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Sample Copy. Not For Distribution.

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  • Sample Copy. Not For Distribution.

  • i

    सृजन

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  • ii

    EDUCREATION PUBLISHING

    RZ 94, Sector - 6, Dwarka, New Delhi - 110075 Shubham Vihar, Mangla, Bilaspur, Chhattisgarh - 495001

    Website: www.educreation.in __________________________________________________

    © Copyright, 2018, Hemant Bansal

    All rights reserved. No part of this book may be reproduced, stored in a retrieval system, or transmitted, in any form by any means, electronic, mechanical, magnetic, optical, chemical, manual, photocopying, recording or otherwise, without the prior written consent of its writer.

    ISBN: 978-1-5457-2411-8

    Price: ₹ 315.00

    The opinions/ contents expressed in this book are solely of the author and do not represent the opinions/ standings/ thoughts of Educreation.

    Printed in India

    Sample Copy. Not For Distribution.

  • iii

    सृजन

    हमंेत बंसल, अक्षत लाख े

    EDUCREATION PUBLISHING (Since 2011)

    www.educreation.in

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  • iv

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  • v

    अस्वीकरण

    हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिि की ह,ै कक साशहशयिक

    चोरी जैसी अनशुचत घटना इस िृृंखला के कशविों द्वारा किए

    गए लेख में न हो।

    परृंतु हमारे जाृंच के बावजिू, अगर ककसी कशव के लेख मे

    साशहशयिक चोरी पाई जाती ह ैतो इसके शलए हम शिम्मेिार

    नहीं ह।ै

    हमने सभी लेखको स ेउनकी स्वरशचत एवृं अप्रकाशित लखे

    का ही िोगिान मााँगा था और हमारा सृंबृंि शनष्कपटता

    तथा शवश्वास पर आधाररत ह।ै

    -सृंपािक

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  • vi

    अभार-परू्ति

    हम सभी लेखकों को धन्िवाि करना चाहते ह,ै शजनके

    िोगिान स ेिह सृंग्रह सफल हुआ ह।ै

    पुस्तक की प्रबृंधक, इशिका भारद्वाज, को अपनी शजम्मेिारी

    बखूबी शनभाने के शलए धन्िवाि।

    इस सृंग्रह के सृंपािक, सैिल गुप्ता, ररमिा वाशजि और

    अशभषेक ससृंह को हमारा खूब - खूब धन्िवाि।

    नूरलीन कौर भारटिा एवृं रेणुका तुलस्िान, इस सृंग्रह के

    रचनायमक प्रधान को हमारा धन्िवाि।

    हमारे प्रकािक, ऐडिूकिएिन को भी धन्िवाि शजनकी

    वजह स ेिह रचना पाठको के सामने आई।

    अृंत में, मााँ सरस्वती एवृं माता - शपता को धन्िवाि करना

    चाहते ह,ै शजनका आिीवािि हम पर हमेिा से बना रहा ह।ै

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  • vii

    हमेृंत बृंसल

    हमेृंतबृंसल, राउरकेला, ओशडि का

    शनवासी, इस पूरे उद्यम का सृंस्थापक

    ह।ैिह नगर कॉलेज, राउरकेला का

    बी.ए.कॉमसि छात्र हैं और सभी क्षेत्रों में

    सफल होने के इच्छुक हैं। िह चाटिडि एकाउृंटेंट बनने की

    तैिारी कर रह ेहैं और ईस्ट इृंशडिा चाटिडि अकाउृंटेंट स्टूडेंट्स

    एसोशसएिन के सशचव भी रह े हैं। िह एम.बी.ए.

    उम्मीिवार हैं, पेिे से एक इवेंट आिोजक हैं और हबिल

    लाइफ़ में एक वररष्ठ सलाहकार भी हैं। िह एक समाज

    सेवक भी हैं। स्पेक्ट्रम ऑफ़ थॉट्स िशुनिाभर के लेखकों को

    बढावा िनेे के शलए काम करता ह ै और फैनेरटक्ट्स, उनके

    इवेंट आिोजक समूह, अन्ि प्रशतभाओं को बढावा िने े के

    शलए आिोजन और प्रशतिोशगताएृं आिोशजत करता ह।ैअपने

    माता-शपता, पररवार, िोस्तो, और अपनी ख़ूबी से अपनी

    प्रथम किताब, स्पेक्ट्रम ऑफ थॉट्स सृंकशलत करने में सक्षम

    हुए ह।ै इनसे सृंपकि करें:

    Instagram:@Hb_Hallow

    ईमेल: [email protected]

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  • viii

    अक्षत लाख े

    अक्षत लाख,े रािपुर, छत्तीसगढ के रहने

    वाल े प्रशतभावान लेखक एवृं सृजन के

    सृंकलक ह।ै इन्होने शलखने का सफर वषि

    2014 से िुरू ककिा। िह बी.कॉम के

    छात्र होने के साथ - साथ और भी प्रोफेिनल पाठ्यिम पढ

    रह े ह।ै वे कई कशवता सृंग्रहों के सृंपािक भी रह चुके हैं।

    माता - शपता इनके पे्ररणा स्त्रोत ह ैऔर वे उनसे बेहि पे्रम

    करते ह।ै इनके कलम की स्िाही पन्नों पर एहसासों को जन्म

    ितेी ह।ै वे मानत ेहैं कक लेखन एहसासो को बिाृं करने का

    बेहतरीन माध्िम ह।ै इनके कािि को पढने के शलए-

    Instagram: @thoughts_inscribed

    @akshat_lakhe

    ईमेल:[email protected]

    इशिका भारद्वाज

    इशिका भारद्वाज, 17 वषीि लेशखका शजनका सबसे कीमती

    हशथिार 'कलम' ह।ै कानपुर शस्थत, िह

    कॉमसि छात्रा 'सजृन' की प्रबृंधक ह।ै ख्िाली

    िशुनिा से ज़्िािा इन्हें हकीकत में जीना

    एवृं हर पल को सृंजो कर रखना पसृंि ह।ै

    नाच - गान ेकी िौिीन िह लेशखका न े14 वषि की उम्र से

    ही कलम को अपना सबस े करीबी िोस्त बना शलिा था।

    माता - शपता, शिक्षकों एवृं िोस्तों ने सिवैही इन्हें

    प्रोयसाशहत ककिा ह।ै इनके कािि को पढने केशलए -

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  • ix

    Instagram: @thoughtsinmidnight @ishucool23

    ईमेल: [email protected]

    Blog:amzingishika.wordpress.com

    सैिल गपु्ता

    सुश्री सैिल गुप्ता, सृजन की सृंपािक

    ह।ै इनका जन्म स्थान कोटा,

    राजस्थान ह ै और वे अपने माता -

    शपता के साथ गुजरात में रहती ह ै ।

    बी.ए. अृंग्रेिी साशहयि की छात्रा होन े के बावजूि इन्हें

    सहृंिी से लगाव ह ैऔर सहृंिी में लेखन पसृंि ह।ै इनका

    मानना ह ैकक शलखना किमाग का नहीं किल का खेल ह ै।

    िह जीवन के हर पल, हर एहसास को िब्िों का रूप

    िते ेहुए उन्हें कागज पर अमर करना चाहती ह ै। मात-

    शपता सिवै ही ढाल बन के इनके साथ खड ेरह ेह ैऔर वह

    चाहती ह ैकक जीवन के हर सखु - िुुःख में अपने माता- शपता

    के साथ किम से किम शमलाकर चल सके। इनके कािि को

    पढने के शलए-

    Instagram: @invoiced_feelings

    @wordsmith_saizal

    ईमेल: [email protected]

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  • x

    ररमिा वाशजि

    सुश्री ररमिा वाशजि, सजृन की सृंपािक

    ह।ै नई किल्ली की वासी और वतिमान में

    रसािन शवज्ञान में बी.एससी कर रही ह ै

    और कुछ मेशडकल प्रवेि परीक्षा की तैिारी

    भी कर रही ह।ै िह जाशहरा तौर पर एक

    लेखक नहीं ह,ै बशल्क एक शवचारक ह,ै जो कागि पर अपन े

    शवचारों को प्रस्तुत करती हैं और अपने शवचारों के साथ इसे

    सजाशत हैं। िह पेंटटृंग और गाने शलखने की िौकीन ह ैऔर

    नए िोस्त बनाना पसृंि ह ैऔर माता-शपता को समझन ेकी

    आिीष ह,ै जो उनके जीवन के प्रयिेक चरण में उनका बहुत

    ज़्िािा समथिन करत ेह।ै इनके कािि को पढने के शलए,

    Instagram: @kitab_e_shayri/ @rimzzz_cutepie

    ईमेल: [email protected]

    अशभषेक ससृंह

    अशभषेक ससृंह, सृजन के सृंपािक ह।ै शमत्रों

    के बीच शिवाि नाम से जाने वाल े

    अशभषेक भोपाल (मध्ि प्रििे) के रहन े

    वाल ेहैं। अशभषेक को िरूरतमृंिों की मिि

    करना अच्छा लगता ह ै और इसीशलए वे

    भोपाल के एस.आई.आर.टी.एस. महाशवद्यालि से बी.ई.

    करने के साथ एक गैर सरकारी सृंगठन भी चल रह े हैं।

    हमेिा मुस्कुराना और िसूरों की मुस्कान की वजह बनना

    हमेिा ही इनका मकसि रहा ह।ै इन्हें सबका नतेृयव करना

    पसृंि ह।ै आसमान छून ेका जज़्बा और कुछ कर किखान ेका

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  • xi

    जोि शलए, अशभषेक खुल कर आज को जीत े हैं। शलखना

    इन्हें हमेिा से पसृंि रहा ह ै और ि े अपनी इस कला को

    तरािने का मौका नहीं छोडते। इन्हें सृंपकि करने के शलए-

    Instagram: @instigating_guy

    @unuttered_emotions

    Facebook: facebook.com/shivaay.Sks

    ईमेल: [email protected]

    रेणकुा तुलस्िान

    सुश्री रेणुका तुलस्िान, सृजन की

    रचनायमक प्रधान हैं। इनका जन्म स्थान

    बुरहानपुर, मध्िप्रििे हैं और वे अभी

    राष्ट्रीि फैिन प्रौद्योशगकी सृंस्थान

    (NIFT), भुबनेश्वर से बैचलसि ऑफ

    शडजाइसनृंग कर रही हैं। वे अपनी भावनाओं को कलम

    के सहारे एक नए रूप में ढाल, िशुनिा तक पहुाँचाने की

    अद्भुत कोशिि करती हैं। िसुरो की खुशििों में ही

    अपनी खुिी ढूृंढ लेन ेका स्वभाव, इन्हें औरों से अनोखा

    बनाता हैं। इन्हें सृंपकि करने के शलए –

    Instagram: @melancholy_writtens

    @my.treasure.box_

    Facebook: renuka.tulsyan.1

    ईमेल: [email protected]

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  • xii

    नूरलीन कौर भारटिा

    नूरलीन कौर भारटिा, रािपुर, छत्तीसगढ

    की रहने वाली, सजृन की रचनायमक प्रधान

    ह।ै िह अपने शवचारों और भावनाओं को

    िब्िों का रूप ि ेकर उन्हें पन्नों में कैि करन े

    की खूबसूरत कला रखती ह।ै इनह े सृंगीत,

    िब्िों और उपन्िास से लगाव ह ै और इनके स्वभाव की

    झलक इनकी शलशखत कलाओं में पाई जाती ह ै इनके कािि

    को पढने के शलए-

    Instagram: @9noorleen @_writers_paradise9

    ईमेल: [email protected]

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  • सृजन

    1

    उन खाशमिों स ेबइेृंतहा

    मोहब्बत हैं

    माना के इस िौर की नहीं ह ैवो,

    वो कुछ बातें नहीं समझती पर...

    नािान मत समझना उसे,

    बस किल की थोडी अच्छी ह।ै

    हाृं, उसे नहीं समझ आती छल-कपट की िशुनिा

    उसे नहीं आता लोगों को शखलौना बनाकर

    उनके साथ खेलना।

    िािि इसशलए उसके िोस्त कम ह ैलेककन िह ना समझना

    कक उसे िोस्ती शनभानी नहीं आती,

    बस किल की साफ ह ैवो।

    हाृं, नहीं ह ैउसके पास वह खबूसूरती,

    हाृं, मानता हाँ नहीं ह ैउसमें वह औरों वाली बात

    हाृं, उसकी रूह पाकीिा ह ैऔर शजस्म की किखावटी

    खूबसूरती नहीं ह।ै

    हाृं, उसे खुि को आईने में िखेना नहीं पसृंि,

    आशखर, िशुनिा ने उसे बरुा-भला हमेिा से जो कहा ह,ै

    पर वह शलखती ह ैऔर अपन ेजज़्बातों को बडी खूबसूरती से

    कोरे कागजों पर सजाती ह।ै

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  • हमेृंत बृंसल, अक्षत लाखे

    2

    हाृं, उसमें थोडा बचपना िरूर ह,ै

    छोटी-छोटी बातों पर आाँसुओं का सैलाब ले आती ह ैपर,

    उसे बनावटी ना समझना बस रूह से थोडी मासूम ह,ै

    उसे खुि में बहुत सी खाशमिााँ निर आती ह ैलेककन,

    मुझ ेउस रूह स,े

    उस शजस्म से और

    उन खाशमिों स ेबेइृंतहा मोहब्बत हैं।

    - अक्षत लाख े

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  • सृजन

    3

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