sardar patel by vivekanand jain
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सरदार वल्लभभाई पटेल जन्म जयंति
राष्ट्रीय एकिा ददवसNational Unity Day
31 October 2014
SARDAR PATEL BIRTH ANNIVERSARY
राष्ट्रीय एकिा ददवसNational Unity Day
राष्ट्रीय आंदोलन के दलुलभ चित्र
राष्ट्रीय एकिा ददवस
Unity, Safety and Security
Vallabhbhai Patel was born to a farmer family of Gujarat on 31 October 1875 at Nanded, Gujarat, Bombay Presidency.
SARDAR PATEL BIRTH ANNIVERSARY
Deputy Prime Minister of India &
Minister of Home Affairs
• 15 August 1947 to
15 December 1950
राष्ट्रीय एकिा ददवसNational Unity Day
Unity, Safety and Security
राष्ट्रीय एकिा ददवस समारोह
SARDAR PATEL BIRTH ANNIVERSARY
राष्ट्रीय एकिा ददवस समारोह
स्विंत्रिा आंदोलन के दलुलभ चित्र
भारिीय राजनीति के दलुलभ चित्र
सरदार पटेल जन्म जयंति समारोह
Coin & Stamps
on Sardar Patel
Bharat Ratna to Sardar Patel in 1991
स्विंत्रिा आंदोलन के दलुलभ चित्र
Unity, Safety and Security
राष्ट्रीय एकिा ददवस शपथ • मैं सत्यतनष्ट्ठा से शपथ लेिा ह ूँ कक मैं राष्ट्र की एकिा, अखंडिा और सुरक्षा को बनाये रखने के ललए स्वयं को समर्पलि करंगा और अपने देशवालसयों के बीि यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयास करंगा।
• मैं यह शपथ अपने देश की एकिा की भावना से ले रहा ह ूँ जजसे स्वगीय सरदार वल्लभ भाई पटेल की द रदलशलिा एवं कायों द्वारा संभव बनाया जा सका।
• मैं अपने देश की आिंररक सुरक्षा सुतनजचिि करने के ललए अपना योगदान करने का भी सत्यतनष्ट्ठा से संकल्प करिा ह ूँ।
RASHTRIYA EKTA DIWAS PLEDGE
• I solemnly pledge that I dedicate myself to preserve the unity, integrity and security of the nation and also strive hard to spread this message among my fellow countrymen.
• I take this pledge in the spirit of unification of my country which was made possible by the vision and actions of late Sardar Vallabhbhai Patel.
• I also solemnly resolve to make my own contribution to ensure internal security of my country.
Rare Photographs of Sardar Patel
Rare Photographs of Sardar Patel
अंतिम यात्रा
सरदार पटेल के विचारइतिहास से शिक्षा लें
• मैं आपको यह कहने के शलए आया ह ं कक हमहहन्दसु्िान के पुराने इतिहास से शिक्षा लें अपनी जिन गलतियों के कारण हम इिनीसहदयों िक गुलाम रहे, जिनसे हमें िशमिंदा होना पडा, उनसे अब हम बचने की कोशिि करें आि हम आिाद हुये हैं और अब हहन्दसु्िान के सुपुत्रों का यह कितव्य है कक िे अपने देि को किर कभी गुलाम न बनने दें
सरदार पटेल के विचारकिलव्य
• किलव्यतनष्ट्ठ पुरष कभी तनराश नहीं होिा ।• राज्य अपना धमल पालन करे या ना करे, मगर हमें अपना किलव्य प रा करने के ललए िैयार रहना िादहए ।
• जब िक जीर्वि रहें िब िक हम अपना किलव्य करिे रहें िो उसमे हमें प रा आनन्द लमलेगा ।
सरदार पटेल के विचारद रदलशलिा
• बुद्चधमान मनुष्ट्यों को द रदलशलिा रखनी िादहए। िात्काललक स्वाथल न साधकर, भर्वष्ट्य का र्विारकरना ही किलव्य है ।
Compiled by
Dr. Vivekanand Jain
Deputy Librarian
Banaras Hindu University
Varanasi – 221005
Mob. +91 94505 38093
Vivek_digora@rediffmail.com
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