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RNI No.-MAHBIL/2016/66409 Postal Registration No.-PCE / 089 / 2016-2018 License to Post without prepayment No.-WPP-255/31.12.2018 Editor - Prafulla Parakh वष 2 अक 9 I मय - .1/- I सतर 2017 I प - 8 मथन: िववाह एव परवार - गभीर चनौितय के िशकार ......3-4 राीय अय क कलम स.े .................2 टूटते ववाह बखरते परवार “चलो इक बार फर से... अज़नबी बन जाएं हम दोनो..” अपसयक सचनाए............................7 BJS गितिविधया..............................5-6 बीजेएस के आगामी परचय समल ेन.......8

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  • RNI No.-MAHBIL/2016/66409Postal Registration No.-PCE / 089 / 2016-2018License to Post without prepayment No.-WPP-255/31.12.2018

    Editor - Prafulla Parakh

    वष� 2 अकं 9 I म�य - �.1/- I �सत�र 2017 I प� - 8 ृू

    मथन: िववाह एव प�रवार - ं ं गभीर चनौितय� के िशकार ......3-4 ं ु

    रा��ीय अ�य� क� कलम स.े.................2

    टूटते �ववाह

    �बखरते प�रवारं“चलो इक बार �फर से... अज़नबी बन जाएं हम दोनो..”

    अ�पस�यक सचनाए............................7ं ंू

    BJS गितिविधया..............................5-6 ं

    बीजेएस के आगामी प�रचय स�मले न.......8

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    �फु� पारखरा�ीय अ��, भारतीय जैन संघटना�

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    ि�य आ�मजन,

    �वत��ता िदवस के दो िदन प�ात , एक �हाटसअप पो�ट िमली, िलखा था "ि�य दशेवािसय� - सोने जा रही ह�,ँ अब 26 जनवरी को ् ्जागँगी. त�हारी - दशेभि�." यह कट वा�तिवकता ह ैिक हमारी दशेभि� को तो जैसे �हण ही लग गया ह.ै दशेभि� हते र� क� निदयाँ बहा दनेा ू ु ु ुया शहीद हो जाना ज�री नह� ह.ै घर व मौह�ले को �व�छ रखने के सक�प के साथ "�व�छ भारत अिभयान" म � जड़ना भी दशेभि� ही ह.ै ं ुगाधीजी ने 1942 म � भारत छोड़ो आदोलन श� िकया था, िजसके 75 वष � पण � ह�ए. स�ढ़ रा�� के िनमा�ण व भावी पीिढ़य� के सरि�त व �गितशील ं ं ु ू ु ुजीवन के िलए हम � भी आज बह�त कछ छोड़ने क� आव�यकता ह.ै �वत�ता के फलव�प िमले नाग�रक अिधकार� के द�पयोग क� �थाई �प से ु ं ुहमम � घर कर चक� मानिसकता, रा��ीय च�र� म � िमला ��ाचार, दशे के मह�व को नज़रअदाज कर मा� �वय के िहत� क� सोचना आिद बह�त कछ ु ं ं ुसमाज व दशे िहत म � बदलने या छोड़ने क� आव�यकता ह.ै

    ह�रयाणा म � 25 अग�त, 2017 को ह�ए िहसा के ताडव म � अनेक िनद�ष नाग�रक मारे गए. वाहन�, रेलगािड़य�, रे�वे �टेशन� एव ं ं ंसरकारी काया�लय� को आग लगा दी गई. रा��ीय सपि� को फकना फैशन सा बन चका ह.ै दशे मा� एक श�द नह� ह ैअिपत उसके नाग�रक� क� ं ं ू ु ुिन�ा एव कत��य परायणता का �ितफल ह.ै दशे के िलए दभा��य पण � ह ैिक हमारी िगनती आज भी तीसरे िव� के दशे� म � होती ह.ै िव� के िवकिसत ं ूुदशे �थम या ि�तीय िव� के दशे� क� सची म � ह,� जबिक लगभग 80 दशे तीसरे िव� क� �णेी म � इसिलए ह � �य�िक आज भी वहा असमानता, ू ंगरीबी और भखमरी, बाल म�य दर, �ाथिमक �वा��य व िश�ण का अभाव जैसी सम�याए यथावत ह.� िपछले 7 दशक� म � हमन� तमाम �े�� म �ृु ु ंिवकास का �वज लहराया ह ैिजसे िव� ने सराहा भी ह,ै बावजद इसके हम तीसरे िव� के दशे� क� सची से बाहर नह� िनकल पाये ह � जो हमारे दशे व ू ूदशेवािसय� के िलए अपमानजनक ि�थित से कम नह� ह.ै दशे क� �वत��ता के म�य को समझ, उसे आ�मसात कर नाग�रक धम � का िनव�हन कर�गे ूतब ही भारत माता क� अि�मता और अखडता को हम सरि�त रख सक� गे.ं ु

    जलाई, 2017 के अितम भाग म � �कित ने रौ� �प धारण िकया. उ�र गजरात के उ�रकाठा व राज�थान के जालौर, िसरोही एव बाडमरे ृु ं ु ं ंिजल� म � अितवि� के फलव�प आयी बाढ़ म � जनहािन के अित�र� रा�त� व पल� को भारी �ित पह�ची. जालौर िजले के साचोर म � बड़ी स�या म �ृ ु ं ं ंसचािलत गौशालाओ के हजार� पशओ क� मौत हो गई. भारतीय जैन सघटना के महारा�� व राज�थान के काय�कता�ओ के साथ �वय मन� े 10 ं ं ु ं ं ं ंअग�त, 2017 को साचोर म � पथमड़ेा सिहत िविभ�न गौशालाओ का �मण िकया. जैन समदाय के अित�र� अनेक सेवाभावी पजीकत व ृं ं ु ंअपजीकत स�थाओ �ारा जीवदया पर बह�त ही बड़े �तर पर लाख� क� स�या म � पशओ क� सेवा व दखेरेख का काय� करते दखेकर जहा मन �स�न ृं ं ं ं ु ं ंह�आ, वह� गौशालाओ क� दयनीय हालत व शडे के अभाव म � पशओ को खले आकाश के नीच ेरखने क� ि�थित ने हदय को �िवत कर िदया. खले ं ु ं ु ुॄआकाश म � सद�, गम� व वषा� ऋत क� मार सहन करते इन मक पशओ क� लाचारी को ��य� �प से दखेा. वहा से लौटते समय इस पर िचतन-मनन ु ू ु ं ं ंकरता रहा िक आपदा �बधन म � बीजेएस के िपछले 25 वष� के अनभव का इन आपदा��त पशओ और गौशालाओ को �थाई लाभ िकस तरह ं ु ु ं ं�दान िकया जाये ? मझ ेसहष � सिचत करना ह ैिक गौशालाओ क� ि�थितय� एव उनक� आव�यकताओ के अन�प 20x80 िफट के �ित 50 ु ू ं ं ं ुपशओ के िलये पया��, िविभ�न गौशालाओ म � कल 50 शडे िनमा�ण का िनणय� िलया गया. पशओ क� र�ा एव सेवा कर उनसे लाभाि�वत होना ु ं ं ु ु ं ंहमारी सा�कितक िवरासत ह.ै म � दशेवािसय� से व िवशषेकर जैन समदाय से अपील करता ह� ँिक इन मक पशओ के बेहतर जीवन ि�थितय� के ृं ु ू ु ंिनमा�ण व जीवदया क� स�कित के सर�ण म � वे आगे आए. ृं ं ं

    िम��! जैन समाज म � वैवािहक सम�याओ के िनवारण हते तथा सम�या के बदलते �व�प� के अनसधान म � बीजेएस गत 25 वष� से ं ु ु ंिनयिमत प�रचय स�मलेन� का आयोजन दशे भर म � कर रहा ह.ै बदलते समय म � उ�च िशि�त यवक-यवितय� म � जीवन साथी चयन के सदभ � म �ु ु ंबदलती सोच एव आव�यकताओ के म�नेजर िवशषे �कार के प�रचय स�मलेन� का आयोजन भी गत कछ वष� से िकया जा रहा ह.� गजरात ं ं ु ुबीजेएस ने 13 अग�त, 2017 को िवधवा-िवधर एव तलाकशदा हते राजकोट म � प�रचय स�मलेन आयोिजत िकया. पनिव�वाह के इ�छक प�ष-ु ं ु ु ु ु ुमिहला ��यािशय� से �ा� 395 �िवि�या, जैन समाज म � टटते िववाह एव िबखरते ह�ए प�रवार� क� कहानी �वय कह रही थी. स�मलेन का स� ं ू ं ं ूसचालन मन� े �वय िकया व ��यािशय� से सा�ा�कार कर सम�या व कारण� को समाज के सम� रखने करने का �यास भी िकया. टटते िववाह� क� ं ं ूिदन-�ितिदन बढ़ती स�या िनि�त ही िचता का िवषय ह ै�य�िक प�रवार ही नह� िबखर रह ेअिपत अनेक गभीर सामािजक सम�याओ का ज�म हो ं ं ु ं ंरहा ह.ै िववाह� के टटने क� स�या तेजी से बढ़ रही ह.ै बड़ी स�या म � िववाह टटने के कारण �या ह � ? आने वाले वष� म � इस दर म � ओर िकतनी वि� ृू ं ं ूहोगी ? �या सम�या का समाधान सभव होगा ? ऐसे अनेक �� ह,� िजनका उ�र समाज को खोजना ह.ै इस िवषय पर “मथन” म � सारगिभत� लेख के ं ंमा�यम से िवषय पर िचतन ��तत िकया ह,ै िजस पर आपका �यान आकिषत� करना चाहता ह�.ँ ं ु

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    3 �मशः

    िववाह एव प�रवार - गभीर चनौितय� के िशकार ं ं ु सबध और समझ का समीप ं ंका नाता ह.ै जहा समझ ह ैवहाँ �नेह ह.ै ंसमझ िसवाय के सबध जीए नह� जाते ं ं

    अिपत ख�च ेजाते ह.� समझ िसवाय का �नेह ुभी अथ�हीन होता ह.ै जहा समझ ह ैवहाँ �नेह ह ैं

    और जहा �नेह ह ैवहाँ सबध ह.ै स�ब�ध� क� सीधी रेखा खीचना सभव नह� ं ं ं ंह.ै चढ़ाव-उतार क� इस या�ा म � गत�य तक पह�चँने क� कला सीखने म � ही ंसफल दा�प�य का म� िछपा ह.ैं

    समझ, धयै� तथा सहनशीलता के अभाव का वायरस हमारी कछ ुव िवशषेकर यवा पीढ़ीय� म � गहराई तक घस चका ह ैजो प�रवार �पी ु ु ुसॉ�टवेयर को तहस-नहस कर रहा ह.ै स�ी का अि�त�व चाह ेमन�य हो या ृ ुिफर पश-प�ी या वन�पित, �जनन �ि�याओ पर सपणत� ः आधा�रत ह.ै ु ं ं ूमानव के �थायी वसन के साथ स�यताओ के �िमक िवकास का दौर ं�ार�भ ह�आ. िव� क� िवकिसत या अिवकिसत ��येक स�यता ने िववाह क� �यव�था को प�रवार नामक स�था हते �वीकारा ह,ै िक�त पा�ा�य ं ु ुस�कित म � जहा िववाह मा� एक अनबध ह ैवह� भारत म � यह एक पिव� ृं ं ु ंस�कार तथा धािमक� उ�सव ह ैिजसे ई�र को सा�ी मानकर अि�न के सम� ंसात फेर� से उन सात आव�यक समझ (वचन�) को जीवन पय��त िनभाने क� �ित�ा ली जाती ह.ै

    उद � श�दकोश से ‘तलाक’ व अ�ेँजी श�दकोश से ‘डायवोस�’ ूश�द दशे म � �चिलत ह�ए. िह�दी श�दकोश म � ऐसे श�द को �थान ही नह� ह ैजो तलाक या डायवोस� का पया�यवाची हो, �य�िक हमारी भाषा ही हमारी स�कित का �ितिनिध�व करती ह ैऔर ृंभारतीय स�कित म � िववाह के टटने या पित-पि�न के अलग-ृं ूअलग रहने का �ावधान ही नह� रखा गया व िववाह सात ज�म� का बधन माना जाता रहा. वत�मान समय म � िववाह एव प�रवार क� ं ंस�था गभीर ि�थितय� का सामना कर रही ह.ै दशे क� स�कित म � जहा ृं ं ं ंिववाह के टटने क� क�पना को �थान ही नह� था वह� आज िववाह टट ही ू ूनह� रह ेअिपत उनक� स�या वष=� �ितवष � बढ़ती जा रही ह.ै िनःसदहे ु ं ंअम�ेरका म � इसक� 50% दर के सामने यह अपने दशे म � यह नग�य-सी बतलाई जाती ह,ै िक�त कछ आकड़े ह � जो सभी को च�का दनेे हते पया�� ह.� ु ु ं ुवष � 2010 म � मबई म � 5245 तलाक के केस �यायालय� म � आए, जबिक वष �ंु2014 के नवबर माह यािन मा� 9 महीन� म � 11667 दज� ह�ए. कोलकाता म �ंवष � 2003 म � 2338 केस के मक़ाबले 2014 नवबर माह तक 8347 केस दज़� ु ंह�ए. गत एक दशक म � 350% तक क� वि� िनि�त ही िचता का िवषय ह.ै ृ ं

    गत कछ दशक� म � स�कित के वै�ीकरण व सामािजक प�रवत�न� ृु ंक� आिधय� के प�रणाम�व�प लगभग सभी समाज� म � मिहलाओ क� ं ंश�ैिणक, सामािजक व आिथ�क ि�थितय� म � सधार ह�आ ह.� िलग आधार ु ंपर सिदय� से ��थािपत असमानताओ एव भदेभाव क� पर�पराए ने�तनाबद ं ं ं ूह�ई ह.� िववाह क� अवधारणाओ के �ित आमतौर पर नज़�रये म � भारी ंबदलाव आया ह.ै �ेम िववाह� क� स�या बढ़ी ह ै वह� िववाह का ंउ�रदािय�व जो प�रवार के िनय�ण म � था अब ��यािशय� क� इ�छा व �िच ंपर िनभर� हो गया ह.ै बदलते सामािजक प�रवेश म � इस तरह के प�रवत�न� से चौकने क� बजाय इ�ह � �वाभािवक तथा सामा�य नज़�रये से दखेना अिधक उपय� लगता ह.ै वैिदक काल म � इस तरह के िववाह सामा�य तो नह� थे ुिक�त समाज �वीकत अव�य थे. राजा द�यत का शकतला से गधव� िववाह ृु ं ं ु ंुव सीता का �वयवर म � �ीराम का चयन उदाहरहण �व�प समझ ेजा सकते ह.ै ं

    आधिनक यग म � िनत बदलते सामािजक प�रवेश म � जहा नवीन ु ु ं�कार क� सम�याए उ�िवत ह�ई ह,� वह� िपछले कछ दशक� म � अि�त�व म �ं ुबनी ह�ई सम�याओ के �व�प� म � प�रवत�न आया ह.ै टटते िववाह के कारण� ं ूका िव�ेषण एव सम�या के िनराकरण म � कछ �प� अिभ�ाय ��तत ह � :ं ु ु

    िव�ास एव पारदश�कता का अभाव ं

    �यि�वािदता से �िसत आज क� पीढ़ी पर�पर िव�ास, आदर-स�मान, यो�य सवािदता एव पा�रवा�रक म�य� के जतन क� स�कित से ृं ं ू ंिसिचत नह� ह.ै अब िव�ासय� यो�य वातावरण िनमा�ण म � पर�पर स�मान ं ुया ��े सवािदता के साथ दिैनक जीवन म � नवीनताओ को आव�यक �प से ं ंजोड़ना होगा, �य�िक आधिनक यग म � �यि�गत जीवन अगत या गोपनीय ु ु ंनह� रह.े अब ऐसी पा�रवा�रक स�कित के िनमा�ण क� आव�यकता ह ैृंिजसम � मोबाईल, क��यटर, फेसबक आिद के कोड (Code) गोपनीय न ह�. ू ुटेलीफ़ोन calls क� िवगत प�रवारजन को �वे�छा से उपल�ध करा कर जैसे �ी-पेड मोबाईल िबल �यव�था आिद से पर�पर िव�ास सपािदत िकया ंजाना चािहए.

    अहकार ं

    आज क� सिशि�त पीढ़ी म � यह रोग सामा�यतः �या� ह,ै जो ुपित-पि�न म � टकराव का कारण बन रहा ह.ै दोन� म � से कोई एक, अहकार ंछोड़ जीवन साथी को समझने क� तैयारी नह� दशा�ता. उसे लगता ह ैहर बार,

    म � ही �य� ? जड़ वैचा�रक दायरे से बाहर आकर ही जीवन साथी के �ित िवकिसत दल��ता को समा� िकया जा सकता ह.ै पित ुिजसक� पि�न से नह� बनती थी एक सत के पास गया और कहा ंिक “म � उसे समझा-समझा के थक गया ह�.ँ वो मझ ेसमझने को ुतैयार ही नह� ह”ै सत ने उ�र िदया “तझ ेसमझाने क� नह� समझने ं ुक� आव�यकता ह.ै हो सकता ह ैवो तझ ेसमझाती हो और त ु ू

    समझने को तैयार न हो” दोन� म � से एक को तो समझना रहा अ�यथा सम�या का अत नह� होगा. �वय के िवचार� म � िसमटे आज के यगल जीवन ं ं ुको कड़वाहट से भर रह ेह.� जीवन म � मधरता होगी तो सहवास सौलह कला ुिखलेगा, अ�यथा घर क� दीवार� को भी रोने का मन करेगा.

    धैय�, सहनशीलता एव सामज�य का अभावं ं

    आ�मीयता एव �पदनता का बढ़ता अभाव �यि� क� �वाथ� ं ंमानिसकता तथा कट �वभाव का कारण ह.ै िववाह के फल�व�प घर म �ुआई बह� से �ायः यह अपे�ा क� जाती ह ै िक वह सव�गण स�प�न हो. ुआधिनक यग म � ज�मी और प�लिवत ह�ई यवितय� पा�रवा�रक एव ु ु ु ंसामािजक म�य� को समझने का ठीक से अवसर ही �ा� ही नह� होता. ूउनसे धयै�, सहनशीलता जैसे आचार-िवचार एव �यवहार क� अपे�ा ंकरना पा�रवा�रक कलह व �लेष का म�य कारण होगा. बह� को प�रवार ुका सही अथ� म � सद�य बनाने हते पित ही नह� अिपत प�रवार के सद�य ु ुिवशषेकर बजग�जन को धयै� व सहनशीलता िदखलानी होगी. उसके साथ ु ुबेटी जैसा �यवहार होगा तब ही बात बनेगी.

    बा� स�ब�ध� का िवकास

    बदलते सामािजक प�रवेश म,� यवा�था एव िश�ाकाल म � िकसी ु ंतरह के आ�मीय या बा� सबध �थािपत होना अब सामा�य-सी बात ह.ै ं ंिक�त िववाह के प�ात भी, उन स�ब�ध� को कायम रखना िववाह� के टटने ु ूका कारण बन रहा ह.ै मानिसक तनावय� जीवन जो आधिनक यग क� दने ु ु ुह,ै पित-पि�न के भटक कर अ�य पा�� के साथ स�ब�ध� के िवकास का

  • 4

    िसलिसला भी बड़ी मा�ा म � िववाह के टटने का कारण बन रहा ह.ै �ेम एव ू ंआ�मीयता प�रवार से बाहर �ा� करने क� लालसा ही आज अनेक प�रवार� के िबखराव का कारण ह.ै िववाह एव प�रवार के उ��ेय� के �ित �यि�गत ंसामािजक उ�रदािय�व� को समझकर ही पित-पि�न प�रवार को जीिवत रख सक� गे.

    �ेम िववाह और घटता शारी�रक आकष�ण

    हम सभी भली भाित अवगत ह � िक िपछले कछ दशक� म �ं ुलगभग जैन समाज सिहत अ�य समाज� म � भी �ेम िववाह का �चलन बढ़ा ह.ै िववाह के �ित आ�था, गभीरता, समझ व उ�रदािय�व� क� अपे�ा ंसामा�यतः शारी�रक आकषण� का मह�व �ेम िववाह म � अिधक होता ह.ै कालातर म � �ेम िववाह िजसम � कभी शारी�रक आकषण� म�य क� � म � था ं ुकछ समय प�ात चमक खो दतेा ह,ै जो मतभदे�, तकरार� के �प म �ुिवकिसत होकर अ�ततः टटने के कगार पर खड़ा हो जाता ह.ै प�रवार के ूव�र� सद�य यवा पीढ़ी को �ेम िववाह क� गण� अवगण� से समय रहते ु ु ुिशि�त कर� तो सम�या का कछ सीमा तक िनदान सभव होगा. ु ं

    अनपेि�त अपे�ाए ँ एव दोहरे मापदड ं ं

    यह िशकायत आमतौर पर क� जाती ह ैिक हम दोहरे मापद�ड� को जीने के आिद हो चके ह.� अपने िलए कछ व अ�य के िलए और कछ, इस ु ु ु�यािध से लगभग हम सभी पीिड़त ह.� िक�त जब बेटी और बह� के म�य भदे ुक� रेखा खीच दी जाती ह,ै तो छोटे-छोटे कलह से �ार�भ होकर इस या�ा का अत िववाह के टटने से होता ह.ै बेटी अपनी हो या अ�य प�रवार क�, ं ूदोन� ही ससराल म � आ�मीयता व अपनापन चाहती ह.� जमाना ुबदल चका ह,ै अब बह� को बेटी कह दनेे भर से काम चलने वाला ुनह� ह.� यह घर के व�र� सद�य� का उ�रदािय�व ह ैिक बह� को स�मान िदल से द,� उसके साथ भदे भाव न कर�. उसम � यिद किमया ंह,� तो समझदारी से धयै� के साथ दर करने के उपाय� हते �यास ुूकर�, प�रणाम िनि�त ही बेटे व प�रवार हते सखद रहग� े. ु ु

    अनाव�यक ह�त�ेप

    वत�मान समय म � छोटे-छोटे प�रवार अि�त�व म � आए ह,� िजनम �अिधकतम दो सताने होती ह.� यह एक बह�त बड़ा कारण ह ैिक सतान� के ं ं�ित सीमा से अिधक परवाह करने का भाव या मानिसकता अिभभावक� म � बनी रहती ह,ै जो वत�मान म � िववाह� के टटने के कारण� म � म�य ह.ै ससराल ू ु ुम � रह रही बेटी से बार-बार बातचीत करना, उसके प�रवार के मामल� म � बेटी को अनाव�यक सलाह दनेा या ह�त�ेप करना, बेटी के िहत म � हो न हो, िक�त ससराल प� हते अिहतकारी िस� हो रहा ह.ै माता-िपता के हाथ� से ु ु ुबेटी के घर म � आग लगाना अब आम होता जा रहा ह.ै

    इतना ही नह� बेटे के माता-िपता या व�र� प�रवारजन भी बेटे-बह� के बीच तनाव या मतभदे उ�प�न करते दखे ेजा सकते ह.� बेटे-बह� यिद दसरे ूनगर/शहर म � रहते ह�, तो उनके जीवन यापन के तौर तरीक� म � गलितयाँ िनकालना या प�रवार के कायद ेिनयम लादने क� अनाव�यक कोिशश क� जाती ह.ै व�र�जन अिधकार दशा�ने के �थान पर बेटे-बह� के जीवन यापन को �वीकार कर�, अब यह समय क� माग ह.ै ं

    िनद�यता एव िहसां ं

    जैन दशन� का म�य आधार ही अिहसा जैसा परमत�व ह.ै जैन ु ंसमाज के प�रवार� म े�रता, िनदय� ता, िहसा या द�य�वहार क� तो क�पना ही ू ं ुनह� क� जा सकती, िक�त दभा��यवश जैन प�रवार� म � अप�यवहार के िक�से ु ुबढ़ रह ेह.� प�रवार के सद�य� िवशषेकर पित-पि�न के म�य समझ एव ंसामाज�य के अभाव म � �र�त� म � कड़वाहट आ रही ह ैिजसक� प�रणित ं

    शाि�दक या शारी�रक िहसा म � हो रही ह.ै िहसा प�षवग� �ारा ही नह� अिपत ं ं ु ुप�रवार क� मिहला सद�य� �ारा भी क� जाती ह.ै कहते ह � मन�य आदते ुबदल सकता ह ै�वभाव नह�. यही कारण ह ैिक ऐसे प�रवार� म � जहा िनत ंकलह होता हो, िववाह के टटने व प�रवार के िबखरने क� सभावनाए अिधक ू ं ंरहती ह.� आज सास-बह� ही नह� अिपत िपता-प� के स�ब�ध� म � भी वो ु ुआ�मीय सवेदनशीलता तथा उ�रदायी गमज� ोशी का अभाव ह.ै लगता ह ैंजैसे मजबरी म � एक दसरे को सह रह ेह�. प�रवार के सद�य� को उनके जीवन ू ूम � आ�मीय एव जीवत स�ब�ध� के मह�व को समझना ही होगा, अ�यथा ं ंप�रवार िबखरते ही रहग� े.

    अिभभावक� के बदलते उ�रदािय�व

    जैन समाज क� यवा पीढ़ी िवशषेकर यवितयाँ बड़ी स�या म �ु ु ंउ�च िश�ा �ा� कर रही ह.ै अिधकाश को िश�ण अ�यास के दौरान ंप�रवार से दर रहना पड़ता ह,ै फल�व�प पा�रवा�रक या सामािजक म�य� ूूक� अहिमयत, पा�रवा�रक स�कित, उ�रदािय�व� को समझने या ृंआ�मसात करने का अवसर ही नह� िमलता. प�रवार म � आई बह� या दसरे ूप�रवार म � गई बेटी दोन� क� ि�थित एक समान ही होती ह ै �य�िक वे सामा�यतः गहकाय� म � िनपण नह� होती. दसरी तरफ आज भी बह� से वह ृ ु ूसब अपेि�त ह ैजो कछ दशको पव� एक सामा�य-सी िशि�त व गिहणी से ृु ूअपेि�त था. उ�चिशि�त बह� को हम लाते अव�य ह � िक�त अपे�ा यही ुहोती ह ैिक वह �वय को कशल गिहणी सािबत करे, बावदद इसके िक वह ृं ु ू�यवसाय या नौकरी के साथ अथ�पाज�न कर रही ह.ै इन प�रि�थितय� म � बह�

    को भलाबरा कहना व उसके माता-िपता को कोसना सव�था ुअनिचत ह.ै ु

    िजनके सतान� के िववाह ह�ए ह,� ऐसे अिभभावक� के पा�रवा�रक ंउ�रदािय�व� का दायरा अब बढ़ गया ह.ै उ�ह � प�रवार को भी सभालना ह ैऔर बेटे-बह� के उ�रदािय�व� का भी िनव�हन करना ं

    ह ै �य�िक यह समय क� माग ह.ै िजन माता-िपता ने समय क� ंनजाकत को समझते ह�ए अित�र� उ�रदािय�व� को सहष � �वीकार िकया ह,ै प�रवार क� शाित व �गित का कारण बन रह ेह.� बह� वह पौधा ह ैिजसक� जड़े ंकह� ओर जमी ह�ई थी लेिकन अब उसे उखाड़कर दसरी जगह रोिपत िकया ूगया ह.ै उसे हवा, पानी, रोशनी, खाद और दखेभाल सभी क� आव�यकता ह.ै इस वा�तिवकता को समझग� े तो ही बेटे-बह� के �ित अपेि�त �याय कर सक� गे.

    आधिनक यग म � नवीन सम�याओ के उ�र �ाचीन पर�पराओ, ु ु ं ंस�कित या ��थ� म � ही खोजते रहग� े तो िनत बदलती जीवन शलैी से य� ृं ुजीवन स�ाम म � परािजत होते ही रहग� े. िववाह के टटने के कारण� के ं ूिव�ेषण से अिधक मह�वपण � समाधान� हते �यास करना ह.ै िववाह हते ू ु ुपर�पराओ से हटकर, आदरणीय म�थाजी �ारा �र�त� तय करने क� ं ु��तािवत नवीन प�ित को, हमारी नई पीढ़ी पर िव�ास रखते ह�ए उ�ह � ही उनक� वैचा�रक� व �ाथिमकताओ के अनकल कछ यो�य पा� प�रवारजन ं ु ू ुको सझािवत करने हते �ो�सािहत करना चािहए. इस सझाव म � िविभ�न ु ु ुसम�याओ के कछ सीमा तक िनराकरण के अित�र� िववाह� के टटने क� ं ु ूसम�या के िनदान क� �बल सभावनाए िदखाई दतेी ह.� िववाह टटने के बढ़ते ं ं ू�चलन के सदभ � म � आदरणीय म�थाजी ने वष � 2010 म � बीजेएस के रा��ीय ं ुअिधवेशन म � यह घोषणा क� थी क� आगामी मा� कछ दशक� म � ��येक दो ुिववाह म � से एक िववाह टटेगा. यह �मरण म � रखना होगा िक समय व काल ूके िलए ‘U Turn’ नह� होता और समय रहते उ�रदायी अिभगम से प�रवार व समाज को तहस-नहस करने चल पड़ी उस आधी को मोड़ नह� सके तो ंगित अव�य कम कर सक� गे.

  • 5

    बीजेएस गितिविधयाँ एव समाचार ं

    जैन प�रचय िमलन (िवधवा-िवधर, प�र�य�ाओ हते), आ�मीय कालेज-राजकोट (गजरात)-13 अग�त, 2017, �िवि�या - 395 ु ं ु ु ं

    �माट� गल� काय�शाला – िदनाक 2-3 अग�त, �थान- बो�गाईगाँव-गवाहटी(असम), ं ु�ितभागी स�या 39, �िशि�का - �ीमती अि�मता दसेाई, राजकोटं

    महारा�� म� स�प�न हए “�यवसाय िवकास काय��म’� िबजनेस ग� - �ी राकेश जैन ‘�खर’, इदौर �दारा िदनाक 1 से 5 अग�त, 2017 तक महारा�� रा�य के िविभ�न शहर� म � �यवसाय िवकास काय��म ु ं ं��तत िकये, िजसम � 2500 से अिधक �यवसियय� ने उपि�थित दज� क�. इस दौरान काय��म �भारी के �प म � �ी मह�� मडलेचा (रा�य सिचव), �ी दीपक ु ंचोपड़ा (रा�य काय�का�रणी सद�य), �ी केयर कामदार-लातर,-�ी सजय दवेड़ा-कल�ब, �ी �तापमल बाफना-मालेगाव, �ी समितलाल-सगमनेर, �ी ू ू ं ं ु ंकाितलाल �ी�ीमाल-पाचोरा, �ी पारस चौरिड़या-औरगाबाद, �ी अ�य िभकमसी-खामगाव, �ी िहमाश वोरा-यवतमाल, �ी रोशन डागा-िहगनघाट, �ी ं ं ं ं ु ंनरेश जैन-नागपर उपि�थत रह.े इस काय��म से म�य �प से जैन समाज के यवक� एव �यवसाियय� ने �यवसाय �े� म � तेजी से आ रह ेबदलाव, टे�नालजी का ु ु ु ंउपयोग, सभािवत नवीन �यवसाय उप�म, ए�सपोजर को जाना-समझा एव माग�दशन� �ा� िकया.ं ं

    भारतीय जैन सघटना के �ी �ानचद आचिलया, िसरकाली �दारा ं ं ं15 वा िन:श�क आखँ जाँच िशिवर के आयोजन म � अरिव�द हाि�पटल, ं ुपािडचरेी म � 900 रोिगय� का परी�ण एव 260 मरीज� का मोितयािबद ं ं ं

    के िन:श�क आपरेशनु

    �माट� गल� - �ेनस � �ेिनग - िदनाक 11-12 अग�त, �थान- कवरबाई धमश� ाला, जामनगर (गजरात), �ितभागी स�या - 54 ं ं ं ु ु ं

  • �माट� गल� काय�शाला – िदनाक 14-15 अग�त, ं�थान- �थानक भवन, अ�क�पेट (कना�टक),

    �ितभागी स�या – 40, �िश�क – �ी िदनेश पालरेचा, बगलौरं ं

    �माट� गल� काय�शाला – िदनाक 17-18 अग�त, ं�थान- डोडनवार हाई�कल, बेलगाम (कना�टक), ू

    �ितभागी स�या – 56, �िशि�का �ीमती �मा पािटल, बेलगामं

    कना�टक / तिमलनाड बीजेएस गितिविधयाँ ू

    िव�ाथ� �ितभा प��कार, होसपेट (कना�टक) िदनाक 12 अग�त, ु ं�ितभागी- 115 िव�ाथ�

    �माट� गल� काय�शाला – िदनाक 11-12 अग�त, �थान- एल.एम. भारतेश ंइि�लश मीिडयम �कल, बेलगाम (कना�टक), �ितभागी स�या – 48, ं ू ं

    �िशि�का - �ीमती सजीवनी कद�बा, बेलगामं

    �माट� गल� काय�शाला – िदनाक 12-13 अग�त, �थान- रोटरी पी.य.कालेज, ं ूरानेब�नर (कना�टक), �ितभागी स�या-85, �िशि�का - �ीमती िवमला�ी, मसैरु ं ू

    िव�ाथ� �ितभा प��कार, मसैर (कना�टक) िदनाक 15 अग�त, ु ू ं�ितभागी- 45 िव�ाथ�

    �टड�ट असेसमट� �ो�ाम - 8 अग�त, �थान-�ी पारसनाथ हाई �कल,ू ूिच�दगा�-बेलगाम (कना�टक), �ितभागी- 50 िव�ाथ�ु

    �माट� गल� �ेनर �ेिनग (FJEI) काय�शाला – िदनाक 5-6 अग�त, �थान- जी.एस.एस.कालेज, वेपेरी-च�ैनई ं ं(तिमलनाड), �ितभागी स�या – 60, �िश�क – �ी राज�� लकर, इरोडू ं ं ु

    6

    �माट� गल� काय�शाला – िदनाक 12-13 अग�त, ं�थान- �ी आिदनाथ जैन भवन, िशमोगा (कना�टक), �ितभागी स�या – 41, ं

    �िशि�का - �ीमती �ेता बागमार, गडग�माट� गल� काय�शाला – िदनाक 12-13 अग�त, ं

    �थान- �ी िजने�र मीिडया कपनी चामराजपेट, ब�गलोर (कना�टक), ं�ितभागी स�या: 30, �िश�क �ी रणमल गलेचा, ब�गलोरं ु

  • अ�पस�यक छा�वि� आवेदन हेत अब ृ ुंआय �माणप� आव�यक

    अ�पस�यक म�ालय, भारत सरकार ने आदशे िदनाक 22 ं ं ंअग�त, 2017 से रा�य के अिधकत सरकारी अिधकारी �ारा जारी आय ृ�माणप� को वत�मान श�ैिणक वष � 2017-18 से आवेदन के साथ सल�न ंकरना आव�यक कर िदया ह.ै भारत सरकार क� “MAXIMUM GOVERNANCE-MINIMUM GOVERNMENT” क� नीित के तहत श�ैिणक वष � 2016-17 से सरकारी आय �माण प� के �थान पर ्िव�ाथ� �ारा साद ेकागज पर पा�रवा�रक आय क� घोषणा को मा�य रखने का िनणय� िलया गया था, िजसे अब वापस ले िलया गया ह.ै

    िव�ाथ� �यान द � िक मागे गए िविवध द�तावेज़� के साथ अब ंसरकारी अिधकारी �ारा जारी आय �माण प� क� फोटो कॉपी को आवेदन प� के साथ सल�न कर िश�ण स�थान म � जमा करना होगा िजसम � िव�ाथ� ं ंअ�ययनरत ह.ै ऑनलाईन आवेदन म � मागे गए द�तावेज़ को SCAN कर ंUPLOAD न कर� �य�िक अब यह आव�यक नह� ह.�

    अ�पस�यक छा�वि� म� ऑनलाईन आवेदन का ृंिश�ण स�थान �हेरीिफकेशन ं

    अ�पस�यक छा�वि� योजनाओ म � िव�ािथ�य� �ारा िकये गए ृं ंऑनलाईन आवेदन उनके िश�ण स�थान के खाते म � �हरेीिफकेशन हते ं ु�वचािलत तरीके से �ा�सफर होते ह.� यह िश�ण स�थान का उ�रदािय�व ह ैंिक उ�ह � ऑनलाईन �ा� ह�ए सभी आवेदन� का ऑनलाईन �हरेीिफकेशन (आवेदन म � रह गई �िटय� को सधारकर) उनके िलए िनधा��रत समय अविध ु ुम � कर�. नेशनल पोट�ल पर यह सिवधा उपल�ध ह ै िक STUDENT ुLOGIN �ारा आवेदन का STATUS िव�ाथ� �ारा जाचा या दखेा जा ंसकता ह.ै आवेदन के कछ माह या एक वष � प�ात भी अनेक� िव�ािथ�य� को ु ्यह �रपोट� िमलती ह ैिक उनका आवेदन उनके िश�ण स�थान के �तर पर ं�हरेीिफकेशन क� �िकया म � ह,ै िजसका अथ� ह ैिक िव�ाथ� के आवेदन पर �हरेीिफकेशन क� �ि�या पण � कर िश�ण स�थान �ारा रा�य सरकार के ू ंसबिधत िवभाग को आवेदन अ�ेिषत करना अब भी शषे ह.ै िश�ण ं ंस�थान� के इस िबनउ�रदायी रवैये के कारण हजार� िव�ाथ� छा�वि� पाने ृंसे विचत रह जाते ह.� ं

    िव�ािथ�य� एव उनके अिभभावक� को सलाह दी जाती ह ैिक ंसबिधत िश�ण स�थान से पि� कर ल� िक उनका आवेदन प� �हरेीिफकेशन ं ं ं ुकर अ�ेिषत कर िदया गया ह.ै िश�ण स�थान �ारा यिद असहकार दशा�या ंजा रहा हो तो रा�य के नोडल ऑिफसर से सपक� करना िहतावत होगा.ं

    नवीन आवेदन हेत समयाविध बढ़ीु अ�पस�यक छा�वि� योजनाओ म � नवीन (Fresh) व ृं ंनवीनीकरण (Renewal) दोन� तरह के आवेदन क� 31 अग�त को समा� होने वाली अविध 1 माह बढाई गई ह.ै अ�पस�यक म�ालय, भारत ं ंसरकार, नई िद�ली से �ा� सचना अनसार अ�पस�यक छा�वि� ृू ु ंयोजनाओ म � ऑनलाईन आवेदन क� अितम ितिथ अब 30 िसतबर, 2017 ं ं ंक� गई ह.ै

    मह�वपण� सचनाू ू िजन िव�ािथ�य� ने अ�पस�यक छा�वि� योजनाओ म � ऑन ृं ंलाईन आवेदन क� �ि�या जन से लेकर अग�त माह के म�य पण � कर ली ह,ै ू ूउ�ह � अ�पस�यक म�ालय के आदशे िदनाक 22 अग�त, 2017 के िनदश� ं ं ंअनसार ऑनलाइन आवेदन क� �ित के साथ मागे गए सभी द�तवेज़� के ु ंसाथ अिधकत सरकारी अिधकारी �ारा जारी आय �माणप� क� फोटो ृकॉपी भी सल�न करना आव�यक होगा. ं

    िजन िव�ािथ�य� ने उनके िश�ण स�थान म � ऑनलाईन आवेदन क� �ित ंद�तवेज़� के साथ जमा करा दी ह,ै उ�ह � सलाह दी जाती ह ैिक वे शी�ित शी� आय �माण प� क� फोटो कॉपी भी उनके िश�ण स�थान म � जमा कराए.ं ं

    ‘नई उड़ान’ म� अब ऑनलाईन आवेदन िकए जाएगेँ

    अ�पस�यक ��यािशय� िज�होने Union Public Service ंCommission, Staff Selection Commission तथा State Public Service Commission क� �ाथिमक (Prelims) परी�ा उ�ीण � क� ह,ै नई उड़ान योजना के तहत एक म�त आिथ�क सहायता �दान करने का ु�ावधान ह.ै योजना का उ��ेय उपरो� आयोग� �ारा ली जाने वाली Prelims परी�ा म � उ�ीण � ��यािशय� को सरकारी िनयि�य� म � �पधा� हते ु ुसस�ज करना ह.ै ु

    वष � 2017-18 हते “नई उड़ान” योजना के तहत वे ��याशी ुिज�होने Prelims परी�ा उ�ीण � कर ली ह,ै आिथ�क सहायता हते ‘Nai ुUdaan’ के Portal पर ऑनलाईन आवेदन कर सकते ह.� आवेदन करने सबधी अिधक जानकारी हते अ�पस�यक म�ालय, नई िद�ली के �ी डी. ं ं ु ं ंएन. महतो फोन 011-24302549 से सपक� कर�. वे ��याशी िजनक� ंपा�रवा�रक वािषक� �॰ 4.5 लाख से कम ह,� आवेदन हते पा� ह�गे. योजना ुक� स�पण � जानकारी हते ‘naiudaan-mom.gov.in’ को log in कर�.ू ु

    ऑनलाईन आवेदन �ि�याओ पर ं�िश�ण िशिवर का आयोजन

    अ�पस�यक छा�वि� योजनाओ से जैन समदाय मह�म �प से ृं ं ुलाभाि�वत हो, इस उ��ेय से बीजेएस ने सचािलत ‘रा���तरीय ंअ�पस�यक लाभ जनजागित अिभयान’ के अतग�त अब �यावहा�रक ृं ंसेवाओ के �े� म े�वेश िकया ह.ै िव�ािथ�य� को िमलने वाली छा�वि�य� ृंम � ऑनलाईन आवेदन ��येक नगर शहर म � अब समाजजन �ारा िकए जाए ँव �थानीय �तर पर िव�ािथ�य� को त�काल माग�दशन� िमले, इस उ��ेय से एक िवशषे �िश�ण िशिवर म � वाघोली – पण े ि�थत बीजेएस श�ैिणक ुपनव�सन क� � म � िव�ािथ�य� को सेवाए ँदनेे के ई�छक महारा�� के 18 िजल� ु ुके 47 समाजजन को 15 अग�त,2017 को ‘ऑनलाईन ए�लीकेशन �ोसेिसग’ पर एक िदवसीय �िश�ण क��यटर लैबोरेटरी म � म�य �िश�क ं ू ु�ी िनरजन जवा जैन, अहमदाबाद ने �दान िकया व रा��ीय अ�य� �ी ं ं ु�फ�ल पारख ने �िश�णािथ�य� को काय��णाली सबधी आव�यक ु ं ंमाग�दशन� एव �ो�साहन �दान िकया. इन �िश�ण �ा� महानभाव� ने उनके ं ुनगर/ शहर म � योजनाब� तरीके से िव�ािथ�य� के ऑनलाईन आवेदन करने का काय� �ार�भ िकया ह.ै

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  • Level IV, Muttha Towers, Loop Road, Near Don Bosco Church, Yerawada, Pune 411006Tel. : 020 4120 0600, 4128 0011, 4128 0012 Website: www.bjsindia.org Email : [email protected] Facebook : www.facebook.com / BJSIndiacommunity Tweeter : BJS_India

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    म�क तथा �काशक – �फ�ल पारख �ारा भारतीय जैन सघं टना के िलये �भात ि�िंटंग व�स�, 427, गलटेकड़ी, पणे – 411037 से मि�त तथाु ु ु ु ुम�था टावर, लप रोड, िनयर डॉन वा�को चच�, येरवडा, पणे – 411006 से �कािशत. स�पादक – �फ�ल पारख, फ़ोन – (020) 41200600ु ू ु ु

    िसत�बर 2017 I प� - 8 ृ8

    RNI No.-MAHBIL/2016/66409Postal Registration No.-PCE / 089 / 2016-2018License to Post without prepayment No.-WPP-255/31.12.2018Published on 7th of Every MonthPosted at Market Yard PSO, Pune On-10th of Every Month

    To,

    इ�छक ��याशी उ� प�रचय स�मेलन� म� सहभािगता हेत ऑनलाईन रिज��ेशन : bjsmm.bjsapps.com पर शी� कर�ु ु

    बीजेएस के आगामी प�रचय स�मेलन भारतीय जैन सघटना, पणे शहर (महारा��)ं ु

    िदनाक ं

    �थान : महावीर �ित�ान, सिलसबरी पाक� , पण े ु

    सपक�ं

    पजीयन क� अितम िदनाक:ं ं ं

    15 िसत�बर 2017

    �ीपाल लालवानी:98239 77472प�वीराज धोका:ृ

    99224 36401

    रिववार, 24 िसत�बर,

    2017

    भारतीय जैन सघटना, बगलौर (कना�टक)ं ं जैन मे�ीमोिनयल गेट-ट-गैदर (उ�च िशि�त, �ोफेशन�स) ू

    �थान : कपर भवन, गाँधी नगर, बगलौर ू ंपजीयन क� अितम िदनाक:ं ं ं

    14 िसत�बर 2017

    सरेश धोका:ु93410 66908जैन सरेश महेता:ु

    98455 01150

    रिववार, 24 िसत�बर,

    2017

    भारतीय जैन सघटना, नागपर (महारा��)ं ु सकल जैन समाज उ�च िशि�त यवक-यवतीु ु

    �थान : नेवै�म इ�टो�रया, िचखली कळमना रोड, सय� नगर, नागपर ू ुपजीयन क� अितम िदनाक:ं ं ं

    25 िसत�बर 2017

    �काश मारवडकर:93732 18586

    नरेश जैन:93731 00022

    रिववार, 1 अ�टबर,ू

    2017

    भारतीय जैन सघटना, तिमलनाड एव �ी तिमलनाड जैन महामडल, चै�नई ं ु ं ु ं

    जैन िवधवा, िवधर, तलाकशदा एव 30+ अिववािहत उ�मीदवारु ु ं�थान : �ी शातीनाथ जैन भवन, प�ॉलम, च�ैनई ं

    पजीयन क� अितम िदनाक:ं ं ं

    20 िसत�बर 2017

    राजे�� दगड: ु94440 40679लिलत बोकिडया:90953 66188 महावीर बोहरा:

    94432 91217

    रिववार, 1 अ�टबर,ू

    2017

    भारतीय जैन सघटना, इदौर (म�य�देश) ं ं

    �थान : द�तर गाड�न, फटी कोठी �रग रोड, इदौर ू ू ं ंपजीयन क� अितम िदनाक:ं ं ं

    20 िसत�बर 2017

    राजे�� दगड: ु94440 40679लिलत बोकिडया:90953 66188 महावीर बोहरा:

    94432 91217

    सोमवार, 2 अ�टबर,ू

    2017

    भारतीय जैन सघटना, उदयपर (राज�थान)ं ु �र�त� क� नई पहल - चयन - 2017

    रा��ीय सकल जैन उ�च िशि�त यवक-यवती प�रचय स�मेलन ु ुओपेरा गाड�न & बे�केवेट हाल, होटल एबेए�स के पास, �ताप नगर-भवाना बायपास, उदयपर. ु ु

    पजीयन क� अितम िदनाक:ं ं ं

    30 िसत�बर 2017

    रिववार, 22 अ�टबर,ू

    2017

    राजकमार फ�ावत:ु94141 61279 अिभषके सचतेी:ं94141 12980

    जैन िवधवा, िवधर, तलाकशदा एव 30+ अिववािहत उ�मीदवारु ु ं

    जैन िवधवा, िवधर, तलाकशदा एव 30+ अिववािहत उ�मीदवारु ु ं

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