसक शबद-भडार क लिए मखयतः ससकत स और गौणतः अनय भाषाओ स शबद गरिण करत िए उसकी समपदध सतनजशचत कर
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भाग 18 आपात उपबध
352 आपात की उदघोषणा ndash (1) यदि राषटरपतत का यह समाधान हो जाता ह कक गभीर आपात विदयमान ह जजसस यदध या बाहय आकरमण या 1[सशसतर विदरोह] क कारण भारत या उसक राजयकषतर क ककसी भाग की सरकषा सकट म ह तो िह उदघोषणा दवारा 2[सपणण भारत या उसक राजयकषतर क ऐस भाग क सबध म जो उदघोषणा म वितनदिणषट ककया जाए] इस आशय की घोषणा कर सकगा
3[सपषटीकरण ndash यदि राषटरपतत का यह समाधान हो जाता ह कक यदध या बाहय आकरमण या सशसतर विदरोह का सकट सजननकट ह तो यह घोवषत करन िाली आपात की उदघोषणा कक यदध या बाहय आकरमण या सशसतर विदरोह स भारत या उसक राजयकषतर क ककसी भाग की सरकषा सकट म ह यदध या ऐस ककसी आकरमण या विदरोह क िासति म होन स पहल भी की जा सकगी ]
4[(2) खड (1) क अधीन की गई उदघोषणा म ककसी पशचातिती उदघोषणा दवारा पररितणन ककया जा सकगा या उसको िापस ललया जा सकगा
(3) राषटरपतत खड (1) क अधीन उदघोषणा या ऐसी उदघोषणा म पररितणन करन िाली उदघोषणा तब तक नही करगा जब तक सघ क मतरतरमडल का (अराणत उस पररषद का जो अनचछि 75 क अधीन परधान मतरी और मतरतरमडल सतर क अनय मतरतरयो स लमलकर बनती ह) यह वितनशचय कक ऐसी उदघोषणा की जाए उस ललखखत रप म ससचित नही ककया जाता ह
(4) इस अनचछि क अधीन की गई परतयक उदघोषणा ससद क परतयक सिन क समकष रखी जाएगी और जहा िह पिणिती उदघोषणा को िापस लन िाली उदघोषणा नही ह िहा िह एक मास की समाति पर यदि उस अिचध की समाति स पहल ससद क िोनो सिनो क सकलपो दवारा उसका अनमोिन नही कर दिया जाता ह तो परितणन म नही रहगी
1 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 37 दवारा (20-6-1979 स) ldquoआभयतररक अशाजनतrdquo क
सरान पर परततसरावपत 2 सविधान (बयालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1976 की धारा 48 दवारा (3-1-1977 स) अतःसरावपत 3 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 37 दवारा (20-6-1979 स) अतःसरावपत 4 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 37 दवारा (20-6-1979 स) खड (2) खड (2क) और
खड (3) क सरान पर खड (2) स खड (8) परततसरावपत ककए गए
भारत का सविधान
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परनत यदि ऐसी कोई उदघोषणा (जो पिणिती उदघोषणा को िापस लन िाली उदघोषणा नही ह) उस समय की जाती ह जब लोक सभा का विघटन हो गया ह या लोक सभा का विघटन इस खड म तनदिणषट एक मास की अिचध क िौरान हो जाता ह और यदि उदघोषणा का अनमोिन करन िाला सकलप राजय सभा दवारा पाररत कर दिया गया ह ककनत ऐसी उदघोषणा क सबध म कोई सकलप लोक सभा दवारा उस अिचध की समाति स पहल पाररत नही ककया गया ह तो उदघोषणा उस तारीख स जजसको लोक सभा अपन पनगणठन क पशचात पररम बार बठती ह तीस दिन की समाति पर परितणन म नही रहगी यदि उकत तीस दिन की अिचध की समाति स पहल उदघोषणा का अनमोिन करन िाला सकलप लोक सभा दवारा भी पाररत नही कर दिया जाता ह
(5) इस परकार अनमोदित उदघोषणा यदि िापस नही ली जाती ह तो खड (4) क अधीन उदघोषणा का अनमोिन करन िाल सकलपो म स िसर सकलप क पाररत ककए जान की तारीख स छह मास की अिचध की समाति पर परितणन म नही रहगी
परनत यदि और जजतनी बार ऐसी उदघोषणा को परितत बनाए रखन का अनमोिन करन िाला सकलप ससद क िोनो सिनो दवारा पाररत कर दिया जाता ह तो और उतनी बार िह उदघोषणा यदि िापस नही ली जाती ह तो उस तारीख स जजसको िह इस खड क अधीन अनयरा परितणन म नही रहती छह मास की और अिचध तक परितत बनी रहगी
परनत यह और कक यदि लोक सभा का विघटन छह मास की ऐसी अिचध क िौरान हो जाता ह और ऐसी उदघोषणा को परितत बनाए रखन का अनमोिन करन िाला सकलप राजय सभा दवारा पाररत कर दिया गया ह ककनत ऐसी उदघोषणा को परितत बनाए रखन क सबध म कोई सकलप लोक सभा दवारा उकत अिचध क िौरान पाररत नही ककया गया ह तो उदघोषणा उस तारीख स जजसको लोक सभा अपन पनगणठन क पशचात पररम बार बठती ह तीस दिन की समाति पर परितणन म नही रहगी यदि उकत तीस दिन की अिचध की समाति स पहल उदघोषणा को परितत बनाए रखन का अनमोिन करन िाला सकलप लोक सभा दवारा भी पाररत नही कर दिया जाता ह
(6) खड (4) और खड (5) क परयोजनो क ललए सकलप ससद क ककसी सिन दवारा उस सिन की कल सिसय सखया क बहमत दवारा तरा उस सिन क उपजसरत और मत िन िाल सिसयो म स कम स कम िो-ततहाई बहमत दवारा ही पाररत ककया जा सकगा
(7) पिणगामी खडो म ककसी बात क होत हए भी यदि लोक सभा खड (1) क अधीन की गई उदघोषणा या ऐसी उदघोषणा म पररितणन करन िाली उदघोषणा का यराजसरतत अननमोिन या उस परितत बनाए रखन का अननमोिन करन िाला सकलप पाररत कर िती ह तो राषटरपतत ऐसी उदघोषणा को िापस ल लगा
भारत का सविधान
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(8) जहा खड (1) क अधीन की गई उदघोषणा या ऐसी उदघोषणा म पररितणन करन िाली उदघोषणा का यराजसरतत अननमोिन या उसको परितत बनाए रखन का अननमोिन करन िाल सकलप को परसतावित करन क अपन आशय की सिना लोक सभा की कल सिसय सखया क कम स कम िसि भाग दवारा हसताकषर करक ललखखत रप मndash
(क) यदि लोक सभा सतर म ह तो अधयकष को या (ख) यदि लोक सभा सतर म नही ह तो राषटरपतत को
िी गई ह िहा ऐस सकलप पर वििार करन क परयोजन क ललए लोक सभा की विशष बठक यराजसरतत अधयकष या राषटरपतत को ऐसी सिना पराि होन की तारीख स िौिह दिन क भीतर की जाएगी ]
1[2[(9)] इस अनचछि दवारा राषटरपतत को परितत शकतकत क अतगणत यदध या बाहय आकरमण या 2[सशसतर विदरोह] क अरिा यदध या बाहय आकरमण या 3[सशसतर विदरोह] का सकट सजननकट होन क विलभनन आधारो पर विलभनन उदघोषणाए करन की शकतकत होगी िाह राषटरपतत न खड (1) क अधीन पहल ही कोई उदघोषणा की ह या नही और ऐसी उदघोषणा परितणन म ह या नही
4[ ] 353 आपात की उदघोषणा का परभाि ndash जब आपात की उदघोषणा परितणन म ह तब
ndash (क) सविधान म ककसी बात क होत हए भी सघ की कायणपाललका शकतकत
का विसतार ककसी राजय को इस बार म तनिश िन तक होगा कक िह राजय अपनी कायणपाललका शकतकत का ककस रीतत स परयोग कर
(ख) ककसी विषय क सबध म विचधया बनान की ससद की शकतकत क अतगणत इस बात क होत हए भी कक िह सघ सिी म परगखणत विषय नही ह ऐसी विचधया बनान की शकतकत होगी जो उस विषय क सबध म सघ को या सघ क अचधकाररयो और पराचधकाररयो को शकतकतया परिान करती ह और उन पर कतणवय अचधरोवपत करती ह या शकतकतयो का परिान ककया जाना और कतणवयो का अचधरोवपत ककया जाना पराचधकत करती ह 1[परनत जहा आपात की उदघोषणा भारत क राजयकषतर क किल ककसी भाग म
1 सविधान (अडतीसिा सशोधन) अचधतनयम 1975 की धारा 5 दवारा (भतलकषी परभाि स) अतःसरावपत
2 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 37 दवारा (20-6-1979 स) ldquoआभयतररक अशाजनतrdquo क सरान पर परततसरावपत
3 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 37 दवारा (20-6-1979 स) खड (4) को खड (9) क रप म पनःसखयाककत ककया गया
4 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 37 दवारा (20-6-1979 स) खड (5) का लोप ककया गया
भारत का सविधान
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परितणन म ह िहा यदि और जहा तक भारत या उसक राजयकषतर क ककसी भाग की सरकषा भारत क राजयकषतर क उस भाग म या उसक सबध म जजसम आपात की उदघोषणा परितणन म ह होन िाल ककरयाकलाप क कारण सकट म ह तो और िहा तकndash
(i) खड (क) क अधीन तनिश िन की सघ की कायणपाललका शकतकत का और (ii) खड (ख) क अधीन विचध बनान की ससद की शकतकत का
विसतार ककसी ऐस राजय पर भी होगा जो उस राजय स लभनन ह जजसम या जजसक ककसी भाग म आपात की उदघोषणा परितणन म ह ]
354 जब आपात की उदघोषणा परितणन म ह तब राजसिो क वितरण सबधी उपबधो का लाग होना ndash (1) जब आपात की उदघोषणा परितणन म ह तब राषटरपतत आिश दवारा यह तनिश ि सकगा कक इस सविधान क अनचछि 268 स अनचछि 279 क सभी या कोई उपबध ऐसी ककसी अिचध क ललए जो उस आिश म वितनदिणषट की जाए और जो ककसी भी िशा म उस विततीय िषण की समाति स आग नही बढगी जजसम ऐसी उदघोषणा परितणन म नही रहती ह ऐस अपिािो या उपानतरणो क अधीन रहत हए परभािी होग जो िह ठीक समझ
(2) खड (1) क अधीन ककया गया परतयक आिश ककए जान क पशचात यराशकय शीधर ससद क परतयक सिन क समकष रखा जाएगा
355 बाहय आकरमण और आतररक अशातत स राजय की सरकषा करन का सघ का कतणवय ndash सघ का यह कतणवय होगा कक िह बाहय आकरमण और आतररक अशाजनत स परतयक राजय की सरकषा कर और परतयक राजय की सरकार का इस सविधान क उपबधो क अनसार िलाया जाना सतनजशचत कर
356 राजयो म साविधातनक ततर क विफल हो जान की िशा म उपबध ndash (1) यदि राषटरपतत का ककसी राजय क राजयपाल 2 स परततििन लमलन पर या अनयरा यह समाधान हो जाता ह कक ऐसी जसरतत उतपनन हो गई ह जजसम उस राजय का शासन इस सविधान क उपबधो क अनसार नही िलाया जा सकता ह तो राषटरपतत उदघोषणा दवारा ndash
(क) उस राजय की सरकार क सभी या कोई कतय और 3[राजयपाल] म या राजय क विधान-मडल स लभनन राजय क ककसी तनकाय या पराचधकारी म तनदहत या उसक दवारा परयोकतवय सभी या कोई शकतकतया अपन हार म ल सकगा
1 सविधान (बयालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1976 की धारा 49 दवारा (3-1-1977 स) अतःसरावपत 2 सविधान (सातिा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा ldquoया राजपरमखrdquo शबिो का (1-
11-1956 स) लोप ककया गया 3 सविधान (सातिा सशोधन) अचधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसिी दवारा ldquoयराजसरतत या राजपरमखrdquo शबिो क
सरान पर परततसरावपत
भारत का सविधान
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(ख) यह घोषणा कर सकगा कक राजय क विधान-मडल की शकतकतया ससद दवारा या उसक पराचधकार क अधीन परयोकतवय होगी
(ग) राजय क ककसी तनकाय या पराचधकारी स सबचधत इस सविधान क ककनही उपबधो क परितणन को पणणतः या भागतः तनलतरबत करन क ललए उपबधो सदहत ऐस आनषचगक और पाररणालमक उपबध कर सकगा जो उदघोषणा क उददशयो को परभािी करन क ललए राषटरपतत को आिशयक या िाछनीय परतीत हो परनत इस खड की कोई बात राषटरपतत को उचि नयायालय म तनदहत या उसक
दवारा परयोकतवय ककसी शकतकत को अपन हार म लन या उचि नयायालयो स सबचधत इस सविधान क ककसी उपबध क परितणन को पणणतः या भागतः तनलतरबत करन क ललए पराचधकत नही करगी
(2) ऐसी कोई उदघोषणा ककसी पशचातिती उदघोषणा दवारा िापस ली जा सकगी या उसम पररितणन ककया जा सकगा
(3) इस अनचछि क अधीन की गई परतयक उदघोषणा ससद क परतयक सिन क समकष रखी जाएगी और जहा िह पिणिती उदघोषणा को िापस लन िाली उदघोषणा नही ह िहा िह िो मास की समाति पर परितणन म नही रहगी यदि उस अिचध की समाति स पहल ससद क िोनो सिनो क सकलपो दवारा उसका अनमोिन नही कर दिया जाता ह
परनत यदि ऐसी कोई उदघोषणा (जो पिणिती उदघोषणा को िापस लन िाली उदघोषणा नही ह) उस समय की जाती ह जब लोक सभा का विघटन हो गया ह या लोक सभा का विघटन इस खड म तनदिणषट िो मास की अिचध क िौरान हो जाता ह और यदि उदघोषणा का अनमोिन करन िाला सकलप राजय सभा दवारा पाररत कर दिया गया ह ककनत ऐसी उदघोषणा क सबध म कोई सकलप लोक सभा दवारा उस अिचध की समाति स पहल पाररत नही ककया गया ह तो उदघोषणा उस तारीख स जजसको लोक सभा अपन पनगणठन क पशचात पररम बार बठती ह तीस दिन की समाति पर परितणन म नही रहगी यदि उकत तीस दिन की अिचध की समाति स पहल उदघोषणा का अनमोिन करन िाला सकलप लोक सभा दवारा भी पाररत नही कर दिया जाता ह
(4) इस परकार अनमोदित उदघोषणा यदि िापस नही ली जाती ह तो 1[ऐसी उदघोषणा क ककए जान की तारीख स छह मास] की अिचध की समाति पर परितणन म नही रहगी
1 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 38 दवारा (20-6-1979 स) खड (3) क अधीन उदघोषणा
का अनमोिन करन िाल सकलपो म स िसर क पाररत हो जान की तारीख स एक िषण क सरान पर परततसरावपत सविधान (बयालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1976 की धारा 50 दवारा (3-1-1977 स) मल शबि छह मास क सरान पर एक िषण शबि परततसरावपत ककए गए र
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परनत यदि और जजतनी बार ऐसी उदघोषणा को परितत बनाए रखन का अनमोिन करन िाला सकलप ससद क िोनो सिनो दवारा पाररत कर दिया जाता ह तो और उतनी बार िह उदघोषणा यदि िापस नही ली जाती ह तो उस तारीख स जजसको िह इस खड क अधीन अनयरा परितणन म नही रहती 1[छह मास] की अिचध तक परितत बनी रहगी ककनत ऐसी उदघोषणा ककसी भी िशा म तीन िषण स अचधक परितत नही रहगी
परनत यह और कक यदि लोक सभा का विघटन 2[छह मास] की ऐसी अिचध क िौरान हो जाता ह और ऐसी उदघोषणा को परितत बनाए रखन का अनमोिन करन िाला सकलप राजय सभा दवारा पाररत कर दिया गया ह ककनत ऐसी उदघोषणा को परितत बनाए रखन क सबध म कोई सकलप लोक सभा दवारा उकत अिचध क िौरान पाररत नही ककया गया ह तो उदघोषणा उस तारीख स जजसको लोक सभा अपन पनगणठन क पशचात पररम बार बठती ह तीस दिन की समाति पर परितणन म नही रहगी यदि उकत तीस दिन की अिचध की समाति स पहल उदघोषणा को परितत बनाए रखन का अनमोिन करन िाला सकलप लोक सभा दवारा भी पाररत नही कर दिया जाता ह
2[परनत यह भी कक पजाब राजय की बाबत 11 मई 1987 को खड (1) क अधीन की गई उदघोषणा की िशा म इस खड क पहल परनतक म ldquoतीन िषणrdquo क परतत तनिश का इस परकार अरण लगाया जाएगा मानो िह 3[ldquoपाि िषणrdquo] क परतत तनिश हो ]
4[(5) खड (4) म ककसी बात क होत हए भी खड (3) क अधीन अनमोदित उदघोषणा क ककए जान की तारीख स एक िषण की समाति स आग ककसी अिचध क ललए ऐसी उदघोषणा को परितत बनाए रखन क सबध म कोई सकलप ससद क ककसी सिन दवारा तभी पाररत ककया जाएगा जबndash
(क) ऐस सकलप क पाररत ककए जान क समय आपात की उदघोषणा यराजसरतत सपणण भारत म अरिा सपणण राजय या उसक ककसी भाग म परितणन म ह और
1 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 38 दवारा (20-6-1979 स) एक िषण क सरान पर
परततसरावपत सविधान (बयालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1976 की धारा 50 दवारा (3-1-1977 स) छह मास मल शबिो क सरान पर एक िषण शबि परततसरावपत ककए गए र
2 सविधान (िौसठिा सशोधन) अचधतनयम 1990 की धारा 2 दवारा (16-4-1990 स) अतःसरावपत 3 सविधान (सडसठिा सशोधन) अचधतनयम 1990 की धारा 2 दवारा (4-10-1990 स) परततसरावपत और ततपशचात
सविधान (अडसठिा सशोधन) अचधतनयम 1991 की धारा 2 दवारा (12-3-1991 स) सशोचधत होकर ितणमान रप म आया
4 सविधान (अडतीसिा सशोधन) अचधतनयम 1975 की धारा 6 दवारा (भतलकषी परभाि स) खड (5) अतःसरावपत और ततपशचात सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 38 दवारा (20-6-1979 स) खड 5 क सरान पर परततसरावपत
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(ख) तनिाणिन आयोग यह परमाखणत कर िता ह कक ऐस सकलप म वितनदिणषट अिचध क िौरान खड (3) क अधीन अनमोदित उदघोषणा को परितत बनाए रखना सबचधत राजय की विधान सभा क साधारण तनिाणिन करान म कदठनाइयो क कारण आिशयक ह ] 1[परनत इस खड की कोई बात पजाब राजय की बाबत 11 मई 1987 को खड
(1) क अधीन की गई उदघोषणा को लाग नही होगी ] 357 अनचछि 356 क अधीन की गई उदघोषणा क अधीन विधायी शकतकतयो का
परयोग ndash (1) जहा अनचछि 356 क खड (1) क अधीन की गई उदघोषणा दवारा यह घोषणा की गई ह कक राजय क विधान-मडल की शकतकतया ससद दवारा या उसक पराचधकार क अधीन परयोकतवय होगी िहाndash
(क) राजय क विधान-मडल की विचध बनान की शकतकत राषटरपतत को परिान करन की और इस परकार परितत शकतकत का ककसी अनय पराचधकारी को जजस राषटरपतत इस तनलमतत वितनदिणषट कर ऐसी शतो क अधीन जजनह राषटरपतत अचधरोवपत करना ठीक समझ परतयायोजन करन क ललए राषटरपतत को पराचधकत करन की ससद को
(ख) सघ या उसक अचधकाररयो और पराचधकाररयो को शकतकतया परिान करन या उन पर कतणवय अचधरोवपत करन क ललए अरिा शकतकतयो का परिान ककया जाना या कतणवयो का अचधरोवपत ककया जाना पराचधकत करन क ललए विचध बनान की ससद को अरिा राषटरपतत को या ऐस अनय पराचधकारी को जजसम ऐसी विचध बनान की शकतकत उपखड (क) क अधीन तनदहत ह
(ग) जब लोक सभा सतर म नही ह तब राजय की सचित तनचध म स वयय क ललए ससद की मजरी लतरबत रहन तक ऐस वयय को पराचधकत करन की राषटरपतत को
कषमता होगी 2[(2) राजय क विधान-मडल की शकतकत का परयोग करत हए ससद दवारा अरिा
राषटरपतत या खड (1) क उपखड (क) म तनदिणषट अनय पराचधकारी दवारा बनाई गई ऐसी विचध जजस ससद अरिा राषटरपतत या ऐसा अनय पराचधकारी अनचछि 356 क अधीन की गई उदघोषणा क अभाि म बनान क ललए सकषम नही होता उदघोषणा क परितणन म न रहन क पशचात तब तक परितत बनी रहगी जब तक सकषम विधान-मडल या अनय पराचधकारी दवारा उसका पररितणन या तनरसन या सशोधन नही कर दिया जाता ह ]
358 आपात क िौरान अनचछि 19 क उपबधो का तनलबन ndash3[(1)] 1[जब यदध
1 सविधान (ततरसठिा सशोधन) अचधतनयम 1989 की धारा 2 दवारा (6-1-1990 स) लोप ककया गया जजस सविधान
(िौसठिा सशोधन) अचधतनयम 1990 की धारा 2 दवारा (16-4-1990 स) अतःसरावपत ककया गया रा 2 सविधान (बयालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1976 की धारा 51 दवारा (3-1-1977 स) परततसरावपत 3 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 39 दवारा (20-6-1979 स) अनचछि 358 को उसक
खड (1) क रप म पनःसखयाककत ककया गया
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या बाहय आकरमण क कारण भारत या उसक राजयकषतर क ककसी भाग की सरकषा क सकट म होन की घोषणा करन िाली आपात की उदघोषणा परितणन म ह] तब अनचछि 19 की कोई बात भाग 3 म यरा पररभावषत राजय की कोई ऐसी विचध बनान की या कोई ऐसी कायणपाललका कारणिाई करन की शकतकत को जजस िह राजय उस भाग म अतविणषट उपबधो क अभाि म बनान या करन क ललए सकषम होता तनबचधत नही करगी ककनत इस परकार बनाई गई कोई विचध उदघोषणा क परितणन म न रहन पर अकषमता की मातरा तक उन बातो क लसिाय तरनत परभािहीन हो जाएगी जजनह विचध क इस परकार परभािहीन होन क पहल ककया गया ह या करन का लोप ककया गया ह
2[परनत 3[जहा आपात की ऐसी उदघोषणा] भारत क राजयकषतर क किल ककसी भाग म परितणन म ह िहा यदि और जहा तक भारत या उसक राजयकषतर क ककसी भाग की सरकषा भारत क राजयकषतर क उस भाग म या उसक सबध म जजसम आपात की उदघोषणा परितणन म ह होन िाल ककरयाकलाप क कारण सकट म ह तो और िहा तक ऐस राजय या सघ राजयकषतर म या उसक सबध म जजसम या जजसक ककसी भाग म आपात की उदघोषणा परितणन म नही ह इस अनचछि क अधीन ऐसी कोई विचध बनाई जा सकगी या ऐसी कोई कायणपाललका कारणिाई की जा सकगी ]
4[(2) खड (1) की कोई बातndash (क) ककसी ऐसी विचध को लाग नही होगी जजसम इस आशय का उललख
अतविणषट नही ह कक ऐसी विचध उसक बनाए जान क समय परितत आपात की उदघोषणा क सबध म ह या
(ख) ककसी ऐसी कायणपाललका कारणिाई को लाग नही होगी जो ऐसा उललख अतविणषट करन िाली विचध क अधीन न करक अनयरा की गई ह 359 आपात क िौरान भाग 3 दवारा परितत अचधकारो क परितणन का तनलबन ndash (1)
जहा आपात की उदघोषणा परितणन म ह िहा राषटरपतत आिश दवारा यह घोषणा कर सकगा कक 5[(अनचछि 20 और अनचछि 21 को छोडकर) भाग 3 दवारा परितत ऐस अचधकारो] को परिततणत करान क ललए जो उस आिश म उजललखखत ककए जाए ककसी नयायालय को 1 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 39 दवारा (20-6-1979 स) ldquoजब आपात की उदघोषणा
परितणन म हrdquo शबिो क सरान पर परततसरावपत 2 सविधान (बयालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1976 की धारा 52 दवारा (3-1-1977 स) अतःसरावपत 3 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 39 दवारा (20-6-1979 स) ldquoजब आपात की उदघोषणाrdquo
शबिो क सरान पर परततसरावपत 4 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 39 दवारा (20-6-1979 स) अतःसरावपत 5 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 40 दवारा (20-6-1979 स) ldquoभाग 3 दवारा परितत
अचधकारोrdquo क सरान पर परततसरावपत
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समाििन करन का अचधकार और इस परकार उजललखखत अचधकारो को परिततणत करान क ललए ककसी नयायालय म लतरबत सभी कायणिादहया उस अिचध क ललए जजसक िौरान उदघोषणा परितत रहती ह या उसस लघतर ऐसी अिचध क ललए जो आिश म वितनदिणषट की जाए तनलतरबत रहगी
1[(1क) जब 2[(अनचछि 20 और अनचछि 21 को छोडकर) भाग 3 दवारा परितत ककनही अचधकारो] को उजललखखत करन िाला खड (1) क अधीन ककया गया आिश परितणन म ह तब उस भाग म उन अचधकारो को परिान करन िाली कोई बात उस भाग म यरापररभावषत राजय की कोई ऐसी विचध बनान की या कोई ऐसी कायणपाललका कारणिाई करन की शकतकत को जजस िह राजय उस भाग म अतविणषट उपबधो क अभाि म बनान या करन क ललए सकषम होता तनबचधत नही करगी ककनत इस परकार बनाई गई कोई विचध पिोकत आिश क परितणन म न रहन पर अकषमता की मातरा तक उन बातो क लसिाय तरनत परभािहीन हो जाएगी जजनह विचध क इस परकार परभािहीन होन क पहल ककया गया ह या करन का लोप ककया गया ह ]
2[परनत जहा आपात की उदघोषणा भारत क राजयकषतर क किल ककसी भाग म परितणन म ह िहा यदि और जहा तक भारत या उसक राजयकषतर क ककसी भाग की सरकषा भारत क राजयकषतर क उस भाग म या उसक सबध म जजसम आपात की उदघोषणा परितणन म ह होन िाल ककरयाकलाप क कारण सकट म ह तो और िहा तक ऐस राजय या सघ राजयकषतर म या उसक सबध म जजसम या जजसक ककसी भाग म आपात की उदघोषणा परितणन म नही ह इस अनचछि क अधीन ऐसी कोई विचध बनाई जा सकगी या ऐसी कोई कायणपाललका कारणिाई की जा सकगी ]
3[(1ख) खड (1क) की कोई बात ndash (क) ककसी ऐसी विचध को लाग नही होगी जजसम इस आशय का उललख
अतविणषट नही ह कक ऐसी विचध उसक बनाए जान क समय परितत आपात की उदघोषणा क सबध म ह या
(ख) ककसी ऐसी कायणपाललका कारणिाई को लाग नही होगी जो ऐसा उललख अतविणषट करन िाली विचध क अधीन न करक अनयरा की गई ह ] (2) पिोकत रप म ककए गए आिश का विसतार भारत क सपणण राजयकषतर या
उसक ककसी भाग पर हो सकगा 4[परनत जहा आपात की उदघोषणा भारत क राजयकषतर क किल ककसी भाग म
1 सविधान (अडतीसिा सशोधन) अचधतनयम 1975 की धारा 7 दवारा (भतलकषी परभाि स) अतःसरावपत 2 सविधान (बयालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1976 की धारा 53 दवारा (3-1-1977 स) अतःसरावपत 3 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 40 दवारा (20-6-1979 स) अतःसरावपत 4 सविधान (बयालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1976 की धारा 53 दवारा (3-1-1977 स) अतःसरावपत
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परितणन म ह िहा ककसी ऐस आिश का विसतार भारत क राजयकषतर क ककसी अनय भाग पर तभी होगा जब राषटरपतत यह समाधान हो जान पर कक भारत या उसक राजयकषतर क ककसी भाग की सरकषा भारत क राजयकषतर क उस भाग म या उसक सबध म जजसम आपात की उदघोषणा परितणन म ह होन िाल ककरयाकलाप क कारण सकट म ह ऐसा विसतार आिशयक समझता ह ]
(3) खड (1) क अधीन ककया गया परतयक आिश ककए जान क पशचात यराशकय शीघर ससद क परतयक सिन क समकष रखा जाएगा
1359क [इस भाग का पजाब राजय को लाग होना ] ndash सविधान (ततरसठिा सशोधन) अचधतनयम 1989 की धारा 3 दवारा (6-1-1990 स) तनरलसत
360 विततीय आपात क बार म उपबध ndash (1) यदि राषटरपतत का यह समाधान हो जाता ह कक ऐसी जसरतत उतपनन हो गई ह जजसस भारत या उसक राजयकषतर क ककसी भाग का विततीय सरातयति या परतयय सकट म ह तो िह उदघोषणा दवारा इस आशय की घोषणा कर सकगा
2[(2) खड (1) क अधीन की गई उदघोषणाndash (क) ककसी पशचातिती उदघोषणा दवारा िापस ली जा सकगी या पररिततणत की
जा सकगी (ख) ससद क परतयक सिन क समकष रखी जाएगी (ग) िो मास की समाति पर परितणन म नही रहगी यदि उस अिचध की
समाति स पहल ससद क िोनो सिनो क सकलपो दवारा उसका अनमोिन नही कर दिया जाता ह परनत यदि ऐसी कोई उदघोषणा उस समय की जाती ह जब लोक सभा का विघटन
हो गया ह या लोक सभा का विघटन उपखड (ग) म तनदिणषट िो मास की अिचध क िौरान हो जाता ह और यदि उदघोषणा का अनमोिन करन िाला सकलप राजय सभा दवारा पाररत कर दिया गया ह ककनत ऐसी उदघोषणा क सबध म कोई सकलप लोक सभा दवारा उस अिचध की समाति स पहल पाररत नही ककया गया ह तो उदघोषणा उस तारीख स जजसको लोक सभा अपन पनगणठन क पशचात पररम बार बठती ह तीस दिन की समाति पर परितणन म नही रहगी यदि उकत तीस दिन की अिचध की समाति स पहल उदघोषणा का अनमोिन करन िाला सकलप लोक सभा दवारा भी पाररत नही कर दिया जाता ह ]
(3) उस अिचध क िौरान जजसम खड (1) म उजललखखत उदघोषणा परितत रहती ह
1 सविधान (उनसठिा सशोधन) अचधतनयम 1988 की धारा 3 दवारा (30-3-1988 स) अतःसरावपत यह इस
अचधतनयम क परारभ स अराणत 1988 क मािण क तीसि दिन स िो िषण की अिचध की समाति क पशचात परितत नही रहगी
2 सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 41 दवारा (20-6-1979 स) परततसरावपत
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सघ की कायणपाललका शकतकत का विसतार ककसी राजय को विततीय औचितय सबधी ऐस लसदधातो का पालन करन क ललए तनिश िन तक जो तनिशो म वितनदिणषट ककए जाए और ऐस अनय तनिश िन तक होगा जजनह राषटरपतत उस परयोजन क ललए िना आिशयक और पयाणि समझ
(4) इस सविधान म ककसी बात क होत हए भी ndash (क) ऐस ककसी तनिश क अतगणतndash
(i) ककसी राजय क कायणकलाप क सबध म सिा करन िाल सभी या ककसी िगण क वयकतकतयो क ितनो और भततो म कमी की अपकषा करन िाला उपबध
(ii) धन विधयको या अनय ऐस विधयको को जजनको अनचछि 207 क उपबध लाग होत ह राजय क विधान-मडल दवारा पाररत ककए जान क पशचात राषटरपतत क वििार क ललए आरकषकषत रखन क ललए उपबध
हो सक ग (ख) राषटरपतत उस अिचध क िौरान जजसम इस अनचछि क अधीन की
गई उदघोषणा परितत रहती ह सघ क कायणकलाप क सबध म सिा करन िाल सभी या ककसी िगण क वयकतकतयो क जजनक अतगणत उचितम नयायालय और उचि नयायालयो क नयायाधीश ह ितनो और भततो म कमी करन क ललए तनिश िन क ललए सकषम होगा 1(5)
1 सविधान (अडतीसिा सशोधन) अचधतनयम 1975 की धारा 8 दवारा (भतलकषी परभाि स) खड (5) अतःसरावपत ककया
गया रा और उसका सविधान (ििालीसिा सशोधन) अचधतनयम 1978 की धारा 41 दवारा (20-6-1979 स) लोप ककया गया
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भाग 19 परकीरण
361 राषटरपति और राजयपालो और राजपरमखो का सरकषर ndash (1) राषटरपति अथवा राजय का राजयपाल या राजपरमख अपन पद की शकतियो क परयोग और किणवयो क पालन क ललए या उन शकतियो का परयोग और किणवयो का पालन करि हए अपन दवारा ककए गए या ककए जान क ललए िातपतयणि ककसी कायण क ललए ककसी नयायालय को उततरदायी नह होगा
परनि अनचछद 61 क अधीन आरोप क अनवषर क ललए ससद क ककसी सदन दवारा तनयि या अलभहहि ककसी नयायालय अधधकरर या तनकाय दवारा राषटरपति क आचरर का पनरवणलोकन ककया जा सकगा
परनि यह और कक इस खड की ककसी बाि का यह अथण नह लगाया जाएगा कक वह भारि सरकार या ककसी राजय की सरकार क रवरदध समधचि कायणवाहहया चलान क ककसी वयकति क अधधकार को तनबधधि करिी ह
(2) राषटरपति या ककसी राजय क राजयपाल 1 क रवरदध उसकी पदावधध क दौरान ककसी नयायालय म ककसी भी परकार की दाकतडक कायणवाह ससथथि नह की जाएगी या चाल नह रखी जाएगी
(3) राषटरपति या ककसी राजय क राजयपाल 1 की पदावधध क दौरान उसकी धगरफिार या कारावास क ललए ककसी नयायालय स कोई आदलशका तनकाल नह जाएगी
(4) राषटरपति या ककसी राजय क राजयपाल 1 क रप म अपना पद गरहर करन स पहल या उसक पशचाि उसक दवारा अपनी वयकतिक हलसयि म ककए गए या ककए जान क ललए िातपतयणि ककसी कायण क सबध म कोई लसरवल कायणवाहहया सजनम राषटरपति या ऐस राजय क राजयपाल 1 क रवरदध अनिोष का दावा ककया जािा ह उसकी पदावधध क दौरान ककसी नयायालय म िब िक ससथथि नह की जाएगी जब िक कायणवाहहयो की परकति उनक ललए वाद हिक ऐसी कायणवाहहयो को ससथथि करन वाल पकषकार का नाम वरणन तनवास-थथान और उस अनिोष का सजसका वह दावा करिा ह कथन करन वाल ललखखि सचना यथासथथति राषटरपति या राजयपाल 2 को पररदतत ककए जान या उसक कायाणलय म छोड जान क पशचाि दो मास का समय समापत नह हो गया ह
1 सरवधान (सािवा सशोधन) अधधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoया राजपरमखrdquo
शबदो का लोप ककया गया 2 सरवधान (सािवा सशोधन) अधधतनयम 1956 की धारा 29 और अनसची दवारा (1-11-1956 स) ldquoया राजपरमखrdquo
शबदो का लोप ककया गया