krishna ki chetavani
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poem By National India poetTRANSCRIPT
कृ� ष्ण कृ� चे�तावनी� (रश्मि��रथी�)- र�धार� सिं��ह दि�नीकृर (Ramdhari Singh Dinkar)
वर्षों� ताकृ वनी �� घू��-घू��, बाधा-विवघ्नी! कृ" चे��-चे��,
�ह धा�प-घू�, पनी�-पत्थर, प%डव आये� कृ) छ और विनीखर।
�.भाग्ये नी �बा दि�नी �"ता ह1,
��ख�, आगे� क्ये ह"ता ह1।
�1त्री� कृ� रह बातानी� कृ", �बाकृ" �)�गे5 पर लानी� कृ",
दुये8धानी कृ" ��झानी� कृ", भा�र्षोंण विवध्व%� बाचेनी� कृ",
भागेवनी; हस्ति=तानीप)र आये�,
प%डव कृ �%��शा लाये�।
'�" न्येये अगेर ता" आधा �", पर, इ��� भा� येदि� बाधा ह",
ता" �� �" कृ� वला पBचे ग्रा�, रख" अपनी� धारता� ता��।
ह� वहD ख)शा� �� खये�गे�,
परिरजनी पर असि� नी उठाये�गे�!
दुये8धानी वह भा� �� नी �कृ, आशा�र्षों ��ज कृ� ला� नी �कृ,
उलाटे� हरिर कृ" बाBधानी� चेला, ज" थी अ�ध्ये �धानी� चेला।
जबा नीशा �नी)ज पर छता ह1,
पहला� विवव�कृ �र जता ह1।
हरिर नी� भा�र्षोंण हुं%कृर विकृये, अपनी =वरूप-विव=तार विकृये,
डगे�गे-डगे�गे दि�ग्गेज ड"ला�, भागेवनी; कृ) विपता ह"कृर बा"ला�-
'ज%ज�र बाढ़ा कृर �धा �)झा�,
हB, हB दुये8धानी! बाBधा �)झा�।
येह ��ख, गेगेनी �)झा�� लाये ह1, येह ��ख, पवनी �)झा�� लाये ह1,
�)झा�� विवला�नी झा%कृर �कृला, �)झा�� लाये ह1 �%�र �कृला।
अ�रत्व फू� लाता ह1 �)झा��,
�%हर झा�लाता ह1 �)झा��।
बाBधानी� �)झा� ता" आये ह1, ज%ज�र बाड़ी� क्ये लाये ह1?
येदि� �)झा� बाBधानी चेह� �नी, पहला� ता" बाBधा अनीन्ता गेगेनी।
��नी� कृ" �धा नी �कृता ह1,
वह �)झा� बाBधा कृबा �कृता ह1?
विहता-वचेनी नीहD ता�नी� �नी, �1त्री� कृ ��ल्ये नी पहचेनी,
ता" ला�, �R भा� अबा जता हूँB, अन्तिन्ता� �%कृल्प �)नीता हूँB।
येचेनी नीहD, अबा रण ह"गे,
ज�वनी-जये ये विकृ �रण ह"गे।
टेकृरये�गे� नीक्षत्री-विनीकृर, बार��गे� भा� पर वह्निW प्रखर,
फूण शा�र्षोंनीगे कृ ड"ला�गे, विवकृरला कृला �)Bह ख"ला�गे।
दुये8धानी! रण ऐ� ह"गे।
विफूर कृभा� नीहD ज1� ह"गे।
भाई पर भाई टे�टे�गे�, विवर्षों-बाण बा�B�-�� छ�टे�गे�,
वये�-श्रृ�गेला �)ख ला�टे�गे�, �.भाग्ये �नी)ज कृ� फू� टे�गे�।
आखिखर ता� भा�शाये� ह"गे,
हिंह�� कृ पर, �ये� ह"गे।'
थी� �भा �न्न, �बा ला"गे डर�, चे)प थी� ये थी� बा�ह"शा पड़ी�।
कृ� वला �" नीर नी अघूता� थी�, धा�तारष्ट्र-विवदुर �)ख पता� थी�।
कृर ज"ड़ी खड़ी� प्र�)दि�ता, विनीभा5ये,
�"नी! प)कृरता� थी� 'जये-जये'!