letter of vivek ji to district collector of betul for joining pad yatra at betul district

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जून २०१५ रेन, ांस सेवा िजला शासन बेतुल देश मने आज से कुछ महीन पहले मने एक िवशेष आािक आदेश के तहत भारत के ामीण और िकसान तक पँचने के िलए सूण भारत की पद याा शु की है ,यह मा पद याा नह अिपतु ाम की मेरी िगत तीथ याा भी है। महारा के यवतमाळ िजले से इस याा का पहला चरण बीते गत अैल महीने पूरा था , अब इसका दूसरा चरण बेतुल िजले है , जो की आिदवासी बल एवं ाकृ ितक सदा से संप िजला है। यं और भारत के अनेक ांत, शहर, ाम से अनेकानेक लोग इस पद याा चलने वाले ह। बेतुल िजले की पद याा की शुआत २१ जून को सूण देश की पावन धरा मुलताई माँ ताी के उम से हो रही है और २५ जून तक चलेगी कोिशश कर रहा िामीण और िकसानो से िमलकर उनकी परेशािनय को सुन सकू, ाम के उव और िवराट इितहास के साथ साथ िजले की कला और िसे भी पिरिचत होते एक सवागीण िवकास के िलए यास कर सकूँ। मेरी कोिशश यह भी है िशासन तक उनकी समाओं को पंचा भी सकू, सा अपना काय करने की कोिशश हमेशा करती है , पर मुझे लगता है िधम और आतम की धरा से शासन को अगर कोई सहयोग दे सकता तो दे सकूँ। आज भारत के िलए सबसे जरी बात यह है िशासन को सहयोग करने के िलए, समाज के हर एक तबके को आगे आना होगा, धम और आा की धुरी से इसी भावना के तहत भारत की पद याा िनकला ँ। जैसा की आप की भी अिभलाषा है िभारत के गाँव और िकसान अपनी समाओं से मु हो सक , शासन की योजनाओं और कायम से लाभाित हो सके , रा की गित उसके नागिरक की गित पर िनभर होती है , और जो रा आज तक गित कर पाएं उनकी गित का एक मा कारण यह रहा है िउनके ाम और िकसान गित के सागर गोते लगा सके ह। भारत आज एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां ामीण िवकास पुरे भारत के िवकास को िनधािरत करेगा, भारत एक ऐसे समय से भी गुजर रहा है जहाँ उसका ामीण, िकसान, युवा, संृ ित, इितहास, भाषा, पिव अगर संजोये नह गए तो इससे भारत के आधार को ही धा पंचेगा। िजला शासन इस तरफ अव ान दे रहा होगा, िगत तौर पर िकसान और ामीण के जीवन को भारत की मु धारा एक महपूण 1 ,p 27, b .202 pk, , g , 440003 53 BD DE LA TOUR D’AUVERGNE, RENNES, FRANCE, 35000

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Page 1: Letter of Vivek ji to district collector of Betul for joining Pad yatra at Betul district

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७ जून २०१५ रने, फ्रांस

सेवा में िजला प्रशासन बेतुल मध्य प्रदेश

मैंने आज से कुछ महीनों पहले मैंने एक िवशेष आध्याित्मक आदेश के तहत भारत के ग्रामीणों और िकसानों तक पहँुचन ेके िलए सम्पूणर् भारत की पद यात्रा शुरू की ह,ैयह मात्र पद यात्रा नहीं अिपतु ग्रामों की मेरी व्यिक्तगत तीथर् यात्रा भी ह।ै महाराष्ट्र के यवतमाळ िजले से इस यात्रा का पहला चरण बीते गत अप्रैल महीन ेमें पूरा हुआ था , अब इसका दसूरा चरण बेतुल िजल ेमें ह,ै जो की आिदवासी बहुल एवं प्राकृितक सम्पदा से संपन्न िजला ह।ै मैं स्वयं और भारत के अनेक प्रांतों, शहरों, ग्रामों से अनेकानेक लोग इस पद यात्रा में चलने वाल ेहैं। बेतुल िजले की पद यात्रा की शुरुआत २१ जून को सम्पूणर् देश की पावन धरा मुलताई में माँ ताप्ती के उद्गम स्थल से हो रही ह ैऔर २५ जून तक चलेगी । मैं कोिशश कर रहा हँू िक ग्रामीणों और िकसानो से िमलकर उनकी परशेािनयों को सुन सकँू, ग्रामों के उद्भव और िवराट इितहास के साथ साथ िजले की कला और िशल्प से भी पिरिचत होत ेहुए एक सवार्ंगीण िवकास के िलए प्रयास कर सकँू। मेरी कोिशश यह भी ह ैिक शासन तक उनकी समस्याओ ंको पहुचंा भी सकँू, सत्ता अपना कायर् करने की कोिशश हमेशा करती ह,ै पर मुझ ेलगता ह ैिक धमर् और आध्यतम की धरा स ेमैं शासन को अगर कोई सहयोग दे सकता हँू तो दे सकँू। आज भारत के िलए सबसे जरुरी बात यह ह ैिक शासन को सहयोग करने के िलए, समाज के हर एक तबके को आगे आना होगा, मैं धमर् और आध्यात्म की धुरी से इसी भावना के तहत भारत की पद यात्रा में िनकला हँू।

जैसा की आप की भी अिभलाषा ह ैिक भारत के गाँव और िकसान अपनी समस्याओ ंसे मुक्त हो सकें , शासन की योजनाओ ंऔर कायर्क्रमों से लाभािन्वत हो सके, राष्ट्र की प्रगित उसके नागिरकों की प्रगित पर िनभर्र होती ह,ै और जो राष्ट्र आज तक प्रगित कर पाएं हैं उनकी प्रगित का एक मात्र कारण यह रहा ह ैिक उनके ग्राम और िकसान प्रगित के सागर में गोते लगा सके हैं।

भारत आज एक ऐसे दौर से गुजर रहा ह ैजहां ग्रामीण िवकास पुर ेभारत के िवकास को िनधार्िरत करगेा, भारत एक ऐसे समय से भी गुजर रहा ह ैजहाँ उसका ग्रामीण, िकसान, युवा, संसृ्कित, इितहास, भाषा, पिवत्र स्थल अगर संजोये नहीं गए तो इससे भारत के आधार को ही धक्का पहुचंेगा। िजला प्रशासन इस तरफ अवश्य ध्यान दे रहा होगा, मैं व्यिक्तगत तौर पर िकसानों और ग्रामीणों के जीवन को भारत की मुख्य धारा में एक महत्वपूणर्

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Page 2: Letter of Vivek ji to district collector of Betul for joining Pad yatra at Betul district

िवचार की तरह स्थािपत करने में प्रयत्नशील हँू, मेरी व्यिक्तगत सोच यह ह ैिक शासन के साथ समस्त भारत खड़ा होना होगा, भारत अभी भी नागिरकों के समय और वैचािरक दान स ेदरू ह,ै हम सबको अपना कत्तर्व्य िनभात ेहुए भारत के िलए एक नूतन प्रयास करना होगा।

बस इन्हीं िवचारों के साथ भारत की पिवत्र धरा, भारत का ह्रदय, बेतुल िजले में इस चेतना पद यात्रा के तहत २१ जून को मुलताई में माँ ताप्ती की पूजा अचर्ना से इस इस ग्राम तीथर् यात्रा की शुरुआत होगी, मेरा िवश्वास ह ैऔर अपेक्षा भी की िजले की शासन व्यस्था भी इसमें शािमल होगी,हो सकता ह ैयह एक महा संवाद यात्रा में तब्दील हो जाए, और इस संवाद यात्रा बेतुल की धरा में सवार्ंगीण िवकास का स्वप्न अपना चेतन रूप ले।

मैंने व्यिक्तगत तौर पर माननीय प्रधानमन्त्री और मुख्यमंत्री जी को भी पत्र िलखकर इस यात्रा के बावत बताया ह ैऔर मुख्यमंत्री से आग्रह भी िकया ह ैिक अगर वे मध्य प्रदेश में सबसे पहले बेतुल िजले में होने पद यात्रा के िलए समय िनकाल सकें तो अवश्य आएं, मध्य प्रदेश की धरा पर भारत चेतना पद यात्रा का यह पहला िजला ह,ै इससे एक बेहद िवधायक सने्दश चहुओंर जायेगा।

आपका

िववेक जी

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