mandira ur masjid

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ेमचंद मंददर और मजिद

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Mandira Ur Masjid - PremChand

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Page 1: Mandira Ur Masjid

पे्रमचंद

मदंदर और मस्जिद

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कथा-क्रम

फोशनी : 3

फॊद दयलाजा : 9

ततयवूर : 11

सलाॊग : 25

वैरानी फॊदय : 36

नबी कानीतत-तनलााश : 46

भॊददय औय भस्सजद : 58

प्रेभ-वूत्र : 69

ताॊगेलारे की फड़ : 84

ळादी की लजश : 90

भोटेयाभ जी ळासत्री : 93

ऩलात-मात्रा : 99

कलच : 114

दवूयी ळादी : 126

वौत : 128

देली : 138

ऩैऩुजी : 154

क्रिकेट भैच : 159

कोई दखु न शो तो फकयी खयीद रा : 174

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बोहनी

व ददन जफ भेये भकान के वाभने वड़क की दवूयी तयप एक ऩान की दकुान खुरी तो भैं फाग-फाग शो उठा। इधय एक पराांग तक ऩान की

कोई दकुान न थी औय भुझ ेवड़क के भोड़ तक कई चक्कय कयने ऩड़ते थे। कबी लशाॊ कई-कई मभनट तक दकुान के वाभने खड़ा यशना ऩड़ता था। चौयाशा शै , गाशकों की शयदभ बीड़ यशती शै। मश इन्तजाय भुझको फशुत फुया रगता थाॊ ऩान की रत भुझ ेकफ ऩड़ी , औय कैवे ऩड़ी , मश तो अफ माद नशीॊ आता रेक्रकन अगय कोई फना-फनाकय गगरौरयमाॊ देता जाम तो ळामद भैं कबी इन्काय न करॊ । आभदनी का फड़ा दशसवा नशीॊ तो छोटा दशसवा जरय ऩान की बेंट चढ़ जाता शै। कई फाय इयादा क्रकमा क्रक ऩानदान खयीद रूॊ रेक्रकन ऩानदान खयीदना कोई खरा जी का घय नशीॊ औय क्रपय भेये मरए तो शाथी खयीदने वे क्रकवी तयश कभ नशीॊ शै। औय भान रो जान ऩय खेरकय एक फाय खयीद रूॊ तो ऩानदान कोई ऩयी की थैरी तो नशीॊ क्रक इधय इच्छा शुई औय गगरोरयमाॊ तनकर ऩड़ीॊ। फाजाय वे ऩान राना , ददन भें ऩाॊच फाय पेयना , ऩानी वे तय कयना , वड़ ेशुए टुकड़ों को तयाश्कय अरग कयना क्मा कोई आवान काभ शै! भैंने फड़ ेघयों की औयतों को शभेळा ऩानदान की देखबार औय प्रफन्ध भें शी व्मसत ऩामा शै। इतना वयददा उठाने की षभता शोती तो आज भैं बी आदभी शोता। औय अगय क्रकवी तशय मश भुस्श्कर बी शर शो जाम तो वुऩाड़ी कौन काटे ? मशाॊ तो वयौते की वूयत देखते शी कॊ ऩकॊ ऩी छूटने रगती शै। जफ कबी ऐवी शी कोई जरयत आ ऩड़ी , स्जवे टारा नशीॊ जा वकता , तो मवर ऩय फटे्ट वे तोड़ मरमा कयता शूॊ रेक्रकन वयौते वे काभ रूॊ मश गैय-भुभक्रकन। भुझ ेतो क्रकवी को वुऩाड़ी काटते देखकय उतना शी आश्चमा शोता शै स्जतना क्रकवी को तरलाय की धाय ऩय नाचते देखकय। औय भान रो मश भाभरा बी क्रकवी तयश शर शो जाम , तो आखखयी भॊस्जर कौन पतश कये। कत्था औय चूना फयाफय रगाना क्मा कोई आवान काभ शै ? कभ वे कभ भुझ ेतो उवका ढॊग नशीॊ आता। जफ इव भाभरे भें ले रोग योज गरततमाॊ कयते शैं तो इव करा भें दष शैं तो भैं बरा क्रकव खेत की भूरी शूॊ। तभोरी ने

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अगय चूना ज्मादा कय ददमा ता कत्था औय रे मरमा , उव ऩय उवे एक डाॊट बी फतामी , आॊवू ऩूॊछ गमे। भुवीफत का वाभना तो उव लक्त शो शोता शै , जफ क्रकवी दोसत के घय जामॉ। ऩान अन्दय वे आमी तो इवके मवलाम क्रक जान-फूझकय भक्खी तनगरें , वभझ-फूझकय जशय का घूॊट गरे वे नीचे उतायें औय चाया शी क्मा शै। मळकामत नशीॊ कय वकते , वभ्मता फाधक शोती शै। कबी-कबी ऩान भुॊश भें डारते शी ऐवा भारूभ शोता शै , क्रक जीब ऩय कोई गचनगायी ऩड़ गमी , गरे वे रेकय छाती तक क्रकवी ने ऩाया गयभ कयके उड़रे ददमा, भगय घुटकय यश जाना ऩड़ता शै। अन्दाजे भें इव शद तक गरती शो जाम मश तो वभझ भें आने लारी फात नशीॊ। भैं राख अनाड़ी शूॊ रेक्रकन कबी इतना ज्मादा चूना नशीॊ डारता ,शाॊ दो-चाय छारे ऩड़ जाते शैं। तो भैं वभझता शूॊ, मशी अन्त:ऩुय के कोऩ की अमबव्मस्क्त शै। आखखय लश आऩकी ज्मादततमों का प्रोटेसट क्मों कय कयें। खाभोळ फामकाट वे आऩ याजी नशीॊ शोते , दवूया कोई शगथमाय उनके शाथ भें शै नशी। बॊलों की कभान औय फयौतनमों का नेजा औय भुसकयाशट का तीय उव लक्त बफरकुर कोई अवय नशीॊ कयते जफ आऩ आॊखें रार क्रकमे , आसतीनें वभेटे इवमरए आवभान वय ऩय उठा रेते शैं क्रक नाश्ता औय ऩशरे क्मों नशीॊ तैमाय शुआ , तफ वारन भें नभक औय ऩान भें चूना ज्मादा कय देने के मवलाम फदरा रेने का उनके शाथ भें औय क्म वाधन यश जाता शै! खैय , तीन-चाय ददन के फाद एक ददन भैं वुफश के लक्त तम्फोमरन की दकुान ऩय गमा तो उवने भेयी पयभाइळ ऩूयी कयने भें ज्मादा भुसतैदी न ददखरामी। एक मभनट तक तो ऩान पेयती यशी , क्रपय अन्दय चरी गमी औय कोई भवारा मरमे शुए तनकरी। भैं ददर भें खुळ शुआ क्रक आज फड़ ेवलगधऩूलाक गगरौरयमाॊ फना यशी शै। भगय अफ बी लश वड़क की ओय प्रतीषा की आॊखों वे ताक यशी थी क्रक जैवे दकुान के वाभने कोई ग्राशक शी नशीॊ औय ग्राशक बी कैवा , जो उवका ऩड़ोवी शै औय ददन भें फीमवमों शी फाय आता शै! तफ तो भैंने जया झुॊझराकय कशा —भैं क्रकतनी देय वे खड़ा शूॊ , कुछ इवकी बी खफय शै?

तम्फोमरन ने षभा-माचना के सलय भें कशा —शाॊ फाफू जी , आऩको देय तो फशुत शुई रेक्रकन एक मभनट औय ठशय जाइए। फुया न भातनएगा फाफू जी ,

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आऩके शाथकी फोशनी अच्छी नशीॊ शै। कर आऩकी फोशनी शुई थी , ददन भें कुर छ: आने की बफिी शुई। ऩयवो बी आऩ शी की फोशनी थी , आठ आने के ऩैवे दकुान भें आमे थे। इवके ऩशरे दो ददन ऩॊडडत जी की फोशनी शुई थी , दोऩशय तक ढाई रऩमे आ गमे थे। कबी क्रकवी का शाथ अच्छा नशीॊ शोता फाफू जी! भुझ ेगोरी-वी रगी। भुझ ेअऩने बाग्मळारी शोने का कोई दला नशीॊ शै , भुझवे ज्मादा अबागे दतुनमा भें नशीॊ शोंगे। इव वाम्राज्म का अगय भें फादळाश नशीॊ , तो कोई ऊॊ चा भॊवफदाय जरय शूॊ। रेक्रकन मश भैं कबी गलाया नशीॊ कय वकता क्रक नशूवत का दाग फदााश्त कय रूॊ। कोई भुझवे फोशनी न कयामे, रोग वुफश को भेया भुॊश देखना अऩळकुन वभझे , मश तो घोय करॊक की फात शै।

भैंने ऩान तो रे मरमा रेक्रकन ददर भें ऩक्का इयादा कय मरमा क्रक इव नशूवत के दाग को मभटाकय शी छोडूॊगा। अबी अऩने कभये भें आकय फैठा शी था क्रक भेये एक दोसत आ गमे। फाजाय वाग-बाजी जेने जा यशे थे। भैंने उनवे अऩनी तम्फोमरन की खूफ तायीप की। लश भशाळम जया वैंदमा-प्रेभी थे औय भजाक्रकमा बी। भेयी ओय ळयायत-बयी नजयों वे देखकय फोरग —इव लक्त तो बाई , भेये ऩाव ऩैवे नशीॊ शैं औय न अबी ऩानों की जरयत शी शै। भैंने कशा—ऩैवे भुझवे रे रो।

‗शाॊ, मश भॊजूय शै, भगय कबी तकाजा भत कयना। ‗ ‗मश तो टेढ़ी खीय शै।‗ ‗तो क्मा भुफ्त भें क्रकवी की आॊख भें चढ़ना चाशते शो ?‘

भजफूय शोकय उन शजयत को एक ढोरी ऩान के दाभ ददमे। इवी तयश जो भुझवे मभरने आमा , उववे भैंने तम्फोमरन का फखान क्रकमा। दोसतों ने भेयी खूफ शॊवी उड़ामी , भुझ ऩय खूफ पफततमाॊ कवीॊ , भुझ े ‗तछऩे रुसतभ ‘, ‗बगतजी‘ औय न जाने क्मा-क्मा नाभ ददमे गमे रेक्रकन भैंने वायी आपतें शॊवकय टारीॊ। मश दाग मभटाने की भुझ ेधुन वलाय शो गमी।

दवूये ददन जफ भैं तम्फोमरन की दकुान ऩय गमा तो उवने पौयन ऩान फनामे औय भुझ ेदेती शुई फोरी —फाफू जी , कर तो आऩकी फोशनी फशुत अच्छी शुई, कोई वाढे तीन रुऩमे आमे। अफ योज फोशनी कया ददमा कयो।

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न-चाय ददन रगाताय भैंने दोसतों वे मवपारयळें कीॊ , तम्फोमरन की सतुतत गामी औय अऩनी गगयश वे ऩैवे खचा कयके वुखारुई शामवर की।

रेक्रकन इतने शी ददनों भें भेये खजाने भें इतनी कभी शो गमी क्रक खटकने रगी। मश सलाॊग अफ ज्मादा ददनों तक न चर वकता था , इवमरए भैंने इयादा क्रकमा क्रक कुद ददनों उवकी दकुान वे ऩान रेना छोड़ दूॊ। जफ भेयी फोशनी शी न शोगी , तो भुझ ेउवकी बफिी की क्मा क्रपि शोगी। दवूये ददन शाथ-भुॊश धोकय भैंने एक इरामची खा री औय अऩने काभ ऩय रग गमा। रेक्रकन भुस्श्कर वे आधा घण्टा फीता शो , क्रक क्रकवी की आशट मभरी। आॊख ऊऩय को उठाता शूॊ तो तम्फोमरन गगरौरयमाॊ मरमे वाभने खड़ी भुसकया यशी शै। भुझ ेइव लक्त उवका आना जी ऩय फशुत बायी गुजया रेक्रकन इतनी फेभुयौलती बी तो न शो वकती थी क्रक दतु्काय दूॊ। फोरा —तुभने नाशक तकरीप की, भैं तो आ शी यशा था।

तम्फोमरन ने भेये शाथ भें गगरौरयमाॊ यखकय कशा —आऩको देय शुई तो भैंने कशा भैं शी चरकय फोशनी कय आऊॊ । दकुान ऩय ग्राशक खड़ ेशैं , भगय क्रकवी की फोशनी नशीॊ की।

क्मा कयता , गगरौरयमा खामीॊ औय फोशनी कयामी। स्जव गचनता वे भुस्क्त ऩाना चाशता था , लश पय पन्दे की तयश गदान ऩय गचऩटी शुई थी। भैंने वोचा था , भेये दोसत दो-चाय ददन तक उवके मशाॊ ऩान खामेंगे तो आऩशी उववे दशर जामेंगे औय भेयी मवपारयळ की जरयत न यशेगी। भगय तम्फोमरन ळामद ऩान के वाथ अऩने रऩ का बी कुछ भोर कयती थी इवमरए एक फाय जो उवकी दकुान ऩय गमा , दफुाया न गमा। एक-दो यमवक नौजलान अबी तक आते थे , लश रोग एक शी शॊवी भें ऩान औय रऩ-दळान दोनों का आनन्द उठाकय चरते फने थे। आज भुझ ेअऩनी वाख फनामे यखने के मरए क्रपय ऩूये डढे़ रुऩमे खचा कयने ऩड़े , फगधमा फैठ गमी।

दवूये ददन भैंने दयलाजा अन्दय वे फॊद कय मरमा , भगय जफ तम्फोमरन ने नीचे वे चीखना , गचल्राना औय खटखटाना ळूर क्रकमा तो भजफूयन दयलाजा खोरना ऩड़ा। आॊखें भरता शुआ नीचे गमा , स्जववे भारूभ शो क्रक

ती

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आज नीॊद आ गमी थी। क्रपय फोशनी कयानी ऩड़ी। औय क्रपय लशी फरा वय ऩय वलाय शुई। ळाभ तक दो रुऩमे का वपामा शो गमा। आखखय इव वलऩस्त्त वे छुटकाया ऩाने का मशी एक उऩाम यश गमा क्रक लश घय छोड़ दूॊ।

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ने लशाॊ वे दो भीर ऩय एक अनजान भुशल्रे भें एक भकान ठीक क्रकमा औय यातो-यात अवफाफ उठलाकय लशाॊ जा ऩशुॊचा। लश घय छोड़कय भैं

स्जतना खुळ शुआ ळामद कैदी जेरखाने वे बी तनकरकय उतना खुळ न शोता शोगा। यात को खूफ गशयी नीॊद वोमा , वफेया शुआ तो भुझ ेउव ऩॊछी की आजादी का अनुबल शो यशा था स्जवके ऩय खुर गमे शैं। फड़ ेइत्भीनान वे मवगयेट वऩमा , भुॊश-शाथ धोमा , क्रपय अऩना वाभान ढॊग वे यखने रगा। खाने के मरए क्रकवी शोटर की बी क्रपि थी , भगय उव दशम्भत तोड़नेलारी फरा वे पतेश ऩाकश भुझ ेजो खुळी शो यशी थी , उवके भुकाफरे भें इन गचन्ताओॊ की कोई गगनती न थी। भुॊश-शाथ धोकय नीचे उतया। आज की शला भें बी आजादी का नळा थाॊ शय एक चीज भुसकयाती शुई भारूभ शोती थी। खुळ-खुळ एक दकुान ऩय जाकय ऩान खामे औय जीने ऩय चढ़ शी यशा था क्रक देखा लश तम्फोमरन रऩकी जा यशी शै। कुछ न ऩूछो , उव लक्त ददर ऩय क्मा गुजयी। फव, मशी जी चाशता था क्रक अऩना औय उवका दोनों का मवय पोड़ रूॊ। भुझ ेदेखकय लश ऐवी खुळ शुई जैवे कोई धोफी अऩना खोमा शुआ गधा ऩा गमा शो। औय भेयी घफयाशट का अन्दाजा फव उव गधे की ददभागी शारत वे कय रो! उवने दयू शी वे कशा —लाश फाफू जी , लाश, आऩ ऐवा बागे क्रक क्रकवी को ऩता बी न रगा। उवी भुशल्रे भें एक वे एक अच्छे घय खारी शैं। भुझ ेक्मा भारूभ था क्रक आऩको उव घय भें तकरीप थी। नशीॊ तो भेये वऩछलाड़ ेशी एक फड़ ेआयाभ का भकान था। अफ भैं आऩको मशाॊ न यशने दूॊगी। स्जव तयश शो वकेगा , आऩको उठा रे जाऊॊ गी। आऩ इव घय का क्मा क्रकयामा देते शैं?

भैंने योनी वूयत फना कय कशा —दव रुऩमे।

भैं

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भैंने वोचा था क्रक क्रकयामा इतना कभ फताऊॊ स्जवभें मश दरीर उवके शाथ वे तनकर जाम। इव घय का क्रकयामा फीव रुऩमे शैं , दव रुऩमे भें तो ळामद भयने को बी जगश न मभरेगी। भगय तम्फोमरन ऩय इव चकभे का कोई अवय न शुआ। फोरी —इव जया-वे घय के दव रुऩमे! आऩ आठा शी दीस्जमेगा औय घय इववे अच्छा न शो तो जफ बी जी चाशे छोड़ दीस्जएगा। चमरए, भैं उव घय की कुॊ जी रेती आई शूॊ। इवी लक्त आऩको ददखा दूॊ।

भैंने त्मोयी चढ़ाते शुए कशा —आज शी तो इव घय भें आमा शूॊ , आज शी छोड़ कैवे वकता शूॊ। ऩेळगी क्रकयामा दे चुका शूॊ।

तम्फोमरन ने फड़ी रुबालनी भुसकयाशट के वाथ कशा —दव शी रुऩमे तो ददमे शैं , आऩके मरए दव रुऩमे कौन फड़ी फात शैं मशी वभझ रीस्जए क्रक आऩ न चरे तो भैं उजड़ जाऊॊ गी। ऐवी अच्छी फोशनी लशाॊ औय क्रकवी की नशीॊ शै। आऩ नशीॊ चरेंगे तो भैं शी अऩनी दकुान मशाॊ उठा राऊॊ गी।

भेया ददर फैठ गमा। मश अच्छी भुवीफत गरे ऩड़ी। कशीॊ वचभुच चुड़ैर अऩनी दकुान न उठा रामे। भेये जी भें तो आमा क्रक एक पटकाय फताऊॊ ऩय जफान इतनी फेभुयौलत न शो वकी। फोरा —भेया कुछ ठीक नशीॊ शै , कफ तक यशूॊ, कफ तक न यशूॊ। आज शी तफादरा शो जाम तो बागना ऩड़।े तुभ न इधय की यशो, न उधय की।

उवने शवयत-बये रशजे भें कशा —आऩ चरे जामेंगे तो भैं बी चरी जाऊॊ गी। अबी आज तो आऩ जाते नशीॊ।

‗भेया कुछ ठीक नशीॊ शै। ‘ ‗तो भैं योज मशाॊ आकय फोशनी कया मरमा करुॊ गी। ‘ ‗इतनी दयू योज आओगी?‘ ‗शाॊ चरी आऊॊ गी। दो भीन शी तो शै। आऩके शाथ की फोशनी शो जामेगी। मश रीस्जए गगरौरयमाॊ राई शूॊ। फोशनी तो कया दीस्जए। ‘

भैंने गगरौरयमाॊ रीॊ , ऩैवे ददमे औय कुछ गळ की-वी शारत भें ऊऩय जाकय चायऩाई ऩय रेट गमा।

अफ भेयी अक्र कुछ काभ नशीॊ कयती क्रक इन भुवीफतों वे क्मों कय गरा छुड़ाऊॊ । तफ वे इवी क्रपि भें ऩड़ा शुआ शूॊ। कोई बागने की याश नजय नशीॊ आती। वुखार बी यशना चाशता शूॊ , फेभुयौलती बी नशीॊ कयना चाशता औय

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इव भुवीफत वे छुटकाया बी ऩाना चाशता शूॊ। अगय कोई वाशफ भेयी इव करुण स्सथतत ऩय भुझ ेऐवा कोई उऩाम फतरा दें तो जीलन-बय उवका कृतस यशूॊगा।

—‗प्रेभचारीवा‘ वे

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बन्द दरवािा

यज क्षषततज की गोद वे तनकरा , फच्चा ऩारने वे —लशी स्सनग्धता , लशी रारी, लशी खुभाय, लशी योळनी।

भैं फयाभदे भें फैठा था। फच्चे ने दयलाजे वे झाॊका। भैंने भुसकयाकय ऩुकाया। लश भेयी गाद भें आकय फैठ गमा।

उवकी ळयायतें ळुर शो गईं। कबी करभ ऩय शाथ फढ़ामा , कबी कागज ऩय। भैंने गोद वे उताय ददमा। लश भेज का ऩामा ऩकड़ ेखड़ा यशा। घय भें न गमा। दयलाजा खुरा शुआ था।

एक गचडड़मा पुदकती शुई आई औय वाभने के वशन भें फैठ गई। फच्चे के मरए भनोयॊजन का मश नमा वाभान था। लश उवकी तयप रऩका। गचडड़मा जया बी न डयी। फच्चे ने वभझा अफ मश ऩयदाय खखरौना शाथ आ गमा। फैठकय दोनों शाथों वे गचडड़मा को फुराने रगा। गचडड़मा उड़ गई , तनयाळ फच्चा योने रगा। भगय अन्दय के दयलाजे की तयप ताका बी नशीॊ। दयलाजा खुरा शुआ था।

गयभ शरले की भीठी ऩुकाय आई। फच्चे का चेशया चाल वे खखर उठा। खोंचेलारा वाभने वे गुजया। फच्चे ने भेयी तयप माचना की आॊखों वे देखा। ज्मों-ज्मों खोंचेलारा दयू शोता गमा , माचना की आॊखें योऴ भें ऩरयलततात शोती गईं। मशाॊ तक क्रक जफ भोड़ आ गमा औय खोंचेलारा आॊख वे ओझर शो गमा तो योऴ ने ऩुय जोय परयमाद की वूयत अस्ततमाय की। भगय भैं फाजय की चीजें फच्चों को नशीॊ खाने देता। फच्चे की परयमाद ने भुझ ऩय कोई अवय न क्रकमा। भैं आगे की फात वोचकय औय बी तन गमा। कश नशीॊ वकता फच्चे ने अऩनी भाॊ की अदारत भें अऩीर कयने की जरयत वभझी मा नशीॊ। आभ तौय ऩय फच्चे ऐवी शारतों भें भाॊ वे अऩीर कयते शैं। ळामद उवने कुछ देय के मरए अऩीर भुल्तफी कय दी शो। उवने दयलाजे की तयप रख न क्रकमा। दयलाजा खुरा शुआ था।

भैंने आॊवू ऩोंछने के खमार वे अऩना पाउण्टेनऩेन उवके शाथ भें यख ददमा। फच्चे को जैवे वाये जभानकी दौरत मभर गई। उवकी वायी इॊदिमाॊ

वू

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इव नई वभसमा को शर कयने भें रग गई। एकाएक दयलाजा शला वे खुद-फ-खुद फन्द शो गमा। ऩट की आलाज फच्चे के कानों भें आई। उवने दयलाजे की तयप देखा। उवकी लश व्मसतता तत्षण रुप्त शो गई। उवने पाउण्टेनऩेन को पें क ददमा औय योता शुआ दयलाजे की तयऩु चरा क्मोंक्रक दयलाजा फन्द शो गमा था।

—‗प्रेभचारीवा‘ वे

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तिरसूऱ

धेयी यात शै , भूवराधाय ऩानी फयव यशा शै। खखड़क्रकमों ऩय ऩानीके थप्ऩड़ रग यशे शैं। कभये की योळनी खखड़की वे फाशय जाती शै तो ऩानी

की फड़ी-फड़ी फूॊदें तीयों की तयश नोकदाय , रम्फी , भोटी , गगयती शुई नजय आ जाती शैं। इव लक्त अगय घय भें आग बी रग जाम तो ळामद भैं फाशय तनकरने की दशम्भत न करॊ । रेक्रकन एक ददन जफ ऐवी शी अॊधेयी बमानक यात के लक्त भैं भैदान भें फन्दकू मरमे ऩशया दे यशा था। उवे आज तीव वार गुजय गमे। उन ददनों भैं पौज भें नौकय था। आश! लश पौजी स्जन्दगी क्रकतने भजे वे गुजयती थी। भेयी स्जन्दगी की वफवे भीठी , वफवे वुशानी मादगायें उवी जभाने वे जुड़ी शुई शैं। आज भुझ ेइव अॊधेयी कोठयी भें अखफायों के मरए रेख मरखते देखकय कौन वभझगेा क्रक इव नीभजान , झुकी शुई कभयलारे खसताशार आदभी भें बी कबी शौवरा औय दशम्भत औय जोळ का दरयमा रशये भायता था। क्मा-क्मा दोसत थे स्जनके चेशयों ऩय शभेळा भुवकयाशट नाचती यशती थी। ळयेददर याभमवॊश औय भीठे गरेलारे देलीदाव की माद क्मा कबी ददर वे मभट वकती शै ? लश अदन, लश फवया, लश मभसत्र; फव आज भेये मरए वऩने शैं। मथाथा शै तो मश तॊग कभया औय अखफाय का दफ्तय।

शाॊ , ऐवी शी अॊधेयी डयालनी वुनवान यात थी। भैं फायक के वाभने फयवाती ऩशने शुए खड़ा भैग्जीन का ऩशया दे यशा था। कॊ धे ऩय बया शुआ याइपर था। फायक के वे दो-चाय मवऩादशमों के गाने की आलाजें आ यशी थीॊ , यश-यशकय जफ बफजरी चभक जाती थी तो वाभने के ऊॊ चे ऩशाड औय दयतत औय नीचे का शयाबया भैदान इव तयश नजय आ जातेथे जैवे क्रकवी फच्चे की फड़ी-फड़ी कारी बोरी ऩुतमरमों भें खुळी की झरक नजय आ जाती शै।

धीये-धीये फारयळ ने तुपानी वूयत अस्ततमाय की। अॊधकाय औय बी अॊधेया, फादर की गयज औय बी डयालनी औय बफजरी की चभक औय बी तेज शो गमी। भारूभ शोता था प्रकृतत अऩनी वायी ळस्क्त वे जभीन को तफाश कय देगी।

अॊ

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मकामक भुझ ेऐवा भारूभ शुआ क्रक भेये वाभने वे क्रकवी चीज की ऩयछाई-वी तनकर गमी। ऩशरे तो भुझ ेखमार शुआ क्रक कोई जॊगरी जानलय शोगा रेक्रकन बफजरी की एक चभक ने मश खमार दयू कय ददमा। लश कोई आदभी था, जो फदन को चुयामे ऩानी भें मबगता शुआ एक तयप जा यशा था। भुझ ेशैयत शुई क्रक इव भूरवाधाय लऴाा भें कौन आदभी फायक वे तनकर वकता शै औय क्मों? भुझ ेअफ उवके आदभी शोने भें कोई वन्देश न था। भैंने फन्दकू वम्शार री औय पोजी कामदे के भुताबफक ऩुकाया —शाल्ट, शू कम्व देअय? क्रपय बी कोई जलाफ नशीॊ। कामदे के भुताबफक तीवयी फाय ररकायने ऩय अगय जलाफ न मभरे तो भुझ ेफन्दकू दाग देनी चादशए थी। इवमरए भैंने फन्दकू शाथ भें रेय खूफ जोय वे कड़ककय कशा —शाल्ट, शू कम्व देअय ? जलाफ तो अफकी बी न मभरा भगय लश ऩयछाई भेये वाभने आकय खड़ी शो गई। अफ भुझ ेभारूभ शुआ क्रक लश भदा नशीॊ औयत शै। इवके ऩशरे क्रक भैं कोई वलार करॊ उवने कशा—वन्तयी, खुदा के मरए चुऩ यशो। भैं शूॊ रुईवा।

भेयी शैयत की कोई शद न यशी। अफ भैंने उव ऩशचान मरमा। लश शभाये कभास्ण्डॊग अपवय की फेटी रुईवा शी थी। भगय इव लक्त इव भूवराधाय भेश औय इव घटाटोऩ अॊधेये भें लश कशाॊ जा यशी शै ? फायक भें एक शजाय जलान भौजूद थे जो उवका शुक्भ ऩूया कय वकते थे। क्रपय लश नाजुकफदन औयत इव लक्त क्मों तनकरी औय कशाॊ के मरए तनकरी ? भैंने आदेळ के सलय भें ऩूछा—तुभ इव लक्त कशाॊ जा यशी शो?

रुईवा ने वलनती के सलय भें कशा —भाप कयो वन्तयी , मश भैं नशीॊ फता वकती औय तुभवे प्राथाना कयती शूॊ मश फात क्रकवी वे न कशना। भैं शभेळा तुम्शायी एशवानभन्द यशूॊगी।

मश कशते-कशते उवकी आलाज इव तयश काॊऩने रगी जैवे क्रकवी ऩानी वे बये शुए फतान की आलाज।

भैंने उवी मवऩादशमाना अन्दाज भें कशा —मश कैवे शो वकता शै। भैं पौज का एक अदना मवऩाशी शूॊ। भुझ ेइतना अस्ततमाय नशीॊ। भैं कामदे के भुताबफक आऩको अऩने वाजेन्ट के वाभने रे जाने के मरए भजफूय शूॊ।

‗रेक्रकन क्मा तुभ नशीॊ जानते क्रक भैं तुम्ऱाये कभास्ण्डॊग अपवय की रड़की शूॊ?

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भैंने जया शॊवकय जलाफ ददमा —अगय भैं इव लक्त कभास्ण्डॊग अपवय वाशफ को बी ऐवी शारभ भें देखूॊ तो उनके वाथ बी भुझ ेमशी वतती कयनी ऩड़ती। कामदा वफके मरए एक-वा शै औय एक मवऩाशी को क्रकवी शारत भें उवे तोड़ने का अस्ततमाय नशी शै।

मश तनदाम उत्तय ऩाकय उवने करुणा सलय भें ऩूछा —तो क्रपय क्मा तदफीय शै?

भुझ ेउव ऩय यशभ तो आ यशा था रेक्रकन कामदों की जॊजीयों भें जकड़ा शुआ था। भुझ ेनतीजे का जया बी डय न था। कोटाभाळार मा तनज्जुरी मा औय कोई वजा भेये ध्मान भें न थी। भेया अन्त:कयण बी वाप था। रेक्रकन कामदे को कैवे तोडूॊ। इवी शैव-फैव भें खड़ा था क्रक रुईवाने एक कदभ फढ़कय भेया शाथ ऩकड़ मरमा औय तनशामत ऩुयददा फेचैनी के रशाजे भें फोरी—तो क्रपय भैं क्मा करॊ ?

ऐवा भशवूव शो यशा था क्रक जैवे उवका ददर वऩघरा जा यशा शो। भैं भशवूव कय यशा था क्रक उवका शाथ काॊऩ यशा था। एक फाय जी भें आमा जाने दूॊ। प्रेभी के वॊदेळ मा अऩने लचन की यषा के मवला औय कौन-वी ळस्क्त इव शारत भें उवे घय वे तनकरने ऩय भजफूय कयती ? क्रपय भैं क्मों क्रकवी की भुशब्फत की याश का काटा फनूॊ। रेक्रकन कामदे ने क्रपय जफान ऩकड़ री। भैंने अऩना शाथ छुड़ाने की कोमळळ न कयके भुॊश पेयकय कशा —औय कोई तदफीय नशीॊ शै।

भेया जलाफ वुनकय उवकी ऩकड़ ढीरी ऩड़ गई क्रक जैवे ळयीय भें जान न शो ऩय उवने अऩना शाथ शटामा नशीॊ , भेये शाथ को ऩकड़ ेशुए गगड़गगड़ा कय फोरी—वॊतयी, भुझ ऩय यशभ कयो। खुदा के मरए भुझ ऩय यशभ कयों भेयी इज्जत खाक भें भत मभराओ। भैं फड़ी फदनवीफ शूॊ।

भेये शाथ ऩय आॊवूओॊ के कई गयभ कतये टऩक ऩड़।े भूवराधाय फारयळ का भुझ ऩय जयाा-बय बी अवय न शुआ था रेक्रकन इन चन्द फूॊदों ने भुझ ेवय वे ऩाॊल तक दशरा ददमा।

भैं फड़ ेऩवोऩेळ भें ऩड़ गमा। एक तयप कामदे औय कजा की आशनी दीलाय थी, दवूयी तयप एक वुकुभाय मुलती की वलनती-बया आग्रश। भैं जानता था अगय उवे वाजेण्ट के मवऩुदा कय दूॊगा तो वलेया शोते शी वाये फटामरन भें

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खफय पैर जाएगी , कोटाभाळार शोगा , कभास्ण्डॊग अपवय की रड़की ऩय बी पौज का रौश कानून कोई रयमामत न कय वकेगा। उवके फेयशभ शाथ उव ऩय बी फेददी वे उठें गे। खावकय रड़ाई के जभाने भें।

औय अगय इवे छोड़ दूॊ तो इतनी शी फेददी वे कानूने भेये वाथ ऩेळ आमेगा। स्जन्दगी खाक भें मभर जामेगी। कौन जाने कर स्जन्दा बी यशूॊ मा नशीॊ। कभ वे कभ तनज्जुरी तो शोगी शी। बेद तछऩा बी यशे तो क्मा भेयी अन्तयात्भा भुझ ेवदा न गधक्कायेगी ? क्मा भैं क्रपय क्रकवी के वाभने इवी ददरेय ढॊग वे ताक वकूॊ गा ? क्मा भेये ददर भें शभेळा एक चोय-वा न वभामा यशेगा?

रुईवा फोर उठी —वन्ती! वलनती का एक ळब्द बी उवके भुॊश वे न तनकरा। लश अफ तनयाळा

की उव वीभा ऩय ऩशुॊच चुकी थी जफ आदभी की लाक्ळस्क्त अकेरे ळब्दों तक वीमभत शो जाती शै। भैंने वशानुबूतत के सलय भे कशा —फड़ी भुस्श्कर भाभरा शै।

‗वन्तयी, भेयी इज्जत फचा रो। भेये वाभर्थमा भें जो कुछ शै लश तुम्शाये मरए कयने को तैमाय शूॊ।‘ भैंने सलामबभानऩूलाक कशा —मभव रुईवा , भुझ ेरारच न दीस्जए , भैं रारची नशीॊ शूॊ। भैं मवऩुा इवमरए भजफूय शूॊ क्रक पौजी कानून को तोड़ना एक मवऩाशी के मरए दतुनमा भें वफवे फड़ा जुभा शै।

‗क्मा एक रड़की के वम्भान की यषा कयना नैततक कानून नशीॊ शै ? क्मा पौजी कानून नैततक कानून वे बी फड़ा शै ?‘ रुईवाने जया जोळ भें बयकय कशा।

इव वलार का भेये ऩाव क्मा जलाफ था। भुझवे कोई जलाफ न फन ऩड़ा। पौजी कानून असथाई , ऩरयलतानळीर शोता शै , ऩरयलेळ के अधीन शोता शै। नैततक कानून अटर औय वनातन शोता शै , ऩरयलेळ वे ऊऩय। भैंने कामर शोकय कशा —जाओ मभव रुईवा , तुभ अफ आजाद शो , तुभने भुझ ेराजलाफ कय ददमा। भैं पौजी कानून तोड़कय इव नैततक कत्ताव्म को ऩूया करॊ गा। भगय तुभवे केलर लशी प्राथाना शै क्रक आगे क्रपय कबी क्रकवी मवऩशी को

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नैततक कत्ताव्म का उऩदेळ न देना क्मोंक्रक पौजी कानून पौजी कानून शै। पौज क्रकवी नैततक , आस्त्भक मा ईश्लयीम कानून की ऩयलाश नशीॊ कयता।

रुईवा ने क्रपय भेया शाथ ऩकड़ मरमा औय एशवान भें डूफे शुए रशजे भें फोरी—वन्तयी, बगलान ्तुम्शें इवका पर दे।

भगय पौयन उवे वॊदेश शुआ क्रक ळामद मश मवऩाशी आइन्दा क्रकवी भौके ऩय मश बेद न खोर दे इवमरए अऩने औय बी इत्भीनान के खमार वे उवने कशा—भेयी आफर अफ तुम्शाये शाथ शै।

भैंने वलश्लाव ददराने लारे ढॊग वे कशा —भेयी ओय वे आऩ बफल्कुर इत्भीनान यखखए।

‗कबी क्रकवी वे नशीॊ कशोगे न ?‘

‗कबी नशीॊ।‘ ‗कबी नशीॊ?‘ ‗शाॊ, जीते जी कबी नशीॊ।‘ ‗अफ भुझ ेइत्भीनान शो गमा , वन्तयी। रुईवा तुम्शायी इव नेकी औय एशवान को भौत की गोद भें जाते लक्त बी न बूरेगी। तुभ जशाॊ यशोगे तुम्शायी मश फशन तुम्शये मरए बगलान वे प्राथाना कयती यशेगी। स्जव लक्त तुम्शें कबी जरुयत शो , भेयी माद कयना। रुईवा दतूनमा के उव ऩदा ऩय शोगी तफ बी तुम्शायी खखदभत के मरए शास्जय शोगी। लश आज वे तुम्शें अऩना बाई वभझती शै। मवऩाशी की स्जन्गी भें ऐवे भौके आते शैं , जफ उवे एक खखदभत कयने लारी फशन की जरुयत शोती शै। बगलान न कये तुम्शायी स्जन्दगी भें ऐवा भौका आमें रेक्रकन अगय आमें तो रुईवा अना पजा अदा कयने भें कबी ऩीछे न यशेगी। क्मा भैं अऩने नेकमभजाज बाई का नाभ ऩूछ वकती शूॊ?‘ बफजरी एक फाय चभक उठी। भैंने देखा रुईवा की आॊखों भें आॊवू बये शुए शैं। फोरा-रुईवाख ्इन शौवरा फढ़ाने लारी फातों के मरए भैं तुम्शाया ह्रदम वे कृतस शूॊ। रेक्रकन भैं जो कुछ कय यशय शूॊ , लश नैततकता औयशभददी के नाते कय यशा शूॊ। क्रकवी इनाभ की भुझ ेइच्छा नशीॊ शै। भेया नाभ ऩूछकय क्मा कयेगी?

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रुईवा ने मळकामत के सलय भें कशा-क्मा फशन के मरए बाई का नाभ ऩूछना बी पौजी कानून के खखराप शै ?

इन ळब्द भें कुछ ऐवी वच्चाई , कुछ ऐव प्रेभ , कुछ ऐवा अऩनाऩन बया शुआ था, क्रक भेयी आॊखों भे फयफव ऑ ॊवू बय आमे।

फोरा —नशीॊ रुईवा , भैं तो मवपा मशी चाशता शूॊ क्रक इव बाई जैवे वरूक भें सलाथा की छामा बी न यशने ऩामे। भेया नाभ श्रीनाथ मवॊश शै।

रुईवा ने कृतसता व्मक्त कयने के तौय ऩय भेया शाथ धीये वे दफामा औय थैक्व कशकय चरी गई। अॊधेये के कायण बफल्कुर नजय न आमा क्रक लश कशाॊ गई औय न ऩूछना शी उगचत था। भैं लशीॊ खड़ा-खड़ा इव अचानक भुराकात के ऩशरुओॊ को वोचता यशा। कभास्ण्डॊग अपवय की फेटी क्मा एक भाभूरी मवऩाशी को औय लश बी जो कार आदभी शो , कुत्ते वे फदत्तय नशीॊ वभझती? भगय लशी औयत आज भेये वाथ बाई का रयश्ता कामभ कयके पूरी नशीॊ वभाती थी।

वके फाद कई वार फीत गमे। दतुनमा भें क्रकतनी शी िास्न्तमाॊ शो गई। रुव की जायळाशी मभट गई , जभान को कैवय दतुनमा के सटेज वे शभेळा

के मरए बफदा शो गमा , प्रातॊत्र की एक ळताब्दी भें स्जतना उन्नती शुई थी , उतनी इन थोड़-ेवे वारों भें शो गई। भेये जीलन भें बी क्रकतने शी ऩरयलातन शुए। एक टाॊग मुद्ध के देलता की बेंट शो गई , भाभूरी वे रेस्फ्टनेंट शो गमा।

एक ददन क्रपय ऐवी चभक औय गयज की यात थी। भैं क्लाटाय भैं फैठ शुआ कप्तान नाक्व औय रेस्फ्टनेंट डाक्टय चन्िमवॊश वे इवी घटना की चचाा कय यशा था जो दव-फायश वार ऩशरे शुई थी , मवपा रुईवा का नाभ तछऩा यखा था। कप्तान नाक्व को इव चचाा भें अवाधयण आनन्द आ यशा था। लश फाय-फाय एक-एक फात ऩूछता औय घटना िभ मभराने के मरए दफुाया ऩूछता था। जफ भैंने आखखय भें कशा क्रक उव ददन बी ऐवा शी अॊधेयी यात थी , ऐवी शी भूवराधाय फारयळ शो यशी थी औय मशी लक्त था तो नाक्व अऩनी जगश व उठकय खड़ा शो गमा औय फशुत उद्वलग्न शोकय फोरा-क्मा उव औयत का नाभ रुईवा तो नशीॊ था?

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भैंन आश्चमा वे कशा , ‗आऩको उवका नाभ कैवे भारूभ शुआ ? भैंने तो नशीॊ फतरामा ‘, ऩय नाक्व की आॊखों भें आॊवू बय आमे। मववक्रकमाॊ रेकय फोरे—मश वफ आऩको अबी भारूभ शो जाएगा। ऩशरे मश फतराइए क्रक आऩका नाभ श्रीनाथ मवॊश शैं मा चौधयी।

भैंने कशा-भेया नाभ श्रीनाथ मवॊश शै। अफ रोग भुझ ेमवपा चौधयी कशते शै। रेक्रकन उव लक्त चौधयी का नाभ वे भुझ ेकोई न जानता था। रोग श्रीनाथ कशते थे।

कप्तान नाक्व अऩनी कुवी खीॊचकय भेय ऩाव आ गमे औय फोरे-तफ तो आऩ भेये ऩुयाने दोसत तनकार। भुझ ेअफ तफ नाभ के फदर जाने वे धोखा शो यशा था , लनाा आऩका नाभ तो भुझ ेखूफ माद शै। शाॊ , ऐवा माद शै क्रक ळामद भयते दभ तक बी न बूरूॊ क्मोंक्रक म उवकी आखखय लवीमत शै।

मश कतशे-कशते नाक्व खाभोळ शो गमे औय आॊखें फन्द कयके वय भेज ऩय यख मरमा। भेया आश्चमा शय षण फढ़ता ज यशा था औय रेस्फ्टनझ्ट डा. चन्िमवॊश बी वलार-बयी नजयों वे एक फाय भेयी तयप औय दवूयी फाय कप्तान नाक्व के चेशये की तयप देख यशे थे।

दो मभनट तक खाभोळ यशने के फाद कप्तान नाक्व ने वय उठामा औय एक रम्फी वाॊव रेकय फोरे-क्मों रेस्फ्टनेंट चौधयी , तुम्शें माद शै एक फाय एक अॊगे्रज मवऩाशी ने तुम्शें फुयी गारी दी थी ?

भैंने कशा-शाॊ ,खूफ माद शै। लश कायऩोयर था भन उवका मळकामत कय दी थी औय उवका कोटाभळार शुआ था। ल कायऩोर के ऩद वे गगय कय भाभूरी मवऩाशी फना ददमा गमा था। शाॊ , उवका नाभ बी माद आ गमा क्रिऩ मा िुऩ...

कप्तान नाक्व ने फात काटते शुए कशा —क्रकयवऩन। उवकी औय भेयी वूयत भें आऩको कुछ भेर ददखाई ऩड़ता शै ? भैं शी लश क्रकयवऩन शूॊ। भेया नाभ वी, नाक्व शै , क्रकयवऩन नाक्व। स्जव तयश उन ददनों आऩको रोग श्रीनाथ कशते थे उवी तशय भुझ ेबी क्रकयवऩन कशा कयते थे।

अफ जो भैंने गौय नाक्व की तयप देखा तो ऩशचाना गमा। फेळक लश क्रकयवऩन शी था। भैं आश्चमा वे उवकी ओय ताकने रगा। रुईवा वे उवका क्मा वम्फन्ध शो वकता शै , मश भेयी वभझ भें उव लक्त बी न आमा।

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कप्तान नाक्व फोरे —आज भुझ ेवायी कशानी कशनी ऩड़गेी। रेस्फ्टनेण्ट चौधयी, तुम्शायी लजश वे जफ भै कायऩोर वे भाभूरी मवऩाशी फनामा गमा औय स्जल्रद बी कुछ कभ न शुई तो भेये ददर भें ईर्षमाा औय प्रततळोध की रऩटे-वी उठने रगीॊ। भैं शभेळा इवी क्रपग्र भें यशता था क्रक क्रकव तयश तुम्शें जरीर करुॊ क्रकव तयश अऩनी स्जल्रत का फदरा रूॊ। भैं तुम्शायी एक-एक शयकत को एक-एक फात को ऐफ ढूॊढने लारी नजयों वे देखा कयता था। इन दव-फायश वारों भें तुम्शायी वूयत फशुत कुछ फदर गई औय भेयी तनगाशों भें बी कुछ पका आ गमा शै स्जवके कायण भैं तुम्शें ऩशचान न वका रेक्रकन उव लक्त तुम्शायी वूयत शभेळा भेयी ओखों के वाभने यशती थी। उव लक्त भेयी स्जन्दगी की वफवे फड़ी तभन्ना मशी थी क्रक क्रकवी तयश तुम्शें बी नीचे गगयाऊॊ । अगय भुझ ेभौका मभरता तो ळामद भैं तुम्शायी जान रेने वे बी फाज न आता।

कप्तान नाक्व क्रपय खाभोळ शो गमे। भैं औय डाक्टय चन्िमवॊश टकटकी रगामे कप्तान नाक्व की तयप देख यशे थे।

नाक्व ने क्रपय अऩनी दासतान ळुरु की —उव ददन , यात को जफ रुईवा तुभवे फातें कय यशी थी , भैं अऩने कभये भैं फैठा शुआ तुम्शें दयू वे देख यशा था। भुझ ेउव लक्त भारूभ था क्रक लश रुईवा शै। भैं मवपा मश देख यशा था क्रक तुभ ऩशया देते लक्त क्रकवी औयत का शाथ ऩकड़ ेउववे फातें कय यशे शो। उव लक्त भुझ ेस्जतनी ऩाजीऩन वे बयी शुई खुळी शुई ल फमान नशीॊ कय वकता। भैंने वोचा , अफ इवे जरीर करुॊ गा। फशुत ददनों के फाद फच्चा पॊ वे शैं। अफ क्रकवी तयश न छोडूॊगा। मश पैवरा कयके भैं कभये वे तनकारा औय ऩानी भें बीगता शुआ तुम्शायी तयप चरा। रेक्रकन जफ तक भैं तुम्शाये ऩाव ऩशुॊचूॊ रुईवा चरी गई थी। भजफूय शोकय भैं अऩने कभये रौट आमा। रेक्रकन क्रपय बी तनयाळ न था , भैं जानता था क्रक तुभ झूठ न फोरोगे औय जफ भैं कभास्ण्डॊग अपवय वे तुम्शायी मळकामत करुॊ गा तो तुभ अऩना कवूय भान रोगो। भेये ददर की आग फुझाने के मरए इतना इम्भीनान कापी था। भेयी आयजू ऩूयी शोने भें अफ कोई वॊदेश न था।

भैंने भुसकयाकय कशा-रेक्रकन आऩने भेयी मळकामत तो नशीॊ की ? क्मा फाद को यशभ आ गमा?

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नाक्वा ने जलाफ ददमा-जी , यशभ क्रकव भयददू को आता था। मळकामत न कयने का दवूया शी कायण था , वफेया शोते शी भैंने वफवे ऩशरा काभ मशी क्रकमा क्रक वीधे काभस्ण्डॊग अपवय के ऩाव ऩशुॊचा। तुम्शें माद शोगा भैं उनके फड़ ेफेटे याजवा को घुड़वलायी मवखामा कयता था इवमरए लशाॊ जाने भें क्रकवी क्रकसभ की खझझक मा रुकालट न शुई। जफ भैं ऩशुॊचा ता याजवा ने कशा —

आज इतनी जल्दी क्मों क्रकयवऩन ? अबी तो लक्त नशीॊ शुआ? आज फशुत खुळ नजय आ यशे शो?

भैंने कुवी ऩय फैठते शुए कशा —शाॊ-शाॊ, भारूभ शै। भगय तुभने उवे गारी दी थी। भैंने क्रकवी कदय झेंऩते शुए कशा —भैंने गारी नशीॊ दी थी मवपा ब्रडी कशा था। मवऩादशमों भें इव तयश की फदजफानी एक आभ फात शै भगय एक याजऩूत ने भेयी मळकामत कय दी थी। आज भैंने उवे एक वॊगीन जुभा भें ऩकड़ मरमा शैं। खुदा ने चाशा तो कर उवका बी कोटा-भाळार शोगा। भैंने आज यात को उवे एक औयत वे फातें कयते देखा शै। बफरकुर उव लक्त जफ लश ड्मूटी ऩय था। लश इव फात वे इन्काय नशीॊ कय वकता। इतना कभीना नशीॊ शै।

रुईवा के चेशये का यॊग का कुछ शो गमा। अजीफ ऩागरऩन वे भेयी तयप देखकय फोरी—तुभने औय क्मा देखा?

भैंने कशा —स्जतना भैंने देखा शै उतना उव याजऩूत को जरीर कयने के मरए कापी शै। जरुय उवकी क्रकवी वे आळानाई शै औय लश औयत दशन्दोसतानी नशीॊ , कोई मोयोवऩमन रेडी शै। भैं कवभ खा वकता शूॊ , दोनों एक-दवूये का शाथ ऩकड़ ेक्रकरकुर उवी तयश फातें कय यशे थे , जैवे प्रेभी-प्रेमभका क्रकमा कयते शैं।

रुईवा के चेशये ऩय शलाईमाॊ उड़ने रगीॊ। चौधयी भैं क्रकतना कभीना शूॊ , इवका आन्दाजा तुभ खुद कय वकते शो। भैं चाशता शूॊ , तुभ भुझ ेकभीना कशो। भुझ ेगधक्कायो। भैं दरयन्दे=लशळी वे बी ज्मादा फेयशभ शूॊ , कारे वाॊऩ वे बी ज्मादा जशयीरा शूॊ। लश खड़ी दीलाय की तयप ताक यशी थी क्रक इवी फीच याजवा का कोई दोसत आ गमा। लश उवके वाथ चरा गमा। रुईवा भेये वाथ अकेरी यश गई तो उवने भेयी ओय प्राथाना-बयी आॊखों वे देखकय कशा —

क्रकयवऩन, तुभ उव याजऩूत मवऩाशी की मळकामत भत कयना।

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भैंने ताज्जफु वे ऩूछा —क्मों?

रुईवा ने वय झुकाकय कश —इवमरए क्रक स्जव औयत को तुभने उवके वाथ फातें कयते देखा लश भैं शी था।

भैंने औय बी चक्रकत शोकय कशा-तो क्मा तुभ उवे...

रुईवा ने फात काटकय कशा-चुऩ , लश भेया बाई शै। फात मश शै क्रक भैं कर यात को एक जगश जा यशी थी: तुभवे तछऩाऊॊ गी नशीॊ , क्रकयवऩन स्जवको भैं ददरोजान वे ज्मादा चाशती शूॊ , उववे यात को मभरने का लादा था , लश भेया इन्ताजाय भें ऩशाड़ के दाभन भें खड़ा था। अगय भैं न जाती तो उवकी क्रकतनी ददरमळकनी शोती भैं ज्मोंशी भैगजीन के ऩाव ऩशुॊची उव याजऩूत मवऩाशी ने भुझ ेटोंक ददमा। लश भुझ ेपौजी कामदे के भुताबफक वाजेण्ट के ऩाव रे जाना चाशता था रेक्रकन भेये फशुत अनुनम-वलनम कयने ऩय भेयी राज यखने के मरए पौजी कानून तोड़ने को तैमाय शो गमा। वोचो , उवने आनन मवय क्रकतनी फड़ी स्जम्भेदायी री। भैंने उवे अऩना बाई कशक ऩुकाय शै औय उवने बी भुझ ेफशन कशा शै। वोचो अगय तुभ उवकी मळकामत कयोगे तो उवकी क्मा शारत शोगी लश नाभ न फतरामेगा , इवका भुझ ेऩूया वलश्लाव शै। अगय उवके गरे ऩय तरलाय बी यख दी जाएगी , तो बी लश भेया नाभ न फतामेगा, भैं नशीॊ चाशती क्रक एक नेक काभ कयने का उवे मश इनाभ मभरे। तुभ उवकी मळकामत शयगगज भत कयना। तुभवे मशी भेयी प्राथाना शै।

भैंन तनदाम कठोयता वे कशा —उवने भेयी मळकामत कयके भुझ ेजरीर क्रकमा शै। ऐवा अच्छा भौका ऩाकय भैं उवे छोड़ना नशीॊ चाशता। जफ तुभ को मकीन शै क्रक लश तुम्शाया नाभ नशीॊ फतामेगा तो क्रपय उवे जशन्नुभ भें जाने दो।

रुईवा ने भेयी तयप घणृाऩूलाक देखकय कश-चुऩ यशो क्रकयवऩन , ऐवी फातें भुझवे न कयो। भैं इवे कबी गलाया न करुॊ गी क्रक भेयी इज्जत-आफरु के मरए उवे स्जल्रत औय फदनाभी का तनळान फनना ऩड़।े अगय तुभ भेयी न भानोगे तो भैं वच कशती शूॊ , भैं खुदकुळी कय रूॊगी।

उव लक्त तो भैं मवपा प्रततळोध का प्मावा था। अफ भेये ऊऩय लावना का बूत वलाय शुआ। भैं फशुत ददनों वे ददर भें रुईवा की ऩूजा क्रकमा कयता था रेक्रकन अऩनी फात कशने का वाशव न कय वकता था। अफ उवको फव

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भें राने का भुझ ेभौका मभरा। भैने वोचा अगय मश उव याजऩूत मवऩाशी के मरए जान देने को तैमाय शै तो तनश्चम शी भेयी फात ऩय नायाज नशीॊ शो वकती। भैंने उवी तनदाम सलाथाऩयता के वाथ कशा-भुझ ेवतत अपवोव शै भगय अऩने मळकाय को छोड़ नशीॊ वकता।

रुईवा ने भेयी तयप फेकव तनगाशों वे देखकय कशा —मश तुम्शाया आखखयी पैवरा शै?

भैंने तनदाम तनराज्जता वे कशा —नशी रुईवा , मश आखखयी पैवरा नशीॊ शै। तुभ चाशो तो उवे तोड़ वकती शो , मश बफरकुर तुम्शाये इभकान भें शै। भैं तुभवे क्रकतना भुशब्फत कयता शूॊ , मश आज तत ळामद तुम्शें भारूभ न शो। भगय इन तीन वारों भें तुभ एक ऩर के मरए बी भेये ददर वे दयू नशीॊ शुई। अगय तुभ भेयी तयप वे अऩने ददर को नभा कय रो , भेयी भोशब्फत को कि कयो तो भै वफ कुछ कयने को तैमाय शूॊ। भैं आज एक भाभूरी मवऩाशी शूॊ , औय भेये भुॊश वे भुशब्फत का तनभन्त्रण ऩाकय ळामद तुभ ददर भें शॊवती शोगी, रेक्रकन एक ददन भैं बी कप्तान शो जाऊॊ गा औय तफ ळामद शभाये फीच इतनी फड़ी खाई न यशेगी।

रुईवा ने योकय कशा-क्रकयवऩन , तुभ फड़ ेफेयशभ शो , भैं तुभको इतना जामरभ न वभझती थी। खुदा ने क्मों तुम्शें इतना वॊगददर फनामा , क्मा तुम्शें ए फेकव औयत ऩय जया बी यशभ नशीॊ आता

भैं उवकी फेचायगी ऩय ददर भें खुळ शोकय फोरा-जो खुद वॊगददर शो उवे दवूयों की वॊगददरी की मळकमत कयने का क्मा शक शै ?

रुईवा ने गम्बीय सलय भें कशा-भैं फेयशभ नशीॊ शूॊ क्रकयवऩन , खुदा के मरए इन्वाप कयो। भेया ददर दवूये का शो चुका , भैं उवके फगैय स्जन्दा नशीॊ यश वकती औय ळामद लश बी भेय फगैय स्जन्दा न यशे। भैं अऩनी फाता यखने के मरए , अऩने ऊऩय नेकी कयने लारे एक आदभी की आफरु फचाने के मरए अऩने ऊऩय जफादसत कयके अगय तुभवे ळादी कय बी रूॊ तो नतीजा क्मा शोगा? जोय-जफदासती वे भुशब्फत नशीॊ ऩैदा शोती। भैं कबी तुभवे भुशब्फत न करुॊ गी... दोसतों , आनी फेळभी औय फेशामई का ऩदाापाळ कयते शुए भेये ददर को ददर को फड़ी वतत तकरीप शो यशी शै। भुझ ेउव लक्त लावना ने इतना

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अन्धा फना ददमा था क्रक भेये कानों ऩय जूॊ तक न येंगी। फोरा —ऐवा भत तमार कयो रुईवा। भुशब्ब्त अऩना अऩना अवय जरुय ऩैदा कयती शै। तुभ इव लक्त भुझ ेन चाशो रेक्रकन फशुत ददन न गुजयने ऩाएॊगे क्रक भेयी भुशब्फत यॊग राएगी, तुभ भुझ ेसलाथी औय कभीना वभझ यशी शो , वभझो, प्रेभ सलाथी शोता शै शी शै , ळामद लश कभीना बी शोता शै। रेक्रकन भुझ ेवलश्लाव शै क्रक मश नपयत औय फेरुखी फशुत ददनों तक न यशेगी। भैं अऩने जानी दशु्भन को छोड़ने के मरए ज्मादा वे ज्मादा कीभत रूॊगा , जो मभर वके।

रुईवा ऩॊिश मभनट तक बीऴण भानमवक मातना की शारत भें खड़ी यशी। जफ उवकी माद आती शै तो जी चाशता शै गरे भें छुयी भाय रूॊ। आखखय उवने आॊवूबयी तनगाशों वे भेयी तयप देखकय कशा —अच्छी फात शै क्रकयवऩन , अगय तुम्शायी मश इच्छा शै तो मशी वशी। तुभ लक्त जाओॊ , भुझ ेखूफ जी बयकय यो रेने दो।

मश कशते-कशते कप्तान नाक्व पूट-पूटकय योने रगे। भैंने कशा —अगय आऩको मश ददा—बयी दासतान कशने भें द:ुख शो यशा शै तो जाने दीस्जए।

कप्तान नाक्व ने गरा वाप कयके कशा-नशीॊ बाई , लश क्रकसवा के ऩाव जाता, औय उवके ददर वे अऩने प्रततद्लन्द्ली के खमार को मभटाने की कोमळळ कयता। लश भुझ ेदेखते शी कभये वे फाशय तनकर आती , खुळ शो-शोकय फातें कयती। मशाॊ तक क्रक भैं वभझने रगा क्रक उवे भुझवे प्माय शो गमा शै। इवी फीच मोयोवऩमन रड़ाई तछड़ गई। शभ औय तुभ दोनों रड़ाई ऩय चरे गए तुभ फ्रॊ व गमे , भैं कभास्ण्डॊग अपवय के वाथ मभस्र गमा। रुईवा अऩने चचा के वाथ मशीॊ यश गई। याजवा बी उवके के वाथ यश गमा। तीन वार तक भैं राभ ऩय यशा। रुईवा के ऩाव वे फयाफय खत आते यशे। भैं तयक्कती ऩाकय रेस्फ्टनेण्ट शो गमा औय कभास्ण्डॊग अपवय कुछ ददन औय स्जन्दा यशते तो जरुय कप्तान शो जाता। भगय भेयी फदनवीफी वे लश एक रड़ाई भें भाये गमे। आऩ रोगों को उव रड़ाई का शार भारूभ शी शै। उनके भयने के एक भशीने फाद भैं छुट्टी रेकय घय रौटा। रुईवा अफ बी अऩने चचा के वाथ शी थी। भगय अपवोव , अफ न लश शुसन थी न लश स्जन्दाददरी , घुरकय काॊटा शो गई थी , उव लक्त भुझ ेउवकी शारत देखकय फशुत यॊज शुआ। भुझ ेअफ भारूभ शो गमा क्रक उवकी भुशब्फत क्रकतनी वच्ची औय

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क्रकतनी गशयी थी। भुझवेे ळादी का लादा कयके बी लश अऩनी बालनाओॊ ऩय वलजम न ऩा वकी थी। ळामद इवी गभ भें कुढ़-कुढ़कय उवकी मश शारत शो गई थी। एक ददन भैंने उववे कशा —रुईवा, भुझ ेऐवा खमार शोता शै क्रक ळामद तुभ अऩने ऩुयाने प्रेभी को बूर नशीॊ वकीॊ। अगय भेया मश खमार ठीक शै तो भैं उव लादे वे तुभको भुक्त कयता शूॊ , तुभ ळौक वे उवके वाघ्थ ळादी कय रो। भेये मरए मशी इत्भीनान कापी शोगा क्रक भैं ददन यशते घय आ गमा। भेयी तयप वे अगय कोई भरार शो तो उवे तनकार डारो।

रुईवा की फड़ी-फड़ी आॊखों वे आॊवू की फूॊदें टऩकने रगीॊ। फोरी —लश अफ इव दतुनमा भें नशीॊ शै क्रकयवऩन , आज छ: भशीने शुए लश फ्राॊव भें भाये गमे। भैं शी उवकी भौत का कायण शुई —मशी गभ शै। पौज वे उनका कोई वॊफॊध न था। अगय लश भेयी ओय वे तनयाळ न शो जाते तो कबी पौज भें बती शोते। भयने शी के मरए लश पौज भें गए। भगय तुभ अफ आ गए , भैं फशुत जल्द अच्छी शो जाऊॊ गी। अफ भुझभें तुम्शायी फीली फनने की काफमरमत ज्मादा शो गई। तुम्शाये ऩशरू भें अफ कोई काॊटा नशीॊ यशा औय न भेये ददर भें कोई गभ।

इन ळब्दों भें व्मॊग बया शुआ था , स्जवका आळम मश था क्रक भैंने रुईवा के प्रेभी कीश जान जी। इवकी वच्चाई वे कौन इन्काय कय वकता शै। इवके प्रामस्श्चत की अगय कोई वूयत थी ताक मशीॊ क्रक रुईवा की इतनी खाततयदयी, इतनी ददरजोई करुॊ , उव ऩय इव तयश न्मैछालय शो जाऊॊ क्रक उवके ददर वे मश दखु तनकर जाम।

इवके एक भशीने फाद ळादी का ददन तम शो गमा। शभायी ळादी बी शो गई। शभ दोनों घय आए। दोसतों की दालत शुई। ळयाफ के दौय चरे। भैं अऩनी खुळनवीफी ऩय पूरा नशीॊ वभाता था औय भैं शी क्मों भेये इर्षटमभत्र वफ भेयी खुळक्रकसभत ऩय भुझ ेफधाई दे यशे थे।

भगय क्मा भारूभ था तकदीय भुझ ेमों वब्ज फाग ददखा यशी शै , क्मा भारूभ था क्रक मश लश यासता शै , स्जवके ऩीछे जामरभ मळकायी का जार बफछा शुआ शै। भैं तो दासतों की खाततय-तलाजों भें रगा शुआ था , उधय रुईवा अन्दयकभये भें रेटी शुई इव दतुनमा वे रुखवत शोने का वाभान कय यशी थी। भैं एक दोसत की फधाई का धन्मालाद दे यशा था क्रक याजवा ने आकय कशा-

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क्रकयवऩन, चरो रुईवा तुम्शें फुरा यशी शै। जल्द। उवकी न जाने क्मा शारत शो यशी शै। भेये ऩैयों तरे वे जभीन खखवक गई। दौड़ता शुआ रुईवा के कभये भें आमा।

कप्तान नाक्व की आॊखों वे क्रपय आॊवू फशने रगे , आलाज क्रपय बायी शो गई। जया दभ रेकय उन्शोंने कशा-अन्दय जाकय देखा तो रुईवा कोच ऩय रेटी शुई थी। उवका ळयीय ऐॊठ यशा था। चेशये ऩय बी उवी एॊठन के रषण ददखाई दे यशे थे। भुझ ेदेखकय फोरी-क्रकयवऩन , भेये ऩाव आ जाओ। भैंने ळादी कयके अऩना लचन ऩूया कय ददमा। इववे ज्मादा भैं तुम्शें कुछ औय न दे वकती थी क्मोंक्रक भैं अऩनी भुशब्फत ऩशरे शी दवूयी की बेंट कय चुकी शूॊ , भुझ ेभाप कयना भैंने जशय खा मरमा शै औय फव कुछ घडड़मों की भेशभान शूॊ।

भेयी आॊखों के वाभने अॊधेया छा गमा। ददर ऩय एक नश्तय-वा रगा। घुटने टेककय उवके ऩाव फैठ गमा। योता शुआ। फोरा —रुईवा, मश तुभने क्मा क्रकमा शाम क्मा तुभ भुझ ेदाग देकय जल्दी चरी जाओगी , क्मा अफ कोई तदफीय नशीॊ शै?

पौयन दौड़कय एक डाक्टय के भकान ऩय गमा। भगय आश जफ तक उवे वाथ रेकय आऊॊ भेयी लपा की देली , वच्ची रुईवा शभेळा के मरए भुझवे जुदा शो गई थी। मवपा उवके मवयशाने एक छोटा-वा ऩुजाा ऩड़ा शुआ था स्जव ऩय उवने मरखा था , अगय तुम्शें भेया बाई श्रीनाथ नजय आमे तो उववे कश देना, रुईवा भयते लक्त बी उवका एशवान नशीॊ बूरी।

मश कशकय नाक्व ने अऩनी लासकेट की जेफ वे एक भखभरी डडबफमा तनकारी औय उवभें वे कागज का एक ऩुजाा तनकारकय ददखाते शुए कशा-चौधयी, मशी भेये उव असथामी वौबाग्म की सभतृत शै स्जवे आज तक भैंने जान वे ज्मादा वॊबार कय यखा शैं आज तुभवे ऩरयचम शो गए शोगे , भगय ळुि शै क्रक तुभ जीते-जागते भौजूद शो। मश आभानत तुम्शाये वुऩुदा कयता शूॊ। अफ अगय तुम्शाये जी भें आए तो भुझ ेगोरी भाय दो , क्मोंक्रक उव सलागगाक जील का शत्माया भैं शूॊ।

मश कशते-कशते कप्तान नाक्व पैरकय कुवी ऩय रेट गए। शभ दोनों शी की आॊखों वे आॊवू जायी थे भगय जल्दी शी शभें अऩने तात्कामरक कताव्म

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की माद आ गई। नाक्वा को वान्त्लाना देने के मरए भैं कुवी वे उठकय उनके ऩाव गमा , भगय उनका शाथ ऩकड़ते शी भेये ळयीय भें कॊ ऩकॊ ऩी-वी आ गई। शाथ ठॊडा था। ऐवा ठॊडा जैवा आखखय घडड़मों भें शोता शै। भैंने घफयाकय उनके चेशये की तयप देखा औय डाक्टय चन्ि को ऩुकाया। डाक्टय वाशफ ने आकय ने आकय पौयन उनकी छाती ऩय शाथ यखा औय ददा-बये रशजे भें फोरे—ददर की धड़कड़ा उठी , कड़...कड़..कड़..

---‗प्रेभचरीवा‘ वे

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जवांग

जऩूत खानदान भें ऩैदा शो जाने शी वे कोई वूयभा नशीॊ शो जाता औय न नाभ के ऩीछे ‗मवॊश‘ की दभु रगा देने शी वे फशादयुी आती शै।

गजेन्ि मवॊश के ऩुयखे क्रकव जभाने भें याजऩूत थे इवभें वन्देश की गुॊजाइळ नशीॊ। रेक्रकन इधय तीन ऩुश्तों वे तो नाभ के मवला उनभें याऩूती के कोई रषण न थे। गजेन्ि मवॊश के दादा लकीर थे औय स्जयश मा फशव भें कबी-कबी याऩूती का प्रदळान कय जाते थे। फाऩ ने कऩड़ ेकी दकुान खारकय इव प्रदळान की बी गुॊजाइळ न यखी।औय गजेन्ि मवॊश ने तो रूटीमा शी डूफो दी। डीर-डौर भें बी पका आता गमा। बूऩेन्ि मवॊश का वीना रम्फा-चौड़ा था नयेन्ि मवॊश का ऩेट रम्फा-चौड़ा था , रेक्रकन गजेन्ि मवॊश का कुछ बी रम्फा-चौड़ा न था। लश शरके-पुल्के , गोये-गचटे्ट , ऐनाकफजा , नाजुक फदन , पैळनेफुर फाफू थे। उन्शें ऩढ़ने-मरखने वे ददरचसऩी थी।

भगय याजऩूत कैवा शी शो उवकी ळादी तो याजऩूत खानदान शी भें शोगी। गजेन्ि मवॊश की ळादी स्जव खानदान भें शुई थी , उव खानदान भें याजऩूती जौशय बफरकुर पना न शुआ था। उनके ववुय ऩेंळन वूफेदाय थे। वारे मळकायी औय कुश्तीफाज। ळादी शुए दो वार शो गए थे , रेक्रकन अबी तक एक फाय बी ववुयार न आ वका। इम्ताशानों वे पुयवत शी न मभरती थी। रेक्रकन अफ ऩढ़ाई खतभ शो चुकी थी , नौकयी की तराळ थी। इवमरमे अफकी शोरी के भौके ऩय ववुयार वे फुराला आमा तो उवने कोई शीर-शुज्जत न की। वूफेदाय की फड़-ेफड़ ेअपवयों वे जान-ऩशचान थी , पौजी अपवयों की शुक्कभ क्रकतनी कि औय क्रकतनी इज्जत कयते शैं , मश उवे खूफ भारूभ था। वभझा भुभक्रकन शै , वूफेदाय वाशफ की मवपारयळ वे नामफ तशवीरदायी भें नाभजद शो जाम। इधय श्माभदरुायी वे बी वार-बय वे भुराकात नशीॊ शुई थी। एक तनळाने वे दो मळकाय शो यशे थे। नमा येळभी कोट फनलामा औय शोरी के एक ददन ऩशरे ववुयार जा ऩशुॊचा। अऩने गयाण्डीर वारों के वाभने फच्चा-वा भारूभ शोता था।

या

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तीवये ऩशय का लक्त था , गजेन्ि मवॊश अऩने वारों वे वलद्माथी कार के कायनाभें फमान कय यशा था। पूटफार भें क्रकव तयश एक देल जैवे रम्फे-तड़ॊगे गोये को ऩटखनी दी , शाकी भैच भे क्रकव तयश अकेरे गोर कय मरमा , क्रक इतने भें वूफेदाय वाशफ देल की तयश आकय खड़ ेशो गए औय फड़ ेरड़के वे फोरे—अये वुनों, तुभ मशाॊ फैठे क्मा कय यशे शो। फाफू जी ळशय वे आमे शै , इन्शें रजे जाकय जया जॊगर की वैय कया राओ। कुछ मळकाय-वलकाय खखराओ। मशा ठॊठय-लेठय तो शै नशीॊ , इनका जी घफयाता शोगा। लक्त बी अच्छा शै, ळाभ तक रौट आओगे।

मळकाय का नाभ वुनते शी गजेन्ि मवॊश की नानी भय गई। फेचाये ने उम्र-बय कबी मळकाय न खेरा था। मश देशाती उजड़ रौंड ेउवे न जाने कशाॊ-कशाॊ दौड़ाएॊगे , कशीॊ क्रकवी जानलय का वाभन शा गमा तो कशीॊ के न यशे। कौन जाने दशयन शी चोट कय फैठे। दशयन बी तो बागने की याश न ऩाकय कबी-कबी ऩरट ऩड़ता शै। कशीॊ बेडड़मा तनकर आमे तो काभ शी तभाभ कय दे। फोरे—भेया तो इव लक्त मळकाय खेरने को जी नशीॊ चाशता , फशुत थक गमा शूॊ।

वूफेदाय वाशफ ने पयभामा —तुभ घोड़ ेऩय वलाय शो रेना। मशी तो देशात की फशाय शै। चुन्नू , जाकय फन्दकू रा , भैं बी चरूॊग। कई ददन वे फाशय नशीॊ तनकरा। भेया याइपर बी रेते आना।

चुन्नू औय भुन्नू खूळ-खूळ फन्दकू रेने दौड़े , इधय गजेन्ि की जान वूखने रगी। ऩछता यशा था क्रक नाशक इन रौडों के वाथ गऩ-ळऩ कयने रगा। जानता क्रक मश फरा मवय ऩय आने लारी शै , तो आते शी पौयन फीभाय फानकय चायऩाई ऩय ऩड़ यशाता। अफ तो कोई शीरा बी नशीॊ कय वकता। वफवे फड़ी भुवीफत घोड़ ेकी वलायी। देशाती घोड़ ेमो शी थान ऩय फॊधे-फॊधे टये शो जाते शैं औय आवन का कच्चा वलाय देखकय तो लश औय बी ळखेखमाॊ कयने रगते शैं। कशीॊ अरप शो गमा भुझ ेरेकय क्रकवी नारे की तयप फेतशाळा बागा तो खैरयमत नशीॊ।

दोनों वारों फन्दकेू रेकय आ ऩशुॊचे। घोड़ा ब खखॊचकय आ गमा। वूफेदाय वाशफ मळकुयी कऩड़ ेऩशन कय तैमाय शो गए। अफ गजेन्ि के मरए कोई शीरा न यशा। उवने घोड़ ेकी तयप कनाखखमों वे देखा —फाय-फाय जभीन

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ऩय ऩैय ऩटकता था ,दशनदशनाता था , उठी शुई गदान , रारा आॊखें , कनौततमाॊ खड़ी, फोटी-फोटी पड़क यशी थी। उवकी तयप देखते शुए डय रगता था। गजेन्ि ददर भें वशभ उठा भगय फशादयूी ददखाने के मरए घोड़ ेके ऩाव जाकय उवके गदान ऩय इव तयश थऩक्रकमाॊ दीॊ क्रक जैवे ऩक्का ळशवलाय शैं , औय फोरा—जानलय तो जानदाय शै भगय भुनामवफ नशीॊ भारूभ शोता क्रक आऩ रोगो तो ऩैदर चरे औय भैं घोड़ ेऩय फैठूॊ । ऐवा कुछ थका नशीॊ। भैं बी ऩैदर शी चरूगाॊ, इवका भुझ ेअभ्माव शै।

वूफेदाय ने कशा-फेटा , जॊगर दयू शै , थक जाओगे। फड़ा वीधा जानलय शैं , फच्चा बी वलाय शो वकता शै।

गजेन्ि ने कशा-जी नशीॊ , भुझ ेबी मो शी चरने दीस्जए। गऩ-ळऩ कयते शुए चरेंगे। वलायी भें लश रुफ्त कशाॊ आऩ फुजगा शैं , वलाय शो जामॊ।

चायों आदभी ऩैदर चरे। रोगों ऩय गजेन्ि की इव नम्रता का फशुत अच्छा अवय शुआ। वम्मता औय वदाचाय तो ळशयलारे शी जानते शैं। ततव ऩय इल्भ की फयक।

थोड़ी दयू के फाद ऩथयीरा यासता मभरा। एक तयप शया-बया भैदान दवूयी तयप ऩशाड़ का मवरमवरा। दोनों शी तयप फफूर , कयीर , कयौंद औय ढाक के जॊगर थे। वूफेदाय वाशफ अऩनी-पौजी स्जन्दगी के वऩटे शुए क्रकसवे कशतेग चरे आते थे। गजेन्ि तेज चरने की कोमळळ कय यशा था। रेक्रकन फाय-फाय वऩछड़ जाता था। औय उवे दो-चाय कदभ दौड़कय उनके फयाफय शोना ऩड़ता था। ऩवीने वे तय शाॊपता शुआ , अऩनी फेलकूप ऩय ऩछताता चरा जाता था। मशाॊ आने की जरुयत शी क्मा थी , श्माभदरुायी भशीने-दो-भशीने भें जाती शी। भुझ ेइव लक्त कुत्तें की तयश दौड़ते आने की क्मा जरुयत थी। अबी वे मश शार शै। मळकाय नजय आ गमा तो भारूभ नशीॊ क्मा आपत आएगी। भीर-दो-भीर की दौड़ तो उनऩके मरए भाभूरी फात शै भगय मशाॊ तो कचूभय शी तनकर जामगा। ळामद फेशोळ शोकय गगय ऩडूॊ। ऩैय अबी वे भन-भन-बय के शो यशे थे।

मकामक यासते भें वेभर का एक ऩेड़ नजय आमा। नीचे-रार-राॊर पूर बफछे शुए थे , ऊऩय वाया ऩेड़ गुरनाय शो याश था। गजेन्ि लशीॊ खड़ा शो गमा औय उव ऩेड़ को भसताना तनगाशों वे देखने रगा।

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चुन्नू ने ऩूछा-क्मा शै जीजा जी , रुक कैवे गमे?

गजेन्ि मवॊश ने भुग्ध बाल वे कशा —कुछ नशीॊ , इव ऩेड़ का आका ऴक वौन्दमा देखकय ददर फाग-फाग शुआ जा यशा शै। अशा , क्मा फशाय शै , क्मा यौनक शै , क्मा ळान शै क्रक जैवे जॊगर की देली ने गोधीमर के आकाळ को रस्ज्जत कयने के मरए केवरयमा जोड़ा ऩशन मरमा शो मा ऋवऴमों की ऩवलत्र आत्भाएॊ अऩनी ळाश्लत मात्रा भें मशा आयाभ कय यशी शों , मा प्रकृतत का भधुय वॊगीत भूतताभान शोकय दतुनमा ऩय भोदशन भन्त्र डार यशा शो आऩ रोग मळकाय खेरने जाइए , भुझ ेइव अभतृ वे तपृ्त शोने दीस्जए।

दोनों नौजलान आश्चमा वे गजेन्ि का भुॊश ताकने रगे। उनकी वभझ शी भें न आमा क्रक मश भशाश्म कश क्मा यशे शैं। देशात के यशनेलारे जॊगरों भें घूभनेलारे , वेभर उनके मरए कोई अनोखी चीज न थी। उवे योज देखते थे, क्रकतनी शी फाय उव ऩय चढे़ , थे उवके नीचे दौड़ ेथे , उवके पूरों की गेंद फनाकय खेरे थे , उन ऩय मश भसती कबी न छाई थी , वौंदमा का उऩबोग कयना फेचाये क्मा जाने।

वूफेदाय वाशफ आगे फढ़ गमे थे। इन रोगों को ठशया शुआ देखकय रौट ओमे औय फोरे—क्मों फेटा ठशय क्मों गमे?

गजेन्ि ने शाथ जोड़कय कशा-आऩ रोग भुझ ेभाप कीस्जए , भैं मळकाय खेरने न जा वकूॊ गा। पूरों की मश फशाय देखकय भुझ ऩय भसती-वी छा गई शैं, भेयी आत्भा सलगा के वॊगीत का भजा रे यशी शै। अशा , मश भेया शी ददर जो पूर फनकय चभक यशा शै। भुझ भें बी लशी रारी शै , लशीॊ वौंदमा शै , लशी यव शै। भेये ह्दम ऩय केलर असानता का ऩदाा ऩड़ा शुआ शै। क्रकवका मळकाय कयें? जॊगर के भावूभ जानलायों का ? शभीॊ तो जानलय शैं , शभीॊ तो गचडड़माॊ शैं , मश शभायी शी कल्ऩनाओॊ का दऩाण शै स्जवभें बौततक वॊवाय की झरक ददखाई ऩड़ यशी शै। क्मा अऩना शी खून कयें ? नशीॊ , आऩ रोग मळकाय कयन जाॊम, भुझ ेइव भसती औय फशाय भें डूफकय इवका आन्नद उठाने दें। फस्ल्क भैं तो प्राथाना करुगाॊ क्रक आऩ बी मळकाय वे दयू यशें। स्जन्दगी खुमळमों का खजाना शैं उवका खून न कीस्जए। प्रकृतत के दृश्मों वे अऩने भानव-चषुओॊ को तपृ्त कीस्जए। प्रकृतत के एक-एक कण भें , एक-एक पूर भें , एक-एक

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ऩत्ती भें इवी आन्नद की क्रकयणों चकभ यशी शैं। खून कयके आन्नद के इव अषम स्रोत को अऩवलत्र न कीस्जए।

इव दळातनक बाऴण ने वबी को प्रबावलत कय ददमा। वूफेदाय ने चुन्नू वे धीभे वे कशा —उम्र तो कुछ नशीॊ शै रेक्रकन क्रकतना सान बया शुआ शै। चुन्नू ने बी अऩनी श्रदृ्धा को व्मक्त क्रकमा —वलद्मा वे शी आत्भा जाग जाती शै, मळकाय खेरना शै फुया।

वूफेदाय वाशफ ने सातनमों की तयश कशा —शाॊ, फुया तो शै , चरो रौट चरें। जफ शयेक चीज भें उवी का प्रकाळ शै , तो मळकाय कौन औय मळकाय कौन अफ कबी मळकाय न खेरूॊगा।

क्रपय लश गजेन्ि वे फोरे-बइमा , तुम्शाये उऩदेळ ने शभायी आॊखें खोर दीॊ। कवभ खाते शैं , अफ कबी मळकाय न खेरेगे।

गजेन्ि ऩय भसती छाई शुई थी , उवी नळ ेकी शारत भें फोरा-ईश्लय को राख-राख धन्मलाद शै क्रक उवने आऩ रोगों को मश वदफुवद्ध दी। भुझ ेखुद मळकाय का क्रकतना ळौक था , फतरा नशीॊ वकता। अनगगनत जॊगरी वूअय , दशयन, तुॊदएु, नीरगामें , भगय भाये शोंगे , एक फाय चीते को भाय डारा। भगय आज सान की भददया का लश नळ शुआ क्रक दतुनमा का कशीॊ अस्सतत्त्ल शी नशीॊ यशा।

री जराने का भुशूात नौ फजे यात को था। आठ शी फजे वे गाॊल के औयत-भदा, फूढे़-फच्चे गाते-फजाते कफीॊये उड़ाते शोरी की तयप चरे।

वूफेदाय वाशफ बी फार-फच्चों को मरए भेशभान के वाथ शोरी जराने चरे।

गजेन्ि ने अबी तक क्रकवी फड़ ेगाॊल की शोरी न देखी थी। उवके ळशय भें तो शय भुशल्रे भें रकड़ी के भोटे-भोटे दो चाय कुन्दे जरा ददमे जाते थे , जो कई-कई ददन तक जरते यशते थे। मशाॊ की शोरी एक रम्फे-चौड़ ेभैदान भें क्रकवी ऩशाड़ की ऊॊ ची चोटी की तयश आवभान वे फातें कय यशी थी। ज्मों शी ऩॊडडत जी ने भॊत्र ऩढ़कय नमे वार का सलागत क्रकमा , आततळफाजी छूटने रगी। छोटे-फड़ ेवबी ऩटाखे , छछूॊदये, शलाइमाॊ छोड़ने रगे। गजेन्ि के मवय ऩय वे कई छछूॊदय वनवनाती शुई तनकर गईं। शयेक ऩटाखे ऩय फेचाय दो-दो

शो

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चाय-चाय कदभ ऩीछे शट जाता था औय ददर भें इव उजड़ देशाततमाॊ को कोवता था। मश क्मा फेशूदगी शै , फारुद कशीॊ कऩड़ ेभें रग जाम , कोई औय दघुाटना शो जाम तो वायी ळयायत तनकर जाए। योज शी तो ऐवी लायदातों शोती यशती शै, भगय इन गॊलायों क्मा खफय। मशाॊ दादा न जो कुछ क्रकमा लशी कयेंगे। चाशे उवभें कुछ तुक शो मा न शो

अचानक नजदीक वे एक फभगोर के छूटने की गगनबेदी आलज शुई क्रक जैवे बफजरी कड़की शो। गजेन्ि मवॊश चौंककय कोई दो पीट ऊॊ चे उछर गए। अऩनी स्जन्दगी भें लश ळामद कबी इतना न कूदे थे। ददर धक-धक कयने रगा , गोमा तोऩ के तनळाने के वाभने खड़ ेशों। पौयन दोनों कान उॊगमरमों वे फन्द कय मरए औय दव कदभ औय ऩीछे शट गए।

चुन्नू ने कशा —जीजाजी, आऩ क्मा छोड़ेंगे, क्मा राऊॊ ?

भुन्नू फारा-शलाइमाॊ छोडड़ए जीजाजी , फशुत अच्छी शै। आवभान भें तनकर जाती शैं।

चुन्नू-शलाइमाॊ फच्चे छोड़ते शैं क्रक मश छोड़गेे ? आऩ फभगोरा छोडड़ए बाई वाशफ।

गजेन्ि —बाई, भुझ ेइन चीजों का ळौक नशीॊ। भुझ ेतो ताज्जुफ शो यशा शै फूढे़ बी क्रकतनी ददरचसऩी वे आततळफाजी छुड़ा यशे शैं।

भुन्नू-दो-चाय भशाताबफमाॊ तो जरुय छोडड़ए।

गजेन्ि को भशताबफमाॊ तनयाऩद जान ऩड़ी। उनकी रार , शयी वुनशयी चभक के वाचभने उनके गोये चेशये औय खूफवूयत फारों औय येळभी कुतें की भोशकता क्रकतनी फढ़ जामगी। कोई खतये की फात बी नशीॊ। भजे वे शाथ भें मरए खड़ ेशैं , गुर टऩ-टऩ नीचे गगय यशा शै ओय वफकी तनगाशें उनकी तयप रगी शुई शैं उनकी दळातनक फुवद्ध बी आत्भप्रदळान की रारवावे भुक्त न थी। पौयन भशताफी रे री , उदावीनता की एक अजफ ळान के वाथ। भगय ऩशरी शी भशताफी छोड़ना ळुरु की थी क्रक दवुया फभगोरा छूटा। आवभान काॊऩ उठा। गजेन्ि को ऐवा भारूभ शुआ क्रक जैवे कान के ऩदे पट गमे मा मवय ऩय कोई शथौड़ा-गगय ऩड़ा। भशताफी शाथ वे छूटकय गगय ऩड़ी औय छाती धड़कने रगी। अबी इव धाभके वे वम्शरने ने ऩामे थे क्रक दवूया धाभाक शुआ। जैवे आवभान पट ऩड़ा। वाये लामुभण्डर भें कम्ऩन-वा आ गमा ,

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गचडड़मा घोंवरों वे तनकर तनकर ळोय भचाती शुई बागी , जानलय यस्सवमाॊ तुड़ा-तुड़ाकय बागे औय गजेन्ि बी मवय ऩय ऩाॊल यखकय बागे , वयऩट , औय वीधे घय ऩय आकय दभ मरमा। चुन्नू औय भुन्नू दोनों घफड़ा गए। वूफेदाय वाशफ के शोळ उड़ गए। तीनों आदभी फगटुट दौड़ ेशुए गजेन्ि के ऩीछे चरे। दवूयों ने जो उन्शें बागते देखा तो वभझ ेळामद कोई लायदात शो गई। वफके वफ उनके ऩीछे शो मरए। गाॊल भें एक प्रततस्र्षठत अततगथ का आना भाभूरी फात न थी। वफ एक-दवूये वे ऩूछ यशे थे —भेशभान को शो क्मा गमा ? भाजया क्मा शैं? क्मों मश रोग दौड़ ेजा यशे शैं।

एक ऩर भें वैकड़ों आदभी वूफेदाय वाशफ के दयलाजे ऩय शार-चार ऩूछने मरए जभा शो गए। गाॊल का दाभाद कुरुऩ शोने ऩय बी दळानीम औय फदशार शोते शुए बी वफका वप्रम शोता शै।

वूफेदाय ने वशभी शुई आलाज भें ऩूछा-तुभ लशाॊ वे क्मों बाग आए , बइमा।

गजेन्ि को क्मा भारूभ था क्रक उवके चरे आने वे मश तशरका भच जाएगा। भगय उवके शास्जय ददभाग ने जलाफ वोच मरमा था औय जलाफ बी ऐवा क्रक गाॊल लारों ऩय उवकी अरौक्रकक दृस्र्षट की धाक जभा दे।

फोरा —कोई खाव फात न थी , ददर भें कुछ ऐवा शी आमा क्रक मशाॊ वे बाग जाना चादशए।

‗नशीॊ, कोई फाता जरुय थी।‘

‗आऩ ऩूछकय क्मा कयेंगे ? भैं उवे जादशय कयके आऩके आन्नद भें वलध्न ‘नशीॊ डारना चाशता।‘ ‗जफ तक फतरा न दोगे फेटा , शभें तवल्री नशीॊ शोगी। वाया गाॊल घफयामा शुआ शै।‘

गजेन्ि ने क्रपय वूक्रपमों का-वा चेशया फनामा , आॊखें फन्द कय रीॊ , जम्शाइमाॊ रीॊ औय आवभान की तयप देखकय- फोरे –फात मश शै क्रक ज्मों शी भैंने भशताफी शाथ भें री , भुझ ेभारूभ शुआ जैवे क्रकवी ने उवे भेये शाथ वे छीनकय पें क ददमा। भैंने कबी आततळफास्जमाॊ नशीॊ छोड़ी , शभेळा उनको फुया—बरा कशता यशा शूॊ। आज भैंने लश काभ क्रकमा जो भेयी अन्तयात्भा के खखराप था। फव गजफ शी तो शो गमा। भुझ ेऐवा भारूभ शुआ जैवे भेयी

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आत्भा भुझ ेगधक्काय यशी शै। ळभा वे भेयी गदान झुक गई औय भैं इवी शारत भें लशाॊ वे बागा। अफ आऩ रोग भुझ ेभाप कयें भैं आऩको जळन भें ळयीक न शो वकूॊ गा।

वूफेदाया वाशफ ने इव तयश गदान दशराई क्रक जैवे उनके मवला लशाॊ कोई इव अध्मात्भा का यशसम नशीॊ वभझ वकता। उनकी आॊखें कश यशी थीॊ—आती शैं तुभ रोगों की वभझ भें मश फातें ? तुभ बरा क्मा वभझोगे , शभ बी कुछ-कुछ शी वभझते शैं।

शोरी तो तनमत वभम जराई गई थी भगय आततळफाजीमाॊ नदी भें डार दी गईं। ळयीय रड़को ने कुछ इवमरए तछऩाकय यख रीॊ क्रक गजेन्ि चरे जाएॊगे तो भजे वे छुड़ाएॊगे।

श्माभदरुायी ने एकान्त भें कशा —तुभ तो लशाॊ वे खूफ बागो गजेन्ि अकड़ कय फोरे-बागता क्मों , बागने की तो कोई फात न थी।

‗भेयी तो जान तनकर गई क्रक न भारूभ क्मा शो गमा। तुम्शाये शी वाथ भैं बी दौड़ी आई। टोकीय-बय आततळफाजी ऩानी भें पें क दी गई। ‘ ‗मश तो रुऩमे को आग भें पूकना शै। ‘ ‗मश तो रुऩमे को आग भें पूॊ कना शैं। ‘ ‗शोरी भें बी न छोड़ ेतो कफ छोड़।े त्मौशाय इवीमरए तो आते शैं। ‘ ‗त्मौशाय भें गाओ-फजाओ , अच्छी-अच्छी चीजें ऩकाओ-खाओ , खैयात कयो, मा-दोसतों वे मभरों , वफवे भुशब्फत वे ऩेळ आओ , फारुद उड़ने का नाभ त्मौशाय नशीॊ शै।‘ यात को फायश फज गमे थे। क्रकवी ने दयलाजे ऩय धक्का भाया , गजेन्ि ने चौंककय ऩूछा—मश धक्का क्रकवने भाया?

श्माभा ने राऩयलाशी वे कशा-बफल्री-बफल्री शोगी।

कई आदमभमों के पट-पट कयने की आलाजें आईं , क्रपय क्रकलाड़ ऩय धक्का ऩड़ा। गजेन्ि को कॊ ऩकॊ ऩी छूट गई , रारटेन रेकय दयाज वे झाॊक तो चेशये का यॊग उड़ गमा —चाय-ऩाॊच आदभी कुते ऩशने , ऩगडड़माॊ फाधे , दादढ़माॊ रगामे, कॊ धे ऩय फन्दकूें यखे , क्रकलाड़ को तोड़ डारने की जफदासत कोमळळ भें रगे शुए थे। गजेन्ि कान रगाकय फातें वुनने रगा —

‗दोनों वो गमे शैं , क्रकलाड़ तोड़ डारो, भार अरभायी भें शै। ‘

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‗औय अगय दोनों जाग गए ?‘

‗औयत क्मा कय वकती शैं , भदा का चायऩाई वे फाॊध देंगे। ‘ ‗वुनते शै गजेन्ि मवॊश कोई फड़ा ऩशरलान शैं। ‘ ‗कैवा शी ऩशरलान शो , चाय शगथमायफन्द आदमभमों के वाभने क्मा कय वकता शै।‘ गजेन्ि के कोटो तो फदन भें खून नशीॊ ळमाभदरुायी वे फोरे-मश डाकू भारूभ शोते शैं। अफ क्मा शोगा , भेये तो शाथ-ऩाॊल काॊऩ यशे शै

चोय-चोय ऩुकायो , जाग शो जाएगी , आऩ बाग जाएगे। नशीॊ भैं गचराती शूॊ। चोय का ददर आधा।‘ ‗ना-ना, कशीॊ ऐवा गजफ न कयना। इन वफों के ऩाव फन्दकेू शैं। गाॊल भें इतना वन्नाटा क्मों शैं? घय के आदभी क्मा शुए?‘

‗बइमा औय भुन्नू दादा खमरशान भें वोने गए शैं , काक दयलाजें ऩय ऩड़ ेशोंगे, उनके कानों ऩय तोऩ छूटे तफ बी न जागेंगे। ‘

‗इव कभये भें कोई दवूयी खखड़की बी तो नशीॊ शै क्रक फाशय आलाज ऩशुॊचे। भकान शै मा कैदखाने ‘

‗भै तो गचल्राती शूॊ।‘ ‗अये नशीॊ बाई , क्मों जान देने ऩय तुरी शो। भैं तो वोचता शूॊ , शभ दोनों चुऩचाऩ रेट जाएॊ औय आॊखें फन्द कय रें। फदभाळों को जो कुछ रे जाना शो रे जाॊए , जान तो फचे। देखों क्रकलाड़ दशर यशे शैं। कशीॊ टूट न जाएॊ। शे ईश्लय, कशाॊ जाएॊ, इव भुवीफत भें तुम्शाया शी बयोववा शै। क्मा जानता था क्रक मश आपत आने लारी शैं , नशी आता शी क्मों ? फवा चुप्ऩी शी वाध रो। अगय दशराएॊ-वलराएॊ तो बी वाॊव भत रेना। ‘ ‗भुझवे तो चुप्ऩी वाधकय ऩड़ा न यशा जाएगा। ‘ ‗जेलय उतायकय यख क्मों नशीॊ देती , ळैतान जेलय शी तो रेंगे।‘ ‗जेलय तो न उतारुॊ गी चाशे कुछ शी क्मों न शो जाम। ‘ ‗क्मों जान देने ऩय तुरी शुई शो?‘

खुळी वे तो जेलय न उतारुॊ गी , जफदासत ओय फात शैं‘ खाभोळी, वुनो वफ क्मा फातें कय यशे शैं। ‘

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फाशय वे आलाज आई —क्रकलाड़ खोर दो नशीॊ तो शभ क्रकलाड़ तोड़ कय अन्दय आ जाएॊगे।

गजेन्ि श्माभदरुीयी की मभन्नत की —भेयी भानो श्माभा , जेलय उतायकय यख दो, भैं लादा कयता शूॊ फशूत जल्दी नमे जेलय फनला दूॊगा।

फाशय वे आलाज आई-क्मों , आई! फव एक मभनट की भुशरत औय देते शैं, अगय क्रकलाड़ न खोरे तो खैरयमत नशीॊ।

गजेन्ि ने श्माभदरुायी वे ऩूछा —खोर दूॊ?

‗शा, फुरा रो तुम्शाये बाई-फन्द शैं ? लश दयलाजे को फाशय वे ढकेरते शैं , तुभ अन्दय वे फाशय को ठेरी। ‘

‗औय जो दयलाजा भेये ऊऩय गगय ऩड़े ? ऩाॊच-ऩाॊच जलान शैं!‘ ‗लश कोने भें राठी यखी शै , रेकय खड़ ेशो जाओ।‘ ‗तुभ ऩागर शो गई शो।‘ ‗चुन्नी दादा शोते तो ऩाॊचों का गगयते। ‘ ‗भैं रट्टाफाज नशीॊ शूॊ।‘ ‗तो आओ भुॊश ढाॊऩकय रेट जाओॊ , भैं उन वफों वे वभझ रूॊगी। ‘ ‗तुम्शें तो औय वभझकय छोड़ देंगे , भाथे भेये जाएगी।‘ ‗भैं तो गचल्राती शूॊ।‘ ‗तुभ भेयी जान रेकय छोड़ोगी !

‗भुझवे तो अफ वब्र नशीॊ शोता , भैं क्रकलाड़ खोर देती शूॊ।‘ उवने दयलाजा खोर ददमा। ऩाॊचों चोय भें बड़बड़कय घुव आए। एक ने

अऩने वाथी वे कशा —भैं इव रौंड ेको ऩकड़ ेशुए शूॊ तुभ औयत के वाये गशने उताय रो।

दवूया फोरा-इवने तो आॊखों फन्द कय रीॊ। अये , तुभ आॊखें क्मों नशीॊ खोरती जी?

तीवया-माय , औयत तो शवीन शै!

चौथा —वुनती शै ओ भेशरयमा, जेलय दे दे नशीॊ गरा घोंट दूॊगा।

गजेन्ि ददर भें बफगड़ यशे थे , मश चुड़ैर जेलय क्मों नशी उताय देती।

श्माभादरुीयी ने कशा —गरा घोंट दो , चाशे गोरी भाय दो जेलय न उतारॊ गी।

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ऩशरा —इव उठा रे चरो। मों न भानेगी , भस्न्दय खारी शै।

दवूया—फव, मशी भुनामवफ शै, क्मों ये छोकयी, शाभाये वाथ चरेगी?

श्माभदरुायी—तुम्शाये भुशॊ भें कामरख रगा दूॊगी।

तीवया—न चरेगी तो इव रौंड ेको रे जाकय फेच डारेंगे।

श्माभा—एक-एक के शथकड़ी रगला दूॊगा।

चौथा—क्मों इतना बफगड़ती शै भशायानी , जया शभाये वाथ चरी क्मो नशीॊ चरती। क्मा शभ इव रौंडें वे बी गमे-गुजये शै। क्मा या जाएगा , अगय शभ तुझ ेजफदासती उठा रे जाएॊगे। मों वीधी तयश नशीॊ भानती शो। तुभ जैवी शवीन औयत ऩय जुल्भ कयने को जी नशीॊ चाशता।

ऩाॊचलाॊ —मा तो वाये जेलय उतायकय दे दो मा शभाये वाथ चारो।

श्माभदरुायी —काका आ आएॊगे तो एक-एक की खार उधेड़ डारेंगे।

ऩशरा —मश मों न भानेगी ,ख ्इव रौंडें को उठा रे चरो। तफ आऩ शी ऩैयों ऩड़गेी।

दो आदमभमों ने एक चादय वे गजेन्ि के शाथ-ऩाॊल फाॊधे। गजेन्ि भुदे की तयश ऩड़ ेशुए थे , वाॊव तक न आती थी , ददर भें झुॊझरा यशे थे —शाम क्रकतनी फेलपा औयत शै , जेलय न देगी चाशे मश वफ भुझ ेजान वे भाय डारें। अच्छा, स्जन्दा फचूॊगा तो देखूॊगा। फात तक तो ऩूछॊ नशीॊ।

डाकूओॊ ने गजेन्ि को उठा मरमा औय रेकय आॊगन भें जा ऩशुॊचे तो श्माभदरुायी दयलाजे ऩय खड़ी शोकय फोरी —इन्शें छोड़ दो तो भैं तुम्शाये वाथ चरने को तैमाय शूॊ।

ऩशरा —ऩशरे शी क्मों न याजी शो गई थी। चरेगी न ?

श्माभदरुायी —चरूॊगी। कशती तो शूॊ

तीवया —अच्छा तो चर। शभ इवे इवे छोड़ देते शै।

दोनों चोयों ऩे गजेन्ि को राकय चायऩाई ऩय मरटा ददमा औय श्माभदरुायी को रेकय चरे ददए। कभये भें वन्नटा छा गमा। गजेन्ि ने डयते-डयते आॊखें खोरीॊ , कोई नजय र आमा। उठकय दयलाजे वे झाॊका। वशन भें बी कोई न था। तीय की तयश तनकरकय वदय दयलाजे ऩय आए रेक्रकन फाशय तनकरने का शौवरा न शुआ। चाशा क्रक वूफेदाय वाशफ को जगाएॊ , भुॊश वे आलाज न तनकरी।

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उवी लक्त कशकशे की आलाज आई। ऩाॊच औयतें चुशर कयती शुई श्माभदरुायी के कभये भें आईं। गजेन्ि का लशाॊ ऩता न था।

एक —कशाॊ चरे गए?

श्माभदरुायी —फाशय चरे गए शोगें।

दवूयी—फशुत ळमभान्दा शोंगे।

तीवयी—डयके भाये उनकी वाॊव तक फन्द शो गई थी।

गजेन्ि ने फोरचार वुनी तो जान भें जान आई। वभझ ेळामद घय भें जाग शो गईं। रऩककय कभये के दयलाजें ऩय आए औय फोरे —जया देखखए श्मभा कशाॊ शैं, भेयी तो नीॊद शी न खुरी। जल्द क्रकवी को दौड़ाइए।

मकामक उन्शीॊ औयतों के फीच भें श्माभा को खड़क शॊवते देखकय शैयत भें आ गए।

ऩाॊचों वशेमरमों ने शॊवना औय तामरमाॊ ऩीटना ळुरु कय ददमा।

एक ने कशा —लाश जीजा जी, देख री आऩकी फशादयुी।

श्माभदरुायी —तुभ वफ की वफ ळैतानी शो।

तीवीय —फीली तो चायों के वाथ चरी गईं औय आऩने वाॊव तक न री !

गजेन्ि वभझ गए , फड़ा धोखा खामा। भगय जफान के ळये पौयन बफगड़ी फात फना री , फारे—तो क्मा कयता , तुम्शाया सलाॊग बफगाड़ देता ! भैं बी इव तभाळ ेका भजा रे यशा था। अगय वफों को ऩकड़कय भूॊछे उखाड़ रेता तो तुभ क्रकतन ळमभान्दा शोतीॊ। भैं इतना फेशयशभ नशीॊ शूॊ।

वफ की गजेन्ि का भुॊश देखती यश गईं।

---लायदात वे

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सैऱानी बंदर

लनदाव नाभ का एक गयीफ भदायी अऩने फन्दय भन्नू को नचाकय अऩनी जीवलका चरामा कयता था। लश औय उवकी सत्री फुगधमा

दोनों भन्नू का फशुत प्माय कयते थे। उनके कोई वन्तान न थी , भन्नू शी उनके सनेश औय प्रेभ का ऩात्र था दोनों उवे अऩने वाथ खखराते औय अऩने वाथ वुराते थे: उनकी दृस्र्षट भें भन्नू वे अगधक वप्रम लसतु न थी। जीलनदाव उवके मरए एक गेंद रामा था। भन्नू आॊगन भें गेंद खेरा कयता था। उवके बोजन कयने को एक मभट्टी का प्मारा था , ओढ़ने को कम्फर का एक टुकड़ा , वोने को एक फोरयमा , औय उचके के मरए छप्ऩय भें एक यसवी। भन्नू इन लसतुओॊ ऩय जान देता था। जफ तक उवके प्मारे भें कोई चीज न यख दी जाम लश बोजन न कयता था। अऩना टाट औय कम्फर का टुकड़ा उवे ळार औय गदे्द वे बी प्माया था। उवके ददन फड़ ेवुख वे फीतते थे। लश प्रात:कार योदटमाॊ खाकय भदायी के वाथ तभाळा कयने जाता था। लश नकरें कयने भे इतना तनऩुण था क्रक दळाकलनृ्द तभाळा देखकय भुग्ध शो जाते थे। रकड़ी शाथ भें रेकय लदृ्धों की बाॊतत चरता , आवन भायकय ऩूजा कयता , ततरक-भुिा रगाता , क्रपय ऩोथी फगर भें दफाकय ऩाठ कयने चरता। ढोर फजाकय गाने की नकर इतनी भनोशय थी क्रक इळाक रोट-ऩोट शो जाते थे। तभाळा खतभ शो जाने ऩय ला वफको वराभा कयते था , रोगों के ऩैय ऩकड़कय ऩैवे लवूर कयता था। भन्नू का कटोय ऩैवों वे बय जाता था। इवके उऩयान्त कोई भन्नू को एक अभरुद खखरा देता , काई उवके वाभने मभठाई पें क देता। रड़कों को तो उवे देखने वे जी शी न भायत था। ले अऩने-अऩने घय वे दौड़-दौड़कय योदटमाॊ राते औय उवे खखराते थे। भुशल्रे के रोगों के मरए बी भन्नू भनोयॊजन की एक वाभग्री थी। जफ लश घय ऩय यशता तो एक न एक आदभी आकय उववे खेरता यशाता। खोंचेलारे पेयी कयते शुए उवे कुछ न कुछ दे देते थे। जो बफना ददए तनकर जाने की चेर्षटा कयता उववे बी भन्नू ऩैय ऩकड़ कय लवूर कय मरमा था , क्मोंक्रक घय ऩय लश खुरा यशता था भन्नू को अगा गचढ़ थी तो कुत्तों वे। उवके भाये उधय वे कोई कुत्ता न

जी

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तनकरने ऩाता था औय कोई आ जाता , तो भन्नू उवे अलश्म शी दो-चाय कनेदठमाॊ औय झ ॉँऩड़ रगाता था। उवके वलावप्रमा शोने का मश एक औय कायण था। ददन को कबी-कबी फुगधमा धूऩ भें रेट जाती , तो भन्नू उवके मवय की जुएॊ तनकारता औय लश उवे गाना वुनाती। लश जशाॊ कशीॊ जाती थी लशीॊ भन्नू उवके ऩीछे-ऩीछे जाता था। भाता औय ऩुत्र भें बी इववे अगधक प्रेभ न शो वकता था।

क ददन भन्नू के जी भें आमा क्रक चरकय कशीॊ पर खाना चादशए। पर खाने को मभरते तो थे ऩय लषृों ऩय चढ़कय डामरमों ऩय उचकने , कुछ

खाने औय कुछ गगयाने भें कुछ औय शी भजा था। फन्दय वलनोदळीर शोते शी शैं, औय भन्नू भें इवकी भात्रा कुछ अगधक थी बी। कबी ऩकड़-धकड़ औय भायऩीट की नौफत न आई थी। ऩेड़ों ऩय चढ़कय पर खाना उवके सलाबावलक जान ऩड़ता था। मश न जानता था क्रक लशाॊ प्राकृतत लसतुओॊ ऩय बी न क्रकवी की छाऩ रगी शुई शै , जर , लामु प्रकाळ ऩय बी रोगों ने अगधकाय जभा यक्खा शै, क्रपय फाग-फगीचों का तो कशना शी क्मा। दोऩशय को जफ जीलनदाव तभाळा ददखाकय रौटा , तो भन्नू रॊफा शुआ। लश मो बी भुशल्रे भें चरा जामा कयता था , इवमरए क्रकवी को वॊदेश न शुआ क्रक लश कशीॊ चरा गमा। उधय लश घूभता-घाभता खऩयैरौं ऩय उछरता-कूदता एक फगीचे भें जा ऩशुॊचा। देखा तो परों वे ऩेड़ रदे शुए शैं। आॊलरो , कटशर, रीची, आभ, ऩऩीते लगैयश रटकते देखकय उवका गचत्त प्रवन्न शो गमा। भानो ले लषृ उवे अऩनी ओय फुरा यशे थे क्रक खाओ , जशाॊ तक खामा जाम , मशाॊ क्रकवी योक-टोक नशीॊ शै। तुयन्त एक छराॊग भायकय चशायदीलायी ऩय चढ़ गमा। दवूयी छराॊग भें ऩेड़ों ऩय जा ऩशुॊचा , कुछ आभ खामे , कुछ रीगचमाॊ खाई। खुळी शो-शोकय गुठमरमा इधय-उधय पें कना ळुरु क्रकमा। क्रपय वफवे ऊॊ ची डार ऩय जा ऩशुॊचा औय डामरमों को दशराने रगा। ऩके आभ जभीन ऩय बफछ गए। खड़खड़ाशट शुई तो भारी दोऩशय की नीॊद वे चौंका औय भन्नू को देखते शी उवे ऩत्थयों वे भायने रगा। ऩय मा तो ऩत्थय उवके ऩाव तक ऩशुॊचते शी न थे मा लश मवय औय ळयीय दशराकय ऩत्थयों को फचा जाता था। फीच-फीच भें फाॊगफान को दाॊत

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तनकारकय डयाता बी था। कबी भुॊश फनाकय उवे काटने की धभकी बी देता था। भारी फुदयघुड़क्रकमों वे डयकय बागता था , औय क्रपय ऩत्थय रेकय आ जाता था। मश कौतुक देखकय भुशल्रे के फारक जभा शो गए , औय ळोय भचाने रगे—

ओ फॊदयला रोमराम, फार उखाडू टोमटाम।

ओ फॊदय तेया भुॊश शै रार, वऩचके-वऩचके तेये गार।

भगय गई नानी फॊदय की ,

टूटी टाॊग भुछन्दय की।

भन्नू को इव ळोय-गुर भें फड़ा आनन्द आ यशा था। लश आधे पर खा-खाकय नीचे गगयता था औय रड़के रऩक-रऩकक चुन रेते औय तामरमाॊ फजा-फजाकय कशते थे—

फॊदय भाभू औय ,

कशा तुम्शाया ठौय।

भारी ने जफ देखा क्रक मश वलप्रल ळाॊत शोने भें नशीॊ आता , तो जाकय अऩने सलाभी को खफय दी। लश शजयत ऩुमरव वलबाग के कभाचायी थे। वुनते शी जाभे वे फाशय शो गए। फॊदय की इतनी भजार क्रक भेये फगीचे भें आकय ऊधभ भचाले। फॊगरे का क्रकयामा भैं देता शूॊ , कुछ फॊदय नशीॊ देता। मशाॊ क्रकतने शी अवशोमोगगमों को रदला ददमा , अखफयलारे भेये नाभ वे काॊऩते शैं , फॊदय की क्मा शसती शै ! तुयन्त फन्दकू उठाई , औय फगीचे भें आ ऩशुचें। देखों भन्नू एक ऩेड़ को जोय-जोय वे दशरा यशा था। रार शो गए , औय उवी तयप फन्द ूतानी। फन्दकू देखते शी भन्नू के शोळ उड़ गए। उव ऩय आज तक क्रकवी ने फन्दकू नशीॊ तानी थी। ऩय उवने फन्दकू की आलाज वुनी थी , गचडड़मों को भाये जाते देखा था औय न देखा शोता तो बी फन्दकू वे उवे सलाबावलक बम शोता। ऩळु फुवद्ध अऩने ळतु्रओॊ वे सलत: वळॊक शो जाती शै। भन्नू के ऩाॊल भानों वुन्न शो गए। ल उछाराकय क्रकवी दवूये लषृ ऩय बी न जा वका। उवी डार ऩय दफुकय फैठ गमा। वाशफ को उवकी मश करा ऩवन्द आई , दमा आ गई। भारी को बेजा , जाकय फन्दय को ऩकड़ रा। भारी ददर भें तो डया , ऩय वाशफ के गुसवे को जानता था , चुऩके वे लषृ ऩय चढ़ गमा औय शजयत फॊदय

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को एक यसवी भें फाॊध रामा। भन्नू वाशफ को फयाभदे भें एक खम्भबे वे फाॊध ददमा गमा। उवकी सलच्छन्दता का अन्त शो गमा वॊध्मा तक लशीॊ ऩड़ा शुआ करुण सलय भें कूॊ -कूॊ कयता यशा। वाॊझ शो गई तो एक नौकय उवके वाभने एक भुट्ठी चने डार गमा। अफ भन्नू को अऩनी स्सथतत के ऩरयलतान का सान शुअ। न कम्फर , न टाट , जभीन ऩय ऩड़ा बफवूय यशा था , चने उवने छुए बी नशीॊ। ऩछता यशा था क्रक कशाॊ वे पर खाने तनकरा। भदायी का प्रेभ माद आमा। फेचाया भुझ ेखोजता क्रपयता शोगा। भदारयन प्मारे भें योटी औय दधू मरए भुझ ेभन्नू-भन्नू ऩुकाय यशी शोगी। शा वलऩस्त्त ! तूने भुझ ेकशाॊ राकय छोड़ा। यात-बय लश जागता औय फाय-फाय खम्बे के चक्कय रगाता यशा। वाशफ का कुत्ता टाभी फाय-फाय डयाता औय बूॊकता था। भन्नू को उव ऩय ऐवा िोध आता था क्रक ऩाऊॊ तो भाये चऩतों के चौंगधमा दूॊ , ऩय कुत्ता तनकट न आता, दयू शी वे गयजकय यश जाता था।

यात गुजायी , तो वाशफ ने आकय भन्नू को दो-तीन ठोकये जभामीॊ। वुअय! यात-बय गचल्रा-गचल्राकय नीॊद शयाभ कय दी। आॊख तक न रगी ! फचा, आज बी तुभने गुर भचामा , तो गोरी भाय दूॊगा। मश कशकय लश तो चरे गए, अफ नटखट रड़कों की फायी आई। कुछ घय के औय कुछ फाशय के रड़के जभा शो गए। कोई भन्नू को भुॊश गचढ़ाता , कोई उव ऩय ऩत्थय पें कता औय कोई उवको मभठाई ददखाकय ररचाता था। कोई उवका यषक न था , क्रकवी को उव ऩय दमा न आती थी। आत्भयषा की स्जतनी क्रिमाएॊ उवे भारूभ थीॊ, वफ कयके शाय गमा। प्रणाभ क्रकमा , ऩूजा-ऩाठ क्रकमा रेक्रकन इवक उऩशाय मशी मभरा क्रक रड़कों ने उवे औय बी ददक कयनय ळुरु क्रकमा। आज क्रकवी ने उवके वाभने चने बी न डारे औय मदद डारे बी तो लश खा न वकता। ळोक ने बोजन की इच्छा न यक्खी थी।

वॊध्मा वभम भदायी ऩता रगाता शुआ वाशफ के घय ऩशुॊचा। भन्नू उव देखते शी ऐवा अधीय शुआ , भानो जॊजीय तोड़ डारेगा , खॊबे को गगया देगा। भदायी ने जाकय भन्नू को गरे वे रगा मरमा औय वाशफ वे फोरा —‗शुजूय, बूर-चूक तो आदभी वे बी शो जाती शै , मश तो ऩळु शै ! भुझ ेचाशे जो वजा दीस्जए ऩय इवे छोड़ दीस्जए। वयकाय , मशी भेयी यादटमों का वशाया शै। इवके बफना शभ दो प्राणी बूखों भय जाएॊगे। इवे शभने रड़के की तयश ऩारा शैं , जफ

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वे मश बागा शै , भदारयन ने दाना-ऩानी छोड़ ददमा शै। इतनी दमा क्रकस्जए वयकाय, आऩका आकफार वदा योळन यशे , इववे बी फड़ा ओशदा मभरे , करभ चाक शो , भुद्दई फेफाक शो। आऩ शैं वऩूत , वदा यशें भजूफत। आऩके फैयी को दाफे बूत। ‘ भगय वाशफ ने दमा का ऩाठ न ऩढ़ा था। घुड़ककय फोरे-चुऩ यश ऩाजी, टें-टें कयके ददभाग चाट गमा। फचा फन्दय छोड़कय फाग का वत्मानाळ कय डारा , अफ खुळाभद कयने चरे शो। जाकय देखो तो , इवने क्रकतने पर खयाफ कय ददमे। अगय इवे रे जाना चाशता शै तो दव रुऩमा राकय भेयी नजय कय नशीॊ तो चुऩके वे अऩनी याश ऩकड़। मश तो मशीॊ फॊधे-फॊधे भय जाएगा, मा कोई इतने दाभ देकय रे जाएगा।

भदायी तनयाळ शोकय चरा गमा। दव रुऩमे कशाॊ वे राता ? फुगधमा वे जाकय शार कशा। फुगधमा को अऩनी तयव ऩैदा कयने की ळस्क्त ऩय ज्मादा बयोवा था। फोरी —‗फव, री तुम्शायी कयतूत ! जाकय राठी-वी भायी शोगी। शाक्रकभों वे फड़ ेदाॊल-ऩेंच की फातें की जाती शैं , तफ कशीॊ जाकय ले ऩवीजते शै। चरो भेये वाथ , देखों छुड़ा रती शूॊ क्रक नशीॊ। ‘ मश कशकय उवने भन्नू का वफ वाभान एक गठयी भें फाॊधा औय भदायी के वाथ वाशफ के ऩाव आई , भन्नू अफ की इतने जोय वे उछरा क्रक खॊबा दशर उठा , फुगधमा ने कशा —‗वयकाय, शभ आऩके द्लाय ऩय बीख भाॊगने आमे शैं , मश फन्दय शभको दान दे दीस्जए।‘ वाशफ —शभ दान देना ऩाऩ वभझते शै।

भदारयन —शभ देव-देव घूभते शैं। आऩका जव गालेंगे।

वाशफ —शभें जव की चाश मा ऩयलाश नशीॊ शै।

भदारयन —बगलान ्आऩको इवका पर देंगे।

वाशफ —भैं नशीॊ जानता बगलान ्कौन फरा शै।

भदारयन —भशायाज, षभा की फड़ी भदशभा शै।

वाशफ —शभाये मशाॊ वफवे फड़ी भदशभा दण्ड की शै।

भदारयन —शुजूय, आऩ शाक्रकभ शैं। शाक्रकभों का काभ शै , न्माम कयाना। परों के ऩीछे दो आदमभमों की जान न रीस्जए। न्माम शी वे शाक्रकभ की फड़ाई शोती शै।

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वाशफ —शभायी फड़ाई षभा औय न्माम वे नशीॊ शै औय न न्माम कयना शभाया काभ शै, शभाया काभ शै भौज कयना।

फुगधमा की एक बी मुस्क्त इव अशॊकाय-भूतत ा के वाभने न चरी। अन्त को तनयाळ शोकय लश फोरी —शुजूय इतना शुक्भ तो दे दें क्रक मे चीजें फॊदय के ऩाव यखा दूॊ। इन ऩय मश जान देता शै।

वाशफ-भेये मशाॊ कूड़ा-कड़कट यखने की जगश नशीॊ शै। आखखय फुगधमा शताळ शोकय चरी गई।

भी ने देखा , भन्नू कुछ फारता नशीॊ तो , ळये शो गमा , बूॊकता-बूॊकता भन्नू के ऩाव चरा आमा। भन्नू ने रऩककय उवके दोनों कान ऩकड़

मरए औय इतने तभाचे रगामे क्रक उवे छठी का दधू माद आ गमा। उवकी गचल्राशट वुनकय वाशफ कभये वे फाशय तनकर आए औय भन्नू के कई ठोकयें रगाई। नौकयों को आसा दी क्रक इव फदभाळ को तीन ददन तक कुछ खाने को भत दो।

वॊमोग वे उवी ददन एक वका व कॊ ऩनी का भैनेजय वाशफ वे तभाळा कयने की आसा रेने आमा। उवने भन्नू को फॊधे , योनी वूयत फनामे फैठे देखा , तो ऩाव आकय उवे ऩुचकाया। भन्नू उछरकय उवकी टाॊगों वे मरऩट गमा , औय उवे वराभ कयने रगा। भैनेजय वभझ गमा क्रक मश ऩारतू जानलय शै। उवे अऩने तभाळ ेके मरए फन्दय की जरुयत थी। वाशफ वे फातचीत की , उवका उगचत भूल्म ददमा , औय अऩने वाथ रे गमा। क्रकन्तु भन्नू को ळीघ्र शी वलददत शो गमा क्रक मशाॊ भैं औय बी फुया पॊ वा। भैनेजय ने उवे फन्दयों के यखलारे को वौंऩ ददमा। यखलारा तनर्षठुय औय िूय प्रकृतत का प्राणी था। उवके अधीन औय बी कई फन्दय थे। वबी उवके शाथों कर्षट बोग यशे थे। लश उनके बोजन की वाभग्री खुद खा जाता था। अन्म फॊदयों ने भन्नू का वशऴा सलागत नशीॊ क्रकमा। उवके आने वे उनभें फड़ा कोराशार भचा। अगय यखलारे ने उवे अरग न कय ददमा शोता तो ले वफ उवे नोचकय खा जाते। भन्नू को अफ नई वलद्मा वीखनी ऩड़ी। ऩैयगाड़ी ऩय चढ़ना , दौड़ते घोड़ ेकी ऩीठ ऩय दो टाॊगो वे खड़ ेशो जाना , ऩतरी यसवी ऩय चरना इत्मादद फड़ी शी

टा

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कर्षटप्रद वाधनाएॊ थी। भन्नू को मे वफ कौळर वीखने भें फशुत भाय खानी ऩड़ती। जया बी चूकता तो ऩीठ ऩय डॊडा ऩड़ जाता। उववे अगधक कर्षट की फात मश थी क्रक उवे ददन-बय एक कठघये भें फॊद यक्खा जाता था , स्जवभें कोई उवे देख न रे। भदायी के मशाॊ तभाळा शी ददखाना ऩड़ता था क्रकन्तु उव तभाळ ेऔय इव तभाळ ेभें फड़ा अन्तय था। कशाॊ ले भदायी की भीठी-भीठी फातें, उवका दरुाया औय प्माय औय कशाॊ मश कायालाव औय ठॊडो की भाय ! मे काभ वीखने भें उवे इवमरए औय बी देय रगती थी क्रक लश अबी तक जीलनदाव के ऩाव बाग जाने के वलचाय को बूरा न था। तनत्म इवकी ताक भें यशता क्रक भौका ऩाऊॊ औय मरक जाऊॊ , रेक्रकन लशाॊ जानलयों ऩय फड़ी कड़ी तनगाश यक्खी जाती थी। फाशय की शला तक न मभरती थी , बागने की तो फात क्मा! काभ रेने लारे वफ थे भगय बोजन की खफय रेने लारा कोई बी न था। वाशफ की कैद वे तो भन्नू जल्द शी छूट गमा था , रेक्रकन इव कैद भें तीन भशीने फीत गमे। ळयीय घुर गमा , तनत्म गचन्ता घेये यशती थी , ऩय बागने का कोई ठीक-दठकाने न था। जी चाशे मा न चाशे , उवे काभ अलश्म कयना ऩड़ता था। सलाभी को ऩैवों वे काभ था , लश स्जमे चाशे भये।

वॊमोगलळ एक ददन वका व के ऩॊडार भें आग रग गई , वका व के नौकय—चाकय वफ जुआयी थे। ददन-बय जुआ खेरते , ळयाफ ऩीते औय रड़ाई-झगड़ा कयते थे। इन्शीॊ झॊझटों भें एकएक गैव की नरी पट गई। शाशाकाय भच गमा। दळाक लनृ्द जान रेकय बागे। कॊ ऩनी के कभााचायी अऩनी चीजें तनकारने रगे। ऩळुओॊ की क्रकवी का खफय न यशी। वका व भें फड़-ेफड़ ेबमॊकय जील-जन्तु तभामळा कयते थे। दो ळये , कई चीते , एक शाथी ,एक यीछ था। कुत्तों घोड़ों तथा फन्दयों की वॊतमा तो इववे कशीॊ अगधक थी। कॊ ऩनी धन कभाने के मरए अऩने नौकयों की जान को कोई चीज नशीॊ वभझती थी। मे वफ क वफ जील इव वभम तभाळ ेके मरए खोरे गमे थे। आग रगते शी ले गचल्रा-गचल्राकय बागे। भन्नू बी बागा खड़ा शुआ। ऩीछे क्रपयकय बी न देखा क्रक ऩॊडार जरा मा फचा।

भन्नू कूदता-पाॊदता वीधे घय ऩशुॊचा जशाॊ , जीलनदाव यशता था , रेक्रकन द्लाया फन्द था। खयऩैर ऩय चढ़कय लश घय भें घुव गमा , भगय क्रकवी आदभी का गचन्श नशीॊ मभरा। लश सथन , जशाॊ लश वोता था , औय स्जवे

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फुगधमा गोफय वे रीऩकय वाप यक्खा कयती थी , अफ घाव-ऩात वे ढका शुआ था, लश रकड़ी स्जव ऩय चढ़कय कूदा कयता था , दीभकों ने खा री थी। भुशल्रेलारे उवे देखते शी ऩशचान गए। ळोय भच गमा —भन्नू आमा , भन्नू आमा।

भन्नू उव ददन वे याज वॊध्मा के वभम उवी घय भें आ जाता , औय अऩने ऩुयाने सथान ऩय रेट यशता। लश ददन-बय भुशल्रे भें घूभा कयता था , कोई कुछ दे देता, तो खा रेता था, भगय क्रकवी की कोई चीज नशीॊ छूता था। उवे अफ बी आळा थी क्रक भेया सलाभी मशाॊ भुझवे अलश्म मभरेगा। यातों को उवके कयाशने की करण ध्लतन वुनाई देती थी। उवकी दीनता ऩय देखनेलारों की आॊखों वे आॊवू तनकर ऩड़ ेथे।

इव प्रकाय कई भशीने फीत गमे। एक ददन भन्नू गरी भें फैठा शुआ था, इतने भें रड़कों का ळोय वुनाई ददमा। उवने देखा , एक फुदढ़मा नॊगे फदन , एक चीथड़ा कभय भें रऩेटे मवय के फार तछटकाए , बूततनमों की तयश चरी आ यशी शै , औय कई रड़के उवक ऩीछे ऩत्थय पें कते ऩगरी नानी ! ऩगरी नानी! की शाॊक रगाते , तामरमाॊ फजाते चरे जा यशे शैं। लश यश-यशकय रुक जाती शै औय रड़को वे कशती शै —‗भैं ऩगरी नानी नशीॊ शूॊ , भूझ ेऩगरी क्मों कशते शो ? आखखय फुदढ़मा जभीन ऩय फैठ गई , औय फोरी —‗फताओ, भुझ ेऩगरी क्मों कशते शो?‘ उवे रड़को ऩय रेळभात्र बी िोध न आता था। लश न योती थी, न शॊवती। ऩत्थय रग बी जाता चुऩ शो जाती थी।

एक रड़के ने कशा-तू कऩड़ ेक्मों नशीॊ ऩशनती ? तू ऩागर नशीॊ तो औय

क्मा शै?

फुदढ़मा —कऩड़ ेभे जाड़ ेभें वदी वे फचने के मरए ऩशने जाते शै। आजकर तो गभी शै।

रड़का—तुझ ेळभा नशीॊ आती?

फुदढ़मा—ळभा क्रकवे कशते शैं फेटा , इतने वाधू-वन्मावी-नॊगे यशते शैं , उनको ऩत्थय वे क्मों नशीॊ भायते ?

रड़का—ले तो भदा शैं।

फुदढ़मा—क्मा ळभा औयतों शी के मरए शै , भदों को ळभा नशीॊ आनी चादशए?

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रड़का—तुझ ेजो कोई जो कुछ दे देता शै , उवे तू खा रेती शै। तू ऩागर नशीॊ तो औय क्मा शै?

फुदढ़मा—इवभें ऩागरऩन की क्मा फात शै फेटा ? बूख रगती शै , ऩेट बय रेती शूॊ।

रड़का—तुझ ेकुछ वलचाय नशीॊ शै ? क्रकवी के शाथ की चीज खाते तघन नशीॊ आती?

फुदढ़मा—तघन क्रकवे कशते शै फेटा, भैं बूर गई।

रड़का—वबी को तघन आती शै , क्मा फता दूॊ, तघन क्रकवे कशते शै।

दवूया रड़का—तू ऩैवे क्मों शाथ वे पें क देती शै ? कोई कऩड़ ेदेता शै तो क्मों छोड़कय चर देती शै? ऩगरी नशीॊ तो क्मा शै?

फुदढ़मा—ऩैवे, कऩड़ ेरेकय क्मा करुॊ फेटा?

रड़का—औय रोग क्मा कयते शैं ? ऩैवे-रुऩमे का रारच वबी को शोता शै।

फुदढ़मा—रारच क्रकवे कशते शैं फेटा, भैं बूर गई।

रड़का—इवी वे तुझ ेऩगरी नानी कशते शै। तुझ ेन रोब शै , तघन शै , न वलचाय शै, न राज शै। ऐवों शी को ऩागर कशते शैं।

फुदढ़मा—तो मशी कशो, भैं ऩगरी शूॊ।

रड़का—तुझ ेिोध क्मों नशीॊ आता?

फुदढ़मा—क्मा जाने फेटा। भुझ ेतो िोध नशीॊ आता। क्मा क्रकवी को िोध बी आता शै? भैं तो बूर गई।

कई रड़कों ने इव ऩय ‗ऩगरी, ऩगरी ‘ का ळोय भचामा औय फुदढ़मा उवी तयश ळाॊत बाल वे आगे चरी। जफ लश तनकट आई तो भन्नू उवे ऩशचान गमा। मश तो भेयी फुगधमा शै। लश दौड़कय उवके ऩैयों वे मरऩट गमा। फुदढ़मा ने चौंककय भन्नू को देखा , ऩशचान गई। उवने उवे छाती वे रगा।

न्नू को गोद भें रेते शी फुगधमा का अनुबल शुआ क्रक भैं नग्न शूॊ। भाये ळभा के लश खड़ी न यश वकी। फैठकय एक रड़के वे फोरी —फेटा, भुझ े

कुछ ऩशनने को दोगे?

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रड़का—तुझ ेतो राज शी नशीॊ आती न?

फुदढ़मा—नशीॊ फेटा, अफ तो आ यशी शै। भुझ ेन जान क्मा शो गमा था।

रड़को ने क्रपय ‗ऩगरी, ऩगरी ‘ का ळोय भचामा। तो उवने ऩत्थय पें ककय रड़को को भायना ळुरु क्रकमा। उनके ऩीछे दौड़ी।

एक रड़के ने ऩूछा —अबी तो तुझ ेिोध नशीॊ आता था। अफ क्मों आ यशा शै?

फुदढ़मा—क्मा जाने क्मों , अफ िोध आ यशा शै। क्रपय क्रकवी ने ऩगरी काशा तो फन्दय वे कटला दूॊगी।

एक रड़का दौड़कय एक पटा शुआ कऩड़ा रे आमा। फुगधमा ने लश कऩड़ा ऩशन मरमा। फार वभेट मरमे। उवके भुख ऩय जो एक अभानुऴ आबा थी, उवकी जगश गचन्ता का ऩीराऩन ददखाई देने रगा। लश यो-योकय भन्नू वे कशने रगी —फेटा, तुभ कशाॊ चरे गए थे। इतने ददन शो गए शभायी वुध न री। तुम्शायी भदायी तुम्शाये शी वलमोग भें ऩयरोक मवधाया , भैं मबषा भाॊगकय अऩना ऩेट ऩारने रगी , घय-द्लायय तशव-नशव शो गमा। तुभ थे तो खाने की, ऩशनने की , गशने की , घय की इच्छा थी , तुम्शाये जाते वफ इच्छाएॊ रुप्त शो गई। अकेरी बूख तो वताती थी , ऩय वॊवाय भें औय क्रकवी की गचन्ता न थी। तुम्शाया भदायी भया , ऩय आॊखें भें आॊवभ न आए। लश खाट ऩय ऩड़ा कयाशता था औय भेया करेजा ऐवा ऩत्थय का शो गमा था क्रक उवकी दला-दारु की कौन कशे , उवके ऩाव खड़ी तक न शोती थी। वोचती थी —मश भेया कौन शै। अफ आज ले वफ फातें औय अऩनी लश दळा माद आती शै , तो मशी कशना ऩड़ता शै क्रक भैं वचभुच ऩगरी शो गई थी , औय रड़कों का भुझ ेऩगरी नानी कशकय गचढ़ाना ठीक शी था।

मश कशकय फुगधमा भन्नू को मरमे शुए ळशय के फाशय एक फाग भें गई , जशाॊ लश एक ऩेड़ के नीचे यशती थी। लशाॊ थोड़ी-वी ऩुआर शुई थी। इवके मवला भनुर्षम के फवेये का औय कोई गचन्श न था।

आज वे भन्नू फुगधमा के ऩाव यशने रगा। लश वफये घय वे तनकर जाता औय नकरे कयके , बीख भाॊगकय फुगधमा के खने-बय को नाज मा योदटमाॊ रे आता था। ऩुत्र बी अगय शोता तो लश इतने प्रेभ व भाता की वेला

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न कयता। उवकी नकरों वे खुळ शोकय रोग उवे ऩैवे बी देते थे। उव ऩैवों वे फुगधमा खाने की चीजें फाजाय वे राती थी।

रोग फुगधमा के प्रतत फॊदय का लश प्रेभ देखकय चक्रकत शो जाते औय कशते थे क्रक मश फॊदय नशीॊ , कोई देलता शै।

‗भाधुयी,‘ पयलयी, १९२४

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नबी का नीति-तनवााह

जयत भुशम्भद को इरशाभ शुए थोड़ ेशी ददन शुए थे , दव-ऩाॊच ऩड़ोमवमों औय तनकट वम्फस्न्धमों के मवला अबी औय कोई उनके दीन ऩय ईभान

न रामा था। मशाॊ तक क्रक उनकी रड़की जैनफ औय दाभाद अफुरआव बी , स्जनका वललाश इरशाभ के ऩशरे शी शो चुका था , अबी तक नमे धभा भें दीक्षषत न शुए थे। जैनफ कई फाय अऩने भैके गई थी औय अऩने वऩता के सानोऩदेळ वुने थे। लश ददर वे इवराभ ऩय श्रद्ध यखती थी , रेक्रकन अफुरआव के कायण दीषा रेने का वाशव न कय वकती थी। अफुरआव वलचाय-सलातन््म का वभथाक था। लश कुळर व्माऩायी था। भक्के वे खजूय , भेले आदद स्जन्वें रेकय फन्दयगाशों को चराना क्रकमा कयता था। फशुत शी ईभानदाय, रेन-देन का खया , श्रभळीर भनुर्षम था , स्जवे इशरोक वे इतनी पुवात न थी क्रक ऩयरोक की गचन्ता कये। जैनफ के वाभने कदठन वभसमा थी, आत्भा धभा की ओय थी , हृदम ऩतत की ओय , न धभा को छोड़ वकती थी, न ऩतत को। घय के अन्म प्राणी भूतताऩूजक थे औय इव नमे वम्प्रदाम के ळतु्र। जैनफ अऩनी रगन को छुऩाती यशती , मशाॊ तक क्रक ऩतत वे बी अऩनी व्मथा न कश वकती। ले धामभाक वदशर्षणुता के ददन न थे। फात-फात ऩय खून की नददमाॊ फशती थीॊ। खानदान के खानदान मभट जाते थे। अयफ की अरौक्रकक लीयता ऩायसऩरयक करशों भें व्मक्त शोती थी। याजनैततक वॊगठन का नाभ न था। खून का फदर खून , धनशातन का फदरा खून , अऩभान का फदरा खून —भानल यक्त शी वे वबी झगड़ों का तनफटाया शोता था। ऐवी अलसथा भें अऩने धभाानुयाग को प्रकट कयना अफुरआव के ळस्क्तळारी ऩरयलाय को भुशम्भद औय उनके गगने-गगनामे अनुमातममों वे टकयाना था। उधय प्रेभ का फन्धन ऩैयों को जकड़ ेशुए था। नमे धभा भें प्रवलर्षट शोना अऩने प्राण-वप्रम ऩतत वे वदा के मरए बफछुड़ जाना था। कुयळ जातत के रोग ऐवे मभगश्रत वललाशों को ऩरयलाय के मरए करॊक वभझते थे। भामा औय धभा की दवुलधा भें ऩड़ी शुई जैनफ कुढ़ती यशती थी।

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भा का अनुयाग एक दरुाब लसतु शै , क्रकन्तु जफ उवका लेग उठता शै तफ फड़ ेप्रचण्ड रऩ वे उठत शै। दोऩशय का वभम था। धूऩ इतनी तेज

थी क्रक उवकी ओय ताकते शुए आॊखों वे गचनगारयमाॊ तनकरती थीॊ। शजयत भुशम्भद अऩने भकान भें गचन्ताभग्न फैठै शुए थे। तनयाळा चायों ओय अॊधकाय के रऩ भें ददखाई देती थी। खुदैजा बी ऩाव फैठी शुई एक पटा कुताा वी यशी थी। धन-वम्ऩस्त्त वफ कुछ इव रगन के बेंट शो चुकी थी। वलधमभामों का दयुाग्रश ददनोंददन फढ़ता जाता था। इवराभ के अनुमातममों को बाॊतत-बाॊतत की मातनाएॊ दी जा यशी थीॊ। सलमॊ शजयत को घय वे तनकरना भुस्श्कर था। खौप शोता था क्रक कशीॊ रोग उन ऩय ईंट-ऩत्थय न पें कने रगें। खफय आती थी क्रक आज अभुक भुवरभान का घय रूटा गमा , आज पराॊ को रोगों नो आशत क्रकमा। शजयत मे खफयें वुन-वुनकय वलकर शो जाते थे औय फाय-फाय वुदा वे धैमा औय षभा की माचना कयते थे।

शजयत ने पयभामा —भुझ ेमे रोग अफ मशाॊ न यशने देंगे। भैं खुद वफ कुछ झरे वकता शूॊ ऩय अऩने दोसतों की तकरीप नशीॊ देखी जाती।

खुदैजा —शभाये चरे जाने वे तो इन फेचायों को औय बी कोई ळयण न यशेगी। अबी कभ वे कभ आऩके ऩाव आकय यो तो रेते शैं। भुवीफत भें योने का वशाया कभ नशीॊ शोता।

शजयत—तो भैं अकेरे थोड़ ेशी जाना चाशता शूॊ। भैं अऩने वफ दोसतों को वाथ रेकय जाने का इयादा यखता शूॊ। अबी शभ रोग मशाॊ बफखये शुए शैं। कोई क्रकवी की भदद को नशीॊ ऩशुॊच वकता। शभ फव एक शी जगश एक कुटुम्फ की तयश यशेंगे तो क्रकवी को शभाये ऊऩय शभरा कयने की दशम्भत न शोगी। शभ अऩनी मभरी शुई ळस्क्त वे फारू का ढेय तो शो शी वकते शैं स्जव ऩय चढ़ने का क्रकवी को वाशव न शोगा।

वशवा जैनफ घय भें दाखखर शुई। उवके वाथ न कोई आदभी था न कोई आदभजाद , ऐवा भारूभ शोता था क्रक कशीॊ वे बगी चरी आ यशी शैं। खुदैजा ने उवे गरे रगाकय कशा—क्मा शुआ जैनफ, खैरयमत तो शै?

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जैनफ ने अऩने अन्तद्ालन्द्ल की कथा वुनाई औय वऩता वे दीषा की प्राथाना की। शजयत भुशम्भद आॊखों भें आॊवू बयकय फोरे —जैनफ, भेये मरए इववे ज्मादा खुळी की औय कोई फात नशीॊ शो वकती। रेक्रकन डयता शूॊ क्रक तुम्शाया क्मा शार शोगा।

जैनफ—मा शजयत , भैंने खुदा की याश भें वफ कुछ त्माग देने का तनश्चम क्रकमा शैं दतुनमा के मरए अऩनी आकफत को नशीॊ खोना चाशती।

शजयत —जैनफ, खुदा की याश भें काॊटे शैं।

जैनफ —रगन को काॊटों की ऩयलाश नशीॊ शोती।

शजयत —ववुयार वे नाता टूट जामेगा।

जैनफ —खुदा वे तो नाता जुड़ जामेगा।

शजयत —औय अफुरआव?

जैनफ की आॊखों भें आॊवू डफडफा आमे। कातय सलय वे फोरी —

अब्फाजान, इवी फेड़ी ने इतने ददनों भुझ ेफाॊधे यक्खा था , नशीॊ तो भैं कफ की आऩकी ळयण भें आ चुकी शोती। भैं जानती शूॊ , उनवे जुदा शोकय जीती न यशूॊगी औय ळामद उनको बी भेया वलमोग दसुवश शोगा , ऩय भुझ ेवलश्लाव शै क्रक एक ददन जरय आमेगा जफ ले खुदा ऩय ईभान रामेंगे औय भुझ ेक्रपय उनकी वेला का अलवय मभरेगा।

शजयत —फेटी, अफुरआव ईभानदाय शै , दमाळीर शै , वत्मलक्ता शै , क्रकन्तु उवका अशॊकाय ळामद अन्त तक उवे ईश्लय वे वलभुख यखे शै। लश तकदीय को नशीॊ भानता , आत्भा को नशीॊ भानता , सलगा औय नयक को नशीॊ भानता। कशता शै , ‗वसृ्र्षट-वॊचारन के मरए खुदा की जरयत शी क्मा शै ? शभ उववे क्मों डयें ? वललेक औय फुवद्ध की दशदामत शभाये मरए कापी शै ?‘ ऐवा आदभी खुदा ऩय ईभान नशीॊ रा वकता। अधभा को जीतना आवान शै ऩय जफ लश दळान का रऩ धायण कय रेता शै तो अजमे शो जाता शै।

जैनफ ने तनश्चमात्भक बाल वे कशा —शजयत, आत्भ का उऩकाय स्जवभें शो भुझ ेलश चादशए। भैं क्रकवी इन्वान को अऩने औय खुदा के फीच न यशने दूॊगी।

शजयत —खुदा तुझ ऩय दमा कये फेटी। तेयी फातों ने ददर खुळ कय ददमा। मश कशकय उन्शोंने जैनफ को प्रेभ वे गरे रगा ददमा।

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वये ददन जैनफ को जभा भवस्जद भें मथा वलगध करभा ऩढ़ामा गमा।

कुयैमळमों ने जफ मश खफय ऩाई तफ ले जर उठे। गजफ खुदा का। इवराभ ने तो फड़-ेफड़ ेघयों ऩय शाथ वाप कयना ळुर क्रकमा। अगय मशी शार यशा तो धीये-धीये उवकी ळस्क्त इतनी फढ़ जामेगी क्रक उवका वाभना कयना कदठन शो जामगा। रोग अफुरआव के घय ऩय जभा शुए। अफूमवक्रपमान ने , जो इसराभ के ळुतु्रओॊ वे वफवे प्रततस्र्षठत व्मस्क्त थे (औय जो फाद को इवराभ ऩय ईभान रामा) , अफुरआव वे कशा —तुम्शें अऩनी फीली को तराक देना ऩड़गेा।

अफुर० —शगगाज नशीॊ।

अफूमव० —तो क्मा तुभ बी भुवराभन शो जाओगे ?

अफु० —शगगाज नशीॊ।

अफूमव० —जो उवे भुशम्भद शी के घय यशना ऩड़गेा।

अफु० —शगगाज नशीॊ, आऩ भुझ ेआसा दीस्जए क्रक उवे अऩने घय राऊॊ ।

अफूमव० —शगगाज नशीॊ।

अफु० —क्मा मश नशीॊ शो वकता क्रक भेये घय भें यश कय लश अऩने भतानुवाय खुदा की फन्दगी कयें ?

अफूमव० —शगगाज नशीॊ।

अफु० —भेयी कौभ भेये वाथ इतनी बी वशानुबूतत न कयेगी ?

अफूमव० —शगगाज नशीॊ।

अफु० —तो क्रपय आऩ रोग भुझ ेअऩने वभाज वे ऩततत कय दीस्जए। भुझ ेऩततत शोना भॊजूय शै , आऩ रोग चाशें जो वजा दें , लश वफ भॊजूय शै। ऩय भैं अऩनी फीली को तराक नशीॊ दे वकता। भैं क्रकवी की धामभाक सलाधीनता का अऩशयण नशीॊ कयना चाशता , लश बी अऩनी फीली की।

अफूमव० —कुयैळ भें क्मा औय रड़क्रकमाॊ नशीॊ शैं ?

द ू

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अफु० —जैनफ की-वी कोई नशीॊ।

अफूमव० —शभ ऐवी रड़क्रकमाॊ फता वकते शैं जो चाॊद को रस्ज्जत कय दें।

अफु० —भैं वौन्दमा का उऩावक नशीॊ।

अफूमव० —ऐवी रड़क्रकमाॊ दे वकता शूॊ जो गशृ-प्रफन्ध भें तनऩुण शों , फातें ऐवी कयें जो भुॊश वे पूर झयें , बोजन ऐवा फनामे क्रक फीभाय को बी रुगच शो , औय वीने-वऩयोने भें इतनी कुळर क्रक ऩुयाने कऩड़ ेको नमा कय दें।

अफु० —भैं इन गुणों भें क्रकवी का बी उऩावक नशीॊ। भैं प्रेभ औय केलर प्रेभ का बक्त शूॊ औय भुझ ेवलश्लाव शै , क्रक जैनफ का-वा प्रेभ भुझ ेवायी दतुनमा भें नशीॊ मभर वकता।

अफूमव० —प्रेभ शोता तो तुम्शें छोड़कय दगा न कयती।

अफु० —भैं नशीॊ चाशता क्रक प्रेभ के मरए कोई अऩने आत्भसलतान्त्रम का त्माग कये।

अफूमव०—इवका भतरफ मश शै क्रक तुभ वभाज के वलयोधी फनकय यशना चाशते शो। अऩनी आॊखों की कवभ , वभाज अऩने ऊऩय मश अत्माचाय न शोने देगा, भैं वभझामे जाता शूॊ , न भानोगे तो योओगे।

फूमवक्रपमान औय उनकी टोरी के रोग तो धभक्रकमाॊ देकय उधय गमे इधय अफुरआव ने रकड़ी वम्शारी औय ववुयार जा ऩशुॊचे। ळाभ शो

गई थी। शजयत अऩने भुयीदों के वाथ भगरयफ की नभाज ऩढ़ यशे थे। अफुरआव ने उन्शें वराभ क्रकमा औय जफ तक नभाज शोती यशी , गौय वे देखते यशे। आदमभमों की कतायों का एक वाथ उठना-फैठना औय मवजदे कयना देखकय उनके ददर ऩय गशया प्रबाल ऩड़ यशा था। लश असात बाल वे वॊगत के वाथ फैठते , झुकते औय खड़ ेशो जाते थे। लशाॊ का एक-एक ऩयभाणु इव वभम ईश्लयभम शो यशा था। एक षण के मरए अफुरआव बी उवी बस्क्त-प्रलाश भें आ गमे।

जफ नभाज खत्भ शो गई तफ अफुरआव ने शजयत वे कशा —भैं जैनफ को वलदा कयने आमा शूॊ।

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शजयत ने वलस्सभत शोकय कशा —तुम्शें भारूभ नशीॊ क्रक लश खुदा औय यवूर ऩय ईभान रा चुकी शै?

अफु० —जी शाॊ, भारूभ शै।

शज० —इसराभ ऐवे वम्फन्धों का तनऴेध कयता शै।

अफु० —क्मा इवका भतरफ शै क्रक जैनफ ने भुझ ेतराक दे ददमा ?

शज० —अगय मशी भतरफ शो तो?

अफु० —तो कुछ नशीॊ , जैनफ को खुदा औय यवूर की फन्दगी भुफायक शो। भैं एक फाय उववे मभरकय घय चरा जाऊॊ गा औय क्रपय कबी आऩको अऩनी वूयत न ददखाऊॊ गा। रेक्रकन उव दळा भें अगय कुयैळ जातत आऩवे रड़ने के मरए तैमाय शो जाम तो इवका इरजाभ भुझ ऩय न शोगा। शाॊ , अगय जैनफ भेये वाथ जामगी तो कुयैळ के िोध का बाजन भैं शूॊगा। आऩ औय आऩके भुयीदों ऩय कोई आपत न आमेगी।

शज० —तुभ दफाल भें आकय जैनफ को खुदा की तयप वे पेयने का तो मत्न न कयोगी?

अफ०—भैं क्रकवी के धभा भें तनध्न डारना रज्जाजनक वभझता शूॊ।

शज० —तुम्शें रोग जैनफ को तराक देने ऩय तो भजफूय न कयेंगे ?

अफु० —भैं जैनफ को तराक देने के ऩशरे स्जन्दगी को तराक दे दूॊगा।

शजयत को अफुरआव की फातों वे इत्भीनान शो मगा। आव को शयभ भें जैनफ वे मभरने का अलवय मभरा। आव ने ऩूछा —जैनफ, भैं तुम्शें वाथ रे चरने आमा शूॊ। धभा के फदरने वे कशीॊ तुम्शाया भन तो नशीॊ फदर गमा ?

जैनफ योती शुई ऩतत के ऩैयों ऩय गगय ऩड़ी औय फोरी —सलाभी, धभा फाय-फाय मभरता शै , हृदम केलर एक फाय। भैं आऩकी शूॊ। चाशे मशाॊ यशूॊ , चाशे लशाॊ। रेक्रकन वभाज भुझ ेआऩकी वेला भें यशने देगा ?

अफु० —मदद वभाज न यशने देगा तो भैं वभाज शी वे तनकर जाऊॊ गा। दतुनमा भें यशने के मरए फशुत सथान शै। यशा भैं , तुभ खूफ जानती शो क्रक क्रकवी के धभा भें वलघ्न डारना भेये मवद्धान्त के प्रततकूर शै।

जैनफ चरी तो खुदैजा ने उवे फदतळाॊ के रारों का एक फशुभूरम शाय वलदाई भें ददमा।

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वराभ ऩय वलधमभामों के अत्माचाय ददन-ददन फढ़ने रगे। अलशेरना की दळा भें तनकरकय उवने बम के षेत्र भें प्रेलळ क्रकमा। ळतु्रओॊ ने उवे

वभूर नाळ कयने की आमोजना कयना ळुर की। दयू-दयू के कफीरों वे भदद भाॊगी गई। इवराभ भें इनती ळस्क्त न थी क्रक ळसत्रफर वे ळतु्रओॊ को दफा वके। शजयत भुशम्भद ने अन्त को भक्का छोड़कय भदीने की याश री। उनके क्रकतने शी बक्तों ने उनके वाथ दशजयत की। भदीने भें ऩशुॊचकय भुवरभानों भें एक नई ळस्क्त , एक नई सपूतता का उदम शुआ। ले तन:ळॊक शोकय धभा का ऩारन कयने रगे। अफ ऩड़ोमवमों वे दफने औय तछऩने की जरयत न थी। आत्भवलश्लाव फढ़ा। इधय बी वलधमभामों का वाभना कयने की तैमारयमाॊ शोने रगीॊ।

एक ददन अफुरआव ने आकय सत्री वे कशा —जैनफ, शभाये नेताओॊ ने इवराभ ऩय जेशाद कयने की घोऴणा कय दी।

जैनफ ने घफयाकय कशा —अफ तो ले रोग मशाॊ वे चरे गमे क्रपय जेशाद की क्मा जरयत?

अफु०—भक्का वे चरे गमे , अयफ वे तो नशीॊ चरे गमे , उनकी ज्मादततमाॊ फढ़ती जा यशी शैं। स्जशाद के मवला औय कोई उऩाम नशीॊ। भेया उव स्जशाद भें ळयीक शोना फशुत जरयी शै।

जैन० —अगय तुम्शाया ददर तुम्शें भजफूय कय यशा शै तो ळौक वे जाओ रेक्रकन भुझ ेबी वाथ रेते चरो।

अफु० —अऩने वाथ?

जैन० —शाॊ, भैं लशाॊ आशत भुवरभानों की वेला-वुश्रुऴा करॊ गी।

अफु० —ळौक वे चरो।

य वॊग्राभ शुआ। दोनों दरों ने खूफ ददर के अयभान तनकारे। बाई बाई वे , मभत्र मभत्र वे , फाऩ फेटे वे रड़ा। मवद्ध शो गमा क्रक धभा का

फन्धन यक्त औय लीमा के फन्धन वे वुदृढ़ शै।

घो

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दोनों दर लारे लीय थे। अॊतय मश था क्रक भुवरभानों भें नमा धभाानुयाग था , भतृ्मु के ऩश्चात ्सलगा की आळा थी , ददरों भें आत्भवलश्लाव था जो नलजात वम्प्रदामों का रषण शै। वलधमभामों भें फमरदान का मश बाल रुप्त था।

कई ददन तक रड़ाई शोती यशी। भुवरभानों की वॊतमा फशुत कभ थी , ऩय अन्त भें उनके धभोत्वाश ने भैदान भाय मरमा। वलधमभामों भें अगधकाॊळ काभ आमे , कुछ घामर शुए औय कुछ कैद कय मरमे गमे। अफुरआव बी इन्शीॊ कैददमों भें थे।

जैनफ को ज्मोंशी मश भारूभ शुआ उवने शजयत भुशम्भद की वेला भें अफुरआव का पददमा (भुस्क्तधन) बेजा। मश लशी फशुभूल्म शाय था , जो खुदैज ने उवे ददमा था। लश अऩने वऩता को उव धभा-वॊकट भें नशीॊ डारना चाशती थी जो भुस्क्तधन के अबाल की दळा भें उन ऩय ऩड़ता। शजयत ने मश शाय देखा तो खुदैता की माद ताजी शो गई। भधुय सभतृतमों वे गचत्त चॊचर शो उठा। अगय खुदैजा जीवलत शोती तो उवकी मवपारयळ का अवय उन ऩय इववे ज्मादा न शोता स्जतना इव शाय वे शुआ , भानो सलमॊ खुदैजा इव शाय के रऩ भें आई थी। अफुरआव के प्रतत हृदम कोभर शो गमा। उवे वजा दी गई, मश शाय रे मरमा गमा तो खुदैजा की आत्भा को क्रकतना दखु शोगा। उन्शोंने कैददमों की पैवरा कयने के मरए एक ऩॊचामत तनमुक्त कय दी थी। मद्मवऩ ऩॊचों भें वबी शजयत के इर्षट-मभत्र थे , ऩय इसराभ की मळषा उनके ददरों भें ऩुयानी आदतें , ऩुयानी चेर्षटाएॊ न मभटा वकी थीॊ। उनभें अगधकाॊळ ऐवे थे स्जनको अफुरआव वे ऩारयलारयक द्लेऴ था , जो उनवे क्रकवी ऩुयाने खून का फदरा रेना चाशते थे। इवराभ ने उन भें षभा औय अदशॊवा के बालों को अॊकुरयत न क्रकमा शो , ऩय वाम्मलाद को उनके योभ-योभ भें प्रततर्षट कय ददमा था। ले धभा के वलऴम भें क्रकवी के वाथ र-रयमामत न कय वकते थे, चाशे लश शजयत का तनकट वम्फन्धी शी क्मों न शो। अफुरआव मवय झुकामे ऩॊचों के वाभने खड़ ेथे औय कैदी ऩेळ शोते थे। उनके भुस्क्तधन का भुरादशजा शोता था औय ले छोड़ ददमे जाते थे। अफुरआव को कोई ऩूछता शी न था , मद्मवऩ लश शाय एक तश्तयी भें ऩॊचों के वम्भुख यक्खा शुआ था। शजयत के भन भें फाय-फाय प्रफर इच्छा शोती थी क्रक वशाबफमों वे कशें मश

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शाय क्रकतना फशुभूल्म शै। ऩय धभा का फन्धन , स्जवे उन्शोंने सलमॊ प्रततस्र्षठत क्रकमा था , भुॊश वे एक ळब्द बी न तनकरने देता था। मशाॊ तक क्रक वभसत फन्दीजन भुक्त शो गमे , अफुरआव अकेरा मवय झुकामे खड़ा यशा —शजयत भुशम्भद के दाभाद के वाथ इतना मरशाज बी न क्रकमा गमा क्रक फैठने की आसा तो दे दी जाती। वशवा जैद ने अफुरआव की ओय कटाष कयके कशा—देखा, खुदा इवराभ की क्रकतनी दशभामत कयता शै। तुम्शाये ऩाव शभवे ऩॊचगुनी वेना थी , ऩय खुदा ने तुम्शाया भुॊश कारा क्रकमा। देखा मा अफ बी आॊखें नशीॊ खुरीॊ?

अफुरआव ने वलयक्त बाल वे उत्तय ददमा —जफ आऩ रोग मश भानते शैं क्रक खुदा वफका भामरक शै तफ लश अऩने एक फन्दे को दवूये की गदान काटने भें भदद न देगा। भुवरभानों ने इवमरए वलजम ऩामी क्रक गरत मा वशी उन्शें अटर वलश्लाव शै क्रक भतृ्मु के फाद शभ सलगा भें जामेंगे। खुदा को आऩ नाशक फदनाभ कयते शैं।

जैद —तुम्शाया भुस्क्त-धन कापी नशीॊ शै।

अफुरआव —भैं इव शाय को अऩनी जान वे ज्मादा कीभती वभझता शूॊ। भेये घय भें इववे फशुभूल्म औय कोई लसतु नशीॊ शै।

जैद —तुम्शाये घय भें जैनफ शैं स्जन ऩय ऐवे वैकड़ों शाय कुफाान क्रकमे जा वकते शैं।

अफु० —तो आऩकी भॊळा शै क्रक भेयी फीली भेया पददमा शो। इववे तो मश कशीॊ फेशतय शै क्रक भैं कत्र कय ददमा जाता। अच्छा , अगय भैं लश पददमा न दूॊ तो?

जैद—तो तुम्शें आजीलन मशाॊ गुराभों की तयश यशना ऩड़गेा। तुभ शभाये यवूर के दाभाद शो , इव रयश्ते वे शभ तुम्शाया मरशाज कयेंगे , ऩय तुभ गुराभ शी वभझ ेजाओॊगे।

शजयत भुशम्भद तनकट फैठे शुए मे फातें वुन यशे थे। ले जानते थे क्रक जैनफ औय आव एक-दवूये ऩय जान देते शैं। उनका वलमोग दोनों शी के मरए घातक शोगा। दोनों घुर-घुरकय भय जामॊगे। वशाबफमों को एक फाय ऩॊच चुन रेने के फाद उनके पैवरे भें दखर देना नीतत-वलरुद्ध था। इववे इवराभ की भमाादा बॊग शोती थी। कदठन आत्भलेदना शुई। मशाॊ फैठे न यश वके। उठकय

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अन्दय चरे गमे। उन्शें ऐवा भारूभ शो यशा था क्रक जैनफ की गदान ऩय तरलाय पेयी जा यशी शैं। जैनफ की दीन , करुणाऩूणा भूतत ा आॊखों के वाभने खड़ी भारूभ शोती थी। ऩय भमाादा , तनदाम , तनर्षठुय भमाादा का फमरदान भाॊग यशी थी।

अफुरआव के वाभने बी वलऴभ वभसमा थी। इधय गुराभों का अऩभान था, उधय वलमोग की दारुण लेदना थी।

अन्त भें उन्शोंने तनश्मच क्रकमा , मश लेदना वशूॊगा , अऩभान न वशूॊगा। प्रेभ को गौयल ऩय वभवऩात कय दूॊगा। फोरे —भुझ ेआऩका पैवरा भॊजूय शै। जैनफ भेया पददमा शोगी।

श्चम क्रकमा गमा क्रक जैद अफुरआव के वाथ जामॊ औय आफादी वे फाशय ठशये। आव घय जाकय तुयन्त जैनफ को लशाॊ बेज दें। आव ऩय

इतना वलश्लाव था क्रक ले अऩना लचन ऩूया कयेंगे।

आव घय ऩशुॊचे तो जैनफ उनवे गरे मभरने दौड़ी। आव शट गमे औय कातय सलय वे फोरे —नशीॊ जैनफ , भैं तुभवे गरे न मभरूॊगा। भैं तुम्शें अऩने पददमे के रऩ भें दे आमा। अफ भेया तुभवे कोई वम्फन्ध नशीॊ शै। मश तुम्शाया शाय शै , रे रो , औय पौयन मशाॊ वे चरने की तैमायी कयो। जैद तुम्शें रेने को आमे शैं।

जैनफ ऩय लज्र-वा गगय ऩड़ा। ऩैय फॊध गमे , लशीॊ गचत्र की बाॊतत खड़ी यश गमी। लज्र ने यक्त को जरा ददमा , आॊवुओॊ को वुखा ददमा , चेतना शी न यशी, योती औय बफरखती क्मा। एक षण के फाद उवने एक फाय भाथा ठोका—तनदाम तकदीय के वाभने मवय झुका ददमा। चरने को तैमाय शो गमी। घोय नैयाश्म इतना दखुदामी नशीॊ शोता स्जतना शभ वभझते शैं। उवभें एक यवशीन ळास्न्त शोती शै। जशाॊ वुख की आळा नशीॊ लशाॊ दखु का कर्षट कशाॉ!

भदीने भें यवूर की फेटी की स्जतनी इज्जत शोनी चादशए उतनी शोती थी। लश वऩतागशृ की सलामभनी थी। धन था , भान था , गौयल था , धभा था , प्रेभ न था। आॊख भें वफ कुछ था , केलर ऩुतरी न थी। ऩतत के वलमोग भें योमा कयती थी। स्जन्दा थी , भगय स्जन्दा दयागोय। तीन वार तीन मुगों की

तन

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बाॊतत फीते। घण्टे , ददन औय लऴा वाधायण व्मलशायों के मरए शै प्रेभ के मशाॊ वभम का भाऩ कुछ औय शी शै।

उधय अफुरआव द्वलगुण उत्वाश के वाथ धनोऩाजान भें रीन शुआ , भशीनों घय न आता , शॊवना-फोरना वफ बूर गमा। धन शी उवके जीलन का एक भात्र आधाय था ; उवके प्रणम-लॊगचत हृदम को क्रकवी वलसभतृतकायक लसतु की चाश थी। नैयाश्म औय गचन्ता फशुधा ळयाफ वे ळान्त शोती शै , प्रेभ उन्भाद वे। अफुरआव को धनोम्भाद शो गमा। धन के आलयण भें तछऩा शुआ वलमोग-दखु था, भामा के ऩदे भें तछऩा शुआ प्रेभ-लैयाग्म।

जाड़ों के ददन थे। नाडड़मों भें रगधय जभा जाता था। अफुरआव भक्का वे भार रादकय एक काक्रपरे के वाथ चरा। यकपों का एक दर बी वाथ था। कुयैमळमों ने भुवरभानों के कई काक्रपरे रूट मरमे थे। अफुरआव को वॊळम था क्रक भुवरभानों के कई काक्रपरे रूट मरमे थे। अफुरआव को वॊळम था क्रक भुवरभानों का आिभण शोगा , इवमरए उन्शोंने भदीने की याश छोड़ एक दवूया यासता अस्ततमाय क्रकमा। ऩय ददैुल , भुवरानों को टोश मभर शी गमी। जैद ने वत्तय चुने शुए आदमभमों के वाथ काक्रपरे ऩय धाला कय ददमा। धन के बक्त धभा के वेलाकों वे क्मा फाजी रे जाते। वत्तय के वात वौ को भाय बगामा। कुछ भये , अगधकाॊळ बागे , कुछ कैद शो गमे। भुवरभानों को अतुर धन शाथ रगा। कैदी घाते भें मभरे। अफुरआव क्रपय कैद शो गमा।

ददमों के बाग्म-तनणाम के मरए नीतत के अनुवाय ऩॊचामत चुनी गमी। जैनफ को मश खफय मभरी तो आळाएॊ जाग उठीॊ ; आळा भयती नशीॊ

केलर वो जाती शै। वऩॊजये भें फन्द ऩषी की बाॊतत तड़पड़ाने रगी , ऩय क्मा कये, क्रकववे कशे , अफकी तो पददमे का बी कोई दठकाना न था। मा खुदा क्मा शोगा?

ऩॊचों ने अफकी शजयत भुशम्भद शी को अऩना प्रधान फनामा। शजयत ने इनकाय क्रकमा, ऩय अन्त भें उनके आग्रश वे वललळ शो गमे।

अफुरआव मवय झुकामे फैठे शुए थे। शजयत ने एक फाय उन ऩय करुणा-वूचक दृस्र्षट डारी , क्रपय मवय झुका मरमा।

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ऩॊचामत ळुर शुई। अन्म कैददमों के घयों वे भुस्क्तधन आ गमा था। ले भुक्त क्रकमे गमे। अफुरआव के घय वे भुस्क्तधन न आमा था। शजयत ने शुक्भ ददमा—इनका वाया भार औय अवफाफ जब्त कय मरमा जाम औय मे उव लक्त तक फन्दी यशें जफ तक इन्शें कोई छुड़ाने न आमे। उनके अॊततभ ळब्द मे थे: अफुरआव , इवराभ की यणनीतत के अनुवाय तुभ गुराभ शो। तुम्शें फाजाय भें फेचकय रुऩमा भुवरभानों भें तकवीभ शोना चादशए था। ऩय तुभ ईभानदाय आदभी शो , इवमरए तुम्शाये वाथ इतनी रयआमत की गमी।

जैनफ दयलाजे के ऩाव आड़ भें फैठी शुई थी। शजयत का मश पैवर वुनकय यो ऩड़ी , तफ घय वे फाशय तनकर आमी औय अफुरआव का शाथ ऩकड़कय फोरी—अगय भेया ळौशय गुराभ शै तो भैं उवकी रौंडी शूॊ। शभ दोनों वाथ बफकें गे मा वाथ कैद शोंगे।

शजयत —जैनफ, भुझ ेरस्ज्जत भत कयो , भैं लशी कय यशा शूॊ जो भेया कत्ताव्म शै ; न्माम ऩय फैठने लारे भनुर्षम को प्रेभ औय द्लेऴ दोनों शी वे भुक्त शोना चादशए। मद्मवऩ इव नीतत का वॊसकाय भैंने शी क्रकमा शै , ऩय अफ भैं उवका सलभी नशीॊ , दाव शूॊ। अफुरआव वे भुझ ेस्जतना प्रेभ शै मश खुदा के मवला औय कोई नशीॊ जान वकता। मश शुक्भ देते शुए भुझ ेस्जतना भानमवक औय आस्त्भक कर्षट शो यशा शै उवका अनुभान शय एक वऩता कय वकता शै। ऩय खुदा का यवूर न्माम औय नीतत को अऩने व्मस्क्तगत बालों वे करॊक्रकत नशीॊ कय वकता।

वशबफमों ने शजयत की न्माम-व्मातमा वुनी तो भुग्ध शो गमे। अफू जपय ने अजा की—शजयत, आऩने अऩना पैवरा वुना ददमा , रेक्रकन शभ वफ इव वलऴम भें वशभत शैं क्रक अफुरआव जैवे प्रततस्र्षठत व्मस्क्त के मश दण्ड न्मामोगचत शोते शुए बी अतत कठोय शै औय शभ वलावम्भतत वे उवे भुक्त कयते शैं औय उवका रूटा शुआ धन रौटा देने की आसा भाॊगते शैं।

अफुरआव शजयत भुशम्भद की न्मामऩयामणता ऩय चक्रकत शो गमे। न्माम का इतना ऊॊ चा आदळा! भमाादा का इतना भशत्ल! आश , नीतत ऩय अऩना वन्तान-प्रेभ तक न्मौछालय कय ददमा! भशात्भा , तुभ धन्म शो। ऐवे शी भभता-शीन वत्ऩुरुऴों वे वॊवाय का कल्माण शोता शै। ऐवे शी नीततऩारकों के शाथों जाततमाॊ फनती शैं, वभ्मताएॊ ऩरयर्षकृत शोती शैं।

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भक्के आकय अफुरआव ने अऩना दशवाफ-क्रकताफ वाप क्रकमा , रोगों के भार रौटामे , ऋण चुकामे , औय धन-फाय त्मागकय शजयत भुशम्भत की वेला भें ऩशुॊच गमे।

जैनफ की भुयाद ऩूयी शुई।

—‗वयसलती‘, भाचा, १९२४

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मंददर और मस्जिद

धयी इतयतअरी ‗कड़े‘ के फड़ ेजागीयदाय थे। उनके फुजुगो ने ळाशी जभाने भें अॊगे्रजी वयकाय की फड़ी-फड़ी खखदभत की थीॊ। उनके फदरे

भें मश जागीय मभरी थी। अऩने वुप्रफन्धन वे उन्शोंने अऩनी मभस्ल्कमत औय बी फढ़ा री थी औय अफ इव इराके भें उनवे ज्मादा धनी-भानी कोई आदभी न था। अॊगे्रज शुक्काभ जफ इराके भें दौया कयने जाते तो चौधयी वाशफ की मभजाजऩुवी के मरए जरय आते थे। भगय चौधयी वाशफ खुद क्रकवी शाक्रकभ को वराभ कयने न जाते , चाशे लश कमभश्नय शी क्मों न शो। उन्शोंने कचशरयमों भें न जाने का व्रत-वा कय मरमा था। क्रकवी इजराव-दयफाय भें बी न जाते थे। क्रकवी शाक्रकभ के वाभने शाथ फाॊधकय खड़ा शोना औय उवकी शय एक फात ऩय ‗जी शुजूय ‘ कयना अऩनी ळान के खखराप वभझते थे। लश मथावाध्म क्रकवी भाभरे-भुहदभे भें न ऩड़ते थे , चाशे अऩना नुकवान शी क्मों न शोता शो। मश काभ वोरशों आने भुततायों के शाथ भें था , ले एक के वौ कयें मा वौ के एक। पायवी औय अयफी के आमरभ थे , ळया के फड़ ेऩाफॊद , वूद को शयाभ वभझते , ऩाॊचों लक्त की नभाज अदा कयते , तीवों योजे यखते औय तनत्म कुयान की तरालत (ऩाठ) कयते थे। भगय धामभाक वॊकीणाता कशीॊ छू तक नशीॊ गमी थी। प्रात:कार गॊगा-सनान कयना उनका तनत्म का तनमभ था। ऩानी फयवे , ऩारा ऩड़े , ऩय ऩाॊच फजे लश कोव-बय चरकय गॊगा तट ऩय अलश्म ऩशुॊच जाते। रौटते लक्त अऩनी चाॊदी की वुयाशी गॊगाजर वे बय रेत औय शभेळा गॊगाजी ऩीते। गॊगाजी के मवला लश औय कोई ऩानी ऩीते शी न थे। ळामद कोई मोगी-मती बी गॊगाजर ऩय इतनी श्रद्धा न यखता शोगा। उनका वाया घय , बीतय वे फाशय तक , वातलें ददन गऊ के गोफय वे रीऩा जाता था। इतना शी नशी , उनके मशाॊ फगीचे भें एक ऩस्ण्डत फायशों भाव दगुाा ऩाठ बी क्रकमा कयते थे। वाधु-वॊन्मामवमों का आदय-वत्काय तो उनके मशाॊ स्जतनी उदायता औय बस्क्त वे क्रकमा जाता था , उव ऩय याजों को बी आश्चमा शोता था। मों कदशए क्रक वदाव्रत चरता था। उधय भुवरभान पकीयों का खाना फालचीखाने भें ऩकता था औय कोई वौ-वला वौ आदभी तनत्म एक

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दसतयखान ऩय खाते थे। इतना दान-ऩुण्म कयने ऩय बी उन ऩय क्रकवी भशाजन का एक कौड़ी का बी कजा न था। नीमत की कुछ ऐवी फयकत थी क्रक ददन-ददन उन्नतत शी शोती थी। उनकी रयमावत भें आभ शुक्भ था क्रक भुदो को जराने के मरए , क्रकवी मस मा बोज के मरए , ळादी-ब्माश के मरए वयकायी जॊगर वे स्जतनी रकड़ी चाशे काट रो , चौधयी वाशफ वे ऩूछने की जरयत न थी। दशॊद ूअवामभमों की फायात भें उनकी ओय वे कोई न कोई जरय ळयीक शोता था। नलेद के रुऩमे फॊधे शुए थे , रड़क्रकमों के वललाश भें कन्मादान के रुऩमे भुकयाय थे , उनको शाथी , घोड़े , तॊफू , ळामभमाने , ऩारकी-नारकी, पळा-जास्जभें , ऩॊखे-चॊलय , चाॊदी के भशक्रपरी वाभान उनके मशाॊ वे बफना क्रकवी ददक्कत के मभर जाते थे , भाॊगने-बय की देय यशती थी। इव दानी, उदाय, मळसली आदभी के मरए प्रजा बी प्राण देने को तैमाय यशती थी।

धयी वाशफ के ऩाव एक याजऩूत चऩयवी था बजनमवॊश। ऩूये छ: पुट का जलान था, चौड़ा वीना, फाने का रठैत ,् वैकड़ों के फीच वे भायकय

तनकरे आने लारा। उवे बम तो छू बी नशीॊ गमा था। चौधयी वाशफ को उव ऩय अवीभ वलश्लाव था , मशाॊ तक क्रक शज कयने गमे तो उवे बी वाथ रेते गमे थे। उनके दशु्भनों की कभी न थी , आव-ऩाव के वबी जभीॊदाय उनकी ळस्क्त औय कीतता वे जरते थे। चौधयी वाशफ के खौप के भाये ले अऩने अवामभमों ऩय भनभाना अत्माचाय न कय वकते थे , क्मोंक्रक लश तनफारों का ऩष रेने के मरए वदा तैमाय यशते थे। रेक्रकन बजनमवॊश वाथ शो , तो उन्शें दशु्भन के द्लाय ऩय बी वोने भें कोई ळॊका न थी। कई फाय ऐवा शुआ क्रक दशु्भनों ने उन्शें घेय मरमा औय बजनमवॊश अकेरा जान ऩय खेरकय उन्शें फेदाग तनकार रामा। ऐवा आग भें कूद ऩड़ने लारा आदभी बी क्रकवी ने कभ देखा शोगा। लश कशीॊ फाशय जाता तो जफ तक खैरयतमत वे घय न ऩशुॊच जाम, चौधयी वाशफ को ळॊका फनी यशती थी क्रक कशीॊ क्रकवी वे रड़ न फैठा शो। फव, ऩारतू बेड़ ेकी-वी दळा थी , जो जॊजीय वे छुटते शी क्रकवी न क्रकवी वे टक्कय रेने दौड़ता शै। तीनों रोक भें चौधयी वाशफ क्रक मवला उवकी

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तनगाशों भें औय कोई था शी नशी। फादळाश कशो , भामरक कशो , देलता कशो , जो कुछ थे चौधयी वाशफ थे।

भुवरान रोग चौधयी वाशफ वे जरा कयते थे। उनका तमार था क्रक लश अऩने दीन वे क्रपय गमे शैं। ऐवा वलगचत्र जीलन-मवद्धाॊत उनकी वभझ भें क्मोंकय आता। भुवरभान , वच्चा भुवरभान शै तो गॊगाजर क्मों वऩमे , वाधुओॊ का आदय-वत्काय क्मों कये , दगुााऩाठ क्मों कयाले ? भुल्राओॊ भें उनके खखराप शॊडडमा ऩकती यशती थी औय दशन्दओुॊ को जक देने की तैमारयमाॊ शोती यशती थीॊ। आखखय मश याम तम ऩामी क्रक ठीक जन्भार्षटभी क्रक ददन ठाकुयद्लाये ऩय शभरा क्रकमा जाम औय दशन्दओु का मवय नीचा कय ददमा जाम, ददखा ददमा जाम क्रक चौधयी वाशफ के फर ऩय पूरे-पूरे क्रपयना तुम्शायी बूर शै। चौधयी वाशफ कय शी क्मा रेंगे। अगय उन्शोंने दशन्दओुॊ की दशभामत की, तो उनकी बी खफय री जामगी , वाया दशन्दऩून तनकर जामगा।

धेयी यात थी, कड़ ेके फड़ ेठाकुयद्लाये भें कृर्षण का जनोत्वल भनामा जा यशा था। एक लदृ्ध भशात्भा ऩोऩरे भुॊश वे तॊफूयो ऩय ध्रु ऩय अराऩ यशे

थे औय बक्तजन ढोर-भजीये मरमे फैठे थे क्रक इनका गाना फॊद शो , तो शभ अऩनी कीतान ळुर कयें। बॊडायी प्रवाद फना यशा था। वैकड़ों आदभी तभाळा देखने के मरए जभा थे।

वशवा भुरवभानों का एक दर रादठमाॊ मरमे शुए आ ऩशुॊचा , औय भॊददय ऩय ऩत्थय फयवाना ळुर क्रकमा। ळोय भच गमा —ऩत्थय कशाॊ वे आते शैं! मे ऩत्थय कौन पें क यशा शै! कुछ रोग भॊददय के फाशय तनकरकय देखने रगे। भुवरभान रोग तो घात भें फैठे शी थे , रादठमाॊ जभानी ळुर कीॊ। दशन्दओुॊ के शाथ भें उव वभम ढोर-भॊजीये के मवला औय क्मा था। कोई भॊददय भें आ तछऩा, कोई क्रकवी दवूयी तयप बागा। चायों तयप ळोय भच गमा।

चौधयी वाशफ को बी खफय शुई। बजनमवॊश वे फोरे —ठाकुय, देखों तो क्मा ळुय-गुर शै? जाकय फदभाळों को वभझा दो औय न भाने तो दो-चाय शाथ चरा बी देना भगय खून-खच्चय न शोने ऩामे।

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ठाकुय मश ळोय-गुर वुन-वुनकय दाॊत ऩीव यशे थे , ददर ऩय ऩत्थय की मवर यक्खे फैठे थे। मश आदेळ वुना तो भुॊशभाॊगी भुयाद ऩामी। ळतु्र-बॊजन डॊडा कॊ धे ऩय यक्खा औय रऩके शुए भॊददय ऩशुॊचे। लशाॊ भुवरभानों ने घोय उऩिल भचा यक्खा था। कई आदमभमों का ऩीछा कयते शुए भॊददय भें घुव गमे थे, औय ळीळ ेके वाभान तोड़-पोड़ यशे थे।

ठाकुय की आॊखों भें खून उतय आमा , मवय ऩय खून वलाय शो गमा। ररकायते शुए भॊददय भे घुव गमा औय फदभाळों को ऩीटना ळुर क्रकमा , एक तयप तो लश अकेरा औय दवूयी तयप ऩचावों आदभी! रेक्रकन लाश ये ळये! अकेरे वफके छक्के छुड़ा ददमे , कई आदमभमों को भाय गगयामा। गुसवे भें उवे इव लक्त कुछ न वूझता था , क्रकवी के भयने-जीने की ऩयला न थी। भारूभ नशीॊ, उवभें इतनी ळस्क्त कशाॊ वे आ गमी थी। उवे ऐवा जान ऩड़ता था क्रक कोई दैली ळस्क्त भेयी भदद कय यशी शै। कृर्षण बगलान ्सलमॊ उवकी यषा कयते शुए भारूभ शोते थे। धभा-वॊग्राभ भें भनुर्षमों वे अरौक्रकक काभ शो जाते शैं।

उधय ठाकुय के चरे आने के फाद चौधयी वाशफ को बम शुआ क्रक कशीॊ ठाकुय क्रकवी का खून न कय डारो , उवके ऩीछे खुद बी भॊददय भें आ ऩशुॊचे। देखा तो कुशयाभ भचा शुआ शैं। फदभाळ रोग अऩनी जान रे-रेकय फेतशाळा बागे जा यशे शैं , कोई ऩड़ा कयाश यशा शै , कोई शाम-शाम कय यशा शै। ठाकुय को ऩुकायना शी चाशते थे क्रक वशवा एक आदभी बागा शुआ आमा औय उनके वाभने आता-आता जभीन ऩय गगय ऩड़ा। चौधयी वाशफ ने उवे ऩशचान मरमा औय दतुनमा आॊखों भें अॊधेयी शो गमी। मश उनका इकरौता दाभाद औय उनकी जामदाद का लारयव ळादशद शुवेन था!

चौधयी ने दौड़कय ळादशद को वॊबारा औय जोय वे फोरा —ठाकुय, इधय आओ—रारटेन!....रारटेन! आश, मश तो भेया ळादशद शै! ठाकुय के शाथ-ऩाॊल पूर गमे। रारटेन रेकय फाशय तनकरे। ळादशद शुवैन शी थे। उनका मवय पट गमा था औय यक्त उछरता शुआ तनकर यशा था।

चौधयी ने मवय ऩीटते शुए कशा —ठाकुय, तुने तो भेया गचयाग शी गुर कय ददमा।

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ठाकुय ने थयथय काॊऩते शुए कशा —भामरक, बगलान ्जानते शैं भैंने ऩशचाना नशीॊ।

चौधयी —नशीॊ, भैं तुम्शाये ऊऩय इरजाभ नशीॊ यखता। बगलान ्के भॊददय भें क्रकवी को घुवने का अस्ततमाय नशीॊ शै। अपवोव मशी शै क्रक खानदान का तनळान मभट गमा , औय तुम्शाये शाथों! तुभने भेये मरए शभेळा अऩनी जान शथैरी ऩय यक्खी, औय खुदा ने तुम्शाये शी शाथों भेया वत्मानाळ कया ददमा।

चौधयी वाशफ योते जाते थे औय मे फातें कशते जाते थे। ठाकुय ग्रातन औय ऩश्चात्ताऩ वे गड़ा जाता था। अगय उवका अऩना रड़का भाया गमा शोता, तो उवे इतना द:ुख न शोता। आश! भेये शाथों भेये भामरक का वलानाळ शुआ! स्जवके ऩवीने की जगश लश खून फशाने को तैमाय यशता था , जो उवका सलाभी शी नशीॊ , इर्षट था , स्जवके जया-वे इळाये ऩय लश आग भें कूद वकता था, उवी के लॊळ की उवने जड़ काट दी! लश उवकी आसतीन का वाॊऩ तनकरा! रुॊ धे शुए कॊ ठ वे फोरा —वयकाय, भुझवे फढ़कय अबागा औय कौन शोगा। भेये भुॊश भें कामरख रग गमी।

मश कशते-कशते ठाकुय ने कभय वे छुया तनकार मरमा। लश अऩनी छाती भें छुया घोंऩकय कामरभा को यक्त वे धोना शी चाशते थे क्रक चौधयी वाशफ ने रऩककय छुया उनके शाथों वे छीन मरमा औय फोरे —क्मा कयते शो , शोळ वॊबारो। मे तकदीय के करयश्भे शैं , इवभे तुम्शाया कोई कवूय नशीॊ , खुदा को जो भॊजूय था , लश शुआ। भैं अगय खुद ळैतान के फशकाले भें आकय भस्न्दयय भें घुवता औय देलता की तौशीन कयता , औय तुभ भुझ ेऩशचानकय बी कत्र कय देते तो भैं अऩना खून भाप कय देता। क्रकवी के दीन की तौशीन कयने वे फड़ा औय कोई गुनाश नशीॊ शैं। गो इव लक्त भेया करेजा पटा जाता शै , औय मश वदभा भेयी जान शी रेकय छोड़गेा , ऩय खुदा गलाश शै क्रक भुझ ेतुभवे जया बी भरार नशीॊ शै। तुम्शायी जगश भैं शोता , तो भैं बी मशी कयता , चाशे भेये भामरक का फेटा शी क्मों न शोता। घयलारे भुझ ेतानो वे छेदेंगे , रड़की यो-योकय भुझवे खून का फदरा भाॊगेंगी , वाये भुवरान भये खून के प्मावे शो जाएॊगे , भैं काक्रपय औय फेदीन कशा जाऊॊ गा , ळामद कोई दीन का ऩक्का नौजलान भुझ ेकत्र कयने ऩय बी तैमाय शो जाम , रेक्रकन भै शक वे भुॊश न भोडूॊगा। अॊधेयी यात शै , इवी दभ मशाॊ वे बाग जाओ , औय भेये

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इराके भें क्रकवी छालनी भें तछऩ जाओ। लश देखो , कई भुवरभान चरे आ यशे शैं—भेये घयलारे बी शैं—बागो, बागो!

र-बय बजनमवॊश चौधयी वाशफ के इराके भें तछऩा यशा। एक ओय भुवरभान रोग उवकी टोश भें रगे यशते थे , दवूयी ओय ऩुमरव।

रेक्रकन चौधयी उवे शभेळा तछऩाते यशते थे। अऩने वभाज के ताने वशे , अऩने घयलारों का ततयसकाय वशा , ऩुमरव के लाय वशे , भुल्राओॊ की धभक्रकमाॊ वशीॊ , ऩय बजनमवॊश की खफय क्रकवी का कानों-कान न शोने दी। ऐवे लपादाय सलामभबक्त वेलक को लश जीते जी तनदाम कनून के ऩॊजे भें न देना चाशते थे।

उनके इराके की छालतनमों भें कई फाय तरामळमाॊ शुईं , भुल्राओॊ ने घय के नौकायों, भाभाओॊ , रौंडडमों को मभरामा , रेक्रकन चौधयी ने ठाकुय को अऩने एशवानों की बाॊतत तछऩामे यक्खा।

रेक्रकन ठाकुय को अऩने प्राणों की यषा के मरए चौधयी वाशफ को वॊकट भें ऩड़ ेदेखकय अवशम लेदना शोती थी। उवके जी भें फाय-फाय आता था, चरकय भामरक वे कश दूॊ —भुझ ेऩुमरव के शलारे कय दीस्जए। रेक्रकन चौधयी वाशफ फाय-फाय उवे तछऩे यशने की ताकीद कयते यशते थे।

जाड़ों के ददन थे। चौधयी वाशफ अऩने इराके का दौय कय यशे थे। अफ लश भकान ऩय फशुत कभ यशते थे। घयलारों के ळब्द-फाणों वे फचने का मशी उऩाम था। यात को खाना खाकय रेटे शी थे क्रक बजनमवॊश आकय वाभने खड़ा शो गमा। उवकी वूयत इतनी फदर गई थी क्रक चौधयी वाशफ देखकय चौंक ऩड़।े ठाकुय ने कशा—वयकाय अच्छी तयश शै?

चौधयी —शाॊ, खुदा का पजश शै। तुभ तो बफल्कुर ऩशचाने शी नशी जाते। इव लक्त कशाॊ वे आ यशे शो?

ठाकुय —भामरक, अफ तो तछऩकय नशीॊ यशा जाता। शुक्भ शो तो जाकय अदारत भें शास्जय शो जाऊॊ । जो बाग्म भें मरखा शोगा , ल शोगा। भेये कायन आऩको इतनी शैयानी शो यशी शै , मश भुझवे नशीॊ देखा जाता।

वा

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चौधयी —नशीॊ ठाकुय, भेये जीते जी नशी। तम्शें जान-फूझकय बाड़ के भुॊश भें नशीॊ डार वकता। ऩुमरव अऩनी भजी के भाक्रपक ळशादातें फना रेगी , औय भुफ्त भें तुम्शें जान वे शाथ धोना ऩड़गेा। तुभने भेये मरए फड़-ेफड़ ेखतये वशे शैं। अगय भैं तुम्शाये मरए इतना बी न कय वकूॊ , तो भुझवे कुछ भत कशना।

ठाकुय —कशीॊ क्रकवी ने वयकाय... चौधयी —इवका बफल्कुर कभ न कयो। जफ तक खुदा को भॊजूय न शोगा, कोई भेया फार बी फाॊका नशीॊ कय वकता। तुभ अफ जाओ , मशाॊ ठशयना खतयनाक शै।

ठाकुय —वुनता शूॊ, रोगो ने आऩवे मभरना-जुरना छोड़ ददमा शैं चौधयी —दशु्भनों का दयू यशना शी अच्छा।

रेक्रकन ठाकुय के ददर भें जो फात जभ गई थी , लश न तनकरी। इव भुराकात ने उवका इयादा औय बी ऩक्का कय ददमा। इन्शें भेये कायन मों भाये-भाये क्रपयना ऩड़ यशा शै। मशाॊ इनका कौन अऩना फैठा शुआ ? जो चाशे आकय शभरा कय वकता शै। भेयी इव स्जॊदगानी को गधक्काय!

प्रात:कार ठाकुय स्जरा शाक्रकभ के फॊगरे ऩय ऩशुॊचा। वाशफ ने ऩूछा —

तुभ अफ तक चौधयी के कशने वे तछऩा था?

ठाकुय —नशीॊ शजूय, अऩनी जान के खौप वे।

धयी वाशफ ने मश खफय वुनी , तो वन्नाटे भें आ गए। अफ क्मा शो ? अगय भुकदभे की ऩैयली न की गई तो ठाकुय का फचना भुस्श्कर शै।

ऩैयली कयते शै , तो इवराभी दतुनमा भें तशरका ऩड़ जाता शै। चायों तयप वे पतले तनकरने रगेंगे। उधय भुवरभानों ने ठान री क्रक इवे पाॊवी ददराकय शी छोड़ेंगे। आऩव भें चॊदा क्रकमा गमा। भुल्राओॊ ने भवस्जद भें चॊदे की अऩीर की , द्लाय-द्लाय झोरी फाॊधकय घूभे। इव ऩय कौभी भुकदभे का यॊग चढ़ामा गमा। भुवरभान लकीरों को नाभ रूटने का भौका मभरा। आवऩाव के स्जरों भें रोग स्जशाद भें ळयीक शोने के मरए आने रगे।

चौधयी वाशफ ने बी ऩैयली कयने का तनश्चम क्रकमा , चाशे क्रकतनी शी आपते क्मों न मवय ऩय आ ऩड़।े ठाकुय उन्शें इॊवाप की तनगाश भें फेकवूय

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भारूभ शोता था औय फेकवूय की यषा कयने भें उन्शें क्रकवी का खौप न था , घय वे तनकर खड़ ेशुए औय ळशय भें जाकय डयेा जभा मरमा।

छ: भशीने तक चौधयी वाशफ ने जान रड़ाकय भुकदभे की ऩैयली की। ऩानी की तयश रुऩमे फशामे , आॊधी की तयश दौड़।े लश वफ क्रकमा जो स्जन्दगी भें कबी न क्रकमा था , औय न ऩीछे कबी क्रकमा। अशरकायों की खुळाभदें कीॊ , लकीरों के नाज उठामे , शक्रकभों को नजयें दीॊ औय ठाकुय को छुड़ा मरमा। वाये इराके भें धूभ भच गई। स्जवने वुना , दॊग यश गमा। इवे कशते शैं ळयापत! अऩने नौकय को पाॊवी वे उताय मरमा।

रेक्रकन वाम्प्रदातमक द्लेऴ ने इव वत्कामा को औय शी आॊखों वे देखा—भुवरभान झल्रामे , दशन्दओुॊ ने फगरें फजाईं। भुवराभन वभझ ेइनकी यशी-वशी भुवरभानी बी गामफ शो गई। दशन्दओु ने खमार क्रकमा , अफ इनकी ळुवद्ध कय रेनी चादशए , इवका भौका आ गमा। भुल्राओॊ ने जाये-जोय वे तफरीग की शाॊक रगानी ळुर की , दशन्दओु ने बी वॊगठन का झॊडा उठामा। भुवरभानों की भुरवभानी जाग उठी औय दशन्दओु का दशन्दतु्ल। ठाकुय के कदभ बी इव येरे भें उखड़ गमे। भनचरे थे शी , दशन्दओुॊ के भुखखमा फन फैठे। स्जन्दगी भे कबी एक रोटा जर तक मळल को न चढ़ामा था , अफ देली-देलताओॊ के नाभ ऩय रठ चराने के मरए उद्मत शो गए। ळुवद्ध कयने को कोई भुवरभान न मभरा , तो दो-एक चभायो शी की ळुवद्ध कया डारी। चौधयी वाशफ के दवूये नौकयों ऩय बी अवय ऩड़ा ; जो भुवरभान कबी भवस्जद के वाभने खड़ ेन शोते थे , ले ऩाॊचों लक्त की नभाज अदा कयने रगे , जो दशन्द ूकबी भस्न्दययों भें झाॊकते न थे , ले दोनों लक्त वन्ध्मा कयने रगे।

फसती भें दशन्दओुॊ की वॊतमा अगधक थी। उव ऩय ठाकुय बजनमवॊश फने उनके भुखखमा , स्जनकी राठी का रोश वफ भानते थे। ऩशरे भुवभान , वॊतमा भें कभ शोने ऩय बी , उन ऩय गामरफ यशते थे , क्मोंक्रक ले वॊगदठत न थे , रेक्रकन अफ ले वॊगदठत शो गमे थे , भुट्ठी-बय भुवरभान उनके वाभने क्मा ठशयते।

एक वार औय गुजय गमा। क्रपय जन्भार्षटभी का उत्वल आमा। दशन्दओु को अबी तक अऩनी शाय बूरी न थी। गुप्त रऩ वे फयाफय तैमारयमाॊ शोती यशती थी। आज प्रात:कार शी वे बक्त रोग भस्न्दयय भें जभा शोने रगे।

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वफके शाथों भें रादठमाॊ थीॊ , क्रकतने शी आदमभमों ने कभय भें छुये तछऩा मरए थे। छेड़कय रड़ने की याम ऩक्की शो गई थी। ऩशरे कबी इव उत्वल भें जुरूव न तनकरा था। आज धूभ-धाभ वे जुरूव बी तनकरने की ठशयी।

दीऩक जर चुके थे। भवस्जदों भें ळाभ की नभाज शोने रगी थी। जुरूव तनकरा। शाथी , घोड़े, झॊड-ेझॊडडमाॊ , फाजे-गाजे , वफ वाथ थे। आगे-आगे बजनमवॊश अऩने अखाड़ ेके ऩट्ठों को मरए अकड़ते चरे जाते थे।

जाभा भवस्जद वाभने ददखाई दी। ऩट्ठों ने रादठमाॊ वॊबारीॊ , वफ रोग वतका शो गमे। जो रोग इधय-उधय बफखये शुए थे , आकय मवभट गमे। आऩव भें कुछ काना-पूवी शुई। फाजे औय जोय वे फजने रगगे। जमजमकाय की ध्लतन औय जोय वे उठने रगी। जुरूव भवस्जद के वाभने आ ऩशुॊचा।

वशवा एक भुवरभान ने भवस्जद वे तनकरकय कशा —नभाज का लक्त शै, फाजे फन्द कय दो।

बजनमवॊश —फाजे न फन्द शोंगे।

भुवरभान —फन्द कयने ऩड़ेंगे।

बजनमवॊश —तुभ अऩनी नभाज क्मों नशीॊ फन्द कय देते ?

भुवरभान —चौधयी वाशफ के फर ऩय भत पूरना। अफकी शोळ ठॊड ेशो जामेंगे।

बजनमवॊश—चौधयी वाशफ के फर ऩय तुभ पूरो , मशाॊ अऩने शी फर का बयोवा शैं मश धभा का भाभरा शै।

इतने भें कुछ औय भुवरभान तनकर आए , औय फाज फन्द कयने का आग्रश कयने रगे , इधय औय जोय वे फाजे फजने रगे। फात फढ़ गई। एक भौरली ने बजनमवॊश को काक्रपय कश ददमा। ठाकुय ने उवकी दाढ़ी ऩकड़ री। क्रपय क्मा था। वूयभा रोग तनकर ऩड़े , भाय-ऩीट ळुर शो गई। ठाकुय शल्रा भायकय भवस्जद भें घुव गमे , औय भवस्जद के अन्दय भाय-ऩीट शोने रगी। मश नशीॊ कशा जा वकता क्रक भैदान क्रकवके शाथ यशा। दशन्द ूकशते थे , शभने खदेड़-खदेड़कय भाया , भुवराभन कशते थे , शभने लश भाय भायी क्रक क्रपय वाभने नशीॊ आएॊगे। ऩय इन वललादों की फीच भें एक फात भानते थे , औय लश थी ठाकुय बजनमवॊश की अरौक्रकक लीयता। भुवरभानों का कशना था क्रक ठाकुय न शोता तो शभ क्रकवी को स्जन्दा न छोड़ते। दशन्द ूकशते थे क्रक ठाकुय

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वचभुच भशालीय का अलताय शै। इवकी रादठमों ने उन वफों के छक्के छुड़ा ददए।

उत्वल वभाप्त शो चुका था। चौधयी वाशफ दीलानखाने भें फैठे शुए शुक्का ऩी यशे थे। उनका भुख रार था , त्मौंरयमा चढ़ी शुईं थी , औय आॊखों वे गचनगारयमाॊ-वी तनकर यशीॊ थीॊ। ‗खुदा का घय ‘ नाऩाक क्रकमा गमा। मश तमार यश-यशकय उनके करेजे को बवोवता था।

खुदा का घय नाऩाक क्रकमा गमा! जामरभों को रड़ने के मरए क्मा नीचे भैदान भें जगश न थी! खुदा के ऩाक घय भें मश खून-खच्चय! भुवस्जद की मश फेशुयभती! भस्न्दयय बी खुदा का घय शै औय भवस्जद बी। भुवरभान क्रकवी भस्न्दयय को नाऩाक कयने के मरए वजा के रामक शै , क्मा दशन्द ूभवस्जद को नाऩाक कयने के मरए उवी वजा के रामक नशीॊ ?

औय मश शयकत ठाकुय ने की! इवी कवूय के मरए तो उवने भेये दाभाद को कत्र क्रकमा। भुझ ेभारूभ शोता शै क्रक उवके शाथों ऐवा पेर शोगा , तो उवे पाॊवी ऩय चढ़ने देता। क्मों उवके मरए इतना शैयान , इतना फदनाभ , इतना जेयफाय शोता। ठाकुय भेया लपादाय नौकय शै। उवने फायशा भेयी जान फचाई शै। भेये ऩवीने की जगश खून फशाने को तैमाय यशता शै। रेक्रकन आज उवने खुदा के घय को नाऩाक क्रकमा शै , औय उवे इवकी वजा मभरनी चादशए। इवकी वजा क्मा शै ? जशन्नुभ! जशन्नुभ की आग के मवला इवकी औय कोई वजा नशीॊ शै। स्जवने खुदा के घय को नाऩाक क्रकमा , उवने खुदा की तौशीन की। खुदा की तौशीन! वशवा ठाकुय बजनमवॊश आकय खड़ ेशो गए।

चौधयी वाशफ ने ठाकुय को िोधोन्भत्त आॊखों वे देखकय कशा —तुभ भवस्जद भें घुवे थे?

बजनमवॊश —वयकाय, भौरली रोग शभ रोगों ऩय टूट ऩड़।े

चौधयी —भेयी फात का जलाफ दो जी—तुभ भवस्जद भें घुवे थे?

बजनमवॊश —जफ उन रोगों ने भवस्जदके बीतय वे शभाये ऊऩय ऩत्थय पें कना ळुर क्रकमा तफ शभ रोग उन्शें ऩकड़ने के मरए भवस्जद भें घुव गए।

चौधयी —जानते शो भवस्जद खुदा का घय शै ?

बजनमवॊश —जानता शूॊ शुजूय, क्मा इतना बी नशीॊ जानता।

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चौधयी —भवस्जद खुदा का लैवा शी ऩाक घय शै , जैवे भॊददय।

बजनमवॊश ने इवका कुछ जलाफ न ददमा।

चौधयी —अगय कोई भुवरभान भस्न्दयय को नाऩाक कयने के मरए गदानजदनी शै तो दशन्द ूबी भवस्जद को नाऩाक कयने के मरए गदानजदनी शै।

बजनमवॊश इवका बी कुछ जलाफ न दे वका। उवने चौधयी वाशफ को कबी इतने गुसवे भें न देखा था।

चौधयी —तुभने भेये दाभाद को कत्र क्रकमा , औय भैंने तुम्शायी ऩैयली की। जानते शो क्मों ? इवमरए क्रक भै अऩने दाभाद को उव वजा के रामक वभझता था जो तुभने उवे दी। अगय तुभने भेये फेटे को , मा भुझी को उव कवूय के मरए भाय डारा शोता तो भैं तुभवे खून का फदरा न भाॊगता। लशी कवूय आज तुभने क्रकमा शै। अगय क्रकवी भुवरभान ने भवस्जद भें तुम्शें जशन्नुभ भें ऩशुॊचा ददमा शोता तो भुझ ेवच्ची खुळी शोती। रेक्रकन तुभ फेशमाओॊ की तयश लशाॊ वे फचकय तनकर आमे। क्मा तुभ वभझते शो खुदा तुम्शें इव पेर की वजा न देगा ? खुदा का शुक्भ शै क्रक जो उवकी तौशीन कये, उवकी गदान भाय देनी चादशए। मश शय एक भुवरभान का पजा शै। चोय अगय वजा न ऩाले तो क्मा लश चोय नशीॊ शै ? तुभ भानते शो मा नशीॊ क्रक तुभने खुदा की तौशीन की?

ठाकुय इव अऩयाध वे इनकाय न कय वके। चौधयी वाशफ के वत्वॊग ने शठधभी को दयू कय ददमा था। फोरे—शाॊ वाशफ, मश कवूय तो शो गमा।

चौधयी —इवकी जो वजा तुभ दे चुके शो , लश वजा खुद रेने के मरए तैमाय शो?

ठाकुय —भैंने जान-फूझकय तो दलू्शा मभमाॊ को नशीॊ भाया था।

चौधयी —तुभने न भाया शोता , तो भैं अऩने शाथों वे भायता , वभझ गए! अफ भैं तुभवे खुदा की तौशीन का फदरा रूॊगा। फोरो , भेये शाथों चाशते शो मा अदारत के शाथों। अदारत वे कुछ ददनों के मरए वजा ऩा जाओॊगे। भैं कत्र करॊ गा। तुभ भेये दोसत शो , भुझ ेतुभवे भुतरक कीना नशीॊ शै। भेये ददर को क्रकतना यॊज शै , मश खुदा के मवला औय कोई नशीॊ जान वकता। रेक्रकन भैं तुम्शें कत्र करॊ गा। भेये दीन का मश शुक्भ शै।

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मश कशते शुए चौधयी वाशफ तरलाय रेकय ठाकुय के वाभने खड़ ेशो गमे। वलगचत्र दृश्म था। एक फूढा आदभी , मवय के फार ऩके , कभय झुकी , तरलाय मरए एक देल के वाभने खड़ा था। ठाकुय राठी के एक शी लाय वे उनका काभ तभाभ कय वकता था। रेक्रकन उवने मवय झुका ददमा। चौधयी के प्रतत उवक योभ-योभ भें श्रद्धा थी। चौधयी वाशफ अऩने दीन के इतने ऩक्के शैं , इवकी उवने कबी कल्ऩना तक न की थी। उवे ळामद धोखा शो गमा था क्रक मश ददर वे दशन्द ूशैं। स्जव सलाभी ने उवे पाॊवी वे उताय मरमा , उवके प्रतत दशॊवा मा प्रततकाय का बाल उवके भन भें क्मों कय आता ? लश ददरेय था , औय ददरेयों की बाॊतत तनर्षकऩट था। उवे इव वभम िोध न था , ऩश्चात्ताऩ था। दीन कशता था —भायो। वज्जनता कशती थी —छोड़ो। दीन औय धभा भें वॊघऴा शो यशा था।

ठाकुय ने चौधयी का अवभॊजव देखा। गदगद कॊ ठ वे फोरा —भामरक, आऩकी दमा भुझ ऩय शाथ न उठाने देगी। अऩने ऩारे शुए वेलक को आऩ भाय नशीॊ वकते। रेक्रकन मश मवय आऩका शै , आऩने इवे फचामा था , आऩ इवे रे वकते शैं , मश भेये ऩाव आऩकी अभानत थी। लश अभानत आऩको मभर जाएगी। वफेये भेये घय क्रकवी को बेजकय भॊगला रीस्जएगा। मशाॊ दूॊगा , तो उऩिल खड़ा शो जाएगा। घय ऩय कौन जामेगा , क्रकवने भाया। जो बूर-चूक शुई शो, षभा कीस्जएगा।

मश कशता शुआ ठाकुय लशाॊ वे चरा गमा।

—‗भाधुयी‘, अप्रैर, १९२५

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पे्रम-सूत्र

वाय भें कुछ ऐवे भनुर्षम बी शोते शैं स्जन्शें दवूयों के भुख वे अऩनी सत्री की वौंदमा-प्रळॊवा वुनकय उतना शी आनन्द शोता शै स्जतनी

अऩनी कीतता की चचाा वुनकय। ऩस्श्चभी वभ्मता के प्रवाय के वाथ ऐवे प्राखणमों की वॊतमा फढ़ती जा यशी शै। ऩळुऩततनाथ लभाा इन्शीॊ रोगों भें थ। जफ रोग उनकी ऩयभ वुन्दयी सत्री की तायीप कयते शुए कशते —ओशो! क्रकतनी अनुऩभ रऩ-यामळ शै , क्रकतनी अरौक्रकक वौन्दमा शै , तफ लभााजी भाये खुळी औय गला के पूर उठते थे।

वॊध्मा का वभम था। भोटय तैमाय खड़ी थी। लभााजी वैय कयने जा यशे थे, क्रकन्तु प्रबा जाने को उत्वुक नशीॊ भारूभ शोती थी। लश एक कुवी ऩय फैठी शुई कोई उऩन्माव ऩढ़ यशी थी।

लभाा जी ने कशा —तुभ तो अबी तक फैठी ऩढ़ यशी शो।

‗भेया तो इव वभम जाने को जी नशीॊ चाशता। ‘ ‗नशीॊ वप्रमे , इव वभम तुम्शाया न चरना मवतभ शो जाएगा। भैं चाशता शूॊ क्रक तुम्शायी इव भधुय छवल को घय वे फाशय बी तो रोग देखें। ‘ ‗जी नशीॊ , भुझ ेमश रारवा नशीॊ शै। भेये रऩ की ळोबा केलर तुम्शाये मरए शै औय तुम्शीॊ को ददखाना चाशती शूॊ। ‘ ‗नशीॊ, भैं इतना सलाथाान्ध नशीॊ शूॊ। जफ तुभ वैय कयने तनकरो , भैं रोगों वे मश वुनना चाशता शूॊ क्रक क्रकतनी भनोशय छवल शै! ऩळुऩतत क्रकतना बाग्मळारी ऩुरुऴ शै!‘ ‗तुभ चाशो , भैं नशीॊ चाशती। तो इवी फात ऩय आज भैं कशीॊ नशीॊ जाऊॊ गी। तुभ बी भत जाओ , शभ दोनों अऩने शी फाग भें टशरेंगे। तुभ शौज के क्रकनाये शयी घाव ऩय रेट जाना , भैं तुम्शें लीणा फजाकय वुनाऊॊ गी। तुम्शाये मरए पूरों का शाय फनाऊॊ गी , चाॊदनी भें तुम्शाये वाथ आॊख-मभचौनी खेरूॊगी।‘

वॊ

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‗नशीॊ-नशीॊ, प्रबा, आज शभें अलश्म चरना ऩड़गेा। तुभ कृर्षणा वे आज मभरने का लादा कय आई शो। लश फैठी शभाया यासता देख यशी शोगी। शभाये न जाने वे उवे क्रकतना द:ुख शोगा! ‘

शाम! लशी कृर्षणा! फाय-फाय लशी कृर्षणा! ऩतत के भुख वे तनत्म मश नाभ गचनगायी की बाॊतत उड़कय प्रबा को जराकय बसभ ्कय देता था।

प्रबा को अफ भारूभ शुआ क्रक आज मे फाशय जाने के मरए क्मों इतने उत्वुक शैं! इवीमरए आज इन्शोंने भुझवे केळों को वॊलायने के मरए इतना आग्रश क्रकमा था। लश वायी तैमायी उवी कुरटा कृर्षणा वे मभरने के मरए थी!

उवने दृढ़ सलय भें कशा —तुम्शें जाना शो जाओ, भैं न जाऊॊ गी।

लभााजी ने कशा —अच्छी फात शै, भैं शी चरा जाऊॊ गा।

ळुऩतत के जाने के फाद प्रबा को ऐवा जान ऩड़ा क्रक लश फादटका उवे काटने दौड़ यशी शै। ईर्षमाा की ज्लारा वे उवका कोभर ळयीय-हृदम

बसभ शोने रगा। ले लशाॊ कृर्षणा के वाथ फैठे वलशाय कय यशे शोंगे —उवी नाॊगगन के-वे केळलारी कृर्षणा के वाथ , स्जवकी आॊखों भें घातक वलऴ बया शुआ शै! भदो की फुवद्ध क्मों इतनी सथूर शोती शै ? इन्शें कृर्षणा की चटक-भटक ने क्मों इतना भोदशत कय मरमा शै ? उवके भुख वे भेये ऩैय का तरला कशीॊ वुन्दय शै। शाॊ , भैं एक फच्चे की भाॊ शूॊ औय लश नल मौलना शै! जया देखना चादशए, उनभें क्मा फातें शो यशी शैं।

मश वोचकय लश अऩनी वाव के ऩाव आकय फोरी —अम्भा, इव वभम अकेरे जी घफयाता शै , चमरए कशीॊ घूभ आलें।

वाव फशू ऩय प्राण देती थी। चरने ऩय याजी शो गई। गाड़ी तैमाय कया के दोनों घूभने चरीॊ। प्रबा का श्रृॊगाय देखकय भ्रभ शो वकता था क्रक लश फशुत प्रवन्न शै, क्रकन्तु उवके अन्तसतर भें एक बीऴण ज्लारा दशक यशी थी , उवे तछऩाने के मरए लश भीठे सलय भें एक गीत गाती जा यशी थी।

गाड़ी एक वुयम्म उऩलन भें उड़ी जा यशी थी। वड़के के दोनों ओय वलळार लषृों की वुखद छामा ऩड़ यशी थी। गाड़ी के कीभती घोड़ ेगला वे ऩूछॊ औय मवय उठोम टऩ-टऩ कयते जा यशे थे। अशा! लश वाभने कृर्षणा का फॊगरा

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आ गमा , स्जवके चायों ओय गुराफ की फेर रगी शुई थी। उवके पूर उव वभम तनदाम काॊटों की बाॊतत प्रबा के हृदम भें चुबने रगे। उवने उड़ती शुई तनगाश वे फॊगरे की ओय ताका। ऩळुऩतत का ऩता न था , शाॊ कृर्षणा औय उवकी फशन भामा फगीचे भें वलचय यशी थीॊ। गाड़ी फॊगरे के वाभने वे तनकर शी चुकी थी क्रक दोनों फशनों ने प्रबा को ऩुकाया औय एक षण भें दोनों फामरकाएॊ दशयतनमों की बाॊतत उछरती-कूदती पाटक की ओय दौड़ीॊ। गाड़ी रुक गई।

कृर्षणा ने शॊवकय वाव वे कशा —अम्भा जी, आज आऩ प्रबा को एकाध घण्टे के मरए शभाये ऩाव छोड़ जाइए। आऩ इधय वे रौटें तफ इन्शें रेती जाइएगा, मश कशकय दोनों ने प्रबा को गाड़ी वे फाशय खीॊच मरमा। वाव कैवे इन्काय कयती। जफ गाड़ी चरी गई तफ दोनों फशनों ने प्रबा को फगीचे भें एक फेंच ऩय जा बफठामा। प्रबा को इन दोनों के वाथ फातें कयते शुए फड़ी खझझक शो यशी थी। लश उनवे शॊवकय फोरना चाशती थी , अऩने क्रकवी फात वे भन का बाल प्रकट नशीॊ कयना चाशती थी , क्रकन्तु हृदम उनवे खखॊचा शी यशा।

कृर्षणा ने प्रबा की वाड़ी ऩय एक तीव्र दृस्र्षट डारकय कशा —फशन, क्मा मश वाड़ी अबी री शै ? इवका गुराफी यॊग तो तुभ ऩय नशीॊ खखरता। कोई औय यॊग क्मों नशीॊ मरमा?

प्रबा —उनकी ऩवन्द शै , भैं क्मा कयती।

दोनों फशनें ठट्ठा भायकय शॊव ऩड़ीॊ। क्रपय भामा ने कशा —उन भशाळम की रुगच का क्मा कशना , वायी दतुनमा वे तनयारी शै। अबी इधय वे गमे शैं। मवय ऩय इववे बी अगधक रार ऩगड़ी थी।

वशवा ऩळुऩतत बी वैय वे तनकरता शुआ वाभने वे तनकरा। प्रबा को दोनों फशनों के वाथ देखकय उवके जी भें आमा क्रक भोटय योक रे। लश अकेरे इन दोनों वे मभरना मळर्षटाचाय के वलरद्ध वभझता था। इवीमरए लश प्रबा को अऩने वाथ राना चाशता था। जाते वभम लश फशुत वाशव कयने ऩय बी भोटय वे न उतय वका। प्रबा को लशाॊ देखकय इव वुअलाय वे राब उठाने की उवकी फड़ी इच्छा शुई। रेक्रकन दोनों फशनों की शासम ध्लतन वुनकय लश वॊकोचलळ न उतया।

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थोड़ी देय तक तीनों यभखणमाॊ चुऩचाऩ फैठी यशीॊ। तफ कृर्षणा फोरी —

ऩळुऩतत फाफू मशाॊ आना चाशते शैं ऩय ळभा के भाये नशीॊ आमे। भेया वलचाय शै क्रक वॊफॊगधमों को आऩव भें इतना वॊकोच न कयना चादशए। वभाज का मश तनभम कभ वे कभ भुझ ेतो फुया भारूभ शोता शै। तुम्शाया क्मा वलचाय शै , प्रबा?

प्रबा ने व्मॊग्म बाल वे कशा —मश वभाज का अन्माम शै?

प्रबा इव वभम बूमभ की ओय ताक यशी थी। ऩय उवकी आॊखों वे ऐवा ततयवकाय तनकर यशा था स्जवने दोनों फशनों के ऩरयशाव को रज्जा-वूचक भौन भें ऩरयणत कय ददमा। उवकी आॊखों वे एक गचनगायी-वी तनकरी , स्जवने दोनों मुलततमों के आभोद-प्रभोछ औय उव कुलसृ्त्त को जरा डारा जो प्रबा के ऩतत-ऩयामण हृदम को फाणों वे लेध यशी थी , उव हृदम को स्जवभें अऩने ऩतत के मवला औय क्रकवी को जगश न थी।

भामा ने जफ देखा क्रक प्रबा इव लक्त िोध वे बयी फैठी शै , तफ फेंच वे उठ खड़ी शुई औय फोरी —आओ फशन , जया टशरें , मशाॊ फैठे यशने वे तो टशरना शी अच्छा शै।

प्रबा ज्मों की त्मों फैठी यशी। ऩय ले दोनों फशने फाग भे टशरने रगीॊ। उव लक्त प्रबा का ध्मान उन दोनों के लसत्राबूऴण की ओय गमा। भामा फॊगार की गुराफी येळभी की एक भशीन वाड़ी ऩशने शुए थी स्जवभें न जाने क्रकतने चुन्नटें ऩड़ी शुई थीॊ। उवके शाथ भें एक येळभी छतयी थी स्जवे उवने वूमा की अमभत क्रकयणों वे फचने के मरए खोर मरमा था। कृर्षणा के लसत्र बी लैवे शी थे। शाॊ , उवकी वाड़ी ऩीरे यॊग की थी औय उवके घूॊघय लारे फार वाड़ी के नीचे वे तनकर कय भाथे औय गारों ऩय रशया यशे थे।

प्रबा ने एक शी तनगाश वे ताड़ मरमा क्रक इन दोनों मुलततमों भें क्रकवी को उवके ऩतत वे प्रेभ नशीॊ शै। केलर आभोद मरप्वा के लळीबूत शोकय मश सलमॊ फदनाभ शोंगी औय उवके वयर हृदम ऩतत को बी फदनाभ कय देंगी। उवने ठान मरमा क्रक भैं अऩने भ्रभय को इन वलऴाक्त ऩुर्षऩों वे फचाऊॊ गी औय चाशे जो कुछ शो उवे इनके ऊऩय भॊडयाने न दूॊगी , क्मोंक्रक मशाॊ केलर रऩ औय फाव शै, यव का नाभ नशीॊ।

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प्रबा अऩने घय रौटते शी उव कभये भें गई , उवकी रड़की ळास्न्त अऩनी दाई की गोद भें खेर यशी थी। अऩनी नन्शीॊ जीती-जागती गुडड़मा की वूयत देखते शी प्रबा की आॊखें वजर शो गई। उवने भातसृनेश वे वलबोय शोकय फामरका को गोद भें उठा मरमा , भानो क्रकवी बमॊकय ऩळु वे उवकी यषा कय यशी शै। उव दसुवश लेदना की दळा भें उवके भुॊश वे मश ळब्द तनकरा गए-फच्ची , तेये फाऩ को रोग तुझवे छीनना चाशते शैं! शाम , तू क्मा अनाथ शो जाएगी ? नशीॊ-नशीॊ , अगय भेया , फव चरेगा तो भैं इन तनफार शाथों वे उन्शें फचाऊॊ गी।

आज वे प्रबा वलऴादभम बालनाओॊ भें भग्न यशने रगी। आने लारी वलऩस्त्त की कल्ऩना कयके कबी-कबी बमातुय शोकय गचल्रा ऩड़ती , उवकी आॊखों भें उव वलऩस्त्त की तसलीय खीॊच जाती जो उवकी ओय कदभ फढ़ामे चरी आती थी , ऩय उव फामरका की तोतरी फातें औय उवकी आॊखों की तन:ळॊक ज्मोतत प्रबा के वलकर हृदम को ळान्त कय देती। लश रड़की को गोद भें उठा रेती औय लश भधुय शासम-छवल जो फामरका के ऩतरे-ऩतरे गुराफी ओठों ऩय खेरती शोती , प्रबा की वायी ळॊकाओॊ औय फाधाओॊ को तछन्न-मबन्न कय देती। उन वलश्लावभम नेत्रों भें आळा का प्रकाळ उवे आश्लसत कय देता।

शाॊ! अबागगनी प्रबा , तू क्मा जानती शै क्मा शोनेलारा शै?

र्षभकार की चाॊदनी यात थी। वप्तभी का चाॊद प्रकृतत ऩय अऩना भन्द ळीतर प्रकाळ डार यशा था। ऩळुऩतत भौरमवयी की एक डारी

शाथ वे ऩकड़ ेऔय तने वे गचऩटा शुआ भामा के कभये की ओय टकटकी रगामे ताक यशा था कभये का द्लाय खुरा शुआ था औय ळान्त तनळा भें येळभी वाडड़मों की वयवयाशट के वाथ दो यभखणमों की भधुय शासम-ध्लतन मभरकय ऩळुऩतत के कानों तक ऩशुॊचते-ऩशुॊचते आकाळ भें वलरीन शो जाती थी। एकाएक दोनों फशनें कभये वे तनकरीॊ औय उवी ओय चरीॊ जशाॊ ऩळुऩतत खड़ा था। जफ दोनों उव लषृ के ऩाव ऩशुॊची तफ ऩळुऩतत की ऩयछाईं देखकय कृर्षणा चौंक ऩड़ी औय फोरी—शै फशन! मश क्मा शै?

ग्री

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ऩळुऩतत लषृ के नीचे वे आकय वाभने खड़ा शो गमा। कृर्षणा उन्शें ऩशचान गई औय कठोय सलय भें फोरी —आऩ मशाॊ क्मा कयते शैं ? फतराइए , मशाॊ आऩका क्मा काभ शै? फोमरए, जल्दी।

ऩळुऩतत की मवट्टब-्वऩट्टी गुभ शो गई। इव अलवय के मरए उवने जो प्रेभ-लाक्म यटे थे ले वफ वलसभतृ शो गमे। वळॊक शोकय फोरा —कुछ नशीॊ वप्रम, आज वन्ध्मा वभम जफ भैं आऩके भकान के वाभने वे आ यशा था तफ भैंने आऩको अऩनी फशन वे कशते वुना क्रक आज यात को आऩ इव लषृ के नीचे फैठकय चाॊदनी का आनन्द उठाएॊगी। भैं बी आऩवे कुछ कशने के मरए....आऩके चयणों ऩय अऩना...वभवऩात कयने के मरए... मश वुनते शी कृर्षणा की आॊखों वे चॊचर ज्लारा-वी तनकरी औय उवके ओठों ऩय व्मॊग्मऩूणा शासम की झरक ददखाई दी। फोरी —भशाळम, आऩ तो आज एक वलगचत्र अमबनम कयने रगे , कृऩा कयके ऩैयों ऩय वे उदठए औय जो कुछ कशना चाशते शों , जल्द कश डामरए औय स्जतने आॊवू गगयाने शों एक वेकेण्ड भें गगया दीस्जए , भैं रुक-रुककय औय तघतघमा-तघतघमाकय फातें कयनेलारों को ऩवन्द नशीॊ कयती। शाॊ , औय जया फातें औय योना वाथ-वाथ न शों। कदशए क्मा कशना चाशते शैं....आऩ न कशेंगे ? रीस्जए वभम फीत गमा , भैं जाती शूॊ।

कृर्षणा लशाॊ वे चर दी। भामा बी उवके वाथ शी चरी गई। ऩळुऩतत एक षण तक लशाॊ खड़ा यशा क्रपय लश बी उनके ऩीछे-ऩीछे चरा। भानो लश वुई शै जो चुम्फक के आकऴाण वे आऩ शी आऩ खखॊचा चरा जाता शै।

वशवा कृर्षणा रुक गई औय फोरी —वुतनए ऩळुऩतत फाफू , आज वॊध्मा वभम प्रबा की फातों वे भारूभ शो गमा क्रक उन्शें आऩका औय भेया मभरना-जुरना बफल्कुर नशीॊ बाता... ऩळुऩतत —प्रबा की तो आऩ चचाा शी छोड़ दीस्जए।

कृर्षणा —क्मों छोड़ दूॊ ? क्मा लश आऩकी सत्री नशीॊ शै ? आऩ इव वभम उवे घय भें अकेरी छोड़कय भुझवे क्मा कशने के मरए आमे शैं ? मशी क्रक उवकी चचाा न करॊ ?

ऩळुऩतत —जी नशीॊ, मश कशने के मरए क्रक अफ लश वलयशास्ग्न नशीॊ वशी जाती।

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कृर्षणा ने ठठ्टा भायकय कशा —आऩ तो इव करा भें फशुत तनऩुण जान ऩड़ते शैं। प्रेभ! वभऩाण! वलयशास्ग्न! मश ळब्द आऩने कशाॊ वीखे!

ऩळुऩतत —कृर्षणा, भुझ ेतुभवे इतना प्रेभ शै क्रक भैं ऩागर शो गमा शूॊ।

कृर्षणा —तुम्शें प्रबा वे क्मों प्रेभ नशीॊ शै?

ऩळुऩतत —भैं तो तुम्शाया उऩावक शूॊ।

कृर्षणा —रेक्रकन मश क्मों बूर जाते शो क्रक तुभ प्रबा के सलाभी शो ?

ऩळुऩतत —तुम्शाया तो दाव शूॊ।

कृर्षणा —भैं ऐवी फातें नशीॊ वुनना चाशती।

ऩळुऩतत —तुम्शें भेयी एक-एक फात वुननी ऩड़गेी। तुभ जो चाशो लश कयने को भैं तैमाय शूॊ।

कृर्षणा —अगय मश फातें कशीॊ लश वुन रें तो?

ऩळुऩतत —वुन रे तो वुन रे। भैं शय फात के मरए तैमाय शूॊ। भैं क्रपय कशता शूॊ, क्रक अगय तुम्शायी भुझ ऩय कृऩादृस्र्षट न शुई तो भैं भय जाऊॊ गा।

कृर्षणा —तुम्शें मश फात कयते वभम अऩनी ऩत्नी का ध्मान नशीॊ आता?

ऩळुऩतत —भैं उवका ऩतत नशीॊ शोना चाशता। भैं तो तुम्शाया दाव शोने के मरए फनामा गमा शूॊ। लश वुगन्ध जो इव वभम तुम्शायी गुराफी वाड़ी वे तनकर यशी शै , भेयी जान शै। तुम्शाये मे छोटे-छोटे ऩाॊल भेये प्राण शैं। तुम्शायी शॊवी, तुम्शायी छवल, तुम्शाया एक-एक अॊग भेये प्राण शैं। भैं केलर तुम्शाये मरए ऩैदा शुआ शूॊ।

कृर्षणा—बई, अफ तो वुनते-वुनते कान बय गए। मश व्मातमान औय मश गद्म-काव्म वुनने के मरए भेये ऩाव वभम नशीॊ शै। आओ भामा , भुझ ेतो वदी रग यशी शै। चरकय अन्दय फैठे।

मश तनर्षठुय ळब्द वुनकय ऩळुऩतत की आॊखों के वाभने अॊधेया छा गमा। भगय अफ बी उवका भन मशी चाशता था क्रक कृर्षणा के ऩैयों ऩय गगय ऩड़ ेऔय इववे बी करुण ळब्दों भें अऩने प्रेभ-कथा वुनाए। क्रकन्तु दोनों फशनें इतनी देय भें अऩने कभये भें ऩशुॊच चुकी थीॊ औय द्लाय फन्द कय मरमा था। ऩळुऩतत के मरए तनयाळ घय रौट आने के मवला कोई चाया न यश गमा।

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कृर्षणा अऩने कभये भें जाकय थकी शुई-वी एक कुवी ऩय फैठ गई औय वोचने रगी—कशीॊ प्रबा वुन रे तो फात का फतॊगड़ शो जाम , वाये ळशय भें इवकी चचाा शोने रगे औय शभें कशीॊ भुॊश ददखाने को जगश न यशे। औय मश वफ एक जया-वी ददल्रगी के कायण ऩय ऩळुऩतत का प्रभ वच्चा शें , इवभें वन्देश नशीॊ। लश जो कुछ कशता शै , अन्त:कयण वे कशता शै। अगय भें इव लक्त जया-वा वॊकेत कय दूॉ तो लश प्रबा को बी छोड़ देगा। अऩने आऩे भें नशीॊ शै। जो कुछ कशूॉ लश कयने को तैमाय शै। रेक्रकन नशीॊ , प्रबा डयो भत , भै। तुम्शाया वलानाळ न करुॉ गी। तुभ भुझवे फशुत नीचे शों मश भेये अनुऩभ वौन्दमा के मरए गौयल की फात नशीॊ क्रक तुभ जैवी रुऩ-वलशीना वे फाजी भाय रे जाऊॊ । अबागे ऩळुऩतत , तुम्शाये बाग्म भें जो कुछ मरखा था लश शो चुका। तुम्शाये ऊऩय भुझ ेदमा आती शै , ऩय क्मा क्रकमा जाम।

क खत ऩशरे शाथ ऩड़ चुका था। मश दवूया ऩत्र था , जो प्रबा को ऩततदेल के कोट की जेफ भें मभरा। कैवा ऩत्र था आश इवे ऩढ़ते शी

प्रबा की देश भें एक ज्लारा-वी उठने रगी। तो मों कदशए क्रक मे अफ कृर्षणा के दो चुके अफ इवभें कोई वन्देश नशीॊ यशा। अफ भेये जीने को गधक्काय शै जफ जीलन भें कोई वुख शी नशीॊ यशा , तो क्मों न इव फोझ को उताय कय पेक दूॉ। लशी ऩळुऩतत , स्जवे कवलता वे रेळभात्र बी रुगच न थी , अफ कवल शो गमा था औय कृर्षणा को छन्दों भें ऩत्र मरखता था। प्रबा ने अऩने सलाभी को उधय वे शटाने के मरए लश वफ कुछ क्रकमा जो उववे शो वकता था , ऩय प्रेभ का प्रलाश उवके योके न रुका औय आज उव प्रलाश तके उवके जीलन की नौका तनयाधाय लशी चरी जा यशी शै।

इवभें वन्देश नशीॊ क्रक प्रबा को अऩने ऩतत वे वच्चा प्रेभ था , रेक्रकन आत्भवभऩाण की तुर्षटी आत्भवभऩाण वे शी शोती शै। लश उऩेषा औय तनर्षठुयता को वशन नशी कय वकता। प्रबा के भन के वलिोश का बाल जाग्रत शोने रगा। उवके आत्भामबभान जाता यशा। उवके भन भे न जाने क्रकतने बीऴण वॊकल्ऩ शोते , क्रकन्तु अऩनी अवभथाता औय दीनता ऩय आऩ शी आऩ

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योने रगती। आश ! उवका वलासल उववे छीन मरमा गमा औय अफ वॊवाय भे उवका कोई मभत्र नशीॊ , कोई वाथी नशी!

ऩळुऩतत आजकर तनत्म फनाल-वलाय भे भग्न यशता , तनत्म नमे-नमे वूट फदरता। उवे आइने के वाभने अऩने फारों को वॊलायते देखकय प्रबा की आखों वे आॊवू फशने रगते। वश वायी तैमायी उवी दरु्षट के मरए शो यशी शै। मश गचन्ता जशयीरे वाऩॊ की बाॊतत उवे डव रेती थी ; लश अफ अऩने ऩतत को प्रत्मेक फात प्रत्मेक गतत को वूक्ष्भ दृस्र्षट वे देखती। क्रकतनी शी फातें स्जन ऩय लश ऩशरे ध्मान बी न देती थी , अफ यशसम वे बयी शुई जान ऩड़ती। लश यात का न वोती , कबी ऩळुऩतत की जेफ टटोरती , कबी उवकी भेज ऩय यक्खें शुए ऩत्रों को ऩढ़ती! इवी टोश भे लश यात-ददन ऩड़ी यशती।

लश वोचने रगी —भै क्मा प्रेभ-लॊगचता फनी फैठी यशूॊ ? क्मा भै प्राणेश्लयी नशी फन वकती ? क्मा इवे ऩरयत्मक्ता फनकय शी काटना शोगा! आश तनदामी तूने भुझ ेधोखा ददमा। भुझवे आॊखें पेय री। ऩय वफवे फड़ा अनथा मश क्रकमा क्रक भुझ ेजीयलन का करुवऴत भागा ददखा ददमा। भै बी वलश्लावघात कयके तुझ ेधोखा देकय क्मा करुवऴत प्रेभ का आन्नद नशी उठा वकती ? अश्रुधाया वे वीचॊकय शी वशी , ऩय क्मा अऩने मरए कोई फादटका नशी रगा वकती ? लश वाभने के भकान भे घुघॊयारे फारोंलारा मुलक यशता शै औय जफ भौका ऩाता शै, भेयी ओय वचेर्षट नेत्रों वे देखता । क्मा केलर एक प्रेभ-कटाष वे भै उवके हृदम ऩय अगधकाय नशीॊ प्राप्त कय वकती ? अगय भै इव बाॊतत तनर्षठुयता का फदरा रूॊ तो क्मा अनुगचत शोगा ? आखखय भैने अऩना जीलन अऩने ऩतत को क्रकव मरए वौंऩा था ? इवीमरए तो क्रक वुख वे जीलन व्मतीत करॉ । चाशूॊ औय चाशी जाऊॊ औय इव प्रेभ-वाम्राज्म की अधीश्लय फनी यशूॊ। भगश आश! ले वायी अमबराऴाएॊ धूर भे मभर गई। अफ भेये मरए क्मा यश गमा शै? आज मदद भै भय जाऊॊ तो कौन योमेगा ? नशीॊ, घी के गचयाग जराए जाएॊगें। कृर्षणा शॊवकय कशेगी—अफ फव शभ शै औय तुभ। शभाये फीच भे कोई फाधा, कोई कॊ टक नशीॊ शै।

आखखय प्रबा इन करुवऴत बालनाओॊ के प्रलाश भे फश चरी। उवके हृदम भें यातों को , तनिा औय आळवलशीन यातों को फड़ ेप्रफर लेग वे मश तूपान उठने रगा। प्रेभ तो अफ क्रकवी अन्म ऩुरर्षस के वाथ कय वकती थी ,

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मश व्माऩाय तो जीलन भें केलर एक शी फाय शोता शै। रेक्रकन लश प्राणेश्लयी अलश्म फन वकती थी औय उवके मरए एक भधुय भुसकान , एक फाॊकी तनगाश कापी थी। औय जफ लश क्रकवी की प्रेमभका शो जामेगी तो मश वलचाय क्रक भैने ऩतत वे उवकी फेलपाई का फदरा रे मरमा क्रकतना आनन्दप्रद शोगा! तफ लश उवके भुख की ओय क्रकतने गला , क्रकतने वॊतोऴ, क्रकतने उल्राव वे देखेगी।

वन्ध्मा का वभम था। ऩळुऩतत वैय कयने गमा था। प्रबा कोठे ऩय चढ गई औय वाभने लारे भकान की ओय देखा। घुॊघयारे फोरोलारा मुलक उवके कोठे की ओय ताक यशा था। प्रबा ने आज ऩशरी फाय उव मुलक की ओय भुसकया कय देखा। मुलक बी भुसकयामा औय अऩनी गदान झुकाकय भानों मश वॊकेत क्रकमा क्रक आऩकी प्रेभ दृस्र्षट का मबखायी शूॊ। प्रबा ने गला वे बयी शुई दृस्र्षट इधय-उधय दौड़ाई , भानों लश ऩळुऩतत वेकशना चाशती थी —तुभ उव कुरटा केऩैयो ऩड़ते शो औय वभझते शो क्रक भेये हृदम को चोट नशी रगती। रो तुभ बी देखो औय अऩने हृदम ऩय चोट न रगने दो , तुभ उवे प्माय कयो , भै बी इववे शॊवू-फोरू। क्मों ? मश अच्छा नशी रगता ? इव दृश्म को ळान्त गचत वे नशी देख वकते? क्मों यक्त खौरने रगता शै? भै लशी तो कश यशी शूॊ जो तुभ कय यशे शो! आश! मदद ऩळुऩतत को सात शो जाता क्रक भेयी तनर्षठुयता ने इव वती के हृदम की क्रकतनी कामाऩरट कय दी शै तो क्मा उवे अऩने कृत्म ऩय ऩश्चाताऩ न शोता, क्मा लश अऩने क्रकमे ऩय रस्ज्जत न शोता! प्रबा ने उव मुलक वे इळायें भे कशा —आज शभ औय तुभ ऩूला लारे भैदान भें मभरेगें औय कोठे के नीचे उतय आई।

प्रबा के हृदम भे इव वभम एक लशी उत्वुकता थी स्जवभें प्रततकाय का आनन्द मभगश्रत था। लश अऩने कभये भे जाकय अऩने चुने शुए आबूऴण ऩशनने रगी। एक षण भे लश एक पारवई यॊग की येळभी वाड़ी ऩशने कभये वे तनकरी औय फाशय जाना शी चाशती थी क्रक ळान्ता ने ऩुकाया —अम्भा जी , आऩ कशाॊ जा यशा शै, भै बी आऩके वाथ चरूॊगी।

प्रबा ने झट फामरका को गोद भे उठा मरमा औय उवेछाती वे रगाते शी उवके वलचायों ने ऩरटा खामा। उन फार नेत्रों भे उवके प्रतत क्रकतना अवीभ वलश्लाव , क्रकतना वयर सनेश , क्रकतना ऩवलत्र प्रेभ झरक यशा था। उवे

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उव वभम भाता का कत्ताव्म माद आमा। क्मा उवकी प्रेभाकाॊषा उवके लात्वल्म बाल को कुचर देगीॊ ? क्मा लश प्रततकाय की प्रफर इच्छा ऩय अऩने भात-ृकत्ताव्म को फमरदान कय देगी ? क्मा लश अऩने षखणक वुख के मरए उव फामरका का बवलर्षम , उवका जीलन धूर भें मभरा देगी ? प्रबा कीआखों वे आवूॊ की दो फूॊदूॊ गगय ऩड़ी। उवने कशा —नशी, कदावऩ नशीॊ , भै अऩनी प्मायी फच्ची के मरए वफ कुछ वश वकती शूॊ।

क भशीना गुजय गमा। प्रबा अऩनी गचन्ताओॊ को बूर जाने की चेर्षटा कयती यशती थी , ऩय ऩळुऩतत तनत्म क्रकवी न क्रकवी फशने वे कॄर्षणा की

चचाा क्रकमा कयता। कबी-कबी शॊवकय कशता —प्रबा, अगय तुम्शायी अनुभतत शो तो भै कृर्षणा वे वललाश कय रूॊ। प्रबा इवके जलाफ भे योने के मवला औय क्मा कय वकती थी?

आखखय एक ददन ऩळुऩतत ने उवे वलनमऩूणा ळब्दों भें कशा-कशा कशूॊ प्रबा, उव यभणी की छवल भेयी आॊखों वे नशी उतयती। उवने भुझ ेकशीॊ का नशी यक्खा। मश कशकयउवने कई फाय अऩना भाथा ठोका। प्रबा का हृदम करणा वे िवलत शो गमा। उवकी दळा उव योगी की-वी-थी जो मश जानता शो क्रक भौत उवके मवय ऩयखेर यशी शैं , क्रपय बी उवकी जीलन-रारवा ददन-ददन फढती जाती शो। प्रबा इन वायी फातो ऩय बी अऩने ऩतत वे प्रेभ कयती थी औय सत्री-वुरब सलबाल के अनुवाय कोई फशाना खोजती थी क्रक उवके अऩयाधों को बूर जाम औय उवे षभाकय दे।

एक ददन ऩळुऩतत फड़ी यात गमे घय आमा औय यात-बय नीॊद भे ‗कृर्षणा! कृर्षणा!‘ कशकय फयााता यशा। प्रबा ने अऩने वप्रमतभ का मश आतानाद वुना औय वायी यात चुऩके-चुऩके योमा की…फव योमा की! प्रात: कार लश ऩळुऩतत के मरए दधु का प्मारा मरमे खड़ी थी क्रक लश उवके ऩैया ऩय गगय ऩड़ा औय फोरा —प्रबा, भेयी तुभवे एक वलनम शै , तुम्शी भेयी यषा कय वकती शो , नशीॊ भै भय जाऊॊ गा। भै जनता शूॊ क्रक मश वुनकय तुम्शें फशुत कर्षटशोगा , रेक्रकन भुझ ऩय दमा कयों। भै तुम्शायी इव कृऩा को कबी न बूरूॊगा। भुझ ऩय दमा कयो।

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प्रबा काॊऩने रगी। ऩळुऩतत क्मा कशना चाशता शै , मश उवका ददर वाप फता यशा था। क्रपय बी लश बमबीत शोकय ऩीछे शट गई औय दधू का प्मारा भेज ऩय यखकय अऩने ऩीरे भुख को काॊऩतेशुए शाथों वेतछऩा मरमा। ऩळुऩतत ने क्रपय बी वफ कुछ शी कश डारा। रारवास्ग्न अफ अॊदय न यश वकती थी , उवकीज्लारा फाशय तनकर शी ऩड़ी। तात्ऩमा मश था क्रक ऩळुऩतत ने कृर्षणा के वाथ वललाश कयना तनश्चम कय मरमा था। लश वे दवूये घय भे यक्खेगा औय प्रबा के मशाॊ दो यात औय एक यात उवके मशाॊ यशेगा।

मे फातें वुनकय प्रबा योई नशीॊ , लयन सतस्म्बत शोकय खड़ी यश गई। उवे ऐवा भारूभ शुआ क्रक उवके गरे भे कोई चीज अटकी शुई शै औय लश वाॊव नशी रे वकती।

ऩळुऩतत ने क्रपय कशा —प्रबा, तुभ नशी जानती क्रक स्जतना प्रेभ तुभवे भुझ ेआज शै उतना ऩशरे कबी नशी था। भै तुभवे अरग नशी शो वकता। भै जीलन-ऩमान्त तुम्शे इवी बाॊतत प्माय कयता यशूॊगा। ऩय कृर्षणा भुझ ेभाय डारेगी। केलर तुम्शी भेय यषा कय वकती शो। भुझ ेउवके शाथ भत छोड़ों , वप्रमे! अबागगनी प्रबा! तुझवे ऩूछ-ऩूछ कय तेयी गदान ऩय छुयी चराई जा यशी शै! तू गदान झुका देगी मच आत्भगौयल वे मवय उठाकय कशेगी —भै मश नीच प्रसताल नशी वुन वकती।

प्रबा ने इन फातों भे एक बी न की। लश अचेत शोकय बूमभ ऩय गगय ऩड़ी। जफ शोळ आमा , कशने रगी —फशुत अच्छा , जैवी तुम्शायी इच्छा! रेक्रकनद भुझ ेछोड़ दों , भै अऩनी भाॊ के घय जाऊॊ गी , भेयी ळान्ता भुझ ेदे दों।

मश कशकय लश योती शुई लशाॊ वे ळाॊता को रेने चरी गई औय उवे गोद भें रेकय कभये वे फाशय तनकरी। ऩळुऩतत रज्जा औय ग्रातन वे मवय झुकामें उवके ऩीछे-ऩीछे आता यशा औय कशता यशा —जैवी तुम्शायी इच्छा शो प्रबा, लश कयो , औय भै क्मा कशूॊ , क्रकॊ तु भेयी प्मायी प्रबा , लादा कयों क्रक तुभ भुझ ेषभा कय दोगी। क्रकन्तु प्रबा ने उवको कुछ जलाफ न ददमम औय फयाफय द्लाय की ओय चरती यशी। तफ ऩळुऩतत ने आगे फढ़कय उवेऩकड मरमा औय उवके भुयझामे शुए ऩय अश्रु-मवगचॊत कऩोरों को चूभ-चूभकय कशने रगा —

वप्रमे, भुझ ेबूर न जाना , तुम्शायी माद भेये हृदम भे वदैल फनी यशेगी। अऩनी

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अॊगूठी भुझ ेदेती जाओ , भै उवे तुम्शायी तनळानी वभझ कय यक्खूगाॊ औय उवे हृदम वे रगाकय इव दाश को ळीतर करॊ गा। ईश्लय के मरएप्रबा , भुझ ेछोड़ना भत, भुझवे नायाज न शोना…एक वप्ताश के मरए अऩनी भाता केऩाव जाकय यशो। क्रपय भै तुम्शें जाकय राऊॊ गा।

प्रबा ने ऩॊळुऩतत के कय-ऩाळ वे अऩने को छुड़ा मरमा औय अऩनी रड़की का शाथ ऩकड़ ेशुए गाड़ी की ओय चरी। उवने ऩळुऩतत को न कोई उत्तय ददमा औय न मश वुना क्रक लश क्मा कय यशा शै।

म्भाॊ, आऩ क्मों शॊव यशी शै?

‗कुछ तो नशीॊ फेटी।‗ ‗लश ऩीरे-ऩीरे ऩुयाने कागज तुम्शाये शाथ भें क्मा शैं ?‘ ‗मे उव ऋण के ऩुजे शैं जो लाऩव नशी मभरा। ‗ ‗मे तो ऩुयाने खत भारूभ शोते शै?‘ ‗नशी फेटी।‗ फात मश थी क्रक प्रबा अऩनी चौदश लऴा की मुलती ऩुत्री के वाभने वत्म का ऩदाा नशी खोरना चाशती थी। शाॊ , ले कागज लासतल भे एक ऐवे कजा के ऩुजे थे जो लाऩव नशी मभरा। मे लशी ऩुयानें ऩत्र थे जो आज एक क्रकताफ भे यक्खें शुए मभरे थे औय ऐवे पूर की ऩळुडड़माॊ की बाॊतत ददखाई देते थे स्जनका यॊग औय गॊध क्रकताफ भे यक्खें-यक्खें उड़ गई शो , तथावऩ ले वुख के ददनों को माद ददरा यशे थे औय इव कायण प्रबा की दसू्र्षट भे ले फशुभूल्म थे।

ळाॊता वभझ गई क्रक अम्भा कोई ऐवा काभ कय यशी शै स्जवकी खफय भुझ ेनशी कयना चाशती औय इव फात वे प्रवन्न शोकय क्रक भेयी दखुी भाता आज अऩना ळोक बूर गई शै औय स्जतनी देय तक लश इव आनन्द भे भग्न यशे उतना शी अच्छा शै , एक फशाने वे फाशय चरी गई। प्रबा जफ कभये भे अकेरी यश गई तफ उवने ऩत्रों का क्रपय ऩढ़ना ळुर क्रकमा।

आश! इन चौदश लऴो भे क्मा कुछ नशी शो गमा! इव वभम उव वलयशणी के हृदम भे क्रकतनी शी ऩूला सभतृतम ॉँ जग्रत शो गई , स्जन्शोने शऴा औय ळोक के स्रोत एक वाथ शी खोर ददए।

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प्रबा के चरे जाने के फाद ऩळुऩतत ने फशुत चाशा क्रक कृर्षणा वे उवका वललाश शो जाम ऩय लश याजी न शुई। इवी नैयाश्म औय िोध की दळा भे ऩळुऩतत एक कम्ऩनी का एजेण्ट शोकय मोयोऩ चरा गमा। तफ क्रपय उवे प्रबा की माद आई। कुछददनों तक उवके ऩाव वे षभाप्राथाना-ऩूणा ऩत्र आते यशे , स्जनभें लश फशुत जल्द घय आकय प्रबावे मभरने के लादे कयता यशा औ प्रेभ के इव नमे प्रलाश भें ऩुयानी कटुताओ कों जरभग्न कय देने के आळाभम सलप्न देखता यशा। ऩतत-ऩयामणा प्रबा के वॊतप्त हृदम भे क्रपय आळा की शरयमारी रशयाने रगी , भुयझाई शुई आळा-रताएॊ क्रपय ऩल्रवलत शोने रगी! क्रकन्तु मश बी बाग्म की एक िीड़ा शी थी। थोड़ ेशी ददनों भे यमवक ऩळुऩतत एक नमे प्रेभ-जार भे पॊ व गमा औय तफ वे उवके ऩत्र आने फन्द शो गमे। इव लक्त प्रबा के शाथ भे लशी ऩत्र थे जो उवके ऩतत ने मायोऩ वे उव वभम बेजे थे जफ नैयाश्म का घाल शया था। क्रकतनी गचकनी-चुऩडी फातें थी। कैवे-कैवे ददर खुळ कयने लारे लादे थे! इवके फाद शी भारूभ शुआ क्रक ऩळुऩतत ने एक अॊगे्रज रड़की वे वललाश कय मरमा शै। प्रबा ऩय लज्र-वा गगय ऩड़ा—उवके हृदम के टुकड़ ेशो गमे —वायी आळाओॊ ऩय ऩानी क्रपय गम। उवका तनफार ळयीय इव आघात का वशन न कय वका। उवे ज्लय आने रगा। औय क्रकवी को उवके जीलन की आळा न यशी। लश सलमॊ भतृ्मु की अमबरावऴणी थी औय भारूभ बी शोता था क्रक भौत क्रकवी वऩा की बाॊतत उवकी देश वे मरऩट गई शै। रेक्रकन फुरने वे भौत बी नशी आती। ज्लय ळान्त शो गमा औय प्रबा क्रपय लशी आळावलश वलशीन जीलन व्मतीत कयने रगी।

क ददन प्रबा ने वुना क्रक ऩळुऩतत मोयोऩ वे रौट आमा शै औय लश मोयोऩीम सत्री उवके वाथ नशी शै। फस्ल्क उवके रौटने क कायण लशी

सत्री शुई शै। लश औयत फायश वार तक उवकी वशमोगगनी यशी ऩय एक ददन एक अॊगे्रज मुलक के वाथ बाग गई। इव बीऴण औय अत्मन्त कठोय आघात

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ने ऩळुऩतत की कभय तोड़ दी। लश नौकयी छोड़कय घय चरा आमा। अफ उवकी वूयत इतनी फदर गई थी उवके मभत्र रोग उववे फाजाय भे मभरते तो उवे ऩशचान न वकते थे —भारूभ शोता था , कोई फूढ़ा कभय झुकामे चरा जाता शै। उवके फार तक वपेद शो गमे।

घय आकय ऩळुऩतत ने एक ददन ळान्ता को फुरा बेजा। इव तयश ळाॊता उवके घय आन-ेजाने रगी। लश अऩने वऩता की दळा देखकय भन शी भन कुढ़ती थी।

इवी फीच भे ळान्ता के वललाश के वन्देळ आने रगे , रेक्रकन प्रबा को अऩने लैलादशक जीलन भे जो अनुबल शुआ था लश उवे इन वन्देळों को रौटने ऩय भजफूय कयता था। लश वोचती , कशीॊ इव रडकी की बी लशी गतत न शो जो भेयी शुई शैं। उवे ऐवा भारूभ शोता था क्रक मदद ळान्त का वललाश शो गमा तो इव अस्न्तभ अलसथा भे बी भुझ ेचैन न मभरेगा औय भयने के फाद बी भै ऩुत्री का ळोक रेकय जाऊॊ गी। रेक्रकन अन्त भे एक ऐवे अच्छे घयाने वे वन्देळ आमा क्रक प्रबा उवे नाशी न कय वकी। घय फशुत शी वम्ऩन्न ्था , लय बी फशुत शी वुमोग्म। प्रबा को सलीकाय शी कयना ऩड़गेा। रेक्रकन वऩता की अनुभतत बी आलश्मक थी। प्रबा ने इव वलऴम भेऩळुऩतत को एक ऩत्र मरखा औय ळान्ता के शी शाथ ्बेज ददमा। जफ ळान्ता ऩत्र रेकय चरी गई तफ प्रबा बोजन फनाने चरी गई। बातत-बाॊतत की अभॊगर कल्ऩनाएॊ उवके भन भे आने रगी औय चूल्शे वे तनकरते धुएॊ भे उवे एक गचत्र-वा ददखाई ददमा क्रक ळान्ता के ऩतरे-ऩतरे शोंठ वूखे शूए शै औय लश काॊऩ यशी शै औय स्जव तयश प्रबा ऩततगशृ वे आकय भाता की गोद भे गगय गई थी उवी तय ळान्ता बी आकय भाता की गोद भे गगय ऩड़ी शै।

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ळुऩतत ने प्रबा का ऩत्र ऩढ़ा तो उवे चुऩ-वी रग गई। उवने अऩना मवगयेट जरामा औय जोय-जोय कळ खीचनें रगा।

क्रपय लश उठ खड़ा शुआ औय कभये भे टशरने रगा। कबी भूॊछों को दाॊतों वे काटता की खखचड़ी दाढ़ी को नीचे की ओय खीॊचता।

वशवा लश ळान्ता के ऩाव आकय खड़ा शो गमा औय काॊऩते शुए सलय भे फोरा—फेटी स्जव घय को तेयी भाॊ सलीकाय कयती शो उवे भै कैवे नाशी कय वकता शूॊ। उन्शोने फशुत वोच-वभझकय शाभी बयी शोगी। ईश्लय कये तुभ वदा वौबागय्लती यशों। भुझ ेदखु शै तो इतना शी क्रक जफ तू अऩने घय चरी जामेगी तफ तेयी भाता अकेरी यश जामगी। कोई उवके आॊवू ऩोंछने लारा न यशेगा। कोई ऐवा उऩाम वोच क्रक तेयी भाता का क्रेळ दयू शो औय भै बी इव तयश भाया-भाया न क्रपरॊ । ऐवा उऩाम तू शी तनकार वकती शै। वम्बल शै रज्जा औय वॊकोच के कायण भै अऩने हृदम की फात तुझवे कबी न कश वकता, रेक्रकन अफ तू जा यशी शै औय भुझ ेवॊकोच का त्माग कयने के मवला कोई उऩाम नशी शै। तेयी भाॊ तुझ ेप्माय कयती शै औय तेया अनुयोध कबी न टारेगी। भेयी दळा जो तू अऩनी आॊखों वे देळ यशी शै मशी उनवे कश देना। जा, तेया वौबाग्म अभय शो।

ळान्ता योती शुई वऩता की छाती वे मरऩट गई औय मश वभम वे ऩशरे फूढ़ा शो जाने लारा भनुर्षम अऩनी दलुाावनाओॊ का दण्ड बोगने के फाद ऩश्चाताऩ औय ग्रातन के आॊवू फशा-फशाकय ळान्ता क केळयामळ को मबगोने रगा।

ऩततऩयामणा प्रबा क्मा ळान्ता का अनुयोध टार वकती थी ? इव प्रेभ-वूत्र ने दोनों बग्न-हृदम को वदैल के मरए मभरा ददमा।

—‗वयसलती‘ जनलयी, १९२६

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िांगेवाऱने की बड़

खक को इराशाफाद भे एक फाय ताॉगे भे रम्फा वपय कयने का वॊमोग शुआ। ताॊगे लारे मभमाॊ जम्भन फड़ ेफातूनी थे। उनकी उम्र ऩचाव के

कयीफ थी, उनकी फड़ वे यासता इव आवानी वे तव शुआ क्रक कुछ भारूभ शी न शुआ। भै ऩाठकों के भनोयॊजन के मरए उनकी जीलन औय फड़ ऩेळ कयता शूॊ।

म्भन—कदशए फाफूजी , ताॊगा…लश तो इव तयप देखते शी नशीॊ , ळामद इक्का रेंगे। भुफायक। कभ खचा फारानळीन , भगय कभय यश जामगी

फाफूजी, वडक खयाफ शै , इक्के भे तकरीप शोगी। अखफाय भे ऩढ़ा शोगा कर चाय इक्के इवी वड़क ऩय उरट गमे। चुॊगी (म्मुतनस्सऩरटी) वराभत यशे , इक्के बफल्कुर फन्द शो जामेगें। भोटय , जायी तो वड़क खयाफ कये औय नुकवान शो शभ गयीफ इक्केलारों का। कुछ ददनों भे शलाई जशाज भे वलारयमाॊ चरेंगी , तफ शभ इक्केलारों कों वड़क मभर जामेगी। देखेंगे उव लक्त इन रारयमों को कौन ऩूछेता शै , आजामफघयों भे देखने को मभरे तो मभरें। अबी तो उनके ददभाग शी नशी मभरते। अये वाशफ , यासता तनकरना दशु्लाय कय ददमा शै , गोमा कुर वड़क उन्शी के लासते शै औय शभाये लासते ऩटयी औय धूर! अबी ऐठतें शै , शलाई जशाजों को आने दीस्जए। क्मो शूजुय , इन भोटय लारे की आधी आभदनी रेकय वयकाय वड़क की भयम्भत भे क्मों नशी खचा कयती ? मा ऩेट्रोर ऩय चौगुना टैक्व रगा दे। मश अऩने को टैक्वी कशते शै , इवके भाने तो टैक्व देने लारे शै। ऐ शुजूय , भेयी फुदढमा कशती शै इक्का छोड़ ताॊगा मरमा , भगय अफ ताॊगे भे बी कुछ नशी यशा , भोटय रो। भैने जलाफ ददमा क्रक अऩने शाथ-ऩैय की वलायी यखोगी मा दवूये के। फव शुजूय लश चुऩ शे गमी। औय वुतनए , कर की फात शै कल्रन ने भोटय चरामा, मभमाॊ एक दयतत वे टकयागमे , लशी ळशीद शो गमे। एक फेला औय दव फच्चे मतीभ छोड़।े शुजूय , भै गयीफ आदभी शूॊ , अऩने फच्चों को ऩार रेता शूॊ, औय क्मा चादशए। आज कुछ कभ चारीव वार वे इक्केलानी कयता शूॊ ,

रे

जु

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थोड़ ेददन औय यशे लश बी इवी तयश चाफुक मरमे कट जामेगें। क्रपय शुजूय देखें, तो इक्का , ताॊगा औय घोड़ा गगये ऩय बी कुछ-न-कुछ दे शी जामेगा। फयअक्व इवके भोटय फन्द शो जाम तो शुजूय उवका रोशा दो रऩमे भे बी कोई न रेगा। शुजूय घोड़ा घोड़ा शी शै , वलारयमाॊ ऩैदर जा यशी शै , मा शाथी की राळ खीचॊ यशी शै। शुजूय घोड़ ेऩय शय तयश का काफू औय शय वूयत भे नपा। भोटय भे कोई आयाभ थोड़ ेशी शै। ताॊगे भे वलायी बी वो यशी शै , शभ बी वो यशे शै औय घोड़ा बी वो यशा शै भगय भॊस्जर तम शो यशी शै। भोटय के ळाये वे तो कान के ऩदे पटते शै औय शाॊकने लारे को तो जैव चक्की ऩीवना ऩड़ता शै।

शुजूय, औयतों बी इक्के-ताॊगे को फड़ी फेददी वे इसतेभार कयती शै। कर की फात शै , वात-आठ औयते आई औय ऩूछने रगी क्रक ततयेफेनी

का क्मो रोगे। शुजूय तनखा तो तम शै , कोई व्शाइटले की दकुान तो शै नशीॊ क्रक वार भे चाय फाय वेर शो। तनखा वे शभायी भजदयूी चुका दो औय दआुए रो। मों तो शुजूय भामरक शै , चाशें एक फय कुछ न दें भगय वयकाय , औयतें एक रऩए का काभ शे तो आठ शी आना देती शैं। शुजूय शभ तो वाशफ रोगों का काभ कयते शै। ळयीप शभळा ळयीप यशते शै ओय शुजूय औयत शय जगश औयत शी यशेगी। एक तो ऩदे के फशाने वे शभ रोग शटा ददए जाते शै। इक्के-ताॊगे भे दजानों वलरयमाॊ औय फच्चे फैठ जाते शै। एक फाय इक्के की कभानी टूटी तो उववे एक न दो ऩूयी तेयश औयते तनकर आई। भै गयीफ आदभी भय गमाॊ। शुजूय वफको शैयत शोती शै क्रक क्रकव तयश ऊऩय नीचें फैठ रेती शै क्रक कैची भायकय फैठती शै। ताॊगे भे बी जान नशी फचती। दोनों घुटनो ऩय एक-एक फच्चा को बी रे रेती शै। इव तयश शुजूय ताॊगे के अन्दय वका व का-वा नक्ळा शो जाता शै। इव ऩय बी ऩूयी-ऩूयी भजदयूी मश देना जानती शी नशीॊ। ऩशरे तो ऩदे को जाये था। भदो वे फातचीत शुई औय भजदयूी मभर गई। जफ वे नुभाइळ शुई , ऩदाा उखड गमा औय औयतें फाशन आने-जानें रगी। शभ गयीफों का वयावय नुकवान शोता शै। शुजूय शभाया बी अल्राश भामरक शै। वार भे भै बी फयाफय शो यशता शूॊ। वौ वुनाय की तो एक रोशाय की बी शो

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जाती शै। वऩछरे भशीने दो घॊटे वलायी के फाद आठ आने ऩैवे देकय फी अन्दय बागीॊ। भेयी तनगाश जो ताॊगे ऩय ऩड़ी तो क्मा देखताशूॊ क्रक एक वोने का झुभका गगयकय यश गमा। भै गचल्रामा भाई मश क्मा , तो उन्शोने कशा अफ एक शब्फा औय न मभरेग औय दयलाजा फन्द। भै दो-चाय मभनट तक तो तकता यश गमा भगय क्रपय लाऩव चरा आमा। भेयी भजूदयी भाई के ऩाव यशी गई औय उनका झुभका भेये ऩाव।

र की फात शै , चाय सलायास्जमों न भेया ताॊगा क्रकमा , कटये वे सटेळन चरे, शुकुभ मभरा क्रक तेज चरों। यासते-बय गाॊधीजी की जम ! गाॊधीजी

की जम! ऩुकायते गए। कोई वाशफ फाशय वे आ यशे थे औय फड़ी बीड़ ेऔय जुरूव थे। कठऩुतरी की तयश यासते- ,बय उछरते-कूदते गए। सटेळन ऩशुचकय भुस्श्कर वे चाय आने ददए। भैने ऩूय क्रकयामा भाॊगा , भगय लशाॊ गाॊधी जी की जम! गाॊधी जी की जम के मवलाम क्मा था! भै गचल्रामा भेया ऩेट! भेया ऩेट! भेयाताॊगा गथएटय का सटेज था , आऩ नाचे-कूदे औय अफ भजदयूी नी देते! भगय भै गचल्राता शी यशा , लश बीड़ भे गामफ शो गए। भै तो वभझता शू क्रक रोग ऩागर शो गए शै , सलयाज भाॊगते शै , इन्शी शयकतों ऩय सलयाज मभरेगा! ऐ शुजूय अजफ शला चर यशी शै। वुधय तो कयते नशी , सलयाज भाॊगते शै। अऩने कयभ तो ऩशरे दरुसत शोरे। भेये रड़के को फयगरामा , उवने वफ कऩड़ ेइकटठे क्रकए औय रगा स्जद कयने क्रक आग राग दूॊगा। ऩशरे तो भैने वभझामा क्रक भै गयीफ आदभी शूॊ , कशा वे औय कऩड़ ेराऊॊ गा , भगय जफ लश न भाना तो भैने गगयाकय उवको खूफ भाया। क्रपय क्मा था शोळ दठकाने शो गए। शुजूय जफ लक्त आएगा तो शभी इक्के-ताॊगेलारा सलयाज शाॊककय राॊएगे। भोटय ऩय सलयाज शगगाज न आएगा। ऩशरे शभको ऩूयी भजदयूी दो क्रपय सलयाज भाॊगो। शुजूय औयते तो औयतें शभ उनवे न जफान खोर वकते शै न कुछ कश वकते शै , लश जो कुछ दे देती शै , रेना ऩड़ता शै। भगय कोई-कोई नकरी ळयीप रोग औयतो के बी कान काटते शै। वलाय शोने वे ऩशरे शभाये नम्फय देखते शै , अगय कोई चीर यासते भे उनकी राऩयलाशी वे गगय जाम तो लश बी शभाये मवय ठोकते शै औय भजा मश क्रक क्रकयामा कभ दे तो

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शभ उप न कयें। एक फाय का स्जि वुतनए , एक नकरी ‗लेर-लेर‘ कयके राट वाशफ के दफ्तय गए , भुझको फाशय छोड़ा औय कशाॊ क्रक एक मभनट भे आते शै, लश ददन शै क्रक आज तक इन्तजाय शी कय यशा शूॊ। अगय मश शजयत कशी ददखाई ददमे तो एक फाय तो ददर खोरकय फदरा रे रूॊगा क्रपय चाशे जो कुछ शो।

फ न ऩशरे के-वे भेशयफान यशे न ऩशरे की-वी शारत। खुदा जाने ळयापत कशाॊ गामफ शो गई। भोटय के वाथ शला शुई जाती शै। ऐ

शुजूय आऩ शी जैवे वाशफ रोग शभ इक्केलारों की कि कयते थे , शभवें बी इज्जत ऩेळ आते थे। अफ लश लक्त शै क्रक शभ रोग छोटे आदभी शै , शय फात ऩय गारी मभरती शै , गुसवा वशना ऩड़ता शै। कर दो फाफू रोग जा यशे थे, भैने ऩूछा , ताॊगा …तो एक ने कशा , नशी शभको जल्दी शै। ळामद मश भजाक शोगाॊ। आगे चरकय एक वाशफ ऩूछते शै क्रक टैक्वी कशाॊ मभरेगी ? अफ कदशए मश छोटा ळशय शै , शय जगश जल्द वे जल्द शभ रोग ऩशुचा देते शै। इव ऩय बी शभीॊ फतराएॊ क्रकटैक्वी कशाॊ मभरेगी। अन्धेये शै अन्धेये! खमार तो कीस्जए मश नन्शी वी जान घोड़ों की , शभ औय शभाये फार-फच्चे औय चौदश आने घॊटा। शुजूय , चौदश आने भे तो घोड़ी को एक कभची बी रगाने को जी नशी चाशता। शुजूय शभें तो कोई चौफीव घॊटे के लासते भोर रे रे।

कोई-कोई वाशफ शभीॊ वे तनमारयमाऩन कयते शै। चारीव वार वे शुजूय, मशीकाभ कय यशा शूॊ। वलायी को देखा औय बाॊऩ गए क्रक क्मा चाशते शै। ऩैवा मभरा औय शभायी घोड़ी के ऩय तनकर आए। एक वाशफ ने फड़ ेतूभ-तड़ाक के फाद घॊटों के दशवाफ वे ताॊगा तम क्रकमा औय लश बी वयकायी येट वे कभ। आऩ देखे क्रक चुॊगी शी ने येट भुकयाय कयते लक्त जान तनकार री शै रेक्रकन कुछ रोग फगैय ततरों के तेर तनकारना चाते शै। खैय भैने बी फेकायी भे कभ येट शी भान मरमा। क्रपय जनाफ थोड़ी दयू चरकय शभायाताॊगा बी जनाजे की चार चरने रगा। लश कश यशे शै क्रक बाई जया तेज चरो , भै कशता शूॊ क्रक योज का ददन शै , घोड़ी का दभ न टूटे। तफ लश पयभाते शै , शभें

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क्मा तुभशाय शी घॊटा देय भे शोगा। वयकाय भुझ ेतो इवभें खुळी शै आऩ शी वलाय यशे औय गुराभ आऩको क्रपयाता यशे।

ट वाशफ के दफ्तयभें एक फड़ ेफाफू थे। कटये भे यशते थे। खुदा झूठ न फुरलाए उनकी कभय तीन गज वे कभ न शोगी। उनको देखकय

इक्के-ताॊगेलारे आगे शट जाते थे। क्रकतने शी इक्के लश तोड़ चुक थे। इतने बायी शोने ऩय बी इव वपाई वे कूदते थे क्रक खुद कबी चोट न खाई। मश गुराभ शी क्रक दशम्भत थी क्रक उनको रे जाता था। खुदा उनको खुळ यक्खे , भजदयूी बी अच्छी देते थे। एक फाय भै ईंद ूका इक्का मरए जा यशा था , फाफू मभर गए औय कशा क्रक दफ्तय तक ऩशुचा दोगे ? आज देय शो गई शै , तुम्शाये घोड़ ेभे मवपा ढाचाॊ शी यश गमा शै। भैने जलाफ ददमा , मश भेया घोड़ा नशी शै , शुजूय तो डफर भजदयूी देते शै , शुकूभ दे तो दो इक्के एक वाथ फाॊध रू औय क्रपय चरूॊ।

य वुतनए , एक वेठजी ने इक्का बाड़ा क्रकमा। वब्जी भॊडी वे वब्जीलगैयश री औय बगाते शुए सटेळन आए। इनाभ की रारच भे

भै घोड़ी ऩीटता रामा। खुदाजानता शै , उव योज जानलय ऩय फड़ी भाय ऩड़ी। भेये शाथ ददा कयने रगे। येर का लक्त वचभुच फशुत शी तॊग था। सटेळन ऩय ऩशूचें तो भेये मरए लशी चलन्नी। भै फोरा मश क्मा ? वेठ जी कशते शै , तुम्शाया बाड़ा ततती ददखाओ। भैने कशा देय कये आऩ औय भेया घोड़ा भुफ्त ऩीटा जाम। वेठती जलाफ देते शै क्रक बई तुभ बी तो जल्दी पयागत ऩा गए औय चोट तुम्शाये तो रगी नशी। भैने कशा क्रक भशायाज इव जानलय ऩय तो दमा क्रकजीए। तफ वेठजी ढीरे ऩड़ ेऔय कशाॊ , शाॊ इव गयीफ का जरय मरशाज शोना चादशए औय अऩनी टोकयी वे चाय ऩत्ते गोबी के तनकारे औय घोड़ी को खखराकय चर ददए। मश बी ळामद भजाक शोगाॊ भगय भै गयीफ भुफ्त भया। उव लक्त वे घोड़ी का शाजभा फदर गमा।

रा

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अजफ लक्त आ गा शै , ऩस्ब्रक अफ दवूयों का तोमरशाज शी नशी कयती। यॊग-ढ़ग तौय-तयीका वबी कुछ फदर गए शै। जफ शभ अऩनी भजदयूी भाॊगते शै तो जलाफ मभरता शै क्रक तुम्शायी अभरदायी शै , खुरी वड़क ऩय रूट रो! अऩने जानलयो को वेठजी शरुआ-जरेफी खखराएगें , भगय शभायी गदान भायेगें। कोई ददन थे , क्रक शभको क्रकयामे के अराला भारऩूय बी मभरते थे।

अफ बी इव गगये जभाने भे बी कबी-कबी ळयीप यईव नजय आ शी जाते शै। एक फाय का स्जि वुतनए , भेये ताॊगे भे वलाॊरयमा फैठी। कश्भीयी शोटर वे तनकरकय कुछ थोड़ी-वी चढ़ी थी। कीटगॊज ऩशुचकय वाभने लारे ने चौयासता आने वे ऩशरे शी चौदश आने ददमे औय उतय गमा। क्रपय वऩछरी एक वलायी ने उतयकय चौदश आने ददए। अफ तीवयी उतयती नशी। भैने कशा क्रक शजयत चौयाशा आ गमा। जलाफ नदायद। भैने कशा क्रक फाफू इन्शे बी उताय रो। फाफू ने देखा-बारा भगय लश नळ ेभे चूय शै उताय कौन! फाफू फोरे अफ क्मा कयें। भैने कशा —क्मा कयोगे। भाभरा तो बफल्कुर वाप शै। थाने जाइए औय अगय दव मभनट भे काई लारयव ने ऩैदा शो तो भार आऩका।

फव शुजूय , इव ऩेळ भे बी तनत नमे तभाळ ेदेखने भे आते शै। इन आखों वफ कुछ देखा शै शुजूय। ऩदे ऩड़ते थे , जास्जभें फाॊधी जाती थी , घटाटोऩ रगामे जाते थे , तफ जनानी वलारयमाॊ फैठती थी। अफ शुजूय अजफ शारत शै , ऩदाा गमा शला के फशाने वे। इक्का कुछ वुखो थोड़ा शी छोड़ा शै। स्जवको देखो मशी कशता थाक्रक इक्का नशी ताॊगा राओॊ , आयाभ को न देखा। अफ जान को नशी देखते औय भोटय-भोटय , टैक्वी-टैक्वी ऩुकायते शै। शुजूय शभें क्मा शभ तो दो ददन के भेशभान शै , खुदा जो ददखामेगा , देख रेगें।

—‗जभाना‘मवतम्फय, १९२६

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शादी की विह

श वलार टेढ़ा शै क्रक रोग ळादी क्मो कयते शै ? औयत औय भदा को प्रकृत्मा एक-दवूये की जरयत शोती शै रेक्रकन भौजूदा शारत भे आभ

तौय ऩय ळादी की मश वच्ची लजश नशी शोती फस्ल्क ळादी वभ्म जीलन की एक यसभ-वी शो गई शै। फशयरशार , भैने अक्वय ळादीळुदा रोगो वे इव फाये भे ऩूछा तो रोगो ने इतनी तयश के जलाफ ददए क्रक भै दॊग यश गमा। उन जलाफो को ऩाठको के भनोयॊजन के मरए नीचे मरखा जाता शै —

एक वाशफ का तो फमान शै क्रक भेयी ळादी बफल्कुर कभमवनी भे शुई औय उवकी स्जम्भेदायी ऩूयी तयश भेये भाॊ-फाऩ ऩय शै। दवूये वाशफ को अऩनी खूफवूयती ऩय फड़ा नाज शै। उनका तमार शै क्रक उनकी ळादी उनके वुन्दय रऩ की फदौरत शुई। तीवये वाशफ पयभाते शै क्रक भेये ऩड़ोव भे एक भुळी वाशफ यशते थे स्जनके एक शी रड़की थी। भैने वशानूबूततलळ खुद शी फातचीत कयके ळादी कय री। एक वाशफ को अऩने उत्तयागधकायी के रऩ भे एक रड़के के जरयत थी। चुनाॊचे आऩने इवी धुन भे ळादी कय री। भगय फदक्रकसभती वे अफ तक उनकी वात रड़क्रकमाॊ शो चुकी शै औय रड़के का कशी ऩता नशी। आऩ कशते शै क्रक भेया तमारशै क्रक मश ळयायत भेयी फीली की शैजो भुझ ेइव तयश कुढाना चाशती शै। एक वाशफ ऩड़ ेऩैवे लारे शै औय उनको अऩनी दौरत खचा कयने का कोई तयीका शी भारूभ न था इवमरए उन्शोने अऩनी ळादी कय री। एक औय वाशफ कशते शै क्रक भेये आत्भीम औय सलजन शय लक्त भुझ ेघेये यशा कयते थे इवमरए भैने ळादी कय री। औय इवका नतीजा मश शुआ क्रक अफ भुझ ेळास्न्त शै। अफ भेये मशाॊ कोई नशी आता। एक वाशफ तभाभ उम्र दवूयों की ळादी-ब्माश ऩय व्मलशाय औय बेट देते-देते ऩयेळान शो गए तो आऩने उनकी लाऩवी की गयज वे आखखयकाय खुद अऩनी ळादी कय री।

औय वाशफो वे जो भैनेदमााफ्त क्रकमा तो उन्शोने तनम्नमरखखत कायण फतरामे। मश जलाफ उन्शी के ळब्दों भे नम्फयलाय नीचे दजा क्रकए जाते शै —

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१ —भेये ववुय एक दौरत भन्द आदभी थे औय उनकी मश इकरौती फेटी थी इवमरए भेये वऩता ने ळादी की।

२—भेये फाऩ-दादा वबी ळादी कयते चरे आए शै इवमरए भुझ ेबी ळादी कयनी ऩड़ी।

३—भै शभेळा वे खाभोळ औय कभ फोरने लारा यशा शूॊ , इनकाय न कय वका।

४—भेये ववुय ने ळुर भे अऩने धन-दौरत का फशुत प्रदळान क्रकमा इवमरए भेये भाॊ-फाऩ ने पौयन भेयी ळादी भॊजूय कय री।

५—नौकय अच्छेनशी मभरते थे ओय अगय मभरते बी थे तो ठशयते नशी थे। खाव तौय ऩय खाना ऩकानेलारा अच्छा नशी मभरता। ळादी के फाद इव भुवीफत वे छुटकाया मभर गम।

६—भै अऩना जीलन-फीभा कयाना चाशता था औय खानाऩूयी के लासते वलधला का नाभ मरखना जरयी था।

७—भेयी ळादी स्जद भे शुई। भेये ववुय ळादी के मरए यजाभन्द न शोते थे भगय भेये वऩता को स्जद शो गई। इवमरए भेयी ळादी शुई। आखखयकाय भेये ववुय को भेयी ळादी कयनी शी ऩड़ी।

८—भेये ववुयारलारे फड़ ेऊॊ चे खानदान के शै इवमरए भेये भाता-वऩता ने कोमळळ कयके भेयी ळादी की।

९—भेयी मळषा की कोई उगचत व्मलसथा न थी इवमरए भुझ ेळादी कयनी ऩड़ी।

१०—भेये औय भेयी फीली के जनभ के ऩशरे शी शभ दोनो के भाॊ-फाऩ ळादी की फातचीत ऩक्की शो गई थी।

११—रोगो के आग्रश वे वऩता ने ळादी कय दी।

१२—नसर औय खानदान चराने के मरए ळादी की।

१३—भेयी भाॊ को देशान्त शो गमा था औय कोई घय को देखनेलारा न था इवमरए भजफूयन ळादी कयनी ऩड़ी।

१४—भेयी फशने अकेरी थी , इव लासते ळादी कय री।

१५—भै अकेरा था , दफ्तय जाते लक्त भकान भे तारा रगाना ऩड़ता था इवमरए ळादी कय री।

१६—भेयी भाॊ ने कवभ ददराई थी इवमरए ळादी की।

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१७—भेयी ऩशरी फीली की औराद को ऩयलरयळ की जरयत थी , इवमरए ळादी की।

१८—भेयी भाॊ का तमार था क्रक लश जल्द भयने लारी शै औय भेयी ळादी अऩने शी वाभने कय देना चाशती थी , इवमरए भेयी ळादी शो गई। रेक्रकन ळादीको दव वार शो यशे शै बगलान की दमा वे भाॊ के आळीऴ की छामा अबी तक कामभ शै।

१९—तराक देने को जी चाशता था इवमरए ळादी की।

२०—भै भयीज यशता शूॊ औय कोई तीभायदाय नशी शै इवमरए भैने ळादी कय री।

२१—केलर वॊमाग व भेया वललाश शो गमा।

२२—स्जव वार भेयी ळादी शुई उव वार फशुत फड़ी वशारग थी। वफकी ळादी शोती थी, भेयी बी शो गई।

२३—बफरा ळादी के कोई अऩना शार ऩूछने लारा न था।

२४—भैने ळादी नशी की शै , एक आपत भोर रे री शै।

२५—ऩैवे लारे चचा की अलसा न कय वका।

२६—भै फुडढा शोने रगा था, अगय अफ न कयता तो कफ कयता।

२७—रोक दशत के तमार वे ळादी की।

२८—ऩड़ोवी फुया वभझते थे इवमरए तनकाश कय मरमा।

२९—डाक्टयो ने ळादी केमरए भजफूय क्रकमा।

३०—भेयी कवलताओॊ को कोई दाद न देता था।

३१—भेयी दाॊत गगयने रगे थे औय फार वपेद शो गए थे इवमरए ळादी कय री।

३२—पौज भे ळादीळुदा रोगों को तनतलाश ज्मादा मभरतीथी इवमरए भैने बी ळादी कय री।

३३—कोई भेया गुसवा फदााश्त न कयता था इवमरए भैने ळादी कय री।

३४—फीली वे ज्मादा कोई अऩना वभथाक नशी शोता इवमरए भैने ळादी कय री।

३५—भै खुद शैयान शूॊ क्रक ळादी क्मों की।

३६—ळादी बाग्म भे मरखीथी इवमरए कय री।

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इवी तयश स्जतने भुॊश उतनी फातें वुनने भे आमी।

—‗जभाना‘ भाचा, १९२७

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मोटेराम िी शाजत्री

स्ण्डत भोटेया जी ळासत्री को कौन नशी जानता! आऩ अगधकारयमों का रख देखकय काभ कयते शै। सलदेळी आन्दोरने के ददनों भे अऩने उव

आन्दोरन का खूफ वलयोध क्रकमा था। सलयाज्म आन्दोरन के ददनों भे बी अऩने अगधकारयमों वे याजबस्क्त की वनद शामवर की थी। भगय जफ इतनी उछर-कूद ऩय उनकी तकदीय की भीठी नीॊद न टूटी , औय अध्माऩन कामा वे वऩण्ड न छूटा , तो अन्त भे अऩनी एक नई तदफीय वोची। घय जाकय धभाऩत्नी जी वे फोरे —इन फूढे़ तोतों को यटाते-यटातें भेयी खोऩड़ी ऩच्ची शुई जाती शै। इतने ददनों वलद्मा-दान देने का क्मापर मभरा जो औय आगे कुछ मभरने की आळा करॊ ।

धभाऩत्न ने गचस्न्तत शोकय कशा —बोजनों का बी तो कोई वशाया चादशए।

भोटेयाभ —तुम्शें जफ देखो , ऩेट शी की क्रफ्रक ऩड़ी यशती शै। कोई ऐवा वलयरा शी ददन जाता शोगा क्रक तनभन्त्रण न मभरते शो , औय चाशे कोई तनन्दा कयें , ऩय भै ऩयोवा मरमे बफना नशीॊ आता शूॊ। आज शी वफ मजभान भये जाते शै? भगय जन्भ-बय ऩेट शी स्जरमा तो क्मा क्रकमा। वॊवाय का कुछ वुख बी तो बोगन चादशए। भैने लैद्म फनने का तनश्चम क्रकमा शै।

सत्री ने आश्चमा वे कशा —लैद्म फनोगे, कुछ लैद्मकी ऩढ़ी बी शै?

भोटे —लैद्मक ऩढने वे कुछ नशी शोता , वॊवाय भे वलद्मा का इतना भशत्ल नशी स्जतना फुवद्ध क। दो-चाय वीधे-वादे रटके शै , फव औय कुछ नशी। आज शी अऩने नाभ के आगे मबर्षगाचामा फढ़ा रूॊगा , कौन ऩूछने आता शै , तुभ मबऴगाचामा शो मा नशी। क्रकवी को क्मा गयज ऩड़ी शै जो भेयी ऩरयषा रेता क्रपये। एक भोटा-वा वाइनफोडा फनला रूॊगा। उव ऩय ळब्द मरखें शोगे —मशा सत्री ऩुरऴों के गुप्त योगों की गचक्रकत्वा वलळऴे रऩ वे की जाती शै। दो-चाय ऩैवे का शउ़-फशेड़ा-आलॊरा कुट छानकय यख रूॊगा। फव , इव काभ के मरए इतना वाभान ऩमााप्त शै। शाॊ , वभाचायऩत्रों भे वलसाऩन दूॊगा औय नोदटव फॊटलाऊॊ गा। उवभें रॊका , भिाव , यॊगून , कयाची आदद दयूसथ सथानों के

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वज्जनों की गचदटठमाॊ दजा की जाएॊगी। मे भेये गचक्रकत्वा-कौळर के वाषी शोगें जनता को क्मा ऩड़ी शै क्रक लश इव फात का ऩता रगाती क्रपये क्रक उन सथानों भे इन नाभों के भनुर्षम यशते बी शै , मा नशीॊ क्रपय देखों लैद्म की कैवी चरती शै।

सत्री —रेक्रकन बफना जाने-फूझ दला दोगे , तो पामदा क्मा कयेगी?

भोटे —पामदा न कयेगी , भेयी फरा वे। लैद्म का काभ दला देना शै , लश भतृ्मु को ऩयसत कयने का ठेका नशी रेता , औय क्रपय स्जतने आदभी फीभाय ऩड़ते शै, वबी तो नशी भय जाते। भेया मश कशना शै क्रक स्जन्शें कोई औऴगध नशी दी जाती , ले वलकाय ळान्त शो जाने ऩय शी अच्छे शो जाते शै। लैद्मों को बफना भाॊगे मळ मभरता शै। ऩाच योगगमों भे एक बी अच्छा शो गमा , तो उवका मळ भुझ ेअलश्म शी मभरेगा। ळऴे चाय जो भय गमे , ले भेयी तनन्दा कयने थोड ेशी आलेगें। भैने फशुत वलचाय कयके देख मरमा , इववे अच्छा कोई काभ नशी शै। रेख मरखना भुझ ेआता शी शै , कवलत्त फना शी रेता शूॊ , ऩत्रों भे आमुलेद-भशत्ल ऩय दो-चाय रेख मरख दूॊगा , उनभें जशाॊ-तशाॊ दो-चाय कवलत्त बी जोड़ दूॊगा औय मरखूगाॊ बी जया चटऩटी बाऴा भे । क्रपय देखों क्रकतने उल्रू पवते शै मश न वभझो क्रक भै इतने ददनो केलर फूढे तोते शी यटाता यशा शूॊ। भै नगय के वपर लैद्मो की चारों का अलरोकन कयता यशा शू औय इतने ददनों के फाद भुझ ेउनकी वपरता के भूर-भॊत्र का सान शुआ शै। ईश्लय ने चाशा तो एक ददन तुभ मवय वे ऩाॊल तक वोने वे रदी शोगी।

सत्री ने अऩने भनोल्राव को दफाते शुए कशा —भै इव उम्र भे बरा क्मा गशने ऩशनूॊगी , न अफ लश अमबराऴा शी शै , ऩय मश तो फताओॊ क्रक तुम्शें दलाएॊ फनानी बी तो नशी आती , कैवे फनाओगे , यव कैवे फनेगें , दलाओ को ऩशचानते बी तो नशी शो।

भोटे —वप्रमे! तुभ लासतल भे फड़ी भूखा शो। अये लैद्मो के मरए इन फातों भे वे एक बी आलश्मकता नशी , लैद्म की चुटकी की याख शी यव शै , बसभ शै, यवामन शै , फव आलश्मकता शै कुछ ठाट-फाट की। एक फड़ा-वा कभया चादशए उवभें एक दयी शो , ताखों ऩय दव-ऩाॊच ळीळीमाॊ फोतर शो। इवके मवला औय कोई चीज दयकाय नशी , औय वफ कुछ फुवद्ध आऩ शी आऩ कय रेती शै। भेये वादशत्म-मभगश्रत रेखों का फड़ा प्रबाल ऩड़गेा , तुभ देख रेना।

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अरॊकायो का भुझ ेक्रकतना सान शै , मश तो तुभ जानती शी शो। आज इव बूभण्डर ऩय भुझ ेऐवा कोई नशी ददखता जो अरॊकायो के वलऴम भे भुझवे ऩेळ ऩा वके। आखखय इतने ददनों घाव तो नशी खोदी शै! दव-ऩाचॊ आदभी तो कवल-चचाा के नाते शी भेये मशाॊ आमा जामा कयेगें। फव , लशी भेये दल्राश शोगें। उन्शी की भापा त भेये ऩाव योगी आलेगें। भै आमुलेद-सान के फर ऩय नशी नातमका-सान के फर ऩय धड़ल्रे वे लैद्मक करॊ गा , तुभ देखती तो जाओ।

सत्री ने अवलश्लाव के बाल वे कशा —भुझ ेतो डय रगता शै क्रक कशी मश वलद्माथी बी तुम्शाये शाथ वे न जाए। न इधय के यशो ने उधय के। तुम्शाये बाग्म भे तो रड़के ऩढ़ाना मरखा शै , औय चायों ओय वे ठोकय खाकय क्रपय तुम्शें ली तोते यटाने ऩडगेें।

भोटे —तुम्शें भेयी मोग्मता ऩय वलश्लाव क्मों नशी आता?

सत्री —इवमरए क्रक तुभ लशाॊ बी धुताता कयोगे। भै तुम्शायी धूताता वे गचढ़ती शूॊ। तुभ जो कुछ नशी शो औय नशी शो वकते ,लक क्मो फनना चाशते शो? तुभ रीडय न फन वके , न फन वके , मवय ऩटककय यश गमे। तुम्शायी धूताता शी परीबूत शोती शै औय इवी वे भुझ ेगचढ़ शै। भै चाशती शूॊ क्रक तुभ बरे आदभी फनकय यशो। तनर्षकऩट जीलन व्मतीत कयो। भगय तुभ भेयी फात कफ वुनते शो?

भोटे —आखखय भेया नातमका-सान कफ काभ आलेगा ?

सत्री —क्रकवी यईव की भुवादशफी क्मो नशी कय रेते ? जशाॊ दो-चाय वुन्दय कवलत्त वुना दोगें। लश खुळ शो जाएगा औय कुछ न कुछ दे शी भायेगा। लैद्मक का ढोंग क्मों यचते शों!

भोटे —भुझ ेऐवे-ऐवे गुय भारूभ शै जो लैद्मो के फाऩ-दादों को बी न भारूभ शोगे। औय वबी लैद्म एक-एक , दो-दो रऩमे ऩय भाये-भाये क्रपयते शै , भै अऩनी पीव ऩाॊच रऩमे यक्खूगा , उव ऩय वलायी का क्रकयामा अरग। रोग मशी वभझगेें क्रक मश कोई फड ेलैद्म शै नशी तो इतनी पीव क्मों शोती ?

सत्री को अफकी कुछ वलश्लाव आमा फोरी —इतनी देय भे तुभने एक फात भतरफ की कशी शै। भगय मश वभझ रो , मशाॊ तुम्शाया यॊग न जभेगा , क्रकवी दवूये ळशय को चरना ऩड़गेा।

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भोटे —(शॊवकय) क्मा भै इतना बी नशी जानता। रखनऊ भे अडडा जभेगा अऩना। वार-बय भे लश धाक फाॊध द ूक्रक वाये लैद्म गदा शो जाएॊ।

भुझ ेऔय बी क्रकतने शी भन्त्र आते शै। भै योगी को दो-तीन फाय देखे बफना उवकी गचक्रकत्वा शी न करॊ गा। कशूॊगा , भै जफ तक योगी की प्रकृतत को बरी बाॊतत ऩशचान न रूॊ, उवकी दला नशी कय वकता। फोरो , कैवी यशेगी?

सत्री की फाॊछे खखर गई , फोरी—अफ भै तुम्शे भान गई , अलश्म चरेगी तुम्शायी लैद्मकी , अफ भुझ ेकोई वॊदेश नशी यशा। भगय गयीफों के वाथ मश भॊत्र न चराना नशी तो धोखा खाओगे।

2

र बय गुजय गमा।

मबऴगाचामा ऩस्ण्डत भोटेयाभ जी ळासत्री की रखनऊ भे घूभ भच गई। अरॊकायों का सान तो उन्शे था शी , कुछ गा-फजा बी रेते थे। उव ऩय गुप्त योगो के वलळऴेस , यमवको के बाग्म जागें। ऩस्ण्डत जी उन्शें कवलत वुनाते, शॊवाते , औय फरकायक औऴगधमाॊ खखराते , औय लश यईवों भे , स्जन्शें ऩुस्र्षटकायक औऴगधमों की वलळऴे चाश यशती शै , उनकी तायीपों के ऩुर फाॊधते। वार शी बय भे लैद्मजी का लश यॊग जभा , क्रक फामद ल ळामदॊ गुप्त योगों के गचक्रकत्वक रखनऊ भे एकभात्र लशी थे। गुप्त रऩ वे गचक्रकत्वा बी कयते। वलरामवनी वलधलायातनमों औय ळौकीन अदयूदळी यईवों भे आऩकी खूफ ऩूजा शोने रगी। क्रकवी को अऩने वाभने वभझते शी न थे।

भगय सत्री उन्शे फयाफय वभझामा कयती क्रक यातनमों के झभेरें भे न पवों, नशी क ददन ऩछताओगे।

भगय बाली तो शोकय शी यशती शै , कोई राख वभझामे-फुझामे। ऩॊडडतजी के उऩावको भे बफड़शर की यानी बी थी। याजा वाशफ का सलगालाव शो चुका था, यानी वादशफा न जाने क्रकव जीणा योग वे ग्रसत थी। ऩस्ण्डतजी उनके मशाॊ ददन भे ऩाॊच-ऩाचॊ फाय जाते। यानी वादशफा उन्शें एक षण के मरए बी देय शो जाती तो फेचैन शो जाती , एक भोटय तनत्म उनके द्लाय ऩय खड़ी यशती थी। अफ ऩस्ण्डत जी ने खूफ केचुर फदरी थी। तॊजेफ की अचकन ऩशनते , फनायवी वापा फाधते औय ऩम्ऩ जूता डाटते थे। मभत्रगण बी उनके वाथ भोटय ऩय

वा

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फैठकय दनदनामा कयते थे। कई मभत्रों को यानी वदशफा के दयफाय भे नौकय यखा ददमा। यानी वादशफा बरा अऩने भवीशा की फात कैवी टारती।

भगय चखे जपाकाय औय शी ऴममन्त्र यच यशा था।

एक ददन ऩस्ण्डतजी यानी वादशफा की गोयी-गोयी कराई ऩय एक शाथ यखे नब्ज देख यशे थे , औय दवूये शाथ वे उनके हृदम की गतत की ऩरयषा कय यशे थे क्रक इतने भे कई आदभी वोटै मरए शुए कभये भे घुव आमे औय ऩस्ण्डतजी ऩय टूट ऩड़।े यानी बागकय दवूये कभये की ळयण री औय क्रकलाड़ फन्द कय मरए। ऩस्ण्डतजी ऩय फेबाल ऩड़ने रगे। मों तो ऩस्ण्डतजी बी दभखभ के आदभी थे , एक गुप्ती वॊदैल वाथ यखते थे। ऩय जफ धोखे भे कई आदमभमों ने धय दफामा तो क्मा कयते ? कबी इवका ऩैकय ऩकड़ते कबी उवका। शाम-शाम! का ळब्द भुॊश वे तनकर यशा था ऩय उन फेयशभों को उन ऩय जया बी दमा न आती थी , एक आदभ ने एक रात जभाकय कशा —इव दरु्षट की नाक काट रो।

दवूया फोरा —इवके भुॊश भे कमरख औय चूना रगाकय छोड़ दो।

तीवया —क्मों लैद्मजी भशायाज , फोरो क्मा भॊजूय शै ? नाक कटलाओगे मा भुॊश भे कामरख रगलाओगें ?

ऩस्ण्डत —बूरकय बी नशी वयकाय। शाम भय गमा!

दवूया —आज शी रखनऊ वे यपयैट शो जाओॊ नशी तो फुया शोगा।

ऩखणडत —वयकाय भै आज शी चरा जाऊगाॊ। जनेऊ की ळऩथ खाकय कशता शूॊ। आऩ मशाॊ भेयी वूयत न देखेगें।

तीवया —अच्छा बाई, वफ कोई इवे ऩाॊच-ऩाचॊ राते रगाकय छोड़ दो।

ऩस्ण्डत —अये वयकाय, भय जाऊगाॊ, दमा कयो चौथा —तुभ जैवे ऩाखॊडडमो का भय जाना शी अच्छा शै। शाॊ तो ळुर शो।

ऩॊचरत्ती ऩड़ने रगी , धभाधभ की आलाजें आने रगी। भारूभ शोता था नगाड़ ेऩय चोट ऩड़ यशी शै। शय धभाके के फाद एक फाय शाम की आलाज तनकर आती थी, भानों उवकी प्रततध्लनी शो।

ऩॊचरत्ती ऩूजा वभाप्त शो जाने ऩय रोगों ने भोटेयाभ जी को घवीटकय फाशय तनकारा औय भोटय ऩय फैठाकय घय बेज ददमा , चरते-चरते चेतालनी दे

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दी, क्रक प्रात:कार वे ऩशरे बाग खड़ ेशोना , नशी तो औय शी इराज क्रकमा जाएगा।

टेयाभ जी रॊगड़ाते , कयाशते , रकड़ी टेकते घय भे गए औय धभ वे गगय ऩड़ ेचायऩाई ऩय गगय ऩड।े सत्री ने घफयाकय ऩूछा —कैवा जी शै ?

अये तुम्शाया क्मा शार शै? शाम-शाम मश तुम्शाया चेशया कैवा शो गमा! भोटे —शाम बगलान, भय गमा।

सत्री —कशाॊ ददा शै ? इवी भाये कशती थी , फशुत यफड़ी न खाओॊ। रलणबासकय रे आऊॊ ?

भोटे—शाम, दरु्षटों ने भाय डारा। उवी चाण्डामरनी के कायण भेयी दगुातत शुई । भायते-भायते वफों ने बुयकुव तनकार ददमा।

सत्री —तो मश कशो क्रक वऩटकय आमे शो। शाॊ , वऩटे शो। अच्छा शुआ। शो तुभ रातो शी के देलता। कशती थी क्रक यानी के मशाॊ भत आमा-जामा कयो। भगय तुभ कफ वुनते थे।

भोटे —शाम, शाम! याॊड , तुझ ेबी इवी दभ कोवने की वूझी। भेया तो फुया शार शै औय तू कोव यशी शै। क्रकवी वे कश दे , ठेरा-लेरा राले , यातो-यात रखनऊ वे बाग जाना शै। नशी तो वफेये प्राण न फचेगें।

सत्री —नशी, अबी तुम्शाया ऩेट नशी बया। अबी कुछ ददन औय मशाॊ की शला खाओ! कैवे भजे वे रड़के ऩढात थे , शाॊ नशी तो लैद्म फनने की वूझी। फशुत अच्छा शुआ , अफ उम्र बय न बूरोगे। यानी कशाॊ थी क्रक तुभ वऩटते यशे औय उवने तुम्भायी यषा न की।

ऩस्ण्डत —शाम, शाम लश चुडैर तो बाग गई। उवी के कायण । क्मा जानता था क्रक मश शार शोगा , नशीॊ ता उवकी गचक्रकत्वा शी क्मों कयता ?

सत्री —शो तुभ तकदीय के खोटे। कैवी लैद्मकी चर गई थी। भगय तुम्शायी कयतूतों ने वत्मनाळ भाय ददमा। आखखय क्रपय लशी ऩढौनी कयना ऩड़ी। शो तकदीय के खोटे।

भो

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प्रात:कार भोटेयाभ जी के द्लाय ऩय ठेरा खड़ा था औय उव ऩय अवफाफ रद यशा था। मभत्रो भे एक बी नजय न आता था। ऩस्ण्डत जी ऩड़ ेकयाश यशे थे ओय सत्री वाभान रदला यशी थी।

—‗भाधुयी‘ जनलयी, १९२८

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पवाि यात्रा

त:कार भुॊ. गुराफाजखाॊ ने नभाज ऩढ़ी , कऩड़ ेऩशने औय भशयी वे क्रकयामे की गाड़ी राने को कशा। ळीयी फेगभ ने ऩूछा —आज वफेये-

वफेये कशाॊ जाने का इयादा शै?

गुर —जया छोटे वाशफ को वराभ कयने जाना शै।

ळीयीॊ —तो ऩैदर क्मों नशी चरे जाते? कौन फड़ी दयू शै।

गुर —जो फात तुम्शायी वभझ भे न आमे , उवभें जफान न खोरा कयो।

ळीयीॊ —ऩूछती तो शूॊ ऩैदर चरे जाने भे क्मा शयज शै ? गाड़ीलारा एक रऩमे वे कभ न रेगा।

गुर —(शॊवकय) शुक्काभ क्रकयामा नशी देते। उवकी दशम्भत शै क्रक भुझवे क्रकयामा भाॊगे! चारान कयला दूॊ।

ळीयीॊ —तुभ तो शाक्रकभ बी नशी शो, तुम्शें लश क्मों रे जाने रगा! गुर —शाक्रकभ कैवे नशी शूॊ ? शाक्रकभ के क्मा वीॊग-ऩूॊछ शोती शै , जो भेये नशी शै? शाक्रकभ को दोसत शाक्रकभ वे कभ योफ नशी यखता। अशभक नशी शूॊ क्रक वौ काभ छोड़कय शुक्काभ की वराभी फजामा कयती शूॊ। मशी इवी की फयकत शै क्रक ऩुमरव भार दीलानी के अशरकाय भुझ ेझुक-झुककय वराभ कयते शै , थानेदाय ने कर जो वौगात बेजी थी , लश क्रकवमरए ? भै उनका दाभाद तो नशी शूॊ। वफ भुझवे डयते शै।

इतनेभे भशयी एक ताॊगा राई। खाॊ वाशफ नेपौयन वापा फाॊधा औय चरे। ळीयी ने कशा—अये, तो ऩान तो खाते जाओॊ! गुर —शाॊ, राओॊ शाथ भे भेशदीॊ बी रगा दो। अयी नेकफतत , शुक्काभ के वाभने ऩान खाकय जाना फेअदफी शै।

ळीयीॊ —आओगे कफ तक? खाना तोमशी खाओगें! गुर —तुभ भेये खाने की क्रफ्रक न कयना , ळामद कुअयवाशफ के मशाॊ चरा जाऊ। कोई भुझ ेऩूछे तो कशरा देना , फड़ ेवाशफ वे मभरने गमे शै।

खाॊ वाशफ आकय ताॊगे ऩय फैठे। ताॊगेलारे ने ऩूछा —शुजूय, कशाॊ चरू?

गुर —छोटे वाशफ के फॊगरे ऩय। वयकायी काभ वे जाना शै।

प्रा

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ताॊगे—शुजूय को लशाॊ क्रकतनी देय रगेगी?

गुर —मश भै कैवे फता दू , मश तो शो नशी वकता क्रक वाशफ भुझवे फाय-फाय फैठने को कशे औय भै उठकय चरा आऊॊ । वयकायी काभ शै , न जाने क्रकतनी देय रगे। फड़ ेअच्छे आदभी शै फचाये। भजार नशी क्रक जो फात कश दूॊ, उववे इनकाय कय दे। आदभी को गरय न कयना चादशए। गरय कयना ळैतान का काभ शै। भगय कई थानेदायों वे जलाफ तरफ कयचुका शूॊ। स्जवको देखा क्रक रयआमा को ईजा ऩशुचाता शै , उवके ऩीछे ऩड़ जाता शूॊ।

ताॊगे —शुजूय ऩुमरव फड़ा अधेय कयती शै। जफ देखो फेगाय कबी आधी यत को फुरा बेजा , कबी पस्जय को। भये जाते शै शुजूय। उव ऩय शय भोड़ ऩय मवऩादशमों को ऩैवे चादशए। न दे , तो झूठा चारान कय दें।

गुर —वफ जानता शूॊ जी , अऩनी झोऩड़ी भे फैठा वायी दतुनमा की वेय क्रकमा कयता शूॊ। लशी फैठे-फैठे फदभाळों की खफय मरमा कयता शूॊ। देखो , ताॊगे को फॊगरे के बीतय न रेजाना। फाशय पाटक ऩय योक देना।

ताॊगे —अच्छा शुजूय। अच्छा , अफ देखखमे लश मवऩाश भोड़ ऩय खड़ा शै। ऩैवे के मरए शाथ पैरामेगा। न दूॊ तो ररकायेगा। भगय आज कवभ कुयान की, टका-वा जलाफ दे दूॊगा। शुजूय फैठै शै तो क्मा कय वकता शै।

गुर —नशी, नशी, जया-जया वी फात ऩय भै इन छ टे आदमभमों वे नशी रड़ता। ऩैवे दे देना। भै तो ऩीछे वे फचा की खफय रूॊगा। भुअत्तर न कया दूॊ तो वशी। दफूद ूगारी-गरौजकयना , इन छोटे आदमभमों के भुॊश रगना भेयी आदत नशी।

ताॊगेलारे को बी मश फात ऩवन्द आई। भोड़ ऩय उवने मवऩाशी को ऩैवे दे ददए। ताॊगा वाशफ के फॊगरे ऩय ऩशुचाॊ। खाॊ वाशफ उतये , औय स्जव तयश कोई मळकायी ऩैय दफा-दफाकय चौकन्नी आॊखो वे देखता शुआ चरता शै , उवी तयश आऩ फॊगरे के फयाभदे भे जाकय खड़ ेशो गए। फैया फयाभदे भे फैठा था। आऩने उवे देखते शी वराभ क्रकमा।

फैया —शुजूय तो अॊधेय कयते शै। वराभ शभको कयना चादशए औय आऩ ऩशरे शी शाथ उठा देते शै।

गुर —अजी इन फातों भे क्मा यक्खा शै। खुदा की तनगाश भे वफ इन्वान फयाफय शै।

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फैया —शुजूय को अल्राश वराभत यक्खें , क्मा फात कशी शै । शक तो मश शै ऩय आदभी अऩने को क्रकतना बूर जाता शै! मशाॊ तो छोटे-छोटे अभरे बी इॊतजाय कयते यशते शै क्रक मश शाथ उठालें। वाशफ को इत्तरा कय दूॊ ?

गुर—आयाभ भे शो तो यशने दो, अबी ऐवी कोई जल्दी नशीॊ।

फैया —जी नशी शुजूय शास्जयी ऩय वे तो कबी के उठ चुके , कागज-लागज ऩढते शोगें।

गुर —अफ इवका तुम्शे अस्ततमाय शै , जैवा भौका शो लैवा कयो। भौका-भशर ऩशचानना तुम्शी रोगो का काभ शै। क्मा शुआ , तुम्शायी रड़की तो खैरयमत वे शै न?

फैया —शाॊ शुजूय , अफ फशुत भजे भे शे। जफ वे शुजूय ने उवके घयलारों को फुराकय डाॊट ददमा शै , तफ वे क्रकवी ने चूॊ बी नशी क्रकमा। रड़की शुजूय की जान-भार को दआु देती शै।

फैये ने वाशफ कोखाॊ वाशफ की इत्तरा की , औय एक षण भे खाॊ वाशफ जूते उताय कय वाशफ के वाभने जा खड़ ेशुए औय वराभ कयके पळा ऩय फैठ गए। वाशफ का नाभ काटन था।

काटन —ओ!ओ! मश आऩ क्मा कयता शै , कुवी ऩय फैदठए , कुवी ऩय फैदठए।

काटन —नशी, नशीॊ आऩ शभाया दोसत शै।

खाॊ —शुजूय चाशे भेये कोआपताफ फना दें , ऩय भै तो अऩनी शकीकत वभझता शूॊ। फॊदा उन रोगों भे नशी शै जो शुजूय के कयभ वे चाय शयप ऩढ़कय जभीन ऩय ऩालॊ नशी यखते औय शुजूय रोगों की फयाफयी कयने रगते शै।

काटन —खाॊ वाशफ आऩ फशुत अच्छे आदभी शैं। शभ आत के ऩाॊचले ददन नैनीतार जा यशा शै। लशाॊ वे रौटकय आऩवे भुराकात कयेगा। आऩ तो कई फाय नैनीतार गमा शोगा। अफ तो वफ यईव रोग लशाॊ जाता शै।

खाॊ वाशफ नैनीतार क्मा , फयेरी तक बी न गमे थे , ऩय इव वभम कैवे कश देते क्रक भै लशाॊ कबी नशीॊ गमा। वाशफ की नजयों वे गगय न जाते! वाशफ वभझते क्रक मश यईव नशी , कोई चयकटा शै। फोरे —शाॊ शुजूय कई फाय शो आमा शूॊ।

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काटन —आऩ कई फाय शो आमा शै ? शभ तो ऩशरी दपा जाता शै। वुना फशुत अच्छा ळशय शै।?

खाॊ —फशुत फड़ा ळशय शै शुजूय, भगय कुछ ऐवा फड़ा बी नशीॊ शै।

काटन —आऩ कशाॊ ठशयता? लशाॊ शोटरो भे तो फशुत ऩैवा रगता शै।

खाॊ—भेयी शुजूय न ऩूछें , कबी कशीॊ ठशय गमा , कबी कशीॊ ठशय गमा। शुजूय के अकफार वे वबी जगश दोसत शै।

काटन—आऩ लशाॊ क्रकवी के नाभ गचट्ठी दे वकता शै क्रक भेये ठशयने का फॊदोफसत कय दें। शभ क्रकपााामत वे काभ कयना चाशता शै। आऩ तो शय वार जाता शै, शभाये वाथ क्मों नशीॊ चरता।

खाॊ वाशफ फड़ी भुस्श्कर भें पॊ वे। अफ फचाल का कोई उऩाम न था। कशना ऩड़ा—जैवा शुजूय के वाथ शी चरा चरूॊगा। भगय भुझ ेअबी जया देय शै शुजूय।

काटन —ओ कुछ ऩयलाश नशीॊ , शभ आऩके मरए एक शफ्ता ठशय वकता शै। अच्छा वराभ। आज शी आऩ अऩने दोसत को जगश का इन्तजाभ कयने को मरख दें। आज के वातलें ददन शभ औय आऩ वाथ चरेगा। शभ आऩको येरले सटेळन ऩय मभरेगा।

खाॊ वाशफ ने वराभ क्रकमा , औय फाशय तनकरे। ताॊगे लारे वे कशा —

कुॊ अय ळभळये मवॊश की कोठी ऩय चरो।

अय ळभळये मवॊश .खानदानी यईव थे। उन्शें अबी तक अॊगे्रजी यशन-वशन की कला न रगी थी। दव फजे ददन तक वोना , क्रपय दोसतों औय

भुवादशफों के वाथ गऩळऩ कयना , दो फजे खाना खाकय क्रपय वोना , ळाभ को चौक की शला खाना औय घय आकय फायश-एक फजे तक क्रकवी ऩयी का भुजया देखना, मशी उनकी ददनचमाा थी। दतुनमा भें क्मा शोता शै , इवकी उन्शें कुछ खफय न शोती थी। मा शुई बी तो वुनी-वुनाई। खाॊ वाशफ उनके दोसतों भें थे।

स्जव लक्त खाॊ वाशफ कोठी भें ऩशुॊचे दव फजउ गमे थे , कुॊ अय वाशफ फाशय तनकर आमे थे , मभत्रगण जभा थे। खाॊ वाशफ को देखते शी कुॊ अय वाशफ ने ऩूछा—कदशए खाॊ, वाशफ, क्रकधय वे?

कुॊ

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खाॊ वाशफ —जया वाशफ वे मभरने गमा था। कई ददन फुरा-फुरा बेजा , भगय पुवात शी न मभरती थीॊ। आज उनका आदभी जफजासती खीॊच रे गमा। क्मा कयता, जाना शी ऩड़ा। कशाॊ तक फेरखी करॊ ।

कुॊ अय—माय, तुभ न जाने अपवयों ऩय क्मा जाद ूकय देते शो क्रक जो आता शै तुम्शाया दभ बयने रगता शै। भुझ ेलश भन्त्र क्मों नशीॊ मवखा देते।

खाॊ—भुझ ेखुद शी नशीॊ भारूभ क्रक क्मों शुक्काभ भुझ ऩय इतने भेशयफान यशते शैं। आऩकों मकीन न आलेगा , भेयी आलाज वुनते शी कभये के दयलाजे ऩय आकय खड़ ेशो गमे औय रे जाकय अऩनी खाव कुवी ऩय फैठा ददमा।

कुॊ अय—अऩनी खाव कुवी ऩय?

खाॊ—शाॊ वाशफ , शैयत भें आ गमा , भगय फैठना शी ऩड़ा। क्रपय मवगाय भॊगलामा, इराइच , भेले, चाम वबी कुछ आ गए। मों कदशए क्रक खावी दालत शो गई। मश भेशभानदायी देखकय भैं दॊग यश गमा।

कुॊ अय—तो लश वफ दोसती बी कयना जानते शैं।

खाॊ—अजी दवूया क्मा खाॊ के दोसती कयेगा। अफ शद शो गई क्रक भुझ ेअऩने वाथ नैनीतार चरने को भजफूय क्रकमा।

कुॊ अय—वच! खाॊ—कवभ कुयान की। शैयान था क्रक क्मा जफाफ दूॉ। भगय जफ देखा

क्रक क्रकवी तयश नशीॊ भानते , तो लादा कयना शी ऩड़ा। आज शी के ददन कूच शै।

कुॊ अय—क्मों माय, भैं बी चरा चरूॊ तो क्मा शयज शैं?

खाॊ—वुबानअल्राश, इववे फढ़कय क्मा फात शोगी।

कुॊ अय—बई, रोग , तयश-तयश की फातें कयते शैं , इववे जाते डय रगता शैं। आऩ तो शो आमे शोंगे?

खाॊ—कई फाय शो आमा शूॊ। शाॊ, इधय कई वार वे नशीॊ गमा।

कुॊ अय—क्मों वाशफ, ऩशाड़ों ऩय चढ़ते-चढ़ते दभ पूर जाता शोगा?

याधाकान्त व्माव फोरे —धभाालताय, चढ़ने को तो क्रकवी तयश चढ़ बी जाइए ऩय ऩशाड़ों का ऩानी ऐवा खयाफ शोता शै क्रक एक फाय रग गमा तो

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प्राण शी रेकय छोड़ता शै। फदयीनाथ की मात्रा कयने स्जतने मात्री जाते शैं , उनभें फशुत कभ जीते रौटते शैं औय वॊग्रशणी तो प्राम: वबी को शी जाती शे।

कुॊ अय—शाॊ, वूना तो शभने बी शै क्रक ऩशाड़ों का ऩानी फशुत रगता शै।

रारा वुखदमार ने शाभी बयी —गोवाई जी ने बी तो ऩशाड़ के ऩानी की तनन्दा की शै—

रागत अतत ऩशाड़ का ऩानी।

फड़ दखु शोत न जाई फखानी।।

खाॊ—तो मश इतने अॊगे्रज लशाॊ क्मों जाते शै वाशफ ? मे रोग अऩने लक्त के रुकभान शै। इनका कोई काभ भवरशत वे खारी नशीॊ शोता ? ऩशाड़ों की वैय वे कोई पामदा न शोता तो क्मो जातें , जया मश तो वागचए।

व्माव—मशी वोच-वोचकय तो शभाये यईव अऩना वलानाळ कय यशे शै। उनकी देखी-देखी धन का नाळ , धभा का नाळ , फर का नाळ शोता चरा जाता शै, क्रपय बी शभायी आॊखें नशीॊ खूरतीॊ।

रारा—भेये वऩता जी एक फाय क्रकवी अॊगे्रज के वाथ ऩशाड़ ऩय गमे। लशाॊ वे रौटे तो भुझ ेनवीशत की क्रक खफयदाय , कबी ऩशाड़ ऩय न जाना। आखखय कोई फात देखी शोगी , जभी तो मश नवीशत की।

लास्जद—शुजूय, खाॊ वाशफ जाते शैं जाने दीस्जए , आऩको भैं जाने की वराश न दूॊगा। जया वोगचए , कोवों की चढ़ाई , क्रपय यासता इतना खतयनाक क्रक खुदा की ऩनाश! जया-वी ऩगड़डी औय दोनों तयप कोवों का खड्ड। नीचे देखा ओय थयथया कय आदभी गगय ऩड़ा औय जो कशीॊ ऩत्थयों भें आग रग गई, तो चमरए लाया-न्माया शो गमा। जर-बुन के कफाफ शो गमे।

खाॊ—औय जो राखों आदभी ऩशाड़ ऩय यशते शैं?

लास्जद—उनकी ओय फात शै बाई वाशफ।

खाॊ—औय फात कैवी? क्मा ले आदभी नशीॊ शैं?

लास्जद—राखों आदभी ददन-बय शर जोतते शैं , पालड़ ेचराते शैं , रकड़ी पाड़ते शैं , आऩ कयेंगे ? शै आऩभें इतनी दभ ? शुजूय उव चढ़ाई ऩय चढ़ वकते शैं?

खाॊ—क्मों नशीॊ टटु्टओॊ ऩय जाएॊगे।

लास्जद—टटु्टओॊ ऩय छ:कोव की चढ़ाई! शोळ की दला कीस्जए।

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कुॊ अय—टटु्टओॊ ऩय! भई शभवे न जामा जामगा। कशीॊ टटू्ट बड़के तो कशीॊ के न यशे।

रारा—गगये तो शड्डडमाॊ तक न मभरे! व्माव—प्राण तक चूय-चूय शो जाम।

लास्जद—खुदाफॊद, एक जया —वी ऊॊ चाई ऩय वे आदभी देखता शैं , तो काॊऩने रगता शै, न क्रक ऩशाड़ की चढ़ाई।

कुॊ आय—लशाॊ वड़कों ऩय इधय-उधय ईंट मा ऩत्थय की भुॊडये नशीॊ फनी शुई शैं?

लास्जद—खुदाफॊद, भॊस्जरों के यासतें भें भुॊडये कैवी! कुॊ अय—आदभी का काभ तो नशीॊ शै।

रारा—वुना लशाॊ घेघा तनकर आता शै।

कुॊ अय—अये बई मश फुया योग शै। तफ भै लशाॊ जाने का नाभ बी न रूॊगा।

खाॊ—आऩ रार वाशफ वे ऩूछें क्रक वाशफ रोग जो लशाॊ यशते शैं , उनको घेघा क्मों नशीॊ शो जाता?

रारा—लश रोग ब्राॊडी ऩीते शै। शभ औय आऩ उनकी फयाफयी कय वकते शैं बरा। क्रपय उनका अकफार!

लास्जद—भुझ ेतो मकीन नशीॊ आता क्रक खाॊ वाशफ कबी नैनीतार गमे शों। इव लक्त डीॊग भाय यशे शै। क्मों वाशफ , आऩ क्रकतने ददन लशाॊ यशे?

खाॊ—कोई चाय फयव तक यशा था।

लास्जद—आऩ लशाॊ क्रकव भुशल्रे भें यशते थे?

खाॊ—(गड़फड़ा कय) जी—भैं।

लास्जद—अखखय आऩ चाय फयव कशाॊ यशे?

खाॊ—देखखए माद आ जाम तो कशूॊ।

लास्जद—जाइए बी। नैनीतार की वूयत तक तो देखी नशीॊ , गऩ शाॊक दी क्रक लशाॊ चाय फयव तक यशे!

खाॊ—अच्छा वाशफ , आऩ शी का कशना वशी। भैं कबी नैनीतार नशीॊ गमा। फव, अफ तो आऩ खुळ शुए।

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कुॊ अय—आखखय आऩ क्मों नशीॊ फताते क्रक नैनीतार भें आऩ कशाॊ ठशये थे।

लास्जद—कभ्री गए शों, तफ न फताएॊ।

खाॊ—कश तो ददमा क्रक भैं नशीॊ गमा , चमरए छुट्टी शुई। अफ आऩ पयभाइए कुॊ अय वाशफ , आऩको चरना शै मा नशीॊ ? मे रोग जो कशते शैं वफ ठीक शै। लशाॊ घेघा तनकर आता शै , लशाॊ का ऩानी इतना खयाफ शै क्रक .खाना बफल्कुर नशीॊ शजभ शोता , लशाॊ शय योज दव-ऩाॊच आदभी खड्ड भें गगया कयते शै। अफ आऩ क्मा पैवरा कयते शै ? लशाॊ जो भजे शै लश मशाॊ तलाफ भें बी नशीॊ मभर वकते। स्जन शुक्काभ के दयलाजे ऩय घॊटों खड़ ेयशने ऩय बी भुराकात नशीॊ शोती , उनवे लशाॊ चौफीवों घॊटों खड़ ेयशने ऩय बी भुराकात नशीॊ शोती। उनवे लशाॊ चौफीवों घॊटों का वाथ यशेगा। मभवों के वाथ झीर भें वैय कयने का भजा अगय मभर वकता शै तो लशीॊ। अजी वैकड़ों अॊगे्रजों वे दोसती शो जाएगी। तीन भशीने लशाॊ यशकय आऩ इतना नाभ शामवर कय वकते शैं स्जतना मशाॊ स्जन्दगी-बय बी न शोगा। लव , औय क्मा कशूॊ।

कुअॊय—लशाॊ फड़-ेफड़ ेअॊगे्रजों वे भुराकात शो जाएगी ?

खाॊ—जनाफ, दालतों के भाये आऩको दभ भायने की भोशरत न मभरेगी।

कुॊ अय—जी तो चाशता शै क्रक एक फाय देख शी आएॊ।

खाॊ—तो फव तैमायी कीस्जए।

वबाजन ने जफ देखा क्रक कुॊ अय वाशफ नैनीतार जाने के मरए तैमाय शो गए तो वफ के वफ शाॊ भें शाॊ मभराने रगे।

व्माव—ऩलात-कॊ दयाओॊ भें कबी-कबी मोगगमों के दळान शो जाते शै।

रारा—शाॊ वाशफ, वुना शै—दो-दो वौ वार के मोगी लशाॊ मभरते शै।

स्जवकी ओयश एक फाय आॊख उठाकय देख मरमा , उवे चायों ऩदाथा मभर गमे।

लास्जद—भगय शुजूय चरें , तो इव ठाठ वे चरें क्रक लशाॊ के रोग बी कशें क्रक रखनऊ के कोई यईव आमे शै।

रारा—रक्ष्भी शगथनी को जरय रे चमरए। लशाॊ कबी क्रकवी ने शाथी की वूयत काशे को देखी शोगी। जफ वयकाय वलाय शोकय तनकरेंगे औय गॊगा-जभुनी शौदा चभकेगा तो रोग दॊग शो जाएॊगे।

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व्माव—एक डॊका बी शो, तो क्मा ऩूछना।

कुॊ अय—नशीॊ वाशफ , भेयी वराश डॊके की नशीॊ शै। देळ देखकय बेऴ फनाना चादशए।

रारा—शाॊ, डॊके की वराश तो भेयी बी नशीॊ शै। ऩय शाथी के गरे भें घॊटा जरय शो।

खाॊ—जफ तक लशाॊ क्रकवी दोसत को ताय दे दीस्जए क्रक एक ऩूया फॊगरा ठीक कय यक्खे। छोटे वाशफ को बी उवी भें ठशया रेंगे।

कुॊ अय—लश शभाये वाथ क्मों ठशयने रगे। अपवय शै।

खाॊ—उनको राने का स्जम्भा शभाया। खीॊच-खीॊचकय क्रकवी न क्रकवी तयश रे शी आऊॊ गा।

कुॊ अय—अगय उनके वाथ ठशयने का भौका मभरे , तफ तो भैं वभझूॊ नैनीतार का जाना ऩायव शो गमा।

क शफ्ता गुजय गमा। वपय की तैमारयमाॊ शो गई। प्रात:कार काटन वाशफ का खत आमा क्रक आऩ शभाये मशाॊ आएॊगे मा भुझवे सटेळन ऩय

मभरेंगे। कुॊ अय वाशफ ने जलाफ मरखफामा क्रक आऩ इधय शी आ जाइएगा। सटेळन का यासता इवी तयप वे शै। भैं तैमाय यशूॊगा। मश खत मरखला कय कुॊ अय वाशफ अन्दय गए तो देखा क्रक उनकी फड़ी वारी याभेश्लयी देली फैठी शुई शै। उन्शें देखकय फोरी—क्मा आऩ वचभुच नैनीतार जा यशे शै?

कुॊ अय—जी शाॊ, आज यात की तैमायी शै।

याभेश्लयी—अये! आज शी यात को! मश नशीॊ शो वकता। कर फच्चा का भुॊडन शै। भैं एक न भानूॊगी। आऩ शी न शोगे तो रोग आकय क्मा कयेंगे।

कुॊ अय—तो आऩने ऩशरे शी क्मों न कशरा ददमा , ऩशरे वे भारूभ शोता तो भैं कर जाने का इयादा शी क्मों कयता।

याभेश्लयी—तो इवभें राचायी की कौन-वी फात शैं , कर न वशी दो-चाय ददन फाद वशी।

कुॊ अय वाशफ की ऩत्नी वुळीरा देली फोरी —शाॊ, औय क्मा , दो-चाय ददन फाद शी जाना, क्मा वाइट टरी शै?

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कुॊ अय—आश! छोटे वाशफ वे लादा कय चुका शूॊ , लश यात शी को भुझ ेरेने आएॊगे। आखखय लश अऩने ददर भें क्मा कशेंगे ?

याभेश्लयी—ऐवे-ऐवे लादे शुआ शी कयते शैं। छोटे वाशफ के शाथ कुछ बफक तो गमे नशीॊ शो।

कुॊ अय—भैं क्मा कशूॊ क्रक क्रकतना भजफूय शूॊ! फशुत रस्ज्जत शोना ऩड़गेा।

याभेश्लयी—तो गमा जो कुछ शै लश छोटे वाशफ शी शैं , भैं कुछ नशीॊ! कुॊ अय—आखखय वाशफ वे क्मा कशूॊ , कौन फशाना करॊ ?

याभेश्लयी—कश दो क्रक शभाये बतीजे का भुॊडन शैं , शभ एक वप्ताश तक नशीॊ चर वकते। फव, छुट्टी शुई।

कुॊ अय—(शॊवकय) क्रकतना आवान कय ददमा शै आऩने इव वभसमा कों ऐवा शो वकता शै कशीॊ। कशीॊ भुॊश ददखाने रामक न यशूॊगा।

वुळीरा—कमों, शो वकने को क्मा शुआ ? तुभ उवके गुराभ तो नशीॊ शो?

कुॊ अय—तुभ रोग फाशय तो तनकरती-ऩैठती नशीॊ शो , तुम्शें क्मा भारूभ क्रक अॊगे्रजों के वलचाय कैवे शोते शै।

याभेश्लयी—अये बगलान!् आखखय उवके कोई रड़का-फारा शै , मा तनगोड़ नाठा शै। त्मोशाय औय व्मोशाय दशन्द-ूभुवरभान वफके मशाॊ शोते शै।

कुॊ अय—बई शभवे कुछ कयते-धयते नशीॊ फनता।

याभश्लयी—शभने कश ददमा , शभ जाने नशीॊ देगे। अगय तुभ चरे गमे तो भुझ ेफड़ा यॊज शोगा। तुम्शीॊ रोगों वे तो भशक्रपर की ळोबा शोगी औय अऩना कौन फैठा शुआ शै।

कुॊ अय—अफ तो वाशफ को मरख बेजने का बी भौका नशीॊ शै। लश दफ्तय चरे गमे शोंगे। भेया वफ अवफाफ फॊध चुका शै। नौकयों को ऩेळगी रऩमा दे चुका क्रक चरने की तैमायी कयें। अफ कैवे रक वकता शूॉ!

याभेश्लयी—कुछ बी शो, जाने न ऩाओॊगे।

वुळीरा—दो-चाय ददन फाद जाने भें ऐवी कौन-वी फड़ी शातन शुई जाती शैं? लशाॊ कौन रड्डू धये शुए शै?

कुॊ अय वाशफ फड़ ेधभा-वॊकट भें ऩड़े , अगय नशीॊ जाते तो छोटे वाशफ वे झूठे ऩड़ते शै। लश अऩने ददर भें कशेंगें क्रक अच्छे फेशुदे आदभी के वाथ ऩारा

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ऩड़ा। अगय जाते शै तो सत्री वे बफगाड़ शोती शैं , वारी भुॊश पुराती शै। इवी चक्कय भें ऩड़ ेशुए फाशय आमे तो मभमाॊ लास्जद फोरे —शुजूय इव लक्त कुछ उदाव भारूभ शोते शै।

व्माव—भुिा तेजशीन शो गई शै।

कुॊ अय—बई, कुछ न ऩूछो, फड़ ेवकॊ ट भें शूॊ।

लास्जद—क्मा शुआ शुजूय, कुछ पयभाइए तो?

कुॊ अय—मश बी एक वलगचत्र शी देळ शै।

व्माव—धभाालताय, प्राचीन कार वे मश ऋवऴमों की तऩोबूमभ शै।

रारा—क्मा कशना शै, वॊवाय भें ऐवा देळ दवूया नशीॊ।

कुॊ अय—जी शाॊ , आऩ जैवे गौखे औय क्रकव देळ भें शोंगे। फुवद्ध तो शभ रोगों को बी छू नशीॊ गई।

लास्जद—शुजूय, अक्र के ऩीछे तो शभ रोग रट्ठ मरए क्रपयते शै।

व्माव—धभाालताय, कुछ कशते नशीॊ फनता। फड़ी शीन दळा शै।

कुॊ अय—नैनीतार जाने को तैमाय था। अफ फड़ी वारी कशती शै क्रक भेये फच्चे का भुॊडन शै , भैं न जाने दूॊगी। चरे जाओॊगे तो भुझ ेयॊज शोगा। फतराइए, अफ क्मा करॊ । ऐवी भूखाता औय कशाॊ देखने भें आएगी। ऩूछो भुॊडन नाई कयेगा , नाच-तभाळा देखने लारों की ळशय भें कभी नशीॊ , एक भैं न शूॊगा न वशी, भगय उनको कौन वभझामे।

व्माव—दीनफन्धु, नायी-शठ तो रोक प्रमवद्ध शी शै।

कुॊ अय—अफ मश वोगचए क्रक छोटे वाशफ वे क्मा फशाना क्रकमा जामगा।

लास्जद—फड़ा नाजुक भुआभरा आ ऩड़ा शुजूय।

रारा—शाक्रकभ का नायाज शो जाना फुया शै।

लास्जद—शाक्रकभ मभट्टी का बी शो , क्रपय बी शाक्रकभ शी शै।

कुॊ अय—भैं तो फड़ी भुवीफत भें पॊ व गमा।

रारा—शुजूय, अफ फाशय न फैठे। भेयी तो मशी वराश शै। जो कुछ मवय ऩय ऩड़गेी, शभ ओढ़ रेंगे।

लास्जद—अजी, ऩवीने की जगश खून गगया देंगे। नभक खामा शै क्रक ददल्रगी शै।

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रारा—शाॊ, भुझ ेबी मशी भुनामवफ भारूभ शोता शै। आऩ रोग कश दीस्जए, फीभाय शो गए शै।

अबी मशी फातें शो यशी थी क्रक खखदभतगाय ने आकय शाॊपते शुए कशा—वयकाय, कोऊ आमा शै, तौन वयकाय का फुरालत शै।

कुॊ अय—कौन शै ऩूछा नशीॊ?

खखद.—कोऊ यॊगयेज शै वयकाय , रारा-रार भुॊश शैं , घोड़ा ऩय वलाय शै।

कुॊ अय—कशीॊ छोटे वाशफ तो नशीॊ शैं , बई भैं तो बीतय जाता शूॊ। अफ आफर तुम्शाये शाथ शै।

कुॊ अय वाशफ ने तो बीतय घुवकय दयलाजा फन्द कय मरमा। लास्जदअरी ने खखड़की वे झाॊकय देखा , तो छोटे वाशफ खड़ ेथे। शाथ-ऩाॊल पूर गमे। अफ वाशफ के वाभने कौन जाम ? क्रकवी की दशम्भत नशीॊ ऩड़ती। एक दवूये को ठेर यशा शै।

रारा—फढ़ जाओॊ लास्जदअरी। देखो कमा कशते शैं ?

लास्जद—आऩ शी क्मों नशीॊ चरे जाते?

रारा—आदभी शी तो लश बी शैं, कुछ खा तो न जाएगा।

लास्जद—तो चरे क्मों नशीॊ जाते।

काटन वाशफ दो-तीन मभनट खड़ ेयशे। अफ मशाॉ वे कोई न तनकरा तो बफगड़कय फोरे —मशाॊ कौन आदभी शै ? कुॊ अय वाशफ वे फोरो , काटन वाशफ खड़ा शै।

मभमाॊ लास्जद फौखरामे शुए आगे फढे़ औय शाथ फाॊधकय फोरे —खुदालॊद, कुॊ अय वाशफ ने आज फशुत देय वे खाना खामा , तो तबफमत कुछ बायी शो गई शै। इव लक्त आयाभ भें शैं , फाशय नशीॊ आ वकते।

काटन—ओश! तुभ मश क्मा फोरता शै ? लश तो शभाये वाथ नैनीतार जाने लारा था। उवने शभको खत मरखा था।

लास्जद—शाॊ, शुजूय, जाने लारे तो थे, ऩय फीभाय शो गमे।

काटन—फशुॊत यॊज शुआ।

लास्जद—शुजूय, इत्तपाक शै।

काटन—शभको फशुत अपवोव शै। कुॊ अय वाशफ वे जाकय फोरो , शभ उनको देखना भाॊगता शै।

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लास्जद—शुजूय, फाशय नशीॊ आ वकते।

काटन—कुछ ऩयलाश नशीॊ, शभ अन्दय जाकय देखेंगा।

कुॊ अय वाशफ दयलाजे वे गचभटे शुए काटन वाशफ की फातें वुन यशे थे। नीचे की वाॊव नीचे थी , ऊऩय की ऊऩय। काटन वाशफ को घोड़ ेवे उतयकय दयलाजे की तयप आते देखा , तो गगयते-ऩड़ते दौड़ ेऔय वुळीरा वे फोरे —दरु्षट भुझ ेदेखने घय भें आ यशा शै। भैं चायऩाई ऩय रे जाता शूॊ , चटऩट मरशाप तनकरलाओॊ औय भुझ ेओढ़ा दो। दव-ऩाॊच ळीमळमाॊ राकय इव गोरभेज ऩय यखला दो।

इतने भें लास्जदअरी ने द्लाय खटखटाकय कशा —भशयी, दयलाजा खोर दो, वाशफ फशादयु कुॊ अय वाशफ को देखना चाशते शै। वुळीरा ने मरशाप भाॊगा , ऩय गभी के ददन थे , जोड़ ेके कऩड़ ेवन्दकूों भें फन्द ऩड़ें थे। चटऩट वन्दकू खोरकय दो-तीन भोटे-भोटे मरशाप राकय कुॊ अय वाशफ को ओढा ददमे। क्रपय आरभायी वे कई ळीमळमाॊ औय कई फोतर तनकारकय भेज ऩय चुन ददमे औय भशयी वे कशा—जाकय क्रकलाड़ खोर दो , भैं ऊऩय चरी जाती शूॊ।

काटन वाशफ ज्मों शी कभये भें ऩशुॊचे , कुॊ अय वाशफ ने मरशाप वे भुॊश तनकरा मरमा औय कयाशते शुए फोरे —फड़ा कर्षट शै शुजूय। वाया ळयीय पुॊ का जाता शै।

काटन—आऩ दोऩशय तक तो अच्छा था , खाॊ वाशफ शभवे कशता था क्रक आऩ तैमाय शैं, कशाॊ दयद शै?

कुॊ अय—शुजूय ऩेट भें फशुॊत ददा शैं। फव , मशी भारूभ शोता शै क्रक दभ तनकर जामेगा।

काटन—शभ जाकय मववलर वजान को बेज देता शै। लश ऩेट का ददा अबी अच्छा कय देगा। आऩ घफयामें नशीॊ , मववलर वजान शभाया दोसत शै।

काटन चरा गमा तो कुॊ अय वाशफ क्रपय फाशय आ फैठे। योजा फतळाने गमे थे, नभाज गरे ऩड़ी। अफ मश क्रपि ऩैदा शुई क्रक मववलर वजान को कैवे टारा जाम।

कुॊ अय—बई, मश तो नई फरा गरे ऩड़ी।

लास्जद—कोई जाकय खाॊ वाशफ को फुरा राओॊ। कशना , अबी चमरए ऐवा न शो क्रक लश देय कयें औय मववलर वजान मशाॊ मवय ऩय वलाय शो जाम।

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रारा—मववलर वजान की पीव बी फशुत शोगी ?

कुॊ अय—अजी तुम्शें पीव की ऩड़ी शै , मशाॊ जान आपत भें शै। अगय वौ दो वौ देकय गरा छूट जाम तो अऩने को बाग्मलान वभझूॊ।

लास्जदअरी ने क्रपटन तैमाय कयाई औय खाॊ वाशफ के घय ऩशुॊचें देखा ते लश अवफाफ फॊधला यशे थे। उनवे वाया क्रकसवा फमान क्रकमा औय कशा —

अबी चमरए। आऩकों फुरामा शै।

खाॊ—भाभरा फशुत टेढ़ा शै। फड़ी दौड़-धूऩ कयनी ऩड़गेी। कवभ खुदा की, तुभ वफके वफ गदान भाय देने के रामक शो। जया-वी देय के मरए भैं टर क्मा गमा क्रक वाया खेर शी बफगाड़ ददमा।

लास्जद—खाॊ वाशफ , शभवे तो उडड़ए नशीॊ। कुॊ अय वाशफ फौखरामे शुए शैं। दो-चाय वौ का लाया-न्माया शै। चरकय मववलर वजान को भना कय दीस्जए।

खाॊ—चरो, ळामद कोई तयकीफ वूझ जामे।

दोनों आदभी मववलर वजान की तयप चरे। लशाॊ भारूभ शुआ क्रक वाशफ कुॊ अय वाशफ के भकान ऩय गमे शै। पौयन क्रपटन घुभा दी , औय कुॊ अय वाशफ की कोठी ऩय ऩशुॊचे। देखा तो वजान वाशफ एनेभा मरमे शुए कुॊ अय चाशफ की चायऩाई के वाभने फैठे शुए शै।

खाॉ—भैं तो शुजूय कें फॊगरे वे चरा आ यशा शूॉ। कुअय वाशफ का क्मा शार शै?

डाक्टय—ऩेट भे ददा शै। अबी वऩचकायी रगाने वे अच्छा शो जामेगा।

कुॊ अय—शुजूय, अफ ददा बफल्कुर नशीॊ शै। भुझ ेकबी-कबी मश भजा शो जाता शै औय आऩ शी आऩ अच्छा शो जाता शै।

डाक्टय—ओ, आऩ डयता शै। डयने की कोई फात नशीॊ शे। आऩ एक मभनट भें अच्छा शो जाएगा।

कुॊ अय—शुजूय, भैं बफल्कुर अच्छा शूॊ। अफ कोई मळकामत नशीॊ शै।

डाक्टय—डयने की कोई फात नशीॊ , मश वफ आदभी मशाॊ वे शट जाम , शभ एक मभनट भें अच्छा कय देगा।

खाॊ वाशफ ने डाक्टय वे काभ भें कशा —शुजूय अऩनी यात की डफर पीव औय गाड़ी का क्रकयामा रेगय चरे जाएॊ , इन यईवों के पेय भें न ऩड़ें ,

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मश रोग फायशों भशीने इवी तयश फीभाय यशते शै। एक शफ्रते तक आकय देख मरमा कीस्जए।

डाक्टय वाशफ की वभझ भें मश फात आ गई। कर क्रपय आने का लादा कयके चरे गमे। रोगों के मवय वे फरा टरी। खाॊ वाशफ की कायगुजायी की तायीप शोने रगी!

कुॊ अय—खाॊ वाशफ आऩ फड़ ेलक्त ऩय काभ आमे। स्जन्दगी-बय आऩका एशवान भानूॊगा।

खाॊ—जनाफ, दो वौ चटाने ऩड़।े कशता था छोटे वाशफ का शुक्भ शैं। भैं बफरा वऩचकायी रगामे न जाऊॊ गा। अॊगे्रजों का शार तो आऩ जानते शै। फात के ऩक्के शोते शै।

कुॊ अय —मश बी कश ददमा न क्रक छोटे वाशफ को भेयी फीभायी की इत्तरा कय दें औय कश दें , लश वपय कयने रामक नशीॊ शै।

खाॊ —शाॊ वाशफ, औय रऩमे ददमे क्रकवमरए , क्मा भेया कोई रयश्तेदाय था ? भगय छोटे वाशफ को शोगी फड़ी तकरीप। फेचाये ने आऩको फॊगरे के आवये ऩय शोटर का इन्तजाभ बी न क्रकमा था। भाभरा फेढफ शुआ।

कुॊ अय—तो बई, भैं क्मा कयता, आऩ शी वोगचए।

खाॊ—मश चार उल्टी ऩड़ी। स्जव लक्त काटन वाशफमशाॊ आमे थे , आऩको उनवे मभरना चादशए था। वाप कश देते , आज एक वतत जरयत वे रुकना ऩड़ा। रेक्रकन खैय , भैं वाशफ के वाथ यशुॊगा , कोई न कोई इॊतजाभ शो शी जामगा।

कुॊ अय — क्मा अबी आऩ जाने का इयादा कय शी यशे शै! शरप वे कशता शूॊ , भैं आऩको न जाने दूॊगा , मशाॊ न जाने कैवी ऩडें , मभमाॊ लास्जद देखों, आऩकों घय कशरा दो, फायश न जामेंगे।

खाॊ —आऩ अऩने वाथ भुझ ेबी डुफाना चाशते शै। छोटे वाशफ आऩवे नायाज बी शो जाएॊ तो क्मा कय रेंगे। , रेक्रकन भुझवे नायाज शो गमे , तो खयाफ शी कय डारेंगे।

कुॊ अय—जफ तक शभ स्जन्दा शै बाई वाशफ , आऩको कोई ततयछी नजय वे नशीॊ देख वकता। जाकय छोटे वाशफ वे कदशए , कुॊ अय वाशफ की शारत अच्दी नशीॊ , भैं अफ नशीॊ जा वकता। इवभें भेयी तयप वे बी उनका ददर

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वाप शो जाएगा औय आऩकी दोसती देखकय आऩकी औय इज्जत कयने रगेगा।

खाॊ —अफ लश इज्जत कयें मा न कयें , जफ आऩ इतना इवयाय कय यशे शै तो भैं बी इतना फे-भुयौलत नशीॊ शूॊ क्रक आऩको छोड़कय चरा जाऊॊ । मश तो शो शी नशीॊ वकता। जया देय के मरए घय चरा गमा , उवका तो इतना तालान देना ऩड़ाॊ नैनीतार चरा जाऊॊ तो ळामद कोई आऩको उठा शी रे जाम।

कुॊ अय —भजे वे दो-चाय ददन जल्वे देखेंगें , नैनीतार भें मश भजे कशाॊ मभरते। व्माव जी , अफ तो मों नशीॊ फेठा जाता। देखखए , आऩके बण्डाय भें कुछ शैं, दो-चाय फोतरें तनकामरए , कुछ यॊग जभे।*

—‗भाधुयी‘, अप्रैर, १९२९

* यतननाथ वयळय-कृत ‗वैये कोशवाय‘ के आधाय ऩय।

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कवच

शुत ददनों की फात शै , भैं एक फड़ी रयमावत का एक वलश्लसत अगधकायी था। जैवी भेयी आदत शै , भैं रयमावत की घड़फेस्न्दमों वे ऩथृक यशता न

इधय, अऩने काभ वे काभ यखता। काजी की तयश ळशय के अॊदेळ ेवे दफुरा न शोता था। भशर भें आमे ददन नमे-नमे मळगूपे खखरते यशते थे , नमे-नमे तभाळ ेशोते यशते थे , नमे-नमे ऴड़मॊत्रों की यचना शोती यशती थी , ऩय भुझ ेक्रकवी ऩष वे वयोकाय न था। क्रकवी की फात भें दखर न देता था , न क्रकवी की मळकामत कयता , न क्रकवी की तायीप। ळामद इवीमरए याजा वाशफ की भुझ ऩय कृऩा-दृस्र्षट यशती थी। याजा वाशफ ळीरलान ् , दमारु , तनबीक , उदाय ओय कुछ सलेच्छाचायी थे। येजीडणे्ट की खुळाभद कयना उन्शॊ ऩवन्द न था। स्जन वभाचाय ऩत्रों वे दवूयी रयमावतें बमबीत यशती थीॊ औय औय अऩने इराके भें उन्शें आने न देती थीॊ , ले वफ शभायी रयमावत भें फेयोक-टोक आते थे। एक-दो फाय येजीडणे्ट ने इव फाये भें कुछ इळाया बी क्रकमा था , रेक्रकन याजा वाशफ ने इवकी बफल्कुर ऩयलाश न की। अऩने आॊतरयक ळावन भें लश क्रकवी प्रकाय का शसताषेऩ न चाशते थे , इवीमरए येजीडणे्ट बी उनवे भन शी भन द्लेऴ कयता था।

रेक्रकन इवका मश आळम नशीॊ शै क्रक याजा वाशफ प्रजालत्वर , दयूदळी , नीततकुळर मा मभतव्ममी ळावक थे। मश फात न थी। ले फड़ ेशी वलराववप्रम , यमवक औय दवु्मावनी थे। उनका अगधकाॊळ वभम वलऴम-लावना की शी बेंट शोता था। यनलाव भें दजानों यातनमाॊ थी , क्रपय बी आमे ददन नई-नई गचडड़माॊ आती यशती थी। इव भद भें रेळभात्र बी क्रकपामत मा कॊ जूवी न की जाती थी। वौन्दमा की उऩावना उनका गौण सलबाल-वा शो गमा था। इवके मरए लश दीन औय ईभान तक की शत्मा कयने को तैमाय यशते थे। ले सलच्छन्द कयना चाशते थे। , औय चूॊक्रक वयकाय उन्शें फॊधनों भें डारना चाशती थी , ले उन्शें गचढ़ाने के मरए ऐवे भाभरें भें अवाधायण अनुयाग औय उत्वाश ददखाते थे, स्जनभें उन्शें प्रजा की वशामता औय वशानुबूतत का ऩूया वलश्लाव शोता था ,

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इवमरए प्रजा उनके दगुुाणों को बी वदगुण वभझती थी , औय अखफाय लारे बी वदैल उनकी तनबीकता औय प्रजा-प्रभ के याग अराऩते यशते थे।

इधय कुछ ददनों वे एक ऩॊजाफी औयत यनलाव भें दाखखर शुई थी। उवके वलऴम भें तयश-तयश की अपलाशें पैरी शुई थीॊ। कोई कशता था , भाभूरी, फेश्मा शै, कोई ऐक्टे्रव फतराता था , कोई बरे घय की रड़की। न लश फशुत रऩलती थी, न फशुत तयदाय, क्रपय बी याजा वाशफ उव ऩय ददरोजान वे क्रपदा थे। याजकाज भें उन्शें मों शी फशुॊत प्रेभ न था , भगय अफ तो ले उवी के शाथों बफक गमे थे , लशी उनके योभ-योभ भें व्माप्त शो गई थी। उवके मरए एक नमा याज-प्रवाद फन यशा था। तनत नमे-नमे उऩशाय आते यशते थे। बलन की वजालट के मरए मोयोऩ वे नई-नई वाभगग्रमाॊ भॊगलाई थी। उवे गाना औय नाचना मवखाने के मरए इटरी , पाॊव, औय जभानी के उसताद फुरामे गमे थे। वायी रयमावत भें उवी का डॊका फजता था। रोगों को आश्चमा शोता था क्रक इव यभणी भें ऐवा कौन-वा गुण शैं , स्जवने याजा वाशफ को इतना आवक्त औय आकवऴात कय यखा शै।

एक ददन यात को भैं बोजन कयके रेटा शी था क्रक याजा वाशफ शने माद पभाामा। भन भें एक प्रकाय का वॊळम शुआ क्रक इव वभम खखराप भाभूर क्मों भेयी तरफी शुई! भैं याजा वाशफ के अॊन्तयॊग भॊबत्रमों भें वे न था , इवमरए बम शुआ क्रक कशीॊ कोई वलऩत्ती तो नशीॊ आने लारी शै। रयमावतों भें ऐवी दघुाटनाएॊ अक्वय शोती यशती शै। स्जवे प्रात: कार याजा वाशफ की फगर भें फैठे शुए देखखए , उवे वॊध्मा वभम अऩनी जान रेकय रयमावत के फायश बागते शुए बी देखने भें आमा शै। भुझ ेवन्देश शुआ , क्रकवी ने भेयी मळकामत तो नशीॊ कय दी! रयमावतो भें तनर्षऩष यशना बी खतयनाक शै। ऐवे आदभी का अगय कोई ळतु्र नशीॊ शोता तो कोई मभत्र बी नशीॊ शोता। भैंने तुयन्त कऩड़ ेऩशने औय भन भें तयश-तयश की दरु्षकल्ऩनाएॊ कयता शुआ याजा वाशफ की वेला भें उऩस्सथत शुआ। रेक्रकन ऩशरी शी तनगाश भें भेये वायें वॊळम मभट गमें। याजा वाशफ के चेशये ऩय िोध की जगश वलऴाद औय नैयाश्म का गशया यॊग झरक यशा था। आॊखों भें एक वलगचत्र माचना झरक यशी थी। भुझ ेदेखते शी उन्शोंने कुवी ऩय फैठने का इळाया क्रकमा , औय फोरे —‗क्मों जी वयदाय

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वाशफ, वाशफ , तुभने कबी प्रेभ क्रकमा शै ? क्रकवी वे प्रेभ भें अऩने आऩको खो फैठे शो?‘ भैं वभझ गमा क्रक इव लक्त अदफ औय मरशाज की जरयत नशीॊ। याजा वाशफ क्रकवी व्मस्क्तगत वलऴम भें भुझवे वराश कयना चाशते शै। तन:वॊकोच शोकय फोरा—‗दीनफॊधु, भैं तो कबी इव जार भें नशीॊ पॊ वा। ‘ याजा वाशफ ने भेयी तयप खावदान फढ़ाकय कशा —तुभ फड़ ेबाग्मलान ्शो, अच्छा शुआ क्रक तुभ इव जार भें नशीॊ पॊ वे। मश आॊखों को रुबाने लारा वुनशया जार शै मश भीठा क्रकन्तु घातक वलऴ शै , मश लश भधुय वॊगीत शै जो कानों को तो बरा भारूभ शोता शै , ऩय ह़दम को चूय-चूय कय देता शै , मश लश भामाभगृ शै, स्जवके ऩीछे आदभी अऩने प्राण शी नशीॊ , अऩनी इल्रत तक खो फैठता शै।

उन्शोंने गगराव भें ळयाफ उॊडरेी औय एक चुसकी रेकय फोरे —जानते शो भैंने इव वयपयाज के मरए कैवी-कैवी ऩरयळातनमाॊ उठाई ? भैं उवके बौंशों के एक इळाये ऩय अऩना मश मवय उवके ऩैयों ऩय यख वकता था , मश वायी रयमाळत उवके चयणों ऩय अवऩात कय वकता था। इन्शीॊ शाथों वे भैंने उवका ऩरॊग बफछामा शै , उवे शुक्का बय-बयकय वऩरामा शै , उवके कभये भें झाडूॊ रगाई शै। लश ऩॊरग वे उतयती थी , तो भैं उवकी जूती वीधी कयता था। इव खखदभतगुजायी भें भुझ ेक्रकतना आनन्द प्राप्त शोता था , तुभवे फमान नशीॊ कय वकता। भैं उवके वाभने जाकय उवके इळायों का गुराभ शो जाता था। प्रबुता औय रयमावत का गरय भेये ददर वे रुप्त शो जाता था। उवकी वेला-वुश्रूऴा भें भुझ ेतीनों रोक का याज मभर जाता था , ऩय इव जामरभ ने शभेळा भेयी उऩेषा की। ळामद लश भुझ ेअऩने मोग्म शी नशीॊ वभझती थी। भुझ ेमश अमबराऴा शी यश गई शै क्रक लश एक फाय अऩनी उन भसतानी यवीरी आॊखों वे, एक फाय उन इऋगुय बये शुए शोठों वे भेयी तयप भुसकयाती। भैंने वभझा था ळामद लश उऩावना की शी लसतु शैं , ळामद उवे इन यशसमों का सान नशीॊ। शाॊ , भैंने वभझा था , ळामद अबी अल्शड़ऩन उवके प्रेभोदगायों ऩय भुशय रगामे शुए शै। भैं इव आळा वे अऩने व्मगथत हृदम को तवकीन देता था क्रक कबी तो भेयी अमबराऴाएॊ ऩूयी शोंगी , कबी तो उवकी वोई शुई कल्ऩना जागेगी।

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याजा वाशफ एकाएक चुऩ शो गमे। क्रपय कदे आदभ ळीळ ेकी तयप देखकय ळान्त बाल वे फोरे —भै इतना कुरऩ तो नशीॊ शूॊ क्रक कोई यभणी भुझवे इतनी घऴृा कये।

याजा वाशफ फशुत शी रऩलान आदभी थे। ऊॊ चा कद था , बया शुआ फदन, वेल का-वा यॊग, चेये वे तेज झरकता था।

भैंने तनबीक शोकय कशा —इव वलऴम भें तो प्रकृतत ने शुजूय के वाथ फड़ी उदायता के वाथ काभ मरमा शै।

याजा वाशफ के चेशये ऩय एक षीण उदाव भुसकयाशट दौड़ गई , भगय क्रपय लशीॊ नैयाश्म छा गमा। फोरे , वयदाय वाशफ , भैंने इव फाजाय की खूफ वैय की शै। वम्भोशन औय लळीकयण के स्जतने रटके शैं , उन वफों वे ऩरयगचत शूॊ , भगय स्जन भॊत्रों वे भैंने अफ तक शभेळा वलजम ऩाई शै , ले वफ इव अलवय ऩय तनयथाक मवद्ध शुए। अन्त को भैंने मशी तनश्चम क्रकमा क्रक कुॊ आ शी अॊधा शै, इवभें प्माव को ळाॊत कयने की वाभर्थमा नशीॊ। भगय ळोक , कर भुझ ऩय इव तनर्षठुयता औय उऩेषा का यशसम खुरा गमा। आश! काळ , मश यशसम कुछ ददन औय भुझवे तछऩा यशता , कुछ ददन औय भै इवी भ्रभ , इवी असान अलसथा भें ऩड़ा यशता।

याजा वाशफ का उदाव चेशया एकाएक कठोय शो गमा , उन ळीतय नेत्रों भें जलारा-वी चभक उठी , फोरे—―देखखए, मे लश ऩत्र शै , जो कर गुप्त रऩ वे भेये शाथ रगे शै। भैं इव लक्त इव फात शकी जाॊच-ऩॊडतार कयना व्मथ्र वभझता शूॊ क्रक मे ऩत्र भेये ऩाव क्रकवने बेजे ? उवे मे कशा मभरे ? अलश्म शी मे वयपयाज की अदशत काभना के इयादे वे बेजे गए शोंगे। भुझ ेतो केलर मश तनश्चम कयना शै क्रक मे ऩत्र अवरी शै मा नकरी , भुझ ेतो उनके अवरी शोने भें अणुभात्र बी वन्देश नशीॊ शै। भैंने वयपयाज की मरखालट देखी शै , उवकी फातचीत के अन्दाज वे अनमबस नशीॊ शूॊ। उवकी जलान ऩय जो लाक्म चढे शुए शैं , उन्शें खूफ जानता शूॊ। इन ऩत्रों भें लशी मरखालट शैं , क्रकतनी बीऴण ऩरयस्सथतत शै। इधय भैं तो एक भधुय भुसकान , एक भीठी अदा के मरए तयवता शूॊ , उधय प्रेमभमों के नाभ प्रेभऩत्र मरखे जाते शैं , वलमोग-लेदना का लणान क्रकमा जाता शै। भैंने इन ऩत्रों को ऩढ़ा शै , ऩत्थय-वा ददर कयके ऩढ़ा शै, खून का घूॊट ऩी-ऩीकय ऩढ़ा शै , औय अऩनी फोदटमों को नोच-नोचकय

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ऩढ़ा शै! आॊखों वे यक्त की फूॊदें तनकर-तनकर आई शै। मश दगा! मश बत्रमा-चरयत्र!! भेये भशर भें यशकय , भेयी काभनाओॊ को ऩैयों वे कुचरकय , भेयी आळाओॊ को ठुकयाकय मे िीडाॊए शोती शै! भेये मरए खाये ऩानी की एक फूॊद बी नशीॊ , दवूये ऩय वुधा-जर की लऴाा शो यशी शै! भेये मरए एक चुटकी-बय आटा नशीॊ , दवूये के मरए ऴटयव ऩदाथा ऩयवे जा यशे शै। तुभ अनुभान नशीॊ कय वकते क्रक इन ऩत्रों की ऩढ़कय भेयी क्मा दळा शुई। ‖

‗ऩशरा उद्लेग जो भेये हॄदम भें उठा , लश मश था क्रक इवी लक्त तरलाय रेकय जाऊॊ औय उव फेददा के वाभने मश कटाय अऩनी छाती भें बोंक रूॊ। उवी के आॊखों के वाभने एडडमाॊ यगड़-यगड़ भय जाऊॊ । ळामद भेये फाद भेये प्रेभ की कि कये , ळामद भेये खून के गभा छीटें उवके लज्र-कठोय हृदम को िवलत कय दें , रेक्रकन अन्तसतर के न भारूभ क्रकव प्रदेळ वे आलाज आई—मश वयावय नादानी शैं तुभ भय जाओॊगे औय मश छरनी तुम्शाये प्रेभोऩशायों वे दाभन बये , ददर भें तुम्शायी भुखाता ऩय शॊवती शुई , दवूये शी ददन अऩने वप्रमतभ के ऩव चरी जाएगी। ‘ दोनों तुम्शायी दौरत के भजे उड़ाएॊगे औय तुम्शायी फॊगचत-दमरत आत्भा को तड़ऩाएॊगे।

‗वयदाय वाशफ , वऩश्लाव भातनए , मश आलाज भुझ ेअऩने शी हृदम के क्रकवी सथर वे वुनाई दी। भैंने उवी लक्त तरलाय तनकारकय कभय वे यख दी। आत्भशत्मा का वलचाय जाता यशा , औय एक शी षण भें फदरे का प्रफर उद्लेग हृदम भें चभक उठा। देश का एक-एक ऩयभाणु एक आन्तरयक ज्लारा वे उत्तप्त शो उठा। एक-एक योए वे आग-वी तनकरने रगी। इवी लक्त जाकय उवकी कऩट-रीरा का अन्त कय दूॊ। स्जन आॊखों की तनगाश के मरए अऩने प्राण तक तनछालय कयता था , उन्शें वदैल के मरए ज्मोततशीन कय दूॊ। उन वलऴाक्त अधयों को वदैल के मरए सलयशीन कय दूॊ। स्जव हृ़दम भें इतनी तनर्षठुयता, इतनी कठोयता ओय इतना कऩट बया शुआ शो , उवे चीयकय ऩैयों वे कुचर डारूॊ। खून-वा मवय ऩय वलाय शो गमा। वयपयाज की वायी भशत्ता , वाया भाधुमा , वाया बाल-वलराव दवूऴत भारूभ शोने रगा। उव लक्त अगय भुझ भारूभ शो जाता क्रक वयपयाज की क्रकवी ने शत्मा कय डारी शै , तो ळामद भैं उव शत्मायें के ऩैयों का चुम्फन कयता। अगय वुनता क्रक लश भयणावन्न शै तो उवके दभ तोड़ने का तभाळा कयता , खून का दृढ़ वॊकल्ऩ

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कयके भैंने दशुयी तरलायें कभय भें रगाई औय उवके ळमनागाय भें दाखखर शुआ। स्जव द्लाय ऩय जाते शी आळा औय बम का वॊग्राभ शोने रगता था , लशाॊ ऩशुॊचकय इव लक्त भुझ ेलश आनन्द शुआ जो मळकायी को मळकाय कयने भें शोता शै। वयदाय वाशफ , उन बालनाओॊ औय उदगायों का स्जि न करॊ गा , जो उव वभम भेये हृदम को आन्दोमरत कयने रगे। अगय लाणी भें इतनी वाभर्थमा शो ाीाााी , तो भन को इव चचाा वे उद्वलग्न नशीॊ कयना चाशताॊ भैंने दफे ऩालॊ कभये भें कदभ यखा। वयपयाज वलरावभम तनिा भें भग्न थी। भगय उवे देखकय भेये हृदम भें एक वलगचत्र करणा उत्ऩन्न शुई। जी शाॉ , लश िोध औय उत्ताऩ न जाने कशाॊ गामफ शो गमा। उवका क्मा अऩयाध शै ? मश प्रश्न आकस्सभक रऩ वे भेये हृदम भें ऩैदा शुआ। उवका क्मा अऩयाध शै ? अगय उवका लशी अऩयाध शै जो इव वभम भैं कय यशा शूॊ , तो भुझ ेउववे फदरा रेने का क्मा अगधकाय शै ? अगय लश अऩने वप्रमतभ के मरए उतनी शी वलकर, उतनी शी अधीय , उतनी शी आतुय शै स्जतना भैं शूॊ , तो उवका क्मा दोऴ शै? स्जव तयश भैं अऩने ददर वे भजफूय शूॊ , क्मा लश बी अऩने ददर वे भजफूय यत्नों वे भेये प्रेभ को बफवाशना चाशे , तो क्मा भैं उवके प्रेभ भें अनुयक्त शो जाऊॉ गा ? ळामद नशीॊ। भैं भौका ऩाते शी बाग तनकरूॊगा। मश भेया अन्माम शै। अगय भुझभें लश गुण शोते , तो उवके असात वप्रमतभ भें शै , तो उवकी तफीमत क्मों भेयी ओय आकवऴात न शोती ? भुझभें ले फातें नशीॊ शै क्रक भैं उवका जीलन-वलासल फन वकूॊ । अगय भुझ ेकोई कड़ली चीज अच्छी नशीॊ रगती, तो भैं सलबालत: शरलाई की दकुान की तयप जाऊॊ गा , जो मभठाइमाॊ फेचता शै। वम्बल शै धीये-धीये भेयी रगच फदर जाम औय भैं कड़ली चीजें ऩवन्द कयने रगू। रेक्रकन फरात ्तरलाय की नोक ऩय कोई कड़ली चीज भेये भुॊश भें नशीॊ डार वकता।

इन वलचायों ने भुझ ेऩयास्जत कय ददमा। लश वूयत , जो एक षण ऩशरे भुझ ेकाटे खाती थी उवभें ऩशरे वे ळतगुणा आकऴाण था। अफ तक भैंने उवको तनिा-भग्न न देखा था , तनिालसथा भें उवका रऩ औय बी तनर्षकरॊक औय अतनन्द्म भारूभ शुआ। जागतृत भें तनगाश कबी आॊखों के दळान कयती , कबी अधयों के , कबी कऩोरों के। इव नीॊद भे उवका रऩ अऩनी वम्ऩूणा कराओॊ वे चभक यशा था। रऩ-छटा था क्रक दीऩक जर यशा था। ‗

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याजा वाशफ ने क्रपय प्मारा भुॊश वे रगामा , औय फोरे—‗वयदाय वाशफ , भेया जोळ ठॊडा शो गमा। स्जववे प्रेभ शो गमा , उववे द्लेऴ नशीॊ शो वकता , चाशे लश शभाये वाथ क्रकतना शी अन्माम क्मों न कये। जशाॊ प्रमभका प्रेभी के शाथों कत्र शो , लशाॊ वभझ रीस्जए क्रक प्रेभ न था , केलर वलऴम-रारवा थी , भें लशाॊ वे चरा आमा , रेक्रकन गचत्त क्रकवी तयश ळान्त नशीॊ शोताॊ तफउवे अफ तक भैंने िोध को जीतने की बयवक कोमळळ की , भगय अवपर यशा। जफ तक लश ळैतान स्जन्दा शै , भेये ऩशरू भें एक काॊटा खटकता यशेगा , भेयी छाती ऩय वाॊऩ रौटता यशेगा। लशीॊ कारा नाभ पन उठामे शुए उव यत्न-यामळ ऩय फैठा शुआ शै , लशीॊ भेये औय वयपयाज के फीच भें रोशे की दीलाय फना शुआ शै , लशीॊ इव दधू की भक्खी शै। उव वाॊऩ का मवय कुचरना शोगा , जफ तक भैं अऩनी आॊखों वे उवकी धस्ज्जमाॊ बफखयते न देखूॊगा। भेयी आत्भा को वॊतोऴ न शोगा। ऩरयणाभ की कोई गचन्ता नशीॊ कुछ बी शो , भगय उव नय-वऩळाच को जशन्नुभ दाखखर कयके दभ रूॊगी। ‘ मश कशकय याजा वाशफ ने भेयी ओय ऩूणा ऩूणा नेत्रों वे देखकय कशा —

फतराइए आऩ भेयी क्मा भदद कय वकते शै ?

भैने वलसभम वे कशा —भैं?

याजा वाशफ ने भेया उत्वाश फढाते शुए कशा —‗शाॊ, आऩ। आऩ जानते शैं , भैंने इतने आदमभमों को छोड़कय आऩकों क्मों अऩना वलश्लावऩात्र फनमा औय क्मो आऩवे मश मबषा भाॊगी ? मशाॊ ऐवे आदमभमों की कभी नशीॊ शै , जो भेया इळाया ऩाते शी उव दरु्षट के टुकड़ ेउड़ा देगें , वये फाजाय उवके यक्त वे बूमभ को यॊग देंगे। जी शाॊ , एक इळाये वे उवकी शड्डडमों का फुयादा फना वकता शूॊ। , उवके नशों भें कीरें ठुकला वकता शूॊ। , भगय भैंने वफकों छोड़कय आऩकों छाॊटा, जानतें शो क्मों ? इवमरए क्रक भुझ ेतुम्शाये ऊऩय वलश्लाव शै , लश वलश्लाव जो भुझ ेअऩने तनकटतभ आदमभमों ऩय बी नशीॊ , भैं जानता शूॊ। क्रक तुम्शाये हृदम भें मश बेद उतना शी गुप्त यशेगा , स्जतना भेये। भुझ ेवलश्लाव शै क्रक प्ररोबन अऩनी चयभ ळस्क्त का उऩमोग कयके बी तुम्शें नशीॊ डडगा वकता। ऩाळवलक अत्माचाय बी तुम्शाये अधयों को नशीॊ खोर वकते , तुभ फेलपाई न कयोगे , दगा न कयोगे , इव अलवय वे अनुगचत राब न उठाओॊगे , जाते शो , इवका ऩुयसकाय क्मा शोगा ? इवके वलऴम भें तुभ कुछ बी ळॊका न

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कयों। भुझभें औय चाशे क्रकतने शी दगुुाण शों , कृतध्नता का दोऴ नशीॊ शै। फड़ ेवे फड़ा ऩुयसकाय जो भेये अगधकाय भें शै , लश तुम्शें ददमा जाएगा। भनवफ , जागीय, धन , वम्भान वफ तुम्शायी इच्छानुवाय ददमे जाएॊगे। इवका वम्ऩूणा अगधकाय तुभकों ददमा जाएगा , कोई दखर न देगा। तुम्शायी भशत्लाकाॊषा को उच्चतभ मळखय तक उड़ने की आजादी शोगी। तुभ खुद पयभान मरखोगे औय भैं उव ऩय आॊखें फॊद कयके दसतखत करॊ गा ; फोरो , कफ जाना चाशते शो ? उवका नाभ औय ऩता इव कागय ऩय मरखा शुआ शै , इवे अऩने हृदम ऩय अॊक्रकत कय रो , औय कागज पाड़ डारो। तुभ खुद वभझ वकते शो क्रक भैंने क्रकतना फड़ा बाय तुम्शाये ऊऩय यखा ााशै। भेयी आफर , भेयी जान , तुम्शायी भुट्ठी भें शैं। भुझ ेवलश्लाव शै क्रक तुभ इव काभ को वुचार रऩ वे ऩूया कयोगे। स्जन्शें अऩना वशमोगी फनाओॊगे , ले बयोवे के आदभी शोंगे। तुम्शें अगधकतभ फुवद्धभत्ता, दयूदमळाता औय धैमा वे काभ रेना ऩड़गेा। एक अवॊमत ळब्द , एक षण का वलरम्फ , जया-वी राऩयलाशी भेये औय तुम्शायें दोनों के मरए प्राणघातक शोगी। दशु्भन घात भें फैठा शुआ शै , ‘कय तो डय , न कय तो डय ‘ का भाभरा शै। मों शी गद्दी वे उतायने के भॊवूफें वोचे जा यशे शैं , इव यशसम के खुर जाने ऩय क्मा दगुातत शोगी , इवका अनुभान तुभ आऩ कय वकते शो। भैं फभाा भें नजयफन्द कय ददमा जाऊॊ गा , रयमावत गैयों के शाथ भे चरी जाएगी औय भेया जीलन नर्षट शो जाएगा। भें चाशता शूॊ क्रक आज शी चरे जाओ। मश इम्ऩीरयमर फैंक का चेक फुक शै , भैंने चेको ऩय दसतखत कय ददए शै, जफ स्जतने रऩमों की जरयत शों , रे रेना।

‗भेया ददभाग वातलें आवभान ऩय जा ऩशुॊचा। अफ भुझ ेभारूभ शुआ क्रक प्ररोबन भें ईभान को बफगाड़ने की क्रकतनी ळस्क्त शोती शै। भुझ ेजैवे कोई नळा शो गमा।‘ भैंने एक क्रकताफ भें ऩढ़ा था क्रक अऩने बाग्म-तनभााण का अलवय शय एक आदभी को मभरता शै औय एक शी फाय। जो इव अलवय को दोनों शाथो वे ऩकड़ रेता शै , लश भदा शै , जो आगा-ऩीछा भें ऩड़कय उवे छोड़ देता शै , लश कामय शोता शै। एक को धन , मळ , गौयल नवीफ शोता शै औय दवूया खेद , रज्जा औय ददुाळा भें यो-योकय स्जॊदगी के ददन काटता शै। पैवरा कयने के मरए केलर एक षण का वभम मभरता शै। लश वभम क्रकतना फशुभूल्म शोता शै। भेये जीलन भें मश लशी अलवय था। भैंने उवे दोनों शाथों वे

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ऩकड़ने का तनश्चम कय मरमा। वौबाग्म अऩनी वलोत्तभ मववद्धमों का थार मरए भेये वाभने शास्जय शै , लश वायी वलबूततमों ; स्जनके मरए आदभी जीता-भयता शै , भेया सलागत कयने के मरए खड़ी शै। अगय इव वभम भै। उनकी उऩेषा करॊ , तो भुझ जैवा अबागा आदभी वॊवाय भें न शोगा। भाना क्रक फड़ ेजोखखभ का काभ शै , रेक्रकन ऩुयसकाय तो देखों। दरयमा भें गोता रगाने शी वे तो भोती मभरता शै , ततत ऩय फेठे शुए कामयों के मरए कोडड़मों औय घोंघों के मवला औय क्मा शै ? भाना क्रक फेगुनाश के खून वे शाथ यॊगना ऩड़गेा। क्मा भुजामका! फमरदान वे शी लयदान मभरता शै। वॊवाय वभय बूमभ शै। मशाॉ राळों का जीना फनाकय उन्नतत के मळखय ऩय चढ़ना ऩड़ता शै। खून के नारों भें तैयकय शी वलजम-तट मभरता शै। वॊवाय का इततशाव देखों ,. वपर ऩुरऴों का चरयत्र यक्त के अषयों भें मरखा शुआ शै। लीयो ने वदैल खून के दरयमा भें गोते रगामे शैं , खून की शोमरमाॊ खेरी शै। खून का डय दफुारता औय कभ दशम्भती का गचह्न शै। कभामोगी की दृस्र्षट रक्ष्म ऩय यशती शैं , भागा ऩय नशीॊ , मळखय ऩय यशती शै , भध्मलती चट्टानों ऩय नशीॊ , भैंने खड़ ेशोकय अजा की —

गुराभ इव खखदभत के मरए शास्जय शे। ‘ याजा वाशफ ने वम्भान की दृस्र्षट वे देखयक कशा —भुझ ेतुभवे मशी आळा थी। तुम्शाया ददर कशता शै क्रक मश काभ ऩूया कय आओगे ?

‗भुझ ेवलश्लाव शै।‘ ‗भेया बी मशी वलचाय था। देखो , एक-एक षण का वभाचाय बेजते यशना।‘ ‗ईश्लय ने चाशा तो शुजूय को मळकामत का कोई भौका न मभरेगा। ‘

‗ईश्लय का नाभ न रो , ईश्लय ऐवे भौक के मरए नशीॊ शै। ईश्लय की भदद उव लक्त भाॊगो , जफ अऩना ददर कभजोय शो। स्जवकी फाॊशों भें ळस्क्त , भन भें वलकल्ऩ , फुवद्ध भें फर औय वाशव शै , लश ईश्लय का आश्रम क्मों रे ? अच्छा, जाओॊ औय जल्द वुखार शोकय रौटो , आॊखें तुम्शायी तयप रगी यशेंगी।‘

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ने आत्भा की आरोचनाओॊ को मवय तक न उठाने ददमा। उव दरु्षट को क्मा अगधकाय था क्रक लश वयपयाज वे ऐवा कुस्त्वत वम्फॊध यखे , जफ

उवे भारूभ था क्रक याजा वाशफ ने , उवे अऩने शयभ भें दाखखर कय मरमा शै ? मश रगबग उतना शी गदशात अऩयाध शै , स्जतना क्रकवी वललादशत सत्री को बगा रे जाना। वयपयाज एक प्रकाय वे वललादशता शै , ऐवी सत्री वे ऩत्र-व्मलशाय कयना औय उव ऩय डोये डारना क्रकवी दळा भें बी षम्भ नशीॊ शो वकता। ऐवे वॊगीन अऩयाध की वजा बी उतनी शी वॊगीन शोनी चादशए। अगय भेये हृदम भें उव लक्त तक कुछ दफुारता , कुछ वॊळम , कुछ अवलश्लाव था, तो इव तका ने उवे दयू कय ददमा। वत्म का वलश्लाव वत-्वाशव का भॊत्र शै। अफ लश खून भेयी नजयों भें ऩाऩभम शत्मा नशीॊ , जामज खून था औय उववे भुॊश भोड़ना रज्जाजनक कामयता।

गाड़ी के जाने भें अबी दो घण्टे की देय थी। यात-बय का वपय था , रेक्रकन बोजन की ओय बफल्कुर रगच न थी। भैंने वपय की तैमायी ळुर की। फाजाद वे एक नकरी दाढ़ी रामा , ट्रॊक भें दो रयलाल्लय यख मरमे , क्रपय वोचने रगा, क्रकवे अऩने वाथ रे चरूॊ ? मशाॊ वे क्रकवी को रे जाना तो नीतत-वलरद्ध शै। क्रपय क्मा अऩने बाई वाशफ को ताय दूॉ ? शाॊ, मशी उगचत शै। उन्शें मरख दूॉ क्रक भुझवे फम्फई भें आकय मभरें , रेक्रकन नशीॊ , बाई वाशफ को क्मों पॊ वाऊॊ ? कौन जाने क्मा शो ? फम्फई भें ऐवे आदभी की क्मा कभी ? एक राख रऩमे का रारच दूॊगा। चुटक्रकमों भें काभ शो जाएगा। लशाॊ एक वे एक ळाततय ऩड़ ेशै, जो चाशें तो परयश्तों का बी खून कय आमें। फव , इन भशाळम को क्रकवी दशकभत वे क्रकवी लेश्मा के कभये भें रामा जाम औय लशीॊ उनका काभ तभाभ कय ददमा जाम। मा वभुि के क्रकनाये जफ लश शला खाने तनकरें , तो लशीॊ भायकय राळ वभुि भें डार दी जाम।

अबी चूॊक्रक देय थी , भैंने वोचा , राओॊ वन्ध्मा कय रूॊ। ज्मोंशी वन्ध्मा के कभये भें कदभ यखा , भाता जी के ततयॊगे गचत्र ऩय नजय ऩड़ी। भैं भूतत ा-ऩूजक नशीॊ शूॊ , धभा की ओय भेयी प्रलसृ्त्त नशीॊ शै , न कबी कोई व्रत यखता शूॉ , रेक्रकन न जाने क्मो , उव गचत्र को देखकय अऩनी आत्भा भें एक प्रकाळ का अनुबल कयता शूॊ। उन आॊखों भें भुझ ेअफ बी लशी लात्वल्मभम ज्मोतत , लशी दैली आळीलाात मभरता शै, स्जवकी फार-सभतृत अफ बी भेये हृदम को गदगद

भैं

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कय देती शै। लश गचत्र भेये मरए गचत्र नशीॊ , फस्ल्क वजील प्रततभा शै , स्जवने भेयी वसृ्र्षट की शै औय अफ बी भुझ ेजीलन प्रदान कय यशी शै। उव गचत्र को देखकय भैं मकामक चौंक ऩड़ा , जैवे कोई आदभी उव लक्त चोय के कॊ धे ऩय शाथ यख उदे जफ लश वेंध भाय यशा शो। इव गचत्र को योज शी देखा कयता था, ददन भें कई फाय उव ऩय तनगाश ऩड़ती थी ऩय आज भेये भन की जो दळा शुई , लश कबी न शुई थी। क्रकतनी रज्जा औय क्रकतना िोध! भानों लश कश यशी थी , भुझ ेतुझवे ऐवी आळा न थी। भैं उव तयप ताक न वका। पौयन आॊखें झुका री। उन आॊखों के वाभने खड़ ेशोने की दशम्भत भुझ ेन शुई। लश तवलीय की आॊखें न थी , वजील , तीव्र औय ज्लाराभम , हृदम भें ऩैठने लारी , नोकदाय बारे की तयश हृदम भें चुबने लारी आॊखें थी। भुझ ेऐवा भारूभ शुआ , गगय ऩडूॊगा। भैं लशीॊ पळा ऩय फैठ गमा। भेया मवय आऩ शी आऩ झुग गमा। बफल्कुर असातरऩ वे भानो क्रकवी दैली प्रेयणा वे भेये वॊकल्ऩ भें एक भें िास्न्त-वी शो गई। उव वत्म के ऩुतरे , उव प्रकाळ की प्रततभा ने भेयी आत्भा को वजग कय ददमा। भन-भें क्मा –क्मा बाल उत्ऩन्न शुए, क्मा-क्मा वलचाय उठे , इवकी भुझ ेखफय नशीॊ। भैं इतना शी जानता शूॊ क्रक भैं एक वम्भोदशत दळा भें घय वे तनकरा , भोटय तैमाय कयाई औय दव फजे याजा वाशफ की वेला भें जा ऩशुॊचा। भेये मरए उन्शोंने वलळऴे रऩ वे ताकीद कय दी थी। स्जव लक्त चाशूॊ , उनवे मभर वकूॊ । कोई अड़चन न ऩड़ी। भें जाकय नम्र बाल वे फोरा—शुजूय, कुछ अजा कयना चाशता शूॊ।

याजा वाशफ अऩने वलचाय भें इव वभसमा को वुरझाकय इव लक्त इत्भीनान की वाॊव रे यशे थे। भुझ ेदेखकय उन्शें क्रकवी नई उरझन का वॊदेश शुआ। त्मोरयमों ऩय फर ऩड़ गमे , भगय एक शी षण भें नीतत ने वलजम ऩाई , भुसकयाकय फोरे—शाॊ शाॊ, कदशए, कोई खाव फात?

भैंने तनबीक शेाकय कशा—भुणे षभा कीस्जए, भुझवे मश काभ न शोगा।

याजा वाशफ का चेशया ऩीरा ऩड़ गमा , भेयी ओय वलसभत वे देखकय फोरे—इवका भतरफ?

‘भैं मश काभ न कय वकूॊ गा। ‗ ‘क्मों?‘ ‘भुझभें लश वाभर्थमा नशीॊ शै।

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याजा वाशफ ने व्मॊगऩूणा नेत्रों वे देखकय कशा —ळामद आत्भा जागतृ शो गई, क्मो ? लशी फीभायी , जो कामयों औय नाभदों को शुआ कयती शै। अच्छी फात शै, जाओ।

‗शुजूय, आऩ भुझवे नायाज न शों , भैं अऩने भें लश....।‗ याजा वाशफ ने मवॊश की बाॊतत आग्नेम नेत्रों वे देखते शुए गयजकनय कशा—भत फको, नभक... क्रपय कुछ नम्र शोकय फोरे —तुम्शाये बाग्म भें ठोकयें खाना शी मरखा शै। भैंने तुम्शें लश अलवय ददमा था , स्जवे कोई दवूया आदभी दैली लयदान वभझता, भगय तुभने उवकी कि न की। तुम्शायी तकदीय तुभवे क्रपयी शुई शै। शभेळा गुराभी कयोगे औय धक्के खाओगे। तुभ जैवे आदमभमों के मरए गेरए फाने शै। औय कभण्डर तथा ऩशाड़ की गुपा। इव धभा औय अधभा की वभसमा ऩय वलचाय कयने के मरए उवी लैयाग्म की जरयत शै। वॊवाय भदो के मरए शै।

भैं ऩछता यशा था क्रक भैंने ऩशरे शी क्मों न इन्काय कय ददमा।

याजा वाशफ ने एक षण के फाद क्रपय कशा —अफ बी भौका शै , क्रपय वोचों।

भैंने उवी तन:ळक तत्ऩयता के वाथ कशा —शुजूय, भैंने खूफ वोचा मरमा शै।

याजा वाशफ शाठ दाॊतों वे काटकय फोरे —फेशतय शै, जाओॊ औय आज शी यात को भेये याज्म की वीभा के फाशय तनकर जाओ। ळामद कर तुम्शें इवका अलवय न मभरे। भैं न भारूभ क्मा वभझकय तुम्शायी जान फतळी कय यशा शू। न जाने कौन भेये हृदम भें फैठा शुआ तुम्शायी यषा कय यशा शै। भै। इव लक्त अऩने आऩ भें नशीॊ शूॉ , रेक्रकन भुझ ेतुम्शायी ळयापत ऩय बयोवा शै। भुझ ेअफ बी वलश्लाव शै क्रक शइव भाभरे केा तुभ दीलाय के वाभने बी जफान ऩय न राओॊगे।

भैं चुऩके वे तनकर आमा औय यातों-यात याज्म के फाशय ऩशुॊच गमाॊ भैंने उव गचत्र के मवला औय कोई चीज अऩने वाथ न री।

इधय वूमा ने ऩूला की वीभा भें ऩदााऩण क्रकमा , उधय भैं रयमावत की वीभा वे तनकर कयश अॊगे्रजी इराके भें जा ऩशुॊचा।

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—‗वलळार बायत‘, ददवम्फय, १९२०

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दसूरी शादी

फ भैं अऩने चाय वार के रड़के याभवरऩ को गौय वे देखता शूॊ तो ऐवा भारूभ शेाता शे क्रक उवभें लश बोराऩन औय आकऴाण नशीॊ यशा

जो क्रक दो वार ऩशरे था। लश भुझ ेअऩने वुखा औय यॊजीदा आॊखों वे घूयता शुआ नजय आता शै। उवकी इव शारत को देखकय भेया करेजा काॊऩ उठता शै औय भुॊझ ेलश लादा माद आता शै जो भैंने दो वार शुए उवकी भाॊ के वाथ , जफक्रक लश भतृ्मु-ळय्मा ऩय थी , क्रकमा था। आदभी इतना सलाथी औय अऩनी इस्न्िमों का इतना गुराभ शै क्रक अऩना पजा क्रकवी-क्रकवी लक्त शी भशवूव कयता शै। उव ददन जफक्रक डाक्टय नाउम्भीद शो चुके थे , उवने योते शुए भुझवे ऩूछा था , क्मा तुभ दवूयी ळादी कय रोगे ? जरय कय रेना। क्रपय चौंककय कशा, भेये याभ का क्मा फनेगा? उवका तमार यखना , अगय शो वके।

भैंने कशा —शाॊ-शाॊ, भैं लादा कयता शूॊ क्रक भैं कबी दवूयी ळादी न करॊ गा औय याभवरऩ , तुभ उवकी क्रपि न कयो , क्मा तुभ अच्छी न शोगी ? उवने भेयी तयप शाथ पें क ददमा , जैवे कशा , रो अरवलदा। दो मभनट फाद दतुनमा भेयी आॊखों भें अॊधेयी शो गई। याभवरऩ फे-भाॊ का शो गमा। दो-तीन ददन उवकों करेजे वे गचभटामे यखा। आखखय छुट्टी ऩूयी शोने ऩय उवको वऩता जी के वुऩुदा कयके भैं क्रपय अऩनी ड्मूटी ऩय चरा गमा।

दो-तीन भशीने ददर फशुत उदाव यशा। नौकयी की , क्मोंक्रक उवके मवलाम चाया न था। ददर भें कई भॊवूफे फाॊधता यशा। दो-तीन वार नौकयी कयके रऩमा रेकय दतुनमा ााकी वैय को तनकर जाऊॊ गा , मश करॊ गा , लश करॊ गा, अफ कशीॊ ददर नशीॊ रगता।

घय वे खत फयाफय आ यशे थे क्रक पराॊ-पराॊ जफश वे नाते आ यशे शै , आदभी फशुत अच्छे शैं , ल्रड़की अकर की तेज औय खूफवूयत शै , क्रपय ऐवी जगश नशीॊ मभरेगी। आखखय कयना शै शी , कय रो। शय फात भें भेयी याम ऩूछी जाती थी।

रेक्रकन भैं फयाफय इनकाय क्रकमे जाता था। भैं शैयान था क्रक इॊवान क्रकव तयश दवूयी ळादी ऩय आभादा शो वकता शै! जफक्रक उवकी वुन्दय औय

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ऩततप्राणा सत्री को , जो क्रक उवके मरए सलग्र की एक बेंट थी , बगलान ने एक फाय छीन मरमा।

लक्त फीतता गमा। क्रपय माय-दोसतों के तकाजे ळुर शो गमे। कशने रगे, जाने बी दो , औयत ऩैयश की जूती शै , जफ एक पट गई , दवूयी फदर री। सत्री का क्रकतना बमानक अऩभान शै , मश कशकय भैं उनका भुॊश फन्द कय ददमा कयता था। जफ शभायी वोवामटी स्जवका इतना फड़ा नाभ शै , दशन्द ूवलधला को दफुाया ळादी कय रेने की इजाजत नशीॊ देती तो भुझकों ळोंबा नशीॊ देता क्रक भैं दफुाया एक कुॊ लायी वे ळादी कय रूॊाॊ जफ तक मश करॊक शभायी कौभ वे दयू नशीॊ शो जाता , भैं शगगाज , कुॊ लायी तो दयू की फात शै , क्रकवी वलधला वे बी ब्माश न करॊ गा। खमार आमा , चरो नौकयी छोड़कय इवी फात का प्रचाय कयें। रेक्रकन भॊच ऩय अऩने ददर के खमारात जफान ऩय कैवे राऊॊ गा। बालनाओॊ को व्मालशारयक रऩ देने भें , चरयत्र भजफूत फनाने भें , जो कशना उवे कयके ददखाने भें , शभभें क्रकतनी कभी शैं , मश भुझ ेउव लक्त भारूभ शुआ जफक्रक छ: भाश फाद भैंने एक कुॊ लायी रड़की वे ळादी कय री।

घय के रोग खुळ शो यशे थे क्रक चरों क्रकवी तयश भाना। उधय उव ददन भेयी बफयादयी के दो-तीन ऩढे़-मरखें रयश्तेदायों ने डाॊट फताई —तुभ जो कशा कयते थे भैं फेला वे शी ळादी करॊ गा , रम्फा-चौड़ा व्मातमान ददमा कयते थे , अफ लश तभाभ फातें क्रकधय गई ? तुभने तो एक उदाशयण बी न यखा स्जव ऩय शभ चर वकतें भुझ ऩय जैवे घड़ों ऩानी क्रपय गमा। आॊखें खुर गई। जलानी के जोळ भें क्मा कय गुजया। ऩुयानी बालनाएॊ क्रपय उबय आई औय आज बी भैं उन्शीॊ वलचायों भें डूफा शुआ शूॊ।

वोचा था —नौकय रड़के को नशीॊ वम्शार वकता , औयतें शी इव काभ के मरए ठीक शै। ब्माश कय रेने ऩय , जफ औयत घय भें आमेगी तो याभवरऩ को अऩने ऩाव फाशय यख वकूॊ गा आाैय उवका खावा तमार यखूॊगा रेक्रकन लश वफ कुछ गरत अषय की तयश मभट गमा। याभसलरऩ को आज क्रपय लाऩव गाॊल वऩता जी के ऩाव बेजने ऩय भजफूय शूॉ। क्मों , मश क्रकवी वे तछऩा नशीॊ। औयत का अऩने वौतेरे फेटे वे प्माय कयना एक अवम्बल फात शै। ब्माश के भौके ऩय वूना था रड़की फड़ी नेक शैं , सलजनों का खाव तमार

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यखेगी औय अऩने फेटे की तयश वभझगेी रेक्रकन वफ झूठ। औयत चाशे क्रकतनी नेकददर शो लश कबी अऩने वौतेरे फच्चे वे प्माय नशीॊ कय वकती।

औय मश शाददाक दखु लश लादा तोड़ने की वजा शै जो क्रक भैंने एक नेक फीफी वे अवके आखखयी लक्त भें क्रकमा था।

—‗चन्दय‘, मवतम्फय, १९३१

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सौि

फ यस्जमा के दो-तीन फच्चे शोकय भय गमे औय उम्र ढर चरी , तो याभू का प्रेभ उववे कुछ कभ शोने रगा औय दवूये व्माश की धुन

वलाय शुई। आमे ददन यस्जमा वे फकझक शोने रगी। याभू एक-न-एक फशाना खोजकय यस्जमा ऩय बफगड़ता औय उवे भायता। औय अन्त को लश नई सत्री रे शी आमा। इवका नाभ था दावी। चम्ऩई यॊग था , फड़ी-फडी आॊखें , जलानी की उम्र। ऩीरी , कुॊ ळागी यस्जमा बरा इव नलमौलना के वाभने क्मा जाॊचती! क्रपय बी लश जाते शुए सलामभत्ल को , स्जतने ददन शो वके अऩने अगधकाय भें यखना चाशती थी। ततगयते शुए छप्ऩय को थूतनमों वे वम्शारने की चेर्षटा कय यशी थी। इव घय को उवने भय-भयकय फनामा शै। उवे वशज शी भें नशीॊ छोड़ वकती। लश इतनी फेवभझ नशीॊ शै क्रक घय छोड़कय ची जाम औय दावी याज कये।

क ददन यस्जमा ने याभु वे कशा—भेये ऩाव वाड़ी नशीॊ शै , जाकय रा दो।

याभु उवके एक ददन ऩशरे दावी के मरए अच्छी-वी चुॊदयी रामा था। यस्जमा की भाॊग वुनकय फोरा—भेये ऩाव अबी रऩमा नशीॊ था।

यस्जमा को वाड़ी की उतनी चाश न थी स्जतनी याभू औय दमवमा के आनन्द भें वलध्न डारने की। फोरी —रऩमे नशीॊ थे , तो कर अऩनी चशेती के मरए चुॊदयी क्मों रामे? चुॊदयी के फदरे उवी दाभ भें दो वाडड़माॊ राते , तो एक भेये काभ न आ जाती?

याभू ने सलेच्छा बाल वे कशा —भेयी इच्दा , जो चाशूॊगा , करॊ गा , तू फोरने लारी कौन शै ? अबी उवके खाने-खेरने के ददन शै। तू चाशती शैं , उवे अबी वे नोन-तेर की गचन्ता भें डार दूॊ। मश भुझवे न शोगा। तुझ ेओढने-ऩशनने की वाध शै तो काभ कय , बगलान ने क्मा शाथ-ऩैय नशीॊ ददमे। ऩशरे तो घड़ी यात उठकय काभ धॊघे भें रग जाती थी। अफ उवकी डाश भें ऩशय ददन तक ऩड़ी यशती शै। तो रऩमे क्मा आकाळ वे गगयेंगे ? भैं तेये मरए अऩनी जान थोड़ ेशी दे दूॊगा।

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यस्जमा ने कशा—तो क्मा भैं उवकी रौंडी शूॊ क्रक लश यानी की तयश ऩड़ी यशे औय भैं घय का वाया काभ कयती यशूॊ ? इतने ददनों छाती पाड़कय काभ क्रकमा, उवका मश पर मभरा , तो अफ भेयी फरा काभ कयने आती शै।

‗भैं जैवे यखूॊगा, लैवे शी तुझ ेयशना ऩड़गेा।‘ ‗भेयी इच्छा शोगी यशूॊगी , नशीॊ अरग शो जाऊॊ गी। ‘ ‗जो तेयी इचछा शो, कय, भेया गरा छोड़।‘ ‗अच्छी फात शै। आज वे तेया गरा छोड़ती शूॊ। वभझ रूॊगी वलधला शो गई।‘

भु ददर भें इतना तो वभझता था क्रक मश गशृसथी यस्जमा की जोड़ी शुई शैं , चाशे उवके रऩ भें उवके रोचन-वलराव के मरए आकऴाण न

शो। वम्बल था , कुछ देय के फाद लश जाकय यस्जमा को भना रेता , ऩय दावी बी कूटनीतत भें कुळर थी। उवने गम्र रोशे ऩय चोटें जभाना ळूर कीॊ। फोरी—आज देली की क्रकव फात ऩय बफगड़ यशी थी ?

याभु ने उदाव भन वे कशा —तेयी चुॊदयी के ऩीछे यस्जमा भशाबायत भचामे शुए शै। अफ कशती शै , अरग यशूॊगी। भैंने कश ददमा , तेयी जये इच्छा शो कय।

दमवमा ने ऑखें भटकाकय कशा —मश वफ नखये शै क्रक आकय शाथ-ऩाॊल जोड़े, भनालन कयें , औय कुछ नशीॊ। तुभ चुऩचाऩ फैठे यशो। दो-चाय ददन भें आऩ शी गयभी उतय जामेगी। तुभ कुछ फोरना नशीॊ , उवका मभजाज औय आवभान ऩय चढ़ जामगा।

याभू ने गम्बीय बाल वे कशा —दावी, तुभ जानती शो , लश क्रकतनी घभस्ण्डन शै। लश भुॊश वे जो फात कशती शै , उवे कयके छोड़ती शै।

यस्जमा को बी याभू वे ऐवी कृतध्नता की आळा न थी। लश जफ ऩशरे की-वी वुन्दय नशीॊ , इवमरए याभू को अफ उववे प्रेभ नशीॊ शै। ऩुरऴ चरयत्र भें मश कोई अवाधायण फात न थी , रेक्रकन याभू उववे अरग यशेगा , इवका उवे वलश्लाव ाान आता था। मश घय उवी ने ऩैवा-ऩैवा जोड़केय फनलामा। गशृसथी बी उवी की जोड़ी शुई शै। अनाज का रेन-देन उवी ने ळुर क्रकमा। इव घय भें

या

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आकय उवने कौन-कौन वे कर्षट नशीॊ झरेे , इवीमरए तो क्रक ऩौरख थक जाने ऩय एक टुकड़ा चैन वे खामगी औय ऩड़ी यशेगी , औय आज लश इतनी तनदामता वे दधू की भक्खी की तयश तनकारकय पें क दी गई! याभू ने इतना बी नशीॊ कशा —तू अरग नशीॊ यशने ऩामेगी। भैं मा खुद भय जाऊॊ गा मा तुझ ेभाय डारूॊगा , ऩय तुझ ेअरग न शोने दूॊगा। तुझवे भेया ब्माश शुआ शै। शॊवी-ठट्ठा नशीॊ शै। तो जफ याभू को उवकी ऩयलाश नशीॊ शै , तो लश याभू को क्मों ऩयलाश कये। क्मा वबी स्सत्रमों के ऩुरुऴ फैठे शोते शैं। वबी के भाॊ-फाऩ , फेटे-ऩोते शोते शैं। आज उवके रड़के जीते शोते , तो भजार थी क्रक मश नई सत्री राते, औय भेयी मश दगुातत कयते ? इव तनदई को भेये ऊऩय इतनी बी दमा न आई?

नायी-हृदम की वायी ऩयलळता इव अत्माचाय वे वलिोश कयने रगी। लशी आग जो भोटी रकड़ी को सऩळा बी नशीॊ कय वकती , पूव को जराकय बसभ कय देती शै।

वये ददन यस्जमा एक दवूये गाॊल भें चरी गई। उवने अऩने वाथ कुछ न मरमा। जो वाड़ी उवकी देश ऩय थी , लशी उवकी वायी वम्ऩस्त्त थी।

वलधाता ने उवके फारकों को ऩशरे शी छीन मरमा था ! आज घय बी छीन मरमा! याभू उव वभम दावी के वाथ फैठा शुआ आभोद-वलनोद कय यशा था। यस्जमा को जाते देखकय ळामद लश वभझ न वका क्रक लश चरी जा यशी शै। यस्जमा ने मशी वभझा। इव तयश तोयों की बाॊतत लश जाना बी न चाशती थी। लश दावी को उवके ऩतत को औय वाये गाॊल को ददखा देना चाशती थी क्रक लश इव घय वे धेरे की बी चीज नशीॊ रे जा यशी शै। गाॊल लारों की दृस्र्षट भें याभू का अऩभान कयना शी उवका रक्ष्म था। उवके चुऩचाऩ चरे जाने वे तो कुछ बी न शोगा। याभू उरटा वफवे कशेगा , यस्जमा घय की वायी वम्ऩदा उठा रे गई।

उवने याभू को ऩुकायकय कशा —वम्शारो अऩना घय। भैं जाती शूॊ। तुम्शाये घय की कोई बी चीज अऩने वाथ नशीॊ रे जाती।

द ू

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याभू एक षण के मरए कताव्म-भ्रर्षट शो गमा। क्मा कशे , उवकी वभझ भें नशीॊ आमा। उवे आळा न थी क्रक लश मों जामगी। उवने वोचा था , जफ लश घय ढोकय रे जाने रगेगी , तफ लश गाॊल लारों को ददखाकय उनकी वशानुबूतत प्राप्त कयेगा। अफ क्मा कये।

दमवमा फोरी —जाकय गाॊल भें दढॊढोया ऩीट आओ। मशाॊ क्रकवी का डय नशीॊ शै। तु अऩने घय वे रे शी क्मा आई थीॊ , जो कुछ रेकय जाओगी।

यस्जमा ने उवके भुॊश न रगकय याभू शी वे कशा —वनुते शो, अऩनी चशेती की फातें। क्रपय बी भुॊश नशीॊ खुरता। भैं तो जाती शूॊ , रेक्रकन दसवो यानी , तुभ बी फशुत ददन याज न कयोगी। ईश्लय के दयलाय भें अन्माम नशीॊ परता। लश फड़-ेफड़ ेघभस्ण्डमों को घभण्ड चूय कय देते शैं।

दमवमा ठट्ठा भायकय शॊवी , ऩय याभू ने मवय झुका मरमा। यस्जमा चरी गई।

स्जमा स्जव नमे गाॊल भें आई थी , लश याभू के गाॊल वे मभरा शी शुआ था , अतएल मशाॊ के रोग उववे ऩरयगचत शैं। लश कैवी कुळर गदृशणी शै , कैवी

भेशनती, कैवी फात की वच्ची , मश मशाॊ क्रकवी वे तछऩा न था। यस्जमा को भजूयी मभरने भें कोई फाधा न शुई। जो एक रेकय दो का काभ कये , उवे काभ की क्मा कभी?

तीन वार एक यस्जमा ने कैवे काटे , कैवे एक नई गशृसथी फनाई , कैवे खेती ळुर की , इवका फमान कयने फैठें , तो ऩोथी शो जाम। वॊचम के स्जतने भॊत्र शैं , स्जतने वाधन शैं , ले यस्जमा को खूफ भारूभ थे। क्रपय अफ उवे राग शो गई थी औय राग भें आदभी की ळस्क्त का लायाऩाय नशीॊ यशता। गाॊल लारे उवका ऩरयश्रभ देखकय दाॉतों उॊगरी दफाते थे। लश याभू को ददखा देना चाशती शै —भैं तुभवे अरग शोकय बी आयाभ वे यश वकती शूॊ। लश अफ ऩयाधीन नायी नशीॊ शै। अऩनी कभाई खाती शै।

यस्जमा के ऩाव फैरों की एक अच्छी जोड़ी शै। यस्जमा उन्शें केलर खरी-बूवी देकय नशीॊ यश जाती , योज दो-दो योदटमाॉ बी खखराती शै। क्रपय उन्शें घॊटों वशराती। कबी-कबी उनके कॊ धों ऩय मवय यखकय योती शै औय कशती शै ,

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अफ फेटे शो तो , ऩतत शो तो तुम्शीॊ शो। भेयी जार अफ तुम्शाये शी वाथ शै। दोनों फैर ळामद यस्जमा की बाऴा औय बाल वभझते शैं। ले भनुर्षम नशीॊ , फैर शैं। दोनों मवय नीचा कयके यस्जमा का शाथ चाटकय उवे आश्लावन देते शैं। ले उवे देखते शी क्रकतने प्रेभ वे उवकी ओय ताकते रगते शैं , क्रकतने शऴा वे कॊ धा झुराकय ऩय जुला यखलाते शैं औय कैवा जी तोड़ काभ कयते शैं , मश ले रोग वभझ वकते शैं , स्जन्शोंने फैरों की वेला की शै औय उनके हृदम को अऩनामा शै।

यस्जमा इव गाॊल की चौधयाइन शै। उवकी फुवद्ध जो ऩदशरे तनत्म आधाय खोजती यशती थी औय सलच्छन्द रऩ वे अऩना वलकाव न कय वकती थी , अफ छामा वे तनकरकय प्रौढ़ औय उन्नत शो गई शै।

एक ददन यस्जमा घय रौटी , तो एक आदभी ने कशा —तुभने नशीॊ वुना , चौधयाइन, याभू तो फशुत फीभाय शै। वुना दव रॊघन शो गमे शैं।

यस्जमा ने उदावीनता वे कशा —जूड़ी शै क्मा?

‗जूड़ी, नशीॊ , कोई दवूया योग शै। फाशय खाट ऩय ऩड़ा था। भैंने ऩूछा , कैवा जी शै याभू ? तो योने रगा। फुया शार शै। घय भें एक ऩैवा बी नशीॊ क्रक दलादार कयें। दमवमा के एक रड़का शुआ शै। लश तो ऩशरे बी काभ-धन्धा न कयती थी औय अफ तो रड़कोयी शै , कैवे काभ कयने आम। वायी भाय याभू के मवय जाती शै। क्रपय गशने चादशए , नई दरुदशन मों कैवे यशे। ‘ यस्जमा ने घय भें जाते शुए कशा —जो जैवा कयेगा, आऩ बोगेगा।

रेक्रकन अन्दय उवका जी न रगा। लश एक षण भें क्रपय फाशय आई। ळामद उव आदभी वे कुछ ऩूछना चाशती थी औय इव अन्दाज वे ऩूछना चाशती थी, भानो उवे कुछद ऩयलाश नशीॊ शै।

ऩय लश आदभी चरा गमा था। यस्जमा ने ऩूयल-ऩस्च्छभ जा-जाकय देखा। लश कशीॊ न मभरा। तफ यस्जमा द्लाय के चौखट ऩय फैठ गई। इवे ले ळब्द माद आमे , जो उवने तीन वार ऩशरे याभू के घय वे चरते वभम कशे थे। उव लक्त जरन भें उवने लश ळाऩ ददमा था। अफ लश जरन न थी। वभम ने उवे फशुत कुछ ळान्त कय ददमा था। याभू औय दावी की शीनालसथा अफ ईर्षमाा के मोग्म नशीॊ , दमा के मोग्म थी।

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उवने वोचा , याभू को दव रॊघन शो गमे शैं , तो अलश्म शी उवकी दळा अच्छी न शोगी। कुछ ऐवा भोटा-ताजा तो ऩशरे बी न था , दव रॊघन ने तो बफल्कुर शी घुरा डारा शोगा। क्रपय इधय खेती-फायी भें बी टोटा शी यशा। खाने-ऩीने को बी ठीक-ठीक न मभरा शोगा...

ऩड़ोवी की एक सत्री ने आग रेने के फशाने आकय ऩूछा —वुना, याभू फशुत फीभाय शैं जो जैवी कयेगा , लैवा ऩामेगा। तुम्शें इतनी फेददी वे तनकारा क्रक कोई अऩने फैयी को बी न तनकारेगा।

यस्जमा ने टोका —नशीॊ दीदी , ऐवी फात न थी। ले तो फेचाये कुछ फोरे शी नशीॊ। भैं चरी तो मवय झुका मरमा। दमवमा के कशने भें आकय लश चाशे जो कुछ कय फैठे शों , मों भुझ ेकबी कुछ नशीॊ कशा। क्रकवी की फुयाई क्मों करॊ । क्रपय कौन भदा ऐवा शै जो औयजों के फव नशीॊ शो जाता। दमवमा के कायण उनकी मश दळा शुई शै।

ऩड़ोमवन ने आग न भाॊग , भुॊश पेयकय चरी गई।

यस्जमा ने करवा औय यसवी उठाई औय कुएॊ ऩय ऩानी खीॊचने गई। फैरों को वानी-ऩानी देने की फेरा आ गई थी , ऩय उवकी आॊखें उव यासते की ओय रगी शुई थीॊ , जो भरवी (याभू का गाॊल) को जाता था। कोई उवे फुराने अलश्म आ यशा शोगा। नशीॊ , बफना फुरामे लश कैवे जा वकती शै। रोग कशेंगे , आखखय दौड़ी आई न! भगय याभू तो अचेत ऩड़ा शोगा। दव रॊघन थोड़ ेनशीॊ शोते। उवकी देश भें था शी क्मा। क्रपय उवे कौन फुरामेगा ? दमवमा को क्मा गयज ऩड़ी शै। कोई दवूया घय कय रेगी। जलान शै। वौ गाशक तनकर आलेंगे। अच्छा लश आ तो यशा शै। शाॊ, आ यशा शै। कुछ घफयामा-वा जान ऩड़ता शै। कौन आदभी शै , इवे तो कबी भरवी भें नशीॊ देखा , भगय उव लक्त वे भरवी कबी गई बी तो नशीॊ। दो-चाय नमे आदभी आकय फवे शी शोंगे।

फटोशी चुऩचाऩ कुए के ऩाव वे तनकरा। यस्जमा ने करवा जगत ऩय यख ददमा औय उवके ऩाव जाकय फोरी —याभू भशतो ने बेजा शै तुम्शें ? अच्छा तो चरो घय , भैं तुम्शाये वाथ चरती शूॊ। नशीॊ , अबी भुझ ेकुछ देय शै , फैरों को वानी-ऩानी देना शै , ददमा-फत्ती कयनी शै। तुम्शें रुऩमे दे दूॊ , जाकय दमवमा को दे देना। कश देना , कोई काभ शो तो फुरा बेजें।

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फटोशी याभू को क्मा जाने। क्रकवी दवूये गाॊल का यशने लारा था। ऩशरे तो चकयामा , क्रपय वभझ गमा। चुऩके वे यस्जमा के वाथ चरा गमा औय रऩमे रेकय रम्फा शुआ। चरते-चरते यस्जमा ने ऩूछा —अफ क्मा शार शै उनका?

फटोशी ने अटकर वे कशा —अफ तो कुछ वम्शर यशे शैं।

‗दमवमा फशुत यो-धो तो नशीॊ यशी शै?‘

‗योती तो नशीॊ थी।‘ ‗लश क्मों योमेगी। भारूभ शोगा ऩीछे। ‘ फटोशी चरा गमा , तो यस्जमा ने फैरों को वानी-ऩानी क्रकमा , ऩय भन याभू शी की ओय रगा शुआ था। सनेश-सभतृतमाॊ छोटी-छोटी तारयकाओॊ की बाॊतत भन भें उददत शोती जाती थीॊ। एक फाय जफ लश फीभाय ऩड़ी थी , लश फात माद आई। दव वार शो गए। लश कैवे यात-ददन उवके मवयशाने फैठा यशता था। खाना-ऩीना तक बूर गमा था। उवके भन भें आमा क्मों न चरकय देख शी आले। कोई क्मा कशेगा ? क्रकवका भुॊश शै जो कुछ कशे। चोयी कयने नशीॊ जा यशी शूॊ। उव अदभी के ऩाव जा यशी शूॊ , स्जवके वाथ ऩन्िश-फीव वार शी शूॊ। दमवमा नाक मवकोड़गेी। भुझ ेउववे क्मा भतरफ।

यस्जमा ने क्रकलाड़ फन्द क्रकए , घय भजूय को वशेजा , औय याभू को देखने चरी, काॊऩती, खझझकती, षभा का दान मरमे शुए।

भू को थोड़ ेशी ददनों भें भारूभ शो गमा था क्रक उवके घय की आत्भा तनकर गई , औय लश चाशे क्रकतना जोय कये , क्रकतना शी मवय खऩामे ,

उवभें सपूतता नशीॊ आती। दावी वुन्दयी थी , ळौकीन थी औय पूशड़ थी। जफ ऩशरा नळा उतया , तो ठाॊम-ठामॊ ळुर शुई। खेती की उऩज कभ शोने रगी , औय जो शोती बी थी , लश ऊटऩटाॊग खचा शोती थी। ऋण रेना ऩड़ता था। इवी गचन्ता औय ळोक भें उवका सलासर्थम बफगड़ने रगा। ळुर भें कुछ ऩयलाश न की। ऩयलाश कयके शी क्मा कयता। घय भें ऩैवे न थे। अताइमों की गचक्रकत्वा ने फीभायी की जड़ औय भजफूत कय दी औय आज दव-फायश ददन वे उवका दाना-ऩानी छूट गमा था। भौत के इन्तजाय भें खाट ऩय ऩड़ा कयाश

या

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यशा था। औय अफ लश दळा शो गई थी जफ शभ बवलर्षम वे तनस्श्चन्त शोकय अतीत भें वलश्राभ कयते शैं , जैवे कोई गाड़ीद आगे का यासता फन्द ऩाकय ऩीछे रौटे। यस्जमा को माद कयके लश फाय-फाय योता औय दावी को कोवता —तेये शी कायण भैंने उवे घय वे तनकारा। लश क्मा गई , रक्ष्भी चरी गई। भैं जानता शूॊ , अफ बी फुराऊॊ तो दौड़ी आमेगी , रेक्रकन फुराऊॊ क्रकव भुॊश वे! एक फाय लश आ जाती औय उववे अऩने अऩयाध षभा कया रेती , क्रपय भैं खुळी वे भयता। औय रारवा नशीॊ शै।

वशवा यस्जमा ने आकय उवके भाथे ऩय शाथ यखते शुए ऩूछा —कैवा जी शै तुम्शाया? भुझ तो आज शार मभरा।

याभू ने वजर नेत्रों वे उवे देखा , ऩय कुछ कश न वका। दोनों शाथ जोड़कय उवे प्रणाभ क्रकमा , ऩय शाथ जुड़ ेशी यश गमे, औय आॊख उरट गई।

ळ घय भें ऩड़ी थी। यस्जमा योती थी , दमवमा गचस्न्तत थी। घय भें रऩमे का नाभ नशीॊ। रकड़ी तो चादशए शी , उठाने लारे बी जरऩान

कयेंगे शी, कपन के फगैय राळ उठेगी कैवे। दव वे कभ का खचा न था। मशाॊ घय भें दव ऩैवे बी नशीॊ। डय यशी थी क्रक आज गशन आपत आई। ऐवी कीभती बायी गशने शी कौन थे। क्रकवान की बफवात शी क्मा , दो-तीन नग फेचने वे दव मभर जाएॊगे। भगय औय शो शी क्मा वकता शै। उवने चोधयी के रड़के को फुराकय कशा—देलय जी, मश फेड़ा कैवे ऩाय रागे! गाॊल भें कोई धेरे का बी वलश्लाव कयने लारा नशीॊ। भेये गशने शैं। चौधयी वे कशो , इन्शें गगयों यखकय आज का काभ चराएॊ , क्रपय बगलान ्भामरक शै।

‗यस्जमा वे क्मों नशीॊ भाॊग रेती। ‘ वशवा यस्जमा आॊखें ऩोंछती शुई आ तनकरी। कान भें बनक ऩड़ी। ऩूछा—क्मा शै जोखूॊ , क्मा वराश कय यशे शो ? अफ मभट्टी उठाओगे क्रक वराश की फेरा शै?

‗शाॊ, उवी का वयॊजाभ कय यशा शूॊ। ‘ ‗रुऩमे-ऩैवे तो मशाॊ शोंगे नशीॊ। फीभायी भें खयच शो गए शोंगे। इव फेचायी को तो फीच भॊझधाय भें राकय छोड़ ददमा। तुभ रऩक कय उव घय

रा

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चरे जाओ बैमा! कौन दयू शै , कुॊ जी रेते जाओ। भॊजूय वे कशना , बॊडाय वे ऩचाव रुऩमे तनकार दे। कशना , ऊऩय की ऩटयी ऩय यखे शैं। ‘ लश तो कुॊ जी रेकय उधय गमा , इधय दमवमा याजो के ऩैय ऩकड़ कय योने रगी। फशनाऩे के मे ळब्द उवके हृदम भें ऩैठ गए। उवने देखा , यस्जमा भें क्रकतनी दमा, क्रकतनी षभा शै।

यस्जमा ने उवे छाती वे रगाकय कशा —क्मों योती शै फशन ? लश चरा गमा। भैं तो शूॊ। क्रकवी फात की गचन्ता न कय। इवी घय भें शभ औय तुभ दोनों उवके नाभ ऩय फैठेंगी। भैं लशाॊ बी देखूॊगी मशाॊ बी देखूॊगी। धाऩ-बय की फात शी क्मा? कोई तुभवे गशने-ऩाते भाॊगे तो भत देना।

दमवमा का जी शोता था क्रक मवय ऩटक कय भय जाम। इवे उवने क्रकतना जरामा, क्रकतना रुरामा औय घय वे तनकार कय छोडा।

यस्जमा ने ऩूछा —स्जव-स्जव के रुऩमे शों , वूयत कयके भुझ ेफता देना। भैं झगड़ा नशीॊ यखना चाशती। फच्चा दफुरा क्मों शो यशा शै ?

दमवमा फोरी —भेये दधू शोता शी नशीॊ। गाम जो तुभ छोड़ गई थीॊ , लश भय गई। दधू नशीॊ ऩाता।

‗याभ-याभ! फेचाया भुयझा गमा। भैं कर शी गाम राऊॊ गी। वबी गशृसथी उठा राऊॊ गी। लशाॊ कमा यक्खा शै। ‘

राळ वे उठी। यस्जमा उवके वाथ गई। दाशकभा क्रकमा। बोज शुआ। कोई दो वौ रुऩमे खचा शो गए। क्रकवी वे भाॊगने न ऩड़।े

दमवमा के जौशय बी इव त्माग की आॊच भें तनकर आमे। वलरामवनी वेला की भूतता फन गई।

ज याभू को भये वात वार शुए शैं। यस्जमा घय वम्बारे शुए शै। दमवमा को लश वौत नशीॊ , फेटी वभझती शै। ऩशरे उवे ऩशनाकय तफ

आऩ ऩशनती शैं उवे खखराकय आऩ खाती शै। जोखूॊ ऩढ़ने जाता शै। उवकी वगाई की फातचीत ऩक्की शो गई। इव जातत भें फचऩन भें शी ब्माश शो जाता शै। दमवमा ने कशा —फशन गशने फनला कय क्मा कयोगी। भेये गशने तो धये शी शैं।

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यस्जमा ने कशा —नशीॊ यी , उवके मरए नमे गशने फनलाऊॊ गी। उबी तो भेया शाथ चरता शैं जफ थक जाऊॊ , तो जो चाशे कयना। तेये अबी ऩशनने-ओढ़ने के ददन शैं, तू अऩने गशने यशने दे।

नाइन ठकुयवोशाती कयके फोरी —आज जोखूॊ के फाऩ शोते , तो कुछ औय शी फात शोती।

यस्जमा ने कशा —ले नशीॊ शैं , तो भैं तो शूॊ। ले स्जतना कयते , भैं उवका दगूा करॊ गी। जफ भैं भय जाऊॊ , तफ कशना जोखूॊ का फाऩ नशीॊ शै! ब्माश के ददन दमवमा को योते देखकय यस्जमा ने कशा —फशू, तुभ क्मों योती शो? अबी तो भैं जीती शूॊ। घय तुम्शाया शैं जैवे चाशो यशो। भुझ ेएक योटी दे दो , फव। औय भुझ ेक्मा कयना शै। भेया आदभी भय गमा। तुम्शाया तो अबी जीता शै।

दमवमा ने उवकी गोद भें मवय यख ददमा औय खूफ योई —जीजी, तुभ भेयी भाता शो। तुभ न शोतीॊ , तो भैं क्रकवके द्लाय ऩय खड़ी शोती। घय भें तो चूशे रोटते थे। उनके याज भें भुझ ेदखु शी दखु उठाने ऩड़।े वोशाग का वुख तो भुझ ेतुम्शाये याज भें मभरा। भैं दखु वे नशीॊ योती , योती शूॊ बगलान ्की दमा ऩय क्रक कशाॊ भैं औय कशाॊ मश खुळशारी!

यस्जमा भुसकया कय यो दी।

--‗वलळार बायत‘, ददवम्फय, १९३९

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देवी

ढ़ों भें जो एक तयश की फच्चों की-वी फेळभी आ जाती शै लश इव लक्त बी तुमरमा भें न आई थी , मद्मवऩ उवके मवय के फार चाॊदी शो गमे थे।

औय गार रटक कय दाढ़ों के नीचे आ गमे थे। लश खुद बी तनस्श्चत रऩ वे अऩनी उम्र न फता वकती थी , रेक्रकन रोगों का अनुभान था क्रक लश वौ की वीभा को ऩाय कय चुकी शै। औय अबी तक चरती तो अॊचर वे मवय दाॊककय, आॊखें नीची क्रकमे शुए , भानो नलेरी फशू शै। थी तो चभारयन , ऩय क्मा भजार क्रक क्रकवी घय का ऩकलान देखकय उवका जी ररचामा। गाॊल भें ऊॊ ची जातों के फशुत-वे घय थे। तुमरमा का वबी जगश आना-जाना था। वाया गाॊल उवकी इज्जत कयता था औय गदृशखणमाॊ तो उवे श्रद्धा की आॊखों वे देखती थीॊ। उवे आग्रश के वाथ अऩने घय फुरातीॊ , उवके मवय भें तेर डारतीॊ , भाॊग भें वेंदयू बयती , कोई अच्छी चीज ऩकाई शोती , जैवे शरला मा खीय मा ऩकौडड़माॊ, तो उवे खखराना चाशतीॊ , रेक्रकन फुदढ़मा को जीब वे वम्भान कशीॊ प्माया था। कबी न खाती। उवके आगे-ऩीछे कोई न था। उवके टोरे के रोग कुछ तो गाॊल छोड़कय बाग गमे थे , कुछ प्रेग औय भरेरयमा की बेंट शो गमे थे औय अफ थोड़-ेवे खॊडशय भानो उनकी माद भें नॊगे मवय खड़ ेछाती-वी ऩीट यशे थे। केलर तुमरमा की भॊड़ैमा शी स्जन्दा फच यशी थी , औय मद्मवऩ तुमरमा जीलन-मात्रा की उव वीभा के तनकट ऩशुॊच चुकी थी , जशा आदभी धभा औय वभाज के वाये फन्धनों वे भुक्त शो जाता शैं औय अफ शे्रर्षठ प्राखणमों को बी उववे उवकी जात के कायण कोई बेद न था , वबी उवे अऩने घय भें आश्रम देने को तैमाय थे , ऩय भान-वप्रम फुदढ़मा क्मों क्रकवी का एशवान रे , क्मों अऩने भामरक की इज्जत भें फट्टा रगामे , स्जवकी उवने वौ फयव ऩशरे केलर एक फाय वूयत देखी थी। शाॊ , केलर एक फाय! तुस्जमा की जफ वगाई शुई तो लश केलर ऩाॊच वार की थी औय उवका ऩतत अठायश वार का फमरर्षठ मुलक था। वललाश कयके लश कभाने ऩूयफ चरा गमा। वोचा , अबी इव रड़की के जलान शोने भें दव-फायश वार की देय शै। इतने ददनों भें क्मों न कुछ धन कभा रूॊ औय क्रपय तनस्श्चन्त

फू

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शोकय खेती-फायी करॊ । रेक्रकन तुमरमा जलान बी शुई , फूढ़ी बी शो गई , लश रौटकय घय न आमा। ऩचाव वार तक उवके खत शय तीवये भशीने आते यशे। खत के वाथ जलाफ के मरए एक ऩता मरखा शुआ मरपापा बी शोता था औय तीव रुऩमे का भनीआडाय। खत भें लश फयाफय अऩनी वललळता , ऩयाधीनता औय दबुााग्म का योना योता था —क्मा करॊ तूरा , भन भें तो फड़ी अमबराऴा शै क्रक अऩनी भॊड़ैमा को आफाद कय देता औय तुम्शाये वाथ वुख वे यशता, ऩय वफ कूछ नवीफ के शाथ शै , अऩना कोई फव नशीॊ। जफ बगलान रालेंगे तफ आऊॊ गा। तुभ धीयज यखना , भेये जीते जी तुम्शें कोई कर्षट न शोगा। तुम्शायी फाॊश ऩकड़ी शै तो भयते दभ तक तनफाश करॊ गा। जफ आॊखें फन्द शो जाएॊगी तफ क्मा शोगा , कौन जाने ? प्राम: वबी ऩत्रों भें थोड़-ेवे-पेय-पाय के वाथ मशी ळब्द औय मशी बाल शोते थे। शाॊ , जलानी के ऩत्रों भें वलयश की जो ज्लारा शोती थी , उवकी जगश अफ तनयाळा की याख शी यश गई थी। रेक्रकन तुमरमा के मरए वबी ऩत्र एक-वे प्माये थे , भानो उवके हृदम के अॊग शों। उवने एक खत बी कबी न पाड़ा था —ऐवे ळगुन के ऩत्र कशीॊ पाड़ ेजाते शैं—उनका एक छोटा-वा ऩोथा जभा शो गमा था। उनके कागज का यॊग उड़ गमा था , समाशी बी उड़ गई थी , रेक्रकन तुमरमा के मरए ले अबी उतने शी वजील, उतने शी वतरृ्षण , उतने शी व्माकुर थे। वफ के वफ उवकी ऩेटायी भें रार डोये वे फॊधे शुए , उवके दीघा जीलन वे वॊगचत वोशाग की बाॊतत , यखे शुए थे। इन ऩत्रों को ऩाकय तुमरमा गद्गद शो जाती। उवके ऩाॊल जभीन ऩय न ऩड़ते, उन्शें फाय-फाय ऩढ़लाती औय फाय-फाय योती। उव ददन लश अलश्म केळों भें तेर डारती , मवन्दयू वे भाॊग बयलाती , यॊगीन वाड़ी ऩशनती , अऩनी ऩुयखखनों के चयन छूती औय आळीलााद रेती। उवका वोशाग जाग उठता था। गाॊल की बफयदशतनमों के मरए ऩत्र ऩत्र नशीॊ , जो ऩढ़कय पें क ददमा जाता शै , अऩने प्माये ऩयदेवी के प्राण शैं , देश वे भूल्मलान। उनभें देश की कठोयता नशीॊ, करुऴता नशीॊ , आत्भा की आकुरता औय अनुयाग शै। तुमरमा ऩतत के ऩत्रों शी को ळामद ऩतत वभझती थी। ऩतत का कोई दवूया रऩ उवने कशाॊ देखा था?

यभखणमाॊ शॊवी वे ऩूछती —क्मों फुआ , तुम्शें पूपा की कुछ माद आती शै—तुभने उनको देखा तो शोगा ? औय तुमरमा के झुरयॊमों वे बये शुए

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भुखभण्डर ऩय मौलन चभक उठता , आॊखों भें रारी आ जाती। ऩुरककय कशती—माद क्मों नशीॊ आती फेटा , उनकी वूयत तो आज बी भेयी आॊखें के वभाने शैं फड़ी-फड़ी आॊखें , रार-रार ऊॊ चा भाथा , चौड़ी छाती , गठी शुई देश , ऐवा तो अफ मशाॊ कोई ऩट्ठा शी नशीॊ शै। भोततमों के-वे दाॊत थे फेटा। रार-रार कुयता ऩशने शुए थे। जफ ब्माश शो गमा तो भैंने उनवे कशा , भेये मरए फशुत-वे गशने फनलाओगे न , नशीॊ भैं तुम्शाये घय नशीॊ यशूॊगी। रड़कऩन था फेटा, वयभ-मरशाज कुछ थोड़ा शी था। भेयी फात वुनकय लश फड़ ेजोय वे ठट्ठा भायकय शॊवे औय भुझ ेअऩने कॊ धे ऩय फैठाकय फोरे —भैं तुझ ेगशनों वे राद दूॊगा, तुमरमा, क्रकतने गशने ऩशनेगी। भैं ऩयदेव कभाने जाता शूॊ , लशाॊ वे रुऩमे बेजूॊगा, तू फशुत-वे गशने फनलाना। जफ लशाॊ वे आऊॊ गा तो अऩने वाथ बी वन्दकू-बय गशने राऊॊ गा। भेया डोरा शुआ था फेटा , भाॊ-फाऩ की ऐवी शैमवमत कशाॊ थी क्रक उन्शें फायात के वाथ अऩने घय फुरातें उन्शीॊ के घय भेयी उनवे वगाई शुई औय एक शी ददन भें भुझ ेलश कुछ ऐवे बामे क्रक जफ लश चरने रगे तो भैं उनके गरे मरऩट कय योती थी औय कशती थी क्रक भुझ ेबी अऩने वाथ रे चरो , भैं तुम्शाया खाना ऩकाऊॊ गी , तुम्शायी खाट बफछाऊॊ गी , तुम्शायी धेती छाॊटूगी। लशाॊ उन्शीॊ के उभय के दो-तीन रड़के औय फैठे शुए थे। उन्शीॊ के वाभने लश भुसकया कय भेये कान भें फोरे —औय भेये वाथ वोमेगी नशीॊ ? फव, भैं उनका गरा छोड़कय अरग खड़ी शो गई औय उनके ऊऩय एक कॊ कड़ पेककय फोरी—भुझ ेगारी दोगे तो कशे देती शूॊ , शाॊ! औय मश जीलन-कथा तनत्म के वुमभयन औय जाऩ वे जीलन-भन्त्र फन गमी थी। उव वभम कोई उवका चेशया देखता! खखरा ऩड़ता था। घूॊघट तनकारकय बाल फताकय , भुॊश पेयकय शॊवती शुई , भानो उवके जीलन भें दखु जैवी कोई चीज शै शी नशीॊ। लश अऩने जीलन की इव ऩुण्म सभतृत का लणान कयती, अऩने अन्तसतर के इव प्रकाळ को देळााती जो वौ फयवों वे उवके जीलन-ऩथ को काॊटों औय गढ़ों वे फचाता आता था। कैवी अनन्त अमबराऴा था, स्जवे जीलन-वत्मों ने जया बी धूमभर न कय ऩामा था।

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श ददन बी थे , जफ तुमरमा जलान थी , वुॊदय थी औय ऩतॊगों को उवके रऩ-दीऩक ऩय भॊछयाने का नळा वलाय था। उनके अनुयाग औय उन्भाद

तथा वभऩाण की कथाएॊ जफ लश काॊऩते शुए सलयों औय वजर नेत्रों वे कशती तो ळामद उन ळशीॊदों की आत्भाएॊ सलगा भें आनन्द वे नाच उठती शोंगी , क्मोंक्रक जीते जी उन्शें जो कुछ न मभरा लशी अफ तुमरमा उन ऩय दानों शाथों वे तनछालय कय यशी थी। उवकी उठती शुई जलानी थी। स्जधय वे तनकर जाती मुलक वभाज करेजे ऩय शाथ यखकय यश जाता। तफ फॊवीमवॊश नाभ का एक ठाकुय था , फड़ा छैरा , फड़ा यमवमा , गाॊल का वफवे भनचरा जलान , स्जवकी तान यात के वन्नाटे भें कोव-बय वे वुनामी ऩड़ती थी। ददन भें वैकड़ों फाय तुमरमा के घय के चक्कय रगाता। ताराफ के क्रकनाये , खेत भें , खमरशान भें , कुॊ ए ऩय , जशाॊ लश जाती , ऩयछाईं की तयश उवके ऩीछे रगा यशता। कबी दधू रेकय उवके घय आता , कबी घी रेकय। कशता , तुमरमा , भैं तुझवे कुछ नशीॊ चाशता , फव जो कुछ भैं तुझ ेबेंट क्रकमा करॊ , लश रे मरमा कय। तू भुझवे नशीॊ फोरना चाशती भत फोर , भेया भुॊश नशीॊ देखना चाशती , भत देख रेक्रकन भेये चढ़ालों को ठुकया भत। फव , भैं इवी वे वन्तुर्षठ शो जाऊॊ गा। तुमरमा ऐवी बोरी न थी , जानती थी मश उॊगरी ऩकड़ने की फातें शैं , रेक्रकन न जाने कैवे लश एक ददन उवके धोखे भें आ गमी —नशीॊ, धोखे भें नशीॊ आमी —उवकी जलानी ऩय उवे दमा आ गमी। एक ददन लश ऩके शुए करभी आभों की एक टोकयी रामा! तुमरमा ने कबी करभी आभ न खामे थे। टोकयी उववे रे री। क्रपय तो आमे ददन आभ की डमरमाॊ आने रगीॊ। एक ददन जफ तुमरमा टोकयी रेकय घय भें जाने रगी तो फॊवी ने धीये वे उवका शाथ ऩकड़कय अऩने वीने ऩय यख मरमा औय चट उवके ऩैयों ऩय गगय ऩड़ा। क्रपय फोरा —तुमरमा, अगाय अफ बी तुझ ेभुझ ऩय दमा नशीॊ आती तो आज भुझ ेभाय डार। तेये शाथों वे भय जाऊॊ , फव मशी वाध शै।

तुमरमा न टोकयी ऩटक दी , अऩने ऩाॊल छुड़ाकय एक ऩग ऩीछे शट गमी ओय योऴबयी आॊखों वे ताकती शुई फोरी —अच्छा ठाकुय , अफ मशाॊ वे चरे जाल, नशीॊ तो मा तो तुभ न यशूॊगी। तुम्शाये आभों भें आग रगे , औय तुभको क्मा कशूॊ! भेया आदभी कारे कोवों भेये नाभ ऩय फैठा शुआ शै इवीमरए क्रक भैं मशाॊ उवके वाथ कऩट करॊ ! लश भदा शै , चाय ऩेवे कभाता शै , क्मा लश दवूयी

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न यख वकता था ? क्मा औयतों की वॊवाय भें कभी शै ? रेक्रकन लश भेये नाभ ऩय चाशे न शो। ऩढ़ोगे उवकी गचदट्ठमाॊ जो भेये नाभ बेजता शै ? आऩ चाशे स्जव दळा भें शो , भैं कौन मशाॊ फेठी देखती शूॊ , रेक्रकन भेये ऩाव फयाफय रुऩमे बेजता शै। इवीमरए क्रक भैं मशाॊ दवूयों वे वलशाय करॊ ? जफ तक भुझको अऩनी औय अऩने को भेया वभझता यशेगा , तुमरमा उवी की यशेगी , भन वे बी, कयभ वे बी। जफ उववेभेया ब्माश शुआ तफ भैं ऩाॊच वार की अल्शड़ छोकयी थी। उवने भेये वाथ कौन-वा वुख उठामा ? फाॊश ऩकड़ने की राज शी तो तनबा यशा शै! जफ लश भदा शोकय प्रीत तनबाता शै तो भैं औयत शोकय उवके वाथ दगा करॊ !

मश कशकय लश बीतय गमी औय ऩत्रों की वऩटायी राकय ठाकुय के वाभने ऩटक दी। भगय ठाकुय की आॊखों का ताय फॊधा शुआ था , ओठ बफचके जा यशे थे। ऐवा जान ऩड़ता था क्रक बूमभ भें धॊवा जा यशा शै।

एक षण के फाद उवने शाथ जोड़कय कशा —भुझवे फशुत फड़ा अऩयाध शो गमा तुमरमा। भैंने तुझ ेऩशचाना न था। अफ इवकी मशी वजा शै क्रक इवी षण भुझ ेभाय डार। ऐवे ऩाऩी का उद्लाय का मशी एक भागा शै।

तुमरमा को उव ऩय दमा नशीॊ आमी। लश वभझती थी क्रक मश अबी तक ळयायत क्रकमे जाता शै। झल्राकय फोरी —भयने को जी चाशता शै तो भय जाल। क्मा वॊवाय भें कुए-ताराफ नशीॊ , मा तुम्शाये ऩाव तरलाय-कटाय नशीॊ शै। भैं क्रकवी को क्मों भारॊ ?

ठाकुय ने शताळ आॊखों वे देखा।

―तो मशी तेया शुक्भ शै?‖

‗भेया शुक्भ क्मों शोने रगा? भयने लारे क्रकवी वे शुक्भ नशीॊ भाॊगते। ‘ ठाकुय चरा गमा औय दवूये ददन उवकी राळ नदी भें तैयती शुई मभरी। रोगों ने वभझा तड़के नशाने आमा शोगा , ऩाॊल क्रपवर गमा शोगा। भशीनों तक गाॊल भें इवकी चचाा यशी , ऩय तुमरमा ने जफान तक न खोरी , उधय का आना-जाना फन्द कय ददमा।

फॊवीमवॊश के भयते शी छोटे बाई ने जामदाद ऩय कब्जा कय मरमा औय उवकी सत्री औय फारक को वताने रगा। देलयानी ताने देती , देलय ऐफ रगाता। आखखयॊ अनाथ वलधला एक ददन स्जन्दगी वे तॊग आकय घय वे

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तनकर ऩड़ी। गाॊल भें वोता ऩड़ गमा था। तुमरमा बोजन कयके शाथ भें रारटेन मरमे गाम को योटी खखराने तनकरी थी। प्रकाळ भें उवने ठकुयाइन को दफे ऩाॊल जाते देखा। मववकती औय अॊचर वे आॊवु ऩोंछती जाती थी। तीन वार का फारक गोद भें था।

तुमरमा ने ऩूछा —इतनी यात गमे कशाॊ जाती शो ठकुयाइन ? वुनो , फात क्मा शै, तुभ तो यो यशी शो।

ठकुयाइन घय वे जा तो यशी थी , ऩय उवे खुद न भारूभ था कशाॊ। तुमरमा की ओय एक फाय बीत नेत्रों वे देखकय बफना कुछ जलाफ ददमे आगे फढ़ी। जलाफ कैवे देती ? गरे भें तो आॊवू बये शुए थे औय इव वभम न जाने क्मों औय उभड़ आमे थे।

तुमरमा वाभने आकय फोरी —जफ तक तुभ फता न दोगी , भैं एक ऩग बी आगे न जाने दूॊगी।

ठकुयाइन खड़ी शो गमी औय आॊवू-बयी आॊखों वे िोध भें बयकय फोरी—तू क्मा कयेगी ऩूछकय? तुझवे भतरफ?

‗भुझवे कोई भतरफ शी नशीॊ? क्मा भैं तुम्शाये गाॊल भें नशीॊ यशती ? गाॊल लारे एक-दवूये के दखु-ददा भें वाथ न देंगे तो कौन देगा ?‘

‗इव जभाने भें कौन क्रकवका वाथ देता शै तुमरमा ? जफ अऩने घयलारों ने शी वाथ नशीॊ ददमा औय तेये बैमा के भयते शी भेये खून के प्मावे शो गमे , तो क्रपय भैं औय क्रकववे आळा यखूॊ ? तुझवे भेये घय का शार कुछ तछऩा शै ? लशाॊ भेये मरए अफ जगश नशीॊ शै। स्जव देलय-देलयानी के मरए भैं प्राण देती थी, लशी अफ भेये दशु्भन शैं। चाशते शैं क्रक मश एक योटी खाम औय अनाथों की तयश ऩड़ी यशे। भैं यखेरी नशीॊ शूॊ उढ़यी शूॊ , ब्माशता शूॊ , दव गाॊल के फीच भें ब्माश के आमी शूॊ। अऩनी यत्ती-बी जामदाद न छोडूॊगी ओय अऩना याधा रेकय यशूॊगी।‘ ‗तेये बैमा‘, मे दो ळब्द तुमरमा को इतने प्माये रगे क्रक उवने ठकुयाइन को गरे रगा मरमा ओय उवका शाथ ऩकड़कय फोरी —तो फदशन , भेये घय भें चरकय यशो। औय कोई वाथ दे मा न दे , तुमरमा भयते दभ तक तुम्शाया वाथ देगी। भेया घय तुम्शाये रामक नशीॊ शै , रेक्रकन घय भें औय कुछ नशीॊ ळास्न्त तो शै औय भैं क्रकतनी शी नीच शूॊ , तुम्शायी फदशन तो शूॊ।

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ठकुयाइन ने तुमरमा के चेशये ऩय अऩनी वलसभम-बयी आॊखें जभा दीॊ।

‗ऐवा न शो भेये ऩीछे भेया देलय तुम्शाया बी दशु्भन शो जाम। ‘ ‗भैं दशु्भनों वे नशीॊ डयती , नशीॊ इव टोरे भें अकेरी न यशती। ‘ ‗रेक्रकन भैं तो नशीॊ चाशती क्रक भेये कायन तुझ ऩय आपत आले। ‘ ‗तो उनवे कशने शी कौन जाता शै , औय क्रकवे भारूभ शोगा क्रक अन्दय तुभ शो।‘ ठकुयाइन को ढाढ़व फॊधा। वकुचाती शुई तुमरमा के वाथ अन्दय आमी। उवका हृदम बायी था। जो एक वलळार ऩक्के की सलामभनी थी , आज इव झोऩड़ी भें ऩड़ी शुई शै।

घय भें एक शी खाट थी , ठकुयाइन फच्चे के वाथ उव ऩय वोती। तुमरमा जभीन ऩय ऩड़ यशती। एक शी कम्फर था , ठकुयाइन उवको ओढ़ती , तुमरमा टाट का टुकड़ा ओढ़कय यात काटती। भेशभान का क्मा वत्काय कये , कैवे यक्खे , मशी वोचा कयती। ठकुयाइन के जुठे फयतन भाॊजना , कऩड़ ेछाॊटना, उवके फच्चे को खखराना मे वाये काभ लश इतने उभॊग वे कयती , भानो देली की उऩावना कय यशी शो। ठकुयाइन इव वलऩस्त्त भें बी ठकुयाइन थी, गवलाणी, वलराववप्रम , कल्ऩनाशीन। इव तयश यशती थी भानो उवी का घय शै औय तुमरमा ऩय इव तयश योफ जभाती थी भानो लश उवकी रौंडी शै। रेक्रकन तुमरमा अऩने अबागे प्रेभी के वाथ प्रीतत की यीतत का तनफाश कय यशी थी, उवका भन कबी न भैरा शोता , भाथे ऩय कबी न फर ऩड़ता।

एक ददन ठकुयाइन ने कशा —तुरा, तुभ फच्चे को देखती यशना , भैं दो-चाय ददन के मरए जया फाशय जाऊॊ गी। इव तयश तो मशाॊ स्जन्दगी-बय तुम्शायी योटीमाॊ तोड़ती यशूॊगी , ऩय ददर की आग कैवे ठण्डी शोगी ? इव फेशमा को इवकी जार कशाॊ क्रक उवकी बालज कशाॊ चरी गमी। लश तो ददर भें खुळ शोगा क्रक अच्छा शुआ उवके भागा का काॊटा शट गमा। ज्मों शी ऩता चरा क्रक भैं अऩने भैके नशीॊ गमी , कशीॊ औय ऩड़ी शूॊ , लश तुयन्त भुझ ेफदनाभ कय देगा औय तफ वाया वभाज उवी का वाथ देगा। अफ भुझ ेकुछ अऩनी क्रपि कयनी चादशए।

तुमरमा ने ऩूछा —कशाॊ जाना चाशती शो फदशन ? कोई शजा न शो तो भैं बी वाथ चरूॊ। अकेरी कशाॊ जाओगी ?

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‗उव वाॊऩ को कुचरने के मरए कोई राठी खोजूॊगी। ‘ तुमरमा इवका आळक न वभझ वकी। उवके भुख की ओय ताकने रगी।

इकुयाइन ने तनराज्ज्ता के वाथ कशा —तू इतनी भोटी-वी फात बी नशीॊ वभझी! वाप-वाप शी वुनना चाशती शै ? अनाथ सत्री के ऩाव अऩनी यषा का अऩने रऩ के मवला दवूया कौन असत्र शै ? अफ उवी असत्र वे काभ रूॊगी। जानती शै , इव रऩ के क्मा दाभ शोंगे ? इव बेडड़मे का मवय। इव ऩयगने का शाक्रकभ जो कोई बी शो उवी ऩय भेया जाद ूचरेगा। औय ऐवा कौन भदा शै जो क्रकवी मुलती के जाद ूवे फच वके , चाशे लश ऋवऴ शी क्मों न शो। धभा जाता शै जाम , भुझ ऩयलाश नशीॊ। भैं मश नशीॊ देख वकती क्रक भैं फन-फन की ऩस्त्तमाॊ तोडूॊ औय लश ळोशदा भूॊछों ऩय ताल देकय याज कये।

तुमरमा को भारूभ शुआ क्रक इव अमबभातननी के हृदम ऩय क्रकनी गशयी चोट शैं इव व्मथा को ळान्त कयने के मरए लश जान शी ऩय नशीॊ खेर यशी शै , धभा ऩय खेर यशी शै स्जवे लश प्राणों वे बी वप्रम वभझती शै। फॊवीमवॊश की लश प्राथी भूतता उवकी आॊखों के वभाने आ खड़ी शुई। लश फमरर्षठ था , अऩनी पौरादी ळस्क्त वे लश फड़ी आवानी के वाथ तुमरमा ऩय फर प्रमोग कय वकता था , ओय उव यात के वन्नाटे भें उव आनाथा की यषा कयने लारा शी कौन फैठा शुआ था। ऩय उवकी वतीत्ल-बयी बत्वाना ने फॊवीमवॊश को क्रकव तयश भोदशत कय मरमा , जैवे कोई कारा बमॊकय नाग भशुअय का वुयीरा याग वुनकय भसत शो गमा शो। उवी वच्चे वूयभा की कुरी-भमाादा आज वॊकट भें शै। क्मा तुमरमा उव भामाादा को रुटने देगी औय कुछ न कयेगी ? नशीॊ-नशीॊ! अगय फॊवीमवॊश ने उवके वत ्को अऩने प्राणों वे वप्रम वभझा तो लश बी उवकी आफर को अऩने धभा वे फचामेगी।

उवने ठकुयाइन को तवल्री देते शुए कशा —अबी तुभ कशीॊ भत जाओ फदशन ऩशरे भुझ ेअऩनी ळस्क्त आजभा रेने दो। भेयी आफर चरी बी गमी तो कौन शॊवेगा। तुम्शायी आफर के ऩीछे तो एक कुर की आफर शै।

ठकुयाइन ने भुसकयाकय उवको देखा। फोरी —तू मश करा क्मा जाने तुमरमा?

‗कौन-वी करा?‘

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‗मशी भदों को उल्रू फनाने की। ‘ ‗भैं नायी शूॊ?‘ ‗रेक्रकन ऩुरुऴों का चरयत्र तो नशीॊ जानती ?‘

‗मश तो शभ-तुभ दोनों भाॊ के ऩेट वे वीखकय आमी शैं। ‘ ‗कुछ फता तो क्मा कयेगी?‘ ‗लशी जो तुभ कयने जा यशी शो। तुभ ऩयगने के शाक्रकभ ऩय अऩना जाद ूडारना चाशती शो, भैं तुम्शाये देलय ऩय जारा पें कूगी। ‘ ‗फड़ा घाघ शै तुमरमा।‘ ‗मशी तो देखना शै।‘

मरमा ने फाकी यात कामािभ औय उवका वलधान वोचने भें काटी। कुळर वुनाऩतत की बाॊतत उवने धाले औय भाय-काट की एक मोजना-वी भन भें

फना री। उवे अऩनी वलजम का वलश्लाव था। ळुतु्र तनश्ळॊक था , इव धाले की उवे जया बी खफय न थी।

फॊवीमवॊश का छोटा बाई गगयधय कॊ धे ऩय छ: पीट का भोटा रट्ठ यखे अकड़ता चरा आता था क्रक तुमरमा ने ऩुकाया —ठाकुय, ततनक मश घाव का गट्ठा उठाकय भेये मवय ऩय यख दो। भुझवे नशीॊ उठता।

दोऩशय शो गमा था। भजदयू खेतों भें रौटकय आ चुके थे। फगूरे उठने रगे थे। तुमरमा एक ऩेड़ के नीचे घाव का गट्ठा यखे खड़ी थी। उवके भाथे वे ऩवीने की धाय फश यशी थी।

ठाकुन ने चौंककय तुमरमा की ओय देखाॊ उवी लक्त तुमरमा का अॊचर खखवक गमा औय नीचे की रार चोरी झरक ऩड़ी। उवने झट अॊचर वम्शार मरमा, ऩय उतालरी भें जूड़ ेभें गुॊथी शुई पूरों की फेनी बफजरी की तयश आॊखें भें कौंद गमी। गगयधय का भन चॊचरी शो उठा। आॊखों भें शल्का-वा नळा ऩैदा शुआ औय चेशये ऩय शल्की-वी वुखी औय शल्की-वी भुसकयाशट। नव-नव भें वॊगीत-वा गूॊज उठा।

उवने तुमरमा को शजायों फाय देखा था , प्मावी आॊखों , ररचामी आॊखों वे, भगय तुमरमा अऩने रऩ औय वत ्के घभण्ड भें उवकी तयश कबी आॊखें

तु

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तक न उठाती थी। उवकी भुिा औय ढॊग भें कुछ ऐवी रुखाई , कुछ ऐवी तनठुयता शोती थी क्रक ठाकुय के वाये शौवरे ऩसत शो जाते थे , वाया ळौक ठण्डा ऩड़ जाता था। आकाळ भें उड़ने लारे ऩॊछी ऩय उवके जार औय दाने का क्मा अवय शो वकता था ? भगय आज लश ऩॊछी वाभने लारी डारी ऩय आ फैठा था औय ऐवा जान ऩड़ता था क्रक बूखा शै। क्रपय लश क्मों न दाना औय जार रेकय दौड़।े

उवने भसत शोकय कशा —भैं ऩशुॊचामे देता शूॊ तुमरमा , तू क्मों मवय ऩय उठामेगी।

‗औय कोई देख रे तो मशी कशे क्रक ठाकुय को क्मा शो गमा शै ?‘

‗भुझ ेकुत्तों के बूॊकने की ऩयला नशीॊ शै। ‘ ‗रेक्रकन भुझ ेतो शै।‘ ठाकुय ने न भाना। गट्ठा मवय ऩय उठा मरमा औय इव तयश आकाळ भें ऩाॊल यखता चरा भानो तीनों रोक का खजाना रूटे मरमे जाता शै।

क भदशना गुजय गमा। तुमरमा ने ठाकुय ऩय भोदशनी डार दी थी औय अफ उवे भछरी की तयश खेरा यशी थी। कबी फॊवी ढीरी कय देती ,

कबी कड़ी। ठाकुय मळकाय कयने चरा था , खुद जार भें पॊ व गमा। अऩना ईवान औय धभा औय प्रततर्षठा वफ कुछ शोभ कयके लश देली का लयदान न ऩा वकता था। तुमरमा आज बी उववे उनती शी दयू थी स्जतनी ऩशरे।

एक ददन लश तुमरमा वे फोरा —इव तयश कफ तक जरामेगी तुमरमा ? चर कशीॊ बाग चरें।

तुमरमा ने पॊ दे को औय कवा —शाॊ, औय क्मा। जफ तुभ भुॊश पेय रो तो कशीॊ की न यशूॊ। दीन वे बी जाऊॊ , दतुनमा वे बी! ठाकुय ने मळकामत के सलय भें कशा —अफ बी तुझ ेभुझ ऩय वलश्लाव नशीॊ आता?

‗बौंये पूर का यव रेकय उड़ जाते शैं। ‘ ‗औय ऩतॊगे जरकय याख नशीॊ शो जाते ?‘ ‗ऩततमाऊॊ कैवे?‘

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‗भैंऩे तेया कोई शुक्भ टारा शै?‘

‗तुभ वभझते शोगे क्रक तुमरमा को एक यॊगीन वाड़ी औय दो-एक छोटे-भोटे गशने देकय पॊ वा रूॊगा। भैं ऐवी बोरी नशीॊ शूॊ। ‘ तुमरमा ने ठाकुय के ददर की फात बाॊऩ री थी। ठाकुय शैयत भें आकय उवका भुॊश ताकने रगा।

तुमरमा ने क्रपय कशा —आदभी अऩना घय छोड़ता शै तो ऩशरे कशीॊ फैठने का दठकाना कय रेता शै।

ठाकुय प्रवन्न शोकय फोरा —तो तू चरकय भेये घय भें भारक्रकन फनकय यश। भैं तुझवे क्रकतनी फाय कश चुका।

तुमरमा आॊखें भटकाकय फोरी —आज भारक्रकन फनकय यशूॊ कर रौंडी फनकय बी न यशने ऩाऊॊ , क्मों?

‗तो स्जव तयश तेया भन बये लश कय। भैं तो तेया गुराभ शूॊ। ‘ ‗फचन देते शो?‘ ‗शाॊ, देता शूॊ। एक फाय नशीॊ, वौ फाय, शजाय फाय।‘ ‗क्रपय तो न जाओगे?‘

‗लचन देकय क्रपय जाना नाभदों का काभ शै। ‘ ‗तो अऩनी आधी जभीन-जामदाद भेये नाभ मरख दो। ‘ ठाकुय अऩने घय की एक कोठयी , दव-ऩाॊच फीघे खेत , गशने-कऩड़ ेतो उवके चयणों ऩय चढ़ा देने को तैमाय था , रेक्रकन आधी जामदाद उवके नाभ मरख देने का वाशव उवभें न था। कर को तुमरमा उववे क्रकवी फात ऩय नायाज शो जाम , तो उवे आधी जामदाद वे शाथ धोना ऩड़।े ऐवी औयत का क्मा एतफाय! उवे गुभान तक न था क्रक तुमरमा उवके प्रेभ की इतनी कड़ी ऩयीषा रेगी। उवे तुमरमा ऩय िोध आमा। मश चभाय की बफदटमा जया वुन्दय क्मा शो गमी शै क्रक वभझती शै , भैं अप्वया शूॊ। उवी भुशब्फत केलर उवके रऩ का भोश थी। लश भुशब्फत , जो अऩने को मभटा देती शै औय मभट जाना शी अऩने जीलन की वपरता वभझती शै , उवभें न थी।

उवने भाथे ऩय फर राकय कशा —भैं न जानता था , तुझ ेभेयी जभीन-जामदा वे प्रेभ शै तुमरमा , भुझवे नशीॊ!

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तुमरमा ने छूटते शी जलाफ ददमा —तो क्मा भैं न जानती थी क्रक तुम्शें भेये रऩ औय जलानी शी वे प्रेभ शै , भुझवे नशीॊ?

‗तू प्रेभ को फाजाय का वौदा वभझती शै ?‘

‗शाॊ, वभझती शूॊ। तुम्शाये मरए प्रेभ चाय ददन की चाॊदनी शोगी , भेये मरए तो अॊधेया ऩाख शो जामगा। भैं जफ अऩना वफ कुछ तुम्शें दे यशी शूॊ तो उवके फदरे भें वफ कुछ रेना बी चाशती शूॊ। तुम्शें अगय भुझवे प्रेभ शोता तो तुभ आधी क्मा ऩूयी जामदाद भेये नाभ मरख देते। भैं जामदाद क्मा मवय ऩय उठा रे जाऊॊ गी ? रेक्रकन तुम्शायी नीमत भारू शो गमी। अच्छा शी शुआ। बगलान न कये क्रक ऐवा कोई वभम आले , रेक्रकन ददन क्रकवी के फयाफय नशीॊ जाते, अगय ऐवा कोई वभम आमा क्रक तुभको भेये वाभने शाथ ऩवायना ऩड़ा तो तुमरमा ददखा देगी क्रक औयत का ददर क्रकतना उदाय शो वकता शै। ‘

तुमरमा झल्रामी शुई लशाॊ वे चरी गमी , ऩय तनयाळ न थी , न फेददर। जो कुछ शुआ लश उवके वोचे शुए वलधान का एक अॊग था। इवके आगे क्मा शोने लारा शै इवके फाये भें बी उवे कोई वन्देश न था।

कुय ने जामदाद तो फचा री थी , ऩय फड़ ेभॊशगे दाभो। उवके ददर का इत्भीनान गामफ शो गमा था। स्जन्दगी भें जैवे कुछ यश शी न गमा

शो। जामदाद आॊखों के वभाने थी , तुमरमा ददर के अन्दय। तुमरमा जफ योज वभाने आकय अऩनी ततछी गचतलनों वे उवके हृदम भें फाण चराती थी , तफ लश ठोव वत्म थी। अफ जो तुमरमा उवके हृदम भें फैठी शुई थी , लश सलप्न थी जो वत्म वे कशीॊ ज्मादा भादक शै , वलदयक शै।

कबी-कबी तुमरमा सलप्न की एक झरक-वी नजय आ जाती , औय सलप्न शी की बाॊतत वलरीन बी शो जाती। गगयधय उववे अऩने ददर का ददा कशने का अलवय ढूॊढ़ता यशता रेक्रकन तुमरमा उवके वामे वे बी ऩयशेज कयती। गगयधय को अफ अनुबल शो यशा था क्रक उवके जीलन को वूखी फनाने के मरए उवकी जामदाद स्जतनी जरयी शै , उववे कशीॊ ज्मादा जरयी तुमरमा शै। उवे अफ अऩनी कृऩणता ऩय िोध आता। जामदाद क्मा तुमरमा के नाभ यशी, क्मा उवके नाभ। इव जया-वी फात भें क्मा यक्खा शै। तुमरमा तो

ठा

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इवमरए अऩने नाभ मरखा यशी थी क्रक कशीॊ भैं उवके वाथ फेलपाई कय जाऊॊ तो लश अनाथ न शो जाम। जफ भैं उवका बफना कौड़ी का गुराभ शूॊ तो फेलपाई कैवी ? भैं उवके वाथ फेलपाई करॊ गा , स्जवकी एक तनगाश के मरए , एक ळब्द के मरए तयवता यशता शूॊ। कशीॊ उववे एक फाय एकान्त भें बेंट शो जाती तो उववे कश देता —तूरा, भेये ऩाव जो कुछ शै , लश वफ तुम्शाया शै। कशो फखमळळनाभा मरख शूॊ , कशो फमनाभा मरख दूॊ। भुझवे जो अऩयाध शुआ उवके मरए नाददभ शूॊ। जामदाद वे भनुर्षम को जो एक वॊसकाय-गत प्रेभ शै , उवी ने भेये भुॊश वे लश ळब्द तनकरलामे। मशी रयलाजी रोब भेये औय तुम्शाये फीच भें आकय खड़ा शो गमा। ऩय अफ भैंने जाना क्रक दतुनमा भें लशी चीज वफवे कीभती शै स्जववे जीलन भें आनन्द औय अनुयाग ऩैदा शो। अगय दरयिता औय लैयाग्म भें आनन्द मभरे तो लशी वफवे वप्रम लसतु शै , स्जव ऩय आदभी जभीन औय मभस्ल्कमत वफ कुछ शोभ कय देगा। आज बी राखों भाई के रार शैं , जो वॊवाय के वुखों ऩय रात भायकय जॊगरों औय ऩशाड़ों की वैय कयने भें भसत शैं। औय उव लक्त भैं इतनी भोटी-वी फात न वभझा। शाम ये दबुााग्म!

क ददन ठाकुय के ऩाव तुमरमा ने ऩैगाभ बेजा —भैं फीभाय शूॊ , आकय देख जाल, कौन जाने फचूॊ क्रक न फचूॊ।

इधय कई ददन वे ठाकुय ने तुमरमा को न देखा था। कई फाय उवके द्लाय के चक्कय बी रगाए , ऩय लश न दीख ऩड़ी। अफ जो मश वॊदेळा मभरा तो लश जैवे ऩशाड़ वे नीचे गगय ऩड़ा। यात के दव फजे शोंगे। ऩूयी फात बी न वुनी औय दौड़ा। छाती धड़क यशी थी औय मवय उड़ा जाता था , तुमरमा फीभाय शै! क्मा शोगा बगलान!् तुभ भुझ ेक्मों नशीॊ फीभाय कय देते ? भैं तो उवके फदरे भयने को बी तैमाय शूॊ। दोनों ओय के कारे-कारे लषृ भौत के दतूों की तयश दौड़ ेचरे आते थे। यश-यशकय उवके प्राणों वे एक ध्लतन तनकरती थी , शवयत औय ददा भें डूफी शुई—तुमरमा फीभाय शै! उवकी तुमरमा ने उवे फुरामा शै। उव कृतघ्नी , अधभ, नीच, शत्माये को फुरामा शै क्रक आकय भुझ ेदेख जाओ , कौन जाने फचूॊ क्रक न फचूॊ। तू अगय न

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फचेगी तुमरमा तो भैं बी न फचूॊगा , शाम , न फचूॊगा!! दीलाय वे मवय पोड़कय भय जाऊॊ गा। क्रपय भेयी औय तेयी गचता एक वाथ फनेगी , दोनों के जनाजे एक वाथ तनकरेंगे।

उवने कदभ औय तेज क्रकए। आज लश अऩना वफ कुछ तुमरमा के कदभों ऩय यख देगा। तुमरमा उवे फेलपा वभझती शै। आज लश ददखाएगा , लपा क्रकवे कशते शैं। जीलन भें अगय उवने लपा न की तो भयने के फाद कयेगा। इव चाय ददन की स्जन्दगी भें जो कुछ न कय वका लश अनन्त मुगों तक कयता यशेगा। उवका प्रेभ कशानी फनकय घय-घय पैर जाएगा।

भन भें ळॊका शुई , तुभ अऩने प्राणों का भोश छोड़ वकोगे ? उवने जोय वे छाती ऩीटी ओय गचल्रा उठा —प्राणों का भोश क्रकवके मरए ? औय प्राण बी तो लशी शै, जो फीभाय शै। देखूॊ भौत कैवे प्राण रे जाती शै , औय देश को छोड़ देती शै।

उवने धड़कते शुए ददर औय थयथयाते शुए ऩाॊलों वे तुमरमा के घय भें कदभ यक्खा। तुमरमा अऩनी खाट ऩय एक चादय ओढे़ मवभटी ऩड़ी थी , औय रारटेन के अन्धे प्रकाळ भें उवका ऩीरा भुख भानो भौत की गोद भें वलश्राभ कय यशा था।

उवने उवके चयणों ऩय मवय यख ददमा औय आॊवुओॊ भें डूफी शुई आलाज वे फोरा—तूरा, मश अबाग तुम्शाये चयणों ऩय ऩड़ा शुआ शै। क्मा आॊखें न खोरेगी?

तुमरमा ने आॊखें खोर दीॊ औय उवकी ओय करुण दृस्र्षट डारकय कयाशती शुई फोरी —तुभ शो गगयधय मवॊश , तुभ आ गए ? अफ भैं आयाभ वे भरॊ गी। तुम्शें एक फाय देखने के मरए जी फशुत फेचैन था। भेया कशा-वुना भाप कय देना औय भेये मरए योना भत। इव मभट्टी की देश भें क्मा यक्खा शै गगयधय! लश तो मभट्टी भें मभर जाएगी। रेक्रकन भैं कबी तुम्शाया वाथ न छोडूॊगी। ऩयछाईं की तयश तनत्म तुम्शाये वाथ यशूॊगी। तुभ भुझ ेदेख न वकोगे , भेयी फातें वुन न वकोगे , रेक्रकन तुमरमा आठों ऩशय वोते-जागते तुम्शाये वाथ यशेगी। भेये मरए अऩने को फदनाभ भत कयना गगयधय! कबी क्रकवी के वाभने भेया नाभ जफान ऩय न राना। शाॊ , एक फाय भेयी गचता ऩय ऩानी के छीॊटे भाय देना। इववे भेये हृदम की ज्लारा ळान्त शो जामगी।

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गगयघय पूट-पूटकय यो यशा था। शाथ भें कटाय शोती तो इव लक्त स्जगय भें भाय रेता औय उवके वाभने तड़ऩकय भय जाता।

जया दभ रेकय तुमरमा ने क्रपय कशा —भैं फचूॊगी नशीॊ गगयधय , तुभवे एक बफनती कयती शूॊ , भानोगी?

गगयधय ने छाती ठोककय कशा —भेयी राळ बी तेये वाथ शी तनकरेगी तुमरमा। अफ जीकय क्मा करॊ गा औय स्जऊॊ बी तो कैवे ? तू भेया प्राण शे तुमरमा।

उवे ऐवा भारूभ शुआ तुमरमा भुसकयाई।

‗नशीॊ-नशीॊ, ऐवी नादानी भत कयना। तुम्शाये फार-फच्चे शैं , उनका ऩारन कयना। अगय तुम्शें भुझवे वच्चा प्रेभ शै , तो ऐवा कोई काभ भत कयना स्जववे क्रकवी को इव प्रेभ की गन्ध बी मभरे। अऩनी तुमरमा को भयने के ऩीछे फदनाभ भत कयना।

गगयधय ने योकय कशा —जैवी तेयी इच्छा।

‗भेयी तुभवे एक बफनती शै।‘ ‗अफ तो स्जऊॊ गी शी इवीमरए क्रक तेया शुक्भ ऩूया करॊ , मशी भेये जीलन का ध्मेम शोगा।‘ ‗भेयी मशी वलनती शै क्रक अऩनी बाबी को उवी भान-भामाादा के वाथ यखना जैवे लश फॊवीमवॊश के वाभने यशती थी। उवका आधा उवको दे देना।

‗रेक्रकन बाबी तो तीन भशीने वे अऩने भैके भें शै , औय कश गई शै क्रक अफ कबी न आऊॊ गी।‘ ‗मश तुभने फुया क्रकमा शै गगयधय , फशुत फुया क्रकमा शै। अफ भेयी वभझ भें आमा क्रक क्मों भुझ ेफुय-फुये वऩने आ यशे थे। अगय चाशते शो क्रक भैं अच्छी शो जाऊॊ , तो स्जतनी जल्दी शो वके , मरखा-ऩढ़ी कयके कागज-ऩत्तय भेये ऩाव यख दो। तुम्शायी मश फदददमानती शी भेयी जान का गाशक शो यशी शै। अफ भुझ ेभारूभ शुआ क्रक फॊवीमवॊश क्मों भुझ ेफाय-फाय वऩना देते थे। भुझ ेऔय कोई योग नशीॊ शै। फॊवीमवॊश शी भुझ ेवता यशे शैं। फव , अबी जाओ। देय की तो भुझ ेजीता न ऩाओगे। तुम्शायी फेइन्वापी का दॊड फॊवीमवॊश भुझ ेदे यशे शैं।‘

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गगयधय ने दफी जफान वे कशा —रेक्रकन यात को कैवे मरखा-ऩढ़ी शोगी तूरी। सटाम्ऩ कशाॊ मभरेगा? मरखेगा कौन? गलाश कशाॊ शैं?

‗कर वाॊझ तक बी तुभने मरखा-ऩढ़ी कय री तो भेयी जान फच जाएगी, गगयधय। भुझ ेफॊवीमवॊश रगे शुए शैं , लशी भुझ ेवता यशे शैं , इवीमरए क्रक लश जानते शैं तुम्शें भुझवे प्रेभ शै। भैं तुम्शाये शी प्रेभ के कायन भायी जा यशी शूॊ। अगय तुभने देय की तो तुमरमा को जीता न ऩाओगे। ‘ ‗भैं अबी जाता शूॊ तुमरमा। तेया शुक्भ मवय औय आॊखों ऩय। अगय तूने ऩशरे शी मश फात भुझवे कश दी शोती तो क्मों मश शारत शोती ? रेक्रकन कशीॊ ऐवा न शो, भैं तुझ ेदेख न वकूॊ औय भन की रारवा भन भें शी यश जाम। ‘

‗नशीॊ-नशीॊ, भैं कर वाॊझ तक नशीॊ भरॊ गी , वलश्लाव यक्खो।‘ गगयधय उवी छन लशाॊ वे तनकरा औय यातों-यात ऩच्चीव कोव की भॊस्जर काट दी। ददन तनकरते-तनकरते वदय ऩशुॊचा , लकीरों वे वराश-भळवलया क्रकमा , सटाम्ऩ मरमा , बालज के नाभ आधी जामदाद मरखी , यस्जसट्री कयाई, औय गचयाग जरते-जरते शैयान-ऩयीळान , थका-भाॊदा , फेदाना-ऩानी , आळा औय दयुाळा वे काॊऩता शुआ आकय तुमरमा के वाभने खड़ा शो गमा। यात के दव फज गए थे। उव ललत न येरें थीॊ , न रारयमाॊ , फेचाये को ऩचाव कोव की कदठन मात्रा कयनी ऩड़ी। ऐवा थक गमा था क्रक एक-एक ऩग ऩशाड़ भारूभ शोता था। ऩय बम था क्रक कशीॊ देय तो अनथा शो जाएगा।

तुमरमा ने प्रवन्न भन वे ऩूछा —तुभ आ गए गगयधय? काभ कय आए?

गगयधय ने कागज उवके वाभने यख ददमा औय फोरा —शाॊ तूरा , कय आमा, भगय अफ बी तुभ अच्छी न शुई तो तुम्शाये वाथ भेयी जान बी जामगी। दतुनमा चाशे शॊवे , चाशे योमे , भुझ ेऩयलाश नशीॊ शै। कवभ रे रो , जो एक घूॊट ऩानी बी वऩमा शो।

तुमरमा उठ फैठी औय कागज को अऩने मवयशाने यखकय फोरी —अफ भैं फशुत अच्छी शूॊ। वफेये तक बफरकुर अच्छी शो जाऊॊ गीॊ तुभने भेये वाथ जो नेकी की शै , लश भयते दभ तक न बूरूॊगी। रेक्रकन अबी-अबी भुझ ेजया नीॊद आ गई थी। भैंने वऩना देखा क्रक फॊवीमवॊश भेये मवयशाने खड़ ेशैं औय भुझवे कश यशे शैं , तुमरमा, तू ब्माशता शै , तेया आदभी शजाय कोव ऩय फैठा तेये नाभ की भारा जऩ यशा शै। चाशता तो दवूयी कय रेता , रेक्रकन तेये नाभ ऩय फैठा

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शुआ शै औय जन्भ-बय फैठा यशेगा। अगय तूने उववे दगा की तो भैं तेया दशु्भन शो जाऊॊ गा , औय क्रपय जान रेकय शी छोडूॊगा। अऩना बरा चाशती शै तो अऩने वत ्ऩय यश। तूने उववे कऩट क्रकमा , उवी ददन भैं तेयी वाॊवत कय डारूॊगा। फव, मश कशकय लश रार-रार आॊखों वे भुझ ेतयेयते शुए चरे गए।

गगयधय ने एक छन तुमरमा के चेशये की तयप देखा , स्जव ऩय इव वभम एक दैली तेज वलयाज यशा था , एकाएक जैवे उवकी आॊखों के वाभने वे ऩदाा शट गमा औय वायी वास्जळ वभझ भें आ गई। उवने वच्ची श्रद्धा वे तुमरमा के चयणों को चूभा औय फोरा—वभझ गमा तुमरमा , तू देली शै।

-‗चाॊद‘, अप्रैर १९३५

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पैपुिी

द्धान्त का वफवे फड़ा दशु्भन शै भुयौलत। कदठनाइमों , फाघओॊ , प्ररोबनों का वाभना आऩ कय वकते शैं दृढ़ वॊकल्ऩ औय आत्भफर

वे। रेक्रकन एक ददरी दोसत वे फेभुयौफती तो नशीॊ की जाती , मवद्धन्त यशे मा जाम। कई वार ऩशरे भैंने जनेऊ शाथ भें रेकय प्रततसा की थी क्रक अफ कबी क्रकवी की फयात भें न जाऊॊ गा , चाशे इधय की दतुनमा उधय शो जाम। ऐवी वलकट प्रततसा कयने की जरयत क्मों ऩड़ी , इवकी कथा रॊफी शै औय आज बी उवे माद कयके भेयी प्रततसा को जीलन मभर जाता शै। फयात थी कामसथों की। वभधी थे भेये ऩुयाने मभत्र। फयाततमों भें अगधकाॊळ जान-ऩशचान के रोग थे। देशात भें जाना था। भैंने वोचा , चरो दो-तीन ददन देशात की वैय यशेगी , चर ऩड़ा। रेक्रकन भुझ ेमश देखकय शैयत शुई क्रक फयाततमों की लशाॊ जाकय फुवद्ध शी कुछ भ्रर्षट शो गई शै। फात-फात ऩय झगड़ा-तकयाय। वबी कन्माऩषलारों वे भानो रड़ने को तैमाय। मश चीज नशीॊ आई , लश चीज नशीॊ बेजी, मश आदभी शै मा जानलय , ऩानी बफना फयप के कौन वऩमेगा। गधे ने फयप बेजी बी तो दव वेय। ऩूछो दव वेय फयप रेक्रकय आॊखों भें रगामें मा क्रकवी देलता को चढ़ाएॊ! अजफगचल्र-ऩों भची शुई थी। कोई क्रकवी की न वुनता था। वभधी वाशफ मवय ऩीट यशे थे क्रक मशाॊ उनके मभत्रों की स्जतनी दगुातत शुई , उवका उन्शें उम्र-बय खेद यशेगा। लश क्मा जानते थे क्रक रड़कीलारे इतने गॊलाय शैं। गॊलाय क्मों , भतरफी कदशए। कशने को मळक्षषत शैं , वभ्म शैं, बि शैं , धन बी बगलान ्की दमा वे कभ नशीॊ , भगय ददर के इतने छोटे। दव वेय फयप बेजते शैं! मवगयेट की एक डडबफमा बी नशीॊ। पॊ व गमा औय क्मा।

भैंने उनवे बफना वशानुबूतत ददखामे कशा —मवगयेट नशीॊ बेजे तो कौन-वा फड़ा अनथा शो गमा , खभीया तम्फाकू तो दव वेय बेज ददमा शै , ऩीती क्मों नशीॊ घोर-घोर कय।

भेये वभधी मभत्र ने वलसभम-बयी आॊखों वे भुझ ेभानो उन्शें कानों ऩय वलश्लाव न शो। ऐवी अनीतत!

मव

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फोरे —आऩ बी अजीफ आदभी शैं , खभीया मशाॊ कौन ऩीता शै। भुद्दत शुई रोगों ने गुड़गुडड़माॊ औय पमळामाॊ गुदड़ी फाजाय भें फेच डारीॊ। थोड़-ेवे दक्रकमानूवी अफ बी शुक्का गुड़गुड़ाते शैं रेक्रकन फशुत कभ। मशाॊ तो ईश्लय की कृऩा वे वबी नई योळनी , नमे वलचाय , नमे जभाने के रोग शैं औय कन्मालारे मश फात जानते शैं , क्रपय बी गगगयेट नशीॊ बेजी , मशाॊ कई वज्जन आठ-दव डडबफमाॊ योज ऩी जाते शैं। एक वाशफ तो फायश तक ऩशुॊच जाते शैं। औय चाय-ऩाॊच डडबफमाॊ तो आभ फात शै। इतने आदमभमों के फीच भें ऩाॊच वौ डडबफमाॊ बी न शों तो क्मा शो। औय फयप देखी आऩने , जेवे दला के मरए बेजी शै। मशाॊ इतनी फयप घय-घय आती शै। भैं तो अकेरा शी दव वेय ऩी जाता शूॊ। देशाततमों को कबी शगर न आएगी , ऩढ़मरख क्रकतने शी जाए।

भैंने कशा —तो आऩको अऩने वाथ एक गाड़ी मवगयेट औय टन-बय फयप रेते आना चादशए था।

लश सतस्म्बत शो गए —आऩ बॊग तो नशीॊ खा गए?

--जी नशीॊ , कबी उम्र-बय नशीॊ खाई।

--तो क्रपय ऐवी ऊर-जरूर फातें क्मों कयते शो ?

--भैं तो वम्ऩूणात: अऩने शोळ भें शूॊ।

--शोळ भें यशने लारा आदभी ऐवी फात नशीॊ कय वकता। शभ मशाॊ रड़का ब्माशने आए शैं , रड़कीलारों को शभायी वायी पयभाइळें ऩूयी कयनी ऩड़ेंगी, वायी। शभ जो कुद भाॊगेंगे उन्शें देना ऩड़गेा , यो-योकय देना ऩड़गेा , ददल्रगी नशीॊ शै। नाकों चने न चफला दें तो कदशएगा। मश शभाया खुरा शुआ अऩभान शै। द्लाय ऩय फुराकय जरीर कयना। भेये वाथ जो रोग आए शैं ले नाई-कशाय नशीॊ शैं , फड़-ेफड़ ेआदभी शैं। भैं उनकी तौशीन नशीॊ देख वकता। अगय इन रोगों की मश स्जद शै तो फयात रौट जाएगी।

भैंने देखा मश इव लक्त ताल भें शैं , इनवे फशव कयना उगचत नशीॊ। आज जीलन भें ऩशरी फाय , केलर दो ददन के मरए , इन्शें एक आदभी ऩय अगधकाय मभर गमा शै। उवकी गदान इनके ऩाॊल के नीचे शै। क्रपय उन्शें क्मों न नळा शो जाम क्मों न मवय क्रपय जाम , क्मों न उव ददर खोरकय योफ जभाएॊ। लयऩषलारे कन्माऩषलारों ऩय भुद्दतों वे शुकूभत कयते चरे आए शैं , औय उव अगधकाय को त्माग देना आवान नशीॊ। इन रोगों के ददभाग भें इव

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लक्त मश फात कैवे आएगी क्रक तुभ कन्मऩषलारों के भेशभान शो औय ले तुम्शें स्जव तयश यखना चाशें तुम्शें यशना ऩड़गेा। भेशभान को जो आदय-वत्काय, चूनी-चोकय , रखा-वूखा मभरे , उव ऩय उवे वन्तुर्षट शोना चादशए , मळर्षटता मश कबी गलाया नशीॊ कय वकती क्रक लश स्जनका भेशभान शै , उनवे अऩनी खाततयदायी का टैक्व लवूर कये। भैंने लशाॊ वे टर जाना शी भुनामवफ वभझा।

रेक्रकन जफ वललाश का भुशूात आमा , इधय वे एक दजान स्व्शसकी की फोतरों की पयभाइळ शुई औय कशा गमा क्रक जफ तक फोतरें न आ जाएगी शभ वललाश-वॊसकाय के मरए भॊडऩ भें न जाएॊगे। तफ भुझवे न देखा गमा। भैंने वभझ मरमा क्रक मे वफ एळु शैं , इॊवातनमत वे खारी। इनके वाथ एक षण यशना बी अऩनी आत्भा का खून कयना शै। भैंने उवी लक्त प्रततसा की क्रक अफ कबी क्रकवी फयात भें न जाऊॊ गा औय अऩना फोरयमा-फकचा रेकय उवी षण लशाॊ वे चर ददमा।

इवमरए जफ गत भॊगरलाय को भेये ऩयभ मभत्र वुयेळ फाफू ने भुझ अऩने रडके के वललाश का तनभन्त्रण ददमा तो भैंने वुयेळ फाफू को दोनों शाथों वे ऩकड़कय कशा—जी नशीॊ, भुझ ेकीस्जए, भैं न जाऊॊ गा।

उन्शोंने खखन्न शोकय कशा —आखखय क्मों?

‗भैंने प्रततसा कय री शै अफ क्रकवी फयात भें न जाऊॊ गा। ‘ ‗अऩने फेटे की फयात भें बी नशीॊ?‘ ‗फेटे की फयात भें खुद अऩना सलाभी यशूॊगा। ‘ ‗तो वभझ रीस्जए मश आऩ शी का ऩुत्र शै औय आऩ मशाॉ अऩने सलाभी शैं।‘ भैं तनरुतय शो गमा। क्रपय बी भैंने अऩना ऩष न छोड़ा।

‗आऩ रोग लशाॊ कन्माऩषलारों वे मवगयेट फपा , तेर, ळयाफ आदद-आदद चीजों के मरए आग्रश तो न कयेंगे?‘

‗बूरकय बी नशीॊ, इव वलऴम भें भेये वलचाय लशीॊ शैं जो आऩके। ‘ ‗ऐवा तो न शोगा क्रक भेये जैवे वलचाय यखते शुए बी आऩ लशीॊ दयुाग्रदशमों की फातों भें आ जाएॊ औय ले अऩने शथकन्ड ेळुर कय दें ?‘

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‗भैं आऩ शी को अऩना प्रतततनगध फनाता शूॊ। आऩके पैवरे की लशाॊ कशीॊ अऩीर न शोगीॊ।‘ ददर भें तो भेये अफ बी कुछ वॊळम था , रेक्रकन इतना आश्लावन मभरने ऩय औय ज्मादा अड़ना अवज्जनता थी। आखखय भेये लशाॊ जाने वे मश फेचाये तय तो नशीॊ जाएॊगे। केलर भुझवे सनेश यखने के कायण शी तो वफ कुछ भेये शाथों भें वौंऩ यशे शैं। भैंने चरने का लादा कय मरमा। रेक्रकन जफ वुयळ फाफू वलदा शोने रगे तो भैंने घड़ ेको जया औय ठोका —

‗रेन-देन का तो कोई झगड़ा नशीॊ शै ?‘

‗नाभ को नशीॊ। ले रोग अऩनी खुळी वे जो कुछ देंगे , लश शभ रे रेंगे। भाॊगने न भाॊगने का अगधकाय तो आऩको यशेगा। ‘

‗अच्छी फात शै, भैं चरूॊगा।‘ ळुिलाय को फयात चरी। केलर येर का वपय था औय लश बी ऩचाव भीर का। तीवये ऩशयके एक्वप्रेव वे चरे औय ळाभ को कन्मा के द्लाय ऩय ऩशुॊच गए। लशाॊ शय तयश का वाभान भौजूद था। क्रकवी चीज के भाॊगने की जरुयत न थी। फयाततमों की इतनी खाततयदायी बी शो वकती शै , इवकी भुझ ेकल्ऩना बी न थी। घयाती इतने वलनीत शो वकते शैं , कोई फात भुॊश वे तनकरी नशीॊ क्रक एक की जगश चाय आदभी शाथ फाॊधे शास्जय!

रगन का भुशूता आमा। शभ वबी भॊडऩ भें ऩशुॊचे। लशाॊ ततर यखने की जगश बी न थी। क्रकवी तयश धॊव-धॊवाकय अऩने मरए जगश तनकारी। वुयेळ फाफू भेये ऩीछे खड़ ेथे। फैठने को लशाॊ जगश न थी।

कन्मा-दान वॊसकाय ळुरु शुआ। कन्मा का वऩता , एक ऩीताम्फय ऩशने आकय लय के वाभने फैठ गमा औय उवके चयणों को धोकय उन ऩय अषत ,

पूर आदद चढ़ाने रगा। भैं अफ तक वैकड़ों फयातों भें जा चुका था , रेक्रकन वललाश-वॊसकाय देखने का भुझ ेकबी अलवय न मभरा था। इव वभम लय के वगे-वॊफॊधी शी जाते शैं। अन्म फयाती जनलावे भें ऩड़ ेवोते शैं। मा नाच देखते शैं, मा ग्राभापोन के रयकाडा वुनते शैं। औय कुछ न शुआ तो कई टोमरमों भें ताळ खेरते शैं। अऩने वललाश की भुझ ेमाद नशीॊ। इव लक्त कन्मा के लदृ्ध वऩता को एक मुलक के चयणों की ऩूजा कयते देखकय भेयी आत्भा को चोट रगी। मश दशन्द ू वललाश का आदळा शै मा उवका ऩरयशाव ? जाभाता एक

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प्रकाय वे अऩना ऩुत्र शै , उवका धभा शै क्रक अऩने धभावऩता के चयण धोमे , उव ऩय ऩान-पूर चढ़ामे। मश तो नीतत-वॊगत भारूभ शोता शै। कन्मा का वऩता लय के ऩाॊल ऩूजे मश तो न मळर्षटता शै , न धभा , न भमाादा। भेयी वलिोशी आत्भा क्रकवी तयश ळाॊत न यश वकी। भैंने झल्राए शुए सलय भें कशा-मश क्मा अनथा शो यशा शै , बाइमो! कन्मा के वऩता का मश अऩभान! क्मा आऩ रोगों भें आदमभमत यशी शी नशीॊ?

भॊडऩ भें वन्नाटा छा गमा। भैं वबी आॊखों का केन्ि फन गमा। भेया क्मा आळाम शै, मश क्रकवी की वभझ भें न आमा।

आखखय वुयेळ फाफू ने ऩूछा-कैवा अऩभान औय क्रकवका अऩभान ? मशाॊ तो क्रकवी का अऩभान नशीॊ शो यशा शै।

‗कन्मा का वऩता लय के ऩाॊल ऩूजे , मश अऩभान नशीॊ तो क्मा शै?‘

‗मश अऩभान नशीॊ, बाई वाशफ, प्राचीन प्रथा शै।‘ कन्मा के वऩता भशोदम फोरे-मश भेया अऩभान नशीॊ शै भान्मलय , भेया

अशोबाग्म क्रक आज का मश ळुब अलवय आमा। आऩ इतने शी वे घफया गमे। अबी तो कभ वे कभ एक वौ आदभी ऩैऩुजी के इन्तजाय भें फैठे शुए शैं। क्रकतने शी तयवते शैं क्रक कन्मा शोती तोलय के ऩाॊल ऩूजकय अऩना जन्भ वपर कयते।

भैं राजलाफ शो गमा। वभधी वाशफ ऩाॊल ऩूज चुके तो बत्रमों औय ऩुरुऴों का एक वभूश लय की तयप उभड़ ऩड़ा। औय प्रत्मेक प्राणी रगा उवके ऩाॊल ऩूजने जो आता था , अऩनी शैमवमत के अनुवाय कुछ न कुछ चढ़ा जाता था। वफ रोग प्रवन्नगचत्त औय गदगद नेत्रों वे मश नाटक देख यशे थे औय भैं भन भें वोच यशा था-जफ वभाज भें औगचत्म सान का इतना रोऩ शो गमा शै औय रोग अऩने अऩभान को अऩना वम्भान वभझते शैं तो क्रपय क्मों न बत्रमों की वभाज भें ददुाळा शो , क्मों न ले अऩने को ऩुरुऴ के ऩाॊल की जूती वभझें, क्मों न उनके आत्भवम्भान का वलानाळ शो जाम!

जफ वललाश-वॊसकाय वभाप्त शो गमा औय लय-लधू भॊडऩ वे तनकरे तो भैंने जल्दी वे आगे फढ़कय उवी थार वे थोड़-ेवे पूर चुन मरए औय एक अद्धा-चेतना की दळा भें , न जाने क्रकन बालों वे प्रेरयत शोकय , उन पूरों को लधू के चयणों ऩय यख ददमा , औय उवी लक्त लशाॊ वे घय चर ददमा।

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-‗भाधुयी‘, अक्तूफय, १९३५

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क्रक्रकेट मैच

१ जनलयी, १९३५

ज क्रिकेट भैच भें भुझ ेस्जतनी तनयाळा शुई भैं उवे व्मक्त नशीॊ कय शाय वकता। शभायी टीभ दशु्भनों वे कशीॊ ज्मादा भजफूत था भगय

शभें शाय शुई औय ले रोग जीत का डॊका फजाते शुए ट्रापी उड़ा रे गमे। क्मों ? मवपा इवमरए क्रक शभाये मशाॊ नेततृ्ल के मरए मोग्मता ळता नशी। शभ नेततृ्ल के मरए धन-दौरत जरुयी वभझते शैं। दशज शाइनेव कप्तान चुने गमे , क्रिकेट फोडा का पैवरा वफको भानना ऩड़ा। भगय क्रकतने ददरों भें आग रगी , क्रकतने रोगों ने शुक्भे शाक्रकभ वभझकय इव पैवरे को भॊजूय क्रकमा , जोळ कशाॊ , वॊकल्ऩ कशाॊ , खून की आखखयी फूॊद गगया देने काउत्वाश कशाॊ। शभ खेरे औय जादशया ददर रगाकय खेरे। भगय मश वच्चाई के मरए जान देनेलारों की पौज न थी। खेर भें क्रकवी का ददर न था।

भैं सटेळन ऩय खड़ा अऩना तीवये दजे का दटकट रेने की क्रपि भें था क्रक एक मुलती ने जो अबी काय वे उतयी थी आगे फढ़कय भुझवे शाथ मभरामा औय फोरी-आऩ बी तो इवी गाड़ी वे चर यशे शैं मभसटय जपय ?

भुझ ेशैयत शुई क्रक मश कौन रड़की शै औय इवे भेया नाभ क्मोंकय भारूभ शो गमा ? भुझ ेएक ऩर के मरए वकता-वा शो गमा क्रक जैवे मळर्षटाचाय औय अच्छे आचयण की वफ फातें ददभाग वे गामफ शो गई शों। वौन्दमा भेंएक ऐवी ळान शोती शै जो फड़ों-फड़ों का मवय झुका देती शै। भुझ ेअऩनी तुच्छता की ऐवी अनुबूतत कबी न शुई थी। भैंने तनजाभ शैदयाफाद वे ,

दशज एक्वेरेन्वी लामवयाम वे , भशायाज भैवूय वे शाथ मभरामा , उनके वाथ फैठकय खाना खामा भगय मश कभजोयी भुझ ऩय कबी न छाई थी। फव , मशाॊ जी चाशता था क्रक अऩनी ऩरकों वे उवके ऩाॊल चूभ रूॊ। मश लश वरोनाऩन ना था स्जव ऩय शभ जान देते शैं , न लश नजाकत स्जवकी कवल रोग कवभें खाते शैं। उव जगश फुवद्ध की काॊतत थी , गॊबीयता थी , गरयभा थी , उभॊग थी औय थी आत्भ-अमबव्मस्क्त की तनसवॊकोच रारवा। भैंने वलार-बये अॊदाज वे कशा-जी शाॊ।

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मश कैवे ऩूछूॊ क्रक भेयी आऩवे बेंट कफ शुई। उवकी फेतकल्रुपी कश यशी थी लश भुझवे ऩरयगचत शै। भैं फेगाना कैवे फनूॊ। इवी मवरमवरे भें भैंने अऩने भदा शोने क पजा अदा कय ददमा-भेये मरए कोई खखदभत ?

उवने भुसकयाकय कशा-जी शाॊ , आऩवे फशुत-वे काभ रूॊगी। चमरए , अॊदय लेदटॊग रुभ भें फैठें । रखनऊ जा यशे शोंगे ?भै। बी लशीॊ चर यशी शूॊ।

लेदटॊग रुभ आकय उवने भुझ ेआयाभ कुवी ऩय बफठामा औय खुद एक भाभूरी कुवी ऩय फैठकय मवगयेट केव भेयी तयप फढ़ाती शुई फोरी-आज तो आऩकी फौमरॊग फड़ी बमानक थी , लनाा शभ रोग ऩूयी इतनॊग वे शायते।

भेया ताज्जुफ औय फढ़ा। इव वुन्दयी को क्मा क्रिकेट वे बी ळौक शै! भुझ ेउवके वाभने आयाभकुवी ऩय फैठते खझझक शोयशी थी। ऐवी फदतभीजी भैंने कबी न की थी। ध्मान उवी तयप रगा था , तबफमत भें कुछ घुटन-वी शो यशी थी। यगों भें लश तेजी औय तबफमत भें लश गुराफी नळा न था जो ऐवे भौके ऩय सलबालत: भुझ ऩय छा जाना चादशए था। भैंने ऩूछा-क्मा आऩ लशीॊ तळयीप यखती थीॊ।

उवने अऩना मवगयेट जराते शुए कशा-जी शाॊ , ळुरु वे आखखय तक। भुझ ेतो मवपा आऩका खेर जॊचा। औय रोग तो कुछ फेददर-वे शो यशे थे औय भैं उवके याज वभझ यशी शूॊ। शभाये मशाॊ रोगों भें वशी आदमभमों को वशी जगश ऩय यखने का भाद्दा शी नशीॊ शै। जैवे इव याजनीततक ऩसती ने शभाये वबी गुणों को कुचर डारा शो। स्जवके ऩाव धन शै उवे शय चीज का अगधकाय शै। लश क्रकवी सान , वलसान के , वादशस्त्मक-वाभास्जक जरवे का वबाऩतत शो वकता शै , इवकी मोग्मता उवभें शो मा न शो। नई इभायतों का उद्घाटन उवके शाथों कयामा जाता शै , फुतनमादें उवके शाथ यखलाई जाती शैं , वाॊसकृततक आॊदोरनों का नेततृ्ल उवे ददमा जाता शै , लश कान्लोकेळन के बाऴण ऩढे़गा , रड़कों को इनाभ फाॊटेगा , मश वफ शभायी दाव-भनोलसृ्त्त का प्रवाद शै। कोई ताज्जुफ नशीॊ क्रक शभ इतने नीच औय गगये शुए शैं। जशाॊ शुक्भ औय अस्ततमाय का भाभरा शै लशाॊ तो खैय भजफूयी शै , शभें रोगों के ऩैय चूभने शी ऩड़ते शैं भगय जशाॊ शभ अऩने सलतॊत्र वलचाय औय सलतॊन्त्र आचयण वे काभ रें वकते शैं लशाॊ बी शभायी जी शुजूयी की आदत शभाया गरा नशीॊ छोड़ती। इव टीभ का कप्तान आऩको शोना चादशए था , तफ देखती दशु्भन

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क्मों फाजी रे जाता। भशायाजा वाशफ भें इव टीभ का कप्तान फनने की इतनी शी मोग्मता शै स्जतनी आऩ भें अवेम्फरी का वबाऩतत फनने की मा भुझभें मवनेभा ऐस्क्टॊग की।

बफल्कुर लशी बाल जो भेये ददर भें थे भगय उवकी जफान वे तनकरय क्रकतने अवयदाय औय क्रकतने आॊख खोरनेलारे शो गए। भैंने कशा-आऩ ठीक कशती शैं। वचभुच मश शभायी कभजोयी शै।

-आऩको इव टीभ भें ळयीक न शोना चादशए था।

-भैं भजफूय था।

इव वुन्दयी का नाभ मभव शेरेन भुकजी शै। अबी इॊगरैण्ड वे आ यशी शै। मशी क्रिकेट भैच देखने के मरए फम्फई उतय गई थी। इॊगरैंड भें उवने डाक्टयी की मळषा प्राप्त की शै औय जनता की वेला उवके जीलन का रक्ष्म शैं। लशाॊ उवने एक अखफाय भें भेयी तसलीय देखी थी औय भेया स्जि बी ऩढ़ा था तफ वे लश भेये मरए अच्छा तमार यखती शै। मशाॊ भुझ ेखेरते देखकय लश औय बी प्रबावलत शुई। उवका इयादा शैक्रक दशन्दसुतान की एक नई टीभ तैमाय की जाए औय उवभें लशी रोग मरए जाएॊ जो यार्षट्र का प्रतततनधत्ल कयने के अगधकायी शैं। उवका प्रसताल शै क्रक भैं इव टीभ का कप्तान फनामा जाऊॊ । इवी इयादे वे लश वाये दशन्दसुतान का दौया कयना चाशती शै। उवके सलगीम वऩता डा. एन. भुकजी ने फशुत कापी वम्ऩस्त्त छोड़ी शै औय लश उवकी वम्ऩूणा उत्तयागधकारयणी शै। उवके प्रसताल वुनकय भेया वय आवभान भें उड़ने रगा। भेयी स्जन्दगी का वुनशया वऩनाइतने अप्रत्मामळत ढॊग वे लासतवलकता का रुऩ रे वकेगा , मश कौन वोच वकता था। अरौक्रकक ळस्क्त भें भेया वलश्लाव नशीॊ भगय आज भेये ळयीय का योआ-योआ कृतसता औय बस्क्त बालना वे बया शुआ था। भैंने उगचत औय वलन्रभ ळब्दों भें मभव शेरेन को धन्मलाद ददमा।

गाड़ी की घण्टी शुई। मभव भुकजी ने पसटा क्राव के दो दटकट भॊगलाए। भैं वलयोध न कय वका। उवने भेया रगेज उठलामा , भेयाशैट खुद उठा मरमा औय फेधड़क एक कभये भें जा फैठी औय भुझ ेबी अॊदय फुरा मरमा। उवका खानवाभा तीवये दजे भें फैठा। भेयी क्रिमा-ळस्क्त जैवे खो गई थी। भैं बगलान ्जाने क्मों इन वफ भाभरों भें उवे अगुलाई कयने देता था जो ऩुरुऴ

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शोने के नाते भेये अगधकाय की चीज थी। ळामद उवके रुऩ , उवक फौवद्धक गरयभा, उवकी उदायता ने भुझ ऩय योफ डार ददमा था क्रक जैवे उवने काभरुऩ की जादगूयतनमों की तयश भुझ ेबेड़ फना मरमा शो औय भेयी अऩनी इच्छा ळस्क्त रुप्त शो गई शो। इतनी शी देय भें भेया अस्सतत्ल उवकी इच्छा भें खो गमा था। भेये सलामबभान की मश भाॊग थी क्रक भैं उवे अऩने मरए पसटा क्राव का दटकट न भॊगलाने देता औय तीवये शी दजे भें आयाभ वे फैठता औय अगय ऩशरे दजे भें फैठना था तो इतनी शी उदायता वे दोनों के मरए खुद ऩशरे दजे का दटकट राता , रेक्रकन अबी तो भेयी क्रिमाळस्क्त रुप्त शो गई थी।

२ जनलयी-भैं शैयान शूॊ शेरेन को भुझवे इतनी शभददी क्मों शै औय मश मवपा दोसतना शभददी नशीॊ शै। इवभें भुशब्फत की वच्चाई शै। दमा भें तो इतना आततर्थम-वत्काय नशीॊ शुआ कयता , औय यशी भेये गुणो की सलीकृतत तो भैं अक्र वे इतना खारी नशीॊ शूॊ क्रक इव धोखे भें ऩडूॊ। गुणों की सलीकृतत ज्मादा वे ज्मादा एक मवगयेट औय एक प्मारी चाम ऩा वकती शै। मश वेला-वत्काय तो भैं लशीॊ ऩाता शूॊ जशाॊ क्रकवी भैच भें खेरने के मरए भुझ ेफुरामा जाता शै। तो बी लशाॊ बी इतने शाददाक ढॊग वे भेया वत्काय नशीॊ शोाा , मवपा यसभी खाततयदायी फयती जाती शै। उवने जैवे भेयी वुवलधा औय भेये आयाभ के मरए अऩने को वभवऩात कय ददमा शो। भैं तो ळामद अऩनी प्रेमभका के मवला औय क्रकवी के वाथ इव शाददाकता का फतााल न कय वकता। माद यशे , भैने प्रेमभका कशा शै ऩत्नी नशीॊ कशा। ऩत्नी की शभ खाततयदायी नशीॊ कयते , उववे तो खाततयदायी कयलाना शी शभाया सलबाल शो गमा शै औय ळामद वच्चाई बी मशी शै। भगय क्रपरशार तो भैं इन दोनों नेभतों भें वे एक का बी शार नशीॊ जानता। उवके नाश्ते , डडनय, रॊच भें तो भैं श्रीक था शी , शय सटेळन ऩय (लश डाक थी था औय खाव-खाव सटेळनों ऩय शी रुकती थीॊ) भेले औय पर भॊगलाती औय भुझ ेआग्रशऩूलाक खखराती। कशाॊ की क्मा चीज भळशूय शै , इवका उवे खूफ ऩता शै। भेये दोसतों औय घयलारों के मरए तयश-तयश के तोशपे खयीदे भगय शैयत मश शै क्रक भैंने एक फाय बी उवे भना न क्रकमा। भना क्मोंकय कयता , भुझवे ऩूछकय तो राती नशीॊ। जफ लश एक चीज राकय भुशब्फत के वाथ भुझ ेबेंट कयती शै तो भैं कैवे इन्काय करुॊ ! खुदा जाने क्मों

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भैं भदा शोकय बी उवके वाभने औयत की तयश ळभीरा , कभ फोरनेलारा शो जाता शूॊ क्रक जैवे भेये भुॊश भें जफान शी नशीॊ। ददन की थकान की लजश वे यात-बय भुझ ेफेचैनी यशी वय भें शल्का-वा ददा था भगय भैंने इव ददा को फढ़ाकय कशा। अकेरा शोता तो ळामद इव ददा की जया बी ऩय लाश न कयता भगय आज उवकी भौजूदगी भें भुझ ेउव ददा को जादशय कयने भें भजा आ यशा था। लश भेये वय भें तेर की भामरळ कयने रगी औय भैं खाभखाश तनढार शुआ जाता था। भेयी फेचैनी के वाथ उवकी ऩयेळानी फढ़ती जाती थी। भुझवे फाय-फाय ऩूछती , अफ ददा कैवा शै औय भैं अनभने ढॊग वे कशता-अच्छा शूॊ। उवकी नाजुक शथेमरमों के सऩळा वे भेये प्राणों भें गुदगुदी शोती थी। उवका लश आकऴाक चेशया भेये वय ऩय झुका शै , उवकी गभा वाॊवे भेये भाथे को चूभ यशी शै औय भैं गोमा जन्नत के भजे रे यशा शूॊ। भेये ददर भें अफ उव ऩय पतेश ऩाने की तलादशळ झकोरे रे यशी शै। भैं चाशता शूॊ लश भेये नाज उठामे। भेयी तयप वे कोई ऐवी ऩशरन न शोनी चादशए स्जववे लश वभझ जामे क्रक भैं उव ऩय रटू्ट शो गमा शूॊ। चौफीव घॊटे के अन्दय भेयी भन:स्सथतत भें कैवे मश िाॊतत शो जाती शै , भैं क्मोंकय प्रेभ के प्राथी वे प्रेभ का ऩात्र फन जाता शूॊ। लश फदसतूय उवी तल्रीनता वे भेये मवय ऩय शाथ यक्खे फैठी शुई शै। तफ भुझ ेउव ऩय यशभ आ जाता शै औय भैं बी उव एशवाव वे फयी नशीॊ शूॊ भगय इवभाळूकी भें आज जो रुत्प आमा उव ऩय आमळकी तनछालय शै। भुशब्फत कयना गुराभी शै , भुशब्फत क्रकमा जाना फादळाशत।

भैंने दमा ददखराते शुए कशा-आऩको भेयी लजश वे फड़ी तकरीप शुई।

उवने उभगकय कशा-भुझ ेक्मा तकरीप शुई। आऩ ददा वे फेचैन थे औय भैं फैठी थी। काळ, मश ददा भुझ ेशो जाता! भैं वातलें आवभान ऩय उड़ जा यशा था।

५ जनलयी-कर ळाभ को शभ रखनऊ ऩशुॊच गमे। यासते भें शेरेन वे वाॊसकृततक, याजनीततक औय वादशस्त्मक प्रश्नों ऩय खूफ फातें शुईं। गे्रजुएट तो बगलान की दमा वे भैं बी शूॊ औय तफ वे पुवात ्के लक्त क्रकताफें बी देखता शी यशा शूॊ , वलद्लानों की वॊगत भें बी फैठा शूॊ रेकन उवके सान के वलसताय के आगे कदभ-कदभ ऩय भुझ ेअऩनी शीनता का फोध शोता शै। शय एक प्रश्न ऩय

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उवकी अऩनी याम शै औय भारूभ शोता शै क्रक उवने छानफीन के फाद लश याम काभम की शै। उवके वलऩयीत भैं उन रोगों भैं शूॊ जो शला के वाथ उड़ते शैं, स्जनके षखणक प्रेयणाएॊ उरट-ऩुरटकय यख देती शैं। भैं कोमळळ कयता था क्रक क्रकवी तयश उव ऩय अऩनी अक्र का मवक्का जभा दूॊ भगय उवके दृस्र्षटकोण भुझ ेफेजफान कय देते थे। जफ भैंने देखा क्रक सान-वलसान की फातों भें भैं उववे न जीत वकूॊ गा तो भैंने एफीवीतनमा औय इटरी की रड़ाई कास्जि छेड़ ददमा स्जव ऩय भैंने अऩनीवभझ भें फशुत कुछ ऩढ़ा था औय इॊगरैण्ड औय फ्राॊव ने इटरी ऩय दफाल डारा शै उवकी तायीप भें भैंने अऩनी लाक्-ळस्क्त खचा कय दी। उवने एक भुसकयाशट के वाथ कशा-आऩका मश तमार शै क्रक इॊगरैण्ड औय फ्राॊव मवपा इॊवातनमत औय कभजोय की भदद कयने की बालना वे प्रबावलत शो यशे शैं तो आऩकी गरती शै। उनकी वाम्राज्म-मरप्वा मश नशीॊ फदााश्त कय वकती क्रक दतुनमा की कोई दवूयी ताकत परे-पूरे। भुवोमरनी लशी कय यशा शै जो इॊगरैण्ड ने क्रकतनी शी फाय क्रकमा शै आज बी कय यशा शै। मश वाया फशुरुवऩमाऩन मवपा एफीवीतनमा भें व्मालवातमक वुवलधाएॊ प्राप्त कयने के मरए शै। इॊगरैण्ड को अऩने व्माऩाय के मरए फाजायों की जरुयत शै , अऩनी फढ़ी शुई आफादी के मरए जभीन के टुकड़ों की जरुयत शै , अऩने मळक्षषतों के मरए ऊॊ चे ऩदों की जरुयत शै तो इटरी को क्मों न शो। इटरी जो कुछ कय यशा शै ईभानदायी के वाथ एरातनमा कय यशा शै। उवने कबी दतुनमा के वफ रोगों के वाथ बाईचाये का डॊका नशीॊ ऩीटा ,

कबी ळास्न्त का याग नशीॊ अराऩा। लश तो वाप कशता शै क्रक वॊघऴा शी जीलन का रषण शै। भनुर्षम की उन्नतत रड़ाई शी के जरयमे शोती शै। आदभी के अच्छे गुण रड़ाई के भैदान भें शी खुरते शैं। वफकी फयाफयी के दृस्र्षटकोण को लश ऩागरऩन यशता शै। लश अऩना ळुभाय बी उन्शें फड़ी कौभों भें कयता शै स्जन्शें यॊगीन आफाददमाॊ ऩय शुकूभत कयने का शक शै। इवमरए शभ उवकी कामा-प्रणारी को वभझ वकते शैं। इॊगरैण्ड ने शभेळा धोखेफाजी वे काभ मरमा शै। शभेळा एक यार्षट्र के वलमबन्न तत्लों भें बेद डारकय मा उनके आऩवी वलयोधों को याजनीतत के आधाय फनाकय उन्शें अऩना वऩछरग्गू फनामा शै। भैं तो चाशती शूॊ क्रक दतुनमा भें इटरी , जाऩान औय जभानी खूफ तयक्की कयें औय इॊगरैण्ड को आगधऩत्म टूटे। तबी दतुनमा भें अवरी जनतॊत्र औय

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ळाॊतत ऩैदा शोगी। लताभान वभ्मता जफ तक मभट न जामेगी , दतुनमा भें ळाॊतत का याज्म न शोगा। कभजोय कौभों को स्जन्दा यशने का कोई शक नशीॊ , उवी तयश स्जव तयश कभजोय ऩौधों को। मवपा इवमरए नशीॊ क्रक उनका अस्सतत्ल सलमॊ उनके मरएकर्षट का कायण शै फस्ल्क इवमरए क्रक लशी दतुनमा के इव झगड़ ेऔय यक्तऩात के मरए स्जम्भेदाय शैं।

भैं बरा क्मों इव फात वे वशभत शोने रगा। भैंने जलाफ तो ददमा औय इन वलचायों को इतने शी जोयदाय ळब्दों भें खॊडन बी क्रकमा। भगय भैंने देखा क्रक इव भाभरे भें लश वॊतुमरत फुवद्ध वे काभ नशीॊ रेना चाशती मा नशीॊ रे वकती।

सटेळन ऩय उतयते शी भुझ ेमश क्रपि वलाय शुई क्रक शेरेन का अऩना भेशभान कैवे फनाऊॊ । अगय शोटर भें ठशयाऊॊ तो बगलान ्जाने अऩने ददर भें क्मा कशे। अगय अऩने घय रे जाऊॊ तो ळभा भारूभ शोती शैं। लशाॊ ऐवी रुगच-वम्ऩन्न औय अभीयों जैवे सलबाल लारी मुलती के मरए वुवलधा की क्मा वाभगग्रमा शैं। मश वॊमोग की फात शै क्रक भैं क्रिकेट अच्छा खेरने रगा औय ऩढ़ना-मरखना, छोड़-छोड़कय उवी का शो यशा औय एक सकूर का भासटय शूॊ भगय घय की शारत फदसतूय शै। लशी ऩुया , अॊधेया, टूटा-पूटा भकान , तॊग गरी भें, लशी ऩुयाने यग-ढॊग , लशी ऩुया ढच्चय। अम्भा तो ळामद शेरेन को घय भें कदभ शी न यखने दें। औय मशाॊ तक नौफत शी क्मों आने रगी , शेरेन खुद दयलाजे शी वे बागेगी। काळ , आज अऩना भकान शोता , वजा-वॊलया, भैं इव काबफर शोता क्रक शेरेन की भेशभानदायी कय वकता , इववे ज्मादा खुळनवीफी औय क्मा शो वकती थी रेक्रकन फेवयोवाभनी का फुया शो!

भैं मशी वोच यशा था क्रक शेरेन ने कुरी वे अवफाफ उठालामा औय फाशय आकय एक टैक्वी फुरा री। भेये मरए इव टैक्वी भें फैठ जाने के मवला दवूया चाया क्मा फाकी यश गमा थ। भुझ ेमकीन शै , अगय भै। उवे अऩने घय रे जाता तो उव फेवयोवाभनी के फालजूद लश खुळ शोती। शेरेन रुगच-वम्ऩन्न शै भगय नखयेफाज नशीॊ शै। लश शय तयश की आजभाइळ औय तजुफे के मरएतैमाय यशती शै। शेरेन ळामद आजभाइळों को औय नागलाय तजुफों को फुराती शै। भगय भुझ भें न मश कल्ऩना शै न लश वाशव।

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उवने जया गौय वे भेया चेशया देखा शोता तो उवे भारूभ शो जाता क्रक उव ऩय क्रकतनी ळामभान्दगी औय क्रकतनी फेचायगी झरक यशी थी। भगय मळर्षटाचाय का तनफाश तो जरुयी था , भैंने आऩस्त्त की , भैं तो आऩको अऩना भेशभान फनाना चाशता थ भगयआऩ उल्टा भुझ ेशोटर मरए जा यशी शैं।

उवने ळयायत वे कशा-इवीमरए क्रक आऩ भेये काफू वे फाशय न शो जाएॊ। भेये मरए इववे ज्मादा खुळी की फात क्मा शोती क्रक आऩके आततर्थम वत्काय का आनन्द उठाऊॊ रेक्रकन प्रेभ ईर्षमाारु शोता शै , मश आऩको भारूभ शै। लशाॊ आऩके इर्षट मभत्र आऩके लक्त का फड़ा दशसवा रेंगे ,आऩको भुझवे फात कयने का लक्त शी न मभरेगा औय भदा आभ तौय ऩय क्रकतने फेभुयब्फत ओय जल्द बूर जाने लारे शोते शैं इवका भुझ ेअनुबल शो चुका शै। भैं तुम्शें एक षण के मरए बी अरग नशीॊ छोड़ वकती। भुझ ेअऩने वाभने देखकय तुभ भुझ ेबूरना बी चाशो तो नशीॊ बूर वकते।

भुझ ेअऩनी इव खुळनवीफी ऩय शैयत शी नशीॊ , फस्ल्क ऐवा रगने रगा क्रक जैवे वऩना देख यशा शूॊ। स्जव वुन्दयी की एक नजय ऩय भैं अऩने को कुफाान कय देता लश इव तयश भुझवे भुशब्फत काइजशाय कये। भेया तो जी चाशता था क्रक इवी फात ऩय उनके कदभों को ऩकड़ कय वीने वे रगा रूॊ औय आवुॊओॊ वे तय कय दूॊ।

शोटर भें ऩशुॊचे। भेया कभया अरग था। खाना शभने वाथ खामा औय थोड़ी देय तक लशीॊ शयी-शयी घाव ऩय टशरते यशे। खखराडड़मों को कैवे चुना जाम, मशी वलार था। भेया जी तो मशी चाशता था क्रक वायी यात उवके वाथ टशरता यशूॊ रेक्रकन उवने कशा-आऩ अफ आयाभ कयें , वुफश फशुत काभ शै। भैं अऩने कभये भें जाकय रेट यशा भगय वायी यात नीॊद नशीॊ आई। शेरेन का भन अबी तक भेयी आॊखों वे तछऩा शुआ था , शय षण लश भेये मरए ऩशेरी शोती जा यशी शै।

१२ जनलयी-आज ददन-बय रखनऊ के क्रिकेटयों का जभाल यशा। शेरेन दीऩक थी औय ऩततॊगे उवके गगदा भॊडया यशे थे। मशाॊ वे भेये अराला दो रोगों का खेर शेरेन को फशुत ऩवन्द आमा-फजेृन्ि औय वाददक। शेरेन उन्शें आर इॊडडमा टीभ भें यखना चाशती थी। इवभें कोई ळक नशीॊ क्रक दोनों इव पन के उसताद शैं रेक्रकन उन्शोंने स्जव तयश ळुरुआत की शै उववे तो मशी भारूभ

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शोता शै क्रक लश क्रिकेट खेरने नशीॊ अऩनी क्रकसभत की फाजी खेरने आमे शैं। शेरने क्रकव मभजाज की औयत शै , मश वभझना भुस्श्कर शै। फजेृन्ि भुझवे ज्मादा वुन्दय शै , मश भैं बी सलीकाय कयता शूॊ , यशन-वशन वे ऩूया वाशफ शै। रेक्रकन ऩक्का ळोशदा , रोपय। भैं नशीॊ चाशता क्रक शेरेन उववे क्रकवी तयश का वम्फन्ध यक्खे। अदफ तो उवे छू नशीॊ गमा। फदजफान ऩयरे मवये का , फेशूदा गन्दे भजाक , फातचीत का ढॊग नशीॊ औय भौके-भशर की वभझ नशीॊ। कबी-कबी शेरेन वे ऐवे भतरफ-बये इळाये कयजाता शै क्रक भैं ळभा वे मवय झुका रेता शूॊ रेक्रकन शेरेन को ळामद उवका फाजारुऩन , उवका तछछोयाऩन भशवूव नशीॊ शोता। नशीॊ , लश ळामद उवके गन्दे इळायों काभजा रेती शै। भैंने कबी उवके भाथे ऩय मळकन नशीॊ देखी। मश भैं नशीॊ कशता क्रक लश शॊवभुखऩन कोइय ्फुयी चीज शै , न स्जन्दाददरी का भैं दशु्भन शूॊ रेक्रकन एक रेडी के वाथ तो अदफ औय कामदे का मरशाज यखना शी चादशए।

वाददक एक प्रततस्र्षठत कुर का दीऩक शै , फशुत शी ळुद्ध आचयण , मशाॊ तक क्रक उवे ठण्ड ेसलबाल का बी कश वकते शैं , फशुत घभॊडी , देखने भें गचड़गचड़ा रेक्रकन अफ लश बी ळशीदों भें दाखखर शो गमा शै। कर आऩ शेरेन को अऩने ळये वुनाते यशे औय लश खुळ शोती यशी। भुझ ेतो उन ळयेों भें कुछ भजा न आमा। इववे ऩशरे भैंने इन शजयत को कबी ळामयी कयते नशीॊ देखा, मश भसती कशाॊ वे पट ऩड़ी शै ? रुऩ भें जाद ूकी ताकत शै औश्र क्मा कशूॊ। इतना बी न वूझा क्रक उवे ळये शी वुनाना शै तो शवयत मा स्जगय मा जोळ के कराभ वे दो-चाय ळये माद कय रेता। शेरेन वका कराभ ऩढ़ थोड़ े शी फैठी शै। आऩको ळये कने की क्मा जरुयत भगय मशी फात उनवे कश दूॊ तो बफगड़ जाएॊगे , वभझेंगे भुझ ेजरन शो यशी शै। भुझ ेक्मों जरन शोने रगी। शेरेन की ऩूजा कयनेलारों भें एक भैं शी शूॊ ? शाॊ, इतना जरुय चाशता शै क्रक लश अच्छे-फुये की ऩशचान कय वके , शय आदभी के फेतकल्रुपी भुझ ेऩवन्द नशीॊ ,

भगय शेरेन की नजयों भें वफ फयाफय शैं। लश फायी-फायी वे वफवे अरग शो जाती शै औय वफवे प्रेभ कयती शै। क्रकवकी ओय ज्मादा झुकी शै , मश पैवरा कयना भुस्श्कर शै। वाददक की धन-वम्ऩस्त्त वे लश जया बी प्रबावलत नशीॊ जान ऩड़ती। कर ळाभ को शभ रोग मवनेभा देखने गमे थे। वाददक ने आज अवाधायण उदायता ददखाई। जेफ वे लश रुऩमा तनकार कय वफके मरए दटकट

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रेने चरे। मभमाॊ वाददक जो इव अभीयी के फालजूद तॊगददर आदभी शैं , भैं तो कॊ जूय कशूॊगा , शेरेन ने उनकी उदायता को जगा ददमा शै। भगय शेरेन ने उन्शें योक मरमा औय खुद अॊदय जाकय वफके मरए दटकट राई। औय मों बी लश इतनी फेददी वे रुऩमा खचा कयती शै क्रक मभमाॊ वाददक के छक्के छूट जाते शैं। जफ उनका शाथ जेफ भें जाता शै , शेरेन के रुऩमे काउन्टय ऩय जा ऩशुॊचते शैं। कुछ बी शो , भैं तो शेरेन के सलबाल-सान ऩय जान देता शूॊ। ऐवा भारूभ शोता शै लश शभायी पभााइळों काइन्तजाय कयती यशती शै औय उनको ऩूया कयने भें उवे खाव भजा आता शै। वाददक वाशफ को उवने अरफ बेंट कय ददमा जो मोयोऩ के दरुाब गचत्रों की अनुकृततमों का वॊग्रश शै औय जो उवने मोयोऩ की तभाभ गचत्रळाराओॊ भें जाकय खुद इकट्ठा क्रकमा शै। उवकी आॊखें क्रकतनी वौंदय्र-प्रेभी शै। फजेृनि जफ ळाभ को अऩना नमा वूट ऩशन कय आमा, जो उवने अबी मवरामा शै , तो शेरेन ने भुसकया कय कशा-देखों कशीॊ नजय न रग जाम तुम्शें! आज तो तुभ दवूये मुवूप फने शुए शो। फजेृन्ि फाग-फाग शो गमा। भैंने जफ रम के वाथ अऩनी ताजा गजर वुनाई तो लश एक-एक ळये ऩय उछर-उछर ऩड़ी। अदबुत काव्मभास शै। भुझ ेअऩनी कवलता-यचना ऩय इतनी खुळी कबी न शुई थी भगय तायीप जफ वफका फुरौला शो जामे तो उवकी क्मा कीभत। मभमाॊ वाददक को कबी अऩनी वुन्दयता का दाला नशीॊ शुआ। बीतयी वौंदमा वे आऩ स्जतने भाराभार शैं फाशयी वौंदमा भें उतने शी कॊ गार। भगय आज ळयाफ के दौय भें ज्मों शी उनकी आॊखों भें वुखी आई शेरेन ने प्रेभ वे ऩगे शुए सलय भें कशा-बई ,

तुम्ऱायी मे आॊखें तो स्जगय के ऩाय शुई जाती शैं। औय वाददक वाशफ उव लक्त उवके ऩैयों ऩय गगयते-गगयते रुक गमे। रज्जा फाधक शुई। उनकी आॊखों की ऐवी तायीप ळामद शी क्रकवी ने की शो। भुझ ेकबी अऩने रुऩ-यॊग , चार-ढार की तायीप वुनने नशीॊ शो वका क्रक भैं खूफवूयत शूॊ। मश भ्सब ्जनता क्रक शेरेन का मश वफ वत्काय कोई भतरफ नशीॊ यखता। रेक्रकन अफ भुझ ेबी मश फेचैनी शोने रगी क्रक देखो भुझ ऩय क्मा इनामत शोती शै। कोई फात न थी, भगय भैं फेचैन यशा। जफ भैं ळाभ को मूतनलमवाटी ग्राउण्ड वे खेर की प्रैस्क्टव कयके आ यशा था तो भेये मे बफखये शुए फार कुछ औय ज्मादा बफखये गमे थे। उवने आवक्त नेत्रों वे देखकय पौयन कशा-तुम्शायी इन बफखयी शुई

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जुल्पों ऩय तनवाय शोने की जी चाशता शै! भैं तनशार शो गमा , ददर भें क्मा-क्मा तूपान उठे कश नशीॊ वकता।

भगय खुदा जाने क्मों शभ तीनों भें वे एक बी उवकी क्रकवी अॊदाज मा रुऩ की प्रळॊवा ळब्दों भें नशीॊ कय ऩाता। शभें रगता शै क्रक शभें ठीक ळब्द नशीॊ मभरते। जो कुछ शभ कश वकते शैं उववे कशीॊ ज्मादा प्रबावलत शैं। कुछ कशने की दशम्भत शी नशीॊ शोती।

१ पयलयी-शभ ददल्री आ गमे। इवी फीच भें भुयादाफाद , नैनीतार,

देशयादनू लगैयश जगशों के दौये क्रकमे भगय कशीॊ कोई खखराड़ी न मभरा। अरीगढ़ औय ददल्री वे कई अच्छे खखराडड़मों के मभरने की उम्भीद शै इवमरए शभ रोग लशाॊ कई ददन यशेंगे। एरेवलन ऩूयी शोते शी शभ रोग फम्फई आ जाएॊगे औय लशाॊ एक भशीने प्रैस्क्टव कयेंगे। भाचा भें आसटे्रमरमन टीभ मशाॊ वे यलाना शोगी। तफ तक लश दशन्दवुतान भें वाये ऩशरे वे तनस्श्चत भैच खेर चुकी शोगी। शभ उववे आखखयी भैच खेरेंगे औय खुदा ने चाशा तो दशन्दसुतान की वायी मळकसतों का फदरा चुका देंगे। वाददक औय फजेृन्ि बी शभाये वाथ घूभते यशे। भैं तो न चाशता था क्रक मे रोग आएॊ भगय शेरेन को ळामद प्रेमभमों के जभघट भें भजा आता शैंशभ वफके वफ एक शी शोटर भें शैं औय वफ शेरेन के भेशभान शैं। सटेळन ऩय ऩशुॊचे तो वैकड़ों आदभी शभाया सलागत कयने के मरए भौजूद थे। कई औयतें बी थीॊ , रेक्रकन शेरेन को न भारूभ क्मों औयतों वे आऩस्त्त शै। उनकी वॊगत वे बागती शै , खावकय वुन्दय औयतों की छामा वे बी दयू यशती शै शाराॊक्रक उवे क्रकवी वुन्दयी वे जरने काकोई कायण नशीॊ शै। मश भानते शुए बी क्रक शुसन उव ऩय खत्भ नशीॊ शो गमा शै , उवभें आकऴणा के ऐवे तत्ल भौजूद शैं क्रक कोई ऩयी बी उवके भुकाफे भें नशीॊ खड़ी शो वकती। नख-मळख शी तो वफ कुछ नशीॊ शै ,

रुगच का वौंदमा , फातचीत का वौंदमा , अदाओॊ का वौंदमा बी तो कोई चीज शै। प्रेभ उवके ददर भें शै मा नशीॊ खुदा जाने रेक्रकन प्रेभ के प्रदळान भें लश फेजोड़ शै। ददरजोई औय नाजफयदायी के पन भें शभ जैवे ददरदायों को बी उववे ळमभान्दा शोना ऩड़ता शै। ळाभ को शभ रोग नई ददल्री की वैय को गए। ददरकळ जगश शै , खुरी शुई वड़कें , जभीन के खूफवूयत टुकड़े , वुशानी यबफळ।े उवको फनाने भें वयकाय ने फेदयेग रुऩमा खचा क्रकमा शै औय फेजरुयत।

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मश यकभ रयआमा की बराई ऩय खचा की जा वकती थी भगय इवको क्मा कीस्जए क्रक जनवाधायण इवके तनभााण वे स्जतने प्रबावलत शैं , उतने अऩनी बराई की क्रकवी मोजना वे न शोते। आऩ दव-ऩाॊच भदयवे ज्मादा खोर देते मा वड़कों की भयम्भत भें मा , खेती की जाॊच-ऩड़तार भें इव रुऩमे को खचा कय देते भगय जनता को ळान-ळौकत , धन-लैबल वे आज बी स्जतना प्रेभ शै उतना आऩके यचनात्भक काभों वे नशीॊ शै। फादळाश की जो कल्ऩना उवके योभ-योभ भें घुर गई शै लश अबी वददमों तक न मभटेगी। फादळाश के मरए ळान-ळौकत जरयी शै। ऩानी की तयश रुऩमा फशाना जरयी शै। क्रकपामतळाय मा कॊ जूव फादळाश चाशे लश एक-एक ऩैवा प्रजा की बराई के मरए खचा कये ,

इतना रोकवप्रम नशीॊ शो वकता। अॊगे्रज भनोवलसान के ऩॊडडत शैं। अॊगे्रज शी क्मों शय एक फादळाश स्जवने अऩने फाशुफर औय अऩनी फुवद्ध वे मश सथान प्राप्त क्रकमा शै सलबात: भनोवलसान का ऩस्ण्डत शोता शै। इवके फगैय जनता ऩय उवे अगधकाय क्मों कय प्राप्त शोता। खैय , मश तो भैंने मूॊशी कशा। भुझ ेऐवा अन्देळा शो यशा शै ळामद शभायी टीभ वऩना शी यश जाए। अबी वे शभ रोगों भें अनफन यशने रगी शै। फजेृन्ि कदभ-कदभ ऩय भेया वलयोध कयता शै। भैं आभ कशूॊ तो लश अदफदाकय इभरी कशेगा औय शेरेन को उववे प्रेभ शै। स्जन्दगी के कैवे-कैवे भीठे वऩने देखने रगा था भगय फजेृन्ि , कृतघ्न-सलाथी फजेृन्ि भेयी स्जन्दगी तफाश क्रकए डारता शै। शभ दोनों शेरेन के वप्रम ऩात्र नशीॊ यश वकते, मश तम फात शै; एक को भैदान वे शटाना ऩड़गेा।

७ पयलयी-ळुि शै ददल्री भें शभाया प्रमत्न वपर शुआ। शभायी टीभ भें तीन नमे खखराड़ी जुड़-ेजापय , भेशया औय अजुान मवॊश। आज उनके कभार देखकय आसटे्रमरमन क्रिकेटयों की धाक भेये ददर वे जाती यशी। तीनों गेंद पें कते शैं। जापय अचूक गेंद पें कता शै , भेशया वब्र की आजभाइळ कयता शै औय अजुान फशुत चाराक शै। तीनों दृढ़ सलबल के रोग शैं , तनगाश के वच्चे अकथ। अगय कोई इन्वाप वे ऩूछे तो भैं कशूॊगा क्रक अजुान भुझवे फेशतय खेरता शै। लशदो फाय इॊगरैण्ड शो आमा शै। अॊगे्रजी यशन-वशन वे ऩरयगचत शै औय मभजाज ऩशचाननेलारा बी अव्लर दजे का शै , वभ्मता औय आचाय का ऩुतरा। फजेृन्ि का यॊग पीका ऩड़ गमा। अफ अजुान ऩय खाव कृऩा दृस्र्षट शै

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औय अजुान ऩय पतश ऩाना भेये मरए आवान नशीॊ शै , भुझ ेतो डय शै लश कशीॊ भेयी याश का योड़ा न फन जाए।

२५ पयलयी-शभायी टीभ ऩूयी शो गई। दो प्रेमय शभें अरीगढ़ वे मभरे ,

तीन राशौय वे औय एक अजभेय वे औय कर शभ फम्फई आ गए। शभने अजभेय, राशौय औय ददल्री भें लशाॊ की टीभों वे भैच खेरे औय उन ऩय फड़ी ळानदाय पतश ऩाई। आज फम्फई की दशन्द ूटीभ वे शभाया भुकाफरा शै औय भुझ ेमकीन शै क्रक भैदान शभाये शाथ यशेगा। अजुान शभायी टीभ का वफवे अच्छा खखराड़ी शै औय शेरेन उवकी इतनी खाततदायी कयती शै रेक्रकन भुझ ेजरन नशीॊ शोती , इतनी खाततयदायी तो भेशभान की शी की जा वकती शै। भेशभान वे क्मा डय। भजे की फात मश शै क्रक शय व्मस्क्त अऩने को शेरेन को कृऩा-ऩात्र वभझता शै औय उववे अऩने नाज उठलाता शै। अगय क्रकवी के मवय भें ददा शै तो शेरेन का पजा शै क्रक उवकी मभजाजऩुवी कये , उवके वय भें चन्दन तक तघवकय रगा दे। भगय उवके वाथ शी उवका योफ शय एक के ददर ऩय इतना छामा शुआ शै क्रक उवके क्रकवी काभ की कोई आरोचना कयने का वाशव नशीॊ कय वकता। वफ के वफ उवकी भजी के गुराभ शैं। लश अगय वफके नाज उठाती शै तो शुकूभत बी शय एक ऩय कयती शै। ळामभमाने भें एक वे एक वुन्दय औयतों का जभघट शै भगय शेरेन के कैददमों की भजार नशीॊ क्रक क्रकवी की तयप देखकय भुसकया बी वकें । शय एक के ददर ऩय ऐवा डय छामा यशता शै क्रक जैवे लश शय जगश ऩय भौजूद शै। अजुान ने एक मभव ऩयमूॊ शी कुछ नजय डारी थी , शेरेन ने ऐवी प्ररम की आॊख वे उवे देखा क्रक वयदाय वाशफ का यॊग उड़ गमा। शय एक वभझता शै क्रक लश उवकी तकदीय की भामरक शै औय उवे अऩनी तयप वे नायाज कयके लश ळामद स्जन्दा न यश वकेगा। औयों की तो भैं क्मा कशूॊ , भैंने शी गोमा अऩने को उवके शाथों फेच ददमा शैं। भुझ ेतो अफ ऐवा रग यशा शै क्रक भुझभें कोई ऐवी चीज खत्भ शो गई शै जो ऩशरे भेये ददर भें डाश की आग-वी जरा ददमा कयती थी। शेरेन अफ क्रकवी वे फोरे , क्रकवी वे प्रेभ की फातें कये , भुझ ेगुसवा नशीॊ आता। ददर ऩय चोट रगती जरय शै भगय इवका इजशाय अकेरे भें आॊवू फशाकय कयने को जी चाशता शै , लश सलामबभान कशाॊ गामफ शो गमा नशीॊ कश वकता। अबी उवकी नायाजगी वे ददर के टुकड़ ेशो गए थे क्रक एकाएक उवकी एक

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उचटती शुई-वी तनगाश ने मा एक भुसकयाशट ने गुदगुदी ऩैदा कय दी। भारूभ नशीॊ उवभें लश कौन-वी ताकत शै जो इतने शौवराभॊद नौजलान ददरों ऩय शुकूभत कययशी शै। उवे फशादयुी कशूॊ। चाराकी औय पुती कशूॊ , शभ वफ जैवे उवके शाथों की कठऩुतमरमाॊ शैं। शभभें अऩनी कोई ळास्तवमत , कोई शसती नशीॊ शै। उवने अऩने वौन्दमा वे , अऩनी फुवद्ध वे , अऩने धन वे औय वफवे ज्मादा वफको वभेट वकने की अऩनी ताकत वे शभाये ददरों ऩय अऩना आगधऩत्म जभा मरमा शै।

१ भाचा-कर आसटे्रमरमन टीभ वे शभाया भैच खत्भ शो गमा। ऩचाव शजाय वे कभ तभाळाइमों की बीड़ न थी। शभने ऩूयी इतनॊग्व वे उनको शयामा औय देलताओॊ की तयश ऩुजे। शभभें वे शय एक ने ददरोजन वे काभ क्रकमा औय वबी मकवाॊ तौय ऩय पूर शुए थे। भैच खत्भ शोते शी ळशयलारों की तयप वे शभें एक ळानदाय ऩाटी दी गई। ऐवी ऩाटी तो ळामद लाइवयाम के वम्भान भें बी न दी जाती शोगी। भैं तो तायीपों औय फधाइमों के फोझ वे दफ गमा , भैंने ४४ यनों भें ऩाॊच खखराडड़मों का वपामा कय ददमा था। भुझ ेखुद अऩने बमानक गेंद पें कने ऩय अचयज शो यशा था। जरय कोई अरौक्रकक ळस्क्त शभाया वाथ दे यशी थी। इव बीड़ भें फम्फई का वौंदमा अऩनी ऩूयी ळान औय यॊगीनी के वाथ चभक यशा था औय भुझ ेदाला शै क्रक वुन्दयता की दृस्र्षट वे मश ळशय स्जतना बाग्मळारी शै , दतुनमा का कोई दवूया ळशय ळामद शी शो। भगय शेरेन इव बीड़ भें बी वफकी दृस्र्षटमों का केन्ि फनी शुई थी। मश जमरभ भशज शवीन नशीॊ शै , भीठी फोरती बी शै औय उवकी अदाएॊ बी भीठी शैं। वाये नौजलान ऩयलानों की तयश उव ऩय भॊडरायशे थे , एक वे एक खूफवूयत, भनचरे, औय शेरेन उनकी बालनाओॊ वे खेर यशी थी , उवी तयश जैवे लश शभ रोगों की बालनाओॊ वे खेर कयती थी। भशायाजकुभाय जैवा वुन्दय जलान भैंने आज तक नशीॊ देखा। वूयत वे योफ टऩकता शै। उनके प्रेभ ने क्रकतनी वुन्दरयमों का दखु ददमा शै कौन जाने। भदााना ददरकळी का जाद-ूवा बफखेयता चरता शै। शेरेन उनवे बी लैवी शी आजाद फेतकल्रुपी वे मभरी जैवे दवूये शजायों नौजलानों वे। उनके वौन्दमा का , उनकी दौरत का उव ऩय जया बी अवय न था। न जाने इतना गला , इतना सलामबभान उवभें कशाॊ वे आ गमा। कबी नशीॊ डगभगाती , कशीॊ योफ भें नशीॊ आती , कबी क्रकवी की तयप

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नशीॊ झुकती। लशी शॊवी-भजाक शै , लशी प्रेभ का प्रदळान , क्रकवी के वाथ कोई वलळऴेता नशीॊ, ददरजोई वफ की भगय उवी फेऩयलाशी की ळान के वाथ।

शभ रोग वैय कयके कोई दव फजे यात को शोटर ऩशुॊचे तो वबी स्जन्दगी के नए वऩने देख यशे थे। वबी के ददरों भें एक धुकधुकी-वी शो यशी थी क्रक देखें जफ क्मा शोता शै। आळा औय बम ने वबी के ददरों भें एक तूपान-वा उठा यक्खा था गोमा आज शय एक के जीलन की एक सभयणीम घटना शोनेलारी शै। जफ क्मा प्रोग्राभ शै , इवकी क्रकवी को खफय न थी। वबी स्जन्दगी के वऩने देख यशे थे। शय एक के ददर ऩय एक ऩागरऩन वलाय था ,

शय एक को मकीन था क्रक शेरेन की दृस्र्षट उव ऩय शै भगय मश अॊदेळा बी शय एक के ददर भें था क्रक खुदा न खासता कशीॊ शेरेन ने फेलपाई की तो मश जान उवके कदभों ऩय यख देगा , मशाॊ वे स्जन्दा घय जाना कमाभत था।

उवी लक्त शेरेन ने भुझ ेअऩने कभये भें फुरा बेजा। जाकय देखता शूॊ तो वबी खखराड़ी जभा शैं। शेरेन उव लक्त अऩनी ळफाती फेरदाय वाड़ी भें आॊखों भें चकाचौंध ऩैदा कय यशी थी। भुझ ेउव ऩय झुॊझराशट शुई , इव आभ भजभे भें भुझ ेफुराकय कलामद कयाने की क्मा जरयत थी। भैं तो खाव फतााल का अगधकायी था। भैं बूर यशा था क्रक ळामद इवी तयश उनभें वे शय एक अऩने को खाव फतााल का अगधकायी वभझता शो।

शेरेन ने कुवी ऩय फैठते शुए कशा-दोसतों , भैं कश नशीॊ वकती क्रक आऩ रोगों की क्रकतनी कृतस शूॊ औय आऩने भेयी स्जॊदगी की क्रकतनी फड़ी आयजू ऩूयी कय दी। आऩभें वे क्रकवी को मभसटय यतन रार की माद आती शै ?

यतन रार! उवे बी कोई बूर वकता शै! लश स्जवने ऩशरी फाय दशन्दसुतान की क्रिकेट टीभ को इॊगरैण्ड की धयती ऩय अऩने जौशय ददखाने का भौका ददमा , स्जवने अऩने राखों रुऩमों इव चीज की नजय क्रकए औय आखखय फाय-फाय की ऩयाजमों वे तनयाळ शोकय लशीॊ इॊगरैण्ड भें आत्भशत्मा कय री। उवकी लश वूयत अफ बी शभायी आॊखों के वाभने क्रपय यशी शै।

वफ ने कशा-खूफ अच्दी तयश , अबी फात शी कै ददन की शैं आज इव ळानदाय काभमाफी ऩय भैं आऩको फधाई देती शूॊ। बगलान ने चाशा तो अगरे वार शभ इॊगरैण्ड का दौया कयेंगे। आऩ अबी वे इव भोचे के मरए तैमारयमाॊ कीस्जए। रुत्प जो जफ शै क्रक शभ लशाॊ एक भैच बी न शायें ,

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भैदान फयाफय शभाये शाथ यशे। दोवतों , मशी भेये जीलन का रक्ष्म शै। क्रकवी रक्ष्म का ऩूया कयने के मरए जो काभ क्रकमा जाता शै उवी का नाभ स्जन्दगी शै। शभें काभमाफी लशीॊ शोती शैं जशाॊ शभ अऩनेऩूये शौवते वे काभ भें रगे शों ,

लशी रक्ष्म शभाया सलप्न शो , शभाया प्रेभ शो , शभाये जीलन का केन्ि शो। शभभें औय इव रक्ष्म के फीच भें औय कोई इच्छा , कोई आयजू दीलाय की तयश न खड़ी शो। भाप कीस्जएगा , आऩने अऩने रक्ष्म के मरए जीना नशीॊ वीखा। आऩके मरए क्रिकेट मवपा एक भनोयॊजन शै। आऩको उववे प्रेभ नशीॊ। इवी तयश शभाये वैकड़ों दोसत शैं स्जनका ददर कशीॊ औय शोता शै , ददभाग कशीॊ औय, औय लश वायी स्जन्दगी का नाकाभ यशते शैं। आऩके मरए भै। ज्मादा ददरचसऩी की चीज थी , क्रिकेट तो मवपा भुझ ेखुळ कयने का जरयमा था। क्रपय बी आऩ काभमाफ शुए। भुल्क भें आऩ जैवे शजायों नौजलान शैं जो अगय क्रकवी रक्ष्म की ऩूतत ा के मरए जीना औय भयना वीख जाए तो चभत्काय कय ददखाइए। जाइए औय लश कभार शामवर कीस्जए। भेया रऩ औय भेयी यातें लावना का खखरौना फनने के मरए नशीॊ शैं। नौजलानों की आॊखों को खुळ कयने औय उनके ददरों भें भसती ऩैदा कयने के मरए जीना भैं ळभानाक वभझती शूॊ। जीलन का रक्ष्म इववे कशीॊ ऊॊ चा शै। वच्ची स्जन्दगी लशी शै जशाॊ शभ अऩने मरए नशीॊ वफके मरए जीते शैं।

शभ वफ मवय झुकामे वुनते यशे औय झल्राते यशे। शेरेन कभये वे तनकरय काय ऩय जा फैठी। उवने अऩनी यलानगी का इन्तजाभ ऩशरे शी कय मरमा था। इवके ऩशरे क्रक शभाये शोळ-शलाव वशी शों औय शभ ऩरयस्सथतत वभझें, लश जा चुकी थी।

शभ वफ शफ्ते-बय तक फम्फई की गमरमों , शोटरों , फॊगरों की खाक छानते यशे , शेरेन कशीॊ न थी औय ज्मादा अपवोव मश शै क्रक उवने शभायी स्जॊदगी का जो आइडडमर यखा लश शभायी ऩशुॊच वे ऊॊ चा शै। शेरेन के वाथ शभायी स्जन्दगी का वाया जोळ औय उभॊग खत्भ शो गई।

-‗जभाना‘, जुराई, १९३७

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कोई दखु न हो िो बकरी खरीद ऱो

न ददनों दधू की तकरीप थी। कई डयेी पभों की आजभाइळ की , अशायों का इम्तशान मरमा , कोई नतीजा नशीॊ। दो-चाय ददन तो दधू अच्छा ,

मभरता क्रपय मभरालट ळुर शो जाती। कबी मळकामत शोती दधू पट गमा ,

कबी उवभें वे नागलाय फू आने रगी , कबी भक्खन के येजे तनकरते। आखखय एक ददन एक दोसत वे कशा-बाई , आओ वाझ ेभें एक गाम रे रें , तुम्शें बी दधू का आयाभ शोगा , भुझ ेबी। रागत आधी-आधी , खचा आधा-आधा , दधू बी आधा-आधा। दोसत वाशफ याजी शो गए। भेये घय भें जगश न थी औय गोफय लगैयश वे भुझ ेनपयत शै। उनके भकान भें कापी जगश थी इवमरए प्रसताल शुआ क्रक गाम उन्शीॊ के घय यशे। इवके फदरे भें उन्शें गोफय ऩय एकछत्र अगधकाय यशे। लश उवे ऩूयी आजादी वे ऩाथें , उऩरे फनाएॊ , घय रीऩें , ऩड़ोमवमों को दें मा उवे क्रकवी आमुलेददक उऩमोग भें राएॊ , इकयाय कयनेलारे को इवभें क्रकवी प्रकाय की आऩस्त्त मा प्रततलाद न शोगा औय इकयाय कयनेलारा वशी शोळ-शलाव भें इकयाय कयता शै क्रक लश गोफय ऩय कबी अऩना अगधकाय जभाने की कोमळळ न कयेगा औय न क्रकवी का इसतेभार कयने के मरए आभादा कयेगा।

दधू आने रगा , योज-योज की झॊझट वे भुस्क्त मभरी। एक शफ्ते तक क्रकवी तयश की मळकामत न ऩैदा शुई। गयभ-गयभ दधू ऩीता था औय खुळ शोकय गाता था-

यफ का ळुि अदा कय बाई स्जवने शभायी गाम फनाई।

ताजा दधू वऩरामा उवने रुत्पे शमात चखामा उवने।

दधू भें बीगी योटी भेयी उवके कयभ ने फतळी वेयी।

खुदा की यशभत की शै भूयत कैवी बोरी-बारी वूयत।१

1. एक पायवी कशालत

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भगय धीये-धीये मशाॊ ऩुयानी मळकामतें ऩैदा शोने रगीॊ। मशाॊ तक नौफत ऩशुॊची क्रक दधू मवपा नाभ का दधू यश गमा। क्रकतना शी उफारो , न कशीॊ भराई का ऩता न मभठाव। ऩशरे तो मळकामत कय मरमा कयता था इववे ददर का फुखाय तनकर जाता था। मळकामत वे वुधाय न शोता तो दधू फन्द कय देता था। अफ तो मळकामत का बी भौका न था , फन्द कय देने का स्जि शी क्मा। मबखायी का गुसवा अऩनी जान ऩय , वऩमो मा नारे भें डार दो। आठ आने योज का नुसखा क्रकसभत भें मरखा शुआ। फच्चा दधू को भुॊश न रगाता , ऩीना तो दयू यशा। आधों आध ळक्कय डारकय कुछ ददनों दधू वऩरामा तो पोड़ ेतनकरने ळुर शुए औय भेये घय भें योज फभचख भची यशती थी। फीली नौकय वे पयभाती-दधू रे जाकय उन्शीॊ के वय ऩटक आ। भैं नौकय को भना कयता। लश कशतीॊ-अच्छे दोसत शै तुम्शाये , उवे ळयभ बी नशीॊ आती। क्मा इतना अशभक शै क्रक इतना बी नशीॊ वभझता क्रक मश रोग दधू देखकय क्मा कशेंगे! गाम को अऩने घय भॊगला रो , फरा वे फदफू आमगी , भच्छय शोंगे , दधू तो अच्छा मभरेगा। रुऩमे खचे शैं तो उवका भजा तो मभरेगा।

चड्ढा वाशफ भेये ऩुयाने भेशयफान शैं। खावी फेतकल्रुपी शै उनवे। मश शयकत उनकी जानकायी भें शोती शो मश फात क्रकवी तयश गरे के नीचे नशीॊ उतयती। मा तो उनकी फीली की ळयायत शै मा नौकय की रेक्रकन स्जि कैवे करॊ । औय क्रपय उनकी फीली वे बी तो याश-यसभ शै। कई फाय भेये घय आ चुकी शैं। भेयी फीली जी बी उनके मशाॊ कई फाय भेशभान फनकय जा चुकी शैं। क्मा लश मकामक इतनी फेलकूप शो जामेंगी , वयीशन आॊखों भें धूर झोंकें गी! औय क्रपय चाशे क्रकवी की ळयायत शो , भेये मरएमश गैयभुभक्रकन था क्रक उनवे दधू की खयाफी की मळकामत कयता। खैरयमत मश शुई क्रक तीवये भशीने चड्ढा का तफादरा शो गमा। भैं अकेरे गाम न यख वकता था। वाझा टूट गमा। गाम आधे दाभों फेच दी गई। भैंने उव ददन इत्भीनान की वाॊव री।

आखखय मश वराश शुई क्रक एक फकयी यख री जाम। लश फीच आॊगन के एक कोने भें ऩड़ी यश वकती शै। उवे दशुने के मरए न ग्लारे की जरयत न उवका गोफय उठाने , नाॊद धोने , चाया-बूवा डारने के मरए क्रकवी अशीरयन की जरयत। फकयी तो भेया नौकयबी आवानी वे दशु रेगा। थोड़ी-वी चोकय डार दी, चमरमे क्रकसवा तभाभ शुआ। क्रपय फकयी का दधू पामदेभॊद बी ज्मादा

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शै, फच्चों के मरए खाव तौय ऩय। जल्दी शजभ शोता शै , न गभी कये न वदी ,

सलासर्थमलद्धाक शै। वॊमोग वे भेये मशाॊ जो ऩॊडडत जी भेये भवौदे नकर कयने आमा कयते थे , इन भाभरों भें कापी तजुफेकाय थे। उनवे स्जि आमा तो उन्शोंने एक फकयी की ऐवी सतुतत गाई , उवका ऐवा कवीदा ऩढ़ा क्रक भैं बफन देखे शी उवका प्रेभी शो गमा। ऩछाॊशी नवर की फकयी शै , ऊॊ चे कद की , फड़-ेफड़ ेथन जो जभीन वे रगते चरते शैं। फेशद कभखोय रेक्रकन फेशद दधुाय। एक लक्त भें दो-ढाई वेय दधू रे रीस्जए। अबी ऩशरी फाय शी बफमाई शै। ऩच्चीव रुऩमे भें आ जामगी। भुझ ेदाभ कुछ ज्मादा भारूभ शुए रेक्रकन ऩॊडडतजी ऩय भुझ ेएतफाय था। पयभाइळ कय दी गई औय तीवये ददन फकयी आ ऩशुॊची। भैं देखकय उछर ऩड़ा। जो-जो गुण फतामे गमे थे उनवे कुछ ज्मादा शी तनकरे। एक छोटी-वी मभट्टी की नाॊद भॊगलाई गई , चोकय का बी इन्तजाभ शो गमा। ळाभ को भेये नौकय ने दधू तनकारा तो वचभुच ढाई वेय। भेयी छोटी ऩतीरी रफारफ बय गई थी। अफ भूवरों ढोर फजामेंगे। मश भवरा इतने ददनों के फाद जाकय कशीॊ शर शुआ। ऩशरे शी मश फात वूझती तो क्मों इतनी ऩयेळानी शोती। ऩस्ण्डतजी का फशुत-फशुत ळुक्रिमा अदा क्रकमा। भुझ ेवलेये तड़के औय ळाभ को उवकी वीॊग ऩकड़ने ऩड़ते थे तफ आदभी दशु ऩाता था। रेक्रकन मश तकरीप इव दधू के भुकाफरे भें कुछ न थी। फकयी क्मा शै काभधेनु शै। फीली ने वोचा इवे कशीॊ नजय न रग जाम इवमरए उवके थन के मरए एक गगराप तैमाय शुआ , इवकी गदान भें नीरे चीनी के दानों का एक भारा ऩशनामा गमा। घय भें जो कुछ जूठा फचता , देली जी खुद जाकय उवे खखरा आती थीॊ।

रेक्रकन एक शी शफ्ते भें दधू की भात्रा कभ शोने रगी। जरय नजय रग गई। फात क्मा शै। ऩस्ण्डतजी वे शार कशा तो उन्शोंने कशा-वाशफ , देशात की फकयी शै, जभीॊदाय की। फेदयेग अनाज खाती थी औय वाये ददन फाग भें घूभा-चया कयती थी। मश ॉँ फॊधे-फॊधे दधू कभ शो जामे तो ताज्जुफ नशीॊ। इवे जया टशरा ददमा कीस्जए।

रेक्रकन ळशय भें फकयी को टशरामे कौन औय कशाॊ ? इवमरए मश तम शुआ क्रक फाशय कशीॊ भकान मरमा जाम। लशाॊ फसती वे जया तनकरकय खेत औय फाग शै। कशाय घण्टे-दो घण्टे टशरा रामा कयेगा। झटऩट भकान फदरा

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औय गौ क्रक भुझ ेदफ्तय आने-जाने भें तीन भीर का पावरा तम कयना ऩड़ता था रेक्रकन अच्छा दधूमभरे तो भैं इवका दगुना पावरा तम कयने को तैमाय था। मशाॊ भकान खूफ खुरा शुआ था , भकान के वाभने वशन था , जया औय फढ़कय आभ औय भशुए का फाग। फाग वे तनकमरए तो कातछमों के खेत थे, क्रकवी भें आरू , क्रकवी भें गोबी। एक काछी वे तम कय मरमा क्रक योजना फकयी के मरए कुछ शरयमारी जामा कये। भगय इतनी कोमळळ कयने ऩय बी दधू की भात्रा भें कुछ खाव फढ़त नशीॊ शुई। ढाई वेय की जगश भुस्श्कर वे वेय-बय दधू तनकरता था रेक्रकन मश तसकीन थी क्रक दधू खामरव शै , मशी क्मा कभ शै!

भै। मश कबी नशीॊ भान वकता क्रक खखदभतगायी के भुकाफरे भें फकयी चयाना ज्मादा जरीर काभ शै। शभाये देलताओॊ औय नबफमों का फशुत वम्भातनत लगा गल्रे चयामा कयते था। कृर्षण जी गामें चयाते थे। कौन कश वकता शै क्रक उव गल्रे भें फकरयमाॊ न यशी शोंगी। शजयत ईवा औय शजयत भुशम्भद दोनों शी बेड़ ेचयाते थे। रेक्रकन आदभी रदढ़मों का दाव शै। जो कुछ फुजुगों ने नशीॊ क्रकमा उवे लश कैवे कये। नमे यासते ऩय चरने के मरए स्जव वॊकल्ऩ औय दृढ़ आसथा की जरयत शै लश शय एक भें तो शोती नशीॊ। धोफी आऩके गन्दे कऩड़ ेधो रेगा रेक्रकन आऩके दयलाजे ऩय झाडू़ रगाने भें अऩनी शतक वभझता शै। जयामभऩेळा कौभों के रोग फाजाय वे कोई चीज कीभत देकय खयीदना अऩनी ळान के खखराप वभझते शैं। भेये खखतभतगाय को फकयी रेकय फाग भें जाना फुया भारूभ शोता था। घयवे तो रे जाम रेक्रकन फाग भें उवे छोड़कय खुद क्रकवी ऩेड़ के नीचे वो जाता। फकयी ऩस्त्तमाॊ चय रेती थी। भगय एक ददन उवके जी भें आमा क्रक जया फाग वे तनकरकय खेतों की वैय कयें। मों लश फशुत शी वभ्म औय वुवॊसकृत फकयी थी , उवके चेशये वे गम्बीयता झरकती थी। रेक्रकन फाग औय खेत भें घुव गई आजादी नशीॊ शै, इवे लश ळामद न वभझ वकी। एक योज क्रकवी खेत भें घुव गई औय गोबी की कई क्मारयमाॊ वाप कय गई। काछी ने देखा तो उवके कान ऩकड़ मरमे औय भेये ऩाव राकय फोरा-फाफजी , इव तयश आऩकी फकयी शभाये खेत चयेगी तो शभ तो तफाश शो जामेंगे। आऩको फकयी यखने का ळौक शै तो इव

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फाॊधकय यखखमे। आज तो शभने आऩका मरशाज क्रकमा रेक्रकन क्रपय शभाये खेत भें गई तो शभ मा तो उवकी ट ॉँग तोड़ देंगे मा कानीशौज बेज देंगे।

अबी लश अऩना बाऴण खत्भ न कय ऩामा था क्रक उवकी फीली आ ऩशुॊची औय उवने इवी वलचाय को औय बी जोयदाय ळब्दों भें अदा क्रकमा-शाॊ , शाॊ, कयती शी यशी भगय याॊड खेत भें घुव गई औय वाया खेत चौऩट कय ददमा ,

इवके ऩेट भें बलनी फैठे! मश ॉँ कोई तुम्शाया दफैर नशीॊ शै। शाक्रकभ शोंगे अऩने घय के शोंगे। फकयी यखना शै तो फाॊधकय यखो नशीॊ गरा ऐॊठ दूॊगी!

भैं बीगी बफल्री फना शुआ खड़ा था। स्जतनी पटकय आज वशनी ऩड़ी उतनी स्जन्दगी भें कबी न वशी। औय स्जव धीयज वे आज काभ मरमा अगयउवे दवूये भौकों ऩय काभ मरमा शोतातो आज आदभी शोता। कोई जलाफ नशीॊ वूझता था। फव मशी जी चाशता थाक्रक फकयी का गरा घोंट दूॊ ओय खखदभतगाय को डढे़ वौ शण्टय जभाऊॊ । भेयी खाभोळी वे लश औयत बी ळये शोती जाती थी। आज भुझ ेभारूभ शुआ क्रक क्रकन्शीॊ-क्रकन्शीॊ भौकों ऩय खाभोळी नुकवानदेश वाबफत शोती शै। खैय , भेयी फीली ने घय भें मश गुर-गऩाड़ा वुना तो दयलाजे ऩय आ गई तो शेकड़ी वे फोरी-तू कानीशौज ऩशुॊचा दे औय क्मा कयेगी, नाशक टया-टया कय यशी शै , घण्टे-बय वे। जानलय शी शै , एक ददन खुर गई तो क्मा उवकी जान रेगी ? खफयदाय जो एक फात बी भुॊश वे तनकारी। क्मों नशीॊ खेत के चायों तयप झाड़ रगा देती , क ॉँटों वे रॊ ध दे। अऩनी गती तो भानती नशीॊ , ऊऩय वे रड़ने आई शै। अबी ऩुमरव भें इत्तरा कय दें तो फॊधे-फॊधे क्रपयो।

फात कशने की इव ळावनऩूणा ळैरी ने उन दोनों को ठण्डा कय ददमा। रेक्रकन उनके चरे जाने के फाद भैंने देली जी की खूफ खफय री-गयीफों का नुकवन बी कयती शो औय ऊऩय वे योफ जभाती शो। इवी का नाभ इॊवाप शै ?

देली जी ने गलाऩूलाक उत्तय ददमा-भेया एशवान तो न भानोगे क्रक ळैतनों को क्रकतनी आवानी वे बगा ददमा , रगे उल्टे डाॊटने। गॊलायों को याश फतराने का वतती के मवला दवूया कोई तयीका नशीॊ। वज्जनता मा उदायता उनकी वभझ भें नशीॊ आती। उवे मश रोग कभजोयी वभझते शैं औय कभजोय को कोन नशीॊ दफाना चाशता।

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खखदभतगाय वे जलाफ तरफ क्रकमा तो उवने वाप कश ददमा-वाशफ ,

फकयी चयाना भेया काभ नशीॊ शै।

भैंने कशा-तुभवे फकयी चयाने को कौन कशता शै , जया उवे देखते यशो कयो क्रक क्रकवी खेत भें न जाम , इतना बी तुभवे नशीॊ शो वकता?

भैं फकयी नशीॊ चया वकता वाशफ , कोई दवूया आदभी यख रीस्जए।

आखखयी भैंने खुद ळाभ को उवे फाग भें चया राने का पैवरा क्रकमा। इतने जया-वे काभ के मरए एक नमा आदभी यखना भेयी शैमवमत वे फाशय था। औय अऩने इव नौकय को जलाफ बी नशीॊ देना चाशता था स्जवने कई वार तक लपादायी वे भेयी वेला की थी औय ईभानदाय था। दवूये ददन भें दफ्तय वे जया जल्द चरा आमा औय चटऩट फकयी को रेकय फाग भें जा ऩशुॊचा। जोड़ों के ददन थे। ठण्डी शला चर यशी थी। ऩेड़ों के नीचे वूखी ऩस्त्तम ॉँ गगयी शुई थीॊ। फकयी एक ऩर भें लश जा ऩशुॊची। भेयी दरेर शो यशी थी, उवके ऩीछे-ऩीछे दौड़ता क्रपयता था। दफ्तय वे रौटकय जया आयाभ क्रकमा कयता था , आज मश कलामद कयना ऩड़ी , थक गमा , भगय भेशनत वपर शो गई, आज फकयी ने कुछ ज्मादा दधू वऩमा।

मश खमार आमा , अगय वूखी ऩस्त्तमाॊ खाने वे दधू की भात्रा फढ़ गई तो मकीनन शयी ऩस्त्तम ॉँ खखराई जाएॊ तो इववे कशीॊ फेशतय नतीजा तनकरे। रेक्रकन शयी ऩस्त्तम ॉँ आमें कश ॉँ वे ? ऩेड़ों वे तोडूॊ तो फाग का भामरक जरय एतयाज कयेगा, कीभत देकय शयी ऩस्त्तमाॊ मभर न वकती थीॊ। वोचा , क्मों एक फाय फ ॉँव के रग्गे वे ऩस्त्तमाॊ तोड़ें। भामरक ने ळोय भचामा तो उववे आयजू-मभन्नत कय रेंगे। याजी शो गमा तो खैय , नशीॊ देखी जामगी। थोड़ी-वी ऩस्त्तम ॉँ तोड़ रेने वे ऩेड़ का क्मा बफगड़ जाता शै। चुनाचे एक ऩड़ोवी वे एकऩतरा-रम्फा फ ॉँव भ ॉँग रामा , उवभें एक ऑ ॊकुव फ ॉँधा औय ळाभ को फकयी को वाथ रेकय ऩस्त्तम ॉँ तोड़ने रगा। चोय ऑ ॊखों वे इधय-उधय देखता जाता था, कशीॊ भामरक तो नशीॊ आयशा शै। अचानक लशी काछी एक तयप वे आ तनकरा औय भुझ ेऩस्त्तमाॊ तोड़ते देखकय फोरा-मश क्मा कयते शो फाफूजी ,

आऩके शाथ भें मश रग्गा अच्छा नशीॊ रगता। फकयी ऩारना शभ गयीफों का काभ शै क्रक आऩ जैवे ळयीपों का। भैं कट गमा , कुछ जलाफ नवूझा। इवभें क्मा फुयाई शै , अऩने शाथ वे अऩना काभ कयने भें क्मा ळभा लगैयश जलाफ

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कुछ शरके , फेशकीकत, फनालटी भारूभ शुए। वपेदऩोळी के आत्भगौयल के जफान फन्द कय दी। काछी ने ऩाव आकय भेये शाथ वे रग्गा रे मरमा औय देखते-देखते शयी ऩस्त्तमों का ढेय रगा ददमा औय ऩूछा-ऩस्त्तम ॉँ कश ॉँ यख जाऊॊ ?

भैंने झेंऩते शुए कशा-तुभ यशने दो ? भैं उठा रे जाऊॊ गा।

उवने थोड़ी-वी ऩस्त्तम ॊ फगर भें उठा रीॊ औय फोरा-आऩ क्मा ऩस्त्तम ॉँ यखने जामेंगे, चमरए भैं यख आऊॊ ।

भैंने फयाभदे भें ऩस्त्तम ॉँ यखला रीॊ। उवी ऩेड़ के नीचे उवकी चौगुनी ऩस्त्तमाॊ ऩड़ी शुई थी। काछी ने उनका एक गट्ठा फनामा औय वय ऩय रादकय चरा गमा। अफ भुझ ेभारूभ शुआ , मश देशाती क्रकतने चाराक शोते शैं। कोई फात भतरफ वे खारी नशीॊ।

भगय दवूये ददन फकयी को फाग भें रे जाना भेये मरए कदठन शो गमा। काछी क्रपय देखेगा औय न जाने क्मा-क्मा क्रपकये चुसत कये। उवकी नजयों भें गगय जाना भुॊश वे कामरख रगाने वे कभ ळभानाक न था। शभाये वम्भान औय प्रततर्षठा की जो कवौटी रोगों ने फना यक्खी शै , शभको उवका आदय कयना ऩड़गेा, नक्कू फनकय यशे तो क्मा यशे।

रेक्रकन फकयी इतनी आवानी वे अऩनी तनद्ालन्द्ल आजाद चशरकदभी वे शाथ न खीॊचना चाशती थी स्जवे उवने अऩने वाधायण ददनचमाा वभझना ळुर कय ददमा था। ळाभ शोते शी उवने इतने जोय-ळोय वे प्रततलाद का सलय उठाममा क्रक घय भें फैठना भुस्श्कर शो गम। गगटक्रकयीदाय ‗भे-भे‘ का तनयन्तय सलय आ-आकय कान के ऩदों को षत-वलषत कयने रगा। कशाॊ बाग जाऊॊ ?

फीली ने उवे गामरमाॊ देना ळुर कीॊ। भैंने गुववे भें आकय कई डण्ड ेयवीदे क्रकमे, भगय उवे वत्माग्रश सथागगत न कयना था न क्रकमा। फड़ ेवॊकट भें जान थी।

आखखय भजफूय शो गमा। अऩने क्रकमे का , क्मा इराज! आठ फजे यात ,

जाड़ों के ददन। घय वे फाशय भुॊश तनकारना भुस्श्कर औय भैं फकयी को फाग भें टशरा यशा था औय अऩनी क्रकसभत को कोव यशा था। अॊधेये भें ऩाॊल यखते भेयी रश काॊऩती शै। एक फाय भेये वाभने वे एक वाॊऩ तनकर गमा था। अगय उवके ऊऩय ऩैय ऩड़ जाता तो जरय काट रेता। तफ वे भैं अॊधेये भें कबी न

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तनकरता था। भगय आज इव फकयी के कायण भुझ ेइव खतये का बी वाभना कयना ऩड़ा। जया बी शला चरती औय ऩत्ते खड़कते तो भेयी आॊखें दठठुय जातीॊ औय वऩॊडमरमाॊ क ॉँऩने रगतीॊ। ळामद उव जन्भ भें भैं फकयी यशा शूॊगा औय मश फकयी भेयी भारक्रकन यशी शोगी। उवी का प्रामस्श्चत इव स्जन्दगी भें बोग यशा था। फुया शो उव ऩस्ण्डत का , स्जवने मश फरा भेये मवय भढी। गगयसती बी जॊजार शै। फच्चा न शोता तो क्मों इव भूजी जानलय की इतनी खुळाभद कयनी ऩड़ती। औय मश फच्चा फड़ा शो जामगा तो फात न वुनेगा, कशेगा, आऩने भेये मरए क्मा क्रकमा शै। कौन-वी जामदाद छोड़ी शै! मश वजा बुगतकय नौ फजे यात को रौटा। अगययात को फकयी भय जाती तो भुझ ेजया बी द:ुख न शोता।

दवूये ददन वुफश वे शी भुझ ेमश क्रपि वलाय शुई क्रक क्रकवी तयश यात की फेगाय वे छुट्टी मभरे। आज दफ्तय भें छुट्टी थी। भैंने एक रम्फी यसवी भॊगलाई औय ळाभ को फकयी के गरे भें यसवी डार एक ऩेड़ की जड़ वे फाॊधकय वो गमा-अफ चये स्जतना चाशे। अफ गचयाग जरते-जरते खोर राऊॊ गा। छुट्टी थी शी , ळाभ को मवनेभा देखने की ठशयी। एक अच्छा-वा खेर आमा शुआ था। नौकय को बी वाथ मरमा लनाा फच्चे को कौन वबाराता। जफ नौ फजे यात को घय रोटे औय भें रारटेन रेकय फकयी रेनो गमा तो क्मा देखता शूॊ क्रक उवने यसवी को दो-तीन ऩेड़ों वे रऩेटकय ऐवा उरझा डारा शै क्रक वुरझना भुस्श्कर शै। इतनी यसवी बी न फची थी क्रक लश एक कदभ बी चर वकती। राशौरवलकराकूलत , जी भें आमा क्रक कम्फतत को मशीॊ छोड़ दूॊ , भयती शै तो भय जाम , अफ इतनी यात को रारटेन की योळनी भें यसवी वुरझाने फैठे। रेक्रकन ददर न भाना। ऩशरे उवकी गदान वे यसवी खोरी, क्रपय उवकी ऩेंच-दय-ऩेंच ऐॊठन छुड़ाई , एक घॊटा रग गमा। भाये वदी के शाथ दठठुये जाते थे औय जी जर यशा था लश अरग। मश तयकीफ। औय बी तकरीपदेश वाबफत शुई।

अफ क्मा करॊ , अक्र काभ न कयती थी। दधू का खमार न शोता तो क्रकवी को भुफ्त दे देता। ळाभ शोते शी चुड़ैर अऩनी चीख-ऩुकाय ळुर कय देगी औय घय भें यशना भुस्श्कर शो जामगा , औय आलाज बी क्रकतनी कका ळ औय भनशूव शोती शै। ळासत्रों भें मरखा बी शै , स्जतनी दयू उवकी आलाज

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जाती शै उतनी दयू देलता नशीॊ आते। सलगा की फवनेलारी शस्सतमाॊ जो अप्वयाओॊ के गाने वुनने की आदी शै , उवकी कका ळ आलाज वे नपयत कयें तो क्मा ताज्जुफ! भुझ ऩय उवकी कणा कटु ऩुकायों को ऐवा आॊतक वलाय था क्रक दवूये ददन दफ्तय वे आते शी भैं घय वे तनकर बागा। रेक्रकन एक भीर तनकर जाने ऩय बी ऐवा रग यशा था क्रक उवकी आलाज भेया ऩीछा क्रकमे चरी आती शै। अऩने इव गचड़गचड़ऩेन ऩय ळभा बी आ यशी थी। स्जवे एक फकयीयखने की बी वाभर्थमा न शो लश इतना नाजुक ददभाग क्मों फने औय क्रपय तुभ वायी यात तो घय वे फाशय यशोगे नशीॊ , आठ फजे ऩशुॊचोगे तो क्मा लश गीत तुम्शाया सलागत न कयेगा?

वशवा एक नीची ळाखोंलारा ऩेड़ देखकय भुझ ेफयफव उव ऩय चढ़ने की इच्छा शुई। वऩाट तनों ऩय चढ़ना भुस्श्कर शोता शै , मशाॊ तो छ: वात पुट की ऊॊ चाई ऩय ळाखें पूट गमी थीॊ। शयी-शयी ऩस्त्तमों वे ऩेड़ रदा खड़ा था औय ऩेड़ बी था गूरय का स्जवकी ऩस्त्तमों वे फकरयमों को खाव प्रेभ शै। भैं इधय तीव वार वे क्रकवी रुख ऩय नशीॊ चढ़ा। लशआदत जाती यशी। इवमरए आवान चढ़ाई के फालजूद भेये ऩाॊल काॊऩ यशे थे ऩय भैंने दशम्भत न शायी औय ऩस्त्तमों तोड़-तोड़ नीचे गगयाने रगा। मशाॊ अकेरे भें कौन भुझ ेदेखता शै क्रक ऩस्त्तमाॊ तोड़ यशा शूॊ। अबी अॊधेया शुआ जाता शै। ऩस्त्तमों का एक गट्ठा फगर भें दफाऊॊ गा औय घय जा ऩशुॊचूॊगा। अगय इतने ऩय बी फकयी ने कुछ चीॊ-चऩड़ की तो उवकी ळाभत शी आ जामगी।

भैं अबी ऊऩय शी था क्रक फकरयमों औय बेड़ों काएक गोर न जाने क्रकधय वे आ तनकरा औय ऩस्त्तमों ऩय वऩर ऩड़ा। भैं ऊऩय वे चीख यशा शूॊ भगय कौन वुनता शै। चयलाशे का कशीॊ ऩता नशीॊ । कशीॊ दफुक यशा शोगा क्रक देख मरमा जाऊॊ गा तो गामरमाॊ ऩड़ेंगी। झल्राकय नीचे उतयने रगा। एक-एक ऩर भें ऩस्त्तमाॊ गामफ शोती जाती थी। उतयकय एक-एक की टाॊग तोडूॊगा। मकामक ऩाॊल क्रपवरा औय भैं दव क्रपट की ऊॊ चाई वे नीचे आ यशा। कभय भें ऐवी चोट आमी क्रक ऩाॊच मभनट तक आॊखों तरे अॊधेया छा गमा। खैरयमत शुई क्रक औय ऊऩय वे नशीॊ गगया , नशीॊ तो मशीॊ ळशीद शो जाता। फाये , भेये गगयने के धभाके वे फकरयमाॊ बागीॊ औय थोड़ी-वी ऩस्त्तमाॊ फच यशीॊ। जफ जया शोळ दठकाने शुए तो भैंने उन ऩस्त्तमों को जभा कयके एक गट्ठा फनामा औय

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भजदयूों की तयश उवे कॊ धे ऩय यखकय ळभा की तयश तछऩामे घय चरा। यासते भें कोई दघुाटना न शुई। जफ भकान कोई चाय पराॊग यश गमा औय भैंने कदभ तेज क्रकमे क्रक कशीॊ कोई देख न रे तो लश काछी वभाने वे आता ददखामी ददमा। कुछ न ऩूछो उव लक्त भेयी क्मा शारत शुई। यासते के दोनो तयप खेतों की ऊॊ ची भेड़ें थीॊ स्जनके ऊऩय नागपनी तनकरेगा औय बगलान ्जाने क्मा मवतभ ढामे। कशीॊ भुड़ने का यासता नशीॊ औय फदर री औय मवय झुकाकय इव तयश तनकर जाना चाशता था क्रक कोई भजदयू शै। तरे की वाॊव तरे थी , ऊऩय की ऊऩय , जैवे लश काछी कोई खूॊखाय ळोयशो। फाय-फाय ईश्लय को माद कय यशा था क्रक शे बगलान ् , तू शी आपत के भाये शुओॊ का भददगाय शै, इव भयददू की जफान फन्द कय दे। एक षण के मरए , इवकी आॊखों की योळनी गामफ कय दे...आश , लश मॊत्रणा का षण जफ भैं उवके फयाफय एक गज के पावरे वे तनकरा! एक-एक कदभ तरलाय की धाय ऩय ऩड़ यशा था ळैतानी आलाज कानों भें आमी-कौन शै ये , कशाॊ वे ऩस्त्तमाॊ तोड़ ेराता शै! भुझ ेभारूभ शुआ , नीचे वे जभीन तनकर गमी शै औय भैं उवके गशये ऩेट भें जा ऩशुॊचा शूॊ। योएॊ फतछामाॊ फने शुए थे , ददभाग भें उफार-वा आ यशा था, ळयीय को रकला-वा भाय गमा , जलाफ देने का शोळ न यशा। तेजी वे दो-तीन कदभ आगे फढ़ गमा , भगय लश ऐस्च्छक क्रिमा न थी , प्राण-यषा की वशज क्रिमा थी।

क्रक एक जामरभ शाथ गटे्ठ ऩय ऩड़ा औय गट्ठा नीचे गगय ऩड़ा। क्रपय भुझ ेमाद नशीॊ, क्मा शुआ। भुझ ेजफ शोळ आमा तो भैं अऩने दयलाजे ऩय ऩवीने वे तय खड़ा था गोमा मभयगी के दौये के फाद उठा शूॊ। इव फीच भेयी आत्भा ऩय उऩचेतना का आगधऩत्म था औय फकयी की लश घखृणत आलाज , लश कका ळ आलाज, लश दशम्भत तोड़नेलारी आलाज , लश दतुनमा की वायी भुवीफतों का खुरवा, लश दतुनमा की वायी रानतों की रश कानों भें चुबी जा यशी थी।

फीली ने ऩूछा-आज कशाॊ चरे गमे थे ? इव चुड़ैर को जया फाग बी न रे गमे,जीना भुशार क्रकमे देती शै। घय वे तनकरकय कशाॊ चरी जाऊ!

भैंने इत्भीनान ददरामा-आज गचल्रा रेने दो , कर वफवे ऩशरा मश काभ करॊ गा क्रक इवे घय वे तनकार फाशय करॊ गा , चाशे कवाई को देना ऩड़।े

‗औय रोग न जाने कैवे फकरयमाॊ ऩारते शैं। ‘

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‗फकयी ऩारने के मरए कुत्ते का ददभाग चादशए। ‘ वुफश को बफसतय वे उठकय इवी क्रपि भें फैठा था क्रक इव कारी

फरावे क्मोंकय भुस्क्त मभरे क्रक वशवा एक गड़रयमा फकरयमों का एक गल्रा चयाता शुआ आ तनकरा। भैंने उवे ऩुकाया औय उववे अऩनी फकयी को चयाने की फात कशी। गड़रयमा याजी शो गमा। मशी उवका काभ था। भैंने ऩूछा-क्मा रोगे?

‗आठ आने फकयी मभरते शैं शजूय। ‘ ‗भैं एक रुऩमा दूॊगा रेक्रकन फकयी कबी भेये वाभने न आले। ‘

गड़रयमा शैयत भें यश गमा-भयकशी शै क्मा फाफूजी ?

‗नशी, नशीॊ, फशुत वीधी शै , फकयी क्मा भायेगी , रेक्रकन भैं उवकी वूयत नशीॊ देखना चाशता।‘

‗अबी तो दधू देती शै?‘

‗शाॊ, वेय-वला वेय दधू देती शै।‘ ‗दधू आऩके घय ऩशुॊच जामा कयेगा। ‘ ‗तुम्शायी भेशयफानी।‘ स्जव लक्त फकयी घय वे तनकरी शै भुझ ेऐवा भारूभ शुआ क्रक भेये घय

का ऩाऩ तनकरा जा यशा शै। फकयी बी खुळ थी गोमा कैद वे छूटी शै , गड़रयमे ने उवी लक्त दधू तनकारा औय घय भें यखकय फकयी को मरमे चरा गमा। ऐवा फेगयाज गाशक उवे स्जन्दगी भें ळामद ऩशरी फाय शी मभरा शोगा।

एक शफ्ते तक दधू थोड़ा-फशुत आता यशा क्रपय उवकी भात्रा कभ शोने रगी, मशाॊ तक क्रक एक भशीना खतभ शोते-शोते दधू बफरकुर फन्द शो गमा। भारूभ शुआ फकयी गामबन शो गमी शै। भैंने जया बी एतयाज न क्रकमा काछी के ऩाव गाम थी, उववे दधू रेने रगा। भेया नौकय खुद जाकय दशु राता था।

कई भशीने गुजय गमे। गड़रयमा भशीने भें एक फाय आकय अऩना रुऩमा रे जाता। भैंने कबी उववे फकयी का स्जि न क्रकमा। उवके खमार शी वे भेयी आत्भा काॊऩ जाती थी। गड़रयमे को अगय चेशये का बाल ऩढ़ने की करा आती शोती तो लश फड़ी आवानी वे अऩनी वेला का ऩुयसकाय दगुना कय वकता था।

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एक ददन भैं दयलाजे ऩय फैठा शुआ था क्रक गड़रयमा अऩनी फकरयमों का गल्रा मरमे आ तनकरा। भैं उवका रुऩमा राने अन्दय गमा , क्रक क्मा देखता शूॊ भेयी फकयी दो फच्चों के वाथ भकान भें आ ऩशुॊची। लश ऩशरे वीधी उव जगश गमी जशाॊ फॊधा कयती थी क्रपय लशाॊ वे आॊगन भें आमी औय ळामद ऩरयचम ददराने के मरए भेयी फीली की तयप ताकने रगी। उन्शोंने दौड़कय एक फच्चे को गोद भें रे मरमा औय कोठयी भें जाकय भशीनों का जभा चोकय तनकार रामीॊ औय ऐवी भुशब्फत वे फकयी को खखराने रगीॊ क्रक जैवे फशुत ददनों की बफछुड़ी शुई वशेरी आ गमी शो। न ल ऩुयानी कटुता थी न लश भनभुटाल। कबी फच्चे को चुभकायती थीॊ। कबी फकयी को वशराती थीॊ औय फकयी डाकगड़ी की यफ्ताय वे चोकय उड़ा यशी थी।

तफ भुझवे फोरीॊ-क्रकतने खूफवूयत फच्चे शै!

‗शाॊ, फशुत खूफवूयत।‘ ‗जी चाशता शै, एक ऩार रूॊ।‘ ‗अबी तबफमत नशीॊ बयी?‘ ‗तुभ फड़ ेतनभोशी शो।‘ चोकय खत्भ शो गमा , फकयी इत्भीनान वे वलदा शो गमी। दोनों फच्चे

बी उवके ऩीछे पुदकते चरे गमे। देली जी आॊख भें आॊवू बये मश तभाळा देखती यशीॊ।

गड़रयमे ने गचरभ बयी औय घय वे आग भाॊगने आमा। चरते लक्त फोरा-कर वे दधू ऩशुॊचा ददमा करॊ गा। भामरक।

देलीजी ने कशा-औय दोनों फच्चे क्मा वऩमेंगे ?

‗फच्चे कशाॊ तक वऩमेंगे फशूजी। दो वेय दधू ्अच्छा न शोता था , इव भाये नशीॊ रामा।‘

भुझ ेयात को लश भभाान्तक घटना माद आ गमी।

भैंने कशा-दधू राओ मा न राओ , तुम्शायी खुळी, रेक्रकन फकयी को इधय न राना।

उव ददन वे न लश गड़रयमा नजय आमा न लश फकयी , औय न भैंने ऩता रगाने की कोमळळ की। रेक्रकन देलीजी उवके फच्चों को माद कयके कबी-कबी आॊवू फशा योती शैं।

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-‗लायदात‘ वे

Akhilesh Kailkhura