मध्यप्रदेश राजपत्र ऄसाधारण · 1...

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1 मयदेश राजप (साधारण) ाधधकार से काधशत मािक 283, भोपाल, गुवार, ᳰदनािक 11 जून 1998-ये 21, शक 1920 धवधऔर धवधायी कायधवभाग भोपाल, ᳰदनािक 11 जून, 1998 . 7360-ᳱस-(.).-मयदेश धवधान सभा का धनधलधखत धनयम, धजस पर ᳰदनािक 23 , 1998 को रायपाल कᳱ नुमधत हो चुकᳱ है , एतारा सवय साधाराण कᳱ जानकारी के धलये काधशत ᳰकया जाता है I मय देश के रायपाल के नाम से तथा देशानुसार, टी.पी.एस.धपल, धतᳯर सधचव

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1

मध्यप्रदशे राजपत्र

(ाऄसाधारण)

प्राधधकार स ेप्रकाधशत

क्रमाांक 283, भोपाल, गुरूवार, ददनाांक 11 जून 1998-ज्येष्ठ 21, शक 1920

धवधध और धवधायी कायय धवभाग

भोपाल, ददनाांक 11 जून, 1998

क्र. 7360-ाआक्कीस-ाऄ(प्रा.).-मध्यप्रदशे धवधान सभा का धनम्नधलधखत ाऄधधधनयम, धजस पर ददनाांक 23

माइ, 1998 को राज्यपाल की ाऄनुमधत प्राप्त हो चुकी ह,ै एतद्द्वारा सवय साधाराण की जानकारी के धलये प्रकाधशत

दकया जाता ह ैI

मध्य प्रदशे के राज्यपाल के नाम से तथा ाअदशेानुसार,

टी.पी.एस.धपल्लाइ, ाऄधतररक्त सधचव

2

राजीव गाांधी प्रौद्योधगकी धवश्वधवद्यालय ाऄधधधनयम, 1998.

मध्य प्रदशे ाऄधधधनयम क्रमाांक 13 सन ्1998.

धवषय-सूची.

धाराएां:

ाऄध्याय-1 प्रारांधभक

1. सांधिप्त नाम, धवस्तार और प्रारांभ.

2. पररभाषाएां.

ाऄध्याय-2 धवश्वधवद्यालय

3. धवश्वधवद्यालय का धनगमन.

4. ाईद्दशे्य.

5. धवश्वधवद्यालय की शधक्तयाां.

6. ाऄधधकाररता.

7. धवश्वधवद्यालय स ेसांबांधधत समस्त मामलों में धवभेद का प्रधतषेध.

8. धवश्वधवद्यालय में ाऄध्यापन.

9. धवश्वधवद्यालय का धनरीिण

ाऄध्याय-3 धवश्वधवद्यालय के ाऄधधकारी

10. धवश्वधवद्यालय के ाऄधधकारी.

11. कुलाधधपधत और ाईसकी शधक्तयाां.

12. कुलपधत की धनयुधक्त.

13. कुलपधत की ाईपलधधधयाां तथा सेवा की शतें, कुलपधत की पदावधध तथा ाईसके पद में ररधक्त.

14. कुलपधत की शधक्तयाां तथा कतयव्य .

15. प्रथम ्कुलपधत की शधक्तयाां तथा कतयव्य .

16. कुलाधधसधचव.

17. राज्य धवश्वधवद्यालय सेवा के माध्यम स ेभती.

18. कुलसधचव.

3

19. धवद्यार्थथ कल्याण का सांकायाध्यि.

20. ाऄन्य ाऄधधकारी

ाऄध्याय - 4 धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी

21. धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी.

22. सभा का गठन.

23. सभा के सधममलन तथा ाईनमें गणपूर्थत.

24. सभा की शधक्तयाां और ाईसके कतयव्य .

25. कायय पररषद ्

26. कायय पररषद ्की शधक्तयाां और कतयव्य .

27. धवत्त सधमधत.

28. धवद्या पररषद.

29. धवद्या पररषद ्की शधक्तयाां तथा कतयव्य .

30. सांकायाः

31. ाऄध्ययन बोडय.

32. ाऄध्ययन बोडय की शधक्तयाां तथा ाईनके कृत्य.

33. धवद्या सांबांधी योजना तथा मूल्याांकन बोडय.

34. गरठत दकए जान ेवाल ेबोडयाऄध्य

ाऄध्याय-5 धवत्त

35. धवश्वधवद्यालय धनधध.

36. ाईद्दशे्य धजनके धलये धवश्वधवद्यालय धनधध का ाईपयोजन दकया जा सकेगा

ाऄध्याय -6 पररधनयम, ाऄध्यादशे तथा धवधनयम

37. पररधनयम.

38. पररधनयम दकस प्रकार बनाए जाएांगे.

39. ाऄध्यादशे.

40. ाऄध्यादशे दकस प्रकार बनाऐ जाएांगे.

41. ाऄध्यादशेों के सांबांध में प्रदक्रया.

4

42. धवधनयम

ाऄध्याय -7 धवद्यार्थथयों का धनवास स्थान, नामाांकन तथा ाईपाधधयाां ाअदद

43. धवद्यार्थथयों का धनवास.

44. छात्रावास.

45. धवश्वधवद्यालयीन पाठ्यक्रमों में प्रवेश.

46. परीिकों तथा ाऄनुसीमकों (माडरेटसय) की धनयुधक्त.

47. महाधवद्यालयों तथा पाॅ लीटेकधनकों का धनरीिण एवां ररपोटय.

48. रधजस्रीकृत स्नातक तथा ाईपाधध पत्र (धडप्लोमा) धारक

ाऄध्याय-8 सांपरीिा

49. वार्थषक ररपोटय.

50. लेखाओं की सांपरीिा

ाऄध्याय -9 धवश्वधवद्यालय में ाऄध्यापन पदों पर धनयुधक्त

51. ाऄध्यापन पदों पर धनयुधक्त.

52. ाईन ाऄध्यापकों का वेतन धजन्हें दक धवश्वधवद्यालय द्वारा वेतन ददया जाता ह ै

ाऄध्याय -10 ाअपात ाईपबांध

53. राज्य सरकार कधतपय पररधस्थधतयों में धवत्तीय धनयांत्रण ग्रहण करेगी.

54. कधतपय पररधस्थधतयों में धवश्वधवद्यालय को समुधचत प्रशासन ाईपलधध करान ेकी दधृि स ेाईपाांतररत प्रारूप

में ाऄधधधनयम को लागू करन ेकी राज्य सरकार की शधक्त.

55. धारा 55 के ाऄधीन ाऄधधसूचना के प्रवृतन की कालावधध के ाऄवसान का प्रभाव.

56. धवश्वधवद्यालय के प्राधधकाररयों तथा धनकायों के गठन सांबांधी धववाद.

57. सधमधतयों का गठन.

58. ाअकधस्मक ररधक्तयों का भरा जाना.

59. धवश्वधवद्यालय तथा धनकायों की काययवाही ररधक्तयों के कारण ाऄधवधधमान्य नहीं होंगी.

60. सेवा की शतें.

61. पेंशन तथा भधवष्य धनधध.

62. सद्भावपूवयक की गाइ कारयवााइ का सांरिण.

5

63. धशिण दनेे के धलए ाऄनुमोदन.

64. ाऄध्यापकों का वगीकरण.

65. धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी के सदस्य की पदावधध.

66. धवश्वधवद्यालय के सदस्य या ाऄधधकारी का त्यागपत्र.

67. प्राधधकारी का सदस्य होने के धलये धनरहयता.

68. स्नातकों के रधजस्टर में से, ाईपाधध पत्र (धडप्लोमा) धारकों के रधजस्टर में स ेया धवश्वधवद्यालय के दकसी

प्राधधकारी या धनकाय के दकसी सदस्य को हटान ेके शधक्त.

69. करठनााआयों का धनराकरण

मध्यप्रदशे ाऄधधधनयम

क्रमाांक 13 सन ्1998.

राजीव गाांधी प्रौद्योधगकी धवश्वधवद्यालय ाऄधधधनयम, 1998.

ददनाांक 23 माइ, 1998 को राज्यपाल की ाऄनुमधत प्राप्त हुाइ, ाऄनुमधत ‘‘मध्यप्रदशे राजपत्र (ाऄसाधारण)’’

में ददनाांक 11 जून, 1998 को प्रथमबार प्रकाधशत की गाइ.,,

ाआांजीधनयरी और प्रौद्योधगक धवषयों में, धजनके ाऄांतगयत स्थापत्य कला (ाअर्ककटेक्चर) और औषध धनमायण

धवज्ञान (फामेसी) ाअत े हैं, ाईपाधध और ाईपाधध पत्र स्तर पर व्यवधस्थत, दितापूणय एवां गुणात्मक धशिा

सुधनधित करन ेके प्रयोजन के धलये एक प्रौद्योधगकी धवश्वधवद्यालय को स्थाधपत तथा धनगधमत करन ेऔर ाईसस े

सांबांद्ध या ाऄनुशाांधगक धवषयों का ाईपबांध करन े के धलये ाऄधधधनयम. भारत गणराज्य के ाईनचासवें वषय में

मध्यप्रदशे धवधान-मांडल द्वारा धनम्नधलधखत रूप में यह ाऄधधधनयधमत हो:-

ाऄध्याय-1 प्रारांधभक

1. सांधिप्त नाम, धवस्तार और प्रारांभ

(1) ाआस ाऄधधधनयम का सांधिप्त नाम राजीव गाांधी प्रौद्योधगकी धवश्वधवद्यालय ाऄधधधनयम, 1998 ह.ै

(2) ाआसका धवस्तार सांपूणय मध्यप्रदशे राज्य पर ह.ै

(3) यह ऐसी तारीख को प्रवृत्त होगा धजस ेराज्य सरकार, ाऄधधसूचना द्वारा, धनयत करे.

2. पररभाषाएां

6

ाऄधधधनयम में, जब तक सांदभय स ेाऄन्यथा ाऄपेधित न हो,-

(एक) ‘‘धवश्वधवद्यालय’’ से ाऄधभप्ेरत ह ैराजीव गाांधी प्रौद्योधगकी धवश्वधवद्यालय;

(दो) ‘‘कायय पररषद’’ से ाऄधभपे्रत ह ैधवश्वधवद्यालय की कायय पररषद;

(तीन) ‘‘धवद्या पररषद’’ से ाऄधभपे्रत ह ैधवश्वधवद्यालय की धवद्या पररषद;

(चार) ‘‘सांकाय’’ स ेाऄधभपे्रत ह ैधवश्वधवद्यालय का सांकाय;

(पाांच) ‘‘ाऄध्ययन बोडय’’ स ेाऄधभपे्रत ह ैधवश्वधवद्यालय का ाऄध्ययन बोडय;

(छाः) ‘‘कुलाधधपधत’’ से ाऄधभपे्रत ह ैधवश्वधवद्यालय का कुलाधधपधत;

(सात) ‘‘कुलपधत’’ से ाऄधभपे्रत ह ैधवश्वधवद्यालय का कुलपधत;

(ाअठ) ‘‘प्राध्ययन केन्र’’ स ेाऄधभपे्रत ह ैाईच्चतर धवद्या तथा गवेषणा के स्थान के रूप में धवश्वधवद्यालय द्वारा

सांधाररत की गाइ सांस्था;

(नौ) ‘‘धवभाग’’ स ेाऄधभपे्रत ह ै प्राध्ययन धवभाग और ाईसके ाऄांतगयत ाअता ह ैाऄध्ययन केन्र (सेन्टर ाअफ

स्टडीज);

(दस) ‘‘महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक’’ से ाऄधभपे्रत ह ैऐसी सांस्था धजस ेधवश्वधवद्यालय द्वारा ाआस ाऄधधधनयम

के ाईपबांधों द्वारा ाईनके ाऄधीन सांधाररत दकया जाता ह ैया धवश्वधवद्यालय के धवशेष ाऄधधकार ददय ेगए

हैं;

(ग्यारह) ‘‘स्वशासी महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक’’ स ेाऄधभपे्रत ह ैऐसी सांस्था धजस ेाआस ाऄधधधनयम के ाईपबांधों

के ाऄनुसार काययपररषद द्वारा स्वशासी सांस्था के रूप में घोधषत दकया गया ह,ै

(बारह) ‘‘सांबद्ध महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक’’ से ाऄधभपे्रत ह ैऐसी सांस्था धजस ेाआस ाऄधधधनयम तथा

पररधनयमों के ाईपबांधों के ाऄनुसार धवश्वधवद्यालय के धवशेषाधधकार ददए गए हैं,

(तेरह) ‘‘प्राचायय’’ से ाऄधभपे्रत ह ैमहाधवद्यालय या पॉलीटेकधनक का प्रधान और जहााँ कोाइ प्राचायय नहीं ह ैतो

ाईसके ाऄांतगयत ऐसा व्यधक्त ाअता ह ैजो प्राचायय के रूप में कायय करन े के धलये तत्समय समयक् रूपेण

धनयुक्त दकया गया ह,ै

(चौदह) ‘‘धवश्वधवद्यालय का धवभागाध्यि’’ से ाऄधभपे्रत ह ैधवश्वधवद्यालय के धवद्यार्थथयों को धशिण दनेे

के धलये धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत दकए गए दकसी ाऄध्यापन धवभाग का ाऄध्यि और ाईसके ाऄांतगयत

ाअता ह ै दकसी ऐस े सांस्थान (ाआांस्टीट्डूट) का, जो गवेषणा कायय में ाऄधभवृधद्ध करन े के धलये या

धवश्वधवद्यालय के धवद्यार्थथयों को धशिण दने े के धलये धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत दकया जाता ह,ै

7

सांचालक या दकसी ऐसे महाधवद्यालय का, जो दक गवेषणा कायय में ाऄधभवृधद्ध करन े के धलये या

धवद्यार्थथयों को धशिण दने ेके धलये धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत दकया जाता ह,ै प्राचायय,

(पन्रह) ‘‘महाधवद्यालय या पॉलीटेकधनक का धवभागाध्यि’’ से ाऄधभपे्रत ह ै दकसी महाधवद्यालय या

पॉधलटेकधनक का कोाइ धवभागाध्यि;

(सोलह) ‘‘धवश्वधवद्यालय का ाऄध्यापक’’ से ाऄधभपे्रत ह ै ाअचायय (प्रोफेसर), ाईपाचायय (रीडर), प्राध्यापक

(लेक्चरर) तथा ऐस े ाऄन्य व्यधक्त, जो धवद्या पररषद के ाऄनुमोदन से धवश्वधवद्यालय में या दकसी

महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक या ऐसी सांस्था में, धजसे धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत दकया जाता ह ै

या धजसे धवश्वधवद्यालय द्वारा मान्यता दी गाइ ह,ै धशिण दनेे के धलये या गवेषणा कायय का सांचालन

करन ेके धलये धनयुक्त दकए गए हैं;

(सत्रह) ‘‘धवश्वधवद्यालय स े सांसक्त व्यधक्त’’ से ाऄधभपे्रत ह ै धवश्वधवद्यालय या दकसी महाधवद्यालय या दकसी

पॉलीटेकधनक का कोाइ कमयचारी या धवश्वधवद्यालय के दकसी प्राधधकारी या धनकाय का या

महाधवद्यालय या पॉलीटेकधनक के प्रबांधक-वगय (मैनेजमेंट) का कोाइ सदस्य;

(ाऄठारह) ‘‘कमयचारी’’ स ेाऄधभपे्रत ह ै धवश्वधवद्यालय द्वारा धनयुक्त दकया गया कोाइ व्यधक्त और ाईसके ाऄांतयगत

धवश्वधवद्यालय का ाऄध्यापक तथा ाऄन्य कमयचारीवृन्द ाअता ह;ै

(ाईन्नीस) ‘‘पररधनयमों’’ ‘‘ाऄध्यादशेों’’ तथा ‘‘धवधनयमों’’ से ाऄधभपे्रत ह ै धवश्वधवद्यालय के पररधनयम, ाऄध्यादशे

तथा धवधनयम;

(बीस) ‘‘धवश्वधवद्यालय ाऄनुदान ाअयोग’’ से ाऄधभपे्रत ह ैधवश्वधवद्यालय ाऄनुदान ाअयोग ाऄधधधनयम, (1956 का

सांखयाांक 3) के ाऄधीन स्थाधपत दकया गया धवश्वधवद्यालय ाऄनुदान ाअयोग;

(ाआक्कीस) ‘‘छात्रावास’’ से ाऄधभपे्रत ह ै धवश्वधवद्यालय या दकसी महाधवद्यालय या ऐसी सांस्था के

धवद्यार्थथयों के धलए धनवास स्थान की या सामूधहक जीवन की ाआकााइ धजसकी धवश्वधवद्यालय

द्वारा व्यवस्था की गाइ ह,ै धजसे धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत दकया गया ह ैया मान्यता दी गाइ

ह;ै

(बााइस) ‘‘रधजस्रीकृत स्नातक या ाईपाधध धारक’’ से ाऄधभपे्रत ह ैाआस ाऄधधधनयम के ाईपबांधों के ाऄधीन

रधजस्रीकृत दकया गया या रधजस्रीकृत दकया गया समझा गया स्नातक या ाईपाधध धारक;

(तेाइस) ‘‘ाऄनुसूधचत जाधतयों’’ से ाऄधभपे्रत ह ैभारत के सांधवधान के ाऄनुच्छेद 341 के ाऄधीन ाआस राज्य

के सांबांध में धवधनर्कदि की गाइ ाऄनुसूधचत जाधतयाां;

8

(चैबीस) ‘‘ाऄनुसूधचत जनजाधतयों’’ स ेाऄधभपे्रत ह ैभारत के सांधवधान के ाऄनुच्छेद 342 के ाऄधीन ाआस

राज्य के सांबांध में धवधनर्कदि की गाइ ाऄनुसूधचत जनजाधतयाां;

(पच्चीस) ‘‘ाऄन्य धपछडा वगय’’ से ाऄधभपे्रत ह ै राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर यथा सांशोधधत

ाऄधधसूचना क्रमाांक एफ-85-पच्चीस-4-84, तारीख 26 ददसमबर, 1984 द्वारा यथा धवधनर्कदि

ाऄन्य धपछडा वगय;

(छधबीस) ‘‘धवधान सभा’’ स ेाऄधभपे्रत ह ैमध्यप्रदशे धवधान सभा;

(सत्तााइस) ‘‘व्यापम’’ से ाऄधभपे्रत ह ैव्यावसाधयक परीिा मांाईल मध्यप्रदशे ,भोपाल;

(ाऄट्ठााइस) ‘‘बोडय’’ से ाऄधभपे्रत ह ैमध्यप्रदशे तकनीकी धशिा बोडय;

(ाईन्तीस) ‘‘सभा’’ (कोटय) से ाऄधभपे्रत ह ैधवश्वधवद्यालय की सभा (कोटय);

(तीस) ‘‘ाऄधखल भारतीय प्रौद्योधगकी धशिा पररषद’’ से ाऄधभपे्रत ह ै ाऄधखत भारतीय प्रौद्योधगकी

धशिा पररषद ाऄधधधनयम, 1987 (1987 का सांखयाांक 52) के ाऄधीन स्थाधपत ाऄधखत भारतीय

प्रोद्योधगकी धशिा पररषद;

ाऄध्याय-2 धवश्वधवद्यालय

3. धवश्वधवद्यालय का धनगमन

(1) धवश्वधवद्यालय का कुलाधधपधत तथा प्रथम कुलपधत और धवश्वधवद्यालय की सभा (कोटय),काययपररषद ्

और धवद्या पररषद ् के प्रथम सदस्य धवश्वधवद्यालय का गठन करेंगे तथा ाआस प्रकार गरठत दकया गया

धवश्वधवद्यालय राजीव गाांधी प्रौद्योधगकी धवश्वधवद्यालय के नाम से एक धनगधमत धनकाय होगा;

(2) धवश्वधवद्यालय का शाश्वत ाईत्तराधधकार होगा तथा ाईसकी सामान्य मुरा होगी और ाईक्त नाम से वाद

चलाएगा तथा ाईक्त नाम स ेाईसके धवरूद्ध वाद चलाया जाएगा;

(3) ाआस ाऄधधधनयम के ाईपबांधों के ाऄध्यधीन रहत ेहुए धवश्वधवद्यालय जांगम तथा स्थावर दोनों प्रकार की

सांपधत्त ाऄर्थजत करन ेतथा धारण करन,े दकसी ऐसी जांगम या स्थावर सांपधत्त को, जो दक ाईसमें धनधहत

हो गाइ हो, या धवश्वधवद्यालय के प्रायोजनों के धलए ाईसके द्वारा ाऄर्थजत की गाइ ह,ै पटे्ट पर दनेे, बेचन ेया

ाऄन्यथा ाऄांतररत करन ेतथा सांधवदा करन ेऔर ऐसी समस्त ाऄन्य बातें, जो ाआस ाऄधधधनयम के प्रायोजन

के धलए ाअवश्यक ह,ै करन ेके धलये सिम होगा;

(4) धवश्वधवद्यालय का मुखयालय भोपाल में होगा;

9

4. ाईद्देश्य

धवश्वधवद्यालय के ाऄन्य बातों के साथ धनम्नधलधखत मुखय ाईद्देश्य होंग:े-

(क) तकनीकी धशिा की ऐसी पद्धधत की व्यवस्था जो तकनीकी जनशधक्त की बदलती हुाइ ाअवश्यकताओं के

ाऄनुरूप होन ेयोग्य हो;

(ख) ाऄध्यापन तथा सीखन ेकी प्रदक्रया में गुणात्मक सुधार लाना;

(ग) परामशय, धनरांतर चलती रहन ेवाली धशिा तथा गवेषणा और धवकास सांबांधी दक्रयाकलापों के धलये

ाऄनुकूल वातावरण हते ुव्यवस्था करना;

(घ) पारस्पररक फायदों के धलये ाईद्योग जगत से सशक्त सांबांध धवकधसत करना;

(ड.) धवद्यार्थथयों में ाईद्यधमता को प्रोत्साधहत करन ेके धलऐ सांस्थाओं को ाअवश्यक सहायता ाईपलधध कराना;

(च) पूवय छात्रों के साथ जीवांत सांपकय बनाए रखना और पूवय छात्रों द्वारा प्रायोधजत दकय ेगये काययक्रमों को

धवकधसत करना;

5. धवश्वधवद्यालय की शधक्तयााँ

ाआस ाऄधधधनयम के ाईपबांधों के ाऄध्ययधीन रहत े हुए, धवश्वधवद्यालय को धनम्नधलधखत शधक्तयााँ प्राप्त होंगी,

ाऄथायत:-

(1) धवद्या की ऐसी शाखाओं में धजन्हें धवश्वधवद्यालय समय-समय पर ाऄवधाररत करे, धशिण के धलय े

व्यवस्था करना और गवेषणा कायय तथा ज्ञान के ाऄधभवधयन एवां प्रचार के धलये व्यवस्था करना;

(2) ऐसे व्यधक्तयों को, जो धवश्वधवद्यालय के सदस्य नहीं हैं, धशिण धजसके ाऄांतगयत पत्राचार तथा ऐसे ाऄन्य

पाठ्यक्रम, धजन्हें दक वह ाऄवधाररत करें, ाअते हैं, दनेे के धलये व्यवस्था करना; परांतु धवश्वधवद्यालय,

राज्य सरकार की पूवय मांजूरी के धबना, पत्राचार के माध्यम स ेधशिण नहीं दगेा;

(3) ाऄध्यापन तथा गवेषणा के धलये, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों, सांग्रहालयों तथा ाऄन्य साज-सज्जा का

ाऄयोजन करना;

(4) महाधवद्यालयों, पॉधलटेकधनक, ाऄध्यापन-धवभागों, प्राध्यापन केन्रों, ाऄध्ययन केन्रों, छात्रावासों तथा

ाऄधतधथग्रहों को स्थाधपत करना, सांधाररत करना तथा ाईनका प्रबांध करना;

(5) (क) धवश्वधवद्यालय द्वारा ाऄपेधित ाअचायय पद, ाईपाचायय पद, प्राध्यापक पद तथा धवद्या सांबांधी

कोाइ ाऄन्य पद या कोाइ ाऄध्यापन सांधस्थत करना और ाआस ाऄधधधनयम के ाईपबांधों के ाऄनुसार

ऐसे पदों पर व्यधक्तयों को धनयुक्त करना;

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(ख) ऐसे व्यधक्तयों को, जो दकसी ाऄन्य धवश्वधवद्यालय या सांगठन में कायय कर रह ेहैं धवश्वधवद्यालय

के ाऄध्यापकों के रूप में धवधनर्कदि कालावधध के धलये धनयुक्त करना;

(6) ाऄध्यापकों के ाआस रूप में मान्यता दनेा दक वे सांस्थाओं में धशिण दनेे के धलये ाऄर्थहत हैं;

(7) दकसी धवषय में प्रखयात व्यधक्तयों को ाआस प्रयोजन से मान्यता दनेा दक वे ाईस धवषय में गवेषणा के

सांबांध में मागयदशयन करें;

(8) धवधभन्न परीिाओं के धलये धशिण-क्रम ाऄधधकधथत करना;

(9) ाईपाधधयााँ, ाईपाधधपत्र, प्रमाण-पत्र तथा धवद्या सांबांधी ाऄन्य धवधशितायें सांधस्थत करना;

(10) ऐसी शतों के ाऄध्यधीन रहत ेहुए जैसी दक धवश्वधवद्यालय ाऄवधाररत करे, परीिाओं, मूल्याांकन या जााँच

की दकसी ाऄन्य पद्धधत के ाअधार पर ाईपाधध-पत्र या प्रमाण-पत्र दनेा और ाईपाधधयााँ तथा धवद्या सांबांधी

ाऄन्य धवधशितायें प्रदान करना;

परांतु धवश्वधवद्यालय की दकसी ाईपाधध या ाईपाधध-पत्र तक पहुॅ ॅांचन ेवाली परीिा में दकसी

भी व्यधक्त को तब तक प्रवेश नहीं ददया जायेगा जब तक दक ऐस ेव्यधक्त न,े यदद ाईसने ऐसी परीिा के

धलये ऐसा धवषय धलया ह,ै धजसके धलये प्रायोधगक (पे्रधक्टकल) कायय का पाठ्यक्रम धवधहत दकया गया ह,ै

ऐसा कायय धवश्वधवद्यालय के दकसी महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक में पूरा नहीं कर धलया ह ैतथा जब

तक दक वह ाईस कायय के ाआस प्रकार पूरा कर लेन ेके बारे में ाईस ाऄध्यापन धवभाग या प्राध्यापन केन्र के

धवभागाध्यि या ाईस महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक के प्राचायय का प्रमाण-पत्र पेश नहीं कर दतेा ह;ै

(11) ाईन व्यधक्तयों को धजन्होंन ेाऄध्यादशेों में ाऄधधकधथत शतों के ाऄधीन गवेषणा कायय दकया ह,ै ाईपाधध तथा

धवद्या सांबांधी ाऄन्य धवधशितायें प्रदान करना;

(12) ाईपाधधयों, ाईपाधधपत्रों, प्रमाण-पत्रों तथा धवद्या सांबांधी ाऄन्य धवधशिताओं का ाईधचत तथा प्रयायप्त

कराणों से प्रत्याहरण करना;

(13) ाऄनुमोददत व्यधक्तयों को पररधनयमों में धवधहत की गाइ रीधत में सममाधनत ाईपाधधयााँ या धवद्या सांबांधी

ाऄन्य धवधशिताऐं प्रदान करना;

(14) ऐसे व्यधक्तयों के धलये जो धवश्वधवद्यालय के धवद्यार्थथयों के रूप में नामाांदकत नहीं हैं, ऐसे व्याखयानों

तथा धशिण की व्यवस्था करना और ाईन्हें ऐसे ाईपाधधपत्र तथा प्रमाण-पत्र पदान करना, जैसा दक

धवश्वधवद्यालय ाऄवधाररत करे;

(15) ऐसी रीती में तथा ऐसी शतों के ाऄधीन, जो पररधनयमों या ाऄध्यादशेों द्वारा धवधहत की गाइ ह,ै ाईन

महाधवद्यालयों या पॉधलटेकधनक को, जो धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत नहीं हैं, ाऄपने धवशेषाधधकार

11

दनेा, ऐसे समस्त धवशेषाधधकारों का या ाईनमें से दकसी भी धवशेषाधधकार का प्रत्याहरण करना और

महाधवद्यालयों या पाॅ लीटेकधनकों का प्रबांध ग्रहण करना;

(16) धवश्वधवद्यालय के दकसी ाऄध्यापन धवभाग, प्राध्यन केन्र या महाधवद्यालयों या पॉलीटेकधनकों को

स्वशाषी महाधवद्यालयों या पॉधलटेकधनक के रूप में घोधषत करना;

परांतु स्वायत्तता, जो धवश्वधवद्यालय के ऐस े ाऄध्यापन धवभाग, ऐसे प्राध्यन केन्र या ऐस े

महाधवद्यालय या ऐसे पॉधलटेकधनक को प्राप्त हो सकेगी, की सीमा ऐसी होगी जैसी की पररधनयमों द्वारा

धवधहत की जाय ेतथा वे धवषय, धजनके दक सांबांध में वह ऐसी स्वायत्तता का प्रयोग कर सकें गे, ऐसे होंग,े

जैस ेदक पररधनयमों द्वारा धवधहत दकऐ जायें;

(17) धवश्वधवद्यालय द्वारा मान्यता प्राप्त महाधवद्यालयों या पॉलीटेकधनकों में ाऄध्यापन तथा गवेषणा कायय का

सांचालन करना,समन्वय करना,धवधनयमन करना तथा धनयांत्रण करना;

(18) पररधनयमों तथा ाऄध्यादशेाां ॅे में धवधहत की गाइ रीधत में ऐस ेछात्रावासों को,जो धवश्वधवद्यालय द्वारा

सांधाररत नहीं हैं,मान्यता दनेा तथा दकसी ऐसी मान्यता का प्रत्याहरण करना;

(19) महाधवद्यालयों या पॉलीटेकधनकों या सांस्थाओं का धनरीिण करना तथा यह सुधनधित करन े के धलए

ाईपाय करना दक ाईनमें धशिण,ाऄध्यापन तथा प्रधशिण का ाईधचत स्तर बनाए रखा जाता ह;ै

(20) समाज के कमजोर वगों के तथा धवधशिताः ाऄनुसूधचत जाधतयों, ाऄनुसूधचत जनजाधतयों के शैिधणक धहत

को धवशेष रूप स ेध्यान दतेे हुए सांप्रवर्थतत करना;

(21) धवश्वधवद्यालय के ाऄध्यापकों तथा पूवय छात्रों के धलए पुनाः सद्यक पाठृयक्रमों (ररफे्रसर कोसेस)तथा

व्यावसाधयक पाठृयक्रमों (वोकेशनल कोसेस)की सुधवधायें दनेा;

(22) ऐसी रीधत में तथा ऐसे प्रयोजनों के धलए,जैसा दक धवश्वधवद्यालय ाऄवधाररत करे, ाऄन्य धवश्वधवद्यालयों

तथा प्राधधकाररयों के साथ सहयोग तथा सहकार करना;

(23) धनम्नधलधखत के धलये व्यवस्था करना-

(क) बधहवयती (एक्सरामयूरल)ाऄध्यापन तथा धवस्तारी सेवा;

(ख) पत्राचार पाठृयक्रम;

(ग) खेलों तथा व्यायाम सांबांधी दक्रयाकलाप;

(घ) समाज सेवा स्कीमें;

(ड.) राष्ट्रीय कैडटे कोर;

(च)छात्र सांघ

12

(24) सांघ या राज्य सरकार के ाऄधीन सेवाओं के धलए प्रधतयोगी परीिाओं स ेसांबांधधत प्रधशिण की तथा ऐस े

ाऄन्य प्रधशिण की जो राष्ट्रीय धवकास में सहायक हो, व्यवस्था करना;

(25) धनम्नधलधखत को सांधस्थत करना तथा ाईनका प्रबांध करनााः-

(क) सूचना धयूरो;

(ख) धनयोजन धयूरो; और

(ग) मुरण तथा प्रकाशन धवभाग;

(26) धवश्वधवद्यालय के छात्रों के धनवास, ाअचरण तथा ाऄनुशासन का पययवेिण तथा धनयांत्रण करना और

ाईनके स्वास््य एवां सामान्य कल्याण में ाऄधभवृधद्ध करन ेहते ुाआांतेजाम करना;

(27) ऐसी फीस तथा ाऄन्य प्रभारों की जो दक ाऄध्यादशेों द्वारा धवधहत दकये जायें माांग करना तथा

ाईनका सांदाय प्राप्त करना;

(28) ऐसी फीस तथा ऐसे ाऄन्य प्रभार जो महाधवद्यालयों द्वारा प्राप्त दकये जा सकें गे या वसूल दकय े

जा सकें गे धवधहत करना तथा ाईनका धनयांत्रण करना;

(29) प्रशासकीय, धलधपकवगीय तथा ाऄन्य ाअवश्यक पदों का सृजन करना तथा ाईन पर धनयुधक्तयाॅ ॅां

करना;

(30) धवश्वधवद्यालय के वैतधनक ाऄधधकाररयों, ाऄध्यापकों तथा ाऄन्य कमयचाररयों पर पररधनयमों तथा

ाऄध्यादशेों के ाऄनुसार धनयांत्रण रखना;

(31) न्यासों तथा धवन्यासों (एांडााईमेंट्स)को धारण करना और ाईनका प्रबांध करना तथा ाऄध्येतावृधत्तयााँ

(फेलोधशप्स), छात्रवृधत्तयााँ, छात्र सहायता वृधत्तयााँ (एक्जीधवशन्स), वजीफा (बसयरीज), पदक एवां ाऄन्य

पुरूस्कार सांधस्थत तथा प्रदान करना;

(32) सांदान तथा ाऄनुदान प्राप्त करना और धनधधयों को ाआस ाऄधधधनयम के ाईपबांधों के ाऄनुसार धवधनधहत

करना;

(33) राज्य सरकार के पूवय ाऄनुमोदन से धवश्वधवद्यालय के प्रयोजनों के धलये धवश्वधवद्यालय की सांपधत्त पर,

प्रधतभूधत पर धन ाईधार लेना;

(34) जहााँ कहीं चुन ेगऐ ाऄभ्यार्थथयों की सूची व्यापम द्वारा ाईपलधध नहीं करााइ जाती ह ैवहाां धवश्वधवद्यालय

में प्रवेश सांबधी मापदांड, धजनके ाऄांतगयत परीिा, मूल्याांकन या जााँच की कोाइ ाऄन्य पद्धधत ाअती ह ै

ाऄवधाररत करना;

(35) मधहला धवद्यार्थथयों की दशा में ऐसे धवशेष ाआांतजाम करना धजन्हें दक धवश्वधवद्यालय वाांछनीय समझ;े

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(36) कमयचाररयों के स्वास््य तथा सामान्य कल्याण की ाऄधभवृधद्ध के धलये ाआांतजाम करना;

(37) समस्त ऐसे कायय तथा बातें, चाह ेवे पूवोक्त शधक्तयों स ेाऄनुषांधगक हों या न हों, जो धवश्वधवद्यालय के ाई

द्दशे्यों को ाअगे बढाने के धलये ाऄपेधित हैं, करना;

6. ाऄधधकाररत धवश्वधवद्यालय

(1) धवश्वधवद्यालय की ाऄधधकाररता का धवस्तार सांपूणय मध्यप्रदशे राज्य पर होगा.

(2) तत्समय प्रवृत्त दकसी ाऄन्य धवधध में ाऄांतर्थवि दकसी बात के होत ेहुए भी, दकसी ऐस ेमहाधवद्यालय या

पॉधलटेकधनक या सांस्था के सांबांध में जो ाआांजीधनयरी तथा प्रौद्योधगक धवषयों में, धजनमें स्थापत्य कला

और औषध धनमायण धवज्ञान के धवषय भी सधममधलत हैं, धशिा द ेरहा ह ैऔर ाईपधारा (1) के ाऄधीन

धवधनर्कदि दकऐ गए िेत्र की सीमाओं में धस्थत ह,ै यह समझा जाएगा दक वह ऐसी तारीख से, जैसी की

राज्य सरकार द्वारा ाआस धनधमत्त ाऄधधसूधचत की जाय,े धवश्वधवद्यालय से सहयुक्त ह ै और ाईस े

धवश्वधवद्यालय के धवशेषाधधकार धमल गये हैं और वह पररधनयम या ाऄधभधनयम द्वारा धवधहत की गाइ

रीती में ाऄन्य धवश्वधवद्यालय या बोडय से सहयुक्त नहीं रहगेा.

(3) ाआस धारा में की कोाइ भी बात,-

(क) ऐसे महाधवद्यालयों या पॉलीटेकधनकों या सांस्थाओं को धजन्हें ाऄधखल भारतीया प्रौद्योधगकी धशिा

पररषद (ाअल ाआधडडया कााईां धसल ऑफ टेदिकल ऐजूकेशन)तथा मध्यप्रदशे सरकार द्वारा ाऄनुमोददत नहीं

दकया गया ह;ै

(ख) ऐसे महाधवद्यालयों या पॉलीटेकधनकों या सांस्थाओं को, जो ाऄनन्य रूपेण कृधष तथा सांबांद्ध धवज्ञानों में

धशिा द ेरही ह ैऔर धजन्हें राज्य की कृधष धवश्वधवद्यालयों के धवशेषाधधकार धमल गये हैं धजनके सांबांध में

यह समझा जाये दक ाईन्हें ाईक्त धवशेषाधधकार धमल गये हैं;

(ग) दकसी धवश्वधवद्यालय के ऐसे ाऄध्यापन धवभाग को, जो ाआांजीधनयरी तथा प्रौद्योधगकी धजस के ाऄांतगयत

वास्तुधवद (ाअर्टटटेक्चर)तथा औषध धनमायण धवज्ञान (फामेसी) भी ह,ै धवषयों के ाऄध्यापन में पूवय से ही

लगा हुाअ ह,ै लागू नहीं होगी.

(4) ऐसे महाधवद्यालयों या पॉलीटेकधनकों या सांस्थाओं में, धजन्हें धवश्वधवद्यालय के धवशेषाधधकार ददय ेगय े

हैं, दकये जा रह ेगवेषणा और धवकास सांबांधी कायों को धवश्वधवद्यालय के दक्रयाकलापों में ऐसी तारीख

या तारीखों से समधन्वत और एकीकृत दकया जायेगा जो दक धवश्वधवद्यालय और सांबांधधत महाधवद्यालयों

या पॉलीटेकधनकों या सांस्थाओं द्वारा पारस्पररक सहमधत स ेधनयत की जायें.

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7. ाऄधधकाररत धवश्वधवद्यालय सांबांधधत समस्त मामलों में धवभेद का प्रधतषेद

धवश्वधवद्यालय के धलय ेयह धवधधपूणय नहीं होगा दक वह दकसी व्यधक्त को-

(क) धवश्वधवद्यालय में कोाइ पद धारण करन;े या

(ख) धवश्वधवद्यालय के दकसी प्राधधकारी का सदस्य होन;े या

(ग) ाऄध्यापक के रूप में धनयुक्त दकये जान ेया सधममधलत दकये जान;े या

(घ) दकसी ाईपाधध, ाईपाधधपत्र या धवद्या सांबांधी ाऄन्य धवधशिताओं या ाऄध्ययन पाठ्यक्रम में प्रवेश

ददय ेजान ेया दकसी ाईपाधध, ाईपाधधपत्र या ाऄन्य धवद्या सांबांधी धवधशिता के धलये ाऄर्थहत होन;े या

(ड.) धवश्वधवद्यालय के दकन्हीं भी धवशेषाधधकारों या ाईसकी ाईपकृधत का ाईपभोग या प्रयोग करन;े

या

(च) धवन्यास का सृजन करन ेके धलये धनधधयों का सांदान करन ेका हकदार बनाने के धलये धमय, जाधत, ललग,

जन्म स्थान या ाऄन्य धवचार धारा सांबांधी कोाइ पररिण या शतय ाऄधधरोधपत करे: परांतु धवश्वधवद्यालय,

राज्य सरकार की पूवय मांजूरी के ाऄध्ययधीन रहत ेहुए या तो धशिा, धशिण या धनवास हते ु दकसी

महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक या सांस्था को ाऄनन्य रूपेण मधहलाओं के धलये चला सकेगा या

धवश्वधवद्यालय द्वारा चलााइ जा रही या धनयांधत्रत दकये जा रह ेदकसी महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक या

सांस्था में, धवद्यार्थथयों के रूप में प्रवेश दनेे के प्रयोजनों हते ुमधहलाओं के धलये या ाऄनुसूधचत जाधतयों या

ाऄनुसूधचत जन जाधतयों या ाऄन्य धपछडे वगय के सदस्यों के धलये स्थान ाअरधित कर सकेगा:

परांतु यह और भी दक ाआस धारा में की दकसी भी बात के सांबांध में यह नहीं समझा जाएगा दक

वह धवश्वधवद्यालय से यह ाऄपेिा करती ह ैवह पररधनयमों या ाऄध्यादशेों में धवधहत की गाइ सांखया स े

ाऄधधक सांखया में या पररधनयामें ाऄथवा ाऄध्यादशेों में धवधहत की गाइ शैिधणक या ाऄन्य ाऄहयताओं से कम

ाऄहयता वाल ेधवद्यार्थथयों को दकसी ाऄध्ययन पाठ्यक्रम में प्रवेश द.े

8. धवश्वधवद्यालय में ाऄध्यापन

धवश्वधवद्यालय के पाठ्यक्रमों के सांबांध में समस्त मान्यता प्राप्त ाऄध्यापन कायय, ऐस ेाऄध्यापन का ाअयोजन करने

के धलए ाईत्तरदायी प्राधधकारी एवां पाठ्यचयाय ऐसी होगी जैसा दक यथाधस्थधत पररधनयमों, ाऄध्यादशेों या

धवधनयमों द्वारा धवधहत दकया जाए.

9. धवश्वधवद्यालय में धनरीिण

(1) कुलाधधपधत, स्वपे्ररणा स ेऐसे व्यधक्त या व्यधक्तयों द्वारा धजन्हें दक वह धनदशे द,े

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धवश्वधवद्यालय का, ाईसके भवनों, प्रयोगशालाओं, सांग्रहालयों, कमयशालाओं तथा साज-सज्जा का और ऐस ेदकसी

महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक या सांस्था धजस े धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत दकया जाता ह,ै या धजसे ाईसके

धवशेषाधधकार ददय ेगये हैं तथा धवश्वधवद्यालय द्वारा सांचाधलत परीिाओं या ाईसके द्वारा दकए गए ाऄध्यापन

तथा ाऄन्य कायय का भी धनरीिण करवा सकेगा, तथा धवश्वधवद्यालय, महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक या

सांस्थाओं में प्रवेश, ाईनके प्रशासन या धवत्त से सांबांधधत या दकसी भी मामले के बारे में वैसी ही रीधत में जाांच

करवा सकेगा तथा राज्य सरकार द्वाॅारा धनवेदन दकये जान ेपर ाईपरोक्त रीधत में यथाधस्थधत धनरीिण या जााँच

करवाएगा.

(2) कुलाधधपधत, प्रत्येक मामले में, धनरीिण करवान ेया जाांच करवान ेके ाऄपने ाअशय की सूचना-

(क) धवश्वधवद्यालय को दगेा, यदद ऐसा धनरीिण या जाांच धवश्वधवद्यालय के सांबांध में या धवश्वधवद्यालय

द्वारा सांधाररत महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक या सांस्था के सांबांध में की जानी ह;ै

(ख) महाधवद्यालय या पाॅ धलटेकधनक या सांस्था के प्रबांधक वगय को दगेा, यदद ऐसा धनरीिण या जााँच

दकसी महाधवद्यालय या पॉधलटेकधनक या सांस्था के सांबांध में, धजस ेदक धवश्वधवद्यालय के धवशेषाधधकार

ददय ेगये हैं, की जानी ह ैऔर यथाधस्थधत धवश्वधवद्यालय या प्रबांधक वगय ाआस बात के धलये हकदार होगा

दक वह एक प्रधतधनधध धनयुक्त करे धजस ेयह ाऄधधकार होगा दक वह ऐसे धनरीिण या ऐसी जाांच के

समय ाईपधस्थत रह ेतथा ाईस समय ाईसकी सुनवााइ की जाय.े

(3) ऐसा व्यधक्त ऐसे धनरीिण या ऐसी जाांच के पररणाम की ररपोटय कुलाधधपधत को दगेा और कुलाधधपधत

ऐसे धनरीिण या जााँच के पररणाम के सांबांध में ाऄपने धवचार कुलपधत के माध्यम स,े यथाधस्थधत

धवश्वधवद्यालय में ाऄध्यापन धवधश्वद्यालय में धनरीिण काययपररषद या ाईक्त प्रबांधक वगय को सांसूधचत

करेगा तथा ाईस पर कायय पररषद या प्रबांधक वगय की राय ाऄधभधनधित करन ेके पिात्, धवश्वधवद्यालय

या प्रबांधक वगय को की जान ेवाली काययवाही के सांबांध में सलाह दगेा:

परांतु जहाां धनरीिण या जाांच राज्य सरकार द्वारा धनवेदन दकये जान ेपर काययवााइ गाइ ह,ै वहाां

कुलाधधपधत, राज्य सरकार के परामशय से, ाआस ाईपधारा के ाऄधीन काययवाही करेगा.

(4) यथा धस्थधत, काययपररषद या प्रबांधक वगय कुलपधत के माध्यम से कुलाधधपधत को ऐसी काययवाही की,

यदद कोाइ हो, जो ाईसन ेऐसे धनरीिण या जाांच के पररणाम स्वरूप की ह ै या धजसका करना वह

प्रस्ताधवत करे, सूचना दगेा और ऐसी ररपोटय, ऐसे समय के भीतर, जैसा दक कुलाधधपधत धनदशे दें, भेजी

जायेगी.

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(5) जहाां काययपररषद या प्रबांधक वगय, युधक्तयुक्त समय के भीतर, कुलाधधपधत के समाधान योग्य कारयवााइ न

करे, वहाां कुलाधधपधत, काययपररषद या प्रबांधक वगय द्वारा ददय े दकसी स्पिीकरण या दकये गये दकसी

ाऄभ्यावेदन पर धवचार करन ेके पिात् राज्य सरकार के परामशय स ेऐसे धनदशे जारी कर सकेगा, जैसा

दक वह समझ,े और यथाधस्थधत काययपररषद या प्रबांधक वगय द्वारा ाईनका ाऄनुपालन दकया जाऐगा

ाऄध्याय -3 धवश्वधवद्यालय के ाऄधधकारी

10. धवश्वधवद्यालय के ाऄधधकारी

धवश्वधवद्यालय के धनम्नधलधखत ाऄधधकारी होंग,े ाऄथायत:्-

(एक) कुलाधधपधत;

(दो) कुलपधत;

(तीन) कुलाधधसधचव (रेक्टर);

(चार) सांकायों के सांकायाध्यि;

(पाांच) कुल सधचव;

(छह) धवद्याथी-कल्याण का सांकायाध्याि; और

(सात) धवश्वधवद्यालय की सेवा में के ऐस ेाऄन्य ाऄधधकारी जो दक पररधनयमों द्वारा धवश्वधवद्यालय के ाऄधधकारी

घोधषत दकये जायें.

11. कुलाधधपधत और ाईसकी शधक्तयााँ

(1) मध्यप्रदशे का राज्यपाल धवश्वधवद्यालय का कुलाधधपधत होगा.

(2) कुलाधधपधत, ाऄपने पद के ाअधार पर धवश्वधवद्यालय का प्रधान तथा सभा का ाऄध्यि होगा

और जब वह ाईपधस्थत हो, सभा के सममेलनों की धवश्वधवद्यालय की दकसी भी दीिाांत समारोह

की ाऄध्यिता करेगा.

(3) कुलाधधपधत-

(क) धवश्वधवद्यालय के काययकलापों से सांबांधधत कोाइ भी कागज-पत्र या जानकारी मांगा सकेगा;

और

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(ख) ाऄधभधलधखत दकए जाने वाल ेकारणों स,े धारा 55 के ाऄधीन ाअन ेवाल ेमामले के धसवाय

कोाइ भी मामला धवश्वधवद्यालय के दकसी भी ाऄधधकारी या प्राधधकारी को, धजसन ेऐसे मामल े

पर पूवय में धवचार दकया हो, पुनर्थवचार के धलये धनदधेशत कर सकेगा

धवश्वधवद्यालय के ाऄधधकारी कुलाधधपधत और ाईसकी शधक्तयाां

(4) कुलाधधपधत, धलधखत ाअदशे द्वारा,-

(क) धवश्वधवद्यालय के दकसी भी ाऄधधकारी या धवश्वधवद्यालय के दकसी भी प्राधधकारी, सधमधत या धनकाय

की, धजसका गठन ाआस ाऄधधधनयम द्वारा या ाईसके ाऄधीन दकया गया ह,ै दकन्हीं भी ऐसी काययवाधहयों

को, जो ाआस ाऄधधधनयम, पररधनयमों, ाऄध्यादशेों या धवधनयमों के ाऄनुरूप नहीं ह;ै या

(ख) दकसी प्राधधकारी, सधमधत या दकसी ाऄन्य धनकाय की दकन्हीं ऐसी काययवाधहयों को, जो कुलपधत द्वारा

धारा-14 की ाईपधारा (7)के ाऄधीन ाईसे धनदधेशत की गाइ ह,ै यदद ाईसका यह समाधान हो जाय े दक

ऐसी काययवाहीयाां धवश्वधवद्यालय के धहतों पर प्रधतकूल प्रभाव डालन ेवाली हैं, बाधतल कर सकेगा: परांतु

कोाइ भी ऐसा ाअदशे करन ेके पूवय वह सांबांधधत ाऄधधकारी प्राधधकारी, सधमधत या धनकाय को यह कारण

दशायने के धलये ाऄपेधित करेगा दक ऐसा ाअदशे क्यों न दकया जाय ेऔर यदद ाईसके द्वारा ाआस सांबांध में

धवधनर्कदि दकए गए समय के भीतर कोाइ कारण दशायया जाये, तो ाईस पर धवचार करेगा;

(5) जहाां कुलाधधपधत ाईपधारा (4) के ाऄधीन काययवाधहयों को बाधतल करत ेहुए कोाइ ाअदशे पाररत करता

ह ैतो वह ाईसके सांबांध में ाआस ाऄधधधनयम, धनयमों, पररधनयमों, ाऄध्यादशेों या धवधनयमों के ाऄनुरूप ऐसा

पिात्वती ाअदशे कर सकेगा जैसा दक वह धवश्वधवद्यालय के धहत में ाईधचत समझे और ाआस प्रकार दकया

गया ाअदशे ाऄांधतम होगा.

(6) सममाधनक ाईपाधध प्रदान करन ेकी प्रत्येक प्रस्थापना कुलाधधपधत के पुधिकरण के ाऄध्ययधीन होगी.

(7) कुलाधधपधत ऐसी शधक्तयों का प्रयोग करेगा जो दक ाआस ाऄधधधनयम द्वारा या ाईसके ाऄधीन ाईसे प्रदत्त की

जायें.

12. कुलपधत की धनयुधक्त

(1) कुलपधत की धनयुधक्त ाईपधारा (2) या ाईपधारा (6) के ाऄधीन गरठत सधमधत द्वारा धसफाररश दकय ेगय े

प्रौद्योधगक धशिा के िेत्र में प्रखयात कम स ेकम तीन व्यधक्तयों की ताधलका (पैनल) में से कुलाधधपधत

द्वारा की जाएगी:

परांतु यदद सधमधत द्वारा धसफाररश दकये गये व्यधक्तयों में से कुलाधधपधत द्वारा ाऄनुमोददत कोाइ

व्यधक्त धनयुधक्त प्रधतगृहीत करन ेके धलये रजामांद न हो तो कुलाधधपधत ऐसी सधमधत से नाइ धसफाररशें

मांगा सकेगा:

18

परांतु यह और भी दक प्रथम कुलपधत राज्य सरकार से परामशय करन े के पिात् कुलाधधपधत

द्वारा धनयुक्त दकया जायेगा.

(2) कुलाधधपधत एक सधमधत धनयुक्त करेगा धजसमें धनम्नधलधखत व्यधक्त होंग,े ाऄथायत:्-

(एक) कायय पररषद ्द्वारा धनवायधचत दकया गया एक व्यधक्त;

(दो) ाऄधखल भारतीय तकनीकी धशिा पररषद के ाऄध्यि द्वारा नाम धनदधेशत एक व्यधक्त;

(तीन) कुलाधधपधत द्वारा नाम धनदधेशत दकया गया एक व्यधक्त, कुलाधधपधत ाआन तीन व्यधक्तयों में से एक

को सधमधत का ाऄध्यि धनयुक्त करेगा.

(3) ाईपधारा (2) के ाऄधीन सधमधत गरठत करन ेके धलये कुलाधधपधत, कुलपधत की ाऄवधध का ाऄवसान होने

के छह मास पूवय, काययपररषद तथा ाऄधखल भारतीय तकनीकी धशिा पररषद के ाऄध्यि को ाऄपने-ाऄपने

नामधनदधेशधतयों को चुनन े के धलए ाऄपेधित करेगा और यदद ाईनमें स ेकोाइ भी या दोनों ाआस बारे में

कुलाधधपधत की सांसूचना प्राप्त होन ेके एक मास के भीतर ऐसा करन ेमें ाऄसफल रह,े तो कुलाधधपधत

यथा धस्थधत, पुनाः दकसी एक या दोनों व्यधक्तयों को नाम धनदधेशत कर सकेगा कुलपधत की धनयुधक्त

(4) दकसी भी ऐस ेव्यधक्त को, जो धवश्वधवद्यालय या दकसी महाधवद्यालय से सांशक्त ह,ै ाईपधारा

(2) के ाऄधीन सधमधत के धलये धनवायधचत या नाम धनदधेशत नहीं दकया जायेगा.

(5) सधमधत ाऄपने गठन की तारीख स ेछह सप्ताह के भीतर या कुलाधधपधत द्वारा बढाऺऐ गए चार सप्ताह से

ाऄनधधक ऐसे और समय के भीतर ताधलका प्रस्तुत करेगी.

(6) यदद दकन्ही कारणों से वह सधमधत, जो ाईपधारा (2) के ाऄधीन गरठत की गाइ ह,ै ाईपधारा (5) में

धवधनर्कदि की गाइ कालावधध के भीतर ताधलका प्रस्तुत करन ेमें ाऄसफल रहती ह ैतो कुलाधधपधत एक

ाऄन्य सधमधत गरठत करेगा धजसमें तीन ऐसे व्यधक्त होंग ेजो धवश्वधवद्यालय या दकसी महाधवद्यालय स े

सांशक्त नहीं हैं धजनमें से एक को ाऄध्यि के रूप में ाऄधभधहत दकया जायेगा. ाआस प्रकार गरठत की गाइ

सधमधत ाऄपने गठन की तारीख स ेछह सप्ताह की कालावधध के भीतर या ऐसी लघुतर कालावधध, जैसी

दक धवधनर्कदि की जाय,े के भीतर तीन व्यधक्तयों की ताधलका प्रस्तुत करेगी.

(7) यदद ाईपधारा (6) के ाऄधीन गरठत की गाइ सधमधत ाईस ाईपधारा में धवधनर्कदि की गाइ

कालावधध के भीतर ताधलका प्रस्तुत करन ेमें ाऄसफल रहती ह ैतो कुलाधधपधत, दकसी भी ऐस ेव्यधक्त

को, धजसे वह ाईपयुक्त समझ,े कुलपधत के रूप में धनयुक्त कर सकेगा.

13. कुलपधत की शधक्तयााँ तथा कतयव्य

19

(1) कुलपधत धवश्वधवद्यालय का पूणयकाधलक वैतधनक ाऄधधकारी होगा और ाईसकी ाईपलधधधयाां एवां सेवा के

ाऄन्य धनबांधन तथा शतें पररधनयमों द्वारा धवधहत की जायेंगी.

(2) कुलपधत चार वषय की ाऄवधध तक पद धारणा करेगा और वह दो से ाऄधधक पदावधधयों के धलये धनयुधक्त

का पात्र नहीं होगा:

परांतु ाईसकी ाऄवधध का ाऄवसान हो जान ेपर भी, वह पद पर तब तक बना रहगेा जब तक की

ाईसका ाईत्तराधधकारी धनयुक्त न कर ददया जाय ेऔर वह ाऄपना पद ग्रहण न कर ल,े ककत ुयह कालावधध

दकसी भी दशा में छह मास स ेाऄधधक नहीं होगी.

(3) यदद दकसी समय ाऄभ्यावेदन दकया जान ेपर या ाऄन्यथा और ऐसी जाांच, जो दक ाअवश्यक समझी जाय,े

करन ेके पिात् कुलाधधपधत को यह प्रतीत हो दक कुलपधत ने-

(एक) ाआस ाऄधधधनयम द्वारा या ाईसकी ाऄधीन ाईस पर ाऄधधरोधपत दकये गये दकसी कतयव्य का पालन करन ेमें

व्यधतक्रम दकया ह;ै या

(दो) धवश्वधवद्यालय के धहतों पर प्रधतकूल प्रभाव डालने वाली रीधत में कायय दकया ह;ै या

(तीन) वह धवश्वधवद्यालय के काययकलापों का प्रबांध करन ेमें ाऄसमथय ह ैतो कुलाधधपधत, ाआस त्य के होत ेहुए

भी दक कुलपधत की पदावधध का ाऄवसान नहीं हुाअ ह,ै एक धलधखत ाअदशे द्वारा, धजसमें कारणों का

धववरण रहगेा, कुलपधत स ेयह ाऄपेिा कर सकेगा दक वह ऐसी तारीख से, जो दक ाअदशे में धवधनर्कदि

की जाये, ाऄपना पद त्याग द.े

(4) ाईपधारा (3) के ाऄधीन कोाइ ाअदशे तब तक पाररत नहीं दकया जायेगा यदद ाईन ाअधारों की

धवधशधियाां, धजन पर दक ऐसी काययवाही का दकया जाना प्रस्ताधवत ह,ै कुलपधत को सांसूधचत नहीं कर

दी गाइ हैं तथा ाईस ेप्रस्ताधवत ाअदशे के धवरूद्ध कारण दशायन ेका युधक्तयुक्त ाऄवसर नहीं द ेददया गया ह.ै

(5) ाईपधारा (3) के ाऄधीन के ाअदशे में धवधनर्कदि की गाइ तारीख से यह समझा जाऐगा दक कुलपधत न ेपद

त्याग ददया ह ैऔर कुलपधत का पद ररक्त हो जाएगा

(6) कुलपधत की मृत्यु, ाईसके पद त्याग, छुट्टी रूग्णता के कारण या ाऄन्य कारण से ाईसका पद ररक्त होन ेकी

दशा में, धजनमें ाऄस्थााइ ररक्ती भी सधममधलत ह,ै कुलाधधसधचव और यदद कुलाधधसधचव की धनयुक्त नहीं

की गाइ ह ैया कुलाधधसधचव ाईपलधध नहीं हैं तो कुलाधधपधत द्वारा ाईस प्रयोजन के धलये नाम धनदधेशत

दकया गया दकसी भी सांकाय का सांकायाध्यि कुलपधत के रूप में ाईस तारीख तक कायय करेगा जब तक

दक धारा 12 की ाईपधारा (1) या ाईपधारा (7) के ाऄधीन धनयुक्त दकया गया कुलपधत ाऄपना पद यथा

धस्थधत ग्रहण या पुनाः ग्रहण न कर लेाः

20

परांतु ाआस ाईपधारा के ाऄधीन ाऄनुध्यात दकया गया ाआांतजाम छह मास स ेाऄधधक कालावधध के

धलये चाल ूनहीं रहगेा.

14.(1) कुलपधत धवश्वधवद्यालय का प्रधान प्रशासधनक तथा धवद्या धवषयक् ाऄधधकारी होगा. वह काययपररषद

का तथा धवद्यापररषद का पदने सदस्य एवां ाऄध्यि, तथा धवश्वधवद्यालय के ऐस ेाऄन्य प्राधधकाररयों,

सधमधतयों तथा धनकायों का, धजनका दक वह सदस्य ह,ै ाऄध्यि होगा. वह धवश्वधवद्यालय के दकसी भी

प्राधधकारी, सधमधत या ाऄन्य धनकाय के दकसी भी सधममलन में ाईपधस्थत होन ेतथा बोलने का हकदार

होगा, ककत ुवह ाईसमें मत दनेे का तब तक हकदार नहीं होगा जब तक दक वह सांबांधधत प्राधधकारी,

सधमधत या धनकाय का सदस्य न हो.

(2) यह सुधनधित करना कुलपधत का कतयव्य होगा दक ाआस ाऄधधधनयम, पररधनयमों, ाऄध्यादशेों तथा

धवधनयमों का धनष्ठा पूवयक ाऄनुपालन दकया जाता ह ैऔर ाईसे ाआस प्रयोजन के धलये समस्त ाअवश्यक

शधक्तयाां प्राप्त होंगी.

(3) कुलपधत को काययपररषद, धवद्यापररषद की तथा धवश्वधवद्यालय के ऐसे ाऄन्य प्राधधकाररयों, सधमधतयों

तथा धनकायों के, धजनका दक वह ाऄध्यि ह,ै सधममलन बुलाने की शधक्त होगी. वह धवश्वधवद्यालय के

दकसी ाऄन्य ाऄधधकारी को यह शधक्त प्रत्यायोधजत कर सकेगा.

(4) यदद कुलपधत की राय में कोाइ ऐसी ाअपात धस्थधत ाईत्पन्न हो गाइ ह ैधजसमें तुरांत काययवााइ की जाना

ाऄपेधित ह,ै तो कुलपधत ऐसी काययवााइ करेगा जैसी दक वह ाअवश्यक समझे और तत्पिात,् यथाशीघ्र,

ाऄपनी काययवाही की ररपोटय ऐस ेाऄधधकारी, प्राधधकारी, सधमधत या ाऄन्य धनकाय को करेगा, जो दक

मामूली ाऄनुक्रम में ाईस मामले के सांबांध में काययवााइ करतााः

परांतु कुलपधत द्वारा की गाइ काययवााइ से धवश्वधवद्यालय तीन मास स ेाऄधधक कालावधध के धलये

दकसी भी ाअवर्थत व्यय हते ुवचनबद्ध नहीं होगा: परांत ुयह और भी दक जहाां कुलपधत द्वारा की गाइ ऐसी

कोाइ काययवााइ धवश्वधवद्यालय की सेवा में के दकसी व्यधक्त पर प्रभाव डालती ह ैवहाां ऐसा व्यधक्त, ाईस

तारीख से, धजसको दक ाईसे ऐसी कारवााइ की सांसूचना दी गाइ ह,ै तीस तीन के भीतर कायय-पररषद को

ाऄपील प्रस्तुत करन ेका हकदार होगा:

परांतु यह भी दक शधक्त का धवस्तार ाऄध्यादशेों, पररधनयमों, धवधनयमों, में सांशोधन या

धनयुधक्तयों स ेसांबांधधत दकसी मामल ेपर नहीं होगा.

(5) ाईपधारा (4) के ाऄधीन ररपोटय प्रापत होन ेपर, यदद सांबांधधत प्राधधकारी, सधमधत या धनकाय कुलपधत

द्वारा की गाइ काययवााइ का ाऄनुमोदन नहीं करता ह ैतो वह मामल ेको कुलाधधपधत को धनदधेशत करेगा

धजसका दक ाईस पर धवधनिय ाऄांधतम होगा.

21

(6) ाईपधारा (4) के ाऄधीन कुलपधत द्वारा की गाइ काययवााइ समुधचत प्राधधकारी द्वारा की गाइ काययवााइ

समझी जायेगी जब तक दक वह ाईपधारा (5) के ाऄधीन ददय ेगये धनदशे के प्राप्त होन ेपर कुलाधधपधत

द्वारा ाऄपास्त नहीं कर दी गाइ ह ैया ाईपधारा (4) के धद्वतीय परांतुक के ाऄधीन ाऄपील दकय ेजान ेपर

कायय पररषद ्द्वारा ाऄपास्त नहीं कर दी गाइ ह.ै

(7) यदद कुलपधत की राय में धवश्वधवद्यालय के दकसी प्राधधकारी, सधमधत या ाऄन्य धनकाय की दकसी भी

काययवाही से धवश्वधवद्यालय के धहतों पर प्रधतकुल प्रभाव पडना सांभाव्य ह,ै तो वह ाऄपने कारण कुलपधत

की शधक्तयाां तथा कतयव्य ाऄधभधलधखत करेगा तथा मामला कुलाधधपधत को धनदधेशत करेगा और

तद्नुसार ाईसकी ाआत्तला सांबांधधत प्राधधकारी, सधमधत या ाऄन्य धनकाय को भी दगेा जो तब तक

प्रभावशील नहीं दकया जायेगा जब तक दक मामला कुलाधधपधत द्वारा 11 की ाईपधारा (4) के ाऄधीन

धवधनधित नहीं कर ददया जाता ह.ै

(8) कुलपधत धवश्वधवद्यालय के काययकलापों पर सामान्य धनयांत्रण रखेगा और धवश्वधवद्यालय के

प्राधधकाररयों के धवधनियों को प्रभावशील करेगा.

(9) कुलपधत ऐसी ाऄन्य शधक्तयों का प्रयोग करेगा जो दक पररधनयामें, ाऄध्यादशेों तथा धवधनयमों द्वारा

धवधहत की जाएां.

15. प्रथम कुलपधत की शधक्तयााँ तथा कतयव्य

धवश्वधवद्यालय के प्रथम् कुलपधत का यह कतयव्य गा दक वह धवश्वधवद्यालय की स्थापना की तारीख स े

दो वषय की कालावधध के भीतर धवश्वधवद्यालय के सभा, काययपररषद,् धवद्यापररषद तथा धवश्वधवद्यालय

के ाऄन्य प्राधधकाररयों का गठन करें और ाईक्त प्राधधकाररयों का गठन होन ेतक कुलपधत, यथाधस्थधत,

काययपररषद,् धवद्यापररषद या ऐसा ाऄन्य प्राधधकारी समझा जाऐगा और ाआस ाऄधधधनयम द्वारा या ाईसके

ाऄधीन ऐस ेप्राधधकाररयों को प्रदत्त शधक्तयों का प्रयोग तथा ाईन पर ाऄधधरोधपत कतयव्य पालन करेगााः

परांतु कुलाधधपधत, यदद वह ऐसा करना ाअवश्यक या समीचीन समझता ह ै तो वह राज्य

सरकार स ेपरामशय करन ेके पिात् एक सधमधत धनयुक्त करेगा धजसमें एक धशिाधवद ्तथा एक प्रशासन

धवशेषज्ञ होगा जो ऐसे प्राधधकारी के बदले में कुलपधत को ाईसकी शधक्तयों का प्रयोग करन ेमें तथा

कृत्यों का पालन करन ेमें सहायता एवां सलाह दगेी.

16. कुलाधधसधचव

22

(1) कुलाधधसधचव की धनयुधक्त कुलपधत की धसफाररश पर काययपररषद द्वारा की जायेगी. यदद काययपररषद ्

कुलपधत की धसफाररश स्वीकार नहीं करती ह ैतो मामला कुलाधधपधत को धनदधेशत दकया जायेगा

धजसका ाईस पर धवधनिय ाऄांधतम होगा.

(2) कुलाधधसधचव धवश्वधवद्यालय का वैतधनक ाऄधधकारी होगा.

(3) ाआस ाऄधधधनयम के ाईपबांधों के ाऄध्यधीन रहत े हुए, कुलाधधसधचव की पदावधध, सेवा की शतें तथा

ाईपलधधधयाां ऐसी होंगी जैसा दक पररधनयमों द्वारा धवधहत दकया जाये तथा ऐसा धवधहत दकये जान ेतक

वे ऐसी होंगी जैसा दक कुलाधधपधत द्वारा ाऄवधाररत दकया जाय.े

(4) कुलाधधसधचव, कुलपधत के ऐसे कतयव्यों का पालन तथा ऐसी शधक्तयों का प्रयोग करेगा जो दक ाईस े

कुलाधधपधत द्वारा, कुलपधत के परामशय स ेसमुनुदधेशत दकये जायें तथा वह ऐसे ाऄन्य कतयव्यों का पालन

तथा ऐसी ाऄन्य शधक्तयों का प्रयोग करेगा जैसा दक धवधनयमों द्वारा धवधहत दकया जाये.

17.राज्य धवश्वधवद्यालय सेवा के माध्यम

कुलसधचव तथा ाऄन्य ाऄधधकाररयों के ऐस ेाऄन्य सांवगों के पद, मध्यप्रदोश धवश्वधवद्यालय ाऄधधधनयम,

1973 (क्रमाांक 22 सन् 1973) के ाऄधीन गरठत की गाइ राज्य धवश्वधवद्यालय सेवा के ाऄधधकाररयों स े

भरे जायेंगे. ऐस े ाऄधधकाररयों की ाऄनुपलधधता के मामल े में ऐसे पद, कुलाधधपधत द्वारा ाईपयुक्त

ाऄधधकाररयों की सेवायें प्रधतधनयुधक्त पर प्राप्त करके, भरे जायेंगे.

18.कुलसधचव

(1) कुलसधचव धवश्वधवद्यालय का पूणयकाधलक वैतधनक ाऄधधकारी होगा और वह ाआस ाऄधधधनयम के ाऄधीन

ाऄपने कतयव्यों का धनवयहन कुलपधत के साधारण ाऄधीिण तथा धनयांत्रण के ाऄध्यधीन रहत ेहुए करेगा.

वह सभा के, काययपररषद के, धवद्यापररषद के ाऄन्य धवद्या सांबांधी योजना तथा मूल्याांकन बोडय के सधचव

के रूप में कायय करेगा.

(2) कुलसधचव की धनयुधक्त धारा 17 के ाईपबांधों के ाऄनुसार की जायेगीाः

परांतु धवश्वधवद्यालय के प्रथम ् कुलसधचव की धनयुधक्त कुलाधधपधत द्वारा राज्य सरकार से

परामशय के पिात् की जायेगी तथा वह चार वषय से ाऄनधधक ऐसी कालावधध के धलये तथा ऐस े

धनबांधनों और शतों पर पद धारणा करेगा जैसा दक कुलपधत ाऄवधाररत करे.

23

(3) पररधनयमों में ाऄन्यथा ाईपबांधधत काययपररषद की शधक्तयों के ाऄध्यधीन रहत ेहुए, कुलसधचव, यह दखेने

के धलये ाईत्तरदायी होगा दक समस्त धन ाईसी प्रयोजन के धलये व्यय दकय ेजाते हैं धजसके धजय ेवे मांजूर

ाअवांरटत दकय ेगये हैं.

(4) ाआस ाऄधधधनयम द्वारा या ाईसके ाऄधीन ाऄन्यथा ाईपबांधधत दकय े गये के धसवाय, समस्त सांधवदाएां

धवश्वधवद्यालय की ओर से कुलसधचव द्वारा हस्तािररत की जाएांगी और समस्त दस्तावेजें तथा ाऄधभलेख

धवद्यालय की ओर से कुलसधचव द्वारा ाऄधधप्रमाधणकृत दकय ेजाएांगे.

(5) कुलसधचव ऐसी शधक्तयों का प्रयोग करेगा और ऐसे कतयव्यों का पालन करेगा जो दक पररधनयमों,

ाऄध्यादशेों और धवधनयमों द्वारा ाईसको प्रदत्त की जायें या ाईस पर ाऄधधरोधपत दकये जायें. 19.(1)

धवद्याथी कल्याण का सांकायाध्यि, कुलपधत की धसफाररश पर काययपररषद द्वारा धनयुक्त दकया जायेगा.

(2) ाईपधारा (1)के ाऄधीन ाआस प्रकार धनयुक्त दकया गया सांकायाध्यि पूणयकाधलक वैतधनक ाऄधधकारी होगााः

परन्तु कायय पररषद, यदद ऐसा करना ाअवश्यक समझा जाए, कुलपधत की धसफाररश पर,

ाईपाचायय के पद से ाऄधनम्न पद के दकसी ाऄध्यापक को ऐसे ाऄध्यापक के रूप में ाऄपने कतयव्य के साथ-

साथ धवद्याथी कल्याण के सांकायाध्याि के कतयव्यों का धनवयहन करन ेके धलये तीन वषय की कालावधध

हते ुधनयुक्त कर सकेगी, और ऐसे मामले में काययपररषद ाईसे ददय ेजान ेके धलये यथोधचत भत्ते मांजूर कर

सकेगी.

(3) धवद्याथी कल्याण के सांकायाध्यि की सेवा के धनबयन्धन तथा शतें और ाईसके कतयव्य और शधक्तयाां

पररधनयमों द्वारा धवधहत की जायेंगी.

20. धवश्वधवद्यालय के ाऄन्य ाऄधधकाररयों की, जो धारा 17 के ाऄांतगयत नहीं ाअत ेहैं, धनयुधक्त ऐसी रीधत में की

जाऐगी और ाईनकी सेवा की शतें ऐसी होंगी जोदक पररधनयमों, ाऄध्यादशेों और धवधनयमों द्वारा धवधहत

की जायें ।

ाऄध्याय - 4 धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी

21. धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी

धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी धनम्नधलधखत होंग;े ाऄथायत्ाः-

(एक) सभा;

(दो) कायय पररषद;

(तीन) धवत्त सधमधत;

(चार) धवद्या पररषद;

24

(पाांच) सांकाय;

(छह) ाऄध्ययन बोडय;

(सात) धवद्या सांबांधी योजना तथा मूल्याांकन बोडय;

(ाअठ) ऐस ेाऄन्य प्राधधकारी जो पररधनयमों द्वारा धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी घोधषत दकय ेजाएां

22. सभा का गठन

(1) सभा में धनम्नधलधखत व्यधक्त होंग,े ाऄथायत्ाः-

समूह-क

(एक) कुलाधधपधत,

(दो) कुलपधत,

(तीन) कुलाधधसधचव,

(चार) सांकायों के सांकायाध्यि,

(पाांच) जनशधक्त धनयोजन धवभाग, मध्यप्रदशे शासन का भारसाधक सधचव,

(छह) ाअयुक्त, ाईच्च धशिा, मध्यप्रदशे,

(सात) सांचालक, तकनीकी धशिा, मध्यप्रदशे,

(ाअठ) ाऄध्यि, मध्यप्रदशे माध्यधमक धशिा मांडल,

(नौ) ाऄध्यि, व्यावसाधयक परीिा मांडल (व्यापम) मध्यप्रदशे,

(दस) ाऄधखल भारतीय प्रौद्योधगकी धशिा पररषद ्का एक नामधनदधेशती,

(ग्यारह) सांचालक, तकनीकी धऺशिक प्रधशिण सांस्थान, भोपाल,

(बारह) धवद्याथी कल्याण का सांकायाध्यि

समूह-ख्

(तेरह) धवश्वधवद्यालय के ाऄध्यापन धवभागों/प्राध्याॅान केन्रों/ाऄध्ययन केन्रों स ेएक ाअचायय, एक

ाईपाचायय और एक प्राध्यापक जो पररधनयमों द्वारा धवधहत की गाइ रीधत में ाईनमें से धनवायधचत दकए

जाएांगे;

(चौदह) समबद्ध महाधवद्यालयों से एक प्राचायय, एक ाअचायय एक ाईपाचायय और एक प्राध्यापक जो

पररधनयमों द्वारा धवधहत की गाइ रीधत में ाईनमें से धनवायधचत दकए जाएांगे;

25

(पन्रह) समबद्ध पॉधलटेकधनक स ेदो प्राचायय, दो धवभागाध्यि और दो प्राध्यापक जो पररधनयमों द्वारा धवधहत

की गाइ रीधत में ाईनमें स ेधनवायधचत दकए जाएांगे;

समूह-ग

(सोलह) महाधनदशेक (डााआरेक्टर जनरल) मध्यप्रदशे धवज्ञान और प्रौद्योधगकी पररषद,् भोपाल;

(सत्रह) धनदशेक, वैज्ञाधनक और औद्योधगक ाऄनुसांधान के धलए िेत्रीय ाऄनुसांधान प्रयोगशाला पररषद ्

(रीजनल ररसचय लेबोरेटरी कौंधसल), भोपाल;

(ाऄठारह) चेयरमेन, ाआन्स्टीट्डूट ाअॅ फ ाआांजीधनयसय (ाआांधडया) मध्यप्रदशे स्टेट सेंटर, भोपाल;

(ाईन्नीस) ाआांजीधनयररग सांकाय के तीन सांकायाध्यि जो कुलाधधपधत द्वारा नामधनदधेशत दकए जाएांगे;

(बीस) धवधान सभा के दो सदस्य, जो धवधान सभा द्वारा धनवायधचत दकए जाएांगे;

(ाआक्कीस) धवश्वधवद्यालय के रधजस्रीकृत स्नातकों में से तीन प्रधतधनधध जो ाईनमें से ही धनवायधचत दकए

जाएांगे;

(बााइस) प्रत्येक दानदाता जो धवश्वधवद्यालय को पाांच लाख रूपये या ाईसस ेाऄधधक दान करता ह;ै

(तेाइस) वाधणज्य तथा ाईद्योग सांस्थाओं के दो प्रधतधनधध जो राज्य सरकार द्वारा नामधनदधेशत दकए

जाएांगे;

(चैबीस) धवश्वधवद्यालय के वैतधनक ाऄध्यापनेतर कमयचाररयों में से एक प्रधतधनधध जो ाईनमें स ेही ऐसी

रीधत में धनवायधचत दकया जाएगा जैसी दक पररधनयमों में धवधहत की जाए;

खडड-घ

(पच्चीस) दो धवद्याथी जो ाऄध्ययन बोडय के धवद्याथी सदस्यों द्वारा ाऄपने में से धनवायधचत दकए गये हों;

(छधबीस) दो धवद्याथी जो ाईन धवद्यार्थथयों द्वारा ाऄपने में से धनवायधचत दकए गए हों जो धनवायचन के ठीक

पूवयवती शैिधणक सत्र में धवश्वधवद्यालयीन टूनायमेन्टों में भग लेने वाली धवश्वधवद्यालयीन टीमों

के सदस्य रह चुके हों;

खडड-ड.

(सत्तााइस) कायय पररषद ्के ऐसे सदस्य जो पूवयवती समूहों में से दकसी भी समूह के ाऄधीन सदस्य न हो;

स्पिीकरण:-

26

(एक) कोाइ भी व्यधक्त एक स ेाऄधधक समूह के ाऄधीन सभा का सदस्य होन ेके धलए पात्र नहीं होगा;

(दो) दकसी धवश्वधवद्यालयीन ाऄध्यापन धवभाग, प्राध्ययन केन्र या महाधवद्यालय में से एक से ाऄधधक व्यधक्त,

समूह-ख के दकसी भी एक मद (ाअयटम) के ाऄधीन नामधनदधेशत नहीं दकया जाएगा;

(तीन) समूह-घ के प्रयोजन के धलए, धवद्याथी से ाऄधभपे्रत होगा वह व्यधक्त जो-

(क) धवश्वधवद्यालय के दकन्हीं भी महाधवद्यालयों या धवश्वधवद्यालयीन ाऄध्यापन धवभाग या प्राध्ययन केन्रों

या दकसी ाऄन्य सांस्था में, ाऄध्यादशेों में ाऄधधकधथत धनबांधनों तथा शतों के ाऄधीन धशिण प्राप्त कर रहा

हो या गवेषण कर रहा हो; और

(ख) 10 + 2 स्कीम की ाऄपनी किा 12वीं की परीिा ाईस शैिधणक सत्र के, धजसमें दक वह धनवायधचत होना

चाहता ह,ै प्रारांभ होन ेकी तारीख से ाऄधधक स ेाऄधधक छह वषय पूवय ाईत्तीणय कर चुका हो और ाईसन ेकिा

12वीं तथा ाईसके ाअगे की प्रत्येक परीिा एक ही प्रत्यत्न में ाईत्तीणय की ह.ै

(2) ाईपधारा (1) के समूह-घ के ाऄधीन धनवायधचत दकए गए सदस्यों की पदावधध एक वषय होगी.

(3) यथाधस्थधत, ाईपधारा (1) के समेह-ख तथा समूह-ग के ाऄधीन, नामधनदधेशत या धनवायधचत दकए गए

सदस्यों या ाईपधारा (1) के समूह-ड. में सधममधलत दकए गए सदस्यों की पदावधध का पययवसान सभा

की ाऄवधध, जो तीन वषय की होगी, के पययवसान के साथ होगा.

(4) ाईपधारा (1) की मद (बीस) में धवधनर्कदि दकया गया प्रत्येक दानदाता ाईस तारीख से, धजसको

धवश्वधवद्यालय द्वारा दान प्रधतगृहीत दकया जाय, 7 वषों तक सभा का सदस्य रहगेा और पूवोक्त

कालावधध के दौरान वह प्रधतधनधध जो ऐसे दानदाता द्वारा समय-समय पर नामधनदधेशत दकया जाए,

दानदाता समझा जाएगा.

23.

(1) सभा का सधममलन एक कलेडडर वषय में कम से कम एक बार तथा ऐसे ाऄवसरों पर, जो दक पररधनयमों

द्वारा धवधहत दकए जाएां, होगा

(2) सभा के एक धतहााइ सदस्यों से गणपूर्थत होगी.

24. सभा की शधक्तयााँ और ाईसके कतयव्य

27

ाआस ाऄधधधनयम के ाईपबांधों के ाऄध्यधीन रहत ेहुए, सभा धनम्नधलधखत शधक्तयों का प्रयोग करेगी और

धनम्नधलधखत कतयव्यों का पालन करेगी, ाऄथायत्:-

(एक) धवश्वधवद्यालय से सांबांधधत समस्त धवषयों के सांबांध में सलाहकार धनकाय के रूप में कायय करना;

(दो) धवश्वधवद्यालय की स्थूल धनधतयों तथा काययक्रमों का समय-समय पर पुनर्थवलोकन करना;

(तीन) वार्थषक ररपोटों, वार्थषक लेखाओं तथा तत्सांबांधी सांपरीिा ररपोटय, यदद कोाइ हो, पर धवचार करना और

ाईन पर सांकल्प पाररत करना;

(चार) धवश्वधवद्यालय के वार्थषक धवत्तीय प्राक्कलनों पर धवचार करना और ाईन पर सांकल्प पाररत करना;

(पाांच) सममाधनक ाईपाधधयाां तथा धवद्या सांबांधी ाऄन्य धवधशिताएां कायय पररषद ्की ाऄनुशांसा पर प्रदान करना;

(छह) धवश्वधवद्यालय के ाऄन्य प्राधधकाररयों के कायों का, ाईस दशा में के धसवाय, जहाां दक ऐसे प्राधधकाररयों न े

ाईन शधक्तयों के ाऄनुसार कायय दकया ह ैजो दक ाआस ाऄधधधनयम, पररधनयमों तथा ाऄध्यादशेों द्वारा ाईन्हें

प्रदत्त की गाइ हैं, पुनर्थवलोकन करना;

(सात) ऐसी ाऄन्य शधक्तयों का प्रयोग करना तथा ऐस ेाऄन्य कतयव्यों का पालन करना जो दक ाआस ाऄधधधनयम

तथा पररधनयमों द्वारा, ाईसे प्रदत्त की जाएां या ाईस पर ाऄधधरोधपत दकए जाएां.

25. काययपररषद

(1) कायय पररषद ् धवश्वधवद्यालय की काययपाधलक धनकाय होगी और ाईसमें धनम्नधलधखत व्यधक्त होंग,े

ाऄथायत्:-

(एक) कुलपधत; ाऄध्यि

(दो) जनशधक्त धनयोजन धवभाग, मध्यप्रदशे शासन का भार साधक सधचव; सदस्य

(तीन) धवत्त धवभाग, मध्यप्रदशे शासन का भारसाधक सधचव; सदस्य

(चार) व्यापक का ाऄध्यि; सदस्य

(पाांच) ाईच्च धशिा धवभाग, मध्यप्रदशे शासन का भारसाधक सधचव; सदस्य

(छह) समबद्ध महाधवद्यालयों या सांस्थाओं के दो प्राचायय, जो कुलाधधपधत द्वारा ज्येष्ठता के ाऄनुसार

बारी-बारी से नामधनदधेशत दकए जाएांगे; सदस्य

(सात) समस्त सांकायों के सांकायाध्यि; सदस्य

(ाअठ) धवश्वधवद्यालय ाऄध्यापन धवभागों/समबद्ध महाधवद्यालयों या सांस्थाओं से दो ाअचायय, जो

कुलाधधपधत द्वारा ज्येष्ठता के ाऄनुसार बारी-बारी से नाम धनदधेशत दकए जाएांगे; सदस्य

28

(नौ) समबद्ध पाॅ लीटेकधनकों स ेदो धवभागाध्यि, जो कुलाधधपधत द्वारा ज्येष्ठता के ाऄनुसार बारी-

बारी से नामधनदधेशत दकए जएांगे;

(दस) धनदशेक, तकनीकी धशिा मध्यप्रदशे; सदस्य

(ग्यारह) ाऄधखल भरतीय तकनीकी धशिा पररषद ्की केन्रीय िेत्रीय सधमधत, भोपाल का ाऄध्यि;

सदस्य

(बारह) तकनीकी तथा प्रबांधकीय ाऄनुभव रखन ेवाल ेदो प्रधतधष्ठत ाईद्योगपधत धजन्हें कुलाधधपधत द्वारा

नामधनदधेशत दकया जाएगा; सदस्य

(तेरह) दकसी राष्ट्रीय तकनीकी सांस्था से तकनीकी धशिा के िेत्र का एक धशिाधवद धजस ेकुलाधधपधत

द्वारा नामधनदधेशत दकया जाएगा; सदस्य

(चौदह) कुलसधचव; सदस्य-सधचव

(2) कायय पररषद ्के पदने सदस्यों स ेधभन्न सदस्य तीन वषय की कालावधध के धलए तद धारण करेंगे.

(3) कायय पररषद के सदस्यों के एक धतहााइ सदस्यों से गणपूर्थत होगी: परांतु स्थधगत सधममलन के धलए

गणपूर्थत की ाअवश्यकता नहीं होगी.

26. कायय पररषद की शधक्तयााँ और ाईसके कतयव्य :

ाआस ाऄधधधनयम तथा ाईसके ाऄधीन बनाए गए पररधनयमों, ाऄध्यादशेों तथा धवधनयमों के ाईपबांधों के

ाऄध्यधीन रहत ेहुए, कायय पररषद ्सवोच्च प्राधधकारी होगी तथा ाईसकी धनम्नधलधखत शधक्तयाां होंगी और वह

धनम्नधलधखत कतयव्यों का धनवायहन करेंगी, ाऄथायत:्-

(एक) धवश्वधवद्यालय की समपधत्त तथा धनधधयों को धारणा करना, ाईन पर धनयांण रखना तथा ाईनका प्रबांध

करना;

(दो) धवधनर्कदि प्रयोजनों के धलए धवश्वधवद्यालय के ाऄधधकार में रखी धनधधयों का प्रबांध करना;

(तीन) वार्थषक लेखे और ाईनके साथ सांपरीिा ररपोटय को ाऄांगीकृत करना;

(चार) धवश्वधवद्यालय के वार्थषक धवत्तीय प्राक्कलन धवरधचत करना और ाईन्हें सभा के समि धवचाराथय रखना;

(पाांच) (क) वार्थषक प्राक्कलनों को, सभा के सुझावों को, यदद कोाइ हों, पर धवचार करन ेके पिात् ाऄांगीकृत

करना;

29

(ख) वषय के धलए कुल ाअवती व्यय और कुल ाऄनावती व्यय के धलये सीमा धनयत करना जो

धवश्वधवद्यालय के सांसाधनों पर ाअधाररत होगी, ाईत्पादी कायों की दशा में ऐसे सांसाधनों के

ाऄांतगयत ाईधारों के ाअगम ाअएांगे;

(छह) खडड (पााँच) के ाऄध्यधीन रहत ेहुए, धवत्तीय वषय के दौरान दकसी भी समय-

(क) बजट ाऄनुदान की रकम कम करना;

(ख) बजट ाऄनुदान के भीतर की दकसी रकम को, एक लघुशीषय से दकसी ाऄन्य लघुशीषय को या दकसी

एक लघुशीषय के ाऄांतगयत ाअने वाले दकसी ाऄधीनस्थ शीषय स े दकसी ाऄन्य लघुशीषय के ाऄांतगयत

ाअने वाल ेदकसी ाऄधीनस्थ शीषय को ाऄांतररत दकए जान ेकी मांजूरी दनेा; या

(ग) दकसी लघुशीषय के भीतर की पाांच हजार रूपये से ाऄनाधधक दकसी रकम को, एक ाऄधीनस्थ

शीषय से दकसी ाऄन्य ाऄधीनस्थ शीषय को या एक प्रधान ाआकााइ स ेदसूरी प्रधान ाआकााइ को ाऄांतररत

दकये जाने की मांजूरी दनेा;

(सात) धवश्वधवद्यालय की ओर से धनधधयाां ाईधार लेना तथा ाईधार दनेा: परांत ुधनधधयाां धवश्वधवद्यालय-समपधत्त

की प्रधतभूधत पर मध्यप्रदशे शासन, जनशधक्त धनयोजन धवभाग के पूवय ाऄनुमोदन के धबना, ाईधार नहीं

ली जाएांगी;

(ाअठ) धवश्वधवद्यालय की ओर स ेदकसी जांगम या स्थावर समपधत्त को ाऄांतररत करना:

परांतु धवश्वधवद्यालय की दकसी भी स्थावर सांपधत्त का बांधक, धवक्रय, धवधनमय, दान के रूप में

या ाऄन्यथा ाऄांतरण राज्य सरकार की पूवय मांजूरी से ही दकया जाएगा, ाऄन्यथा नहीं;

(नौ) ाआस ाऄधधधनयम तथा पररधनयमों द्वारा ाईसे दी गाइ शधक्तयों का प्रयोग करत ेहुए, तथा ाईसे सौंपे गए

कतयव्यों का पालन करत ेहुए, धवश्वधवद्यालय की ओर से सांधवदाएां करना, ाईसमें फेरफार करना, ाईन्हें

कायायधन्वत करना तथा ाईन्हें रद्द करना;

(दस) धवश्वधवद्यालय की सामान्य मुरा का रूप ाऄवधाररत करना, ाईसकी ाऄधभरिा की व्यवस्था करना तथा

ाईसके ाईपयोग को धवधनयधमत करना;

(ग्यारह) समस्त महाधवद्यालयों तथा छात्रावासों की धवत्तीय ाऄपेिाओं का पूणय धववरण प्रधतवषय मध्यप्रदशे

शासन, जनशधक्त धनयोजन धवभाग के समि रखना;

(बारह) धवद्या पररषद की धसफाररश पर और ाआस ाऄधधधनयम एवां पररधनयामों के ाईपबांधों के ाऄध्यधीन रहत ेहुए

महाधवद्यालयों को धवश्वधवद्यालय के धवशेष ाऄधधकार दनेा और ाआन धवशेषाधधकरों में स े दकसी भी

30

धवशेषाधधकार का प्रत्याहरण करना तथा ाईस रीधत में तथा ाईन शतों के ाऄधीन, जो पररधनयमों तथा

ाऄध्यादशेों में धवधहत की गाइ ह ैमहाधवद्यालयों का प्रबांध करना;

(तेरह) धवश्वधवद्यालय के दकसी ाऄध्यापन धवभाग, प्राध्ययन केन्र या महाधवद्यालयों को स्वशासी सांस्था के रूप

में घोधषत करना:

परांतु स्वायत्ता, जो धवश्वधवद्यालय के प्रत्येक ऐसे ाऄध्यापन धवभाग, प्रत्येक ऐसे प्राध्ययन केन्र

या प्रत्येक ऐसे महाधवद्यालयों को प्राप्त हो सकेगी, की सीमा ऐसी होगी जैसी दक पररनयामों द्वारा

धवधहत की जाए तथा वे धवषय, धजनके दक सांबांध में वह ऐसी स्वायत्ता का प्रयोग कर सकेगा, ऐसे होंग े

जैस ेदक पररधनयमों द्वारा धवधहत दकए जाएां;

(चौदह) धवश्वधवद्यालय का कायय चलान ेके धलए ाअवश्यक भवन, पररसरों, फनीचर, सधधत्रों (एपरेट्स), पुस्तकों

तथा ाऄन्य साधनों की व्यवस्था करना ;

(पन्रह) धवश्वधवद्यालय के पि में न्यासों, वसीयतों (धवके्वस्ट्स), दानों और दकसी जांगम या दकसी स्थावर सांपधत्त

के ाऄांतरणों को धवश्वधवद्यालय की ओर स ेप्रधतगृहीत करना;

(सोलह) धवश्वधवद्यालय के धवत्त, लेखाओं तथा धवधनधानों का प्रबांध करना और ाईनका धवधनमयमन करना;

(सत्रह) धनम्नधलधखत को सांधस्थत करना तथा ाईनका प्रबांध करना:-

(क) मुरण तथा प्रकाशन धयूरो;

(ख) सूचना धयूरो;

(ग) धनयोजन धयूरो;

(ाऄठारह) धनम्नधलधखत के धलए व्यवस्था करना:-

(क) (एक) बधहवती (एक्सरामयूरल)ाऄध्यापन तथा गवेषणा;

(दो) धवश्वधवद्यालय धवस्तार सांबांधी दक्रयाकलाप;

(तीन) पत्राचार पाठ्यक्रम

(ख) धवद्याथी सांघ;

(ग) धवद्याथी कल्याण;

(घ) खेलों तथा व्यायाम सांबांधी दक्रयाकलाप;

(ड.) समाज सेवा स्कीमें; और

(च) राष्ट्रीय कैडटे कोर;

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(ाईन्नीस) धवद्या पररषद के समस्त प्रस्तावों की, बजट के ढाांचे के भीतर ाईनके धनष्पादन की दधृि से समीिा

करना;

(बीस) ऐसे ाअचायय पदों, ाईपाचायय पदों, प्राध्यापक पदों या ाऄन्य ाऄध्यापन पदों को, धजनका दक प्रस्ताव धवद्या

सांबांधी योजना तथा मूल्याांकन बोडय द्वारा दकया जाय,े सांधस्थत करनााः

परांतु कोाइ भी ाऄध्यापन पद मध्यप्रदशे शासन, जनशधक्त धनयोजन धवभाग के पूवय ाऄनुमोदन के

धबना सांधस्थत नहीं दकया जाएगा;

(ाआक्कीस) राज्य सरकार की पूवय मांजूरी से प्रशासधनक, धलधपक वगीय तथा ाऄन्य पदों का सृजन करना;

(बााइस) धवश्वधवद्यालय के दकन्हीं ाअचायय पदों, ाईपाचायय पदों, प्राध्यापक पदों या ाऄन्य ाऄध्यापन पदों को, ाईनके

सांबांध में धवद्या सांबांधी योजना तथा मूल्याांकन बोडय से ररपोटय प्राप्त होन ेपर समाप्त करना या धनलांधबत

करना;

(तेाइस) महाधवद्यालयों, ाऄध्यापन धवभागों, गवेषणा या धवशेधषत ाऄध्ययन सांस्थाओं, प्रयोगशालाओं,

पुस्तकालयों, सांग्रहालयों तथा छात्रावासों की स्थापना करना, ाईन्हें सांधाररत करना तथा ाईनका प्रबांध

करना;

(चैबीस) छात्रावासों को मान्यता दनेा और धवश्वधवद्यालय के ाऄध्यापकों के धलये ाअवास स्थान की व्यवस्था

करना;

(पच्चीस) सांबांद्ध महाधवद्यालयों, मान्यता प्राप्त सांस्थाओं तथा छात्रावासों के धनरीिण का ाआांतजाम करना तथा

ाईनके धनरीिण के धलये धनदशे दनेा और ाईनकी दिता बनाऐ रखने तथा ाईनके कमयचारी वृन्द के सदस्यों

के धलये धनयोजन की ाईधचत शतों को तथा पयायप्त वेतनों के सांदाय को सुधनधित करन ेके धलये ाऄनुदशे

जारी करना और ऐसे ाऄनुदोशों की ाऄवहलेना की जाने की दशा में सांबांद्ध करन ेया मान्यता दनेे की शतों

मे, धवद्या पररषद की धसफाररश पर, ाईपाांतरण करना या ऐसे ाऄन्य ाईपाय करना धजन्हें दक वह ाईस

सांबांध में ाअवश्यक तथा ाईधचत समझें;

(छधबीस) एक महाधवद्यालय सांधहता तैयार करना धजसमें महाधवद्यालयों के सांबद्ध तैयार दकय ेजान ेसांबांधी

धनबांधन तथा शतें ाऄधधकधथत की जाएांगी;

(सत्तााइ) सांबांद्ध महाधवद्यालयों, मान्यता प्राप्त सांस्थाओं या छात्रावासों स े ररपोटय, धववरधणयाां तथा ाऄन्य

जानकारी मांगवाना;

(ाऄट्ठााइस) धवश्वधवद्यालय के धवद्यार्थथयों के प्रवेश, धनवास, ाअचरण, तथा ाऄनुशासन का पययवेिण करना

तथा धनयांत्रण करना और ाईनके स्वास््य तथा सामान्य कल्याण में ाऄधभवृधद्ध करन े के धलय े

ाआांतजाम करना;

32

(ाईन्तीस) पररधनयमों द्वारा धवधहत की गाइ रीधत में सममाधनत ाईपाधधयाां तथा धवद्या सांबांधी धवधशिताएां

प्रदान करन ेकी कुलाधधपधत से धसफाररश करना;

(तीस) पररधनयमों द्वारा धवधहत की गाइ रीधत में ाईपाधधयों, ाईपाधधपत्रों, प्रमाण-पत्रों तथा धवद्या

सांबांधी ाऄन्य धवधशिताओं को प्रदान करना या ाईनका प्रत्याहरण करना;

(ाआक्कतीस) ाऄध्येतावृधत्तयाां, छात्रवृधत्तयाां, ाऄध्ययन वृधत्तयाां, छात्र सहायता वृधत्तयाां, पदक तथा पाररतोधषक

सांधस्थत करना;

(बत्तीस) ाआस ाऄधधधनयम या पररधनयमों द्वारा ाऄन्यथा ाईपबांधधत के धसवाय, धवश्वधवद्यालय के

ाऄधधकाररयों, जो कुलपधत से धभन्न हो, ाऄध्यापकों तथा ाऄन्य कमयचाररयों की धनयुधक्त करना,

ाईनके कतयव्य और ाईनकी सेवा शतें पररधनधित करना और ाऄस्थााइ ररधक्तयों को भरन ेकी

व्यवस्था करना;

(तैंतीस) धवश्वधवद्यालय के ाऄध्यापन, प्रशासधनक तथा धलधपक वगीय कमयचारी वृन्द के सदस्यों में

ाऄनुशासन का धवधनयमन तथा प्रवतयन पररधनयमों तथा ाऄध्यादशेों के ाऄनुसार करना;

(चैंतीस) दकसी सांबद्ध या मान्यता प्राप्त सांस्था के कमयचारी वृन्द के सदस्य को धवश्वधवद्यालय के

ाऄध्यापकों के रूप में मान्यता दनेा और ऐसी मान्यता का प्रत्याहरण करना.

(पैंतीस) परीिकों का पाररश्रधमक धनयत करना और धवश्वधवद्यालय की परीिाओं तथा ाऄन्य जाांचों

(टेस्ट्स) के सांचालन का तथा ाईनके पररणामों को प्रकाधशत करन ेका ाआांतजाम करना;

(छत्तीस) ाऄनाचार (मालपे्रधक्टस) की दशा में परीिाओं को ाऄांशताः या पूणयताः रद्द करना तथा ऐस े

ाऄनाचार के दोषी पाये गये दकसी व्यधक्त या व्यधक्तयों के समूह या सांस्थाओं के धवरूद्ध

काययवाही करना धजसके ाऄन्तगयत धवद्यार्थथयों का धनष्कासन (रस्टीकेशन) ाअता ह;ै

(सैंतीस) धवश्वधवद्यालय में नामाांदकत दकए गए धवद्यार्थथयों, धजनके ाऄन्तगयत दकन्हीं भी परीिाओं के

ाऄभ्यथी ाअते हैं, के धवरूद्ध ाऄनुशासधनक कारयवााइ करना;

(ाऄडतीस) कमयचारीवृन्द के धवरूद्ध तथा ाऄन्तरीिकों (ाआन्वेजीलेटसय), परीिकों ाअदद के रूप में धनयुक्त

दकए गए व्यधक्तयों के धवरूद्ध ाऄनुशासधनक कारयवााइ करना;

(ाईन्चालीस) ऐसी फीस तथा ाऄन्य प्रभार, जो ाऄध्यादशेों द्वारा धवधहत दकए जाएां, धनयत करना, ाईनकी

माांग करना और ाईन्हें प्राप्त करना.;

(चालीस) चालीस ाऄध्यादशे बनाना, ाईनमें सांशोधन करना और ाईन्हें रद्द करना;

(ाआक्तालीस) धवद्या पररषद ्द्वारा धवरधचत धवधनयमों को प्रधतगृहीत करना, ाऄस्वीकार करना, या धवद्या

33

पररषद ्की ओर धवचाराथय वापस करना दकन्तु ाईनमें सांशोधन न करना;

(बयालीस) कमयचाररयों तथा धवद्यार्थथयों के व्यथा-धनवेदनों (ग्रीवाांस) को ग्रहण करना, ाईन्हें न्यायधनणीत

करना और यदद ठीक समझा जाए तो ाईनके सांबांध में प्रधततोष दनेा;

(तैतालीस) ऐसी ाऄन्य शधक्तयों का प्रयोग करना और ऐस ेाऄन्य कतयव्य का पालन करना जो दक ाआस

ाऄधधधनयम द्वारा या ाईसके ाऄधीन ाईसे प्रदत्त की जाएां या ाईस पर ाऄधधरोधपत दकए जाएां;

(चैंवालीस) धवश्वधवद्यालय की समस्त ऐसी शधक्तयों का, जो ाआस ाऄधधधनयम या पररधनयमों में ाऄन्यथा

ाईपबांधधत नहीं की गाइ हैं तथा समस्त ऐसी ाऄन्य शधक्तयों का जो ाआस ाऄधधधनयम या पररधनयम

या पररधनयमों के ाईपबांधों को कायायधन्वत करन ेके धलए ाऄपेधित ह,ै प्रयोग करना;

(पैंतालीस) ाऄपनी कोाइ भी शधक्तयाां धवश्वधवद्यालय के कुलपधत, कुलसधचव या ऐसे ाऄन्य ाऄधधकारी को या

ाईसके (कायय पररषद ्के) द्वारा धनयुक्त की गाइ दकसी सधमधत को, जैसा दक वह ाईधचस समझ,े

धवधनयमों द्वारा प्रत्यायोधजत करना.

27. धवत्त सधमधत

(1) कुलाधधपधत, धवश्वधवद्यालय के धलए एक धवत्त सधमधत का गठन करेगा धजसमें धनम्नधलधखत सदस्य होंग े

ाऄथायत्:-

(एक) कुलपधत;

(दो) धवश्वधवद्यालय का कुलसधचव;

(तीन) धवश्वधवद्यालय का धवत्त ाऄधधकारी;

(चार) जनशधक्त धनयोजन धवभाग, मध्यप्रदशे शासन का भारसाधक सधचव या ाईसका नामधनर्कदि

व्यधक्त जो ाईप सधचव के पद से धनम्न पद का न हो;

(पाांच) धवत्त धवभाग मध्यप्रदशे शासन का भारसाधक सधचव या ाईसका नामधनर्कदि व्यधक्त जो

ाईपसधचव के पद से धनम्न पद का न हो.

(2) धवत्त सधमधत,धवश्वधवद्यालय की धवत्त व्यवस्था को धनयांधत्रत करेगी;

(3) ाआस ाऄधधधनयम के और ाईसके ाऄधीन बनाए गए पररधनयमों, ाऄध्यादशेों और धवधनयमों के पबांधों के

ाऄध्यधीन रहत ेहुए, धवत्त सधमधत, धनम्नानुसार शधक्तयों का प्रयोग और कृत्यों का पालन करेगी:-

(क) धवश्वधवद्यालय के ाअय और व्यय का पुनर्थवलोकन करना;

34

(ख) धवत्तीय वषय प्रारांभ होन े के पूवय धवश्वधवद्यालय का वार्थषक धवत्तीय प्राक्कलन तैयार करना और

ाईसको कायय पररषद के समि ाऄनुमोदन हते ु रखना और समय-समय पर ाईसमें सांशोधन करन ेका

सुझाव दनेा;

(ग) धवश्वधवद्यालय के ाअय और व्यय के सांबांध में प्रस्तावों को मांजूर करना और ाईन पर धवधनिय

करना;

(घ) धवश्वधवद्यालय के वार्थषक लेखाओं और वार्थषक सांपरीिा को समय पर पूरा करवाना और ररपोटय के

प्रकाश में समुधचत धनदशे दनेा;

(4) तीन सदस्यों स ेगणपूर्थत होगी धजसमें स े कुलपधत और ाईपधारा (1) के खडड (चार) या (पाांच) में से

दकसी एक सदस्य की ाईपधस्थधत ाऄत्यावश्यक होगी.

28. धवद्या पररषद ्

(1) धवद्या पररषद,् धवश्वधवद्यालय की धवद्या सांबांधी धनकाय होगी, धजसमें धनम्नधलधखत सदस्य होंग:े-

(एक) कुलपधत;

(दो) कुलाधधसधचव;

(तीन) धनदशेक, तकनीकी धशिा, मध्यप्रदशे;

(चार) ाऄध्यि, मध्यप्रदशे माध्यधमक धशिा मांडल;

(पाांच) सांकायों के सांकायाध्यि;

(छह) ाऄध्ययन बोडों के ाऄध्यि;

(सात) धवश्वधवद्यालय के धवभागाध्यि;

(ाअठ) चार प्राचायय, धजनमें स ेदो सांबद्ध महाधवद्यालय से और दो सांबद्ध पॉलीटेकधनकों स ेहोंग ेजो कुलपधत

द्वारा ज्येष्ठता के ाऄनुसार बारी-बारी स ेनामधनदधेशत दकये जाएांगे;

(नौ) धवश्वधवद्यालय से सांबद्ध महाधवद्यालयों में स ेदो ाअचायय जो कुलपधत द्वारा ज्येष्ठता के ाऄनुसार बारी-

बारी से नामधनदधेशत दकए जाएांगे;

(दस) धवश्वधवद्यालय ाऄध्यापन धवभागों से दो ाईपाचायय, धजनमें स े एक मधहला ाऄध्यापक होगी और जो

कुलपधत द्वारा ज्येष्ठता के ाऄनुसार बारी-बारी से नाम धनदधेशत दकए जाएांगे;

(ग्यारह) धवश्वधवद्यालय का कुलसधचव-सदस्य सधचव;

35

(2) धवद्या पररषद के एक धतहााइ सदस्यों से गणपूर्थत होगी; परांतु स्थधगत सममेलन के धलये गणपूर्थत

ाअवश्यक नहीं होगी.

(3) धवद्या पररषद ्को दकसी ऐसे धवधशि कामकाज की जो दक पररषद ्के समि धवचाराथय ाअए धवषय वस्त ु

का धवशेष ज्ञान या ाऄनुभव रखन ेवाल ेदो व्यधक्तयों को सदस्य के रूप में सहयोधजत करन ेकी शधक्त

होगी. ाआस प्रकार सहयोधजत दकए गए सदस्यों को, ऐसे कामकाज के, धजसके दक सांबांध में वे सहयोधजत

दकए गए हैं, सांपादन के बारे में पररषद ्के सदस्यों के समस्त ाऄधधकार होंग.े

(4) धवद्या पररषद ्के समस्त सदस्य, जो पदने सदस्यों स ेतथा ाईपधारा (3) में धनर्कदि दकए गए सदस्यों से

धभन्न हों, तीन वषय की ाऄवधध के धलए पद धारण करेंगे.

29.(1) धवद्या पररषद ्को, ाआस ाऄधधधनयम, पररधनयमों, तथा ाऄध्यादशेों द्वारा ाईसमें धनधहत की गाइ समस्त

ाऄन्य शधक्तयों के ाऄधतररक्त धनम्नधलधखत शधक्तयाां होंगी तथा वह धनम्नधलधखत कतयव्यों का पालन करेगी,

ाऄथायत्:-

(एक) धवश्वधवद्यालय की धवद्या सांबांधी नीधतयों पर सामान्य पययवेिण रखना तथा धशिण के तरीकों के सांबांध

में, ऐसे महाधवद्यालयों में, धजन्हें दक धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत दकया जाता हो, या धजन्हें

धवश्वधवद्यालय के धवशेषाधधकार ददए गए हों, सहकारी ाऄध्यापन के सांबांध में, गवेषणा के मूल्याांकन के

सांबांध में या धवद्या सांबांधी-सह-धवषयक सुधारों के सांबांध में धनदशे दनेा;

(दो) या तो स्वपे्ररणा पर या सांकाय या कायय पररषद ्द्वारा दकए गए धनदशे पर धवद्या सांबांधी सामान्य धहत के

धवषयों के सांबांध में धवचार करना और ाईन पर समुधचत काययवाही करना;

(तीन) (क) ाऄध्ययन बोडय को धवभाग ाअवांरटत करन ेके धलए प्रस्ताव करना;

(ख) ाऄधधसदस्यों (फैलोज) को तथा ाईसके ाऄपने सदस्यों को सांकाय के धलए धनयत करना;

(चार) ाऄध्येतावृधत्तयों, छात्रवृधत्तयों, ाऄध्ययनवृधत्तयों, छात्र सहायता वृधत्तयों, पदकों तथा पाररतोषकों को

सांधस्थत करन ेके धलए प्रस्ताव करना और ाईनके प्रदान दकए जान ेके धलए धनयम बनाना;

(पाांच) दकसी धशिण सांस्था को धवश्वधवद्यालय के धवशेषाधधकार ददय ेजान ेसांबांधी ाअवेदन पर धवचार करना:

परांतु दकसी भी ऐसे ाअवेदन पर ाईस समय तक धवचार नहीं दकया जाएगा जब तक दक ऐसी

सांस्था को ाऄधखल भारतीय तकनीकी धशिा पररषद ् (ए.ाअाइ.सी.टी.ाइ.) और राज्य सरकार द्वारा

ाऄनुमोददत नहीं कर ददया गया ह;ै

36

(छह) व्यधक्तयों को धवश्वधवद्यालय के ाऄध्यापकों के रूप में मान्यता दनेे के धलये ाऄहयताएां धवधहत करना तथा

ऐसी मान्यता प्रदान करना;

(सात) परीिाओं के सांचालन के धलए ाआांतजाम करना तथा परीिाफल तैयार करन े के धलये परीिाफल

सधमधतयों की या ाऄन्य व्यधक्तयों या दोनों की जैसा दक वह ाईधचत समझ,े धनयुक्त करना और ऐस े

परीिाफल प्रकाधशत दकये जान ेके धलये कायय पररषद ्को ररपोटय करना;

(ाअठ) दकसी भी धवषय में प्रखयात व्यधक्तयों को ाआस प्रयोजन स ेमान्यता दनेा दक वे ाईस धवषय में गवेषणा के

सांबांध में मागयदशयन (गााइड) करें.

(2) धवद्या पररषद ्एक स्थायी सधमधत की धनयुधक्त कर सकेगी धजसमें दक ाईसके (धवद्या पररषद ्के) सदस्य

होंग,े ाईक्त स्थायी सधमधत के गठन, शधक्तयों तथा कृत्यों के ाऄवधारण पररधनयमों द्वारा दकया जायेगा.

30.सांकाय

(1) धवश्वधवद्यालय में पररधनयमों द्वारा धवधहत दकए गए ाऄनुसार एक या ाऄधधक सांकाय होंग;े

(2) प्रत्येक सांकाय में एक सांकायाध्यि तथा ऐसे ाऄन्य सदस्य होंग ेऔर ाईस ेऐसी शधक्तयाां होंगी तथा वह

ऐसे कतयव्यों का पालन करेगा, जैसा दक पररधनयमों द्वारा धवधहत दकया जाए;

(3) प्रत्येक सांकाय में ऐसे धवभाग होंग ेजो दक ाईस ेाऄध्यादशेों द्वारा सौंपे जाएां;

(4) सांकायाध्यि, कुलपधत की धसफाररश पर कुलाधधपधत द्वारा धवश्वधवद्यालयीन ाऄध्यापन धवभागों या

प्राध्ययन केन्रों या महाधवद्यालय के ाईन ाअचायों में से, जो ाईक्त धवषय के ाऄध्यापक हैं, दो वषय की

कालावधध के धलये धनयुक्त दकया जायेगा;

परांतु यदद धवश्वधवद्यालयीन ाऄध्यापन धवभागों या प्राध्ययन केन्रों में ऐसा ाअचायय नहीं ह ैजो

ाईक्त धवषय का ाऄध्यापन कायय कर रहा ह ैतो सांकायाध्यि, सांबद्ध महाधवद्यालयों के ाईन ाअचायों में से,

जो ाईक्त धवषयों के ाऄध्यापक हैं, धनयुक्त दकया जाएगा;

(5) सांकायाध्यि सांकाय का ाऄध्यि होगा और वह सांकाय से सांबांधधत पररधनयमों, ाऄध्यादशेों तथा

धवधनयामें के समयक ाऄनुपालन के धलए तथा ाऄध्यापन एवां गवेषणा के सांचालन तथा ाईनके स्तर को

बनाए रखन ेके धलए ाईत्तरदायी होगा;

(6) सांकायाध्ि को सांकाय के दकसी भी ाऄध्ययन बोडय के दकसी भी सधममलन में ाईपधस्थत होन ेतथा बोलन े

का ाऄधधकार होगा दकन्तु ाईसमें मत दनेे का ाऄधधकार नहीं होगा.

37

31. ाऄध्ययन बोडय

(1) ाईपाधध पाठ्यक्रमों के धलए, जैसा दक पररधनयमों द्वारा धवधहत दकया जाए, प्रत्येक धवषय या धवषयों के

समूह हते ुएक ाऄध्ययन बोडय होगा.

(2) प्रत्येक बोडय में ऐसे व्यधक्त होंग ेजैसा दक पररधनयमों द्वारा धवधहत दकया जाए.

32. ाऄध्ययन बोडय की शधक्तयााँ तथा ाईनके कृत्य

ाऄध्ययन बोडय की ऐसी शधक्तयाां होंगी तथा वह ऐसे कृत्यों का पालन करेगा जैसा दक पररधनयमों द्वारा

धवधहत दकया जाए.

33. धवद्या सांबांधी योजना

(1) धवद्या सांबांधी योजना तथा मूल्याांकन बोडय में धनम्नधलधखत सदस्य होंग,े ाऄथायत्:-

(एक) कुलपधत-पदने ाऄध्यि (चेयरमेन)

(दो) कुलाधधसधचव;

(तीन) सांकायों के सांकायाध्यि;

(चार) धवश्वधवद्यालयीन धवभागों तथा प्राध्ययन केन्रों के तीन ाऄध्यि, जो कुलपधत द्वारा नामधनदधेशत

दकए गए हों;

(पाांच) तीन महाधवद्यलयीन ाअचायय जो कुलपधत द्वारा नामधनदधेशत दकय ेगए हों;

(छह) खयाधत प्राप्त तीन धवद्वान जो धवश्वधवद्यालय स ेसांसक्त न हों;

(सात) तीन धवभागाध्यि जो कुलपधत द्वारा नामधनदधेशत दकये जायेंगे;

(ाअठ) ाईद्योग के दो प्रधतधनधध जो कुलाधधपधत द्वारा नामधनदधेशत दकए गए हों.

(2) बोडय के एक धतहााइ सदस्यों स ेगणपूर्थत होगी.

(3) धवद्या सांबांधी योजना तथा मूल्याांकन बोडय की ाऄवधध तीन वषय होगी.

(4) धवद्या सांबांधी योजना तथा मूल्याांकन बोडय को धनम्नधलधखत शधक्तयाां होंगी तथा वह धनम्नधलधखत कतयव्यों

का पालन करेगा, ाऄथायत्:-

(एक) धवश्वधवद्यालय की ाऄल्पकाधलक तथा दीघयकाधलक योजना तैयार करना;

38

(दो) सांकायों द्वारा प्रस्ताधवत की गाइ गवेषणा सांबांधी पररयोजनाओं तथा धवद्या सांबांधी काययक्रमों पर

धवचार करना तथा ाऄपनी धसफाररशों के साथ ाईन्हें काययपररषद को ाऄगे्रधषत करना तथा ाऄन्तसंकाय

ाअधार पर पररयोजनाएां ाअरांभ करन ेके धलए ाऄांतसंकाय समन्वय स्थाधपत करना;

(तीन) सांकायों को धवद्या सांबांधी नय े काययक्रमों का सुझाव दनेा और धवश्वधवद्यालय से सांबद्ध

महाधवद्यलयों का समय-समय पर धवद्या सांबांधी मूल्याांकन करना;

(चार) धवभागों, गवेषणा तथा धवशेधषत ाऄध्ययन सांस्थाओं, प्रयोगशालाओं तथा सांग्रहालयों की स्थापना

के धलये प्रस्ताव करना;

(पाांच) ाऄध्यापन पदों को सांधस्थत करन ेतथा ऐसे पदों के कतयव्य धवधहत करन ेके धलये प्रस्ताव करना;

(छह) धवश्वधवद्यालयीन ाऄध्यापन धवभागों तथा प्राध्ययन केन्रों के काययकरण का समय-समय पर

मूल्याांकन करना;

(सात) योजना की प्रगधत का धनयतकाधलक रूप से मूल्याांकन करना.

34. गरठत दकय ेजान ेवाल ेबोडय

(1) धवश्वधवद्यालय में ऐसे ाऄन्य बोडय होंग ेजो पररधनयमों द्वारा धवधहत दकए जाएां.

(2) ाईपधारा (1) के ाऄधीन गरठत दकए गए बोडय का गठन, ाऄवधध, शधक्तयाां तथा कतयव्य वहीं होंग ेजो दक

पररधनयमों द्वारा धवधहत दकए जाएां ।

ाऄध्याय -5 धवत्त

35.धवश्वधवद्यालय धनधध

(1) धवश्वधवद्यालय एक धनधध स्थाधपत करेगा जो धवश्वधवद्यालय धनधध कहलाऐगी

(2) धनम्नधलधखत धवश्वधवद्यालय धनधध का भाग होंग ेया ाईसमें सांदत्त दकए जाएांगे -

(क) केन्र सरकार या राज्य सरकार या दकसी धनगधमत धनकाय द्वारा ददया गया कोाइ भाटक, ाऄधभदाय

या ाऄनुदान;

(ख) न्यास, वसीयत, दान, धवन्यास (एडडााईमेडट्स) तथा ाऄन्य ाऄनुदान, यदद कोाइ हों;

(ग) समस्त स्त्रोतों से हुाइ धवश्वधवद्यालय की ाअय धजसके ाऄांतगयत फीस तथा प्रभारों स ेप्राप्त ाअय ाअती

ह;ै

(घ) धवश्वधवद्यालय द्वारा प्राप्त की गाइ समस्त ाऄन्य राधशयाां.

39

(3) धवश्वधवद्यालय धनधध कायय पररषद ्के धववेकानुसार भारतीय ररजवय बैंक ाऄधधधनयम, 1934 (1934 का

सां. 2) में यथापररभाधषत दकसी भी ाऄनुसूधचत बैंक में रखी जाएगी या भारतीय न्यास ाऄधधधनयम,

1882 (1882 का सां. 1) द्वारा प्राधधकृत की गाइ प्रधतभूधतयों में धवधनधहत की जाएगी.

(4) ाआस धारा में की कोाइ भी बात, दकसी न्यास के प्रबांधन के धलए धवश्वधवद्यालय द्वारा या ाईसकी ओर स े

धनष्पाददत दकए गए न्यास की दकसी भी घोषणा द्वारा धवश्वधवद्यालय द्वारा प्रधतगृहीत की गाइ या ाईस

पर ाऄधधरोधपत की गाइ दकन्हीं भी बाध्यताओं पर दकसी भी प्रकार से प्रभाव नहीं डालेगी.

36. ाईद्देश्य धजनके धलय ेधवश्वधवद्यालय धनधध का ाईपयोजन दकया जा सकेगा (1) धवश्वधवद्यालय धनधध का ाईपयोजन धनम्नधलधखत ाईद्दशे्यों के धलए एवां धनम्नधलधखत क्रम में दकया जाएगा:-

(क) ाआस ाऄधधधनयम तथा ाईसके ाऄधीन बनाऐ गए पररधनयमों, ाऄध्यादशेों तथा धवधनयमों के प्रयोजन के

धलए धवश्वधवद्यालय द्वारा ाईपगत दकए गए ऋणों में प्रधतसांदाय के धलए;

(ख) धवश्वधवद्यालय द्वारा स्थाधपत दकए गए महाधवद्यालयों, ाऄध्यापन धवभागों, प्राध्ययन केन्रों के ाऄनुरिण

के धलए तथा धनवास स्थान तथा छात्रावासों के ाऄनुरिण के धलए;

(ग) धवश्वधवद्यालय धनधध की सांपरीिा के खचय के सांदाय के धलए;

(घ) दकन्हीं भी ऐसे वाद या ऐसी काययवाधहयों के, धजनमें दक धवश्वधवद्यालय एक पिकार ह,ै व्ययों के धलए;

(ड.) धवश्वधवद्यालय के ाऄधधकाररयों तथा कमयचाररयों के वेतन तथा भत्तों के सांदाय के धलय और ाआस

ाऄधधधनयम तथा ाईसके ाऄधीन बनाए गए पररनधयमों, ाऄध्यादशेों तथा धवधनयमों के प्रयोजन के धलए

तथा ाईन प्रयोजनों को ाऄग्रसर करन ेके धलए धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत महाधवद्यालयों में धनयोधजत

दकये गए ाऄध्यापक वृन्द तथा स्थापना के सदस्यों के वेतनों तथा भत्तों के सांदाय के धलए, और दकन्हीं भी

ऐसे ाऄधधकाररयों तथा कमयचाररयों, ाऄध्यापकवृन्द के सदस्यों को या ऐसी स्थापना के सदस्यों को दकसी

भधवष्य धनधध के ाऄधभदायों, ाईपदान तथा ाऄन्य फायदों के सांदाय के धलए;

(च) कायय-पररषद,् धवद्या पररषद ् के सदस्यों और धवश्वधवद्यालयों के दकन्हीं ाऄन्य प्राधधकाररयों के सदस्यों

और या ाआस ाऄधधधनयम तथा ाईसके ाऄधीन बनाए गए पररधनयमों, ाऄध्यादशेों तथा धवधनयमों के दकसी

भी ाईपबांध के ाऄनुसारण में धवश्वधवद्यालय के प्राधधकाररयों में स े दकसी भी प्राधधकारी द्वारी धनयुक्त

दकसी सधमधत या बोडय के सदस्यों के यात्रा भत्तों तथा ाऄन्य भत्तों के सांदाय के धलए;

(छ) धवद्यार्थथयों को ाऄध्येतावृधत्तयों, छात्रवृधत्तयों, ाऄध्ययनवृधत्तयों तथा ाऄन्य पुरूस्कारों के सांदाय के

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धलए;

(ज) ाआस ाऄधधधनयम तथा ाईसके ाऄधीन बनाए गए पररधनयमों, ाऄध्यादशेों और धवधनयमों के ाईपबांधों को

कायायधन्वत करन ेमें धवश्वधवद्यालय द्वारा ाईपगत दकये गये दकन्हीं भी व्ययों के सांदाय के धलये;

(झ) पूवयवती खडडों में से दकसी भी खडड में धवधनर्कदि न दकए गए दकन्हीं ऐसे ाऄन्य व्ययों के, जो दक कायय

पररषद द्वारा धवश्वधवद्यालय के प्रयोजनों के धलए व्यय घोधषत दकए गए हों, सांदाय के धलए.

(2) कायय-पररषद द्वारा वषय के कुल ाअवती व्यय तथा कुल ाऄनावती व्यय के धलए धनयत की गाइ सीमाओं स े

ाऄधधक कोाइ भी व्यय धवश्वधवद्यालय द्वारा, कायय पररषद ्के पूवय ाऄनुमोदन के धबना ाईपगत नहीं दकया

जाएगा.

(3) ाईस व्यय से, धजसके दक सांबांध में बजट में ाईपबांध दकया गया ह,ै धभन्न कोाइ भी व्यय धवश्वधवद्यालय द्वारा

कायय पररषद ्के पूवय ाऄनुमोदन के धबना, ाईपगत नहीं दकया जाएगा

ाऄध्याय -6 पररधनयम, ाऄध्यादशे और धवधनयम

37. पररधनयम

ाआस ाऄधधधनयम तथा ाईसके ाऄधीन बनाए गए धनयमों के ाईपबांधों के ाऄध्यधीन रहत े हुए,

पररधनयमों में धनम्नधलधखत समस्त धवषयों या ाईनमें से दकसी धवषय के धलए ाईपबांध हो सकें गे, ाऄथायत्:-

(क) ऐस ेधनकायों का गठन, शधक्तयाां तथा कतयव्य , धजन्हें समय-समय पर गरठत करना ाअवश्यक समझा

जाए;

(ख) खडड (क) में धनर्कदि दकए गए धनकायों के सदस्यों के धनवायचन या धनयुधक्त की रीधत और ाईनकी

पदावधध धजसके ाऄांतगयत प्रथम सदस्यों का पद पर बना रहना तथा सदस्यों की ररधक्तयों का भरा जाना

ाअता ह ैऔर ाईन धनकायों स ेसांबांधधत ाऄन्य समस्त धवषय धजनके धलए ाईपबांध करना ाअवध्यक या

वाांछनीय ह;ै

(ग) कुलपधत की ाईपलधधधयाां और ाईसकी सेवा के ाऄन्य धनबांधन तथा शतें, ाईसकी शधक्तयाां तथा कतयव्य ;

(घ) कुलाधधसधचव की पदावधध, सेवा की शतें और ाईपलधधधयाां और ाईसकी शधक्तयाां तथा कतयव्य ;

(ड.) कुलसधचव एवां धवश्वधवद्यालय के ाऄन्य ाऄधधकाररयों तथा कमयचाररयों की शधक्तयाां तथा कतयव्य

और ाईनकी सेवा की शतें;

(च) धवश्वधवद्यालय के ाऄधधकाररयों के फायद े के धलए पेंशन या भधवष्य धनधध का गठन और बीमा

स्कीम का स्थापन तथा ाईपदान एवां ाऄन्य फायदों का ाईपबांध;

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(छ) ाईपाधध प्रदान करन ेके धलए दीिाांत समारोह का दकया जाना;

(ज) सममाधनक ाईपाधधयों का प्रदान दकया जाना;

(झ) ाईपाधधयों, ाईपाधधपत्रों, प्रमाण-पत्रों तथा धवद्या-सांबांधी ाऄन्य धवधशिताओं का प्रत्याहरण;

(ञ) धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत सांकायों, छात्रावासों, ाऄध्यापन धवभागों, प्राध्ययन केन्रों तथा

महाधवद्यालयों का स्थापन तथा ाईनकी समाधप्त;

(ट) वे शतें धजनके ाऄधीन महाधवद्यालयों को धवश्वधवद्यालय के धवशेषाधधकार ददय ेजा सकें गे और ऐसे

धवशेषाधधकारों का प्रत्याहरण;

(ठ) धवश्वधवद्यालयीन ाऄध्यापन धवभागों, प्राध्ययन केन्रों या महाधवद्यालयों को प्राप्त हो सकन ेवाली

स्वायत्तता की सीमा और वे धवषय धजनके की सांबांध में ऐसी स्वायत्तता का प्रयोग दकया जा सकेगा;

(ड) सांबद्ध महाधवद्यालयों तथा मान्यता पा्र प्त सांस्थओं के ाअचायों, ाईपाचायों प्राध्यापकों तथा ाऄन्य

ाऄध्यापकों की ाऄहयताएां;

(ढ) धवन्यासों (एडडााईमेडट्स) का प्रबांध और ाऄध्येतावृधत्तयों, छात्रवृधत्तयों, ाऄध्ययनवृधत्तयों, छात्र

सहायता वृधत्तयों (एक्जीधबशन्स), वजीफों (बसयरीज), पदकों, पाररतोषकों तथा ाऄन्य पुरूस्कारों का

सांधस्थत दकया जाना;

(ण) ाऄधधकाररयों की ाईपलधधध तथा ाईनकी सेवा के धनबांधन एवां शतें और धवश्वधवद्यालय के ाऄध्यापकों

की, धजन्हें दक धवश्वधवद्यालय द्वारा वेतन ददया जाता हो, वेतनमान से धभन्न ाईपलधधधयाां तथा सेवा के

धनबांधन एवां शतें;

(त) ाआस ाऄधधधनयम के प्रयोजन के धलए ज्येष्ठता ाऄवधाररत करन ेका ढांग;

(थ) रधजस्रीकृत स्नातकों के रधजस्टर का बनाए रखा जाना;

(द) प्रकाशन धयूरो का स्थापन तथा गठन; और

(ध) ऐसे समस्त ाऄन्य धवषय जो ाआस ाऄधधधनयम के ाऄनुसार पररधनयमों द्वारा ाईपबांधधत दकए जाने हैं.

38. पररधनयम दकस प्रकार बनाय ेजायेंग े

(1) धारा 37 में ददए गए धवषयों के सांबांध में प्रथम् पररधनयम राज्य सरकार द्वारा बनाए जाएांगे और ाईसकी

एक प्रधत धवधान सभा के पटल पर रखी जाएगी.

(2) कायय पररषद,् ाआस धारा में ाआसके पिात् ाईपबांधधत की गाइ रीधत में, समय-समय पर, नवीन या

ाऄधतररक्त पररधनयम बना सकेगी और पररधनयमों में सांशोधन कर सकेगी या ाईन्हें धनरस्त कर सकेगी.

42

(3) धवद्या पररषद, कायय पररषद ्द्वारा पाररत दकये जान ेके धलए दकसी नवीन पररधनयामों का या दकन्हीं

धवद्यमान पररधनयमों में सांशोधन का प्रारूप कायय पररषद ्को प्रस्ताधवत कर सकेगी परांतु धवद्या पररषद,्

दकन्हीं ऐस ेपररधनयमों के या दकसी पररधनयम में दकसी ऐसे सांशोधन के, जो धवश्वधवद्यालय के दकसी

धवद्यमान प्राधधकारी की प्राधस्थधत, शधक्त या गठन पर प्रभाव डालता हो, प्रारूप का प्रस्ताव तब तक

नहीं करेगी जब तक दक ऐसे प्राधधकारी को ऐसे प्रस्ताव पर ाऄपनी राय प्रकट करन ेका ाऄवसर नहीं द े

ददया गया ह ैऔर ाआस प्रकार प्रकट की गाइ दकसी राय पर कायय पररषद ्द्वारा धवचार दकया जाएगा.

(4) कायय पररषद ्दकसी ऐस ेप्रारूप को, जो ाईपधारा (3) में धनर्कदि दकया गया ह,ै ाऄनुमोददत कर सकेगी

तथा पररधनयम को पाररत कर सकेगी या ाईसे ाऄस्वीकार कर सकेगी या ऐस ेप्रारूप को दकसी ऐसे

सांशोधन के साथ, धजसका दक वह सुझाव द,े पूणयताः या ाऄांशताः पुनर्थवचार करन ेके धलए धवद्या पररषद ्

को वापस कर सकेगी.

(5) कायय पररषद ्का कोाइ भी सदस्य दकसी नवीन पररधनयम के या धवद्यमान पररधनयम में सांशोधन के

प्रारूप का प्रस्ताव कायय पररषद ्को कर सकेगा और कायय पररषद ्ाईस प्रस्ताव को, या तो स्वीकार कर

सकेगी या यदद वह धवद्य पररषद ्के कायय िेत्र के भीतर न ाअने वाल ेदकसी धवषय से सांबांधधत ह,ै तो ाईस े

ाऄस्वीकार कर सकेगी. ाईस दशा में जब दक ऐसा प्रारूप धवद्या पररषद ्के कायय िेत्र के भीतर ाअने वाल े

धवषय से सांबांधधत ह,ै तो कायय पररषद ्ाईसे धवचाराथय धवद्या पररषद ्को धनर्कदि करेगी जो कायय पररषद ्

को या तो यह ररपोटय द ेसकेगी दक वह प्रस्ताव का ाऄनुमोदन नहीं करती ह ैऔर तब ाईसके बारे में यह

समझा जाएगा दक ाईसे कायय पररषद ्न ेाऄस्वीकार कर ददया ह ैया कायय पररषद ्को ऐसे प्रारूप में, जैसा

दक धवद्या पररषद ्ाऄनुमोददत करे, एक प्रस्ताव प्रस्तुत करेगी और ाआस प्रकार प्रस्तुत दकए गए प्रारूप की

दशा में ाआस धारा के ाईपबांद ाईसी प्रकार लाग ूहोंगे धजस प्रकार दक वे धवद्या पररषद ्द्वारा कायय पररषद ्

को प्रस्ताधवत दकये गये प्रारूप की दशा में लाग ूहोत ेहैं.

(6) दकसी नवीन पररधनयम या पररधनयम में पररवतयन या पररधनयम में दकसी सांशोधन या ाईसके धनरसन के

धलए कुलाधधपधत का पूव ाऄनुमोदन ाऄपेधित होगा जो ाईसे मांजूर कर सकेगा, नमांजूर कर सकेगा या ाईस े

और ाअगे धवचार दकय ेजान ेके धलये वाधपस भेज सकेगा ।

39. ाऄध्यादशे

(1) ाआस ाऄधधधनयम तथा पररधनयमों के ाईपबांधों के ाऄध्यधीन रहत ेहुए, ाऄध्यादशेों में धनम्नधलधखत समस्त

धवषयों या ाईनमें से दकसी भी धवषय के धलये ाईपबांध हो सकें गे:-

43

(एक) महाधवद्यालयों, ाऄध्यापन धवभागों, प्राध्ययन केन्रों तथा प्रयोग शालाओं में धवद्यार्थथयों का प्रवेश

और फीस का ाईद्ग्रहण तथा ाईनका नामाांकन;

(दो) धवश्वधवद्यालय द्वारा प्रदान की जान ेवाली ाईपाधधयाां, ाईपाधधपत्र, प्रमाण-पत्र तथा धवद्या सांबांधी

ाऄन्य धवधशिताऐं और ाईनके धलए ाऄहयताऐं;

(तीन) धवश्वधवद्यालय की ाईपाधधयों, ाईपाधधपत्रों तथा प्रमाण-पत्रों तक पहुांचान ेवाली परीिा;

(चार) धवश्वधवद्यालय में पाठ्यक्रमों के हते ुप्रभाररत की जान ेवाली और धवश्वधवद्यालय की परीिाओं,

ाईपाधधयों तथा ाईपाधधपत्रों के धलये प्रवेश दनेे के हते ुप्रभाररत की जान ेवाली फीस;

(पाांच) ाईपाधधयों, ाईपाधधपत्रों, प्रमाण-पत्रों तथा धवद्या सांबांधी ाऄन्य धवधशिताओं से सांबांधधत परीिा में

सधममधलत होन ेके धलये शतों का ाऄधधकधथत दकया जाना;

(छह) परीिाओं का सांचालन;

(सात) ाऄध्येतावृधत्तयों, छात्रवृधत्तयों, ाऄध्ययनवृधत्तयों, छात्र सहायता वृधत्तयों (एक्जीधबशन्स) पदकों

तथा पाररतोषकों ाअदद के प्रदान दकए जान ेकी शतें;

(ाअठ) धवश्वधवद्यालय के धवद्यार्थथयों में ाऄनुशासन बनाए रखना;

(नौ) ाऄध्यापन धवभागों, प्राध्ययन केन्रों के धवद्यार्थथयों के धनवास की शतें और छात्रावास में धनवास के

धलये फीस का ाईद्ग्रहण;

(दस) छात्रावासों की मान्यता तथा ाईनका धनरीिण;

(ग्यारह) मधहला धवद्यार्थथयों के धनवास, ाऄनुशासन तथा ाऄध्यापन के सांबांध में दकए जा सकन ेवाल े

धवशेष ाआांतजाम, यदद कोाइ हों और ाईनके धलये धवशेष पाठ्यक्रमों का धवधहत दकया जाना;

(बारह) नैधतकता सांबांधी धशिण का ददया जाना;

(तेरह) धवश्वधवद्यालय द्वारा प्रधतष्ठाधपत या सांधाररत महाधवद्यालयों तथा ाऄन्य सांस्थाओं का प्रबांध;

(चौदह) महाधवद्यालयों तथा ाऄन्य सांस्थाओं का, धजन्हें धवश्वधवद्यालय के धवशेषाधधकार ददए गए हों,

पययवेिण तथा धनरीिण;

(पन्रह) धवश्वधवद्यालय के ाऄध्यापकों के धजन्हें दक धवश्वधवद्यालय द्वारा वेतन ददया जाता हो, कतयव्य ,

ाऄहयताएां तथा धनयुधक्त की शतें, धजनके ाऄांतगयत ाईनका वेतनमान ाअता ह;ै

(सोलह) धवश्वधवद्यालय द्वारा दकसी ाऄन्य धवश्वधवद्यालय या धनकाय के साथ सांयुक्त रूप से धनयुक्त दकय े

जान ेवाल ेबोडय एवां सधमधतयों के कतयव्य तथा शधक्तयाां;

44

(सत्रह) धवद्यार्थथयों के स्थानाांतरण के सांबांध में सांबद्ध महाधवद्यालयों तथा मान्यता प्रापत सांस्थाओं द्वारा

ाऄनुपालन दकए जान ेवाल ेतथा प्रवृत्त दकए जाने वाल ेधनयम;

(ाऄठारह) सांबांद्ध महाधवद्यालयों तथा मान्यता प्राप्त सांस्थाओं द्वारा रखा जान ेवाला धवद्यार्थथयों का

रधजस्टर;

(ाईन्नीस) धवश्वधवद्यालय द्वारा या ाईसकी ओर से दकए गए सांधवदाओं या करारों के धनष्पादन का ढांग;

(बीस) वे दरें, धजन पर धवश्वधवद्यालय के प्राधधकाररयों, सधमधतयों तथा ाऄन्य धनकायों के सदस्यों के

धलए और धवश्वधवद्यालय के परीिकों, ाऄधधकाररयों एवां कमयचारीवृन्द के धलए यात्रा भत्ता तथा दधैनक

भत्ता ाऄनुज्ञेय होगा;

(ाआक्कीस) धवद्याथी सांघ का गठन तथा ाईसके धनवायचन की रीधत; और

(बााइस) ऐस ेसमस्त ाऄन्य धवषय भी जो ाआस ाऄधधधनयम या पररधनयमों के ाऄनुसार ाऄध्यादशेों द्वारा

ाईपबांधधत दकए जान ेहैं या ाईपबांधधत दकए जाएाः

परांतु मद (पन्रह) के ाऄधीन का ाऄध्याॅादशे धारा 52 के ाईपबांधों के ाऄध्यधीन होगा.

40. ाऄध्यादशे दकस प्रकार बनाये जायेंगे

(1) प्र्म ाऄध्यादशे के धसवाय समस्त ाऄध्यादशे कायय पररषद ्द्वारा बनाये जाएांगे.

(2) कायय पररषद ्द्वारा बनाया गया ाऄध्यादशे ाईस तारीख से प्रवृत्त होगा धजसको दक वह कुलाधधपधत द्वारा

ाऄनुमोददत दकया जाये.

41. ाऄध्यादशे के सांबांध में प्रदक्रया

(1) धारा 40 की ाईपधारा (1) में ाऄांतर्थवि दकसी बात के होत ेहुए भी, -

(क) कोाइ ाऄध्यादशे, जो धवद्यार्थथयों के प्रवेश पर प्रभाव डालता हो या धवश्वधवद्यालय की परीिाओं के समतुल्य

मान्य की जान ेवाली परीिाओं को या धवश्वधवद्यालय के ाईपाधध पाठ्यक्रमों (धडग्री कोसोज) में प्रवेश के धलय े

धारा 45 की ाईपधारा (1) में वर्थणत की गाइ और ाऄहयताओं को धवधहत करता हो, कायय पररषद ्द्वारा तब तक

नहीं बनाया जाएगा जब तक दक ाईसके प्रारूप का प्रस्ताव धवद्या पररषद ्द्वारा नहीं दकया गया हो; या

45

(ख) कोाइ ाऄध्यादशे, जो परीिकों की शतों तथा ाईनके कतयव्यों पर और परीिाओं के सांचालन या ाईनके स्तर पर

प्रभाव डालता हो कायय पररषद ्द्वारा तब तक नहीं बना जाएगा जब तक दक वह सांबांधधत सांकाय या सांकायों के

प्रस्ताव के ाऄनुसार नहीं हो और ऐसे ाऄध्यादशे के प्रारूप का प्रस्ताव धवद्या पररषद ्द्वारा नहीं दकया गया हो; या

(ग) कोाइ ाऄध्यादशे, जो धवश्वधवद्यालय के ाऄध्यापकों की, धजन्हें दक धवश्वधवद्यालय द्वारा वेतन ददया जाता हो,

ाऄहयताओं तथा ाईपलधधधयों पर प्रभाव डालता हो, कायय पररषद ्द्वारा तब तक नहीं बनाया जाएगा जब तक दक

ाईसके प्रारूप का प्रस्ताव धवद्या पररषद ्द्वारा नहीं दकया गया हो.

(2) कायय पररषद ्को यह शधक्तयाां नहीं होंगी दक वह ऐस ेप्रारूप को, धजसका दक प्रस्ताव ाईपधारा (1) के ाऄधीन

धवद्या पररषद ्द्वारा दकया गया हो, सांशोधधत करे ककत ुवह ाईस प्रस्ताव को

ाऄस्वीकार कर सकेगी या प्रारूप को दकसी ऐसे सशोधन के साथ, धजसका दक कायय पररषद ्सुझाव द,े पूणयताः या

ाऄांशताः पुनर्थवचार के धलये धवद्या पररषद ्को वापस कर सकेगी.

(3) ाईपधारा (2) के ाऄधीन दकसी प्रारूप के वाधपस दकये जाने के पिात् तथा कायय पररषद ्द्वारा सुझाऐ गए

दकसी सांशोधन पर धवद्या पररषद द्वारा और धवचार दकया जा चुकन े के पिात् वह प्रारूप धवद्या पररषद ्की

तत्सांबांधी ररपोटय के साथ कायय पररषद ्के समि पुनाः प्रस्तुत दकया जायेगा और तब कायय पररषद ्ऐसी रीधत में,

जैसी दक वह ाईधचत समझ,े ाईप प्रारूप के सांबांध में काययवाही कर

(4) जहाां कायय पररषद ्न ेधवद्या पररषद ्द्वारा प्रस्ताधवत दकये गये दकसी ाऄध्यादशे का प्रारूप स्वीकार कर ददया

ह,ै वहाां धवद्या पररषद ् कुलाधधपधत को ाऄपील कर सकेगी और कुलाधधपधत यह धनदशे द ेसकेगा दक ऐसा

ाऄध्यादशे ऐसी तारीख से प्रभावशील होगा, जो दक ाईस धनदशे में धवधनर्कदि की जाए.

42.धवधनयम

(1) धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी, सधमधतयाां तथा ाऄन्य धनकाय, जो ाआस ाऄधधधनयम द्वारा या ाईसके ाऄधीन

गरठत दकए गए हों, ाआस ाऄधधधनयम, पररधनयमों और ाऄध्यादशेों के ाईपबांधों के ाऄध्यधीन रहत ेहुए धवधनयम

बना सकें गे धजनमें, -

(क) ाऄपने सधममलन में ाऄनुपालन की जान ेवाली प्रदक्रया को तथा गणपूर्थत के धलए ाऄपेधित सदस्यों की सांखया

को ाऄधधकधथत दकया जा सकेगा:

परांतु जब तक गणपूर्थत के धलए ाईपबांध करन ेवाल ेधवधनयम नहीं बनाए जात,े जब तक धवश्वधवद्यालय के दकसी

प्राधधकारी, सधमधत या ाऄन्य धनकाय का सधममलन करन ेके धलए ाऄपेधित गणपूर्थत की सांखया वह सांखया होगी

46

धजसस ेदक ाईन सदस्यों का बहुमत बनता हो धजनस ेदक धवश्वधवद्यालय का ऐसा प्राधधकारी, सधमधत या ाऄन्य

धनकाय तत्समय गरठत होता ह;ै

(ख) ऐसे समस्त धवषयों के धलए ाईपबांध हो सकें गे धजनको दक ाआस ाऄधधधनयम, पररधनयमों या ाऄध्यादशेों के

ाऄनुसार, धवधनयमों द्वारा धवधहत दकया जाना ह;ै

(ग) ऐसे समस्त ाऄन्य धवषयों के धलए ाईपबांध हो सकें गे जो केवल ऐसे प्राधधकाररयों या ाऄन्य धनकायों स ेया

सधमधतयों स ेसांबांधधत हों जो ाईनके द्वारा धनयुक्त की गाइ हो और धजनके धलये ाआस ाऄधधधनयम, पररधनयमों या

ाऄध्यादशेों द्वारा ाईपबांध नहीं दकया गया ह.ै

(2) धवश्वधवद्यालय का प्रत्येक प्राधधकारी, सधमधत तथा धनकाय ऐस ेधवधनयम बनाएगा धजनमें ऐसे प्राधधकारी,

सधमधत या धनकाय के सदस्यों को सधममलनों की तारीखों की तथा कामकाज की, धजस पर ाईन सधममलनों में

धवचार दकया जाना हो, सूचना ददय ेजाने एवां सधममलन का काययवृत रख ेजान ेके धलये ाईपबांध हो:

परांतु धवश्वधवद्यालय का कोाइ भी प्राधधकारी, सधमधत या धनकाय धजसका ऐस ेाईपाांतरण या बाधतधलकरण स े

समाधान न हो, कुलाधधपधत को ाऄपील कर सकेगा धजसका ाआस मामले में धवधनिय ाऄांधतम होगा

ाऄध्याय -7 धवद्यार्थथयों का धनवास-स्थान, नामाांकन तथा ाईपाधधयाां ाअदद

43.धवद्यार्थथयों का धनवास

धवश्वधवद्यालय का प्रत्येक धवद्याथी छात्रावास में धनवास करेगा या ाऄन्यत्र ऐसी शतों के ाऄधीन धनवास करेगा,

जैसी दक पररधनयमों तथा ाऄध्यादशेों द्वारा धवधहत की जाय.े

44. छात्रावास

(1) धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररतों छात्रावासों स ेधभन्न छात्रावास ऐस ेहोंग ेधजन्हें दक काययपररषद ्द्वारा ऐसी

साधारण या धवशेष शतों पर मान्यता दी जाय,े जैसी दक ाऄध्यादशेों द्वारा धवधहत की जाऐं.

(2) छात्रावास के प्रधतपालकों (वाडयन्स) की तथा ाऄधीिण कमयचारी वृन्द की धनयुधक्त पररधनयमों द्वारा धवधहत

की गाइ रीधत में की जाएगी.

(3) छात्रावास में धनवास करन ेकी शतें ाऄध्यादशेों द्वारा धवधहत की जाऐंगी और प्रत्येक छात्रावास ाआस बात के

ाऄध्यधीन होगा दक धवश्वधवद्यालय के दकसी ऐस ेप्राधधकारी या ाऄधधकारी द्वारा जो कायय पररषद ्द्वारा ाआस सांबांध

में प्राधधकृत दकया गया ह,ै ाईसका धनरीिण दकया जाये.

47

(4) कायय पररषद ्को यह शधक्त होगी दक वह दकसी छात्रावास की मान्यता को ाआस ाअधार पर धनलांधबत कर द े

या ाईसका प्रत्याहरण कर ले दक ाईसका सांचालन ाऄध्यादशेें द्वारा धवधहत की गाइ शतों के ाऄनुसार नहीं दकया

जाता:

परांतु ऐसी कोाइ भी कायरयवााइ ऐसे छात्रावास के प्रबांध प्राधधकारी को, ऐसा ाऄभ्यावेदन, जैसा दक वह ाईधचत

समझ,े करन ेका ाऄवसर ददये धबना नहीं की जाएगी.

45. धवश्वधवद्यालयीन पाठ्यक्रमों में प्रवेश

(1) धवद्याथी ाईपाधी सांबांधी पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने के धलये तब तक पात्र नहीं होंग ेजब तक दक ाईन्हें

मध्यप्रदशे माध्यधमक धशिा ाऄधधधनयम, 1965 (क्रमाांक 23 सन ् 1965) के ाऄधीन ली गाइ ाऄांधतम

परीिा या कोाइ ऐसी परीिा, जो ाआस धारा के ाईपबांधों के ाऄनुसार ाईसके समतुल्य मान्य की गाइ ह,ै

ाईत्तीणय नहीं कर ली ह ैतथा जब तक दक वे ऐसी और ाऄहयताऐं न रखते हों जो ाऄध्यादशेों द्वारा धवधहत

की जाऐ.

(2) धवश्वधवद्यालय, राज्य सरकार की पूवय मांजूरी से, ाईपाधध सांबांधी पाठ्यक्रम में प्रवेश के प्रयोजनाथय दकसी

भी ाईपाधध को, जो दकसी ाऄन्य धवश्वधवद्यालय द्वारा प्रदान की गाइ हो, ाऄपनी ाईपाधधयों के समतुल्य

होना या दकसी ाऄन्या परीिा को मध्य प्रदशे माध्यधमक धशिा ाऄधधधनयम, 1965 (क्रमाांक 23 सन ्

1965) के ाऄधीन ली गाइ ाऄांधतम परीिा के समतुल्य होना मान्य कर सकेगा.

(3) दकसी भी धवद्याथी को, ाईपाधध तक पहुांचान ेवाले पाठ्यक्रम में तब तक प्रवेश नहीं ददया जाएगा जब

तक दक वह दकसी महाधवद्यालय, ाऄध्यापन धवभाग या प्राध्ययन केन्र में धवद्याथी के रूप में नामाांदकत

नहीं हो जाता.

46 परीिकों तथा ाऄनुसीमकों (माडरेटसय) की धनयुधक्त रधजस्टर

(1) पररधनयमों के ाईपबांधों के ाऄध्ययीन रहत े हुए समस्त परीिक तथा परीिा के प्रश्नों के ाऄनुसीमक

(माडरेटसय) कुलपधत द्वारा ाईस सधमधत के परामशय से धनयुक्त दकए जाएांगे धजसमें धनम्नधलधखत सदस्य

होंग:े-

(एक) सांबांधधत सांकाय का सांकायाध्यि जो ाईस सधमधत का ाऄध्यि होगा;

(दो) सांबांधधत ाऄध्ययन बोडय का ाऄध्यि;

48

(तीन) सांबांधधत ाऄध्ययन बोडय का एक सदस्य जो ाईस प्रयोजन के धलय े कुलपधत द्वारा नामधनदधेशत

दकया जाएगा.

(2) यदद परीिा के दौरान कोाइ परीिक दकसी कारण से ाईस रूप में कायय करन ेमें ाऄसमथय हो जाऐ, तो

कुलपधत ाईस ररधक्त को भरन ेके धलये परीिक की धनयुधक्त करेगा.

47. रधजस्टर स्वीकृधत

(1) प्रत्येक महाधवद्यालय तथा पॉधलटेकधनक ऐसी ररपोटय, धववरधणयाां तथा ाऄन्य जानकारी दगेा जैसी दक

कायय पररषद,् धवद्या पररषद ्की राय ाऄधभप्राप्त करन ेके पिात् सांस्था की दिता का धनणयय कर सकन ेके

धलये ाऄपेधित करें.

(2) कायय पररषद ्समय-समय पर एक या एक स ेाऄधधक सिम व्यधक्तयों द्वारा जो दक कायय पररषद ्द्वारा

ाआस सांबांध में प्राधधकृत दकये जायें, ऐसी सांस्था का धनरीिण करवाऐगी.

(3) कायय पररषद ्ऐसे दकसी महाधवद्यालय या सांस्था स,े धजस का ाआस प्रकार धनरीिण दकया गया ह,ै

धवधनर्कदि कालावधध के भीतर ऐसी काययवाही करन ेके धलये ाऄपेिा कर सकेगी जैसा दक ाईसे ाअवश्यक

प्रतीत हो.

48. धवश्वधवद्यालय के केवल स्नातक ही, ऐसी फीस का, जैसी दक पररधनयमों द्वारा धवधहत की जाऐ, सांदाय

करन ेपर रधजस्रीकृत स्नातकों के रधजस्टर में जो दक ऐस ेप्रारूप में रखा जाऐगा जैसा दक पररधनयमों

द्वारा धवधहत दकया जाए, ाऄपने नाम नामाांदकत करन ेके हकदार होंग े

ाऄध्याय -8 सांपरीिा

49. धवश्वधवद्यालय की वार्थषक ररपोटय कायय पररषद ्के धनदशे के ाऄधीन तैयार की जाऐगी तथा जो ऐसी तारीख

को या ाईससे पूवय सभा में प्रस्तुत की जाएगी जो दक पररधनयमों द्वारा धवधहत की जाए और ाईस पर सभा द्वारा

ाऄपनी वार्थषक बैठक में धवचार दकया जाएगा. सभा ाईस पर सांकल्प पाररत कर सकेगी और ाईसे कायय पररषद ्को

सांसूधचत कर सकेगी. ाईसके पिात् धवश्वधवद्यालय ाईसकी एक प्रधत राज्य सरकार को भेजेगा और राज्य सरकार

यथाशाक्य शीघ्र ाईसे धवधान सभा के पटल पर रखवाएगी ।

50. लेखाओं की सांपरीिा

(1) धवश्वधवद्यालय के लेखाओं की सांपरीिा, राज्य के स्थानीय धनधध लेखा परीिक द्वारा प्रत्येक वषय में कम

से कम एक बार ऐसे ाऄांतरालों पर की जाएगी जो पन्रह मास से ाऄधधक न हो.

49

(2) सांपरीधित लेखाओं की प्रधत और ाईसके साथ सांपरीिा ररपोटय कायय पररषद ् द्वारा सभा और राज्य

सरकार को प्रस्तुत की जाएगी. राज्य सरकार यथाशक्य शीघ्र ाईसे धवधान सभा के पटल पर

रखवाएगीाऄध्य

ाऄध्याय -9 धवश्वधवद्यालय में ाऄध्यापन पदों पर धनयुधक्त

51. ाऄध्यापन पदों पर धनयुधक्त.

(1) कोाइ भी व्यधक्त -

(एक) ाअचायय, ाईपाचायय या प्राध्यापक के रूप में; या

(दो) धवश्वधवद्यालय के दकसी ाऄन्य ाऄध्यापन पद पर धजसका दक वेतन धवश्वधवद्यालय द्वारा ददया जाता ह,ै

ाईपधारा (2) के ाऄनुसार गरठत की गाइ प्रवरण सधमधत की धसफाररशों पर ही धनयुक्त दकया जाएगा ाऄन्यथा

नहीं;

परांतु यदद पूवोक्त ाऄध्यापन पदों में से दकसी भी पद पर की गाइ धनयुधक्त के, छह मास स ेाऄधधक समय

तक चालू रहन ेकी प्रत्याशा नहीं ह ैऔर धवश्वधवद्यालय द्वारा सांधाररत धवभाग या सांस्था के धहत के ाईपाय के

धबना ाईसमें धवलांब नहीं दकया जा सकता ह,ै तो कायय पररषद ्ाईपधारा (2) के ाऄधीन गरठत की गाइ प्रवरण

सधमधत की धसफाररश ाऄधभप्राप्त दकए धबना ही ऐसी धनयुधक्त कर सकेगी ककत ुाआस प्रकार धनयुक्त दकये गये व्यधक्त

को, प्रवरण सधमधत की धसफाररश पर के धसवाय ाईसी पद पर छह मास से ाऄधधक की कालावधध के धलय ेनहीं

रखा जाएगा या धवश्वधवद्यालय की सेवा में के दकसी ाऄन्य पद पर धनयुक्त नहीं दकया जाएगा.

(2) प्रवरण सधमधत में धनम्नधलधखत सदस्य होंग े-

(एक) कुलपधत - ाऄध्यि;

(दो) एक धवशेषज्ञ जो धवद्या पररषद ्द्वारा प्रस्तुत की गाइ ऐसे धवषय के तीन धवशेषज्ञों की

ताधलका (पैनल) में स,े जो धवश्वधवद्यालय से दकसी भी प्रकार स ेसांशक्त न हो, कुलाधधपधत द्वारा नामधनदधेशत

दकया जाएगा;

(तीन) धवषय के तीन धवशेषज्ञ, जो धवश्वधवद्यालय से दकसी भी प्रकार से सांशक्त न हो, कुलाधधपधत द्वारा

नामधनदधेशत दकये जाएांगे;

(चार) भारसाधक सधचव, मध्यप्रदशे शासन, जनशधक्त धनयोजन धवभाग.

(3) प्रवरण सधमधत के सदस्यों स ेगणपूर्थत होगी.

50

(4) सधमधत, धवधभन्न ाऄभ्यार्थथयों के गुणागुण का ाऄनुवेषण करेगी और कायय पररषद ्को ाईन व्यधक्तयों के, धजन्हें

दक वह पदों के धलए ाईपयुक्त समझती ह,ै नामों की, यदद कोाइ हो, ाईन्हें गुणानुक्रम में क्रमाांदकत कर धसफाररश

करेगी:

परांतु कोाइ भी धसफाररश तब तक नहीं की जाएगी, जब तक दक ाईस सधममलन में धजसमें दक ऐसी धसफाररश के

बारे में धवधनिय दकया जाना ह ैाईपधारा (2) के खडड (तीन) तथा (चार) के ाऄधीन नामधनदधेशत दकये गये कम

स ेकम दो धवशेषज्ञ ाईपधस्थत न हों.

(5) कायय पररषद ्ाईन व्यधक्तयों में स,े धजसनकी की ाईपधारा (4) के ाऄधीन ाआस प्रकार धसफाररश की गाइ ह,ै

गुणानुक्रम के ाऄनुसार धनयुधक्त करेगी.

52. ाईन ाऄध्यापकों का वेतन धजन्हें दक धवश्वधवद्यालय द्वारा वेतन ददया जाता ह ै

धवश्वधवद्यालय के ाऄध्यापकों का धजन्हें दक धवश्वधवद्यालय द्वारा वेतन ददया जाता ह,ै वेतन का समुदाय ऐस े

वेतनमानों के ाऄनुसार होगा जो दक कायय पररषद ्द्वारा राज्य सरकार के पूवय ाऄनुमोदन से ाऄध्यादशे द्वारा धनयत

दकए जाएां ।

ाऄध्याय-10 ाअपात ाईपबांध

53. राज्य सरकार कधतपय पररधस्थधतयों में धवत्तीय धनयांत्रण ग्रहण करेगी.

(1) यदद राज्य सरकार का यह समाधान हो जाए दक धवश्वधवद्यालय में कुप्रशासन या धवत्तीय कुप्रबांध के

कारण ऐसी पररधस्थधतय ाईद्भूत हो गाइ ह ैदक धजसस ेधवश्वधवद्यालय की धवत्तीय धस्थरता ाऄसुरधित हो

गाइ ह,ै तो वह ाऄधधसूचना द्वारा, यह घोधषत कर सकेगी दक धवश्वधवद्यालय की धवत्त व्यवस्था राज्य

सरकार के धनयांत्रण के ाऄध्ययधीन होगी.

(2) ाईपधारा (1) के ाऄधीन जारी की गाइ प्रत्येक ाऄधधसूचना, प्रथमताः ऐसी तारीख से जो दक ाऄधधसूचना में

धवधनर्कदि की गाइ ह,ै एक वषय की कालावधध के धलए प्रवतयन में रहगेी और राज्य सरकार समय-समय

पर वैसी ही ाऄधधसूचना द्वारा प्रवतयन की कालावधध को ऐसी और कालावधध के धलए, जैसी दक वह

ाईधचत समझ,े बढा सकेगी, परांतु ऐसे पवतयन की कुल कालावधध तीन वषय से ाऄधधक नहीं होगी.

(3) ाईपधारा (1) के ाऄधीन जारी की गाइ ाऄधधसूचना के प्रवतयन में रहन ेकी कालावधध के दौरान, राज्य

सरकार के काययपाधलक प्राधधकार का धवस्तार ाआस प्रकार बढ जाएगा दक वह ाईक्त धवश्वधवद्यालय को

ऐसे धनदशे द े सकेगी दक धवश्वधवद्यालय धवत्तीय औधचत्य के ऐसे धसद्धाांतों का, जो दक धनदशे में

धवधनर्कदि ह,ै ाऄनुपालन करे और ऐसे ाऄन्य धनदशे द ेसकेगी धजन्हें दक राज्य सरकार ाईस प्रयोजन के

धलए ाअवश्यक तथा प्रयायप्त समझ.े

51

(4) ाआस ाऄधधधनयम में ाऄांतर्थवि दकसी बात के होत ेभी, दकसी ऐसे धनदशे के ाऄांतगयत कोाइ ऐसा ाईपबांध ाअ

सकेगा:-

(एक) धजसमें यह ाऄपेिा की गाइ हो दक बजट मांजूरी के धलए राज्य सरकार को प्रस्तुत दकया जाये;

(दो) धजसमें धवश्वधवद्यालय से यह ाऄपेिा की गाइ हो दक वह प्रत्येक ऐसा प्रस्ताव, धजसमें धवत्तीय धवधवधाएां

ाऄन्तवयधलत हैं, मांजूरी के धलए राज्य सरकार को प्रस्तुत दकया जाए;

(तीन) धजसमें यह ाऄपेिा की गाइ हो दक धवश्वधवद्यालय द्वारा धनयोधजत दकए गए ाऄधधकाररयों, ाऄध्यापकों तथा

ाऄन्य व्यधक्तयों के वेतनमान के तथा भत्तों की दरों के पुनरीिण सांबांधी प्रत्येक प्रस्ताव मांजूरी के धलए राज्य

सरकार को प्रस्तुत दकया जाए;

(चार) धजसमें यह ाऄपेिा की गाइ हो दक धवश्वधवद्यालय द्वारा धनयुक्त दकए गए समस्त व्यधक्तयों के या ाईनके

दकसी वगय के वेतनों तथा भत्तों में कमी की जाए;

(पाांच) धजसमें यह ाऄपेिा की गाइ हो दक धवश्वधवद्यालय द्वारा धनयोधजत दकए गए ाऄधधकाररयों, ाऄध्यापकों तथा

ाऄन्य व्यधक्तयों की सांखया में कमी जाए;

(छह) धजसमें यह ाऄपेिा की गाइ हो दक वेतनमानों को तथा भत्तों की दरों को कम दकया जाए; और

(सात) जो ऐस ेाऄन्य धवषयों के सांबांध में हो धजनका दक यह प्रभाव हो सकता हो दक धवश्वधवद्यालय का धवत्तीय

दबाव कम हो जाए.

(5) ाआस ाऄधधधनयम में ाऄांतर्थवि दकसी बात के होत ेहुए भी, धवश्वधवद्यालय के प्रत्येक प्राधधकारी के धलए और

धवश्वधवद्यालय के प्रत्येक ाऄधधकारी के धलए यह ाअबद्धकर होगा दक वह ाआस धारा के ाऄधीन दकए गए धनदशे को

कायायधन्वत करे.

(6) धवश्वधवद्यालय का प्रत्येक ाऄधधकारी ाआस धारा के ाऄधीन ददए गए धनदशे के ाऄपालन के पररणाम स्वरूप

धवश्वधवद्यालय की दकसी धनधध या सांपधत्त के दरुूपयोजन के धलए, धजसका दक वह एक पिकार रहा हो या ऐस े

ाऄधधकारी के रूप में ाईसके कतयव्यों की घोर ाईपेिा के कारण घरटत हुाअ हो या सुकर हो गया हो, वैयधक्तक रूप

स ेदायी होगा, और ाआस प्रकार ाईपगत हुाइ हाधन, सधचव, मध्यप्रदशे शासन, जनशधक्त धनयोजन धवभाग द्वारा

जारी दकए गए प्रमाण-पत्र पर, ऐसे ाऄधधकारी से भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल की जाएगी:

परांतु हाधन की रकम भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल दकए जान ेकी कोाइ भी काययवाही तब तक नहीं की

जाएगी जब तक दक सांबांधधत व्यधक्त को स्पिीकरण दनेे का युधक्तयुक्त ाऄवसर न द े ददया गया हो और ऐस े

स्पिीकरण पर राज्य सरकार द्वारा धवचार न कर धलया गया हो.

52

54. कधतपय पररधस्थधतयों में धवश्वधवद्यालय को समुधचत प्रशासन ाईपलधध करान ेकी दधृि स ेाईपाांतररत प्रारूप

में ाऄधधधनयम को लाग ूकरन ेकी राज्य सरकार की शधक्त.

(1) यदद राज्य सरकार को दकसी ररपोटय के प्राप्त होन ेपर या ाऄन्यथा यह समाधान हो जाए दक ऐसी पररधस्थधत

ाईत्पन्न हो गाइ ह ै दक धजसमें धवश्वधवद्यालय का प्रशासन, धवश्वधवद्यालय के धहतों का ाईपाए दकए धबना, ाआस

ाऄधधधनयम के ाईपबांधों के ाऄनुसार नहीं चलाया जा सकता, और वह दक वैसा करना धवश्वधवद्यालय के धहत में

समीचीन ह,ै तो वह ाऄधधसूचना द्वारा ाईसमें (ाऄधधसूचना में) वर्थणत दकए जान ेवाल ेकारणों स ेयह धनदशे द े

सकेगी दक धारा 12 के, धारा 13 के, धारा 22 स े 28 तक के, धारा 42, 49, 50 तथा 69 के ाईपबांध

ाऄधधसूचना में धवधनर्कदि की गाइ तारीख से (जो ाआसमें ाआसके पिात् ाआस धारा में धनयत तारीख के नाम से धनर्कदि

ह)ै धवश्वधवद्यालय को, लागू होंग.े

(2) ाईपधारा (1) के ाऄधीन जारी की गाइ ाऄधधसूचना (जो ाआसमें ाआसके पिात् ाऄधधसूचना के नाम से धनर्कदि ह)ै

धनयत तारीख स ेएक वषय की कालावधध तक के धलए प्रवतयन में रहगेी और राज्य सरकार, समय-समय पर, ाईस

कालावधध में ऐसी और वृधद्ध जैसा वह ाईधचत समझे, ाआस प्रकार कर सकेगी धजसमें ाऄधधसूचना के प्रवर्थतत रहन े

की कुल कालावधध तीन वषय से ाऄधधक न हो जाए.

(3) कुलाधधपधत, ाऄधधसूचना के जारी दकए जान ेके साथ-साथ कुलपधत को धारा 12 तथा 13 के ाऄधीन धनयुक्त

करेगा और ाआस प्रकार धनयुक्त दकया गया कुलपधत ाऄधधसूचना के प्रवृधतत रहन ेकी कालावधध के दौरान पद पर

रहगेा:

परांतु कुलपधत, ाऄधधसूचना के प्रवतयन के कालावधध का ाऄवसान होन ेपर भी ाईसके पिात् तब तक पद

धारण दकए रह सकेगा जब तक दक ाईसका ाईत्तराधधकारी ाऄपना पद ग्रहण न कर ले ककतु यह कालावधध एक

वषय स ेाऄधधक नहीं होगी.

(4) धनयत तारीख स ेधनम्नधलधखत पररणाम होंग ेाऄथायत्:-

(एक) कुलपधत, जो धनयत तारीख के ाऄव्यवधहत पूवय पद धाराण दकए हो, ाआस बात के होत ेहुए भी दक ाईसकी

पदावधध का ाऄवसान नहीं हुाअ ह ैाऄपने पद को ररक्त कर दगेा;

(दो) प्रत्येक व्यधक्त, जो धनयत तारीख के ाऄव्यवधहत पूवय यथाधस्थधत सभा, कायय पररषद ्या धवद्या पररषद ्के

सदस्य के रूप में पद धारण दकए हुए हो, ाईस पद पर नहीं रह जाएगा;

(तीन) जब तक यथा धस्थधत सभा, कायय पररषद ्या धवद्या पररषद ्का यथा ाईपाांतररत ाईपबांधों के ाऄनुसार

पुनगयठन न हो जाए तब तक कुलपधत, जो यथा ाईपाांतररत धारा 12 तथा 13 के ाऄधीन धनयुक्त दकया

गया हो, ाईन शधक्तयों का प्रयोग करेगा तथा ाईन कतयव्यों का पालन करेगा जो दक सभा, कायय पररषद ्

53

या धवद्या पररषद ्को ाआस ाऄधधधनयम द्वारा या ाईसके ाऄधीन प्रदत्त की गाइ हों या ाईन पर ाऄधधरोधपत

दकए गए हों:

परांतु कुलपधत, यदद वह वैसा करना ाअवश्यक समझ,े ाआस प्रकार धनयुक्त दकए गए कुलपधत को

ऐसी शधक्तयों का प्रयोग करन ेमें तथा ऐसे कतयव्यों का पालन करन ेमें सहायता दनेे के धलए एक ऐसी

सधमधत की धनयुधक्त कर सकेगा धजसमें दक एक धशिाधवद,् एक प्रशासधनक धवशेषज्ञ तथा एक धवत्त

धवशेषज्ञ होंग.े

(5) ाऄधधसूचना के प्रवतयन की कालावधध का ाऄवसान होन ेके पूवय या ाईसके ाऄव्यवधहत पिात् यथासाध्य

शीघ्र, कुलपधत, ाऄधधधनयम के यथानुपाांतररत ाईपबांधों के ाऄनुसार सभा, कायय पररषद ् तथा धवद्या

पररषद ्गठन करन े के धलए काययवाही करेगा और ाआस प्रकार गरठत की गाइ सभा, कायय पररषद ्तथा

धवद्या पररषद,् ाऄधधसूचना के प्रवतयन की कालावधध का ाऄवसान होन ेकी तारीख के ाऄव्यवधहत पिात्

ाअने वाली तारीख को या ाईस तारीख हो धजसको दक सांबांधधत धनकायों का ाआस प्रकार गठन हो जाए,

ाआन दोनों में स ेजो भी पिातवती हो, कायय करना प्रारांभ कर दगेी:

परांतु यदद सभा, कायय पररषद ्तथा धवद्या पररषद ् के प्रवतयन की कालावधध के ाऄवसान होन े के पूवय

गरठत न की जाऐ तो कुलपधत, ऐसा ाऄवसान हो जान ेपर, ाआन प्राधधकाररयों में स ेप्रत्येक प्राधधकारी की शधक्तयों

का प्रयोग, कुलाधधपधत के पूवय ाऄनुमोदन के ाऄध्यधीन रहत ेहुए, ाईस समय तक करेगा जब तक दक यथाधस्थधत

सभा, कायय पररषद ्या धवद्या पररषद का ाआस प्रकार गठन न हो जाए.

55. धारा 55 के ाऄधीन ाऄधधसूचना के प्रवृतन की कालावधध के ाऄवसान का प्रभाव.

धारा 54 के ाऄधीन जारी की गाइ ाऄधधसूचना के प्रवतयन की कालावधध का ाऄवसान होन ेपर, ाआस ाऄधधधनयम के

ाईपबांध, जैसे की वे ाऄधधसूचना में वर्थणत धवश्वधवद्यालय को लागू होन ेके सांबांध में ाईपाांतररत दकए गए हैं, ाईसके

सांबांध में प्रवृत्त नहीं रहेंगे और ाआस ाऄधधधनयम के ाऄन्य सुसांगत ाईपबांध पुनाः प्रवर्थतत हो जायेंगे तथा ाईसको लाग ू

रहेंगे:

परांतु ाऄधधसूचना के प्रवतयन के ाऄवसान का-

(क) यथा ाईपाांतररत ाईपबांधों या ाईनके ाऄधीन दकए गए दकसी ाअदशे के पूवयवती प्रवतयन पर या ाईन ाईपबांधों या

ाईस ाअदशे के ाऄधीन की गाइ या होन ेदी गाइ दकसी बात पर प्रभाव नहीं पडगेा; या

(ख) यथा ाईपाांतररत ाईपबांधों या ाईनके ाऄधीन दकए गए दकसी ाअदशे के ाऄधीन ाऄर्थजत, प्रोदभूत या ाईपगत

दकसी ाऄधधकार, धवशेषाधधकार, बाध्याता या दाधयत्व पर प्रभाव नहीं पडगेा; या

54

(ग) यथापूवोक्त दकसी ऐसे ाऄधधकार, धवशेषाधधकार, बध्यता या दाधयत्व के सांबांध में दकसी ाऄन्वेषण या ाईपचार

पर प्रभाव नहीं पडगेा और ऐसा ाऄन्वेषण या ाईपचार ाआस प्रकार सांधस्थत या प्रवर्थतत दकया जा सकेगा मानो दक

ाईपाांतररत ाईपबांधों का लागू होना समाप्त नही हुाअ हो

ाऄध्याय -11 ाऄनुपूरक ाईपबांध

56. धवश्वधवद्यालय के प्राधधकाररयों तथा धनकायों के गठन सांबांधी धववाद.

यदद ाआस ाऄधधधनयम या दकसी पररधनयम, ाऄध्यादशे या धवधनयम के दकन्हीं ाईपबांधों के धनवयचन के सांबांध में या

ाआस सांबांध में दक क्या कोाइ व्यधक्त धवश्वधवद्यालय के दकसी प्राधधकारी या ाऄन्य धनकाय के सदस्य के रूप में

समयकू्रपेण धनवायधचत या धनयुक्त दकया गया ह ैया वह ाईसके सदस्य होन ेका हकदार ह,ै कोाइ प्रश्न ाईद्भूत होता

ह,ै तो ऐसा मामला कुलाधधपधत को धनदधेशत दकया जाएगा धजसका ाईस सांबांध में धवधनिय ाऄांधतम होगा:

परांतु कोाइ ऐसा धवधनिय करन ेके पूवय, कुलाधधपधत स्वयां या ाईसके द्वारा नामधनदधेशत ाऄधधकारी, ऐसे धवधनिय

के कारण प्रभाधवत व्यधक्त या व्यधक्तयों को सुनवााइ का युधक्तयुक्त ाऄवसर दगेा.

स्पिीकरण:- ाआस धारा में ाऄधभव्यधक्त:-

(क) ‘‘धनकाय’’ के ाऄांतगयत ाआस ाऄधधधनयम द्वारा या ाईसके ाऄधीन गरठत की गाइ कोाइ सधमधत ाअती ह;ै

(ख) ‘‘धनयुक्त दकया गया’’ के ाऄांतगयत धवश्वधवद्यालय के वैतधनक पदों पर धनयुधक्तयों नहीं ाअती हैं.

57. सधमधतयों का गठन.

जहाां धवश्वधवद्यालय के दकसी प्राधधकारी को ाआस ाऄधधधनयम या पररधनयमों द्वारा सधमधतयाां धनयुक्त करन ेकी

शधक्त दी गाइ हो, वहाां ाईन सधमधतयों में, ाऄन्यथा ाईपबांधधत के धसवाय, सांबांधधत प्राधधकारी के सदस्य तथा ऐसे

ाऄन्य व्यधक्त, यदद कोाइ हों, होंगे धजन्हें प्राधधकारी प्रत्येक मामल ेमें ाईधचत समझे.

58. ाअकधस्मक ररधक्तयों का भरा जाना.

ाआस ाऄधधधनयम में ाऄन्यथा ाईपबांधधत के धसवाय, धवश्वधवद्यालय के दकसी भी प्राधधकारी, सधमधत या ाऄन्य

धनकाय के पदने सदस्यों स ेधभन्न सदस्यों में हुाइ समस्त ाअकधस्मक ररधक्तयाां, सुधवधानुसार यथाशक्य शीघ्रता से

ाईस व्यधक्त या धनकाय द्वारा भरी जाएांगी धजसन े दक ाईस सदस्य को धजसका दक स्थान ररक्त हुाअ ह,ै

नामधनदधेशत, धनयुक्त धनवायधचत या सहयोधजत दकया हो और दकसी ाअकधस्मक ररधक्त पर नामधनदधेशत,

धनयुक्त, धनवायधचत या सहयोधजत दकया गया व्यधक्त ऐस ेप्राधधकारी, सधमधत या धनकाय का ाईस ाऄवधध की शेष

55

कालावधध के धलये सदस्य रहगेा धजसके धलये दक वह व्यधक्त, धजसके स्थान की ाईसन े पूर्थत की ह,ै सदस्य रहा

होता.

59. धवश्वधवद्यालय तथा धनकायों की काययवाही ररधक्तयों के कारण ाऄधवधधमान्य नहीं होंगी.

धवश्वधवद्यालय के दकसी भी प्राधधकारी, सधमधत या धनकाय का कोाइ भी कायय या काययवाही केवल ाआस

कारण स ेाऄधवधधमान्य नहीं होगी दक:-

(क) ाईसमें कोाइ स्थान ररक्त ह ैया ाईसके गठन में कोाइ त्रुरट ह;ै

(ख) ाईसके सदस्य के रूप में कायय कर रह ेदकसी व्यधक्त के धनवायचन, नामधनदशेन या धनयुधक्त में कोाइ त्रुरट ह;ै या

(ग) ाईसकी प्रदक्रया में कोाइ ऐसी ाऄधनयधमतता ह ैजो मामले के गुणागुण पर प्रभाव नहीं डालती ह.ै

60. सेवा की शतें.

(1) धवश्वधवद्यालय का प्रत्येक वैतधनक ाऄधधकरी तथा ाऄध्यापक धजस े के दक धवश्वधवद्यालय द्वारा वेतन ददया

जाता ह,ै धलधखत सांधवदा के ाऄधीन, जो दक धवश्वधवद्यालय में रखी जाएगी, धनयुक्त दकया जाएगा और ाईसकी

एक प्रधत सांबांधधत ाऄधधकारी ाऄध्यापक को दी जाएगी.

(2) धवश्वधवद्यालय और ाईसकी वैतधनक कमयचाररयों के बीच सांधवदा स ेया ाऄन्य दकसी प्रकार से प्रादभूत होन े

वाला सेवा सांबांधी मामल ेका कोाइ धववाद कुलपधत द्वारा न्यायधनणीत दकया जाएगा तथा कुलपधत के धवधनिय

के धवरूद्ध ाऄपील कुलाधधपधत को की जाएगी जो धववाद को स्वयां धवधनित करेगा या ाईसे ऐसे ाऄधधकरण की

धनर्कदि करेगा जो ाआस प्रयोजन के धलये धनम्नधलधखत सदस्यों स ेधमलकर बनेगा, ाऄथायत्:-

(एक) धवश्वधवद्यालयों में से दकसी धवश्वधवद्यालय का कोाइ वररष्ठ कुलपधत;

(दो) राज्य सरकार का कोाइ वररष्ठ सधचव; तथा

(तीन) राज्य के स्तनात्कोत्तर ाआांजीधनयररग सांस्था का वररष्ठ प्राचायय.

61. पेंशन तथा भधवष्य धनधध.

धवश्वधवद्यालय ाऄपने ाऄधधकाररयों, ाऄध्यापकों, धलधपक वगय के कमयचारीवृन्द तथा ाऄन्य कमयचाररयों के

फायद ेके धलए ऐसी रीधत में तथा ऐसी शतों के ाऄध्यधीन रहत ेहुए जैसी दक पररधनयमों द्वारा धवधहत की जाए,

ऐसी पेंशन, बीमा तथा भधवष्य धनधध का गठन करेगा तथा ऐसे ाऄन्य फायद,े

सांधस्थत करेगा धजन्हें दक वह ाईधचत समझ.े

56

62. सद्भावपूवयक की गाइ कारयवााइ का सांरिण.

धवश्वधवद्यालय के दकसी ाऄधधकारी, ाऄध्यापक या ाऄन्य कमयचारी के धवरूद्ध दकसी भी ऐसी बात के धलए

जो दक ाईसके द्वारा ाआस ाऄधधधनयम या पररधनयमों या ाऄध्यादशेों या धवधनयमों के ाऄधीन सद्भावपूवयक की गाइ हो

या धजसका ाआस प्रकार सद्भावपूवयक दकया जाना ाअशाधयत रहा हो, कोाइ वाद, ाऄधभयोजन या ाऄन्य धवधधक

काययवाही नहीं होगी.

63. धशिण दने ेके धलए ाऄनुमोदन.

कोाइ भी व्यधक्त धवश्वधवद्यालय या महाधवद्यालया में -

(क) तब तक धशिण नहीं दगेा जब तक दक ऐसा व्यधक्त धवद्या पररषद ्द्वारा ाईस सांबांध में

धनधायररत की गाइ ाऄहतायएां न रखता हो; और

(ख) ऐस ेधवषय या धवषयों में तथा ाईसी स्तर तक, धजसके धलये धवद्या पररषद ्ने ाईसकी

ाऄहतायएां ाऄनुमोददत की हों. धशिण दनेा ाआसके धसवाय नहीं.

64. ाऄध्यापकों का वगीकरण.

(1) महाधवद्यालय के ऐस े ाअचायय, ाईपाचायय तथा प्राध्यापक और पॉधलटेकधनक के प्राध्यापक तथा

धवभागाध्यि जो ाऄधखल भारीतीय प्रौद्योधगकी धशिा पररषद ्(ए.ाअाइ.सी.टी.ाइ.) द्वारा ाऄधधकधथत की

गाइ धवद्या सांबांधी तथा ाऄन्य ाऄहतायएां और ाऄनुभव सांबांधी शतें पूरी करत े हैं तथा ाऄधखल भारतीय

प्रौद्योधगकी धशिा पररषद ् (ए.ाअाइ.सी.टी.ाइ.) वेतनमान में वेतन ाअहररत कर रह ेहैं या ऐसा वेतन

ाअहररत कर रह ेहैं धजस े राज्य सरकार द्वारा ाऄनुमोददत दकया गया ह,ै धवश्वधवद्यालय के ाअचायय,

ाईपाचायय, तथा प्राध्यापक के रूप में मान्य दकए जाएांगे और महाधवद्यालय के ऐसे प्राचायय जो सांबांधधत

धवषयों में न्यूनतम् ाईपाधध स्तर का न्यूनतम् 15 वषय का ाऄध्यापन ाऄनुभव रखत ेहैं तथा राज्य सरकार

द्वारा ाऄनुमोददत प्राचायय का वेतन ाअहररत कर रह ेहैं, धवश्वधवद्यालय द्वारा ाअचायय के रूप में मान्य

दकए जाएांगे.

(2) ‘‘ाऄधतधथ ाअचायय’’ (धवधऺजरटग प्रोफेसर) से ाऄधभपे्रत ह ैऐसा ाअचायय जो कायय पररषद ्द्वारा ऐसी ाऄल्प

ाऄवधध के धलए, जो छह मास से ाऄधधक नहीं होगी, जैसी दक सांधवदा में धनयत की जाए, ाअमांधत्रत दकया

गया हो

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(3) ऐसे ाऄध्यापक को, जो दकसी सांस्था में ाऄांशकालीन ाअधार पर धनयुक्त दकया गया ह,ै धवश्वधवद्यालय

द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी.

65. धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी के सदस्य की पदावधध.

(1) जब कभी ाआस ाऄधधधनयम के ाऄनुसार दकसी व्यधक्त को ज्येष्ठता के ाऄनुसार बारी-बारी से कोाइ पद धारण

करना हो या दकसी प्राधधकारी का सदस्य होना हो, तो ऐसी ज्येष्ठता ाआस ाऄधधररनयम में कोाइ प्रधतकूल ाईपबांध न

होन ेपर, पररधनयमों के ाऄनुसार ाऄवधाररत की जाएगी: परांतु जब तक दक ऐसे पररधनयम न बनाए जाएां दकसी

धवधशि सांवगय में ज्येष्ठता ऐसे सांबगय में की गाइ धनरांतर सेवा की ाऄवधध के ाअधार पर ाऄवधाररत की जाएगी और

जहाां दो या ाऄधधक व्यधक्तयों की ाईसी सांवगय में की गाइ सेवा की ाऄवधध एक सी हो वहाां ‘‘ज्येष्ठता’’ ाअयु में

ज्येष्ठता के ाअधार पर ाऄवधाररत की जाएगी.

(2) जब कभी कोाइ व्यधक्त ाईसके द्वारा धाररत ओहद ेया पद के ाअधार पर या कोाइ धवधनदयि ाऄहताय रखन े के

ाअधार पर दकसी प्राधधकारी का सदस्या बन जाता ह,ै तो वह ाईस दशा में, जब दक वह ाऄपनी सदस्यता की

ाऄवधध का ाऄवसान होन के पूवय ऐस ेओहद ेया पद पर न रह ेया ाईस दशा में जब दक ाईसकी सदस्यता की ाऄवधध

का ाऄवसान होन ेके पूवय ाईसमें ऐसी ाऄहताय न रह जाए, तत्काल ही ऐस ेप्राधधकारी का सदस्य नहीं रहगेा:

परांतु केवल ाआसी कारण से दक वह ऐसी कालावधध के धलए, जो चार मास स ेाऄधधक नहीं हो, छुट्टी पर चला गया

ह,ै ाईसके सांबांध में यह नहीं समझा जाएगा दक वह ओहद ेया पद का धारणकताय नहीं रह गया ह.ै

66. धवश्वधवद्यालय के सदस्य या ाऄधधकारी का त्यागपत्र.

(1) सभा, कायय पररषद,् धवद्या पररषद ्या दकसी ाऄन्य धवश्वधवद्यालयीन प्राधधकारी या सधमधत के पदने सदस्य

स ेधभन्न कोाइ भी सदस्य या सांकाय का सांकायाध्यि कुलसधचव को सांबोधधत पत्र द्वारा ाऄपना पद त्याग सकेगा

और त्यागपत्र कुलसधचव द्वारा पत्र प्राप्त दकया जान ेके समय स ेही प्रभावशील हो जाएगा.

(2) धवश्वधवद्यालय के सांकायाध्यि से धभन्न कोाइ भी ाऄधधकारी, चाह ेवह वैतधनक हो या ाऄन्यथा हो, कुलसधचव

को सांबोधधत पत्र द्वारा ाऄपना पद त्याग सकेगा. ऐसा त्यागपत्र ाईस तारीख स ेप्रभावी होगा धजस को दक वह

ाईस प्राधधकारी द्वारा प्रधतग्रहीत कर धलया जाता ह ैजो दक ाईस ररधक्त को भरन ेके धलये सिम हो.

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67. प्राधधकारी का सदस्य होन ेके धलय ेधनरहयता.

(1) कोाइ भी व्यधक्त, धवश्वधवद्यालय के प्राधधकाररयों में स ेदकसी भी प्राधधकारी का सदस्य चुने जान ेके धलए या

सदस्य होन ेके धलये धनरर्थहत होगा:-

(क) यदद वह धवकृत धचत्त का ह;ै या

(ख) यदद वह बहरा ह,ै मूक ह ैया दकसी साांसर्थगक रोग स ेपीधऺडत ह;ै या

(ग) यदद वह ाऄनुन्मोधचत ददवाददया ह;ै या

(घ) यदद वह दकसी धवधध न्यायालय द्वारा दकसी ऐसे ाऄपराध के धलए धसद्ध दोष ठहराया गया ह ैधजसमें दक

नैधतक पतन ाऄन्तवयधलत हो, और ाईसके सांबांध में कारावास स,े जो छह मास से कम का न हो, दांधडत दकया जा

चुका ह.ै

(2) यदद ाआस सांबांध में दक क्या कोाइ ाईपधारा (1) में वर्थणत धनरहयताओं में से दकसी धनरहयता के ाऄध्यधीन ह ैया

रहा था, कोाइ प्रश्न ाईद्भूत होता ह,ै तो वह प्रश्न कुलाधधपधत के धवधनिय के धलए धनदधेशत दकया जाएगा और

ाईस पर कुलाधधपधत का धवधनिय ाऄांधतम होगा और ऐसे धवधनिय के धवरूद्ध दकसी भी धवधध न्यायालय में कोाइ

वाद या ाऄन्य काययवाही नहीं होगी.

68. स्नातकों के रधजस्टर में स,े ाईपाधध पत्र (धडप्लोमा) धारकों के रधजस्टर में स ेया धवश्वधवद्यालय के दकसी

प्राधधकारी या धनकाय के दकसी सदस्य को हटान ेके शधक्त.

(1) कुलाधधपधत, कायय पररषद ्के धनवेदन पर दकसी भी व्यधक्त का नाम स्नातकों के रधजस्टर में से हटा सकेगा

और दकसी भी व्यधक्त का नाम धवश्वधवद्यालय के दकसी प्राधधकारी या धनकाय की सदस्या पर स ेहटा सकेगा,

यदद वह व्यधक्त -

(एक) घोर कदाचार का दोषी ह;ै और

(दो) ऐसा कायय करता ह ैजो धवश्वधवद्यालय के धहत पर प्रधतकूल प्रभाव डालने वाला ह:ै परांतु कुलाधधपधत ऐसी

दशा में प्रारांधभक जााँच करवाएगा तथा यदद ाईसका यह समाधान हो जाये दक प्रथम ्दिृया मामला बनता ह,ै

तो वह यथाधस्थधत ऐसे रधजस्रकृत स्नातक या दकसी प्राधधकारी या धनकाय के सदस्य पर धलधखत ाअरोप-पत्र की

तामील करेगा धजसमें यथाधस्थधत कदाचार का या धवश्वधवद्यालय के धहत पर प्रधतकूल प्रभाव डालन ेवाल ेकायय

का कथन दकया जाएगा.

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(2) ाअरोप पत्र के ाईत्तर पर, जो दक ाईसके पास यथाधस्थधत रधजस्रीकृत स्नातक या धवश्वधवद्यालय के प्राधधकारी

या धनकाय के सदस्य द्वारा ाईपधारा (1) के ाऄधीन भेजा गया हो, धवचार करन ेके पिात् कुलाधधपधत, यदद वह

यह समझता ह ै दक ाअगे दक काययवाही ाअवश्यक ह,ै जााँच ऐसे ाऄधधकरण को न्यस्त कर सकेगा धजसमें

कुलाधधपधत का नामधनर्कदधि एक व्यधक्त, कायय पररषद ्का एक नामधनर्कदि व्यधक्त तथा ाऄधभयुक्त रधजस्रीकृत

स्नातक या सदस्य, जैसी भी दक दशा हो, का नामधनर्कदि एक व्यधक्त होगा.

(3) ाऄधधकरण, यथाधस्थधत ाऄधभयुक्त रधजस्रीकृत स्नातक या सदस्य को सुनवााइ का ाऄवसर दने ेके पिात् तथा

ऐसे साक्ष्य की, जो दक ाअवश्यक हो, परीिा करन े के पिात् ाऄपना धनष्कषय ाऄधभधलधखत करेगा और ाईसे

कुलाधधपधत की ओर ाऄगे्रधषत करेगा; और

(4) कुलाधधपधत ाऄधधकरण की ररपोटय पर धवचार करन ेके पिात् ऐसे ाऄांधतम ाअदशे पाररत कर सकेगा जैसे दक

वह ाअवश्यक समझ:े

परांतु कोाइ भी ाअदशे तब तक पाररत नहीं दकया जाएगा जब तक दक, यथाधस्थधत, ाऄधभयुक्त रधजस्रीकृत स्नातक

या सदस्य हो, यह कारण दशायने का दक ाईसके धवरूद्ध प्रास्ताधवत कारयवााइ क्यों न की जाए, युधक्तयुक्त ाऄवसर

नहीं द ेददया गया हो.

69. करठनााआयों का धनराकरण

यदद ाआस ाऄधधधनयम के प्रारांभ होन ेके पिात धवश्वधवद्यालय के दकसी प्राधधकारी के प्रथम् गठन या पुनगयठन के

सांबांध में या ाऄन्यथा ाआस ाऄधधररयम के ाईपबांधों को प्रभावशील करन ेमें कोाइ करठनााइ ाईद्भूत होती ह ैतो राज्य

सरकार, ाईस ाऄवसर पर जैसा ाऄपेधित हो ाईसके ाऄनुसार, ाअदशे द्वारा कोाइ भी ऐसा कायय कर सकेगी जो

करठनााइ का धनराकरण करन ेके प्रयोजन के धलए ाअवश्यक प्रतीत हो.

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