mazdoor bigul oct-nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश...

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िपछले 8 नवÌबर की रात से देश भर म¤ अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§कŌ के बाहर सुबह से रात तक लÌबी-लÌबी कतार¤ लग ह§ , सारे काम छोडकर लोग अपनी ही मेहनत और बचत के पैसे पाने के िलए धके खा रहे ह§। अÖपतालŌ म¤ मरीज़Ō का इलाज नह हो पा रहा, बाज़ार बÆद पड़े ह§ , खेती-िकसानी के काम Łके ह§ , कामगारŌ को मज़द री नह िमल पा रही है , आम लोग रोज़मरा की मामूली ज़łरत¤ तक पूरी नह कर पा रहे ह§। नोटबÆदी के कारण अब तक लगभग 50 लोगŌ की मौत तक हो गयी है। िदलचÖप बात यह है िदेश के बड़े पू ँजीपितयŌ, ÓयापािरयŌ, अफ़सरशाहŌ-नेताशाहŌ, िफÐमी अिभनेताओं म¤ काले धन पर इस तथाकिथत सिजकल Öाइकसे कोई बेचैनी या खलबली नह िदखायी दे रही है। िजनके पास काला धन होने की सबसे Ûयादा सÌभावना है उनम¤ से कोई ब§कŌ की कतारŌ म¤ धके खाता नह िदख रहा है। उÐटे वे सरकार के इस फै ़सले का Öवागत कर रहे ह§। आिखर माजरा या है ? या है कालेधन की असिलयत? दोÖतो, िजस देश और समाज म¤ मेहनत की लूट को क़ानूनी जामा पहना िदया जाय। जहाँ पू ँजीपितयŌ को क़ानूनन यह छू ट हो िवह मेहनतकशŌ के ख़ून- पसीने को िनचोड़कर अपनी ितजोिरयाँ भर सक¤ वहाँ ग़ैर क़ानूनीकालाधन पैदा होगा ही। आज देश की 90 फ़ीसदसÌपि° महज़ 10 फ़ीसदलोगŌ के पास है और इसम¤ से आधे से अिधक सÌपि° महज़ एक फ़ीसदलोगŌ के पास है। यह देश की मेहनत और कु दरत की बेतहाशा लूट से ही सÌभव हुआ है। मोदी सरकार के स°ा म¤ आने के बाद इसम¤ बेतहाशा बढ़ो°री हुई है। सािथयो, काला धन वह नह होता िजसे बसŌ या तिकये के कवर म¤ या ज़मीन म¤ गाड़कर रखते ह§। स¸चाई यह है िदेश म¤ काले धन का िसफ़ 6 ितशत नगदी के łप म¤ है आज काले धन का अिधकतम िहÖसा िरयल Öटेट, िवदेशŌ म¤ जमा धन और सोने की खरीद आिद म¤ लगता है। कालाधन भी सफे द धन की तरह बाज़ार म¤ घूमता रहता है और इसका मािलक उसे लगातार बढ़ाने की िराक़ म¤ रहता है। आज पैसे के łप म¤ जो काला धन है वह कु ल काले धन का बेहद छोटा िहÖसा है और वह भी लोगŌ के घरŌ म¤ नह बिÐक बाज़ार म¤ बीते 7 नवÌबर को महान अटूबर ािÆत को 99 वष पूरे हो गये और उसके शताÊदी वष की शुŁआत हो गयी। यह िनया भर के मज़द वग के िलए एक बेहद महÂवपूण अवसर है। इस पूरे वष िनया भर म¤ ािÆतकारी मज़द कÌयुिनÖट संगठन अटूबर ािÆत की गौरवशाली िवरासत को याद कर¤गे और भावी संघषŎ का संकÐप ल¤गे। यह मज़द वग की ऐितहािसक िवजय का पव है। हम एक ऐसे समय म¤ अटूबर ािÆत के सौव¤ वष म¤ वेश कर रहे ह§ , जबिक िनया भर म¤ पू ँजीवादी ÓयवÖथा भयंकर संकट से Öत है। िपछले 8 वषŎ म¤ िजस असमाधेय संकट ने पू ँजीवादी िवĵ को अपनी जकड़ म¤ ले रखा है , वह जाने का नाम नह ले रहा है। हर वष संकट से उबरने के नये दावे कारपोरेट घरानŌ के कलमघसीट अथशाľी और बुिजीवी कर रहे ह§। मगर अित- उÂपादन और पू ँजी के अित-संचय के संकट से उबरने की बजाय पू ँजीवादी ÓयवÖथा और भी Ûयादा गहरे संकटŌ म¤ िघरती जा रही है। इस संकट का बोझ हर जगह हुमरानŌ ने आम मेहनतकश अवाम पर डालने का काम िकया है। नतीजतन, मुनाफे की अÆधी हवस और सेबाज़ी के ज़िरये तुरत-फु रत मुनाफ़ा कमा लेने की होड़ के कारण जो संकट पैदा हुआ है , उसका बोझ सरकारी खचŎ म¤ कटौती (यानी, िशा, िचिकत् सा, कृ िष, खााÆन अÆय मूलभूत वÖतुओं का महँगा होना), छँटनी और तालाबÆदी के ज़िरये बेरोज़गारी और महँगाई के łप म¤ मज़द वग पर डाला गया। नतीजतन, िनया के अलग-अलग िहÖसŌ म¤ आम मेहनतकश लोग सड़कŌ पर उतरे और कई देशŌ म¤ जनिवोह तक हुए। अरब िवĵ म¤ िपछले कु छ वषŎ म¤ कु छ बड़े जनिवोह हुए िजÆहŌने ट्यूनीिशया और िमą म¤ अलोकिय तानाशाह स°ाओं को उखाड़ फ¤ का। िमą म¤ मुिÖलम दरहुड की धािमक करपंथी स°ा को भी जनिवोह ने स°ा¸युत कर िदया। लेिकन उसकी जगह पर आयी सैÆय तानाशाह स°ा भी मज़द वग और आम मेहनतकश जनता के िलए एक दमनकारी स°ा सािबत हुई है। नतीजतन, िमą का समाज आज भी सुलग रहा है। अपने संकट से िनपटने के िलए सााºयवादी अमेिरका और यूरोप िनया भर म¤ जगह-जगह और िवशेष तौर पर मÅय-पूव और यूे न म¤ यु भड़का रहे ह§। भारतीय पू ँजीपित वग भी संकट के कारण बढ़ती बेरोज़गारी, ग़रीबी और महँगाई से मेहनतकश वग का Åयान खचने के िलए यु का जुनून भड़काने से लेकर साÌदाियक तनाव और जाितगत वैमनÖय फै लाने तक, हर तरक़ीब का इÖतेमाल कर रहा है। आिथक संकट के दौर म¤ िनया के तमाम देशŌ म¤ फासीवादी ताक़त¤ मज़बूत हो रही ह§ , कई जगहŌ पर वे स°ा म¤ भी पहुँच रही ह§ ; कई देशŌ म¤ ितियावादी, दिणपंथी और मज़द -िवरोधी पािटयाँ या नेता स°ा तक पहुँच रहे ह§। अमेिरका और यूरोप म¤ नÖलवाद को बढ़ावा देकर मज़द वग को तोड़ने की कोिशश¤ की जा रही ह§ , वासी मज़द रŌ के िलाफ़ गोरे मज़द रŌ को भड़काया जा रहा है। इसका असली कारण यह है िÖवयं गोरी आबादी के भीतर वग अÆतरिवरोध तेज़ी से बढ़े ह§। भारत म¤ भी मज़द वग को जाट गैर-जाट, पटेल-पाटीदार गैर पटेल-पाटीदार तथा मराठा गैर- मराठा म¤ तोड़ने और आरण के ij पर उÆह¤ लड़ाने की सािज़श की जा रही है। ये सभी सािज़श¤ यही िदखला रही ह§ िपू ँजीवादी शासक वग आिथक संकट के कारण राजनीितक संकट के भँवर म¤ भी फँ सा हुआ है। अमेिरका म¤ डोनाÐड Ìप का चुनाव जीतना भी यही िदखला रहा है। लेिकन इन सब सािज़शŌ के बावजूद िनया के अलग-अलग िहÖसŌ म¤ मज़द अपने हक़Ō को लेकर सड़कŌ पर उतर रहे ह§। दिण यूरोप के तमाम देश, मसलन, यूनान, इटली, पुतगाल और Öपेन तक आज मज़द रŌ और युवाओं के ÓयवÖथा-िवरोधी आÆदोलनŌ की चपेट म¤ गये ह§। हमारे देश म¤ भी होÁडा और माŁित के मज़द रŌ से लेकर ctk fcxqy esgurd'k tkx] fpaxkjh ls yxsxh vkx! ekfld lekpkji=k iw.kk±d 52 o"kZ 6] vad 8&9 vDVwcj&uoEcj 2016 ik¡p #i;s 16 i`"B फ़ािसь टЋ की जीत सााγवाद के चौधरी के मु ँह से उतरा उदारवादी मुखौटा बड़े नोटों पर पाबϜी - अमीरों के जुम की सज़ा ग़रीबों को ग़रीबों के मु ँह का ास ग़रीबों के मु ँह का ास छीनकर बढ़ती जीडीपी छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलकों के मुनाफ़े और मािलकों के मुनाफ़े 7 अपनी नाकािमयाँ छुपाने के िलए मोदी सरकार का एक और धोखा! (पेज 13 पर जारी) (पेज 8 पर जारी) महान अ;ूबर ािϚ के शताϻी वष की शुѲआत सजगे िफर नये लвर मचेगा रण महाभीषण 16 अ;ूबर ािϚ की єृितयों से सं कС लो - नयी सदी की नयी समाजवादी ािϚयों की तैयारी करो सЋादक मξल काला धन िमटाने के नाम पर नोटबϜी िबगुल मज़दूर दэा और अϣ जनसंगठनों की ओर से जारी पच के अंश 5

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Page 1: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

िपछल 8 नव बर की रात स दश भर म अफ़रा-तफ़री का आलम ह बक क बाहर सबह स रात तक ल बी-ल बी कतार लगी ह सार काम छोडकर लोग अपनी ही महनत और बचत क पस पान क िलए धकक खा रह ह अ पताल म मरीज़ का इलाज नही हो पा रहा बाज़ार ब द पड़ ह खती-िकसानी क काम क ह कामगार को मज़दरी नही िमल पा रही ह आम लोग रोज़मरार की मामली ज़ रत तक परी नही कर पा रह ह नोटब दी क कारण अब तक लगभग 50

लोग की मौत तक हो गयी ह िदलच प बात यह ह िक दश क बड़ पजीपितय यापािरय अफ़सरशाह -नताशाह िफ मी अिभनताओ म काल धन पर इस तथाकिथत ldquoसिजरकल टराइकrdquo स कोई बचनी या खलबली नही िदखायी द रही ह िजनक पास काला धन होन की सबस यादा स भावना ह उनम स कोई बक की कतार म धकक खाता नही िदख रहा ह उ ट व सरकार क इस

फसल का वागत कर रह ह आिखर माजरा कया ह

कया ह कालधन की असिलयत दो तो िजस दश और समाज म महनत की लट को क़ाननी जामा पहना िदया जाय जहा पजीपितय को क़ाननन यह छट हो िक वह महनतकश क ख़न-पसीन को िनचोड़कर अपनी ितजोिरया भर सक वहा ldquoग़र क़ाननीrdquo कालाधन पदा होगा ही आज दश की 90 फ़ीसदी

स पि महज़ 10 फ़ीसदी लोग क पास ह और इसम स आध स अिधक स पि महज़ एक फ़ीसदी लोग क पास ह यह दश की महनत और कदरत की बतहाशा लट स ही स भव हआ ह मोदी सरकार क स ा म आन क बाद इसम बतहाशा बढ़ो री हई ह

सािथयो काला धन वह नही होता िजस बकस या तिकय क कवर म या ज़मीन म गाड़कर रखत ह स चाई

यह ह िक दश म काल धन का िसफ़र 6 परितशत नगदी क प म ह आज काल धन का अिधकतम िह सा िरयल टट िवदश म जमा धन और सोन की खरीद आिद म लगता ह कालाधन भी सफद धन की तरह बाज़ार म घमता रहता ह और इसका मािलक उस लगातार बढ़ान की िफ़ राक़ म रहता ह आज पस क प म जो काला धन ह वह कल काल धन का बहद छोटा िह सा ह और वह भी लोग क घर म नही बि क बाज़ार म

बीत 7 नव बर को महान अकटबर कराि त को 99 वषर पर हो गय और उसक शता दी वषर की श आत हो गयी यह दिनया भर क मज़दर वगर क िलए एक बहद मह वपणर अवसर ह इस पर वषर दिनया भर म कराि तकारी मज़दर व क यिन ट सगठन अकटबर कराि त की गौरवशाली िवरासत को याद करग और भावी सघष का सक प लग यह मज़दर वगर की ऐितहािसक िवजय का पवर ह

हम एक ऐस समय म अकटबर कराि त क सौव वषर म परवश कर रह ह जबिक दिनया भर म पजीवादी यव था भयकर सकट स गर त ह िपछल 8 वष म िजस असमाधय सकट न पजीवादी िव को अपनी जकड़ म ल रखा ह वह जान का नाम नही ल रहा ह हर वषर सकट स उबरन क नय दाव कारपोरट

घरान क कलमघसीट अथरशा ी और बिदधजीवी कर रह ह मगर अित-उ पादन और पजी क अित-सचय क सकट स उबरन की बजाय पजीवादी यव था और भी यादा गहर सकट म िघरती जा रही ह इस सकट का बोझ हर जगह हकमरान न आम महनतकश अवाम पर डालन का काम िकया ह नतीजतन मनाफ की अ धी हवस और सटटबाज़ी क ज़िरय तरत-फरत मनाफ़ा कमा लन की होड़ क कारण जो सकट पदा हआ ह उसका बोझ सरकारी खच म कटौती (यानी िशकषा िचिकत सा किष खादया न व अ य मलभत व तओ का महगा होना) छटनी और तालाब दी क ज़िरय बरोज़गारी और महगाई क प म मज़दर वगर पर डाला गया नतीजतन दिनया क अलग-अलग िह स म आम महनतकश लोग सड़क पर उतर और

कई दश म जनिवदरोह तक हए अरब िव म िपछल कछ वष म कछ बड़ जनिवदरोह हए िज ह न टयनीिशया और िम म अलोकिपरय तानाशाह स ाओ को उखाड़ फका िम म मि लम बरदरहड की धािमरक कटटरपथी स ा को भी जनिवदरोह न स ा यत कर िदया लिकन उसकी जगह पर आयी स य तानाशाह स ा भी मज़दर वगर और आम महनतकश जनता क िलए एक दमनकारी स ा सािबत हई ह नतीजतन िम का समाज आज भी सलग रहा ह अपन सकट स िनपटन क िलए सामरा यवादी अमिरका और यरोप दिनया भर म जगह-जगह और िवशष तौर पर म य-पवर और यकरन म यदध भड़का रह ह भारतीय पजीपित वगर

भी सकट क कारण बढ़ती बरोज़गारी ग़रीबी और महगाई स महनतकश वगर का यान खीचन क िलए यदध का जनन भड़कान स लकर सा परदाियक तनाव और जाितगत वमन य फलान तक हर तरक़ीब का इ तमाल कर रहा ह आिथरक सकट क दौर म दिनया क तमाम दश म फासीवादी ताक़त मज़बत हो रही ह कई जगह पर व स ा म भी पहच रही ह कई दश म परितिकरयावादी दिकषणपथी और मज़दर-िवरोधी पािटरया या नता स ा तक पहच रह ह अमिरका और यरोप म न लवाद को बढ़ावा दकर मज़दर वगर को तोड़न की कोिशश की जा रही ह परवासी मज़दर क िख़ लाफ़ गोर मज़दर को भड़काया जा रहा ह इसका असली कारण यह ह िक वय गोरी आबादी क भीतर वगर अ तरिवरोध तज़ी स बढ़ ह भारत म भी मज़दर वगर

को जाट व गर-जाट पटल-पाटीदार व गर पटल-पाटीदार तथा मराठा व गर-मराठा म तोड़न और आरकषण क पर पर उ ह लड़ान की सािजश की जा रही ह य सभी सािज़ श यही िदखला रही ह िक पजीवादी शासक वगर आिथरक सकट क कारण राजनीितक सकट क भवर म भी फसा हआ ह अमिरका म डोना ड टर प का चनाव जीतना भी यही िदखला रहा ह लिकन इन सब सािज़ श क बावजद दिनया क अलग-अलग िह स म मज़दर अपन हक़ को लकर सड़क पर उतर रह ह दिकषण यरोप क तमाम दश मसलन यनान इटली पतरगाल और पन तक आज मज़दर और यवाओ क यव था-िवरोधी आ दोलन की चपट म आ गय ह हमार दश म भी हो डा और मा ित क मज़दर स लकर

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फ़ािससट टरमप की जीतसामराजयवाद क चौधरी क म ह स उतरा उदारवादी मखौटा

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को

ग़रीबो क म ह का गरास ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़और मािलको क मनाफ़ 7

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा

(पज 13 पर जारी)

(पज 8 पर जारी)

महान अकट बर करािनत क शताबदी वषर की शरआतसजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

16

अकटबर करािनत की समितयो स सकलप लो - नयी सदी की नयी समाजवादी करािनतयो की तयारी करोसमपादक मणडल

काला धन िमटान क नाम पर नोटबनदी

िबगल मज़दर दसता और अनय जनसगठनो की ओर स जारी पचर क अश

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मज़दर िबगल की वबसाइटwwwmazdoorbigulnet

इस वबसाइट पर िदस बर 2007 स अब तक िबगल क सभी अक करमवार उसस पहल क कछ अक की सामगरी तथा राहल फाउ डशन स परकािशत सभी िबगल पि तकाए उपल ध ह िबगल क परवशाक स लकर नव बर

2007 तक क सभी अक भी वबसाइट पर करमशः उपल ध कराय जा रह हमज़दर िबगल का हर नया अक परकािशत होत ही वबसाइट पर िनश क

पढ़ा जा सकता हआप इस फ़सबक पज क ज़िरय भी lsquoमज़दर िबगलrsquo स जड़ सकत ह

wwwfacebookcomMazdoorBigul

lsquolsquoबजरआ अख़बार पजी की िवशाल रािशयो क दम पर चलत ह मज़दरो क अख़बार ख़द मज़दरो दवारा इकटठा िकय गय पस स चलत हrsquorsquo - लिनन

1 lsquoमज़दर िबगलrsquo यापक महनतकश आबादी क बीच कराि तकारी राजनीितक िशकषक और परचारक का काम करगा यह मज़दर क बीच कराि तकारी वजञािनक िवचारधारा का परचार करगा और स ची सवरहारा स कित का परचार करगा यह दिनया की कराि तय क इितहास और िशकषाओ स अपन दश क वगर सघष और मज़दर आ दोलन क इितहास और सबक स मज़दर वगर को पिरिचत करायगा तथा तमाम पजीवादी अफवाह -कपरचार का भ डाफोड़ करगा

2 lsquoमज़दर िबगलrsquo भारतीय कराि त क व प रा त और सम याओ क बार म कराि तकारी क यिन ट क बीच जारी बहस को िनयिमत प स छापगा और lsquoिबगलrsquo दश और दिनया की राजनीितक घटनाओ और आिथरक ि थितय क सही िव षण स मज़दर वगर को िशिकषत करन का काम करगा

3 lsquoमज़दर िबगलrsquo वय ऐसी बहस लगातार चलायगा तािक मज़दर की राजनीितक िशकषा हो तथा व सही लाइन की सोच-समझ स लस होकर कराि तकारी पाटीर क बनन की परिकरया म शािमल हो सक और यवहार म सही लाइन क स यापन का आधार तयार हो

4 lsquoमज़दर िबगलrsquo मज़दर वगर क बीच राजनीितक परचार और िशकषा की काररवाई चलात हए सवरहारा कराि त क ऐितहािसक िमशन स उस पिरिचत करायगा उस आिथरक सघष क साथ ही राजनीितक अिधकार क िलए भी लड़ना िसखायगा दअ नी-चव नीवादी भजाछोर lsquolsquoक यिन ट rdquo और पजीवादी पािटरय क दमछ ल या यिकतवादी-अराजकतावादी टरडयिनयन स आगाह करत हए उस हर तरह क अथरवाद और सधारवाद स लड़ना िसखायगा तथा उस स ची कराि तकारी चतना स लस करगा यह सवरहारा की कतार स कराि तकारी भरती क काम म सहयोगी बनगा

5 lsquoमज़दर िबगलrsquo मज़दर वगर क कराि तकारी िशकषक परचारक और आ ानकतार क अितिरकत कराि तकारी सगठनकतार और आ दोलनकतार की भी भिमका िनभायगा

lsquoमज़दर िबगलrsquo का सवरप उददशय और िज़ ममदािरयाlsquoमज़दर िबगलrsquo का सवरप उददशय और िज़ ममदािरया

िपरय पाठको बहत स सदसयो को lsquoमज़दर िबगलrsquo िनयिमत भजा जा रहा ह लिकन काफ़ी

समय स हम उनकी ओर स न कोई जवाब नही िमला और न ही बकाया रािश आपको बतान की ज़ररत नही िक मज़दरो का यह अख़बार लगातार आिरथक समसया क बीच ही िनकालना होता ह और इस जारी रखन क िलए हम आपक सहयोग की ज़ररत ह अगर आपको lsquoमज़दर िबगलrsquo का परकाशन ज़ररी लगता ह और आप इसक अक पात रहना चाहत ह तो हमारा अनरोध ह िक आप कपया जलद स जलद अपनी सदसयता रािश भज द आप हम मनीआडरर भज सकत ह या सीध बक खात म जमा करा सकत ह

मनीआडरर क िलए पतामज़दर िबगल दवारा जनचतनाडी-68 िनरालानगर लखनऊ-226020बक खात का िववरणः Mazdoor Bigul खाता सखयाः 0762002109003787 IFSC PUNB0076200पजाब नशनल बक िनशातगज शाखा लखनऊ

सदसयताः वािरषक 70 रपय (डाकख़चर सिहत) आजीवन 2000 रपयमज़दर िबगल क बार म िकसी भी सचना क िलए आप हमस इन माधयमो

स समपकर कर सकत हःफ़ोनः 0522-2786782 8853093555 9936650658ईमलः bigulakhbargmailcom फ़सबक wwwfacebookcomMazdoorBigul

मज़दर िबगलस पादकीय कायारलय ः 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 फ़ोन 8853093555िद ली स पकर ः बी-100 मक द िवहार करावलनगर िद ली-94 फ़ोनः 011-64623928 ईमल ः bigulakhbargmailcomम य ः एक परित - 5- वािषरक - 70- (डाक ख़चर सिहत) आजीवन सद यता - 2000-

lsquoमज़दर िबगलrsquo मज़दरो का अपना अख़बार ह यह आपकी िनयिमत आिथरक मदद क िबना नही चल सकता

िबगल क िलए सहयोग भिजयजटाइय सहयोग कपन मगान क िलए मज़दर िबगल कायारलय को िलिखय

मज़दर िबगल क िलए अपन कारख़ान दफ़तर या बसती की िरपोटर लख पतर या सझाव आप इन तरीक़ो स भज सकत हः

डाक स भजन का पता मज़दर िबगल दवारा जनचतना डी-68 िनरालानगर लखनऊ-226020ईमल स भजन का पता bigulakhbargmailcom

2 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

उधर सीमा पर जवान जान द रहा ह यहा तम जान दो mdash तािक दोनो तरफ सठो की ितजोिरया भरती रह

पजीपितयो क पास दजरनो अख़बार और टीवी चनल ह मज़दरो क पास ह उनकी आवाज़ मज़दर िबगल

इस हर मज़दर क पास पहचान म हमारा साथ द

साब सड़क टटी पड़ी ह पराइमरी कल क बाहर गदा पानी जमा ह ब च कल नही जा पा रह ह घर म कद होकर रह गय ह

शमर करो कछ सहना सीखो सीमा पर जवान एक जगह कई-कई िदन खड़ रहत ह

साब हमार हडप प ठप हो गय ह इलाक का पानी ग दा हो गया ह कसर फल रहा ह कछ कीिजए

दश आग बढ़ रहा ह कछ सहना ही पड़ता ह सीमा पर जवान भी तो झल रह ह

साब फसल क ठीक दाम तो

िदलाओ िकसान आ मह या करन क मजबर ह

इतनी योजनाए ह आ मह या करन वाल कायर ह सीमा पर जवान जान द रह ह

साब सबह की सरकारी बस बन द कर दी गयी ह लड़िकय की पढ़ाई सकट म ह

बटी बचाओ-बटी पढ़ाओ हमारा ही नारा ह वस मात शिकत घर स भाल तो यादा ठीक दश आग बढ़ रहा ह सीमा पर जवान

साब हमार सिनक बट की लाश आन का िसलिसला कता

ही नहीवद मातरम गौ माता की जय

हम िव ग हसाब यह तो हद ह िक अचानक

हमार महनत की कमाई क थोड़-बहत पस भी अवध हो गय तीन-चार िदन बीत जान क बावजद

जब कागरस बास करती थी तब दश ऐस ही महान बनगा सीमा पर जवान िदन-रात खड़ा ह और तम िमिमया रह हो

mdash धीरश सनी (फ़सबक पर)

रखन क बजाय उनस ितहाई-चौथाई मज़दरी वाल अ थायी मजदर की ही सखया बढ़ती जा रही ह

खद सरकारी लबर यरो क सवर इस त य की पि करत ह 8 मखय रोज़गार दन वाल उदयोग क लबर यरो सवर की िपछली िरपोटर थी िक िपछल 8 साल म सबस कम रोज़गार अथारत मातर 1 लाख 35 हज़ार रोज़गार 2015 म पदा हए थ अब अपरल-जन 2016 क लबर यरो सवर की िरपोटर क अनसार अब रोज़गार पदा होन क बजाय कम होन लग ह इस ितमाही म 043 रोज़गार घट ह ऑटोमोबाइल म 18 आभषण-जवाहरात म 16 हडलमपावरलम म 12 तथा टरासपोटर म 4 िमक की नौकिरया चली गयी ह चमड़ा उदयोग म श य रोज़गार विदध ह इसी तरह सटर फॉर मॉिनटिरग ऑफ इिडयन इकॉनोमी (CMIE) की िरपोटर क अनसार इस साल जनवरी म बरोज़गारी की दर 872 थी जो अग त म बढकर 98 पर जा पहची ह

इसी का नतीजा ह िक 2011-12 क उपभोकता खचर क नशनल स पल सवर क

अनसार अगर शहर म रहन कोई यिकत 6383 महीना और गाव म रहन वाला 2886 महीना स यादा उपभोग पर खचर करन की हिसयत रखता ह तो वह भारत क सबस अमीर 5 लोग म शािमल ह मतलब मकश अ बानी रतन टाटा गौतम अडानी मितर परमजी की कतार म और इस साल ससद म पश इकोनॉिमक सवर क अनसार 17 रा य म िकसान पिरवार की औसत सालाना आमदनी 20000 ह अथारत 1666 महीना इसम भी अगर बड़ िकसान को िनकाल द तो यह सखया और भी कम हो जायगी एक और त य सामािजक-आिथरक सवरकषण स िजसक अनसार दश म 21 करोड़ लोग ऐस ह िजनक पास श य जी हा ज़ीरो ससाधन ह इनम स 8 करोड़ आिदवासी ह यह गणना इस आधार पर की जाती ह िक साइिकल रिडयो या मोबाइलटलीफोन जसी म यवान चीज़ िकतन लोग क पास ह इस गणना म यह 21 करोड़ लोग ऐस थ िजनक पास इसम स भी कछ नही पाया गया

उपरोकत त य यह बतान क िलय काफी ह िक कॉरपोरट मीिडया दवारा

बहपरचािरत समावशी िवकास और इसक lsquoिटरकल डाऊनrsquo (बद-बद कर िरसन) स दश क ग़रीब िमक-अधर िमक-िन नम यवगीरय जनता को िकतना फ़ायदा िमल रहा ह फ़ायद क ठीक िवपरीत असल म अथर यव था की यह सारी lsquoविदधrsquo इनक मह का िनवाला छीनकर पजीपित वगर की ितजोिरय को भरन स ही हो रही ह िफर बढती ग़रीबी कपोषण बीमािरया आ मह याए अचरज की बात कस िबना समाज की बहसखया क जीवन म सधार हए जीडीपी का बढ़ना वस ही ह जस हमार शरीर की कछ कोिशकाए जब अचानक बढ़न लगती ह तो शरीर को मज़बत नही करती बि क ममार तक पीड़ादायक और जानलवा कसर बनती ह उसी तरह पजीवादी यव था म यह ढोलपीट जीडीपी विदध भी समाज क िलए तरककी नही पीड़ादायक कसर ही बन चकी ह इसका इलाज ज दी नही िकया गया तो यह ददर-तकलीफ़ बढ़ती ही जायगी

mdash मकश यागी

ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़

(पज 7 स अाग)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 3

8 महीन क ल ब सघषर क बाद भी ह डा मज़दर अपनी िजजीिवषा और ज ब क बदौलत लड़ रह ह िपछल 19 िसत बर स ह डा मज़दर न जतर मतर पर अपना खटा गाड़ा और अपन सघषर की आवाज़ को दशभर क महनतकश अवाम क बीच ल गय यह तब ह जब ह डा मनजमट क पकष म सारी पिलस कोटर-कचहरी हिरयाणा सरकार राज थान सरकार और मोदी सरकार खड़ी ह इस िवराट ताक़त का मकाबला करन वाल ह डा 2एफ़ कामगार समह न सािबत िकया ह िक मज़दर सही रणनीित और बहादरी क साथ िकसी भी ताक़त का मकाबला कर सकत ह 16 फरवरी को बाउ सर और पिलस क बबरर लाठीचाजर धारा 307 क तहत जल जाना और कई बार पिलस परशासन का कहर झलन क बाद भी यह सघषर जारी ह दश म िवदशी और दशी पजी क चाकर की सरकार को ह डा मजदर न िमसाल कायम करन वाली चनौती दी ह पर त अभी सघषर ख़ म नही हआ ह अभी भी लड़ाई बाकी ह

इस सघषर न 19 िसत बर स एक नई तज़ी हािसल की ह 19 िसत बर क बाद स यिनयन क 5 सािथय नरश महता सनील अिवनाश रिव और िविपन न ज तर म तर पर भख हड़ताल श की यह भख हड़ताल पर 20 िदन चली िजसम अपनी िज़ दगी को दाव पर लगाकर भी य साथी लड़त रह तिबयत बहद खराब होन क बावजद भी भख हड़ताल पर बठ सािथय न अपनी िज़ द और सघषर क दम पर इस हड़ताल को जारी रखा कई बार सािथय की तिबयत बहद ख़राब हो गयी पर उ ह न अ पताल म गलकोज़ लगवान स इनकार कर िदया 19व

िदन भी नरश िविपन और सनील की तिबयत काफी िबगड़ गयी थी पर त उ ह न हड़ताल को अ पताल म जारी रखा और अगल िदन जतर मतर पर अपन सािथय क दबाव म अनशन ख़ म िकया इस भख हड़ताल न ह डा क लाट क अ दर तक खलबली मचा दी थी और क पनी म काम करन वाल कई मज़दर इस सघषर का समथरन करन जतर मतर आय कई साथी उड़ीसा राज थान हिरयाणा व उ र परदश म अपन घर स लौट आय और सघषर म जट गय अपन 5 सािथय को मौत क मह स बचान क िलए यिनयन न फ़सला िलया िक सघषर को आग बढ़न क िलए अिनि तकालीन भख हड़ताल की

जगह साथी करिमक भख हड़ताल पर बठग हालािक करिमक भख हड़ताल स श करत हए अिनि तकालीन भख हड़ताल की ओर जाना यादा तािकर क रणनीित होती ह पर हम समझना होगा िक लड़ाई को लड़न म समय-समय पर अपनी और द मन की ताक़त का आकलन करत रहना चािहए और उसक िहसाब स अपनी लड़ाई को जारी रखना चािहए ल बी लड़ाई को

नज़र म रखत हए यह ठीक फ़सला था जो वकत क अनसार अपनी रणनीित नही बदलता वो यदध म हारता ह 52 िदन तक भख हड़ताल चलान क बाद 9 नव बर 2016 को ह डा क मज़दर न अपनी करिमक भख हड़ताल ख़ म करन और राज थान म िफर स अपना सघषर जारी रखन का िनणरय िलया

होडा मज़दरो को जन समथरन

ह डा मजदर को इस लड़ाई म जनता क बीच िद ली आन पर भारी समथरन भी िमला इसम सबस कारगर तरीका ह डा परोडकट बिह कार

अिभयान का रहा ह ह डा क सघषर स िनकला यह िवचार िकस तरह एक भौितक शिकत बन गया यह यहा दखा जा सकता ह हाटसए प पर श हआ यह अिभयान ह डा मजदर की लड़ाई का सबस कारगर हिथयार बन गया िजसक कारण ह डा क पनी को काफी िदककत का सामना करना पड़ा ह 26 िसत बर को िद ली म हए बिह कार क बाद ह डा न कोटर म जाकर ह डा मजदर

को शो म क आग परदशरन न करन की माग की और 5 अकटबर को रा टरीय बिह कार क बाद क पनी न नरश महता पर कस कर िदया िक व सोशल मीिडया पर भी ह डा क िख़ लाफ़ कोई परचार न कर सक पटना म बिह कार अिभयान चला रह सािथय पर ह डा क बाउ सर न हमला िकया िजसम एक साथी का सर फट गया और मिहला सािथय क साथ भी बदतमीजी की गयी जयपर म भी ह डा क बाउ सर न ऐसा ही हमला िकया क पनी को अखबार म बाकायदा इि तहार िनकलवाना पड़ा िक ह डा का बिह कार अिभयान झठा ह पर त फकटरी भी इस सच को जानती ह िक फकटरी म 3000 परिशिकषत मजदर को काम स िनकालन क बाद िलए अपरिशिकषत 8वी और 10वी पास मजदर स बनी गािड़य म िदककत आ रही ह इस कारण ह डा क बाज़ार पर असर पड़ रहा ह हमारा मानना ह िक हम आग लड़ाई म बिह कार अिभयान का जमकर इ तमाल करना होगा कय िक इस हिथयार न ही ह डा को सबस यादा ितलिमलान पर मजबर िकया ह इस अिभयान क साथ हमन याय सघषर रली भी िनकाली िजसम धा हडा स िद ली तक पद यातरा की गयी 2 अकटबर को एक िवशाल जनसभा का आयोजन िकया गया िजसम नीमराना स लकर गडगाव मानसर क मज़दर व यिनयन परितिनिध शािमल हए याय सघषर यातरा क अ त म जएनय म सभा आयोिजत की गयी िजस परशासन न हर हाल म टालन की कोिशश की पर त रोक नही पाया

आग का सघषर सािथय जतर मतर पर श हए

सघषर को पर 52 िदन तक जझा

ि पिरट स लड़ा गया िपछल 8 महीन म हमन सबस अिधक जनसमथरन जटाया ह यह समथरन हम इसिलए िमला िक हम जतर मतर पर खटा गाड़ कर बठ थ व इस सघषर को लगातार जनता क बीच लकर जा रह थ बिह कार अिभयान क ज़िरय ह डा क नाफ़ पर चोट कर रह थ अब हम आग इस सघषर को बढान क िलए इस अनभव का सार सकलन करना चािहए सबस ज़ री बात यह िक हम अपन सघषर को तब तक चला पायग जब तक हम खटा गाड़कर बठन की जगह िमल यह जगह चाह िद ली म हो जयपर म या अलवर म िमल पर त हम एक जगह जमकर िवरोध परदशरन करना चािहए दसरा हम जनता क बीच अपनी बात को पहचात रहना चािहए िजसस िक हमारी लड़ाई को यापक जनसमथरन िमल इसम बिह कार अिभयान काफी कारगर रहा ह िजस हम आग भी जारी रखना चािहए व जनता तक जान क िलए अ य मा यम का इ तमाल करना चािहए अ त म सबस ज़ री बात यह िक िकसी भी आ दोलन या सघषर को पिलस की गोिलया जल और लािठया नही तोड़ सकती ह कोई भी आ दोलन िसफ़र अपनी आ तिरक कमज़ोरी या अन द नी िबखराव की वजह स टटता ह आपसी एकता कायम रखन का एकमातर तरीका यिनयन जनवाद को लाग करना ह कय िक िसफ़र यही यिनयन नत व को मज़बत बनता ह और यिनयन क सद य नत व क फ़सल पर हर हाल म अिडग रहत ह यह इस सघषर म भी लाग करना चािहए और अपनी जीत सिनि त करन की सही रणनीित को िमलकर लाग करना होगा

अधरा ह घना मगर सघषर ह ठनाहोडा मज़दरो न जतर मतर पर 52 िदनो तक की भख हड़ताल अब राजसथान म करग िफर स सघषर की शरआत

शहीद नगर सािहबाबाद उ र परदश क िजला ग़ािजयाबाद का एक घनी आबादी वाला गरीब का िरहाइशी इलाका ह 11 नव बर को सबह करीब 4 बज यहा जकट बनान वाल एक वकर शाप म आग लगी िजसकी वजह स 15 मज़दर जलकर और दम घटन स मर गय िजस िबि डग म आग लगी वह एक तीन मिजला इमारत ह इसक ऊपर की दो मिजल पर जो िकसी मगीरखान क दड़ब स िमलती-जलती ह करीबन 10 साल स ठकदार िरज़वान और नज़ाकत अली जकट िसलाई का वकर शाप चला रह थ इनम स हर एक क पास िसलाई की 15-15 मशीन थी और कल िमलाकर 30 मज़दर दोन वकर शाप म काम कर रह थ

घटना की रात मज़दर न सबह 130 बज तक काम िकया था और िफर व वही सो रह थ आग सभवत िबजली क शाटर सिकर ट स लगी काम स थक मज़दर गहरी नीद म सो रह थ

और यादातर को आग का पता तक नही चला कवल 2 मज़दर ही छत स कदकर अपनी जान बचा पाए आग लगन की ख़बर 4 बज तक इलाक म फल चकी थी और थानीय लोग न पिलस तथा फायर िबरगड को त काल ही सचना द दी थी फायर िबरगड की गाड़ी डढ़ घट बाद मौक पर पहची लिकन छोटी टकी की गाड़ी होन की वजह स इसका पानी तरत ही ख़त म हो गया तब थानीय लोग न पास क बहत हए गद नाल स आग बझान की कोिशश को जारी रखा इसक काफ़ी दर बाद ही फायर िबरगड की दसरी गाड़ी वहा पहची फायर िबरगड की इस लापरवाही पर परशासन का कहना ह िक आग बझान वाली गािडया समय पर पहच गयी थी और अगर कही दर हई तो इसकी वजह सड़क पर लगा हआ जाम थी थानीय लोग न बताया िक सबह 4 बज इलाक म कोई जाम नही रहता ह उन ह न यह भी बताया िक सबस पहल

पास की चौकी स पिलस क कवल 3 िसपाही घटना थल पर पहच थ लिकन व तमाशबीन बन रह और उन ह न कोई पहलकदमी नही िदखाई इस बीच मौहल ल क अकरम नौशाद और तािहर िकसी तरह जलती हई इमारत क अदर पहच और घायल मज़दर तक मतक को बाहर िनकाल लाए िज ह बटरी िरकशा ट पो और एक पीसीआर वन म डालकर िद ली क जी टी बी अस पताल म पहचाया गया मह वपणर त य यह भी ह िक अभी तक ए बलस सवा उपल ध नही करवाई गयी थी और सात बज जाकर एक ए बलस घटना थल पर पहची 13 मज़दर मौक पर ही दम तोड़ चक थ और 2 न अ पताल म आिखरी सास ली एक मज़दर अभी भी िज दगी और मौत स जझ रहा ह अिगनकाड क पर यकषदिशरय न बताया िक फायर िबरगड वाल िबना िकसी तयारी क आए हए थ व कवल 2 लोग थ और उनक पास बचाव क कोई उपकरण जस

ह मट अिगनरोधी सट आिद कछ भी नही थ उन ह न पानी का िछड़काव करन क िलए थानीय लोग को ही पाइप पकड़वा दी एक यिकत न बताया िक इस पर घटनाकरम क दौरान कछ पिलस वाल ना ता करन क िलए चौराह की तरफ चल गय कछ लोग को िनदरश द रह थ और रौब झाड़ रह थ ओर कछक िकनार पर खड़ होकर बात कर रह थ और हस रह थ उनम स एक कह रहा था lsquolsquoजब फकटरी ह तो आग तो लगगी हीrsquorsquo

इस इलाक म जकट बनान वाल करीब 150-200 वकर शाप ह इसक साथ ही यहा बड़ पमान पर जत भी बनाए जात ह ओर कछ जगह जी स रगाई का भी काम होता ह यह सभी वकर शाप अवध ह और पिलस तथा म -िवभाग की िमलीभगत क िबना

नही चल सकत इन वकर शाप म तयार िकया गया माल िद ली क थानीय बाज़ार और फटपाथ पर लगन वाली दकान म स लाई िकया जाता ह

मज़दर न बताया िक एक जकट बनान क पीछ एक मज़दर को करीब 30-40 पय तक पीसरट िमलता ह यिद मज़दर को परितिदन 400-500 पय की िदहाड़ी बनानी हो तो उस 14-16 घट काम करना पड़ता ह मज़दर न बताया िक इन वकर शाप म कोई भी म क़ानन लाग नही होता और पिलस वाल इन अवध कारखान को चलत रहन की एवज़ म हर महीन अपना िहस सा लकर चल जात ह इन वकर शाप क मािलक छोटी पजी क मािलक ह िज ह मज़दर ठकदार कहत ह यह ठकदार 10 स 50 मशीन डालकर इलाक म जगह-जगह अपन वकर शाप चला रह ह और पि मी उ र परदश क इलाक स मज़दर को बलाकर अपन यहा काम करवात ह यह मज़दर अपन गाव िजला या इलाका क आधार पर छोट-छोट गट म बट हए ह और इनक बीच वगर एकता का अभाव ह

mdash ग़ािज़ याबाद सवाददाता

शरम-िवभाग पिलस-परशासन और ठकदारो की लालच न ली 15 मज़दरो की जान

4 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

लिधयाना स तीन िरपोटरकारख़ान म हादस म मार गय मज़दर को मआवज़ा िदलान क िलए टकसटाईल-हौज़री कामगार यिनयन क नततव म सघषर

19 िसत बर 2016 की शाम 6 बज महाजन टकसटाइल (महरबान लिधयाना) म दव बहादर नाम क एक मज़दर की पावरलम मशीन पर स उस समय िगरकर मौकत हो गयी जब वह मशीन पर िडजाइन चन चढ़ा रहा था यह काम दो या तीन मज़दर क बस का था लिकन उस अकल को ही यह काम करना पड़ रहा था कारखान म मज़दर की िज दिगय क साथ िजस तरह िखलवाड़ िकया जा रहा ह उनकी लट-खसोट हो रही ह यह इसका एक और उदाहरण ह पजीपितय दवारा अ य सार म क़ानन सिहत सरकषा क इ तज़ाम की सरआम धि जया उड़ाय जान क कारण भयकर हालात पदा हो गय ह मज़दर क साथ रोज़ाना हादस हो रह ह मज़दर अपािहज हो रह ह उनक पिरवार तबाह बरबाद हो रह ह सरकार म िवभाग पिलस परशासन मज़दर की बाज पकड़न क िलए तयार नही ह मज़दर को खद ही लड़ना होगा

दव बहादर मल प स नपाल का रहन वाला था बीस वषर पहल वह लिधयाना म मज़दरी करन क िलए आया इस समय वह अपनी बीवी तीन वषर स लकर बारह वषर की उमर क पाच ब च क साथ िकराय क कमर म रह रहा था दो ब च गग ह सबस बड़ी लड़की का िदमागी सतलन भी ठीक नही ह ऐसी हालत म दव बहादर की मौत स इस ग़रीब पिरवार पर मसीबत का पहाड़ टट पड़ा ह मािलक पिरवार को महज़ कछ हज़ार पय दकर पीछा छड़ान की कोिशश म था लिकन टकसटाईल हौज़री कामगार यिनयन क नत व म सकड़ मज़दर तीन िदन तक िदहािड़या छोड़कर पीिड़त पिरवार क साथ खड़ रह

कई कारखान क मज़दर हड़ताल करक धरन-परदशरन म शािमल हए लिधयाना म िकसी कारखान म हादसा होन पर मज़दर क मार जान पर आम तौर पर मािलक पिलस व म िवभाग क अफसर स िमलीभगत स दलाल की मदद स पीिड़त पिरवार को 20-25 हज़ार दकर मामला रफा दफा करन म कामयाब हो जात ह लिकन जब

मज़दर एकजट होकर लड़त ह तो उ ह अिधक मआवजा दना पड़ता ह इस मामल म भी मािलक न यही कोिशश की लिकन टकसटाईल हौज़री कामगार यिनयन क नत व म एकजट हए मज़दर न पिलस और मािलक को एक हद तक झकन क िलए मज़बर कर िदया पिलस को मािलक को िहरासत म लन पर मज़बर होना पड़ा मािलक को पीिड़त पिरवार को दो लाख पय मआवजा दना पड़ा

लिधयाना म lsquoसतरी मज़दर सगठनrsquo की शरआत

2 अकटबर 2016 को मज़दर प तकालय लिधयाना म ि य की एक मीिटग हई इस मीिटग म समाज म ि य की बरी हालत क बार म और इस हालत को बदलन क िलए ि य को जाग क व सगिठत करन की ज़ रत क बार म बातचीत की गयी मज़दर ि य की हालत और भी बरी ह घर और बाहर दोन जगह पर ी मज़दर को बहद भयकर हालात का सामना करना पड़ता ह मद क बराबर या अिधक काम करन क बावजद भी उ ह प ष मज़दर स कम वतन िमलता ह उनक िलए कारखान व अ य कायर थल पर आव यक सहलत की भी कमी ह व अपन अिधकार क िलए जाग क भी नही ह िजसक चलत व रोज़मरार अनक मसीबत का सामना करती ह जहा एक तरफ उनक म की लट होती ह और उ ह छड़छाड़ ग दी श दावली व गाली गालौज भी सहना पड़ता ह उ ह बला कार जस अपराध का बड़ तर पर सामना करना पड़ रहा ह प ष परधान मानिसकता न उ ह दसर दजर की नागिरक प ष की गलाम बनाकर रखा हआ ह हर रोज़ ी िवरोधी अपराध बढ़त जा रह ह िफ म नाटक गीत िवजञापन

आिद म ि य को व त क प म पश िकया जाता ह ि य को पजीवादी लट क िख़ लाफ़ लड़ना होगा लट

आधािरत समाज की प ष परधान मानिसकता स लड़ना होगा ी होन क कारण उनक साथ क़दम क़दम पर होन वाली धककीशाही क िख़ लाफ़ जाग क और सगिठत होना होगा यह ठीक ह िक मज़दर ि य को प ष मज़दर क कध स कधा जोड़कर पजीवादी लट क िख़ लाफ़ लड़ना ह लिकन मज़दर ि य को उनक अिधकार क िलए ज़ री तौर पर जाग क और सगिठत करन क िलए मज़दर ि य क

अलग सगठन बनान ह ग इस िवचार चचार क बाद लिधयाना म lsquo ी मज़दर सगठनrsquo

की श आत का फ़सला िकया गया सयोजक का कायरभार साथी बलजीत को स पा गया

शहीद-ए-आज़म क जनमिदवस पर लिधयाना म मज़दर सगठनो दवारा जाितवाद िवरोधी अिभयानशहीद भगतिसह क ज मिदवस पर इस बार टकसटाईल हौजरी

कामगार यिनयन व कारखाना मज़दर यिनयन दवारा 25 स 28 िसत बर तक लिधयाना म जाितवाद िवरोधी अिभयान चलाया गया इस अिभयान क तहत यिनयन दवारा एक पचार जारी िकया गया िविभ न इलाक म नककड़ सभाए व पदल माचर आयोिजत िकए गय 28 िसत बर को मज़दर प तकालय ताजपर रोड लिधयाना पर जाितवाद क बार म मशी परमचद की कहानी पर आधािरत िफ म lsquoसदगितrsquo िदखायी गयी और िवचार-चचार आयोिजत की गयी अिभयान क दौरान वकताओ न कहा िक शहीद भगतिसह और उनक सािथय की लड़ाई िसफ़र अगरज हकमत क िख़ लाफ़ नही थी बि क मन य क हाथ मन य क हर तरह क शोषण क िख़ लाफ़ थी आज भी हमार समाज म यह लट जारी ह िजस ख़त म करन की िज़ मदारी हर इसाफपसद यिकत क कध पर ह ढाई हज़ार साल स ज़ारी जाितवाद आज भी हमार समाज म कोढ़ की तरह मौजद ह आज भी जाित आधािरत म िवभाजन जारी ह ग दगी साफ करन मला ढोन का काम दिलत

जाितय क लोग को ही करना पड़ता ह आज शहीद भगतिसह का ज मिदन मनाना व उ ह दधाजिल दना उनक िवचार को अपनात हए जाितवाद सिहत हर तरह की लट दमन अ याय क िख़ लाफ़ आवाज़ बल द करक ही सािथरक हो सकता ह

- िबगल सवाददाता

िबगल मज़दर द ता दवारा डा अ बडकर धमरशाला लिधयाना म lsquoजाितवाद की सम या व इसका समाधानrsquo पर आयोिजत िवचार गो ी म lsquoमज़दर िबगलrsquo क स पादक साथी सखिव दर न मखय वकता क तौर पर बात रखी उ ह न कहा िक लगभग ढाई हज़ार साल पहल श हआ जाित आधािरत भदभाव लट दमन आज भी भारतीय समाज क िलए एक ग भीर सम या बना हआ ह मौजदा जाितवादी यव था पजीवादी यव था की सवा कर रही ह और यह पजीवादी जाितवादी यव था ह जाितवाद क तीन त भ ह- दजारब दी काम आधािरत िवभाजन और जाित क भीतर िववाह इनम स मखय प स आज तीसरा त भ ही बचा हआ ह जो िक पजीवादी यव था क अनकल ह

सखिव दर न कहा िक बहत स लोग भारत पर अगरज़ी हकमत की परशसा करत हए दावा करत ह िक इसक कारण जाित यव था ख़त म हो रही थी उ ह न कहा िक वा तिवक त य इसक िवपरीत ह भारत क उपिनवश बन जान स साम ती यव था की उमर ल बी हई इसक कारण जाित यव था भी बची

रही अगर भारत उपिनवश न बनता तो यहा वाभािवक तौर पर जो पजीवादी िवकास होता उसन जाित यव था पर बड़ी चोट होती

सखिव दर न कहा िक जाितवाद क ख़ा म का रा ता िसफ़र माकसरवाद क पास ह माकसरवाद और अ बडकरवाद को आपस म िमलान की कोिशश बबिनयाद ह इनका फ़ायदा नही बि क नकसान ही हो रहा ह जय भीम लाल सलाम का नारा एक ग़लत नारा ह डा अ बडकर न जातीय उत पीड़न क म को उभारन म अहम भिमका िनभायी लिकन उनक पास जाित यव था क ख़ा म का कोई रा ता नही था व भाववादी दशरन और पजीवादी अथरशा व राजनीित क परोकार थ डा अ बडकर न lsquoजाित का उ मलनrsquo लख म खद ही कहा ह िक जाित का ख़ा मा नही हो सकता साथी सखिव दर न कहा िक अतीत म जाितवाद की सम या को समझन म भारतीय क यिन ट की कमज़ोरी रही ह (कई अ य बिनयादी सवाल को समझन की तरह) लिकन क यिन ट ही ह िज ह न जाितवाद क िख़ लाफ़ सबस अिधक सघषर िकया ह बिमसाल लड़ाइया लड़ी ह कबारिनया की ह

जाितवाद क िख़ लाफ़ कभी ना लड़न का दोष लगात हए जो लोग क यिन ट क िख़ लाफ़ क सापरचार कर रह ह व परी तरह ग़लत ह सखिव दर न कहा िक जाितवाद का मक मल ख़ा मा िनजी स पि क अ त क साथ ही हो सकता ह लिकन इसका मतलब यह नही ह िक आज हाथ पर हाथ धर बठा रहा जाय अगर आज जाितवाद क िख़ लाफ़ हम सघषर नही करत तो कभी भी जनता को पजीवादी यव था क िख़ लाफ़ कराि तकारी सघषर क िलए एकजट नही कर पायग हम जाित-आधािरत लट दमन अ याय भदभाव क िख़ लाफ़ ज़ोरदार सघषर करना चािहए जनता

को जाितवादी म य-मा यताओ स स ब ध िव छद क िलए परिरत करना चािहए क यिन ट कराि तकािरय को जाितवादी म य-मा यताओ स स ब ध िव छद करन का उसल स ती स िनजी जीवन म लाग करना चािहए जो िक क यिन ट आ दोलन की एक बड़ी कमी रही ह उ ह न कहा िक हम जाित आधािरत सगठन नही बनान चािहए लिकन जाितवाद िवरोधी सगठन ज़ र बनान चािहए िजनम सभी जाितय क जाितवाद िवरोधी यिकत शािमल ह दिलतवादी सगठन क साथ िमलकर म ा आधािरत सघषर िकय जा सकत ह अ तरजातीय परम िववाह का

परज़ोर समथरन िकया जाना चािहए अ तरजातीय िववाह जाित यव था पर करारी चोट करत ह

साथी सखिव दर क बाद रामसवक छोटलाल िनभरय रिज दर जि डयाली तलसी परसाद म तराम राज दर सनील िसह घन याम लककी जसपरीत व अ य सािथय न इस िवषय पर अपनी बात रखी और सवाल-जवाब म िह सदारी की मच सचालन लखिव दर न िकया इस अवसर पर जनचतना दवारा कराि तकारी-परगितशील सािह य की परदशरनी भी लगाई गयी

mdash िबगल सवाददाता

lsquoजाितवाद की समसया व इसका समाधानrsquo िवषय पर िवचार गोषठीजाितवाद क िख़ लाफ़ सघषर िकय िबना जनता को पजीवादी वयवसथा क िख़ लाफ़ करािनतकारी सघषर क

िलए एकजट नही िकया जा सकता

महारा टर म िपछल कछ ह त स लगातार दिलत क िव दध एक िहसक वातावरण तयार िकया जा रहा ह इसकी श आत अहमदनगर क कोपडीर म एक लड़की क बला कार क बाद स हई इस बला कार काण ड क आरोपी दिलत थ इसी बहान सभी मखय चनावी पािटरय व सगठन न ज़मीनी तर पर मराठा आबादी को सगिठत करना श िकया व बरोज़गारी व खती क सकट स बदहाल मराठा आबादी अजाजजा अ याचार िवरोधी क़ानन को र करन व अपन िलए आरकषण की माग को लकर शहर-शहर म सड़क पर उतरन लगी इस आ दोलन को मराठा मक मोचार का नाम तो िदया गया पर इसकी हकीकत ज दी ही नािशक म सामन आ गयी एक नाबािलग लड़की क साथ छड़छाड़ क मामल को लकर दिलत बि तय को चन चनकर टागरट िकया गया वाहन पर टीकर दख-दखकर जलाया गया आठ गाव म दिलत क िव दध बड़ पमान पर िहसा हई िजसम 30 स यादा लोग घायल हए कई ग भीर प स घायल लोग अभी भी म बई व नािशक क अ पताल म भतीर ह इस पर मसल पर पिलस व परशासन मकदशरक बना रहा रा य क मखयमतरी दव दर फडनवीस को नरन दर महाराज क ज मिदन म जान का

समय िमल गया पर घायल स िमलन का नही उल टा उ ह न य कहकर िक ldquoधमरस ा रा यस ा स बढ़कर ह व उसकी मागरदशरक हrdquo बतला िदया िक वो जाित यव था क िकतन बड़ समथरक ह

इसी घटना क िवरोध म 17 अकटबर को अिखल भारतीय जाित िवरोधी मच व नौजवान भारत सभा न ल ल भाई क पाउड मानखदर क मखय चौक पर एक िनषध सभा का आयोजन िकया सभा क दौरान अभाजािवम क बबन ठोक न बात रखत हए कहा िक य मराठा मक मोचार खती क बढ़त सकट व पजीवादी आिथरक सकट स जन मी बरोज़गारी का नतीजा ह मराठा यवाओ की एक बड़ी आबादी आज बरोज़गार घम रही ह व उस इस बात पर बरगलाना बहत आसान ह िक उनकी िह स की नौकिरया दिलत ल जा रह ह हकीकत असल म उल टी ह मराठा ग़रीब आबादी (खित हर मज़दर छोट िकसान आिद) व ग़रीब दिलत आबादी दोन को ही आज गाव क सम प न मराठा िकसान व उदयोगपित लट रह ह साथ ही सरकारी नीितय क कारण लगातार बरोज़गारी बढ़ी ह इस पिरि थित स उपज ग़ स को ही आज सभी चनावी पािटरया भना रही ह व पर महारा टर म हर िजल म मराठा आबादी

क लाख की सखया म मोचर िनकाल जा रह ह नािशक व पण म हई िहसा सतह क नीच िकय जा रह कखयात परचार का ही नतीजा ह

नौजवान भारत सभा क नारायण खराड न कहा िक दिलत अ याचार िवरोधी क़ानन म सशोधन की माग करन वाल की असली मशा समझन की ज़ रत ह आज महारा टर क हर िजल म दिलत क िव दध भयकर अ याचार अजाम िदय जा रह ह व ऐस यादातर कस म अ याचार िवरोधी क़ानन क तहत मामला दजर होन क बावजद भी सज़ा की दर काफी कम (दोष िसिदध दर

10 परितशत स भी कम) रहती ह ऐस म इस क़ानन को और यादा परभावी बनान की ज़ रत ह नारायण न बात रखत हए कहा िक आज मराठा यवाओ को भी इस चीज़ को समझन की ज़ रत ह िक उनक असली दश मन दिलत नही बि क अमीर िकसान व उदयोगपित ह जो सबको लट रह ह महारा टर म ही नही बि क पर दश म इस समय अमीर की एक छोटी सी आबादी बहसखयक जनता को लट रही ह व उसका यान बटान क िलए जाित धमर कषतर क झगड खड़ कर रही ह आज अगर हम य चीज़ नही समझग तो कल बहत दर हो

जायगी आज य िजस मराठा आकरोश को दिलत क िव दध खड़ा कर रह ह कल को वो इस मसलमान क िव दध भी इ तमाल करग मज़दर आ दोलन क िव दध भी इ तमाल करग इसिलए हम आज ग़रीब महनतकश जनता को उसकी अि मताओ क आधार पर नही बि क वगीरय आधार पर एकजट करना होगा जाित क िव दध आ दोलन भी वगीरय गोलब दी क साथ ही खड़ा िकया जा सकता ह

mdash िबगल सवाददाता

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 5

अमिरकी रा टरपित चनाव म घोर न लवादी ी-िवरोधी परवासी-िवरोधी मि लम-िवरोधी और लम पट डोना ड टर प की जीत स वहा का उदारवादी तबका सदम म ह ग़ौरतलब ह िक अमिरका का उदारवादी तबका वहा का कॉरपोरट मीिडया और पजीपित वगर का बड़ा िह सा भी िहलरी िकलटन की जीत पर दाव लगा रहा था और अमिरका की पहली मिहला रा टरपित बनन की घोषणा का बसबरी स इ तज़ार कर रहा था लिकन टर प जस फ़ािस ट परवि क ल पट यिकत क रा टरपित चन जान स िव -पजीवाद क िसरमौर क मह स भी उदारवादी मखौटा उतर गया ह और उसका िघनौना चहरा सामन आ गया ह यह एक बहत बड़ी िवड बना ह िक टर प की यह जीत ढाचागत सकट की िशकार पजीवादी यव था क ख़ िलाफ़ अमिरका की जनता क ग़ स और बजरआ लोकततर क दायर क भीतर उसकी लाचारी की भी अिभ यिकत ह टर प की यह जीत 2007 स जारी िव यापी म दी क दौर म दिनया क तमाम दश म धर-दिकषणपथी और फ़ािस ट ताक़त क उभार क आम झान क ही अन प ह कई िव षक टर प की इस जीत

क िलए अमिरकी समाज म या न लवादी और ी-िवरोधी मानिसकता को िज मदार मान रह ह अमिरकी समाज म पठी न लवादी और ी-

िवरोधी मानिसकता स इनकार तो हरिगज़ नही िकया जा सकता लिकन ऐस िवश लषण स हम यह नही समझ सकत िक टर प जस ल पट यिकत की रा टरपित क प म वीकायरता मौजदा दौर म ही कय बढ़ी इस सवाल का जवाब हम वगर-िव षण क माकसरवादी उपकरण क इ तमाल स ही िमल सकता ह

ग़ौरतलब ह िक 2007 म अमिरका म आवासीय बलबल क फटन क साथ श हई िव यापी महाम दी अभी तक जारी ह जब यह म दी श हई थी तब अमिरका म िरपि लकन पाटीर का जाजर बश रा टरपित था 2008 क रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता न िरपि लकन पाटीर को खािरज कर डमोकरिटक पाटीर क बराक ओबामा को इस उ मीद म रा टरपित चना था िक उसकी नीितया म दी स उबारगी लिकन ओबामा क दो कायरकाल परा होन पर भी अमिरकी अथर यव था म दी क भवरजाल स बाहर नही िनकल पायी ह ओबामा न जनता की गाढ़ी कमाई स कई िटरिलयन डॉलर क बलआउट पकज दकर बक और िवत तीय महापरभओ को जीवनदान िदया िजसका फ़ायदा बक और कम पिनय क शीषर अिधकािरय को हआ लिकन आम लोग की ज़ िन दगी की परशािनया बढ़ती ही गयी अमिरका म रोज़गार क नय अवसर नही पदा हो रह ह और िपछल आठ वष क दौरान

मज़दर वगर क साथ ही साथ टटपिजया म य वगर की भी आमदनी और करयशिकत म तज़ी स िगरावट दखन म आयी ह इसका नतीजा अमिरकी समाज म आिथरक असमानता की खाई क चौड़ा होन क प म सामन आया इस घोर आिथरक असमानता की अिभ यिकत िन न-बजरआ वगर क नत व म चल lsquoऑक यपाई वॉल टरीटrsquo आ दोलन म भी हई थी िजसका िनशाना कॉरपोरट पजी थी 2012 क रा टरपित चनाव म हालािक ओबामा को जीत हािसल हई लिकन उस 2008 क मकाबल बहत कम वोट िमल थ जो डमोकरिटक पाटीर की घटती लोकिपरयता का ही सकत था

अमिरका का बजरआ लोकततर वहा क लोग को रा टरपित चनन का जो अिधकार दता ह उसका इ तमाल करक यादा स यादा लोग यह कर सकत ह िक बजरआ वगर क एक नमाइ द स तर त आकर बजरआ वगर क दसर नमाइ द को चन ल इस बार क अमिरकी रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता का ग़ सा डमोकरिटक पाटीर ही नही बि क पर बजरआ लोकततर क ख़ िलाफ़ दखन म आया यह इस बात स समझा जा सकता ह िक इस बार क चनाव म 45 परितशत मतदाताओ न िकसी भी उ मीदवार क पकष म वोट नही डाला िहलरी िकलटन और डोना ड टर प दोन को महज़ 25 परितशत क आसपास ही वोट िमल िव कॉि सन

पि सलविनया और िमशीगन जस रा य जो कभी डमोकरिटक पाटीर क गढ़ हआ करत थ उनम मज़दर वगर का ग़ सा िहलरी िकलटन और डमोकरिटक पाटीर पर फटा िजसका लाभ डोना ड टर प को िमला हालािक टर प खद एक पजीपित और धनपश ह लिकन उसन आिथरक मि कल स जझ रह अमिरकी म यवगर और मज़दर वगर क ग़ स को अपनी स ती लोकरजक जमलबाज़ी क ज़िरय जमकर भनाया उसन अमिरका को िफर स महान बनान क स ज़बाग िदखाय उसन लोग को यह यकीन िदलाया िक उनकी सम याओ की वजह बाहर स आ रह परवासी मज़दर ह उसन यहा तक कहा िक रा टरपित बनन क बाद आपरवासन रोकन क िलए वह अमिरका और मिकसको की सीमा पर ऊची दीवार बनवायगा यही नही उसन मसलमान क ख़ िलाफ़ नफ़रत को चरम पर ल जात हए कहा िक रा टरपित बनन क बाद वह मसलमान क अमिरका म आन पर परितब ध लगा दगा वगर चतना क अभाव म यह कोई आश चयर की बात नही ह िक अमिरका क मज़दर वगर क एक िह स को य घनघोर मज़दर-िवरोधी बात जची और उ ह न टर प जस लम पट और अ याश पजीपित क पकष म वोट दन स गरज़ नही िकया िपछल चनाव म ऐसी ही बात क ज़िरय नरन दर मोदी भी भारत क बहत स ग़रीब और मज़दर का वोट पान म कामयाब हो गया था

डोना ड टर प जस धर दिकषणपथी और फ़ािस ट परवि क यिकत क िव -पजीवाद की चोटी पर िवराजमान होन स िनश चय ही अमिरका ही नही बि क दिनया भर क मज़दर की मि कल और चनौितया आन वाल िदन म बढ़न वाली ह मज़दर वगर को न लीय और धािमरक आधार पर बाटन की साज़ िश आन वाल िदन म और परवान चढ़न वाली ह लिकन टर प की इस जीत स मज़दर वगर को यह भी सकत साफ़ िमलता ह िक आज क दौर म बजरआ लोकततर स कोई उ मीद करना अपन आपको झासा दना ह बजरआ लोकततर क दायर क भीतर अपनी चतना को क़द करन का नतीजा मोदी और टर प जस दानव क प म ही सामन आयगा आज दिनया क िविभ न िह स म पिरि थितया िच ला-िच लाकर पजीवाद क िवक प की माग कर रही ह इसिलए वोट क ज़िरय लटर क चहर को बदलन की चनावी नौटकी पर भरोसा करन की बजाय दिनया क हर िह स म मज़दर वगर को पजीवाद को कचर की पटी म डालकर उसका िवक प खड़ा करन की अपनी ऐितहािसक िज मदारी को िनभान क िलए आग आना ही होगा

mdash आन द िसह

अमिरकी राषटरपित चनाव म फ़ािससट टरमप की जीतसामराजयवाद क चौधरी क म ह स उतरा उदारवादी मखौटा

नािशक व पण म दिलत िवरोधी अतयाचारो क िख़ लाफ़ ममबई म परदशरन

6 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

रजनी एक चार साल की ब ची ह इस उमर क अ य ब च की तरह उसका वज़न भी कम स कम 15 िकलो होना चािहए जानत ह रजनी का वज़न िकतना ह 5 िकलो धसी हई आख हडिडय क ढाच पर बजान सखी हई वचा व ख बजान बाल और पतल-पतल हाथ पर वाली रजनी ज़ोर लगाकर खड़ा होन की कोिशश तो करती ह लिकन पर म जान न होन की वजह स खड़ी नही हो पाती ह रोन की कोिशश करती ह तो रो भी नही पाती ह िसफ़र रजनी ही नही उसक तीन और भाई-बहन भी इसी तरह स भखमरी और कपोषण का िशकार ह उसक माता-िपता जलपाईगड़ी क एक चाय बागान म काम करत थ कछ महीन पहल मािलक न िबना िकसी नोिटस और मआवज क इनको बाहर का रा ता िदखा िदया और अब य बरोज़गार ह और सड़क पर ह कछ िदन तक तो उधार पर राशन आता रहा और यह पिरवार दो िदन छोड़कर एक िदन खाना खाता रहा लिकन यह भी कब तक चलता कछ िदन बाद दकान वाल न भी उधार दना बन द कर िदया अब न रोज़गार ह न उधार और न ही राशन ब च ही नही बि क उनक माता-िपता की हालत भी वसी ही ह परा पिरवार भखमरी और कपोषण का िशकार ह और यह िसफ़र एक रजनी और उसक पिरवार की बात नही ह हमार दश म हर रोज़ लगभग बीस करोड़ लोग भख सोत ह यह परी दिनया म रोज़ भख सोन वाल लोग का एक ितहाई ह भारत म हर रोज़ 7000 और हर साल 25 लाख स यादा लोग भख की वजह स मर जात ह इतना ही नही भारत म 50 परितशत स यादा ब च अडरवट यािन अपनी आय क िहसाब स कम वज़न वाल ह और 70 परितशत स यादा औरत और ब च िकसी न िकसी गम भीर पोषण की कमी का िशकार ह हमार दश म 30 परितशत नवजात िशश कम वज़न क साथ पदा होत ह 3 साल तक क 79 परितशत ब च और 56 परितशत िववािहत मिहलाओ म आयरन की

कमी स होन वाली ख़न की कमी ह ब च म होन वाली आधी स यादा मौत कपोषण या कम पोषण होन की वजह स होती ह कया आप जानत ह भखमरी की तािलका म भारत दिनया म कौन स थान पर ह 97व थान पर बहत सार छोट-छोट दश स भी नीचा आपको य आकड़ भयावह लग रह ह ग लिकन भारत की एक बड़ी आबादी क िलए यह रोज़मरर की बात ह

लिकन ऐसा इसिलए नही ह िक भारत म खादया न की कमी ह भारत गह की सबस यादा पदावार करन वाल दश म चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 9403 लाख मीिटरक टन गह पदा होता ह चावल की पदावार म भी भारत चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 15506 लाख मीिटरक टन चावल पदा िकया जाता ह और िफर कया होता ह िपछल साल भारत म 210 लाख मीिटरक टन गह गोदाम म पड़ा-पड़ा सड़ गया था इतना गह पर दश का पट भरन क िलए पयार था सयकत रा टर सघ क अनसार भारत म कल पदावार का चालीस परितशत गह हर साल बबारद हो जाता ह लिकन गाय की पजा स दशभिकत को जोड़न वाली सरकार को दश क भख मरत लोग की िच ता कय होन लगी बहरहाल सरकार का कहना ह िक यह अनाज ख़राब भ डारण और पिरवहन की वजह स ख़राब होता ह लिकन सवाल य ह िक भ डारण और पिरवहन की िज़ मवारी िकसकी ह इस स ब ध म 2001 म सपरीम कोटर म एक यािचका दायर की गयी थी िजसम कहा गया था िक दश की बड़ी आबादी भख मरती ह और अनाज गोदाम म सड़ता ह सपरीम कोटर न सिवधान क अन छद 21 का हवाला दत हए कहा था िक ldquoभोजन का अिधकारrdquo असल म ldquoजीवन क अिधकारrdquo स ही स बि धत ह सपरीम कोटर न फ़सला सनाया था िक ldquoभारतीय खादय िनगमrdquo यह सिनि त कर िक अनाज गोदाम म न सड़ और हर ज़ रतमद को भोजन उपल ध हो

लिकन जसा िक अकसर होता ह फ़सल क इतन साल क बाद आज भी गोदाम म य ही अनाज सड़ रहा ह और लोग भख स मर रह ह पजीवाद का यह मखय लकषण होता ह यापक आबादी भख मरती ह अनाज गोदाम म सड़ता ह या सड़ा िदया जाता ह सरकार और यायपािलका मगरम छ क आस बहाती ह और सब कछ य ही चलता जाता ह

कहन को तो सरकार न मिहलाओ और ब च को भोजन उपल ध करान क िलए कीम भी चला रखी ह एक कीम ह िमड ड मील योजना इसक तहत सरकारी कल म पढन वाल ब च को िदन का खाना उपल ध करवाया जाता ह लिकन यहा सम या य ह िक अिधकतर ब च कल ही नही जा पात तो भोजन कहा स कर पायग दसरा उस भोजन म भी इतनी अिनयिमतताए िमलती ह िक इसी साल क हर महीन म दश क िविभ न िह स स िमड ड मील खान क बाद ब च क बीमार होन की खबर आती रही ह िपछल ही िदन छ ीसगढ़ क कोरबा म 60 ब च िमड ड मील खान क बाद बीमार हो गय थ ज़ािहर ह सम या इस योजना म नही बि क कायार वयन की नीयत म ह कल म आन वाल राशन को इतन ख़राब तरीक स रखा जाता ह िक उसक दिषत होन की स भावना शत परितशत होती ह कई जगह पर इसकी िज़ मदारी ऐस एनजीओ को दी गयी ह जो पस बनान क िलए घिटया सामगरी का इ तमाल करत ह लिकन िकसी को कोई फकर नही पड़ता और ब च य ही बीमार पड़त रहत ह इन स कल म ग़रीब क ब च ही जात ह इसिलए भी िकसी क िलए यह कोई बड़ी बात नही बनती उधर सरकार स लकर स बि धत अिधकारी तक अपनी पीठ थपथपात रहत ह िक सबको भोजन उपल ध करवा िदया गया ह एक अ य कीम ह जो सरकार न ldquoसमि वत बाल िवकास पिरयोजनाrdquo क नाम स चलायी हई ह िजसक अ तगरत छ वषर तक क उमर क ब च गभरवती मिहलाओ तथा

तनपान करान वाली मिहलाओ को वा य पोषण एव शकषिणक सवाओ का एकीकत पकज परदान करन की योजना ह इसक अ तगरत इन सबक िलए एक समय क परक आहार का परबध आगनवाड़ी कदर म होता ह कहन को तो यह योजना िपछल 41 साल स चल रही ह लिकन आज भी इस दश क 50 परितशत स यादा ब च कपोिषत ह और भख स मर रह ह

असल म पजीवाद म सरकार िदखाव क िलए कछ क याणकारी योजनाए चलाती रहती ह लिकन यह िसफ़र िदखावा ही होता ह और जमीनी तर पर य योजनाए बरसाती बलबल स यादा परभाव नही डालती ब च सड़ा हआ अनाज खाकर बीमार हो रह ह जो यह भी नही खा पा रह व भख स मर रह ह और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही ह परभाव डाल भी तो कस एक िरपोटर क अनसार भारत म 45 करोड़ लोग ग़रीबी की रखा स नीच जी रह ह लिकन ग़रीबी की रखा का यह मानदड भी हा या पद ह भारत सरकार क अनसार शहर म रहन वाला कोई यिकत रोज़ अगर 33 पय स यादा और गाव म रहन वाला कोई यिकत अगर 27 पय स यादा कमाता ह तो वह ग़रीब नही ह अब कोई यिकत इतनी कम आमदनी क साथ जीन योगय भी साधन भी नही जटा पायगा पट भरकर खाना तो दर की बात ह िफर ग़रीबी की रखा स नीच आन वाल लोग तो इतन भी नही कमा पात तो व कहा िज़ दा रहन की भी सोच सकत ह एक तरफ तो ऐस लोग की सखया बढती जा रही ह और दसरी तरफ दश म पदा होन वाली स पदा और पजी समाज क एक बहत छोट स िह स क क ज म आती जा रही ह भारत म दिनया क सबस यादा ग़रीब लोग रहत ह और दसरी तरफ फ़ो सर पितरका दवारा जारी की गयी दिनया क 61 दश म अरबपितय की सखया की सची म भारत का थान चौथा ह अमीर और ग़रीब की बढती इस खाई क बीच दश म तमाम नीितया इसी धनपश पजीपित वगर क मनाफ़ क िलए बनायी

जाती ह कछ क याणकारी योजनाए िसफ़र इसिलए चला दी जाती ह तािक यह िदखाया जा सक िक सरकार को ग़रीब की भी िच ता ह लिकन अ ततः ग़रीब क िह स म आती ह लट शोषण और भखमरी

तो इस सब क िलए िज़ मदार कौन ह सरकार की ही तज़र पर कछ लोग कहग िक अनाज का भडारण सही नही ह योजनाओ को ढग स कायारि वत नही िकया जाता अिधकारी पस खा जात ह भर ाचार ह आिद आिद लिकन यह तो त वीर का एक छोटा सा िह सा मातर ह सम या का कारण सरकार की लापरवाही और भर ाचार तो ह लिकन िसफ़र यही एक कारण नही ह सरकार लापरवाह कय ह और भर ाचार का कारण कया ह यह दखन क िलए तो हमको इस यव था की मल परणाली म दखना होगा हमार दश की यव था यािन पजीवाद क अ तगरत हर चीज़ की तरह अनाज भी मनाफ़ क िलए पदा िकया जाता ह और पजीवाद म कोई भी सरकार मनाफ़ पर आधािरत यव था को बनाय रखन व मज़बत बनान क अलावा कछ और नही करगी सरकार की तमाम योजनाए और कायरनीितया इ ही अरबपितय क मनाफ़ को यान म रख कर बनायी जाती ह ऐस म चाह कोई क याणकारी कीम आ जाय या सपरीम कोटर क हज़ार फ़सल आ जाय जब तक मनाफ़ाख़ोर पजीवादी यव था रहगी तब तक अनाज सड़ता रहगा लोग भख स मरत रहग और पजीपितय क मनाफ़ बढ़त रहग स म जब अकटबर कराि त हई तो उस समय स सिहत सी सामरा य क तमाम

दश भयकर अकाल और भखमरी स जझ रह थ लिकन कराि त क बाद जब महनतकश न स ा अपन हाथ म ली तो अगल दस साल म सोिवयत सघ स भखमरी का नामोिनशान ख़त म िकया जा चका था ऐसा भारत म भी िकया जा सकता ह ज़ रत ह िक पजीवाद को ख़त म करक महनतकश का लोक वराज कायम िकया जाय

ndash नवमीत

िवकास क शोर क बीच भख स दम तोड़ता महनतकश

शहीद भगतिसह क जन मिदवस 28 िसत बर 2016 को म बई (मानखदर) म भगतिसह की पाच मराठी प ि तकाओ का लोकापरण हआ इ ही पि तकाओ क परकाशन क साथ मराठी म कराितकारी सािह य क िलए ऐरण परकाशन का आगाज़ हआ नौजवान भारत सभा व ऐरण परकाशन की तरफ स आयोिजत इस कायरकरम म भगतिसह की य पाच पि तकाए परकािशत की गयी 1 मी नाि तक का आह 2 बा बच त वजञान आिण यायालयातील िनवदन 3 जाितधमारच झगड सोडा खरया लढयाशी नात जोडा 4 कराितकारी कायरकरमाचा मसदा 5 भगतिसह हणाल होत इस कायरकरम म म बई क अलग अलग इलाक स

अनक लोग उपि थत थ इस मौक पर बोलत हए नौजवान

भारत सभा क नारायण न कहा िक भगतिसह की शहादत क इतन वष बाद भी उनक लख परासिगक ह इसका कारण य ह िक भगतिसह कवल अगरज क िव दध भारतीय जनता की लड़ाई क ही नही बि क शोषण क िव दध मज़दर की लड़ाई क भी परतीक ह समानता पर आधािरत व शोषणमकत समाज का सपना आख म िलए भगतिसह व उनक सािथय न अपना सब कछ बिलदान कर िदया पर आज भी वसा समाज नही बन पाया उसी शोषणमकत समाज क िनमारण क िलए दिनयाभर क मज़दर की तरह ही भारत क मज़दर भी लड़ रह ह इस सघषर को पिरणित तक ल जान

क िलए भगतिसह का लखन आज भी मागरदशरक ह सड़-गल िवचार िढ़ य व बौिदधक गलामी की जकड़ स आज़ाद होन की पररणा दन की िवलकषण कषमता उनक िलख श द म ह उनक लखन स

परिरत होकर खद को शोषण क िव दध लड़ाई म झ क दना यही भगतिसह को स ची दधाजिल होगी

ऐरण परकाशन की तरफ स बबन ठोक न कहा िक परसार मा यम पर व

साथ ही सािह य पर लगातार पजी का व बाजार का परभाव बढ़ रहा ह व ऐस म एक वकि पक मीिडया खड़ा करना अ यत ज री ह िविभ न भाषाओ म परगितशील सािह य कम स कम दर पर लोग तक पहजना चािहय बबन न कहा िक शहीद भगतिसह क स प णर उपल ध द तावज को भी मराठी म ज द ही परकािशत करन का सक प ऐरण परकाशन न िलया ह

लोकापरण कायरकरम क बाद पर इलाक म शहीद भगतिसह की तस वीर िलय हए एक माचर िनकाला गया व भगतिसह की िवरासत स पिरिचत करात मराठी व िह दी पचर बाट

mdash स यनारायण

शहीद भगतिसह क जनमिदवस पर मराठी म करािनतकारी सािहतय क परकाशन की शरआत

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 7

पजीवादी यव था म उ पादन का चिरतर तो सामािजक हो चका ह अथारत व तओ-सवाओ का उ पादन अलग-अलग यिकतय दवारा नही बि क बहत सार िमक दवारा सामिहक प स िकया जाता ह लिकन उ पािदत व तओ पर वािम व सामािजक अथारत इन उ पादक का सामिहक नही बि क उ पादन क साधन क मािलक या पजीपितय का िनजी वािम व होता ह उ पादक को अपनी मशिकत बचन क एवज म पजी मािलक दवारा तय मज़दरी ही िमलती ह जबिक उ पाद क पर म य पर मािलक का अिधकार होता ह िजसस उनका मनाफ़ा तथा दौलत बढती जाती ह िमक की म शिकत का म य भी बाज़ार क माग-पितर क िनयम स तय होता ह और जब मजदर की एक िवशाल बरोज़गार फौज म क बाज़ार म िबकन क िलय उपल ध हो तो यह म य इतना कम हो जाता ह िक उनको अपना जीवन चलान क िलय भी पयार नही होता कय िक मािलक पजीपित को िमक की अटट कतार िबकन क िलय

नजर आती ह इस ि थित म मजदर की िज दगी बद स बदहाल होती जाती ह और पजीपित का मनाफ़ा ऊच स ऊचा वतरमान यव था म पजीपितय क मनाफ़-दौलत म इस भारी विदध को ही अथर यव था क िवकास का पमाना माना जाता ह

अभी भारत की अथर यव था म तज़ी की भी बडी चचार ह और इस दिनया की सबस तज़ी स िवकास करती अथर यव था बताया जा रहा ह इस िवकास की असली कहानी भी बहसखयक िमक-अधर िमक जनता की िज दगी पर पड इसक असर स ही समझनी होगी 1991 म श हए आिथरक सधार स दश की अथर यव था िकतनी मज़बत हई ह उसकी असिलयत जानन क िलए जीडीपी-जीएनपी की विदध एकसपोटर-इ पोटर क आकड़ मकान -दकान की कीमत अरबपितय की तादाद या ससकस-िन टी का उतार-चढाव दखन क बजाय हम नशनल यिटरशन मॉिनटिरग यरो (NNMB) क सवर क नतीज और अ य ोत स परा जानकारी पर नजर डालत ह जो बताता ह िक जीवन की अ य सिवधाए ndash आवास िशकषा िचिक सा आिद को तो छोड ही द इस दौर म ग़रीब लोग को िमलन वाल भोजन तक की मातरा भी लगातार घटी ह यह यरो 1972 म गरामीण जनता क पोषण पर नजर रखन क िलए थािपत िकया गया था और इसन 1975-1979 1996-1997 तथा 2011-2012 म 3 सवर िकय इस सार दौरान सरकार लगातार ती आिथरक तरककी की िरपोटर दती रही ह इसिलए वाभािवक उ मीद होनी चािहय थी िक जनता क भोजन-पोषण की मातरा म सधार होगा लिकन इसक िवपरीत ज़मीनी असिलयत उलट य पायी गयी िक जनता को िमलन वाल पोषण की मातरा बढ़न क बजाय लगातार घटती गयी ह

2012 क यटरीशन यरो क गरामीण भारत क आिखरी सवर क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गरामीण को 550 कलोरी ऊजार 13 गराम परोटीन 5 िमगरा आइरन 250 िमगरा कि सयम और 500 िमगरा िवटािमन ए परितिदन कम िमल रहा ह इसी तरह 3 वषर स कम की उमर क ब च को 300 िमलीलीटर परितिदन की आव यकता क मकाबल औसतन 80 िमली दध ही परितिदन िमल पा रहा ह सवर यह भी बताता ह िक जहा 1979 म औसतन दिनक ज़ रत क लायक परोटीन ऊजार कि शयम तथा आइरन उपल ध था वही 2012 आत-आत िसफ़र कि शयम ही ज़ री मातरा म िमल पा रहा ह जबिक परोटीन दिनक ज़ रत का 85 ऊजार 75 तथा आइरन मातर 50 ही उपल ध ह िसफ़र िवटािमन ए ही एक ऐसा पोषक त व ह िजसकी मातरा 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लिकन वह भी 2012 म घटकर दिनक ज़ रत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह िक सवर क अनसार 35 गरामीण ी-प ष कपोिषत ह और 42 ब च

मानक तर स कम वज़न वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकड़ा ह जनसखया क ग़रीब िह स म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीिवका यरो नाम क सगठन दवारा दिकषण राज थान क गाव म िकय गय एक सवर क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक ितहाई को सब ज़ी फल अड या मास तो खर िकसी को भी िमलन का सवाल ही नही था नतीजा आधी माए और उनक ब च कपोिषत थ

इस हालत की वजह कया ह इस बार म यटरीशन यरो क ही सवर म पाया गया िक असल म 1979 म िसफ़र 30 गरामीण लोग भिमहीन थ जो अब बढकर 40 हो गय ह मखयतः मज़दरी पर िनभरर पिरवार 51 हो गय ह तथा और 27 ग़रीब िकसान ह िजनकी आमदनी बहद कम ह और उ ह जीवन िनवारह क िलय अपनी ज़मीन पर िनभरर रहन की गजाइश नही इसिलए बाकी समय उ ह मज़दरी ही करनी पड़ती ह 2011 की जनगणना क अनसार भी भिमहीन किष मजदर की तादाद 2001 क 1067 करोड़ क मकाबल बढ़कर 1443 करोड़ हो गयी ह उपजाऊ जोत वाल मािलक िकसान पहल स आध ही रह गय ह अथारत 3 चौथाई गरामीण जनसखया भी अब भोजन क िलए बाज़ार स खरीद पर ही िनभरर ह अब सरकार इस साल पहल ही ससद को बता चकी ह िक महगाई स एडज ट करन पर किष म मज़दरी की दर भी घटन लगी ह - 2014 और 2015 म यह 1 परितवषर कम हई ह साथ म यह भी यान द िक बाकी चीज क मकाबल खादय पदाथ की महगाई अिधक तज़ी स बढ़ी ह - 67 क मकाबल 10 खादय पदाथ म भी दाल वसा तथा सब िज़ य क दाम यादा तज़ी स बढ ह नशनल सपल सवर क अनसार शहर -गाव क सबस ग़रीब लोग दवारा

उपभोग की गयी व तओ की महगाई दर अमीर शहिरय की उपभोगय व तओ क मकाबल 5 तक अिधक ह िन कषर यह िक गरामीण भारत का बहलाश ना तो अब पयार मातरा म भोजन उगान म समथर ह और ना ही ख़रीदन म अतः अिधकाश लोग क िलए दाल सब ज़ी फल दध अडा-मास आिद अब दलरभ पदाथर बनत जा रह ह

अगर िवकिसत दश की बात को छोड़ भी िदया जाय और िसफ़र मीिडया दवारा भारत की बराबरी क उभरत दश कह जान वाल िबरकस (BRICS) दश क साथ भी तलना की जाय तो भारत म कपोषण की ि थित बराज़ील स 13 गना चीन स 9 गना और 1994 तक भयकर रगभदी शासन झलन वाल दिकषण अफरीका स भी 3 गना बदतर ह इस पर भी हमार शासक कपोषण को कोई यान दन लायक सम या नही मानत अभी भारत की आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई स सट पालघर म िपछल एक साल म 600 आिदवासी ब च की कपोषण स म य पर जब महारा टर क आिदवासी मामल क मतरी स सवाल पछा गया तो उनका सीधा जवाब था lsquoतो कया हआrsquo यहा तक िक सबका हाथ सबका िवकास वाली मोदी सरकार न तो 2015 म इस यटरीशन यरो को ही बन द कर िदया ह तािक ऐसी ख़तरनाक परशान करन वाली स चाइया ज़ािहर ही ना ह पर सच का मह कया इतनी आसानी स बन द हो जायगा

यदयिप उपरोकत सब त य गरामीण कषतर क ह लिकन हम सब यह भी जानत ह िक शहरी मजदर -िन न म य वगर की ि थित भी इतनी ही बरी ह अथारत दश क 80 लोग क िलए इन सधार का नतीजा भख और कपोषण ही हआ ह तो हम जो बढ़त कॉरपोरट मनाफ़ अरबपितय की बढती सखया की खबर पढ़त ह उसक पीछ की कड़वी स चाई यही ह िक ग़रीब मजदर िकसान िन न-म यवगीरय लोग क मह का िनवाला छीनकर ही यह मनाफ़ यह अरब की दौलत इकठठा हो रही ह इसीिलए इन सब सवर की ख़बर या इस पर बहस हम कॉरपोरट मीिडया म कही नजर नही आती

आइय अब हम शहरी ग़रीब की ि थित पर नजर डालत ह शहर की ऊपरी चमक-दमक स उनका हाल बहतर न समझ िद ली और म बई सिहत शहर की झगगी-झ पिड़य म रहन वाली एक चौथाई अथारत 10 करोड़ अ य त ग़रीब लोग भी भख और कपोषण का उतना ही िशकार ह और जस-जस हम भारत क आिथरक महाशिकत बनन की चचार सनत ह भख पीिड़त लोग की तादाद घटन क बजाय बढ़ती जाती ह यनीसफ क अनसार भारत म हर साल 5 वषर स कम आय क 10 लाख ब च कपोषण स ब धी कारण स म य का िशकार होत ह सामा य स कम वज़न वाल 5 साल तक क ब च की सखया का िववरण दख तो

पता लगगा िक िवकिसत दश को तो भल ही जाइय बराजील चीन दिकषण अफरीका जस तीसरी दिनया क दश भी छोिड़य शहरी ब च क कपोषण क मामल म हम बागलादश-पािक तान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पािक तान म 25 दिकषण अफरीका म 12 बराजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी िद ली और आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई की ि थित को थोड़ा और िव तार स जानत ह कय िक यहा क बार म यादा जानकारी उपल ध ह इसस हम बाकी शहर की ि थित का भी कछ आकलन कर पायग इन दोन की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड़ लोग लम या झ पड़पटटी म रहत ह जो भारी भीड़ ग़रीबी और कपोषण क क दर ह इनम लोग िकस तरह रहत ह ग यह अनमान लगान क िलए इतना ही बताना पयार ह िक म बई की जनसखया का 60 झ पड़पटटी म रहता ह जो म बई क कल कषतरफल का िसफ़र 8 जगह म ि थत ह म बई क गोवडीमानखदर या िद ली की ऐसी ही िमक बि तय म जाइय तो आपको खल गद नाल कचर क ढर और िभनिभनाती म छर-मिकखय क बीच दड़ब की मािनद भर लोग रहत िमलग िज ह न दश भर क गाव म अपनी जीिवका की बरबादी क बाद इन झ पड़ बि तय म शरण ली ह लिकन इनम स बहत सार तो इस झ पड़ ब ती म भी सही स ठौर नही पा पात कय िक कभी बलडोज़र तो कभी आग कभी परॉपटीर डीलर क मािफया िगरोह इनक थोड बहत बतरन-भाड को भी जलात तोड़त फकत रहत ह

इन ग़रीब मज़दर पिरवार म अकसर माता-िपता दोन को िदन का यादातर समय ल ब हाड़-तोड़ म म िबताना होता ह काम क िलय आन-जान म भी काफी समय लगता ह और खद तथा अपन ब च क िलय भोजन पकान का समय नही होता िफर उतना कमा भी नही पात िक आव यक पोषक त व यकत भोजन सामगरी खरीद सक य और इनक ब च पोषण क नाम पर िसफ़र आटा-मदा चीनी और िचकनाई-तल वाला कचरा भोजन (जक फड) ही उपभोग करन की करय कषमता रखत ह दाल क नाम पर कभी-कभी स ती मसर और सब ज़ी क नाम पर आल ही मय सर होता ह फल-दध तो व न बन चक ह ना त क नाम पर पिरवार चाय क साथ फन या र क स काम चला रह ह और ब च को बीच म भख लग तो मद क नड स या मद चीनी तल वाली जलबी जसी चीज स काम चलाया जा रहा ह य ग़रीब िमक पिरवार इस परकार क भोजन को जीभ क वाद की वजह स नही अपना रह बि क इस िलय िक यह पोषक तो नही होता पर पट की भख को मारता ह लिकन और भी बडी तथा असली वजह ह िक यह दाल चावल रोटी स ज़ी सलाद वाल

वा तिवक सतिलत भोजन की एक ितहाई-चौथाई कीमत का पड़ता ह तथा समय की कमी स परशान मज़दर पिरवार इस सिवधाजनक भी पात ह लिकन इस िक म क भोजन का नतीजा होता ह नाटा कद आड़ी-टढ़ी हडिडया सड दात फल पट बीमािरय का मकाबला करन म अकषम शरीर अथारत कपोषण ऐस ब च डायिरया मलिरया यमोिनया जसी बीमािरय क भी आसान िशकार होत ह हर साल करीब 10 लाख ब च कपोषण की वजह स 5 साल की उमर क पहल ही जान गवा दत ह साथ ही यह कपोषण िसफ़र िज म को ही बरबाद नही करता बि क ब च क िदमाग को भी क द करता ह उनक सीखन-पढ़न की क वत को भी कम करता ह िद ली क 20 लाख ब च म स आध की िज मानी-िदमागी बढ़वार ही कपोषण क मार क द हो गयी ह बाकी दश क ग़रीब मज़दर-िकसान का ही नही िन न म य वगीरय पिरवार का भी यही हाल होता जा रहा ह कय िक एक ओर घटती वा तिवक आमदनी और दसरी ओर खादय पदाथ की भयकर जमाखोरी-कालाबाजारी स आसमान छती कीमत भारतीय समाज क अिधकाश लोग क िज मानी-िदमागी वा य को पतन क गतर म धकल रही ह

िव खादय व किष सगठन (FAO) की गलोबल हगर िरपोटर 2015 क अनसार भारत म कल 1946 करोड़ लोग कपोषण क िशकार ह जो िपछल 5 साल म 26 बढ ह अथारत 5 साल पहल 1899 करोड़ ही थ ऐस समझ सकत ह िक पािक तान की कल जनसखया स भी 120 करोड़ यादा लोग भारत म कपोिषत ह यहा कपोषण का मतलब िसफ़र कछ िदन या समय भोजन की कमी झलन स नही ह बि क उनस िज ह लगातार एक साल और उसस यादा अपनी दिनक शारीिरक पोषण की ज़ रत स कम भोजन िमलता ह इस िरपोटर क अनसार भारत म ग़रीब क भोजन म मातर िकसी तरह जीिवत रह सकन वाल पदाथर ही शािमल ह कय िक खादय पदाथ की बढ़ती महगाई स ग़रीब लोग पोषक भोजन खरीदन म असमथर ह

आिखर इस ि थित की वजह कया ह अभी 15 िसतबर को परकािशत कोनर फरी ह गरप क 2008 क िव ीय सकट स अब तक क 51 दश क रोज़गार व वतन क तलना मक अ ययन क अनसार इन 8 वष म भारत की जीडीपी 638 बढी ह लिकन औसत वतन विदध मातर 02 हई ह इसम भी और गहराई तक जाय तो िशखर क लोग अथारत उ च परब धक का वतन 30 बढा ह लिकन सबस नीच वाल िमक की वा तिवक मज़दरी 30 कम हई ह सार 51 दश म उ चतम व िन नतम तर क किमरय म वतन असमानता सबस अिधक भारत म ही ह कय िक यहा रोज़गार कम बढ ह और िमक की स लाई यादा वस भी अब िनयिमत वतन वाल थायी मज़दर

ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़

(पज 2 पर जारी)

लिधयाना क टकसटाइल पटटी क मज़दर िद ली क इ पात मज़दर स लकर ित पर व यनम क मज़दर और च नई क आटोमोबाइल मजदर स लकर करल क म नार क चाय बाग़ान मज़दर तक िपछल कछ वष म सड़क पर उतरत रह ह एक ऐस उथल-पथल भर समय म हम अकटबर कराि त क शता दी वषर म परवश कर रह ह ऐस दौर म अकटबर कराि त को याद करन क मज़दर वगर क िलए कया मायन ह इसक िलए पहल सकषप म यह जानना ज़ री ह िक अकटबर कराि त म हआ कया था कय िक आज तमाम मज़दर भी अपनी इस महान वि क िवरासत स वािकफ नही ह

महान अकटबर करािनत म कया हआ था

1917 म स एक ऐस पिरवतरन स होकर गज़रा िजसन दिनया क इितहास की िदशा मोड़ दी और एक नय यग की श आत की बीसवी सदी क पहल दशक की श आत स ही िव पजीवाद आिथरक सकट स गज़र रहा था यरोप क तमाम सामरा यवादी दश दिनया भर म महनतकश अवाम और गलाम रा टरीयताओ की लट की बटवार क िलए आपस म परित पदधार म लग हए थ उस समय तक िबरटन सामरा यवादी दिनया की सबस अहम ताकत था फरास दसरी अहम औपिनविशक सामरा यवादी शिकत था लिकन उ नीसवी सदी का अ त होत-होत जमरनी तज़ी स एक परमख आिथरक शिकत क प म उभर चका था दसरी ओर सयकत रा य अमिरका भी दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत क प म उभर रहा था लिकन जमरनी क पास अपनी पजी की परचरता को खपान क िलए और साथ स त क च माल और स त म क दोहन क िलए उपिनवश नही थ जमरनी की बढ़ती आिथरक शिकतम ा न उस िबरटन और फरास क साथ सीधी परित पदधार म ला खड़ा िकया था इस बढ़ती सामरा यवादी परित पदधार क फल व प 1914 म िव क पनिवरभाजन क िलए पहल िव यदध की श आत हो गयी एक तरफ जमरनी ऑि टरया और हगरी थ तो दसरी ओर िबरटन फरासअमिर का व स स की ि थित उस समय एक िपछड़ सामरा यवादी दश की थी वह पवीर यरोप क िपछड़ दश क िलए एक सामरा यवादी दश था लिकन वह वय िबरिटश फरासीसी और अमिरकी िवत तीय पजी क वचर व क अधीन था स म अभी ज़ार का राजत तर कायम

था पहल िव यदध म उसन िमतर शिकतय यानी िबरटन फरास और अमिरका क पकष म िह सा िलया स की िपछड़ी हई अथर यव था और स य शिकत यदध म जमरनी की उ नत स य शिकत का मकाबला करन क िलए अपयार थी ज द ही तमाम मोच पर स की हार होन लगी स क सिनक को न तो

पयार मातरा म ब दक हािसल थी और न ही उनक पास पयार मातरा म भोजन था यदध क खचर को ढो पाना स की अथर यव था क िलए मि कल था और ज द ही दश म खादया न की कमी का सकट भी पदा हो गया सिनक की भारी आबादी वा तव म िकसान पिरवार स आती थी व वा तव म विदरय म िकसान ही थ स म िकसान की ि थित भी भयकर थी भदास व का काननी तौर पर 1861 म उ मलन हो गया था लिकन उसक अ छ-खास अवशष अभी भी दश म कायम थ िकसान क बीच भिम का बटवारा नही िकया गया था और दश की अिधकाश खती योगय ज़मीन या तो ज़ार की थी या िफर चचर और बड़ ज़मीदार की जो भिम गराम समदाय क पास थी उसक भी चकरीय बटवार का िनणरय धनी िकसान व कलक ही लत थ और हर यावहािरक मसल क िलए इस ज़मीन पर भी उ ही का िनय तरण था ज़ार की स ा यदध का बोझ िकसान पर डाल रही थी और भ वािमय न िकसान पर दबाव बढ़ा िदया था जो भी ससाधन थ व सभी यदध क मोच पर वाहा हो जा रह थ मज़दर की ि थित भी कछ ऐसी

ही थी खादया न सकट क कारण शहर म भोजन की भयकर कमी हो गयी थी मज़दर को भरपट भोजन तक नही िमल पा रहा था मज़दर क काम क घ ट 12 स 14 घ ट होना आम बात थी मज़दरी इतनी भी नही िमल पा रही थी िक मज़दर भरपट खाना खा पात कछ मज़दर को थोड़ा बहतर वतन िमलता था मगर भोजन की भयकर कमी और उसकी बढ़ती कीमत क कारण उ ह भी पयार भोजन नही िमल पा रहा था पर दश म करीब 85 फीसदी आबादी ग़रीब व मझोल िकसान की थी और मज़दर की आबादी करीब 10 परितशत मज़दर को बहतर कायरि थितया बहतर मज़दरी और भरपट भोजन चािहए था और िकसान को ज़मीन चािहए थी और मज़दर और िकसान दोन को ही यदध स िनजात चािहए था दश म 1917 की श आत आत-आत आम महनतकश जनता क सबर का प याला छलक रहा था भखमरी गरीबी और महगाई की असहनीय ि थित न स क आम महनतकश अवाम म िवदरोह की ि थित पदा कर दी थी अ तत फरवरी 1917 म एक वत फतर जनिवदरोह न ज़ार की स ा को उखाड़ फका उस समय स की कराि तकारी क यिन ट पाटीर िजसका नाम स की सामािजक-जनवादी मज़दर पाटीर (बो शिवक) था इस जनिवदरोह का नत व लन म सफल नही रही नतीजतन ज़ार की स ा की पतन क बाद एक िमली-जली आरज़ी (अ थायी) सरकार बनी िजसम िक कई पजीवादी व िन न-पजीवादी पािटरया शािमल थी इस आरज़ी बजरआ सरकार न जनता स वायदा िकया िक वह िकसान को ज़मीन दगी और शाित दगी मज़दर को बहतर मज़दरी छोटा

कायरिदवस और टरड यिनयन बनान का काननी अिधकार दगी लिकन इस पजीवादी आरज़ी सरकार न अपन ज यादातर वायद को परा नही िकया उसन घोषणा की िक वह िमतर दश यानी िबरटन फरास और अमिरका स िकय हए अपन वायद को परा करगी और यदध म िह सदारी जारी रखगी साथ ही उसन भिम सधार यानी ज़मीन क िकसान म बटवार क काम को भी सिवधान सभा क बनन और िफर उसक दवारा कानन पािरत िकय जान तक टाल िदया मज़दर और आम महनतकश जनता को ता कािलक तौर पर कछ जनवादी और नागिरक अिधकार ज़ र हािसल हए िजसन की स म वगर सघषर को आग बढ़ान म ता कािलक तौर पर मदद की इतना करना आरज़ी पजीवादी सरकार की मजबरी थी लिकन जो सबस अहम वायद उसन िकय थ यानी ज़मीन और शाित का वायदा उसस वह मकर गयी यदध म स की िह सदारी जारी रहन स दश म अ यव था आिथरक सकट और खादया न सकट बढ़त ही जा रह थ नतीजतन दश म नयी पजीवादी आरज़ी सरकार क िखलाफ जनअस तोष भी बढ़ता जा रहा था दश भर क औदयोिगक क दर म हड़ताल की एक लहर चल पड़ी साथ ही गाव म िकसान का सबर भी टट चका था और उनक बीच भी बगावत क हालात थ कई जगह पर उ ह न भिम सिमितया बनाकर ज़मीन कब ज़ा करना श कर िदया आरज़ी सरकार न कर की नामक एक बजरआ नता की अगवाई म इन मज़दर हड़ताल और िकसान बग़ावत का उसी परकार दमन श कर िदया िजस परकार िक ज़ार की सरकार कर रही थी दश म एक कराि तकारी ि थित िनिमरत हो रही थी और आरज़ी सरकार सलगत हए जनिवदरोह को कचलकर इस कराि तकारी स भावना को कचलन का परयास कर रही थी ऐस म बो शिवक पाटीर क नता लिनन न अपरल म lsquoअपरल थीसीज़rsquo पश की इसम लिनन न बो शिवक पाटीर का आम बग़ावत कर स ा अपन हाथ म लन का आ ान िकया लिनन न बताया िक पजीवादी आरज़ी सरकार बजरआ जनवादी कराि त को परा नही करगी यानी िक वह ज़मीन का बटवारा नही करगी और न ही यदध स िनजात िदलायगी वह मज़दर की भी सभी जनवादी माग को परा नही करन वाली वह जनिवदरोह की आशका को दखत हए सामरा यवाद पजीपित वगर और साथ ही दशी ज़मी दार वगर स समझौत कर रही ह ऐस म अब यह ख़तरा पदा हो गया ह िक यह सरकार परितिकरयावािदय की गोद म बठकर जनवादी कराि त का भी गला घ ट दगी इन हालात म मज़दर वगर को अपनी िहरावल पाटीर यानी बो शिवक पाटीर क नत व म स ा पर क ज़ा करना चािहए और समाजवादी कराि त को अजाम दना चािहए अगर मज़दर वगर न समाजवादी कराि त क कायरभार को अभी त काल

परा नही िकया तो न िसफ़र जनवादी कराि त परी नही हो सकगी बि क उसकी ह या भी हो जायगी लिनन क पर ताव को पहल बो शिवक पाटीर क ही नत वकारी िनकाय न वीकार नही िकया लिकन जस-जस समय बीतता गया बो शिवक पाटीर क नत व की बहसखया लिनन क पर ताव को मानती गयी अ ततः बो शिवक पाटीर की क दरीय कमटी न आम बग़ावत और समाजवादी कराि त क लिनन क पर ताव को वीकार िकया

बो शिवक पाटीर कई वष क वगर सघष म तपी-तपायी पाटीर थी इसन ज़ार की तानाशाही क दौर म मज़दर क कई सघष का नत व िकया था और उनक बीच लगातार मौजद रही थी बो शिवक पाटीर न मज़दर क बीच स सवारिधक उ नत चतना वाल कमरठ और बहादर कायरकतारओ को भतीर िकया था और एक लौह अनशासन वाली और गोपनीय ढाच वाली मज़बत पाटीर का िनमारण िकया था कवल ऐसी पाटीर ही ज़ारशाही और िफर पजीवादी सरकार दवारा िकय जान वाल दमन का मकाबला कर सकती थी और कशलतापवरक मज़दर वगर और आम ग़रीब िकसान आबादी को नत व द सकती थी बो शिवक पाटीर न अपन परचार क दायर म सिनक को भी लाया था जो िक िकसान क ही बट थ सिनक की भारी तादाद ज़मीन और शाि त की माग स पणरतः सहमत थी कवल बो शिवक पाटीर ही एकमातर पाटीर थी जो िक ज़मीन क बटवार और यदध स वापसी क कदम को त काल लाग करन की बात कर रही थी फरवरी 1917 क बाद स ही आम महनतकश जनता म भी यह बात साफ होती जा रही थी िक यिद भिम सधार और शाि त चािहए तो पजीवादी आरज़ी सरकार को उखाड़ फकना ही एकमातर रा ता ह और इस रा त पर जनता को नत व दन को तयार कवल एक ही पाटीर मौजद थीmdashबो शिवक पाटीर ज द ही मज़दर आबादी की भारी बहसखया बो शिवक पाटीर क पकष म खड़ी हो गयी सिनक की सोिवयत म भी बो शिवक पाटीर िनय तरण म आ गयी मज़दर और सिनक की सोिवयत म बो शिवक पाटीर क नत व क कािबज़ होन क साथ बो शिवक पाटीर आम बग़ावत को अजाम दन की ि थित म पहच गयी थी

िकसान क बीच पहल समाजवादी-कराि तकारी पाटीर नामक एक टटपिजया पाटीर का नत व परमख था बो शिवक पाटीर का उनक बीच आधार काफी कम था मगर भिम सधार क मसल पर समाजवादी-कराि तकारी पाटीर भी सिवधान सभा दवारा कानन बनाय जान की बात का समथरन कर रही थी और भिम सधार को टाल जा रही थी िलहाज़ा िकसान की बड़ी आबादी भी ज द ही बो शिवक पाटीर क पकष म आन लगी कय िक कवल बो शिवक पाटीर ही त काल भिम सधार की बात

कर रही थी अब बो शिवक पाटीर स की बहसखयक आम महनतकश

आबादी यानी िक मज़दर वगर व आम िकसान वगर क समथरन को परा कर चकी थी यानी अब बो शिवक पाटीर क पास वह कराि तकारी अनशािसत व ग ढाचा भी था जो कराि त क नत व सचालन क िलए ज़ री था और साथ ही उसक पास यापक जनसमदाय का समथरन भी था उसन नारा िदया lsquoज़मीन शाि त रोटीrsquo यही व चीज़ थी जो िक स की यदध ग़रीबी भखमरी बरोज़गारी और महगाई स तर त और थकी हई जनता को चािहए थी बो शिवक पाटीर न एक कराि तकारी स य कमटी थािपत की इसका सचालन आम बग़ावत क पहल लिनन न वय अपन हाथ म िलया दश भर म मज़दर व सिनक सड़क पर थ और गाव म भी िकसान का िवदरोह उबल रहा था 24 अकटबर की शाम स ही बो शिवक पाटीर क नत व म कराि तकारी सिनक व मज़दर न पजीवादी स ा क सभी अग पर क ज़ा करना श कर िदया सभी पो टल व टलीगराफ द तर स य मखयालय पिलस मखयालय बक पोटर रलव टशन पर बो शिवक न अपना िनय तरण कायम कर िलया गया पजीवादी स ा िजन अग स काम करती ह उ ह अब लकवा मार चका था और समची पजीवादी रा यस ा पणरतः असहाय थी इसक बाद 25 अकटबर को स म रा यस ा क परतीक शीत परासाद म बठ आरज़ी सरकार क मि तरय को आ मसमपरण करन का अ टीमटम िदया गया अ टीमटम परा होन स पहल आ मसमपरण न होन पर बो शिवक सिनक न धावा बोला और बहत थोड़ परितरोध क बाद ही िवजय हािसल कर ली गयी और इस तरह स स क परान कल डर क अनसार 25 अकटबर (7 नव बर) को बो शिवक पाटीर क नत व दिनया की पहली सफल समाजवादी मज़दर कराि त हई सम त शिकत मज़दर और सिनक की सोिवयत को स प दी गयी कराि त क त काल बाद भिम स ब धी आजञि पािरत हई और भिम सधार की श आत कर दी गयी दसरी आजञि यदध स वापसी की आजञि थी समाजवादी कराि त न व दोन परमख माग त काल परी कर दी िज ह पजीवादी आरज़ी सरकार आठ माह म परा नही कर सकी थी कराि त क बाद स न सामरा यवादी यदध स अपन हाथ खीच िलए और 1918 का म य आत-आत स इस िवनाशकारी यदध स परी तरह

बाहर आ चका था हालािक अब स की मज़दर स ा

को परितिकरयावादी कलक व ज़मी दार की बग़ावत और सामरा यवादी ह तकषप का मकाबला कर कराि त को बचान क िलए एक तीन वष क गहयदध म उतरना पड़ा लिकन यह कोई सामरा यवादी यदध नही था जो िक मनाफ़ की लट म िह सदारी क िलए लड़ा गया हो इस

(पज 1 स आग)

8 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

(पज 9 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

गहयदध म मज़दर व सिनक न िकसान क समथरन क बल पर तीन वष म ज़मी दार की बग़ावत को परा त िकया और साथ ही चौदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी हरा िदया 1921 आत-आत कराि तकारी समाजवादी स गहयदध म िवजयी हो चका था और

वहा मज़दर स ा स ढ़ीकत हो चकी थी इसक बाद अगल करीब साढ़ तीन दशक म स की महनतकश जनता न स म समाजवादी यव था का िनमारण

िकया सार कल-कारख़ान खान -खदान का रा टरीकरण कर िदया गया सार बक का रा टरीकरण कर िदया गया रा यस ा पर अपनी कराि तकारी पाटीर बो शिवक पाटीर क नत व म अब मज़दर वगर कािबज़ था इसिलए अब इन सार ससाधान का वामी साझा तौर पर दश का मज़दर वगर और ग़रीब िकसान जनता थी 1917 म जो बजरआ भिम सधार लाग िकय गय उसस अलग-अलग िकसान िनजी तौर पर ज़मीन क मािलक बन लिकन 1931 स 1936 क बीच सोिवयत सघ म ज़मीन म भी िनजी मािलकाना समा कर िदया गया और साझी खती की यव था थािपत की गयी 1930 क दशक म ही सोिवयत स का अभतपवर गित स उदयोगीकरण

हआ िजसस िक वह कछ ही समय म दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया इस पमान पर उदयोग खड़ करन म दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत अमिरका को करीब डढ़ सौ साल लग थ लिकन स न यह कायर मज़दर शिकत क बत पर डढ़ दशक म ही कर िदखाया पर दश म साकषरता का तर 100 परितशत क करीब पहचन लगा मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त सधार हआ भखमरी और बरोज़गारी परी तरह समा कर िदय गय स औरत को वोट दन का अिधकार

दन वाला पहला बड़ा दश बना ( स स पहल यज़ील ड म मिहलाओ को वोट दन का अिधकार िमला था| सािवरक मतािधकार स च तौर पर पहली बार िबना िलग या स पि की शतर क स म ही लाग हआ सोिवयत सघ न सभी दिमत रा टरीयताओ व जातीय समह को पहली बार सामरा यवादी दमन स मकत िकया और उ ह आ मिनणरय का अिधकार िदया य सभी दिमत रा टरीयताए समाजवादी परयोग म बराबरी की िह सदार बनी और हीनता क ब को हमशा क िलए अपन माथ स िमटा िदया सोिवयत सघ क समाज स व यावि परी तरह समा हो गयी हर आिथरक मामल म स परी तरह अपन पर पर खड़ा हो गया और यह सारा चम कार स क मज़दर वगर न िहटलर की ना सी सना को हरात हए िदवतीय िव यदध म दो करोड़ लोग की कबारनी दत हए और पर सामरा यवादी-पजीवादी िव की सािज़श और तोड़-फोड़ क परयास क बावजद िकया 1953 म तािलन की म य क बाद बो शिवक

पाटीर क नत व पर सशोधनवािदय का क ज़ा हो गया इसका कारण स म समाजवादी परयोग क दौरान हई कछ भल और ग़लितया थी िजन पर इस शता दी वषर क दौरान हम lsquoमज़दर िबगलrsquo म िव तार म िलखग लिकन यह कोई आ यर की बात नही थी िक स क समाजवादी परयोग को अमली

जामा पहनान म वहा की मज़दर स ा और मज़दर वगर की पाटीर स ग़लितया हई यह एक नय िक म का और अभतपवर परयोग था यह एक नय िक म की रा यस ा थी पहली बार शोषक अ पसखया पर शोिषत बहसखया की तानाशाही और सवरहारा जनवाद कायम िकया गया था हर नय परयोग क समान इसम भी ग़लितया होना लािज़मी था यह पहली मज़दर कराि त थी इसक दवारा खड़ िकय गय समाजवादी परयोग क करीब चार दशक बाद असफल हो जान पर कोई भी ऐितहािसक नज़िरया रखन वाला ता जब नही करगा ता जब इस बात पर ज़ र होता ह िक चार दशक क परयोग म ही समाजवादी सोिवयत सघ न वह सबकछ कर िदखाया जो पजीवाद अपन तीन सौ क वष क इितहास म नही कर पाया हालािक lsquoसमानता वत तरता और भरात वrsquo का नारा उसी न िदया था चार दशक क भीतर ही सोिवयत सघ म समाजवादी परयोग न आन वाली बहतर दिनया की एक झलक िदखला दी उसन िदखला िदया िक पजी का शासन अजर-अमर नही ह पजीवादी मानवता क िलए सबस बहतर यव था नही ह पजीवाद lsquoइितहास का अ तrsquo नही ह अकटबर कराि त न िदखला िदया िक इसस बहतर दिनया स भव ह और वह बहतर दिनया सवरहारा वगर ही बना सकता ह

आज तमाम मज़दर इस महान परयोग क बार म जानत ही नही ह कारण यह ह िक पजीवादी अखबार समाचार चनल िफ म और समचा िशकषा त तर कभी भी हम इसक बार म नही बताता हम कवल इसकी lsquoअसफलताrsquo क बार म बताया जाता ह हम इसक बार म द परचार सनाया जाता ह दसर श द म अकटबर कराि त को पजीवादी शासक वगर न जानबझकर िव मित क अ धर म धकलन की लगातार कोिशश की ह तािक आज का मज़दर वगर अपन परख क इस महान परयोग स सीख और पररणा न ल सक व हमशा हीनताबोध और आ मिव ास क अभाव म िजय अपनी गौरवशाली और महान िवरासत स विचत मज़दर वगर भिव य क सघष क िलए भी आ मिव ास और आि मक बल नही जटा सकता ह यही कारण ह िक अकटबर कराि त की मित स शासक वगर घबराता और लगातार उस पर राख और धल की परत चढ़ान का परयास करता रहता ह ऐस म हम इस महान मज़दर कराि त क

ऐितहािसक और अ तररा टरीय मह व को समझन की आज िश त स ज़ रत ह तािक उसस हम भावी सघष क िलए पररणा और शिकत ल सक

अकटबर करािनत का महान ऐितहािसक यगानतरकारी और अनतरराषटरीय महतवमहान अकटबर कराि त का

ऐितहािसक मह व अभतपवर और अिदवतीय ह मानव इितहास म पहल भी कराि तया और जनिवदरोह हए ह आज स करीब 2090 साल पहल रोम म गलाम न बग़ावत की गलाम की बग़ावत क कारण दास परथा कमज़ोर हई और िफर टटी दास वािमय का शासन ख़ म हआ तो ज़मी दार व साम त का शासन आया यह पहल की दास यव था स बहतर यव था थी पहल दास को lsquoबोलन वाला औज़ारrsquo कहा जाता था दास- वामी उ ह अपन मनोरजन क िलए आपस म तब तक लड़वात थ जब तक िक व मर नही जात थ उनस तब तक काम करवाया जाता था जब तक िक व िगरकर बहोश नही हो जात थ दास को मन य ही नही माना जाता था लिकन साम ती यव था क तहत भदास की ि थित इसस बहतर थी इस प म साम ती यव था मानव इितहास म एक अगला कदम थी लिकन यह भी भदास और िकसान क अमानवीय शोषण पर आधािरत यव था थी भदास की अपनी कोई राजनीितक वत तरता नही थी व ज़मीन क साथ बध हए थ उ ह साम त की ज़मीन पर कमर-तोड़ काम करना पड़ता था और बदल म उ ह जीन भर की खराक िमलती थी िकसान को भी लगान क प म साम त की ज़मीन पर बगार करना पड़ता था या िफर फसल या नकदी क प म भारी लगान चकाना पड़ता था आग चलकर दिनया भर म साम ती यव था क िव दध िकसान न बग़ावत की इन बग़ावत स साम ती यव था म दरार पड़ी आग चलकर उदीयमान कराि तकारी बजरआ वगर न िकसान और द तकार व कारीगर को साथ लकर साम त क िव दध जनवादी कराि तया की कय िक साम ती यव था क तहत उसका आिथरक िवकास और राजनीितक स ा भी स भव नही थी

इन जनवादी कराि तय क फल व प पजीपित वगर स ा म आया और उसन पजीवादी लोकत तर (जनवाद) की थापना की इस यव था म पजीपित वगर शािसत व शोिषत मज़दर व आम महनतकश वगर स शासन करन की lsquoसहमितrsquo लता ह यह lsquoसहमितrsquo चनाव क ज़िरय ली जाती ह इसस यापक महनतकश अवाम म यह भरम पदा होता िक पजीवादी सरकार को उसन ही चना ह लिकन वा तव म यह lsquoसहमितrsquo पजीपित वगर अपन मीिडया िशकषा त तर व अ य राजकीय उपकरण दवारा राय बनाकर िनिमरत

करता ह ठीक उसी परकार जस िपछल लोकसभा चनाव म परचार पर दस हज़ार करोड़ पय ख़चर करक टाटा अ बानी व अडानी सरीख पजीपितय न नर दर मोदी को परधानम तरी बनान क िलए पर समाज म राय का िनमारण िकया था बहरहाल इस परकार पजीवादी जनवाद क प म पहली बार एक ऐसी शोषक स ा आयी जो िक कम-स-कम ऊपरी तौर पर lsquoसहमितrsquo लकर शोिषत क ऊपर शासन करती ह और इसम शासक वगर क शासन को सही ठहरान का कायर पर यकष प स धमर क दवारा या िकसी िद यता क िसदधा त दवारा नही होता इस प म पजीवाद अपन पवरवतीर वगर समाज यानी दास यव था और साम ती यव था स िभ न ह लिकन एक मायन म वह उनक समान भी ह पजीवाद म भी शोिषत बहसखया क ऊपर एक शोषक अ पसखयक वगर की तानाशाही होती ह पजीवादी जनवाद का यही अथर होता हmdash- बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश आबादी पर पजीपितय की तानाशाही इस तानाशाही को पजीपितय की कौन सी पाटीर सचािलत करगी बस इसी का फसला पजीवादी चनाव म होता ह नागनाथ चल जात ह सापनाथ आ जात ह सकषप म यह िक अकटबर कराि त क पहल तक सभी कराि तय या िवदरोह क बाद जो स ा अि त व म आयी वह िकसी न िकसी शोषक अ पसखया क शोिषत बहसखया पर शासन का परितिनिध व करती थी दास यव था बहसखयक दास आबादी व आम महनतकश आबादी पर अ पसखयक दास वािमय क शासन का साम ती यव था बहसखयक भदास िकसान व द तकार आबादी पर अ पसखयक साम ती राज-रजवाड़ क शासक का और पजीवादी यव था बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश जनता पर अ पसखयक पजीपित वगर क शासन का परितिनिध व करती ह अकटबर कराि त न पहली बार एक ऐसी स ा की थापना की िजसम िक शोषक अ पसखयक क ऊपर शोिषत बहसखयक की स ा कायम की गयी इस प म अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक नय यग की श आत की यह नया यग ह समाजवादी सकरमण का दीघरकािलक ऐितहािसक यग यह लािज़मी था िक इस ल ब दौर म दिनया म अलग-अलग दश म मज़दर वगर समाजवाद क कई असफल परयोग कर बीसवी सदी म मज़दर वगर न अलग-अलग दश म समाजवाद क कई परयोग िकय भी जो महान उपलि धया हािसल करन क बाद असफल हो गय स म चीन म पवीर यरोप म िवयतनाम म लिकन इन परयोग म सी अकटबर कराि त का िविश थान ह कय िक उसन ही इस िसलिसल की श आत की और दिनया की पहली समाजवादी मज़दर स ा की थापना की

अकटबर कराि त न बजरआ कराि त क भी उन कायरभार को सवारिधक कराि तकारी प म और पणरता क साथ परा िकया िज ह वय बजरआ वगर न कभी परा नही िकया सबस आमलगामी बजरआ कराि तय न भी भिम सधार और जनवादी अिधकार दन क वायद को उस ईमानदारी और आमलगािमता क साथ परा नही िकया िजसक साथ अकटबर कराि त न िकया अकटबर कराि त न ह त भर म ही वह कर िदखाया जो िक बजरआ वगर न अपन तमाम वायद क बावजद दो सौ साल म नही िकया था लिनन न इसीिलए अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर िदय एक भाषण म कहा था िक स की िविश पिरि थितय म समाजवादी कराि त न बजरआ वगर दवारा ही जनवादी कराि त की ह या को रोका समाजवादी कराि त न मज़दर वगर क हाथ म स ा स पन और समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़न स पहल छट-फटक बजरआ जनवादी कायरभार को भी परा िकया स म एक िविश पिरि थित म सवरहारा वगर को इितहास न मजबर कर िदया था िक वह स ा त काल अपन हाथ म ल जसा िक लिनन न वय कहा था िक अकटबर कराि त का समय हमन अपनी इ छा स नही तय िकया था िदवतीय िव यदध पिरणामतः पदा हए आिथरक सकट खादया न सकट दश भर म मज़दर हड़ताल और कारख़ाना क ज़ा की लहर सोिवयत क वतः पफतर प स जाग उठन और भिम कमिटय दवारा ज़मीन क ज़ा करन क आ दोलन क कारण पदा हई िविश पिरि थितय न सवरहारा वगर और उसकी िहरावल पाटीर क समकष समय स पहल ही ऐसी ि थित पदा कर दी िजसम उसक सामन दो ही िवक प मौजद थः या तो स ा पर क ज़ा करक समाजवादी कराि त की जाय और बजरआ जनवादी कराि त क उन अधर वायद को परा िकया जाय िज ह परा करन स वय बजरआ वगर मकर गया था या िफर सवरहारा वगर और उसकी िहरावल बो शिवक पाटीर बजरआ वगर परितिकरयावादी कलक व भ वामी वगर तथा राजत तरशाही क बच हए परितिकरयावादी त व क गठब धन को यह इजाज़त द िक वह जनवादी कराि त का गला घ टन क साथ ही मज़दर वगर को lsquoइितहास क रगमच स कई दशक क िलए उठाकर बाहर फक दrsquo लिनन का यह म याकन िब कल द त िनकला यिद उस समय मज़दर वगर न स ा अपन हाथ म न ली होती तो सामरा यवाद सी पजीपित वगर और भ वामी वगर न

िमलकर सी जनवादी कराि त का भी गला घ ट िदया होता इस परकार स की िविश पिरि थित म मज़दर वगर दवारा की गयी समाजवादी कराि त न जनवादी कराि त की ह या को भी रोका और

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 9

(पज 10 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण(पज 8 स आग)

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 2: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

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lsquolsquoबजरआ अख़बार पजी की िवशाल रािशयो क दम पर चलत ह मज़दरो क अख़बार ख़द मज़दरो दवारा इकटठा िकय गय पस स चलत हrsquorsquo - लिनन

1 lsquoमज़दर िबगलrsquo यापक महनतकश आबादी क बीच कराि तकारी राजनीितक िशकषक और परचारक का काम करगा यह मज़दर क बीच कराि तकारी वजञािनक िवचारधारा का परचार करगा और स ची सवरहारा स कित का परचार करगा यह दिनया की कराि तय क इितहास और िशकषाओ स अपन दश क वगर सघष और मज़दर आ दोलन क इितहास और सबक स मज़दर वगर को पिरिचत करायगा तथा तमाम पजीवादी अफवाह -कपरचार का भ डाफोड़ करगा

2 lsquoमज़दर िबगलrsquo भारतीय कराि त क व प रा त और सम याओ क बार म कराि तकारी क यिन ट क बीच जारी बहस को िनयिमत प स छापगा और lsquoिबगलrsquo दश और दिनया की राजनीितक घटनाओ और आिथरक ि थितय क सही िव षण स मज़दर वगर को िशिकषत करन का काम करगा

3 lsquoमज़दर िबगलrsquo वय ऐसी बहस लगातार चलायगा तािक मज़दर की राजनीितक िशकषा हो तथा व सही लाइन की सोच-समझ स लस होकर कराि तकारी पाटीर क बनन की परिकरया म शािमल हो सक और यवहार म सही लाइन क स यापन का आधार तयार हो

4 lsquoमज़दर िबगलrsquo मज़दर वगर क बीच राजनीितक परचार और िशकषा की काररवाई चलात हए सवरहारा कराि त क ऐितहािसक िमशन स उस पिरिचत करायगा उस आिथरक सघष क साथ ही राजनीितक अिधकार क िलए भी लड़ना िसखायगा दअ नी-चव नीवादी भजाछोर lsquolsquoक यिन ट rdquo और पजीवादी पािटरय क दमछ ल या यिकतवादी-अराजकतावादी टरडयिनयन स आगाह करत हए उस हर तरह क अथरवाद और सधारवाद स लड़ना िसखायगा तथा उस स ची कराि तकारी चतना स लस करगा यह सवरहारा की कतार स कराि तकारी भरती क काम म सहयोगी बनगा

5 lsquoमज़दर िबगलrsquo मज़दर वगर क कराि तकारी िशकषक परचारक और आ ानकतार क अितिरकत कराि तकारी सगठनकतार और आ दोलनकतार की भी भिमका िनभायगा

lsquoमज़दर िबगलrsquo का सवरप उददशय और िज़ ममदािरयाlsquoमज़दर िबगलrsquo का सवरप उददशय और िज़ ममदािरया

िपरय पाठको बहत स सदसयो को lsquoमज़दर िबगलrsquo िनयिमत भजा जा रहा ह लिकन काफ़ी

समय स हम उनकी ओर स न कोई जवाब नही िमला और न ही बकाया रािश आपको बतान की ज़ररत नही िक मज़दरो का यह अख़बार लगातार आिरथक समसया क बीच ही िनकालना होता ह और इस जारी रखन क िलए हम आपक सहयोग की ज़ररत ह अगर आपको lsquoमज़दर िबगलrsquo का परकाशन ज़ररी लगता ह और आप इसक अक पात रहना चाहत ह तो हमारा अनरोध ह िक आप कपया जलद स जलद अपनी सदसयता रािश भज द आप हम मनीआडरर भज सकत ह या सीध बक खात म जमा करा सकत ह

मनीआडरर क िलए पतामज़दर िबगल दवारा जनचतनाडी-68 िनरालानगर लखनऊ-226020बक खात का िववरणः Mazdoor Bigul खाता सखयाः 0762002109003787 IFSC PUNB0076200पजाब नशनल बक िनशातगज शाखा लखनऊ

सदसयताः वािरषक 70 रपय (डाकख़चर सिहत) आजीवन 2000 रपयमज़दर िबगल क बार म िकसी भी सचना क िलए आप हमस इन माधयमो

स समपकर कर सकत हःफ़ोनः 0522-2786782 8853093555 9936650658ईमलः bigulakhbargmailcom फ़सबक wwwfacebookcomMazdoorBigul

मज़दर िबगलस पादकीय कायारलय ः 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 फ़ोन 8853093555िद ली स पकर ः बी-100 मक द िवहार करावलनगर िद ली-94 फ़ोनः 011-64623928 ईमल ः bigulakhbargmailcomम य ः एक परित - 5- वािषरक - 70- (डाक ख़चर सिहत) आजीवन सद यता - 2000-

lsquoमज़दर िबगलrsquo मज़दरो का अपना अख़बार ह यह आपकी िनयिमत आिथरक मदद क िबना नही चल सकता

िबगल क िलए सहयोग भिजयजटाइय सहयोग कपन मगान क िलए मज़दर िबगल कायारलय को िलिखय

मज़दर िबगल क िलए अपन कारख़ान दफ़तर या बसती की िरपोटर लख पतर या सझाव आप इन तरीक़ो स भज सकत हः

डाक स भजन का पता मज़दर िबगल दवारा जनचतना डी-68 िनरालानगर लखनऊ-226020ईमल स भजन का पता bigulakhbargmailcom

2 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

उधर सीमा पर जवान जान द रहा ह यहा तम जान दो mdash तािक दोनो तरफ सठो की ितजोिरया भरती रह

पजीपितयो क पास दजरनो अख़बार और टीवी चनल ह मज़दरो क पास ह उनकी आवाज़ मज़दर िबगल

इस हर मज़दर क पास पहचान म हमारा साथ द

साब सड़क टटी पड़ी ह पराइमरी कल क बाहर गदा पानी जमा ह ब च कल नही जा पा रह ह घर म कद होकर रह गय ह

शमर करो कछ सहना सीखो सीमा पर जवान एक जगह कई-कई िदन खड़ रहत ह

साब हमार हडप प ठप हो गय ह इलाक का पानी ग दा हो गया ह कसर फल रहा ह कछ कीिजए

दश आग बढ़ रहा ह कछ सहना ही पड़ता ह सीमा पर जवान भी तो झल रह ह

साब फसल क ठीक दाम तो

िदलाओ िकसान आ मह या करन क मजबर ह

इतनी योजनाए ह आ मह या करन वाल कायर ह सीमा पर जवान जान द रह ह

साब सबह की सरकारी बस बन द कर दी गयी ह लड़िकय की पढ़ाई सकट म ह

बटी बचाओ-बटी पढ़ाओ हमारा ही नारा ह वस मात शिकत घर स भाल तो यादा ठीक दश आग बढ़ रहा ह सीमा पर जवान

साब हमार सिनक बट की लाश आन का िसलिसला कता

ही नहीवद मातरम गौ माता की जय

हम िव ग हसाब यह तो हद ह िक अचानक

हमार महनत की कमाई क थोड़-बहत पस भी अवध हो गय तीन-चार िदन बीत जान क बावजद

जब कागरस बास करती थी तब दश ऐस ही महान बनगा सीमा पर जवान िदन-रात खड़ा ह और तम िमिमया रह हो

mdash धीरश सनी (फ़सबक पर)

रखन क बजाय उनस ितहाई-चौथाई मज़दरी वाल अ थायी मजदर की ही सखया बढ़ती जा रही ह

खद सरकारी लबर यरो क सवर इस त य की पि करत ह 8 मखय रोज़गार दन वाल उदयोग क लबर यरो सवर की िपछली िरपोटर थी िक िपछल 8 साल म सबस कम रोज़गार अथारत मातर 1 लाख 35 हज़ार रोज़गार 2015 म पदा हए थ अब अपरल-जन 2016 क लबर यरो सवर की िरपोटर क अनसार अब रोज़गार पदा होन क बजाय कम होन लग ह इस ितमाही म 043 रोज़गार घट ह ऑटोमोबाइल म 18 आभषण-जवाहरात म 16 हडलमपावरलम म 12 तथा टरासपोटर म 4 िमक की नौकिरया चली गयी ह चमड़ा उदयोग म श य रोज़गार विदध ह इसी तरह सटर फॉर मॉिनटिरग ऑफ इिडयन इकॉनोमी (CMIE) की िरपोटर क अनसार इस साल जनवरी म बरोज़गारी की दर 872 थी जो अग त म बढकर 98 पर जा पहची ह

इसी का नतीजा ह िक 2011-12 क उपभोकता खचर क नशनल स पल सवर क

अनसार अगर शहर म रहन कोई यिकत 6383 महीना और गाव म रहन वाला 2886 महीना स यादा उपभोग पर खचर करन की हिसयत रखता ह तो वह भारत क सबस अमीर 5 लोग म शािमल ह मतलब मकश अ बानी रतन टाटा गौतम अडानी मितर परमजी की कतार म और इस साल ससद म पश इकोनॉिमक सवर क अनसार 17 रा य म िकसान पिरवार की औसत सालाना आमदनी 20000 ह अथारत 1666 महीना इसम भी अगर बड़ िकसान को िनकाल द तो यह सखया और भी कम हो जायगी एक और त य सामािजक-आिथरक सवरकषण स िजसक अनसार दश म 21 करोड़ लोग ऐस ह िजनक पास श य जी हा ज़ीरो ससाधन ह इनम स 8 करोड़ आिदवासी ह यह गणना इस आधार पर की जाती ह िक साइिकल रिडयो या मोबाइलटलीफोन जसी म यवान चीज़ िकतन लोग क पास ह इस गणना म यह 21 करोड़ लोग ऐस थ िजनक पास इसम स भी कछ नही पाया गया

उपरोकत त य यह बतान क िलय काफी ह िक कॉरपोरट मीिडया दवारा

बहपरचािरत समावशी िवकास और इसक lsquoिटरकल डाऊनrsquo (बद-बद कर िरसन) स दश क ग़रीब िमक-अधर िमक-िन नम यवगीरय जनता को िकतना फ़ायदा िमल रहा ह फ़ायद क ठीक िवपरीत असल म अथर यव था की यह सारी lsquoविदधrsquo इनक मह का िनवाला छीनकर पजीपित वगर की ितजोिरय को भरन स ही हो रही ह िफर बढती ग़रीबी कपोषण बीमािरया आ मह याए अचरज की बात कस िबना समाज की बहसखया क जीवन म सधार हए जीडीपी का बढ़ना वस ही ह जस हमार शरीर की कछ कोिशकाए जब अचानक बढ़न लगती ह तो शरीर को मज़बत नही करती बि क ममार तक पीड़ादायक और जानलवा कसर बनती ह उसी तरह पजीवादी यव था म यह ढोलपीट जीडीपी विदध भी समाज क िलए तरककी नही पीड़ादायक कसर ही बन चकी ह इसका इलाज ज दी नही िकया गया तो यह ददर-तकलीफ़ बढ़ती ही जायगी

mdash मकश यागी

ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़

(पज 7 स अाग)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 3

8 महीन क ल ब सघषर क बाद भी ह डा मज़दर अपनी िजजीिवषा और ज ब क बदौलत लड़ रह ह िपछल 19 िसत बर स ह डा मज़दर न जतर मतर पर अपना खटा गाड़ा और अपन सघषर की आवाज़ को दशभर क महनतकश अवाम क बीच ल गय यह तब ह जब ह डा मनजमट क पकष म सारी पिलस कोटर-कचहरी हिरयाणा सरकार राज थान सरकार और मोदी सरकार खड़ी ह इस िवराट ताक़त का मकाबला करन वाल ह डा 2एफ़ कामगार समह न सािबत िकया ह िक मज़दर सही रणनीित और बहादरी क साथ िकसी भी ताक़त का मकाबला कर सकत ह 16 फरवरी को बाउ सर और पिलस क बबरर लाठीचाजर धारा 307 क तहत जल जाना और कई बार पिलस परशासन का कहर झलन क बाद भी यह सघषर जारी ह दश म िवदशी और दशी पजी क चाकर की सरकार को ह डा मजदर न िमसाल कायम करन वाली चनौती दी ह पर त अभी सघषर ख़ म नही हआ ह अभी भी लड़ाई बाकी ह

इस सघषर न 19 िसत बर स एक नई तज़ी हािसल की ह 19 िसत बर क बाद स यिनयन क 5 सािथय नरश महता सनील अिवनाश रिव और िविपन न ज तर म तर पर भख हड़ताल श की यह भख हड़ताल पर 20 िदन चली िजसम अपनी िज़ दगी को दाव पर लगाकर भी य साथी लड़त रह तिबयत बहद खराब होन क बावजद भी भख हड़ताल पर बठ सािथय न अपनी िज़ द और सघषर क दम पर इस हड़ताल को जारी रखा कई बार सािथय की तिबयत बहद ख़राब हो गयी पर उ ह न अ पताल म गलकोज़ लगवान स इनकार कर िदया 19व

िदन भी नरश िविपन और सनील की तिबयत काफी िबगड़ गयी थी पर त उ ह न हड़ताल को अ पताल म जारी रखा और अगल िदन जतर मतर पर अपन सािथय क दबाव म अनशन ख़ म िकया इस भख हड़ताल न ह डा क लाट क अ दर तक खलबली मचा दी थी और क पनी म काम करन वाल कई मज़दर इस सघषर का समथरन करन जतर मतर आय कई साथी उड़ीसा राज थान हिरयाणा व उ र परदश म अपन घर स लौट आय और सघषर म जट गय अपन 5 सािथय को मौत क मह स बचान क िलए यिनयन न फ़सला िलया िक सघषर को आग बढ़न क िलए अिनि तकालीन भख हड़ताल की

जगह साथी करिमक भख हड़ताल पर बठग हालािक करिमक भख हड़ताल स श करत हए अिनि तकालीन भख हड़ताल की ओर जाना यादा तािकर क रणनीित होती ह पर हम समझना होगा िक लड़ाई को लड़न म समय-समय पर अपनी और द मन की ताक़त का आकलन करत रहना चािहए और उसक िहसाब स अपनी लड़ाई को जारी रखना चािहए ल बी लड़ाई को

नज़र म रखत हए यह ठीक फ़सला था जो वकत क अनसार अपनी रणनीित नही बदलता वो यदध म हारता ह 52 िदन तक भख हड़ताल चलान क बाद 9 नव बर 2016 को ह डा क मज़दर न अपनी करिमक भख हड़ताल ख़ म करन और राज थान म िफर स अपना सघषर जारी रखन का िनणरय िलया

होडा मज़दरो को जन समथरन

ह डा मजदर को इस लड़ाई म जनता क बीच िद ली आन पर भारी समथरन भी िमला इसम सबस कारगर तरीका ह डा परोडकट बिह कार

अिभयान का रहा ह ह डा क सघषर स िनकला यह िवचार िकस तरह एक भौितक शिकत बन गया यह यहा दखा जा सकता ह हाटसए प पर श हआ यह अिभयान ह डा मजदर की लड़ाई का सबस कारगर हिथयार बन गया िजसक कारण ह डा क पनी को काफी िदककत का सामना करना पड़ा ह 26 िसत बर को िद ली म हए बिह कार क बाद ह डा न कोटर म जाकर ह डा मजदर

को शो म क आग परदशरन न करन की माग की और 5 अकटबर को रा टरीय बिह कार क बाद क पनी न नरश महता पर कस कर िदया िक व सोशल मीिडया पर भी ह डा क िख़ लाफ़ कोई परचार न कर सक पटना म बिह कार अिभयान चला रह सािथय पर ह डा क बाउ सर न हमला िकया िजसम एक साथी का सर फट गया और मिहला सािथय क साथ भी बदतमीजी की गयी जयपर म भी ह डा क बाउ सर न ऐसा ही हमला िकया क पनी को अखबार म बाकायदा इि तहार िनकलवाना पड़ा िक ह डा का बिह कार अिभयान झठा ह पर त फकटरी भी इस सच को जानती ह िक फकटरी म 3000 परिशिकषत मजदर को काम स िनकालन क बाद िलए अपरिशिकषत 8वी और 10वी पास मजदर स बनी गािड़य म िदककत आ रही ह इस कारण ह डा क बाज़ार पर असर पड़ रहा ह हमारा मानना ह िक हम आग लड़ाई म बिह कार अिभयान का जमकर इ तमाल करना होगा कय िक इस हिथयार न ही ह डा को सबस यादा ितलिमलान पर मजबर िकया ह इस अिभयान क साथ हमन याय सघषर रली भी िनकाली िजसम धा हडा स िद ली तक पद यातरा की गयी 2 अकटबर को एक िवशाल जनसभा का आयोजन िकया गया िजसम नीमराना स लकर गडगाव मानसर क मज़दर व यिनयन परितिनिध शािमल हए याय सघषर यातरा क अ त म जएनय म सभा आयोिजत की गयी िजस परशासन न हर हाल म टालन की कोिशश की पर त रोक नही पाया

आग का सघषर सािथय जतर मतर पर श हए

सघषर को पर 52 िदन तक जझा

ि पिरट स लड़ा गया िपछल 8 महीन म हमन सबस अिधक जनसमथरन जटाया ह यह समथरन हम इसिलए िमला िक हम जतर मतर पर खटा गाड़ कर बठ थ व इस सघषर को लगातार जनता क बीच लकर जा रह थ बिह कार अिभयान क ज़िरय ह डा क नाफ़ पर चोट कर रह थ अब हम आग इस सघषर को बढान क िलए इस अनभव का सार सकलन करना चािहए सबस ज़ री बात यह िक हम अपन सघषर को तब तक चला पायग जब तक हम खटा गाड़कर बठन की जगह िमल यह जगह चाह िद ली म हो जयपर म या अलवर म िमल पर त हम एक जगह जमकर िवरोध परदशरन करना चािहए दसरा हम जनता क बीच अपनी बात को पहचात रहना चािहए िजसस िक हमारी लड़ाई को यापक जनसमथरन िमल इसम बिह कार अिभयान काफी कारगर रहा ह िजस हम आग भी जारी रखना चािहए व जनता तक जान क िलए अ य मा यम का इ तमाल करना चािहए अ त म सबस ज़ री बात यह िक िकसी भी आ दोलन या सघषर को पिलस की गोिलया जल और लािठया नही तोड़ सकती ह कोई भी आ दोलन िसफ़र अपनी आ तिरक कमज़ोरी या अन द नी िबखराव की वजह स टटता ह आपसी एकता कायम रखन का एकमातर तरीका यिनयन जनवाद को लाग करना ह कय िक िसफ़र यही यिनयन नत व को मज़बत बनता ह और यिनयन क सद य नत व क फ़सल पर हर हाल म अिडग रहत ह यह इस सघषर म भी लाग करना चािहए और अपनी जीत सिनि त करन की सही रणनीित को िमलकर लाग करना होगा

अधरा ह घना मगर सघषर ह ठनाहोडा मज़दरो न जतर मतर पर 52 िदनो तक की भख हड़ताल अब राजसथान म करग िफर स सघषर की शरआत

शहीद नगर सािहबाबाद उ र परदश क िजला ग़ािजयाबाद का एक घनी आबादी वाला गरीब का िरहाइशी इलाका ह 11 नव बर को सबह करीब 4 बज यहा जकट बनान वाल एक वकर शाप म आग लगी िजसकी वजह स 15 मज़दर जलकर और दम घटन स मर गय िजस िबि डग म आग लगी वह एक तीन मिजला इमारत ह इसक ऊपर की दो मिजल पर जो िकसी मगीरखान क दड़ब स िमलती-जलती ह करीबन 10 साल स ठकदार िरज़वान और नज़ाकत अली जकट िसलाई का वकर शाप चला रह थ इनम स हर एक क पास िसलाई की 15-15 मशीन थी और कल िमलाकर 30 मज़दर दोन वकर शाप म काम कर रह थ

घटना की रात मज़दर न सबह 130 बज तक काम िकया था और िफर व वही सो रह थ आग सभवत िबजली क शाटर सिकर ट स लगी काम स थक मज़दर गहरी नीद म सो रह थ

और यादातर को आग का पता तक नही चला कवल 2 मज़दर ही छत स कदकर अपनी जान बचा पाए आग लगन की ख़बर 4 बज तक इलाक म फल चकी थी और थानीय लोग न पिलस तथा फायर िबरगड को त काल ही सचना द दी थी फायर िबरगड की गाड़ी डढ़ घट बाद मौक पर पहची लिकन छोटी टकी की गाड़ी होन की वजह स इसका पानी तरत ही ख़त म हो गया तब थानीय लोग न पास क बहत हए गद नाल स आग बझान की कोिशश को जारी रखा इसक काफ़ी दर बाद ही फायर िबरगड की दसरी गाड़ी वहा पहची फायर िबरगड की इस लापरवाही पर परशासन का कहना ह िक आग बझान वाली गािडया समय पर पहच गयी थी और अगर कही दर हई तो इसकी वजह सड़क पर लगा हआ जाम थी थानीय लोग न बताया िक सबह 4 बज इलाक म कोई जाम नही रहता ह उन ह न यह भी बताया िक सबस पहल

पास की चौकी स पिलस क कवल 3 िसपाही घटना थल पर पहच थ लिकन व तमाशबीन बन रह और उन ह न कोई पहलकदमी नही िदखाई इस बीच मौहल ल क अकरम नौशाद और तािहर िकसी तरह जलती हई इमारत क अदर पहच और घायल मज़दर तक मतक को बाहर िनकाल लाए िज ह बटरी िरकशा ट पो और एक पीसीआर वन म डालकर िद ली क जी टी बी अस पताल म पहचाया गया मह वपणर त य यह भी ह िक अभी तक ए बलस सवा उपल ध नही करवाई गयी थी और सात बज जाकर एक ए बलस घटना थल पर पहची 13 मज़दर मौक पर ही दम तोड़ चक थ और 2 न अ पताल म आिखरी सास ली एक मज़दर अभी भी िज दगी और मौत स जझ रहा ह अिगनकाड क पर यकषदिशरय न बताया िक फायर िबरगड वाल िबना िकसी तयारी क आए हए थ व कवल 2 लोग थ और उनक पास बचाव क कोई उपकरण जस

ह मट अिगनरोधी सट आिद कछ भी नही थ उन ह न पानी का िछड़काव करन क िलए थानीय लोग को ही पाइप पकड़वा दी एक यिकत न बताया िक इस पर घटनाकरम क दौरान कछ पिलस वाल ना ता करन क िलए चौराह की तरफ चल गय कछ लोग को िनदरश द रह थ और रौब झाड़ रह थ ओर कछक िकनार पर खड़ होकर बात कर रह थ और हस रह थ उनम स एक कह रहा था lsquolsquoजब फकटरी ह तो आग तो लगगी हीrsquorsquo

इस इलाक म जकट बनान वाल करीब 150-200 वकर शाप ह इसक साथ ही यहा बड़ पमान पर जत भी बनाए जात ह ओर कछ जगह जी स रगाई का भी काम होता ह यह सभी वकर शाप अवध ह और पिलस तथा म -िवभाग की िमलीभगत क िबना

नही चल सकत इन वकर शाप म तयार िकया गया माल िद ली क थानीय बाज़ार और फटपाथ पर लगन वाली दकान म स लाई िकया जाता ह

मज़दर न बताया िक एक जकट बनान क पीछ एक मज़दर को करीब 30-40 पय तक पीसरट िमलता ह यिद मज़दर को परितिदन 400-500 पय की िदहाड़ी बनानी हो तो उस 14-16 घट काम करना पड़ता ह मज़दर न बताया िक इन वकर शाप म कोई भी म क़ानन लाग नही होता और पिलस वाल इन अवध कारखान को चलत रहन की एवज़ म हर महीन अपना िहस सा लकर चल जात ह इन वकर शाप क मािलक छोटी पजी क मािलक ह िज ह मज़दर ठकदार कहत ह यह ठकदार 10 स 50 मशीन डालकर इलाक म जगह-जगह अपन वकर शाप चला रह ह और पि मी उ र परदश क इलाक स मज़दर को बलाकर अपन यहा काम करवात ह यह मज़दर अपन गाव िजला या इलाका क आधार पर छोट-छोट गट म बट हए ह और इनक बीच वगर एकता का अभाव ह

mdash ग़ािज़ याबाद सवाददाता

शरम-िवभाग पिलस-परशासन और ठकदारो की लालच न ली 15 मज़दरो की जान

4 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

लिधयाना स तीन िरपोटरकारख़ान म हादस म मार गय मज़दर को मआवज़ा िदलान क िलए टकसटाईल-हौज़री कामगार यिनयन क नततव म सघषर

19 िसत बर 2016 की शाम 6 बज महाजन टकसटाइल (महरबान लिधयाना) म दव बहादर नाम क एक मज़दर की पावरलम मशीन पर स उस समय िगरकर मौकत हो गयी जब वह मशीन पर िडजाइन चन चढ़ा रहा था यह काम दो या तीन मज़दर क बस का था लिकन उस अकल को ही यह काम करना पड़ रहा था कारखान म मज़दर की िज दिगय क साथ िजस तरह िखलवाड़ िकया जा रहा ह उनकी लट-खसोट हो रही ह यह इसका एक और उदाहरण ह पजीपितय दवारा अ य सार म क़ानन सिहत सरकषा क इ तज़ाम की सरआम धि जया उड़ाय जान क कारण भयकर हालात पदा हो गय ह मज़दर क साथ रोज़ाना हादस हो रह ह मज़दर अपािहज हो रह ह उनक पिरवार तबाह बरबाद हो रह ह सरकार म िवभाग पिलस परशासन मज़दर की बाज पकड़न क िलए तयार नही ह मज़दर को खद ही लड़ना होगा

दव बहादर मल प स नपाल का रहन वाला था बीस वषर पहल वह लिधयाना म मज़दरी करन क िलए आया इस समय वह अपनी बीवी तीन वषर स लकर बारह वषर की उमर क पाच ब च क साथ िकराय क कमर म रह रहा था दो ब च गग ह सबस बड़ी लड़की का िदमागी सतलन भी ठीक नही ह ऐसी हालत म दव बहादर की मौत स इस ग़रीब पिरवार पर मसीबत का पहाड़ टट पड़ा ह मािलक पिरवार को महज़ कछ हज़ार पय दकर पीछा छड़ान की कोिशश म था लिकन टकसटाईल हौज़री कामगार यिनयन क नत व म सकड़ मज़दर तीन िदन तक िदहािड़या छोड़कर पीिड़त पिरवार क साथ खड़ रह

कई कारखान क मज़दर हड़ताल करक धरन-परदशरन म शािमल हए लिधयाना म िकसी कारखान म हादसा होन पर मज़दर क मार जान पर आम तौर पर मािलक पिलस व म िवभाग क अफसर स िमलीभगत स दलाल की मदद स पीिड़त पिरवार को 20-25 हज़ार दकर मामला रफा दफा करन म कामयाब हो जात ह लिकन जब

मज़दर एकजट होकर लड़त ह तो उ ह अिधक मआवजा दना पड़ता ह इस मामल म भी मािलक न यही कोिशश की लिकन टकसटाईल हौज़री कामगार यिनयन क नत व म एकजट हए मज़दर न पिलस और मािलक को एक हद तक झकन क िलए मज़बर कर िदया पिलस को मािलक को िहरासत म लन पर मज़बर होना पड़ा मािलक को पीिड़त पिरवार को दो लाख पय मआवजा दना पड़ा

लिधयाना म lsquoसतरी मज़दर सगठनrsquo की शरआत

2 अकटबर 2016 को मज़दर प तकालय लिधयाना म ि य की एक मीिटग हई इस मीिटग म समाज म ि य की बरी हालत क बार म और इस हालत को बदलन क िलए ि य को जाग क व सगिठत करन की ज़ रत क बार म बातचीत की गयी मज़दर ि य की हालत और भी बरी ह घर और बाहर दोन जगह पर ी मज़दर को बहद भयकर हालात का सामना करना पड़ता ह मद क बराबर या अिधक काम करन क बावजद भी उ ह प ष मज़दर स कम वतन िमलता ह उनक िलए कारखान व अ य कायर थल पर आव यक सहलत की भी कमी ह व अपन अिधकार क िलए जाग क भी नही ह िजसक चलत व रोज़मरार अनक मसीबत का सामना करती ह जहा एक तरफ उनक म की लट होती ह और उ ह छड़छाड़ ग दी श दावली व गाली गालौज भी सहना पड़ता ह उ ह बला कार जस अपराध का बड़ तर पर सामना करना पड़ रहा ह प ष परधान मानिसकता न उ ह दसर दजर की नागिरक प ष की गलाम बनाकर रखा हआ ह हर रोज़ ी िवरोधी अपराध बढ़त जा रह ह िफ म नाटक गीत िवजञापन

आिद म ि य को व त क प म पश िकया जाता ह ि य को पजीवादी लट क िख़ लाफ़ लड़ना होगा लट

आधािरत समाज की प ष परधान मानिसकता स लड़ना होगा ी होन क कारण उनक साथ क़दम क़दम पर होन वाली धककीशाही क िख़ लाफ़ जाग क और सगिठत होना होगा यह ठीक ह िक मज़दर ि य को प ष मज़दर क कध स कधा जोड़कर पजीवादी लट क िख़ लाफ़ लड़ना ह लिकन मज़दर ि य को उनक अिधकार क िलए ज़ री तौर पर जाग क और सगिठत करन क िलए मज़दर ि य क

अलग सगठन बनान ह ग इस िवचार चचार क बाद लिधयाना म lsquo ी मज़दर सगठनrsquo

की श आत का फ़सला िकया गया सयोजक का कायरभार साथी बलजीत को स पा गया

शहीद-ए-आज़म क जनमिदवस पर लिधयाना म मज़दर सगठनो दवारा जाितवाद िवरोधी अिभयानशहीद भगतिसह क ज मिदवस पर इस बार टकसटाईल हौजरी

कामगार यिनयन व कारखाना मज़दर यिनयन दवारा 25 स 28 िसत बर तक लिधयाना म जाितवाद िवरोधी अिभयान चलाया गया इस अिभयान क तहत यिनयन दवारा एक पचार जारी िकया गया िविभ न इलाक म नककड़ सभाए व पदल माचर आयोिजत िकए गय 28 िसत बर को मज़दर प तकालय ताजपर रोड लिधयाना पर जाितवाद क बार म मशी परमचद की कहानी पर आधािरत िफ म lsquoसदगितrsquo िदखायी गयी और िवचार-चचार आयोिजत की गयी अिभयान क दौरान वकताओ न कहा िक शहीद भगतिसह और उनक सािथय की लड़ाई िसफ़र अगरज हकमत क िख़ लाफ़ नही थी बि क मन य क हाथ मन य क हर तरह क शोषण क िख़ लाफ़ थी आज भी हमार समाज म यह लट जारी ह िजस ख़त म करन की िज़ मदारी हर इसाफपसद यिकत क कध पर ह ढाई हज़ार साल स ज़ारी जाितवाद आज भी हमार समाज म कोढ़ की तरह मौजद ह आज भी जाित आधािरत म िवभाजन जारी ह ग दगी साफ करन मला ढोन का काम दिलत

जाितय क लोग को ही करना पड़ता ह आज शहीद भगतिसह का ज मिदन मनाना व उ ह दधाजिल दना उनक िवचार को अपनात हए जाितवाद सिहत हर तरह की लट दमन अ याय क िख़ लाफ़ आवाज़ बल द करक ही सािथरक हो सकता ह

- िबगल सवाददाता

िबगल मज़दर द ता दवारा डा अ बडकर धमरशाला लिधयाना म lsquoजाितवाद की सम या व इसका समाधानrsquo पर आयोिजत िवचार गो ी म lsquoमज़दर िबगलrsquo क स पादक साथी सखिव दर न मखय वकता क तौर पर बात रखी उ ह न कहा िक लगभग ढाई हज़ार साल पहल श हआ जाित आधािरत भदभाव लट दमन आज भी भारतीय समाज क िलए एक ग भीर सम या बना हआ ह मौजदा जाितवादी यव था पजीवादी यव था की सवा कर रही ह और यह पजीवादी जाितवादी यव था ह जाितवाद क तीन त भ ह- दजारब दी काम आधािरत िवभाजन और जाित क भीतर िववाह इनम स मखय प स आज तीसरा त भ ही बचा हआ ह जो िक पजीवादी यव था क अनकल ह

सखिव दर न कहा िक बहत स लोग भारत पर अगरज़ी हकमत की परशसा करत हए दावा करत ह िक इसक कारण जाित यव था ख़त म हो रही थी उ ह न कहा िक वा तिवक त य इसक िवपरीत ह भारत क उपिनवश बन जान स साम ती यव था की उमर ल बी हई इसक कारण जाित यव था भी बची

रही अगर भारत उपिनवश न बनता तो यहा वाभािवक तौर पर जो पजीवादी िवकास होता उसन जाित यव था पर बड़ी चोट होती

सखिव दर न कहा िक जाितवाद क ख़ा म का रा ता िसफ़र माकसरवाद क पास ह माकसरवाद और अ बडकरवाद को आपस म िमलान की कोिशश बबिनयाद ह इनका फ़ायदा नही बि क नकसान ही हो रहा ह जय भीम लाल सलाम का नारा एक ग़लत नारा ह डा अ बडकर न जातीय उत पीड़न क म को उभारन म अहम भिमका िनभायी लिकन उनक पास जाित यव था क ख़ा म का कोई रा ता नही था व भाववादी दशरन और पजीवादी अथरशा व राजनीित क परोकार थ डा अ बडकर न lsquoजाित का उ मलनrsquo लख म खद ही कहा ह िक जाित का ख़ा मा नही हो सकता साथी सखिव दर न कहा िक अतीत म जाितवाद की सम या को समझन म भारतीय क यिन ट की कमज़ोरी रही ह (कई अ य बिनयादी सवाल को समझन की तरह) लिकन क यिन ट ही ह िज ह न जाितवाद क िख़ लाफ़ सबस अिधक सघषर िकया ह बिमसाल लड़ाइया लड़ी ह कबारिनया की ह

जाितवाद क िख़ लाफ़ कभी ना लड़न का दोष लगात हए जो लोग क यिन ट क िख़ लाफ़ क सापरचार कर रह ह व परी तरह ग़लत ह सखिव दर न कहा िक जाितवाद का मक मल ख़ा मा िनजी स पि क अ त क साथ ही हो सकता ह लिकन इसका मतलब यह नही ह िक आज हाथ पर हाथ धर बठा रहा जाय अगर आज जाितवाद क िख़ लाफ़ हम सघषर नही करत तो कभी भी जनता को पजीवादी यव था क िख़ लाफ़ कराि तकारी सघषर क िलए एकजट नही कर पायग हम जाित-आधािरत लट दमन अ याय भदभाव क िख़ लाफ़ ज़ोरदार सघषर करना चािहए जनता

को जाितवादी म य-मा यताओ स स ब ध िव छद क िलए परिरत करना चािहए क यिन ट कराि तकािरय को जाितवादी म य-मा यताओ स स ब ध िव छद करन का उसल स ती स िनजी जीवन म लाग करना चािहए जो िक क यिन ट आ दोलन की एक बड़ी कमी रही ह उ ह न कहा िक हम जाित आधािरत सगठन नही बनान चािहए लिकन जाितवाद िवरोधी सगठन ज़ र बनान चािहए िजनम सभी जाितय क जाितवाद िवरोधी यिकत शािमल ह दिलतवादी सगठन क साथ िमलकर म ा आधािरत सघषर िकय जा सकत ह अ तरजातीय परम िववाह का

परज़ोर समथरन िकया जाना चािहए अ तरजातीय िववाह जाित यव था पर करारी चोट करत ह

साथी सखिव दर क बाद रामसवक छोटलाल िनभरय रिज दर जि डयाली तलसी परसाद म तराम राज दर सनील िसह घन याम लककी जसपरीत व अ य सािथय न इस िवषय पर अपनी बात रखी और सवाल-जवाब म िह सदारी की मच सचालन लखिव दर न िकया इस अवसर पर जनचतना दवारा कराि तकारी-परगितशील सािह य की परदशरनी भी लगाई गयी

mdash िबगल सवाददाता

lsquoजाितवाद की समसया व इसका समाधानrsquo िवषय पर िवचार गोषठीजाितवाद क िख़ लाफ़ सघषर िकय िबना जनता को पजीवादी वयवसथा क िख़ लाफ़ करािनतकारी सघषर क

िलए एकजट नही िकया जा सकता

महारा टर म िपछल कछ ह त स लगातार दिलत क िव दध एक िहसक वातावरण तयार िकया जा रहा ह इसकी श आत अहमदनगर क कोपडीर म एक लड़की क बला कार क बाद स हई इस बला कार काण ड क आरोपी दिलत थ इसी बहान सभी मखय चनावी पािटरय व सगठन न ज़मीनी तर पर मराठा आबादी को सगिठत करना श िकया व बरोज़गारी व खती क सकट स बदहाल मराठा आबादी अजाजजा अ याचार िवरोधी क़ानन को र करन व अपन िलए आरकषण की माग को लकर शहर-शहर म सड़क पर उतरन लगी इस आ दोलन को मराठा मक मोचार का नाम तो िदया गया पर इसकी हकीकत ज दी ही नािशक म सामन आ गयी एक नाबािलग लड़की क साथ छड़छाड़ क मामल को लकर दिलत बि तय को चन चनकर टागरट िकया गया वाहन पर टीकर दख-दखकर जलाया गया आठ गाव म दिलत क िव दध बड़ पमान पर िहसा हई िजसम 30 स यादा लोग घायल हए कई ग भीर प स घायल लोग अभी भी म बई व नािशक क अ पताल म भतीर ह इस पर मसल पर पिलस व परशासन मकदशरक बना रहा रा य क मखयमतरी दव दर फडनवीस को नरन दर महाराज क ज मिदन म जान का

समय िमल गया पर घायल स िमलन का नही उल टा उ ह न य कहकर िक ldquoधमरस ा रा यस ा स बढ़कर ह व उसकी मागरदशरक हrdquo बतला िदया िक वो जाित यव था क िकतन बड़ समथरक ह

इसी घटना क िवरोध म 17 अकटबर को अिखल भारतीय जाित िवरोधी मच व नौजवान भारत सभा न ल ल भाई क पाउड मानखदर क मखय चौक पर एक िनषध सभा का आयोजन िकया सभा क दौरान अभाजािवम क बबन ठोक न बात रखत हए कहा िक य मराठा मक मोचार खती क बढ़त सकट व पजीवादी आिथरक सकट स जन मी बरोज़गारी का नतीजा ह मराठा यवाओ की एक बड़ी आबादी आज बरोज़गार घम रही ह व उस इस बात पर बरगलाना बहत आसान ह िक उनकी िह स की नौकिरया दिलत ल जा रह ह हकीकत असल म उल टी ह मराठा ग़रीब आबादी (खित हर मज़दर छोट िकसान आिद) व ग़रीब दिलत आबादी दोन को ही आज गाव क सम प न मराठा िकसान व उदयोगपित लट रह ह साथ ही सरकारी नीितय क कारण लगातार बरोज़गारी बढ़ी ह इस पिरि थित स उपज ग़ स को ही आज सभी चनावी पािटरया भना रही ह व पर महारा टर म हर िजल म मराठा आबादी

क लाख की सखया म मोचर िनकाल जा रह ह नािशक व पण म हई िहसा सतह क नीच िकय जा रह कखयात परचार का ही नतीजा ह

नौजवान भारत सभा क नारायण खराड न कहा िक दिलत अ याचार िवरोधी क़ानन म सशोधन की माग करन वाल की असली मशा समझन की ज़ रत ह आज महारा टर क हर िजल म दिलत क िव दध भयकर अ याचार अजाम िदय जा रह ह व ऐस यादातर कस म अ याचार िवरोधी क़ानन क तहत मामला दजर होन क बावजद भी सज़ा की दर काफी कम (दोष िसिदध दर

10 परितशत स भी कम) रहती ह ऐस म इस क़ानन को और यादा परभावी बनान की ज़ रत ह नारायण न बात रखत हए कहा िक आज मराठा यवाओ को भी इस चीज़ को समझन की ज़ रत ह िक उनक असली दश मन दिलत नही बि क अमीर िकसान व उदयोगपित ह जो सबको लट रह ह महारा टर म ही नही बि क पर दश म इस समय अमीर की एक छोटी सी आबादी बहसखयक जनता को लट रही ह व उसका यान बटान क िलए जाित धमर कषतर क झगड खड़ कर रही ह आज अगर हम य चीज़ नही समझग तो कल बहत दर हो

जायगी आज य िजस मराठा आकरोश को दिलत क िव दध खड़ा कर रह ह कल को वो इस मसलमान क िव दध भी इ तमाल करग मज़दर आ दोलन क िव दध भी इ तमाल करग इसिलए हम आज ग़रीब महनतकश जनता को उसकी अि मताओ क आधार पर नही बि क वगीरय आधार पर एकजट करना होगा जाित क िव दध आ दोलन भी वगीरय गोलब दी क साथ ही खड़ा िकया जा सकता ह

mdash िबगल सवाददाता

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 5

अमिरकी रा टरपित चनाव म घोर न लवादी ी-िवरोधी परवासी-िवरोधी मि लम-िवरोधी और लम पट डोना ड टर प की जीत स वहा का उदारवादी तबका सदम म ह ग़ौरतलब ह िक अमिरका का उदारवादी तबका वहा का कॉरपोरट मीिडया और पजीपित वगर का बड़ा िह सा भी िहलरी िकलटन की जीत पर दाव लगा रहा था और अमिरका की पहली मिहला रा टरपित बनन की घोषणा का बसबरी स इ तज़ार कर रहा था लिकन टर प जस फ़ािस ट परवि क ल पट यिकत क रा टरपित चन जान स िव -पजीवाद क िसरमौर क मह स भी उदारवादी मखौटा उतर गया ह और उसका िघनौना चहरा सामन आ गया ह यह एक बहत बड़ी िवड बना ह िक टर प की यह जीत ढाचागत सकट की िशकार पजीवादी यव था क ख़ िलाफ़ अमिरका की जनता क ग़ स और बजरआ लोकततर क दायर क भीतर उसकी लाचारी की भी अिभ यिकत ह टर प की यह जीत 2007 स जारी िव यापी म दी क दौर म दिनया क तमाम दश म धर-दिकषणपथी और फ़ािस ट ताक़त क उभार क आम झान क ही अन प ह कई िव षक टर प की इस जीत

क िलए अमिरकी समाज म या न लवादी और ी-िवरोधी मानिसकता को िज मदार मान रह ह अमिरकी समाज म पठी न लवादी और ी-

िवरोधी मानिसकता स इनकार तो हरिगज़ नही िकया जा सकता लिकन ऐस िवश लषण स हम यह नही समझ सकत िक टर प जस ल पट यिकत की रा टरपित क प म वीकायरता मौजदा दौर म ही कय बढ़ी इस सवाल का जवाब हम वगर-िव षण क माकसरवादी उपकरण क इ तमाल स ही िमल सकता ह

ग़ौरतलब ह िक 2007 म अमिरका म आवासीय बलबल क फटन क साथ श हई िव यापी महाम दी अभी तक जारी ह जब यह म दी श हई थी तब अमिरका म िरपि लकन पाटीर का जाजर बश रा टरपित था 2008 क रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता न िरपि लकन पाटीर को खािरज कर डमोकरिटक पाटीर क बराक ओबामा को इस उ मीद म रा टरपित चना था िक उसकी नीितया म दी स उबारगी लिकन ओबामा क दो कायरकाल परा होन पर भी अमिरकी अथर यव था म दी क भवरजाल स बाहर नही िनकल पायी ह ओबामा न जनता की गाढ़ी कमाई स कई िटरिलयन डॉलर क बलआउट पकज दकर बक और िवत तीय महापरभओ को जीवनदान िदया िजसका फ़ायदा बक और कम पिनय क शीषर अिधकािरय को हआ लिकन आम लोग की ज़ िन दगी की परशािनया बढ़ती ही गयी अमिरका म रोज़गार क नय अवसर नही पदा हो रह ह और िपछल आठ वष क दौरान

मज़दर वगर क साथ ही साथ टटपिजया म य वगर की भी आमदनी और करयशिकत म तज़ी स िगरावट दखन म आयी ह इसका नतीजा अमिरकी समाज म आिथरक असमानता की खाई क चौड़ा होन क प म सामन आया इस घोर आिथरक असमानता की अिभ यिकत िन न-बजरआ वगर क नत व म चल lsquoऑक यपाई वॉल टरीटrsquo आ दोलन म भी हई थी िजसका िनशाना कॉरपोरट पजी थी 2012 क रा टरपित चनाव म हालािक ओबामा को जीत हािसल हई लिकन उस 2008 क मकाबल बहत कम वोट िमल थ जो डमोकरिटक पाटीर की घटती लोकिपरयता का ही सकत था

अमिरका का बजरआ लोकततर वहा क लोग को रा टरपित चनन का जो अिधकार दता ह उसका इ तमाल करक यादा स यादा लोग यह कर सकत ह िक बजरआ वगर क एक नमाइ द स तर त आकर बजरआ वगर क दसर नमाइ द को चन ल इस बार क अमिरकी रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता का ग़ सा डमोकरिटक पाटीर ही नही बि क पर बजरआ लोकततर क ख़ िलाफ़ दखन म आया यह इस बात स समझा जा सकता ह िक इस बार क चनाव म 45 परितशत मतदाताओ न िकसी भी उ मीदवार क पकष म वोट नही डाला िहलरी िकलटन और डोना ड टर प दोन को महज़ 25 परितशत क आसपास ही वोट िमल िव कॉि सन

पि सलविनया और िमशीगन जस रा य जो कभी डमोकरिटक पाटीर क गढ़ हआ करत थ उनम मज़दर वगर का ग़ सा िहलरी िकलटन और डमोकरिटक पाटीर पर फटा िजसका लाभ डोना ड टर प को िमला हालािक टर प खद एक पजीपित और धनपश ह लिकन उसन आिथरक मि कल स जझ रह अमिरकी म यवगर और मज़दर वगर क ग़ स को अपनी स ती लोकरजक जमलबाज़ी क ज़िरय जमकर भनाया उसन अमिरका को िफर स महान बनान क स ज़बाग िदखाय उसन लोग को यह यकीन िदलाया िक उनकी सम याओ की वजह बाहर स आ रह परवासी मज़दर ह उसन यहा तक कहा िक रा टरपित बनन क बाद आपरवासन रोकन क िलए वह अमिरका और मिकसको की सीमा पर ऊची दीवार बनवायगा यही नही उसन मसलमान क ख़ िलाफ़ नफ़रत को चरम पर ल जात हए कहा िक रा टरपित बनन क बाद वह मसलमान क अमिरका म आन पर परितब ध लगा दगा वगर चतना क अभाव म यह कोई आश चयर की बात नही ह िक अमिरका क मज़दर वगर क एक िह स को य घनघोर मज़दर-िवरोधी बात जची और उ ह न टर प जस लम पट और अ याश पजीपित क पकष म वोट दन स गरज़ नही िकया िपछल चनाव म ऐसी ही बात क ज़िरय नरन दर मोदी भी भारत क बहत स ग़रीब और मज़दर का वोट पान म कामयाब हो गया था

डोना ड टर प जस धर दिकषणपथी और फ़ािस ट परवि क यिकत क िव -पजीवाद की चोटी पर िवराजमान होन स िनश चय ही अमिरका ही नही बि क दिनया भर क मज़दर की मि कल और चनौितया आन वाल िदन म बढ़न वाली ह मज़दर वगर को न लीय और धािमरक आधार पर बाटन की साज़ िश आन वाल िदन म और परवान चढ़न वाली ह लिकन टर प की इस जीत स मज़दर वगर को यह भी सकत साफ़ िमलता ह िक आज क दौर म बजरआ लोकततर स कोई उ मीद करना अपन आपको झासा दना ह बजरआ लोकततर क दायर क भीतर अपनी चतना को क़द करन का नतीजा मोदी और टर प जस दानव क प म ही सामन आयगा आज दिनया क िविभ न िह स म पिरि थितया िच ला-िच लाकर पजीवाद क िवक प की माग कर रही ह इसिलए वोट क ज़िरय लटर क चहर को बदलन की चनावी नौटकी पर भरोसा करन की बजाय दिनया क हर िह स म मज़दर वगर को पजीवाद को कचर की पटी म डालकर उसका िवक प खड़ा करन की अपनी ऐितहािसक िज मदारी को िनभान क िलए आग आना ही होगा

mdash आन द िसह

अमिरकी राषटरपित चनाव म फ़ािससट टरमप की जीतसामराजयवाद क चौधरी क म ह स उतरा उदारवादी मखौटा

नािशक व पण म दिलत िवरोधी अतयाचारो क िख़ लाफ़ ममबई म परदशरन

6 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

रजनी एक चार साल की ब ची ह इस उमर क अ य ब च की तरह उसका वज़न भी कम स कम 15 िकलो होना चािहए जानत ह रजनी का वज़न िकतना ह 5 िकलो धसी हई आख हडिडय क ढाच पर बजान सखी हई वचा व ख बजान बाल और पतल-पतल हाथ पर वाली रजनी ज़ोर लगाकर खड़ा होन की कोिशश तो करती ह लिकन पर म जान न होन की वजह स खड़ी नही हो पाती ह रोन की कोिशश करती ह तो रो भी नही पाती ह िसफ़र रजनी ही नही उसक तीन और भाई-बहन भी इसी तरह स भखमरी और कपोषण का िशकार ह उसक माता-िपता जलपाईगड़ी क एक चाय बागान म काम करत थ कछ महीन पहल मािलक न िबना िकसी नोिटस और मआवज क इनको बाहर का रा ता िदखा िदया और अब य बरोज़गार ह और सड़क पर ह कछ िदन तक तो उधार पर राशन आता रहा और यह पिरवार दो िदन छोड़कर एक िदन खाना खाता रहा लिकन यह भी कब तक चलता कछ िदन बाद दकान वाल न भी उधार दना बन द कर िदया अब न रोज़गार ह न उधार और न ही राशन ब च ही नही बि क उनक माता-िपता की हालत भी वसी ही ह परा पिरवार भखमरी और कपोषण का िशकार ह और यह िसफ़र एक रजनी और उसक पिरवार की बात नही ह हमार दश म हर रोज़ लगभग बीस करोड़ लोग भख सोत ह यह परी दिनया म रोज़ भख सोन वाल लोग का एक ितहाई ह भारत म हर रोज़ 7000 और हर साल 25 लाख स यादा लोग भख की वजह स मर जात ह इतना ही नही भारत म 50 परितशत स यादा ब च अडरवट यािन अपनी आय क िहसाब स कम वज़न वाल ह और 70 परितशत स यादा औरत और ब च िकसी न िकसी गम भीर पोषण की कमी का िशकार ह हमार दश म 30 परितशत नवजात िशश कम वज़न क साथ पदा होत ह 3 साल तक क 79 परितशत ब च और 56 परितशत िववािहत मिहलाओ म आयरन की

कमी स होन वाली ख़न की कमी ह ब च म होन वाली आधी स यादा मौत कपोषण या कम पोषण होन की वजह स होती ह कया आप जानत ह भखमरी की तािलका म भारत दिनया म कौन स थान पर ह 97व थान पर बहत सार छोट-छोट दश स भी नीचा आपको य आकड़ भयावह लग रह ह ग लिकन भारत की एक बड़ी आबादी क िलए यह रोज़मरर की बात ह

लिकन ऐसा इसिलए नही ह िक भारत म खादया न की कमी ह भारत गह की सबस यादा पदावार करन वाल दश म चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 9403 लाख मीिटरक टन गह पदा होता ह चावल की पदावार म भी भारत चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 15506 लाख मीिटरक टन चावल पदा िकया जाता ह और िफर कया होता ह िपछल साल भारत म 210 लाख मीिटरक टन गह गोदाम म पड़ा-पड़ा सड़ गया था इतना गह पर दश का पट भरन क िलए पयार था सयकत रा टर सघ क अनसार भारत म कल पदावार का चालीस परितशत गह हर साल बबारद हो जाता ह लिकन गाय की पजा स दशभिकत को जोड़न वाली सरकार को दश क भख मरत लोग की िच ता कय होन लगी बहरहाल सरकार का कहना ह िक यह अनाज ख़राब भ डारण और पिरवहन की वजह स ख़राब होता ह लिकन सवाल य ह िक भ डारण और पिरवहन की िज़ मवारी िकसकी ह इस स ब ध म 2001 म सपरीम कोटर म एक यािचका दायर की गयी थी िजसम कहा गया था िक दश की बड़ी आबादी भख मरती ह और अनाज गोदाम म सड़ता ह सपरीम कोटर न सिवधान क अन छद 21 का हवाला दत हए कहा था िक ldquoभोजन का अिधकारrdquo असल म ldquoजीवन क अिधकारrdquo स ही स बि धत ह सपरीम कोटर न फ़सला सनाया था िक ldquoभारतीय खादय िनगमrdquo यह सिनि त कर िक अनाज गोदाम म न सड़ और हर ज़ रतमद को भोजन उपल ध हो

लिकन जसा िक अकसर होता ह फ़सल क इतन साल क बाद आज भी गोदाम म य ही अनाज सड़ रहा ह और लोग भख स मर रह ह पजीवाद का यह मखय लकषण होता ह यापक आबादी भख मरती ह अनाज गोदाम म सड़ता ह या सड़ा िदया जाता ह सरकार और यायपािलका मगरम छ क आस बहाती ह और सब कछ य ही चलता जाता ह

कहन को तो सरकार न मिहलाओ और ब च को भोजन उपल ध करान क िलए कीम भी चला रखी ह एक कीम ह िमड ड मील योजना इसक तहत सरकारी कल म पढन वाल ब च को िदन का खाना उपल ध करवाया जाता ह लिकन यहा सम या य ह िक अिधकतर ब च कल ही नही जा पात तो भोजन कहा स कर पायग दसरा उस भोजन म भी इतनी अिनयिमतताए िमलती ह िक इसी साल क हर महीन म दश क िविभ न िह स स िमड ड मील खान क बाद ब च क बीमार होन की खबर आती रही ह िपछल ही िदन छ ीसगढ़ क कोरबा म 60 ब च िमड ड मील खान क बाद बीमार हो गय थ ज़ािहर ह सम या इस योजना म नही बि क कायार वयन की नीयत म ह कल म आन वाल राशन को इतन ख़राब तरीक स रखा जाता ह िक उसक दिषत होन की स भावना शत परितशत होती ह कई जगह पर इसकी िज़ मदारी ऐस एनजीओ को दी गयी ह जो पस बनान क िलए घिटया सामगरी का इ तमाल करत ह लिकन िकसी को कोई फकर नही पड़ता और ब च य ही बीमार पड़त रहत ह इन स कल म ग़रीब क ब च ही जात ह इसिलए भी िकसी क िलए यह कोई बड़ी बात नही बनती उधर सरकार स लकर स बि धत अिधकारी तक अपनी पीठ थपथपात रहत ह िक सबको भोजन उपल ध करवा िदया गया ह एक अ य कीम ह जो सरकार न ldquoसमि वत बाल िवकास पिरयोजनाrdquo क नाम स चलायी हई ह िजसक अ तगरत छ वषर तक क उमर क ब च गभरवती मिहलाओ तथा

तनपान करान वाली मिहलाओ को वा य पोषण एव शकषिणक सवाओ का एकीकत पकज परदान करन की योजना ह इसक अ तगरत इन सबक िलए एक समय क परक आहार का परबध आगनवाड़ी कदर म होता ह कहन को तो यह योजना िपछल 41 साल स चल रही ह लिकन आज भी इस दश क 50 परितशत स यादा ब च कपोिषत ह और भख स मर रह ह

असल म पजीवाद म सरकार िदखाव क िलए कछ क याणकारी योजनाए चलाती रहती ह लिकन यह िसफ़र िदखावा ही होता ह और जमीनी तर पर य योजनाए बरसाती बलबल स यादा परभाव नही डालती ब च सड़ा हआ अनाज खाकर बीमार हो रह ह जो यह भी नही खा पा रह व भख स मर रह ह और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही ह परभाव डाल भी तो कस एक िरपोटर क अनसार भारत म 45 करोड़ लोग ग़रीबी की रखा स नीच जी रह ह लिकन ग़रीबी की रखा का यह मानदड भी हा या पद ह भारत सरकार क अनसार शहर म रहन वाला कोई यिकत रोज़ अगर 33 पय स यादा और गाव म रहन वाला कोई यिकत अगर 27 पय स यादा कमाता ह तो वह ग़रीब नही ह अब कोई यिकत इतनी कम आमदनी क साथ जीन योगय भी साधन भी नही जटा पायगा पट भरकर खाना तो दर की बात ह िफर ग़रीबी की रखा स नीच आन वाल लोग तो इतन भी नही कमा पात तो व कहा िज़ दा रहन की भी सोच सकत ह एक तरफ तो ऐस लोग की सखया बढती जा रही ह और दसरी तरफ दश म पदा होन वाली स पदा और पजी समाज क एक बहत छोट स िह स क क ज म आती जा रही ह भारत म दिनया क सबस यादा ग़रीब लोग रहत ह और दसरी तरफ फ़ो सर पितरका दवारा जारी की गयी दिनया क 61 दश म अरबपितय की सखया की सची म भारत का थान चौथा ह अमीर और ग़रीब की बढती इस खाई क बीच दश म तमाम नीितया इसी धनपश पजीपित वगर क मनाफ़ क िलए बनायी

जाती ह कछ क याणकारी योजनाए िसफ़र इसिलए चला दी जाती ह तािक यह िदखाया जा सक िक सरकार को ग़रीब की भी िच ता ह लिकन अ ततः ग़रीब क िह स म आती ह लट शोषण और भखमरी

तो इस सब क िलए िज़ मदार कौन ह सरकार की ही तज़र पर कछ लोग कहग िक अनाज का भडारण सही नही ह योजनाओ को ढग स कायारि वत नही िकया जाता अिधकारी पस खा जात ह भर ाचार ह आिद आिद लिकन यह तो त वीर का एक छोटा सा िह सा मातर ह सम या का कारण सरकार की लापरवाही और भर ाचार तो ह लिकन िसफ़र यही एक कारण नही ह सरकार लापरवाह कय ह और भर ाचार का कारण कया ह यह दखन क िलए तो हमको इस यव था की मल परणाली म दखना होगा हमार दश की यव था यािन पजीवाद क अ तगरत हर चीज़ की तरह अनाज भी मनाफ़ क िलए पदा िकया जाता ह और पजीवाद म कोई भी सरकार मनाफ़ पर आधािरत यव था को बनाय रखन व मज़बत बनान क अलावा कछ और नही करगी सरकार की तमाम योजनाए और कायरनीितया इ ही अरबपितय क मनाफ़ को यान म रख कर बनायी जाती ह ऐस म चाह कोई क याणकारी कीम आ जाय या सपरीम कोटर क हज़ार फ़सल आ जाय जब तक मनाफ़ाख़ोर पजीवादी यव था रहगी तब तक अनाज सड़ता रहगा लोग भख स मरत रहग और पजीपितय क मनाफ़ बढ़त रहग स म जब अकटबर कराि त हई तो उस समय स सिहत सी सामरा य क तमाम

दश भयकर अकाल और भखमरी स जझ रह थ लिकन कराि त क बाद जब महनतकश न स ा अपन हाथ म ली तो अगल दस साल म सोिवयत सघ स भखमरी का नामोिनशान ख़त म िकया जा चका था ऐसा भारत म भी िकया जा सकता ह ज़ रत ह िक पजीवाद को ख़त म करक महनतकश का लोक वराज कायम िकया जाय

ndash नवमीत

िवकास क शोर क बीच भख स दम तोड़ता महनतकश

शहीद भगतिसह क जन मिदवस 28 िसत बर 2016 को म बई (मानखदर) म भगतिसह की पाच मराठी प ि तकाओ का लोकापरण हआ इ ही पि तकाओ क परकाशन क साथ मराठी म कराितकारी सािह य क िलए ऐरण परकाशन का आगाज़ हआ नौजवान भारत सभा व ऐरण परकाशन की तरफ स आयोिजत इस कायरकरम म भगतिसह की य पाच पि तकाए परकािशत की गयी 1 मी नाि तक का आह 2 बा बच त वजञान आिण यायालयातील िनवदन 3 जाितधमारच झगड सोडा खरया लढयाशी नात जोडा 4 कराितकारी कायरकरमाचा मसदा 5 भगतिसह हणाल होत इस कायरकरम म म बई क अलग अलग इलाक स

अनक लोग उपि थत थ इस मौक पर बोलत हए नौजवान

भारत सभा क नारायण न कहा िक भगतिसह की शहादत क इतन वष बाद भी उनक लख परासिगक ह इसका कारण य ह िक भगतिसह कवल अगरज क िव दध भारतीय जनता की लड़ाई क ही नही बि क शोषण क िव दध मज़दर की लड़ाई क भी परतीक ह समानता पर आधािरत व शोषणमकत समाज का सपना आख म िलए भगतिसह व उनक सािथय न अपना सब कछ बिलदान कर िदया पर आज भी वसा समाज नही बन पाया उसी शोषणमकत समाज क िनमारण क िलए दिनयाभर क मज़दर की तरह ही भारत क मज़दर भी लड़ रह ह इस सघषर को पिरणित तक ल जान

क िलए भगतिसह का लखन आज भी मागरदशरक ह सड़-गल िवचार िढ़ य व बौिदधक गलामी की जकड़ स आज़ाद होन की पररणा दन की िवलकषण कषमता उनक िलख श द म ह उनक लखन स

परिरत होकर खद को शोषण क िव दध लड़ाई म झ क दना यही भगतिसह को स ची दधाजिल होगी

ऐरण परकाशन की तरफ स बबन ठोक न कहा िक परसार मा यम पर व

साथ ही सािह य पर लगातार पजी का व बाजार का परभाव बढ़ रहा ह व ऐस म एक वकि पक मीिडया खड़ा करना अ यत ज री ह िविभ न भाषाओ म परगितशील सािह य कम स कम दर पर लोग तक पहजना चािहय बबन न कहा िक शहीद भगतिसह क स प णर उपल ध द तावज को भी मराठी म ज द ही परकािशत करन का सक प ऐरण परकाशन न िलया ह

लोकापरण कायरकरम क बाद पर इलाक म शहीद भगतिसह की तस वीर िलय हए एक माचर िनकाला गया व भगतिसह की िवरासत स पिरिचत करात मराठी व िह दी पचर बाट

mdash स यनारायण

शहीद भगतिसह क जनमिदवस पर मराठी म करािनतकारी सािहतय क परकाशन की शरआत

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 7

पजीवादी यव था म उ पादन का चिरतर तो सामािजक हो चका ह अथारत व तओ-सवाओ का उ पादन अलग-अलग यिकतय दवारा नही बि क बहत सार िमक दवारा सामिहक प स िकया जाता ह लिकन उ पािदत व तओ पर वािम व सामािजक अथारत इन उ पादक का सामिहक नही बि क उ पादन क साधन क मािलक या पजीपितय का िनजी वािम व होता ह उ पादक को अपनी मशिकत बचन क एवज म पजी मािलक दवारा तय मज़दरी ही िमलती ह जबिक उ पाद क पर म य पर मािलक का अिधकार होता ह िजसस उनका मनाफ़ा तथा दौलत बढती जाती ह िमक की म शिकत का म य भी बाज़ार क माग-पितर क िनयम स तय होता ह और जब मजदर की एक िवशाल बरोज़गार फौज म क बाज़ार म िबकन क िलय उपल ध हो तो यह म य इतना कम हो जाता ह िक उनको अपना जीवन चलान क िलय भी पयार नही होता कय िक मािलक पजीपित को िमक की अटट कतार िबकन क िलय

नजर आती ह इस ि थित म मजदर की िज दगी बद स बदहाल होती जाती ह और पजीपित का मनाफ़ा ऊच स ऊचा वतरमान यव था म पजीपितय क मनाफ़-दौलत म इस भारी विदध को ही अथर यव था क िवकास का पमाना माना जाता ह

अभी भारत की अथर यव था म तज़ी की भी बडी चचार ह और इस दिनया की सबस तज़ी स िवकास करती अथर यव था बताया जा रहा ह इस िवकास की असली कहानी भी बहसखयक िमक-अधर िमक जनता की िज दगी पर पड इसक असर स ही समझनी होगी 1991 म श हए आिथरक सधार स दश की अथर यव था िकतनी मज़बत हई ह उसकी असिलयत जानन क िलए जीडीपी-जीएनपी की विदध एकसपोटर-इ पोटर क आकड़ मकान -दकान की कीमत अरबपितय की तादाद या ससकस-िन टी का उतार-चढाव दखन क बजाय हम नशनल यिटरशन मॉिनटिरग यरो (NNMB) क सवर क नतीज और अ य ोत स परा जानकारी पर नजर डालत ह जो बताता ह िक जीवन की अ य सिवधाए ndash आवास िशकषा िचिक सा आिद को तो छोड ही द इस दौर म ग़रीब लोग को िमलन वाल भोजन तक की मातरा भी लगातार घटी ह यह यरो 1972 म गरामीण जनता क पोषण पर नजर रखन क िलए थािपत िकया गया था और इसन 1975-1979 1996-1997 तथा 2011-2012 म 3 सवर िकय इस सार दौरान सरकार लगातार ती आिथरक तरककी की िरपोटर दती रही ह इसिलए वाभािवक उ मीद होनी चािहय थी िक जनता क भोजन-पोषण की मातरा म सधार होगा लिकन इसक िवपरीत ज़मीनी असिलयत उलट य पायी गयी िक जनता को िमलन वाल पोषण की मातरा बढ़न क बजाय लगातार घटती गयी ह

2012 क यटरीशन यरो क गरामीण भारत क आिखरी सवर क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गरामीण को 550 कलोरी ऊजार 13 गराम परोटीन 5 िमगरा आइरन 250 िमगरा कि सयम और 500 िमगरा िवटािमन ए परितिदन कम िमल रहा ह इसी तरह 3 वषर स कम की उमर क ब च को 300 िमलीलीटर परितिदन की आव यकता क मकाबल औसतन 80 िमली दध ही परितिदन िमल पा रहा ह सवर यह भी बताता ह िक जहा 1979 म औसतन दिनक ज़ रत क लायक परोटीन ऊजार कि शयम तथा आइरन उपल ध था वही 2012 आत-आत िसफ़र कि शयम ही ज़ री मातरा म िमल पा रहा ह जबिक परोटीन दिनक ज़ रत का 85 ऊजार 75 तथा आइरन मातर 50 ही उपल ध ह िसफ़र िवटािमन ए ही एक ऐसा पोषक त व ह िजसकी मातरा 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लिकन वह भी 2012 म घटकर दिनक ज़ रत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह िक सवर क अनसार 35 गरामीण ी-प ष कपोिषत ह और 42 ब च

मानक तर स कम वज़न वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकड़ा ह जनसखया क ग़रीब िह स म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीिवका यरो नाम क सगठन दवारा दिकषण राज थान क गाव म िकय गय एक सवर क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक ितहाई को सब ज़ी फल अड या मास तो खर िकसी को भी िमलन का सवाल ही नही था नतीजा आधी माए और उनक ब च कपोिषत थ

इस हालत की वजह कया ह इस बार म यटरीशन यरो क ही सवर म पाया गया िक असल म 1979 म िसफ़र 30 गरामीण लोग भिमहीन थ जो अब बढकर 40 हो गय ह मखयतः मज़दरी पर िनभरर पिरवार 51 हो गय ह तथा और 27 ग़रीब िकसान ह िजनकी आमदनी बहद कम ह और उ ह जीवन िनवारह क िलय अपनी ज़मीन पर िनभरर रहन की गजाइश नही इसिलए बाकी समय उ ह मज़दरी ही करनी पड़ती ह 2011 की जनगणना क अनसार भी भिमहीन किष मजदर की तादाद 2001 क 1067 करोड़ क मकाबल बढ़कर 1443 करोड़ हो गयी ह उपजाऊ जोत वाल मािलक िकसान पहल स आध ही रह गय ह अथारत 3 चौथाई गरामीण जनसखया भी अब भोजन क िलए बाज़ार स खरीद पर ही िनभरर ह अब सरकार इस साल पहल ही ससद को बता चकी ह िक महगाई स एडज ट करन पर किष म मज़दरी की दर भी घटन लगी ह - 2014 और 2015 म यह 1 परितवषर कम हई ह साथ म यह भी यान द िक बाकी चीज क मकाबल खादय पदाथ की महगाई अिधक तज़ी स बढ़ी ह - 67 क मकाबल 10 खादय पदाथ म भी दाल वसा तथा सब िज़ य क दाम यादा तज़ी स बढ ह नशनल सपल सवर क अनसार शहर -गाव क सबस ग़रीब लोग दवारा

उपभोग की गयी व तओ की महगाई दर अमीर शहिरय की उपभोगय व तओ क मकाबल 5 तक अिधक ह िन कषर यह िक गरामीण भारत का बहलाश ना तो अब पयार मातरा म भोजन उगान म समथर ह और ना ही ख़रीदन म अतः अिधकाश लोग क िलए दाल सब ज़ी फल दध अडा-मास आिद अब दलरभ पदाथर बनत जा रह ह

अगर िवकिसत दश की बात को छोड़ भी िदया जाय और िसफ़र मीिडया दवारा भारत की बराबरी क उभरत दश कह जान वाल िबरकस (BRICS) दश क साथ भी तलना की जाय तो भारत म कपोषण की ि थित बराज़ील स 13 गना चीन स 9 गना और 1994 तक भयकर रगभदी शासन झलन वाल दिकषण अफरीका स भी 3 गना बदतर ह इस पर भी हमार शासक कपोषण को कोई यान दन लायक सम या नही मानत अभी भारत की आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई स सट पालघर म िपछल एक साल म 600 आिदवासी ब च की कपोषण स म य पर जब महारा टर क आिदवासी मामल क मतरी स सवाल पछा गया तो उनका सीधा जवाब था lsquoतो कया हआrsquo यहा तक िक सबका हाथ सबका िवकास वाली मोदी सरकार न तो 2015 म इस यटरीशन यरो को ही बन द कर िदया ह तािक ऐसी ख़तरनाक परशान करन वाली स चाइया ज़ािहर ही ना ह पर सच का मह कया इतनी आसानी स बन द हो जायगा

यदयिप उपरोकत सब त य गरामीण कषतर क ह लिकन हम सब यह भी जानत ह िक शहरी मजदर -िन न म य वगर की ि थित भी इतनी ही बरी ह अथारत दश क 80 लोग क िलए इन सधार का नतीजा भख और कपोषण ही हआ ह तो हम जो बढ़त कॉरपोरट मनाफ़ अरबपितय की बढती सखया की खबर पढ़त ह उसक पीछ की कड़वी स चाई यही ह िक ग़रीब मजदर िकसान िन न-म यवगीरय लोग क मह का िनवाला छीनकर ही यह मनाफ़ यह अरब की दौलत इकठठा हो रही ह इसीिलए इन सब सवर की ख़बर या इस पर बहस हम कॉरपोरट मीिडया म कही नजर नही आती

आइय अब हम शहरी ग़रीब की ि थित पर नजर डालत ह शहर की ऊपरी चमक-दमक स उनका हाल बहतर न समझ िद ली और म बई सिहत शहर की झगगी-झ पिड़य म रहन वाली एक चौथाई अथारत 10 करोड़ अ य त ग़रीब लोग भी भख और कपोषण का उतना ही िशकार ह और जस-जस हम भारत क आिथरक महाशिकत बनन की चचार सनत ह भख पीिड़त लोग की तादाद घटन क बजाय बढ़ती जाती ह यनीसफ क अनसार भारत म हर साल 5 वषर स कम आय क 10 लाख ब च कपोषण स ब धी कारण स म य का िशकार होत ह सामा य स कम वज़न वाल 5 साल तक क ब च की सखया का िववरण दख तो

पता लगगा िक िवकिसत दश को तो भल ही जाइय बराजील चीन दिकषण अफरीका जस तीसरी दिनया क दश भी छोिड़य शहरी ब च क कपोषण क मामल म हम बागलादश-पािक तान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पािक तान म 25 दिकषण अफरीका म 12 बराजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी िद ली और आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई की ि थित को थोड़ा और िव तार स जानत ह कय िक यहा क बार म यादा जानकारी उपल ध ह इसस हम बाकी शहर की ि थित का भी कछ आकलन कर पायग इन दोन की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड़ लोग लम या झ पड़पटटी म रहत ह जो भारी भीड़ ग़रीबी और कपोषण क क दर ह इनम लोग िकस तरह रहत ह ग यह अनमान लगान क िलए इतना ही बताना पयार ह िक म बई की जनसखया का 60 झ पड़पटटी म रहता ह जो म बई क कल कषतरफल का िसफ़र 8 जगह म ि थत ह म बई क गोवडीमानखदर या िद ली की ऐसी ही िमक बि तय म जाइय तो आपको खल गद नाल कचर क ढर और िभनिभनाती म छर-मिकखय क बीच दड़ब की मािनद भर लोग रहत िमलग िज ह न दश भर क गाव म अपनी जीिवका की बरबादी क बाद इन झ पड़ बि तय म शरण ली ह लिकन इनम स बहत सार तो इस झ पड़ ब ती म भी सही स ठौर नही पा पात कय िक कभी बलडोज़र तो कभी आग कभी परॉपटीर डीलर क मािफया िगरोह इनक थोड बहत बतरन-भाड को भी जलात तोड़त फकत रहत ह

इन ग़रीब मज़दर पिरवार म अकसर माता-िपता दोन को िदन का यादातर समय ल ब हाड़-तोड़ म म िबताना होता ह काम क िलय आन-जान म भी काफी समय लगता ह और खद तथा अपन ब च क िलय भोजन पकान का समय नही होता िफर उतना कमा भी नही पात िक आव यक पोषक त व यकत भोजन सामगरी खरीद सक य और इनक ब च पोषण क नाम पर िसफ़र आटा-मदा चीनी और िचकनाई-तल वाला कचरा भोजन (जक फड) ही उपभोग करन की करय कषमता रखत ह दाल क नाम पर कभी-कभी स ती मसर और सब ज़ी क नाम पर आल ही मय सर होता ह फल-दध तो व न बन चक ह ना त क नाम पर पिरवार चाय क साथ फन या र क स काम चला रह ह और ब च को बीच म भख लग तो मद क नड स या मद चीनी तल वाली जलबी जसी चीज स काम चलाया जा रहा ह य ग़रीब िमक पिरवार इस परकार क भोजन को जीभ क वाद की वजह स नही अपना रह बि क इस िलय िक यह पोषक तो नही होता पर पट की भख को मारता ह लिकन और भी बडी तथा असली वजह ह िक यह दाल चावल रोटी स ज़ी सलाद वाल

वा तिवक सतिलत भोजन की एक ितहाई-चौथाई कीमत का पड़ता ह तथा समय की कमी स परशान मज़दर पिरवार इस सिवधाजनक भी पात ह लिकन इस िक म क भोजन का नतीजा होता ह नाटा कद आड़ी-टढ़ी हडिडया सड दात फल पट बीमािरय का मकाबला करन म अकषम शरीर अथारत कपोषण ऐस ब च डायिरया मलिरया यमोिनया जसी बीमािरय क भी आसान िशकार होत ह हर साल करीब 10 लाख ब च कपोषण की वजह स 5 साल की उमर क पहल ही जान गवा दत ह साथ ही यह कपोषण िसफ़र िज म को ही बरबाद नही करता बि क ब च क िदमाग को भी क द करता ह उनक सीखन-पढ़न की क वत को भी कम करता ह िद ली क 20 लाख ब च म स आध की िज मानी-िदमागी बढ़वार ही कपोषण क मार क द हो गयी ह बाकी दश क ग़रीब मज़दर-िकसान का ही नही िन न म य वगीरय पिरवार का भी यही हाल होता जा रहा ह कय िक एक ओर घटती वा तिवक आमदनी और दसरी ओर खादय पदाथ की भयकर जमाखोरी-कालाबाजारी स आसमान छती कीमत भारतीय समाज क अिधकाश लोग क िज मानी-िदमागी वा य को पतन क गतर म धकल रही ह

िव खादय व किष सगठन (FAO) की गलोबल हगर िरपोटर 2015 क अनसार भारत म कल 1946 करोड़ लोग कपोषण क िशकार ह जो िपछल 5 साल म 26 बढ ह अथारत 5 साल पहल 1899 करोड़ ही थ ऐस समझ सकत ह िक पािक तान की कल जनसखया स भी 120 करोड़ यादा लोग भारत म कपोिषत ह यहा कपोषण का मतलब िसफ़र कछ िदन या समय भोजन की कमी झलन स नही ह बि क उनस िज ह लगातार एक साल और उसस यादा अपनी दिनक शारीिरक पोषण की ज़ रत स कम भोजन िमलता ह इस िरपोटर क अनसार भारत म ग़रीब क भोजन म मातर िकसी तरह जीिवत रह सकन वाल पदाथर ही शािमल ह कय िक खादय पदाथ की बढ़ती महगाई स ग़रीब लोग पोषक भोजन खरीदन म असमथर ह

आिखर इस ि थित की वजह कया ह अभी 15 िसतबर को परकािशत कोनर फरी ह गरप क 2008 क िव ीय सकट स अब तक क 51 दश क रोज़गार व वतन क तलना मक अ ययन क अनसार इन 8 वष म भारत की जीडीपी 638 बढी ह लिकन औसत वतन विदध मातर 02 हई ह इसम भी और गहराई तक जाय तो िशखर क लोग अथारत उ च परब धक का वतन 30 बढा ह लिकन सबस नीच वाल िमक की वा तिवक मज़दरी 30 कम हई ह सार 51 दश म उ चतम व िन नतम तर क किमरय म वतन असमानता सबस अिधक भारत म ही ह कय िक यहा रोज़गार कम बढ ह और िमक की स लाई यादा वस भी अब िनयिमत वतन वाल थायी मज़दर

ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़

(पज 2 पर जारी)

लिधयाना क टकसटाइल पटटी क मज़दर िद ली क इ पात मज़दर स लकर ित पर व यनम क मज़दर और च नई क आटोमोबाइल मजदर स लकर करल क म नार क चाय बाग़ान मज़दर तक िपछल कछ वष म सड़क पर उतरत रह ह एक ऐस उथल-पथल भर समय म हम अकटबर कराि त क शता दी वषर म परवश कर रह ह ऐस दौर म अकटबर कराि त को याद करन क मज़दर वगर क िलए कया मायन ह इसक िलए पहल सकषप म यह जानना ज़ री ह िक अकटबर कराि त म हआ कया था कय िक आज तमाम मज़दर भी अपनी इस महान वि क िवरासत स वािकफ नही ह

महान अकटबर करािनत म कया हआ था

1917 म स एक ऐस पिरवतरन स होकर गज़रा िजसन दिनया क इितहास की िदशा मोड़ दी और एक नय यग की श आत की बीसवी सदी क पहल दशक की श आत स ही िव पजीवाद आिथरक सकट स गज़र रहा था यरोप क तमाम सामरा यवादी दश दिनया भर म महनतकश अवाम और गलाम रा टरीयताओ की लट की बटवार क िलए आपस म परित पदधार म लग हए थ उस समय तक िबरटन सामरा यवादी दिनया की सबस अहम ताकत था फरास दसरी अहम औपिनविशक सामरा यवादी शिकत था लिकन उ नीसवी सदी का अ त होत-होत जमरनी तज़ी स एक परमख आिथरक शिकत क प म उभर चका था दसरी ओर सयकत रा य अमिरका भी दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत क प म उभर रहा था लिकन जमरनी क पास अपनी पजी की परचरता को खपान क िलए और साथ स त क च माल और स त म क दोहन क िलए उपिनवश नही थ जमरनी की बढ़ती आिथरक शिकतम ा न उस िबरटन और फरास क साथ सीधी परित पदधार म ला खड़ा िकया था इस बढ़ती सामरा यवादी परित पदधार क फल व प 1914 म िव क पनिवरभाजन क िलए पहल िव यदध की श आत हो गयी एक तरफ जमरनी ऑि टरया और हगरी थ तो दसरी ओर िबरटन फरासअमिर का व स स की ि थित उस समय एक िपछड़ सामरा यवादी दश की थी वह पवीर यरोप क िपछड़ दश क िलए एक सामरा यवादी दश था लिकन वह वय िबरिटश फरासीसी और अमिरकी िवत तीय पजी क वचर व क अधीन था स म अभी ज़ार का राजत तर कायम

था पहल िव यदध म उसन िमतर शिकतय यानी िबरटन फरास और अमिरका क पकष म िह सा िलया स की िपछड़ी हई अथर यव था और स य शिकत यदध म जमरनी की उ नत स य शिकत का मकाबला करन क िलए अपयार थी ज द ही तमाम मोच पर स की हार होन लगी स क सिनक को न तो

पयार मातरा म ब दक हािसल थी और न ही उनक पास पयार मातरा म भोजन था यदध क खचर को ढो पाना स की अथर यव था क िलए मि कल था और ज द ही दश म खादया न की कमी का सकट भी पदा हो गया सिनक की भारी आबादी वा तव म िकसान पिरवार स आती थी व वा तव म विदरय म िकसान ही थ स म िकसान की ि थित भी भयकर थी भदास व का काननी तौर पर 1861 म उ मलन हो गया था लिकन उसक अ छ-खास अवशष अभी भी दश म कायम थ िकसान क बीच भिम का बटवारा नही िकया गया था और दश की अिधकाश खती योगय ज़मीन या तो ज़ार की थी या िफर चचर और बड़ ज़मीदार की जो भिम गराम समदाय क पास थी उसक भी चकरीय बटवार का िनणरय धनी िकसान व कलक ही लत थ और हर यावहािरक मसल क िलए इस ज़मीन पर भी उ ही का िनय तरण था ज़ार की स ा यदध का बोझ िकसान पर डाल रही थी और भ वािमय न िकसान पर दबाव बढ़ा िदया था जो भी ससाधन थ व सभी यदध क मोच पर वाहा हो जा रह थ मज़दर की ि थित भी कछ ऐसी

ही थी खादया न सकट क कारण शहर म भोजन की भयकर कमी हो गयी थी मज़दर को भरपट भोजन तक नही िमल पा रहा था मज़दर क काम क घ ट 12 स 14 घ ट होना आम बात थी मज़दरी इतनी भी नही िमल पा रही थी िक मज़दर भरपट खाना खा पात कछ मज़दर को थोड़ा बहतर वतन िमलता था मगर भोजन की भयकर कमी और उसकी बढ़ती कीमत क कारण उ ह भी पयार भोजन नही िमल पा रहा था पर दश म करीब 85 फीसदी आबादी ग़रीब व मझोल िकसान की थी और मज़दर की आबादी करीब 10 परितशत मज़दर को बहतर कायरि थितया बहतर मज़दरी और भरपट भोजन चािहए था और िकसान को ज़मीन चािहए थी और मज़दर और िकसान दोन को ही यदध स िनजात चािहए था दश म 1917 की श आत आत-आत आम महनतकश जनता क सबर का प याला छलक रहा था भखमरी गरीबी और महगाई की असहनीय ि थित न स क आम महनतकश अवाम म िवदरोह की ि थित पदा कर दी थी अ तत फरवरी 1917 म एक वत फतर जनिवदरोह न ज़ार की स ा को उखाड़ फका उस समय स की कराि तकारी क यिन ट पाटीर िजसका नाम स की सामािजक-जनवादी मज़दर पाटीर (बो शिवक) था इस जनिवदरोह का नत व लन म सफल नही रही नतीजतन ज़ार की स ा की पतन क बाद एक िमली-जली आरज़ी (अ थायी) सरकार बनी िजसम िक कई पजीवादी व िन न-पजीवादी पािटरया शािमल थी इस आरज़ी बजरआ सरकार न जनता स वायदा िकया िक वह िकसान को ज़मीन दगी और शाित दगी मज़दर को बहतर मज़दरी छोटा

कायरिदवस और टरड यिनयन बनान का काननी अिधकार दगी लिकन इस पजीवादी आरज़ी सरकार न अपन ज यादातर वायद को परा नही िकया उसन घोषणा की िक वह िमतर दश यानी िबरटन फरास और अमिरका स िकय हए अपन वायद को परा करगी और यदध म िह सदारी जारी रखगी साथ ही उसन भिम सधार यानी ज़मीन क िकसान म बटवार क काम को भी सिवधान सभा क बनन और िफर उसक दवारा कानन पािरत िकय जान तक टाल िदया मज़दर और आम महनतकश जनता को ता कािलक तौर पर कछ जनवादी और नागिरक अिधकार ज़ र हािसल हए िजसन की स म वगर सघषर को आग बढ़ान म ता कािलक तौर पर मदद की इतना करना आरज़ी पजीवादी सरकार की मजबरी थी लिकन जो सबस अहम वायद उसन िकय थ यानी ज़मीन और शाित का वायदा उसस वह मकर गयी यदध म स की िह सदारी जारी रहन स दश म अ यव था आिथरक सकट और खादया न सकट बढ़त ही जा रह थ नतीजतन दश म नयी पजीवादी आरज़ी सरकार क िखलाफ जनअस तोष भी बढ़ता जा रहा था दश भर क औदयोिगक क दर म हड़ताल की एक लहर चल पड़ी साथ ही गाव म िकसान का सबर भी टट चका था और उनक बीच भी बगावत क हालात थ कई जगह पर उ ह न भिम सिमितया बनाकर ज़मीन कब ज़ा करना श कर िदया आरज़ी सरकार न कर की नामक एक बजरआ नता की अगवाई म इन मज़दर हड़ताल और िकसान बग़ावत का उसी परकार दमन श कर िदया िजस परकार िक ज़ार की सरकार कर रही थी दश म एक कराि तकारी ि थित िनिमरत हो रही थी और आरज़ी सरकार सलगत हए जनिवदरोह को कचलकर इस कराि तकारी स भावना को कचलन का परयास कर रही थी ऐस म बो शिवक पाटीर क नता लिनन न अपरल म lsquoअपरल थीसीज़rsquo पश की इसम लिनन न बो शिवक पाटीर का आम बग़ावत कर स ा अपन हाथ म लन का आ ान िकया लिनन न बताया िक पजीवादी आरज़ी सरकार बजरआ जनवादी कराि त को परा नही करगी यानी िक वह ज़मीन का बटवारा नही करगी और न ही यदध स िनजात िदलायगी वह मज़दर की भी सभी जनवादी माग को परा नही करन वाली वह जनिवदरोह की आशका को दखत हए सामरा यवाद पजीपित वगर और साथ ही दशी ज़मी दार वगर स समझौत कर रही ह ऐस म अब यह ख़तरा पदा हो गया ह िक यह सरकार परितिकरयावािदय की गोद म बठकर जनवादी कराि त का भी गला घ ट दगी इन हालात म मज़दर वगर को अपनी िहरावल पाटीर यानी बो शिवक पाटीर क नत व म स ा पर क ज़ा करना चािहए और समाजवादी कराि त को अजाम दना चािहए अगर मज़दर वगर न समाजवादी कराि त क कायरभार को अभी त काल

परा नही िकया तो न िसफ़र जनवादी कराि त परी नही हो सकगी बि क उसकी ह या भी हो जायगी लिनन क पर ताव को पहल बो शिवक पाटीर क ही नत वकारी िनकाय न वीकार नही िकया लिकन जस-जस समय बीतता गया बो शिवक पाटीर क नत व की बहसखया लिनन क पर ताव को मानती गयी अ ततः बो शिवक पाटीर की क दरीय कमटी न आम बग़ावत और समाजवादी कराि त क लिनन क पर ताव को वीकार िकया

बो शिवक पाटीर कई वष क वगर सघष म तपी-तपायी पाटीर थी इसन ज़ार की तानाशाही क दौर म मज़दर क कई सघष का नत व िकया था और उनक बीच लगातार मौजद रही थी बो शिवक पाटीर न मज़दर क बीच स सवारिधक उ नत चतना वाल कमरठ और बहादर कायरकतारओ को भतीर िकया था और एक लौह अनशासन वाली और गोपनीय ढाच वाली मज़बत पाटीर का िनमारण िकया था कवल ऐसी पाटीर ही ज़ारशाही और िफर पजीवादी सरकार दवारा िकय जान वाल दमन का मकाबला कर सकती थी और कशलतापवरक मज़दर वगर और आम ग़रीब िकसान आबादी को नत व द सकती थी बो शिवक पाटीर न अपन परचार क दायर म सिनक को भी लाया था जो िक िकसान क ही बट थ सिनक की भारी तादाद ज़मीन और शाि त की माग स पणरतः सहमत थी कवल बो शिवक पाटीर ही एकमातर पाटीर थी जो िक ज़मीन क बटवार और यदध स वापसी क कदम को त काल लाग करन की बात कर रही थी फरवरी 1917 क बाद स ही आम महनतकश जनता म भी यह बात साफ होती जा रही थी िक यिद भिम सधार और शाि त चािहए तो पजीवादी आरज़ी सरकार को उखाड़ फकना ही एकमातर रा ता ह और इस रा त पर जनता को नत व दन को तयार कवल एक ही पाटीर मौजद थीmdashबो शिवक पाटीर ज द ही मज़दर आबादी की भारी बहसखया बो शिवक पाटीर क पकष म खड़ी हो गयी सिनक की सोिवयत म भी बो शिवक पाटीर िनय तरण म आ गयी मज़दर और सिनक की सोिवयत म बो शिवक पाटीर क नत व क कािबज़ होन क साथ बो शिवक पाटीर आम बग़ावत को अजाम दन की ि थित म पहच गयी थी

िकसान क बीच पहल समाजवादी-कराि तकारी पाटीर नामक एक टटपिजया पाटीर का नत व परमख था बो शिवक पाटीर का उनक बीच आधार काफी कम था मगर भिम सधार क मसल पर समाजवादी-कराि तकारी पाटीर भी सिवधान सभा दवारा कानन बनाय जान की बात का समथरन कर रही थी और भिम सधार को टाल जा रही थी िलहाज़ा िकसान की बड़ी आबादी भी ज द ही बो शिवक पाटीर क पकष म आन लगी कय िक कवल बो शिवक पाटीर ही त काल भिम सधार की बात

कर रही थी अब बो शिवक पाटीर स की बहसखयक आम महनतकश

आबादी यानी िक मज़दर वगर व आम िकसान वगर क समथरन को परा कर चकी थी यानी अब बो शिवक पाटीर क पास वह कराि तकारी अनशािसत व ग ढाचा भी था जो कराि त क नत व सचालन क िलए ज़ री था और साथ ही उसक पास यापक जनसमदाय का समथरन भी था उसन नारा िदया lsquoज़मीन शाि त रोटीrsquo यही व चीज़ थी जो िक स की यदध ग़रीबी भखमरी बरोज़गारी और महगाई स तर त और थकी हई जनता को चािहए थी बो शिवक पाटीर न एक कराि तकारी स य कमटी थािपत की इसका सचालन आम बग़ावत क पहल लिनन न वय अपन हाथ म िलया दश भर म मज़दर व सिनक सड़क पर थ और गाव म भी िकसान का िवदरोह उबल रहा था 24 अकटबर की शाम स ही बो शिवक पाटीर क नत व म कराि तकारी सिनक व मज़दर न पजीवादी स ा क सभी अग पर क ज़ा करना श कर िदया सभी पो टल व टलीगराफ द तर स य मखयालय पिलस मखयालय बक पोटर रलव टशन पर बो शिवक न अपना िनय तरण कायम कर िलया गया पजीवादी स ा िजन अग स काम करती ह उ ह अब लकवा मार चका था और समची पजीवादी रा यस ा पणरतः असहाय थी इसक बाद 25 अकटबर को स म रा यस ा क परतीक शीत परासाद म बठ आरज़ी सरकार क मि तरय को आ मसमपरण करन का अ टीमटम िदया गया अ टीमटम परा होन स पहल आ मसमपरण न होन पर बो शिवक सिनक न धावा बोला और बहत थोड़ परितरोध क बाद ही िवजय हािसल कर ली गयी और इस तरह स स क परान कल डर क अनसार 25 अकटबर (7 नव बर) को बो शिवक पाटीर क नत व दिनया की पहली सफल समाजवादी मज़दर कराि त हई सम त शिकत मज़दर और सिनक की सोिवयत को स प दी गयी कराि त क त काल बाद भिम स ब धी आजञि पािरत हई और भिम सधार की श आत कर दी गयी दसरी आजञि यदध स वापसी की आजञि थी समाजवादी कराि त न व दोन परमख माग त काल परी कर दी िज ह पजीवादी आरज़ी सरकार आठ माह म परा नही कर सकी थी कराि त क बाद स न सामरा यवादी यदध स अपन हाथ खीच िलए और 1918 का म य आत-आत स इस िवनाशकारी यदध स परी तरह

बाहर आ चका था हालािक अब स की मज़दर स ा

को परितिकरयावादी कलक व ज़मी दार की बग़ावत और सामरा यवादी ह तकषप का मकाबला कर कराि त को बचान क िलए एक तीन वष क गहयदध म उतरना पड़ा लिकन यह कोई सामरा यवादी यदध नही था जो िक मनाफ़ की लट म िह सदारी क िलए लड़ा गया हो इस

(पज 1 स आग)

8 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

(पज 9 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

गहयदध म मज़दर व सिनक न िकसान क समथरन क बल पर तीन वष म ज़मी दार की बग़ावत को परा त िकया और साथ ही चौदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी हरा िदया 1921 आत-आत कराि तकारी समाजवादी स गहयदध म िवजयी हो चका था और

वहा मज़दर स ा स ढ़ीकत हो चकी थी इसक बाद अगल करीब साढ़ तीन दशक म स की महनतकश जनता न स म समाजवादी यव था का िनमारण

िकया सार कल-कारख़ान खान -खदान का रा टरीकरण कर िदया गया सार बक का रा टरीकरण कर िदया गया रा यस ा पर अपनी कराि तकारी पाटीर बो शिवक पाटीर क नत व म अब मज़दर वगर कािबज़ था इसिलए अब इन सार ससाधान का वामी साझा तौर पर दश का मज़दर वगर और ग़रीब िकसान जनता थी 1917 म जो बजरआ भिम सधार लाग िकय गय उसस अलग-अलग िकसान िनजी तौर पर ज़मीन क मािलक बन लिकन 1931 स 1936 क बीच सोिवयत सघ म ज़मीन म भी िनजी मािलकाना समा कर िदया गया और साझी खती की यव था थािपत की गयी 1930 क दशक म ही सोिवयत स का अभतपवर गित स उदयोगीकरण

हआ िजसस िक वह कछ ही समय म दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया इस पमान पर उदयोग खड़ करन म दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत अमिरका को करीब डढ़ सौ साल लग थ लिकन स न यह कायर मज़दर शिकत क बत पर डढ़ दशक म ही कर िदखाया पर दश म साकषरता का तर 100 परितशत क करीब पहचन लगा मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त सधार हआ भखमरी और बरोज़गारी परी तरह समा कर िदय गय स औरत को वोट दन का अिधकार

दन वाला पहला बड़ा दश बना ( स स पहल यज़ील ड म मिहलाओ को वोट दन का अिधकार िमला था| सािवरक मतािधकार स च तौर पर पहली बार िबना िलग या स पि की शतर क स म ही लाग हआ सोिवयत सघ न सभी दिमत रा टरीयताओ व जातीय समह को पहली बार सामरा यवादी दमन स मकत िकया और उ ह आ मिनणरय का अिधकार िदया य सभी दिमत रा टरीयताए समाजवादी परयोग म बराबरी की िह सदार बनी और हीनता क ब को हमशा क िलए अपन माथ स िमटा िदया सोिवयत सघ क समाज स व यावि परी तरह समा हो गयी हर आिथरक मामल म स परी तरह अपन पर पर खड़ा हो गया और यह सारा चम कार स क मज़दर वगर न िहटलर की ना सी सना को हरात हए िदवतीय िव यदध म दो करोड़ लोग की कबारनी दत हए और पर सामरा यवादी-पजीवादी िव की सािज़श और तोड़-फोड़ क परयास क बावजद िकया 1953 म तािलन की म य क बाद बो शिवक

पाटीर क नत व पर सशोधनवािदय का क ज़ा हो गया इसका कारण स म समाजवादी परयोग क दौरान हई कछ भल और ग़लितया थी िजन पर इस शता दी वषर क दौरान हम lsquoमज़दर िबगलrsquo म िव तार म िलखग लिकन यह कोई आ यर की बात नही थी िक स क समाजवादी परयोग को अमली

जामा पहनान म वहा की मज़दर स ा और मज़दर वगर की पाटीर स ग़लितया हई यह एक नय िक म का और अभतपवर परयोग था यह एक नय िक म की रा यस ा थी पहली बार शोषक अ पसखया पर शोिषत बहसखया की तानाशाही और सवरहारा जनवाद कायम िकया गया था हर नय परयोग क समान इसम भी ग़लितया होना लािज़मी था यह पहली मज़दर कराि त थी इसक दवारा खड़ िकय गय समाजवादी परयोग क करीब चार दशक बाद असफल हो जान पर कोई भी ऐितहािसक नज़िरया रखन वाला ता जब नही करगा ता जब इस बात पर ज़ र होता ह िक चार दशक क परयोग म ही समाजवादी सोिवयत सघ न वह सबकछ कर िदखाया जो पजीवाद अपन तीन सौ क वष क इितहास म नही कर पाया हालािक lsquoसमानता वत तरता और भरात वrsquo का नारा उसी न िदया था चार दशक क भीतर ही सोिवयत सघ म समाजवादी परयोग न आन वाली बहतर दिनया की एक झलक िदखला दी उसन िदखला िदया िक पजी का शासन अजर-अमर नही ह पजीवादी मानवता क िलए सबस बहतर यव था नही ह पजीवाद lsquoइितहास का अ तrsquo नही ह अकटबर कराि त न िदखला िदया िक इसस बहतर दिनया स भव ह और वह बहतर दिनया सवरहारा वगर ही बना सकता ह

आज तमाम मज़दर इस महान परयोग क बार म जानत ही नही ह कारण यह ह िक पजीवादी अखबार समाचार चनल िफ म और समचा िशकषा त तर कभी भी हम इसक बार म नही बताता हम कवल इसकी lsquoअसफलताrsquo क बार म बताया जाता ह हम इसक बार म द परचार सनाया जाता ह दसर श द म अकटबर कराि त को पजीवादी शासक वगर न जानबझकर िव मित क अ धर म धकलन की लगातार कोिशश की ह तािक आज का मज़दर वगर अपन परख क इस महान परयोग स सीख और पररणा न ल सक व हमशा हीनताबोध और आ मिव ास क अभाव म िजय अपनी गौरवशाली और महान िवरासत स विचत मज़दर वगर भिव य क सघष क िलए भी आ मिव ास और आि मक बल नही जटा सकता ह यही कारण ह िक अकटबर कराि त की मित स शासक वगर घबराता और लगातार उस पर राख और धल की परत चढ़ान का परयास करता रहता ह ऐस म हम इस महान मज़दर कराि त क

ऐितहािसक और अ तररा टरीय मह व को समझन की आज िश त स ज़ रत ह तािक उसस हम भावी सघष क िलए पररणा और शिकत ल सक

अकटबर करािनत का महान ऐितहािसक यगानतरकारी और अनतरराषटरीय महतवमहान अकटबर कराि त का

ऐितहािसक मह व अभतपवर और अिदवतीय ह मानव इितहास म पहल भी कराि तया और जनिवदरोह हए ह आज स करीब 2090 साल पहल रोम म गलाम न बग़ावत की गलाम की बग़ावत क कारण दास परथा कमज़ोर हई और िफर टटी दास वािमय का शासन ख़ म हआ तो ज़मी दार व साम त का शासन आया यह पहल की दास यव था स बहतर यव था थी पहल दास को lsquoबोलन वाला औज़ारrsquo कहा जाता था दास- वामी उ ह अपन मनोरजन क िलए आपस म तब तक लड़वात थ जब तक िक व मर नही जात थ उनस तब तक काम करवाया जाता था जब तक िक व िगरकर बहोश नही हो जात थ दास को मन य ही नही माना जाता था लिकन साम ती यव था क तहत भदास की ि थित इसस बहतर थी इस प म साम ती यव था मानव इितहास म एक अगला कदम थी लिकन यह भी भदास और िकसान क अमानवीय शोषण पर आधािरत यव था थी भदास की अपनी कोई राजनीितक वत तरता नही थी व ज़मीन क साथ बध हए थ उ ह साम त की ज़मीन पर कमर-तोड़ काम करना पड़ता था और बदल म उ ह जीन भर की खराक िमलती थी िकसान को भी लगान क प म साम त की ज़मीन पर बगार करना पड़ता था या िफर फसल या नकदी क प म भारी लगान चकाना पड़ता था आग चलकर दिनया भर म साम ती यव था क िव दध िकसान न बग़ावत की इन बग़ावत स साम ती यव था म दरार पड़ी आग चलकर उदीयमान कराि तकारी बजरआ वगर न िकसान और द तकार व कारीगर को साथ लकर साम त क िव दध जनवादी कराि तया की कय िक साम ती यव था क तहत उसका आिथरक िवकास और राजनीितक स ा भी स भव नही थी

इन जनवादी कराि तय क फल व प पजीपित वगर स ा म आया और उसन पजीवादी लोकत तर (जनवाद) की थापना की इस यव था म पजीपित वगर शािसत व शोिषत मज़दर व आम महनतकश वगर स शासन करन की lsquoसहमितrsquo लता ह यह lsquoसहमितrsquo चनाव क ज़िरय ली जाती ह इसस यापक महनतकश अवाम म यह भरम पदा होता िक पजीवादी सरकार को उसन ही चना ह लिकन वा तव म यह lsquoसहमितrsquo पजीपित वगर अपन मीिडया िशकषा त तर व अ य राजकीय उपकरण दवारा राय बनाकर िनिमरत

करता ह ठीक उसी परकार जस िपछल लोकसभा चनाव म परचार पर दस हज़ार करोड़ पय ख़चर करक टाटा अ बानी व अडानी सरीख पजीपितय न नर दर मोदी को परधानम तरी बनान क िलए पर समाज म राय का िनमारण िकया था बहरहाल इस परकार पजीवादी जनवाद क प म पहली बार एक ऐसी शोषक स ा आयी जो िक कम-स-कम ऊपरी तौर पर lsquoसहमितrsquo लकर शोिषत क ऊपर शासन करती ह और इसम शासक वगर क शासन को सही ठहरान का कायर पर यकष प स धमर क दवारा या िकसी िद यता क िसदधा त दवारा नही होता इस प म पजीवाद अपन पवरवतीर वगर समाज यानी दास यव था और साम ती यव था स िभ न ह लिकन एक मायन म वह उनक समान भी ह पजीवाद म भी शोिषत बहसखया क ऊपर एक शोषक अ पसखयक वगर की तानाशाही होती ह पजीवादी जनवाद का यही अथर होता हmdash- बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश आबादी पर पजीपितय की तानाशाही इस तानाशाही को पजीपितय की कौन सी पाटीर सचािलत करगी बस इसी का फसला पजीवादी चनाव म होता ह नागनाथ चल जात ह सापनाथ आ जात ह सकषप म यह िक अकटबर कराि त क पहल तक सभी कराि तय या िवदरोह क बाद जो स ा अि त व म आयी वह िकसी न िकसी शोषक अ पसखया क शोिषत बहसखया पर शासन का परितिनिध व करती थी दास यव था बहसखयक दास आबादी व आम महनतकश आबादी पर अ पसखयक दास वािमय क शासन का साम ती यव था बहसखयक भदास िकसान व द तकार आबादी पर अ पसखयक साम ती राज-रजवाड़ क शासक का और पजीवादी यव था बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश जनता पर अ पसखयक पजीपित वगर क शासन का परितिनिध व करती ह अकटबर कराि त न पहली बार एक ऐसी स ा की थापना की िजसम िक शोषक अ पसखयक क ऊपर शोिषत बहसखयक की स ा कायम की गयी इस प म अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक नय यग की श आत की यह नया यग ह समाजवादी सकरमण का दीघरकािलक ऐितहािसक यग यह लािज़मी था िक इस ल ब दौर म दिनया म अलग-अलग दश म मज़दर वगर समाजवाद क कई असफल परयोग कर बीसवी सदी म मज़दर वगर न अलग-अलग दश म समाजवाद क कई परयोग िकय भी जो महान उपलि धया हािसल करन क बाद असफल हो गय स म चीन म पवीर यरोप म िवयतनाम म लिकन इन परयोग म सी अकटबर कराि त का िविश थान ह कय िक उसन ही इस िसलिसल की श आत की और दिनया की पहली समाजवादी मज़दर स ा की थापना की

अकटबर कराि त न बजरआ कराि त क भी उन कायरभार को सवारिधक कराि तकारी प म और पणरता क साथ परा िकया िज ह वय बजरआ वगर न कभी परा नही िकया सबस आमलगामी बजरआ कराि तय न भी भिम सधार और जनवादी अिधकार दन क वायद को उस ईमानदारी और आमलगािमता क साथ परा नही िकया िजसक साथ अकटबर कराि त न िकया अकटबर कराि त न ह त भर म ही वह कर िदखाया जो िक बजरआ वगर न अपन तमाम वायद क बावजद दो सौ साल म नही िकया था लिनन न इसीिलए अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर िदय एक भाषण म कहा था िक स की िविश पिरि थितय म समाजवादी कराि त न बजरआ वगर दवारा ही जनवादी कराि त की ह या को रोका समाजवादी कराि त न मज़दर वगर क हाथ म स ा स पन और समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़न स पहल छट-फटक बजरआ जनवादी कायरभार को भी परा िकया स म एक िविश पिरि थित म सवरहारा वगर को इितहास न मजबर कर िदया था िक वह स ा त काल अपन हाथ म ल जसा िक लिनन न वय कहा था िक अकटबर कराि त का समय हमन अपनी इ छा स नही तय िकया था िदवतीय िव यदध पिरणामतः पदा हए आिथरक सकट खादया न सकट दश भर म मज़दर हड़ताल और कारख़ाना क ज़ा की लहर सोिवयत क वतः पफतर प स जाग उठन और भिम कमिटय दवारा ज़मीन क ज़ा करन क आ दोलन क कारण पदा हई िविश पिरि थितय न सवरहारा वगर और उसकी िहरावल पाटीर क समकष समय स पहल ही ऐसी ि थित पदा कर दी िजसम उसक सामन दो ही िवक प मौजद थः या तो स ा पर क ज़ा करक समाजवादी कराि त की जाय और बजरआ जनवादी कराि त क उन अधर वायद को परा िकया जाय िज ह परा करन स वय बजरआ वगर मकर गया था या िफर सवरहारा वगर और उसकी िहरावल बो शिवक पाटीर बजरआ वगर परितिकरयावादी कलक व भ वामी वगर तथा राजत तरशाही क बच हए परितिकरयावादी त व क गठब धन को यह इजाज़त द िक वह जनवादी कराि त का गला घ टन क साथ ही मज़दर वगर को lsquoइितहास क रगमच स कई दशक क िलए उठाकर बाहर फक दrsquo लिनन का यह म याकन िब कल द त िनकला यिद उस समय मज़दर वगर न स ा अपन हाथ म न ली होती तो सामरा यवाद सी पजीपित वगर और भ वामी वगर न

िमलकर सी जनवादी कराि त का भी गला घ ट िदया होता इस परकार स की िविश पिरि थित म मज़दर वगर दवारा की गयी समाजवादी कराि त न जनवादी कराि त की ह या को भी रोका और

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 9

(पज 10 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण(पज 8 स आग)

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 3: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 3

8 महीन क ल ब सघषर क बाद भी ह डा मज़दर अपनी िजजीिवषा और ज ब क बदौलत लड़ रह ह िपछल 19 िसत बर स ह डा मज़दर न जतर मतर पर अपना खटा गाड़ा और अपन सघषर की आवाज़ को दशभर क महनतकश अवाम क बीच ल गय यह तब ह जब ह डा मनजमट क पकष म सारी पिलस कोटर-कचहरी हिरयाणा सरकार राज थान सरकार और मोदी सरकार खड़ी ह इस िवराट ताक़त का मकाबला करन वाल ह डा 2एफ़ कामगार समह न सािबत िकया ह िक मज़दर सही रणनीित और बहादरी क साथ िकसी भी ताक़त का मकाबला कर सकत ह 16 फरवरी को बाउ सर और पिलस क बबरर लाठीचाजर धारा 307 क तहत जल जाना और कई बार पिलस परशासन का कहर झलन क बाद भी यह सघषर जारी ह दश म िवदशी और दशी पजी क चाकर की सरकार को ह डा मजदर न िमसाल कायम करन वाली चनौती दी ह पर त अभी सघषर ख़ म नही हआ ह अभी भी लड़ाई बाकी ह

इस सघषर न 19 िसत बर स एक नई तज़ी हािसल की ह 19 िसत बर क बाद स यिनयन क 5 सािथय नरश महता सनील अिवनाश रिव और िविपन न ज तर म तर पर भख हड़ताल श की यह भख हड़ताल पर 20 िदन चली िजसम अपनी िज़ दगी को दाव पर लगाकर भी य साथी लड़त रह तिबयत बहद खराब होन क बावजद भी भख हड़ताल पर बठ सािथय न अपनी िज़ द और सघषर क दम पर इस हड़ताल को जारी रखा कई बार सािथय की तिबयत बहद ख़राब हो गयी पर उ ह न अ पताल म गलकोज़ लगवान स इनकार कर िदया 19व

िदन भी नरश िविपन और सनील की तिबयत काफी िबगड़ गयी थी पर त उ ह न हड़ताल को अ पताल म जारी रखा और अगल िदन जतर मतर पर अपन सािथय क दबाव म अनशन ख़ म िकया इस भख हड़ताल न ह डा क लाट क अ दर तक खलबली मचा दी थी और क पनी म काम करन वाल कई मज़दर इस सघषर का समथरन करन जतर मतर आय कई साथी उड़ीसा राज थान हिरयाणा व उ र परदश म अपन घर स लौट आय और सघषर म जट गय अपन 5 सािथय को मौत क मह स बचान क िलए यिनयन न फ़सला िलया िक सघषर को आग बढ़न क िलए अिनि तकालीन भख हड़ताल की

जगह साथी करिमक भख हड़ताल पर बठग हालािक करिमक भख हड़ताल स श करत हए अिनि तकालीन भख हड़ताल की ओर जाना यादा तािकर क रणनीित होती ह पर हम समझना होगा िक लड़ाई को लड़न म समय-समय पर अपनी और द मन की ताक़त का आकलन करत रहना चािहए और उसक िहसाब स अपनी लड़ाई को जारी रखना चािहए ल बी लड़ाई को

नज़र म रखत हए यह ठीक फ़सला था जो वकत क अनसार अपनी रणनीित नही बदलता वो यदध म हारता ह 52 िदन तक भख हड़ताल चलान क बाद 9 नव बर 2016 को ह डा क मज़दर न अपनी करिमक भख हड़ताल ख़ म करन और राज थान म िफर स अपना सघषर जारी रखन का िनणरय िलया

होडा मज़दरो को जन समथरन

ह डा मजदर को इस लड़ाई म जनता क बीच िद ली आन पर भारी समथरन भी िमला इसम सबस कारगर तरीका ह डा परोडकट बिह कार

अिभयान का रहा ह ह डा क सघषर स िनकला यह िवचार िकस तरह एक भौितक शिकत बन गया यह यहा दखा जा सकता ह हाटसए प पर श हआ यह अिभयान ह डा मजदर की लड़ाई का सबस कारगर हिथयार बन गया िजसक कारण ह डा क पनी को काफी िदककत का सामना करना पड़ा ह 26 िसत बर को िद ली म हए बिह कार क बाद ह डा न कोटर म जाकर ह डा मजदर

को शो म क आग परदशरन न करन की माग की और 5 अकटबर को रा टरीय बिह कार क बाद क पनी न नरश महता पर कस कर िदया िक व सोशल मीिडया पर भी ह डा क िख़ लाफ़ कोई परचार न कर सक पटना म बिह कार अिभयान चला रह सािथय पर ह डा क बाउ सर न हमला िकया िजसम एक साथी का सर फट गया और मिहला सािथय क साथ भी बदतमीजी की गयी जयपर म भी ह डा क बाउ सर न ऐसा ही हमला िकया क पनी को अखबार म बाकायदा इि तहार िनकलवाना पड़ा िक ह डा का बिह कार अिभयान झठा ह पर त फकटरी भी इस सच को जानती ह िक फकटरी म 3000 परिशिकषत मजदर को काम स िनकालन क बाद िलए अपरिशिकषत 8वी और 10वी पास मजदर स बनी गािड़य म िदककत आ रही ह इस कारण ह डा क बाज़ार पर असर पड़ रहा ह हमारा मानना ह िक हम आग लड़ाई म बिह कार अिभयान का जमकर इ तमाल करना होगा कय िक इस हिथयार न ही ह डा को सबस यादा ितलिमलान पर मजबर िकया ह इस अिभयान क साथ हमन याय सघषर रली भी िनकाली िजसम धा हडा स िद ली तक पद यातरा की गयी 2 अकटबर को एक िवशाल जनसभा का आयोजन िकया गया िजसम नीमराना स लकर गडगाव मानसर क मज़दर व यिनयन परितिनिध शािमल हए याय सघषर यातरा क अ त म जएनय म सभा आयोिजत की गयी िजस परशासन न हर हाल म टालन की कोिशश की पर त रोक नही पाया

आग का सघषर सािथय जतर मतर पर श हए

सघषर को पर 52 िदन तक जझा

ि पिरट स लड़ा गया िपछल 8 महीन म हमन सबस अिधक जनसमथरन जटाया ह यह समथरन हम इसिलए िमला िक हम जतर मतर पर खटा गाड़ कर बठ थ व इस सघषर को लगातार जनता क बीच लकर जा रह थ बिह कार अिभयान क ज़िरय ह डा क नाफ़ पर चोट कर रह थ अब हम आग इस सघषर को बढान क िलए इस अनभव का सार सकलन करना चािहए सबस ज़ री बात यह िक हम अपन सघषर को तब तक चला पायग जब तक हम खटा गाड़कर बठन की जगह िमल यह जगह चाह िद ली म हो जयपर म या अलवर म िमल पर त हम एक जगह जमकर िवरोध परदशरन करना चािहए दसरा हम जनता क बीच अपनी बात को पहचात रहना चािहए िजसस िक हमारी लड़ाई को यापक जनसमथरन िमल इसम बिह कार अिभयान काफी कारगर रहा ह िजस हम आग भी जारी रखना चािहए व जनता तक जान क िलए अ य मा यम का इ तमाल करना चािहए अ त म सबस ज़ री बात यह िक िकसी भी आ दोलन या सघषर को पिलस की गोिलया जल और लािठया नही तोड़ सकती ह कोई भी आ दोलन िसफ़र अपनी आ तिरक कमज़ोरी या अन द नी िबखराव की वजह स टटता ह आपसी एकता कायम रखन का एकमातर तरीका यिनयन जनवाद को लाग करना ह कय िक िसफ़र यही यिनयन नत व को मज़बत बनता ह और यिनयन क सद य नत व क फ़सल पर हर हाल म अिडग रहत ह यह इस सघषर म भी लाग करना चािहए और अपनी जीत सिनि त करन की सही रणनीित को िमलकर लाग करना होगा

अधरा ह घना मगर सघषर ह ठनाहोडा मज़दरो न जतर मतर पर 52 िदनो तक की भख हड़ताल अब राजसथान म करग िफर स सघषर की शरआत

शहीद नगर सािहबाबाद उ र परदश क िजला ग़ािजयाबाद का एक घनी आबादी वाला गरीब का िरहाइशी इलाका ह 11 नव बर को सबह करीब 4 बज यहा जकट बनान वाल एक वकर शाप म आग लगी िजसकी वजह स 15 मज़दर जलकर और दम घटन स मर गय िजस िबि डग म आग लगी वह एक तीन मिजला इमारत ह इसक ऊपर की दो मिजल पर जो िकसी मगीरखान क दड़ब स िमलती-जलती ह करीबन 10 साल स ठकदार िरज़वान और नज़ाकत अली जकट िसलाई का वकर शाप चला रह थ इनम स हर एक क पास िसलाई की 15-15 मशीन थी और कल िमलाकर 30 मज़दर दोन वकर शाप म काम कर रह थ

घटना की रात मज़दर न सबह 130 बज तक काम िकया था और िफर व वही सो रह थ आग सभवत िबजली क शाटर सिकर ट स लगी काम स थक मज़दर गहरी नीद म सो रह थ

और यादातर को आग का पता तक नही चला कवल 2 मज़दर ही छत स कदकर अपनी जान बचा पाए आग लगन की ख़बर 4 बज तक इलाक म फल चकी थी और थानीय लोग न पिलस तथा फायर िबरगड को त काल ही सचना द दी थी फायर िबरगड की गाड़ी डढ़ घट बाद मौक पर पहची लिकन छोटी टकी की गाड़ी होन की वजह स इसका पानी तरत ही ख़त म हो गया तब थानीय लोग न पास क बहत हए गद नाल स आग बझान की कोिशश को जारी रखा इसक काफ़ी दर बाद ही फायर िबरगड की दसरी गाड़ी वहा पहची फायर िबरगड की इस लापरवाही पर परशासन का कहना ह िक आग बझान वाली गािडया समय पर पहच गयी थी और अगर कही दर हई तो इसकी वजह सड़क पर लगा हआ जाम थी थानीय लोग न बताया िक सबह 4 बज इलाक म कोई जाम नही रहता ह उन ह न यह भी बताया िक सबस पहल

पास की चौकी स पिलस क कवल 3 िसपाही घटना थल पर पहच थ लिकन व तमाशबीन बन रह और उन ह न कोई पहलकदमी नही िदखाई इस बीच मौहल ल क अकरम नौशाद और तािहर िकसी तरह जलती हई इमारत क अदर पहच और घायल मज़दर तक मतक को बाहर िनकाल लाए िज ह बटरी िरकशा ट पो और एक पीसीआर वन म डालकर िद ली क जी टी बी अस पताल म पहचाया गया मह वपणर त य यह भी ह िक अभी तक ए बलस सवा उपल ध नही करवाई गयी थी और सात बज जाकर एक ए बलस घटना थल पर पहची 13 मज़दर मौक पर ही दम तोड़ चक थ और 2 न अ पताल म आिखरी सास ली एक मज़दर अभी भी िज दगी और मौत स जझ रहा ह अिगनकाड क पर यकषदिशरय न बताया िक फायर िबरगड वाल िबना िकसी तयारी क आए हए थ व कवल 2 लोग थ और उनक पास बचाव क कोई उपकरण जस

ह मट अिगनरोधी सट आिद कछ भी नही थ उन ह न पानी का िछड़काव करन क िलए थानीय लोग को ही पाइप पकड़वा दी एक यिकत न बताया िक इस पर घटनाकरम क दौरान कछ पिलस वाल ना ता करन क िलए चौराह की तरफ चल गय कछ लोग को िनदरश द रह थ और रौब झाड़ रह थ ओर कछक िकनार पर खड़ होकर बात कर रह थ और हस रह थ उनम स एक कह रहा था lsquolsquoजब फकटरी ह तो आग तो लगगी हीrsquorsquo

इस इलाक म जकट बनान वाल करीब 150-200 वकर शाप ह इसक साथ ही यहा बड़ पमान पर जत भी बनाए जात ह ओर कछ जगह जी स रगाई का भी काम होता ह यह सभी वकर शाप अवध ह और पिलस तथा म -िवभाग की िमलीभगत क िबना

नही चल सकत इन वकर शाप म तयार िकया गया माल िद ली क थानीय बाज़ार और फटपाथ पर लगन वाली दकान म स लाई िकया जाता ह

मज़दर न बताया िक एक जकट बनान क पीछ एक मज़दर को करीब 30-40 पय तक पीसरट िमलता ह यिद मज़दर को परितिदन 400-500 पय की िदहाड़ी बनानी हो तो उस 14-16 घट काम करना पड़ता ह मज़दर न बताया िक इन वकर शाप म कोई भी म क़ानन लाग नही होता और पिलस वाल इन अवध कारखान को चलत रहन की एवज़ म हर महीन अपना िहस सा लकर चल जात ह इन वकर शाप क मािलक छोटी पजी क मािलक ह िज ह मज़दर ठकदार कहत ह यह ठकदार 10 स 50 मशीन डालकर इलाक म जगह-जगह अपन वकर शाप चला रह ह और पि मी उ र परदश क इलाक स मज़दर को बलाकर अपन यहा काम करवात ह यह मज़दर अपन गाव िजला या इलाका क आधार पर छोट-छोट गट म बट हए ह और इनक बीच वगर एकता का अभाव ह

mdash ग़ािज़ याबाद सवाददाता

शरम-िवभाग पिलस-परशासन और ठकदारो की लालच न ली 15 मज़दरो की जान

4 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

लिधयाना स तीन िरपोटरकारख़ान म हादस म मार गय मज़दर को मआवज़ा िदलान क िलए टकसटाईल-हौज़री कामगार यिनयन क नततव म सघषर

19 िसत बर 2016 की शाम 6 बज महाजन टकसटाइल (महरबान लिधयाना) म दव बहादर नाम क एक मज़दर की पावरलम मशीन पर स उस समय िगरकर मौकत हो गयी जब वह मशीन पर िडजाइन चन चढ़ा रहा था यह काम दो या तीन मज़दर क बस का था लिकन उस अकल को ही यह काम करना पड़ रहा था कारखान म मज़दर की िज दिगय क साथ िजस तरह िखलवाड़ िकया जा रहा ह उनकी लट-खसोट हो रही ह यह इसका एक और उदाहरण ह पजीपितय दवारा अ य सार म क़ानन सिहत सरकषा क इ तज़ाम की सरआम धि जया उड़ाय जान क कारण भयकर हालात पदा हो गय ह मज़दर क साथ रोज़ाना हादस हो रह ह मज़दर अपािहज हो रह ह उनक पिरवार तबाह बरबाद हो रह ह सरकार म िवभाग पिलस परशासन मज़दर की बाज पकड़न क िलए तयार नही ह मज़दर को खद ही लड़ना होगा

दव बहादर मल प स नपाल का रहन वाला था बीस वषर पहल वह लिधयाना म मज़दरी करन क िलए आया इस समय वह अपनी बीवी तीन वषर स लकर बारह वषर की उमर क पाच ब च क साथ िकराय क कमर म रह रहा था दो ब च गग ह सबस बड़ी लड़की का िदमागी सतलन भी ठीक नही ह ऐसी हालत म दव बहादर की मौत स इस ग़रीब पिरवार पर मसीबत का पहाड़ टट पड़ा ह मािलक पिरवार को महज़ कछ हज़ार पय दकर पीछा छड़ान की कोिशश म था लिकन टकसटाईल हौज़री कामगार यिनयन क नत व म सकड़ मज़दर तीन िदन तक िदहािड़या छोड़कर पीिड़त पिरवार क साथ खड़ रह

कई कारखान क मज़दर हड़ताल करक धरन-परदशरन म शािमल हए लिधयाना म िकसी कारखान म हादसा होन पर मज़दर क मार जान पर आम तौर पर मािलक पिलस व म िवभाग क अफसर स िमलीभगत स दलाल की मदद स पीिड़त पिरवार को 20-25 हज़ार दकर मामला रफा दफा करन म कामयाब हो जात ह लिकन जब

मज़दर एकजट होकर लड़त ह तो उ ह अिधक मआवजा दना पड़ता ह इस मामल म भी मािलक न यही कोिशश की लिकन टकसटाईल हौज़री कामगार यिनयन क नत व म एकजट हए मज़दर न पिलस और मािलक को एक हद तक झकन क िलए मज़बर कर िदया पिलस को मािलक को िहरासत म लन पर मज़बर होना पड़ा मािलक को पीिड़त पिरवार को दो लाख पय मआवजा दना पड़ा

लिधयाना म lsquoसतरी मज़दर सगठनrsquo की शरआत

2 अकटबर 2016 को मज़दर प तकालय लिधयाना म ि य की एक मीिटग हई इस मीिटग म समाज म ि य की बरी हालत क बार म और इस हालत को बदलन क िलए ि य को जाग क व सगिठत करन की ज़ रत क बार म बातचीत की गयी मज़दर ि य की हालत और भी बरी ह घर और बाहर दोन जगह पर ी मज़दर को बहद भयकर हालात का सामना करना पड़ता ह मद क बराबर या अिधक काम करन क बावजद भी उ ह प ष मज़दर स कम वतन िमलता ह उनक िलए कारखान व अ य कायर थल पर आव यक सहलत की भी कमी ह व अपन अिधकार क िलए जाग क भी नही ह िजसक चलत व रोज़मरार अनक मसीबत का सामना करती ह जहा एक तरफ उनक म की लट होती ह और उ ह छड़छाड़ ग दी श दावली व गाली गालौज भी सहना पड़ता ह उ ह बला कार जस अपराध का बड़ तर पर सामना करना पड़ रहा ह प ष परधान मानिसकता न उ ह दसर दजर की नागिरक प ष की गलाम बनाकर रखा हआ ह हर रोज़ ी िवरोधी अपराध बढ़त जा रह ह िफ म नाटक गीत िवजञापन

आिद म ि य को व त क प म पश िकया जाता ह ि य को पजीवादी लट क िख़ लाफ़ लड़ना होगा लट

आधािरत समाज की प ष परधान मानिसकता स लड़ना होगा ी होन क कारण उनक साथ क़दम क़दम पर होन वाली धककीशाही क िख़ लाफ़ जाग क और सगिठत होना होगा यह ठीक ह िक मज़दर ि य को प ष मज़दर क कध स कधा जोड़कर पजीवादी लट क िख़ लाफ़ लड़ना ह लिकन मज़दर ि य को उनक अिधकार क िलए ज़ री तौर पर जाग क और सगिठत करन क िलए मज़दर ि य क

अलग सगठन बनान ह ग इस िवचार चचार क बाद लिधयाना म lsquo ी मज़दर सगठनrsquo

की श आत का फ़सला िकया गया सयोजक का कायरभार साथी बलजीत को स पा गया

शहीद-ए-आज़म क जनमिदवस पर लिधयाना म मज़दर सगठनो दवारा जाितवाद िवरोधी अिभयानशहीद भगतिसह क ज मिदवस पर इस बार टकसटाईल हौजरी

कामगार यिनयन व कारखाना मज़दर यिनयन दवारा 25 स 28 िसत बर तक लिधयाना म जाितवाद िवरोधी अिभयान चलाया गया इस अिभयान क तहत यिनयन दवारा एक पचार जारी िकया गया िविभ न इलाक म नककड़ सभाए व पदल माचर आयोिजत िकए गय 28 िसत बर को मज़दर प तकालय ताजपर रोड लिधयाना पर जाितवाद क बार म मशी परमचद की कहानी पर आधािरत िफ म lsquoसदगितrsquo िदखायी गयी और िवचार-चचार आयोिजत की गयी अिभयान क दौरान वकताओ न कहा िक शहीद भगतिसह और उनक सािथय की लड़ाई िसफ़र अगरज हकमत क िख़ लाफ़ नही थी बि क मन य क हाथ मन य क हर तरह क शोषण क िख़ लाफ़ थी आज भी हमार समाज म यह लट जारी ह िजस ख़त म करन की िज़ मदारी हर इसाफपसद यिकत क कध पर ह ढाई हज़ार साल स ज़ारी जाितवाद आज भी हमार समाज म कोढ़ की तरह मौजद ह आज भी जाित आधािरत म िवभाजन जारी ह ग दगी साफ करन मला ढोन का काम दिलत

जाितय क लोग को ही करना पड़ता ह आज शहीद भगतिसह का ज मिदन मनाना व उ ह दधाजिल दना उनक िवचार को अपनात हए जाितवाद सिहत हर तरह की लट दमन अ याय क िख़ लाफ़ आवाज़ बल द करक ही सािथरक हो सकता ह

- िबगल सवाददाता

िबगल मज़दर द ता दवारा डा अ बडकर धमरशाला लिधयाना म lsquoजाितवाद की सम या व इसका समाधानrsquo पर आयोिजत िवचार गो ी म lsquoमज़दर िबगलrsquo क स पादक साथी सखिव दर न मखय वकता क तौर पर बात रखी उ ह न कहा िक लगभग ढाई हज़ार साल पहल श हआ जाित आधािरत भदभाव लट दमन आज भी भारतीय समाज क िलए एक ग भीर सम या बना हआ ह मौजदा जाितवादी यव था पजीवादी यव था की सवा कर रही ह और यह पजीवादी जाितवादी यव था ह जाितवाद क तीन त भ ह- दजारब दी काम आधािरत िवभाजन और जाित क भीतर िववाह इनम स मखय प स आज तीसरा त भ ही बचा हआ ह जो िक पजीवादी यव था क अनकल ह

सखिव दर न कहा िक बहत स लोग भारत पर अगरज़ी हकमत की परशसा करत हए दावा करत ह िक इसक कारण जाित यव था ख़त म हो रही थी उ ह न कहा िक वा तिवक त य इसक िवपरीत ह भारत क उपिनवश बन जान स साम ती यव था की उमर ल बी हई इसक कारण जाित यव था भी बची

रही अगर भारत उपिनवश न बनता तो यहा वाभािवक तौर पर जो पजीवादी िवकास होता उसन जाित यव था पर बड़ी चोट होती

सखिव दर न कहा िक जाितवाद क ख़ा म का रा ता िसफ़र माकसरवाद क पास ह माकसरवाद और अ बडकरवाद को आपस म िमलान की कोिशश बबिनयाद ह इनका फ़ायदा नही बि क नकसान ही हो रहा ह जय भीम लाल सलाम का नारा एक ग़लत नारा ह डा अ बडकर न जातीय उत पीड़न क म को उभारन म अहम भिमका िनभायी लिकन उनक पास जाित यव था क ख़ा म का कोई रा ता नही था व भाववादी दशरन और पजीवादी अथरशा व राजनीित क परोकार थ डा अ बडकर न lsquoजाित का उ मलनrsquo लख म खद ही कहा ह िक जाित का ख़ा मा नही हो सकता साथी सखिव दर न कहा िक अतीत म जाितवाद की सम या को समझन म भारतीय क यिन ट की कमज़ोरी रही ह (कई अ य बिनयादी सवाल को समझन की तरह) लिकन क यिन ट ही ह िज ह न जाितवाद क िख़ लाफ़ सबस अिधक सघषर िकया ह बिमसाल लड़ाइया लड़ी ह कबारिनया की ह

जाितवाद क िख़ लाफ़ कभी ना लड़न का दोष लगात हए जो लोग क यिन ट क िख़ लाफ़ क सापरचार कर रह ह व परी तरह ग़लत ह सखिव दर न कहा िक जाितवाद का मक मल ख़ा मा िनजी स पि क अ त क साथ ही हो सकता ह लिकन इसका मतलब यह नही ह िक आज हाथ पर हाथ धर बठा रहा जाय अगर आज जाितवाद क िख़ लाफ़ हम सघषर नही करत तो कभी भी जनता को पजीवादी यव था क िख़ लाफ़ कराि तकारी सघषर क िलए एकजट नही कर पायग हम जाित-आधािरत लट दमन अ याय भदभाव क िख़ लाफ़ ज़ोरदार सघषर करना चािहए जनता

को जाितवादी म य-मा यताओ स स ब ध िव छद क िलए परिरत करना चािहए क यिन ट कराि तकािरय को जाितवादी म य-मा यताओ स स ब ध िव छद करन का उसल स ती स िनजी जीवन म लाग करना चािहए जो िक क यिन ट आ दोलन की एक बड़ी कमी रही ह उ ह न कहा िक हम जाित आधािरत सगठन नही बनान चािहए लिकन जाितवाद िवरोधी सगठन ज़ र बनान चािहए िजनम सभी जाितय क जाितवाद िवरोधी यिकत शािमल ह दिलतवादी सगठन क साथ िमलकर म ा आधािरत सघषर िकय जा सकत ह अ तरजातीय परम िववाह का

परज़ोर समथरन िकया जाना चािहए अ तरजातीय िववाह जाित यव था पर करारी चोट करत ह

साथी सखिव दर क बाद रामसवक छोटलाल िनभरय रिज दर जि डयाली तलसी परसाद म तराम राज दर सनील िसह घन याम लककी जसपरीत व अ य सािथय न इस िवषय पर अपनी बात रखी और सवाल-जवाब म िह सदारी की मच सचालन लखिव दर न िकया इस अवसर पर जनचतना दवारा कराि तकारी-परगितशील सािह य की परदशरनी भी लगाई गयी

mdash िबगल सवाददाता

lsquoजाितवाद की समसया व इसका समाधानrsquo िवषय पर िवचार गोषठीजाितवाद क िख़ लाफ़ सघषर िकय िबना जनता को पजीवादी वयवसथा क िख़ लाफ़ करािनतकारी सघषर क

िलए एकजट नही िकया जा सकता

महारा टर म िपछल कछ ह त स लगातार दिलत क िव दध एक िहसक वातावरण तयार िकया जा रहा ह इसकी श आत अहमदनगर क कोपडीर म एक लड़की क बला कार क बाद स हई इस बला कार काण ड क आरोपी दिलत थ इसी बहान सभी मखय चनावी पािटरय व सगठन न ज़मीनी तर पर मराठा आबादी को सगिठत करना श िकया व बरोज़गारी व खती क सकट स बदहाल मराठा आबादी अजाजजा अ याचार िवरोधी क़ानन को र करन व अपन िलए आरकषण की माग को लकर शहर-शहर म सड़क पर उतरन लगी इस आ दोलन को मराठा मक मोचार का नाम तो िदया गया पर इसकी हकीकत ज दी ही नािशक म सामन आ गयी एक नाबािलग लड़की क साथ छड़छाड़ क मामल को लकर दिलत बि तय को चन चनकर टागरट िकया गया वाहन पर टीकर दख-दखकर जलाया गया आठ गाव म दिलत क िव दध बड़ पमान पर िहसा हई िजसम 30 स यादा लोग घायल हए कई ग भीर प स घायल लोग अभी भी म बई व नािशक क अ पताल म भतीर ह इस पर मसल पर पिलस व परशासन मकदशरक बना रहा रा य क मखयमतरी दव दर फडनवीस को नरन दर महाराज क ज मिदन म जान का

समय िमल गया पर घायल स िमलन का नही उल टा उ ह न य कहकर िक ldquoधमरस ा रा यस ा स बढ़कर ह व उसकी मागरदशरक हrdquo बतला िदया िक वो जाित यव था क िकतन बड़ समथरक ह

इसी घटना क िवरोध म 17 अकटबर को अिखल भारतीय जाित िवरोधी मच व नौजवान भारत सभा न ल ल भाई क पाउड मानखदर क मखय चौक पर एक िनषध सभा का आयोजन िकया सभा क दौरान अभाजािवम क बबन ठोक न बात रखत हए कहा िक य मराठा मक मोचार खती क बढ़त सकट व पजीवादी आिथरक सकट स जन मी बरोज़गारी का नतीजा ह मराठा यवाओ की एक बड़ी आबादी आज बरोज़गार घम रही ह व उस इस बात पर बरगलाना बहत आसान ह िक उनकी िह स की नौकिरया दिलत ल जा रह ह हकीकत असल म उल टी ह मराठा ग़रीब आबादी (खित हर मज़दर छोट िकसान आिद) व ग़रीब दिलत आबादी दोन को ही आज गाव क सम प न मराठा िकसान व उदयोगपित लट रह ह साथ ही सरकारी नीितय क कारण लगातार बरोज़गारी बढ़ी ह इस पिरि थित स उपज ग़ स को ही आज सभी चनावी पािटरया भना रही ह व पर महारा टर म हर िजल म मराठा आबादी

क लाख की सखया म मोचर िनकाल जा रह ह नािशक व पण म हई िहसा सतह क नीच िकय जा रह कखयात परचार का ही नतीजा ह

नौजवान भारत सभा क नारायण खराड न कहा िक दिलत अ याचार िवरोधी क़ानन म सशोधन की माग करन वाल की असली मशा समझन की ज़ रत ह आज महारा टर क हर िजल म दिलत क िव दध भयकर अ याचार अजाम िदय जा रह ह व ऐस यादातर कस म अ याचार िवरोधी क़ानन क तहत मामला दजर होन क बावजद भी सज़ा की दर काफी कम (दोष िसिदध दर

10 परितशत स भी कम) रहती ह ऐस म इस क़ानन को और यादा परभावी बनान की ज़ रत ह नारायण न बात रखत हए कहा िक आज मराठा यवाओ को भी इस चीज़ को समझन की ज़ रत ह िक उनक असली दश मन दिलत नही बि क अमीर िकसान व उदयोगपित ह जो सबको लट रह ह महारा टर म ही नही बि क पर दश म इस समय अमीर की एक छोटी सी आबादी बहसखयक जनता को लट रही ह व उसका यान बटान क िलए जाित धमर कषतर क झगड खड़ कर रही ह आज अगर हम य चीज़ नही समझग तो कल बहत दर हो

जायगी आज य िजस मराठा आकरोश को दिलत क िव दध खड़ा कर रह ह कल को वो इस मसलमान क िव दध भी इ तमाल करग मज़दर आ दोलन क िव दध भी इ तमाल करग इसिलए हम आज ग़रीब महनतकश जनता को उसकी अि मताओ क आधार पर नही बि क वगीरय आधार पर एकजट करना होगा जाित क िव दध आ दोलन भी वगीरय गोलब दी क साथ ही खड़ा िकया जा सकता ह

mdash िबगल सवाददाता

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 5

अमिरकी रा टरपित चनाव म घोर न लवादी ी-िवरोधी परवासी-िवरोधी मि लम-िवरोधी और लम पट डोना ड टर प की जीत स वहा का उदारवादी तबका सदम म ह ग़ौरतलब ह िक अमिरका का उदारवादी तबका वहा का कॉरपोरट मीिडया और पजीपित वगर का बड़ा िह सा भी िहलरी िकलटन की जीत पर दाव लगा रहा था और अमिरका की पहली मिहला रा टरपित बनन की घोषणा का बसबरी स इ तज़ार कर रहा था लिकन टर प जस फ़ािस ट परवि क ल पट यिकत क रा टरपित चन जान स िव -पजीवाद क िसरमौर क मह स भी उदारवादी मखौटा उतर गया ह और उसका िघनौना चहरा सामन आ गया ह यह एक बहत बड़ी िवड बना ह िक टर प की यह जीत ढाचागत सकट की िशकार पजीवादी यव था क ख़ िलाफ़ अमिरका की जनता क ग़ स और बजरआ लोकततर क दायर क भीतर उसकी लाचारी की भी अिभ यिकत ह टर प की यह जीत 2007 स जारी िव यापी म दी क दौर म दिनया क तमाम दश म धर-दिकषणपथी और फ़ािस ट ताक़त क उभार क आम झान क ही अन प ह कई िव षक टर प की इस जीत

क िलए अमिरकी समाज म या न लवादी और ी-िवरोधी मानिसकता को िज मदार मान रह ह अमिरकी समाज म पठी न लवादी और ी-

िवरोधी मानिसकता स इनकार तो हरिगज़ नही िकया जा सकता लिकन ऐस िवश लषण स हम यह नही समझ सकत िक टर प जस ल पट यिकत की रा टरपित क प म वीकायरता मौजदा दौर म ही कय बढ़ी इस सवाल का जवाब हम वगर-िव षण क माकसरवादी उपकरण क इ तमाल स ही िमल सकता ह

ग़ौरतलब ह िक 2007 म अमिरका म आवासीय बलबल क फटन क साथ श हई िव यापी महाम दी अभी तक जारी ह जब यह म दी श हई थी तब अमिरका म िरपि लकन पाटीर का जाजर बश रा टरपित था 2008 क रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता न िरपि लकन पाटीर को खािरज कर डमोकरिटक पाटीर क बराक ओबामा को इस उ मीद म रा टरपित चना था िक उसकी नीितया म दी स उबारगी लिकन ओबामा क दो कायरकाल परा होन पर भी अमिरकी अथर यव था म दी क भवरजाल स बाहर नही िनकल पायी ह ओबामा न जनता की गाढ़ी कमाई स कई िटरिलयन डॉलर क बलआउट पकज दकर बक और िवत तीय महापरभओ को जीवनदान िदया िजसका फ़ायदा बक और कम पिनय क शीषर अिधकािरय को हआ लिकन आम लोग की ज़ िन दगी की परशािनया बढ़ती ही गयी अमिरका म रोज़गार क नय अवसर नही पदा हो रह ह और िपछल आठ वष क दौरान

मज़दर वगर क साथ ही साथ टटपिजया म य वगर की भी आमदनी और करयशिकत म तज़ी स िगरावट दखन म आयी ह इसका नतीजा अमिरकी समाज म आिथरक असमानता की खाई क चौड़ा होन क प म सामन आया इस घोर आिथरक असमानता की अिभ यिकत िन न-बजरआ वगर क नत व म चल lsquoऑक यपाई वॉल टरीटrsquo आ दोलन म भी हई थी िजसका िनशाना कॉरपोरट पजी थी 2012 क रा टरपित चनाव म हालािक ओबामा को जीत हािसल हई लिकन उस 2008 क मकाबल बहत कम वोट िमल थ जो डमोकरिटक पाटीर की घटती लोकिपरयता का ही सकत था

अमिरका का बजरआ लोकततर वहा क लोग को रा टरपित चनन का जो अिधकार दता ह उसका इ तमाल करक यादा स यादा लोग यह कर सकत ह िक बजरआ वगर क एक नमाइ द स तर त आकर बजरआ वगर क दसर नमाइ द को चन ल इस बार क अमिरकी रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता का ग़ सा डमोकरिटक पाटीर ही नही बि क पर बजरआ लोकततर क ख़ िलाफ़ दखन म आया यह इस बात स समझा जा सकता ह िक इस बार क चनाव म 45 परितशत मतदाताओ न िकसी भी उ मीदवार क पकष म वोट नही डाला िहलरी िकलटन और डोना ड टर प दोन को महज़ 25 परितशत क आसपास ही वोट िमल िव कॉि सन

पि सलविनया और िमशीगन जस रा य जो कभी डमोकरिटक पाटीर क गढ़ हआ करत थ उनम मज़दर वगर का ग़ सा िहलरी िकलटन और डमोकरिटक पाटीर पर फटा िजसका लाभ डोना ड टर प को िमला हालािक टर प खद एक पजीपित और धनपश ह लिकन उसन आिथरक मि कल स जझ रह अमिरकी म यवगर और मज़दर वगर क ग़ स को अपनी स ती लोकरजक जमलबाज़ी क ज़िरय जमकर भनाया उसन अमिरका को िफर स महान बनान क स ज़बाग िदखाय उसन लोग को यह यकीन िदलाया िक उनकी सम याओ की वजह बाहर स आ रह परवासी मज़दर ह उसन यहा तक कहा िक रा टरपित बनन क बाद आपरवासन रोकन क िलए वह अमिरका और मिकसको की सीमा पर ऊची दीवार बनवायगा यही नही उसन मसलमान क ख़ िलाफ़ नफ़रत को चरम पर ल जात हए कहा िक रा टरपित बनन क बाद वह मसलमान क अमिरका म आन पर परितब ध लगा दगा वगर चतना क अभाव म यह कोई आश चयर की बात नही ह िक अमिरका क मज़दर वगर क एक िह स को य घनघोर मज़दर-िवरोधी बात जची और उ ह न टर प जस लम पट और अ याश पजीपित क पकष म वोट दन स गरज़ नही िकया िपछल चनाव म ऐसी ही बात क ज़िरय नरन दर मोदी भी भारत क बहत स ग़रीब और मज़दर का वोट पान म कामयाब हो गया था

डोना ड टर प जस धर दिकषणपथी और फ़ािस ट परवि क यिकत क िव -पजीवाद की चोटी पर िवराजमान होन स िनश चय ही अमिरका ही नही बि क दिनया भर क मज़दर की मि कल और चनौितया आन वाल िदन म बढ़न वाली ह मज़दर वगर को न लीय और धािमरक आधार पर बाटन की साज़ िश आन वाल िदन म और परवान चढ़न वाली ह लिकन टर प की इस जीत स मज़दर वगर को यह भी सकत साफ़ िमलता ह िक आज क दौर म बजरआ लोकततर स कोई उ मीद करना अपन आपको झासा दना ह बजरआ लोकततर क दायर क भीतर अपनी चतना को क़द करन का नतीजा मोदी और टर प जस दानव क प म ही सामन आयगा आज दिनया क िविभ न िह स म पिरि थितया िच ला-िच लाकर पजीवाद क िवक प की माग कर रही ह इसिलए वोट क ज़िरय लटर क चहर को बदलन की चनावी नौटकी पर भरोसा करन की बजाय दिनया क हर िह स म मज़दर वगर को पजीवाद को कचर की पटी म डालकर उसका िवक प खड़ा करन की अपनी ऐितहािसक िज मदारी को िनभान क िलए आग आना ही होगा

mdash आन द िसह

अमिरकी राषटरपित चनाव म फ़ािससट टरमप की जीतसामराजयवाद क चौधरी क म ह स उतरा उदारवादी मखौटा

नािशक व पण म दिलत िवरोधी अतयाचारो क िख़ लाफ़ ममबई म परदशरन

6 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

रजनी एक चार साल की ब ची ह इस उमर क अ य ब च की तरह उसका वज़न भी कम स कम 15 िकलो होना चािहए जानत ह रजनी का वज़न िकतना ह 5 िकलो धसी हई आख हडिडय क ढाच पर बजान सखी हई वचा व ख बजान बाल और पतल-पतल हाथ पर वाली रजनी ज़ोर लगाकर खड़ा होन की कोिशश तो करती ह लिकन पर म जान न होन की वजह स खड़ी नही हो पाती ह रोन की कोिशश करती ह तो रो भी नही पाती ह िसफ़र रजनी ही नही उसक तीन और भाई-बहन भी इसी तरह स भखमरी और कपोषण का िशकार ह उसक माता-िपता जलपाईगड़ी क एक चाय बागान म काम करत थ कछ महीन पहल मािलक न िबना िकसी नोिटस और मआवज क इनको बाहर का रा ता िदखा िदया और अब य बरोज़गार ह और सड़क पर ह कछ िदन तक तो उधार पर राशन आता रहा और यह पिरवार दो िदन छोड़कर एक िदन खाना खाता रहा लिकन यह भी कब तक चलता कछ िदन बाद दकान वाल न भी उधार दना बन द कर िदया अब न रोज़गार ह न उधार और न ही राशन ब च ही नही बि क उनक माता-िपता की हालत भी वसी ही ह परा पिरवार भखमरी और कपोषण का िशकार ह और यह िसफ़र एक रजनी और उसक पिरवार की बात नही ह हमार दश म हर रोज़ लगभग बीस करोड़ लोग भख सोत ह यह परी दिनया म रोज़ भख सोन वाल लोग का एक ितहाई ह भारत म हर रोज़ 7000 और हर साल 25 लाख स यादा लोग भख की वजह स मर जात ह इतना ही नही भारत म 50 परितशत स यादा ब च अडरवट यािन अपनी आय क िहसाब स कम वज़न वाल ह और 70 परितशत स यादा औरत और ब च िकसी न िकसी गम भीर पोषण की कमी का िशकार ह हमार दश म 30 परितशत नवजात िशश कम वज़न क साथ पदा होत ह 3 साल तक क 79 परितशत ब च और 56 परितशत िववािहत मिहलाओ म आयरन की

कमी स होन वाली ख़न की कमी ह ब च म होन वाली आधी स यादा मौत कपोषण या कम पोषण होन की वजह स होती ह कया आप जानत ह भखमरी की तािलका म भारत दिनया म कौन स थान पर ह 97व थान पर बहत सार छोट-छोट दश स भी नीचा आपको य आकड़ भयावह लग रह ह ग लिकन भारत की एक बड़ी आबादी क िलए यह रोज़मरर की बात ह

लिकन ऐसा इसिलए नही ह िक भारत म खादया न की कमी ह भारत गह की सबस यादा पदावार करन वाल दश म चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 9403 लाख मीिटरक टन गह पदा होता ह चावल की पदावार म भी भारत चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 15506 लाख मीिटरक टन चावल पदा िकया जाता ह और िफर कया होता ह िपछल साल भारत म 210 लाख मीिटरक टन गह गोदाम म पड़ा-पड़ा सड़ गया था इतना गह पर दश का पट भरन क िलए पयार था सयकत रा टर सघ क अनसार भारत म कल पदावार का चालीस परितशत गह हर साल बबारद हो जाता ह लिकन गाय की पजा स दशभिकत को जोड़न वाली सरकार को दश क भख मरत लोग की िच ता कय होन लगी बहरहाल सरकार का कहना ह िक यह अनाज ख़राब भ डारण और पिरवहन की वजह स ख़राब होता ह लिकन सवाल य ह िक भ डारण और पिरवहन की िज़ मवारी िकसकी ह इस स ब ध म 2001 म सपरीम कोटर म एक यािचका दायर की गयी थी िजसम कहा गया था िक दश की बड़ी आबादी भख मरती ह और अनाज गोदाम म सड़ता ह सपरीम कोटर न सिवधान क अन छद 21 का हवाला दत हए कहा था िक ldquoभोजन का अिधकारrdquo असल म ldquoजीवन क अिधकारrdquo स ही स बि धत ह सपरीम कोटर न फ़सला सनाया था िक ldquoभारतीय खादय िनगमrdquo यह सिनि त कर िक अनाज गोदाम म न सड़ और हर ज़ रतमद को भोजन उपल ध हो

लिकन जसा िक अकसर होता ह फ़सल क इतन साल क बाद आज भी गोदाम म य ही अनाज सड़ रहा ह और लोग भख स मर रह ह पजीवाद का यह मखय लकषण होता ह यापक आबादी भख मरती ह अनाज गोदाम म सड़ता ह या सड़ा िदया जाता ह सरकार और यायपािलका मगरम छ क आस बहाती ह और सब कछ य ही चलता जाता ह

कहन को तो सरकार न मिहलाओ और ब च को भोजन उपल ध करान क िलए कीम भी चला रखी ह एक कीम ह िमड ड मील योजना इसक तहत सरकारी कल म पढन वाल ब च को िदन का खाना उपल ध करवाया जाता ह लिकन यहा सम या य ह िक अिधकतर ब च कल ही नही जा पात तो भोजन कहा स कर पायग दसरा उस भोजन म भी इतनी अिनयिमतताए िमलती ह िक इसी साल क हर महीन म दश क िविभ न िह स स िमड ड मील खान क बाद ब च क बीमार होन की खबर आती रही ह िपछल ही िदन छ ीसगढ़ क कोरबा म 60 ब च िमड ड मील खान क बाद बीमार हो गय थ ज़ािहर ह सम या इस योजना म नही बि क कायार वयन की नीयत म ह कल म आन वाल राशन को इतन ख़राब तरीक स रखा जाता ह िक उसक दिषत होन की स भावना शत परितशत होती ह कई जगह पर इसकी िज़ मदारी ऐस एनजीओ को दी गयी ह जो पस बनान क िलए घिटया सामगरी का इ तमाल करत ह लिकन िकसी को कोई फकर नही पड़ता और ब च य ही बीमार पड़त रहत ह इन स कल म ग़रीब क ब च ही जात ह इसिलए भी िकसी क िलए यह कोई बड़ी बात नही बनती उधर सरकार स लकर स बि धत अिधकारी तक अपनी पीठ थपथपात रहत ह िक सबको भोजन उपल ध करवा िदया गया ह एक अ य कीम ह जो सरकार न ldquoसमि वत बाल िवकास पिरयोजनाrdquo क नाम स चलायी हई ह िजसक अ तगरत छ वषर तक क उमर क ब च गभरवती मिहलाओ तथा

तनपान करान वाली मिहलाओ को वा य पोषण एव शकषिणक सवाओ का एकीकत पकज परदान करन की योजना ह इसक अ तगरत इन सबक िलए एक समय क परक आहार का परबध आगनवाड़ी कदर म होता ह कहन को तो यह योजना िपछल 41 साल स चल रही ह लिकन आज भी इस दश क 50 परितशत स यादा ब च कपोिषत ह और भख स मर रह ह

असल म पजीवाद म सरकार िदखाव क िलए कछ क याणकारी योजनाए चलाती रहती ह लिकन यह िसफ़र िदखावा ही होता ह और जमीनी तर पर य योजनाए बरसाती बलबल स यादा परभाव नही डालती ब च सड़ा हआ अनाज खाकर बीमार हो रह ह जो यह भी नही खा पा रह व भख स मर रह ह और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही ह परभाव डाल भी तो कस एक िरपोटर क अनसार भारत म 45 करोड़ लोग ग़रीबी की रखा स नीच जी रह ह लिकन ग़रीबी की रखा का यह मानदड भी हा या पद ह भारत सरकार क अनसार शहर म रहन वाला कोई यिकत रोज़ अगर 33 पय स यादा और गाव म रहन वाला कोई यिकत अगर 27 पय स यादा कमाता ह तो वह ग़रीब नही ह अब कोई यिकत इतनी कम आमदनी क साथ जीन योगय भी साधन भी नही जटा पायगा पट भरकर खाना तो दर की बात ह िफर ग़रीबी की रखा स नीच आन वाल लोग तो इतन भी नही कमा पात तो व कहा िज़ दा रहन की भी सोच सकत ह एक तरफ तो ऐस लोग की सखया बढती जा रही ह और दसरी तरफ दश म पदा होन वाली स पदा और पजी समाज क एक बहत छोट स िह स क क ज म आती जा रही ह भारत म दिनया क सबस यादा ग़रीब लोग रहत ह और दसरी तरफ फ़ो सर पितरका दवारा जारी की गयी दिनया क 61 दश म अरबपितय की सखया की सची म भारत का थान चौथा ह अमीर और ग़रीब की बढती इस खाई क बीच दश म तमाम नीितया इसी धनपश पजीपित वगर क मनाफ़ क िलए बनायी

जाती ह कछ क याणकारी योजनाए िसफ़र इसिलए चला दी जाती ह तािक यह िदखाया जा सक िक सरकार को ग़रीब की भी िच ता ह लिकन अ ततः ग़रीब क िह स म आती ह लट शोषण और भखमरी

तो इस सब क िलए िज़ मदार कौन ह सरकार की ही तज़र पर कछ लोग कहग िक अनाज का भडारण सही नही ह योजनाओ को ढग स कायारि वत नही िकया जाता अिधकारी पस खा जात ह भर ाचार ह आिद आिद लिकन यह तो त वीर का एक छोटा सा िह सा मातर ह सम या का कारण सरकार की लापरवाही और भर ाचार तो ह लिकन िसफ़र यही एक कारण नही ह सरकार लापरवाह कय ह और भर ाचार का कारण कया ह यह दखन क िलए तो हमको इस यव था की मल परणाली म दखना होगा हमार दश की यव था यािन पजीवाद क अ तगरत हर चीज़ की तरह अनाज भी मनाफ़ क िलए पदा िकया जाता ह और पजीवाद म कोई भी सरकार मनाफ़ पर आधािरत यव था को बनाय रखन व मज़बत बनान क अलावा कछ और नही करगी सरकार की तमाम योजनाए और कायरनीितया इ ही अरबपितय क मनाफ़ को यान म रख कर बनायी जाती ह ऐस म चाह कोई क याणकारी कीम आ जाय या सपरीम कोटर क हज़ार फ़सल आ जाय जब तक मनाफ़ाख़ोर पजीवादी यव था रहगी तब तक अनाज सड़ता रहगा लोग भख स मरत रहग और पजीपितय क मनाफ़ बढ़त रहग स म जब अकटबर कराि त हई तो उस समय स सिहत सी सामरा य क तमाम

दश भयकर अकाल और भखमरी स जझ रह थ लिकन कराि त क बाद जब महनतकश न स ा अपन हाथ म ली तो अगल दस साल म सोिवयत सघ स भखमरी का नामोिनशान ख़त म िकया जा चका था ऐसा भारत म भी िकया जा सकता ह ज़ रत ह िक पजीवाद को ख़त म करक महनतकश का लोक वराज कायम िकया जाय

ndash नवमीत

िवकास क शोर क बीच भख स दम तोड़ता महनतकश

शहीद भगतिसह क जन मिदवस 28 िसत बर 2016 को म बई (मानखदर) म भगतिसह की पाच मराठी प ि तकाओ का लोकापरण हआ इ ही पि तकाओ क परकाशन क साथ मराठी म कराितकारी सािह य क िलए ऐरण परकाशन का आगाज़ हआ नौजवान भारत सभा व ऐरण परकाशन की तरफ स आयोिजत इस कायरकरम म भगतिसह की य पाच पि तकाए परकािशत की गयी 1 मी नाि तक का आह 2 बा बच त वजञान आिण यायालयातील िनवदन 3 जाितधमारच झगड सोडा खरया लढयाशी नात जोडा 4 कराितकारी कायरकरमाचा मसदा 5 भगतिसह हणाल होत इस कायरकरम म म बई क अलग अलग इलाक स

अनक लोग उपि थत थ इस मौक पर बोलत हए नौजवान

भारत सभा क नारायण न कहा िक भगतिसह की शहादत क इतन वष बाद भी उनक लख परासिगक ह इसका कारण य ह िक भगतिसह कवल अगरज क िव दध भारतीय जनता की लड़ाई क ही नही बि क शोषण क िव दध मज़दर की लड़ाई क भी परतीक ह समानता पर आधािरत व शोषणमकत समाज का सपना आख म िलए भगतिसह व उनक सािथय न अपना सब कछ बिलदान कर िदया पर आज भी वसा समाज नही बन पाया उसी शोषणमकत समाज क िनमारण क िलए दिनयाभर क मज़दर की तरह ही भारत क मज़दर भी लड़ रह ह इस सघषर को पिरणित तक ल जान

क िलए भगतिसह का लखन आज भी मागरदशरक ह सड़-गल िवचार िढ़ य व बौिदधक गलामी की जकड़ स आज़ाद होन की पररणा दन की िवलकषण कषमता उनक िलख श द म ह उनक लखन स

परिरत होकर खद को शोषण क िव दध लड़ाई म झ क दना यही भगतिसह को स ची दधाजिल होगी

ऐरण परकाशन की तरफ स बबन ठोक न कहा िक परसार मा यम पर व

साथ ही सािह य पर लगातार पजी का व बाजार का परभाव बढ़ रहा ह व ऐस म एक वकि पक मीिडया खड़ा करना अ यत ज री ह िविभ न भाषाओ म परगितशील सािह य कम स कम दर पर लोग तक पहजना चािहय बबन न कहा िक शहीद भगतिसह क स प णर उपल ध द तावज को भी मराठी म ज द ही परकािशत करन का सक प ऐरण परकाशन न िलया ह

लोकापरण कायरकरम क बाद पर इलाक म शहीद भगतिसह की तस वीर िलय हए एक माचर िनकाला गया व भगतिसह की िवरासत स पिरिचत करात मराठी व िह दी पचर बाट

mdash स यनारायण

शहीद भगतिसह क जनमिदवस पर मराठी म करािनतकारी सािहतय क परकाशन की शरआत

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 7

पजीवादी यव था म उ पादन का चिरतर तो सामािजक हो चका ह अथारत व तओ-सवाओ का उ पादन अलग-अलग यिकतय दवारा नही बि क बहत सार िमक दवारा सामिहक प स िकया जाता ह लिकन उ पािदत व तओ पर वािम व सामािजक अथारत इन उ पादक का सामिहक नही बि क उ पादन क साधन क मािलक या पजीपितय का िनजी वािम व होता ह उ पादक को अपनी मशिकत बचन क एवज म पजी मािलक दवारा तय मज़दरी ही िमलती ह जबिक उ पाद क पर म य पर मािलक का अिधकार होता ह िजसस उनका मनाफ़ा तथा दौलत बढती जाती ह िमक की म शिकत का म य भी बाज़ार क माग-पितर क िनयम स तय होता ह और जब मजदर की एक िवशाल बरोज़गार फौज म क बाज़ार म िबकन क िलय उपल ध हो तो यह म य इतना कम हो जाता ह िक उनको अपना जीवन चलान क िलय भी पयार नही होता कय िक मािलक पजीपित को िमक की अटट कतार िबकन क िलय

नजर आती ह इस ि थित म मजदर की िज दगी बद स बदहाल होती जाती ह और पजीपित का मनाफ़ा ऊच स ऊचा वतरमान यव था म पजीपितय क मनाफ़-दौलत म इस भारी विदध को ही अथर यव था क िवकास का पमाना माना जाता ह

अभी भारत की अथर यव था म तज़ी की भी बडी चचार ह और इस दिनया की सबस तज़ी स िवकास करती अथर यव था बताया जा रहा ह इस िवकास की असली कहानी भी बहसखयक िमक-अधर िमक जनता की िज दगी पर पड इसक असर स ही समझनी होगी 1991 म श हए आिथरक सधार स दश की अथर यव था िकतनी मज़बत हई ह उसकी असिलयत जानन क िलए जीडीपी-जीएनपी की विदध एकसपोटर-इ पोटर क आकड़ मकान -दकान की कीमत अरबपितय की तादाद या ससकस-िन टी का उतार-चढाव दखन क बजाय हम नशनल यिटरशन मॉिनटिरग यरो (NNMB) क सवर क नतीज और अ य ोत स परा जानकारी पर नजर डालत ह जो बताता ह िक जीवन की अ य सिवधाए ndash आवास िशकषा िचिक सा आिद को तो छोड ही द इस दौर म ग़रीब लोग को िमलन वाल भोजन तक की मातरा भी लगातार घटी ह यह यरो 1972 म गरामीण जनता क पोषण पर नजर रखन क िलए थािपत िकया गया था और इसन 1975-1979 1996-1997 तथा 2011-2012 म 3 सवर िकय इस सार दौरान सरकार लगातार ती आिथरक तरककी की िरपोटर दती रही ह इसिलए वाभािवक उ मीद होनी चािहय थी िक जनता क भोजन-पोषण की मातरा म सधार होगा लिकन इसक िवपरीत ज़मीनी असिलयत उलट य पायी गयी िक जनता को िमलन वाल पोषण की मातरा बढ़न क बजाय लगातार घटती गयी ह

2012 क यटरीशन यरो क गरामीण भारत क आिखरी सवर क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गरामीण को 550 कलोरी ऊजार 13 गराम परोटीन 5 िमगरा आइरन 250 िमगरा कि सयम और 500 िमगरा िवटािमन ए परितिदन कम िमल रहा ह इसी तरह 3 वषर स कम की उमर क ब च को 300 िमलीलीटर परितिदन की आव यकता क मकाबल औसतन 80 िमली दध ही परितिदन िमल पा रहा ह सवर यह भी बताता ह िक जहा 1979 म औसतन दिनक ज़ रत क लायक परोटीन ऊजार कि शयम तथा आइरन उपल ध था वही 2012 आत-आत िसफ़र कि शयम ही ज़ री मातरा म िमल पा रहा ह जबिक परोटीन दिनक ज़ रत का 85 ऊजार 75 तथा आइरन मातर 50 ही उपल ध ह िसफ़र िवटािमन ए ही एक ऐसा पोषक त व ह िजसकी मातरा 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लिकन वह भी 2012 म घटकर दिनक ज़ रत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह िक सवर क अनसार 35 गरामीण ी-प ष कपोिषत ह और 42 ब च

मानक तर स कम वज़न वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकड़ा ह जनसखया क ग़रीब िह स म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीिवका यरो नाम क सगठन दवारा दिकषण राज थान क गाव म िकय गय एक सवर क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक ितहाई को सब ज़ी फल अड या मास तो खर िकसी को भी िमलन का सवाल ही नही था नतीजा आधी माए और उनक ब च कपोिषत थ

इस हालत की वजह कया ह इस बार म यटरीशन यरो क ही सवर म पाया गया िक असल म 1979 म िसफ़र 30 गरामीण लोग भिमहीन थ जो अब बढकर 40 हो गय ह मखयतः मज़दरी पर िनभरर पिरवार 51 हो गय ह तथा और 27 ग़रीब िकसान ह िजनकी आमदनी बहद कम ह और उ ह जीवन िनवारह क िलय अपनी ज़मीन पर िनभरर रहन की गजाइश नही इसिलए बाकी समय उ ह मज़दरी ही करनी पड़ती ह 2011 की जनगणना क अनसार भी भिमहीन किष मजदर की तादाद 2001 क 1067 करोड़ क मकाबल बढ़कर 1443 करोड़ हो गयी ह उपजाऊ जोत वाल मािलक िकसान पहल स आध ही रह गय ह अथारत 3 चौथाई गरामीण जनसखया भी अब भोजन क िलए बाज़ार स खरीद पर ही िनभरर ह अब सरकार इस साल पहल ही ससद को बता चकी ह िक महगाई स एडज ट करन पर किष म मज़दरी की दर भी घटन लगी ह - 2014 और 2015 म यह 1 परितवषर कम हई ह साथ म यह भी यान द िक बाकी चीज क मकाबल खादय पदाथ की महगाई अिधक तज़ी स बढ़ी ह - 67 क मकाबल 10 खादय पदाथ म भी दाल वसा तथा सब िज़ य क दाम यादा तज़ी स बढ ह नशनल सपल सवर क अनसार शहर -गाव क सबस ग़रीब लोग दवारा

उपभोग की गयी व तओ की महगाई दर अमीर शहिरय की उपभोगय व तओ क मकाबल 5 तक अिधक ह िन कषर यह िक गरामीण भारत का बहलाश ना तो अब पयार मातरा म भोजन उगान म समथर ह और ना ही ख़रीदन म अतः अिधकाश लोग क िलए दाल सब ज़ी फल दध अडा-मास आिद अब दलरभ पदाथर बनत जा रह ह

अगर िवकिसत दश की बात को छोड़ भी िदया जाय और िसफ़र मीिडया दवारा भारत की बराबरी क उभरत दश कह जान वाल िबरकस (BRICS) दश क साथ भी तलना की जाय तो भारत म कपोषण की ि थित बराज़ील स 13 गना चीन स 9 गना और 1994 तक भयकर रगभदी शासन झलन वाल दिकषण अफरीका स भी 3 गना बदतर ह इस पर भी हमार शासक कपोषण को कोई यान दन लायक सम या नही मानत अभी भारत की आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई स सट पालघर म िपछल एक साल म 600 आिदवासी ब च की कपोषण स म य पर जब महारा टर क आिदवासी मामल क मतरी स सवाल पछा गया तो उनका सीधा जवाब था lsquoतो कया हआrsquo यहा तक िक सबका हाथ सबका िवकास वाली मोदी सरकार न तो 2015 म इस यटरीशन यरो को ही बन द कर िदया ह तािक ऐसी ख़तरनाक परशान करन वाली स चाइया ज़ािहर ही ना ह पर सच का मह कया इतनी आसानी स बन द हो जायगा

यदयिप उपरोकत सब त य गरामीण कषतर क ह लिकन हम सब यह भी जानत ह िक शहरी मजदर -िन न म य वगर की ि थित भी इतनी ही बरी ह अथारत दश क 80 लोग क िलए इन सधार का नतीजा भख और कपोषण ही हआ ह तो हम जो बढ़त कॉरपोरट मनाफ़ अरबपितय की बढती सखया की खबर पढ़त ह उसक पीछ की कड़वी स चाई यही ह िक ग़रीब मजदर िकसान िन न-म यवगीरय लोग क मह का िनवाला छीनकर ही यह मनाफ़ यह अरब की दौलत इकठठा हो रही ह इसीिलए इन सब सवर की ख़बर या इस पर बहस हम कॉरपोरट मीिडया म कही नजर नही आती

आइय अब हम शहरी ग़रीब की ि थित पर नजर डालत ह शहर की ऊपरी चमक-दमक स उनका हाल बहतर न समझ िद ली और म बई सिहत शहर की झगगी-झ पिड़य म रहन वाली एक चौथाई अथारत 10 करोड़ अ य त ग़रीब लोग भी भख और कपोषण का उतना ही िशकार ह और जस-जस हम भारत क आिथरक महाशिकत बनन की चचार सनत ह भख पीिड़त लोग की तादाद घटन क बजाय बढ़ती जाती ह यनीसफ क अनसार भारत म हर साल 5 वषर स कम आय क 10 लाख ब च कपोषण स ब धी कारण स म य का िशकार होत ह सामा य स कम वज़न वाल 5 साल तक क ब च की सखया का िववरण दख तो

पता लगगा िक िवकिसत दश को तो भल ही जाइय बराजील चीन दिकषण अफरीका जस तीसरी दिनया क दश भी छोिड़य शहरी ब च क कपोषण क मामल म हम बागलादश-पािक तान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पािक तान म 25 दिकषण अफरीका म 12 बराजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी िद ली और आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई की ि थित को थोड़ा और िव तार स जानत ह कय िक यहा क बार म यादा जानकारी उपल ध ह इसस हम बाकी शहर की ि थित का भी कछ आकलन कर पायग इन दोन की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड़ लोग लम या झ पड़पटटी म रहत ह जो भारी भीड़ ग़रीबी और कपोषण क क दर ह इनम लोग िकस तरह रहत ह ग यह अनमान लगान क िलए इतना ही बताना पयार ह िक म बई की जनसखया का 60 झ पड़पटटी म रहता ह जो म बई क कल कषतरफल का िसफ़र 8 जगह म ि थत ह म बई क गोवडीमानखदर या िद ली की ऐसी ही िमक बि तय म जाइय तो आपको खल गद नाल कचर क ढर और िभनिभनाती म छर-मिकखय क बीच दड़ब की मािनद भर लोग रहत िमलग िज ह न दश भर क गाव म अपनी जीिवका की बरबादी क बाद इन झ पड़ बि तय म शरण ली ह लिकन इनम स बहत सार तो इस झ पड़ ब ती म भी सही स ठौर नही पा पात कय िक कभी बलडोज़र तो कभी आग कभी परॉपटीर डीलर क मािफया िगरोह इनक थोड बहत बतरन-भाड को भी जलात तोड़त फकत रहत ह

इन ग़रीब मज़दर पिरवार म अकसर माता-िपता दोन को िदन का यादातर समय ल ब हाड़-तोड़ म म िबताना होता ह काम क िलय आन-जान म भी काफी समय लगता ह और खद तथा अपन ब च क िलय भोजन पकान का समय नही होता िफर उतना कमा भी नही पात िक आव यक पोषक त व यकत भोजन सामगरी खरीद सक य और इनक ब च पोषण क नाम पर िसफ़र आटा-मदा चीनी और िचकनाई-तल वाला कचरा भोजन (जक फड) ही उपभोग करन की करय कषमता रखत ह दाल क नाम पर कभी-कभी स ती मसर और सब ज़ी क नाम पर आल ही मय सर होता ह फल-दध तो व न बन चक ह ना त क नाम पर पिरवार चाय क साथ फन या र क स काम चला रह ह और ब च को बीच म भख लग तो मद क नड स या मद चीनी तल वाली जलबी जसी चीज स काम चलाया जा रहा ह य ग़रीब िमक पिरवार इस परकार क भोजन को जीभ क वाद की वजह स नही अपना रह बि क इस िलय िक यह पोषक तो नही होता पर पट की भख को मारता ह लिकन और भी बडी तथा असली वजह ह िक यह दाल चावल रोटी स ज़ी सलाद वाल

वा तिवक सतिलत भोजन की एक ितहाई-चौथाई कीमत का पड़ता ह तथा समय की कमी स परशान मज़दर पिरवार इस सिवधाजनक भी पात ह लिकन इस िक म क भोजन का नतीजा होता ह नाटा कद आड़ी-टढ़ी हडिडया सड दात फल पट बीमािरय का मकाबला करन म अकषम शरीर अथारत कपोषण ऐस ब च डायिरया मलिरया यमोिनया जसी बीमािरय क भी आसान िशकार होत ह हर साल करीब 10 लाख ब च कपोषण की वजह स 5 साल की उमर क पहल ही जान गवा दत ह साथ ही यह कपोषण िसफ़र िज म को ही बरबाद नही करता बि क ब च क िदमाग को भी क द करता ह उनक सीखन-पढ़न की क वत को भी कम करता ह िद ली क 20 लाख ब च म स आध की िज मानी-िदमागी बढ़वार ही कपोषण क मार क द हो गयी ह बाकी दश क ग़रीब मज़दर-िकसान का ही नही िन न म य वगीरय पिरवार का भी यही हाल होता जा रहा ह कय िक एक ओर घटती वा तिवक आमदनी और दसरी ओर खादय पदाथ की भयकर जमाखोरी-कालाबाजारी स आसमान छती कीमत भारतीय समाज क अिधकाश लोग क िज मानी-िदमागी वा य को पतन क गतर म धकल रही ह

िव खादय व किष सगठन (FAO) की गलोबल हगर िरपोटर 2015 क अनसार भारत म कल 1946 करोड़ लोग कपोषण क िशकार ह जो िपछल 5 साल म 26 बढ ह अथारत 5 साल पहल 1899 करोड़ ही थ ऐस समझ सकत ह िक पािक तान की कल जनसखया स भी 120 करोड़ यादा लोग भारत म कपोिषत ह यहा कपोषण का मतलब िसफ़र कछ िदन या समय भोजन की कमी झलन स नही ह बि क उनस िज ह लगातार एक साल और उसस यादा अपनी दिनक शारीिरक पोषण की ज़ रत स कम भोजन िमलता ह इस िरपोटर क अनसार भारत म ग़रीब क भोजन म मातर िकसी तरह जीिवत रह सकन वाल पदाथर ही शािमल ह कय िक खादय पदाथ की बढ़ती महगाई स ग़रीब लोग पोषक भोजन खरीदन म असमथर ह

आिखर इस ि थित की वजह कया ह अभी 15 िसतबर को परकािशत कोनर फरी ह गरप क 2008 क िव ीय सकट स अब तक क 51 दश क रोज़गार व वतन क तलना मक अ ययन क अनसार इन 8 वष म भारत की जीडीपी 638 बढी ह लिकन औसत वतन विदध मातर 02 हई ह इसम भी और गहराई तक जाय तो िशखर क लोग अथारत उ च परब धक का वतन 30 बढा ह लिकन सबस नीच वाल िमक की वा तिवक मज़दरी 30 कम हई ह सार 51 दश म उ चतम व िन नतम तर क किमरय म वतन असमानता सबस अिधक भारत म ही ह कय िक यहा रोज़गार कम बढ ह और िमक की स लाई यादा वस भी अब िनयिमत वतन वाल थायी मज़दर

ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़

(पज 2 पर जारी)

लिधयाना क टकसटाइल पटटी क मज़दर िद ली क इ पात मज़दर स लकर ित पर व यनम क मज़दर और च नई क आटोमोबाइल मजदर स लकर करल क म नार क चाय बाग़ान मज़दर तक िपछल कछ वष म सड़क पर उतरत रह ह एक ऐस उथल-पथल भर समय म हम अकटबर कराि त क शता दी वषर म परवश कर रह ह ऐस दौर म अकटबर कराि त को याद करन क मज़दर वगर क िलए कया मायन ह इसक िलए पहल सकषप म यह जानना ज़ री ह िक अकटबर कराि त म हआ कया था कय िक आज तमाम मज़दर भी अपनी इस महान वि क िवरासत स वािकफ नही ह

महान अकटबर करािनत म कया हआ था

1917 म स एक ऐस पिरवतरन स होकर गज़रा िजसन दिनया क इितहास की िदशा मोड़ दी और एक नय यग की श आत की बीसवी सदी क पहल दशक की श आत स ही िव पजीवाद आिथरक सकट स गज़र रहा था यरोप क तमाम सामरा यवादी दश दिनया भर म महनतकश अवाम और गलाम रा टरीयताओ की लट की बटवार क िलए आपस म परित पदधार म लग हए थ उस समय तक िबरटन सामरा यवादी दिनया की सबस अहम ताकत था फरास दसरी अहम औपिनविशक सामरा यवादी शिकत था लिकन उ नीसवी सदी का अ त होत-होत जमरनी तज़ी स एक परमख आिथरक शिकत क प म उभर चका था दसरी ओर सयकत रा य अमिरका भी दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत क प म उभर रहा था लिकन जमरनी क पास अपनी पजी की परचरता को खपान क िलए और साथ स त क च माल और स त म क दोहन क िलए उपिनवश नही थ जमरनी की बढ़ती आिथरक शिकतम ा न उस िबरटन और फरास क साथ सीधी परित पदधार म ला खड़ा िकया था इस बढ़ती सामरा यवादी परित पदधार क फल व प 1914 म िव क पनिवरभाजन क िलए पहल िव यदध की श आत हो गयी एक तरफ जमरनी ऑि टरया और हगरी थ तो दसरी ओर िबरटन फरासअमिर का व स स की ि थित उस समय एक िपछड़ सामरा यवादी दश की थी वह पवीर यरोप क िपछड़ दश क िलए एक सामरा यवादी दश था लिकन वह वय िबरिटश फरासीसी और अमिरकी िवत तीय पजी क वचर व क अधीन था स म अभी ज़ार का राजत तर कायम

था पहल िव यदध म उसन िमतर शिकतय यानी िबरटन फरास और अमिरका क पकष म िह सा िलया स की िपछड़ी हई अथर यव था और स य शिकत यदध म जमरनी की उ नत स य शिकत का मकाबला करन क िलए अपयार थी ज द ही तमाम मोच पर स की हार होन लगी स क सिनक को न तो

पयार मातरा म ब दक हािसल थी और न ही उनक पास पयार मातरा म भोजन था यदध क खचर को ढो पाना स की अथर यव था क िलए मि कल था और ज द ही दश म खादया न की कमी का सकट भी पदा हो गया सिनक की भारी आबादी वा तव म िकसान पिरवार स आती थी व वा तव म विदरय म िकसान ही थ स म िकसान की ि थित भी भयकर थी भदास व का काननी तौर पर 1861 म उ मलन हो गया था लिकन उसक अ छ-खास अवशष अभी भी दश म कायम थ िकसान क बीच भिम का बटवारा नही िकया गया था और दश की अिधकाश खती योगय ज़मीन या तो ज़ार की थी या िफर चचर और बड़ ज़मीदार की जो भिम गराम समदाय क पास थी उसक भी चकरीय बटवार का िनणरय धनी िकसान व कलक ही लत थ और हर यावहािरक मसल क िलए इस ज़मीन पर भी उ ही का िनय तरण था ज़ार की स ा यदध का बोझ िकसान पर डाल रही थी और भ वािमय न िकसान पर दबाव बढ़ा िदया था जो भी ससाधन थ व सभी यदध क मोच पर वाहा हो जा रह थ मज़दर की ि थित भी कछ ऐसी

ही थी खादया न सकट क कारण शहर म भोजन की भयकर कमी हो गयी थी मज़दर को भरपट भोजन तक नही िमल पा रहा था मज़दर क काम क घ ट 12 स 14 घ ट होना आम बात थी मज़दरी इतनी भी नही िमल पा रही थी िक मज़दर भरपट खाना खा पात कछ मज़दर को थोड़ा बहतर वतन िमलता था मगर भोजन की भयकर कमी और उसकी बढ़ती कीमत क कारण उ ह भी पयार भोजन नही िमल पा रहा था पर दश म करीब 85 फीसदी आबादी ग़रीब व मझोल िकसान की थी और मज़दर की आबादी करीब 10 परितशत मज़दर को बहतर कायरि थितया बहतर मज़दरी और भरपट भोजन चािहए था और िकसान को ज़मीन चािहए थी और मज़दर और िकसान दोन को ही यदध स िनजात चािहए था दश म 1917 की श आत आत-आत आम महनतकश जनता क सबर का प याला छलक रहा था भखमरी गरीबी और महगाई की असहनीय ि थित न स क आम महनतकश अवाम म िवदरोह की ि थित पदा कर दी थी अ तत फरवरी 1917 म एक वत फतर जनिवदरोह न ज़ार की स ा को उखाड़ फका उस समय स की कराि तकारी क यिन ट पाटीर िजसका नाम स की सामािजक-जनवादी मज़दर पाटीर (बो शिवक) था इस जनिवदरोह का नत व लन म सफल नही रही नतीजतन ज़ार की स ा की पतन क बाद एक िमली-जली आरज़ी (अ थायी) सरकार बनी िजसम िक कई पजीवादी व िन न-पजीवादी पािटरया शािमल थी इस आरज़ी बजरआ सरकार न जनता स वायदा िकया िक वह िकसान को ज़मीन दगी और शाित दगी मज़दर को बहतर मज़दरी छोटा

कायरिदवस और टरड यिनयन बनान का काननी अिधकार दगी लिकन इस पजीवादी आरज़ी सरकार न अपन ज यादातर वायद को परा नही िकया उसन घोषणा की िक वह िमतर दश यानी िबरटन फरास और अमिरका स िकय हए अपन वायद को परा करगी और यदध म िह सदारी जारी रखगी साथ ही उसन भिम सधार यानी ज़मीन क िकसान म बटवार क काम को भी सिवधान सभा क बनन और िफर उसक दवारा कानन पािरत िकय जान तक टाल िदया मज़दर और आम महनतकश जनता को ता कािलक तौर पर कछ जनवादी और नागिरक अिधकार ज़ र हािसल हए िजसन की स म वगर सघषर को आग बढ़ान म ता कािलक तौर पर मदद की इतना करना आरज़ी पजीवादी सरकार की मजबरी थी लिकन जो सबस अहम वायद उसन िकय थ यानी ज़मीन और शाित का वायदा उसस वह मकर गयी यदध म स की िह सदारी जारी रहन स दश म अ यव था आिथरक सकट और खादया न सकट बढ़त ही जा रह थ नतीजतन दश म नयी पजीवादी आरज़ी सरकार क िखलाफ जनअस तोष भी बढ़ता जा रहा था दश भर क औदयोिगक क दर म हड़ताल की एक लहर चल पड़ी साथ ही गाव म िकसान का सबर भी टट चका था और उनक बीच भी बगावत क हालात थ कई जगह पर उ ह न भिम सिमितया बनाकर ज़मीन कब ज़ा करना श कर िदया आरज़ी सरकार न कर की नामक एक बजरआ नता की अगवाई म इन मज़दर हड़ताल और िकसान बग़ावत का उसी परकार दमन श कर िदया िजस परकार िक ज़ार की सरकार कर रही थी दश म एक कराि तकारी ि थित िनिमरत हो रही थी और आरज़ी सरकार सलगत हए जनिवदरोह को कचलकर इस कराि तकारी स भावना को कचलन का परयास कर रही थी ऐस म बो शिवक पाटीर क नता लिनन न अपरल म lsquoअपरल थीसीज़rsquo पश की इसम लिनन न बो शिवक पाटीर का आम बग़ावत कर स ा अपन हाथ म लन का आ ान िकया लिनन न बताया िक पजीवादी आरज़ी सरकार बजरआ जनवादी कराि त को परा नही करगी यानी िक वह ज़मीन का बटवारा नही करगी और न ही यदध स िनजात िदलायगी वह मज़दर की भी सभी जनवादी माग को परा नही करन वाली वह जनिवदरोह की आशका को दखत हए सामरा यवाद पजीपित वगर और साथ ही दशी ज़मी दार वगर स समझौत कर रही ह ऐस म अब यह ख़तरा पदा हो गया ह िक यह सरकार परितिकरयावािदय की गोद म बठकर जनवादी कराि त का भी गला घ ट दगी इन हालात म मज़दर वगर को अपनी िहरावल पाटीर यानी बो शिवक पाटीर क नत व म स ा पर क ज़ा करना चािहए और समाजवादी कराि त को अजाम दना चािहए अगर मज़दर वगर न समाजवादी कराि त क कायरभार को अभी त काल

परा नही िकया तो न िसफ़र जनवादी कराि त परी नही हो सकगी बि क उसकी ह या भी हो जायगी लिनन क पर ताव को पहल बो शिवक पाटीर क ही नत वकारी िनकाय न वीकार नही िकया लिकन जस-जस समय बीतता गया बो शिवक पाटीर क नत व की बहसखया लिनन क पर ताव को मानती गयी अ ततः बो शिवक पाटीर की क दरीय कमटी न आम बग़ावत और समाजवादी कराि त क लिनन क पर ताव को वीकार िकया

बो शिवक पाटीर कई वष क वगर सघष म तपी-तपायी पाटीर थी इसन ज़ार की तानाशाही क दौर म मज़दर क कई सघष का नत व िकया था और उनक बीच लगातार मौजद रही थी बो शिवक पाटीर न मज़दर क बीच स सवारिधक उ नत चतना वाल कमरठ और बहादर कायरकतारओ को भतीर िकया था और एक लौह अनशासन वाली और गोपनीय ढाच वाली मज़बत पाटीर का िनमारण िकया था कवल ऐसी पाटीर ही ज़ारशाही और िफर पजीवादी सरकार दवारा िकय जान वाल दमन का मकाबला कर सकती थी और कशलतापवरक मज़दर वगर और आम ग़रीब िकसान आबादी को नत व द सकती थी बो शिवक पाटीर न अपन परचार क दायर म सिनक को भी लाया था जो िक िकसान क ही बट थ सिनक की भारी तादाद ज़मीन और शाि त की माग स पणरतः सहमत थी कवल बो शिवक पाटीर ही एकमातर पाटीर थी जो िक ज़मीन क बटवार और यदध स वापसी क कदम को त काल लाग करन की बात कर रही थी फरवरी 1917 क बाद स ही आम महनतकश जनता म भी यह बात साफ होती जा रही थी िक यिद भिम सधार और शाि त चािहए तो पजीवादी आरज़ी सरकार को उखाड़ फकना ही एकमातर रा ता ह और इस रा त पर जनता को नत व दन को तयार कवल एक ही पाटीर मौजद थीmdashबो शिवक पाटीर ज द ही मज़दर आबादी की भारी बहसखया बो शिवक पाटीर क पकष म खड़ी हो गयी सिनक की सोिवयत म भी बो शिवक पाटीर िनय तरण म आ गयी मज़दर और सिनक की सोिवयत म बो शिवक पाटीर क नत व क कािबज़ होन क साथ बो शिवक पाटीर आम बग़ावत को अजाम दन की ि थित म पहच गयी थी

िकसान क बीच पहल समाजवादी-कराि तकारी पाटीर नामक एक टटपिजया पाटीर का नत व परमख था बो शिवक पाटीर का उनक बीच आधार काफी कम था मगर भिम सधार क मसल पर समाजवादी-कराि तकारी पाटीर भी सिवधान सभा दवारा कानन बनाय जान की बात का समथरन कर रही थी और भिम सधार को टाल जा रही थी िलहाज़ा िकसान की बड़ी आबादी भी ज द ही बो शिवक पाटीर क पकष म आन लगी कय िक कवल बो शिवक पाटीर ही त काल भिम सधार की बात

कर रही थी अब बो शिवक पाटीर स की बहसखयक आम महनतकश

आबादी यानी िक मज़दर वगर व आम िकसान वगर क समथरन को परा कर चकी थी यानी अब बो शिवक पाटीर क पास वह कराि तकारी अनशािसत व ग ढाचा भी था जो कराि त क नत व सचालन क िलए ज़ री था और साथ ही उसक पास यापक जनसमदाय का समथरन भी था उसन नारा िदया lsquoज़मीन शाि त रोटीrsquo यही व चीज़ थी जो िक स की यदध ग़रीबी भखमरी बरोज़गारी और महगाई स तर त और थकी हई जनता को चािहए थी बो शिवक पाटीर न एक कराि तकारी स य कमटी थािपत की इसका सचालन आम बग़ावत क पहल लिनन न वय अपन हाथ म िलया दश भर म मज़दर व सिनक सड़क पर थ और गाव म भी िकसान का िवदरोह उबल रहा था 24 अकटबर की शाम स ही बो शिवक पाटीर क नत व म कराि तकारी सिनक व मज़दर न पजीवादी स ा क सभी अग पर क ज़ा करना श कर िदया सभी पो टल व टलीगराफ द तर स य मखयालय पिलस मखयालय बक पोटर रलव टशन पर बो शिवक न अपना िनय तरण कायम कर िलया गया पजीवादी स ा िजन अग स काम करती ह उ ह अब लकवा मार चका था और समची पजीवादी रा यस ा पणरतः असहाय थी इसक बाद 25 अकटबर को स म रा यस ा क परतीक शीत परासाद म बठ आरज़ी सरकार क मि तरय को आ मसमपरण करन का अ टीमटम िदया गया अ टीमटम परा होन स पहल आ मसमपरण न होन पर बो शिवक सिनक न धावा बोला और बहत थोड़ परितरोध क बाद ही िवजय हािसल कर ली गयी और इस तरह स स क परान कल डर क अनसार 25 अकटबर (7 नव बर) को बो शिवक पाटीर क नत व दिनया की पहली सफल समाजवादी मज़दर कराि त हई सम त शिकत मज़दर और सिनक की सोिवयत को स प दी गयी कराि त क त काल बाद भिम स ब धी आजञि पािरत हई और भिम सधार की श आत कर दी गयी दसरी आजञि यदध स वापसी की आजञि थी समाजवादी कराि त न व दोन परमख माग त काल परी कर दी िज ह पजीवादी आरज़ी सरकार आठ माह म परा नही कर सकी थी कराि त क बाद स न सामरा यवादी यदध स अपन हाथ खीच िलए और 1918 का म य आत-आत स इस िवनाशकारी यदध स परी तरह

बाहर आ चका था हालािक अब स की मज़दर स ा

को परितिकरयावादी कलक व ज़मी दार की बग़ावत और सामरा यवादी ह तकषप का मकाबला कर कराि त को बचान क िलए एक तीन वष क गहयदध म उतरना पड़ा लिकन यह कोई सामरा यवादी यदध नही था जो िक मनाफ़ की लट म िह सदारी क िलए लड़ा गया हो इस

(पज 1 स आग)

8 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

(पज 9 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

गहयदध म मज़दर व सिनक न िकसान क समथरन क बल पर तीन वष म ज़मी दार की बग़ावत को परा त िकया और साथ ही चौदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी हरा िदया 1921 आत-आत कराि तकारी समाजवादी स गहयदध म िवजयी हो चका था और

वहा मज़दर स ा स ढ़ीकत हो चकी थी इसक बाद अगल करीब साढ़ तीन दशक म स की महनतकश जनता न स म समाजवादी यव था का िनमारण

िकया सार कल-कारख़ान खान -खदान का रा टरीकरण कर िदया गया सार बक का रा टरीकरण कर िदया गया रा यस ा पर अपनी कराि तकारी पाटीर बो शिवक पाटीर क नत व म अब मज़दर वगर कािबज़ था इसिलए अब इन सार ससाधान का वामी साझा तौर पर दश का मज़दर वगर और ग़रीब िकसान जनता थी 1917 म जो बजरआ भिम सधार लाग िकय गय उसस अलग-अलग िकसान िनजी तौर पर ज़मीन क मािलक बन लिकन 1931 स 1936 क बीच सोिवयत सघ म ज़मीन म भी िनजी मािलकाना समा कर िदया गया और साझी खती की यव था थािपत की गयी 1930 क दशक म ही सोिवयत स का अभतपवर गित स उदयोगीकरण

हआ िजसस िक वह कछ ही समय म दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया इस पमान पर उदयोग खड़ करन म दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत अमिरका को करीब डढ़ सौ साल लग थ लिकन स न यह कायर मज़दर शिकत क बत पर डढ़ दशक म ही कर िदखाया पर दश म साकषरता का तर 100 परितशत क करीब पहचन लगा मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त सधार हआ भखमरी और बरोज़गारी परी तरह समा कर िदय गय स औरत को वोट दन का अिधकार

दन वाला पहला बड़ा दश बना ( स स पहल यज़ील ड म मिहलाओ को वोट दन का अिधकार िमला था| सािवरक मतािधकार स च तौर पर पहली बार िबना िलग या स पि की शतर क स म ही लाग हआ सोिवयत सघ न सभी दिमत रा टरीयताओ व जातीय समह को पहली बार सामरा यवादी दमन स मकत िकया और उ ह आ मिनणरय का अिधकार िदया य सभी दिमत रा टरीयताए समाजवादी परयोग म बराबरी की िह सदार बनी और हीनता क ब को हमशा क िलए अपन माथ स िमटा िदया सोिवयत सघ क समाज स व यावि परी तरह समा हो गयी हर आिथरक मामल म स परी तरह अपन पर पर खड़ा हो गया और यह सारा चम कार स क मज़दर वगर न िहटलर की ना सी सना को हरात हए िदवतीय िव यदध म दो करोड़ लोग की कबारनी दत हए और पर सामरा यवादी-पजीवादी िव की सािज़श और तोड़-फोड़ क परयास क बावजद िकया 1953 म तािलन की म य क बाद बो शिवक

पाटीर क नत व पर सशोधनवािदय का क ज़ा हो गया इसका कारण स म समाजवादी परयोग क दौरान हई कछ भल और ग़लितया थी िजन पर इस शता दी वषर क दौरान हम lsquoमज़दर िबगलrsquo म िव तार म िलखग लिकन यह कोई आ यर की बात नही थी िक स क समाजवादी परयोग को अमली

जामा पहनान म वहा की मज़दर स ा और मज़दर वगर की पाटीर स ग़लितया हई यह एक नय िक म का और अभतपवर परयोग था यह एक नय िक म की रा यस ा थी पहली बार शोषक अ पसखया पर शोिषत बहसखया की तानाशाही और सवरहारा जनवाद कायम िकया गया था हर नय परयोग क समान इसम भी ग़लितया होना लािज़मी था यह पहली मज़दर कराि त थी इसक दवारा खड़ िकय गय समाजवादी परयोग क करीब चार दशक बाद असफल हो जान पर कोई भी ऐितहािसक नज़िरया रखन वाला ता जब नही करगा ता जब इस बात पर ज़ र होता ह िक चार दशक क परयोग म ही समाजवादी सोिवयत सघ न वह सबकछ कर िदखाया जो पजीवाद अपन तीन सौ क वष क इितहास म नही कर पाया हालािक lsquoसमानता वत तरता और भरात वrsquo का नारा उसी न िदया था चार दशक क भीतर ही सोिवयत सघ म समाजवादी परयोग न आन वाली बहतर दिनया की एक झलक िदखला दी उसन िदखला िदया िक पजी का शासन अजर-अमर नही ह पजीवादी मानवता क िलए सबस बहतर यव था नही ह पजीवाद lsquoइितहास का अ तrsquo नही ह अकटबर कराि त न िदखला िदया िक इसस बहतर दिनया स भव ह और वह बहतर दिनया सवरहारा वगर ही बना सकता ह

आज तमाम मज़दर इस महान परयोग क बार म जानत ही नही ह कारण यह ह िक पजीवादी अखबार समाचार चनल िफ म और समचा िशकषा त तर कभी भी हम इसक बार म नही बताता हम कवल इसकी lsquoअसफलताrsquo क बार म बताया जाता ह हम इसक बार म द परचार सनाया जाता ह दसर श द म अकटबर कराि त को पजीवादी शासक वगर न जानबझकर िव मित क अ धर म धकलन की लगातार कोिशश की ह तािक आज का मज़दर वगर अपन परख क इस महान परयोग स सीख और पररणा न ल सक व हमशा हीनताबोध और आ मिव ास क अभाव म िजय अपनी गौरवशाली और महान िवरासत स विचत मज़दर वगर भिव य क सघष क िलए भी आ मिव ास और आि मक बल नही जटा सकता ह यही कारण ह िक अकटबर कराि त की मित स शासक वगर घबराता और लगातार उस पर राख और धल की परत चढ़ान का परयास करता रहता ह ऐस म हम इस महान मज़दर कराि त क

ऐितहािसक और अ तररा टरीय मह व को समझन की आज िश त स ज़ रत ह तािक उसस हम भावी सघष क िलए पररणा और शिकत ल सक

अकटबर करािनत का महान ऐितहािसक यगानतरकारी और अनतरराषटरीय महतवमहान अकटबर कराि त का

ऐितहािसक मह व अभतपवर और अिदवतीय ह मानव इितहास म पहल भी कराि तया और जनिवदरोह हए ह आज स करीब 2090 साल पहल रोम म गलाम न बग़ावत की गलाम की बग़ावत क कारण दास परथा कमज़ोर हई और िफर टटी दास वािमय का शासन ख़ म हआ तो ज़मी दार व साम त का शासन आया यह पहल की दास यव था स बहतर यव था थी पहल दास को lsquoबोलन वाला औज़ारrsquo कहा जाता था दास- वामी उ ह अपन मनोरजन क िलए आपस म तब तक लड़वात थ जब तक िक व मर नही जात थ उनस तब तक काम करवाया जाता था जब तक िक व िगरकर बहोश नही हो जात थ दास को मन य ही नही माना जाता था लिकन साम ती यव था क तहत भदास की ि थित इसस बहतर थी इस प म साम ती यव था मानव इितहास म एक अगला कदम थी लिकन यह भी भदास और िकसान क अमानवीय शोषण पर आधािरत यव था थी भदास की अपनी कोई राजनीितक वत तरता नही थी व ज़मीन क साथ बध हए थ उ ह साम त की ज़मीन पर कमर-तोड़ काम करना पड़ता था और बदल म उ ह जीन भर की खराक िमलती थी िकसान को भी लगान क प म साम त की ज़मीन पर बगार करना पड़ता था या िफर फसल या नकदी क प म भारी लगान चकाना पड़ता था आग चलकर दिनया भर म साम ती यव था क िव दध िकसान न बग़ावत की इन बग़ावत स साम ती यव था म दरार पड़ी आग चलकर उदीयमान कराि तकारी बजरआ वगर न िकसान और द तकार व कारीगर को साथ लकर साम त क िव दध जनवादी कराि तया की कय िक साम ती यव था क तहत उसका आिथरक िवकास और राजनीितक स ा भी स भव नही थी

इन जनवादी कराि तय क फल व प पजीपित वगर स ा म आया और उसन पजीवादी लोकत तर (जनवाद) की थापना की इस यव था म पजीपित वगर शािसत व शोिषत मज़दर व आम महनतकश वगर स शासन करन की lsquoसहमितrsquo लता ह यह lsquoसहमितrsquo चनाव क ज़िरय ली जाती ह इसस यापक महनतकश अवाम म यह भरम पदा होता िक पजीवादी सरकार को उसन ही चना ह लिकन वा तव म यह lsquoसहमितrsquo पजीपित वगर अपन मीिडया िशकषा त तर व अ य राजकीय उपकरण दवारा राय बनाकर िनिमरत

करता ह ठीक उसी परकार जस िपछल लोकसभा चनाव म परचार पर दस हज़ार करोड़ पय ख़चर करक टाटा अ बानी व अडानी सरीख पजीपितय न नर दर मोदी को परधानम तरी बनान क िलए पर समाज म राय का िनमारण िकया था बहरहाल इस परकार पजीवादी जनवाद क प म पहली बार एक ऐसी शोषक स ा आयी जो िक कम-स-कम ऊपरी तौर पर lsquoसहमितrsquo लकर शोिषत क ऊपर शासन करती ह और इसम शासक वगर क शासन को सही ठहरान का कायर पर यकष प स धमर क दवारा या िकसी िद यता क िसदधा त दवारा नही होता इस प म पजीवाद अपन पवरवतीर वगर समाज यानी दास यव था और साम ती यव था स िभ न ह लिकन एक मायन म वह उनक समान भी ह पजीवाद म भी शोिषत बहसखया क ऊपर एक शोषक अ पसखयक वगर की तानाशाही होती ह पजीवादी जनवाद का यही अथर होता हmdash- बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश आबादी पर पजीपितय की तानाशाही इस तानाशाही को पजीपितय की कौन सी पाटीर सचािलत करगी बस इसी का फसला पजीवादी चनाव म होता ह नागनाथ चल जात ह सापनाथ आ जात ह सकषप म यह िक अकटबर कराि त क पहल तक सभी कराि तय या िवदरोह क बाद जो स ा अि त व म आयी वह िकसी न िकसी शोषक अ पसखया क शोिषत बहसखया पर शासन का परितिनिध व करती थी दास यव था बहसखयक दास आबादी व आम महनतकश आबादी पर अ पसखयक दास वािमय क शासन का साम ती यव था बहसखयक भदास िकसान व द तकार आबादी पर अ पसखयक साम ती राज-रजवाड़ क शासक का और पजीवादी यव था बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश जनता पर अ पसखयक पजीपित वगर क शासन का परितिनिध व करती ह अकटबर कराि त न पहली बार एक ऐसी स ा की थापना की िजसम िक शोषक अ पसखयक क ऊपर शोिषत बहसखयक की स ा कायम की गयी इस प म अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक नय यग की श आत की यह नया यग ह समाजवादी सकरमण का दीघरकािलक ऐितहािसक यग यह लािज़मी था िक इस ल ब दौर म दिनया म अलग-अलग दश म मज़दर वगर समाजवाद क कई असफल परयोग कर बीसवी सदी म मज़दर वगर न अलग-अलग दश म समाजवाद क कई परयोग िकय भी जो महान उपलि धया हािसल करन क बाद असफल हो गय स म चीन म पवीर यरोप म िवयतनाम म लिकन इन परयोग म सी अकटबर कराि त का िविश थान ह कय िक उसन ही इस िसलिसल की श आत की और दिनया की पहली समाजवादी मज़दर स ा की थापना की

अकटबर कराि त न बजरआ कराि त क भी उन कायरभार को सवारिधक कराि तकारी प म और पणरता क साथ परा िकया िज ह वय बजरआ वगर न कभी परा नही िकया सबस आमलगामी बजरआ कराि तय न भी भिम सधार और जनवादी अिधकार दन क वायद को उस ईमानदारी और आमलगािमता क साथ परा नही िकया िजसक साथ अकटबर कराि त न िकया अकटबर कराि त न ह त भर म ही वह कर िदखाया जो िक बजरआ वगर न अपन तमाम वायद क बावजद दो सौ साल म नही िकया था लिनन न इसीिलए अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर िदय एक भाषण म कहा था िक स की िविश पिरि थितय म समाजवादी कराि त न बजरआ वगर दवारा ही जनवादी कराि त की ह या को रोका समाजवादी कराि त न मज़दर वगर क हाथ म स ा स पन और समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़न स पहल छट-फटक बजरआ जनवादी कायरभार को भी परा िकया स म एक िविश पिरि थित म सवरहारा वगर को इितहास न मजबर कर िदया था िक वह स ा त काल अपन हाथ म ल जसा िक लिनन न वय कहा था िक अकटबर कराि त का समय हमन अपनी इ छा स नही तय िकया था िदवतीय िव यदध पिरणामतः पदा हए आिथरक सकट खादया न सकट दश भर म मज़दर हड़ताल और कारख़ाना क ज़ा की लहर सोिवयत क वतः पफतर प स जाग उठन और भिम कमिटय दवारा ज़मीन क ज़ा करन क आ दोलन क कारण पदा हई िविश पिरि थितय न सवरहारा वगर और उसकी िहरावल पाटीर क समकष समय स पहल ही ऐसी ि थित पदा कर दी िजसम उसक सामन दो ही िवक प मौजद थः या तो स ा पर क ज़ा करक समाजवादी कराि त की जाय और बजरआ जनवादी कराि त क उन अधर वायद को परा िकया जाय िज ह परा करन स वय बजरआ वगर मकर गया था या िफर सवरहारा वगर और उसकी िहरावल बो शिवक पाटीर बजरआ वगर परितिकरयावादी कलक व भ वामी वगर तथा राजत तरशाही क बच हए परितिकरयावादी त व क गठब धन को यह इजाज़त द िक वह जनवादी कराि त का गला घ टन क साथ ही मज़दर वगर को lsquoइितहास क रगमच स कई दशक क िलए उठाकर बाहर फक दrsquo लिनन का यह म याकन िब कल द त िनकला यिद उस समय मज़दर वगर न स ा अपन हाथ म न ली होती तो सामरा यवाद सी पजीपित वगर और भ वामी वगर न

िमलकर सी जनवादी कराि त का भी गला घ ट िदया होता इस परकार स की िविश पिरि थित म मज़दर वगर दवारा की गयी समाजवादी कराि त न जनवादी कराि त की ह या को भी रोका और

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 9

(पज 10 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण(पज 8 स आग)

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 4: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

4 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

लिधयाना स तीन िरपोटरकारख़ान म हादस म मार गय मज़दर को मआवज़ा िदलान क िलए टकसटाईल-हौज़री कामगार यिनयन क नततव म सघषर

19 िसत बर 2016 की शाम 6 बज महाजन टकसटाइल (महरबान लिधयाना) म दव बहादर नाम क एक मज़दर की पावरलम मशीन पर स उस समय िगरकर मौकत हो गयी जब वह मशीन पर िडजाइन चन चढ़ा रहा था यह काम दो या तीन मज़दर क बस का था लिकन उस अकल को ही यह काम करना पड़ रहा था कारखान म मज़दर की िज दिगय क साथ िजस तरह िखलवाड़ िकया जा रहा ह उनकी लट-खसोट हो रही ह यह इसका एक और उदाहरण ह पजीपितय दवारा अ य सार म क़ानन सिहत सरकषा क इ तज़ाम की सरआम धि जया उड़ाय जान क कारण भयकर हालात पदा हो गय ह मज़दर क साथ रोज़ाना हादस हो रह ह मज़दर अपािहज हो रह ह उनक पिरवार तबाह बरबाद हो रह ह सरकार म िवभाग पिलस परशासन मज़दर की बाज पकड़न क िलए तयार नही ह मज़दर को खद ही लड़ना होगा

दव बहादर मल प स नपाल का रहन वाला था बीस वषर पहल वह लिधयाना म मज़दरी करन क िलए आया इस समय वह अपनी बीवी तीन वषर स लकर बारह वषर की उमर क पाच ब च क साथ िकराय क कमर म रह रहा था दो ब च गग ह सबस बड़ी लड़की का िदमागी सतलन भी ठीक नही ह ऐसी हालत म दव बहादर की मौत स इस ग़रीब पिरवार पर मसीबत का पहाड़ टट पड़ा ह मािलक पिरवार को महज़ कछ हज़ार पय दकर पीछा छड़ान की कोिशश म था लिकन टकसटाईल हौज़री कामगार यिनयन क नत व म सकड़ मज़दर तीन िदन तक िदहािड़या छोड़कर पीिड़त पिरवार क साथ खड़ रह

कई कारखान क मज़दर हड़ताल करक धरन-परदशरन म शािमल हए लिधयाना म िकसी कारखान म हादसा होन पर मज़दर क मार जान पर आम तौर पर मािलक पिलस व म िवभाग क अफसर स िमलीभगत स दलाल की मदद स पीिड़त पिरवार को 20-25 हज़ार दकर मामला रफा दफा करन म कामयाब हो जात ह लिकन जब

मज़दर एकजट होकर लड़त ह तो उ ह अिधक मआवजा दना पड़ता ह इस मामल म भी मािलक न यही कोिशश की लिकन टकसटाईल हौज़री कामगार यिनयन क नत व म एकजट हए मज़दर न पिलस और मािलक को एक हद तक झकन क िलए मज़बर कर िदया पिलस को मािलक को िहरासत म लन पर मज़बर होना पड़ा मािलक को पीिड़त पिरवार को दो लाख पय मआवजा दना पड़ा

लिधयाना म lsquoसतरी मज़दर सगठनrsquo की शरआत

2 अकटबर 2016 को मज़दर प तकालय लिधयाना म ि य की एक मीिटग हई इस मीिटग म समाज म ि य की बरी हालत क बार म और इस हालत को बदलन क िलए ि य को जाग क व सगिठत करन की ज़ रत क बार म बातचीत की गयी मज़दर ि य की हालत और भी बरी ह घर और बाहर दोन जगह पर ी मज़दर को बहद भयकर हालात का सामना करना पड़ता ह मद क बराबर या अिधक काम करन क बावजद भी उ ह प ष मज़दर स कम वतन िमलता ह उनक िलए कारखान व अ य कायर थल पर आव यक सहलत की भी कमी ह व अपन अिधकार क िलए जाग क भी नही ह िजसक चलत व रोज़मरार अनक मसीबत का सामना करती ह जहा एक तरफ उनक म की लट होती ह और उ ह छड़छाड़ ग दी श दावली व गाली गालौज भी सहना पड़ता ह उ ह बला कार जस अपराध का बड़ तर पर सामना करना पड़ रहा ह प ष परधान मानिसकता न उ ह दसर दजर की नागिरक प ष की गलाम बनाकर रखा हआ ह हर रोज़ ी िवरोधी अपराध बढ़त जा रह ह िफ म नाटक गीत िवजञापन

आिद म ि य को व त क प म पश िकया जाता ह ि य को पजीवादी लट क िख़ लाफ़ लड़ना होगा लट

आधािरत समाज की प ष परधान मानिसकता स लड़ना होगा ी होन क कारण उनक साथ क़दम क़दम पर होन वाली धककीशाही क िख़ लाफ़ जाग क और सगिठत होना होगा यह ठीक ह िक मज़दर ि य को प ष मज़दर क कध स कधा जोड़कर पजीवादी लट क िख़ लाफ़ लड़ना ह लिकन मज़दर ि य को उनक अिधकार क िलए ज़ री तौर पर जाग क और सगिठत करन क िलए मज़दर ि य क

अलग सगठन बनान ह ग इस िवचार चचार क बाद लिधयाना म lsquo ी मज़दर सगठनrsquo

की श आत का फ़सला िकया गया सयोजक का कायरभार साथी बलजीत को स पा गया

शहीद-ए-आज़म क जनमिदवस पर लिधयाना म मज़दर सगठनो दवारा जाितवाद िवरोधी अिभयानशहीद भगतिसह क ज मिदवस पर इस बार टकसटाईल हौजरी

कामगार यिनयन व कारखाना मज़दर यिनयन दवारा 25 स 28 िसत बर तक लिधयाना म जाितवाद िवरोधी अिभयान चलाया गया इस अिभयान क तहत यिनयन दवारा एक पचार जारी िकया गया िविभ न इलाक म नककड़ सभाए व पदल माचर आयोिजत िकए गय 28 िसत बर को मज़दर प तकालय ताजपर रोड लिधयाना पर जाितवाद क बार म मशी परमचद की कहानी पर आधािरत िफ म lsquoसदगितrsquo िदखायी गयी और िवचार-चचार आयोिजत की गयी अिभयान क दौरान वकताओ न कहा िक शहीद भगतिसह और उनक सािथय की लड़ाई िसफ़र अगरज हकमत क िख़ लाफ़ नही थी बि क मन य क हाथ मन य क हर तरह क शोषण क िख़ लाफ़ थी आज भी हमार समाज म यह लट जारी ह िजस ख़त म करन की िज़ मदारी हर इसाफपसद यिकत क कध पर ह ढाई हज़ार साल स ज़ारी जाितवाद आज भी हमार समाज म कोढ़ की तरह मौजद ह आज भी जाित आधािरत म िवभाजन जारी ह ग दगी साफ करन मला ढोन का काम दिलत

जाितय क लोग को ही करना पड़ता ह आज शहीद भगतिसह का ज मिदन मनाना व उ ह दधाजिल दना उनक िवचार को अपनात हए जाितवाद सिहत हर तरह की लट दमन अ याय क िख़ लाफ़ आवाज़ बल द करक ही सािथरक हो सकता ह

- िबगल सवाददाता

िबगल मज़दर द ता दवारा डा अ बडकर धमरशाला लिधयाना म lsquoजाितवाद की सम या व इसका समाधानrsquo पर आयोिजत िवचार गो ी म lsquoमज़दर िबगलrsquo क स पादक साथी सखिव दर न मखय वकता क तौर पर बात रखी उ ह न कहा िक लगभग ढाई हज़ार साल पहल श हआ जाित आधािरत भदभाव लट दमन आज भी भारतीय समाज क िलए एक ग भीर सम या बना हआ ह मौजदा जाितवादी यव था पजीवादी यव था की सवा कर रही ह और यह पजीवादी जाितवादी यव था ह जाितवाद क तीन त भ ह- दजारब दी काम आधािरत िवभाजन और जाित क भीतर िववाह इनम स मखय प स आज तीसरा त भ ही बचा हआ ह जो िक पजीवादी यव था क अनकल ह

सखिव दर न कहा िक बहत स लोग भारत पर अगरज़ी हकमत की परशसा करत हए दावा करत ह िक इसक कारण जाित यव था ख़त म हो रही थी उ ह न कहा िक वा तिवक त य इसक िवपरीत ह भारत क उपिनवश बन जान स साम ती यव था की उमर ल बी हई इसक कारण जाित यव था भी बची

रही अगर भारत उपिनवश न बनता तो यहा वाभािवक तौर पर जो पजीवादी िवकास होता उसन जाित यव था पर बड़ी चोट होती

सखिव दर न कहा िक जाितवाद क ख़ा म का रा ता िसफ़र माकसरवाद क पास ह माकसरवाद और अ बडकरवाद को आपस म िमलान की कोिशश बबिनयाद ह इनका फ़ायदा नही बि क नकसान ही हो रहा ह जय भीम लाल सलाम का नारा एक ग़लत नारा ह डा अ बडकर न जातीय उत पीड़न क म को उभारन म अहम भिमका िनभायी लिकन उनक पास जाित यव था क ख़ा म का कोई रा ता नही था व भाववादी दशरन और पजीवादी अथरशा व राजनीित क परोकार थ डा अ बडकर न lsquoजाित का उ मलनrsquo लख म खद ही कहा ह िक जाित का ख़ा मा नही हो सकता साथी सखिव दर न कहा िक अतीत म जाितवाद की सम या को समझन म भारतीय क यिन ट की कमज़ोरी रही ह (कई अ य बिनयादी सवाल को समझन की तरह) लिकन क यिन ट ही ह िज ह न जाितवाद क िख़ लाफ़ सबस अिधक सघषर िकया ह बिमसाल लड़ाइया लड़ी ह कबारिनया की ह

जाितवाद क िख़ लाफ़ कभी ना लड़न का दोष लगात हए जो लोग क यिन ट क िख़ लाफ़ क सापरचार कर रह ह व परी तरह ग़लत ह सखिव दर न कहा िक जाितवाद का मक मल ख़ा मा िनजी स पि क अ त क साथ ही हो सकता ह लिकन इसका मतलब यह नही ह िक आज हाथ पर हाथ धर बठा रहा जाय अगर आज जाितवाद क िख़ लाफ़ हम सघषर नही करत तो कभी भी जनता को पजीवादी यव था क िख़ लाफ़ कराि तकारी सघषर क िलए एकजट नही कर पायग हम जाित-आधािरत लट दमन अ याय भदभाव क िख़ लाफ़ ज़ोरदार सघषर करना चािहए जनता

को जाितवादी म य-मा यताओ स स ब ध िव छद क िलए परिरत करना चािहए क यिन ट कराि तकािरय को जाितवादी म य-मा यताओ स स ब ध िव छद करन का उसल स ती स िनजी जीवन म लाग करना चािहए जो िक क यिन ट आ दोलन की एक बड़ी कमी रही ह उ ह न कहा िक हम जाित आधािरत सगठन नही बनान चािहए लिकन जाितवाद िवरोधी सगठन ज़ र बनान चािहए िजनम सभी जाितय क जाितवाद िवरोधी यिकत शािमल ह दिलतवादी सगठन क साथ िमलकर म ा आधािरत सघषर िकय जा सकत ह अ तरजातीय परम िववाह का

परज़ोर समथरन िकया जाना चािहए अ तरजातीय िववाह जाित यव था पर करारी चोट करत ह

साथी सखिव दर क बाद रामसवक छोटलाल िनभरय रिज दर जि डयाली तलसी परसाद म तराम राज दर सनील िसह घन याम लककी जसपरीत व अ य सािथय न इस िवषय पर अपनी बात रखी और सवाल-जवाब म िह सदारी की मच सचालन लखिव दर न िकया इस अवसर पर जनचतना दवारा कराि तकारी-परगितशील सािह य की परदशरनी भी लगाई गयी

mdash िबगल सवाददाता

lsquoजाितवाद की समसया व इसका समाधानrsquo िवषय पर िवचार गोषठीजाितवाद क िख़ लाफ़ सघषर िकय िबना जनता को पजीवादी वयवसथा क िख़ लाफ़ करािनतकारी सघषर क

िलए एकजट नही िकया जा सकता

महारा टर म िपछल कछ ह त स लगातार दिलत क िव दध एक िहसक वातावरण तयार िकया जा रहा ह इसकी श आत अहमदनगर क कोपडीर म एक लड़की क बला कार क बाद स हई इस बला कार काण ड क आरोपी दिलत थ इसी बहान सभी मखय चनावी पािटरय व सगठन न ज़मीनी तर पर मराठा आबादी को सगिठत करना श िकया व बरोज़गारी व खती क सकट स बदहाल मराठा आबादी अजाजजा अ याचार िवरोधी क़ानन को र करन व अपन िलए आरकषण की माग को लकर शहर-शहर म सड़क पर उतरन लगी इस आ दोलन को मराठा मक मोचार का नाम तो िदया गया पर इसकी हकीकत ज दी ही नािशक म सामन आ गयी एक नाबािलग लड़की क साथ छड़छाड़ क मामल को लकर दिलत बि तय को चन चनकर टागरट िकया गया वाहन पर टीकर दख-दखकर जलाया गया आठ गाव म दिलत क िव दध बड़ पमान पर िहसा हई िजसम 30 स यादा लोग घायल हए कई ग भीर प स घायल लोग अभी भी म बई व नािशक क अ पताल म भतीर ह इस पर मसल पर पिलस व परशासन मकदशरक बना रहा रा य क मखयमतरी दव दर फडनवीस को नरन दर महाराज क ज मिदन म जान का

समय िमल गया पर घायल स िमलन का नही उल टा उ ह न य कहकर िक ldquoधमरस ा रा यस ा स बढ़कर ह व उसकी मागरदशरक हrdquo बतला िदया िक वो जाित यव था क िकतन बड़ समथरक ह

इसी घटना क िवरोध म 17 अकटबर को अिखल भारतीय जाित िवरोधी मच व नौजवान भारत सभा न ल ल भाई क पाउड मानखदर क मखय चौक पर एक िनषध सभा का आयोजन िकया सभा क दौरान अभाजािवम क बबन ठोक न बात रखत हए कहा िक य मराठा मक मोचार खती क बढ़त सकट व पजीवादी आिथरक सकट स जन मी बरोज़गारी का नतीजा ह मराठा यवाओ की एक बड़ी आबादी आज बरोज़गार घम रही ह व उस इस बात पर बरगलाना बहत आसान ह िक उनकी िह स की नौकिरया दिलत ल जा रह ह हकीकत असल म उल टी ह मराठा ग़रीब आबादी (खित हर मज़दर छोट िकसान आिद) व ग़रीब दिलत आबादी दोन को ही आज गाव क सम प न मराठा िकसान व उदयोगपित लट रह ह साथ ही सरकारी नीितय क कारण लगातार बरोज़गारी बढ़ी ह इस पिरि थित स उपज ग़ स को ही आज सभी चनावी पािटरया भना रही ह व पर महारा टर म हर िजल म मराठा आबादी

क लाख की सखया म मोचर िनकाल जा रह ह नािशक व पण म हई िहसा सतह क नीच िकय जा रह कखयात परचार का ही नतीजा ह

नौजवान भारत सभा क नारायण खराड न कहा िक दिलत अ याचार िवरोधी क़ानन म सशोधन की माग करन वाल की असली मशा समझन की ज़ रत ह आज महारा टर क हर िजल म दिलत क िव दध भयकर अ याचार अजाम िदय जा रह ह व ऐस यादातर कस म अ याचार िवरोधी क़ानन क तहत मामला दजर होन क बावजद भी सज़ा की दर काफी कम (दोष िसिदध दर

10 परितशत स भी कम) रहती ह ऐस म इस क़ानन को और यादा परभावी बनान की ज़ रत ह नारायण न बात रखत हए कहा िक आज मराठा यवाओ को भी इस चीज़ को समझन की ज़ रत ह िक उनक असली दश मन दिलत नही बि क अमीर िकसान व उदयोगपित ह जो सबको लट रह ह महारा टर म ही नही बि क पर दश म इस समय अमीर की एक छोटी सी आबादी बहसखयक जनता को लट रही ह व उसका यान बटान क िलए जाित धमर कषतर क झगड खड़ कर रही ह आज अगर हम य चीज़ नही समझग तो कल बहत दर हो

जायगी आज य िजस मराठा आकरोश को दिलत क िव दध खड़ा कर रह ह कल को वो इस मसलमान क िव दध भी इ तमाल करग मज़दर आ दोलन क िव दध भी इ तमाल करग इसिलए हम आज ग़रीब महनतकश जनता को उसकी अि मताओ क आधार पर नही बि क वगीरय आधार पर एकजट करना होगा जाित क िव दध आ दोलन भी वगीरय गोलब दी क साथ ही खड़ा िकया जा सकता ह

mdash िबगल सवाददाता

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 5

अमिरकी रा टरपित चनाव म घोर न लवादी ी-िवरोधी परवासी-िवरोधी मि लम-िवरोधी और लम पट डोना ड टर प की जीत स वहा का उदारवादी तबका सदम म ह ग़ौरतलब ह िक अमिरका का उदारवादी तबका वहा का कॉरपोरट मीिडया और पजीपित वगर का बड़ा िह सा भी िहलरी िकलटन की जीत पर दाव लगा रहा था और अमिरका की पहली मिहला रा टरपित बनन की घोषणा का बसबरी स इ तज़ार कर रहा था लिकन टर प जस फ़ािस ट परवि क ल पट यिकत क रा टरपित चन जान स िव -पजीवाद क िसरमौर क मह स भी उदारवादी मखौटा उतर गया ह और उसका िघनौना चहरा सामन आ गया ह यह एक बहत बड़ी िवड बना ह िक टर प की यह जीत ढाचागत सकट की िशकार पजीवादी यव था क ख़ िलाफ़ अमिरका की जनता क ग़ स और बजरआ लोकततर क दायर क भीतर उसकी लाचारी की भी अिभ यिकत ह टर प की यह जीत 2007 स जारी िव यापी म दी क दौर म दिनया क तमाम दश म धर-दिकषणपथी और फ़ािस ट ताक़त क उभार क आम झान क ही अन प ह कई िव षक टर प की इस जीत

क िलए अमिरकी समाज म या न लवादी और ी-िवरोधी मानिसकता को िज मदार मान रह ह अमिरकी समाज म पठी न लवादी और ी-

िवरोधी मानिसकता स इनकार तो हरिगज़ नही िकया जा सकता लिकन ऐस िवश लषण स हम यह नही समझ सकत िक टर प जस ल पट यिकत की रा टरपित क प म वीकायरता मौजदा दौर म ही कय बढ़ी इस सवाल का जवाब हम वगर-िव षण क माकसरवादी उपकरण क इ तमाल स ही िमल सकता ह

ग़ौरतलब ह िक 2007 म अमिरका म आवासीय बलबल क फटन क साथ श हई िव यापी महाम दी अभी तक जारी ह जब यह म दी श हई थी तब अमिरका म िरपि लकन पाटीर का जाजर बश रा टरपित था 2008 क रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता न िरपि लकन पाटीर को खािरज कर डमोकरिटक पाटीर क बराक ओबामा को इस उ मीद म रा टरपित चना था िक उसकी नीितया म दी स उबारगी लिकन ओबामा क दो कायरकाल परा होन पर भी अमिरकी अथर यव था म दी क भवरजाल स बाहर नही िनकल पायी ह ओबामा न जनता की गाढ़ी कमाई स कई िटरिलयन डॉलर क बलआउट पकज दकर बक और िवत तीय महापरभओ को जीवनदान िदया िजसका फ़ायदा बक और कम पिनय क शीषर अिधकािरय को हआ लिकन आम लोग की ज़ िन दगी की परशािनया बढ़ती ही गयी अमिरका म रोज़गार क नय अवसर नही पदा हो रह ह और िपछल आठ वष क दौरान

मज़दर वगर क साथ ही साथ टटपिजया म य वगर की भी आमदनी और करयशिकत म तज़ी स िगरावट दखन म आयी ह इसका नतीजा अमिरकी समाज म आिथरक असमानता की खाई क चौड़ा होन क प म सामन आया इस घोर आिथरक असमानता की अिभ यिकत िन न-बजरआ वगर क नत व म चल lsquoऑक यपाई वॉल टरीटrsquo आ दोलन म भी हई थी िजसका िनशाना कॉरपोरट पजी थी 2012 क रा टरपित चनाव म हालािक ओबामा को जीत हािसल हई लिकन उस 2008 क मकाबल बहत कम वोट िमल थ जो डमोकरिटक पाटीर की घटती लोकिपरयता का ही सकत था

अमिरका का बजरआ लोकततर वहा क लोग को रा टरपित चनन का जो अिधकार दता ह उसका इ तमाल करक यादा स यादा लोग यह कर सकत ह िक बजरआ वगर क एक नमाइ द स तर त आकर बजरआ वगर क दसर नमाइ द को चन ल इस बार क अमिरकी रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता का ग़ सा डमोकरिटक पाटीर ही नही बि क पर बजरआ लोकततर क ख़ िलाफ़ दखन म आया यह इस बात स समझा जा सकता ह िक इस बार क चनाव म 45 परितशत मतदाताओ न िकसी भी उ मीदवार क पकष म वोट नही डाला िहलरी िकलटन और डोना ड टर प दोन को महज़ 25 परितशत क आसपास ही वोट िमल िव कॉि सन

पि सलविनया और िमशीगन जस रा य जो कभी डमोकरिटक पाटीर क गढ़ हआ करत थ उनम मज़दर वगर का ग़ सा िहलरी िकलटन और डमोकरिटक पाटीर पर फटा िजसका लाभ डोना ड टर प को िमला हालािक टर प खद एक पजीपित और धनपश ह लिकन उसन आिथरक मि कल स जझ रह अमिरकी म यवगर और मज़दर वगर क ग़ स को अपनी स ती लोकरजक जमलबाज़ी क ज़िरय जमकर भनाया उसन अमिरका को िफर स महान बनान क स ज़बाग िदखाय उसन लोग को यह यकीन िदलाया िक उनकी सम याओ की वजह बाहर स आ रह परवासी मज़दर ह उसन यहा तक कहा िक रा टरपित बनन क बाद आपरवासन रोकन क िलए वह अमिरका और मिकसको की सीमा पर ऊची दीवार बनवायगा यही नही उसन मसलमान क ख़ िलाफ़ नफ़रत को चरम पर ल जात हए कहा िक रा टरपित बनन क बाद वह मसलमान क अमिरका म आन पर परितब ध लगा दगा वगर चतना क अभाव म यह कोई आश चयर की बात नही ह िक अमिरका क मज़दर वगर क एक िह स को य घनघोर मज़दर-िवरोधी बात जची और उ ह न टर प जस लम पट और अ याश पजीपित क पकष म वोट दन स गरज़ नही िकया िपछल चनाव म ऐसी ही बात क ज़िरय नरन दर मोदी भी भारत क बहत स ग़रीब और मज़दर का वोट पान म कामयाब हो गया था

डोना ड टर प जस धर दिकषणपथी और फ़ािस ट परवि क यिकत क िव -पजीवाद की चोटी पर िवराजमान होन स िनश चय ही अमिरका ही नही बि क दिनया भर क मज़दर की मि कल और चनौितया आन वाल िदन म बढ़न वाली ह मज़दर वगर को न लीय और धािमरक आधार पर बाटन की साज़ िश आन वाल िदन म और परवान चढ़न वाली ह लिकन टर प की इस जीत स मज़दर वगर को यह भी सकत साफ़ िमलता ह िक आज क दौर म बजरआ लोकततर स कोई उ मीद करना अपन आपको झासा दना ह बजरआ लोकततर क दायर क भीतर अपनी चतना को क़द करन का नतीजा मोदी और टर प जस दानव क प म ही सामन आयगा आज दिनया क िविभ न िह स म पिरि थितया िच ला-िच लाकर पजीवाद क िवक प की माग कर रही ह इसिलए वोट क ज़िरय लटर क चहर को बदलन की चनावी नौटकी पर भरोसा करन की बजाय दिनया क हर िह स म मज़दर वगर को पजीवाद को कचर की पटी म डालकर उसका िवक प खड़ा करन की अपनी ऐितहािसक िज मदारी को िनभान क िलए आग आना ही होगा

mdash आन द िसह

अमिरकी राषटरपित चनाव म फ़ािससट टरमप की जीतसामराजयवाद क चौधरी क म ह स उतरा उदारवादी मखौटा

नािशक व पण म दिलत िवरोधी अतयाचारो क िख़ लाफ़ ममबई म परदशरन

6 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

रजनी एक चार साल की ब ची ह इस उमर क अ य ब च की तरह उसका वज़न भी कम स कम 15 िकलो होना चािहए जानत ह रजनी का वज़न िकतना ह 5 िकलो धसी हई आख हडिडय क ढाच पर बजान सखी हई वचा व ख बजान बाल और पतल-पतल हाथ पर वाली रजनी ज़ोर लगाकर खड़ा होन की कोिशश तो करती ह लिकन पर म जान न होन की वजह स खड़ी नही हो पाती ह रोन की कोिशश करती ह तो रो भी नही पाती ह िसफ़र रजनी ही नही उसक तीन और भाई-बहन भी इसी तरह स भखमरी और कपोषण का िशकार ह उसक माता-िपता जलपाईगड़ी क एक चाय बागान म काम करत थ कछ महीन पहल मािलक न िबना िकसी नोिटस और मआवज क इनको बाहर का रा ता िदखा िदया और अब य बरोज़गार ह और सड़क पर ह कछ िदन तक तो उधार पर राशन आता रहा और यह पिरवार दो िदन छोड़कर एक िदन खाना खाता रहा लिकन यह भी कब तक चलता कछ िदन बाद दकान वाल न भी उधार दना बन द कर िदया अब न रोज़गार ह न उधार और न ही राशन ब च ही नही बि क उनक माता-िपता की हालत भी वसी ही ह परा पिरवार भखमरी और कपोषण का िशकार ह और यह िसफ़र एक रजनी और उसक पिरवार की बात नही ह हमार दश म हर रोज़ लगभग बीस करोड़ लोग भख सोत ह यह परी दिनया म रोज़ भख सोन वाल लोग का एक ितहाई ह भारत म हर रोज़ 7000 और हर साल 25 लाख स यादा लोग भख की वजह स मर जात ह इतना ही नही भारत म 50 परितशत स यादा ब च अडरवट यािन अपनी आय क िहसाब स कम वज़न वाल ह और 70 परितशत स यादा औरत और ब च िकसी न िकसी गम भीर पोषण की कमी का िशकार ह हमार दश म 30 परितशत नवजात िशश कम वज़न क साथ पदा होत ह 3 साल तक क 79 परितशत ब च और 56 परितशत िववािहत मिहलाओ म आयरन की

कमी स होन वाली ख़न की कमी ह ब च म होन वाली आधी स यादा मौत कपोषण या कम पोषण होन की वजह स होती ह कया आप जानत ह भखमरी की तािलका म भारत दिनया म कौन स थान पर ह 97व थान पर बहत सार छोट-छोट दश स भी नीचा आपको य आकड़ भयावह लग रह ह ग लिकन भारत की एक बड़ी आबादी क िलए यह रोज़मरर की बात ह

लिकन ऐसा इसिलए नही ह िक भारत म खादया न की कमी ह भारत गह की सबस यादा पदावार करन वाल दश म चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 9403 लाख मीिटरक टन गह पदा होता ह चावल की पदावार म भी भारत चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 15506 लाख मीिटरक टन चावल पदा िकया जाता ह और िफर कया होता ह िपछल साल भारत म 210 लाख मीिटरक टन गह गोदाम म पड़ा-पड़ा सड़ गया था इतना गह पर दश का पट भरन क िलए पयार था सयकत रा टर सघ क अनसार भारत म कल पदावार का चालीस परितशत गह हर साल बबारद हो जाता ह लिकन गाय की पजा स दशभिकत को जोड़न वाली सरकार को दश क भख मरत लोग की िच ता कय होन लगी बहरहाल सरकार का कहना ह िक यह अनाज ख़राब भ डारण और पिरवहन की वजह स ख़राब होता ह लिकन सवाल य ह िक भ डारण और पिरवहन की िज़ मवारी िकसकी ह इस स ब ध म 2001 म सपरीम कोटर म एक यािचका दायर की गयी थी िजसम कहा गया था िक दश की बड़ी आबादी भख मरती ह और अनाज गोदाम म सड़ता ह सपरीम कोटर न सिवधान क अन छद 21 का हवाला दत हए कहा था िक ldquoभोजन का अिधकारrdquo असल म ldquoजीवन क अिधकारrdquo स ही स बि धत ह सपरीम कोटर न फ़सला सनाया था िक ldquoभारतीय खादय िनगमrdquo यह सिनि त कर िक अनाज गोदाम म न सड़ और हर ज़ रतमद को भोजन उपल ध हो

लिकन जसा िक अकसर होता ह फ़सल क इतन साल क बाद आज भी गोदाम म य ही अनाज सड़ रहा ह और लोग भख स मर रह ह पजीवाद का यह मखय लकषण होता ह यापक आबादी भख मरती ह अनाज गोदाम म सड़ता ह या सड़ा िदया जाता ह सरकार और यायपािलका मगरम छ क आस बहाती ह और सब कछ य ही चलता जाता ह

कहन को तो सरकार न मिहलाओ और ब च को भोजन उपल ध करान क िलए कीम भी चला रखी ह एक कीम ह िमड ड मील योजना इसक तहत सरकारी कल म पढन वाल ब च को िदन का खाना उपल ध करवाया जाता ह लिकन यहा सम या य ह िक अिधकतर ब च कल ही नही जा पात तो भोजन कहा स कर पायग दसरा उस भोजन म भी इतनी अिनयिमतताए िमलती ह िक इसी साल क हर महीन म दश क िविभ न िह स स िमड ड मील खान क बाद ब च क बीमार होन की खबर आती रही ह िपछल ही िदन छ ीसगढ़ क कोरबा म 60 ब च िमड ड मील खान क बाद बीमार हो गय थ ज़ािहर ह सम या इस योजना म नही बि क कायार वयन की नीयत म ह कल म आन वाल राशन को इतन ख़राब तरीक स रखा जाता ह िक उसक दिषत होन की स भावना शत परितशत होती ह कई जगह पर इसकी िज़ मदारी ऐस एनजीओ को दी गयी ह जो पस बनान क िलए घिटया सामगरी का इ तमाल करत ह लिकन िकसी को कोई फकर नही पड़ता और ब च य ही बीमार पड़त रहत ह इन स कल म ग़रीब क ब च ही जात ह इसिलए भी िकसी क िलए यह कोई बड़ी बात नही बनती उधर सरकार स लकर स बि धत अिधकारी तक अपनी पीठ थपथपात रहत ह िक सबको भोजन उपल ध करवा िदया गया ह एक अ य कीम ह जो सरकार न ldquoसमि वत बाल िवकास पिरयोजनाrdquo क नाम स चलायी हई ह िजसक अ तगरत छ वषर तक क उमर क ब च गभरवती मिहलाओ तथा

तनपान करान वाली मिहलाओ को वा य पोषण एव शकषिणक सवाओ का एकीकत पकज परदान करन की योजना ह इसक अ तगरत इन सबक िलए एक समय क परक आहार का परबध आगनवाड़ी कदर म होता ह कहन को तो यह योजना िपछल 41 साल स चल रही ह लिकन आज भी इस दश क 50 परितशत स यादा ब च कपोिषत ह और भख स मर रह ह

असल म पजीवाद म सरकार िदखाव क िलए कछ क याणकारी योजनाए चलाती रहती ह लिकन यह िसफ़र िदखावा ही होता ह और जमीनी तर पर य योजनाए बरसाती बलबल स यादा परभाव नही डालती ब च सड़ा हआ अनाज खाकर बीमार हो रह ह जो यह भी नही खा पा रह व भख स मर रह ह और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही ह परभाव डाल भी तो कस एक िरपोटर क अनसार भारत म 45 करोड़ लोग ग़रीबी की रखा स नीच जी रह ह लिकन ग़रीबी की रखा का यह मानदड भी हा या पद ह भारत सरकार क अनसार शहर म रहन वाला कोई यिकत रोज़ अगर 33 पय स यादा और गाव म रहन वाला कोई यिकत अगर 27 पय स यादा कमाता ह तो वह ग़रीब नही ह अब कोई यिकत इतनी कम आमदनी क साथ जीन योगय भी साधन भी नही जटा पायगा पट भरकर खाना तो दर की बात ह िफर ग़रीबी की रखा स नीच आन वाल लोग तो इतन भी नही कमा पात तो व कहा िज़ दा रहन की भी सोच सकत ह एक तरफ तो ऐस लोग की सखया बढती जा रही ह और दसरी तरफ दश म पदा होन वाली स पदा और पजी समाज क एक बहत छोट स िह स क क ज म आती जा रही ह भारत म दिनया क सबस यादा ग़रीब लोग रहत ह और दसरी तरफ फ़ो सर पितरका दवारा जारी की गयी दिनया क 61 दश म अरबपितय की सखया की सची म भारत का थान चौथा ह अमीर और ग़रीब की बढती इस खाई क बीच दश म तमाम नीितया इसी धनपश पजीपित वगर क मनाफ़ क िलए बनायी

जाती ह कछ क याणकारी योजनाए िसफ़र इसिलए चला दी जाती ह तािक यह िदखाया जा सक िक सरकार को ग़रीब की भी िच ता ह लिकन अ ततः ग़रीब क िह स म आती ह लट शोषण और भखमरी

तो इस सब क िलए िज़ मदार कौन ह सरकार की ही तज़र पर कछ लोग कहग िक अनाज का भडारण सही नही ह योजनाओ को ढग स कायारि वत नही िकया जाता अिधकारी पस खा जात ह भर ाचार ह आिद आिद लिकन यह तो त वीर का एक छोटा सा िह सा मातर ह सम या का कारण सरकार की लापरवाही और भर ाचार तो ह लिकन िसफ़र यही एक कारण नही ह सरकार लापरवाह कय ह और भर ाचार का कारण कया ह यह दखन क िलए तो हमको इस यव था की मल परणाली म दखना होगा हमार दश की यव था यािन पजीवाद क अ तगरत हर चीज़ की तरह अनाज भी मनाफ़ क िलए पदा िकया जाता ह और पजीवाद म कोई भी सरकार मनाफ़ पर आधािरत यव था को बनाय रखन व मज़बत बनान क अलावा कछ और नही करगी सरकार की तमाम योजनाए और कायरनीितया इ ही अरबपितय क मनाफ़ को यान म रख कर बनायी जाती ह ऐस म चाह कोई क याणकारी कीम आ जाय या सपरीम कोटर क हज़ार फ़सल आ जाय जब तक मनाफ़ाख़ोर पजीवादी यव था रहगी तब तक अनाज सड़ता रहगा लोग भख स मरत रहग और पजीपितय क मनाफ़ बढ़त रहग स म जब अकटबर कराि त हई तो उस समय स सिहत सी सामरा य क तमाम

दश भयकर अकाल और भखमरी स जझ रह थ लिकन कराि त क बाद जब महनतकश न स ा अपन हाथ म ली तो अगल दस साल म सोिवयत सघ स भखमरी का नामोिनशान ख़त म िकया जा चका था ऐसा भारत म भी िकया जा सकता ह ज़ रत ह िक पजीवाद को ख़त म करक महनतकश का लोक वराज कायम िकया जाय

ndash नवमीत

िवकास क शोर क बीच भख स दम तोड़ता महनतकश

शहीद भगतिसह क जन मिदवस 28 िसत बर 2016 को म बई (मानखदर) म भगतिसह की पाच मराठी प ि तकाओ का लोकापरण हआ इ ही पि तकाओ क परकाशन क साथ मराठी म कराितकारी सािह य क िलए ऐरण परकाशन का आगाज़ हआ नौजवान भारत सभा व ऐरण परकाशन की तरफ स आयोिजत इस कायरकरम म भगतिसह की य पाच पि तकाए परकािशत की गयी 1 मी नाि तक का आह 2 बा बच त वजञान आिण यायालयातील िनवदन 3 जाितधमारच झगड सोडा खरया लढयाशी नात जोडा 4 कराितकारी कायरकरमाचा मसदा 5 भगतिसह हणाल होत इस कायरकरम म म बई क अलग अलग इलाक स

अनक लोग उपि थत थ इस मौक पर बोलत हए नौजवान

भारत सभा क नारायण न कहा िक भगतिसह की शहादत क इतन वष बाद भी उनक लख परासिगक ह इसका कारण य ह िक भगतिसह कवल अगरज क िव दध भारतीय जनता की लड़ाई क ही नही बि क शोषण क िव दध मज़दर की लड़ाई क भी परतीक ह समानता पर आधािरत व शोषणमकत समाज का सपना आख म िलए भगतिसह व उनक सािथय न अपना सब कछ बिलदान कर िदया पर आज भी वसा समाज नही बन पाया उसी शोषणमकत समाज क िनमारण क िलए दिनयाभर क मज़दर की तरह ही भारत क मज़दर भी लड़ रह ह इस सघषर को पिरणित तक ल जान

क िलए भगतिसह का लखन आज भी मागरदशरक ह सड़-गल िवचार िढ़ य व बौिदधक गलामी की जकड़ स आज़ाद होन की पररणा दन की िवलकषण कषमता उनक िलख श द म ह उनक लखन स

परिरत होकर खद को शोषण क िव दध लड़ाई म झ क दना यही भगतिसह को स ची दधाजिल होगी

ऐरण परकाशन की तरफ स बबन ठोक न कहा िक परसार मा यम पर व

साथ ही सािह य पर लगातार पजी का व बाजार का परभाव बढ़ रहा ह व ऐस म एक वकि पक मीिडया खड़ा करना अ यत ज री ह िविभ न भाषाओ म परगितशील सािह य कम स कम दर पर लोग तक पहजना चािहय बबन न कहा िक शहीद भगतिसह क स प णर उपल ध द तावज को भी मराठी म ज द ही परकािशत करन का सक प ऐरण परकाशन न िलया ह

लोकापरण कायरकरम क बाद पर इलाक म शहीद भगतिसह की तस वीर िलय हए एक माचर िनकाला गया व भगतिसह की िवरासत स पिरिचत करात मराठी व िह दी पचर बाट

mdash स यनारायण

शहीद भगतिसह क जनमिदवस पर मराठी म करािनतकारी सािहतय क परकाशन की शरआत

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 7

पजीवादी यव था म उ पादन का चिरतर तो सामािजक हो चका ह अथारत व तओ-सवाओ का उ पादन अलग-अलग यिकतय दवारा नही बि क बहत सार िमक दवारा सामिहक प स िकया जाता ह लिकन उ पािदत व तओ पर वािम व सामािजक अथारत इन उ पादक का सामिहक नही बि क उ पादन क साधन क मािलक या पजीपितय का िनजी वािम व होता ह उ पादक को अपनी मशिकत बचन क एवज म पजी मािलक दवारा तय मज़दरी ही िमलती ह जबिक उ पाद क पर म य पर मािलक का अिधकार होता ह िजसस उनका मनाफ़ा तथा दौलत बढती जाती ह िमक की म शिकत का म य भी बाज़ार क माग-पितर क िनयम स तय होता ह और जब मजदर की एक िवशाल बरोज़गार फौज म क बाज़ार म िबकन क िलय उपल ध हो तो यह म य इतना कम हो जाता ह िक उनको अपना जीवन चलान क िलय भी पयार नही होता कय िक मािलक पजीपित को िमक की अटट कतार िबकन क िलय

नजर आती ह इस ि थित म मजदर की िज दगी बद स बदहाल होती जाती ह और पजीपित का मनाफ़ा ऊच स ऊचा वतरमान यव था म पजीपितय क मनाफ़-दौलत म इस भारी विदध को ही अथर यव था क िवकास का पमाना माना जाता ह

अभी भारत की अथर यव था म तज़ी की भी बडी चचार ह और इस दिनया की सबस तज़ी स िवकास करती अथर यव था बताया जा रहा ह इस िवकास की असली कहानी भी बहसखयक िमक-अधर िमक जनता की िज दगी पर पड इसक असर स ही समझनी होगी 1991 म श हए आिथरक सधार स दश की अथर यव था िकतनी मज़बत हई ह उसकी असिलयत जानन क िलए जीडीपी-जीएनपी की विदध एकसपोटर-इ पोटर क आकड़ मकान -दकान की कीमत अरबपितय की तादाद या ससकस-िन टी का उतार-चढाव दखन क बजाय हम नशनल यिटरशन मॉिनटिरग यरो (NNMB) क सवर क नतीज और अ य ोत स परा जानकारी पर नजर डालत ह जो बताता ह िक जीवन की अ य सिवधाए ndash आवास िशकषा िचिक सा आिद को तो छोड ही द इस दौर म ग़रीब लोग को िमलन वाल भोजन तक की मातरा भी लगातार घटी ह यह यरो 1972 म गरामीण जनता क पोषण पर नजर रखन क िलए थािपत िकया गया था और इसन 1975-1979 1996-1997 तथा 2011-2012 म 3 सवर िकय इस सार दौरान सरकार लगातार ती आिथरक तरककी की िरपोटर दती रही ह इसिलए वाभािवक उ मीद होनी चािहय थी िक जनता क भोजन-पोषण की मातरा म सधार होगा लिकन इसक िवपरीत ज़मीनी असिलयत उलट य पायी गयी िक जनता को िमलन वाल पोषण की मातरा बढ़न क बजाय लगातार घटती गयी ह

2012 क यटरीशन यरो क गरामीण भारत क आिखरी सवर क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गरामीण को 550 कलोरी ऊजार 13 गराम परोटीन 5 िमगरा आइरन 250 िमगरा कि सयम और 500 िमगरा िवटािमन ए परितिदन कम िमल रहा ह इसी तरह 3 वषर स कम की उमर क ब च को 300 िमलीलीटर परितिदन की आव यकता क मकाबल औसतन 80 िमली दध ही परितिदन िमल पा रहा ह सवर यह भी बताता ह िक जहा 1979 म औसतन दिनक ज़ रत क लायक परोटीन ऊजार कि शयम तथा आइरन उपल ध था वही 2012 आत-आत िसफ़र कि शयम ही ज़ री मातरा म िमल पा रहा ह जबिक परोटीन दिनक ज़ रत का 85 ऊजार 75 तथा आइरन मातर 50 ही उपल ध ह िसफ़र िवटािमन ए ही एक ऐसा पोषक त व ह िजसकी मातरा 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लिकन वह भी 2012 म घटकर दिनक ज़ रत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह िक सवर क अनसार 35 गरामीण ी-प ष कपोिषत ह और 42 ब च

मानक तर स कम वज़न वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकड़ा ह जनसखया क ग़रीब िह स म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीिवका यरो नाम क सगठन दवारा दिकषण राज थान क गाव म िकय गय एक सवर क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक ितहाई को सब ज़ी फल अड या मास तो खर िकसी को भी िमलन का सवाल ही नही था नतीजा आधी माए और उनक ब च कपोिषत थ

इस हालत की वजह कया ह इस बार म यटरीशन यरो क ही सवर म पाया गया िक असल म 1979 म िसफ़र 30 गरामीण लोग भिमहीन थ जो अब बढकर 40 हो गय ह मखयतः मज़दरी पर िनभरर पिरवार 51 हो गय ह तथा और 27 ग़रीब िकसान ह िजनकी आमदनी बहद कम ह और उ ह जीवन िनवारह क िलय अपनी ज़मीन पर िनभरर रहन की गजाइश नही इसिलए बाकी समय उ ह मज़दरी ही करनी पड़ती ह 2011 की जनगणना क अनसार भी भिमहीन किष मजदर की तादाद 2001 क 1067 करोड़ क मकाबल बढ़कर 1443 करोड़ हो गयी ह उपजाऊ जोत वाल मािलक िकसान पहल स आध ही रह गय ह अथारत 3 चौथाई गरामीण जनसखया भी अब भोजन क िलए बाज़ार स खरीद पर ही िनभरर ह अब सरकार इस साल पहल ही ससद को बता चकी ह िक महगाई स एडज ट करन पर किष म मज़दरी की दर भी घटन लगी ह - 2014 और 2015 म यह 1 परितवषर कम हई ह साथ म यह भी यान द िक बाकी चीज क मकाबल खादय पदाथ की महगाई अिधक तज़ी स बढ़ी ह - 67 क मकाबल 10 खादय पदाथ म भी दाल वसा तथा सब िज़ य क दाम यादा तज़ी स बढ ह नशनल सपल सवर क अनसार शहर -गाव क सबस ग़रीब लोग दवारा

उपभोग की गयी व तओ की महगाई दर अमीर शहिरय की उपभोगय व तओ क मकाबल 5 तक अिधक ह िन कषर यह िक गरामीण भारत का बहलाश ना तो अब पयार मातरा म भोजन उगान म समथर ह और ना ही ख़रीदन म अतः अिधकाश लोग क िलए दाल सब ज़ी फल दध अडा-मास आिद अब दलरभ पदाथर बनत जा रह ह

अगर िवकिसत दश की बात को छोड़ भी िदया जाय और िसफ़र मीिडया दवारा भारत की बराबरी क उभरत दश कह जान वाल िबरकस (BRICS) दश क साथ भी तलना की जाय तो भारत म कपोषण की ि थित बराज़ील स 13 गना चीन स 9 गना और 1994 तक भयकर रगभदी शासन झलन वाल दिकषण अफरीका स भी 3 गना बदतर ह इस पर भी हमार शासक कपोषण को कोई यान दन लायक सम या नही मानत अभी भारत की आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई स सट पालघर म िपछल एक साल म 600 आिदवासी ब च की कपोषण स म य पर जब महारा टर क आिदवासी मामल क मतरी स सवाल पछा गया तो उनका सीधा जवाब था lsquoतो कया हआrsquo यहा तक िक सबका हाथ सबका िवकास वाली मोदी सरकार न तो 2015 म इस यटरीशन यरो को ही बन द कर िदया ह तािक ऐसी ख़तरनाक परशान करन वाली स चाइया ज़ािहर ही ना ह पर सच का मह कया इतनी आसानी स बन द हो जायगा

यदयिप उपरोकत सब त य गरामीण कषतर क ह लिकन हम सब यह भी जानत ह िक शहरी मजदर -िन न म य वगर की ि थित भी इतनी ही बरी ह अथारत दश क 80 लोग क िलए इन सधार का नतीजा भख और कपोषण ही हआ ह तो हम जो बढ़त कॉरपोरट मनाफ़ अरबपितय की बढती सखया की खबर पढ़त ह उसक पीछ की कड़वी स चाई यही ह िक ग़रीब मजदर िकसान िन न-म यवगीरय लोग क मह का िनवाला छीनकर ही यह मनाफ़ यह अरब की दौलत इकठठा हो रही ह इसीिलए इन सब सवर की ख़बर या इस पर बहस हम कॉरपोरट मीिडया म कही नजर नही आती

आइय अब हम शहरी ग़रीब की ि थित पर नजर डालत ह शहर की ऊपरी चमक-दमक स उनका हाल बहतर न समझ िद ली और म बई सिहत शहर की झगगी-झ पिड़य म रहन वाली एक चौथाई अथारत 10 करोड़ अ य त ग़रीब लोग भी भख और कपोषण का उतना ही िशकार ह और जस-जस हम भारत क आिथरक महाशिकत बनन की चचार सनत ह भख पीिड़त लोग की तादाद घटन क बजाय बढ़ती जाती ह यनीसफ क अनसार भारत म हर साल 5 वषर स कम आय क 10 लाख ब च कपोषण स ब धी कारण स म य का िशकार होत ह सामा य स कम वज़न वाल 5 साल तक क ब च की सखया का िववरण दख तो

पता लगगा िक िवकिसत दश को तो भल ही जाइय बराजील चीन दिकषण अफरीका जस तीसरी दिनया क दश भी छोिड़य शहरी ब च क कपोषण क मामल म हम बागलादश-पािक तान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पािक तान म 25 दिकषण अफरीका म 12 बराजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी िद ली और आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई की ि थित को थोड़ा और िव तार स जानत ह कय िक यहा क बार म यादा जानकारी उपल ध ह इसस हम बाकी शहर की ि थित का भी कछ आकलन कर पायग इन दोन की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड़ लोग लम या झ पड़पटटी म रहत ह जो भारी भीड़ ग़रीबी और कपोषण क क दर ह इनम लोग िकस तरह रहत ह ग यह अनमान लगान क िलए इतना ही बताना पयार ह िक म बई की जनसखया का 60 झ पड़पटटी म रहता ह जो म बई क कल कषतरफल का िसफ़र 8 जगह म ि थत ह म बई क गोवडीमानखदर या िद ली की ऐसी ही िमक बि तय म जाइय तो आपको खल गद नाल कचर क ढर और िभनिभनाती म छर-मिकखय क बीच दड़ब की मािनद भर लोग रहत िमलग िज ह न दश भर क गाव म अपनी जीिवका की बरबादी क बाद इन झ पड़ बि तय म शरण ली ह लिकन इनम स बहत सार तो इस झ पड़ ब ती म भी सही स ठौर नही पा पात कय िक कभी बलडोज़र तो कभी आग कभी परॉपटीर डीलर क मािफया िगरोह इनक थोड बहत बतरन-भाड को भी जलात तोड़त फकत रहत ह

इन ग़रीब मज़दर पिरवार म अकसर माता-िपता दोन को िदन का यादातर समय ल ब हाड़-तोड़ म म िबताना होता ह काम क िलय आन-जान म भी काफी समय लगता ह और खद तथा अपन ब च क िलय भोजन पकान का समय नही होता िफर उतना कमा भी नही पात िक आव यक पोषक त व यकत भोजन सामगरी खरीद सक य और इनक ब च पोषण क नाम पर िसफ़र आटा-मदा चीनी और िचकनाई-तल वाला कचरा भोजन (जक फड) ही उपभोग करन की करय कषमता रखत ह दाल क नाम पर कभी-कभी स ती मसर और सब ज़ी क नाम पर आल ही मय सर होता ह फल-दध तो व न बन चक ह ना त क नाम पर पिरवार चाय क साथ फन या र क स काम चला रह ह और ब च को बीच म भख लग तो मद क नड स या मद चीनी तल वाली जलबी जसी चीज स काम चलाया जा रहा ह य ग़रीब िमक पिरवार इस परकार क भोजन को जीभ क वाद की वजह स नही अपना रह बि क इस िलय िक यह पोषक तो नही होता पर पट की भख को मारता ह लिकन और भी बडी तथा असली वजह ह िक यह दाल चावल रोटी स ज़ी सलाद वाल

वा तिवक सतिलत भोजन की एक ितहाई-चौथाई कीमत का पड़ता ह तथा समय की कमी स परशान मज़दर पिरवार इस सिवधाजनक भी पात ह लिकन इस िक म क भोजन का नतीजा होता ह नाटा कद आड़ी-टढ़ी हडिडया सड दात फल पट बीमािरय का मकाबला करन म अकषम शरीर अथारत कपोषण ऐस ब च डायिरया मलिरया यमोिनया जसी बीमािरय क भी आसान िशकार होत ह हर साल करीब 10 लाख ब च कपोषण की वजह स 5 साल की उमर क पहल ही जान गवा दत ह साथ ही यह कपोषण िसफ़र िज म को ही बरबाद नही करता बि क ब च क िदमाग को भी क द करता ह उनक सीखन-पढ़न की क वत को भी कम करता ह िद ली क 20 लाख ब च म स आध की िज मानी-िदमागी बढ़वार ही कपोषण क मार क द हो गयी ह बाकी दश क ग़रीब मज़दर-िकसान का ही नही िन न म य वगीरय पिरवार का भी यही हाल होता जा रहा ह कय िक एक ओर घटती वा तिवक आमदनी और दसरी ओर खादय पदाथ की भयकर जमाखोरी-कालाबाजारी स आसमान छती कीमत भारतीय समाज क अिधकाश लोग क िज मानी-िदमागी वा य को पतन क गतर म धकल रही ह

िव खादय व किष सगठन (FAO) की गलोबल हगर िरपोटर 2015 क अनसार भारत म कल 1946 करोड़ लोग कपोषण क िशकार ह जो िपछल 5 साल म 26 बढ ह अथारत 5 साल पहल 1899 करोड़ ही थ ऐस समझ सकत ह िक पािक तान की कल जनसखया स भी 120 करोड़ यादा लोग भारत म कपोिषत ह यहा कपोषण का मतलब िसफ़र कछ िदन या समय भोजन की कमी झलन स नही ह बि क उनस िज ह लगातार एक साल और उसस यादा अपनी दिनक शारीिरक पोषण की ज़ रत स कम भोजन िमलता ह इस िरपोटर क अनसार भारत म ग़रीब क भोजन म मातर िकसी तरह जीिवत रह सकन वाल पदाथर ही शािमल ह कय िक खादय पदाथ की बढ़ती महगाई स ग़रीब लोग पोषक भोजन खरीदन म असमथर ह

आिखर इस ि थित की वजह कया ह अभी 15 िसतबर को परकािशत कोनर फरी ह गरप क 2008 क िव ीय सकट स अब तक क 51 दश क रोज़गार व वतन क तलना मक अ ययन क अनसार इन 8 वष म भारत की जीडीपी 638 बढी ह लिकन औसत वतन विदध मातर 02 हई ह इसम भी और गहराई तक जाय तो िशखर क लोग अथारत उ च परब धक का वतन 30 बढा ह लिकन सबस नीच वाल िमक की वा तिवक मज़दरी 30 कम हई ह सार 51 दश म उ चतम व िन नतम तर क किमरय म वतन असमानता सबस अिधक भारत म ही ह कय िक यहा रोज़गार कम बढ ह और िमक की स लाई यादा वस भी अब िनयिमत वतन वाल थायी मज़दर

ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़

(पज 2 पर जारी)

लिधयाना क टकसटाइल पटटी क मज़दर िद ली क इ पात मज़दर स लकर ित पर व यनम क मज़दर और च नई क आटोमोबाइल मजदर स लकर करल क म नार क चाय बाग़ान मज़दर तक िपछल कछ वष म सड़क पर उतरत रह ह एक ऐस उथल-पथल भर समय म हम अकटबर कराि त क शता दी वषर म परवश कर रह ह ऐस दौर म अकटबर कराि त को याद करन क मज़दर वगर क िलए कया मायन ह इसक िलए पहल सकषप म यह जानना ज़ री ह िक अकटबर कराि त म हआ कया था कय िक आज तमाम मज़दर भी अपनी इस महान वि क िवरासत स वािकफ नही ह

महान अकटबर करािनत म कया हआ था

1917 म स एक ऐस पिरवतरन स होकर गज़रा िजसन दिनया क इितहास की िदशा मोड़ दी और एक नय यग की श आत की बीसवी सदी क पहल दशक की श आत स ही िव पजीवाद आिथरक सकट स गज़र रहा था यरोप क तमाम सामरा यवादी दश दिनया भर म महनतकश अवाम और गलाम रा टरीयताओ की लट की बटवार क िलए आपस म परित पदधार म लग हए थ उस समय तक िबरटन सामरा यवादी दिनया की सबस अहम ताकत था फरास दसरी अहम औपिनविशक सामरा यवादी शिकत था लिकन उ नीसवी सदी का अ त होत-होत जमरनी तज़ी स एक परमख आिथरक शिकत क प म उभर चका था दसरी ओर सयकत रा य अमिरका भी दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत क प म उभर रहा था लिकन जमरनी क पास अपनी पजी की परचरता को खपान क िलए और साथ स त क च माल और स त म क दोहन क िलए उपिनवश नही थ जमरनी की बढ़ती आिथरक शिकतम ा न उस िबरटन और फरास क साथ सीधी परित पदधार म ला खड़ा िकया था इस बढ़ती सामरा यवादी परित पदधार क फल व प 1914 म िव क पनिवरभाजन क िलए पहल िव यदध की श आत हो गयी एक तरफ जमरनी ऑि टरया और हगरी थ तो दसरी ओर िबरटन फरासअमिर का व स स की ि थित उस समय एक िपछड़ सामरा यवादी दश की थी वह पवीर यरोप क िपछड़ दश क िलए एक सामरा यवादी दश था लिकन वह वय िबरिटश फरासीसी और अमिरकी िवत तीय पजी क वचर व क अधीन था स म अभी ज़ार का राजत तर कायम

था पहल िव यदध म उसन िमतर शिकतय यानी िबरटन फरास और अमिरका क पकष म िह सा िलया स की िपछड़ी हई अथर यव था और स य शिकत यदध म जमरनी की उ नत स य शिकत का मकाबला करन क िलए अपयार थी ज द ही तमाम मोच पर स की हार होन लगी स क सिनक को न तो

पयार मातरा म ब दक हािसल थी और न ही उनक पास पयार मातरा म भोजन था यदध क खचर को ढो पाना स की अथर यव था क िलए मि कल था और ज द ही दश म खादया न की कमी का सकट भी पदा हो गया सिनक की भारी आबादी वा तव म िकसान पिरवार स आती थी व वा तव म विदरय म िकसान ही थ स म िकसान की ि थित भी भयकर थी भदास व का काननी तौर पर 1861 म उ मलन हो गया था लिकन उसक अ छ-खास अवशष अभी भी दश म कायम थ िकसान क बीच भिम का बटवारा नही िकया गया था और दश की अिधकाश खती योगय ज़मीन या तो ज़ार की थी या िफर चचर और बड़ ज़मीदार की जो भिम गराम समदाय क पास थी उसक भी चकरीय बटवार का िनणरय धनी िकसान व कलक ही लत थ और हर यावहािरक मसल क िलए इस ज़मीन पर भी उ ही का िनय तरण था ज़ार की स ा यदध का बोझ िकसान पर डाल रही थी और भ वािमय न िकसान पर दबाव बढ़ा िदया था जो भी ससाधन थ व सभी यदध क मोच पर वाहा हो जा रह थ मज़दर की ि थित भी कछ ऐसी

ही थी खादया न सकट क कारण शहर म भोजन की भयकर कमी हो गयी थी मज़दर को भरपट भोजन तक नही िमल पा रहा था मज़दर क काम क घ ट 12 स 14 घ ट होना आम बात थी मज़दरी इतनी भी नही िमल पा रही थी िक मज़दर भरपट खाना खा पात कछ मज़दर को थोड़ा बहतर वतन िमलता था मगर भोजन की भयकर कमी और उसकी बढ़ती कीमत क कारण उ ह भी पयार भोजन नही िमल पा रहा था पर दश म करीब 85 फीसदी आबादी ग़रीब व मझोल िकसान की थी और मज़दर की आबादी करीब 10 परितशत मज़दर को बहतर कायरि थितया बहतर मज़दरी और भरपट भोजन चािहए था और िकसान को ज़मीन चािहए थी और मज़दर और िकसान दोन को ही यदध स िनजात चािहए था दश म 1917 की श आत आत-आत आम महनतकश जनता क सबर का प याला छलक रहा था भखमरी गरीबी और महगाई की असहनीय ि थित न स क आम महनतकश अवाम म िवदरोह की ि थित पदा कर दी थी अ तत फरवरी 1917 म एक वत फतर जनिवदरोह न ज़ार की स ा को उखाड़ फका उस समय स की कराि तकारी क यिन ट पाटीर िजसका नाम स की सामािजक-जनवादी मज़दर पाटीर (बो शिवक) था इस जनिवदरोह का नत व लन म सफल नही रही नतीजतन ज़ार की स ा की पतन क बाद एक िमली-जली आरज़ी (अ थायी) सरकार बनी िजसम िक कई पजीवादी व िन न-पजीवादी पािटरया शािमल थी इस आरज़ी बजरआ सरकार न जनता स वायदा िकया िक वह िकसान को ज़मीन दगी और शाित दगी मज़दर को बहतर मज़दरी छोटा

कायरिदवस और टरड यिनयन बनान का काननी अिधकार दगी लिकन इस पजीवादी आरज़ी सरकार न अपन ज यादातर वायद को परा नही िकया उसन घोषणा की िक वह िमतर दश यानी िबरटन फरास और अमिरका स िकय हए अपन वायद को परा करगी और यदध म िह सदारी जारी रखगी साथ ही उसन भिम सधार यानी ज़मीन क िकसान म बटवार क काम को भी सिवधान सभा क बनन और िफर उसक दवारा कानन पािरत िकय जान तक टाल िदया मज़दर और आम महनतकश जनता को ता कािलक तौर पर कछ जनवादी और नागिरक अिधकार ज़ र हािसल हए िजसन की स म वगर सघषर को आग बढ़ान म ता कािलक तौर पर मदद की इतना करना आरज़ी पजीवादी सरकार की मजबरी थी लिकन जो सबस अहम वायद उसन िकय थ यानी ज़मीन और शाित का वायदा उसस वह मकर गयी यदध म स की िह सदारी जारी रहन स दश म अ यव था आिथरक सकट और खादया न सकट बढ़त ही जा रह थ नतीजतन दश म नयी पजीवादी आरज़ी सरकार क िखलाफ जनअस तोष भी बढ़ता जा रहा था दश भर क औदयोिगक क दर म हड़ताल की एक लहर चल पड़ी साथ ही गाव म िकसान का सबर भी टट चका था और उनक बीच भी बगावत क हालात थ कई जगह पर उ ह न भिम सिमितया बनाकर ज़मीन कब ज़ा करना श कर िदया आरज़ी सरकार न कर की नामक एक बजरआ नता की अगवाई म इन मज़दर हड़ताल और िकसान बग़ावत का उसी परकार दमन श कर िदया िजस परकार िक ज़ार की सरकार कर रही थी दश म एक कराि तकारी ि थित िनिमरत हो रही थी और आरज़ी सरकार सलगत हए जनिवदरोह को कचलकर इस कराि तकारी स भावना को कचलन का परयास कर रही थी ऐस म बो शिवक पाटीर क नता लिनन न अपरल म lsquoअपरल थीसीज़rsquo पश की इसम लिनन न बो शिवक पाटीर का आम बग़ावत कर स ा अपन हाथ म लन का आ ान िकया लिनन न बताया िक पजीवादी आरज़ी सरकार बजरआ जनवादी कराि त को परा नही करगी यानी िक वह ज़मीन का बटवारा नही करगी और न ही यदध स िनजात िदलायगी वह मज़दर की भी सभी जनवादी माग को परा नही करन वाली वह जनिवदरोह की आशका को दखत हए सामरा यवाद पजीपित वगर और साथ ही दशी ज़मी दार वगर स समझौत कर रही ह ऐस म अब यह ख़तरा पदा हो गया ह िक यह सरकार परितिकरयावािदय की गोद म बठकर जनवादी कराि त का भी गला घ ट दगी इन हालात म मज़दर वगर को अपनी िहरावल पाटीर यानी बो शिवक पाटीर क नत व म स ा पर क ज़ा करना चािहए और समाजवादी कराि त को अजाम दना चािहए अगर मज़दर वगर न समाजवादी कराि त क कायरभार को अभी त काल

परा नही िकया तो न िसफ़र जनवादी कराि त परी नही हो सकगी बि क उसकी ह या भी हो जायगी लिनन क पर ताव को पहल बो शिवक पाटीर क ही नत वकारी िनकाय न वीकार नही िकया लिकन जस-जस समय बीतता गया बो शिवक पाटीर क नत व की बहसखया लिनन क पर ताव को मानती गयी अ ततः बो शिवक पाटीर की क दरीय कमटी न आम बग़ावत और समाजवादी कराि त क लिनन क पर ताव को वीकार िकया

बो शिवक पाटीर कई वष क वगर सघष म तपी-तपायी पाटीर थी इसन ज़ार की तानाशाही क दौर म मज़दर क कई सघष का नत व िकया था और उनक बीच लगातार मौजद रही थी बो शिवक पाटीर न मज़दर क बीच स सवारिधक उ नत चतना वाल कमरठ और बहादर कायरकतारओ को भतीर िकया था और एक लौह अनशासन वाली और गोपनीय ढाच वाली मज़बत पाटीर का िनमारण िकया था कवल ऐसी पाटीर ही ज़ारशाही और िफर पजीवादी सरकार दवारा िकय जान वाल दमन का मकाबला कर सकती थी और कशलतापवरक मज़दर वगर और आम ग़रीब िकसान आबादी को नत व द सकती थी बो शिवक पाटीर न अपन परचार क दायर म सिनक को भी लाया था जो िक िकसान क ही बट थ सिनक की भारी तादाद ज़मीन और शाि त की माग स पणरतः सहमत थी कवल बो शिवक पाटीर ही एकमातर पाटीर थी जो िक ज़मीन क बटवार और यदध स वापसी क कदम को त काल लाग करन की बात कर रही थी फरवरी 1917 क बाद स ही आम महनतकश जनता म भी यह बात साफ होती जा रही थी िक यिद भिम सधार और शाि त चािहए तो पजीवादी आरज़ी सरकार को उखाड़ फकना ही एकमातर रा ता ह और इस रा त पर जनता को नत व दन को तयार कवल एक ही पाटीर मौजद थीmdashबो शिवक पाटीर ज द ही मज़दर आबादी की भारी बहसखया बो शिवक पाटीर क पकष म खड़ी हो गयी सिनक की सोिवयत म भी बो शिवक पाटीर िनय तरण म आ गयी मज़दर और सिनक की सोिवयत म बो शिवक पाटीर क नत व क कािबज़ होन क साथ बो शिवक पाटीर आम बग़ावत को अजाम दन की ि थित म पहच गयी थी

िकसान क बीच पहल समाजवादी-कराि तकारी पाटीर नामक एक टटपिजया पाटीर का नत व परमख था बो शिवक पाटीर का उनक बीच आधार काफी कम था मगर भिम सधार क मसल पर समाजवादी-कराि तकारी पाटीर भी सिवधान सभा दवारा कानन बनाय जान की बात का समथरन कर रही थी और भिम सधार को टाल जा रही थी िलहाज़ा िकसान की बड़ी आबादी भी ज द ही बो शिवक पाटीर क पकष म आन लगी कय िक कवल बो शिवक पाटीर ही त काल भिम सधार की बात

कर रही थी अब बो शिवक पाटीर स की बहसखयक आम महनतकश

आबादी यानी िक मज़दर वगर व आम िकसान वगर क समथरन को परा कर चकी थी यानी अब बो शिवक पाटीर क पास वह कराि तकारी अनशािसत व ग ढाचा भी था जो कराि त क नत व सचालन क िलए ज़ री था और साथ ही उसक पास यापक जनसमदाय का समथरन भी था उसन नारा िदया lsquoज़मीन शाि त रोटीrsquo यही व चीज़ थी जो िक स की यदध ग़रीबी भखमरी बरोज़गारी और महगाई स तर त और थकी हई जनता को चािहए थी बो शिवक पाटीर न एक कराि तकारी स य कमटी थािपत की इसका सचालन आम बग़ावत क पहल लिनन न वय अपन हाथ म िलया दश भर म मज़दर व सिनक सड़क पर थ और गाव म भी िकसान का िवदरोह उबल रहा था 24 अकटबर की शाम स ही बो शिवक पाटीर क नत व म कराि तकारी सिनक व मज़दर न पजीवादी स ा क सभी अग पर क ज़ा करना श कर िदया सभी पो टल व टलीगराफ द तर स य मखयालय पिलस मखयालय बक पोटर रलव टशन पर बो शिवक न अपना िनय तरण कायम कर िलया गया पजीवादी स ा िजन अग स काम करती ह उ ह अब लकवा मार चका था और समची पजीवादी रा यस ा पणरतः असहाय थी इसक बाद 25 अकटबर को स म रा यस ा क परतीक शीत परासाद म बठ आरज़ी सरकार क मि तरय को आ मसमपरण करन का अ टीमटम िदया गया अ टीमटम परा होन स पहल आ मसमपरण न होन पर बो शिवक सिनक न धावा बोला और बहत थोड़ परितरोध क बाद ही िवजय हािसल कर ली गयी और इस तरह स स क परान कल डर क अनसार 25 अकटबर (7 नव बर) को बो शिवक पाटीर क नत व दिनया की पहली सफल समाजवादी मज़दर कराि त हई सम त शिकत मज़दर और सिनक की सोिवयत को स प दी गयी कराि त क त काल बाद भिम स ब धी आजञि पािरत हई और भिम सधार की श आत कर दी गयी दसरी आजञि यदध स वापसी की आजञि थी समाजवादी कराि त न व दोन परमख माग त काल परी कर दी िज ह पजीवादी आरज़ी सरकार आठ माह म परा नही कर सकी थी कराि त क बाद स न सामरा यवादी यदध स अपन हाथ खीच िलए और 1918 का म य आत-आत स इस िवनाशकारी यदध स परी तरह

बाहर आ चका था हालािक अब स की मज़दर स ा

को परितिकरयावादी कलक व ज़मी दार की बग़ावत और सामरा यवादी ह तकषप का मकाबला कर कराि त को बचान क िलए एक तीन वष क गहयदध म उतरना पड़ा लिकन यह कोई सामरा यवादी यदध नही था जो िक मनाफ़ की लट म िह सदारी क िलए लड़ा गया हो इस

(पज 1 स आग)

8 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

(पज 9 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

गहयदध म मज़दर व सिनक न िकसान क समथरन क बल पर तीन वष म ज़मी दार की बग़ावत को परा त िकया और साथ ही चौदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी हरा िदया 1921 आत-आत कराि तकारी समाजवादी स गहयदध म िवजयी हो चका था और

वहा मज़दर स ा स ढ़ीकत हो चकी थी इसक बाद अगल करीब साढ़ तीन दशक म स की महनतकश जनता न स म समाजवादी यव था का िनमारण

िकया सार कल-कारख़ान खान -खदान का रा टरीकरण कर िदया गया सार बक का रा टरीकरण कर िदया गया रा यस ा पर अपनी कराि तकारी पाटीर बो शिवक पाटीर क नत व म अब मज़दर वगर कािबज़ था इसिलए अब इन सार ससाधान का वामी साझा तौर पर दश का मज़दर वगर और ग़रीब िकसान जनता थी 1917 म जो बजरआ भिम सधार लाग िकय गय उसस अलग-अलग िकसान िनजी तौर पर ज़मीन क मािलक बन लिकन 1931 स 1936 क बीच सोिवयत सघ म ज़मीन म भी िनजी मािलकाना समा कर िदया गया और साझी खती की यव था थािपत की गयी 1930 क दशक म ही सोिवयत स का अभतपवर गित स उदयोगीकरण

हआ िजसस िक वह कछ ही समय म दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया इस पमान पर उदयोग खड़ करन म दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत अमिरका को करीब डढ़ सौ साल लग थ लिकन स न यह कायर मज़दर शिकत क बत पर डढ़ दशक म ही कर िदखाया पर दश म साकषरता का तर 100 परितशत क करीब पहचन लगा मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त सधार हआ भखमरी और बरोज़गारी परी तरह समा कर िदय गय स औरत को वोट दन का अिधकार

दन वाला पहला बड़ा दश बना ( स स पहल यज़ील ड म मिहलाओ को वोट दन का अिधकार िमला था| सािवरक मतािधकार स च तौर पर पहली बार िबना िलग या स पि की शतर क स म ही लाग हआ सोिवयत सघ न सभी दिमत रा टरीयताओ व जातीय समह को पहली बार सामरा यवादी दमन स मकत िकया और उ ह आ मिनणरय का अिधकार िदया य सभी दिमत रा टरीयताए समाजवादी परयोग म बराबरी की िह सदार बनी और हीनता क ब को हमशा क िलए अपन माथ स िमटा िदया सोिवयत सघ क समाज स व यावि परी तरह समा हो गयी हर आिथरक मामल म स परी तरह अपन पर पर खड़ा हो गया और यह सारा चम कार स क मज़दर वगर न िहटलर की ना सी सना को हरात हए िदवतीय िव यदध म दो करोड़ लोग की कबारनी दत हए और पर सामरा यवादी-पजीवादी िव की सािज़श और तोड़-फोड़ क परयास क बावजद िकया 1953 म तािलन की म य क बाद बो शिवक

पाटीर क नत व पर सशोधनवािदय का क ज़ा हो गया इसका कारण स म समाजवादी परयोग क दौरान हई कछ भल और ग़लितया थी िजन पर इस शता दी वषर क दौरान हम lsquoमज़दर िबगलrsquo म िव तार म िलखग लिकन यह कोई आ यर की बात नही थी िक स क समाजवादी परयोग को अमली

जामा पहनान म वहा की मज़दर स ा और मज़दर वगर की पाटीर स ग़लितया हई यह एक नय िक म का और अभतपवर परयोग था यह एक नय िक म की रा यस ा थी पहली बार शोषक अ पसखया पर शोिषत बहसखया की तानाशाही और सवरहारा जनवाद कायम िकया गया था हर नय परयोग क समान इसम भी ग़लितया होना लािज़मी था यह पहली मज़दर कराि त थी इसक दवारा खड़ िकय गय समाजवादी परयोग क करीब चार दशक बाद असफल हो जान पर कोई भी ऐितहािसक नज़िरया रखन वाला ता जब नही करगा ता जब इस बात पर ज़ र होता ह िक चार दशक क परयोग म ही समाजवादी सोिवयत सघ न वह सबकछ कर िदखाया जो पजीवाद अपन तीन सौ क वष क इितहास म नही कर पाया हालािक lsquoसमानता वत तरता और भरात वrsquo का नारा उसी न िदया था चार दशक क भीतर ही सोिवयत सघ म समाजवादी परयोग न आन वाली बहतर दिनया की एक झलक िदखला दी उसन िदखला िदया िक पजी का शासन अजर-अमर नही ह पजीवादी मानवता क िलए सबस बहतर यव था नही ह पजीवाद lsquoइितहास का अ तrsquo नही ह अकटबर कराि त न िदखला िदया िक इसस बहतर दिनया स भव ह और वह बहतर दिनया सवरहारा वगर ही बना सकता ह

आज तमाम मज़दर इस महान परयोग क बार म जानत ही नही ह कारण यह ह िक पजीवादी अखबार समाचार चनल िफ म और समचा िशकषा त तर कभी भी हम इसक बार म नही बताता हम कवल इसकी lsquoअसफलताrsquo क बार म बताया जाता ह हम इसक बार म द परचार सनाया जाता ह दसर श द म अकटबर कराि त को पजीवादी शासक वगर न जानबझकर िव मित क अ धर म धकलन की लगातार कोिशश की ह तािक आज का मज़दर वगर अपन परख क इस महान परयोग स सीख और पररणा न ल सक व हमशा हीनताबोध और आ मिव ास क अभाव म िजय अपनी गौरवशाली और महान िवरासत स विचत मज़दर वगर भिव य क सघष क िलए भी आ मिव ास और आि मक बल नही जटा सकता ह यही कारण ह िक अकटबर कराि त की मित स शासक वगर घबराता और लगातार उस पर राख और धल की परत चढ़ान का परयास करता रहता ह ऐस म हम इस महान मज़दर कराि त क

ऐितहािसक और अ तररा टरीय मह व को समझन की आज िश त स ज़ रत ह तािक उसस हम भावी सघष क िलए पररणा और शिकत ल सक

अकटबर करािनत का महान ऐितहािसक यगानतरकारी और अनतरराषटरीय महतवमहान अकटबर कराि त का

ऐितहािसक मह व अभतपवर और अिदवतीय ह मानव इितहास म पहल भी कराि तया और जनिवदरोह हए ह आज स करीब 2090 साल पहल रोम म गलाम न बग़ावत की गलाम की बग़ावत क कारण दास परथा कमज़ोर हई और िफर टटी दास वािमय का शासन ख़ म हआ तो ज़मी दार व साम त का शासन आया यह पहल की दास यव था स बहतर यव था थी पहल दास को lsquoबोलन वाला औज़ारrsquo कहा जाता था दास- वामी उ ह अपन मनोरजन क िलए आपस म तब तक लड़वात थ जब तक िक व मर नही जात थ उनस तब तक काम करवाया जाता था जब तक िक व िगरकर बहोश नही हो जात थ दास को मन य ही नही माना जाता था लिकन साम ती यव था क तहत भदास की ि थित इसस बहतर थी इस प म साम ती यव था मानव इितहास म एक अगला कदम थी लिकन यह भी भदास और िकसान क अमानवीय शोषण पर आधािरत यव था थी भदास की अपनी कोई राजनीितक वत तरता नही थी व ज़मीन क साथ बध हए थ उ ह साम त की ज़मीन पर कमर-तोड़ काम करना पड़ता था और बदल म उ ह जीन भर की खराक िमलती थी िकसान को भी लगान क प म साम त की ज़मीन पर बगार करना पड़ता था या िफर फसल या नकदी क प म भारी लगान चकाना पड़ता था आग चलकर दिनया भर म साम ती यव था क िव दध िकसान न बग़ावत की इन बग़ावत स साम ती यव था म दरार पड़ी आग चलकर उदीयमान कराि तकारी बजरआ वगर न िकसान और द तकार व कारीगर को साथ लकर साम त क िव दध जनवादी कराि तया की कय िक साम ती यव था क तहत उसका आिथरक िवकास और राजनीितक स ा भी स भव नही थी

इन जनवादी कराि तय क फल व प पजीपित वगर स ा म आया और उसन पजीवादी लोकत तर (जनवाद) की थापना की इस यव था म पजीपित वगर शािसत व शोिषत मज़दर व आम महनतकश वगर स शासन करन की lsquoसहमितrsquo लता ह यह lsquoसहमितrsquo चनाव क ज़िरय ली जाती ह इसस यापक महनतकश अवाम म यह भरम पदा होता िक पजीवादी सरकार को उसन ही चना ह लिकन वा तव म यह lsquoसहमितrsquo पजीपित वगर अपन मीिडया िशकषा त तर व अ य राजकीय उपकरण दवारा राय बनाकर िनिमरत

करता ह ठीक उसी परकार जस िपछल लोकसभा चनाव म परचार पर दस हज़ार करोड़ पय ख़चर करक टाटा अ बानी व अडानी सरीख पजीपितय न नर दर मोदी को परधानम तरी बनान क िलए पर समाज म राय का िनमारण िकया था बहरहाल इस परकार पजीवादी जनवाद क प म पहली बार एक ऐसी शोषक स ा आयी जो िक कम-स-कम ऊपरी तौर पर lsquoसहमितrsquo लकर शोिषत क ऊपर शासन करती ह और इसम शासक वगर क शासन को सही ठहरान का कायर पर यकष प स धमर क दवारा या िकसी िद यता क िसदधा त दवारा नही होता इस प म पजीवाद अपन पवरवतीर वगर समाज यानी दास यव था और साम ती यव था स िभ न ह लिकन एक मायन म वह उनक समान भी ह पजीवाद म भी शोिषत बहसखया क ऊपर एक शोषक अ पसखयक वगर की तानाशाही होती ह पजीवादी जनवाद का यही अथर होता हmdash- बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश आबादी पर पजीपितय की तानाशाही इस तानाशाही को पजीपितय की कौन सी पाटीर सचािलत करगी बस इसी का फसला पजीवादी चनाव म होता ह नागनाथ चल जात ह सापनाथ आ जात ह सकषप म यह िक अकटबर कराि त क पहल तक सभी कराि तय या िवदरोह क बाद जो स ा अि त व म आयी वह िकसी न िकसी शोषक अ पसखया क शोिषत बहसखया पर शासन का परितिनिध व करती थी दास यव था बहसखयक दास आबादी व आम महनतकश आबादी पर अ पसखयक दास वािमय क शासन का साम ती यव था बहसखयक भदास िकसान व द तकार आबादी पर अ पसखयक साम ती राज-रजवाड़ क शासक का और पजीवादी यव था बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश जनता पर अ पसखयक पजीपित वगर क शासन का परितिनिध व करती ह अकटबर कराि त न पहली बार एक ऐसी स ा की थापना की िजसम िक शोषक अ पसखयक क ऊपर शोिषत बहसखयक की स ा कायम की गयी इस प म अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक नय यग की श आत की यह नया यग ह समाजवादी सकरमण का दीघरकािलक ऐितहािसक यग यह लािज़मी था िक इस ल ब दौर म दिनया म अलग-अलग दश म मज़दर वगर समाजवाद क कई असफल परयोग कर बीसवी सदी म मज़दर वगर न अलग-अलग दश म समाजवाद क कई परयोग िकय भी जो महान उपलि धया हािसल करन क बाद असफल हो गय स म चीन म पवीर यरोप म िवयतनाम म लिकन इन परयोग म सी अकटबर कराि त का िविश थान ह कय िक उसन ही इस िसलिसल की श आत की और दिनया की पहली समाजवादी मज़दर स ा की थापना की

अकटबर कराि त न बजरआ कराि त क भी उन कायरभार को सवारिधक कराि तकारी प म और पणरता क साथ परा िकया िज ह वय बजरआ वगर न कभी परा नही िकया सबस आमलगामी बजरआ कराि तय न भी भिम सधार और जनवादी अिधकार दन क वायद को उस ईमानदारी और आमलगािमता क साथ परा नही िकया िजसक साथ अकटबर कराि त न िकया अकटबर कराि त न ह त भर म ही वह कर िदखाया जो िक बजरआ वगर न अपन तमाम वायद क बावजद दो सौ साल म नही िकया था लिनन न इसीिलए अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर िदय एक भाषण म कहा था िक स की िविश पिरि थितय म समाजवादी कराि त न बजरआ वगर दवारा ही जनवादी कराि त की ह या को रोका समाजवादी कराि त न मज़दर वगर क हाथ म स ा स पन और समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़न स पहल छट-फटक बजरआ जनवादी कायरभार को भी परा िकया स म एक िविश पिरि थित म सवरहारा वगर को इितहास न मजबर कर िदया था िक वह स ा त काल अपन हाथ म ल जसा िक लिनन न वय कहा था िक अकटबर कराि त का समय हमन अपनी इ छा स नही तय िकया था िदवतीय िव यदध पिरणामतः पदा हए आिथरक सकट खादया न सकट दश भर म मज़दर हड़ताल और कारख़ाना क ज़ा की लहर सोिवयत क वतः पफतर प स जाग उठन और भिम कमिटय दवारा ज़मीन क ज़ा करन क आ दोलन क कारण पदा हई िविश पिरि थितय न सवरहारा वगर और उसकी िहरावल पाटीर क समकष समय स पहल ही ऐसी ि थित पदा कर दी िजसम उसक सामन दो ही िवक प मौजद थः या तो स ा पर क ज़ा करक समाजवादी कराि त की जाय और बजरआ जनवादी कराि त क उन अधर वायद को परा िकया जाय िज ह परा करन स वय बजरआ वगर मकर गया था या िफर सवरहारा वगर और उसकी िहरावल बो शिवक पाटीर बजरआ वगर परितिकरयावादी कलक व भ वामी वगर तथा राजत तरशाही क बच हए परितिकरयावादी त व क गठब धन को यह इजाज़त द िक वह जनवादी कराि त का गला घ टन क साथ ही मज़दर वगर को lsquoइितहास क रगमच स कई दशक क िलए उठाकर बाहर फक दrsquo लिनन का यह म याकन िब कल द त िनकला यिद उस समय मज़दर वगर न स ा अपन हाथ म न ली होती तो सामरा यवाद सी पजीपित वगर और भ वामी वगर न

िमलकर सी जनवादी कराि त का भी गला घ ट िदया होता इस परकार स की िविश पिरि थित म मज़दर वगर दवारा की गयी समाजवादी कराि त न जनवादी कराि त की ह या को भी रोका और

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 9

(पज 10 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण(पज 8 स आग)

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 5: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

महारा टर म िपछल कछ ह त स लगातार दिलत क िव दध एक िहसक वातावरण तयार िकया जा रहा ह इसकी श आत अहमदनगर क कोपडीर म एक लड़की क बला कार क बाद स हई इस बला कार काण ड क आरोपी दिलत थ इसी बहान सभी मखय चनावी पािटरय व सगठन न ज़मीनी तर पर मराठा आबादी को सगिठत करना श िकया व बरोज़गारी व खती क सकट स बदहाल मराठा आबादी अजाजजा अ याचार िवरोधी क़ानन को र करन व अपन िलए आरकषण की माग को लकर शहर-शहर म सड़क पर उतरन लगी इस आ दोलन को मराठा मक मोचार का नाम तो िदया गया पर इसकी हकीकत ज दी ही नािशक म सामन आ गयी एक नाबािलग लड़की क साथ छड़छाड़ क मामल को लकर दिलत बि तय को चन चनकर टागरट िकया गया वाहन पर टीकर दख-दखकर जलाया गया आठ गाव म दिलत क िव दध बड़ पमान पर िहसा हई िजसम 30 स यादा लोग घायल हए कई ग भीर प स घायल लोग अभी भी म बई व नािशक क अ पताल म भतीर ह इस पर मसल पर पिलस व परशासन मकदशरक बना रहा रा य क मखयमतरी दव दर फडनवीस को नरन दर महाराज क ज मिदन म जान का

समय िमल गया पर घायल स िमलन का नही उल टा उ ह न य कहकर िक ldquoधमरस ा रा यस ा स बढ़कर ह व उसकी मागरदशरक हrdquo बतला िदया िक वो जाित यव था क िकतन बड़ समथरक ह

इसी घटना क िवरोध म 17 अकटबर को अिखल भारतीय जाित िवरोधी मच व नौजवान भारत सभा न ल ल भाई क पाउड मानखदर क मखय चौक पर एक िनषध सभा का आयोजन िकया सभा क दौरान अभाजािवम क बबन ठोक न बात रखत हए कहा िक य मराठा मक मोचार खती क बढ़त सकट व पजीवादी आिथरक सकट स जन मी बरोज़गारी का नतीजा ह मराठा यवाओ की एक बड़ी आबादी आज बरोज़गार घम रही ह व उस इस बात पर बरगलाना बहत आसान ह िक उनकी िह स की नौकिरया दिलत ल जा रह ह हकीकत असल म उल टी ह मराठा ग़रीब आबादी (खित हर मज़दर छोट िकसान आिद) व ग़रीब दिलत आबादी दोन को ही आज गाव क सम प न मराठा िकसान व उदयोगपित लट रह ह साथ ही सरकारी नीितय क कारण लगातार बरोज़गारी बढ़ी ह इस पिरि थित स उपज ग़ स को ही आज सभी चनावी पािटरया भना रही ह व पर महारा टर म हर िजल म मराठा आबादी

क लाख की सखया म मोचर िनकाल जा रह ह नािशक व पण म हई िहसा सतह क नीच िकय जा रह कखयात परचार का ही नतीजा ह

नौजवान भारत सभा क नारायण खराड न कहा िक दिलत अ याचार िवरोधी क़ानन म सशोधन की माग करन वाल की असली मशा समझन की ज़ रत ह आज महारा टर क हर िजल म दिलत क िव दध भयकर अ याचार अजाम िदय जा रह ह व ऐस यादातर कस म अ याचार िवरोधी क़ानन क तहत मामला दजर होन क बावजद भी सज़ा की दर काफी कम (दोष िसिदध दर

10 परितशत स भी कम) रहती ह ऐस म इस क़ानन को और यादा परभावी बनान की ज़ रत ह नारायण न बात रखत हए कहा िक आज मराठा यवाओ को भी इस चीज़ को समझन की ज़ रत ह िक उनक असली दश मन दिलत नही बि क अमीर िकसान व उदयोगपित ह जो सबको लट रह ह महारा टर म ही नही बि क पर दश म इस समय अमीर की एक छोटी सी आबादी बहसखयक जनता को लट रही ह व उसका यान बटान क िलए जाित धमर कषतर क झगड खड़ कर रही ह आज अगर हम य चीज़ नही समझग तो कल बहत दर हो

जायगी आज य िजस मराठा आकरोश को दिलत क िव दध खड़ा कर रह ह कल को वो इस मसलमान क िव दध भी इ तमाल करग मज़दर आ दोलन क िव दध भी इ तमाल करग इसिलए हम आज ग़रीब महनतकश जनता को उसकी अि मताओ क आधार पर नही बि क वगीरय आधार पर एकजट करना होगा जाित क िव दध आ दोलन भी वगीरय गोलब दी क साथ ही खड़ा िकया जा सकता ह

mdash िबगल सवाददाता

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 5

अमिरकी रा टरपित चनाव म घोर न लवादी ी-िवरोधी परवासी-िवरोधी मि लम-िवरोधी और लम पट डोना ड टर प की जीत स वहा का उदारवादी तबका सदम म ह ग़ौरतलब ह िक अमिरका का उदारवादी तबका वहा का कॉरपोरट मीिडया और पजीपित वगर का बड़ा िह सा भी िहलरी िकलटन की जीत पर दाव लगा रहा था और अमिरका की पहली मिहला रा टरपित बनन की घोषणा का बसबरी स इ तज़ार कर रहा था लिकन टर प जस फ़ािस ट परवि क ल पट यिकत क रा टरपित चन जान स िव -पजीवाद क िसरमौर क मह स भी उदारवादी मखौटा उतर गया ह और उसका िघनौना चहरा सामन आ गया ह यह एक बहत बड़ी िवड बना ह िक टर प की यह जीत ढाचागत सकट की िशकार पजीवादी यव था क ख़ िलाफ़ अमिरका की जनता क ग़ स और बजरआ लोकततर क दायर क भीतर उसकी लाचारी की भी अिभ यिकत ह टर प की यह जीत 2007 स जारी िव यापी म दी क दौर म दिनया क तमाम दश म धर-दिकषणपथी और फ़ािस ट ताक़त क उभार क आम झान क ही अन प ह कई िव षक टर प की इस जीत

क िलए अमिरकी समाज म या न लवादी और ी-िवरोधी मानिसकता को िज मदार मान रह ह अमिरकी समाज म पठी न लवादी और ी-

िवरोधी मानिसकता स इनकार तो हरिगज़ नही िकया जा सकता लिकन ऐस िवश लषण स हम यह नही समझ सकत िक टर प जस ल पट यिकत की रा टरपित क प म वीकायरता मौजदा दौर म ही कय बढ़ी इस सवाल का जवाब हम वगर-िव षण क माकसरवादी उपकरण क इ तमाल स ही िमल सकता ह

ग़ौरतलब ह िक 2007 म अमिरका म आवासीय बलबल क फटन क साथ श हई िव यापी महाम दी अभी तक जारी ह जब यह म दी श हई थी तब अमिरका म िरपि लकन पाटीर का जाजर बश रा टरपित था 2008 क रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता न िरपि लकन पाटीर को खािरज कर डमोकरिटक पाटीर क बराक ओबामा को इस उ मीद म रा टरपित चना था िक उसकी नीितया म दी स उबारगी लिकन ओबामा क दो कायरकाल परा होन पर भी अमिरकी अथर यव था म दी क भवरजाल स बाहर नही िनकल पायी ह ओबामा न जनता की गाढ़ी कमाई स कई िटरिलयन डॉलर क बलआउट पकज दकर बक और िवत तीय महापरभओ को जीवनदान िदया िजसका फ़ायदा बक और कम पिनय क शीषर अिधकािरय को हआ लिकन आम लोग की ज़ िन दगी की परशािनया बढ़ती ही गयी अमिरका म रोज़गार क नय अवसर नही पदा हो रह ह और िपछल आठ वष क दौरान

मज़दर वगर क साथ ही साथ टटपिजया म य वगर की भी आमदनी और करयशिकत म तज़ी स िगरावट दखन म आयी ह इसका नतीजा अमिरकी समाज म आिथरक असमानता की खाई क चौड़ा होन क प म सामन आया इस घोर आिथरक असमानता की अिभ यिकत िन न-बजरआ वगर क नत व म चल lsquoऑक यपाई वॉल टरीटrsquo आ दोलन म भी हई थी िजसका िनशाना कॉरपोरट पजी थी 2012 क रा टरपित चनाव म हालािक ओबामा को जीत हािसल हई लिकन उस 2008 क मकाबल बहत कम वोट िमल थ जो डमोकरिटक पाटीर की घटती लोकिपरयता का ही सकत था

अमिरका का बजरआ लोकततर वहा क लोग को रा टरपित चनन का जो अिधकार दता ह उसका इ तमाल करक यादा स यादा लोग यह कर सकत ह िक बजरआ वगर क एक नमाइ द स तर त आकर बजरआ वगर क दसर नमाइ द को चन ल इस बार क अमिरकी रा टरपित चनाव म अमिरकी जनता का ग़ सा डमोकरिटक पाटीर ही नही बि क पर बजरआ लोकततर क ख़ िलाफ़ दखन म आया यह इस बात स समझा जा सकता ह िक इस बार क चनाव म 45 परितशत मतदाताओ न िकसी भी उ मीदवार क पकष म वोट नही डाला िहलरी िकलटन और डोना ड टर प दोन को महज़ 25 परितशत क आसपास ही वोट िमल िव कॉि सन

पि सलविनया और िमशीगन जस रा य जो कभी डमोकरिटक पाटीर क गढ़ हआ करत थ उनम मज़दर वगर का ग़ सा िहलरी िकलटन और डमोकरिटक पाटीर पर फटा िजसका लाभ डोना ड टर प को िमला हालािक टर प खद एक पजीपित और धनपश ह लिकन उसन आिथरक मि कल स जझ रह अमिरकी म यवगर और मज़दर वगर क ग़ स को अपनी स ती लोकरजक जमलबाज़ी क ज़िरय जमकर भनाया उसन अमिरका को िफर स महान बनान क स ज़बाग िदखाय उसन लोग को यह यकीन िदलाया िक उनकी सम याओ की वजह बाहर स आ रह परवासी मज़दर ह उसन यहा तक कहा िक रा टरपित बनन क बाद आपरवासन रोकन क िलए वह अमिरका और मिकसको की सीमा पर ऊची दीवार बनवायगा यही नही उसन मसलमान क ख़ िलाफ़ नफ़रत को चरम पर ल जात हए कहा िक रा टरपित बनन क बाद वह मसलमान क अमिरका म आन पर परितब ध लगा दगा वगर चतना क अभाव म यह कोई आश चयर की बात नही ह िक अमिरका क मज़दर वगर क एक िह स को य घनघोर मज़दर-िवरोधी बात जची और उ ह न टर प जस लम पट और अ याश पजीपित क पकष म वोट दन स गरज़ नही िकया िपछल चनाव म ऐसी ही बात क ज़िरय नरन दर मोदी भी भारत क बहत स ग़रीब और मज़दर का वोट पान म कामयाब हो गया था

डोना ड टर प जस धर दिकषणपथी और फ़ािस ट परवि क यिकत क िव -पजीवाद की चोटी पर िवराजमान होन स िनश चय ही अमिरका ही नही बि क दिनया भर क मज़दर की मि कल और चनौितया आन वाल िदन म बढ़न वाली ह मज़दर वगर को न लीय और धािमरक आधार पर बाटन की साज़ िश आन वाल िदन म और परवान चढ़न वाली ह लिकन टर प की इस जीत स मज़दर वगर को यह भी सकत साफ़ िमलता ह िक आज क दौर म बजरआ लोकततर स कोई उ मीद करना अपन आपको झासा दना ह बजरआ लोकततर क दायर क भीतर अपनी चतना को क़द करन का नतीजा मोदी और टर प जस दानव क प म ही सामन आयगा आज दिनया क िविभ न िह स म पिरि थितया िच ला-िच लाकर पजीवाद क िवक प की माग कर रही ह इसिलए वोट क ज़िरय लटर क चहर को बदलन की चनावी नौटकी पर भरोसा करन की बजाय दिनया क हर िह स म मज़दर वगर को पजीवाद को कचर की पटी म डालकर उसका िवक प खड़ा करन की अपनी ऐितहािसक िज मदारी को िनभान क िलए आग आना ही होगा

mdash आन द िसह

अमिरकी राषटरपित चनाव म फ़ािससट टरमप की जीतसामराजयवाद क चौधरी क म ह स उतरा उदारवादी मखौटा

नािशक व पण म दिलत िवरोधी अतयाचारो क िख़ लाफ़ ममबई म परदशरन

6 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

रजनी एक चार साल की ब ची ह इस उमर क अ य ब च की तरह उसका वज़न भी कम स कम 15 िकलो होना चािहए जानत ह रजनी का वज़न िकतना ह 5 िकलो धसी हई आख हडिडय क ढाच पर बजान सखी हई वचा व ख बजान बाल और पतल-पतल हाथ पर वाली रजनी ज़ोर लगाकर खड़ा होन की कोिशश तो करती ह लिकन पर म जान न होन की वजह स खड़ी नही हो पाती ह रोन की कोिशश करती ह तो रो भी नही पाती ह िसफ़र रजनी ही नही उसक तीन और भाई-बहन भी इसी तरह स भखमरी और कपोषण का िशकार ह उसक माता-िपता जलपाईगड़ी क एक चाय बागान म काम करत थ कछ महीन पहल मािलक न िबना िकसी नोिटस और मआवज क इनको बाहर का रा ता िदखा िदया और अब य बरोज़गार ह और सड़क पर ह कछ िदन तक तो उधार पर राशन आता रहा और यह पिरवार दो िदन छोड़कर एक िदन खाना खाता रहा लिकन यह भी कब तक चलता कछ िदन बाद दकान वाल न भी उधार दना बन द कर िदया अब न रोज़गार ह न उधार और न ही राशन ब च ही नही बि क उनक माता-िपता की हालत भी वसी ही ह परा पिरवार भखमरी और कपोषण का िशकार ह और यह िसफ़र एक रजनी और उसक पिरवार की बात नही ह हमार दश म हर रोज़ लगभग बीस करोड़ लोग भख सोत ह यह परी दिनया म रोज़ भख सोन वाल लोग का एक ितहाई ह भारत म हर रोज़ 7000 और हर साल 25 लाख स यादा लोग भख की वजह स मर जात ह इतना ही नही भारत म 50 परितशत स यादा ब च अडरवट यािन अपनी आय क िहसाब स कम वज़न वाल ह और 70 परितशत स यादा औरत और ब च िकसी न िकसी गम भीर पोषण की कमी का िशकार ह हमार दश म 30 परितशत नवजात िशश कम वज़न क साथ पदा होत ह 3 साल तक क 79 परितशत ब च और 56 परितशत िववािहत मिहलाओ म आयरन की

कमी स होन वाली ख़न की कमी ह ब च म होन वाली आधी स यादा मौत कपोषण या कम पोषण होन की वजह स होती ह कया आप जानत ह भखमरी की तािलका म भारत दिनया म कौन स थान पर ह 97व थान पर बहत सार छोट-छोट दश स भी नीचा आपको य आकड़ भयावह लग रह ह ग लिकन भारत की एक बड़ी आबादी क िलए यह रोज़मरर की बात ह

लिकन ऐसा इसिलए नही ह िक भारत म खादया न की कमी ह भारत गह की सबस यादा पदावार करन वाल दश म चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 9403 लाख मीिटरक टन गह पदा होता ह चावल की पदावार म भी भारत चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 15506 लाख मीिटरक टन चावल पदा िकया जाता ह और िफर कया होता ह िपछल साल भारत म 210 लाख मीिटरक टन गह गोदाम म पड़ा-पड़ा सड़ गया था इतना गह पर दश का पट भरन क िलए पयार था सयकत रा टर सघ क अनसार भारत म कल पदावार का चालीस परितशत गह हर साल बबारद हो जाता ह लिकन गाय की पजा स दशभिकत को जोड़न वाली सरकार को दश क भख मरत लोग की िच ता कय होन लगी बहरहाल सरकार का कहना ह िक यह अनाज ख़राब भ डारण और पिरवहन की वजह स ख़राब होता ह लिकन सवाल य ह िक भ डारण और पिरवहन की िज़ मवारी िकसकी ह इस स ब ध म 2001 म सपरीम कोटर म एक यािचका दायर की गयी थी िजसम कहा गया था िक दश की बड़ी आबादी भख मरती ह और अनाज गोदाम म सड़ता ह सपरीम कोटर न सिवधान क अन छद 21 का हवाला दत हए कहा था िक ldquoभोजन का अिधकारrdquo असल म ldquoजीवन क अिधकारrdquo स ही स बि धत ह सपरीम कोटर न फ़सला सनाया था िक ldquoभारतीय खादय िनगमrdquo यह सिनि त कर िक अनाज गोदाम म न सड़ और हर ज़ रतमद को भोजन उपल ध हो

लिकन जसा िक अकसर होता ह फ़सल क इतन साल क बाद आज भी गोदाम म य ही अनाज सड़ रहा ह और लोग भख स मर रह ह पजीवाद का यह मखय लकषण होता ह यापक आबादी भख मरती ह अनाज गोदाम म सड़ता ह या सड़ा िदया जाता ह सरकार और यायपािलका मगरम छ क आस बहाती ह और सब कछ य ही चलता जाता ह

कहन को तो सरकार न मिहलाओ और ब च को भोजन उपल ध करान क िलए कीम भी चला रखी ह एक कीम ह िमड ड मील योजना इसक तहत सरकारी कल म पढन वाल ब च को िदन का खाना उपल ध करवाया जाता ह लिकन यहा सम या य ह िक अिधकतर ब च कल ही नही जा पात तो भोजन कहा स कर पायग दसरा उस भोजन म भी इतनी अिनयिमतताए िमलती ह िक इसी साल क हर महीन म दश क िविभ न िह स स िमड ड मील खान क बाद ब च क बीमार होन की खबर आती रही ह िपछल ही िदन छ ीसगढ़ क कोरबा म 60 ब च िमड ड मील खान क बाद बीमार हो गय थ ज़ािहर ह सम या इस योजना म नही बि क कायार वयन की नीयत म ह कल म आन वाल राशन को इतन ख़राब तरीक स रखा जाता ह िक उसक दिषत होन की स भावना शत परितशत होती ह कई जगह पर इसकी िज़ मदारी ऐस एनजीओ को दी गयी ह जो पस बनान क िलए घिटया सामगरी का इ तमाल करत ह लिकन िकसी को कोई फकर नही पड़ता और ब च य ही बीमार पड़त रहत ह इन स कल म ग़रीब क ब च ही जात ह इसिलए भी िकसी क िलए यह कोई बड़ी बात नही बनती उधर सरकार स लकर स बि धत अिधकारी तक अपनी पीठ थपथपात रहत ह िक सबको भोजन उपल ध करवा िदया गया ह एक अ य कीम ह जो सरकार न ldquoसमि वत बाल िवकास पिरयोजनाrdquo क नाम स चलायी हई ह िजसक अ तगरत छ वषर तक क उमर क ब च गभरवती मिहलाओ तथा

तनपान करान वाली मिहलाओ को वा य पोषण एव शकषिणक सवाओ का एकीकत पकज परदान करन की योजना ह इसक अ तगरत इन सबक िलए एक समय क परक आहार का परबध आगनवाड़ी कदर म होता ह कहन को तो यह योजना िपछल 41 साल स चल रही ह लिकन आज भी इस दश क 50 परितशत स यादा ब च कपोिषत ह और भख स मर रह ह

असल म पजीवाद म सरकार िदखाव क िलए कछ क याणकारी योजनाए चलाती रहती ह लिकन यह िसफ़र िदखावा ही होता ह और जमीनी तर पर य योजनाए बरसाती बलबल स यादा परभाव नही डालती ब च सड़ा हआ अनाज खाकर बीमार हो रह ह जो यह भी नही खा पा रह व भख स मर रह ह और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही ह परभाव डाल भी तो कस एक िरपोटर क अनसार भारत म 45 करोड़ लोग ग़रीबी की रखा स नीच जी रह ह लिकन ग़रीबी की रखा का यह मानदड भी हा या पद ह भारत सरकार क अनसार शहर म रहन वाला कोई यिकत रोज़ अगर 33 पय स यादा और गाव म रहन वाला कोई यिकत अगर 27 पय स यादा कमाता ह तो वह ग़रीब नही ह अब कोई यिकत इतनी कम आमदनी क साथ जीन योगय भी साधन भी नही जटा पायगा पट भरकर खाना तो दर की बात ह िफर ग़रीबी की रखा स नीच आन वाल लोग तो इतन भी नही कमा पात तो व कहा िज़ दा रहन की भी सोच सकत ह एक तरफ तो ऐस लोग की सखया बढती जा रही ह और दसरी तरफ दश म पदा होन वाली स पदा और पजी समाज क एक बहत छोट स िह स क क ज म आती जा रही ह भारत म दिनया क सबस यादा ग़रीब लोग रहत ह और दसरी तरफ फ़ो सर पितरका दवारा जारी की गयी दिनया क 61 दश म अरबपितय की सखया की सची म भारत का थान चौथा ह अमीर और ग़रीब की बढती इस खाई क बीच दश म तमाम नीितया इसी धनपश पजीपित वगर क मनाफ़ क िलए बनायी

जाती ह कछ क याणकारी योजनाए िसफ़र इसिलए चला दी जाती ह तािक यह िदखाया जा सक िक सरकार को ग़रीब की भी िच ता ह लिकन अ ततः ग़रीब क िह स म आती ह लट शोषण और भखमरी

तो इस सब क िलए िज़ मदार कौन ह सरकार की ही तज़र पर कछ लोग कहग िक अनाज का भडारण सही नही ह योजनाओ को ढग स कायारि वत नही िकया जाता अिधकारी पस खा जात ह भर ाचार ह आिद आिद लिकन यह तो त वीर का एक छोटा सा िह सा मातर ह सम या का कारण सरकार की लापरवाही और भर ाचार तो ह लिकन िसफ़र यही एक कारण नही ह सरकार लापरवाह कय ह और भर ाचार का कारण कया ह यह दखन क िलए तो हमको इस यव था की मल परणाली म दखना होगा हमार दश की यव था यािन पजीवाद क अ तगरत हर चीज़ की तरह अनाज भी मनाफ़ क िलए पदा िकया जाता ह और पजीवाद म कोई भी सरकार मनाफ़ पर आधािरत यव था को बनाय रखन व मज़बत बनान क अलावा कछ और नही करगी सरकार की तमाम योजनाए और कायरनीितया इ ही अरबपितय क मनाफ़ को यान म रख कर बनायी जाती ह ऐस म चाह कोई क याणकारी कीम आ जाय या सपरीम कोटर क हज़ार फ़सल आ जाय जब तक मनाफ़ाख़ोर पजीवादी यव था रहगी तब तक अनाज सड़ता रहगा लोग भख स मरत रहग और पजीपितय क मनाफ़ बढ़त रहग स म जब अकटबर कराि त हई तो उस समय स सिहत सी सामरा य क तमाम

दश भयकर अकाल और भखमरी स जझ रह थ लिकन कराि त क बाद जब महनतकश न स ा अपन हाथ म ली तो अगल दस साल म सोिवयत सघ स भखमरी का नामोिनशान ख़त म िकया जा चका था ऐसा भारत म भी िकया जा सकता ह ज़ रत ह िक पजीवाद को ख़त म करक महनतकश का लोक वराज कायम िकया जाय

ndash नवमीत

िवकास क शोर क बीच भख स दम तोड़ता महनतकश

शहीद भगतिसह क जन मिदवस 28 िसत बर 2016 को म बई (मानखदर) म भगतिसह की पाच मराठी प ि तकाओ का लोकापरण हआ इ ही पि तकाओ क परकाशन क साथ मराठी म कराितकारी सािह य क िलए ऐरण परकाशन का आगाज़ हआ नौजवान भारत सभा व ऐरण परकाशन की तरफ स आयोिजत इस कायरकरम म भगतिसह की य पाच पि तकाए परकािशत की गयी 1 मी नाि तक का आह 2 बा बच त वजञान आिण यायालयातील िनवदन 3 जाितधमारच झगड सोडा खरया लढयाशी नात जोडा 4 कराितकारी कायरकरमाचा मसदा 5 भगतिसह हणाल होत इस कायरकरम म म बई क अलग अलग इलाक स

अनक लोग उपि थत थ इस मौक पर बोलत हए नौजवान

भारत सभा क नारायण न कहा िक भगतिसह की शहादत क इतन वष बाद भी उनक लख परासिगक ह इसका कारण य ह िक भगतिसह कवल अगरज क िव दध भारतीय जनता की लड़ाई क ही नही बि क शोषण क िव दध मज़दर की लड़ाई क भी परतीक ह समानता पर आधािरत व शोषणमकत समाज का सपना आख म िलए भगतिसह व उनक सािथय न अपना सब कछ बिलदान कर िदया पर आज भी वसा समाज नही बन पाया उसी शोषणमकत समाज क िनमारण क िलए दिनयाभर क मज़दर की तरह ही भारत क मज़दर भी लड़ रह ह इस सघषर को पिरणित तक ल जान

क िलए भगतिसह का लखन आज भी मागरदशरक ह सड़-गल िवचार िढ़ य व बौिदधक गलामी की जकड़ स आज़ाद होन की पररणा दन की िवलकषण कषमता उनक िलख श द म ह उनक लखन स

परिरत होकर खद को शोषण क िव दध लड़ाई म झ क दना यही भगतिसह को स ची दधाजिल होगी

ऐरण परकाशन की तरफ स बबन ठोक न कहा िक परसार मा यम पर व

साथ ही सािह य पर लगातार पजी का व बाजार का परभाव बढ़ रहा ह व ऐस म एक वकि पक मीिडया खड़ा करना अ यत ज री ह िविभ न भाषाओ म परगितशील सािह य कम स कम दर पर लोग तक पहजना चािहय बबन न कहा िक शहीद भगतिसह क स प णर उपल ध द तावज को भी मराठी म ज द ही परकािशत करन का सक प ऐरण परकाशन न िलया ह

लोकापरण कायरकरम क बाद पर इलाक म शहीद भगतिसह की तस वीर िलय हए एक माचर िनकाला गया व भगतिसह की िवरासत स पिरिचत करात मराठी व िह दी पचर बाट

mdash स यनारायण

शहीद भगतिसह क जनमिदवस पर मराठी म करािनतकारी सािहतय क परकाशन की शरआत

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 7

पजीवादी यव था म उ पादन का चिरतर तो सामािजक हो चका ह अथारत व तओ-सवाओ का उ पादन अलग-अलग यिकतय दवारा नही बि क बहत सार िमक दवारा सामिहक प स िकया जाता ह लिकन उ पािदत व तओ पर वािम व सामािजक अथारत इन उ पादक का सामिहक नही बि क उ पादन क साधन क मािलक या पजीपितय का िनजी वािम व होता ह उ पादक को अपनी मशिकत बचन क एवज म पजी मािलक दवारा तय मज़दरी ही िमलती ह जबिक उ पाद क पर म य पर मािलक का अिधकार होता ह िजसस उनका मनाफ़ा तथा दौलत बढती जाती ह िमक की म शिकत का म य भी बाज़ार क माग-पितर क िनयम स तय होता ह और जब मजदर की एक िवशाल बरोज़गार फौज म क बाज़ार म िबकन क िलय उपल ध हो तो यह म य इतना कम हो जाता ह िक उनको अपना जीवन चलान क िलय भी पयार नही होता कय िक मािलक पजीपित को िमक की अटट कतार िबकन क िलय

नजर आती ह इस ि थित म मजदर की िज दगी बद स बदहाल होती जाती ह और पजीपित का मनाफ़ा ऊच स ऊचा वतरमान यव था म पजीपितय क मनाफ़-दौलत म इस भारी विदध को ही अथर यव था क िवकास का पमाना माना जाता ह

अभी भारत की अथर यव था म तज़ी की भी बडी चचार ह और इस दिनया की सबस तज़ी स िवकास करती अथर यव था बताया जा रहा ह इस िवकास की असली कहानी भी बहसखयक िमक-अधर िमक जनता की िज दगी पर पड इसक असर स ही समझनी होगी 1991 म श हए आिथरक सधार स दश की अथर यव था िकतनी मज़बत हई ह उसकी असिलयत जानन क िलए जीडीपी-जीएनपी की विदध एकसपोटर-इ पोटर क आकड़ मकान -दकान की कीमत अरबपितय की तादाद या ससकस-िन टी का उतार-चढाव दखन क बजाय हम नशनल यिटरशन मॉिनटिरग यरो (NNMB) क सवर क नतीज और अ य ोत स परा जानकारी पर नजर डालत ह जो बताता ह िक जीवन की अ य सिवधाए ndash आवास िशकषा िचिक सा आिद को तो छोड ही द इस दौर म ग़रीब लोग को िमलन वाल भोजन तक की मातरा भी लगातार घटी ह यह यरो 1972 म गरामीण जनता क पोषण पर नजर रखन क िलए थािपत िकया गया था और इसन 1975-1979 1996-1997 तथा 2011-2012 म 3 सवर िकय इस सार दौरान सरकार लगातार ती आिथरक तरककी की िरपोटर दती रही ह इसिलए वाभािवक उ मीद होनी चािहय थी िक जनता क भोजन-पोषण की मातरा म सधार होगा लिकन इसक िवपरीत ज़मीनी असिलयत उलट य पायी गयी िक जनता को िमलन वाल पोषण की मातरा बढ़न क बजाय लगातार घटती गयी ह

2012 क यटरीशन यरो क गरामीण भारत क आिखरी सवर क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गरामीण को 550 कलोरी ऊजार 13 गराम परोटीन 5 िमगरा आइरन 250 िमगरा कि सयम और 500 िमगरा िवटािमन ए परितिदन कम िमल रहा ह इसी तरह 3 वषर स कम की उमर क ब च को 300 िमलीलीटर परितिदन की आव यकता क मकाबल औसतन 80 िमली दध ही परितिदन िमल पा रहा ह सवर यह भी बताता ह िक जहा 1979 म औसतन दिनक ज़ रत क लायक परोटीन ऊजार कि शयम तथा आइरन उपल ध था वही 2012 आत-आत िसफ़र कि शयम ही ज़ री मातरा म िमल पा रहा ह जबिक परोटीन दिनक ज़ रत का 85 ऊजार 75 तथा आइरन मातर 50 ही उपल ध ह िसफ़र िवटािमन ए ही एक ऐसा पोषक त व ह िजसकी मातरा 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लिकन वह भी 2012 म घटकर दिनक ज़ रत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह िक सवर क अनसार 35 गरामीण ी-प ष कपोिषत ह और 42 ब च

मानक तर स कम वज़न वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकड़ा ह जनसखया क ग़रीब िह स म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीिवका यरो नाम क सगठन दवारा दिकषण राज थान क गाव म िकय गय एक सवर क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक ितहाई को सब ज़ी फल अड या मास तो खर िकसी को भी िमलन का सवाल ही नही था नतीजा आधी माए और उनक ब च कपोिषत थ

इस हालत की वजह कया ह इस बार म यटरीशन यरो क ही सवर म पाया गया िक असल म 1979 म िसफ़र 30 गरामीण लोग भिमहीन थ जो अब बढकर 40 हो गय ह मखयतः मज़दरी पर िनभरर पिरवार 51 हो गय ह तथा और 27 ग़रीब िकसान ह िजनकी आमदनी बहद कम ह और उ ह जीवन िनवारह क िलय अपनी ज़मीन पर िनभरर रहन की गजाइश नही इसिलए बाकी समय उ ह मज़दरी ही करनी पड़ती ह 2011 की जनगणना क अनसार भी भिमहीन किष मजदर की तादाद 2001 क 1067 करोड़ क मकाबल बढ़कर 1443 करोड़ हो गयी ह उपजाऊ जोत वाल मािलक िकसान पहल स आध ही रह गय ह अथारत 3 चौथाई गरामीण जनसखया भी अब भोजन क िलए बाज़ार स खरीद पर ही िनभरर ह अब सरकार इस साल पहल ही ससद को बता चकी ह िक महगाई स एडज ट करन पर किष म मज़दरी की दर भी घटन लगी ह - 2014 और 2015 म यह 1 परितवषर कम हई ह साथ म यह भी यान द िक बाकी चीज क मकाबल खादय पदाथ की महगाई अिधक तज़ी स बढ़ी ह - 67 क मकाबल 10 खादय पदाथ म भी दाल वसा तथा सब िज़ य क दाम यादा तज़ी स बढ ह नशनल सपल सवर क अनसार शहर -गाव क सबस ग़रीब लोग दवारा

उपभोग की गयी व तओ की महगाई दर अमीर शहिरय की उपभोगय व तओ क मकाबल 5 तक अिधक ह िन कषर यह िक गरामीण भारत का बहलाश ना तो अब पयार मातरा म भोजन उगान म समथर ह और ना ही ख़रीदन म अतः अिधकाश लोग क िलए दाल सब ज़ी फल दध अडा-मास आिद अब दलरभ पदाथर बनत जा रह ह

अगर िवकिसत दश की बात को छोड़ भी िदया जाय और िसफ़र मीिडया दवारा भारत की बराबरी क उभरत दश कह जान वाल िबरकस (BRICS) दश क साथ भी तलना की जाय तो भारत म कपोषण की ि थित बराज़ील स 13 गना चीन स 9 गना और 1994 तक भयकर रगभदी शासन झलन वाल दिकषण अफरीका स भी 3 गना बदतर ह इस पर भी हमार शासक कपोषण को कोई यान दन लायक सम या नही मानत अभी भारत की आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई स सट पालघर म िपछल एक साल म 600 आिदवासी ब च की कपोषण स म य पर जब महारा टर क आिदवासी मामल क मतरी स सवाल पछा गया तो उनका सीधा जवाब था lsquoतो कया हआrsquo यहा तक िक सबका हाथ सबका िवकास वाली मोदी सरकार न तो 2015 म इस यटरीशन यरो को ही बन द कर िदया ह तािक ऐसी ख़तरनाक परशान करन वाली स चाइया ज़ािहर ही ना ह पर सच का मह कया इतनी आसानी स बन द हो जायगा

यदयिप उपरोकत सब त य गरामीण कषतर क ह लिकन हम सब यह भी जानत ह िक शहरी मजदर -िन न म य वगर की ि थित भी इतनी ही बरी ह अथारत दश क 80 लोग क िलए इन सधार का नतीजा भख और कपोषण ही हआ ह तो हम जो बढ़त कॉरपोरट मनाफ़ अरबपितय की बढती सखया की खबर पढ़त ह उसक पीछ की कड़वी स चाई यही ह िक ग़रीब मजदर िकसान िन न-म यवगीरय लोग क मह का िनवाला छीनकर ही यह मनाफ़ यह अरब की दौलत इकठठा हो रही ह इसीिलए इन सब सवर की ख़बर या इस पर बहस हम कॉरपोरट मीिडया म कही नजर नही आती

आइय अब हम शहरी ग़रीब की ि थित पर नजर डालत ह शहर की ऊपरी चमक-दमक स उनका हाल बहतर न समझ िद ली और म बई सिहत शहर की झगगी-झ पिड़य म रहन वाली एक चौथाई अथारत 10 करोड़ अ य त ग़रीब लोग भी भख और कपोषण का उतना ही िशकार ह और जस-जस हम भारत क आिथरक महाशिकत बनन की चचार सनत ह भख पीिड़त लोग की तादाद घटन क बजाय बढ़ती जाती ह यनीसफ क अनसार भारत म हर साल 5 वषर स कम आय क 10 लाख ब च कपोषण स ब धी कारण स म य का िशकार होत ह सामा य स कम वज़न वाल 5 साल तक क ब च की सखया का िववरण दख तो

पता लगगा िक िवकिसत दश को तो भल ही जाइय बराजील चीन दिकषण अफरीका जस तीसरी दिनया क दश भी छोिड़य शहरी ब च क कपोषण क मामल म हम बागलादश-पािक तान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पािक तान म 25 दिकषण अफरीका म 12 बराजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी िद ली और आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई की ि थित को थोड़ा और िव तार स जानत ह कय िक यहा क बार म यादा जानकारी उपल ध ह इसस हम बाकी शहर की ि थित का भी कछ आकलन कर पायग इन दोन की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड़ लोग लम या झ पड़पटटी म रहत ह जो भारी भीड़ ग़रीबी और कपोषण क क दर ह इनम लोग िकस तरह रहत ह ग यह अनमान लगान क िलए इतना ही बताना पयार ह िक म बई की जनसखया का 60 झ पड़पटटी म रहता ह जो म बई क कल कषतरफल का िसफ़र 8 जगह म ि थत ह म बई क गोवडीमानखदर या िद ली की ऐसी ही िमक बि तय म जाइय तो आपको खल गद नाल कचर क ढर और िभनिभनाती म छर-मिकखय क बीच दड़ब की मािनद भर लोग रहत िमलग िज ह न दश भर क गाव म अपनी जीिवका की बरबादी क बाद इन झ पड़ बि तय म शरण ली ह लिकन इनम स बहत सार तो इस झ पड़ ब ती म भी सही स ठौर नही पा पात कय िक कभी बलडोज़र तो कभी आग कभी परॉपटीर डीलर क मािफया िगरोह इनक थोड बहत बतरन-भाड को भी जलात तोड़त फकत रहत ह

इन ग़रीब मज़दर पिरवार म अकसर माता-िपता दोन को िदन का यादातर समय ल ब हाड़-तोड़ म म िबताना होता ह काम क िलय आन-जान म भी काफी समय लगता ह और खद तथा अपन ब च क िलय भोजन पकान का समय नही होता िफर उतना कमा भी नही पात िक आव यक पोषक त व यकत भोजन सामगरी खरीद सक य और इनक ब च पोषण क नाम पर िसफ़र आटा-मदा चीनी और िचकनाई-तल वाला कचरा भोजन (जक फड) ही उपभोग करन की करय कषमता रखत ह दाल क नाम पर कभी-कभी स ती मसर और सब ज़ी क नाम पर आल ही मय सर होता ह फल-दध तो व न बन चक ह ना त क नाम पर पिरवार चाय क साथ फन या र क स काम चला रह ह और ब च को बीच म भख लग तो मद क नड स या मद चीनी तल वाली जलबी जसी चीज स काम चलाया जा रहा ह य ग़रीब िमक पिरवार इस परकार क भोजन को जीभ क वाद की वजह स नही अपना रह बि क इस िलय िक यह पोषक तो नही होता पर पट की भख को मारता ह लिकन और भी बडी तथा असली वजह ह िक यह दाल चावल रोटी स ज़ी सलाद वाल

वा तिवक सतिलत भोजन की एक ितहाई-चौथाई कीमत का पड़ता ह तथा समय की कमी स परशान मज़दर पिरवार इस सिवधाजनक भी पात ह लिकन इस िक म क भोजन का नतीजा होता ह नाटा कद आड़ी-टढ़ी हडिडया सड दात फल पट बीमािरय का मकाबला करन म अकषम शरीर अथारत कपोषण ऐस ब च डायिरया मलिरया यमोिनया जसी बीमािरय क भी आसान िशकार होत ह हर साल करीब 10 लाख ब च कपोषण की वजह स 5 साल की उमर क पहल ही जान गवा दत ह साथ ही यह कपोषण िसफ़र िज म को ही बरबाद नही करता बि क ब च क िदमाग को भी क द करता ह उनक सीखन-पढ़न की क वत को भी कम करता ह िद ली क 20 लाख ब च म स आध की िज मानी-िदमागी बढ़वार ही कपोषण क मार क द हो गयी ह बाकी दश क ग़रीब मज़दर-िकसान का ही नही िन न म य वगीरय पिरवार का भी यही हाल होता जा रहा ह कय िक एक ओर घटती वा तिवक आमदनी और दसरी ओर खादय पदाथ की भयकर जमाखोरी-कालाबाजारी स आसमान छती कीमत भारतीय समाज क अिधकाश लोग क िज मानी-िदमागी वा य को पतन क गतर म धकल रही ह

िव खादय व किष सगठन (FAO) की गलोबल हगर िरपोटर 2015 क अनसार भारत म कल 1946 करोड़ लोग कपोषण क िशकार ह जो िपछल 5 साल म 26 बढ ह अथारत 5 साल पहल 1899 करोड़ ही थ ऐस समझ सकत ह िक पािक तान की कल जनसखया स भी 120 करोड़ यादा लोग भारत म कपोिषत ह यहा कपोषण का मतलब िसफ़र कछ िदन या समय भोजन की कमी झलन स नही ह बि क उनस िज ह लगातार एक साल और उसस यादा अपनी दिनक शारीिरक पोषण की ज़ रत स कम भोजन िमलता ह इस िरपोटर क अनसार भारत म ग़रीब क भोजन म मातर िकसी तरह जीिवत रह सकन वाल पदाथर ही शािमल ह कय िक खादय पदाथ की बढ़ती महगाई स ग़रीब लोग पोषक भोजन खरीदन म असमथर ह

आिखर इस ि थित की वजह कया ह अभी 15 िसतबर को परकािशत कोनर फरी ह गरप क 2008 क िव ीय सकट स अब तक क 51 दश क रोज़गार व वतन क तलना मक अ ययन क अनसार इन 8 वष म भारत की जीडीपी 638 बढी ह लिकन औसत वतन विदध मातर 02 हई ह इसम भी और गहराई तक जाय तो िशखर क लोग अथारत उ च परब धक का वतन 30 बढा ह लिकन सबस नीच वाल िमक की वा तिवक मज़दरी 30 कम हई ह सार 51 दश म उ चतम व िन नतम तर क किमरय म वतन असमानता सबस अिधक भारत म ही ह कय िक यहा रोज़गार कम बढ ह और िमक की स लाई यादा वस भी अब िनयिमत वतन वाल थायी मज़दर

ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़

(पज 2 पर जारी)

लिधयाना क टकसटाइल पटटी क मज़दर िद ली क इ पात मज़दर स लकर ित पर व यनम क मज़दर और च नई क आटोमोबाइल मजदर स लकर करल क म नार क चाय बाग़ान मज़दर तक िपछल कछ वष म सड़क पर उतरत रह ह एक ऐस उथल-पथल भर समय म हम अकटबर कराि त क शता दी वषर म परवश कर रह ह ऐस दौर म अकटबर कराि त को याद करन क मज़दर वगर क िलए कया मायन ह इसक िलए पहल सकषप म यह जानना ज़ री ह िक अकटबर कराि त म हआ कया था कय िक आज तमाम मज़दर भी अपनी इस महान वि क िवरासत स वािकफ नही ह

महान अकटबर करािनत म कया हआ था

1917 म स एक ऐस पिरवतरन स होकर गज़रा िजसन दिनया क इितहास की िदशा मोड़ दी और एक नय यग की श आत की बीसवी सदी क पहल दशक की श आत स ही िव पजीवाद आिथरक सकट स गज़र रहा था यरोप क तमाम सामरा यवादी दश दिनया भर म महनतकश अवाम और गलाम रा टरीयताओ की लट की बटवार क िलए आपस म परित पदधार म लग हए थ उस समय तक िबरटन सामरा यवादी दिनया की सबस अहम ताकत था फरास दसरी अहम औपिनविशक सामरा यवादी शिकत था लिकन उ नीसवी सदी का अ त होत-होत जमरनी तज़ी स एक परमख आिथरक शिकत क प म उभर चका था दसरी ओर सयकत रा य अमिरका भी दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत क प म उभर रहा था लिकन जमरनी क पास अपनी पजी की परचरता को खपान क िलए और साथ स त क च माल और स त म क दोहन क िलए उपिनवश नही थ जमरनी की बढ़ती आिथरक शिकतम ा न उस िबरटन और फरास क साथ सीधी परित पदधार म ला खड़ा िकया था इस बढ़ती सामरा यवादी परित पदधार क फल व प 1914 म िव क पनिवरभाजन क िलए पहल िव यदध की श आत हो गयी एक तरफ जमरनी ऑि टरया और हगरी थ तो दसरी ओर िबरटन फरासअमिर का व स स की ि थित उस समय एक िपछड़ सामरा यवादी दश की थी वह पवीर यरोप क िपछड़ दश क िलए एक सामरा यवादी दश था लिकन वह वय िबरिटश फरासीसी और अमिरकी िवत तीय पजी क वचर व क अधीन था स म अभी ज़ार का राजत तर कायम

था पहल िव यदध म उसन िमतर शिकतय यानी िबरटन फरास और अमिरका क पकष म िह सा िलया स की िपछड़ी हई अथर यव था और स य शिकत यदध म जमरनी की उ नत स य शिकत का मकाबला करन क िलए अपयार थी ज द ही तमाम मोच पर स की हार होन लगी स क सिनक को न तो

पयार मातरा म ब दक हािसल थी और न ही उनक पास पयार मातरा म भोजन था यदध क खचर को ढो पाना स की अथर यव था क िलए मि कल था और ज द ही दश म खादया न की कमी का सकट भी पदा हो गया सिनक की भारी आबादी वा तव म िकसान पिरवार स आती थी व वा तव म विदरय म िकसान ही थ स म िकसान की ि थित भी भयकर थी भदास व का काननी तौर पर 1861 म उ मलन हो गया था लिकन उसक अ छ-खास अवशष अभी भी दश म कायम थ िकसान क बीच भिम का बटवारा नही िकया गया था और दश की अिधकाश खती योगय ज़मीन या तो ज़ार की थी या िफर चचर और बड़ ज़मीदार की जो भिम गराम समदाय क पास थी उसक भी चकरीय बटवार का िनणरय धनी िकसान व कलक ही लत थ और हर यावहािरक मसल क िलए इस ज़मीन पर भी उ ही का िनय तरण था ज़ार की स ा यदध का बोझ िकसान पर डाल रही थी और भ वािमय न िकसान पर दबाव बढ़ा िदया था जो भी ससाधन थ व सभी यदध क मोच पर वाहा हो जा रह थ मज़दर की ि थित भी कछ ऐसी

ही थी खादया न सकट क कारण शहर म भोजन की भयकर कमी हो गयी थी मज़दर को भरपट भोजन तक नही िमल पा रहा था मज़दर क काम क घ ट 12 स 14 घ ट होना आम बात थी मज़दरी इतनी भी नही िमल पा रही थी िक मज़दर भरपट खाना खा पात कछ मज़दर को थोड़ा बहतर वतन िमलता था मगर भोजन की भयकर कमी और उसकी बढ़ती कीमत क कारण उ ह भी पयार भोजन नही िमल पा रहा था पर दश म करीब 85 फीसदी आबादी ग़रीब व मझोल िकसान की थी और मज़दर की आबादी करीब 10 परितशत मज़दर को बहतर कायरि थितया बहतर मज़दरी और भरपट भोजन चािहए था और िकसान को ज़मीन चािहए थी और मज़दर और िकसान दोन को ही यदध स िनजात चािहए था दश म 1917 की श आत आत-आत आम महनतकश जनता क सबर का प याला छलक रहा था भखमरी गरीबी और महगाई की असहनीय ि थित न स क आम महनतकश अवाम म िवदरोह की ि थित पदा कर दी थी अ तत फरवरी 1917 म एक वत फतर जनिवदरोह न ज़ार की स ा को उखाड़ फका उस समय स की कराि तकारी क यिन ट पाटीर िजसका नाम स की सामािजक-जनवादी मज़दर पाटीर (बो शिवक) था इस जनिवदरोह का नत व लन म सफल नही रही नतीजतन ज़ार की स ा की पतन क बाद एक िमली-जली आरज़ी (अ थायी) सरकार बनी िजसम िक कई पजीवादी व िन न-पजीवादी पािटरया शािमल थी इस आरज़ी बजरआ सरकार न जनता स वायदा िकया िक वह िकसान को ज़मीन दगी और शाित दगी मज़दर को बहतर मज़दरी छोटा

कायरिदवस और टरड यिनयन बनान का काननी अिधकार दगी लिकन इस पजीवादी आरज़ी सरकार न अपन ज यादातर वायद को परा नही िकया उसन घोषणा की िक वह िमतर दश यानी िबरटन फरास और अमिरका स िकय हए अपन वायद को परा करगी और यदध म िह सदारी जारी रखगी साथ ही उसन भिम सधार यानी ज़मीन क िकसान म बटवार क काम को भी सिवधान सभा क बनन और िफर उसक दवारा कानन पािरत िकय जान तक टाल िदया मज़दर और आम महनतकश जनता को ता कािलक तौर पर कछ जनवादी और नागिरक अिधकार ज़ र हािसल हए िजसन की स म वगर सघषर को आग बढ़ान म ता कािलक तौर पर मदद की इतना करना आरज़ी पजीवादी सरकार की मजबरी थी लिकन जो सबस अहम वायद उसन िकय थ यानी ज़मीन और शाित का वायदा उसस वह मकर गयी यदध म स की िह सदारी जारी रहन स दश म अ यव था आिथरक सकट और खादया न सकट बढ़त ही जा रह थ नतीजतन दश म नयी पजीवादी आरज़ी सरकार क िखलाफ जनअस तोष भी बढ़ता जा रहा था दश भर क औदयोिगक क दर म हड़ताल की एक लहर चल पड़ी साथ ही गाव म िकसान का सबर भी टट चका था और उनक बीच भी बगावत क हालात थ कई जगह पर उ ह न भिम सिमितया बनाकर ज़मीन कब ज़ा करना श कर िदया आरज़ी सरकार न कर की नामक एक बजरआ नता की अगवाई म इन मज़दर हड़ताल और िकसान बग़ावत का उसी परकार दमन श कर िदया िजस परकार िक ज़ार की सरकार कर रही थी दश म एक कराि तकारी ि थित िनिमरत हो रही थी और आरज़ी सरकार सलगत हए जनिवदरोह को कचलकर इस कराि तकारी स भावना को कचलन का परयास कर रही थी ऐस म बो शिवक पाटीर क नता लिनन न अपरल म lsquoअपरल थीसीज़rsquo पश की इसम लिनन न बो शिवक पाटीर का आम बग़ावत कर स ा अपन हाथ म लन का आ ान िकया लिनन न बताया िक पजीवादी आरज़ी सरकार बजरआ जनवादी कराि त को परा नही करगी यानी िक वह ज़मीन का बटवारा नही करगी और न ही यदध स िनजात िदलायगी वह मज़दर की भी सभी जनवादी माग को परा नही करन वाली वह जनिवदरोह की आशका को दखत हए सामरा यवाद पजीपित वगर और साथ ही दशी ज़मी दार वगर स समझौत कर रही ह ऐस म अब यह ख़तरा पदा हो गया ह िक यह सरकार परितिकरयावािदय की गोद म बठकर जनवादी कराि त का भी गला घ ट दगी इन हालात म मज़दर वगर को अपनी िहरावल पाटीर यानी बो शिवक पाटीर क नत व म स ा पर क ज़ा करना चािहए और समाजवादी कराि त को अजाम दना चािहए अगर मज़दर वगर न समाजवादी कराि त क कायरभार को अभी त काल

परा नही िकया तो न िसफ़र जनवादी कराि त परी नही हो सकगी बि क उसकी ह या भी हो जायगी लिनन क पर ताव को पहल बो शिवक पाटीर क ही नत वकारी िनकाय न वीकार नही िकया लिकन जस-जस समय बीतता गया बो शिवक पाटीर क नत व की बहसखया लिनन क पर ताव को मानती गयी अ ततः बो शिवक पाटीर की क दरीय कमटी न आम बग़ावत और समाजवादी कराि त क लिनन क पर ताव को वीकार िकया

बो शिवक पाटीर कई वष क वगर सघष म तपी-तपायी पाटीर थी इसन ज़ार की तानाशाही क दौर म मज़दर क कई सघष का नत व िकया था और उनक बीच लगातार मौजद रही थी बो शिवक पाटीर न मज़दर क बीच स सवारिधक उ नत चतना वाल कमरठ और बहादर कायरकतारओ को भतीर िकया था और एक लौह अनशासन वाली और गोपनीय ढाच वाली मज़बत पाटीर का िनमारण िकया था कवल ऐसी पाटीर ही ज़ारशाही और िफर पजीवादी सरकार दवारा िकय जान वाल दमन का मकाबला कर सकती थी और कशलतापवरक मज़दर वगर और आम ग़रीब िकसान आबादी को नत व द सकती थी बो शिवक पाटीर न अपन परचार क दायर म सिनक को भी लाया था जो िक िकसान क ही बट थ सिनक की भारी तादाद ज़मीन और शाि त की माग स पणरतः सहमत थी कवल बो शिवक पाटीर ही एकमातर पाटीर थी जो िक ज़मीन क बटवार और यदध स वापसी क कदम को त काल लाग करन की बात कर रही थी फरवरी 1917 क बाद स ही आम महनतकश जनता म भी यह बात साफ होती जा रही थी िक यिद भिम सधार और शाि त चािहए तो पजीवादी आरज़ी सरकार को उखाड़ फकना ही एकमातर रा ता ह और इस रा त पर जनता को नत व दन को तयार कवल एक ही पाटीर मौजद थीmdashबो शिवक पाटीर ज द ही मज़दर आबादी की भारी बहसखया बो शिवक पाटीर क पकष म खड़ी हो गयी सिनक की सोिवयत म भी बो शिवक पाटीर िनय तरण म आ गयी मज़दर और सिनक की सोिवयत म बो शिवक पाटीर क नत व क कािबज़ होन क साथ बो शिवक पाटीर आम बग़ावत को अजाम दन की ि थित म पहच गयी थी

िकसान क बीच पहल समाजवादी-कराि तकारी पाटीर नामक एक टटपिजया पाटीर का नत व परमख था बो शिवक पाटीर का उनक बीच आधार काफी कम था मगर भिम सधार क मसल पर समाजवादी-कराि तकारी पाटीर भी सिवधान सभा दवारा कानन बनाय जान की बात का समथरन कर रही थी और भिम सधार को टाल जा रही थी िलहाज़ा िकसान की बड़ी आबादी भी ज द ही बो शिवक पाटीर क पकष म आन लगी कय िक कवल बो शिवक पाटीर ही त काल भिम सधार की बात

कर रही थी अब बो शिवक पाटीर स की बहसखयक आम महनतकश

आबादी यानी िक मज़दर वगर व आम िकसान वगर क समथरन को परा कर चकी थी यानी अब बो शिवक पाटीर क पास वह कराि तकारी अनशािसत व ग ढाचा भी था जो कराि त क नत व सचालन क िलए ज़ री था और साथ ही उसक पास यापक जनसमदाय का समथरन भी था उसन नारा िदया lsquoज़मीन शाि त रोटीrsquo यही व चीज़ थी जो िक स की यदध ग़रीबी भखमरी बरोज़गारी और महगाई स तर त और थकी हई जनता को चािहए थी बो शिवक पाटीर न एक कराि तकारी स य कमटी थािपत की इसका सचालन आम बग़ावत क पहल लिनन न वय अपन हाथ म िलया दश भर म मज़दर व सिनक सड़क पर थ और गाव म भी िकसान का िवदरोह उबल रहा था 24 अकटबर की शाम स ही बो शिवक पाटीर क नत व म कराि तकारी सिनक व मज़दर न पजीवादी स ा क सभी अग पर क ज़ा करना श कर िदया सभी पो टल व टलीगराफ द तर स य मखयालय पिलस मखयालय बक पोटर रलव टशन पर बो शिवक न अपना िनय तरण कायम कर िलया गया पजीवादी स ा िजन अग स काम करती ह उ ह अब लकवा मार चका था और समची पजीवादी रा यस ा पणरतः असहाय थी इसक बाद 25 अकटबर को स म रा यस ा क परतीक शीत परासाद म बठ आरज़ी सरकार क मि तरय को आ मसमपरण करन का अ टीमटम िदया गया अ टीमटम परा होन स पहल आ मसमपरण न होन पर बो शिवक सिनक न धावा बोला और बहत थोड़ परितरोध क बाद ही िवजय हािसल कर ली गयी और इस तरह स स क परान कल डर क अनसार 25 अकटबर (7 नव बर) को बो शिवक पाटीर क नत व दिनया की पहली सफल समाजवादी मज़दर कराि त हई सम त शिकत मज़दर और सिनक की सोिवयत को स प दी गयी कराि त क त काल बाद भिम स ब धी आजञि पािरत हई और भिम सधार की श आत कर दी गयी दसरी आजञि यदध स वापसी की आजञि थी समाजवादी कराि त न व दोन परमख माग त काल परी कर दी िज ह पजीवादी आरज़ी सरकार आठ माह म परा नही कर सकी थी कराि त क बाद स न सामरा यवादी यदध स अपन हाथ खीच िलए और 1918 का म य आत-आत स इस िवनाशकारी यदध स परी तरह

बाहर आ चका था हालािक अब स की मज़दर स ा

को परितिकरयावादी कलक व ज़मी दार की बग़ावत और सामरा यवादी ह तकषप का मकाबला कर कराि त को बचान क िलए एक तीन वष क गहयदध म उतरना पड़ा लिकन यह कोई सामरा यवादी यदध नही था जो िक मनाफ़ की लट म िह सदारी क िलए लड़ा गया हो इस

(पज 1 स आग)

8 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

(पज 9 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

गहयदध म मज़दर व सिनक न िकसान क समथरन क बल पर तीन वष म ज़मी दार की बग़ावत को परा त िकया और साथ ही चौदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी हरा िदया 1921 आत-आत कराि तकारी समाजवादी स गहयदध म िवजयी हो चका था और

वहा मज़दर स ा स ढ़ीकत हो चकी थी इसक बाद अगल करीब साढ़ तीन दशक म स की महनतकश जनता न स म समाजवादी यव था का िनमारण

िकया सार कल-कारख़ान खान -खदान का रा टरीकरण कर िदया गया सार बक का रा टरीकरण कर िदया गया रा यस ा पर अपनी कराि तकारी पाटीर बो शिवक पाटीर क नत व म अब मज़दर वगर कािबज़ था इसिलए अब इन सार ससाधान का वामी साझा तौर पर दश का मज़दर वगर और ग़रीब िकसान जनता थी 1917 म जो बजरआ भिम सधार लाग िकय गय उसस अलग-अलग िकसान िनजी तौर पर ज़मीन क मािलक बन लिकन 1931 स 1936 क बीच सोिवयत सघ म ज़मीन म भी िनजी मािलकाना समा कर िदया गया और साझी खती की यव था थािपत की गयी 1930 क दशक म ही सोिवयत स का अभतपवर गित स उदयोगीकरण

हआ िजसस िक वह कछ ही समय म दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया इस पमान पर उदयोग खड़ करन म दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत अमिरका को करीब डढ़ सौ साल लग थ लिकन स न यह कायर मज़दर शिकत क बत पर डढ़ दशक म ही कर िदखाया पर दश म साकषरता का तर 100 परितशत क करीब पहचन लगा मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त सधार हआ भखमरी और बरोज़गारी परी तरह समा कर िदय गय स औरत को वोट दन का अिधकार

दन वाला पहला बड़ा दश बना ( स स पहल यज़ील ड म मिहलाओ को वोट दन का अिधकार िमला था| सािवरक मतािधकार स च तौर पर पहली बार िबना िलग या स पि की शतर क स म ही लाग हआ सोिवयत सघ न सभी दिमत रा टरीयताओ व जातीय समह को पहली बार सामरा यवादी दमन स मकत िकया और उ ह आ मिनणरय का अिधकार िदया य सभी दिमत रा टरीयताए समाजवादी परयोग म बराबरी की िह सदार बनी और हीनता क ब को हमशा क िलए अपन माथ स िमटा िदया सोिवयत सघ क समाज स व यावि परी तरह समा हो गयी हर आिथरक मामल म स परी तरह अपन पर पर खड़ा हो गया और यह सारा चम कार स क मज़दर वगर न िहटलर की ना सी सना को हरात हए िदवतीय िव यदध म दो करोड़ लोग की कबारनी दत हए और पर सामरा यवादी-पजीवादी िव की सािज़श और तोड़-फोड़ क परयास क बावजद िकया 1953 म तािलन की म य क बाद बो शिवक

पाटीर क नत व पर सशोधनवािदय का क ज़ा हो गया इसका कारण स म समाजवादी परयोग क दौरान हई कछ भल और ग़लितया थी िजन पर इस शता दी वषर क दौरान हम lsquoमज़दर िबगलrsquo म िव तार म िलखग लिकन यह कोई आ यर की बात नही थी िक स क समाजवादी परयोग को अमली

जामा पहनान म वहा की मज़दर स ा और मज़दर वगर की पाटीर स ग़लितया हई यह एक नय िक म का और अभतपवर परयोग था यह एक नय िक म की रा यस ा थी पहली बार शोषक अ पसखया पर शोिषत बहसखया की तानाशाही और सवरहारा जनवाद कायम िकया गया था हर नय परयोग क समान इसम भी ग़लितया होना लािज़मी था यह पहली मज़दर कराि त थी इसक दवारा खड़ िकय गय समाजवादी परयोग क करीब चार दशक बाद असफल हो जान पर कोई भी ऐितहािसक नज़िरया रखन वाला ता जब नही करगा ता जब इस बात पर ज़ र होता ह िक चार दशक क परयोग म ही समाजवादी सोिवयत सघ न वह सबकछ कर िदखाया जो पजीवाद अपन तीन सौ क वष क इितहास म नही कर पाया हालािक lsquoसमानता वत तरता और भरात वrsquo का नारा उसी न िदया था चार दशक क भीतर ही सोिवयत सघ म समाजवादी परयोग न आन वाली बहतर दिनया की एक झलक िदखला दी उसन िदखला िदया िक पजी का शासन अजर-अमर नही ह पजीवादी मानवता क िलए सबस बहतर यव था नही ह पजीवाद lsquoइितहास का अ तrsquo नही ह अकटबर कराि त न िदखला िदया िक इसस बहतर दिनया स भव ह और वह बहतर दिनया सवरहारा वगर ही बना सकता ह

आज तमाम मज़दर इस महान परयोग क बार म जानत ही नही ह कारण यह ह िक पजीवादी अखबार समाचार चनल िफ म और समचा िशकषा त तर कभी भी हम इसक बार म नही बताता हम कवल इसकी lsquoअसफलताrsquo क बार म बताया जाता ह हम इसक बार म द परचार सनाया जाता ह दसर श द म अकटबर कराि त को पजीवादी शासक वगर न जानबझकर िव मित क अ धर म धकलन की लगातार कोिशश की ह तािक आज का मज़दर वगर अपन परख क इस महान परयोग स सीख और पररणा न ल सक व हमशा हीनताबोध और आ मिव ास क अभाव म िजय अपनी गौरवशाली और महान िवरासत स विचत मज़दर वगर भिव य क सघष क िलए भी आ मिव ास और आि मक बल नही जटा सकता ह यही कारण ह िक अकटबर कराि त की मित स शासक वगर घबराता और लगातार उस पर राख और धल की परत चढ़ान का परयास करता रहता ह ऐस म हम इस महान मज़दर कराि त क

ऐितहािसक और अ तररा टरीय मह व को समझन की आज िश त स ज़ रत ह तािक उसस हम भावी सघष क िलए पररणा और शिकत ल सक

अकटबर करािनत का महान ऐितहािसक यगानतरकारी और अनतरराषटरीय महतवमहान अकटबर कराि त का

ऐितहािसक मह व अभतपवर और अिदवतीय ह मानव इितहास म पहल भी कराि तया और जनिवदरोह हए ह आज स करीब 2090 साल पहल रोम म गलाम न बग़ावत की गलाम की बग़ावत क कारण दास परथा कमज़ोर हई और िफर टटी दास वािमय का शासन ख़ म हआ तो ज़मी दार व साम त का शासन आया यह पहल की दास यव था स बहतर यव था थी पहल दास को lsquoबोलन वाला औज़ारrsquo कहा जाता था दास- वामी उ ह अपन मनोरजन क िलए आपस म तब तक लड़वात थ जब तक िक व मर नही जात थ उनस तब तक काम करवाया जाता था जब तक िक व िगरकर बहोश नही हो जात थ दास को मन य ही नही माना जाता था लिकन साम ती यव था क तहत भदास की ि थित इसस बहतर थी इस प म साम ती यव था मानव इितहास म एक अगला कदम थी लिकन यह भी भदास और िकसान क अमानवीय शोषण पर आधािरत यव था थी भदास की अपनी कोई राजनीितक वत तरता नही थी व ज़मीन क साथ बध हए थ उ ह साम त की ज़मीन पर कमर-तोड़ काम करना पड़ता था और बदल म उ ह जीन भर की खराक िमलती थी िकसान को भी लगान क प म साम त की ज़मीन पर बगार करना पड़ता था या िफर फसल या नकदी क प म भारी लगान चकाना पड़ता था आग चलकर दिनया भर म साम ती यव था क िव दध िकसान न बग़ावत की इन बग़ावत स साम ती यव था म दरार पड़ी आग चलकर उदीयमान कराि तकारी बजरआ वगर न िकसान और द तकार व कारीगर को साथ लकर साम त क िव दध जनवादी कराि तया की कय िक साम ती यव था क तहत उसका आिथरक िवकास और राजनीितक स ा भी स भव नही थी

इन जनवादी कराि तय क फल व प पजीपित वगर स ा म आया और उसन पजीवादी लोकत तर (जनवाद) की थापना की इस यव था म पजीपित वगर शािसत व शोिषत मज़दर व आम महनतकश वगर स शासन करन की lsquoसहमितrsquo लता ह यह lsquoसहमितrsquo चनाव क ज़िरय ली जाती ह इसस यापक महनतकश अवाम म यह भरम पदा होता िक पजीवादी सरकार को उसन ही चना ह लिकन वा तव म यह lsquoसहमितrsquo पजीपित वगर अपन मीिडया िशकषा त तर व अ य राजकीय उपकरण दवारा राय बनाकर िनिमरत

करता ह ठीक उसी परकार जस िपछल लोकसभा चनाव म परचार पर दस हज़ार करोड़ पय ख़चर करक टाटा अ बानी व अडानी सरीख पजीपितय न नर दर मोदी को परधानम तरी बनान क िलए पर समाज म राय का िनमारण िकया था बहरहाल इस परकार पजीवादी जनवाद क प म पहली बार एक ऐसी शोषक स ा आयी जो िक कम-स-कम ऊपरी तौर पर lsquoसहमितrsquo लकर शोिषत क ऊपर शासन करती ह और इसम शासक वगर क शासन को सही ठहरान का कायर पर यकष प स धमर क दवारा या िकसी िद यता क िसदधा त दवारा नही होता इस प म पजीवाद अपन पवरवतीर वगर समाज यानी दास यव था और साम ती यव था स िभ न ह लिकन एक मायन म वह उनक समान भी ह पजीवाद म भी शोिषत बहसखया क ऊपर एक शोषक अ पसखयक वगर की तानाशाही होती ह पजीवादी जनवाद का यही अथर होता हmdash- बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश आबादी पर पजीपितय की तानाशाही इस तानाशाही को पजीपितय की कौन सी पाटीर सचािलत करगी बस इसी का फसला पजीवादी चनाव म होता ह नागनाथ चल जात ह सापनाथ आ जात ह सकषप म यह िक अकटबर कराि त क पहल तक सभी कराि तय या िवदरोह क बाद जो स ा अि त व म आयी वह िकसी न िकसी शोषक अ पसखया क शोिषत बहसखया पर शासन का परितिनिध व करती थी दास यव था बहसखयक दास आबादी व आम महनतकश आबादी पर अ पसखयक दास वािमय क शासन का साम ती यव था बहसखयक भदास िकसान व द तकार आबादी पर अ पसखयक साम ती राज-रजवाड़ क शासक का और पजीवादी यव था बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश जनता पर अ पसखयक पजीपित वगर क शासन का परितिनिध व करती ह अकटबर कराि त न पहली बार एक ऐसी स ा की थापना की िजसम िक शोषक अ पसखयक क ऊपर शोिषत बहसखयक की स ा कायम की गयी इस प म अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक नय यग की श आत की यह नया यग ह समाजवादी सकरमण का दीघरकािलक ऐितहािसक यग यह लािज़मी था िक इस ल ब दौर म दिनया म अलग-अलग दश म मज़दर वगर समाजवाद क कई असफल परयोग कर बीसवी सदी म मज़दर वगर न अलग-अलग दश म समाजवाद क कई परयोग िकय भी जो महान उपलि धया हािसल करन क बाद असफल हो गय स म चीन म पवीर यरोप म िवयतनाम म लिकन इन परयोग म सी अकटबर कराि त का िविश थान ह कय िक उसन ही इस िसलिसल की श आत की और दिनया की पहली समाजवादी मज़दर स ा की थापना की

अकटबर कराि त न बजरआ कराि त क भी उन कायरभार को सवारिधक कराि तकारी प म और पणरता क साथ परा िकया िज ह वय बजरआ वगर न कभी परा नही िकया सबस आमलगामी बजरआ कराि तय न भी भिम सधार और जनवादी अिधकार दन क वायद को उस ईमानदारी और आमलगािमता क साथ परा नही िकया िजसक साथ अकटबर कराि त न िकया अकटबर कराि त न ह त भर म ही वह कर िदखाया जो िक बजरआ वगर न अपन तमाम वायद क बावजद दो सौ साल म नही िकया था लिनन न इसीिलए अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर िदय एक भाषण म कहा था िक स की िविश पिरि थितय म समाजवादी कराि त न बजरआ वगर दवारा ही जनवादी कराि त की ह या को रोका समाजवादी कराि त न मज़दर वगर क हाथ म स ा स पन और समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़न स पहल छट-फटक बजरआ जनवादी कायरभार को भी परा िकया स म एक िविश पिरि थित म सवरहारा वगर को इितहास न मजबर कर िदया था िक वह स ा त काल अपन हाथ म ल जसा िक लिनन न वय कहा था िक अकटबर कराि त का समय हमन अपनी इ छा स नही तय िकया था िदवतीय िव यदध पिरणामतः पदा हए आिथरक सकट खादया न सकट दश भर म मज़दर हड़ताल और कारख़ाना क ज़ा की लहर सोिवयत क वतः पफतर प स जाग उठन और भिम कमिटय दवारा ज़मीन क ज़ा करन क आ दोलन क कारण पदा हई िविश पिरि थितय न सवरहारा वगर और उसकी िहरावल पाटीर क समकष समय स पहल ही ऐसी ि थित पदा कर दी िजसम उसक सामन दो ही िवक प मौजद थः या तो स ा पर क ज़ा करक समाजवादी कराि त की जाय और बजरआ जनवादी कराि त क उन अधर वायद को परा िकया जाय िज ह परा करन स वय बजरआ वगर मकर गया था या िफर सवरहारा वगर और उसकी िहरावल बो शिवक पाटीर बजरआ वगर परितिकरयावादी कलक व भ वामी वगर तथा राजत तरशाही क बच हए परितिकरयावादी त व क गठब धन को यह इजाज़त द िक वह जनवादी कराि त का गला घ टन क साथ ही मज़दर वगर को lsquoइितहास क रगमच स कई दशक क िलए उठाकर बाहर फक दrsquo लिनन का यह म याकन िब कल द त िनकला यिद उस समय मज़दर वगर न स ा अपन हाथ म न ली होती तो सामरा यवाद सी पजीपित वगर और भ वामी वगर न

िमलकर सी जनवादी कराि त का भी गला घ ट िदया होता इस परकार स की िविश पिरि थित म मज़दर वगर दवारा की गयी समाजवादी कराि त न जनवादी कराि त की ह या को भी रोका और

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 9

(पज 10 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण(पज 8 स आग)

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 6: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

6 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

रजनी एक चार साल की ब ची ह इस उमर क अ य ब च की तरह उसका वज़न भी कम स कम 15 िकलो होना चािहए जानत ह रजनी का वज़न िकतना ह 5 िकलो धसी हई आख हडिडय क ढाच पर बजान सखी हई वचा व ख बजान बाल और पतल-पतल हाथ पर वाली रजनी ज़ोर लगाकर खड़ा होन की कोिशश तो करती ह लिकन पर म जान न होन की वजह स खड़ी नही हो पाती ह रोन की कोिशश करती ह तो रो भी नही पाती ह िसफ़र रजनी ही नही उसक तीन और भाई-बहन भी इसी तरह स भखमरी और कपोषण का िशकार ह उसक माता-िपता जलपाईगड़ी क एक चाय बागान म काम करत थ कछ महीन पहल मािलक न िबना िकसी नोिटस और मआवज क इनको बाहर का रा ता िदखा िदया और अब य बरोज़गार ह और सड़क पर ह कछ िदन तक तो उधार पर राशन आता रहा और यह पिरवार दो िदन छोड़कर एक िदन खाना खाता रहा लिकन यह भी कब तक चलता कछ िदन बाद दकान वाल न भी उधार दना बन द कर िदया अब न रोज़गार ह न उधार और न ही राशन ब च ही नही बि क उनक माता-िपता की हालत भी वसी ही ह परा पिरवार भखमरी और कपोषण का िशकार ह और यह िसफ़र एक रजनी और उसक पिरवार की बात नही ह हमार दश म हर रोज़ लगभग बीस करोड़ लोग भख सोत ह यह परी दिनया म रोज़ भख सोन वाल लोग का एक ितहाई ह भारत म हर रोज़ 7000 और हर साल 25 लाख स यादा लोग भख की वजह स मर जात ह इतना ही नही भारत म 50 परितशत स यादा ब च अडरवट यािन अपनी आय क िहसाब स कम वज़न वाल ह और 70 परितशत स यादा औरत और ब च िकसी न िकसी गम भीर पोषण की कमी का िशकार ह हमार दश म 30 परितशत नवजात िशश कम वज़न क साथ पदा होत ह 3 साल तक क 79 परितशत ब च और 56 परितशत िववािहत मिहलाओ म आयरन की

कमी स होन वाली ख़न की कमी ह ब च म होन वाली आधी स यादा मौत कपोषण या कम पोषण होन की वजह स होती ह कया आप जानत ह भखमरी की तािलका म भारत दिनया म कौन स थान पर ह 97व थान पर बहत सार छोट-छोट दश स भी नीचा आपको य आकड़ भयावह लग रह ह ग लिकन भारत की एक बड़ी आबादी क िलए यह रोज़मरर की बात ह

लिकन ऐसा इसिलए नही ह िक भारत म खादया न की कमी ह भारत गह की सबस यादा पदावार करन वाल दश म चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 9403 लाख मीिटरक टन गह पदा होता ह चावल की पदावार म भी भारत चीन क बाद दसर थान पर आता ह और यहा हर साल 15506 लाख मीिटरक टन चावल पदा िकया जाता ह और िफर कया होता ह िपछल साल भारत म 210 लाख मीिटरक टन गह गोदाम म पड़ा-पड़ा सड़ गया था इतना गह पर दश का पट भरन क िलए पयार था सयकत रा टर सघ क अनसार भारत म कल पदावार का चालीस परितशत गह हर साल बबारद हो जाता ह लिकन गाय की पजा स दशभिकत को जोड़न वाली सरकार को दश क भख मरत लोग की िच ता कय होन लगी बहरहाल सरकार का कहना ह िक यह अनाज ख़राब भ डारण और पिरवहन की वजह स ख़राब होता ह लिकन सवाल य ह िक भ डारण और पिरवहन की िज़ मवारी िकसकी ह इस स ब ध म 2001 म सपरीम कोटर म एक यािचका दायर की गयी थी िजसम कहा गया था िक दश की बड़ी आबादी भख मरती ह और अनाज गोदाम म सड़ता ह सपरीम कोटर न सिवधान क अन छद 21 का हवाला दत हए कहा था िक ldquoभोजन का अिधकारrdquo असल म ldquoजीवन क अिधकारrdquo स ही स बि धत ह सपरीम कोटर न फ़सला सनाया था िक ldquoभारतीय खादय िनगमrdquo यह सिनि त कर िक अनाज गोदाम म न सड़ और हर ज़ रतमद को भोजन उपल ध हो

लिकन जसा िक अकसर होता ह फ़सल क इतन साल क बाद आज भी गोदाम म य ही अनाज सड़ रहा ह और लोग भख स मर रह ह पजीवाद का यह मखय लकषण होता ह यापक आबादी भख मरती ह अनाज गोदाम म सड़ता ह या सड़ा िदया जाता ह सरकार और यायपािलका मगरम छ क आस बहाती ह और सब कछ य ही चलता जाता ह

कहन को तो सरकार न मिहलाओ और ब च को भोजन उपल ध करान क िलए कीम भी चला रखी ह एक कीम ह िमड ड मील योजना इसक तहत सरकारी कल म पढन वाल ब च को िदन का खाना उपल ध करवाया जाता ह लिकन यहा सम या य ह िक अिधकतर ब च कल ही नही जा पात तो भोजन कहा स कर पायग दसरा उस भोजन म भी इतनी अिनयिमतताए िमलती ह िक इसी साल क हर महीन म दश क िविभ न िह स स िमड ड मील खान क बाद ब च क बीमार होन की खबर आती रही ह िपछल ही िदन छ ीसगढ़ क कोरबा म 60 ब च िमड ड मील खान क बाद बीमार हो गय थ ज़ािहर ह सम या इस योजना म नही बि क कायार वयन की नीयत म ह कल म आन वाल राशन को इतन ख़राब तरीक स रखा जाता ह िक उसक दिषत होन की स भावना शत परितशत होती ह कई जगह पर इसकी िज़ मदारी ऐस एनजीओ को दी गयी ह जो पस बनान क िलए घिटया सामगरी का इ तमाल करत ह लिकन िकसी को कोई फकर नही पड़ता और ब च य ही बीमार पड़त रहत ह इन स कल म ग़रीब क ब च ही जात ह इसिलए भी िकसी क िलए यह कोई बड़ी बात नही बनती उधर सरकार स लकर स बि धत अिधकारी तक अपनी पीठ थपथपात रहत ह िक सबको भोजन उपल ध करवा िदया गया ह एक अ य कीम ह जो सरकार न ldquoसमि वत बाल िवकास पिरयोजनाrdquo क नाम स चलायी हई ह िजसक अ तगरत छ वषर तक क उमर क ब च गभरवती मिहलाओ तथा

तनपान करान वाली मिहलाओ को वा य पोषण एव शकषिणक सवाओ का एकीकत पकज परदान करन की योजना ह इसक अ तगरत इन सबक िलए एक समय क परक आहार का परबध आगनवाड़ी कदर म होता ह कहन को तो यह योजना िपछल 41 साल स चल रही ह लिकन आज भी इस दश क 50 परितशत स यादा ब च कपोिषत ह और भख स मर रह ह

असल म पजीवाद म सरकार िदखाव क िलए कछ क याणकारी योजनाए चलाती रहती ह लिकन यह िसफ़र िदखावा ही होता ह और जमीनी तर पर य योजनाए बरसाती बलबल स यादा परभाव नही डालती ब च सड़ा हआ अनाज खाकर बीमार हो रह ह जो यह भी नही खा पा रह व भख स मर रह ह और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही ह परभाव डाल भी तो कस एक िरपोटर क अनसार भारत म 45 करोड़ लोग ग़रीबी की रखा स नीच जी रह ह लिकन ग़रीबी की रखा का यह मानदड भी हा या पद ह भारत सरकार क अनसार शहर म रहन वाला कोई यिकत रोज़ अगर 33 पय स यादा और गाव म रहन वाला कोई यिकत अगर 27 पय स यादा कमाता ह तो वह ग़रीब नही ह अब कोई यिकत इतनी कम आमदनी क साथ जीन योगय भी साधन भी नही जटा पायगा पट भरकर खाना तो दर की बात ह िफर ग़रीबी की रखा स नीच आन वाल लोग तो इतन भी नही कमा पात तो व कहा िज़ दा रहन की भी सोच सकत ह एक तरफ तो ऐस लोग की सखया बढती जा रही ह और दसरी तरफ दश म पदा होन वाली स पदा और पजी समाज क एक बहत छोट स िह स क क ज म आती जा रही ह भारत म दिनया क सबस यादा ग़रीब लोग रहत ह और दसरी तरफ फ़ो सर पितरका दवारा जारी की गयी दिनया क 61 दश म अरबपितय की सखया की सची म भारत का थान चौथा ह अमीर और ग़रीब की बढती इस खाई क बीच दश म तमाम नीितया इसी धनपश पजीपित वगर क मनाफ़ क िलए बनायी

जाती ह कछ क याणकारी योजनाए िसफ़र इसिलए चला दी जाती ह तािक यह िदखाया जा सक िक सरकार को ग़रीब की भी िच ता ह लिकन अ ततः ग़रीब क िह स म आती ह लट शोषण और भखमरी

तो इस सब क िलए िज़ मदार कौन ह सरकार की ही तज़र पर कछ लोग कहग िक अनाज का भडारण सही नही ह योजनाओ को ढग स कायारि वत नही िकया जाता अिधकारी पस खा जात ह भर ाचार ह आिद आिद लिकन यह तो त वीर का एक छोटा सा िह सा मातर ह सम या का कारण सरकार की लापरवाही और भर ाचार तो ह लिकन िसफ़र यही एक कारण नही ह सरकार लापरवाह कय ह और भर ाचार का कारण कया ह यह दखन क िलए तो हमको इस यव था की मल परणाली म दखना होगा हमार दश की यव था यािन पजीवाद क अ तगरत हर चीज़ की तरह अनाज भी मनाफ़ क िलए पदा िकया जाता ह और पजीवाद म कोई भी सरकार मनाफ़ पर आधािरत यव था को बनाय रखन व मज़बत बनान क अलावा कछ और नही करगी सरकार की तमाम योजनाए और कायरनीितया इ ही अरबपितय क मनाफ़ को यान म रख कर बनायी जाती ह ऐस म चाह कोई क याणकारी कीम आ जाय या सपरीम कोटर क हज़ार फ़सल आ जाय जब तक मनाफ़ाख़ोर पजीवादी यव था रहगी तब तक अनाज सड़ता रहगा लोग भख स मरत रहग और पजीपितय क मनाफ़ बढ़त रहग स म जब अकटबर कराि त हई तो उस समय स सिहत सी सामरा य क तमाम

दश भयकर अकाल और भखमरी स जझ रह थ लिकन कराि त क बाद जब महनतकश न स ा अपन हाथ म ली तो अगल दस साल म सोिवयत सघ स भखमरी का नामोिनशान ख़त म िकया जा चका था ऐसा भारत म भी िकया जा सकता ह ज़ रत ह िक पजीवाद को ख़त म करक महनतकश का लोक वराज कायम िकया जाय

ndash नवमीत

िवकास क शोर क बीच भख स दम तोड़ता महनतकश

शहीद भगतिसह क जन मिदवस 28 िसत बर 2016 को म बई (मानखदर) म भगतिसह की पाच मराठी प ि तकाओ का लोकापरण हआ इ ही पि तकाओ क परकाशन क साथ मराठी म कराितकारी सािह य क िलए ऐरण परकाशन का आगाज़ हआ नौजवान भारत सभा व ऐरण परकाशन की तरफ स आयोिजत इस कायरकरम म भगतिसह की य पाच पि तकाए परकािशत की गयी 1 मी नाि तक का आह 2 बा बच त वजञान आिण यायालयातील िनवदन 3 जाितधमारच झगड सोडा खरया लढयाशी नात जोडा 4 कराितकारी कायरकरमाचा मसदा 5 भगतिसह हणाल होत इस कायरकरम म म बई क अलग अलग इलाक स

अनक लोग उपि थत थ इस मौक पर बोलत हए नौजवान

भारत सभा क नारायण न कहा िक भगतिसह की शहादत क इतन वष बाद भी उनक लख परासिगक ह इसका कारण य ह िक भगतिसह कवल अगरज क िव दध भारतीय जनता की लड़ाई क ही नही बि क शोषण क िव दध मज़दर की लड़ाई क भी परतीक ह समानता पर आधािरत व शोषणमकत समाज का सपना आख म िलए भगतिसह व उनक सािथय न अपना सब कछ बिलदान कर िदया पर आज भी वसा समाज नही बन पाया उसी शोषणमकत समाज क िनमारण क िलए दिनयाभर क मज़दर की तरह ही भारत क मज़दर भी लड़ रह ह इस सघषर को पिरणित तक ल जान

क िलए भगतिसह का लखन आज भी मागरदशरक ह सड़-गल िवचार िढ़ य व बौिदधक गलामी की जकड़ स आज़ाद होन की पररणा दन की िवलकषण कषमता उनक िलख श द म ह उनक लखन स

परिरत होकर खद को शोषण क िव दध लड़ाई म झ क दना यही भगतिसह को स ची दधाजिल होगी

ऐरण परकाशन की तरफ स बबन ठोक न कहा िक परसार मा यम पर व

साथ ही सािह य पर लगातार पजी का व बाजार का परभाव बढ़ रहा ह व ऐस म एक वकि पक मीिडया खड़ा करना अ यत ज री ह िविभ न भाषाओ म परगितशील सािह य कम स कम दर पर लोग तक पहजना चािहय बबन न कहा िक शहीद भगतिसह क स प णर उपल ध द तावज को भी मराठी म ज द ही परकािशत करन का सक प ऐरण परकाशन न िलया ह

लोकापरण कायरकरम क बाद पर इलाक म शहीद भगतिसह की तस वीर िलय हए एक माचर िनकाला गया व भगतिसह की िवरासत स पिरिचत करात मराठी व िह दी पचर बाट

mdash स यनारायण

शहीद भगतिसह क जनमिदवस पर मराठी म करािनतकारी सािहतय क परकाशन की शरआत

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 7

पजीवादी यव था म उ पादन का चिरतर तो सामािजक हो चका ह अथारत व तओ-सवाओ का उ पादन अलग-अलग यिकतय दवारा नही बि क बहत सार िमक दवारा सामिहक प स िकया जाता ह लिकन उ पािदत व तओ पर वािम व सामािजक अथारत इन उ पादक का सामिहक नही बि क उ पादन क साधन क मािलक या पजीपितय का िनजी वािम व होता ह उ पादक को अपनी मशिकत बचन क एवज म पजी मािलक दवारा तय मज़दरी ही िमलती ह जबिक उ पाद क पर म य पर मािलक का अिधकार होता ह िजसस उनका मनाफ़ा तथा दौलत बढती जाती ह िमक की म शिकत का म य भी बाज़ार क माग-पितर क िनयम स तय होता ह और जब मजदर की एक िवशाल बरोज़गार फौज म क बाज़ार म िबकन क िलय उपल ध हो तो यह म य इतना कम हो जाता ह िक उनको अपना जीवन चलान क िलय भी पयार नही होता कय िक मािलक पजीपित को िमक की अटट कतार िबकन क िलय

नजर आती ह इस ि थित म मजदर की िज दगी बद स बदहाल होती जाती ह और पजीपित का मनाफ़ा ऊच स ऊचा वतरमान यव था म पजीपितय क मनाफ़-दौलत म इस भारी विदध को ही अथर यव था क िवकास का पमाना माना जाता ह

अभी भारत की अथर यव था म तज़ी की भी बडी चचार ह और इस दिनया की सबस तज़ी स िवकास करती अथर यव था बताया जा रहा ह इस िवकास की असली कहानी भी बहसखयक िमक-अधर िमक जनता की िज दगी पर पड इसक असर स ही समझनी होगी 1991 म श हए आिथरक सधार स दश की अथर यव था िकतनी मज़बत हई ह उसकी असिलयत जानन क िलए जीडीपी-जीएनपी की विदध एकसपोटर-इ पोटर क आकड़ मकान -दकान की कीमत अरबपितय की तादाद या ससकस-िन टी का उतार-चढाव दखन क बजाय हम नशनल यिटरशन मॉिनटिरग यरो (NNMB) क सवर क नतीज और अ य ोत स परा जानकारी पर नजर डालत ह जो बताता ह िक जीवन की अ य सिवधाए ndash आवास िशकषा िचिक सा आिद को तो छोड ही द इस दौर म ग़रीब लोग को िमलन वाल भोजन तक की मातरा भी लगातार घटी ह यह यरो 1972 म गरामीण जनता क पोषण पर नजर रखन क िलए थािपत िकया गया था और इसन 1975-1979 1996-1997 तथा 2011-2012 म 3 सवर िकय इस सार दौरान सरकार लगातार ती आिथरक तरककी की िरपोटर दती रही ह इसिलए वाभािवक उ मीद होनी चािहय थी िक जनता क भोजन-पोषण की मातरा म सधार होगा लिकन इसक िवपरीत ज़मीनी असिलयत उलट य पायी गयी िक जनता को िमलन वाल पोषण की मातरा बढ़न क बजाय लगातार घटती गयी ह

2012 क यटरीशन यरो क गरामीण भारत क आिखरी सवर क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गरामीण को 550 कलोरी ऊजार 13 गराम परोटीन 5 िमगरा आइरन 250 िमगरा कि सयम और 500 िमगरा िवटािमन ए परितिदन कम िमल रहा ह इसी तरह 3 वषर स कम की उमर क ब च को 300 िमलीलीटर परितिदन की आव यकता क मकाबल औसतन 80 िमली दध ही परितिदन िमल पा रहा ह सवर यह भी बताता ह िक जहा 1979 म औसतन दिनक ज़ रत क लायक परोटीन ऊजार कि शयम तथा आइरन उपल ध था वही 2012 आत-आत िसफ़र कि शयम ही ज़ री मातरा म िमल पा रहा ह जबिक परोटीन दिनक ज़ रत का 85 ऊजार 75 तथा आइरन मातर 50 ही उपल ध ह िसफ़र िवटािमन ए ही एक ऐसा पोषक त व ह िजसकी मातरा 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लिकन वह भी 2012 म घटकर दिनक ज़ रत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह िक सवर क अनसार 35 गरामीण ी-प ष कपोिषत ह और 42 ब च

मानक तर स कम वज़न वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकड़ा ह जनसखया क ग़रीब िह स म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीिवका यरो नाम क सगठन दवारा दिकषण राज थान क गाव म िकय गय एक सवर क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक ितहाई को सब ज़ी फल अड या मास तो खर िकसी को भी िमलन का सवाल ही नही था नतीजा आधी माए और उनक ब च कपोिषत थ

इस हालत की वजह कया ह इस बार म यटरीशन यरो क ही सवर म पाया गया िक असल म 1979 म िसफ़र 30 गरामीण लोग भिमहीन थ जो अब बढकर 40 हो गय ह मखयतः मज़दरी पर िनभरर पिरवार 51 हो गय ह तथा और 27 ग़रीब िकसान ह िजनकी आमदनी बहद कम ह और उ ह जीवन िनवारह क िलय अपनी ज़मीन पर िनभरर रहन की गजाइश नही इसिलए बाकी समय उ ह मज़दरी ही करनी पड़ती ह 2011 की जनगणना क अनसार भी भिमहीन किष मजदर की तादाद 2001 क 1067 करोड़ क मकाबल बढ़कर 1443 करोड़ हो गयी ह उपजाऊ जोत वाल मािलक िकसान पहल स आध ही रह गय ह अथारत 3 चौथाई गरामीण जनसखया भी अब भोजन क िलए बाज़ार स खरीद पर ही िनभरर ह अब सरकार इस साल पहल ही ससद को बता चकी ह िक महगाई स एडज ट करन पर किष म मज़दरी की दर भी घटन लगी ह - 2014 और 2015 म यह 1 परितवषर कम हई ह साथ म यह भी यान द िक बाकी चीज क मकाबल खादय पदाथ की महगाई अिधक तज़ी स बढ़ी ह - 67 क मकाबल 10 खादय पदाथ म भी दाल वसा तथा सब िज़ य क दाम यादा तज़ी स बढ ह नशनल सपल सवर क अनसार शहर -गाव क सबस ग़रीब लोग दवारा

उपभोग की गयी व तओ की महगाई दर अमीर शहिरय की उपभोगय व तओ क मकाबल 5 तक अिधक ह िन कषर यह िक गरामीण भारत का बहलाश ना तो अब पयार मातरा म भोजन उगान म समथर ह और ना ही ख़रीदन म अतः अिधकाश लोग क िलए दाल सब ज़ी फल दध अडा-मास आिद अब दलरभ पदाथर बनत जा रह ह

अगर िवकिसत दश की बात को छोड़ भी िदया जाय और िसफ़र मीिडया दवारा भारत की बराबरी क उभरत दश कह जान वाल िबरकस (BRICS) दश क साथ भी तलना की जाय तो भारत म कपोषण की ि थित बराज़ील स 13 गना चीन स 9 गना और 1994 तक भयकर रगभदी शासन झलन वाल दिकषण अफरीका स भी 3 गना बदतर ह इस पर भी हमार शासक कपोषण को कोई यान दन लायक सम या नही मानत अभी भारत की आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई स सट पालघर म िपछल एक साल म 600 आिदवासी ब च की कपोषण स म य पर जब महारा टर क आिदवासी मामल क मतरी स सवाल पछा गया तो उनका सीधा जवाब था lsquoतो कया हआrsquo यहा तक िक सबका हाथ सबका िवकास वाली मोदी सरकार न तो 2015 म इस यटरीशन यरो को ही बन द कर िदया ह तािक ऐसी ख़तरनाक परशान करन वाली स चाइया ज़ािहर ही ना ह पर सच का मह कया इतनी आसानी स बन द हो जायगा

यदयिप उपरोकत सब त य गरामीण कषतर क ह लिकन हम सब यह भी जानत ह िक शहरी मजदर -िन न म य वगर की ि थित भी इतनी ही बरी ह अथारत दश क 80 लोग क िलए इन सधार का नतीजा भख और कपोषण ही हआ ह तो हम जो बढ़त कॉरपोरट मनाफ़ अरबपितय की बढती सखया की खबर पढ़त ह उसक पीछ की कड़वी स चाई यही ह िक ग़रीब मजदर िकसान िन न-म यवगीरय लोग क मह का िनवाला छीनकर ही यह मनाफ़ यह अरब की दौलत इकठठा हो रही ह इसीिलए इन सब सवर की ख़बर या इस पर बहस हम कॉरपोरट मीिडया म कही नजर नही आती

आइय अब हम शहरी ग़रीब की ि थित पर नजर डालत ह शहर की ऊपरी चमक-दमक स उनका हाल बहतर न समझ िद ली और म बई सिहत शहर की झगगी-झ पिड़य म रहन वाली एक चौथाई अथारत 10 करोड़ अ य त ग़रीब लोग भी भख और कपोषण का उतना ही िशकार ह और जस-जस हम भारत क आिथरक महाशिकत बनन की चचार सनत ह भख पीिड़त लोग की तादाद घटन क बजाय बढ़ती जाती ह यनीसफ क अनसार भारत म हर साल 5 वषर स कम आय क 10 लाख ब च कपोषण स ब धी कारण स म य का िशकार होत ह सामा य स कम वज़न वाल 5 साल तक क ब च की सखया का िववरण दख तो

पता लगगा िक िवकिसत दश को तो भल ही जाइय बराजील चीन दिकषण अफरीका जस तीसरी दिनया क दश भी छोिड़य शहरी ब च क कपोषण क मामल म हम बागलादश-पािक तान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पािक तान म 25 दिकषण अफरीका म 12 बराजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी िद ली और आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई की ि थित को थोड़ा और िव तार स जानत ह कय िक यहा क बार म यादा जानकारी उपल ध ह इसस हम बाकी शहर की ि थित का भी कछ आकलन कर पायग इन दोन की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड़ लोग लम या झ पड़पटटी म रहत ह जो भारी भीड़ ग़रीबी और कपोषण क क दर ह इनम लोग िकस तरह रहत ह ग यह अनमान लगान क िलए इतना ही बताना पयार ह िक म बई की जनसखया का 60 झ पड़पटटी म रहता ह जो म बई क कल कषतरफल का िसफ़र 8 जगह म ि थत ह म बई क गोवडीमानखदर या िद ली की ऐसी ही िमक बि तय म जाइय तो आपको खल गद नाल कचर क ढर और िभनिभनाती म छर-मिकखय क बीच दड़ब की मािनद भर लोग रहत िमलग िज ह न दश भर क गाव म अपनी जीिवका की बरबादी क बाद इन झ पड़ बि तय म शरण ली ह लिकन इनम स बहत सार तो इस झ पड़ ब ती म भी सही स ठौर नही पा पात कय िक कभी बलडोज़र तो कभी आग कभी परॉपटीर डीलर क मािफया िगरोह इनक थोड बहत बतरन-भाड को भी जलात तोड़त फकत रहत ह

इन ग़रीब मज़दर पिरवार म अकसर माता-िपता दोन को िदन का यादातर समय ल ब हाड़-तोड़ म म िबताना होता ह काम क िलय आन-जान म भी काफी समय लगता ह और खद तथा अपन ब च क िलय भोजन पकान का समय नही होता िफर उतना कमा भी नही पात िक आव यक पोषक त व यकत भोजन सामगरी खरीद सक य और इनक ब च पोषण क नाम पर िसफ़र आटा-मदा चीनी और िचकनाई-तल वाला कचरा भोजन (जक फड) ही उपभोग करन की करय कषमता रखत ह दाल क नाम पर कभी-कभी स ती मसर और सब ज़ी क नाम पर आल ही मय सर होता ह फल-दध तो व न बन चक ह ना त क नाम पर पिरवार चाय क साथ फन या र क स काम चला रह ह और ब च को बीच म भख लग तो मद क नड स या मद चीनी तल वाली जलबी जसी चीज स काम चलाया जा रहा ह य ग़रीब िमक पिरवार इस परकार क भोजन को जीभ क वाद की वजह स नही अपना रह बि क इस िलय िक यह पोषक तो नही होता पर पट की भख को मारता ह लिकन और भी बडी तथा असली वजह ह िक यह दाल चावल रोटी स ज़ी सलाद वाल

वा तिवक सतिलत भोजन की एक ितहाई-चौथाई कीमत का पड़ता ह तथा समय की कमी स परशान मज़दर पिरवार इस सिवधाजनक भी पात ह लिकन इस िक म क भोजन का नतीजा होता ह नाटा कद आड़ी-टढ़ी हडिडया सड दात फल पट बीमािरय का मकाबला करन म अकषम शरीर अथारत कपोषण ऐस ब च डायिरया मलिरया यमोिनया जसी बीमािरय क भी आसान िशकार होत ह हर साल करीब 10 लाख ब च कपोषण की वजह स 5 साल की उमर क पहल ही जान गवा दत ह साथ ही यह कपोषण िसफ़र िज म को ही बरबाद नही करता बि क ब च क िदमाग को भी क द करता ह उनक सीखन-पढ़न की क वत को भी कम करता ह िद ली क 20 लाख ब च म स आध की िज मानी-िदमागी बढ़वार ही कपोषण क मार क द हो गयी ह बाकी दश क ग़रीब मज़दर-िकसान का ही नही िन न म य वगीरय पिरवार का भी यही हाल होता जा रहा ह कय िक एक ओर घटती वा तिवक आमदनी और दसरी ओर खादय पदाथ की भयकर जमाखोरी-कालाबाजारी स आसमान छती कीमत भारतीय समाज क अिधकाश लोग क िज मानी-िदमागी वा य को पतन क गतर म धकल रही ह

िव खादय व किष सगठन (FAO) की गलोबल हगर िरपोटर 2015 क अनसार भारत म कल 1946 करोड़ लोग कपोषण क िशकार ह जो िपछल 5 साल म 26 बढ ह अथारत 5 साल पहल 1899 करोड़ ही थ ऐस समझ सकत ह िक पािक तान की कल जनसखया स भी 120 करोड़ यादा लोग भारत म कपोिषत ह यहा कपोषण का मतलब िसफ़र कछ िदन या समय भोजन की कमी झलन स नही ह बि क उनस िज ह लगातार एक साल और उसस यादा अपनी दिनक शारीिरक पोषण की ज़ रत स कम भोजन िमलता ह इस िरपोटर क अनसार भारत म ग़रीब क भोजन म मातर िकसी तरह जीिवत रह सकन वाल पदाथर ही शािमल ह कय िक खादय पदाथ की बढ़ती महगाई स ग़रीब लोग पोषक भोजन खरीदन म असमथर ह

आिखर इस ि थित की वजह कया ह अभी 15 िसतबर को परकािशत कोनर फरी ह गरप क 2008 क िव ीय सकट स अब तक क 51 दश क रोज़गार व वतन क तलना मक अ ययन क अनसार इन 8 वष म भारत की जीडीपी 638 बढी ह लिकन औसत वतन विदध मातर 02 हई ह इसम भी और गहराई तक जाय तो िशखर क लोग अथारत उ च परब धक का वतन 30 बढा ह लिकन सबस नीच वाल िमक की वा तिवक मज़दरी 30 कम हई ह सार 51 दश म उ चतम व िन नतम तर क किमरय म वतन असमानता सबस अिधक भारत म ही ह कय िक यहा रोज़गार कम बढ ह और िमक की स लाई यादा वस भी अब िनयिमत वतन वाल थायी मज़दर

ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़

(पज 2 पर जारी)

लिधयाना क टकसटाइल पटटी क मज़दर िद ली क इ पात मज़दर स लकर ित पर व यनम क मज़दर और च नई क आटोमोबाइल मजदर स लकर करल क म नार क चाय बाग़ान मज़दर तक िपछल कछ वष म सड़क पर उतरत रह ह एक ऐस उथल-पथल भर समय म हम अकटबर कराि त क शता दी वषर म परवश कर रह ह ऐस दौर म अकटबर कराि त को याद करन क मज़दर वगर क िलए कया मायन ह इसक िलए पहल सकषप म यह जानना ज़ री ह िक अकटबर कराि त म हआ कया था कय िक आज तमाम मज़दर भी अपनी इस महान वि क िवरासत स वािकफ नही ह

महान अकटबर करािनत म कया हआ था

1917 म स एक ऐस पिरवतरन स होकर गज़रा िजसन दिनया क इितहास की िदशा मोड़ दी और एक नय यग की श आत की बीसवी सदी क पहल दशक की श आत स ही िव पजीवाद आिथरक सकट स गज़र रहा था यरोप क तमाम सामरा यवादी दश दिनया भर म महनतकश अवाम और गलाम रा टरीयताओ की लट की बटवार क िलए आपस म परित पदधार म लग हए थ उस समय तक िबरटन सामरा यवादी दिनया की सबस अहम ताकत था फरास दसरी अहम औपिनविशक सामरा यवादी शिकत था लिकन उ नीसवी सदी का अ त होत-होत जमरनी तज़ी स एक परमख आिथरक शिकत क प म उभर चका था दसरी ओर सयकत रा य अमिरका भी दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत क प म उभर रहा था लिकन जमरनी क पास अपनी पजी की परचरता को खपान क िलए और साथ स त क च माल और स त म क दोहन क िलए उपिनवश नही थ जमरनी की बढ़ती आिथरक शिकतम ा न उस िबरटन और फरास क साथ सीधी परित पदधार म ला खड़ा िकया था इस बढ़ती सामरा यवादी परित पदधार क फल व प 1914 म िव क पनिवरभाजन क िलए पहल िव यदध की श आत हो गयी एक तरफ जमरनी ऑि टरया और हगरी थ तो दसरी ओर िबरटन फरासअमिर का व स स की ि थित उस समय एक िपछड़ सामरा यवादी दश की थी वह पवीर यरोप क िपछड़ दश क िलए एक सामरा यवादी दश था लिकन वह वय िबरिटश फरासीसी और अमिरकी िवत तीय पजी क वचर व क अधीन था स म अभी ज़ार का राजत तर कायम

था पहल िव यदध म उसन िमतर शिकतय यानी िबरटन फरास और अमिरका क पकष म िह सा िलया स की िपछड़ी हई अथर यव था और स य शिकत यदध म जमरनी की उ नत स य शिकत का मकाबला करन क िलए अपयार थी ज द ही तमाम मोच पर स की हार होन लगी स क सिनक को न तो

पयार मातरा म ब दक हािसल थी और न ही उनक पास पयार मातरा म भोजन था यदध क खचर को ढो पाना स की अथर यव था क िलए मि कल था और ज द ही दश म खादया न की कमी का सकट भी पदा हो गया सिनक की भारी आबादी वा तव म िकसान पिरवार स आती थी व वा तव म विदरय म िकसान ही थ स म िकसान की ि थित भी भयकर थी भदास व का काननी तौर पर 1861 म उ मलन हो गया था लिकन उसक अ छ-खास अवशष अभी भी दश म कायम थ िकसान क बीच भिम का बटवारा नही िकया गया था और दश की अिधकाश खती योगय ज़मीन या तो ज़ार की थी या िफर चचर और बड़ ज़मीदार की जो भिम गराम समदाय क पास थी उसक भी चकरीय बटवार का िनणरय धनी िकसान व कलक ही लत थ और हर यावहािरक मसल क िलए इस ज़मीन पर भी उ ही का िनय तरण था ज़ार की स ा यदध का बोझ िकसान पर डाल रही थी और भ वािमय न िकसान पर दबाव बढ़ा िदया था जो भी ससाधन थ व सभी यदध क मोच पर वाहा हो जा रह थ मज़दर की ि थित भी कछ ऐसी

ही थी खादया न सकट क कारण शहर म भोजन की भयकर कमी हो गयी थी मज़दर को भरपट भोजन तक नही िमल पा रहा था मज़दर क काम क घ ट 12 स 14 घ ट होना आम बात थी मज़दरी इतनी भी नही िमल पा रही थी िक मज़दर भरपट खाना खा पात कछ मज़दर को थोड़ा बहतर वतन िमलता था मगर भोजन की भयकर कमी और उसकी बढ़ती कीमत क कारण उ ह भी पयार भोजन नही िमल पा रहा था पर दश म करीब 85 फीसदी आबादी ग़रीब व मझोल िकसान की थी और मज़दर की आबादी करीब 10 परितशत मज़दर को बहतर कायरि थितया बहतर मज़दरी और भरपट भोजन चािहए था और िकसान को ज़मीन चािहए थी और मज़दर और िकसान दोन को ही यदध स िनजात चािहए था दश म 1917 की श आत आत-आत आम महनतकश जनता क सबर का प याला छलक रहा था भखमरी गरीबी और महगाई की असहनीय ि थित न स क आम महनतकश अवाम म िवदरोह की ि थित पदा कर दी थी अ तत फरवरी 1917 म एक वत फतर जनिवदरोह न ज़ार की स ा को उखाड़ फका उस समय स की कराि तकारी क यिन ट पाटीर िजसका नाम स की सामािजक-जनवादी मज़दर पाटीर (बो शिवक) था इस जनिवदरोह का नत व लन म सफल नही रही नतीजतन ज़ार की स ा की पतन क बाद एक िमली-जली आरज़ी (अ थायी) सरकार बनी िजसम िक कई पजीवादी व िन न-पजीवादी पािटरया शािमल थी इस आरज़ी बजरआ सरकार न जनता स वायदा िकया िक वह िकसान को ज़मीन दगी और शाित दगी मज़दर को बहतर मज़दरी छोटा

कायरिदवस और टरड यिनयन बनान का काननी अिधकार दगी लिकन इस पजीवादी आरज़ी सरकार न अपन ज यादातर वायद को परा नही िकया उसन घोषणा की िक वह िमतर दश यानी िबरटन फरास और अमिरका स िकय हए अपन वायद को परा करगी और यदध म िह सदारी जारी रखगी साथ ही उसन भिम सधार यानी ज़मीन क िकसान म बटवार क काम को भी सिवधान सभा क बनन और िफर उसक दवारा कानन पािरत िकय जान तक टाल िदया मज़दर और आम महनतकश जनता को ता कािलक तौर पर कछ जनवादी और नागिरक अिधकार ज़ र हािसल हए िजसन की स म वगर सघषर को आग बढ़ान म ता कािलक तौर पर मदद की इतना करना आरज़ी पजीवादी सरकार की मजबरी थी लिकन जो सबस अहम वायद उसन िकय थ यानी ज़मीन और शाित का वायदा उसस वह मकर गयी यदध म स की िह सदारी जारी रहन स दश म अ यव था आिथरक सकट और खादया न सकट बढ़त ही जा रह थ नतीजतन दश म नयी पजीवादी आरज़ी सरकार क िखलाफ जनअस तोष भी बढ़ता जा रहा था दश भर क औदयोिगक क दर म हड़ताल की एक लहर चल पड़ी साथ ही गाव म िकसान का सबर भी टट चका था और उनक बीच भी बगावत क हालात थ कई जगह पर उ ह न भिम सिमितया बनाकर ज़मीन कब ज़ा करना श कर िदया आरज़ी सरकार न कर की नामक एक बजरआ नता की अगवाई म इन मज़दर हड़ताल और िकसान बग़ावत का उसी परकार दमन श कर िदया िजस परकार िक ज़ार की सरकार कर रही थी दश म एक कराि तकारी ि थित िनिमरत हो रही थी और आरज़ी सरकार सलगत हए जनिवदरोह को कचलकर इस कराि तकारी स भावना को कचलन का परयास कर रही थी ऐस म बो शिवक पाटीर क नता लिनन न अपरल म lsquoअपरल थीसीज़rsquo पश की इसम लिनन न बो शिवक पाटीर का आम बग़ावत कर स ा अपन हाथ म लन का आ ान िकया लिनन न बताया िक पजीवादी आरज़ी सरकार बजरआ जनवादी कराि त को परा नही करगी यानी िक वह ज़मीन का बटवारा नही करगी और न ही यदध स िनजात िदलायगी वह मज़दर की भी सभी जनवादी माग को परा नही करन वाली वह जनिवदरोह की आशका को दखत हए सामरा यवाद पजीपित वगर और साथ ही दशी ज़मी दार वगर स समझौत कर रही ह ऐस म अब यह ख़तरा पदा हो गया ह िक यह सरकार परितिकरयावािदय की गोद म बठकर जनवादी कराि त का भी गला घ ट दगी इन हालात म मज़दर वगर को अपनी िहरावल पाटीर यानी बो शिवक पाटीर क नत व म स ा पर क ज़ा करना चािहए और समाजवादी कराि त को अजाम दना चािहए अगर मज़दर वगर न समाजवादी कराि त क कायरभार को अभी त काल

परा नही िकया तो न िसफ़र जनवादी कराि त परी नही हो सकगी बि क उसकी ह या भी हो जायगी लिनन क पर ताव को पहल बो शिवक पाटीर क ही नत वकारी िनकाय न वीकार नही िकया लिकन जस-जस समय बीतता गया बो शिवक पाटीर क नत व की बहसखया लिनन क पर ताव को मानती गयी अ ततः बो शिवक पाटीर की क दरीय कमटी न आम बग़ावत और समाजवादी कराि त क लिनन क पर ताव को वीकार िकया

बो शिवक पाटीर कई वष क वगर सघष म तपी-तपायी पाटीर थी इसन ज़ार की तानाशाही क दौर म मज़दर क कई सघष का नत व िकया था और उनक बीच लगातार मौजद रही थी बो शिवक पाटीर न मज़दर क बीच स सवारिधक उ नत चतना वाल कमरठ और बहादर कायरकतारओ को भतीर िकया था और एक लौह अनशासन वाली और गोपनीय ढाच वाली मज़बत पाटीर का िनमारण िकया था कवल ऐसी पाटीर ही ज़ारशाही और िफर पजीवादी सरकार दवारा िकय जान वाल दमन का मकाबला कर सकती थी और कशलतापवरक मज़दर वगर और आम ग़रीब िकसान आबादी को नत व द सकती थी बो शिवक पाटीर न अपन परचार क दायर म सिनक को भी लाया था जो िक िकसान क ही बट थ सिनक की भारी तादाद ज़मीन और शाि त की माग स पणरतः सहमत थी कवल बो शिवक पाटीर ही एकमातर पाटीर थी जो िक ज़मीन क बटवार और यदध स वापसी क कदम को त काल लाग करन की बात कर रही थी फरवरी 1917 क बाद स ही आम महनतकश जनता म भी यह बात साफ होती जा रही थी िक यिद भिम सधार और शाि त चािहए तो पजीवादी आरज़ी सरकार को उखाड़ फकना ही एकमातर रा ता ह और इस रा त पर जनता को नत व दन को तयार कवल एक ही पाटीर मौजद थीmdashबो शिवक पाटीर ज द ही मज़दर आबादी की भारी बहसखया बो शिवक पाटीर क पकष म खड़ी हो गयी सिनक की सोिवयत म भी बो शिवक पाटीर िनय तरण म आ गयी मज़दर और सिनक की सोिवयत म बो शिवक पाटीर क नत व क कािबज़ होन क साथ बो शिवक पाटीर आम बग़ावत को अजाम दन की ि थित म पहच गयी थी

िकसान क बीच पहल समाजवादी-कराि तकारी पाटीर नामक एक टटपिजया पाटीर का नत व परमख था बो शिवक पाटीर का उनक बीच आधार काफी कम था मगर भिम सधार क मसल पर समाजवादी-कराि तकारी पाटीर भी सिवधान सभा दवारा कानन बनाय जान की बात का समथरन कर रही थी और भिम सधार को टाल जा रही थी िलहाज़ा िकसान की बड़ी आबादी भी ज द ही बो शिवक पाटीर क पकष म आन लगी कय िक कवल बो शिवक पाटीर ही त काल भिम सधार की बात

कर रही थी अब बो शिवक पाटीर स की बहसखयक आम महनतकश

आबादी यानी िक मज़दर वगर व आम िकसान वगर क समथरन को परा कर चकी थी यानी अब बो शिवक पाटीर क पास वह कराि तकारी अनशािसत व ग ढाचा भी था जो कराि त क नत व सचालन क िलए ज़ री था और साथ ही उसक पास यापक जनसमदाय का समथरन भी था उसन नारा िदया lsquoज़मीन शाि त रोटीrsquo यही व चीज़ थी जो िक स की यदध ग़रीबी भखमरी बरोज़गारी और महगाई स तर त और थकी हई जनता को चािहए थी बो शिवक पाटीर न एक कराि तकारी स य कमटी थािपत की इसका सचालन आम बग़ावत क पहल लिनन न वय अपन हाथ म िलया दश भर म मज़दर व सिनक सड़क पर थ और गाव म भी िकसान का िवदरोह उबल रहा था 24 अकटबर की शाम स ही बो शिवक पाटीर क नत व म कराि तकारी सिनक व मज़दर न पजीवादी स ा क सभी अग पर क ज़ा करना श कर िदया सभी पो टल व टलीगराफ द तर स य मखयालय पिलस मखयालय बक पोटर रलव टशन पर बो शिवक न अपना िनय तरण कायम कर िलया गया पजीवादी स ा िजन अग स काम करती ह उ ह अब लकवा मार चका था और समची पजीवादी रा यस ा पणरतः असहाय थी इसक बाद 25 अकटबर को स म रा यस ा क परतीक शीत परासाद म बठ आरज़ी सरकार क मि तरय को आ मसमपरण करन का अ टीमटम िदया गया अ टीमटम परा होन स पहल आ मसमपरण न होन पर बो शिवक सिनक न धावा बोला और बहत थोड़ परितरोध क बाद ही िवजय हािसल कर ली गयी और इस तरह स स क परान कल डर क अनसार 25 अकटबर (7 नव बर) को बो शिवक पाटीर क नत व दिनया की पहली सफल समाजवादी मज़दर कराि त हई सम त शिकत मज़दर और सिनक की सोिवयत को स प दी गयी कराि त क त काल बाद भिम स ब धी आजञि पािरत हई और भिम सधार की श आत कर दी गयी दसरी आजञि यदध स वापसी की आजञि थी समाजवादी कराि त न व दोन परमख माग त काल परी कर दी िज ह पजीवादी आरज़ी सरकार आठ माह म परा नही कर सकी थी कराि त क बाद स न सामरा यवादी यदध स अपन हाथ खीच िलए और 1918 का म य आत-आत स इस िवनाशकारी यदध स परी तरह

बाहर आ चका था हालािक अब स की मज़दर स ा

को परितिकरयावादी कलक व ज़मी दार की बग़ावत और सामरा यवादी ह तकषप का मकाबला कर कराि त को बचान क िलए एक तीन वष क गहयदध म उतरना पड़ा लिकन यह कोई सामरा यवादी यदध नही था जो िक मनाफ़ की लट म िह सदारी क िलए लड़ा गया हो इस

(पज 1 स आग)

8 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

(पज 9 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

गहयदध म मज़दर व सिनक न िकसान क समथरन क बल पर तीन वष म ज़मी दार की बग़ावत को परा त िकया और साथ ही चौदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी हरा िदया 1921 आत-आत कराि तकारी समाजवादी स गहयदध म िवजयी हो चका था और

वहा मज़दर स ा स ढ़ीकत हो चकी थी इसक बाद अगल करीब साढ़ तीन दशक म स की महनतकश जनता न स म समाजवादी यव था का िनमारण

िकया सार कल-कारख़ान खान -खदान का रा टरीकरण कर िदया गया सार बक का रा टरीकरण कर िदया गया रा यस ा पर अपनी कराि तकारी पाटीर बो शिवक पाटीर क नत व म अब मज़दर वगर कािबज़ था इसिलए अब इन सार ससाधान का वामी साझा तौर पर दश का मज़दर वगर और ग़रीब िकसान जनता थी 1917 म जो बजरआ भिम सधार लाग िकय गय उसस अलग-अलग िकसान िनजी तौर पर ज़मीन क मािलक बन लिकन 1931 स 1936 क बीच सोिवयत सघ म ज़मीन म भी िनजी मािलकाना समा कर िदया गया और साझी खती की यव था थािपत की गयी 1930 क दशक म ही सोिवयत स का अभतपवर गित स उदयोगीकरण

हआ िजसस िक वह कछ ही समय म दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया इस पमान पर उदयोग खड़ करन म दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत अमिरका को करीब डढ़ सौ साल लग थ लिकन स न यह कायर मज़दर शिकत क बत पर डढ़ दशक म ही कर िदखाया पर दश म साकषरता का तर 100 परितशत क करीब पहचन लगा मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त सधार हआ भखमरी और बरोज़गारी परी तरह समा कर िदय गय स औरत को वोट दन का अिधकार

दन वाला पहला बड़ा दश बना ( स स पहल यज़ील ड म मिहलाओ को वोट दन का अिधकार िमला था| सािवरक मतािधकार स च तौर पर पहली बार िबना िलग या स पि की शतर क स म ही लाग हआ सोिवयत सघ न सभी दिमत रा टरीयताओ व जातीय समह को पहली बार सामरा यवादी दमन स मकत िकया और उ ह आ मिनणरय का अिधकार िदया य सभी दिमत रा टरीयताए समाजवादी परयोग म बराबरी की िह सदार बनी और हीनता क ब को हमशा क िलए अपन माथ स िमटा िदया सोिवयत सघ क समाज स व यावि परी तरह समा हो गयी हर आिथरक मामल म स परी तरह अपन पर पर खड़ा हो गया और यह सारा चम कार स क मज़दर वगर न िहटलर की ना सी सना को हरात हए िदवतीय िव यदध म दो करोड़ लोग की कबारनी दत हए और पर सामरा यवादी-पजीवादी िव की सािज़श और तोड़-फोड़ क परयास क बावजद िकया 1953 म तािलन की म य क बाद बो शिवक

पाटीर क नत व पर सशोधनवािदय का क ज़ा हो गया इसका कारण स म समाजवादी परयोग क दौरान हई कछ भल और ग़लितया थी िजन पर इस शता दी वषर क दौरान हम lsquoमज़दर िबगलrsquo म िव तार म िलखग लिकन यह कोई आ यर की बात नही थी िक स क समाजवादी परयोग को अमली

जामा पहनान म वहा की मज़दर स ा और मज़दर वगर की पाटीर स ग़लितया हई यह एक नय िक म का और अभतपवर परयोग था यह एक नय िक म की रा यस ा थी पहली बार शोषक अ पसखया पर शोिषत बहसखया की तानाशाही और सवरहारा जनवाद कायम िकया गया था हर नय परयोग क समान इसम भी ग़लितया होना लािज़मी था यह पहली मज़दर कराि त थी इसक दवारा खड़ िकय गय समाजवादी परयोग क करीब चार दशक बाद असफल हो जान पर कोई भी ऐितहािसक नज़िरया रखन वाला ता जब नही करगा ता जब इस बात पर ज़ र होता ह िक चार दशक क परयोग म ही समाजवादी सोिवयत सघ न वह सबकछ कर िदखाया जो पजीवाद अपन तीन सौ क वष क इितहास म नही कर पाया हालािक lsquoसमानता वत तरता और भरात वrsquo का नारा उसी न िदया था चार दशक क भीतर ही सोिवयत सघ म समाजवादी परयोग न आन वाली बहतर दिनया की एक झलक िदखला दी उसन िदखला िदया िक पजी का शासन अजर-अमर नही ह पजीवादी मानवता क िलए सबस बहतर यव था नही ह पजीवाद lsquoइितहास का अ तrsquo नही ह अकटबर कराि त न िदखला िदया िक इसस बहतर दिनया स भव ह और वह बहतर दिनया सवरहारा वगर ही बना सकता ह

आज तमाम मज़दर इस महान परयोग क बार म जानत ही नही ह कारण यह ह िक पजीवादी अखबार समाचार चनल िफ म और समचा िशकषा त तर कभी भी हम इसक बार म नही बताता हम कवल इसकी lsquoअसफलताrsquo क बार म बताया जाता ह हम इसक बार म द परचार सनाया जाता ह दसर श द म अकटबर कराि त को पजीवादी शासक वगर न जानबझकर िव मित क अ धर म धकलन की लगातार कोिशश की ह तािक आज का मज़दर वगर अपन परख क इस महान परयोग स सीख और पररणा न ल सक व हमशा हीनताबोध और आ मिव ास क अभाव म िजय अपनी गौरवशाली और महान िवरासत स विचत मज़दर वगर भिव य क सघष क िलए भी आ मिव ास और आि मक बल नही जटा सकता ह यही कारण ह िक अकटबर कराि त की मित स शासक वगर घबराता और लगातार उस पर राख और धल की परत चढ़ान का परयास करता रहता ह ऐस म हम इस महान मज़दर कराि त क

ऐितहािसक और अ तररा टरीय मह व को समझन की आज िश त स ज़ रत ह तािक उसस हम भावी सघष क िलए पररणा और शिकत ल सक

अकटबर करािनत का महान ऐितहािसक यगानतरकारी और अनतरराषटरीय महतवमहान अकटबर कराि त का

ऐितहािसक मह व अभतपवर और अिदवतीय ह मानव इितहास म पहल भी कराि तया और जनिवदरोह हए ह आज स करीब 2090 साल पहल रोम म गलाम न बग़ावत की गलाम की बग़ावत क कारण दास परथा कमज़ोर हई और िफर टटी दास वािमय का शासन ख़ म हआ तो ज़मी दार व साम त का शासन आया यह पहल की दास यव था स बहतर यव था थी पहल दास को lsquoबोलन वाला औज़ारrsquo कहा जाता था दास- वामी उ ह अपन मनोरजन क िलए आपस म तब तक लड़वात थ जब तक िक व मर नही जात थ उनस तब तक काम करवाया जाता था जब तक िक व िगरकर बहोश नही हो जात थ दास को मन य ही नही माना जाता था लिकन साम ती यव था क तहत भदास की ि थित इसस बहतर थी इस प म साम ती यव था मानव इितहास म एक अगला कदम थी लिकन यह भी भदास और िकसान क अमानवीय शोषण पर आधािरत यव था थी भदास की अपनी कोई राजनीितक वत तरता नही थी व ज़मीन क साथ बध हए थ उ ह साम त की ज़मीन पर कमर-तोड़ काम करना पड़ता था और बदल म उ ह जीन भर की खराक िमलती थी िकसान को भी लगान क प म साम त की ज़मीन पर बगार करना पड़ता था या िफर फसल या नकदी क प म भारी लगान चकाना पड़ता था आग चलकर दिनया भर म साम ती यव था क िव दध िकसान न बग़ावत की इन बग़ावत स साम ती यव था म दरार पड़ी आग चलकर उदीयमान कराि तकारी बजरआ वगर न िकसान और द तकार व कारीगर को साथ लकर साम त क िव दध जनवादी कराि तया की कय िक साम ती यव था क तहत उसका आिथरक िवकास और राजनीितक स ा भी स भव नही थी

इन जनवादी कराि तय क फल व प पजीपित वगर स ा म आया और उसन पजीवादी लोकत तर (जनवाद) की थापना की इस यव था म पजीपित वगर शािसत व शोिषत मज़दर व आम महनतकश वगर स शासन करन की lsquoसहमितrsquo लता ह यह lsquoसहमितrsquo चनाव क ज़िरय ली जाती ह इसस यापक महनतकश अवाम म यह भरम पदा होता िक पजीवादी सरकार को उसन ही चना ह लिकन वा तव म यह lsquoसहमितrsquo पजीपित वगर अपन मीिडया िशकषा त तर व अ य राजकीय उपकरण दवारा राय बनाकर िनिमरत

करता ह ठीक उसी परकार जस िपछल लोकसभा चनाव म परचार पर दस हज़ार करोड़ पय ख़चर करक टाटा अ बानी व अडानी सरीख पजीपितय न नर दर मोदी को परधानम तरी बनान क िलए पर समाज म राय का िनमारण िकया था बहरहाल इस परकार पजीवादी जनवाद क प म पहली बार एक ऐसी शोषक स ा आयी जो िक कम-स-कम ऊपरी तौर पर lsquoसहमितrsquo लकर शोिषत क ऊपर शासन करती ह और इसम शासक वगर क शासन को सही ठहरान का कायर पर यकष प स धमर क दवारा या िकसी िद यता क िसदधा त दवारा नही होता इस प म पजीवाद अपन पवरवतीर वगर समाज यानी दास यव था और साम ती यव था स िभ न ह लिकन एक मायन म वह उनक समान भी ह पजीवाद म भी शोिषत बहसखया क ऊपर एक शोषक अ पसखयक वगर की तानाशाही होती ह पजीवादी जनवाद का यही अथर होता हmdash- बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश आबादी पर पजीपितय की तानाशाही इस तानाशाही को पजीपितय की कौन सी पाटीर सचािलत करगी बस इसी का फसला पजीवादी चनाव म होता ह नागनाथ चल जात ह सापनाथ आ जात ह सकषप म यह िक अकटबर कराि त क पहल तक सभी कराि तय या िवदरोह क बाद जो स ा अि त व म आयी वह िकसी न िकसी शोषक अ पसखया क शोिषत बहसखया पर शासन का परितिनिध व करती थी दास यव था बहसखयक दास आबादी व आम महनतकश आबादी पर अ पसखयक दास वािमय क शासन का साम ती यव था बहसखयक भदास िकसान व द तकार आबादी पर अ पसखयक साम ती राज-रजवाड़ क शासक का और पजीवादी यव था बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश जनता पर अ पसखयक पजीपित वगर क शासन का परितिनिध व करती ह अकटबर कराि त न पहली बार एक ऐसी स ा की थापना की िजसम िक शोषक अ पसखयक क ऊपर शोिषत बहसखयक की स ा कायम की गयी इस प म अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक नय यग की श आत की यह नया यग ह समाजवादी सकरमण का दीघरकािलक ऐितहािसक यग यह लािज़मी था िक इस ल ब दौर म दिनया म अलग-अलग दश म मज़दर वगर समाजवाद क कई असफल परयोग कर बीसवी सदी म मज़दर वगर न अलग-अलग दश म समाजवाद क कई परयोग िकय भी जो महान उपलि धया हािसल करन क बाद असफल हो गय स म चीन म पवीर यरोप म िवयतनाम म लिकन इन परयोग म सी अकटबर कराि त का िविश थान ह कय िक उसन ही इस िसलिसल की श आत की और दिनया की पहली समाजवादी मज़दर स ा की थापना की

अकटबर कराि त न बजरआ कराि त क भी उन कायरभार को सवारिधक कराि तकारी प म और पणरता क साथ परा िकया िज ह वय बजरआ वगर न कभी परा नही िकया सबस आमलगामी बजरआ कराि तय न भी भिम सधार और जनवादी अिधकार दन क वायद को उस ईमानदारी और आमलगािमता क साथ परा नही िकया िजसक साथ अकटबर कराि त न िकया अकटबर कराि त न ह त भर म ही वह कर िदखाया जो िक बजरआ वगर न अपन तमाम वायद क बावजद दो सौ साल म नही िकया था लिनन न इसीिलए अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर िदय एक भाषण म कहा था िक स की िविश पिरि थितय म समाजवादी कराि त न बजरआ वगर दवारा ही जनवादी कराि त की ह या को रोका समाजवादी कराि त न मज़दर वगर क हाथ म स ा स पन और समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़न स पहल छट-फटक बजरआ जनवादी कायरभार को भी परा िकया स म एक िविश पिरि थित म सवरहारा वगर को इितहास न मजबर कर िदया था िक वह स ा त काल अपन हाथ म ल जसा िक लिनन न वय कहा था िक अकटबर कराि त का समय हमन अपनी इ छा स नही तय िकया था िदवतीय िव यदध पिरणामतः पदा हए आिथरक सकट खादया न सकट दश भर म मज़दर हड़ताल और कारख़ाना क ज़ा की लहर सोिवयत क वतः पफतर प स जाग उठन और भिम कमिटय दवारा ज़मीन क ज़ा करन क आ दोलन क कारण पदा हई िविश पिरि थितय न सवरहारा वगर और उसकी िहरावल पाटीर क समकष समय स पहल ही ऐसी ि थित पदा कर दी िजसम उसक सामन दो ही िवक प मौजद थः या तो स ा पर क ज़ा करक समाजवादी कराि त की जाय और बजरआ जनवादी कराि त क उन अधर वायद को परा िकया जाय िज ह परा करन स वय बजरआ वगर मकर गया था या िफर सवरहारा वगर और उसकी िहरावल बो शिवक पाटीर बजरआ वगर परितिकरयावादी कलक व भ वामी वगर तथा राजत तरशाही क बच हए परितिकरयावादी त व क गठब धन को यह इजाज़त द िक वह जनवादी कराि त का गला घ टन क साथ ही मज़दर वगर को lsquoइितहास क रगमच स कई दशक क िलए उठाकर बाहर फक दrsquo लिनन का यह म याकन िब कल द त िनकला यिद उस समय मज़दर वगर न स ा अपन हाथ म न ली होती तो सामरा यवाद सी पजीपित वगर और भ वामी वगर न

िमलकर सी जनवादी कराि त का भी गला घ ट िदया होता इस परकार स की िविश पिरि थित म मज़दर वगर दवारा की गयी समाजवादी कराि त न जनवादी कराि त की ह या को भी रोका और

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 9

(पज 10 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण(पज 8 स आग)

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 7: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 7

पजीवादी यव था म उ पादन का चिरतर तो सामािजक हो चका ह अथारत व तओ-सवाओ का उ पादन अलग-अलग यिकतय दवारा नही बि क बहत सार िमक दवारा सामिहक प स िकया जाता ह लिकन उ पािदत व तओ पर वािम व सामािजक अथारत इन उ पादक का सामिहक नही बि क उ पादन क साधन क मािलक या पजीपितय का िनजी वािम व होता ह उ पादक को अपनी मशिकत बचन क एवज म पजी मािलक दवारा तय मज़दरी ही िमलती ह जबिक उ पाद क पर म य पर मािलक का अिधकार होता ह िजसस उनका मनाफ़ा तथा दौलत बढती जाती ह िमक की म शिकत का म य भी बाज़ार क माग-पितर क िनयम स तय होता ह और जब मजदर की एक िवशाल बरोज़गार फौज म क बाज़ार म िबकन क िलय उपल ध हो तो यह म य इतना कम हो जाता ह िक उनको अपना जीवन चलान क िलय भी पयार नही होता कय िक मािलक पजीपित को िमक की अटट कतार िबकन क िलय

नजर आती ह इस ि थित म मजदर की िज दगी बद स बदहाल होती जाती ह और पजीपित का मनाफ़ा ऊच स ऊचा वतरमान यव था म पजीपितय क मनाफ़-दौलत म इस भारी विदध को ही अथर यव था क िवकास का पमाना माना जाता ह

अभी भारत की अथर यव था म तज़ी की भी बडी चचार ह और इस दिनया की सबस तज़ी स िवकास करती अथर यव था बताया जा रहा ह इस िवकास की असली कहानी भी बहसखयक िमक-अधर िमक जनता की िज दगी पर पड इसक असर स ही समझनी होगी 1991 म श हए आिथरक सधार स दश की अथर यव था िकतनी मज़बत हई ह उसकी असिलयत जानन क िलए जीडीपी-जीएनपी की विदध एकसपोटर-इ पोटर क आकड़ मकान -दकान की कीमत अरबपितय की तादाद या ससकस-िन टी का उतार-चढाव दखन क बजाय हम नशनल यिटरशन मॉिनटिरग यरो (NNMB) क सवर क नतीज और अ य ोत स परा जानकारी पर नजर डालत ह जो बताता ह िक जीवन की अ य सिवधाए ndash आवास िशकषा िचिक सा आिद को तो छोड ही द इस दौर म ग़रीब लोग को िमलन वाल भोजन तक की मातरा भी लगातार घटी ह यह यरो 1972 म गरामीण जनता क पोषण पर नजर रखन क िलए थािपत िकया गया था और इसन 1975-1979 1996-1997 तथा 2011-2012 म 3 सवर िकय इस सार दौरान सरकार लगातार ती आिथरक तरककी की िरपोटर दती रही ह इसिलए वाभािवक उ मीद होनी चािहय थी िक जनता क भोजन-पोषण की मातरा म सधार होगा लिकन इसक िवपरीत ज़मीनी असिलयत उलट य पायी गयी िक जनता को िमलन वाल पोषण की मातरा बढ़न क बजाय लगातार घटती गयी ह

2012 क यटरीशन यरो क गरामीण भारत क आिखरी सवर क अनसार 1979 क मकाबल औसतन हर गरामीण को 550 कलोरी ऊजार 13 गराम परोटीन 5 िमगरा आइरन 250 िमगरा कि सयम और 500 िमगरा िवटािमन ए परितिदन कम िमल रहा ह इसी तरह 3 वषर स कम की उमर क ब च को 300 िमलीलीटर परितिदन की आव यकता क मकाबल औसतन 80 िमली दध ही परितिदन िमल पा रहा ह सवर यह भी बताता ह िक जहा 1979 म औसतन दिनक ज़ रत क लायक परोटीन ऊजार कि शयम तथा आइरन उपल ध था वही 2012 आत-आत िसफ़र कि शयम ही ज़ री मातरा म िमल पा रहा ह जबिक परोटीन दिनक ज़ रत का 85 ऊजार 75 तथा आइरन मातर 50 ही उपल ध ह िसफ़र िवटािमन ए ही एक ऐसा पोषक त व ह िजसकी मातरा 1979 क 40 स 1997 म बढकर 55 हई थी लिकन वह भी 2012 म घटकर दिनक ज़ रत का 50 ही रह गयी इसी का नतीजा ह िक सवर क अनसार 35 गरामीण ी-प ष कपोिषत ह और 42 ब च

मानक तर स कम वज़न वाल ह और यह तो परी आबादी का औसत आकड़ा ह जनसखया क ग़रीब िह स म तो हालात और भी बहद ख़राब ह आजीिवका यरो नाम क सगठन दवारा दिकषण राज थान क गाव म िकय गय एक सवर क अनसार आधी माओ को दाल नसीब नही हई थी तथा एक ितहाई को सब ज़ी फल अड या मास तो खर िकसी को भी िमलन का सवाल ही नही था नतीजा आधी माए और उनक ब च कपोिषत थ

इस हालत की वजह कया ह इस बार म यटरीशन यरो क ही सवर म पाया गया िक असल म 1979 म िसफ़र 30 गरामीण लोग भिमहीन थ जो अब बढकर 40 हो गय ह मखयतः मज़दरी पर िनभरर पिरवार 51 हो गय ह तथा और 27 ग़रीब िकसान ह िजनकी आमदनी बहद कम ह और उ ह जीवन िनवारह क िलय अपनी ज़मीन पर िनभरर रहन की गजाइश नही इसिलए बाकी समय उ ह मज़दरी ही करनी पड़ती ह 2011 की जनगणना क अनसार भी भिमहीन किष मजदर की तादाद 2001 क 1067 करोड़ क मकाबल बढ़कर 1443 करोड़ हो गयी ह उपजाऊ जोत वाल मािलक िकसान पहल स आध ही रह गय ह अथारत 3 चौथाई गरामीण जनसखया भी अब भोजन क िलए बाज़ार स खरीद पर ही िनभरर ह अब सरकार इस साल पहल ही ससद को बता चकी ह िक महगाई स एडज ट करन पर किष म मज़दरी की दर भी घटन लगी ह - 2014 और 2015 म यह 1 परितवषर कम हई ह साथ म यह भी यान द िक बाकी चीज क मकाबल खादय पदाथ की महगाई अिधक तज़ी स बढ़ी ह - 67 क मकाबल 10 खादय पदाथ म भी दाल वसा तथा सब िज़ य क दाम यादा तज़ी स बढ ह नशनल सपल सवर क अनसार शहर -गाव क सबस ग़रीब लोग दवारा

उपभोग की गयी व तओ की महगाई दर अमीर शहिरय की उपभोगय व तओ क मकाबल 5 तक अिधक ह िन कषर यह िक गरामीण भारत का बहलाश ना तो अब पयार मातरा म भोजन उगान म समथर ह और ना ही ख़रीदन म अतः अिधकाश लोग क िलए दाल सब ज़ी फल दध अडा-मास आिद अब दलरभ पदाथर बनत जा रह ह

अगर िवकिसत दश की बात को छोड़ भी िदया जाय और िसफ़र मीिडया दवारा भारत की बराबरी क उभरत दश कह जान वाल िबरकस (BRICS) दश क साथ भी तलना की जाय तो भारत म कपोषण की ि थित बराज़ील स 13 गना चीन स 9 गना और 1994 तक भयकर रगभदी शासन झलन वाल दिकषण अफरीका स भी 3 गना बदतर ह इस पर भी हमार शासक कपोषण को कोई यान दन लायक सम या नही मानत अभी भारत की आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई स सट पालघर म िपछल एक साल म 600 आिदवासी ब च की कपोषण स म य पर जब महारा टर क आिदवासी मामल क मतरी स सवाल पछा गया तो उनका सीधा जवाब था lsquoतो कया हआrsquo यहा तक िक सबका हाथ सबका िवकास वाली मोदी सरकार न तो 2015 म इस यटरीशन यरो को ही बन द कर िदया ह तािक ऐसी ख़तरनाक परशान करन वाली स चाइया ज़ािहर ही ना ह पर सच का मह कया इतनी आसानी स बन द हो जायगा

यदयिप उपरोकत सब त य गरामीण कषतर क ह लिकन हम सब यह भी जानत ह िक शहरी मजदर -िन न म य वगर की ि थित भी इतनी ही बरी ह अथारत दश क 80 लोग क िलए इन सधार का नतीजा भख और कपोषण ही हआ ह तो हम जो बढ़त कॉरपोरट मनाफ़ अरबपितय की बढती सखया की खबर पढ़त ह उसक पीछ की कड़वी स चाई यही ह िक ग़रीब मजदर िकसान िन न-म यवगीरय लोग क मह का िनवाला छीनकर ही यह मनाफ़ यह अरब की दौलत इकठठा हो रही ह इसीिलए इन सब सवर की ख़बर या इस पर बहस हम कॉरपोरट मीिडया म कही नजर नही आती

आइय अब हम शहरी ग़रीब की ि थित पर नजर डालत ह शहर की ऊपरी चमक-दमक स उनका हाल बहतर न समझ िद ली और म बई सिहत शहर की झगगी-झ पिड़य म रहन वाली एक चौथाई अथारत 10 करोड़ अ य त ग़रीब लोग भी भख और कपोषण का उतना ही िशकार ह और जस-जस हम भारत क आिथरक महाशिकत बनन की चचार सनत ह भख पीिड़त लोग की तादाद घटन क बजाय बढ़ती जाती ह यनीसफ क अनसार भारत म हर साल 5 वषर स कम आय क 10 लाख ब च कपोषण स ब धी कारण स म य का िशकार होत ह सामा य स कम वज़न वाल 5 साल तक क ब च की सखया का िववरण दख तो

पता लगगा िक िवकिसत दश को तो भल ही जाइय बराजील चीन दिकषण अफरीका जस तीसरी दिनया क दश भी छोिड़य शहरी ब च क कपोषण क मामल म हम बागलादश-पािक तान स भी गय गजर ह भारत म यह तादाद जहा 34 ह वही बागलादश म 28 पािक तान म 25 दिकषण अफरीका म 12 बराजील म 2 और चीन म 1 ह

भारत की राजधानी िद ली और आिथरक राजधानी कह जान वाल म बई की ि थित को थोड़ा और िव तार स जानत ह कय िक यहा क बार म यादा जानकारी उपल ध ह इसस हम बाकी शहर की ि थित का भी कछ आकलन कर पायग इन दोन की कल जनसखया क आध और करीब 240 करोड़ लोग लम या झ पड़पटटी म रहत ह जो भारी भीड़ ग़रीबी और कपोषण क क दर ह इनम लोग िकस तरह रहत ह ग यह अनमान लगान क िलए इतना ही बताना पयार ह िक म बई की जनसखया का 60 झ पड़पटटी म रहता ह जो म बई क कल कषतरफल का िसफ़र 8 जगह म ि थत ह म बई क गोवडीमानखदर या िद ली की ऐसी ही िमक बि तय म जाइय तो आपको खल गद नाल कचर क ढर और िभनिभनाती म छर-मिकखय क बीच दड़ब की मािनद भर लोग रहत िमलग िज ह न दश भर क गाव म अपनी जीिवका की बरबादी क बाद इन झ पड़ बि तय म शरण ली ह लिकन इनम स बहत सार तो इस झ पड़ ब ती म भी सही स ठौर नही पा पात कय िक कभी बलडोज़र तो कभी आग कभी परॉपटीर डीलर क मािफया िगरोह इनक थोड बहत बतरन-भाड को भी जलात तोड़त फकत रहत ह

इन ग़रीब मज़दर पिरवार म अकसर माता-िपता दोन को िदन का यादातर समय ल ब हाड़-तोड़ म म िबताना होता ह काम क िलय आन-जान म भी काफी समय लगता ह और खद तथा अपन ब च क िलय भोजन पकान का समय नही होता िफर उतना कमा भी नही पात िक आव यक पोषक त व यकत भोजन सामगरी खरीद सक य और इनक ब च पोषण क नाम पर िसफ़र आटा-मदा चीनी और िचकनाई-तल वाला कचरा भोजन (जक फड) ही उपभोग करन की करय कषमता रखत ह दाल क नाम पर कभी-कभी स ती मसर और सब ज़ी क नाम पर आल ही मय सर होता ह फल-दध तो व न बन चक ह ना त क नाम पर पिरवार चाय क साथ फन या र क स काम चला रह ह और ब च को बीच म भख लग तो मद क नड स या मद चीनी तल वाली जलबी जसी चीज स काम चलाया जा रहा ह य ग़रीब िमक पिरवार इस परकार क भोजन को जीभ क वाद की वजह स नही अपना रह बि क इस िलय िक यह पोषक तो नही होता पर पट की भख को मारता ह लिकन और भी बडी तथा असली वजह ह िक यह दाल चावल रोटी स ज़ी सलाद वाल

वा तिवक सतिलत भोजन की एक ितहाई-चौथाई कीमत का पड़ता ह तथा समय की कमी स परशान मज़दर पिरवार इस सिवधाजनक भी पात ह लिकन इस िक म क भोजन का नतीजा होता ह नाटा कद आड़ी-टढ़ी हडिडया सड दात फल पट बीमािरय का मकाबला करन म अकषम शरीर अथारत कपोषण ऐस ब च डायिरया मलिरया यमोिनया जसी बीमािरय क भी आसान िशकार होत ह हर साल करीब 10 लाख ब च कपोषण की वजह स 5 साल की उमर क पहल ही जान गवा दत ह साथ ही यह कपोषण िसफ़र िज म को ही बरबाद नही करता बि क ब च क िदमाग को भी क द करता ह उनक सीखन-पढ़न की क वत को भी कम करता ह िद ली क 20 लाख ब च म स आध की िज मानी-िदमागी बढ़वार ही कपोषण क मार क द हो गयी ह बाकी दश क ग़रीब मज़दर-िकसान का ही नही िन न म य वगीरय पिरवार का भी यही हाल होता जा रहा ह कय िक एक ओर घटती वा तिवक आमदनी और दसरी ओर खादय पदाथ की भयकर जमाखोरी-कालाबाजारी स आसमान छती कीमत भारतीय समाज क अिधकाश लोग क िज मानी-िदमागी वा य को पतन क गतर म धकल रही ह

िव खादय व किष सगठन (FAO) की गलोबल हगर िरपोटर 2015 क अनसार भारत म कल 1946 करोड़ लोग कपोषण क िशकार ह जो िपछल 5 साल म 26 बढ ह अथारत 5 साल पहल 1899 करोड़ ही थ ऐस समझ सकत ह िक पािक तान की कल जनसखया स भी 120 करोड़ यादा लोग भारत म कपोिषत ह यहा कपोषण का मतलब िसफ़र कछ िदन या समय भोजन की कमी झलन स नही ह बि क उनस िज ह लगातार एक साल और उसस यादा अपनी दिनक शारीिरक पोषण की ज़ रत स कम भोजन िमलता ह इस िरपोटर क अनसार भारत म ग़रीब क भोजन म मातर िकसी तरह जीिवत रह सकन वाल पदाथर ही शािमल ह कय िक खादय पदाथ की बढ़ती महगाई स ग़रीब लोग पोषक भोजन खरीदन म असमथर ह

आिखर इस ि थित की वजह कया ह अभी 15 िसतबर को परकािशत कोनर फरी ह गरप क 2008 क िव ीय सकट स अब तक क 51 दश क रोज़गार व वतन क तलना मक अ ययन क अनसार इन 8 वष म भारत की जीडीपी 638 बढी ह लिकन औसत वतन विदध मातर 02 हई ह इसम भी और गहराई तक जाय तो िशखर क लोग अथारत उ च परब धक का वतन 30 बढा ह लिकन सबस नीच वाल िमक की वा तिवक मज़दरी 30 कम हई ह सार 51 दश म उ चतम व िन नतम तर क किमरय म वतन असमानता सबस अिधक भारत म ही ह कय िक यहा रोज़गार कम बढ ह और िमक की स लाई यादा वस भी अब िनयिमत वतन वाल थायी मज़दर

ग़रीबो क म ह का गरास छीनकर बढ़ती जीडीपी और मािलको क मनाफ़

(पज 2 पर जारी)

लिधयाना क टकसटाइल पटटी क मज़दर िद ली क इ पात मज़दर स लकर ित पर व यनम क मज़दर और च नई क आटोमोबाइल मजदर स लकर करल क म नार क चाय बाग़ान मज़दर तक िपछल कछ वष म सड़क पर उतरत रह ह एक ऐस उथल-पथल भर समय म हम अकटबर कराि त क शता दी वषर म परवश कर रह ह ऐस दौर म अकटबर कराि त को याद करन क मज़दर वगर क िलए कया मायन ह इसक िलए पहल सकषप म यह जानना ज़ री ह िक अकटबर कराि त म हआ कया था कय िक आज तमाम मज़दर भी अपनी इस महान वि क िवरासत स वािकफ नही ह

महान अकटबर करािनत म कया हआ था

1917 म स एक ऐस पिरवतरन स होकर गज़रा िजसन दिनया क इितहास की िदशा मोड़ दी और एक नय यग की श आत की बीसवी सदी क पहल दशक की श आत स ही िव पजीवाद आिथरक सकट स गज़र रहा था यरोप क तमाम सामरा यवादी दश दिनया भर म महनतकश अवाम और गलाम रा टरीयताओ की लट की बटवार क िलए आपस म परित पदधार म लग हए थ उस समय तक िबरटन सामरा यवादी दिनया की सबस अहम ताकत था फरास दसरी अहम औपिनविशक सामरा यवादी शिकत था लिकन उ नीसवी सदी का अ त होत-होत जमरनी तज़ी स एक परमख आिथरक शिकत क प म उभर चका था दसरी ओर सयकत रा य अमिरका भी दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत क प म उभर रहा था लिकन जमरनी क पास अपनी पजी की परचरता को खपान क िलए और साथ स त क च माल और स त म क दोहन क िलए उपिनवश नही थ जमरनी की बढ़ती आिथरक शिकतम ा न उस िबरटन और फरास क साथ सीधी परित पदधार म ला खड़ा िकया था इस बढ़ती सामरा यवादी परित पदधार क फल व प 1914 म िव क पनिवरभाजन क िलए पहल िव यदध की श आत हो गयी एक तरफ जमरनी ऑि टरया और हगरी थ तो दसरी ओर िबरटन फरासअमिर का व स स की ि थित उस समय एक िपछड़ सामरा यवादी दश की थी वह पवीर यरोप क िपछड़ दश क िलए एक सामरा यवादी दश था लिकन वह वय िबरिटश फरासीसी और अमिरकी िवत तीय पजी क वचर व क अधीन था स म अभी ज़ार का राजत तर कायम

था पहल िव यदध म उसन िमतर शिकतय यानी िबरटन फरास और अमिरका क पकष म िह सा िलया स की िपछड़ी हई अथर यव था और स य शिकत यदध म जमरनी की उ नत स य शिकत का मकाबला करन क िलए अपयार थी ज द ही तमाम मोच पर स की हार होन लगी स क सिनक को न तो

पयार मातरा म ब दक हािसल थी और न ही उनक पास पयार मातरा म भोजन था यदध क खचर को ढो पाना स की अथर यव था क िलए मि कल था और ज द ही दश म खादया न की कमी का सकट भी पदा हो गया सिनक की भारी आबादी वा तव म िकसान पिरवार स आती थी व वा तव म विदरय म िकसान ही थ स म िकसान की ि थित भी भयकर थी भदास व का काननी तौर पर 1861 म उ मलन हो गया था लिकन उसक अ छ-खास अवशष अभी भी दश म कायम थ िकसान क बीच भिम का बटवारा नही िकया गया था और दश की अिधकाश खती योगय ज़मीन या तो ज़ार की थी या िफर चचर और बड़ ज़मीदार की जो भिम गराम समदाय क पास थी उसक भी चकरीय बटवार का िनणरय धनी िकसान व कलक ही लत थ और हर यावहािरक मसल क िलए इस ज़मीन पर भी उ ही का िनय तरण था ज़ार की स ा यदध का बोझ िकसान पर डाल रही थी और भ वािमय न िकसान पर दबाव बढ़ा िदया था जो भी ससाधन थ व सभी यदध क मोच पर वाहा हो जा रह थ मज़दर की ि थित भी कछ ऐसी

ही थी खादया न सकट क कारण शहर म भोजन की भयकर कमी हो गयी थी मज़दर को भरपट भोजन तक नही िमल पा रहा था मज़दर क काम क घ ट 12 स 14 घ ट होना आम बात थी मज़दरी इतनी भी नही िमल पा रही थी िक मज़दर भरपट खाना खा पात कछ मज़दर को थोड़ा बहतर वतन िमलता था मगर भोजन की भयकर कमी और उसकी बढ़ती कीमत क कारण उ ह भी पयार भोजन नही िमल पा रहा था पर दश म करीब 85 फीसदी आबादी ग़रीब व मझोल िकसान की थी और मज़दर की आबादी करीब 10 परितशत मज़दर को बहतर कायरि थितया बहतर मज़दरी और भरपट भोजन चािहए था और िकसान को ज़मीन चािहए थी और मज़दर और िकसान दोन को ही यदध स िनजात चािहए था दश म 1917 की श आत आत-आत आम महनतकश जनता क सबर का प याला छलक रहा था भखमरी गरीबी और महगाई की असहनीय ि थित न स क आम महनतकश अवाम म िवदरोह की ि थित पदा कर दी थी अ तत फरवरी 1917 म एक वत फतर जनिवदरोह न ज़ार की स ा को उखाड़ फका उस समय स की कराि तकारी क यिन ट पाटीर िजसका नाम स की सामािजक-जनवादी मज़दर पाटीर (बो शिवक) था इस जनिवदरोह का नत व लन म सफल नही रही नतीजतन ज़ार की स ा की पतन क बाद एक िमली-जली आरज़ी (अ थायी) सरकार बनी िजसम िक कई पजीवादी व िन न-पजीवादी पािटरया शािमल थी इस आरज़ी बजरआ सरकार न जनता स वायदा िकया िक वह िकसान को ज़मीन दगी और शाित दगी मज़दर को बहतर मज़दरी छोटा

कायरिदवस और टरड यिनयन बनान का काननी अिधकार दगी लिकन इस पजीवादी आरज़ी सरकार न अपन ज यादातर वायद को परा नही िकया उसन घोषणा की िक वह िमतर दश यानी िबरटन फरास और अमिरका स िकय हए अपन वायद को परा करगी और यदध म िह सदारी जारी रखगी साथ ही उसन भिम सधार यानी ज़मीन क िकसान म बटवार क काम को भी सिवधान सभा क बनन और िफर उसक दवारा कानन पािरत िकय जान तक टाल िदया मज़दर और आम महनतकश जनता को ता कािलक तौर पर कछ जनवादी और नागिरक अिधकार ज़ र हािसल हए िजसन की स म वगर सघषर को आग बढ़ान म ता कािलक तौर पर मदद की इतना करना आरज़ी पजीवादी सरकार की मजबरी थी लिकन जो सबस अहम वायद उसन िकय थ यानी ज़मीन और शाित का वायदा उसस वह मकर गयी यदध म स की िह सदारी जारी रहन स दश म अ यव था आिथरक सकट और खादया न सकट बढ़त ही जा रह थ नतीजतन दश म नयी पजीवादी आरज़ी सरकार क िखलाफ जनअस तोष भी बढ़ता जा रहा था दश भर क औदयोिगक क दर म हड़ताल की एक लहर चल पड़ी साथ ही गाव म िकसान का सबर भी टट चका था और उनक बीच भी बगावत क हालात थ कई जगह पर उ ह न भिम सिमितया बनाकर ज़मीन कब ज़ा करना श कर िदया आरज़ी सरकार न कर की नामक एक बजरआ नता की अगवाई म इन मज़दर हड़ताल और िकसान बग़ावत का उसी परकार दमन श कर िदया िजस परकार िक ज़ार की सरकार कर रही थी दश म एक कराि तकारी ि थित िनिमरत हो रही थी और आरज़ी सरकार सलगत हए जनिवदरोह को कचलकर इस कराि तकारी स भावना को कचलन का परयास कर रही थी ऐस म बो शिवक पाटीर क नता लिनन न अपरल म lsquoअपरल थीसीज़rsquo पश की इसम लिनन न बो शिवक पाटीर का आम बग़ावत कर स ा अपन हाथ म लन का आ ान िकया लिनन न बताया िक पजीवादी आरज़ी सरकार बजरआ जनवादी कराि त को परा नही करगी यानी िक वह ज़मीन का बटवारा नही करगी और न ही यदध स िनजात िदलायगी वह मज़दर की भी सभी जनवादी माग को परा नही करन वाली वह जनिवदरोह की आशका को दखत हए सामरा यवाद पजीपित वगर और साथ ही दशी ज़मी दार वगर स समझौत कर रही ह ऐस म अब यह ख़तरा पदा हो गया ह िक यह सरकार परितिकरयावािदय की गोद म बठकर जनवादी कराि त का भी गला घ ट दगी इन हालात म मज़दर वगर को अपनी िहरावल पाटीर यानी बो शिवक पाटीर क नत व म स ा पर क ज़ा करना चािहए और समाजवादी कराि त को अजाम दना चािहए अगर मज़दर वगर न समाजवादी कराि त क कायरभार को अभी त काल

परा नही िकया तो न िसफ़र जनवादी कराि त परी नही हो सकगी बि क उसकी ह या भी हो जायगी लिनन क पर ताव को पहल बो शिवक पाटीर क ही नत वकारी िनकाय न वीकार नही िकया लिकन जस-जस समय बीतता गया बो शिवक पाटीर क नत व की बहसखया लिनन क पर ताव को मानती गयी अ ततः बो शिवक पाटीर की क दरीय कमटी न आम बग़ावत और समाजवादी कराि त क लिनन क पर ताव को वीकार िकया

बो शिवक पाटीर कई वष क वगर सघष म तपी-तपायी पाटीर थी इसन ज़ार की तानाशाही क दौर म मज़दर क कई सघष का नत व िकया था और उनक बीच लगातार मौजद रही थी बो शिवक पाटीर न मज़दर क बीच स सवारिधक उ नत चतना वाल कमरठ और बहादर कायरकतारओ को भतीर िकया था और एक लौह अनशासन वाली और गोपनीय ढाच वाली मज़बत पाटीर का िनमारण िकया था कवल ऐसी पाटीर ही ज़ारशाही और िफर पजीवादी सरकार दवारा िकय जान वाल दमन का मकाबला कर सकती थी और कशलतापवरक मज़दर वगर और आम ग़रीब िकसान आबादी को नत व द सकती थी बो शिवक पाटीर न अपन परचार क दायर म सिनक को भी लाया था जो िक िकसान क ही बट थ सिनक की भारी तादाद ज़मीन और शाि त की माग स पणरतः सहमत थी कवल बो शिवक पाटीर ही एकमातर पाटीर थी जो िक ज़मीन क बटवार और यदध स वापसी क कदम को त काल लाग करन की बात कर रही थी फरवरी 1917 क बाद स ही आम महनतकश जनता म भी यह बात साफ होती जा रही थी िक यिद भिम सधार और शाि त चािहए तो पजीवादी आरज़ी सरकार को उखाड़ फकना ही एकमातर रा ता ह और इस रा त पर जनता को नत व दन को तयार कवल एक ही पाटीर मौजद थीmdashबो शिवक पाटीर ज द ही मज़दर आबादी की भारी बहसखया बो शिवक पाटीर क पकष म खड़ी हो गयी सिनक की सोिवयत म भी बो शिवक पाटीर िनय तरण म आ गयी मज़दर और सिनक की सोिवयत म बो शिवक पाटीर क नत व क कािबज़ होन क साथ बो शिवक पाटीर आम बग़ावत को अजाम दन की ि थित म पहच गयी थी

िकसान क बीच पहल समाजवादी-कराि तकारी पाटीर नामक एक टटपिजया पाटीर का नत व परमख था बो शिवक पाटीर का उनक बीच आधार काफी कम था मगर भिम सधार क मसल पर समाजवादी-कराि तकारी पाटीर भी सिवधान सभा दवारा कानन बनाय जान की बात का समथरन कर रही थी और भिम सधार को टाल जा रही थी िलहाज़ा िकसान की बड़ी आबादी भी ज द ही बो शिवक पाटीर क पकष म आन लगी कय िक कवल बो शिवक पाटीर ही त काल भिम सधार की बात

कर रही थी अब बो शिवक पाटीर स की बहसखयक आम महनतकश

आबादी यानी िक मज़दर वगर व आम िकसान वगर क समथरन को परा कर चकी थी यानी अब बो शिवक पाटीर क पास वह कराि तकारी अनशािसत व ग ढाचा भी था जो कराि त क नत व सचालन क िलए ज़ री था और साथ ही उसक पास यापक जनसमदाय का समथरन भी था उसन नारा िदया lsquoज़मीन शाि त रोटीrsquo यही व चीज़ थी जो िक स की यदध ग़रीबी भखमरी बरोज़गारी और महगाई स तर त और थकी हई जनता को चािहए थी बो शिवक पाटीर न एक कराि तकारी स य कमटी थािपत की इसका सचालन आम बग़ावत क पहल लिनन न वय अपन हाथ म िलया दश भर म मज़दर व सिनक सड़क पर थ और गाव म भी िकसान का िवदरोह उबल रहा था 24 अकटबर की शाम स ही बो शिवक पाटीर क नत व म कराि तकारी सिनक व मज़दर न पजीवादी स ा क सभी अग पर क ज़ा करना श कर िदया सभी पो टल व टलीगराफ द तर स य मखयालय पिलस मखयालय बक पोटर रलव टशन पर बो शिवक न अपना िनय तरण कायम कर िलया गया पजीवादी स ा िजन अग स काम करती ह उ ह अब लकवा मार चका था और समची पजीवादी रा यस ा पणरतः असहाय थी इसक बाद 25 अकटबर को स म रा यस ा क परतीक शीत परासाद म बठ आरज़ी सरकार क मि तरय को आ मसमपरण करन का अ टीमटम िदया गया अ टीमटम परा होन स पहल आ मसमपरण न होन पर बो शिवक सिनक न धावा बोला और बहत थोड़ परितरोध क बाद ही िवजय हािसल कर ली गयी और इस तरह स स क परान कल डर क अनसार 25 अकटबर (7 नव बर) को बो शिवक पाटीर क नत व दिनया की पहली सफल समाजवादी मज़दर कराि त हई सम त शिकत मज़दर और सिनक की सोिवयत को स प दी गयी कराि त क त काल बाद भिम स ब धी आजञि पािरत हई और भिम सधार की श आत कर दी गयी दसरी आजञि यदध स वापसी की आजञि थी समाजवादी कराि त न व दोन परमख माग त काल परी कर दी िज ह पजीवादी आरज़ी सरकार आठ माह म परा नही कर सकी थी कराि त क बाद स न सामरा यवादी यदध स अपन हाथ खीच िलए और 1918 का म य आत-आत स इस िवनाशकारी यदध स परी तरह

बाहर आ चका था हालािक अब स की मज़दर स ा

को परितिकरयावादी कलक व ज़मी दार की बग़ावत और सामरा यवादी ह तकषप का मकाबला कर कराि त को बचान क िलए एक तीन वष क गहयदध म उतरना पड़ा लिकन यह कोई सामरा यवादी यदध नही था जो िक मनाफ़ की लट म िह सदारी क िलए लड़ा गया हो इस

(पज 1 स आग)

8 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

(पज 9 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

गहयदध म मज़दर व सिनक न िकसान क समथरन क बल पर तीन वष म ज़मी दार की बग़ावत को परा त िकया और साथ ही चौदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी हरा िदया 1921 आत-आत कराि तकारी समाजवादी स गहयदध म िवजयी हो चका था और

वहा मज़दर स ा स ढ़ीकत हो चकी थी इसक बाद अगल करीब साढ़ तीन दशक म स की महनतकश जनता न स म समाजवादी यव था का िनमारण

िकया सार कल-कारख़ान खान -खदान का रा टरीकरण कर िदया गया सार बक का रा टरीकरण कर िदया गया रा यस ा पर अपनी कराि तकारी पाटीर बो शिवक पाटीर क नत व म अब मज़दर वगर कािबज़ था इसिलए अब इन सार ससाधान का वामी साझा तौर पर दश का मज़दर वगर और ग़रीब िकसान जनता थी 1917 म जो बजरआ भिम सधार लाग िकय गय उसस अलग-अलग िकसान िनजी तौर पर ज़मीन क मािलक बन लिकन 1931 स 1936 क बीच सोिवयत सघ म ज़मीन म भी िनजी मािलकाना समा कर िदया गया और साझी खती की यव था थािपत की गयी 1930 क दशक म ही सोिवयत स का अभतपवर गित स उदयोगीकरण

हआ िजसस िक वह कछ ही समय म दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया इस पमान पर उदयोग खड़ करन म दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत अमिरका को करीब डढ़ सौ साल लग थ लिकन स न यह कायर मज़दर शिकत क बत पर डढ़ दशक म ही कर िदखाया पर दश म साकषरता का तर 100 परितशत क करीब पहचन लगा मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त सधार हआ भखमरी और बरोज़गारी परी तरह समा कर िदय गय स औरत को वोट दन का अिधकार

दन वाला पहला बड़ा दश बना ( स स पहल यज़ील ड म मिहलाओ को वोट दन का अिधकार िमला था| सािवरक मतािधकार स च तौर पर पहली बार िबना िलग या स पि की शतर क स म ही लाग हआ सोिवयत सघ न सभी दिमत रा टरीयताओ व जातीय समह को पहली बार सामरा यवादी दमन स मकत िकया और उ ह आ मिनणरय का अिधकार िदया य सभी दिमत रा टरीयताए समाजवादी परयोग म बराबरी की िह सदार बनी और हीनता क ब को हमशा क िलए अपन माथ स िमटा िदया सोिवयत सघ क समाज स व यावि परी तरह समा हो गयी हर आिथरक मामल म स परी तरह अपन पर पर खड़ा हो गया और यह सारा चम कार स क मज़दर वगर न िहटलर की ना सी सना को हरात हए िदवतीय िव यदध म दो करोड़ लोग की कबारनी दत हए और पर सामरा यवादी-पजीवादी िव की सािज़श और तोड़-फोड़ क परयास क बावजद िकया 1953 म तािलन की म य क बाद बो शिवक

पाटीर क नत व पर सशोधनवािदय का क ज़ा हो गया इसका कारण स म समाजवादी परयोग क दौरान हई कछ भल और ग़लितया थी िजन पर इस शता दी वषर क दौरान हम lsquoमज़दर िबगलrsquo म िव तार म िलखग लिकन यह कोई आ यर की बात नही थी िक स क समाजवादी परयोग को अमली

जामा पहनान म वहा की मज़दर स ा और मज़दर वगर की पाटीर स ग़लितया हई यह एक नय िक म का और अभतपवर परयोग था यह एक नय िक म की रा यस ा थी पहली बार शोषक अ पसखया पर शोिषत बहसखया की तानाशाही और सवरहारा जनवाद कायम िकया गया था हर नय परयोग क समान इसम भी ग़लितया होना लािज़मी था यह पहली मज़दर कराि त थी इसक दवारा खड़ िकय गय समाजवादी परयोग क करीब चार दशक बाद असफल हो जान पर कोई भी ऐितहािसक नज़िरया रखन वाला ता जब नही करगा ता जब इस बात पर ज़ र होता ह िक चार दशक क परयोग म ही समाजवादी सोिवयत सघ न वह सबकछ कर िदखाया जो पजीवाद अपन तीन सौ क वष क इितहास म नही कर पाया हालािक lsquoसमानता वत तरता और भरात वrsquo का नारा उसी न िदया था चार दशक क भीतर ही सोिवयत सघ म समाजवादी परयोग न आन वाली बहतर दिनया की एक झलक िदखला दी उसन िदखला िदया िक पजी का शासन अजर-अमर नही ह पजीवादी मानवता क िलए सबस बहतर यव था नही ह पजीवाद lsquoइितहास का अ तrsquo नही ह अकटबर कराि त न िदखला िदया िक इसस बहतर दिनया स भव ह और वह बहतर दिनया सवरहारा वगर ही बना सकता ह

आज तमाम मज़दर इस महान परयोग क बार म जानत ही नही ह कारण यह ह िक पजीवादी अखबार समाचार चनल िफ म और समचा िशकषा त तर कभी भी हम इसक बार म नही बताता हम कवल इसकी lsquoअसफलताrsquo क बार म बताया जाता ह हम इसक बार म द परचार सनाया जाता ह दसर श द म अकटबर कराि त को पजीवादी शासक वगर न जानबझकर िव मित क अ धर म धकलन की लगातार कोिशश की ह तािक आज का मज़दर वगर अपन परख क इस महान परयोग स सीख और पररणा न ल सक व हमशा हीनताबोध और आ मिव ास क अभाव म िजय अपनी गौरवशाली और महान िवरासत स विचत मज़दर वगर भिव य क सघष क िलए भी आ मिव ास और आि मक बल नही जटा सकता ह यही कारण ह िक अकटबर कराि त की मित स शासक वगर घबराता और लगातार उस पर राख और धल की परत चढ़ान का परयास करता रहता ह ऐस म हम इस महान मज़दर कराि त क

ऐितहािसक और अ तररा टरीय मह व को समझन की आज िश त स ज़ रत ह तािक उसस हम भावी सघष क िलए पररणा और शिकत ल सक

अकटबर करािनत का महान ऐितहािसक यगानतरकारी और अनतरराषटरीय महतवमहान अकटबर कराि त का

ऐितहािसक मह व अभतपवर और अिदवतीय ह मानव इितहास म पहल भी कराि तया और जनिवदरोह हए ह आज स करीब 2090 साल पहल रोम म गलाम न बग़ावत की गलाम की बग़ावत क कारण दास परथा कमज़ोर हई और िफर टटी दास वािमय का शासन ख़ म हआ तो ज़मी दार व साम त का शासन आया यह पहल की दास यव था स बहतर यव था थी पहल दास को lsquoबोलन वाला औज़ारrsquo कहा जाता था दास- वामी उ ह अपन मनोरजन क िलए आपस म तब तक लड़वात थ जब तक िक व मर नही जात थ उनस तब तक काम करवाया जाता था जब तक िक व िगरकर बहोश नही हो जात थ दास को मन य ही नही माना जाता था लिकन साम ती यव था क तहत भदास की ि थित इसस बहतर थी इस प म साम ती यव था मानव इितहास म एक अगला कदम थी लिकन यह भी भदास और िकसान क अमानवीय शोषण पर आधािरत यव था थी भदास की अपनी कोई राजनीितक वत तरता नही थी व ज़मीन क साथ बध हए थ उ ह साम त की ज़मीन पर कमर-तोड़ काम करना पड़ता था और बदल म उ ह जीन भर की खराक िमलती थी िकसान को भी लगान क प म साम त की ज़मीन पर बगार करना पड़ता था या िफर फसल या नकदी क प म भारी लगान चकाना पड़ता था आग चलकर दिनया भर म साम ती यव था क िव दध िकसान न बग़ावत की इन बग़ावत स साम ती यव था म दरार पड़ी आग चलकर उदीयमान कराि तकारी बजरआ वगर न िकसान और द तकार व कारीगर को साथ लकर साम त क िव दध जनवादी कराि तया की कय िक साम ती यव था क तहत उसका आिथरक िवकास और राजनीितक स ा भी स भव नही थी

इन जनवादी कराि तय क फल व प पजीपित वगर स ा म आया और उसन पजीवादी लोकत तर (जनवाद) की थापना की इस यव था म पजीपित वगर शािसत व शोिषत मज़दर व आम महनतकश वगर स शासन करन की lsquoसहमितrsquo लता ह यह lsquoसहमितrsquo चनाव क ज़िरय ली जाती ह इसस यापक महनतकश अवाम म यह भरम पदा होता िक पजीवादी सरकार को उसन ही चना ह लिकन वा तव म यह lsquoसहमितrsquo पजीपित वगर अपन मीिडया िशकषा त तर व अ य राजकीय उपकरण दवारा राय बनाकर िनिमरत

करता ह ठीक उसी परकार जस िपछल लोकसभा चनाव म परचार पर दस हज़ार करोड़ पय ख़चर करक टाटा अ बानी व अडानी सरीख पजीपितय न नर दर मोदी को परधानम तरी बनान क िलए पर समाज म राय का िनमारण िकया था बहरहाल इस परकार पजीवादी जनवाद क प म पहली बार एक ऐसी शोषक स ा आयी जो िक कम-स-कम ऊपरी तौर पर lsquoसहमितrsquo लकर शोिषत क ऊपर शासन करती ह और इसम शासक वगर क शासन को सही ठहरान का कायर पर यकष प स धमर क दवारा या िकसी िद यता क िसदधा त दवारा नही होता इस प म पजीवाद अपन पवरवतीर वगर समाज यानी दास यव था और साम ती यव था स िभ न ह लिकन एक मायन म वह उनक समान भी ह पजीवाद म भी शोिषत बहसखया क ऊपर एक शोषक अ पसखयक वगर की तानाशाही होती ह पजीवादी जनवाद का यही अथर होता हmdash- बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश आबादी पर पजीपितय की तानाशाही इस तानाशाही को पजीपितय की कौन सी पाटीर सचािलत करगी बस इसी का फसला पजीवादी चनाव म होता ह नागनाथ चल जात ह सापनाथ आ जात ह सकषप म यह िक अकटबर कराि त क पहल तक सभी कराि तय या िवदरोह क बाद जो स ा अि त व म आयी वह िकसी न िकसी शोषक अ पसखया क शोिषत बहसखया पर शासन का परितिनिध व करती थी दास यव था बहसखयक दास आबादी व आम महनतकश आबादी पर अ पसखयक दास वािमय क शासन का साम ती यव था बहसखयक भदास िकसान व द तकार आबादी पर अ पसखयक साम ती राज-रजवाड़ क शासक का और पजीवादी यव था बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश जनता पर अ पसखयक पजीपित वगर क शासन का परितिनिध व करती ह अकटबर कराि त न पहली बार एक ऐसी स ा की थापना की िजसम िक शोषक अ पसखयक क ऊपर शोिषत बहसखयक की स ा कायम की गयी इस प म अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक नय यग की श आत की यह नया यग ह समाजवादी सकरमण का दीघरकािलक ऐितहािसक यग यह लािज़मी था िक इस ल ब दौर म दिनया म अलग-अलग दश म मज़दर वगर समाजवाद क कई असफल परयोग कर बीसवी सदी म मज़दर वगर न अलग-अलग दश म समाजवाद क कई परयोग िकय भी जो महान उपलि धया हािसल करन क बाद असफल हो गय स म चीन म पवीर यरोप म िवयतनाम म लिकन इन परयोग म सी अकटबर कराि त का िविश थान ह कय िक उसन ही इस िसलिसल की श आत की और दिनया की पहली समाजवादी मज़दर स ा की थापना की

अकटबर कराि त न बजरआ कराि त क भी उन कायरभार को सवारिधक कराि तकारी प म और पणरता क साथ परा िकया िज ह वय बजरआ वगर न कभी परा नही िकया सबस आमलगामी बजरआ कराि तय न भी भिम सधार और जनवादी अिधकार दन क वायद को उस ईमानदारी और आमलगािमता क साथ परा नही िकया िजसक साथ अकटबर कराि त न िकया अकटबर कराि त न ह त भर म ही वह कर िदखाया जो िक बजरआ वगर न अपन तमाम वायद क बावजद दो सौ साल म नही िकया था लिनन न इसीिलए अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर िदय एक भाषण म कहा था िक स की िविश पिरि थितय म समाजवादी कराि त न बजरआ वगर दवारा ही जनवादी कराि त की ह या को रोका समाजवादी कराि त न मज़दर वगर क हाथ म स ा स पन और समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़न स पहल छट-फटक बजरआ जनवादी कायरभार को भी परा िकया स म एक िविश पिरि थित म सवरहारा वगर को इितहास न मजबर कर िदया था िक वह स ा त काल अपन हाथ म ल जसा िक लिनन न वय कहा था िक अकटबर कराि त का समय हमन अपनी इ छा स नही तय िकया था िदवतीय िव यदध पिरणामतः पदा हए आिथरक सकट खादया न सकट दश भर म मज़दर हड़ताल और कारख़ाना क ज़ा की लहर सोिवयत क वतः पफतर प स जाग उठन और भिम कमिटय दवारा ज़मीन क ज़ा करन क आ दोलन क कारण पदा हई िविश पिरि थितय न सवरहारा वगर और उसकी िहरावल पाटीर क समकष समय स पहल ही ऐसी ि थित पदा कर दी िजसम उसक सामन दो ही िवक प मौजद थः या तो स ा पर क ज़ा करक समाजवादी कराि त की जाय और बजरआ जनवादी कराि त क उन अधर वायद को परा िकया जाय िज ह परा करन स वय बजरआ वगर मकर गया था या िफर सवरहारा वगर और उसकी िहरावल बो शिवक पाटीर बजरआ वगर परितिकरयावादी कलक व भ वामी वगर तथा राजत तरशाही क बच हए परितिकरयावादी त व क गठब धन को यह इजाज़त द िक वह जनवादी कराि त का गला घ टन क साथ ही मज़दर वगर को lsquoइितहास क रगमच स कई दशक क िलए उठाकर बाहर फक दrsquo लिनन का यह म याकन िब कल द त िनकला यिद उस समय मज़दर वगर न स ा अपन हाथ म न ली होती तो सामरा यवाद सी पजीपित वगर और भ वामी वगर न

िमलकर सी जनवादी कराि त का भी गला घ ट िदया होता इस परकार स की िविश पिरि थित म मज़दर वगर दवारा की गयी समाजवादी कराि त न जनवादी कराि त की ह या को भी रोका और

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 9

(पज 10 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण(पज 8 स आग)

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 8: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

लिधयाना क टकसटाइल पटटी क मज़दर िद ली क इ पात मज़दर स लकर ित पर व यनम क मज़दर और च नई क आटोमोबाइल मजदर स लकर करल क म नार क चाय बाग़ान मज़दर तक िपछल कछ वष म सड़क पर उतरत रह ह एक ऐस उथल-पथल भर समय म हम अकटबर कराि त क शता दी वषर म परवश कर रह ह ऐस दौर म अकटबर कराि त को याद करन क मज़दर वगर क िलए कया मायन ह इसक िलए पहल सकषप म यह जानना ज़ री ह िक अकटबर कराि त म हआ कया था कय िक आज तमाम मज़दर भी अपनी इस महान वि क िवरासत स वािकफ नही ह

महान अकटबर करािनत म कया हआ था

1917 म स एक ऐस पिरवतरन स होकर गज़रा िजसन दिनया क इितहास की िदशा मोड़ दी और एक नय यग की श आत की बीसवी सदी क पहल दशक की श आत स ही िव पजीवाद आिथरक सकट स गज़र रहा था यरोप क तमाम सामरा यवादी दश दिनया भर म महनतकश अवाम और गलाम रा टरीयताओ की लट की बटवार क िलए आपस म परित पदधार म लग हए थ उस समय तक िबरटन सामरा यवादी दिनया की सबस अहम ताकत था फरास दसरी अहम औपिनविशक सामरा यवादी शिकत था लिकन उ नीसवी सदी का अ त होत-होत जमरनी तज़ी स एक परमख आिथरक शिकत क प म उभर चका था दसरी ओर सयकत रा य अमिरका भी दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत क प म उभर रहा था लिकन जमरनी क पास अपनी पजी की परचरता को खपान क िलए और साथ स त क च माल और स त म क दोहन क िलए उपिनवश नही थ जमरनी की बढ़ती आिथरक शिकतम ा न उस िबरटन और फरास क साथ सीधी परित पदधार म ला खड़ा िकया था इस बढ़ती सामरा यवादी परित पदधार क फल व प 1914 म िव क पनिवरभाजन क िलए पहल िव यदध की श आत हो गयी एक तरफ जमरनी ऑि टरया और हगरी थ तो दसरी ओर िबरटन फरासअमिर का व स स की ि थित उस समय एक िपछड़ सामरा यवादी दश की थी वह पवीर यरोप क िपछड़ दश क िलए एक सामरा यवादी दश था लिकन वह वय िबरिटश फरासीसी और अमिरकी िवत तीय पजी क वचर व क अधीन था स म अभी ज़ार का राजत तर कायम

था पहल िव यदध म उसन िमतर शिकतय यानी िबरटन फरास और अमिरका क पकष म िह सा िलया स की िपछड़ी हई अथर यव था और स य शिकत यदध म जमरनी की उ नत स य शिकत का मकाबला करन क िलए अपयार थी ज द ही तमाम मोच पर स की हार होन लगी स क सिनक को न तो

पयार मातरा म ब दक हािसल थी और न ही उनक पास पयार मातरा म भोजन था यदध क खचर को ढो पाना स की अथर यव था क िलए मि कल था और ज द ही दश म खादया न की कमी का सकट भी पदा हो गया सिनक की भारी आबादी वा तव म िकसान पिरवार स आती थी व वा तव म विदरय म िकसान ही थ स म िकसान की ि थित भी भयकर थी भदास व का काननी तौर पर 1861 म उ मलन हो गया था लिकन उसक अ छ-खास अवशष अभी भी दश म कायम थ िकसान क बीच भिम का बटवारा नही िकया गया था और दश की अिधकाश खती योगय ज़मीन या तो ज़ार की थी या िफर चचर और बड़ ज़मीदार की जो भिम गराम समदाय क पास थी उसक भी चकरीय बटवार का िनणरय धनी िकसान व कलक ही लत थ और हर यावहािरक मसल क िलए इस ज़मीन पर भी उ ही का िनय तरण था ज़ार की स ा यदध का बोझ िकसान पर डाल रही थी और भ वािमय न िकसान पर दबाव बढ़ा िदया था जो भी ससाधन थ व सभी यदध क मोच पर वाहा हो जा रह थ मज़दर की ि थित भी कछ ऐसी

ही थी खादया न सकट क कारण शहर म भोजन की भयकर कमी हो गयी थी मज़दर को भरपट भोजन तक नही िमल पा रहा था मज़दर क काम क घ ट 12 स 14 घ ट होना आम बात थी मज़दरी इतनी भी नही िमल पा रही थी िक मज़दर भरपट खाना खा पात कछ मज़दर को थोड़ा बहतर वतन िमलता था मगर भोजन की भयकर कमी और उसकी बढ़ती कीमत क कारण उ ह भी पयार भोजन नही िमल पा रहा था पर दश म करीब 85 फीसदी आबादी ग़रीब व मझोल िकसान की थी और मज़दर की आबादी करीब 10 परितशत मज़दर को बहतर कायरि थितया बहतर मज़दरी और भरपट भोजन चािहए था और िकसान को ज़मीन चािहए थी और मज़दर और िकसान दोन को ही यदध स िनजात चािहए था दश म 1917 की श आत आत-आत आम महनतकश जनता क सबर का प याला छलक रहा था भखमरी गरीबी और महगाई की असहनीय ि थित न स क आम महनतकश अवाम म िवदरोह की ि थित पदा कर दी थी अ तत फरवरी 1917 म एक वत फतर जनिवदरोह न ज़ार की स ा को उखाड़ फका उस समय स की कराि तकारी क यिन ट पाटीर िजसका नाम स की सामािजक-जनवादी मज़दर पाटीर (बो शिवक) था इस जनिवदरोह का नत व लन म सफल नही रही नतीजतन ज़ार की स ा की पतन क बाद एक िमली-जली आरज़ी (अ थायी) सरकार बनी िजसम िक कई पजीवादी व िन न-पजीवादी पािटरया शािमल थी इस आरज़ी बजरआ सरकार न जनता स वायदा िकया िक वह िकसान को ज़मीन दगी और शाित दगी मज़दर को बहतर मज़दरी छोटा

कायरिदवस और टरड यिनयन बनान का काननी अिधकार दगी लिकन इस पजीवादी आरज़ी सरकार न अपन ज यादातर वायद को परा नही िकया उसन घोषणा की िक वह िमतर दश यानी िबरटन फरास और अमिरका स िकय हए अपन वायद को परा करगी और यदध म िह सदारी जारी रखगी साथ ही उसन भिम सधार यानी ज़मीन क िकसान म बटवार क काम को भी सिवधान सभा क बनन और िफर उसक दवारा कानन पािरत िकय जान तक टाल िदया मज़दर और आम महनतकश जनता को ता कािलक तौर पर कछ जनवादी और नागिरक अिधकार ज़ र हािसल हए िजसन की स म वगर सघषर को आग बढ़ान म ता कािलक तौर पर मदद की इतना करना आरज़ी पजीवादी सरकार की मजबरी थी लिकन जो सबस अहम वायद उसन िकय थ यानी ज़मीन और शाित का वायदा उसस वह मकर गयी यदध म स की िह सदारी जारी रहन स दश म अ यव था आिथरक सकट और खादया न सकट बढ़त ही जा रह थ नतीजतन दश म नयी पजीवादी आरज़ी सरकार क िखलाफ जनअस तोष भी बढ़ता जा रहा था दश भर क औदयोिगक क दर म हड़ताल की एक लहर चल पड़ी साथ ही गाव म िकसान का सबर भी टट चका था और उनक बीच भी बगावत क हालात थ कई जगह पर उ ह न भिम सिमितया बनाकर ज़मीन कब ज़ा करना श कर िदया आरज़ी सरकार न कर की नामक एक बजरआ नता की अगवाई म इन मज़दर हड़ताल और िकसान बग़ावत का उसी परकार दमन श कर िदया िजस परकार िक ज़ार की सरकार कर रही थी दश म एक कराि तकारी ि थित िनिमरत हो रही थी और आरज़ी सरकार सलगत हए जनिवदरोह को कचलकर इस कराि तकारी स भावना को कचलन का परयास कर रही थी ऐस म बो शिवक पाटीर क नता लिनन न अपरल म lsquoअपरल थीसीज़rsquo पश की इसम लिनन न बो शिवक पाटीर का आम बग़ावत कर स ा अपन हाथ म लन का आ ान िकया लिनन न बताया िक पजीवादी आरज़ी सरकार बजरआ जनवादी कराि त को परा नही करगी यानी िक वह ज़मीन का बटवारा नही करगी और न ही यदध स िनजात िदलायगी वह मज़दर की भी सभी जनवादी माग को परा नही करन वाली वह जनिवदरोह की आशका को दखत हए सामरा यवाद पजीपित वगर और साथ ही दशी ज़मी दार वगर स समझौत कर रही ह ऐस म अब यह ख़तरा पदा हो गया ह िक यह सरकार परितिकरयावािदय की गोद म बठकर जनवादी कराि त का भी गला घ ट दगी इन हालात म मज़दर वगर को अपनी िहरावल पाटीर यानी बो शिवक पाटीर क नत व म स ा पर क ज़ा करना चािहए और समाजवादी कराि त को अजाम दना चािहए अगर मज़दर वगर न समाजवादी कराि त क कायरभार को अभी त काल

परा नही िकया तो न िसफ़र जनवादी कराि त परी नही हो सकगी बि क उसकी ह या भी हो जायगी लिनन क पर ताव को पहल बो शिवक पाटीर क ही नत वकारी िनकाय न वीकार नही िकया लिकन जस-जस समय बीतता गया बो शिवक पाटीर क नत व की बहसखया लिनन क पर ताव को मानती गयी अ ततः बो शिवक पाटीर की क दरीय कमटी न आम बग़ावत और समाजवादी कराि त क लिनन क पर ताव को वीकार िकया

बो शिवक पाटीर कई वष क वगर सघष म तपी-तपायी पाटीर थी इसन ज़ार की तानाशाही क दौर म मज़दर क कई सघष का नत व िकया था और उनक बीच लगातार मौजद रही थी बो शिवक पाटीर न मज़दर क बीच स सवारिधक उ नत चतना वाल कमरठ और बहादर कायरकतारओ को भतीर िकया था और एक लौह अनशासन वाली और गोपनीय ढाच वाली मज़बत पाटीर का िनमारण िकया था कवल ऐसी पाटीर ही ज़ारशाही और िफर पजीवादी सरकार दवारा िकय जान वाल दमन का मकाबला कर सकती थी और कशलतापवरक मज़दर वगर और आम ग़रीब िकसान आबादी को नत व द सकती थी बो शिवक पाटीर न अपन परचार क दायर म सिनक को भी लाया था जो िक िकसान क ही बट थ सिनक की भारी तादाद ज़मीन और शाि त की माग स पणरतः सहमत थी कवल बो शिवक पाटीर ही एकमातर पाटीर थी जो िक ज़मीन क बटवार और यदध स वापसी क कदम को त काल लाग करन की बात कर रही थी फरवरी 1917 क बाद स ही आम महनतकश जनता म भी यह बात साफ होती जा रही थी िक यिद भिम सधार और शाि त चािहए तो पजीवादी आरज़ी सरकार को उखाड़ फकना ही एकमातर रा ता ह और इस रा त पर जनता को नत व दन को तयार कवल एक ही पाटीर मौजद थीmdashबो शिवक पाटीर ज द ही मज़दर आबादी की भारी बहसखया बो शिवक पाटीर क पकष म खड़ी हो गयी सिनक की सोिवयत म भी बो शिवक पाटीर िनय तरण म आ गयी मज़दर और सिनक की सोिवयत म बो शिवक पाटीर क नत व क कािबज़ होन क साथ बो शिवक पाटीर आम बग़ावत को अजाम दन की ि थित म पहच गयी थी

िकसान क बीच पहल समाजवादी-कराि तकारी पाटीर नामक एक टटपिजया पाटीर का नत व परमख था बो शिवक पाटीर का उनक बीच आधार काफी कम था मगर भिम सधार क मसल पर समाजवादी-कराि तकारी पाटीर भी सिवधान सभा दवारा कानन बनाय जान की बात का समथरन कर रही थी और भिम सधार को टाल जा रही थी िलहाज़ा िकसान की बड़ी आबादी भी ज द ही बो शिवक पाटीर क पकष म आन लगी कय िक कवल बो शिवक पाटीर ही त काल भिम सधार की बात

कर रही थी अब बो शिवक पाटीर स की बहसखयक आम महनतकश

आबादी यानी िक मज़दर वगर व आम िकसान वगर क समथरन को परा कर चकी थी यानी अब बो शिवक पाटीर क पास वह कराि तकारी अनशािसत व ग ढाचा भी था जो कराि त क नत व सचालन क िलए ज़ री था और साथ ही उसक पास यापक जनसमदाय का समथरन भी था उसन नारा िदया lsquoज़मीन शाि त रोटीrsquo यही व चीज़ थी जो िक स की यदध ग़रीबी भखमरी बरोज़गारी और महगाई स तर त और थकी हई जनता को चािहए थी बो शिवक पाटीर न एक कराि तकारी स य कमटी थािपत की इसका सचालन आम बग़ावत क पहल लिनन न वय अपन हाथ म िलया दश भर म मज़दर व सिनक सड़क पर थ और गाव म भी िकसान का िवदरोह उबल रहा था 24 अकटबर की शाम स ही बो शिवक पाटीर क नत व म कराि तकारी सिनक व मज़दर न पजीवादी स ा क सभी अग पर क ज़ा करना श कर िदया सभी पो टल व टलीगराफ द तर स य मखयालय पिलस मखयालय बक पोटर रलव टशन पर बो शिवक न अपना िनय तरण कायम कर िलया गया पजीवादी स ा िजन अग स काम करती ह उ ह अब लकवा मार चका था और समची पजीवादी रा यस ा पणरतः असहाय थी इसक बाद 25 अकटबर को स म रा यस ा क परतीक शीत परासाद म बठ आरज़ी सरकार क मि तरय को आ मसमपरण करन का अ टीमटम िदया गया अ टीमटम परा होन स पहल आ मसमपरण न होन पर बो शिवक सिनक न धावा बोला और बहत थोड़ परितरोध क बाद ही िवजय हािसल कर ली गयी और इस तरह स स क परान कल डर क अनसार 25 अकटबर (7 नव बर) को बो शिवक पाटीर क नत व दिनया की पहली सफल समाजवादी मज़दर कराि त हई सम त शिकत मज़दर और सिनक की सोिवयत को स प दी गयी कराि त क त काल बाद भिम स ब धी आजञि पािरत हई और भिम सधार की श आत कर दी गयी दसरी आजञि यदध स वापसी की आजञि थी समाजवादी कराि त न व दोन परमख माग त काल परी कर दी िज ह पजीवादी आरज़ी सरकार आठ माह म परा नही कर सकी थी कराि त क बाद स न सामरा यवादी यदध स अपन हाथ खीच िलए और 1918 का म य आत-आत स इस िवनाशकारी यदध स परी तरह

बाहर आ चका था हालािक अब स की मज़दर स ा

को परितिकरयावादी कलक व ज़मी दार की बग़ावत और सामरा यवादी ह तकषप का मकाबला कर कराि त को बचान क िलए एक तीन वष क गहयदध म उतरना पड़ा लिकन यह कोई सामरा यवादी यदध नही था जो िक मनाफ़ की लट म िह सदारी क िलए लड़ा गया हो इस

(पज 1 स आग)

8 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

(पज 9 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

गहयदध म मज़दर व सिनक न िकसान क समथरन क बल पर तीन वष म ज़मी दार की बग़ावत को परा त िकया और साथ ही चौदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी हरा िदया 1921 आत-आत कराि तकारी समाजवादी स गहयदध म िवजयी हो चका था और

वहा मज़दर स ा स ढ़ीकत हो चकी थी इसक बाद अगल करीब साढ़ तीन दशक म स की महनतकश जनता न स म समाजवादी यव था का िनमारण

िकया सार कल-कारख़ान खान -खदान का रा टरीकरण कर िदया गया सार बक का रा टरीकरण कर िदया गया रा यस ा पर अपनी कराि तकारी पाटीर बो शिवक पाटीर क नत व म अब मज़दर वगर कािबज़ था इसिलए अब इन सार ससाधान का वामी साझा तौर पर दश का मज़दर वगर और ग़रीब िकसान जनता थी 1917 म जो बजरआ भिम सधार लाग िकय गय उसस अलग-अलग िकसान िनजी तौर पर ज़मीन क मािलक बन लिकन 1931 स 1936 क बीच सोिवयत सघ म ज़मीन म भी िनजी मािलकाना समा कर िदया गया और साझी खती की यव था थािपत की गयी 1930 क दशक म ही सोिवयत स का अभतपवर गित स उदयोगीकरण

हआ िजसस िक वह कछ ही समय म दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया इस पमान पर उदयोग खड़ करन म दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत अमिरका को करीब डढ़ सौ साल लग थ लिकन स न यह कायर मज़दर शिकत क बत पर डढ़ दशक म ही कर िदखाया पर दश म साकषरता का तर 100 परितशत क करीब पहचन लगा मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त सधार हआ भखमरी और बरोज़गारी परी तरह समा कर िदय गय स औरत को वोट दन का अिधकार

दन वाला पहला बड़ा दश बना ( स स पहल यज़ील ड म मिहलाओ को वोट दन का अिधकार िमला था| सािवरक मतािधकार स च तौर पर पहली बार िबना िलग या स पि की शतर क स म ही लाग हआ सोिवयत सघ न सभी दिमत रा टरीयताओ व जातीय समह को पहली बार सामरा यवादी दमन स मकत िकया और उ ह आ मिनणरय का अिधकार िदया य सभी दिमत रा टरीयताए समाजवादी परयोग म बराबरी की िह सदार बनी और हीनता क ब को हमशा क िलए अपन माथ स िमटा िदया सोिवयत सघ क समाज स व यावि परी तरह समा हो गयी हर आिथरक मामल म स परी तरह अपन पर पर खड़ा हो गया और यह सारा चम कार स क मज़दर वगर न िहटलर की ना सी सना को हरात हए िदवतीय िव यदध म दो करोड़ लोग की कबारनी दत हए और पर सामरा यवादी-पजीवादी िव की सािज़श और तोड़-फोड़ क परयास क बावजद िकया 1953 म तािलन की म य क बाद बो शिवक

पाटीर क नत व पर सशोधनवािदय का क ज़ा हो गया इसका कारण स म समाजवादी परयोग क दौरान हई कछ भल और ग़लितया थी िजन पर इस शता दी वषर क दौरान हम lsquoमज़दर िबगलrsquo म िव तार म िलखग लिकन यह कोई आ यर की बात नही थी िक स क समाजवादी परयोग को अमली

जामा पहनान म वहा की मज़दर स ा और मज़दर वगर की पाटीर स ग़लितया हई यह एक नय िक म का और अभतपवर परयोग था यह एक नय िक म की रा यस ा थी पहली बार शोषक अ पसखया पर शोिषत बहसखया की तानाशाही और सवरहारा जनवाद कायम िकया गया था हर नय परयोग क समान इसम भी ग़लितया होना लािज़मी था यह पहली मज़दर कराि त थी इसक दवारा खड़ िकय गय समाजवादी परयोग क करीब चार दशक बाद असफल हो जान पर कोई भी ऐितहािसक नज़िरया रखन वाला ता जब नही करगा ता जब इस बात पर ज़ र होता ह िक चार दशक क परयोग म ही समाजवादी सोिवयत सघ न वह सबकछ कर िदखाया जो पजीवाद अपन तीन सौ क वष क इितहास म नही कर पाया हालािक lsquoसमानता वत तरता और भरात वrsquo का नारा उसी न िदया था चार दशक क भीतर ही सोिवयत सघ म समाजवादी परयोग न आन वाली बहतर दिनया की एक झलक िदखला दी उसन िदखला िदया िक पजी का शासन अजर-अमर नही ह पजीवादी मानवता क िलए सबस बहतर यव था नही ह पजीवाद lsquoइितहास का अ तrsquo नही ह अकटबर कराि त न िदखला िदया िक इसस बहतर दिनया स भव ह और वह बहतर दिनया सवरहारा वगर ही बना सकता ह

आज तमाम मज़दर इस महान परयोग क बार म जानत ही नही ह कारण यह ह िक पजीवादी अखबार समाचार चनल िफ म और समचा िशकषा त तर कभी भी हम इसक बार म नही बताता हम कवल इसकी lsquoअसफलताrsquo क बार म बताया जाता ह हम इसक बार म द परचार सनाया जाता ह दसर श द म अकटबर कराि त को पजीवादी शासक वगर न जानबझकर िव मित क अ धर म धकलन की लगातार कोिशश की ह तािक आज का मज़दर वगर अपन परख क इस महान परयोग स सीख और पररणा न ल सक व हमशा हीनताबोध और आ मिव ास क अभाव म िजय अपनी गौरवशाली और महान िवरासत स विचत मज़दर वगर भिव य क सघष क िलए भी आ मिव ास और आि मक बल नही जटा सकता ह यही कारण ह िक अकटबर कराि त की मित स शासक वगर घबराता और लगातार उस पर राख और धल की परत चढ़ान का परयास करता रहता ह ऐस म हम इस महान मज़दर कराि त क

ऐितहािसक और अ तररा टरीय मह व को समझन की आज िश त स ज़ रत ह तािक उसस हम भावी सघष क िलए पररणा और शिकत ल सक

अकटबर करािनत का महान ऐितहािसक यगानतरकारी और अनतरराषटरीय महतवमहान अकटबर कराि त का

ऐितहािसक मह व अभतपवर और अिदवतीय ह मानव इितहास म पहल भी कराि तया और जनिवदरोह हए ह आज स करीब 2090 साल पहल रोम म गलाम न बग़ावत की गलाम की बग़ावत क कारण दास परथा कमज़ोर हई और िफर टटी दास वािमय का शासन ख़ म हआ तो ज़मी दार व साम त का शासन आया यह पहल की दास यव था स बहतर यव था थी पहल दास को lsquoबोलन वाला औज़ारrsquo कहा जाता था दास- वामी उ ह अपन मनोरजन क िलए आपस म तब तक लड़वात थ जब तक िक व मर नही जात थ उनस तब तक काम करवाया जाता था जब तक िक व िगरकर बहोश नही हो जात थ दास को मन य ही नही माना जाता था लिकन साम ती यव था क तहत भदास की ि थित इसस बहतर थी इस प म साम ती यव था मानव इितहास म एक अगला कदम थी लिकन यह भी भदास और िकसान क अमानवीय शोषण पर आधािरत यव था थी भदास की अपनी कोई राजनीितक वत तरता नही थी व ज़मीन क साथ बध हए थ उ ह साम त की ज़मीन पर कमर-तोड़ काम करना पड़ता था और बदल म उ ह जीन भर की खराक िमलती थी िकसान को भी लगान क प म साम त की ज़मीन पर बगार करना पड़ता था या िफर फसल या नकदी क प म भारी लगान चकाना पड़ता था आग चलकर दिनया भर म साम ती यव था क िव दध िकसान न बग़ावत की इन बग़ावत स साम ती यव था म दरार पड़ी आग चलकर उदीयमान कराि तकारी बजरआ वगर न िकसान और द तकार व कारीगर को साथ लकर साम त क िव दध जनवादी कराि तया की कय िक साम ती यव था क तहत उसका आिथरक िवकास और राजनीितक स ा भी स भव नही थी

इन जनवादी कराि तय क फल व प पजीपित वगर स ा म आया और उसन पजीवादी लोकत तर (जनवाद) की थापना की इस यव था म पजीपित वगर शािसत व शोिषत मज़दर व आम महनतकश वगर स शासन करन की lsquoसहमितrsquo लता ह यह lsquoसहमितrsquo चनाव क ज़िरय ली जाती ह इसस यापक महनतकश अवाम म यह भरम पदा होता िक पजीवादी सरकार को उसन ही चना ह लिकन वा तव म यह lsquoसहमितrsquo पजीपित वगर अपन मीिडया िशकषा त तर व अ य राजकीय उपकरण दवारा राय बनाकर िनिमरत

करता ह ठीक उसी परकार जस िपछल लोकसभा चनाव म परचार पर दस हज़ार करोड़ पय ख़चर करक टाटा अ बानी व अडानी सरीख पजीपितय न नर दर मोदी को परधानम तरी बनान क िलए पर समाज म राय का िनमारण िकया था बहरहाल इस परकार पजीवादी जनवाद क प म पहली बार एक ऐसी शोषक स ा आयी जो िक कम-स-कम ऊपरी तौर पर lsquoसहमितrsquo लकर शोिषत क ऊपर शासन करती ह और इसम शासक वगर क शासन को सही ठहरान का कायर पर यकष प स धमर क दवारा या िकसी िद यता क िसदधा त दवारा नही होता इस प म पजीवाद अपन पवरवतीर वगर समाज यानी दास यव था और साम ती यव था स िभ न ह लिकन एक मायन म वह उनक समान भी ह पजीवाद म भी शोिषत बहसखया क ऊपर एक शोषक अ पसखयक वगर की तानाशाही होती ह पजीवादी जनवाद का यही अथर होता हmdash- बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश आबादी पर पजीपितय की तानाशाही इस तानाशाही को पजीपितय की कौन सी पाटीर सचािलत करगी बस इसी का फसला पजीवादी चनाव म होता ह नागनाथ चल जात ह सापनाथ आ जात ह सकषप म यह िक अकटबर कराि त क पहल तक सभी कराि तय या िवदरोह क बाद जो स ा अि त व म आयी वह िकसी न िकसी शोषक अ पसखया क शोिषत बहसखया पर शासन का परितिनिध व करती थी दास यव था बहसखयक दास आबादी व आम महनतकश आबादी पर अ पसखयक दास वािमय क शासन का साम ती यव था बहसखयक भदास िकसान व द तकार आबादी पर अ पसखयक साम ती राज-रजवाड़ क शासक का और पजीवादी यव था बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश जनता पर अ पसखयक पजीपित वगर क शासन का परितिनिध व करती ह अकटबर कराि त न पहली बार एक ऐसी स ा की थापना की िजसम िक शोषक अ पसखयक क ऊपर शोिषत बहसखयक की स ा कायम की गयी इस प म अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक नय यग की श आत की यह नया यग ह समाजवादी सकरमण का दीघरकािलक ऐितहािसक यग यह लािज़मी था िक इस ल ब दौर म दिनया म अलग-अलग दश म मज़दर वगर समाजवाद क कई असफल परयोग कर बीसवी सदी म मज़दर वगर न अलग-अलग दश म समाजवाद क कई परयोग िकय भी जो महान उपलि धया हािसल करन क बाद असफल हो गय स म चीन म पवीर यरोप म िवयतनाम म लिकन इन परयोग म सी अकटबर कराि त का िविश थान ह कय िक उसन ही इस िसलिसल की श आत की और दिनया की पहली समाजवादी मज़दर स ा की थापना की

अकटबर कराि त न बजरआ कराि त क भी उन कायरभार को सवारिधक कराि तकारी प म और पणरता क साथ परा िकया िज ह वय बजरआ वगर न कभी परा नही िकया सबस आमलगामी बजरआ कराि तय न भी भिम सधार और जनवादी अिधकार दन क वायद को उस ईमानदारी और आमलगािमता क साथ परा नही िकया िजसक साथ अकटबर कराि त न िकया अकटबर कराि त न ह त भर म ही वह कर िदखाया जो िक बजरआ वगर न अपन तमाम वायद क बावजद दो सौ साल म नही िकया था लिनन न इसीिलए अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर िदय एक भाषण म कहा था िक स की िविश पिरि थितय म समाजवादी कराि त न बजरआ वगर दवारा ही जनवादी कराि त की ह या को रोका समाजवादी कराि त न मज़दर वगर क हाथ म स ा स पन और समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़न स पहल छट-फटक बजरआ जनवादी कायरभार को भी परा िकया स म एक िविश पिरि थित म सवरहारा वगर को इितहास न मजबर कर िदया था िक वह स ा त काल अपन हाथ म ल जसा िक लिनन न वय कहा था िक अकटबर कराि त का समय हमन अपनी इ छा स नही तय िकया था िदवतीय िव यदध पिरणामतः पदा हए आिथरक सकट खादया न सकट दश भर म मज़दर हड़ताल और कारख़ाना क ज़ा की लहर सोिवयत क वतः पफतर प स जाग उठन और भिम कमिटय दवारा ज़मीन क ज़ा करन क आ दोलन क कारण पदा हई िविश पिरि थितय न सवरहारा वगर और उसकी िहरावल पाटीर क समकष समय स पहल ही ऐसी ि थित पदा कर दी िजसम उसक सामन दो ही िवक प मौजद थः या तो स ा पर क ज़ा करक समाजवादी कराि त की जाय और बजरआ जनवादी कराि त क उन अधर वायद को परा िकया जाय िज ह परा करन स वय बजरआ वगर मकर गया था या िफर सवरहारा वगर और उसकी िहरावल बो शिवक पाटीर बजरआ वगर परितिकरयावादी कलक व भ वामी वगर तथा राजत तरशाही क बच हए परितिकरयावादी त व क गठब धन को यह इजाज़त द िक वह जनवादी कराि त का गला घ टन क साथ ही मज़दर वगर को lsquoइितहास क रगमच स कई दशक क िलए उठाकर बाहर फक दrsquo लिनन का यह म याकन िब कल द त िनकला यिद उस समय मज़दर वगर न स ा अपन हाथ म न ली होती तो सामरा यवाद सी पजीपित वगर और भ वामी वगर न

िमलकर सी जनवादी कराि त का भी गला घ ट िदया होता इस परकार स की िविश पिरि थित म मज़दर वगर दवारा की गयी समाजवादी कराि त न जनवादी कराि त की ह या को भी रोका और

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 9

(पज 10 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण(पज 8 स आग)

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 9: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

गहयदध म मज़दर व सिनक न िकसान क समथरन क बल पर तीन वष म ज़मी दार की बग़ावत को परा त िकया और साथ ही चौदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी हरा िदया 1921 आत-आत कराि तकारी समाजवादी स गहयदध म िवजयी हो चका था और

वहा मज़दर स ा स ढ़ीकत हो चकी थी इसक बाद अगल करीब साढ़ तीन दशक म स की महनतकश जनता न स म समाजवादी यव था का िनमारण

िकया सार कल-कारख़ान खान -खदान का रा टरीकरण कर िदया गया सार बक का रा टरीकरण कर िदया गया रा यस ा पर अपनी कराि तकारी पाटीर बो शिवक पाटीर क नत व म अब मज़दर वगर कािबज़ था इसिलए अब इन सार ससाधान का वामी साझा तौर पर दश का मज़दर वगर और ग़रीब िकसान जनता थी 1917 म जो बजरआ भिम सधार लाग िकय गय उसस अलग-अलग िकसान िनजी तौर पर ज़मीन क मािलक बन लिकन 1931 स 1936 क बीच सोिवयत सघ म ज़मीन म भी िनजी मािलकाना समा कर िदया गया और साझी खती की यव था थािपत की गयी 1930 क दशक म ही सोिवयत स का अभतपवर गित स उदयोगीकरण

हआ िजसस िक वह कछ ही समय म दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया इस पमान पर उदयोग खड़ करन म दिनया की सबस बड़ी औदयोिगक शिकत अमिरका को करीब डढ़ सौ साल लग थ लिकन स न यह कायर मज़दर शिकत क बत पर डढ़ दशक म ही कर िदखाया पर दश म साकषरता का तर 100 परितशत क करीब पहचन लगा मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त सधार हआ भखमरी और बरोज़गारी परी तरह समा कर िदय गय स औरत को वोट दन का अिधकार

दन वाला पहला बड़ा दश बना ( स स पहल यज़ील ड म मिहलाओ को वोट दन का अिधकार िमला था| सािवरक मतािधकार स च तौर पर पहली बार िबना िलग या स पि की शतर क स म ही लाग हआ सोिवयत सघ न सभी दिमत रा टरीयताओ व जातीय समह को पहली बार सामरा यवादी दमन स मकत िकया और उ ह आ मिनणरय का अिधकार िदया य सभी दिमत रा टरीयताए समाजवादी परयोग म बराबरी की िह सदार बनी और हीनता क ब को हमशा क िलए अपन माथ स िमटा िदया सोिवयत सघ क समाज स व यावि परी तरह समा हो गयी हर आिथरक मामल म स परी तरह अपन पर पर खड़ा हो गया और यह सारा चम कार स क मज़दर वगर न िहटलर की ना सी सना को हरात हए िदवतीय िव यदध म दो करोड़ लोग की कबारनी दत हए और पर सामरा यवादी-पजीवादी िव की सािज़श और तोड़-फोड़ क परयास क बावजद िकया 1953 म तािलन की म य क बाद बो शिवक

पाटीर क नत व पर सशोधनवािदय का क ज़ा हो गया इसका कारण स म समाजवादी परयोग क दौरान हई कछ भल और ग़लितया थी िजन पर इस शता दी वषर क दौरान हम lsquoमज़दर िबगलrsquo म िव तार म िलखग लिकन यह कोई आ यर की बात नही थी िक स क समाजवादी परयोग को अमली

जामा पहनान म वहा की मज़दर स ा और मज़दर वगर की पाटीर स ग़लितया हई यह एक नय िक म का और अभतपवर परयोग था यह एक नय िक म की रा यस ा थी पहली बार शोषक अ पसखया पर शोिषत बहसखया की तानाशाही और सवरहारा जनवाद कायम िकया गया था हर नय परयोग क समान इसम भी ग़लितया होना लािज़मी था यह पहली मज़दर कराि त थी इसक दवारा खड़ िकय गय समाजवादी परयोग क करीब चार दशक बाद असफल हो जान पर कोई भी ऐितहािसक नज़िरया रखन वाला ता जब नही करगा ता जब इस बात पर ज़ र होता ह िक चार दशक क परयोग म ही समाजवादी सोिवयत सघ न वह सबकछ कर िदखाया जो पजीवाद अपन तीन सौ क वष क इितहास म नही कर पाया हालािक lsquoसमानता वत तरता और भरात वrsquo का नारा उसी न िदया था चार दशक क भीतर ही सोिवयत सघ म समाजवादी परयोग न आन वाली बहतर दिनया की एक झलक िदखला दी उसन िदखला िदया िक पजी का शासन अजर-अमर नही ह पजीवादी मानवता क िलए सबस बहतर यव था नही ह पजीवाद lsquoइितहास का अ तrsquo नही ह अकटबर कराि त न िदखला िदया िक इसस बहतर दिनया स भव ह और वह बहतर दिनया सवरहारा वगर ही बना सकता ह

आज तमाम मज़दर इस महान परयोग क बार म जानत ही नही ह कारण यह ह िक पजीवादी अखबार समाचार चनल िफ म और समचा िशकषा त तर कभी भी हम इसक बार म नही बताता हम कवल इसकी lsquoअसफलताrsquo क बार म बताया जाता ह हम इसक बार म द परचार सनाया जाता ह दसर श द म अकटबर कराि त को पजीवादी शासक वगर न जानबझकर िव मित क अ धर म धकलन की लगातार कोिशश की ह तािक आज का मज़दर वगर अपन परख क इस महान परयोग स सीख और पररणा न ल सक व हमशा हीनताबोध और आ मिव ास क अभाव म िजय अपनी गौरवशाली और महान िवरासत स विचत मज़दर वगर भिव य क सघष क िलए भी आ मिव ास और आि मक बल नही जटा सकता ह यही कारण ह िक अकटबर कराि त की मित स शासक वगर घबराता और लगातार उस पर राख और धल की परत चढ़ान का परयास करता रहता ह ऐस म हम इस महान मज़दर कराि त क

ऐितहािसक और अ तररा टरीय मह व को समझन की आज िश त स ज़ रत ह तािक उसस हम भावी सघष क िलए पररणा और शिकत ल सक

अकटबर करािनत का महान ऐितहािसक यगानतरकारी और अनतरराषटरीय महतवमहान अकटबर कराि त का

ऐितहािसक मह व अभतपवर और अिदवतीय ह मानव इितहास म पहल भी कराि तया और जनिवदरोह हए ह आज स करीब 2090 साल पहल रोम म गलाम न बग़ावत की गलाम की बग़ावत क कारण दास परथा कमज़ोर हई और िफर टटी दास वािमय का शासन ख़ म हआ तो ज़मी दार व साम त का शासन आया यह पहल की दास यव था स बहतर यव था थी पहल दास को lsquoबोलन वाला औज़ारrsquo कहा जाता था दास- वामी उ ह अपन मनोरजन क िलए आपस म तब तक लड़वात थ जब तक िक व मर नही जात थ उनस तब तक काम करवाया जाता था जब तक िक व िगरकर बहोश नही हो जात थ दास को मन य ही नही माना जाता था लिकन साम ती यव था क तहत भदास की ि थित इसस बहतर थी इस प म साम ती यव था मानव इितहास म एक अगला कदम थी लिकन यह भी भदास और िकसान क अमानवीय शोषण पर आधािरत यव था थी भदास की अपनी कोई राजनीितक वत तरता नही थी व ज़मीन क साथ बध हए थ उ ह साम त की ज़मीन पर कमर-तोड़ काम करना पड़ता था और बदल म उ ह जीन भर की खराक िमलती थी िकसान को भी लगान क प म साम त की ज़मीन पर बगार करना पड़ता था या िफर फसल या नकदी क प म भारी लगान चकाना पड़ता था आग चलकर दिनया भर म साम ती यव था क िव दध िकसान न बग़ावत की इन बग़ावत स साम ती यव था म दरार पड़ी आग चलकर उदीयमान कराि तकारी बजरआ वगर न िकसान और द तकार व कारीगर को साथ लकर साम त क िव दध जनवादी कराि तया की कय िक साम ती यव था क तहत उसका आिथरक िवकास और राजनीितक स ा भी स भव नही थी

इन जनवादी कराि तय क फल व प पजीपित वगर स ा म आया और उसन पजीवादी लोकत तर (जनवाद) की थापना की इस यव था म पजीपित वगर शािसत व शोिषत मज़दर व आम महनतकश वगर स शासन करन की lsquoसहमितrsquo लता ह यह lsquoसहमितrsquo चनाव क ज़िरय ली जाती ह इसस यापक महनतकश अवाम म यह भरम पदा होता िक पजीवादी सरकार को उसन ही चना ह लिकन वा तव म यह lsquoसहमितrsquo पजीपित वगर अपन मीिडया िशकषा त तर व अ य राजकीय उपकरण दवारा राय बनाकर िनिमरत

करता ह ठीक उसी परकार जस िपछल लोकसभा चनाव म परचार पर दस हज़ार करोड़ पय ख़चर करक टाटा अ बानी व अडानी सरीख पजीपितय न नर दर मोदी को परधानम तरी बनान क िलए पर समाज म राय का िनमारण िकया था बहरहाल इस परकार पजीवादी जनवाद क प म पहली बार एक ऐसी शोषक स ा आयी जो िक कम-स-कम ऊपरी तौर पर lsquoसहमितrsquo लकर शोिषत क ऊपर शासन करती ह और इसम शासक वगर क शासन को सही ठहरान का कायर पर यकष प स धमर क दवारा या िकसी िद यता क िसदधा त दवारा नही होता इस प म पजीवाद अपन पवरवतीर वगर समाज यानी दास यव था और साम ती यव था स िभ न ह लिकन एक मायन म वह उनक समान भी ह पजीवाद म भी शोिषत बहसखया क ऊपर एक शोषक अ पसखयक वगर की तानाशाही होती ह पजीवादी जनवाद का यही अथर होता हmdash- बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश आबादी पर पजीपितय की तानाशाही इस तानाशाही को पजीपितय की कौन सी पाटीर सचािलत करगी बस इसी का फसला पजीवादी चनाव म होता ह नागनाथ चल जात ह सापनाथ आ जात ह सकषप म यह िक अकटबर कराि त क पहल तक सभी कराि तय या िवदरोह क बाद जो स ा अि त व म आयी वह िकसी न िकसी शोषक अ पसखया क शोिषत बहसखया पर शासन का परितिनिध व करती थी दास यव था बहसखयक दास आबादी व आम महनतकश आबादी पर अ पसखयक दास वािमय क शासन का साम ती यव था बहसखयक भदास िकसान व द तकार आबादी पर अ पसखयक साम ती राज-रजवाड़ क शासक का और पजीवादी यव था बहसखयक मज़दर वगर व आम महनतकश जनता पर अ पसखयक पजीपित वगर क शासन का परितिनिध व करती ह अकटबर कराि त न पहली बार एक ऐसी स ा की थापना की िजसम िक शोषक अ पसखयक क ऊपर शोिषत बहसखयक की स ा कायम की गयी इस प म अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक नय यग की श आत की यह नया यग ह समाजवादी सकरमण का दीघरकािलक ऐितहािसक यग यह लािज़मी था िक इस ल ब दौर म दिनया म अलग-अलग दश म मज़दर वगर समाजवाद क कई असफल परयोग कर बीसवी सदी म मज़दर वगर न अलग-अलग दश म समाजवाद क कई परयोग िकय भी जो महान उपलि धया हािसल करन क बाद असफल हो गय स म चीन म पवीर यरोप म िवयतनाम म लिकन इन परयोग म सी अकटबर कराि त का िविश थान ह कय िक उसन ही इस िसलिसल की श आत की और दिनया की पहली समाजवादी मज़दर स ा की थापना की

अकटबर कराि त न बजरआ कराि त क भी उन कायरभार को सवारिधक कराि तकारी प म और पणरता क साथ परा िकया िज ह वय बजरआ वगर न कभी परा नही िकया सबस आमलगामी बजरआ कराि तय न भी भिम सधार और जनवादी अिधकार दन क वायद को उस ईमानदारी और आमलगािमता क साथ परा नही िकया िजसक साथ अकटबर कराि त न िकया अकटबर कराि त न ह त भर म ही वह कर िदखाया जो िक बजरआ वगर न अपन तमाम वायद क बावजद दो सौ साल म नही िकया था लिनन न इसीिलए अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर िदय एक भाषण म कहा था िक स की िविश पिरि थितय म समाजवादी कराि त न बजरआ वगर दवारा ही जनवादी कराि त की ह या को रोका समाजवादी कराि त न मज़दर वगर क हाथ म स ा स पन और समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़न स पहल छट-फटक बजरआ जनवादी कायरभार को भी परा िकया स म एक िविश पिरि थित म सवरहारा वगर को इितहास न मजबर कर िदया था िक वह स ा त काल अपन हाथ म ल जसा िक लिनन न वय कहा था िक अकटबर कराि त का समय हमन अपनी इ छा स नही तय िकया था िदवतीय िव यदध पिरणामतः पदा हए आिथरक सकट खादया न सकट दश भर म मज़दर हड़ताल और कारख़ाना क ज़ा की लहर सोिवयत क वतः पफतर प स जाग उठन और भिम कमिटय दवारा ज़मीन क ज़ा करन क आ दोलन क कारण पदा हई िविश पिरि थितय न सवरहारा वगर और उसकी िहरावल पाटीर क समकष समय स पहल ही ऐसी ि थित पदा कर दी िजसम उसक सामन दो ही िवक प मौजद थः या तो स ा पर क ज़ा करक समाजवादी कराि त की जाय और बजरआ जनवादी कराि त क उन अधर वायद को परा िकया जाय िज ह परा करन स वय बजरआ वगर मकर गया था या िफर सवरहारा वगर और उसकी िहरावल बो शिवक पाटीर बजरआ वगर परितिकरयावादी कलक व भ वामी वगर तथा राजत तरशाही क बच हए परितिकरयावादी त व क गठब धन को यह इजाज़त द िक वह जनवादी कराि त का गला घ टन क साथ ही मज़दर वगर को lsquoइितहास क रगमच स कई दशक क िलए उठाकर बाहर फक दrsquo लिनन का यह म याकन िब कल द त िनकला यिद उस समय मज़दर वगर न स ा अपन हाथ म न ली होती तो सामरा यवाद सी पजीपित वगर और भ वामी वगर न

िमलकर सी जनवादी कराि त का भी गला घ ट िदया होता इस परकार स की िविश पिरि थित म मज़दर वगर दवारा की गयी समाजवादी कराि त न जनवादी कराि त की ह या को भी रोका और

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 9

(पज 10 पर जारी)

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण(पज 8 स आग)

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 10: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

10 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

जनवादी कराि त क कई कायरभार भी उस ही पर करन पड़ िनि त तौर पर इस िविश पिरि थित न सी समाजवादी कराि त और सी मज़दर वगर क समकष समाजवाद क िनमारण-स ब धी कई अहम चनौितय और जिटलाओ को पश िकया िजसका सामना सी बो शिवक पाटीर को ल ब समय तक करना पड़ा और िजनक कारण कई िदककत और िवकितय का सामना भी सी समाजवादी परयोग को करना पड़ा इन सभी पिरि थितय क म नज़र सी समाजवादी कराि त दवारा जनवादी

कराि त क कायरभार को परा िकया जाना और िफर समाजवादी िनमारण की िदशा म आग बढ़ना एक अभतपवर उपलि ध था

दिमत रा टरीयताओ का एक परा सागर सी सामरा य की पिरिध पर लहरा रहा था ज़ार क शासन न इन रा टरीयताओ को दशक स बबरर दमन और उ पीड़न िकया था साथ ही इन उ पीिड़त रा टरीयताओ क भीतर मौजद साम त व ज़मी दार वगर न भी इस उ पीड़न को बढ़ान का ही काम िकया था बजरआ वगर जब आरज़ी सरकार को बनाकर स ा म आया तो उसन दिनया क अ य दश क बजरआ वगर क समान ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय क अिधकार का वायदा िकया लिकन उस कभी परा नही िकया स म मज़दर वगर न जस ही अपनी

समाजवादी स ा की थापना की उसन तर त ही दिमत रा टरीयताओ को आ मिनणरय का अिधकार िदया ऐस म कई रा टरीयताए और दश पहल सी सोिवयत समाजवादी गणरा य

क सघ स कछ समय क िलए बाहर हो गय इसम भी वहा क कटटरवादी बजरआ रा टरवाद की परमख भिमका थी लिकन ज द ही इन दिमत रा टरीयताओ क मज़दर वगर न इन दश क रा टरीय मिकत आ दोलन को अपन हाथ म िलया और उस सी समाजवादी िनमारण क साथ जोड़ िदया इन दश क िकसान व आम महनतकश अवाम न भी दखा िक नयी सी समाजवादी स ा का उनपर ज़बरन अपन शासन को कायम रखन का कोई इरादा नही ह और आ मिनणरय की उनकी नीित ईमानदार और पारदशीर ह नतीजतन 1923 आत-आत सभी दिमत रा टरीयताओ म क यिन ट पाटीर क नत व म सोिवयत समाजवादी गणरा य थािपत हो चक थ और व सी समाजवादी सोिवयत गणरा य क सघ का अग बन गय नतीजतन सोिवयत सघ अि त व म आया और उसम पवर ज़ारकालीन सामरा य म ज़बरन शािमल िकय गय सभी दश अपनी इ छा स बराबरी क दज़र क साथ शािमल हए यह िदखलाता ह िक मज़दर वगर कभी भी िक ही दिमत रा टरीयताओ क दमन और उ पीड़न का समथरन नही करता वह वय अपनी आज़ादी क िलए लड़ रहा ह ऐस म वह िकसी और को

ज़बरन अपनी अधीन रखकर कस चल सकता ह स क मज़दर वगर न बजरआ अन धरा टरवाद का ख डन करत हए स च अ तररा टरीयतावाद का परदशरन िकया और दिमत रा टरीयताओ क दमन और औपिनवशीकरण का ख़ा मा कर एक समाजवादी सोिवयत गणरा य की थापना कीमहान अकटबर कराि त न यह

िदखलाया िक िबना समाजवादी कराि त क तमाम दश को सामरा यवादी यदध की िवभीिषका और िवनाश स मिकत नही िमल सकती ह जब तक सामरा यवादी यदध का िशकार हो रह तमाम दश म मज़दर वगर स ा म नही आता तब तक वहा की बगनाह जनता सामरा यवािदय क मनाफ़ की हवस म तबाहो-बबारद होती रहगी आज म य-पवर क तमाम दश क साथ यही हो रहा ह उस समय स क साथ एक दसर प म यह हो रहा था म य-पवर म आज जो दश पि मी सामरा यवाद का िशकार बन रह ह व वय िपछली कतार क सामरा यवादी दश नही ह स वय िपछली कतार का सामरा यवादी दश था लिकन परथम िव यदध म उसकी ि थित िबरटन और परफास स काफी अलग थी और उनक मना फ क िलए सी सिनक और आम जनता को बिल चढ़ाया जा रहा था इस सामरा यवादी यदध का सारा लाभ बड़ी सामरा यवादी ताक़त को था और उसकी कीमत सी महनतकश जनता स वसली जा रही थी समाजवादी कराि त न स को इसी भयकर ि थित स िनकाला और स की जनता को शाि त का अवसर िदया स सामरा यवादी िव स अलग हो गया और उसन 1918 आत-आत सामरा यवादी यदध क हरक मोचर स अपन सिनक वापस बला िलय इसका अथर यह नही था िक स का मज़दर वगर शाि तवादी था उसन उसक बाद तीन वष तक का फी खन दकर ज़मी दार की बग़ावत को कचला और साथ ही चदह सामरा यवादी दश की घराब दी को भी परा त िकया लिकन यह यदध एक कराि तकारी यदध था िजसम मज़दर वगर और ग़रीब िकसान वगर क बहादर योदधाओ न व छा स कबारनी दी तािक व अपनी समाजवादी स ा की िहफ़ाज़त कर सक न िक सामरा यवादी-पजीवादी धनपशओ क मनाफ़ क िलए मर

अकटबर कराि त की एक अ य महान उपलि ध थी िक उसन ि य और प ष क बीच वगर समाज म मौजद घिणत असमानता पर परहार िकया यह तो नही कहा जा सकता िक यह असमानता कछ वष म समा की जा सकती ह मगर अकटबर कराि त न लिगक असमानता की जड़ पर भयकर चोट की ि य को वोट दन का अिधकार समान वतन का अिधकार और सामािजक जीवन म परखर और मखर उपि थित का अिधकार िमला समाजवाद क िनमारण म सोिवयत सघ म ी मज़दर और आम तौर पर ि य

न महती भिमका िनभायी पहली बार इजन डराइवर स लकर वजञािनक जस पश म औरत का परवश हआ ि य को िमली इस आज़ादी न स क सामािजक इितहास म एक कराि तकारी और यगा तरकारी भिमका िनभायी

लिकन इन सभी उपलि धय क आधार म जो सबस बड़ा क़दम मौजद था जो िक अकटबर कराि त क बाद समाजवादी स ा न उठाया वह था पजीवादी िनजी स पि का ख़ा मा और इस तौर पर पजीवादी उ पादन स ब ध क सबस अहम पहल यानी पजीवादी िनजी स पि स ब ध पर पराणा तक चोट कराि त क कछ माह क भीतर ही सभी बक िव ीय स थान और बड़ कल-कारख़ान व खान -खदान का रा टरीकरण त काल परभाव स कर िदया गया 1920 आत-आत स म 10 मज़दर वाल छोट कारख़ान

का भी रा टरीकरण कर िदया गया था ज़मीन का भी रा टरीकरण िकया गया हालािक उसक साथ रिडकल बजरआ भिम सधार क तौर पर ज़मीन अलग-अलग िकसान पिरवार को भोगािधकार हत दी गयी 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन पर समाजवादी स ा को कछ कदम पीछ हटान पड़ थ कय िक 1917 स 1920 तक जारी गहयदध क दौरान पदा हए सकट न समाजवादी स ा को िकसान वगर क एक अ छ-ख़ास िह स स अलगावगर त कर िदया था इस दौरान िकसान आबादी क मझोल और ऊपरी मझोल िह स न (जो िक कराि त क बाद क भिम सधार क बाद बहसखयक िह सा बन गया था) फसल की जमाख़ोरी करनी श कर दी थी और साथ ही समाजवादी स ा क साथ असहयोग कर िदया था इसक कारण उदयोग और खती क बीच का िविनमय क गया था और औदयोिगक उ पादन भी बरी तरह परभािवत हआ था कय िक मज़दर आबादी क िलए खादया न की कमी पदा हो गयी थी और साथ ही उदयोग को क च माल पयार मातर म नही िमल रह थ ज़मी दार और सामरा यवादी घरब दी क िख़लाफ़ गहयदध म इन दोन ही चीज़ की भारी आव यकता थी अ यथा समाजवादी स ा का िटक रहना ही अस भव हो जाता नतीजतन गहयदध क इस दौर म िजसक दौरान क यिन ट पाटीर न यदध क यिन म की नीितय को लाग िकया मज़दर वगर की रा यस ा को िकसान क अ छ-ख़ास िह स स जबरन फसल वसली करनी पड़ी जबरन फसल वसली का तय िनशाना तो खात-पीत धनी व मझोल िकसान थ मगर उसकी ज़द म कई बार िन न मझोल िकसान भी आ जात थ जो िक कल िकसान आबादी की बहसखया थ इसक कारण िकसान वगर क बड़ िह स न धनी िकसान क नत व म सोिवयत स ा स असहयोग कर िदया था और गहयदध न ऐसी ि थित पदा कर दी थी िक सोिवयत स ा त काल मज़दर-िकसान स य को िफर स मज़बत करन क िलए कछ नही

कर सकती थी नतीजतन गहयदध की समाि तक मज़दर स ा को िकसान की इस आबादी क असहयोग स िनपटन क िलए मजबरन जबरन फसल वसली करनी पड़ी लिकन 1920 क अ त म गहयदध म िवजय क बाद त काल जबरन फसल वसली की यव था को समा िकया गया और फसल क प म कर की यव था को बहाल िकया गया 1921 म ही छोट उदयोग को भी वाय ता द दी गयी और बड़ उदयोग म एक यिकत क परब धन क िसदधा त और बाज़ार अथर यव था को छट द दी गयी थी कारण यह था िक स का मज़दर वगर अभी राजनीितक व तकनीकी तौर पर इतना उ नत नही िसदध हआ था िक वह वय समच औदयोिगक परबन धन और उ पादन व िविनमय क सचालन व परबन धन को अपन हाथ म ल पाता इसिलए लिनन क नत व म य आिथरक पिरवतरन िकय गय िज ह lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क नाम स जाना गया लिनन न कहा था िक गहयदध व lsquoयदध क यिन मrsquo का दौर सी कराि त पर पिरि थितय न थोप िदया था िजस दौरान सी समाजवादी स ा न कछ ऐस िकल पर क ज़ा िकया िजन पर कायम रह पाना स भव नही था इसिलए मज़दर स ा की िहफ़ाज़त क िलए यह ज़ री था िक सवरहारा स ा को कायम रखन क िलए कछ कदम पीछ हटाय जाय और िकसान वगर स मज़बत स य कायम िकया जाय जो िक गहयदध क बीच कमज़ोर हो गया था इसका कारण यह था िक स म समाजवादी स ा िविश पिरि थितय क कारण एक ऐस दश म कायम हई थी िजसम मज़दर आबादी कल सी आबादी का मातर 10 स 12 परितशत था जबिक मझोल िकसान समत समची िकसान आबादी 80 फीसदी स भी यादा थी लिनन न प िकया िक एक ऐस दश म समाजवादी िनमारण म सवरहारा स ा को कई बार कदम पीछ हटान ह ग और िफर सध हए कदम स दबारा आग बढ़ना होगा 1921 म lsquoनयी आिथरक नीितय rsquo क लाग होन क करीब 3 स 4 वष म स क आिथरक हालात सधर गय 1923 म लिनन की म य क बाद समाजवादी िनमारण क कायर का नत व सचालन तािलन क हाथ म आया

बो शिवक पाटीर म बखािरन क दिकषणपथी अवसरवाद (जो िक पजीवादी तरीक स उ पादक शिकतय क िवकास का मागर सझा रहा था) और तरा की क वामपथी द साहसवाद की लाइन क िव दध लड़त हए िज़नोिवयव व कामनव क अवसरवाद क िख़लाफ़ सघषर करत हए तािलन न समाजवादी िनमारण क कायर को आग बढ़ाया 1927-8 तक उदयोग म राजकीय िनय तरण को वापस मज़बत िकया गया और 1930 स 1935 क बीच तािलन क नत व म सामिहकीकरण का आ दोलन चला िजसम िकसान की यापक बहसखया को सहमत करत हए और बड़ िकसान व कलक क परितरोध को कचलत

हए खती म भी िनजी भोगािधकार की यव था को समा िकया गया और सामिहक फाम और राजकीय फाम क तहत खती होन लगी 1936 तक सोिवयत सघ म उदयोग और खती दोन स ही पजीवादी िनजी स पि का पणरतः ख़ा मा हो गया इसन सोिवयत सघ को बड़ पमान क उ पादन क ज़िरय िवकास की ल बी छलाग लगान का मौका िदया और 1930 क दशक क अ त तक सोिवयत सघ दिनया की दसरी सबस बड़ी औदयोिगक शिकत बन गया यह सारा कायर पजीवादी मनाफ़ाख़ोरी और लट की बदौलत नही बि क मज़दर वगर की सामिहक पहलकदमी क बत और सामिहक मािलकान की यव था क बत िकया गया मज़दर वगर क जीवन तर म ज़बदर त छलाग लगी मज़दर वगर क बट-बिटय को भी अब ऐसा जीवन िमला िजसम िक उनक बीच स कलाकार वजञािनक तकनीिशयन बिदधजीवी अ यापक और बड़ िखलाड़ी पदा हए सोिवयत सघ न िवजञान क कषतर म भी ज़बदर त छलाग लगायी और समाजवाद क दौर की उपलि यो क बत पर ही 1950 क दशक क अ त म सोिवयत सघ न मानव इितहास म पहल इसान को अ तिरकष म भजा िजसका नाम था यरी गगािरन

इस समाजवादी िवकास क पर करम क दौरान तािलन और बो शिवक पाटीर दवारा तमाम ग़लितया भी हई िजसम परमख थी यह सोच िक पजीवादी िनजी स पि क ख़ा म क बाद समाजवादी कराि त का परमख कायरभार परा हो गया ह और अब आिथरक िवकास यानी उ पादक शिकतय का िवकास ही एकमातर कायरभार रह गया ह इस सोच क कारण आिथरक िवकास का ऐसा रा ता अि तयार िकया गया िजसन समच मज़दर वगर क जीवन को कई गना बहतर बनात हए भी कशल व अकशल मानिसक म व शारीिरक म खती और उदयोग और गाव और

शहर क अ तर को बढ़ाया इसक कारण वतन असमानताए व अ य बजरआ अिधकार पदा हए नतीजतन समाज म एक ऐसा वगर पदा हआ जो िक वा तव म एक नया बजरआ वगर था यह नया बजरआ वगर समाज म पदा होन क साथ पाटीर और रा यस ा म घसपठ करन लगा और उसन पाटीर और रा यस ा क भीतर अपनी मोचरब दी कर ली इ ही सम याओ क आग बढ़न क कारण तािलन की म य क बाद सोिवयत सघ म पजीवादी पन थारपना हई और समाज पाटीर और रा यस ा क बीच मौजद एक िवशषािधकार परा और अिधशष म बड़ा िह सा हड़पन वाल नय बजरआ वगर न पाटीर क भीतर एक तखतापलट िकया और 1956 म बीसवी कागरस तक यह परिकरया मखयतः और मलतः परी हो गयी

लिनन न और बाद म तािलन न (1948 स 1952 क बीच) वय इस ख़तर की ओर इशारा िकया था

सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 15 पर जारी)

(पज 9 स आग)

(प

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 11: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

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मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 11

जन 2015 म पिटयाला (पजाब) ि थत lsquoमाता गजरी क या छातरावासrsquo म 11 और लड़िकय को लाया गया इन लड़िकय क साथ असम स आयी अ य 20 लड़िकय को गजरात क हलवाद ि थत lsquoसर वती िशश मि दरrsquo स थान म भज िदया गया lsquoसर वती िशश मि दरrsquo सन 2002 म नर दर मोदी (उस समय मखयमतरी गजरात) दवारा उदघािटत िकया गया था गजरात सरकार दवारा िदय गय परमाणपतर म इस lsquoरा य का गौरवrsquo कहा गया ह पदर क पीछ आरएसएस दवारा सचािलत इन स थान का दावा था िक असम स लायी गयी य तीन स गयारह वषर की बि चया अनाथ ह या बहद ग़रीब पिरवार स ह दावा िकया गया िक यहा इनका सही ढग स पालन-पोषण िकया जा रहा ह और उ ह पढ़ाया-िलखाया जा रहा ह लिकन यह सब कहन को ही समाज सवा ह िपछल िदन आउटलक पितरका व कोबरापो ट वबसाइट म आयी गहरी जाच-पड़ताल आधािरत िरपोट म आरएसएस व इसकी िवदया भारती सवा भारती िव िह द पिरषद जस उप-सगठन की नाजायज़ ग़रजनवादी सा परदाियक व ग़रक़ाननी काररवाइय का पदारफ़ाश हआ ह इन िरपोट स साफ होता ह िक आरएसएस अपन सा परदाियक फासीवादी नापाक इराद क िलए बड़ तर पर बि चय की त करी कर रहा ह अिधक स अिधक िहन द ववादी ी परचारक व कायरकतार तयार करन क िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह इन िरपोट स जो सच सामन आया ह वह तो बस एक झलक ही ह दशक स िजस बड़ तर पर आरएसएस ऐसी काररवाइय को अजाम द रहा ह उसका तो अदाज़ा तक नही लगाया जा सकता

सबस पहली बात तो यह ह िक जसा िक पजाब व गजरात म बताया गया ह िक असम स जन 2015 म लायी गयी लड़िकया अनाथ ह सरासर झठ ह य लड़िक या अनाथ नही ह य लड़िकया असम क कोकराझार ब गाईगाव गोपालपारा व िचराग कषतर स लायी गयी ह िवदया भारती की परचािरकाओ दवारा लड़िकय क माता-िपता को कहा गया िक गजरात व पजाब म उनकी लड़िकय का बिढ़या ढग स पालन-पोषण िकया जायगा अ छी पढ़ाई-िलखाई करवा कर िज़ दगी बना दी जायगी माता-िपता स वादा िकया गया िक व उनकी बि चय स फोन पर अकसर बात कर सकग बि चय को साल म कई बार घर भजन का भरोसा भी िदया गया इन बि चय का पालन-पोषण िकस तरह स िकया जा रहा ह और िकस तरह की पढ़ाई करवायी जा रही ह इसक बार म तो आग बात होगी दो-तीन बि चय (जो खात-पीत घर स ह) को छोड़कर बाकी साल भर स अपन माता-िपता

स बात नही कर पायी ह साल भर स माता-िपता अपनी बि चय को िमलन व बात करन क िलए तरस रह ह लिकन उनकी कही सनवाई नही हो रही िवदया भारती वाल अब माता-िपता को कह रह ह िक व अपनी बि चय को 4-5 साल बाद ही िमल सकत ह माता-िपता वाल कर रह ह िक यह कसी िशकषा ह यह कसी समाज सवा ह िजसक िलए ब च को उनक माता-िपता स िमलन और यहा तक िक बात करन स भी रोका जा रहा ह िवदया भारती वाल न बहान स माता-िपता स उनकी बि चय क सार द तावज़ व त वीर भी अपन क ज म ल िलय ह

सपरीम कोटर न सन 2005 म अपन एक फ़सल म ब च की सरकषा स ब धी िह दायत जारी की थी उन िहदायत क मतािबक असम व मिणपर क ब च िशकषा या अ य िकसी मकसद क िलए अ य रा य म नही ल जाय जा सकत िवदया भारती सवा भारती रा टरीय सिवका सिमित िव िह द पिरषद क जिरए आरएसएस न बि चय को असम स बाहर ल जाकर सपरीम कोटर क आदश का उल लघन िकया ह

इसक साथ ही बाल याय (ब च की दखभाल व सरकषा) क़ानन का भी घोर उल लघन िकया गया ह बाल याय क़ानन क तहत रा य सरकार दवारा बाल क याण सिमितय को मटरोपोिलटन मिज टरट तर की ताक़त हािसल ह क सिमितया िगर तािरय क आदश द सकती ह ब च क क याण व सरकषा क िलए िविभ न क़दम उठा सकती ह य सिमितया िविभ न िजला तर की सिमितय स सपकर कर सकती ह ब च क घर क नज़दीक बाल क याण सिमितय को कस व ब च ज़ री काररवाई क िलए स प सकती ह पिल स सरकारी मलािज़ म या अ य कोई भी नागिरक ब च को इन सिमितय क सामन पश कर सकत ह या कोई िशकायत दजर करा सकत ह सिमित क सामन ब च पश होन क चार महीन क भीतर सिमित को कस पर फ़सला सनाना होता ह अगर कोई स थान ब च को पढ़ाई या अ य िकसी मकसद स रा य स बाहर लकर जाता ह तो इसस पहल मल बाल क याण सिमित स एनओसी (अनापि परमाणपतर) लना होता ह इन 31 लड़िकय क मामल म कोई एनओसी नही िलया गया असम की िविभ न बाल क याण सिमितय व अ य िवभाग क आदश का भी पालन नही िकया गया

16 जन 2015 को असम क बाल अिधकार सरकषा आयोग दवारा असम पिल स व भारत क बाल अिधकार आयोग व अ य को िलख एक पतर म बि चय को सार िनयम-क़ानन की धि जया उड़ात हए गजरात स बाहर ल जाय जान को lsquoबाल त करीrsquo व बाल याय क़ानन क िख़ लाफ़ करार िदया गया पिलस को आदश िदया गया िक

सभी 31 लड़िकय को उनक माता-िपता क पास पहचाया जाय लिकन सरकारी मशीनरी क एक िह स की कोिशश क बावजद आरएसएस व इसक उप-सगठन भाजपा िव िह द पिरषद बजरग दल आिद क सरकारी मशीनरी पर क ज असर व ग डागदीर क कारण एक साल बाद भी बि चया अपन माता-िपता क पास नही पहच पायी ह

9 जन 2015 को रा टरीय सिवका सिमित की परचारक स या असम की इन तीन स गयारह साल की उमर की आिदवासी लड़िकय को लकर टरन क ज़िरए गजरात व पजाब क िलए रवाना हई िद ली पहचत ही स या को पिलस न िगर तार कर िलया स या और बि चय को पहाड़गज पिल स टशन ल जाया गया आरएसएस क दो सौ स अिधक सद य इकटठ होकर पिलस पर स या को छोड़न व बि चय को उनक साथ भजन क िलए दबाव बनान लग राजनीितक दबाव और बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क दबाव क कारण स या को छोड़ िदया गया

और बि चय को उसक साथ भज िदया गया यह मामला अखबार की सिखरया बनन स पहल ही दबा िदया गया 18 जन 2015 को कमद किलता आईएएस सद य सिचव रा य बाल सरकषा समाज असम न बाल क याण सिमित कोकराझर व गोसाईगाव को 11 जन को िद ली म घटी इस घटना क बार म जानकारी दी इसम उ ह न बाल क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) क रवय पर वाल उठात हए कहा िक बि चय को उनक घर स स बि धत बाल क याण सिमितय को सिचत िकय िबना व ज़ री जानकारी जटाय िबना उसन बि चय को आरएसएस क कायरकतारओ क साथ कय जान िदया िविभ न बाल क याण सिमितय को कहा गया िक बि चय को असम म वापस उनक घर पहचाया जाय 22 जन 2015 को कोकराझार (असम) की बाल क याण सिमित न बाल

क याण सिमित सर दरनगर (गजरात) स बि चय को वापस असम भजन क िलए कहा भाजपा शािसत गजरात की इस सिमित न कोई जवाब दना तक ज़ री नही समझा

चाइ ड लाइन पिटयाला को जब असम स पिटयाला म हई बि चय की त करी क बार म सचना िमली तो जाच-पड़ताल क िलए वहा स कछ अफसर माता गजरी क या छातरावास पिटयाला पहच जाच-पड़ताल क दौरान पता चला िक यह स थान ग़रक़ाननी ह और लड़िकया काफी बरी हालत म रह रही ह जाच-पड़ताल क दौरान टीम को आरएसएस क सद य की ग डागदीर का सामना करना पड़ा उ ह डराया-धमकाया गया और उनपर हमला िकया गया इसी तरह बाल क याण सिमित का एक अफसर जब 31 बि चय क माता-िपता को जाच-पड़ताल क िलए िमलन गया तो आरएसएस क सद य न उस पर हमला कर िदया अफसर की िशकायत पर एफआईआर भी दजर हई बाल क याण सिमित कोकराझार

न उ च यायलय असम सीजएम व िजला सशन जल कोकराझार को आरएसएस क िख़ लाफ़ िशकायत भी भजी असम की बाल क याण सिमितय दवारा आरएसएस की काररवाई को lsquoबाल त करीrsquo करार दन व बि चय को वािपस भजन क आदश क बाद स बि धत स थाओ न बि चय क पिरजन स हलफ़नाम ल िलय य हलफ़नाम परी तरह ग़रक़ाननी व नाजायज़ थ सपरीम कोटर क फ़सल क मतािबक असम व मिणपर स ब च को बार नही भजा जा सकता इसक िलए बि चय क माता-िपता स सहमित लन का कोई मतलब नही बनता दसर य हलफ़नाम बि चय को असम स ल जान क महीन बाद बनाय गय थ इन हलफ़नाम म िलखा गया ह िक य पिरवार बाढ़ पीिड़त ह और बहत ग़रीब ह और अपनी बि चय का पालन-पोषण नही कर सकत सभी हलफ़नाम

म नाम-पत को छोड़कर बाकी सार श द एक ही ह और य अगरज़ी म बनाय गय ह िजसस य हलफ़नाम पिरजन क समझ म नही आय इनम स कोई भी पिरवार बाढ़ पीिड़त नही ह इनम स कई पिरवार ऐस ग़रीब भी नही ह िक बि चय का पालन-पोषण न कर सक साफ पता लगता ह िक य हलफ़नाम पिरजन को धोख म रखकर बनाय गय ह

हमन उपर दखा ह िक िकस भर ढग स असम की इन न ही बि चय को उनक माता-िपता स दर कर िदया गया ह इस बि चय की त करी क िसवा और कछ नही कहा जा सकता पजाब व गजरात म हई 31 बि चय की त करी की जाच-पड़ताल न एक बार िफर खद को lsquolsquoदशभकतrsquorsquo lsquolsquoईमानदारrsquorsquo lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo कहन वाल िह द ववादी कटटरपथी आरएसएस और भाजपा िवदया भारती िव िह द पिरषद सवा भारती जस इसक सगठन का भर जनदरोही चहरा जगज़ािहर कर िदया ह हमन दखा ह िक िकस तरह सरकारी मशीनरी न इनकी मदद की ह पजाब म

अकाली भाजपा सरकार ह और गजरात म भाजपा की सरकार ह सरकार पर कािबज़ होन क चलत इ ह अपन घिटया मसब पर करन क और खल मौक िमल रह ह और य जनता क जनवादी अिधकार का मज़ाक बना रह ह अब असम म भी भाजपा की सरकार आ गयी ह आरएसएस को अब वहा भी बि चय की त करी जसी काररवाइय को अजाम दन की छट िमल गयी ह

आउटलक म िरपोटर छपन क बाद आरएसएस न पतरकार नहा दीिकषत (िज ह न यह खोजी िरपोटर तयार की) पितरका क स पादक क णा परसाद व परकाशक क िख़ लाफ़ एफआईआर दजर करवा दी बाल त करी क दोषी आरएसएस क यिकतय क िख़ लाफ़ काररवाई करन की जगह पिलस न नहा दीिकषत स पादक व परकाशक क िख़ लाफ़ ही काररवाई कर दी आउटलक

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 12 पर जारी)

आरएसएस की दगार वािहनी का एक परिशकषण िशिवर - बचपन स ही नफ़रत और िहसा का पाठ पढ़ाया जाता ह

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 12: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

12 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

पर आरएसएस क दबाव क कारण स पादक क णा परसाद को पद स ही हटा िदया गया

लड़िकय की त करी क पीछ आरएसएस क ख़तरनाक सा परदाियक फासीवादी इराद ह ऐसी लड़िकय को कटटरवादी िह द बनाया जाता ह िफर उ ह अपन समदाय म परचार क िलए भजा जाता ह इन बि चय की िज़ न दगी बनान म सिघय की कोई िदलच पी नही ह व उ ह अपनी राजनीित क िलए इ तमाल करना चाहत ह य िघनौना खल आरएसएस दश क कई इलाक़ म काफी समय स खल रहा ह लिकन इस तरह इसका पदारफ़ाश पहली बार हआ ह य बि चया बोडो तबक स स बि धत ह बोडो लोग िह द धमर का िह सा नही ह लिकन आरएसएस अपन सा परदाियक इराद क तहत भारत क सार लोग को मल प स िह द कहता रहा ह इन िह द ववािदय का प कहना ह िक भारत म रह रह ग़र-िह दओ की िह द धमर म घर-वापसी करायी जायगी इसी मकसद स ग़र-िह द आिदवािसय म झठा परचार िकया जा रहा ह िक व मल प स िह द ही ह िजस तरह आरएसएस आम िह दओ क मन म मसलमान और ईसाइय क परित नफ़रत पदा करता ह उसी तरह आिदवािसय को भी उनक िख़ लाफ़ भड़काया जा रहा ह आिदवािदय क िह द वीकरण क ज़िरए भाजपा क िलए वोट बक भी पकका िकया जाता ह िह द वीकरण की परिकरया क तहत आिदवािदय को अपन जाल म फसाकर

िह द रीित-िरवाज िनभान क िलए कहा जाता ह आिदवासी समाज म ि य को काफ़ी हद तक आज़ादी और बराबरी हािसल ह लिकन अब उ ह पित िपता भाई (यािन प ष) की हर बात मानन उनकी सवा करन क िलए परिरत िकया जाता ह लड़िकय और उनक पिरजन म लड़िकय क परम करन lsquolsquoपश िच मी पहरावrsquorsquo मोबाइल इ तमाल करन आिद क िख़ लाफ़ मानिसकता पदा की जाती ह

आिदवािसय म िह द ववादी सा परदाियक एज डा लाग करन क िलए ी परचारक काफी परभावशाली सािबत हो रही ह आरएसएस न असम क बोडो आिदवािसय म स कछ ी परचारक तयार की ह उनका भी असम स बाहर आरएसएस की स थाओ म पालन-पोषण हआ ह इनम स कछ अब असम म पणरकािलक आरएसएस कायरकतार क प म काम कर रही ह और बाकी अपना गह थ जीवन जीत हए कायरकतार क प म काम करती ह पणरकािलक परचारक लड़िकया शादी नही करती प ष क मकाबल ि या आिदवािसय का भरोसा जीतन म अिधक कामयाब होती ह उनक जिरए िह द ववादी सोच को आिदवािदय क मन म बठान म अिधक कामयाबी िमलती ह अिधक स अिधक ी परचारक व कायरकतार तयार करन क

िलए असम स छोटी-छोटी आिदवासी बि चय को समाज सवा क नाम पर आरएसएस सचािलत परिशिकषण िशिवर म भजा रहा ह िजन इलाक स 31 बि चय की गजरात व पजाब म

त करी की गयी ह उन इलाक म तीन वषर पहल 3 बोडो ी परचारक की तनाती की गयी थी उ ह न आरएसएस क िलए िकतन परभावशाली ढग स काम िकया ह इसका अदाजा इस बात स लगाया जा सकता ह दो वष क भीतर ही उ ह न लगभभ 500 लड़िकय को दश क िविभ न िह स म चल रह इसक टरिनग क प म भजन म कामयाबी हािसल की ह

टरिनग क प म बि चय को कटटर िह द ववादी िवचारधारा स लस िकया जाता ह छोटी-छोटी बि चय को मतर रटाय जात ह उ ह lsquolsquoिह द रा टरrsquorsquoकी सिवकाओ क प म जीवन जीन क िलए परिरत िकया जाता ह प ष-परधान सोच उनक मन म कट-कट कर भरी जाती ह मसलमान और ईसाइय को खलनायक िह दओ क शतरओ क तौर पर पश करन वाली कहािनया सनायी व रटाई जाती ह कश मीर व अ य रा टरीयताओ की जनता क सघष क िख़ लाफ़ नफ़रत पदा की जाती ह आरएसएस का मानना ह िक बािलग यिकतओ को कटटर िह द बनाना काफी मि कल होता ह अगर बचपन स ही काम िकया जाय तो िह द वादी कटटर मानिसकता काफी अ छी तरह मन म भरी जा सकती ह इसी िलए तीन-तीन साल की बि चय को आरएसएस क टरिनग क प म भजा जा रहा ह उनक मन म आरएसएस क िह द रा टर क िनमारण क िलए पि नय माताओ बहन बहओ बिटय क प म प ष परधानता को वीकारन की बात बठायी जाती ह आरएसएस की वीरता की

धारणा म प ष-परधानता बिनयादी चीज़ ह िनिवरवाद ह (हर धमर क कटटरपिथय म यह बात साझी ह) ि य की वीरता की िह द ववादी धारणा म ज़ रत क मतािबक कछ जगह पणरकािलक ी परचारक क िलए भी ह लिकन उनकी हिसयत दसर दजर की ही ह उ ह तो बस lsquolsquoवीरrsquorsquo कटटपथी िह द प ष दवारा िह द रा टर क िनमारण म मदद ही करनी ह

आरएसएस क इन टरिनग क प म बि चय को ज़ री सिवधाओ की बहत कमी तो रहती ही ह इसक साथ ही उनपर एक बड़ा ज म यह भी ह िक उ ह उनक मल असिमया माहौल स काट िदया जाता ह व अपन लोग भाषा स कित स परी तरह कट जाती ह उन पर एक पराई भाषा व स कित थोप दी जाती ह यह उनपर अ याचार नही तो और कया ह इस उनकी िज़ दगी बरबाद करना न कहा जाय तो और कया कहा जाय

स परदाियक फासीवादी एज डा आग बढ़ान क िलए आरएसएस बड़ तर पर lsquolsquoसमाज सवाrsquorsquo का सहारा लती ह आरएसएस यह काम अिधकतर अपना नाम पीछ रखकर करती ह िवदया भारती सवा भारती जस lsquolsquoसमाज सवकrsquorsquo lsquolsquoसमाज सधारकrsquorsquo उप-सगठन क जिरए यह काम अिधक िकया जाता ह सन 1986 स आरएसएस दवारा एकल िवदयालय चलाया जा रह ह यह काम िव िह द पिरषद क जिरए िकया जा रहा ह इन िवदयालय म आम तौर पर एक ही अ यापक होता ह सन 2013 क एक आकड़ क मतािबक भारत म आिदवासी इलाक म 52 हज़ार एकल िवदयालय ह इस

समय असम क कोकराझार िजल म 290 स अिधक एकल िवदयालय ह इन िवदयालय म कछ घ ट ही lsquolsquoपढ़ायाrsquorsquo जाता ह यह एक तरह क टयशन सटर ह जो कली पढ़ाई म मदद करन क नाम पर चलाय जात ह लिकन इन एकल कल म ब च को इितहास जीव िवजञान और भगोल की िह द ववादी समझ क मतािबक पढ़ाई करायी जाती ह ब च को धमर चतन आजञाकारी व धमर क िलए जान लन-दन की भावना वाल िह द ववादी बनान पर ज़ोर िदया जाता ह िवदया भारती जो कल चलाती ह व अलग ह

आरएसएस अपन खतरनाक िह द ववादी जनिवरोधी इराद को परा करन क िलए िकसी भी हद तक िगर सकती ह तीन-तीन साल की बि चय की िज दगी स िखलवाड़ करन स भी गरज नही करती इस लख म हम िसफ़र इसकी एक झलक दखी ह अगर हम समाज म सभी धम क लोग क बीच भाईचारा चाहत ह जनता को उसक वा तिवक म पर एकजट व सघषरशील दखना चाहत ह और अगर हम न ही बि चय को इन सा परदाियक जननी िगदध का िशकार होन स बचाना चाहत ह तो हम आरएसएस व ऐसी अनक सा परदाियक ताक़त का डटकर िवरोध करना होगा इनकी काली करतत का जनता म पदारफ़ाश करना होगा और जनता को इनक िख़ लाफ़ सगिठत करना होगा

mdash रणबीर

िपछल िदन परधानमतरी नर दर मोदी न पािक तान की लानत-मलामत करत हए कहा िक भारत सॉ टवयर का िनयारत करता ह जबिक पािक तान आतक का उ ह न पािक तान को भारत स सीखकर ग़रीबी-बरोज़गारी क िख़लाफ़ लड़न की नसीहत दी नगी स चाई यह ह िक भारतीय मीिडया म रा टरीय िवकास का परायोिजत शोर कई स चाइय पर पदार डाल दता ह

स चाई यह ह िक आम जनता की जीवन-ि थितय क कई पमान की कसौटी पर पािक तान भारत स आग ह वि क ग़रीबी पर सयकत रा टर सघ की एक िरपोटर क अनसार कल योग क अथर म 416 परितशत भारतीय की परितिदन आय 78 पस स भी कम ह जबिक ऐस पािक तािनय की सखया 226 परितशत ह सयकत रा टर न िशकषा बाल-म य-दर पौि क भोजन साफ-सफाई पणर जीवन-ि थितय

और पयजल िबजली शौचालय आिद की उपल धता क आधार पर बहआयामी ग़रीबी सचकाक तयार िकया ह इसक आधार पर 537 परितशत भारतीय ग़रीब ह जबिक 49 परितशत पािक तानी वा य और िशकषा क सामािजक सकटर म भारत न कवल पािक तान बि क बागलादश नपाल और ीलका स भी पीछ ह भारत म परित एक लाख की आबादी पर 65 डाकटर ह जबिक पािक तान म 81 5 वषर स कम उमर क कम वज़न वाल ब च का अनपात भारत म 435 परितशत ह जबिक पािक तान म 205 परितशत

िदलच प बात यह ह िक जडर-समानता क मामल म भी भारत पािक तान और बागलादश स पीछ ह जडर-समानता का पमाना सयकत रा टर न परसव क दौरान माताओ की म य-दर िकशोर-वय म गभरधारण िशकषा और िवधाियकाओ म एव

कायर थल पर ि य की परितशत मौजदगी क आधार पर तयार िकया ह पहल ब च की पदाइश क समय भारतीय मा की औसत उमर 199 वषर होती ह जबिक पािक तानी मा की 234 वषर

भारत दवारा सॉ टवयर-िनयारत की स चाई यह ह िक यहा सॉ टवयर क जो भी काम िव -बाज़ार क िलए होता ह उनम स अिधकाश अमिरकी कम पिनय क िलए होत ह ऐसा काम भारत म कराना सॉ टवयर-उदयोग क पि मी द य क िलए काफ़ी स ता पड़ता ह

बशक़ पािक तान आतक का िनयारत करता ह भारत को आतक क िनयारत की ज़ रत नही पड़ती कय िक यहा आतक का बहत बड़ा आ तिरक बाज़ार ह मालगाव समझौता धमाका गजरात-2002 स लकर दादरी-मज़ फरनगर-लव जहाद-घर-वापसी-गोमाताआिद-आिद सा परदाियक आतकवाद नही तो

और कया ह इसस अलग वह राजकीय आतकवाद भी ह िजसकी अलग-अलग बानगी क मीर और उ र-पवर स लकर छ ीसगढ़ तक म दखन को िमलती ह

आख स अ धरा टरवाद का च मा उतारकर स चाइय को दखन की ज़ रत ह भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह भारत का शासक पजीपित वगर भारतीय जनता का उतना ही बड़ा द मन ह िजतना पािक तानी पजीपित वगर पािक तानी जनता का अ धरा टरवाद की लहर दोन दश की जनता का यान मल म स भटकाती ह

जनता म अ धरा टरवादी जनन पदा करना हर सकटगर त बजरआ रा यस ा और िवशषकर फािस म का अितम शर य ह धािमरक-न ली कटटरता और दग स भी अिधक फ़ािस ट अ धरा टरवादी जनन और

यदध भड़कान क हथक ड म भरोसा रखत ह पड़ोसी दश क िव दध नफ़रत का उबाल सीमा पर तनाव और सीिमत तर पर यदध भारत और पािक तानmdashदोन दश क शासक की ज़ रत ह सामरा यवािदय क तो फ़ायद ही फ़ायद ह म दी क इस दौर म हिथयार की जमकर िबकरी होगी यदधरत दश म स एक या दसर क साथ नज़दीकी बढ़ाकर माल बचन और पजी-िनयारत क अवसर िमलग और भारतीय उपमहादवीप म अिधक परभावी ह तकषप क अनकल अवसर िमलग हर हाल म भगतना दोन दश की जनता को ह जो यदध म चार क समान इ तमाल होगी और पजी की िनबर ध-िनरकश लट का िशकार होगी

जब भी दोन दश क हकमरान अपनी जनता क बढ़त अस तोष स घबरात ह सीमा पर तनाव श हो जाता ह

mdash किवता क णप लवी

भारत और पािकसतान mdash अनधराषटरवादी परचार बनाम कछ ज़मीनी सचचाइया

समाज सवा क नाम पर बिचचयो की तसकरी का मामलाआरएसएस का भरषट सामपरदाियक सतरी िवरोधी जनदरोही चिरतर हआ और नगा

(पज 11 स आग)

भारत और पािक तान की जनता क असली द मन उनक सर पर बठ ह

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 13: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 13

लगा हआ ह आज

दश क काल धन का अिधकाश िह सा बक क मा यम स पनामा ि वटज़रलड और िसगापर क बक म पहच जाता ह आज असली भर ाचार म की लट क अलावा सरकार दवारा ज़मीन

और पराकितक स पदा को औन-पौन दाम पर पजीपितय को बचकर िकया जाता ह साथ ही बड़ी क पिनय दवारा कम या अिधक क फजीर िबल दवारा बक क कज क भगतान न दन और उस बाद म बक दवारा नॉन परफ़ािमग स पि घोिषत करन और उसका भगतान जनता क पस स करन बर ऋण (बड लोन) की माफ़ी और उसका बक को भगतान जनता क पस स करक िकया जाता ह पजीपितय दवारा हड़पा गया यह पसा िवदशी बक म जमा होता ह और िफर वहा स दशी और िवदशी बाज़ार म लगता ह हालािक इस भर ाचार म कालधन का एक िह सा छोट यापािरय और अफ़सर को भी जाता ह लिकन यह कल काल धन क अनपात म बहत छोटा ह

मोदी सरकार क काल धन की नौटकी का पदारफ़ाश इसी स साफ हो जाता ह िक मई 2014 म स ा म आन क बाद जन 2014 म ही िवदश म भज जान वाल पस की परित यिकत सीमा 75000 डॉलर स बढ़ाकर 125000 डॉलर कर िदया जो अब 250000 डॉलर हो चकी ह कवल इसी स िप ल 11 महीन म 30000 करोड़ पय का धन िवदश म गया ह िवदश स काला धन वापस लान और भरष ट लोग को दो िदन म जल भजन वाली मोदी सरकार क दो साल बीत जान क बाद भी एक यिकत भी जल नही भजा गया कय िक इस सची म मोदी क चहत अ बानी अडानी स लकर अिमत शाह मित ईरानी और बीजपी क कई नताओ क नाम ह कया हम इन तथाकिथत दशभकत की असिलयत को नही जानत जो हर िदन सना का नाम तो लत ह पर सना क ताबत म भी इ ह न ही घोटाला कर िदया था कया म यपरदश का यापम घोटाला पकजा मड और वसधरा राज क घोटाल की चचार हम भल चक ह कया हम नही जानत िक िवजय मा या और लिलत मोदी जस लोग हज़ार करोड़ धन लकर िवदश म बठ ह और यह इ ही की सरकार म हआ आज दश म 99 फ़ीसदी काला धन इसी प म ह और हम साफ़-साफ़ जानत ह िक इसम दश क नता-मितरय और पजीपितय की ही िह सदारी ह

अब दसरी बात आज दश म मौजद कल 500

और 1000 क नोट का म य 1418 लाख करोड़ ह जो दश म मौजद कल काल धन का महज़ 3 फ़ीसदी ह िजसम जाली नोट की सखया सरकारी स थान lsquoरा टरीय साखयकीय स थानrsquo क अनसार मातर 400 करोड़ ह अगर एकबारगी मान भी िलया जाय िक दश म मौजद इन सार नोट का आधा काला धन ह (जो िक ह नही) तो भी डढ़ फ़ीसदी स अिधक काल धन पर अकश नही लग सकता दसरी तरफ िजन पािक तानी नकली नोट की बात कर मोदी सरकार लोग को गमराह कर रही ह वह

तो 400 करोड़ ही ह जो आधा फ़ीसदी भी नही ह दसर सरकार न 2000 क नय नोट िनकाल ह िजसस आन वाल िदन म भर ाचार और काला धन 1000 क नोट की तलना म और बढ़गा इसस पहल चाह 1948 या 1978 म नोट को हटान का फ़सला हो इतनी बरी मार जनता पर कभी नही पड़ी इसस यह सहज ही समझा जा सकता ह िक मोदी सरकार का यह पतरा जनता को बवकफ़ बनान क िसवा और कछ नही ह यही भाजपा 2014 म 2005 क पहल वाल नोट बन द करन क फ़सल पर धमाचौकड़ी मचात हए िवरोध कर रही थी

िफर मोदी सरकार न कयो िलया यह फ़सला

दो तो मोदी सरकार जब आज दश की जनता क सामन अपन झठ वायद बतहाशा महगाई अभतपवर बरोजगारी और िकसान-मज़दर आबादी

की भयकर लट दमन दिलत अ पसखयक पर हमल तथा अपनी सा परदाियक फािस ट नीितय क कारण अपनी ज़मीन खो चकी ह तब िफर एक बार नोट बन द कर काल धन क जमल क बहान अपन को दशभकत िसदध करन की कोिशश कर रही ह और अपन को िफर जीिवत करना चाहती ह दसरी बात जब उ र परदश और अ य जगह पर चनाव आस न ह तो ऐस म जनता की आख म अपन झठ परचार क मा यम स एक बार और धल झ कन की सािज़ श ह साथ ही अनक ख़बर और त य यह

बता रह ह िक इस घोषणा स पहल ही भाजपा न अपन लोग क नोट बदलन का इ तज़ाम कर िलया ह उदाहरण क िलए नोट ब दी की घोषणा स कछ ही घ ट पहल पि म बगाल भाजपा न अपन खात म 1 करोड़ की रकम जमा करवायी

तीसरी बात जो सबस मह वपणर ह दश म म दी और पजीपितय दवारा बक क कजर को हड़प जान क बाद जनता की गाढ़ी कमाई की जो मदरा बक म जमा होगी उसस पजीपितय को िफर मनाफ़ा पीटन क िलए पसा िदया जा सकगा पजीपितय दवारा लाख करोड़ पय क कजर बक स िलय गय ह और उनको चकाया नही गया ह आज सावरजिनक कषतर क बक 600000 करोड़ पय की भयकर कमी स जझ रह ह पजीपितय को िफर ऋण चािहए और सरकार अब जनता क पस की डाकज़नी कर बक को भर रही ह िजसस इनको ऋण िदया जायगा

िजसम 125000 करोड़ िरलायस और 103000 करोड़ वदाता को िदय जान ह इस कतार म कई और बड़ पजीपित भी शािमल ह

इस नोट ब दी म जनता क िलए कया ह सािथयो मोदी सरकार की नोट ब दी जनता क िलए वा तव म एक और धोखा एक और छल-कपट एक और लट क अलावा कछ नही ह इस िबकाऊ फासीवादी परचार ततर पर कान दन की बजाय ज़रा गम भीरता स सोिचय िक आज बक और एटीएम पर ल बी कतार म कौन लोग खड़ ह कया उसम टाटा िबड़ला अ बानी अडानी या कोई मोदी और अिमत शाह या आपक आसपास का कोई बड़ा यापारी नता या कोई बड़ा अफसर खड़ा ह तो कया दश का सारा काला धन 5000 स 15000 पय महीना कमान वाल मज़दर और आम जनता क पास ह जो िद ली म िरकशा चलान वाला मज़दर ह िदहाड़ी मज़दर ह रहड़ी खोमचा लगाता ह छोटी-मोटी नौकरी करन वाली आम जनता ह वह बक क सामन सबह स शाम तक लाइन म लगी ह िकतन क पास बक खात नही ह िकतन क पास कोई पहचान पतर नही ह लोग क पास आन-जान क पस नही ह राशन क पस नही ह दलाल की चादी ह अफवाह उड़ रही ह कही नमक महग दाम पर िबक रहा ह तो कही 500 क नोट 300 और 400 पय म िलय जा रह ह यही हाल पर दश का ह करोड़ गरीब लोग िज ह न अपनी साल की कमाई को मि कल िदन क िलए इकटठा करक रखा था सब अपन ख़न-पसीन की कमाई क काग़ज़ बन जान स बचन ह कोई बटी की शादी को लकर परशान ह तो कोई अ पताल म परशान ह एक मिहला लाश लकर रो रही ह िक अितम स कार क पस नही ह कया हम नही जानत ह िक इस दश म अभी भी एक भारी आबादी क पास तो बक खात नही ह जो अपनी महनत पर दो जन की रोटी कमाती ह और उसी म स पट काटकर कछ पस बचाती ह वह आज कया कर कया हम तमाम तकलीफ़ को चपचाप सहग कय िक मामला ldquoदशrdquo और ldquoकालधनrdquo का ह

य भी मत भिलय िक ऐस नय नोट क छपन का जो लगभग 15-20000 करोड़ पया खचर आयगा वह भी जनता की गाढ़ी कमाई स ही वसला जायगा उ पादन और कारोबार की गितिविधय क ठ प होन क कारण बढ़न वाली महगाई का बोझ भी जनता स ही वसला जायगा

जा रहा ह नकदी की कमी स इनक छोट काम-धध पर भी असर पड़ा ह और मजदर को मज़दरी िमलन म भी िदककत पश आई ह रोज कमाकर पट पालन वाल य लोग असल म अमीर काल धन वाल क जमर की सज़ा पा रह ह

अगर वतरमान शासक को काला धन वा तव म ही ज त करना या बन द करना होता तो ऊपर िदय गय उदाहरण वाल कारोबािरय की जाच करत उसम पदा काल धन का पता लगात और उस ज त कर इनको सज़ा िदलवात लिकन सब सामन होत हए भी इन मामल म कछ ना कर परान

नोट को बन द कर नय चलान की नौटकी स काल धन और भर ाचार स लड़न की नौटकी की जा रही ह असल म तो शासन म बठ लोग इस पजीपित वगर क ही परितिनिध ह और उनक धन स ही चनाव लड़कर स ा परा कर उनकी सवा करत ह तो उनस इनक िख़ लाफ़ िकसी क़दम की उ मीद करना ही बमानी ह

अब नकली नोट क सवाल पर आत ह lsquoद िह दrsquo और lsquoिह द तान टाई सrsquo (11 नवबर 2016) की िरपोटर क अनसार NIA जसी क दरीय एजिसय और भारतीय सािखयकी स थान कोलकाता (ISI) क अनसार हर वषर 70 करोड़ पय क

नकली नोट परचलन म आत ह और िकसी एक समय दश म कल नकली करसी की मातरा 400 करोड़ पय या 10 लाख नोट म 250 नोट आकी गयी ह अब इस को ख़त म करन क िलय परी करसी को बदलन पर 15-20 हज़ार करोड़ पय खचर करना अगर मखरता भी नही तो अिववकी फ़सला तो कहा ही जायगा जस सडक पर चीटी मारन क िलय रोड रोलर चलाना जहा तक पािक तान दवारा नय नकली नोट ना बना पान का सवाल ह तो दोन दश एक ही कम पनी की मशीन काग़ज़ याही ही नही न बर का भी एक ही िडज़ाइन इ तमाल करत ह आग

आप वय सोच वतरमान पजीवादी सामािजक

यव था का आधार ही महनतकश क म दवारा उ पािदत म य को हिथयाकर अिधकतम नाफ़ा और िनजी स पि इकठठा करना ह िजसम एक ओर आधी स यादा स पि क मािलक 1 लोग ह और दसरी और ग़रीब लोग की बहसखया इतनी भयकर असमानता और शोषण वाल समाज म ना भर ाचार ख़त म हो सकता ह ना अपराध इनको ख़ म करन क िलए तो पजीवाद को ही समा करना होगा हा वा तिवक सम याओ स जनता का यान हटान क िलए ऐस नाटक दिनया भर म बहत दश म

पहल भी खब हए ह और आग भी होत रहग ख़ास तौर पर मोदी सरकार जो िवकास रोजगार आिद क बड़ वाद कर स ा म आयी थी जो बाद म िसफ़र जमल िनकल उसक िलए एक क बाद ऐस कछ म और खबर पदा करत रहना ज़ री ह िजसस उसक समथरक म उसका िदमागी स मोहन टटन न पाय कय िक असिलयत म तो इसक आन क बाद भी जनता क जीवन म िकसी सधार-राहत क बजाय और नयी-नयी मसीबत ही पदा हई ह इसस काला धनभर ाचारअपराधआतकवाद ख़ म हो जायगा ndash यह कहना शखिच ली क िक स सनान स यादा कछ नही

अपनी नाकािमया छपान क िलए मोदी सरकार का एक और धोखा(पज 1 स आग)

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को(पज 16 स आग)

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 14: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

14 मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016

अकटबर करािनत क शताबदी वषर की शरआत क अवसर पर लिनन कथा स कछ अशिचनगारी जो जवाला

बनगीसाइबिरया की खान ममान औrsquo धयर की ज़ रत अपारयथर न जायग दखद सघषरऔर आपक उदा िवचारय पिकतया किव पि कन न नरिच क साइबिरया म िनवारिसत

और खदान म काम करन को मजबर िदस बरवादी कराि तकािरय को िलखी थी इसक उ र म किव-िदस बरवादी ओदोय की न उ ह िलखा

न होगा यथर हमारा सघषर अथकिचनगारी स भड़कगी ज वालाए

लादीिमर इ यीच न अख़बार का नाम lsquoई कराrsquo (िचनगारी) ही रखन का फ़सला िकया शश कोय म रहत हए ही उ ह न उसकी परी योजना तयार कर ली थी अब उस कायर प दना था साइबिरया स लौटकर लादीिमर इ यीच कोव म रहन लग अकल ही नद दा को ताि तनोव ना (लिनन की जीवनसाथी) की िनवारसन अविध अभी ख़ म नही हई थी इसिलए वह बाक़ी समय क िलए उफ़ा म ही क गयी लादीिमर इ यीच को कोव म रहन की इजाज़त थी वहा उ ह न lsquoई कराrsquo िनकालन क िलए तयािरया श की वह िविभ न शहर की यातरा करत lsquoई कराrsquo म काम करन क िलए सािथय को ढढ़त अख़बार क िलए लख िलखन वाल को ढढ़ना था िफ र ऐस आदिमय की तलाश भी ज़ री थी जो अख़बार का ग प स िवतरण करत lsquoई कराrsquo को आम तरीक़ स दकान और टॉल पर बचा नही जा सकता था और अगर कोई ऐसा करता तो उस तर त जल हो सकती थी अख़बार िनकालन क िलए पस की भी ज़ रत थी

ज़मीन-आसमान एक करक चार महीन म लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo की तयारी परी कर ही ली पर एक सवाल अभी बाक़ी था अख़बार को छापा कहा जाय स म रहत हए भला कोई ज़ार क िख़लाफ़ ज़मीदार और उदयोगपितय क िख़ लाफ़ पिलस क अफ़सर क िख़ लाफ़ अख़बार छापन क िलए तयार होता लादीिमर इ यीच को इस बार म भी काफ़ी सोचना पड़ा

उ ह न सािथय स परामशर िकया अ त म यह तय हआ िक उस िवदश म छापा जाय बशक वहा भी ऐसा अख़बार पणरतया ग प स ही िनकाला जा सकता था पर वहा सी पिलस क भिदय इतन अिधक नही थ

लादीिमर इ यीच न जस-तस डॉकटरी सटीरिफ़ कट का इ तज़ाम िकया और इलाज क बहान िवदश रवाना हो गय इसस पहल वह नद दा को ताि तनो ना स भी िमल आय िजनका िनवारसन नौ महीन बाद ख़ म होना था अब वह वतन स दर जा रह थ कया बहत अरस क िलए जस िक बाद म पता चला बहत अरस क िलए

तग सड़क नकीली छत वाल मकान और परोट ट ट िगरज वाल जमरन शहर लाइि ज़ग म बहत अिधक कल-कारख़ान और उनस भी अिधक छापख़ान और हर तरह की िकताब की दकान थी वहा कोई पतीस साल की उमर का गमरन राऊ नाम का एक जमरन रहता था शहर क बाहर एक छोट-स गाव म उसका छापाख़ाना था उसम मशीन क नाम पर िसफ़र एक ही ndash हालािक काफ़ी बड़ी ndash छपाई मशीन थी और वह भी बहत परानी उस पर मज़दर का खलकद अख़बार तरह-तरह क पो टर और प फ़लट छाप जात थ

गमरन राऊ सामािजक-जनवादी था एक िदन लाइि ज़ग क सामािजक- जनवािदय न उस बताया िक स स एक माकसरवादी आया ह सी माकसरवादी अपना कराि तकारी अख़बार िनकालना चाहत ह और यह तय िकया गया ह िक उसका पहला अक लाइि ज़ग म छप

सी सािथय की मदद करनी चािहए लाइि ज़ग क सामािजक-जनवािदय न गमरन राऊ स कहा

लाइि ज़ग आन वाला सी माकसरवादी और कोई नही लादीिमर इ यीच ही थ उ ह न शहर क छोर पर एक कमरा िकराय पर िलया वह हमशा मह अधर ही उठ जात थ जब हर कही िन त धता होती थी यहा तक िक फ़कटिरय क भ प भी नही बजत होत थ कमरा बहत ठ डा था िदस बर का महीना चल रहा था

लादीिमर इ यीच न ि पिरट क च ह पर पानी उबाला िटन क मग म चाय बनाकर गरम-गरम पी और हमशा की तरह घर स िनकल पड़ जाना दर था गमरन राऊ क छापख़ान तक यही कोई पाच-छः

िकलोमीटर का रा ता होगा घोड़ाटराम वहा नही जाती थी इसिलए पदल ही जाना होता था रा त म पदल या साइिकल पर सवार मज़दर और बाज़ार जान वाल िकसान क ठल िमलत थ शहर की सीमा आ गयी आग बफ़र स ढक खत थ दर िकषितज क पास जगल का काला साया िदखायी द रहा था शहर क छोर पर बसी बि तय की बि या जल रही थी गमरन राऊ क छापख़ान की िखड़की स लालटन का उजाला िदखायी द रहा था

सारा छापाख़ाना एक बड़-स कमर म समाया हआ था िजसक आध िह स म परानी छपाई मशीन खड़ी थी कमर म दो क पोिज़ ग बॉकस भी थ लोह की अगीठी म लकिड़या जलत हए चटक रही थी लपट कपकपाती थी तो उनक साथ ही दीवार पर पड़न वाल साय भी काप जात थ

आज मह वपणर िदन ह गमरन राऊ न जमरन म लादीिमर इ यीच स कहा

लादीिमर इ यीच न िसर िहलाकर सहमित परकट की सचमच आज मह वपणर िदन था अब तक तो तयािरया ही होती रही थी पर आज

क पोिज़टर न भारी लॉक उठाकर मशीन पर चढ़ाया गमरन राऊ न ह था घमाया मशीन घड़घड़ायी िसल डर घमन लगा और अख़बार क प न मशीन स बाहर िनकलन लग इस तरह lsquoई कराrsquo का पहला अक छपकर तयार हआ

लादीिमर इ यीच न एक अक उठाया इस घड़ी का वह कब स और िकतनी उ क ठा स परतीकषा कर रह थ

अब हमार पास अपना मज़दर का कराि तकारी अख़बार ह उड़ चलो हमार अख़बार वतन की तरफ़ करो पदा जागित और उभारो लोग को कराि त क िलए

लादीिमर इ यीच न सबको सनात हए अख़बार का नाम पढ़ा ई करादायी तरफ़ ऊपर कोन म छपा था िचनगारी स भड़कगी वालाए

लिननमसािफ़ र गाड़ी किनगसबगर जा रही थी तीसर दजर क िड ब म एक

कोन म िखड़की क पास एक नौजवान बठा था वह यिनख़ म सवार हआ था और तब स सार रा तभर ऊघता रहा था उसक पर क पास एक काफ़ी बड़ा सटकस रखा था

गाड़ी किनगसबगर पहच गयी यह प थर क िवफल िगरजाघर और लाल खपरल की छत वाला पराना शहर था बाि टक सागर क तट पर होन क कारण यहा ब दरगाह भी था िजसम दिसय जहाज़ खड़ थ उनम स एक का नाम था lsquoस ट मागररीताrsquo यिनख़ स आय जमरन न इधर-उधर ताका-झाका और िफ र ब दरगाह की ओर न जाकर पास ही क एक बीयरख़ान म घस गया बीयरख़ान म भीड़ बहत थी चार तरफ़ त बाक का भरा कड़वा धआ छाया हआ था जमरन एक ख़ाली जगह पर बठ गया और सटकस को उसन मज़ क नीच िखसका िदया िफर बर स सॉसज मगाकर बीयर क साथ धीर-धीर खान लगा इतन धीर-धीर िक मानो उसक पास फालत वकत बहत हो या हो सकता ह िक वह िकसी का इ तज़ार कर रहा था हा उस सचमच lsquoस ट मागररीताrsquo क जहाज़ी का इ तज़ार था उसस िमलन क िलए ही वह यिनख़ स आया था हालािक उस पहल कभी नही दखा था जब भी कोई नया आदमी बीयरख़ान म आता यिनख़ स आया हआ जमरन दाय हाथ स बाल को दाय कान की तरफ़ सहलात हए टकटकी लगाकर उस दखता इस तरफ़ िकसी का यान भी नही जा सकता था कय िक बाल को सहलाना कोई अ वाभािवक बात नही थी मगर यह एक इशारा था

आिख़रकार जहाज़ी आ ही गया समदरी हवा और धप स उसका चहरा ताबई हो गया था दरवाज़ पर खड़-खड़ उसन सभी लोग पर नज़र डाली और बाल को सहलात हए आदमी को दखकर सीध उसकी तरफ़ बढ़ चला मज़ क पास बठकर उसन पर स सटकस को टटोला और बोला

उ फ़ िकतनी भयकर हवा हअगर अपन रा त की तरफ़ ह तो कोई बात नही यिनख़ स

आय जमरन न जवाब िदयाठीक ही पहचाना भया अपन ही रा त की तरफ़ हयह पहचान-वाकय था तर त ही दोन क बीच आ मीयता पदा

हो गयी दोन का एक ही यय था िजसकी ख़ाितर व यहा बीयरख़ान म इकटठा हए थ

बातचीत ज दी ही ख़ म हो गयी और दोन बीयरख़ान स बाहर िनकल आय अब सटकस जमरन क हाथ म नही बि क जहाज़ी क

हाथ म था िकसी न इस बदलाव पर यान नही िदया आिख़र िकसी को इसस मतलब भी कया था दो साथी जा रह ह बात कर रह ह चौराह पर दोन अलग हो गय यिनख़ स आया जमरन टशन की ओर चल पड़ा और सटकस lsquoस ट मागररीताrsquo पर बाि टक सागर स होत हए वीडन की राजधानी टाकहोम की ओर

रात म हवा बहत तज़ हो गयी लहर आसमान छन लगी तफ़ान lsquoस ट मागररीताrsquo को कभी इधर तो कभी उधर फकन लगा अधरा ऐसा था िक हाथ को हाथ नही सझता था

जहाज़ छः घ ट दर स टाकहोम पहचा िफ़ िनश जहाज़ lsquoसओमीrsquo शायद कभी का हि सगफ़ोसर क िलए रवाना हो चका होगा

समय पर नही पहच पाया जहाज़ी को अफ़सोस हो रहा थाअचानक उस lsquoसओमीrsquo िदखायी िदया वह टाकहोम क

ब दरगाह म खड़ा भाप छोड़ रहा था शायद तफ़ान की वजह स उस भी क जाना पड़ा था और अब लगर उठान की तयािरया कर रहा था

आिह ता स आग क ान न आदश िदयाचकक क नीच पानी खौलन लगा जहाज़ चल पड़ावाइस-क ान साहब भारी सटकस को खीचत हए जहाज़ी

िच लाया किनगसबगर स आपकी चाची न पासरल भजा हदौड़न की वजह स जहाज़ी हाफ रहा था सटकस बहत भारी

था उस लगा िक उसकी सारी कोिशश बकार हो गयी ह कय िक lsquoसओमीrsquo तट स हट चका था

लिकन नही कोिशश बकार नही गयी चम कार-सा हआ क ान न उसका िच लाना सन िलया और

आिह ता स पीछ lsquoसओमीrsquo पर आदश सनायी िदया टॉपवाइस-क ान साहब जहाज़ी पर ज़ोर स िच लाया आपकी

चाची न गरम वटर भज ह और नया सट भीघाट पर खड़ सभी लोग ठहाका लगाकर हस पड़ न जान कय

सभी ख़श थ िक lsquoसओमीrsquo पासरल लन क िलए वापस लौट आया ह वाइस-क ान न सटकस िलया हाथ िहलाकर जहाज़ी को ध यवाद िदया और पासरल को अपन किबन म िछपा िलया

सटकस की यातरा जारी रहीजब जहाज़ हि सगफ़ोसर पहचा तो मसलाधार बािरश हो रही

थी वाइस-क ान न बरसाती पहनी और सटकस उठाकर तज़ी स घोड़ाटराम क टाप की ओर बढ़ चला पानी इतना अिधक बरस रहा था िक जस बाढ़ ही आ गयी हो ओह कही बकस म पानी न चला जाय वाइस-क ान न इधर-उधर झाका पर वह मज़दर कही नही िदखायी िदया िजसस उस टाप पर िमलना था जहाज़ कछ घ ट दर स पहचा था ऊपर स यह मसलाधार बािरश सड़क सनसान थी कही वह पीटसरबगर का मज़दर इ तज़ार करत-करत ऊब न गया हो कया िकया जाय तभी घोड़ाटराम आती िदखायी दीपर वह मज़दर उसम भी नही था अचानक वाइस-क ान न दखा िक सामन क घर क फाटक स एक आदमी बाहर िनकल इधर-उधर दखत हए उसकी ओर आ रहा ह यही वह मज़दर था िजसस उस िमलना था

कसी बदिक मती ह खड़-खड़ अकड़ गया ह मज़दर बड़बड़ाया

तफ़ान क कारण दर हो गयी कब जायगआजठीक ह म अभी तार स सिचत कर दगामज़दर न सहमित म िसर िहलाया और सटकस उठाकर घोड़ाटराम

पर चढ़ गयाकछ घ ट बाद सटकस रलगाड़ी स पीटसरबगर जा रहा थागाड़ी ख़ाली पड़ वस तकालीन खत बािरश स भीग गाव और

िनजरन दाच की बग़ल स गज़र रही थी पीटसरबगर का मज़दर इन जगह को भली-भाित जानता था इसिलए चपचाप बठा अख़बार पढ़ रहा था और बलोओ ोव टशन की परतीकषा कर रहा था

बलोओ ोव स स की सीमा श होती थी वहा हमशा क टम चिकग होती थी

क टम का आदमी क पाटरम ट म आयाकपया अपन सटकस िदखाइयपीटसरबगर क मज़दर न िबना कोई ज दबाज़ी िदखाय अपना

सटकस खोलाएक जोड़ी कपड़ पराना चारख़ानदार क बल और िमठाई का

िड बा बस क टम वाल न सटकस क िकनार ठकठकाय पर स दहजनक कछ भी न िमला

उसी िदन मज़दर पीटसरबगर म था और वसी य की दवीप पर एक प थर क मकान की सीिढ़या चढ़ रहा था दसरी मिज़ल पर दरवाज़ पर ताब की लट लगी थी दात का डॉकटर

आग तक न घ टी बजायी दो ल बी और एक छोटी इसका

(पज 15 पर जारी)

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 15: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

मज़दर िबगल अकटबर-नवमबर 2016 15

लिकन तािलन को समाजवाद की इन सम याओ का हल करन का कभी मौका नही िमला इसका कारण सोिवयत सघ म पाटीर और रा यस ा क भीतर जारी वगर सघषर और साथ ही िदवतीय िव यदध और ना सी ख़तर स लड़न की चनौती भी था और साथ ही बो शिवक पाटीर म मौजद lsquoउ पादक शिकतय क िवकासrsquo क िसदधा त का असर भी था लिनन न अकटबर कराि त की पाचवी वषरगाठ पर कहा था िक यह लािज़मी ह िक हम ग़लितया करग और यह समय बतायगा िक इन ग़लितय क बावजद हम समाजवादी स ा को िटकाय रख पायग या नही लिकन अगर हम समाजवादी

स ा को अ ततः नही भी िटका पात तो इसम कोई ता जब की बात नही होगी कय िक यह मज़दर स ा और समाजवादी िनमारण का पहला परयोग ह और वह भी एक ऐस दश म जहा मज़दर वगर अ पसखयक ह और टटपिजया िकसान आबादी बहसखयक और वह भी बहद परितकल बा पिरि थितय म

सोिवयत सघ क समाजवादी परयोग क अ ततः क जान क बावजद उसन चार दशक म िदखला िदया िक मज़दर स ा थािपत हो सकती ह और समाजवाद वा तव म पजीवाद का एक कही बहतर िवक प द सकता ह यह हम भखमरी बरोज़गारी ग़रीबी व यावि ऊच-नीच रा टरीय उ पीड़न और यदध

स िनजात िदला सकता ह इस परयोग न िदखला िदया िक िजस मज़दर आबादी को अनपढ़ गवार िपछड़ा हआ माना जाना ह वह एक िवशाल दश म न िसफ़र अपनी स ा को थािपत कर सकती ह बि क उस चला सकती ह और एक बहतर समाज की रचना कर सकती ह इस तौर पर अकटबर कराि त न मानव इितहास म एक िनणारयक िव छद का परदशरन िकया और एक नय यग का आर भ िकयाः समाजवादी सकरमण का यग इस यग की आर भ क बाद मज़दर वगर न कई अ य दश म समाजवादी परयोग करक िवशष तौर पर चीन म नय मानक थािपत िकय और नय चम कार िकय लिकन य सभी परयोग पहल दौर

क समाजवादी परयोग थ मज़दर वगर न अपनी िकशोराव था म कछ महान लिकन तरिटपणर परयोग िकय पहल दौर क परयोग क बाद हम एक ल ब िनराशा क दौर स होकर गज़र ह लिकन वह िनराशा का दौर भी अब अपन ख़ा म की ओर ह पजीवादी यव था दिनया को कया द सकती ह यह हमार सामन ह बीसवी सदी क य तमाम परयोग हम मज़दर की साझा िवरासत ह और इस साझा िवरासत की नकल करत हए नही बि क इसस वजञािनक तौर पर सीखत हए हम इककीसवी सदी म नयी समाजवादी कराि तय क परयोग को अजाम द सकत ह इनस आलोचना मक िशकषण िलय बग़र और इ ह भलकर हम नय

परयोग नही कर सकत जसा िक आज भारत और दिनया म कई धरीिवहीन मकत-िच तक तथाकिथत क यिन ट कराि तकारी सगठन कह रह ह इन महान परयोग स सीखना भी होगा और इन महान परयोग स आग भी जाना होगा िनि त तौर पर इन तमाम परयोग म महान अकटबर कराि त का हमशा स एक महान थान रहा ह और रहगा

(अगल अक म पढ़ ndash अकटबर कराि त की िवरासत और इककीसवी सदी की नयी समाजवादी कराि तय की चनौितया)

मतलब था िक डरन की कोई बात नही अपना ही आदमी आया हदात क डॉकटर न दरवाज़ा खोलाआइय आपका ही इ तज़ार थाकराि तकारी ग मलाक़ात क िलए यही एकतर हआ करत थडॉकटर क कमर म एक लड़की मज़दर का इ तज़ार कर रही थीलाइय उसन कहा और मज़दर क हाथ स सटकस ल िलया

बचार न रा त म कया-कया नही झला था तफ़ान बािरश क टम चिकग

लड़की न सटकस स चारख़ानदार क बल और दसरी चीज़ िनकाली लिकन यह कया आग तक न सफ़ाई स सटकस का तला दबाया और वह ढककन की तरह खल गया सटकस म दो तल थ िनचल तल म कसकर तह िकय हए अख़बार रख हए थ लड़की न एक अख़बार उठाया lsquoई कराrsquo

अ छा तो यह ह वह चीज़ िजस किनगसबगर टाकहोम हि सगफ़ोसर स होत हए इतनी महनत और इतन ग प स यिनख़ स पीटसरबगर पहचाया गया ह

लड़की सटकस स lsquoई कराrsquo िनकालकर अपन टोप क िड ब म रखन लगी जब सब अख़बार आ गय तो उसन फ़ीत स िड ब को बाध िदया और पीटसरबगर क छोर पर सिकरय मज़दर म डिलय को बाटन चल पड़ी

वह lsquoई कराrsquo की एज ट थी lsquoई कराrsquo क ग एज ट स क सभी बड़ शहर म थ

lsquoई कराrsquo को ग प स जहाज़ स रलगािड़य स लाया जाता सीमा क इस पार पहचाया जाता

lsquoई कराrsquo मज़दर और िकसान की आख खोलता उ ह िदखाता िक उनका वा तिवक जीवन कया ह

lsquoई कराrsquo उ ह िसखाता ज़ारशाही क िख़ लाफ़ लड़ो मािलक क िख़ लाफ़ लड़ो

lsquoई कराrsquo उ ह पाटीर का िनमारण करन क िलए कराि त क िलए ललकारता

शीघर ही स म lsquoई कराrsquo की पररणा स एक शिकतशाली मज़दर आ दोलन श हो गया

इस िवराट आ दोलन क नता मागरदशरक और lsquoई कराrsquo क मखय स पादक लादीिमर इ यीच थ

लादीिमर इ यीच को स स मज़दर और lsquoई कराrsquo क एज ट स बड़ी सखया म पतर लख आिद िमलत थ और लगभग सब कट भाषा म िलख होत थ वह उ ह lsquoई कराrsquo म छापत मज़दर क पतर क जवाब दत lsquoई कराrsquo क िलए लख तयार करत और साथ ही राजनीित और कराि तकारी सघषर क बार म िकताब िलखत

िदस बर 1901 स लादीिमर इ यीच अपन लख और िकताब को लिनन नाम स छापन लग

यह महान नाम था एक ऐसा नाम िजसस शीघर ही सारी दिनया पिरिचत होन वाली थी

बोलशिवकपहाड़ क दश ि वटज़रल ड म नीली जनवा झील क तट पर एक

ख़बसरत शहर ह ndash जनवा उसक बाहर झील स थोड़ी ही दरी पर सशरोन नाम की मज़दर ब ती म एक छोटा-सा दोमिज़ला मकान था और मकान की तरह उसकी छत भी खपरल की थी िखड़िकया नील रग की थी और मकान क साथ एक छोटा-सा हरा-भरा बग़ीचा भी था

इस मकान म इ यीच द पित यानी लादीिमर इ यीच और नद दा को ताि तनो ना रहत थ

पहल व यिनख़ म रहत थ मगर वहा की पिलस को lsquoई कराrsquo की ग ध लग जान की वजह स उ ह वह शहर छोड़ना पड़ा और व इगल ड की राजधानी ल दन आ गय सालभर तक lsquoई कराrsquo ल दन स िनकलता रहा पर बाद म यहा रहना भी ख़तरनाक हो गया lsquoई कराrsquo क िलए दसरी जगह ढढ़ना ज़ री था तब इ यीच द पित जनवा की िनकटवतीर सशरोन ब ती म पहचा

बहत ख़ब िमनटभर म सार मकान का मआयना करन क बाद लादीिमर इ यीच न कहा बहत ख़ब जगह शा त ह और यहा हम चन स काम कर सकग

मकान म नीच काफ़ी बड़ी रसोई थी और ऊपर दो छोट मगर काफ़ी उजल कमर थ

लादीिमर इ यीच क पास काम तो बहत था पर िजस शाि त की उ ह न क पना की थी वह शीघर ही िम या सािबत हो गयी ब ती क िनवािसय न दखा िक िसय क यहा बहत लोग आत ह जलाई 1903 म तो आन वाल का मानो ताता ही लगा रहा आग तक कभी अकल आत तो कभी दो या तीन क दल म यह पहचानना मि कल नही था िक व थानीय नही ह ndash थानीय िनवािसय स उनका पहनावा भी अलग था और भाषा-बोली भी व सी बोलत थ और सी जाित क थ साफ़ लगता था िक व जनवा पहली बार आय ह और यहा की हर चीज़ उनक िलए नयी ह उ ह यहा का धपिखला आकाश उजल रग की िखड़िकया और कयािरय म िखल फल सब बहद पस द थ

हो सकता ह िक सशरोन क िनवािसय को 1903 की गिमरय म जनवा म इतन अिधक िसय को दखकर आ यर हआ हो मगर उनम स कोई भी यह नही जानता था िक व सब स क िविभ न भाग स यहा पाटीर की दसरी कागरस म भाग लन क िलए आय ह

कागरस क िलए चन गय लोग िविभ न सम याओ पर िवचार-िवमशर करन क िलए लिनन क पास आत उनकी राय पछत व जानत थ िक कागरस की तयारी म सबस अिधक योग लादीिमर इ यीच न िदया ह कागरस की तयारी क तौर पर लादीिमर इ यीच न lsquoई कराrsquo म बहत-स लख िलख थ पाटीर का गठन िकस तरह करना ह इसक बार म lsquoकया करrsquo नामक एक शानदार िकताब िलखी थी और पाटीर की िनयमावली तथा जझा कायरकरम तयार िकया था हम समाज का नया बहतर गठन चाहत ह इस नय बहतर समाज म न कोई अमीर होगा न ग़रीब सभी को समान प स काम करना होगा लिनन न सािथय को समझाया

लिनन न इन सब बात क बार म बहत सोचा था वा तव म पाटीर कायरकरम की परखा उ ह न अपन िनवारसन काल म ही तयार कर ली थी अब वह चाहत थ िक कागरस म सभी िमलकर तय कर ल िक नय समाज क िलए सघषर का सबस सही और कारगर तरीक़ा कया ह

जनवा स कागरस म भाग लन वाल बरस स पहच वहा एक िवशाल अधर और असिवधाजनक आटा-गोदाम म कागरस का उदघाटन हआ कागरस क िलए गोदाम को साफ़ कर िदया गया था और िखड़िकया खोलकर ताज़ी हवा आन दी गयी थी एक िकनार पर लकिड़य क त त स मच बनाया गया था बड़ी िखड़की पर लाल कपड़ा टागा हआ था परितिनिधय क बठन क िलए बच लगायी गयी थी परितिनिध अपनी-अपनी जगह पर बठ गय लख़ानोव मच पर चढ़ वह पहल सी माकसरवादी थ और बहत बड़ िवदवान थ लिनन स पहल ही वह माकसर क कराि तकारी िवचार क बार म कई िकताब िलख चक थ समारोही वातावरण म लख़ानोव न कागरस का उदघाटन िकया और अ य त परभावशाली भाषण िदया

सभी न सास रोककर उ ह सना लादीिमर इ यीच तो िकतन भावाकल हो उठ थ उनकी आख उ लास स चमक रही थी पाटीर की पन थारपना और पाटीर कागरस का सपना वह कब स दखत आ रह थ आिख़रकार वह साकार हो ही गया

कागरस की कायरवाही श हई तो लगभग पहल ही िदन स सघषर भी िछड़ गया कय िक कछ परितिनिध लिनन दवारा पर तािवत जझा कायरकरम स सहमत नही थ

उ ह वह बहत नया और जोिखमपणर लगता था नवीनता उ ह डराती थी अतः व लिनन स बहस करन लग मगर लिनन सही थ और अपन पकष म उ ह न इतन जोश और उ साह स तकर िदय िक अिधकाश परितिनिध उनकी तरफ़ हो गय कागरस म पाटीर क कायरकरम और िनयमावली पर िवचार िकया गया क दरीय सिमित और lsquoई कराrsquo का स पादकम डल चना गया सघषर लगभग सभी पर पर िछड़ा लिनन न कागरस म एक िरपोटर पश की जो इतनी प और िव ासो पादक थी िक सभी परितिनिधय न उस असाधारण एकागरता क साथ सना कागरस की सतीस बठक हई और लिनन उनम एक सौ बीस बार बोल वह बोलत थ तो जाद कर दत थ अिधकाश परितिनिध लिनन क पीछ थ इसिलए उ ह बो शिवक (बहमत वाल) कहा जान लगा िज ह न लिनन का िवरोध िकया व म शिवक (अ पमत वाल) कह गय बो शिवक क िवपरीत जो अिधकािधक लिनन क िगदर एकजट हए म शिवक कराि तकारी सघषर स दर हटत गय

कागरस जारी थी उसकी एक क बाद एक बठक हो रही थी मगर अब आटा-गोदाम क आसपास कछ स दहजनक शकल भी परकट होन लग गयी थी व ताक-झाक करती पता लगाना चाहती िक अ दर कया हो रहा ह असल म बि जयम पिलस को सराग़ लग गया था िक सी कराि तकािरय की कागरस हो रही ह इसिलए उसन उनक पीछ

अपन भिदय की परी पलटन लगा दी थी ख़तरा पदा हो रहा था कागरस को दसरी जगह ल जाया गया सभी ल दन चल आय यहा कागरस की कायरवाही जारी रही जीत लिनन की हई उनक िनभीरक और जोशील साथी ndash बो शिवक ndash उनक साथ थ

ल दन म परायः बािरश होती ह इस बार तो िझरिझरी इतनी दर तक जारी रही िक ल दन की सड़क मानो छतिरय का सागर ही बन गयी बीच-बीच म कभी इिगलश चनल स आन वाली हवा घन बादल को उड़ा ल जाती थोड़ी दर क िलए नीला आकाश चमक उठता धप िखल जाती मगर िफ र वही बािरश

ऐस ही एक िदन कागरस क बाद जब सरज थोड़ी-सी दर क िलए चमककर िफर बादल क पीछ िछप गया था लिनन न कहा

सािथयो बीस साल पहल यहा ल दन म कालर माकसर का दहावसान हआ था आइय हम भी महान माकसर की समािध पर अपनी दधाजिल अिपरत करन चल

और सब साथ-साथ क़बरगाह की ओर चल पड़ क़बरगाह ल दन क उ री भाग म एक ऊच टील पर बन पाकर म ि थत थी टील स ल दन का िवहगम य िदखायी दता था कािलख स काली पड़ी इमारत काली छत और धआ उगलती फ़कटिरय की िचमिनया

माकसर की क़बर सफ़द सगमरमर स बनी थी और चार तरफ़ हरी-हरी घास उगी हई थी

क़बर क शीषर पर गलाब क फल रख थ फल की पखिड़या झकी हई थी मानो अपना शोक यकत कर रही ह हलकी-हलकी बािरश हो रही थी सड़क पर काली छतिरया िलय लोग आिह ता-आिह ता आ-जा रह थ

सािथयो लिनन न िसर स टोपी उतारत हए कहा महान माकसर हमार िशकषक थ उनकी क़बर क पास खड़ होकर हम शपथ खा लत ह िक उनक िवचार क परित सदा िन ावान रहग और कभी सघषर स मह नही मोड़ग आग बढ़ो सािथयो िसफ़र आग

(पज 10 स आग)सजग िफर नय लशकर ndash मचगा रण महाभीषण

(पज 14 स आग)

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी

Page 16: Mazdoor Bigul Oct-Nov 2016 · िपछले 8 नवबर की रात सेदेश भर म¤अफ़रा-तफ़री का आलम है। ब§क

मदरक परकाशक और वामी का यायनी िस हा दवारा 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006 स परकािशत और उ ही क दवारा म टीमीिडयम 310 सजय गाधी परम फ़ज़ाबाद रोड लखनऊ स मिदरत स पादक सखिव दर अिभनव स पाकीय पता 69 ए-1 बाबा का परवा पपरिमल रोड िनशातगज लखनऊ-226006

16 Mazdoor Bigul Monthly October-November 2016 RNI No UPHIN201036551

डाक पजीयन SSPLWNP-3192014-2016परषण डाकघर आरएमएस चारबाग लखनऊ

परषण ितिथ िदनाक 20 पर यक माह

बड़ नोटो पर पाबनदी - अमीरो क जमोर की सज़ा ग़रीबो को मकश तयागी

अचानक 8 नव बर की रात को भारत सरकार न 500 और 1000 पय क चाल नोट परचलन स हटा िलय और उनकी जगह 500 और 2000 क नय नोट चाल करन का ऐलान िकया कछ िदन बाद 1000 का नोट भी दोबारा बाज़ार म आ जायगा सरकार क इस फ़सल क कई मकसद बताय गय ह ndash काल धन पर हमला भर ाचार को रोकना नकली नोट और आतकवािदय दवारा उसक इ तमाल को रोकना

ऐसा पहली बार नही हआ ह जनवरी 1946 म भी एक और दस हज़ार क नोट इसी तरह बन द िकय गय थ और 1954 म दोबारा चाल हए िफर 16 जनवरी 1978 को जनता पाटीर की सरकार न भी इसी तरह अचानक एक शाम पाच सौ एक हज़ार 5 हज़ार और 10 हज़ार क नोट बन द कर िदय थ इन नोट को ब द करन स दश म िकतना काला धन भर ाचार और अपराध ख़ म हए थ िकसी को पता नही इसक बाद पहल 500 का नोट 1987 म दोबारा चाल हआ और 1000 वाला तो 2001 म िपछली भाजपा सरकार न चाल िकया था इस बार तो इतना इ तज़ार भी नही करना पड़ा दो िदन बाद ही उसस भी बड़ नोट वापस चाल कर िदय गय ह अगर इन नोट की वजह स ही दश म काला धन भर ाचार और अपराध-आतकवाद होता ह तो िफर इनको थायी प स ख़ म करन क बजाय वापस चाल करन का कया मतलब ह और दो हज़ार का और भी बड़ा नोट ल आन स कया और यादा काला धन पदा नही होगा

िफर इस नोटब दी का कया मतलब ह इसक िलए समझना होगा िक मदरा या करसी नोट मखय तौर पर धन-स पि क म य क लन-दन का जिरया ह और अ थायी सीिमत तौर पर स पि क खरीद-फरोखत क िलए ही उस मदरा म बदला जाता ह पजीवादी यव था म धन-स पदा नोट क प म नही बि क ज़मीन-मकान जगल खदान कारख़ान सोना-चादी हीर-मोती जस िदखायी दन वाल प स भी यादा दशी-िवदशी कम पिनय क शयर -बॉ डस दशी-िवदशी बक खात पनामा-िसगापर जस टकस चोरी क अडड म थािपत काग़ज़ी कम पिनय और बक खात मॉरीशस की काग़ज़ी कम पिनय क पी-नोटस वगरह जिटल प म भी रहती ह मौजद यव था म िजनक पास असली स पि ह वह असल म इस नोट क प म भरकर नही रखत कय िक उसस यह स पि बढ़ती नही बि क इसक रखन म कछ खचर ही होता ह

और चोरी जान का ख़तरा भी होता ह इसक बजाय वह इस उपरोकत िविभ न प -कारोबार म िनवश करत ह

िजसस उनकी स पि लगातार बढ़ती रह बि क ऐस लोग तो आजकल बक नोट का रोज़मरार क कामकाज म भी यादा इ तमाल नही करत कय िक य अपना यादा काम डिबट-करिडट काडर या ऑनलाइन लन-दन क ज़िरय करत ह

तो अगर सरकारी तकर को मान िलया जाय िक बड़ नोट की वजह स काला धन होता ह तो मानना पड़गा िक अमीर पजीपितय क पास काला धन नही होता इसक िवपरीत मज़दर छोट िकसान छोट काम-ध ध करन वाल को दख तो इनका अिधकाश काम नकदी म चलता ह आज महगाई की वजह स पय की कीमत इतनी कम हो चकी ह िक य ग़रीब महनतकश लोग भी अकसर पाच सौ-एक हज़ार क नोट इ तमाल करत

ह इनम स अिधकाश क बक खात नही ह ह भी तो बक म इ ह िविभ न वजह स द कार का भी सामना करना पड़ता ह इसिलए य अपन मसीबत क वकत क िलए कछ बचत हो भी तो उस नकदी म और सिवधा क िलए इन बड़ नोट म रखन को मजबर होत ह वतरमान फ़सल का असर यह हआ ह िक यही लोग काला धन रखन वाल अपराधी सािबत हो गय ह और नोटब दी की मसीबत मखयतया इ ही को झलनी पड़ रही ह

अब समझत ह िक काला धन असल म होता कया ह कय और कस पदा होता ह और इसका कया िकया जाता ह काल धन का अथर ह ग़रक़ाननी काय तथा टकस चोरी स हािसल िकया गया धन इसको कछ उदाहरण स समझत ह िपछल िदन ही िबजली उ पादन करन वाली बड़ी कम पिनय दवारा 60 हज़ार करोड़ पय काला धन का मामला सामन आया था इन कम पिनय िजनम िजदल अिनल अ बानी और गौतम अडानी की क पिनया भी ह न ऑ टरिलया

स कोयला आयात िकया लिकन ऑ टरिलया की कम पनी स सौदा इन कम पिनय न नही बि क इनकी ही दबई या िसगापर ि थत कम पिनय न िकया कह िक 50 डॉलर परित टन पर और िफर अपनी इस कम पनी स इन क पिनय न यही कोयला मान लीिजय 100 डॉलर परित टन पर खरीद िलया तो भारत स 100 डॉलर बाहर गया लिकन ऑ टरिलया 50 डॉलर ही पहचा बीच का 50 डॉलर दबईिसगापर म इनकी अपनी क पनी क पास ही रह गया ndash यह काला धन ह इसस इन क पिनय को कया फ़ायदा हआ इनकी भारतीय क पनी न यादा लागत और कम नाफ़ा िदखाकर टकस बचाया लागत यादा िदखाकर िबजली क दाम बढ़वाय और उपभोकताओ को लटा कई बार घाटा िदखाकर

बक का कजर मार िलया जो बाद म आधा या परा बटट खात म डाल िदया गया ऐस ही अडानी पॉवर न दिकषण कोिरया स मशीनरी मगान म 5 करोड़ पया यादा का िबल िदखाकर इतना काला धन िवदश म रख िलया आयात म की गयी इस गड़बड़ी को ओवर इ वॉयिसग या अिधक कीमत का फजीर िबल बनवाना कह सकत ह िनयारत म इसका उ टा या अडर इ वॉयिसग िकया जाता ह अथारत सामान यादा कीमत का भजा गया और िबल कम कीमत का बनवा कर अ तर िवदश म रख िलया गया िरजवर बक न अभी कछ िदन पहल ही बताया िक 40 साल म इस तरीक स 170 ख़राब पया काला धन िवदश म भज िदया गया

िवदश म रख िलया गया यह काला धन ही ि वस बक या पनामा जस टकस चोरी की पनाहगाह म जमा होता ह और बाद म घमिफर कर मॉरीशस आिद जगह म थािपत कागजी क पिनय क पी-नोटस म लग जाता ह और िवदशी िनवश क

तौर पर िबना कोई टकस चकाय भारत पहच जाता ह िवदशी िनवश को बढ़ावा दन क नाम पर भारत सरकार इस पर िफर स होन वाली कमाई पर भी टकस छट तो दती ही ह यह हजार करोड़ पया िकसका ह यह सवाल भी नही पछती जबिक आज 4 हज़ार पय क नोट बदलन क िलए भी साधारण लोग स पन आधार आिद पहचान क सबत माग जा रह ह और िजनक पास यह पहचान ना ह उ ह अपनी थोड़ी सी आमदनी का यह बहम य िह सा कम कीमत पर दलाल को बचन पर मजबर होना पड़ रहा ह - 500 क नोट को तीन-चार सौ पय म

िफर दश क अदर भी िविभ न तरह स काला धन पदा होता ह जस बलारीगोवा आिद म लौह खनन करन वाल रडडी बधओ जस मािफया कारोबािरय न िजतना लौह अय क िनकाल कर बचा उसस

बहत कम खात म िदखाया और बाकी काल धन क प म रह गया लिकन कछ अपवाद व प कजस िक म क यिकतय को छोड़कर यह काला धन बक नोट क प म नही रखा जाता बि क ज़मीन-मकान जसी स पि य बहम य धातओ तथा िक म-िक म की क पिनया-टर ट-सोसायटी आिद बनाकर और कारोबार म लगा िदया जाता ह िजसस और भी कमाई होती रह टाटा-िबड़ला-अ बानी जस तथाकिथत सम मािनत घरान स लकर छोट उदयोगपितय - यापािरय तक सभी टकसचोरी करत ह और चोरी की उस रकम को बार-बार िनवश करत रहत ह इ ह टकस वकील चाटरडर एकाउटट और खद सरकारी अमल की मदद भी िमलती ह ऊपर स य बक क भी खरब पय दबाकर बठ ह हाल की सरकारी िरपोटर क अनसार िसफ़र 57 लोग क पास बक क 85000 करोड़ पय बाक़ी ह मोदी सरकार न िपछल फरवरी म एक झटक म ध नासठ क 1 लाख 14

हज़ार करोड़ क कजर माफ़ कर िदय यह सारा काला धन आज भी शान स बाज़ार म घम रहा ह और अपन मािलक क िलए कमाई कर रहा ह

अगर आपरािधक गितिविधय क बार म भी बात कर हम समझना होगा िक पजीवादी यव था म बड़ अपराध भी यावसाियक ढग स ही चलत ह ना िक िफ़ मी-टीवी वाल तरीक स िजनम अपराधी नोट क सटकस लकर आत-जात िदखाई जात ह असल म तो पजीवाद म य अपराध भी कारोबार ही ह इनस पजी इकठठा होती ह िजसस अिधकाश िगरोह बाद म इ ज़तदार पजीपित और कॉरपोरट बन जात ह बहत स पजीपित घरान या कॉरपोरट का इितहास दिखय तो आप यही पायग आज की दिनया म हिथयार नशीली व तओ आिद जस बड़ ग़रक़ाननी यापार िबटकॉयन जसी िडिजटल मदराओ क ज़िरय चलत ह िजनका लन-दन ऑनलाइन िकया जा सकता ह िसफ़र सबस छोट तर पर लन-दन नोट म होता ह जो कल धध का बहत छोटा िह सा ह िजस हम सबकी तरह ही कछ समय क िलए िठकान लगा िलया जायगा इसिलय इस नोटब दी स इन बड अपरािधय को भी कोई ख़ास िदककत पश नही आन वाली

उपरोकत स यह तो साफ ही ह िक घर म नोट क ढर ना लगाकर बक क ज़िरय ही यह काला या चोरी का धन िविभ न कारोबार म लग जाता ह इसिलए नोटब दी स इन असली कालाधन वाल कारोबािरय को ना तो कछ नकसान होन वाला ह ना ही इनका काल धन का चोरी का कारोबार कन वाला ह अगर इनक पास ता कािलक ज़ रत क िलए कछ नोट इकठठा ह भी तो भी वतरमान यव था म राजनताओ अफसर पिलस िव ीय यव था म इनका तबा और पहच इतनी गहरी ह िक उ ह खपान म इ ह कोई ख़ास िदककत नही आती कछ कमीशन-सिवधा श क दकर उनक काल धन को िठकान लगान म इ ह कोई तकलीफ़ पश आन वाली नही ह

एक और तरह भी हम समझ सकत ह भारत की 84 स पि क मािलक मातर 20 लोग ह जबिक शष 80 क पास िसफ़र 16 स पि ह कया कोई मान सकता ह िक 20 अमीर लोग क बजाय इन 80 ग़रीब क पास काला धन ह लिकन य 80 लोग की मज़दरी-आमदनी नकदी म ह इनका लन-दन कजर बचत आिद सब नकदी म ह इनक पास 500 या एक हज़ार क नोट भी ह और अब इ ह इनको बदलन म िसफ़र तकलीफ़ ही नही उठानी पड़ रही बि क इ ह लटा भी