Hindi / English >> म य रिहत प तक >> िहदी ाकरण अयाय 4 पद-िवचार साथ क वण -सम ह शद कहलाता ह , पर जब इसका योग वाय म होता ह तो वह वत नह रहता बिक ाकरण क िनयम म ब ध जाता ह और ायः इसका प भी बदल जाता ह । जब कोई शद वाय म य होता ह तो उस शद न कहकर पद कहा जाता ह । िहदी म पद पा च कार क होत ह - 1. स ा 2. सव नाम 3. िवश षण 4. या 5. अय 1. स ा कसी ि, थान, वत आद तथा नाम क ग ण, धम , वभाव का बोध करान वाल शद स ा कहलात ह । ज स -याम, आम, िमठास, हाथी आद। स ा क कार- स ा क तीन भ द ह - 1. िवाचक स ा। 2. जाितवाचक स ा। 3. भाववाचक स ा। 1. िवाचक स ा िजस स ा शद स कसी िवश ष, ि, ाणी, वत अथवा थान का बोध हो उस िवाचक स ा कहत ह । ज स - जयकाश नारायण, ीक ण, रामायण, ताजमहल, क त बमीनार, लालकला िहमालय आद। 2. जाितवाचक स ा िजस स ा शद स उसक स प ण जाित का बोध हो उस जाितवाचक स ा कहत ह । ज स -मन य, नदी, नगर, पव त, पश , पी, लड़का, क ा, गाय, घोड़ा, भ स, बकरी, नारी, गा व आद। 3. भाववाचक स ा िजस स ा शद स पदाथ क अवथा, ग ण-दोष, धम आद का बोध हो उस भाववाचक स ा कहत ह । ज स -ब ढ़ापा, िमठास, बचपन, मोटापा, चढ़ाई, थकावट आद। िवश ष व- क छ िवान अ जी ाकरण क भाव क कारण स ा शद क दो भ द और बतलात ह - 1. सम दायवाचक स ा। 2. वाचक स ा। 1. सम दायवाचक स ा िजन स ा शद स िय, वत आद क सम ह का बोध हो उह सम दायवाचक स ा कहत ह । ज स -सभा, का, स ना, भीड़, प तकालय दल आद। 2. वाचक स ा िजन स ा-शद स कसी धात , आद पदाथ का बोध हो उह वाचक स ा कहत ह । ज स -घी, त ल, सोना, चा दी,पीतल, चावल, ग , कोयला, लोहा आद। इस कार स ा क पा च भ द हो गए, कत अन क िवान सम दायवाचक और वाचक स ा को जाितवाचक स ा क अ तग त ही मानत ह , और यही उिचत भी तीत होता ह । भाववाचक स ा बनाना- भाववाचक स ाए चार कार क शद स बनती ह । ज स -