library newsletter vol. 2, sep 2014

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हिन्दी हदवस ववशषे ांक

LIBRARY e NEWSLETTER KENDRIYA VIDYALAYA GILL NAGAR CHENNAI

हिन्दी भाषा सनु्दर भाषा िै। -वी के मनोिरन (प्र.स्न .शश. सांस्कृत)

भ रत में सव ाधिक लोग हिन्दी में ब त करत ेिै। हिन्दी भ ष में कववत िै, इतति स िै, दोि िै, कि नी िै। हिन्दी र ष्ट्रभ ष िै। सब अवश्य हिन्दी पहिये। हिन्दी भ ष में व्यवि र कीजिये, बोशलए। उसक ववक स, पोषण, प लन कीजिये। हिन्दी भ ष की िय िो।

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SEPTEMBER,2014 VOL 01 ISSUE 02

An opportunity to

call out an

interesting point you

may want to share

with your audience.

प्राचाराय की कलम से...........

ववश्व की दसूरी सबसे बडी भ ष िै हिन्दी।

चीनी भ ष के ब द यि ववश्व में सबसे

अधिक बोली ि ने व ली भ ष िै। भ रत और

अन्य देशों में 60 करोड से अधिक लोग

हिन्दी बोलत,ेपित ेऔर शलखत ेिैं। हिन्दी

र िभ ष ,सम्पका भ ष ,िनभ ष के सोप नों

को प र कर ववश्वभ ष बनने की ओर

अग्रसर िै। मैं सभी से अनुरोि करत िूूँ कक

सभी अधिक से अधिक म त्र मैं हिन्दी में

ब त करें और ववभ गीय क या करें।

प्र च या

एन एम वरदर िूल ु

हिन्दी मेरी जान िै -आलोक ि यसव ल (पुस्तक लय ध्यक्ष) हिन्दी मेरी ि न िै हिन्दी मेरी आन िै हिन्दी मेरी श न िै हिन्दी मि न िै हिन्दी गुणग न िै हिन्दी वरद न िै हिन्दी मेरे देश की िम री पिच न िै हिन्दी र ष्ट्र म न िै हिन्दी में र ष्ट्रग न िै हिन्दी में न म जिनके िम रे भगव न िै हिन्दी से ववज्ञ न िै हिन्दी से ये िि न िै हिन्दी िी िमें िोडती हिन्दी से हिांदसु्त न िै

AND/OR CALL-OUTS

OR CALL-OUTS

परै की मोचार और छोटी सोचार, िमें आगे बढ़ने निीीं देती।

हिन्दी पुस्तक प्रदशानी

प्राचाराय मिोदय द्वारा पुस्तक प्रदर् नी का उद्घाटन

पुस्तक लय में प्रदशशात पुस्तकें

प्रदशानी क अवलोकन करते िुये प्र च या मिोदय,शशक्षकगण एवां ववद्य र्थी।

यहद स्वयीं में ववश्वास करना और अधिक ववस्तार स ेपढाया और अभ्यास कराया गया िोता, तो मुझ ेयकीन िैं कक बुराइयों और दुुःख का एक बिुत बडा हिस्सा गायब िो गया िोता| - स्वामी वववेकानन्द

पुस्तक लय में स्वच्छत अशभय न क याक्रम

स्वच्छ भ रत अशभय न स्वच्छ ववद्य लय अशभय न

केन्रीय ववद्य लय धगलनगर

प्रिान मींत्री जी का सींदेर्:-

वप्रय शमत्रों, मुझ ेववश्व स िै आपने कई ब र सनु िोग

कक िि ां स्वच्छत िोती िै विीां देवत ओां क व स िोत

िै, लेककन िब व्यवि ररकत की ब त आती िै तो

जस्र्थतत अक्सर ववपरीत शमलती िै। िम दो अक्तूबर

को भ रत को स्वच्छ बन न ेके शलए बड ेस्तर पर िन

आांदोलन स्वच्छ भ रत अशभय न आरम्भ कर रिे िैं।

वषा 2019 में िब िम ब पू की 150वीां ियांती मन

रिे िोंगे तो एक स्वच्छ भ रत उनको सच्ची श्रद् ांिशल

िोगी। मि त्म ग ांिी ने अपन पूर िीवन स्वर ज्य

प्र जतत के शलए अवपात कर हदय , अब समय आ गय

िै कक िम अपनी म तभृूशम की स्वच्छत के शलए स्वयां

को समवपात कर दें।

मैं, आप में से िरेक स ेआग्रि करत िूां कक स्वच्छत

के शलए प्रत्येक सतत ि दो घांटे य नी प्रततवषा् ü

लगभग एक सौ घांटे क योगद न दें। िम अब भ रत

को और अधिक अस्वच्छ निीां रिने दे सकते। दो

अक्टूबर को मैं स्वयां इस प वन क या के शलए झ डू

लेकर तनकलूांग ।

मैं आि िरेक व्यजक्त ववशेषा् कर र िनीततक और

ि शमाक नते ओां, मि पौर, सरपांचों और उद्योग िगत

के अग्रिों स ेअपील करत िूां कक वे शिरों और

आसप स के के्षत्रों, ग ांवों, क यास्र्थलों और यि ां तक कक

अपने घरों की स्वच्छत की क या योिन बन कर

मनोयोग से उसे कक्रय जन्वत करन ेमें िुट ि एां। मैं

स्वच्छ भ रत के तनम ाण के इस स मूहिक प्रय स में

आप सबकी भ गीद री और सकक्रय योगद न क

अनुरोि करत िूां।

काम का आलस और पैसो का लालचार, िमें मिान बनने निीीं देता।

ववद्यालय में मींगलयान के प्रक्षेपण का प्रसारण काय क्रम

काय क्रम के दौरान मींगलयान का सीिा वेबकास्ट देखते ववद्या्थी।

A title or caption about the photograph.

ववद्य लय में भ रत के मांगलय न के मांगल ग्रि की कक्ष में प्रवेश करने की उपलजधि के अवसर पर छ त्रों के शलए एक क याक्रम क

आयोिन ककय गय । इस क याक्रम में प्र च या श्री एन एम वरदर िूलु मिोदय ने इस शमशन से िुडी ि नक री छ त्रों को दी। उन्िोंने

कि कक यि पूरे र ष्ट्र के शलए गवा की ब त िै कक भ रत प्रर्थम प्रय स में िी ऐस कर प य िै। उन्िोंने कि कक इस शमशन की

सफलत से मांगल ग्रि की सिी ि नक री, मांगल ग्रि के व त वरण की ि नक री आहद प्र तत िो सकेगी। इस अवसर पर म सा ऑर्बाटर

शमशन क सीि वेबक स्ट ककय गय

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